शनि ग्रह का नाम सौरमंडल के उन ग्रहों में आता है जो गोचर करने में सबसे अधिक समय लेते हैं। शनि एक राशि में लगभग ढ़ाई वर्ष लगाते हैं और इसके बाद राशि परिवर्तन करते हैं। अब 200 साल के बाद शनि ने पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश किया है। शनि की इस चाल का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा।
शनि 06 अप्रैल को दोपहर 03 बजकर 55 मिनट पर पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश कर चुके हैं और अब वे इस नक्षत्र में 03 अक्टूबर 2024 तक रहेंगे।
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ज्योतिष की मानें तो शनि के पूर्वा भाद्रपद में आने पर सभी राशियों के लोगों के जीवन पर इसका अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलेगा। किसी के लिए यह परिवर्तन शुभ साबित होगा, तो वहीं कुछ लोगों को इस दौरान संकटों का सामना करना पड़ सकता है।
वैदिक ज्योतिष में शनि देव को दुख, रोग, आयु, विज्ञान, तकनीक, खनिज तेल, कर्मचारी, जेल और लोहा आदि का कारक माना गया है और अब शनि देव की चाल में परिवर्तन आने पर इन क्षेत्रों पर खास प्रभाव देखने को मिलेगा। इसके साथ ही इस नक्षत्र परिवर्तन से तीन राशियों को सबसे अधिक लाभ मिलने की संभावना है।
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नक्षत्र परिवर्तन किन राशियों के लिए रहेगा शुभ
मेष राशि
मेष राशि के लोगों के लिए शनि का नक्षत्र परिवर्तन करना फायदेमंद साबित होगा। आपको इस समय अचानक से धन लाभ होने की भी उम्मीद है। आपकी आमदनी में जबरदस्त इज़ाफा देखने को मिलेगा। करियर के लिए भी अच्छा समय है। आप अपने कार्यक्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करेंगे। आपके काम से आपके वरिष्ठ अधिकारी प्रसन्न होंगे।
अगर आप अपनी नौकरी को लेकर परेशान थे, तो अब आपकी इस परेशानी का भी अंत हो जाएगा। इस दौरान आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। नौकरीपेशा लोगों के लिए पदोन्नति के योग भी बन रहे हैं। व्यापारियों को अपने व्यावसायिक क्षेत्र में खूब धन कमाने का मौका मिलेगा।
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कुंभ राशि
यदि आपकी कुंभ राशि है, तो आपको भी शनि के नक्षत्र परिवर्तन करने से लाभ मिलने वाला है। इस समय आपकी निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होगी जिससे आप सही फैसले ले पाएंगे। आपके व्यक्तित्व में भी निखार आएगा। वैवाहिक जीवन के लिए भी अनुकूल समय है। आपके जीवनसाथी को तरक्की मिल सकती है। इससे आपके घर में खुशी का माहौल रहेगा।
समाज में आपका मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ेगी। आपके अपने पिता के साथ संबंध मज़बूत होंगे। यदि आप पार्टनरशिप में व्यापार करते हैं, तो आपको इस दौरान खूब मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा।
तुला राशि
तुला राशि के लोगों के लिए भी अनुकूल समय शुरू हो चुका है। आपके भाग्य में वृद्धि होगी आपके अपने पिता के साथ संबंध मज़बूत होंगे और आपके परिवार में खुशियों का माहौल बना रहेगा। आपको अपनी संतान की ओर से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। आपके लिए अचानक धन लाभ के योग भी बन रहे हैं।
आपके व्यापार में वृद्धि होगी और अपने व्यावसायिक क्षेत्र में आपकी प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। अगर आप संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, तो अब आपकी यह इच्छा भी पूरी हो सकती है।
ज्योतिष में पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र
कुंभ और मीन राशि के बीच स्थित पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक द्विस्वभाव वाले होते हैं और इनकी गूढ़ विज्ञान या वैज्ञानिक अध्ययन में रुचि होती है। राशियों के 25 नक्षत्रों में से एक है पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र। यह कुंभ राशि में 20 डिग्री और मीन राशि में 3.20 डिग्री के अंतर्गत आता है।
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शनि का पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में प्रभाव
अब शनि बृहस्पति के नक्षत्र में हैं लेकिन अभी भी उसे शक्तिशाली ही कहा जाएगा क्योंकि शनि कुंभ राशि में हैं जो इस ग्रह की मूल त्रिकोण राशि है।
पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र वित्त, संपन्नता, प्रॉपर्टी, और संतुलन का कारक है। यह संगीत और थिएटर में काम करने वाले कलाकारों को बढ़ावा देता है।
जिन लोगों की कुंडली में शनि इस नक्षत्र में होता है, उनके जीवन में संपन्नता और आर्थिक सुरक्षा की कमी देखी जाती है लेकिन ये धीरे-धीरे अपने जीवन में स्थिरता लाने में कामयाब रहते हैं।
32 साल की उम्र के बाद इनके जीवन में आर्थिक सुरक्षा आती है। जब शनि कुंभ राशि में और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में होता है, तब व्यक्ति को ताकत, पद और शक्ति मिलती है।
हालांकि, व्यक्ति को इन परिणामों को प्राप्त करने में समय लगता है और उसे बहुत ज्यादा प्रयास एवं मेहनत करनी पड़ती है।
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शनि के पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में आने पर राशि अनुसार उपाय
शनि के पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में आने पर अपनी राशि अनुसार उपाय कर के आप इस समय को अपने लिए अनुकूल बना सकते हैं।
- मेष राशि के लोग पीपल के पेड़ पर रोज़ जल चढ़ाएं।
- वृषभ राशि वाले हर शनिवार को काले तिलों का दान करें।
- मिथुन राशि के जातक हर मंगलवार और शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाएं।
- कर्क राशि के लोगों को हर शनिवार शनि चालीसा का पाठ करने की सलाह दी जाती है।
- सिंह राशि वाले हर मंगलवार और शनिवार को शनि चालीसा का पाठ करें।
- यदि आपकी कन्या राशि है तो आप हर शनिवार को काली उड़द की दाल दान करें।
- तुला राशि वाले जब भी संभव हो सके आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं।
- वृश्चिक राशि के लोगों के लिए उपाय है कि वे हर शनिवार को रुद्राभिषेक करें।
- धनु राशि वाले हर शनिवार को बजरंग बाण का पाठ करें।
- मकर राशि के लोगों को शनि बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।
- कुंभ राशि के जातक श्री गजेंद्र मोक्ष स्तोत्रम का पाठ करें।
- मीन राशि वाले शनि स्तोत्रम का पाठ करें और गरीब लोगों को जूते या कपड़े दान में दें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. इस नक्षत्र के स्वामी बृहस्पति हैं।
उत्तर. इस नक्षत्र में जन्मे बच्चे द्विस्वभाव वाले होते हैं।
उत्तर. इस नक्षत्र के जातक बुद्धिमान होते हैं।
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