कुंडली में कब और कैसे बनता है पातक कालसर्प दोष? इन उपायों से दूर होता है ये अशुभ योग

ज्योतिष शास्त्र में अनेक ऐसे योगों और दोषों का वर्णन मिलता है जिन्हें मनुष्य जीवन के लिए अशुभ माना जाता है और इन्हीं में से एक है पातक काल सर्प दोष। इस दोष की गिनती सबसे अशुभ दोषों में होती है क्योंकि इसे बहुत ही कष्टकारी कहा जाता है। आपको बता दें कि कालसर्प दोष कई प्रकार के होते हैं और उनमें से एक होता है पातक काल सर्प दोष। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको कुंडली में निर्मित होने वाले पातक काल सर्प दोष के बारे में समस्त जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही जानेंगे, कुंडली में कब बनता है यह योग और इस दोष से उत्पन्न होने वाले अशुभ प्रभावों से मुक्ति पाने के लिए किन उपायों को करना चाहिए? तो आइए शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की। 

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

ऐसी मान्यता है कि अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प दोष मौजूद होता है, तो उस इंसान को अपने जीवन काल में अनेक समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। यह दोष मनुष्य को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित करता है। ज्योतिष के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं, उस समय काल सर्प दोष निर्मित होता है। 

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

कैसे बनता है कुंडली में पातक कालसर्प दोष?

कुंडली में बनने वाला पातक कालसर्प योग भी काल सर्प दोष का एक प्रकार माना जाता है। यह उस समय बनता है जब दसवें भाव में राहु तथा चौथे भाव में केतु विराजमान होते हैं और इन दोनों ग्रहों के बीच में सभी ग्रह आ जाते हैं। बता दें कि कालसर्प योग कुल 12 तरह के होते हैं और इसमें यह दसवें स्थान पर आता है। कुंडली में बनने वाले इस अशुभ दोष के नाम से ही व्यक्ति घबरा जाता है और ऐसे में, मनुष्य को जीवन भर तमाम दुख और कष्ट भोगने पड़ते हैं। 

कुंडली में राजयोग कबसे? राजयोग रिपोर्ट से जानें जवाब

पातक कालसर्प दोष का जीवन पर प्रभाव 

  • जिन जातकों की कुंडली में पातक कालसर्प दोष होता है, उन्हें अपने पिता की संपत्ति पाने के लिए अपने भाइयों के साथ संघर्ष से जूझना पड़ता है। 
  • चाहे नौकरी हो या व्यवसाय, इन लोगों को हर क्षेत्र में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।  पातक कालसर्प दोष से मनुष्य की आर्थिक स्थिति कमज़ोर रहती है इसलिए उन्हें दूसरों से धन उधार लेने और छोटे से छोटे काम को संपन्न करने के लिए दूसरों की सहायता या अहसान लेने की आवश्यकता होती है। ऐसे में, यह हमेशा जीवन भर कर्ज तले दबे रहते हैं।
  • कुंडली में पातक काल सर्प दोष होने पर व्यक्ति को नींद में बार-बार अपने शरीर पर सांप रेंगते हुए नज़र आते हैं या फिर स्वयं को सांप का डसना दिखाई देता है।
  • जिन लोगों पर पातक काल सर्प दोष का प्रभाव होता है, उन्हें अपने सपनों में अधिकतर मृत लोग दिखाई देते हैं। 
  • इस दोष से पीड़ित जातक अपने जीवन में आर्थिक और शारीरिक समस्याओं से परेशान रहते हैं। 

कुंडली में राजयोग कबसे? राजयोग रिपोर्ट से जानें जवाब

इन उपायों को करने से दूर होगा पातक कालसर्प दोष

  • कुंडली में कालसर्प दोष होने पर नियमित रूप से शिव पूजा करना फलदायी रहता है। ऐसा करने से जीवन में आने वाली समस्याएं दूर होती हैं।
  • सोमवार, प्रदोष, शिवरात्रि, सावन माह या फिर किसी भी शिव वास के दिन रुद्राभिषेक करने से नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। 
  • शनिवार या मंगलवार या फिर संभव हो, तो दोनों ही दिन सुंदरकांड का पाठ करें।
  • प्रतिदिन स्नानादि के पश्चात महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से पातक काल सर्प दोष का प्रभाव कम होता है।
  • ऐसे जातक को नियमित रूप से अपने कुलदेवता की उपासना करनी चाहिए। 
  • प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना फलदायी रहता है। 
  • पातक कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को घर में मोरपंख रखना फलदायी साबित होता है। 
  • जिन लोगों की कुंडली में पातक कालसर्प दोष होता है, उस व्यक्ति के लिए त्र्यंबकेश्वर और महाकालेश्वर मंदिर में पूजा करना श्रेष्ठ रहता है। इन दोनों स्थानों को पातक कालसर्प दोष निवारण के लिए सर्वोत्तम होता है।  

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. कालसर्प दोष के लक्षण क्या है?

उत्तर 1. कालसर्प दोष होने पर व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान रहता है।

प्रश्न 2. कालसर्प दोष कितने समय तक रहता है?

उत्तर 2. यह दोष लगभग 47 वर्षों तक व्यक्ति को प्रभावित करता है। 

प्रश्न 3. कालसर्प दोष की पूजा कब करनी चाहिए?

उत्तर 3. नागपंचमी का दिन कालसर्प दोष निवारण पूजा के लिए श्रेष्ठ रहता है।

  

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.