शुक्र का कन्या राशि में गोचर: आपके लिए कितना ख़ास?

शुक्र सूर्य से दूसरा ग्रह है और इसे हमारे सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह माना जाता है। शुक्र ग्रह को पृथ्वी का जुड़वा कहा जाता है क्योंकि इसका आकार और संरचना एकदम पृथ्वी के समान है। शुक्र ग्रह ग्रह प्रेम, सौंदर्य, रोमांस, संगीत, आकर्षण आदि का कारक ग्रह है। इसके अलावा, यह वृष और तुला राशियों का स्वामी है। जहाँ मीन राशि में शुक्र उच्च का होता है वहीं कन्या राशि में यह नीच का होता है।

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शुक्र गोचर अगस्त 2021: समय 

अगस्त के महीने में होने वाले शुक्र गोचर के समय की बात करें तो, शुक्र ग्रह का सिंह से निकलकर बुध की कन्या राशि में गोचर 11 अगस्त 2021, बुधवार को सुबह 11 बजकर 20 मिनट पर होगा। जो यहाँ अगले 25 दिनों तक इसी अवस्था में रहेगा, और फिर पुनः अपना गोचर करते हुए, 06 सितंबर 2021, सोमवार को देर रात 12 बजकर 39 मिनट पर, कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में विराजमान होगा। 

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शुक्र ग्रह व्यक्ति के मूल सिद्धांतों जैसे वित्त, सांसारिक सुखों का प्रतिनिधि माना गया है। जिस किसी की कुंडली में शुक्र मजबूत स्थिति में होता है वो लोग सुंदर वैवाहिक जीवन या प्रेम जीवन जीते हैं। इसके अलावा, उनके जीवन में तमाम खुशियाँ भी बनी रहती हैं हैं। वहीं यदि शुक्र ग्रह कुंडली में कमजोर स्थिति में हो तो यह त्वचा संबंधी समस्याओं, प्रेमियों या विवाहित जोड़ों के बीच मतभेद आदि का कारण बनता है।

शुक्र ग्रह के लिए मंत्र

बुरे प्रभावों से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन 108 बार निम्न मंत्र का जाप करें –

ॐ शुं शुक्राय नमः

ॐ द्रैम द्रोम सह शुक्राय नमः

शुक्र गोचरफल 

यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें:
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मेष राशि

शुक्र आपके द्वितीय और सप्तम भाव के स्वामी होकर, आपकी राशि से षष्टम भाव में गोचर करेंगे। ज्योतिष में इस भाव को शत्रु भाव कहा जाता है। इस भाव से….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

शुक्र आपके प्रथम यानी लग्न और षष्टम भाव के स्वामी होकर, आपकी राशि से पंचम भाव में गोचर करेंगे। कुंडली में इस भाव को, संतान भाव के नाम से भी जाना जाता है। इस भाव से ….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

शुक्र आपके द्वादश और पंचम भाव के स्वामी होकर, आपकी राशि से चतुर्थ भाव में गोचर करेंगे। कुंडली के चौथे भाव को सुख भाव कहा जाता है। इस भाव से….(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

शुक्र आपके एकादश और चतुर्थ भाव के स्वामी होकर, आपकी राशि से तृतीय भाव में प्रस्थान करेंगे। कुंडली में तीसरे घर को सहज भाव कहा जाता है। इस भाव से….(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह राशि

शुक्र आपके दशम और तृतीय भाव के स्वामी होकर, आपकी राशि से द्वितीय भाव में गोचर करेंगे। ज्योतिष में दूसरे भाव से व्यक्ति के परिवार, उसकी वाणी, प्रारंभिक….(विस्तार से पढ़ें)

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कन्या राशि

शुक्र आपके नवम और द्वितीय भाव के स्वामी होकर, आपकी ही राशि में गोचर करेंगे, यानी ये आपके प्रथम भाव अर्थात लग्न भाव में स्थित होंगे। ज्योतिष में लग्न भाव को….(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

शुक्र आपके प्रथम और अष्टम भाव के स्वामी होकर, आपकी राशि से द्वादश भाव में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष में यह भाव, व्यय भाव कहलाता है और इस भाव से खर्चे, हानि, मोक्ष….(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि

शुक्र आपके द्वादश और सप्तम भाव के स्वामी होकर, आपकी राशि से एकादश भाव में स्थित होंगे। कुंडली में एकादश भाव को आमदनी का भाव कहा जाता है। इस भाव से….(विस्तार से पढ़ें)

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

धनु राशि

शुक्र आपके एकादश और षष्टम भाव के स्वामी होकर, आपकी राशि से दशम भाव में गोचर करेंगे। ज्योतिष में दशम भाव करियर एवं प्रोफेशन, पिता की स्थिति, रुतबा, राजनीति….(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

शुक्र आपके दशम और पंचम भाव के स्वामी होकर, आपकी राशि से नवम भाव में गोचर करेंगे। ज्योतिष में नवम भाव को भाग्य भाव कहते हैं। इस भाव से व्यक्ति के….(विस्तार से पढ़ें)

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कुंभ राशि

शुक्र आपके नवम और चतुर्थ भाव के स्वामी होकर, आपकी राशि से अष्टम भाव में स्थित होंगे। वैदिक ज्योतिष में कुंडली के अष्टम भाव को आयुर्भाव कहा जाता है और इस भाव….(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

शुक्र आपके अष्टम और तृतीय भाव के स्वामी होकर, आपकी राशि से सप्तम भाव में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष में कुंडली के सातवें भाव से व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, जीवनसाथी एवं जीवन के….(विस्तार से पढ़ें)

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Dharma

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