शनि का पूर्वाभाद्रपद में गोचर से होगी हलचल, इन राशियों लग सकती है लौटरी!

शनि का पूर्वाभाद्रपद में गोचर: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शनि का पूर्वाभाद्रपद में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे। बता दें कि कर्मफल दाता शनि 06 अप्रैल 2024 की शाम 03 बजकर 55 मिनट पर पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करने जा रहे हैं। शनि का नक्षत्र में गोचर आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव डालेगा। तो आइए जानते हैं शनि का गोचर किस राशि के जातकों के लिए शुभ व किस राशि के जातकों के लिए अशुभ साबित होने वाला है। साथ ही, जानेंगे इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के आसान उपायों के बारे में।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शनि सबसे शक्तिशाली लेकिन सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है, जो अब पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करने के लिए तैयार है। 2024 में इस महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना में, शनि अपने नक्षत्र परिवर्तन से हम सभी को प्रभावित करेंगे। शनि 6 अप्रैल, 2024 को पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 3 अक्टूबर, 2024 तक वहीं विराजमान रहेंगे। शनि कर्म फल दाता है, जो हमें हमारे कर्मों के आधार पर परिणाम देते हैं और इसलिए वैदिक ज्योतिष में इनका स्थान बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रभाव की बात करें तो पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में शनि देव की उपस्थिति प्रत्येक जातक को उनकी कुंडली में शनि की स्थिति के अनुसार अलग-अलग तरह से प्रभावित करेगी। इसके अलावा जातक किस महादशा में चल रहा है और उसकी राशि क्या है और किस लग्न में पैदा हुआ है, परिणाम इन चीज़ों पर भी निर्भर करेंगे।

आइए अब जानते हैं कि शनि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में शनि के प्रभाव के बारे में। साथ ही, शनि की इस स्थिति का जातकों पर क्या पड़ेगा।

यह भी पढ़ें:  राशिफल 2024

ज्योतिष में पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र

कुंभ और मीन राशि के बीच फैले पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी देव गुरु बृहस्पति हैं।  इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति दोहरे स्वभाव के हो सकते हैं या वैज्ञानिक अनुसंधान और जादू-टोना में रुचि रखने वाले हो सकते हैं। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र राशि चक्र का 25 वां नक्षत्र है। इसका विस्तार कुंभ राशि में 20:00 डिग्री से लेकर मीन राशि में 3:20 डिग्री तक होता है। यह अंतिम संस्कार की खाट के अगले पैरों का भी प्रतीक है जो मृत्यु के साथ-साथ गूढ़ प्रथाओं के साथ उनके घनिष्ठ संबंध को दर्शाता है।

शनि की उपस्थिति में पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के तहत जन्मे जातकों के लक्षण

इस नक्षत्र वाले लोग अपने विचारों में गुप्त होते हैं और हर कार्यों को रहस्यमय तरीके से करते हैं। कोई भी कभी नहीं जान सकता कि वे वास्तव में कौन हैं क्योंकि वे जो प्रस्तुत करते हैं और जो वे हैं वह पूरी तरह से भिन्न हो सकते हैं। यह नक्षत्र अग्नि तत्व से संबंधित है इसलिए इसे शुद्धि नक्षत्र के रूप में भी जाना जाता है। जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं जो व्यक्तियों को समाज के कल्याण के प्रति बेहतर दृष्टिकोण प्रदान करता है। ऐसे लोग अपने स्वभाव और बातचीत करने के तरीके से लोगों को प्रभावित करने में सक्षम होते हैं। ये जातक अपने सिद्धांतों में प्रतिबद्ध होते हैं। ये रचनात्मकता के साथ-साथ आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ भी गहरा झुकाव रखते हैं। हालांकि, कभी-कभी ये बहुत जल्दी घबरा जाते हैं और एकदम से अति-उत्साहित हो सकते हैं।

  • पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्म लेने वालों में दोहरा स्वभाव हो सकता है। वे हर कार्यों को रहस्यम तरीके से करते हैं। 
  • ये जातक अपनी जन्म कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति और अपनी शिक्षा के स्तर के आधार पर वैज्ञानिक रिसर्च के क्षेत्र में काम कर सकते हैं। इसके अलावा, ये फार्मासिस्ट के क्षेत्र में भी रुचि ले सकते हैं।
  • ये अपने दोहरे स्वभाव के कारण अविश्वसनीय हो सकते हैं।
  • ये अंधविश्वासी तो नहीं होते हैं लेकिन कई बार अपने निजी उद्देश्यों के लिए तंत्र-मंत्र का अभ्यास कर सकते हैं।
  • ये अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जुनूनी होते हैं।
  • ये जातक अति क्रोधी स्वभाव के हो सकते हैं। हालांकि, अगर सब कुछ उनकी ज़रूरतों और इच्छाओं के अनुसार होता है, तो वे शांत रहते हैं।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में शनि: सामान्य व्याख्या

  • शनि बृहस्पति के नक्षत्र में है, लेकिन फिर भी इसे शक्तिशाली माना जाता है क्योंकि शनि कुंभ राशि में है, जो इनकी मूल त्रिकोण राशि है।
  • पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र वित्त, धन, संपत्ति, स्थिरता, अनुकूलनशीलता और सिंफनी का नक्षत्र माना गया है क्योंकि यह संगीत और थिएटर कला को बढ़ावा देता है।
  • इस शनि स्थिति वाले जातकों को धन और वित्तीय सुरक्षा की कमी हो सकती है लेकिन वह धीरे-धीरे स्थिरता हासिल कर लेते हैं।
  • वित्त और संपत्ति आम तौर पर 32 वर्ष की आयु के बाद उनके पास आती है।
  • जब शनि कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में हो, तो शक्ति, पद और अधिकार प्राप्त करना अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।
  • हालांकि इन परिणामों में समय और बहुत कठिन प्रयास और दृढ़ता की आवश्यकता पड़ती है।
  • इन सभी विशेषताओं के अलावा, ऐसे व्यक्ति जरूरतमंदों या गरीबों की सेवा करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
  • रिश्तों के संदर्भ में, यदि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में शनि किसी भी तरह से 2रे, 5वें, 7वें, या 11वें घर से जुड़ा हो, तो व्यक्ति को थोड़े रोमांस के साथ देरी, निराशा और बाधाओं का सामना करना पड़ेगा।
  • रिश्तों की बात करें तो यदि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में शनि किसी भी तरह से दूसरे, पांचवें, सातवें या ग्यारहवें भाव से जुड़े होते हैं तो व्यक्ति को प्रेम जीवन में प्यार की कमी महसूस हो सकती है और इसके अलावा, रिश्तों में भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिससे वे निराश व चिंतित हो सकते हैं।
  • ये जातक लंबे समय तक अपने पार्टनर के साथ अपने रिश्ते को निभाने में सक्षम होते हैं। हालांकि इनके रिश्ते में रोमांस और उत्साह कुछ समय में कम हो सकता है।

शनि का पूर्वाभाद्रपद में गोचर: राशि अनुसार भविष्यवाणी

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए शनि का पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर ग्यारहवें भाव और अपनी मूल त्रिकोण राशि में होगा। इसके परिणामस्वरूप आपको अनुकूल परिणामों की प्राप्ति होगी। जैसे ही शनि 6 अप्रैल, 2024 को इस नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, आप अपने लक्ष्यों और महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम होंगे। यदि नौकरीपेशा हैं तो आपको इस गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा। आशंका है कि आपको पदोन्नति की प्राप्ति हो और करियर में कई अच्छे अवसर आपको मिले।

वहीं जिन जातकों का खुद का व्यापार है वे इस दौरान नए कनेक्शन बना सकते हैं और इस वजह से अपनी कंपनी को तेजी से आगे ले जाने में सक्षम हो सकते हैं। हालांकि आपको प्रेम और विवाह संबंधित मामलों में कुछ देरी का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते आपको निराशा भी हो सकती है क्योंकि शनि ग्यारहवें भाव में मौजूद है और ये आपके पांचवें भाव में दृष्टि डाल रहे हैं।

उपाय: पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि एक सकारात्मक ग्रह है और शनि का पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर दसवें भाव में हो रहा है। अब चूंकि शनि अभी भी दसवें भाव में है और इस भाव का प्राकृतिक कारक भी है इसलिए इस अवधि के दौरान आपका करियर आसमान छूएगा। नौकरी में  आपको अपने मन पसंद जगह स्थानांतरण मिल सकता है या आपके वेतन में वृद्धि हो सकती है। इस दौरान आपके पास कई बेहतरीन मौके होंगे। यदि आप फ्रेशर हैं, तो यह अवधि आपके लिए अपना करियर शुरू करने के कई मौके ला सकता है। कुल मिलाकर इस गोचर के दौरान आपको बहुत अधिक खुशी व संतुष्टि प्राप्त होगी।

उपाय: प्रत्येक शनिवार को काले तिल का दान करें

मिथुन राशि

शनि का पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर आपके भाग्य, धर्म और पिता के नौवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप, यदि आप विदेश में पढ़ाई करने का विचार बना रहे हैं तो यह समय आपके लिए बेहद शानदार साबित होगा क्योंकि शनि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में है। आप बिजनेस या काम के सिलसिले में यात्रा की योजना बना सकते हैं। भारत में उच्च शिक्षा के अध्ययन का विकास होने के योग बनेंगे। इस अवधि के दौरान आपके रिश्तों में कुछ अच्छे बदलाव देखने को मिलेंगे। जो लोग रहस्यमयी विद्याओं और आध्यात्मिक गतिविधियों में रुचि रखते हैं उनके लिए यह समय बेहद अनुकूल है, उन्हें इन क्षेत्रों में तरक्की प्राप्त हो सकती है।

उपाय: हर मंगलवार और शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें

कर्क राशि

शनि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करेंगे और इससे आपको शनि ढैय्या का अनुभव होगा। ऐसे में, आपको जीवन के हर क्षेत्र पर अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत होगी। आशंका है कि आपका वैवाहिक और पारिवारिक जीवन कुछ समस्याओं के कारण अस्त-व्यस्त हो सकता है। अचानक से लाभ और हानि होने के भी योग बन सकते हैं क्योंकि शनि आपके आठवें भाव में प्रवेश करेंगे।

उपाय: हर शनिवार के दिन शनि चालीसा का पाठ करें।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए शनि देव सातवें भाव में गोचर करेंगे। इसके परिणामस्वरूप आपको व्यवसाय करने के नए अवसर मिलेंगे। परिवार या जीवनसाथी के साथ तीर्थ यात्रा पर जाने के योग बन रहे हैं। यदि आप कोई संपत्ति या लग्ज़री आइटम ख़रीदने की योजना बना रहे हैं तो यह समय अनुकूल है। जो लोग सिंगल हैं, उन्हें इस दौरान अपना हमसफ़र मिल सकता है क्योंकि पारिवारिक जीवन में प्रवेश करने के योग बन रहे हैं।

उपाय: हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।

क्या वर्ष 2024 में आपके जीवन में होगी प्रेम की दस्तक? प्रेम राशिफल 2024 बताएगा जवाब

कन्या राशि

शनि देव बृहस्पति शासित पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के तहत आपके छठे भाव में गोचर करेंगे। यह अवधि न्यायपालिका से जुड़े लोगों के लिए अनुकूल साबित होगी। वकील या न्यायाधीश जैसे पदों पर काम करने वाले लोगों को प्रगति देखने को मिलेगी। निवेश करने के लिहाज से भी यह समय अच्छा रहेगा, मगर यह जातकों की कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करेगा। यदि आप पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो इस दौरान अपने स्वास्थ्य को नज़रंदाज़ न करें। डॉक्टर से उचित परामर्श लेते हुए सही उपचार कराएं।

उपाय: प्रत्येक शनिवार को काली उड़द की दाल का दान करें।

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए शनि पांचवें भाव में गोचर करेंगे। यह समय छात्रों के लिए अच्छा रहेगा लेकिन जब वे कठिन मेहनत करेंगे तब। आपको शिक्षा के क्षेत्र में शानदार अवसर प्राप्त होंगे। क्रिएटिव क्षेत्रों जैसे कि आर्किटेक्चर, डिज़ाइनिंग आदि में नौकरी या बिज़नेस करने वाले लोगों को सफलता मिलेगी। हालांकि पांचवें भाव में शनि की मौजूदगी आपके वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। आप दोनों के बीच ग़लतफ़हमियां और बेहस हो सकती है, जिससे आपका रिश्ता खराब हो सकता है इसलिए अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

उपाय: जब भी संभव हो मछली और चींटियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शनि चौथे भाव में गोचर करेंगे। इसके परिणामस्वरूप आपको वित्तीय संतुष्टि का अनुभव होगा। इस दौरान आप कार या घर खरीदने की योजना बना सकते हैं। हालांकि वृश्चिक राशि के जातकों को इस अवधि शारीरिक थकावट और मानसिक पीड़ा का अनुभव भी हो सकता है। जो लोग खुद का व्यवसाय कर रहे हैं या नौकरीपेशा हैं, उन्हें अपने काम में अच्छे परिणाम मिलते नज़र आएंगे। हालांकि शनि के कारण थोड़ी परेशानियां भी उत्पन्न हो सकती है, जिससे घर का माहौल खराब हो सकता है और आपके रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं।

उपाय: प्रत्येक शनिवार को रुद्राभिषेक करें।

वर्ष 2024 में कैसा रहेगा आपका स्वास्थ्य? स्वास्थ्य राशिफल 2024 से जानें जवाब

धनु राशि

बृहस्पति शासित नक्षत्र के तहत आपके तीसरे भाव में शनि का गोचर अनुकूल रहने वाला है। इस दौरान आपकी एकाग्रता और दृढ़ता बढ़ेगी। आपकी इच्छाशक्ति प्रबल होगी। आप कठिन प्रयास करते दिखाई देंगे। ऐसे में ज़ाहिर है कि कठिन प्रयासों के बाद आप नौकरी और व्यवसाय में सफलता हासिल करने में सक्षम होंगे। भाई-बहनों के साथ आपके संबंध मजबूत होंगे। इसके अलावा काम के सिलसिले में की गई यात्राएं फलदायी सिद्ध होंगी। इस अवधि संभावना है कि आप परिवार के साथ तीर्थ यात्रा पर जा सकते हैं और उनके साथ समय व्यतीत कर सकते हैं।

उपाय: प्रत्येक शनिवार को बजरंग बाण का पाठ करें।

मकर राशि

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करते ही शनि मकर राशि के जातकों के लिए दूसरे भाव में गोचर करेंगे। इसके परिणामस्वरूप आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा और आप धन की बचत करने में भी सक्षम होंगे। कमाई के नए स्रोत मिलने की संभावना अधिक है। इसके अलावा, पैतृक संपत्ति से भी धन आने की संभावना है। हालांकि आपको सलाह दी जाती है कि अपनी वाणी के प्रति सावधान रहें क्योंकि आपके द्वारा बोले गए कठोर शब्द घर के बड़े-बुज़ुर्गों को भावनात्मक रूप से आहत कर सकते हैं। जो लोग गुप्त अध्ययन या रहस्य विज्ञान में रुचि रखते हैं, उनके लिए यह समय अनुकूल रहेगा। कुल मिलाकर, यह अवधि आर्थिक जीवन के लिए शानदार रहेगा और आपका झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की ओर अधिक रहेगा। हालांकि, आपका वैवाहिक जीवन थोड़ा बाधित हो सकता है इसलिए सावधानी बरतें।

उपाय: शनि बीज मंत्र का जाप करें।

कुंभ राशि

कुंभ राशि के लिए शनि 6 अप्रैल, 2024 को पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करते हुए आपके पहले भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान आपके ख़र्चों में वृद्धि हो सकती है क्योंकि आशंका है कि आप स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त होंगे अर्थात यह गोचर आपके स्वास्थ्य के लिए ज़्यादा अनुकूल नहीं है। इस अवधि के दौरान मानसिक तनाव भी हो सकता है। हालांकि, जो जातक ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं और जो प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं, उन्हें नए मौके मिल सकते हैं। चुनौतियों के बावजूद पेशेवर रूप से आप उत्कृष्टता हासिल करने और आगे आने वाले शानदार समय का आनंद लेने के लिए तैयार रहेंगे।

उपाय: श्री गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ करें।

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए, शनि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करते हुए कुंभ राशि में बारहवें भाव में गोचर करेंगे। इसके परिणामस्वरूप यह अवधि छात्रों को चुनौतीपूर्ण लग सकती है। आशंका है कि किसी कारणवश आपकी एकाग्रता भंग होगी, जिससे आपके प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इस गोचर काल में हो सकता है कि आप जिस उद्देश्य के लिए यात्रा पर जाएं, वह सफल न हो। आपके ख़र्चे भी बढ़ सकते हैं। हालांकि जो जातक ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं, उन्हें फायदा होगा, लेकिन सलाह दी जाती है कि इस दौरान कोई भी नया काम शुरू करते समय सावधानी बरतें क्योंकि नुकसान होने की आशंका है। यह अवधि व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों तरह से जीवन के विभिन्न पहलुओं में मानसिक तनाव और असुरक्षा की भावना ला सकती है।

उपाय: शनि स्तोत्र का पाठ करें और गरीबों और जरूरतमंदों को जूते या कपड़े दान करें।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.