तीन शुभ योग में मनाई जाएगी महाशिवरात्रि; राशि अनुसार धारण करें रुद्राक्ष, मिलेगा विशेष लाभ

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन का भगवान भोलेनाथ के भक्तों को बड़ी बेसब्री के साथ इंतजार रहता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, महाशिवरात्रि के ही पावन दिन में भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। ऐसे में, इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान के साथ पूजा करने से भगवान शिव के साथ माता गौरी की भी कृपा प्राप्त होती है। यह भी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर आते हैं और सभी शिवलिंग में विराजमान होते हैं इसलिए महाशिवरात्रि के दिन की गई शिव की उपासना से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है और शुभ फल प्राप्त होता है। 

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ख़ास बात यह है कि इस पावन दिन बेहद शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जिस वजह से इस दिन की महत्वता और अधिक बढ़ गई है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं महाशिवरात्रि 2024 की तिथि, शुभ मुहूर्त व इस दिन बनने वाले शुभ योगों के बारे में। इसके अलावा, यह भी जानेंगे कि इस दिन राशि अनुसार किस तरह की रुद्राक्ष पहनें।

महाशिवरात्रि 2024: तिथि व समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 08 मार्च 2024 को पड़ रही है। यानी महाशिवरात्रि का पर्व 08 मार्च दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा।

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि आरंभ:  8 मार्च 2024 की रात 10 बजे से

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि आरंभ समाप्त: 9 मार्च 2024 की शाम 6 बजकर 19 मिनट पर।

महाशिवरात्रि 2024 तिथि: 8 मार्च 2024 (शुक्रवार)

निशीथ काल पूजा मुहूर्त : 09 मार्च की मध्यरात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक।

अवधि : 0 घंटे 48 मिनट

महाशिवरात्रि पारण मुहूर्त : 09 मार्च की सुबह 06 बजकर 38 मिनट से दोपहर 03 बजकर 30 मिनट तक।

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महाशिवरात्रि पर शुभ योग

महाशिवरात्रि पर इस साल तीन शुभ योग का संयोग बन रहा है। इस दिन शिव, सिद्ध और सर्वार्थ सिद्ध योग का निर्माण हो रहा है। कहते हैं कि शिव योग साधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस योग में किए गए सभी मंत्र शुभ फलदायक होते हैं। इस योग में यदि भगवान शिव का नाम लिया जाए तो सफलता की प्राप्ति होती है। सिद्ध योग की बात करें तो इस योग में जो भी कार्य सीखना शुरू किया जाए उसमें पूर्ण सफलता मिलती है। वैदिक ज्योतिष, में यह योग सबसे शुभ और शक्तिशाली योगों में से एक है। इसका निर्माण एक विशेष समय पर तिथि, दिन और नक्षत्र के मेल से होता है। जबकि सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए हर कार्य में सफलता मिलती है और यह योग बेहद शुभ योग होता है।

महाशिवरात्रि का महत्व

साल में पड़ने वाली महाशिवरात्रि के व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखने से जातकों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। मान्यताओं के अनुसार,फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को ही भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। महाशिवरात्रि का त्योहार माता पार्वती और भोले शंकर के विवाह के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के पर्व पर हम शिव जी की उपासना करते हैं। भक्तजन सारी रात जागकर इस शुभ प्रहर में शिवरात्रि का उत्सव मनाते हैं। इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से भक्त की हर समस्या दूर हो जाती है।

महाशिवरात्रि पर ऐसे करें पूजा

  • महाशिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करें। फिर पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव शंकर के आगे व्रत का संकल्प लें।
  • संकल्प के दौरान उपवास की अवधि पूरा करने के लिए भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद लें।
  • इसके अलावा, आप व्रत किस तरह से रखेंगे यानी कि फलाहार रखेंगे या फिर निर्जला इसके लिए भी संकल्प लें।
  • फिर शुभ मुहूर्त में पूजा आरंभ करें।  
  • इसके बाद रोली, सिन्दूर, चावल, फूल, जनेऊ, वस्त्र, धूपबत्ती, सप्तधान्य यानी सात तरह के धान, बेलपत्र, आंकड़े के फूल, धतूरे के फूल, आदि सामग्री को एकत्रित कर लें और साथ में गाय का घी, दही, दूध और मेवा आदि से पंचामृत बनाएं।
  • फिर मंदिर जाकर उस पंचामृत से भगवान शंकर को स्नान कराएं।
  • इसके बाद केसर डालकर जल चढ़ाएं और अखंड ज्योत जलाएं। इसके अलावा, भगवान शिव को चंदन का तिलक लगाएं।
  • बेलपत्र, भांग, धतूरा भोलेनाथ का सबसे पसंदीदा चढ़ावा है तो ये जरूर चढ़ाएं।
  • इसके बाद विधि-विधान से पूजा आरती करें और भगवान शिव के मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का 108 बार जाप करें।
  • ध्यान रहे कि भगवान भोलेनाथ का पूजन या अभिषेक रात में ही करें। 
  • इस दिन पूरी रात जागरण करना चाहिए और भगवान शिव और माता पार्वती के भजन करने चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को अधिक उत्तम फल प्राप्त होता है। 
  • पूजा के बाद अंत में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर सबको प्रसाद के रूप में बांटें।

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महाशिवरात्रि पर जरूर करें ये खास उपाय, हर समस्या का होगा अंत

  • महाशिवरात्रि की रात्रि में शिव मंदिर में जाकर विधि-विधान से पूजा अर्चना करें और शिवलिंग के पास देसी घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से धन से जुड़ी समस्या से निजात पाया जा सकता है।  माना जाता है कि धन के देवता कुबेर ने पूर्व जन्म में रात में शिवलिंग के पास रोशनी की थी इसलिए वे अगले जन्म में देवताओं के कोषाध्यक्ष बने।
  • यदि आपके मंदिर में शिवलिंग नहीं है तो महाशिवरात्रि के दिन अपने घर पर छोटा सा शिवलिंग लाए और विधि-विधान से अभिषेक करके स्थापित करें। ऐसा करने से घर से दुख दरिद्रता दूर होती है।
  • माना जाता है कि महाशिवरात्रि की रात में भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करें और ‘ऊं नम: शिवाय’ मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें तो नौकरी व बिज़नेस में आने वाली तमाम तरह की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • शिवरात्रि पर भगवान शिव के साथ-साथ हनुमान चालीसा का पाठ करने से दोनों की विशेष कृपा प्राप्त होती है और भक्तों की सभी परेशानियां दूर होती हैं। 
  • मान्यता है कि इस दिन किसी सुहागिन महिला को सुहाग का सामान उपहार के रूप में देना चाहिए। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में सभी समस्याएं दूर होती है और पति की आयु बढ़ती है।
  • महाशिवरात्रि पर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को या गरीबों को अनाज और धन का दान करना बेहद लाभकारी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन गरीबों को दान करने से पूर्व जन्म के सभी पापों से मुक्ति पाई जा सकती है। 
  • महाशिवरात्रि पर किसी बेल वृक्ष के नीचे खड़े होकर दूध व चावल से बनी खीर और गाय के घी का दान करें। ऐसा करने से महालक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और साथ ही भक्त को भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।

महाशिवरात्रि पर राशि के अनुसार धारण करें रुद्राक्ष, मिलता है विशेष लाभ

यदि आप रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं तो महाशिवरात्रि का दिन इसके लिए सबसे शानदार रहेगा। इस दिन आप राशि अनुसार, रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि को कौन सा रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

मेष राशि

महाशिवरात्रि पर मेष राशि के जातकों को तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। यह आपको शुभ परिणाम प्रदान करेगा।

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वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों को इस दिन छह मुखी रुद्राक्ष पहनने की सलाह दी जाती है। यह आपके लिए भाग्यशाली साबित होगा।

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मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों को चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। ऐसा करने से आपको मनचाहा परिणाम प्राप्त होगा।

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कर्क राशि

कर्क राशि लिए दो मुखी रुद्राक्ष पहनना शुभ माना गया है। यह आपके लिए सौभाग्यशाली साबित होगा।

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सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों को रुद्राक्ष में सबसे अनमोल बारह मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। इसके परिणामस्वरूप आप हर चुनौतियों से लड़ने में सक्षम होंगे।

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कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों को चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। यह आपके लिए शुभ साबित होगा।

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तुला राशि

तुला राशि के जातकों को छह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इससे आपके हर बिगड़े काम बनने लगेंगे।

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वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के स्वामी भी मंगल है इन्हें भी तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। ऐसा करने से आपको कभी भी धन की कमी नहीं होगी।

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धनु राशि

धनु राशि के जातकों को पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इसके परिणामस्वरूप आप पर सदैव भगवान शिव की कृपा रहेगी।

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मकर राशि

मकर राशि के जातकों को सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इसके परिणामस्वरूप आप हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करेंगे।

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कुंभ राशि

कुंभ राशि के स्वामी भी शनि होने के कारण इन्हें भी सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इसके फलस्वरूप आप में हमेशा माता लक्ष्मी की कृपा रहेगी।

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मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करना अति शुभ माना गया है। इससे आपको बेहतर स्वास्थ्य की प्राप्ति होगी।

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रुद्राक्ष धारण करने के बाद करें ये गलतियां

  • शास्त्रों में कहा गया है कि जो व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है उसे कभी भी मांस मदिरा जैसे तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • गलती से भी किसी का पहना हुआ रुद्राक्ष धारण न करें और न ही उसे छुए।
  • जब भी आप सोने जाएं तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि सोते समय रुद्राक्ष आपके हाथ में या गले में नहीं होना चाहिए। उसे उतार कर अलग रख दें।

जानें कैसे करें रुद्राक्ष धारण

रुद्राक्ष धारण करने के लिए सबसे पहले रुद्राक्ष बाजार से खरीद लें। इसके बाद इसे 24 घंटे के लिए गंगाजल में डालकर रख दें। इसके बाद इसे निकालकर रुद्राक्ष पर अच्छे से बादाम का तेल लगाएं और फिर विधि-विधान से पूजन करें। इसके बाद शिव के मंत्र ‘ऊँ नमः शिवाय’ का 108 बार जाप करें। फिर लाल रेशमी धागे में पिरोकर गले में पहनें या दाहिनी बाजू पर बांध दें।

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