संजय दत्त से लेकर सोनाली बेंद्रे तक के लिए, ये ग्रह-नक्षत्र बने थे कैंसर की वजह

आपके जीवन की हर एक घटना कहीं न कहीं आपकी कुंडली में मौजूद ग्रह-नक्षत्रों पर निर्भर करती है। आपका स्‍वास्‍थ्‍य भी इन ग्रहों की चाल से प्रभावित होता है।

आज इस ब्‍लॉग के ज़रिए हम बात करेंगे कि कुंडली में किन ग्रह-नक्षत्रों या योग की वजह से किसी व्‍यक्‍ति को कैंसर की बीमारी हो सकती है। इसके साथ ही कुछ सिलेब्रिटीज़ की कुंडली की सहायता से संक्षेप में जानेंगे कि उन्हें अपनी जन्‍मपत्रिका में किन ग्रहों की वजह से कैंसर की बीमारी का सामना करना पड़ा था और वे कौन-से योग हैं जो कैंसर की बीमारी का कारण बनते हैं।

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कैसे होता है कैंसर

जब कुंडली में कई पीड़ित ग्रहों का किसी एक ही भाव पर प्रभाव हो, तो इस स्थिति में उस भाव से संबंधित शारीरिक अंगों में कैंसर होने का खतरा रहता है। कैंसर का पता लगाने के लिए दशा की जानकारी प्राप्‍त करना भी आवश्‍यक होता है।

अगर शुभ दशा चल रही हो या योगकारक ग्रह हों, तो बीमारी का बहुत जल्‍दी पता चल जाता है। आमतौर पर राहु को इस बीमारी के लिए सबसे ज्‍यादा जिम्‍मेदार माना जाता है लेकिन शनि और मंगल भी कैंसर की बीमारी कर सकते हैं।

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ग्रहों के किस योग से होता है कैंसर

  • कैंसर के मामले में राहु को विष माना गया है। अगर राहु किसी भाव से संबंधित हो या उसका स्‍वामी हो और इसका संबंध लग्‍न या लग्‍न भाव या बीमारी के भाव से हो तो शरीर में विष की मात्रा बढ़ सकती है।
  • यदि छठे भाव का स्‍वामी लग्‍न, आठवें भाव या दसवें भाव में हो और राहु की इस पर दृष्टि हो, तो इस स्थिति में कैंसर होने का खतरा रहता है।
  • बारहवें भाव में शनि और राहु, शनि और केतु या शनि और मंगल की युति हो तो इससे भी कैंसर हो सकता है। 
  • अगर राहु की त्रिक भावों या इनके स्‍वामी पर दृष्टि पड़ रही हो, तो इस स्थिति में जातक के अंदर कैंसर के लक्षण विकसित हो सकते हैं। वहीं अगर छठा भाव या इस भाव का स्‍वामी पीड़ित हो या अशुभ ग्रह के नक्षत्र में आ रहा हो, तो भी कैंसर होने का खतरा अधिक रहता है।
  • बुध ग्रह त्‍वचा को दर्शाता है इसलिए बुध के अशुभ ग्रहों के साथ पीड़ित होने पर और राहु की इस पर दृष्टि होने पर त्‍वचा कैंसर हो सकता है।
  • यदि बुध ग्रह पीड़ित ग्रहों के नक्षत्रों में है तो भी कैंसर होने की आशंका बनी रहती है। वहीं अगर राहु और शनि छठे भाव में हों, तो जातक को कोई लाइलाज बीमारी होने का खतरा रहता है।

आगे कुछ सिलेब्रिटीज़ की जन्‍मकुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर बताया गया है कि उन्‍हें कैंसर क्‍यों हुआ था या उनकी कुंडली में ग्रहों की किस स्थिति के कारण वे कैंसर जैसी घातक बीमारी का शिकार हुए थे।

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सोनाली बेंद्रे की कुंडली

04 जुलाई, 2018 को सोनाली बेंद्रे को कैंसर होने की खबर 12 बजकर 19 मिनट पर आई थी। उस समय राहु, बुध और शुक्र सर्प द्रेष्‍काण में थे और राहु सर्प द्रेष्‍काण में होकर विषैला हो रखा था। राहु मार्गी और विषयुक्‍त था और मंगल 27 जून 2018 को वक्री हुआ था। जिस समय सोनाली को कैंसर हुआ था उस समय राहु कर्क राशि में गोचर कर रहा था।

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संजय दत्त को क्‍यों हुआ कैंसर

साल 2020 में संजय दत्त को लंग कैंसर हुआ था और जब तक इसका पता चला उनका कैंसर चौथे स्‍टेज तक पहुंच गया था। इसके कुछ महीनों बाद ही संजय ने बताया कि अब वो कैंसर से मुक्‍त हैं। साल 2017 में राहु के कर्क राशि में आने पर संजय की सेहत में गिरावट आने का खतरा शुरू हो गया था।

संजय दत्त की कुंडली वृषभ लग्‍न की है और वृषभ लग्‍न पर मंगल का स्‍वामित्‍व है और इनका लग्‍न स्‍वामी मंगल है। इनकी सिंह राशि में मंगल और शुक्र की युति हो गई। इनकी कुंडली में केतु की दृष्टि सीधे लग्‍न भाव पर पड़ रही है जो कि अचानक से कैंसर का पता चलने की ओर संकेत करता है।

केतु की दशा 2021 जनवरी तक चली थी और इनके लग्‍नेश यानी मंगल के ऊपर किसी भी क्रूर ग्रह की दृष्टि नहीं है जिससे संजय दत्त इतनी बड़ी बीमारी से भी बहुत जल्‍दी ठीक हो पाए। इनका लग्‍नेश मज़बूत है। शनि दूसरे भाव से अष्‍टम भाव को देख रहा है। यह एक अच्‍छा संकेत है और यह बताता है कि संजय की आयु लंबी है। संजय को कैंसर हुआ केतु की स्थिति की वजह से।

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किस भाव की वजह से किस अंग में होता है कैंसर

जानिए कि कुंडली के किस भाव या ग्रह से किस अंग का कैंसर हो सकता है:

  • तीसरे भाव और इसके स्‍वामी को गले में कैंसर होने का कारक माना जाता है। वहीं चौथे भाव, सूर्य और शनि के पीड़ित होने पर फेफड़ों का कैंसर हो सकता है।
  • लग्‍न भाव के स्‍वामी के अशुभ ग्रहों के साथ होने पर जातक को अधिक धूम्रपान करने की लत होती है जिससे फेफड़ों में कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • गुर्दा से संबंधित बीमारियों का कारक बुध होता है। बुध राहु के साथ वृश्चिक राशि में पीड़ित हो और मंगल-बुध लग्‍न भाव के स्‍वामी के रूप में मेष या वृश्चिक राशि में विराजमान हों, तो कोलोन और रेक्‍टम से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं।
  • बृहस्‍पति और पांचवे भाव के स्‍वामी के कारण पेट का कैंसर होता है। वहीं बारहवें भाव या लग्‍न भाव में बुध के पीड़ित होने पर त्‍वचा का कैंसर हो सकता है।

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FAQ

प्रश्‍न. कैंसर के लिए कौन सा ग्रह जिम्‍मेदार है?

उत्तर. जब कुंडली में एक भाव पर ही ज्‍यादातर पाप ग्रहों का प्रभाव हो।

प्रश्‍न. कैसे पता करें राहु खराब है?

उत्तर. नींद न आए, डरावने सपने आएं और सोते समय डर लगे।

प्रश्‍न. राहु को खुश करने के लिए क्‍या करना चाहिए?

उत्तर. राहु को प्रसन्‍न करने के लिए रोज़ भगवान शिव की पूजा करें।

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