शुक्र का मिथुन में गोचर, जानें क्या होगा आपकी राशि पर असर

सौरमंडल में शुक्र ग्रहण को, शुभ ग्रहों में से एक माना गया है। समस्त सभी ग्रहों में से सबसे ज़्यादा चमकदार होने के कारण, शुक्र ग्रह को आकाश में बेहद आसानी से देखा जा सकता है। इसीलिए भी इसे कुछ लोग “संध्या” और “भोर का तारा” नाम से भी जानते हैं। वैदिक ज्योतिष में भी, शुक्र ग्रह का अपना एक विशेष स्थान और महत्व बताया गया है। जिसके अनुसार शुक्र ग्रह को स्त्री, प्रणय, विवाह, प्रमाद, वैभव, विलास, राग-रंग, कला, कल्चर, साहित्य, संतान, आदि जैसे सभी भौतिक सुखों का कारक माना गया है। 

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शुक्र ग्रह का कुंडली पर प्रभाव

कुंडली में शुक्र ग्रह के प्रभाव को देखें तो, जिस भी जातक की जन्म कुंडली में शुक्र बली या प्रबल स्थिति में उपस्थित होता है, उस जातक को वाहन सुख, वैवाहिक एवं हर प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति निश्चित रूप से होती है। जबकि इसके विपरीत जिस भी जातक की कुंडली में शुक्र निर्बल अवस्था में होते हैं, उस जातक के जीवन में विशेष नकारात्मक प्रभाव तो पड़ता ही है, साथ ही उस व्यक्ति को सभी भौतिक सुख-सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ता है।  

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शुक्र के गोचर काल का समय 

व्यक्ति को सभी प्रकार के भौतिक एवं सांसारिक सुखों की प्राप्ति हेतु, कुंडली में शुक्र का सकारात्मक प्रभाव होना अनिवार्य होता है। वैदिक ज्योतिष में शुक्र देव को बुध और शनि ग्रह का मित्र माना गया है, जबकि सूर्य व चंद्रमा इनके शत्रु बताए गए हैं। ऐसे में अब यही प्रेम, सौंदर्य, कला और भौतिक सुखों के कारक ग्रह शुक्र देव, एक बार फिर अपना स्थान परिवर्तन करते हुए 28 मई 2021, शुक्रवार को रात 11:44 बजे अपनी स्वराशि वृषभ से निकलकर अपने मित्र ग्रह बुध की राशि मिथुन में प्रवेश करते हुए, वहां पहले से उपस्थित मंगल देव के साथ युति करेंगे। जो यहाँ अगले महीने 22 जून, 2021 मंगलवार की दोपहर 2 बजकर 7 मिनट तक इसी राशि में रहेंगे और फिर, अपना पुनः स्थान परिवर्तन करते हुए अपने शत्रु ग्रह चन्द्रमा की राशि कर्क में गोचर कर जाएंगे।

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शुक्र ग्रह करेंगे मंगल देव के साथ युति

ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह को व्यक्तित्व का और शुक्र ग्रह को प्रेम का ग्रह माना गया है। ऐसे में जब किसी भी जातक की कुंडली में मंगल और शुक्र एक साथ एक ही घर में मौजूद होते हैं तो, इसका सीधा प्रभाव जातक के रिलेशनशिप और प्रेम संबंधों पर पड़ता है। 

इसके अलावा वैदिक ज्योतिष में मंगल को जहाँ अग्नि और तेज का प्रतीक माना गया है। तो वहीं शुक्र ग्रह सौंदर्य, प्रेम, वासना, काम, यौन इच्छा के कारक ग्रह होते हैं, और जब इन दोनों ही ग्रहों का मिलन होता है तो, व्यक्ति में काम वासना अपने चरम पर हो जाती है। हालांकि हर राशि के अलग-अलग भावों के अनुसार, इनके फल कम-ज्यादा आवश्यक हो सकते है, लेकिन ये युति जातक के भौतिक सुखों को किसी न किसी रूप से प्रभावित ज़रूर करती है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम ये जानेंगे कि, आपकी राशि पर शुक्र के इस गोचर का क्या प्रभाव होगा। 

आइये अब बिना देर किये पढ़ते हैं, सभी 12 राशियों पर कैसा रहने वाला है शुक्र के इस गोचर का प्रभाव:- 

यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैलकुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि

मेष

मेष राशि के जातकों के लिए, शुक्र द्वितीय और सातवें भाव का स्वामी है। मिथुन राशि में इसके गोचर से…आगे पढ़ें

वृषभ

वृषभ राशि के जातकों के लिए, शुक्र पहले और छठे घर का स्वामी है और संचार, धन और परिवार के दूसरे घर में शुक्र ग्रह का गोचर हो रहा है। इस अवधि में…आगे पढ़ें

मिथुन

मिथुन राशि के जातकों के लिए, शुक्र पांचवें और बारहवें वें घर का स्वामी है और यह आत्मा, व्यक्तित्व, मन और भाग्य के आपके प्रथम भाव में गोचर कर रहा है। इस अवधि में शुक्र का गोचर आपके लिए…आगे पढ़ें

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कर्क

सुख सुविधाओं का आनंद लेने के लिए ये गोचर काल आपके लिए ख़ासा अहम रहेगा। हालांकि कर्क राशि के जातकों के लिए, शुक्र चतुर्थ और एकादश भाव का स्वामी है और यह वर्तमान गोचरीय स्थिति में हानि, विदेशी लाभ, परिवर्तन और आध्यात्मिकता के द्वादश भाव में पारगमन कर रहा है। इस अवधि के दौरान…आगे पढ़ें

सिंह

सिंह राशि के जातकों के लिए, शुक्र तीसरे और दसवें घर का स्वामी है और महत्वाकांक्षाओं, इच्छाओं और बड़े भाई-बहनों के एकादश भाव में इसका गोचर हो रहा है। आपके लिए गोचर का पहला चरण…आगे पढ़ें

कन्या

कन्या राशि के जातकों के लिए, शुक्र दूसरे और नवें घर का स्वामी है और करियर, पेशेवर जीवन, पिता आदि के दसवें घर में इसका गोचर होने जा रहा है। इस गोचर के दौरान आपको…आगे पढ़ें

पढ़ें राशि रत्न से जुड़ी हर अहम बात ज्योतिषीय तथ्य

तुला

तुला राशि के जातकों के लिए, शुक्र प्रथम और अष्टम भाव का स्वामी है और यह आपके सौभाग्य, धर्म, लंबी दूरी की यात्रा, आध्यात्मिकता आदि के नवम भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान इस राशि के जातकों को…आगे पढ़ें 

वृश्चिक

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए, शुक्र सातवें और बारहवें भाव का स्वामी है। शुक्र का गोचर बाधाओं, दुर्घटना, विरासत, विरोधियों और दुश्मनों के आपके अष्टम भाव में होने जा रहा है। इस गोचर के दौरान आपको अपने जीवनसाथी या अपने प्रेमी-प्रेमिका के साथ…आगे पढ़ें 

धनु

धनु राशि के जातकों के लिए, शुक्र षष्ठम और एकादश भाव का स्वामी है और यह आपके विवाह और साझेदारी के सप्तम भाव में गोचर कर रहा है। यह गोचर आपके लिए…आगे पढ़ें

मकर

मकर राशि के जातकों के लिए, शुक्र आपके पांचवें और दसवें घर का स्वामी है और प्रतिस्पर्धा, रोग, ऋण आदि के षष्ठम घर में गोचर कर रहा है। इस अवधि के दौरान मकर राशि के जातकों को…आगे पढ़ें

आपकी कुंडली में भी है राजयोग? जानिए अपनी  राज योग रिपोर्ट 

कुंभ

कुंभ राशि के जातकों के लिए, शुक्र चतुर्थ और नवम भाव का स्वामी है और यह प्यार, रोमांस, शिक्षा और बच्चों के पंचम भाव में गोचर करने जा रहा है। यह गोचर आपके लिए…आगे पढ़ें

मीन

मीन राशि के जातकों के लिए, शुक्र तृतीय और अष्टम घर का स्वामी है और वर्तमान गोचरीय स्थिति में यह माता, विलासिता, आराम आदि के चतुर्थ भाव में स्थित होगा। इस अवधि के दौरान आपको…आगे पढ़ें

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