हो जाएं सावधान! लगने जा रहा है चोर पंचक, इस दौरान इन कामों को करना पड़ सकता है आप पर भारी!

ज्योतिष शास्त्र में शुभ और अशुभ समय को बहुत महत्वपूर्ण जाना जाता है क्योंकि एक तरफ जहाँ शुभ समय में किया गया काम सफलता एवं समृद्धि लेकर आता है, तो वहीं अशुभ समय में संपन्न कार्य से असफलता और हानि झेलनी पड़ती है। ऐसे में, अशुभ अवधि में किसी भी तरह के शुभ कार्यों को करना निषेध होता है। इसी प्रकार, वैदिक ज्योतिष में ऐसे ही कुछ अशुभ नक्षत्रों का वर्णन किया गया है। हालांकि, हम यहाँ बात करेंगे पंचक के बारे में। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको पंचक से जुड़ी समस्त जानकारी प्रदान करेगा और इस अवधि में किन कामों को करने से बचना चाहिए आदि से भी हम आपको अवगत करवाएंगे। तो चलिए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की। 

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पंचक को एक अशुभ समय माना जाता है और इस दौरान मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है। बता दें कि पंचांग के अनुसार, 5 अप्रैल 2024 से चोर पंचक की शुरुआत हो रही है। अतः आपको कुछ कामों को इस अवधि में करने से बचना होगा। लेकिन सबसे पहले जानेंगे कि क्या होता है पंचक। 

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क्या होता है पंचक?

पंचक पांच नक्षत्रों का समूह माना गया है जिसके तहत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, पूर्वाभाद्रपद व रेवती नक्षत्र आदि आते हैं।। ज्योतिष के अनुसार, जब मन के कारक चंद्रमा कुंभ या मीन राशि में स्थित होते हैं, तो उस समय को पंचक कहा जाता है जो कि पांच दिन की अवधि होती है अर्थात यह पंचक पांच दिनों तक चलते हैं इसलिए ही इसे पंचक के नाम से जाना जाता है। आइए अब हम जानते हैं उन कार्यों के बारे में जिन्हें वर्जित माना जाता है और पंचक के कितने प्रकार होते हैं। 

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पंचक में इन कामों को करने की होती है मनाही 

पंचक के दौरान 5 कार्यों को करना वर्जित होता है जो इस प्रकार हैं: 

  1. जिस समय पंचक लगता है, उस समय चारपाई बनवाने से परहेज़ करना चाहिए क्योंकि यह अशुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, अगर आप ऐसा करते हैं, तो आप पर कोई विपत्ति या संकट आ सकता है।
  2. पंचक काल के दौरान जलने वाली वस्तुएं जैसे कि घास, लकड़ी, आदि को एकत्रित करने से बचना चाहिए, वरना आग लगने का खतरा बना रहता है।
  3. पंचकों के समय दक्षिण दिशा में यात्रा करना हानि का कारण बन सकता है क्योंकि इस दिशा को यम और पितरों की दिशा माना गया है इसलिए इन पांच नक्षत्रों के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए।
  4. पांच नक्षत्रों से बनने वाले पंचक के समय में घर की छत नहीं बनवानी चाहिए क्योंकि इससे घर-परिवार में क्लेश बढ़ सकता है और धन हानि की आशंका रहती है।
  5. पंचक के दौरान शैया का निर्माण करने से बचें।

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क्या होता है पंचक में मृत्यु होने पर?

पंचक के संबंध में शास्त्रों में कहा गया है कि किसी व्यक्ति की पंचक काल में मृत्यु होना अशुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यदि किसी की मृत्यु पंचक काल में हो जाती है, तो उसके कुल, परिवार या रिश्तेदारी आदि में मृत्यु का भय बना रहता है। ऐसे में, इनसे बचाव के लिए मृतक के शव के साथ-साथ पांच पुतले आटे या कुश से बनाने चाहिए। कहते हैं कि इस उपाय को करने से पंचक दोष का निवारण हो जाता है और जनहानि होने से भी बच सकते हैं।

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