सूर्य के मेष राशि में गोचर से, इन जातकों की चमक उठेगी किस्मत!

सभी ग्रह एक अवधि के बाद अपनी राशि में बदलाव करते हैं। इसी क्रम सूर्य गोचर करने जा रहे हैं सूर्य एक राशि में एक महीने तक रहते हैं और जिस दिन सूर्य राशि में प्रवेश करते हैं, उस दिन को संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इस बार सूर्य मेष राशि में गोचर करने जा रहे हैं इसलिए इस दिन मेष संक्रांति का उत्सव मनाया जाएगा। सूर्य का मेष राशि में गोचर होने पर सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। कुछ राशियों की की सैलरी बढ़ सकती है तो कुछ जातकों को व्यापार में वृद्धि देखने को मिलेगी, तो वहीं कुछ जातकों को उतार-चढ़ाव का सामना भी करना पड़ सकता है। तो आइए एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में विस्तारपूर्वक जानते हैं कि सूर्य के गोचर का सभी राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और इसके अशुभ प्रभावों से बचने के क्या उपाय हैं।

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सूर्य का मेष राशि में गोचर: तिथि व समय

नवग्रहों के राजा कहे जाने वाले सूर्य का मेष राशि में गोचर 13 अप्रैल 2024 की रात 08 बजकर 51 मिनट पर होगा। सूर्य ग्रह का यह गोचर सभी 12 राशियों समेत देश-दुनिया को प्रभावित करेगा। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको सूर्य का मेष राशि में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, इस गोचर के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए हम आपको कुछ सरल एवं अचूक उपायों से भी अवगत कराएंगे। लेकिन इससे पहले जान लेते हैं मेष राशि में सूर्य किस प्रकार के परिणाम देते हैं।

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मेष राशि में सूर्य

ज्योतिष के अनुसार, मेष राशि में सूर्य का गोचर बहुत अधिक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ज्योतिषीय दृष्टि से, सूर्य महाराज जब मेष राशि में मौजूद होते हैं, तो यह ऊर्जा, उत्साह और नई शुरुआत का प्रतिनिधित्व करते हैं। बता दें कि मेष एक उग्र राशि है जिसके आधिपत्य देव मंगल हैं। ऐसे में, यह जीवन शक्ति और प्रेरणा आदि को दर्शाती है। कुंडली में मेष राशि में यदि सूर्य होता है तो जातक गौरवमयी, पराक्रमी बलवान तो बनता ही है साथ ही वह राजाओं की तरह जीवन जीता है। ऐसे जातक व्यापार के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। ऐसे लोग आवेगी होते हैं और उनके पास अतिरिक्त ऊर्जा होती है। वे दृढ़ इच्छाशक्ति वाले होते हैं और कठिन से कठिन समय में जीवित रहने की सहनशक्ति रखते हैं। ये जातक चुनौती से कभी पीछे नहीं हटते बल्कि डटकर उसका सामना करते हैं। 

बता दें कि मेष एक उग्र राशि है जिसके आधिपत्य देव मंगल हैं। ऐसे में, यह जीवनशक्ति और प्रेरणा आदि को दर्शाती है। सूर्य के मेष में प्रवेश के दौरान जातक कार्यों को संपन्न करने की दिशा में कदम उठाने और अपने लक्ष्यों को दृढ़ संकल्प के साथ पाने की दिशा में आगे बढ़ते हैं। ये अपने लक्ष्यों को प्राप्त किए हार नहीं मानते हैं। ये अपना सारा ध्यान दूसरे से आगे निकलने और खुद को साबित करने में लगाते हैं। ये इतनी दृढ़ता से काम करते हैं कि अपने हर प्रयास में सफलता अर्जित करते हैं।

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ज्योतिष में सूर्य ग्रह का महत्व

ज्योतिष में सूर्य का विशेष महत्व है। यह हर महीने अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं। सूर्य देव को मान-सम्मान, उच्च पद और नेतृत्व क्षमता का कारक माना जाता है, जिन्हें  सिंह राशि का स्वामित्व प्राप्त है। सूर्यदेव मेष राशि में उच्च के और तुला राशि में नीच के होते हैं। हिन्दू ज्योतिष में सूर्य ग्रह जब किसी राशि में प्रवेश करता है तो वह धार्मिक कार्यों के लिए बहुत ही शुभ समय होता है। इस दौरान लोग आत्म शांति के लिए धार्मिक कार्यों का आयोजन कराते हैं तथा सूर्य की उपासना करते हैं। जब कुंडली में सूर्य महाराज शुभ भाव में बैठे होते हैं, तब वह जातक को अच्छी नौकरी और समाज में प्रसिद्धि, मान- सम्मान आदि प्रदान करते हैं। हालांकि, जब सूर्य शुभ भाव में विराजमान होते हैं, तो उस समय यह ज्यादा शुभ परिणाम नहीं देते हैं क्योंकि यह एक उग्र ग्रह होने की वजह से उस भाव के कारक तत्वों को नष्ट कर देते हैं। 

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मेष राशि का स्वभाव

बात मेष राशि करें तो इस राशि के लिए बहुत अधिक होशियार होते हैं और ये अपना काम निकलवाना अच्छे से जानते हैं। दूसरों के प्रति इनका व्यवहार अच्छा रहता है। इनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये बहुत अधिक जोशीले होते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जिद्दी भी होते हैं। ये अपना अपमान बर्दाश्त नहीं करते हैं। इस राशि के लोग अच्छे मित्र और प्रेमी होते हैं। एक बार किसी के हो जाते हैं, तो उसे अपना सब कुछ मान बैठते हैं। ये लोग कपड़े, फर्निचर और पुस्तकों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। मेष राशि के स्वामी ग्रह मंगल हैं इसके परिणामस्वरूप इस राशि के जातक साहसी, निडर, पराक्रमी और ऊर्जावान होते हैं। यदि मेष राशि के जातकों की कुंडली में मंगल शुभ हो तो जातक को हर काम में सफलता मिलती है। ऐसे जातकों को जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है।

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कुंडली में सूर्य के कमज़ोर होने के संकेत

अगर आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर होता है तो आपके जीवन में कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानें आपके जीवन में मिलने वाले संकेतों के बारे में।

  • यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है तो आपको इच्छाशक्ति में कमी महसूस हो सकती है और ऐसा हो सकता है कि आपका किसी काम में मन न लगे, जिसके चलते आपको असफलता का सामना करना पड़ सकता है।
  • कमज़ोर सूर्य की वजह से आपके अंदर आत्मविश्वास की कमी हो सकती है। अगर आप कोई भी काम करते हैं और आपको उस पर भरोसा नहीं होता है कि वह सही है या गलत, तो ये कमजोर सूर्य की वजह से भी हो सकता है।
  • यदि आप किसी काम को करने का ज्यादा प्रयास ही नहीं करते हैं तो ये आपकी कुंडली में कमजोर सूर्य की स्थिति का संकेत हो सकता है। कमज़ोर सूर्य की इस बात को भी दर्शाता है कि यदि आप कोई काम शुरू कर रहे हैं तो उसे पूरा करने की बजाए बीच में ही छोड़ देते हैं। 
  • कुंडली में यदि सूर्य कमज़ोर है तो आप किसी भी काम के लिए आत्मनिर्भर नहीं होंगे। ऐसा भी हो सकता है कि आपको हर काम के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़े या दूसरों की सलाह की आवश्यकता पड़े और आप खुद के लिए सही निर्णय न ले पाएं।
  • सूर्य पिता के कारक हैं, ऐसे में यदि आपका अपने पिता से रोजाना बहस या विवाद हो रहा है तो और आप उनके निर्देशों का पालन नहीं करते हैं तो ये कमजोर सूर्य का कारण भी हो सकता है।
  • यदि सूर्य की स्थिति कुंडली में कमजोर है तो आपको बिना वजह स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ऐसा भी हो सकता है कि आपको कोई ऐसी बीमारी हो जिसका पता लगा पाना मुश्किल हो रहा हो और आप सही इलाज कराने में असमर्थ हो।
  • यदि सोते समय यदि मुंह खुला रहता है और लार गिरती है तो सूर्य ग्रह कमजोर है।

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कुंडली में सूर्य की मजबूत स्थिति के संकेत

  • सूर्य शुभ स्थिति होने पर जातक के नाखून खूबसूरत होते हैं और आंखों में चमक होती है।
  • यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य मजबूत स्थिति में हैं तो वह व्यक्ति अपने जीवन में खूब तरक्की प्राप्त करता है और ऊंचे मुकाम को हासिल करता है।
  • ऐसे जातकों को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। 
  • कुंडली में सूर्य के मजबूत होने पर व्यक्ति को हर तरह की सुख-सुविधा प्राप्त होती है, इन जातकों को कभी भी पैसों और सुख सुविधा की कमी नहीं होती है।
  • ऐसे जातकों को कभी भी धनवान होते हैं।
  • सूर्य की शुभ स्थिति के परिणामस्वरूप जातक को अपने पिता का पूरा सहयोग मिलता है और पिता के आशीर्वाद से ये जातक खूब आगे बढ़ते हैं।

सूर्य मजबूत करने के आसान उपाय

  • कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए रविवार के दिन जल में लाल रंग या रोली मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें और इस दौरान “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें।
  • यदि आप सूर्य देव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो रविवार के दिन लाल रंग के वस्त्र का दान करें। यदि आप दान नहीं कर सकते हैं, तो रविवार के दिन लाल रंग के कपड़े पहनें। इस उपाय को करने से सूर्य देव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र है- ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:’। इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए।
  • यदि आप सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं, तो 11 रविवार को सूर्य देव के लिए व्रत रखें और पूजा पाठ करें।
  • सूर्य को मजबूत करने के लिए संक्रांति तिथि पर दान-पुण्य करें। इसके अलावा, रविवार के दिन भी दान कर सकते हैं। रविवार के दिन गुड़ का दान अवश्य करें।
  • यदि कुंडली में सूर्य कमज़ोर हैं तो ऐसी स्थिति में जब भी घर से बाहर जाएं थोड़ा सा मीठा खाकर निकलें। ऐसा करने से कमज़ोर सूर्य को मजबूती मिलती है।

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सूर्य का मेष राशि में गोचर: सभी राशियों पर प्रभाव

मेष राशि

करियर की बात करें, तो सूर्य का मेष राशि में गोचर आपके लिए ऊर्जा और प्रेरणा लेकर लाएगा। इस अवधि में आप दृढ़ता और आत्मविश्वास से भरे रहेंगे(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

कुंडली में चौथा भाव विलासिता, सुख-सुविधाओं और ख़ुशियों का होता है जबकि बारहवां भाव असुविधा और धन हानि का होता है(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

करियर की बात करें तो, सूर्य का मेष राशि में गोचर आपके लाभ और इच्छाओं के भाव में हो रहा है। इसके परिणामस्वरूप(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

करियर की बात करें, तो सूर्य का गोचर आपके दसवें भाव में होगा जो आपके करियर में वृद्धि लेकर आएगा। इस अवधि में आपका प्रदर्शन शानदार रहेगा और ऐसे में(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

करियर को देखें, तो सूर्य का मेष राशि में गोचर आपके लिए शानदार रहेगा क्योंकि यह आपके लिए वेतन में वृद्धि, पदोन्नति और तरक्की के अनेक अवसर लेकर आएगा(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि

बारहवें भाव में सूर्य का गोचर आपके करियर में समस्याएं और बाधाएं देने का काम कर सकता है। आपके ऊपर काम का बढ़ता बोझ और लापरवाही की वजह से काम में गलती हो सकती है(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

इस राशि वालों के लिए सूर्य का यह गोचर आपके सातवें भाव में होगा और ऐसे में, यह आपके करियर में चुनौतियां लेकर आ सकता है, विशेषकर सहकर्मियों और वरिष्ठों के साथ(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि

करियर के लिए सूर्य का मेष राशि में गोचर उन्नति लेकर आएगा और यह तरक्की आपको काम में की गई मेहनत के लिए पदोन्नति, वेतन में बढ़ोतरी आदि के रूप में मिल सकती है(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि

करियर के लिहाज़ से, सूर्य का मेष राशि में गोचर धनु राशि वालों के करियर के लिए फलदायी रहने का अनुमान है। पांचवें भाव में सूर्य महाराज की उपस्थिति(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

सूर्य का मेष राशि में गोचर करियर के क्षेत्र में समस्याएं और परेशानियां लेकर आ सकता है। हालांकि, चौथे भाव में सूर्य की स्थिति स्थिरता, सुख-सुविधाओं और पारिवारिक जीवन का(विस्तार से पढ़ें) 

कुंभ राशि

करियर की बात करें, तो इस राशि के जातक काम में जो भी प्रयास करेंगे, उसमें उत्कृष्टता हासिल करने में सक्षम होंगे। साथ ही(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

सूर्य का मेष राशि में गोचर करियर के क्षेत्र में समस्याएं और परेशानियां लेकर आ सकता है। इन जातकों को कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी नौकरी में अपने लक्ष्यों को पाने में बाधाओं से(विस्तार से पढ़ें)

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