शनि देव वक्री होकर बनाएंगे केंद्र त्रिकोण राजयोग, तीन राशियों को मिलेगी अपार सफलता

ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार एक तय समयावधि के बाद ग्रह गोचर करते हैं। इस गोचर के प्रभाव से सभी राशियों के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं और देश-दुनिया की अर्थव्‍यवस्‍था पर भी इसका असर पड़ता है। ग्रह गोचर करने के अलावा वक्री और मार्गी भी होते हैं। जिस तरह गोचर का असर पड़ता है, ठीक उसी तरह वक्री और मार्गी होने पर भी ग्रहों का प्रभाव लोगों के जीवन पर देखने को मिलता है।

अब जून के महीने में शनि देव वक्री चाल चलने वाले हैं और उनकी चाल में इस परिवर्तन के कारण कुछ खास राशियों के जीवन में सकारात्‍मक बदलाव आने के संकेत हैं। इस ब्‍लॉग में आगे बताया गया है कि शनि देव किस तिथि पर वक्री हो रहे हैं और उनके वक्री होने पर किन राशियों को अच्‍छे प्रभाव मिलने के आसार हैं।

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कब वक्री हो रहे हैं शनि

शनि 29 जून, 2024 को रात को 11 बजकर 40 मिनट पर कुंभ राशि में वक्री होने जा रहे हैं। शनि वक्री होने से पहले धीरे-धीरे अपनी गति को कम करते हैं। जिस समय से शनि की गति धीमी होनी शुरू होती है, उसे वक्री क्षेत्र कहा जाता है।

इस धीमी गति से चलते हुए जब तक शनि स्थिर अवस्‍था में नहीं आ जाते हैं या जब तक उल्‍टी चाल चलना शुरू नहीं कर देते हैं, तब तक उन्‍हें मार्गी ही कहा जाता है। हर वक्री क्षेत्र में चार बिंदु होते हैं जिसमें छाया बिंदु, वक्री बिंदु, मार्गी बिंदु और प्रक्षेपण बिंदु शामिल हैं।

इस बार वक्री होने पर शनि केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण कर रहे हैं जो कि कुछ राशियों को खास लाभ पहुंचाने वाला है।

आगे जानिए शनि ग्रह का प्रभाव जीवन के किन पहलुओं और क्षेत्रों पर पड़ता है और केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण कब होता है।

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ज्‍योतिष में शनि ग्रह का महत्‍व

वैदिक ज्‍योतिष में शनि ग्रह का बहुत महत्‍व है। हिंदू धर्म में शनि को देवता के रूप में पूजा जाता है। इन्‍हें धरती पर ऊर्जा का स्रोत माना गया है। बुध और शुक्र के बाद सूर्य पृथ्‍वी के सबसे नज़दीक के ग्रह हैं। शनि देव को न्‍याय का कारक माना जाता है जो व्‍यक्‍ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं।

तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि केंद्र त्रिकोण राजयोग क्‍या है।

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केंद्र त्रिकोण राजयोग क्‍या है

कुंडली के पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव को केंद्र और पांचवे एवं नौवें भाव को त्रिकोण कहा जाता है। केंद्र भावों को विष्‍णु जी का स्‍थान माना गया है और त्रिकोण भावों पर मां लक्ष्‍मी का आधिपत्‍य है। जब केंद्र त्रिकोण भावों के बीच कोई संबंध होता है, तब केंद्र त्रिकोण राजयोग बनता है।

जून माह में शनि ग्रह द्वारा निर्मित इस राजयोग से कुछ राशियों के जीवन में खुशियों की लहर आने वाली है। इस ब्‍लॉग में आगे उन्‍हीं राशियों के बारे में बताया गया है।

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इन राशियों को होगा लाभ

कुंभ राशि

यह राजयोग कुंभ राशि में ही बनने जा रहा है इसलिए इसका सबसे ज्‍यादा लाभ आपको ही मिलेगा। यहां से आपके अच्‍छे दिन शुरू हो जाएंगे। आपका आत्‍मविश्‍वास बहुत बढ़ जाएगा और आपको अपने जीवन के हर क्षेत्र में प्रगति एवं सफलता प्राप्‍त होगी। आपकी आय में वृद्धि होने के संकेत हैं। आपकी आमदनी के स्रोत भी बढ़ सकते हैं।

इस दौरान आपको अपनी मेहनत का पूरा फल प्राप्‍त होगा लेकिन आपके कार्यों को पूर्ण करने और सफलता दिलाने में आपकी किस्‍मत भी आपका पूरा साथ देगी। नौकरीपेशा जातकों के लिए पदोन्‍नति के योग बन रहे हैं। आपके जीवनसाथी को भी अपने करियर में प्रमोशन या उन्‍नति मिलने की संभावना है।

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मिथुन राशि

यह योग मिथुन राशि के भाग्‍य स्‍थान में बनने जा रहा है। शनि का वक्री होना आपके लिए कुछ लाभ लेकर आएगा। आपको अपने भाग्‍य का साथ मिलेगा। व्‍यापारियों को काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है।

आप किसी धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम में भी शामिल हो सकते हैं। जो छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्‍हें अपने प्रयासों में सफलता जरूर मिलेगी। आपके अटके हुए काम भी अब पूरे हो सकते हैं। इससे आपके आत्‍मविश्‍वास में वृद्धि होगी और आप प्रसन्‍न महसूस करेंगे।

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वृषभ राशि

केंद्र त्रिकोण राजयोग बनने से वृषभ राशि के लोगों के करियर में तरक्‍की आने की संभावना है। यह समय व्‍यापारियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा। आपने जो भी योजनाएं और रणनीतियां बनाई हैं, वे सब सफल होंगी। आपकी आमदनी के स्रोत भी बढ़ेंगे। इससे आपकी आर्थिक स्थिति में मज़बूती आएगी।

यदि आप नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो अब आपको अपनी पसंद की नौकरी मिल सकती है। नौकरीपेशा जातकों का भी अपनी पसंद की जगह पर ट्रांसफर हो सकता है। व्‍यापारियों के लिए धन लाभ के योग बन रहे हैं।

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FAQ

प्रश्‍न. शनि वक्री हो तो क्‍या करना चाहिए?

उत्तर. हनुमान जी की पूजा करें और रोज महामृत्‍युंजय मंत्र का जाप करें।

प्रश्‍न. वक्री ग्रह का क्‍या फल होता है?

उत्तर. ज्‍योतिष के अनुसार वक्री होने पर ग्रह के परिणाम बदल जाते हैं।

प्रश्‍न. शनि देव कुंभ राशि में कब तक वक्री रहेंगे?

उत्तर. शनि 15 नवंबर, 2024 तक कुंभ राशि में वक्री रहेंगे।

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