वैशाख माह में पड़ेंगे कई महत्वपूर्ण त्योहार, राशि अनुसार करें ये उपाय मिलेंगे शानदार नतीजे!

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा के बाद वैशाख के महीने की शुरुआत होती है। सनातन धर्म में इस माह का विशेष धार्मिक महत्व है। इस महीने दान और किसी पवित्र नदी जैसे-गंगा आदि में स्नान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस माह में भगवान विष्णु के अवतार- परशुराम और बांके बिहारी आदि के दर्शन व पूजा आराधना करने से मन को शांति और सभी दुखों से छुटकारा मिलता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा के बाद का दिन वैशाख का पहला दिन होता है और वैशाख पूर्णिमा इस महीने का अंत करती है। विशाखा नक्षत्र से संबंध होने के चलते इस महीने को वैशाख कहा जाता है। विशाखा नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति और देवता इंद्र हैं। ऐसे में इस पूरे महीने में स्नान-दान, व्रत और पूजा से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। वैशाख के महीने में भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी की जयंती, अक्षय तृतीया, मोहिनी एकादशी आदि कई व्रत व महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं।

आज इस ब्लॉग में हम वैशाख मास से जुड़ी तमाम रोमांचक चीज़ों के बारे में विस्तार से बताएंगे जैसे कि इस माह के दौरान कौन-कौन से व्रत-त्यौहार आएंगे? इस माह में कौन से उपाय किए जाने चाहिए? इस माह का धार्मिक महत्व क्या है? और इस मास में जातकों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? ऐसी ही कई जानकारियों से लबालब है एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग, इसलिए अंत तक ज़रूर पढ़ें।

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वैशाख मास 2024: तिथि

वैशाख माह का आरंभ 21 अप्रैल 2024 रविवार को होगा जिसकी समाप्ति 21 मई 2024 मंगलवार को हो जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख मास, भगवान विष्णु की उपासना के साथ-साथ भगवान श्री कृष्ण की उपासना के लिए भी समर्पित है। इस मास में स्नान-दान, जप और तप करने से साधकों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कई प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि नक्षत्र के स्वामी गुरु और देवता इंद्र हैं। इसलिए इस मास में चंद्र देव की उपासना को भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस माह सभी देवी देवताओं की आराधना करने से हर समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है और व्यक्ति को सुख-समृद्धि व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

वैशाख मास का महत्व

मान्यता है कि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष को अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु ने कई अवतारों धारण किय थे। जैसे नर-नारायण, परशुराम, नृसिंह और ह्ययग्रीव के अवतार। शुक्ल पक्ष की नवमी को माता लक्ष्मी मां सीता के रूप में धरती से प्रकट हुई थी। ऐसा भी माना जाता है कि त्रेतायुग की शुरुआत भी वैशाख माह से हुई। इस माह की पवित्रता और दिव्यता के कारण ही वैशाख माह की तिथियों का संबंध लोक परंपराओं में अनेक देव मंदिरों के पट खोलने और महोत्सवों के मनाने के साथ जोड़ दिया। यही कारण है कि हिन्दू धर्म के चार धाम में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट वैशाख माह की अक्षय तृतीया को खुलते हैं और इसी माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा भी निकाली जाती है। वैशाख कृष्ण पक्ष की अमावस्या को देव वृक्ष वट की पूजा की जाती है। 

वैशाख पूर्णिमा को दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया, तिब्बत और मंगोलिया में बुद्ध पूर्णिमा या गौतम बुद्ध के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। वैशाख शुक्ल पंचमी को हिंदू धर्म के महान दार्शनिक शंकराचार्य के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है। वैशाख पूर्णिमा को तमिलनाडु में ‘वैकाशी विशाकम’ के रूप में जाना जाता है, जो कि भगवान शिव के ज्येष्ठ पुत्र है।

वैशाख मास के बारे में स्कंद पुराण में भी की गई है, जिसमें बताया गया है कि “न माधव समो मासो न कृतेन युगं समम्। न च वेदसमं शास्त्रं न तीर्थं गंगया समम्।” अर्थात- वैशाख मास के समान कोई मास नहीं है, सतयुग के समान अन्य कोई युग नहीं है और वेदों के समान अन्य कोई शास्त्र नहीं है और गंगा के समान कोई तीर्थ मौजूद नहीं है।

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वैशाख मास में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार

वैशाख मास यानी कि 21 अप्रैल 2024 से 21 मई 2024 के दौरान हिन्दू धर्म के कई प्रमुख व्रत-त्योहार आने वाले हैं, जो कि इस प्रकार हैं:

 

तिथि वार पर्व
21 अप्रैल 2024 रविवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
23 अप्रैल 2024 मंगलवार हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा व्रत
27 अप्रैल 2024 शनिवार संकष्टी चतुर्थी
04 मई 2024 शनिवार वरुथिनी एकादशी
05 मई 2024 रविवार प्रदोष व्रत (कृष्ण)
06 मई 2024 सोमवार मासिक शिवरात्रि
08 मई 2024 बुधवार वैशाख अमावस्या
10 मई 2024 शुक्रवार अक्षय तृतीया
14 मई 2024 मंगलवार वृषभ संक्रांति
19 मई 2024 रविवार मोहिनी एकादशी
20 मई 2024 सोमवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)

 

वर्ष 2024 में हिंदू धर्म के सभी पर्वों एवं त्योहारों की सही तिथियां जानने के लिए क्लिक करें: हिंदू कैलेंडर 2024

वैशाख मास में जन्म लेने वाले लोगों के गुण

ज्योतिष शास्त्र में हर माह का अपना अलग और विशेष महत्व होता है। ज्योतिष के अनुसार जन्म का महीना, तारीख और राशियों से किसी के स्वभाव के बारे में बताया जा सकता है। ऐसे में, आइए जानते हैं वैशाख के महीने में जन्म लेने वाले जातक का व्यक्तित्व कैसा होता है।

इन जातकों के करियर की बात करें तो वैशाख माह में जन्मे लोग कंप्यूटर इंजीनियर, जर्नलिस्ट, पायलट या प्रशासनिक अधिकारी होते हैं। इस माह में जन्मी लड़कियों को फैशन का अच्छा ज्ञान होता है इसलिए ये फैशन से जुड़े उद्योगों में सफलता हासिल करते हैं। इन जातकों की कल्पना शक्ति बहुत अधिक मजबूत होती है। इस माह में जन्मे जातक जोशीले और सबका ध्यान अपनी ओर खींचने वाले होते हैं। इनका दिमाग बहुत ही तेज होता है और इनका व्यक्तित्व आकर्षक होता है, जिसके चलते हर कोई इनकी ओर आकर्षित हो जाता है। इस माह में जन्म लेने वाली महिलाएं प्रभावी होती हैं और किसी भी कार्यों को अपने बुद्धि-बल के द्वारा आसानी से सुलझा लेती हैं।

ये साहित्य और कला के प्रेमी होते हैं। यह अपने कार्य को भी कलात्मक रूप से करने की हर संभव कोशिश करते हैं। इनकी पेंटिंग, डांसिंग और सिंगिंग में विशेष रुचि होती है। इन जातकों के प्रेम जीवन की बात करें तो ये प्रेम जीवन में बड़े ही रोमांटिक होते हैं। दरअसल इस माह में जन्म लेने वाले लोगों पर शुक्र ग्रह का प्रभाव होता है जो प्रेम और कामवासना का प्रतीक है। इनकी लव लाइफ बहुत ही शानदार रहती है। हालांकि ये कई बार इनको जल्दी गुस्सा आ सकता है लेकिन उतने ही जल्दी शांत भी हो जाते हैं। ये एक बात को कई समय तक दिल में लगाए रखते हैं और उसी के बारे में विचार करते हैं, जिससे इनका स्वास्थ्य प्रभावित हो जाता है। यह लोग बाहर से भले की सख्त दिखाई दें लेकिन अंदर से यह काफी नम्र दिल के होते हैं। हालांकि धोखा देने वाले को यह कभी माफ नहीं करते। इन जातकों का कमाल का सेंस ऑफ ह्यूमर होता है और ये हास्य संबंधित बातों से जल्दी आकर्षित होते हैं। इनके पास बच्चों की तरह गुणवत्ता है और ये अपनी वास्तविक उम्र से छोटे दिखते हैं।

वैशाख मास में दान का महत्व व किन चीज़ों का करना चाहिए दान

धर्मग्रंथों में वैशाख मास को अत्यंत पवित्र और पुण्यदायी बताया गया है। साथ ही, देव आराधना, दान, पुण्य के लिए श्रेष्ठ मास बताया गया है। इस माह में भगवान विष्णु की पूजा करना शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस माह में प्याऊ लगाना, छायादार वृक्ष की रक्षा करना, पशु-पक्षियों के लिए दाना व पानी डालना, राहगीरों को जल पिलाना जैसे काम करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं इस माह में किन चीज़ों के दान करने का महत्व है।

  • स्कंद पुराण के अनुसार, इस माह में जल दान करना बेहद शुभ माना जाता है। माना जाता है कि जो फल सब तीर्थों के दर्शन से प्राप्त होता है, वहीं पुण्य फल वैशाख मास में सिर्फ जल का दान करने से होता है। जल दोन को समस्य दानों से बढ़कर बताया गया है।
  • वैशाख मास में सड़क पर यात्रियों के लिए प्याऊ लगाना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने वाले व्यक्ति को सीधे विष्णुलोक की प्राप्ति होती है। प्याऊ देवताओं, पितरों और ऋषि-मुनियों को अत्यंत प्रिय है।पंखा दान करना
  • इस माह में गरीबों और जरूरतमंदों को पंखे दान करना चाहिए। माना जाता है कि पंखों का दान करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति सभी पापों से मुक्ति पाता है।
  • इस माह में जो व्यक्ति ब्राह्मण या भूखे जीव को भोजन करवाता है तो उसको अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • शास्त्र कहते हैं कि जो विष्णुप्रिय वैशाख मास में किसी जरूरतमंद व्यक्ति को पादुका या जूते-चप्पल दान करता हैं, वह यमदूतों का तिरिस्कार करके भगवान श्री हरि के लोक में जाता है।
  • इसके अलावा, इस माह में जरूरतमंदों व गरीबों को वस्त्र, फल और शरबत दान करना चाहिए। ऐसा करने से देवी-देवताओं के साथ-साथ पितृ भी प्रसन्न होते हैं और अपना विशेष आशीर्वाद प्रदान करते है। इसी प्रकार घी का दान करने वाला मनुष्य अश्वमेघ यज्ञ का फल पाकर विष्णु लोक में आनंद का अनुभव करता है।

वैशाख मास में भगवान विष्णु की पूजा का महत्व

वैशाख महीने में भगवान विष्णु के अवतारों की विशेष पूजा करने की भी परंपरा है। इस पवित्र महीने में भगवान के परशुराम, नृसिंह, कूर्म और बुद्ध अवतार की पूजा की जाती है। वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष में भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत-उपवास किए जाते हैं। इस महीने में पीपल की पूजा करने का भी विधान क्योंकि माना जाता है पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है इसलिए रोजाना पीपल के पेड़ की जड़ में जल अवश्य चढ़ाएं और शाम के समय सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इसके अलावा, भगवान विष्णु को सबसे प्रिय लगने वाली तुलसी की भी पूजा करनी चाहिए। माना जाता है कि इस दिन यदि भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाए तो सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इस महीने में भगवान विष्णु को अलग-अलग पकवानों का भोग लगाएं और भोग में तुलसी दल जरूर चढ़ाएं।

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वैशाख मास के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

  • जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि वैशाख मास में स्नान-दान का विशेष महत्व है इसलिए इस मास में पवित्र स्नान करने से और जल का दान करने से व्यक्ति को विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।
  • वैशाख मास में भगवान विष्णु की विशेष रूप से पूजा की जाती है, साथ ही इस महीने में कई महत्वपूर्ण हिन्दू व्रत एवं त्योहार मनाए जाते हैं। इसलिए इस महीने में पूजा-पाठ का विशेष ध्यान रखें और नियमित रूप से सूर्य को जल जरूर देना चाहिए।
  • स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से वैशाख मास में व्यक्ति को जल का सेवन सर्वाधिक करना चाहिए और मसालेदार चीजों के सेवन से परहेज करना चाहिए। 
  • इस महीने में गर्मी बहुत तेजी से पड़ती है और इस वजह से तमाम तरह की संचारी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है इसलिए अपना विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए।
  • इस महीने में जल का प्रयोग बढ़ा देना चाहिए और तेल व मसालेदार चीज़ों का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
  • जहां तक संभव हो सत्तू और रसदार फलों का प्रयोग करना चाहिए और देर तक सोने से भी बचना चाहिए।
  • इस महीने में अक्षय तृतीया का दिन मांगलिक कार्य और शुभ चीजों की खरीदारी के लिए श्रेयस्कर माना जाता है। कहा जाता है कि जो इस दिन सोना, चांदी, वाहन, भूमि, आदि की खरीदी करता है उन चीजों में वृद्धि होती है और घर में संपन्नता आती है इसलिए सोना या चांदी का आभूषण इस दिन जरूर खरीदें।

वैशाख महीने में इन मंत्रों का करें जाप

  • आर्थिक लाभ के लिए – “ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मी वासुदेवाय नमः”
  • संतान प्राप्ति के लिए – – “ॐ क्लीं कृष्णाय नमः”
  • सर्वकल्याण के लिए – “ॐ नमो नारायणाय”
  • इसके अलावा सूर्य को जल अर्पित करना भी इस महीने विशेष फलदायी माना जाता है।

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वैशाख माह में किए जाने वाले आसान उपाय

वैशाख माह के दौरान कई उपाय हैं, जिन्हें जरूर अपनाना चाहिए। माना जाता है कि इन उपायों को करने से व्यक्ति को हर प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। तो आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में:

धन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए

यदि आपके पास पैसा नहीं टिकता है और आपका आमदनी से ज्यादा आपके खर्चे हैं तो ऐसे में, वैशाख माह में पड़ने वाले शुक्रवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद लाल वस्त्र धारण करें और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें। इसके बाद उन्हें जटा वाला नारियल, कमल का फूल, सफेद कपड़ा, दही और सफेद मिठाई अर्पित करें। इसके बाद पूजा में रखा नारियल एक साफ लाल रंग के कपड़े में लपेट कर किसी ऐसी जगह पर रखें जहां किसी की नज़र न पड़े। ऐसा करने से धन की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।

नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए

यदि आपको लग रहा है कि आपके घर में नकारात्मक ऊर्जाओं का वास है तो ऐसे में, वैशाख के महीने में नारियल पर काजल का टीका लगाकर इसे घर के हर एक कोने में ले जाएं और उसके बाद इसे बहती नदी में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से घर से नकारात्मकता दूर होगी और सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा।

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राहु-केतु दोष से छुटकारा पाने के लिए

जो जातक कुंडली में राहु और केतु दोष से परेशान हैं उनके लिए वैशाख महीने में नारियल का यह टोटका काफी कारगर सिद्ध होगा। इसके लिए आपको एक नारियल शनिवार के दिन दो भागों में बांटकर इसमें शक्कर डालनी होगी। इसके बाद किसी सुनसान जगह पर ले जाकर इसे जमीन में गाड़ दें। ध्यान रहें कि ऐसा करते वक्त कोई देखें न। माना जाता है कि ऐसा करने से जैसे-जैसे जमीन में रहने वाले कीड़े इन्हें खाते हैं वैसे-वैसे आप इन ग्रह दोषों से छुटकारा पाएंगे।

रोगों से छुटकारा पाने के लिए

इसके अलावा, यदि आपको किसी प्रकार की बीमारी या स्वास्थ्य समस्या परेशान कर रही है तो वैशाख माह के महीने में शिवलिंग पर दही-शक्कर का घोल चढ़ाएं। ऐसा करने से सभी प्रकार के रोगों से आपको छुटकारा मिल सकता है। 

वैशाख मास 2024: राशि अनुसार उपाय

मेष राशि व वृश्चिक राशि

मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल हैं। इन राशि के जातकों को वैशाख के महीने में आटा, चीनी, गुड़, सत्तू,फल या मीठे व्यंजनों का दान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। साथ ही, धन-संपत्ति का लाभ होता है। इसके अलावा, यदि जातक भूमि-भवन से जुड़ी समस्याएं झेल रहा है तो वह भी दूर होता है।

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वृषभ राशि और तुला राशि

वृषभ और तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं। इन राशि के जातकों को वैशाख महीने में इन राशि के जातकों को कलश में जल भरकर दान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से आपको धन की कभी कमी नहीं होगी और खूब धन लाभ होगा। साथ ही, शुक्र दोष का प्रभाव भी कम होगा। इन राशि के लोगों को इस पवित्र महीने में सफेद वस्त्रों, दूध, दही, चावल, खांड आदि का दान भी करना चाहिए।

मिथुन राशि और कन्या राशि

मिथुन व कन्या राशि के स्वामी बुध हैं। मिथुन राशि के जातकों को वैशाख महीने में मूंग की दाल, हरी सब्जियां और गाय को चारा खिलाना चाहिए। मान्यता है कि इससे घर में सुख समृद्धि आती है और धन लाभ की प्राप्ति होती है। साथ ही, मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

कर्क राशि

कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं। इस राशि से संबंधित लोगों को वैशाख महीने में यदि संभव हो तो चांदी, मोती का दान करना चाहिए। इसके अलावा, खीर, चावल, चीनी, घी और जल का दान करना भी इनके लिए शुभ साबित होगा। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।

सिंह राशि 

इस राशि के स्वामी सूर्य देव हैं। इस राशि के जातक को वैशाख महीने में नियमित रूप से सूर्य को जल देना चाहिए तथा गुड, गेहूं, सत्तू, तांबा आदि का दान करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान सूर्य नारायण की विशेष कृपा प्राप्त होती है और बेहतर स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

धनु राशि और मीन राशि 

धनु राशि व मीन राशि के स्वामी बृहस्पति हैं। बृहस्पति देव की कृपा पाने के लिए इन राशियों के जातकों के लिए इस महीने पीले कपड़े, हल्दी, पपीता, चना, चने की दाल, केसर, पीली मिठाइयां, पीला फल व जल का दान करना बेहद लाभकारी साबित होगा। मान्यता है कि ऐसा करने से दांपत्य जीवन सुखमय रहता है और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति होती है।

मकर राशि और कुंभ राशि 

मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनिदेव हैं। जन्म कुंडली में शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए तथा शुभ प्रभाव प्राप्त करने के लिए वैशाख महीनों में किसी बर्तन में तिल का तेल रखकर घर के पूर्वी किनारे पर रखें, धन लाभ होगा। इस दिन तिल, नारियल, चने का सत्तू, गरीब और असहाय लोगों के लिए वस्त्र और दवाइयों का दान करने से समय अनुकूल रहेगा।

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