शुक्र सूर्य से दूसरा ग्रह है और इसे हमारे सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह माना जाता है। शुक्र ग्रह को

शुक्र सूर्य से दूसरा ग्रह है और इसे हमारे सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह माना जाता है। शुक्र ग्रह को
वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को विशेष स्थान प्राप्त है। शुक्र ग्रह प्रेम, रोमांस, नृत्य, संगीत और मनोरंजन के स्रोतों
वैदिक ज्योतिष ग्रहों के गोचर को बहुत महत्वपूर्ण मानता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार किसी भी ग्रह के गोचर का
वैदिक ज्योतिष की दुनिया में, शुक्र ग्रह सभी के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि इसे प्रेम संबंध,
शुक्र सभी ग्रहों में सबसे चमकीला ग्रह है। इस ग्रह की जितनी चमक है उतनी ही चमक यह आम इंसान
वैदिक ज्योतिष में ग्रहों का गोचर एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। वैदिक ज्योतिष यह मानता है कि
वैदिक ज्योतिष में शुक्र को एक शुभ ग्रह माना जाता है। शुक्र भौतिक सुखों के दाता हैं और किसी भी
शुक्र का गोचर 28 मई को मिथुन राशि में रात के 11 बजकर 44 मिनट पर होने जा रहा है।
सौरमंडल में शुक्र ग्रहण को, शुभ ग्रहों में से एक माना गया है। समस्त सभी ग्रहों में से सबसे ज़्यादा
28 मई 2021 को शुक्र गोचर होने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र के नजरिए से देखा जाये तो हर गोचर