अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 26 अक्टूबर से 01 नवंबर, 2025

अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 26 अक्टूबर से 01 नवंबर, 2025

कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)? 

अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा। 

इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।

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अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (26 अक्टूबर से 01 नवंबर, 2025)

अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं। 

जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।

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मूलांक 1

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 1 के जातक इस सप्ताह निडर और साहसी बने रहेंगे। लेकिन, आपको अपनी गतिविधियों और वाणी को लेकर सावधानी बरतनी होगी कि आपका कोई भी कदम या मुंह से निकले शब्द दूसरों को ठेस न पहुंचाएं या फिर किसी को अपमानित महसूस न करवाएं। ऐसे में, लोग आपको अहंकारी समझ सकते हैं।      

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें तो, मूलांक 1 वालों को इस सप्ताह साथी के साथ अपने रिश्ते पर ध्यान देना होगा। साथ ही, आपके लिए पार्टनर के साथ विवाद या बहस में पड़ने से बचना सबसे अच्छा रहेगा। ऐसे में, आप दोनों को खुद को शांत रखने के लिए ध्यान करने की सलाह दी जाती है क्योंकि आप जीवनसाथी के साथ बहस में पड़ सकते हैं।

शिक्षा: इस मूलांक के जो छात्र इंजीनियरिंग के कोर्स में एडमिशन लेने की तैयारी कर रहे हैं या फिर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं, उनके लिए यह सप्ताह अच्छा रहेगा। 

पेशेवर जीवन: मूलांक 1 वाले इस हफ़्ते पेशेवर जीवन में अपनी टीम के सदस्यों और सहकर्मियों का नेतृत्व करने में सक्षम होंगे। बता दें कि आप एक बहुत अच्छे टीम लीडर साबित होंगे और इसके परिणामस्वरूप, आपके द्वारा कार्यों में किए जा रहे प्रयासों से आपको सराहना की प्राप्ति होगी। साथ ही, आपके मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी।  

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से, यह जातक इस सप्ताह उत्साह, साहस और ऊर्जा से भरे रहेंगे। हालांकि, इस अवधि में आपके भीतर ऊर्जा का स्तर अधिक होने के कारण आप कुछ फैसले तुरंत लेते हुए दिखाई दे सकते हैं। ऐसे में, आपको अपनी ऊर्जा को नियंत्रित करना होगा ताकि आप बिना किसी परेशानी के आगे बढ़ सकें। 

उपाय: विनम्र होने का प्रयास करें, विशेष रूप से नौकरों और आपके लिए काम करने वालों के साथ। 

मूलांक 2

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 2 के जातकों को इस सप्ताह भावनात्मक उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है जिसकी वजह कंफ्यूज़न और विचारों में स्पष्टता की कमी हो सकती है। ऐसे में, आपको दूसरों से बात करने में समस्या का अनुभव हो सकता है इसलिए आपको मानसिक स्पष्टता के लिए ध्यान करने और आध्यात्मिक मार्गदर्शन लेने की सलाह दी जाती है।

प्रेम जीवन: जब बात आती है प्रेम जीवन की तो, मूलांक 2 के जातकों को इस सप्ताह जीवनसाथी के साथ रिश्ते में गलतफहमी पैदा होने से रोकने और अपने रिश्ते को मज़बूत बनाने के लिए पार्टनर से भावनात्मक सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी। 

शिक्षा: बात करें शिक्षा की तो, मूलांक 2 वालों को इस सप्ताह पढ़ाई में एकाग्रता को बनाए रखने के लिए काफ़ी मेहनत करनी पड़ सकती है जिसकी वजह भावनात्मक समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में, इन समस्याओं की वजह से आपका ध्यान पढ़ाई से भटक सकता है। 

पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन को देखें तो, इस हफ़्ते कार्यक्षेत्र में आपको काफ़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, आपको कार्यों में अपने वरिष्ठों और सहकर्मियों का भी पर्याप्त मार्गदर्शन न मिलने की आशंका है इसलिए इस अवधि में आपको खुद को शांत रखना होगा और किसी भी तरह के विवाद में पड़ने से स्वयं को बचाना होगा।

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के लिहाज़ से, यह सप्ताह मूलांक 2 वालों के लिए ज्यादा अच्छा नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में, आपको हद से ज्यादा सोचने और खुद पर बोझ डालने से बचना होगा क्योंकि मानसिक तनाव की वजह से आपको स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।   

उपाय: शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं, विशेष रूप से सोमवार के दिन।  

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मूलांक 3

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 3 के जातक अगर आध्यात्मिक प्रवृति के इंसान हैं, तो यह सप्ताह आपके लिए बहुत फलदायी रहेगा। इस अवधि में आप अध्यात्म के प्रति लगाव को अगले स्तर पर ले जा सकेंगे। साथ ही, ध्यान को भी समय दे पाएंगे। ऐसे में, आप आध्यात्मिक रूप से प्रगति प्राप्त कर सकेंगे। 

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन को देखें तो, मूलांक 3 के शादीशुदा जातक इस सप्ताह अपने पार्टनर के साथ किसी तीर्थस्थल की यात्रा पर जा सकते हैं या फिर घर-परिवार में होने वाले धार्मिक कार्यों जैसे कि हवन या सत्यनारायण की कथा आदि में हिस्सा लेते हुए दिखाई दे सकते हैं। 

शिक्षा: इस हफ़्ते मूलांक 3 के जो छात्र रिसर्च, हिस्ट्री या पुरातन साहित्य में पीएचडी की पढ़ाई कर रहे हैं, उनके लिए यह अवधि शानदार रहेगी। इन जातकों की रुचि गूढ़ विज्ञान और ज्योतिष में बढ़ सकती है।

पेशेवर जीवन: इस मूलांक के जो जातक टीचर, मेंटर, धर्मगुरु या मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर काम कर रहे हैं, उनके लिए यह सप्ताह बहुत अच्छा रहेगा क्योंकि इस अवधि में आप दूसरों की मदद करने में सक्षम होंगे।

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से, यह सप्ताह आपके लिए शानदार रहेगा। इस दौरान आपको सात्विक भोजन और योग एवं ध्यान करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत होगी और आप शारीरिक रूप से भी मज़बूत बन सकेंगे। 

उपाय: संभव हो, तो विद्या दान करें। 

मूलांक 4

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 4 के जातक इस सप्ताह थोड़े नर्वस और शांत दिखाई दे सकते हैं। साथ ही, छोटी-मोटी बातों को लेकर भी उलझन में रह सकते हैं। इस दौरान आप जीवन में चल रही समस्याओं का पता लगाने में सक्षम होंगे। संभव है कि आप इस अवधि में डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं।

प्रेम जीवन: इस सप्ताह मूलांक 4 के जातक भावनात्मक उतार-चढ़ावों और समस्याओं की वजह से अपने साथी को नज़रअंदाज़ कर सकते हैं या फिर उनको अपमानित महसूस करवा सकते हैं। ऐसे में, आप दोनों के बीच विवाद जन्म ले सकते हैं इसलिए आपको इस अवधि में अपने रिश्ते को प्राथमिकता देने की सलाह दी जाती है। 

शिक्षा: शिक्षा की बात करें तो, यह सप्ताह आपके लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण रह सकता है। ऐसे में, आपको अपनी पढ़ाई के तरीकों को दूसरों को समझने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है इसलिए आपको दूसरों पर ध्यान न देते हुए अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है।

पेशेवर जीवन: मूलांक 4 के जो जातक एमएनसी में काम करते हैं या फिर एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट से जुड़े हैं, उनके लिए यह सप्ताह काफ़ी अच्छा रहेगा।

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की बात करें तो, मूलांक 4 के जातकों को इस सप्ताह कोई समस्या परेशान नहीं करेगी। लेकिन, फिर भी आपको किसी भी बात को लेकर ज्यादा सोचने से बचने की सलाह दी जाती है, अन्यथा इसका नकारात्मक असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ सकता है।

उपाय: ईमानदार बनें, सच बोलें और किसी के साथ छलकपट करने से बचें। 

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मूलांक 5

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 5 के तहत पैदा होने वाले जातकों को इस सप्ताह संचार कौशल से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आप इस अवधि में दूसरों से बेहद ईमानदारी और स्पष्ट तरीके से बात करेंगे। साथ ही, आप कूटनीतिक हो सकते हैं इसलिए आपको अपने शब्दों पर नज़र बनाए रखनी होगी।

प्रेम जीवन: यह अवधि मूलांक 5 के उन जातकों की परीक्षा लेने का काम कर सकती है जो हाल-फिलहाल में नए रिश्ते में आए हैं। ऐसे में, अगर आप एक-दूसरे से वास्तव में प्रेम करते हैं, तो आपका रिश्ता बना रहेगा, वरना आप दोनों ब्रेकअप की राह पर आगे बढ़ सकते हैं।

शिक्षा: बात करें शिक्षा की तो, यह सप्ताह फाइनेंस और स्टेटिस्टिक्स की पढ़ाई करने वाले मूलांक 5 के छात्रों के लिए सामान्य रहेगा। लेकिन, अगर आप कम्युनिकेशन जैसे विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं, तो आपको अपने विचार दूसरे के सामने रखने में परेशानी का अनुभव हो सकता है।

पेशेवर जीवन: करियर की दृष्टि से, यह सप्ताह स्थिर रहेगा, लेकिन अगर आप नौकरी या शिफ्ट में बदलाव करने की सोच रहे हैं, तो अभी के लिए आप अपनी इस योजना को टाल सकते हैं।       

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य को देखें तो, इस सप्ताह आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ समस्याएं परेशान कर सकती हैं जैसे कि स्किन और एलर्जी आदि से संबंधित रोग। वहीं, महिलाओं को मेनोपॉज और हार्मोन से संबंधित रोग परेशान कर सकते हैं। 

उपाय: गरीब एवं जरूरतमंदों की आर्थिक सहायता करें। 

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मूलांक 6

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 6 के जातकों का झुकाव इस सप्ताह सेवा के कार्यों में हो सकता है और ऐसे में, आप दूसरों की मदद करते हुए नज़र आ सकते हैं। अगर आप एनजीओ या ह्यूमन वेलफेयर से जुड़े किसी ग्रुप में शामिल हैं, तो आप दुनिया को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। 

प्रेम जीवन: जब बात आती है प्रेम जीवन की तो, मूलांक 6 के जातकों को पिछले सप्ताह की तरह ही इस सप्ताह भी अपने साथी की भावनात्मक और मानसिक जरूरतों पर ध्यान देना होगा क्योंकि इन्हें नज़रअंदाज़ करने का सीधा असर आपके रिश्ते पर पड़ सकता है। 

शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में क्रिएटिव राइटिंग और कविता से संबंधित पढ़ाई कर रहे छात्रों को दूसरों के सामने अपने विचार और आइडिया रखने में परेशानी का अनुभव हो सकता है। साथ ही, इस सप्ताह आपको पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है। इस अवधि को गूढ़ विज्ञान, टैरो रीडिंग या फिर ज्योतिष सीखने के लिए अच्छा कहा जाएगा। 

पेशेवर जीवन: मूलांक 6 के जातकों को कड़ी मेहनत करके अपने करियर को प्रगति के मार्ग पर लेकर जाने के लिए इस सप्ताह का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाना चाहिए। इस दौरान आपको नए-नए आइडिया आएंगे और आप करियर से जुड़ी कुछ नई योजनाओं का निर्माण कर सकते हैं। लेकिन, इन्हें लागू करने में आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

स्वास्थ्य: बात करें स्वास्थ्य की तो, इन जातकों को शारीरिक साफ-सफाई रखने और अपनी सेहत पर नज़र बनाए रखने की सलाह दी जाती है। हालांकि, आपको मीठी और तली-भुनी चीज़ों के सेवन से बचना होगा। इसके अलावा, आपको अपने व्यक्तित्व पर ध्यान देना होगा। 

उपाय: नेत्रहीनों या एनजीओ में अपने सामर्थ्य के अनुसार दान करें।  

मूलांक 7

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 7 के जातक इस सप्ताह ऊर्जा और आत्मविश्वास से भरे रहेंगे। साथ ही, भाग्य आपका साथ देगा और आप खुद को भाग्यशाली महसूस करेंगे। इस अवधि में कार्यों में की गई मेहनत के परिणाम अब आपको मिलेंगे। इसके अलावा, आपका झुकाव आध्यात्मिकता के प्रति बढ़ेगा और ऐसे में, चैरिटेबल संस्थाओं में दान करते हुए दिखाई दे सकते हैं। 

प्रेम जीवन: बात करें प्रेम जीवन की तो, मूलांक 7 के जातकों को इस सप्ताह रिश्ते में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है जिसकी वजह बेकार का अहंकार और मतभेद हो सकते हैं। ऐसे में, आपको अहंकार और विवादों से बचना होगा। दूसरी तरफ, इस अवधि में प्रेम और विवाह से जुड़े मामले आपके नियंत्रण में होंगे।

शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में जो छात्र पुलिस या आर्मी में भर्ती के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, वह इस अवधि में परीक्षा में सफल हो सकते हैं।

पेशेवर जीवन: मूलांक 7 के जिन जातकों का प्रमोशन, वेतन वृद्धि या फिर नौकरी में किसी भी तरह का सकारात्मक बदलाव अटका हुआ था, तो अब वह आपको मिल सकता है। कार्यक्षेत्र में इस दौरान आप उत्साह से भरे रहेंगे और आपकी नेतृत्व क्षमताओं को भी सराहा जाएगा। 

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के लिहाज़ से, यह सप्ताह आपके लिए शानदार रहेगा। इस दौरान आपको अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता और शारीरिक क्षमता को बनाए रखना होगा। ऐसे में, आपको संतुलित खानपान अपनाने और योग करने की सलाह दी जाती है। 

उपाय: नियमित रूप से ध्यान करें और बेसहारा कुत्तों की सेवा करें। 

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

मूलांक 8 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 8 के अंतर्गत जन्म लेने वाले जातकों को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में देरी देखने को मिल सकती है जिससे आप चिड़चिड़े रह सकते हैं। ऐसे में, आपको खुद को नियंत्रित करने के लिए ध्यान करने और आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने की सलाह दी जाती है।

प्रेम जीवन: यह सप्ताह उन जातकों के लिए बोरिंग रह सकता है जो रिलेशनशिप में हैं। इस दौरान रिश्ते के प्रति आपका शांत व्यवहार साथी को दुखी कर सकता है। इन तरह की बातें ही आप दोनों के बीच तनाव का कारण बन सकती हैं। 

शिक्षा: मूलांक 8 के जो छात्र रिसर्च या फिर साहित्य और हिस्ट्री जैसे विषयों में पीएचडी की पढ़ाई कर रहे हैं, उनके लिए यह सप्ताह शानदार रहेगा। साथ ही, आपकी रुचि माइथोलॉजी, ज्योतिष या गूढ़ विज्ञान जैसे विषयों को पढ़ने में हो सकती है। 

पेशेवर जीवन: जब बात आती है मूलांक 8 के जातकों के पेशेवर जीवन की तो, इस सप्ताह यह लोग अपनी वर्क लाइफ को लेकर असंतुष्ट नज़र आ सकते हैं। अगर आप कुछ नया शुरू करना चाहते हैं, तो यह अवधि आपको प्रगति पाने में सहायता करेगी। साथ ही, आपके जीवन को एक उद्देश्य भी मिलेगा। 

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य को देखें तो, इस सप्ताह मूलांक 8 वालों को छोटे-मोटे रोग परेशान कर सकते हैं। साथ ही, आपको पाचन से जुड़ी समस्याएं भी रह सकती हैं इसलिए आपको सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इन लोगों को स्वस्थ खानपान अपनाने के साथ-साथ व्यायाम को भी दिनचर्या में शामिल करना होगा। 

उपाय: इस सप्ताह स्वयं को प्राथमिकता दें और अपनी जरूरतों को नज़रअंदाज़ न करें।

मूलांक 9

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, या 27 तारीख को हुआ है)

मूलांक 9 के जातक इस सप्ताह अपने लक्ष्यों को पाने के लिए अत्यधिक समर्पित रहेंगे। इस दौरान आपको कार्य करते समय सावधानी बरतनी होगी क्योंकि आप घमंडी और आत्मकेंद्रित हो सकते हैं। ऐसे में, आप अपने प्रियजनों को ठेस पहुंचा सकते हैं।

प्रेम जीवन: इस सप्ताह मूलांक 9 वालों को अपने अहंकार और क्रोध पर नज़र बनाए रखनी होगी क्योंकि इसका असर आपके वैवाहिक जीवन पर पड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप, आपको अपने गुस्से को काबू में रखने की सलाह दी जाती है। 

शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में मूलांक 9 के जो जातक किसी भी तरह के परिणाम का इंतज़ार कर रहे हैं, उनके लिए यह अवधि बहुत अच्छी साबित होगी क्योंकि आप परीक्षा पास करने में सफल रहेंगे। वहीं, जो छात्र पुलिस या डिफेन्स से जुड़ी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं, उनके लिए यह हफ़्ता शुभ रहेगा। 

पेशेवर जीवन: मूलांक 9 के जो जातक पुलिस, डिफेंस या खेलों से जुड़े हैं, उनके लिए यह सप्ताह अत्यंत फलदायी रहेगा। इस अवधि में आप उत्साह से भरे रहेंगे और आपके बेहतरीन नेतृत्व क्षमताओं की सराहना की जाएगी। 

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से, मूलांक 9 वाले इस सप्ताह मज़बूत और स्वस्थ रहेंगे। लेकिन आपको यात्रा और ड्राइव करते समय बहुत सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। 

उपाय: मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करें और हनुमान जी को चोला चढ़ाएं। 

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

शनि का अंक कौन सा है?

अंक ज्योतिष के अनुसार, शनि देव का अंक 8 माना गया है। 

मूलांक 1 वालों का स्वामी ग्रह कौन है?

सूर्य देव को मूलांक 1 का अधिपति देव माना जाता है। 

मूलांक 2 वाले कैसे होते हैं?

मूलांक 2 के जातक बेहद भावुक और कल्पनाशील होते हैं।   

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर, शुभ व अशुभ, कैसे मिलेंगे आपको परिणाम? जानें!

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर, शुभ व अशुभ, कैसे मिलेंगे आपको परिणाम? जानें!

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: ग्रहों के राजकुमार के नाम से विख्यात बुध देव को ज्योतिष शास्त्र में तेज़ गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है। ऐसे में, बुध ग्रह की दशा, दिशा और स्थिति में समय-समय पर बदलाव होता रहता है, इसलिए यह अक्सर उदित, अस्त, वक्री और मार्गी भी होते हैं।

इसके परिणामस्वरूप, बुध महाराज की स्थिति में होने वाले हर परिवर्तन को महत्वपूर्ण माना जाता है जो मनुष्य जीवन को गहराई से प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। अक्टूबर 2025 में दूसरी बार बुध ग्रह गोचर करते हुए वृश्चिक राशि में प्रवेश करने के लिए तैयार है। बता दें कि इनका यह गोचर संसार समेत राशियों को प्रभवित्व कर सकता है। 

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एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष लेख के अंतर्गत आपको “बुध का वृश्चिक राशि में गोचर” से जुड़ी जानकारी विस्तारपूर्वक प्राप्त होगी जैसे तिथि और समय आदि। साथ ही, बुध के इस राशि परिवर्तन से किन राशियों का होगा भाग्योदय और किन राशियों को उठाने पड़ेंगे कष्ट? करियर और व्यापार में आएगी समस्या या फिर दूर होगी हर बाधा आदि सवालों का जवाब प्राप्त होगा। इसके अलावा, वृश्चिक राशि में कौन-कौन से ग्रह युति करेंगे और इस दौरान किए जाने वाले उपाय भी प्रदान करेंगे, इसलिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना जारी रखें।

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: तिथि और समय 

बुध देव के तेज़ गति से चलने के कारण इनका गोचर हर 23 से 27 दिनों में होता है। अक्टूबर के महीने में यह दूसरी बार गोचर करते हुए 24 अक्टूबर 2025 की दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे। बता दें कि बुध का यह गोचर मंगल देव की राशि में होगा और मंगल और बुध दोनों एक-दूसरे से शत्रुता रखते हैं इसलिए इस गोचर को अनुकूल नहीं कहा जा सकता है।

यहां बुध देव लगभग एक महीने रहेंगे और इस दौरान वह अस्त और वक्री भी होंगे जिसका प्रभाव संसार और राशियों पर नज़र आ सकता है। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं वृश्चिक में होने वाली ग्रहों की युति के बारे में।

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: वृश्चिक राशि में बुध-मंगल की होगी युति 

 ज्योतिष में बुध महाराज जहां बुद्धि, संचार, तर्क, मित्रता और चतुराई के कारक ग्रह माने जाते हैं, तो वहीं मंगल देव भाई, ऊर्जा, बुद्धि, साहस, युद्ध और पराक्रम के ग्रह हैं। साथ ही, यह दोनों ग्रह एक-दूसरे से शत्रुता का भाव रखते हैं और इन दोनों का एक साथ एक राशि में बैठना शुभ नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में, अब जल्द ही मंगल और बुध की युति देखने को मिलेगी। 

जब बुध महाराज का 24 अक्टूबर 2025 को वृश्चिक राशि में गोचर होगा, ठीक उसके 3 दिन बाद यानी कि 27 अक्टूबर 2025 को मंगल ग्रह भी अपनी राशि वृश्चिक में आ जाएंगे। इसके परिणामस्वरूप, मंगल और बुध दोनों ग्रह एक माह तक यानी 23 नवंबर 2025 तक साथ रहेंगे। 

हालांकि, यह एक नकारात्मक स्थिति होगी। मंगल और बुध की युति का दुष्प्रभाव संसार पर दिखाई दे सकता है और ऐसे में, विश्व में तनाव में बढ़ोतरी होगी। साथ ही, इस दौरान लोगों के बीच वाद-विवाद और लड़ाई-झगडे की स्थिति बनेगी, इसलिए इस दौरान सभी राशि के जातकों को सावधानी बरतते हुए आगे बढ़ना होगा। 

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर का प्रभाव 

  • बुद्धि और वाणी के ग्रह बुध देव जब वृश्चिक राशि में उपस्थित होते हैं, उस समय जातकों का सारा ध्यान रिसर्च करने पर केंद्रित होता है। 
  • वृश्चिक राशि में बुध के तहत जन्मे जातक अपने विश्वास या मत पर अडिग रहते हैं। 
  • एक ओर, वृश्चिक राशि आपको बातों या चीज़ों को छुपाने के लिए प्रोत्साहित करती है और दूसरी तरफ, बुध देव को अभिव्यक्ति का ग्रह माना जाता है।  
  • जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह वृश्चिक राशि में विराजमान होते हैं, तो ऐसे लोगों के चेहरे को देखकर कोई आपके मन के भाव को जान नहीं सकता है क्योंकि जैसा आपको दिखाई दे रहा होता है, वैसा हो जरूरी नहीं होता है।
  • कुंडली में बुध वृश्चिक राशि में उपस्थित होने पर जातक नए-नए आविष्कार करने वाला, रिसर्चर, रहस्यवादी, जासूस और वैज्ञानिक आदि बनता है। 
  • अगर बुध देव की स्थिति इस राशि में अशुभ होती है, तो आपको हैकर, मनोरोगी और चोर बनाने का काम कर सकती है। 
  • इनकी अशुभ स्थिति के प्रभाव से व्यक्ति खतरनाक और रहस्यमयी बनता है।
  • साथ ही, बुध की वृश्चिक राशि में कमज़ोर स्थिति होने पर या किसी दूसरे पापी ग्रह का प्रभाव होने पर हालात बद से बदतर हो जाते हैं। 

आइए अब हम आपको बुध ग्रह के बारे में विस्तृत जानकारी।

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: कौन हैं बुध ग्रह?

वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को नवग्रहों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है और यह सूर्य के सबसे नज़दीक स्थित हैं। हालांकि, बुध को एक शुभ ग्रह माना गया है और इन्हें “ग्रहों के युवराज” का पद भी प्राप्त है। लेकिन, द्विस्वभाव होने के कारण यह जिस ग्रह के साथ मौजूद होते है, उसके अनुसार ही परिणाम देते हैं।

अगर बुध महाराज आपकी कुंडली में शुभ ग्रहों जैसे गुरु, शुक्र और चंद्रमा के साथ स्थित होते हैं, तो आपको कार्यों में सकारात्मक परिणाम देंगे। अगर यह कुंडली में किसी अशुभ या पापी ग्रह के साथ बैठ जाते हैं, तो आपको अशुभ फल प्रदान करते हैं।

इसके अलावा, बुध देव सभी राशियों में मिथुन और कन्या राशि के अधिपति देव हैं। यह कन्या राशि में उच्च और मीन राशि में नीच अवस्था में होते हैं। बात करें 27 नक्षत्रों की, तो बुध महाराज अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र के स्वामी हैं। इसके अलावा, सूर्य और शुक्र को बुध के मित्र माना जाता है जबकि चंद्रमा और मंगल इनके शत्रु हैं। बुध महाराज का वर्ण हरा है और इन्हें सप्ताह में बुधवार का दिन समर्पित है।

यदि किसी की कुंडली में बुध अशुभ होते हैं, तो इसका नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति की वाणी, व्यापार और निर्णय लेने की क्षमता को सीधे तौर पर प्रभावित करता है और नौकरी में घाटा, व्यापार में हानि जैसी समस्याएं जन्म लेने लगती हैं, इसलिए इनकी भूमिका मनुष्य जीवन में विशेष हो जाती है।

धार्मिक दृष्टि से, बुध देव को शांति, समृद्धि और सुख का प्रतीक माना जाता है। इनके इष्ट देव भगवान गणेश और श्रीकृष्ण हैं इसलिए इनकी पूजा से बुध ग्रह प्रसन्न होते हैं। जब बात आती है इनके स्वभाव की, तो बुध ग्रह को शांत और कोमल स्वभाव का बताया जाता है। इनकी वाणी बहुत मधुर मानी जाती है जो दूसरों को मोहित करने में सक्षम हैं। बुध देव की माता देवी तारा और पिता चंद्र हैं। 

बुध ग्रह की स्थिति का जीवन पर प्रभाव 

  • बुध महाराज को बुद्धि के देवता माना गया है इसलिए यह व्यक्ति की बुद्धि को नियंत्रित करते हैं। इनकी मज़बूत स्थिति के प्रभाव से व्यक्ति न सिर्फ़ बुद्धि से जुड़े कार्यों में सफलता प्राप्त करता है, बल्कि यह व्यक्ति के सोए हुए भाग्य को भी जगाती है। 
  • साथ ही, बुध महाराज उत्तर दिशा के स्वामी हैं और इस दिशा को कुबेर देवता का निवास स्थान माना जाता है। साथ ही, यह हमारे जीवन में विचारों, तर्क, निर्णय लेने की क्षमता और तर्क को नियंत्रित करते हैं। 
  • ज्योतिष में बुध को आमतौर पर सीखने, बहुमुखी प्रतिभा और खुद की अभिव्यक्ति से जोड़ा जाता है.
  • सौरमंडल में बुध के सबसे निकट सूर्य देव हैं और इन्हें कालपुरुष की कुंडली में तीसरे और छठे भाव पर स्वामित्व हैं। 
  • ज्योतिष की मानें तो, बुध ग्रह के गोचर और स्थिति में बदलाव का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से असर पृथ्वी पर होने वाली घटनाओं पर पड़ता है।
  • कुंडली में बुध बलवान हो या फिर ऐसे जातक जिनकी कुंडली में बुध उच्च अवस्था में हो, तो ऐसे व्यक्ति स्वभाव से हंसमुख होता है और यह जीवन को खुलकर जीवन पसंद करते हैं। इन जातकों को दूसरों के साथ हंसी-मजाक करते हुए देखा जा सकता है। 

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: बुध देव से जुड़े अनकहे रहस्य 

बात करें बुध ग्रह की, तो ऐसे अनेक रोचक तथ्य और रहस्य हैं जिनके बारे में आज भी दुनिया को जानकारी नहीं है। यहाँ हम आपको बुध देव से जुड़ी ऐसी ही बातें बताने जा रहे हैं। 

  • वैदिक ज्योतिष में बुध देव को तारा पुत्र, शशि और चंद्रज आदि नामों से जाना जाता है क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,  चंद्र देव तथा बृहस्पति देव की पत्नी तारा से बुध ग्रह का जन्म हुआ था। 
  • हालांकि, बुध देव का पालन-पोषण चंद्र देव की पत्नियों रोहिणी और कृतिका ने किया था जो 27 नक्षत्रों में भी शामिल हैं। 
  • भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर बुध महाराज से वरदान में वैदिक विचारों और सभी कलाएं प्रदान की थीं।
  • नवग्रहों में बुध देव एकमात्र ऐसे ग्रह हैं जो हमेशा से सूर्य देव के सानिध्य में रहे हैं इसलिए सूर्य के प्रभाव से अस्त होने पर इन्हें दोष नहीं लगता है । 

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: बुध का करियर पर प्रभाव 

जैसे कि हमने आपको ऊपर बताया है कि बुध देव वाणी, संचार और बुद्धि के ग्रह हैं, लेकिन यह व्यक्ति के करियर और व्यापार को भी नियंत्रित करते हैं। इनकी दशा और दिशा ही व्यापार में सफलता का निर्धारण करती है। ऐसे में, कुंडली के विभिन्न भावों में बुध महाराज की स्थिति आपके करियर के बारे में काफ़ी कुछ बता सकती है।  

  • अगर कुंडली में बुध ग्रह का संबंध शनि और केतु से बनता है और साथ ही, कुंडली का दसवां भाव भी प्रभावित होता है, तो व्यक्ति का झुकाव तकनीक की तरफ होता है। 
  • अगर कुंडली के पांचवें भाव से बुध ग्रह संबंधित होता है और यह संबंध लग्न के स्वामी, लग्नेश, तृतीय भाव के स्वामी, तृतीयेश और दसवें भाव के स्वामी दशमेश से बन रहा होता है, तो जातक संचार से जुड़े क्षेत्रों में करियर बनाता है। 

बुध ग्रह से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी से आपको अवगत करवाने के बाद, आइए नज़र डालते हैं बुध से बनने वाले अशुभ योगों पर। 

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बुध ग्रह से निर्मित अशुभ योग 

कुंडली में जब कभी बुध महाराज किसी शत्रु ग्रह के साथ युति करते हैं या फिर उन पर दृष्टि डालते हैं, तो अनेक तरह के योगों के जन्म लेने की संभावना होती है। बुध ग्रह से कौन से अशुभ योग जन्म लेते हैं? चलिए जानते हैं। 

बुध-शनि योग

कुंडली में बुध-शनि योग उस समय बनता है जब कुंडली में किसी राशि या भाव में बुध और शनि एक साथ बैठकर युति का निर्माण करते हैं। इस अशुभ योग का प्रभाव जातक को हद से ज्यादा विश्लेषणात्मक और आलोचना करने वाला बना सकता है। साथ ही, आप डिप्रेशन का शिकार भी हो सकते हैं। 

बुध ग्रह दोष 

बुध ग्रह दोष को भी एक अशुभ योग माना जाता है और इसका निर्माण कुंडली में उस समय होता है जब बुध देव क्रूर और पापी ग्रह शनि, मंगल या राहु के साथ युति करते हैं या उनकी दृष्टि इन पर पड़ रही होती है। इस योग के प्रभाव से जातक को संचार, शिक्षा और व्यापार से जुड़े क्षेत्रों में समस्या का सामना करना पड़ता है। 

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: सरल एवं प्रभावी उपाय

  • बुध ग्रह की कृपा पाने के लिए नियमित रूप से ‘ॐ बुधाय नमः’ मंत्र का 9, 18 या 27 बार जाप करें। 
  • कुंडली में बुध को बलवान करने के लिए आप पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं। लेकिन, इस रत्न को पहनने से पहले आप किसी अनुभवी और विद्वान ज्योतिषियों से सलाह अवश्य लें। 
  • बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें मोदक का भोग अवश्य लगाएं। 
  • बुध महाराज का आशीर्वाद पाने के लिए बुधवार के दिन किन्नरों को हरे रंग की वस्तुओं का दान करें जैसे हरे रंग की साड़ी और चूड़ियां आदि। 
  • सोने की अंगूठी, चैन या कोई रत्न धारण करने से भी बुध ग्रह मज़बूत होते हैं। 
  • बुध देव को प्रसन्न करने के लिए बुधवार के दिन मूंग दाल और कांसे के बर्तन का दान कर सकते हैं।  

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा छठे… (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा पांचवें भाव… (विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके राशि स्वामी होने के साथ… (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा … (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में लाभ भाव और धन भाव… (विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके राशि स्वामी होने के साथ-साथ … (विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके भाग्य भाव और बारहवें भाव के… (विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में आठवें भाव और लाभ भाव… (विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

धनु राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में सातवें और दसवें भाव … (विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके छठे भाव और भाग्य भाव के स्वामी हैं जो… (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में पांचवें और आठवें भाव के… (विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके चौथे भाव और सातवें भाव के स्वामी… (विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर कब होगा?

बुध देव 24 अक्टूबर 2025 को वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे।

वृश्चिक राशि का स्वामी कौन है?

राशि चक्र की आठवीं राशि वृश्चिक के स्वामी मंगल देव हैं। 

बुध ग्रह वृश्चिक राशि में कैसे फल देते हैं?

वृश्चिक बुध ग्रह की शत्रु राशि है इसलिए इनसे ज्यादा अच्छे परिणाम न मिलने की संभावना है।

मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: देश-दुनिया सहित शेयर बाजार को किस तरह करेगा प्रभावित? जानें!

मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: देश-दुनिया सहित शेयर बाजार को किस तरह करेगा प्रभावित? जानें!

मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज एआई हमेशा से अपने पाठकों को ज्योतिष की दुनिया में होने वाली घटनाओं की जानकारी सबसे पहले देता आया है, ताकि आप ग्रहों की चाल, दशा और दिशा में होने वाले हर परिवर्तन से अवगत रह सकें। अब इसी क्रम में, युद्ध, साहस एवं पराक्रम के कारक ग्रह मंगल की राशि में बदलाव होने जा रहा है जिसका प्रभाव संसार पर दिखाई दे सकता है।

बता दें कि मंगल ग्रह अब 27 अक्टूबर 2025 की दोपहर 02 बजकर 43 मिनट पर अपनी राशि वृश्चिक में गोचर करने जा रहे हैं और ऐसे में, इनका यह गोचर पंच महापुरुष योग में से एक रूचक योग का निर्माण करेगा। 

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वैदिक ज्योतिष में मंगल देव को उग्र स्वभाव का ग्रह माना जाता है जो साहस, ऊर्जा और लक्ष्यों को पाने की दिशा में उठाए गए कदमों को दर्शाते हैं। साथ ही, यह व्यक्ति की समस्याओं से लड़ने की और आंतरिक क्षमता का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन्हें सभी नवग्रहों में सेनापति और युद्ध के देवता के नाम से प्रसिद्ध मंगल ग्रह को जुनून, महत्वाकांक्षा, सहनशक्ति और दृढ़ता का मुख्य ग्रह माना जाता है।

साथ ही, यह नियंत्रण से बाहर होने पर आक्रामकता, क्रोध और संघर्ष को भी दर्शाते हैं। इसके अलावा, मंगल महाराज जीवनशक्ति, ताकत, भूमि, संपत्ति और तकनीकी क्षमताओं को भी नियंत्रित करते हैं और इनका प्रभाव करियर में रक्षा, इंजीनियरिंग, सर्जरी और स्पोर्ट्स जैसे क्षेत्रों को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखते हैं। 

कुंडली में मंगल ग्रह की मज़बूत अवस्था व्यक्ति को जीवन में आत्मविश्वास, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता आदि गुणों का आशीर्वाद देती है, जबकि मंगल देव की कुंडली में कमज़ोर या दुर्बल अवस्था आवेग, वाद-विवाद और दुर्घटनाओं की वजह बनती है। सामान्य शब्दों में, मंगल ग्रह हमारे जीवन को आकार देते हैं कि हम अपनी ऊर्जा का उपयोग किस तरह से और किस दिशा में करते हैं, इसके माध्यम से निर्धारित करते हैं कि वह हमारे जीवन को प्रगति या विनाश की तरफ लेकर जाएंगे।

मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: विशेषताएं 

जब मंगल महाराज वृश्चिक राशि में अपनी स्वयं की राशि में विराजमान होते हैं, तब जातक बहुत साहसी और बहादुर होता है। यह जातक ऐसी किसी भी घटना को भूलना या ऐसे व्यक्ति को माफ़ करने में असमर्थ होते हैं, जिसकी वजह से उनको कभी बुरा महसूस हुआ हो। यह जातक अपने आसपास सुरक्षा का एक ऐसा चक्र बना लेते हैं जिसे पार करना दूसरों के लिए बहुत मुश्किल होता है। अगर कोई व्यक्ति इनकी सहायता करने का प्रयास करता है, तो यह काफ़ी सोच-विचार में आ जाते हैं और एक बारी में किसी की मदद स्वीकार नहीं करते हैं।  

मंगल की वृश्चिक राशि में मौजूदगी जीवन में एक नई शुरुआत की तरफ संकेत करती है। यह जातक बेहद गुस्सैल होते हैं जो स्वयं को भी नुकसान पहुंचा लेते हैं। हालांकि, चाहे मित्रता हो या शत्रुता, आप दोनों को ही सच्चाई और ईमानदारी से निभाते हैं। वृश्चिक राशि में मंगल के तहत जन्मे जातक अपने लिए एक सीमा का निर्धारण कर लेते हैं और साथ ही, इनका व्यक्तित्व भावनात्मक रूप से काफ़ी मज़बूत होता है। 

जब कभी आप किसी कारण से उदास होते हैं, तो आपको ऐसा महसूस होता है कि जैसे दुनिया खत्म हो रही है। इसके विपरीत, जब यह जातक प्रेम में होते हैं, तो अपने जीवन का आनंद लेते हुए दिखाई देते हैं। इस जातकों के व्यक्तित्व का सबसे बड़ा गुण होता है कि यह लोग जिनसे प्यार करते हैं और जिन पर भरोसा करते हैं, उन्हें भी इनके मन की छिपी भावनाओं के बारे में पता नहीं होता है। अज्ञात बातों को जानना और अपने मन की आवाज़ सुनना इन लोगों को पसंद होता है। साथ ही, यह जातक समय आने पर अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने में सक्षम होते हैं। 

मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर से बनेगा शुभ योग 

मंगल का वृश्चिक राशि में प्रवेश होने से एक बेहद शुभ योग का निर्माण होगा। बता दें कि वैदिक ज्योतिष में पंच महापुरुष योगों में से एक है रूचक योग। कुंडली में रूचक योग का निर्माण उस समय होता है जब साहस, शक्ति और जीवनशक्ति के कारक ग्रह मंगल महाराज केंद्र भाव (पहले, चौथे, सातवें या दसवें भाव) में अपनी राशि मेष या वृश्चिक राशि में बैठे होते हैं या फिर मंगल अपनी उच्च राशि मकर में उपस्थित होते हैं। इस योग के आशीर्वाद से जातकों को साहस, नेतृत्व क्षमता, प्रसिद्धि, शारीरिक मज़बूती और अधिकार की प्राप्ति होती है।

साथ ही, व्यक्ति निडर, बेखौफ़ और महत्वाकांक्षी बनता है और जीवन की चुनौतियों से लड़ने में सक्षम होता है। रूचक योग के प्रभाव से व्यक्ति की नेतृत्व क्षमता मज़बूत होती है और ऐसे में, वह करियर, राजनीति, रक्षा और प्रशासन से जुड़े क्षेत्रों में अधिकार हासिल करने में कामयाब रहता है। इस प्रकार, मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर कुछ राशियों के लिए बहुत शुभ रहेगा जिसके बारे में हम आगे विस्तार से बात करेंगे। 

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मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: इन राशियों के लिए रहेगा बेहद शुभ

मिथुन राशि 

मिथुन राशि वालों की कुंडली में मंगल महाराज आपके छठे और ग्यारहवें भाव के अधिपति देव है। अब इनका गोचर आपके छठे भाव में होने जा रहा है और यह भाव कुंडली में शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतिस्पर्धा और मामा आदि का प्रतिनिधित्व करता है। ज्योतिष के अनुसार, मंगल देव की छठे भाव में मौजूदगी जातक को आरामदायक महसूस करवाती है क्योंकि यह अपनी राशि में बैठे होते हैं इसलिए वृश्चिक राशि में इनकी स्थिति मज़बूत मानी जाएगी। ऐसे में, मंगल देव का यह गोचर आपके लिए काफ़ी सकारात्मक कहा जाएगा। मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर होने से आप प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करेंगे और अपने प्रतिद्वंदियों पर जीत हासिल कर सकेंगे। इसके अलावा, मंगल का यह गोचर आपके सामने उन दोस्तों की हकीकत सामने लेकर आएगा जो आपको धोखा दे सकते हैं या फिर आपके खिलाफ भी होंगे।    

बता दें कि मंगल के वृश्चिक राशि में प्रवेश की अवधि को किसी भी तरह के निवेश के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है। लेकिन अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपको अपनी पहचान अज्ञात रखने की सलाह दी जाती है, अन्यथा आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मंगल ग्रह कई तरह से लोगों के जीवन को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। इसके अलावा, मंगल महाराज की चौथी दृष्टि आपके नौवें भाव पर, सातवीं दृष्टि आपके बारहवें भाव पर और आठवीं दृष्टि आपके लग्न भाव/पहले भाव पर होगी। ऐसे में, इस दौरान आपकी अपने पिता के साथ छोटी-मोटी बहस हो सकती है इसलिए आपको उनके स्वास्थ्य पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है, क्योंकि आपका नौवां भाव मंगल द्वारा प्रभावित होगा। 

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों की कुंडली में मंगल देव आपके योगकारक ग्रह हैं क्योंकि यह आपके केंद्र (दसवें भाव) और त्रिकोण भाव (पांचवें भाव) के स्वामी हैं। बता दें कि मंगल का यह गोचर आपके पांचवें भाव में होने जा रहा है जिसे पूर्व पुण्य का भाव भी कहा जाता है। व्यक्ति के जीवन में पांचवां भाव शिक्षा, रोमांस, संतान और रिलेशनशिप को दर्शाता है। 

दूसरी तरफ, मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर कर्क राशि के छात्रों के लिए शानदार रहेगा, विशेष रूप से मेडिकल या इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वालों के लिए। इस राशि के माता-पिता अपनी संतान के आक्रामक और व्यवहार की वजह से तनाव में आ सकते हैं। मंगल गोचर के दौरान कर्क राशि की गर्भवती महिलाओं को अपना ध्यान रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि आपको अत्यधिक गर्मीं लगने की समस्या परेशान कर सकती है। 

कर्क साप्ताहिक राशिफल

सिंह राशि 

सिंह राशि वालों के लिए मंगल देव आपकी कुंडली में बेहद लाभकारी और योग कारक ग्रह हैं क्योंकि यह आपके नौवें भाव (त्रिकोण) और चौथे भाव (केंद्र) के स्वामी हैं। वर्तमान समय में आपके योगकारक ग्रह का गोचर आपके चौथे भाव में होगा जिसका संबंध माता, आपके घर, आपकी कार और आपकी संपत्ति से होता है। इसके फलस्वरूप, मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर आपके लिए काफ़ी अच्छे परिणाम लेकर आ सकता है। हालांकि, मंगल गोचर की अवधि कार खरीदने या रियल एस्टेट में धन निवेश करने के लिए अनुकूल रहेगी। बता दें कि यह अवधि आपके पारिवारिक जीवन में समस्याएं पैदा कर सकती हैं जिसके चलते आपकी अपनी माता या जीवनसाथी के साथ मतभेद या बहस भी हो सकती है। 

इस अवधि में आपको घर-परिवार की समस्याओं का कम करने और लाभ को बढ़ाने के लिए प्रयास करने होंगे क्योंकि वृश्चिक राशि में मंगल गोचर के दौरान मंगल देव आपके सातवें भाव और ग्यारहवें भाव को प्रभावित करेंगे जो आपके चौथे भाव में उपस्थित होंगे। कुंडली के चौथे भाव में बैठकर यह आपके सातवें भाव को देखेंगे और इसके फलस्वरूप, आप जीवनसाथी को लेकर अत्यधिक सुरक्षात्मक हो सकते हैं।इस प्रकार, आपका यह व्यवहार आप दोनों के बीच विवाद की वजह बन सकता है। इसके अलावा, मंगल देव का दसवें और ग्यारहवें भाव पर प्रभाव आपको करियर में तरक्की पाने के लिए ध्यान केंद्रित करने की सलाह दे रहा है जो सिंह राशि के नौकरीपेशा जातकों के लिए फलदायी रहेगा। कुल मिलाकर, यह अवधि आपकी कंपनी, पेशेवर जीवन के रिश्ते, आर्थिक जीवन और लाभ के लिए लाभदायक रहेगी। 

सिंह साप्ताहिक राशिफल

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए मंगल ग्रह आपके लग्न भाव और छठे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके लग्न भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर आपके लिए लाभकारी कहा जा सकता है। ऐसे में, यह आपके मान-सम्मान को बढ़ाएगा और आपके लिए कल्याणकारी साबित होगा। वहीं, इस राशि के जो छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं या फिर एथलीट हैं, उनके लिए यह समय बहुत शुभ साबित होगा। लेकिन, मंगल महाराज की यह स्थिति आपको आक्रामक और दूसरों पर हावी होने वाला भी बना सकती है। अगर आप किसी कानूनी विवाद में फंसे हैं, तो इस दौरान आपको इन मामलों को बहुत धैर्य और बुद्धिमानी से सुलझाना होगा। 

मंगल गोचर की इस अवधि में आपको हर कदम पर अपने जीवनसाथी का साथ मिलेगा। हालांकि, मंगल की सातवीं दृष्टि आपके सातवें भाव पर होना बिज़नेस पार्टनरशिप के लिए लाभदायक रहेगी। साथ ही, मंगल के इस गोचर के दौरान आप अपने गुस्से और आक्रामकता के कारण अपने जीवनसाथी के साथ बहस या विवाद में पड़ सकते हैं। इसके फलस्वरूप, आपको अपने व्यवहार और गुस्से दोनों पर नज़र बनाए रखनी होगी, ताकि आपके रिश्ते साथी के साथ मज़बूत बने रहें। वहीं, मंगल ग्रह की आठवीं दृष्टि आपके आठवें भाव पर होना जीवनसाथी के साथ संयुक्त संपत्ति और नए व्यापार की शुरुआत की तरफ इशारा कर रही है। 

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मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए मंगल ग्रह आपके चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। कुंडली में ग्यारहवां भाव धन लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहन और मामा आदि का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में, मंगल देव का ग्यारहवें भाव में गोचर धन लाभ की दृष्टि से फलदायी कहा जाएगा जो आपको अच्छा ख़ासा लाभ प्रदान कर सकता है। इस अवधि में रियल एस्टेट में किया गया निवेश आपके लिए लाभदायक साबित होगा। साथ ही, आप विभिन्न स्रोतों से धन कमाने में सक्षम होंगे। 

इस प्रकार, मंगल का यह गोचर धन से जुड़ी दीर्घकालिक योजनाएं बनाने के लिए बहुत शुभ समय रहेगा। इसके अलावा, इस दौरान आपको अपने मामा और बड़े भाई-बहनों से सहायता प्राप्त होगी। आपकी कुंडली के ग्यारहवें भाव में बैठकर मंगल आपके दूसरे, पांचवें और छठे भाव को देख रहे होंगे। हालांकि, आपके दूसरे भाव पर मंगल की चौथी दृष्टि को धन से जुड़े मामलों के लिए बहुत शुभ माना जाएगा, लेकिन यह आपको अपने घर-परिवार को लेकर काफ़ी सुरक्षात्मक बना सकता है। 

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कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल देव आपके तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब गोचर करके आपके दसवें भाव में जा रहे हैं। ऐसे में, मंगल की यह स्थिति रूचक योग का निर्माण करेगी क्योंकि दसवें भाव में मंगल ग्रह को दिग्बल यानी दिशाओं का बल प्राप्त होता है। साथ ही, इस भाव में मंगल की स्थिति को बहुत शुभ माना जाता है और ऐसे में, यह आपको कार्यक्षेत्र पर शानदार प्रदर्शन करने का साहस प्रदान करेंगे।

जैसे कि मंगल देव आपके दसवें भाव में बैठकर आपके लग्न भाव/पहले भाव, चौथे भाव और पांचवें भाव को प्रभावित करेंगे। ऐसे में, इनकी दृष्टि करियर के क्षेत्र में आपकी स्थिति को मज़बूत बनाएगी। इस राशि के जिन जातकों का संबंध रियल एस्टेट या इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री से है, वह इस अवधि में किसी डील के माध्यम से अच्छा लाभ प्राप्त करेंगे। वहीं, जो जातक फैमिली बिज़नेस करते हैं, उनके छोटे भाई-बहन या रिश्तेदार आपके व्यापार में शामिल होने की इच्छा ज़ाहिर कर सकते हैं। 

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए मंगल देव का गोचर आपके धर्म, भाग्य और पिता के भाव यानी कि नौवें भाव में होगा। बता दें कि आपकी कुंडली में मंगल ग्रह दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं। नौवां भाव पिता, दूर स्थान की यात्रा, तीर्थ स्थल, धर्म और सौभाग्य का भाव होता है, इसलिए इस दौरान आपका झुकाव धार्मिक कार्यों में बढ़ेगा और आपकी रुचि धर्म के गूढ़ रहस्यों को जानने में होगी। 

इसके अलावा, आप मंगल गोचर की अवधि में धार्मिक कार्यों के लिए दान आदि करेंगे और इस दौरान दान-पुण्य के कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। इस अवधि में आपको अपने पिता के साथ-साथ अपने गुरु का आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त होगा। मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर का समय परिवार के साथ किसी तीर्थ स्थल या धार्मिक यात्रा की योजना बनाने के लिए अनुकूल रहेगा। वहीं, मीन राशि के जो छात्र मास्टर की डिग्री या उच्च शिक्षा हासिल करने की सोच रहे हैं, तो वह इस समय इस दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। 

मीन साप्ताहिक राशिफल

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मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: इस राशि के लिए रहेगा अशुभ

कन्या राशि 

कन्या राशि वालों की कुंडली में मंगल ग्रह आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहा है जिसका संबंध भाई-बहनों, आदतों, छोटी दूरी की यात्राओं और संचार कौशल से होगा। साथ ही, यह आपके नौवें भाव के स्वामी हैं और इस भाव का संबंध अस्पष्टता और गोपनीयता से है जो आपके तीसरे भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं और इसे बेहद शुभ भाव माना जाता है। इस प्रकार, मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर आपके लिए कई तरह से लाभदायक रहेगा।

मंगल गोचर की अवधि आपको साहस, आत्मविश्वास और भरपूर ऊर्जा प्रदान करेगी। मंगल का यह गोचर आपके कार्यक्षेत्र के लिए अनुकूल रहेगा। हालांकि, आपको अपने भाई-बहनों, विशेषकर छोटे भाई के साथ आपका रिश्ता कैसा रहेगा, यह पूरी तरह से आपकी कुंडली में चल रही दशाओं पर निर्भर करता है।

बता दें कि इस अवधि में आपको निश्चित रूप से उनका साथ मिलेगा, लेकिन अष्टमेश के तीसरे भाव में बैठे होने के कारण आपको उनके साथ अप्रत्याशित वाद-विवाद का सामना करना पड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप, आपको उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा और साथ ही, उन्हें सावधानी से वाहन चलाने की सलाह दी जाती है।

मंगल देव की दृष्टि तीसरे भाव से आपके छठे भाव, नौवें भाव और दसवें भाव पर पड़ रही होगी। ऐसे में, इस अवधि में आपके पिता, गुरु और मेंटर जीवन में आगे बढ़ने में आपका मार्गदर्शन करेंगे, लेकिन मंगल की नौवें भाव पर दृष्टि होने से आपको अपनी सेहत पर ध्यान देना होगा। साथ ही, आपके करियर में लेकर सतर्क रहना होगा क्योंकि मंगल की दसवीं दृष्टि आपकी दसवें भाव पर होगी। 

कन्या साप्ताहिक राशिफल

मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: इस दौरान अपनाएं ये सरल और अचूक उपाय

  • मंगल देव को मज़बूत करने के लिए प्रतिदिन “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें। 
  • हनुमान जी को मंगलवार के दिन सिंदूर, चमेली का तेल और लाल फूल अर्पित करें।
  • साहस और सुरक्षा के लिए भगवान कार्तिकेय की पूजा करें।
  • मंगलवार को लाल रंग के कपड़े, गुड़, मसूर दाल या तांबे की वस्तुओं का दान करें।
  • मंगल से शुभ फल पाने के लिए अपने भाई-बहनों, सैनिकों या खेल से जुड़े लोगों की सहायता करें।
  • मंगल की ऊर्जा को मज़बूत करने के लिए योग, प्राणायाम या मार्शल आर्ट्स का अभ्यास करें। 
  • जल्दबाज़ी में फैसले लेने या कार्यों को करने से बचें। 

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मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: विश्व पर प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को साहस, युद्ध और ऊर्जा का ग्रह माना जाता है और अपनी राशि में विराजमान होने से इनकी ऊर्जा में वृद्धि होती है। वहीं, वृश्चिक राशि को रहस्यों की राशि माना जाता है और ऐसे में, मंगल गोचर की इस अवधि में दुनियाभर में कई बड़े बदलाव, भूमिगत संसाधनों, रिसर्च, तकनीक, शक्ति के लिए संघर्ष और सत्ता में अचानक से परिवर्तन देखने को मिल सकता है। 

राजनीतिक शक्ति के लिए संघर्ष और परिवर्तन 

  • भारत समेत दुनिया भर के कई देशों में सरकार के अंदर गुपचुप तरीके से गठबंधन बन सकते हैं, जो भविष्य में कोई बड़े बदलाव लेकर आ सकते हैं।
  • मंगल गोचर के दौरान राजनेताओं द्वारा आक्रामक रुख या नीतियां अपनाई जा सकती हैं और इससे विभिन्न देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र को लेकर तनाव पैदा हो सकता है।
  • इस अवधि में युद्ध होने, सीमाओं को लेकर संघर्ष बढ़ने और सेना के हस्तक्षेप करने की संभावना बनेगी।  
  • जब मंगल वृश्चिक राशि में मौजूद होंगे, उस समय कुछ देशों द्वारा हथियारों, सुरक्षा की नीतियों या फिर परमाणु हथियारों का परीक्षण हो सकता है। 

विज्ञान के क्षेत्र में खोज और आविष्कार 

जेनेटिक, मेडिसिन, गुप्त विज्ञान और अंतरिक्ष से जुड़ी तकनीक में कुछ बड़ी सफलता हाथ लग सकती है।   

सुरक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में गुप्त ज्ञान, रिसर्च और नए-नए आविष्कारों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर 

प्राकृतिक और पर्यावरण से जुड़ी घटनाएं 

  • मंगल के वृश्चिक राशि में उपस्थित होने से ज्वालामुखी फटना, भूकंप, बाढ़ और खनन से जुड़ी घटनाएं हो सकती हैं। 
  • जल से जुड़ी समस्याएं जैसे बांध, नदिया आदि वैश्विक समस्याओं का रूप ले सकती हैं। 
  • भारत समेत दुनियाभर के कई हिस्सों में मौसम में अचानक से बदलाव देखने को मिलेगा। 
  • मौसम में होने वाला असमय परिवर्तन फसलों को प्रभावित कर सकता है, विशेष रूप से फलों और सब्जियों की पैदावार पर असर पड़ सकता है, जिससे दुनिया में महंगाई बढ़ सकती है। 

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मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: विश्व पर प्रभाव

शेयर बाज़ार भविष्यवाणी के अनुसार, जब मंगल महाराज वृश्चिक राशि में बैठे होंगे, तब शेयर बाजार अस्थिर और उतार-चढ़ाव से भरा हो सकता है। जैसे कि मंगल ग्रह क्रोध, जोखिम उठाने और अचानक से कार्य करने को दर्शाते हैं जबकि वृश्चिक राशि रहस्य, गुप्त संपत्ति, तेल, खनन आदि से जुड़ी है। ऐसे में, यह अवधि बड़े परिवर्तन और आर्थिक स्थिति में अचानक से बदलाव लेकर आ सकती है। 

  • अग्नि तत्व के ग्रह मंगल और भूमिगत संसाधनों की राशि वृश्चिक की वजह से बाजार में अस्थिरता आ सकती है।
  • सीमाओं और भू-राजनितिक तनाव के चलते कच्चे तेल और प्राकृतिक गैसों की कीमत में अचानक से तेज़ी या गिरावट आने की आशंका है। 
  • मंगल गोचर की अवधि में सोना, चांदी और कीमती धातुओं के मूल्य में तेज़ी आने की प्रबल संभावना है। 
  • खनन से जुड़ी कंपनियों को लाभ हो सकता है, लेकिन इस दौरान कोई दुर्घटना होने या नियमों के सख़्त होने की आशंका है। 
  • यह समय सैन्य हथियारों और साइबर सुरक्षा से जुड़े क्षेत्रों में तेज़ी लेकर आएगा। 
  • साथ ही, सरकार द्वारा सैन्य बजट बढ़ाया जा सकता है। 

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

किन ग्रहों के साथ मंगल मित्रवत संबंध रखते हैं?

ज्योतिष के अनुसार, सूर्य, चंद्र और गुरु ग्रह के मंगल ग्रह के साथ मित्रवत संबंध हैं। 

मंगल ग्रह की मूल त्रिकोण राशि कौन सी है? 

मेष राशि को मंगल देव की मूल त्रिकोण राशि माना जाता है।

मंगल ग्रह की उच्च राशि कौन सी है?

मकर राशि में मंगल देव उच्च अवस्था में होते हैं। 

शुभ योग में मनाया जाएगा भाई दूज 2025, राशि अनुसार करें तिलक, भाग्य होगा प्रबल

शुभ योग में मनाया जाएगा भाई दूज 2025, राशि अनुसार करें तिलक, भाग्य होगा प्रबल

भाई दूज 2025 सनातन धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का उत्सव है। यह पर्व दिवाली के बाद कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया, भाई टीका, भाई फोंटा आदि नामों से भी जाना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर लाल तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु, सुख समृद्धि और सुरक्षा की कामना करती हैं। भाई भी बहनों को उनकी रक्षा करने तथा हर कष्ट से बचाने का वचन देते हैं। यह त्योहार रक्षाबंधन की तरह ही भाई-बहन के प्रेम और अपनत्व को मजबूत करता है। 

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अपने इस विशेष ब्लॉग में आज हम बात करेंगे दिवाली के बाद मनाये जाने वाले भाई दूज की। साथ ही जानेंगे इस दिन से जुड़ी परंपरा के बारे में,  जानेंगे कि वर्ष 2025 में भाई दूज का यह त्यौहार किस दिन मनाया जाएगा, इस दिन की सही विधि क्या है और साथ ही जानेंगे इस दिन किए जाने वाले उपायों की जानकारी जिन्हें अपनाकर आप अपने और अपने भाई से अपना रिश्ता और भी ज्यादा मजबूत बना सकते हैं।

तो चलिए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जान लेते हैं वर्ष 2025 में भाई दूज का त्योहार किस दिन मनाया जाएगा।

2025 में भाई दूज कब है? 

द्वितीया तिथि प्रारम्भ: अक्टूबर 22, 2025 की शाम 08 बजकर 18 मिनट से

द्वितीया तिथि समाप्त : अक्टूबर 23, 2025 की रात 10 बजकर 47 मिनट तक

भाई दूज का त्योहार 23 अक्टूबर 2025, गुरुवार को मनाया जाएगा। बात करें इस दिन के शुभ तिलक मुहूर्त की तो,

भाई दूज तिलक का समय : दोपहर 01 बजकर 13 मिनट से 03 बजकर 28 मिनट तक

अवधि : 2 घंटे 15 मिनट

भाई दूज 2025 पर शुभ योग

इस दिन आयुष्मान योग और प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। जिस वजह से इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। प्रीति योग में किए गए धार्मिक कार्यों, व्रत, पूजा-पाठ और दान का विशेष फल मिलता है। भाई दूज जैसे पावन पर्व पर प्रीति योग बनने से भाई बहन के रिश्तों में और अधिक प्रेम और सौहार्द बढ़ेगा।

वहीं आयुष्मान योग लंबी आयु, उत्तम स्वास्थ्य और समृद्धि का योग है। इस योग में किए गए कार्य लंबे समय तक शुभ फल प्रदान करते हैं। भाई दूज पर आयुष्मान योग बनना भाई की दीर्घायु और बहन की समृद्धि के लिए बहुत लाभकारी रहेगा।

अधिक जानकारी: उपरोक्त मुहूर्त नई दिल्ली के लिए मान्य है। अगर आप अपने शहर के अनुसार इस दिन का सही और शुभ तिलक मुहूर्त जानना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें

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भाई दूज का महत्व

भाई दूज का त्योहार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम, स्नेह और विश्वास का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन बहनें अपने भाई लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और सुख समृद्धि के प्रार्थना करती हैं। भाई दूज का महत्व रक्षाबंधन जैसा ही है, फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें राखी बांधी नहीं जाती है, बल्कि बहन अपने भाई को तिलक करती है और आरती उतारता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाई दूज के दिन यमराज अपनी बहन यमुनाजी से मिलने आए थे।

यमुनाजी ने प्रेमपूर्वक उनका स्वागत किया और उन्हें भोजन कराया। इस पर यमराज ने वचन दिया कि इस दिन जो बहन अपने भाई को तिलक कर आदर- सत्कार करेगी, उसके भाई की आयु लंबी होगी और उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा। इसी कारण इस दिन को यम द्वितीया भी कहा जाता है। 

इस दिन का सामाजिक महत्व भी बहुत गहरा है। भाई-बहन का रिश्ता विश्वास, सहयोग और आत्मीयता पर आधारित होता है। यह त्योहार इस रिश्ते को और मजबूत करता है और परिवार में आपसी प्रेम और एकता का संदेश देता है।

भाई दूज 2025 पर होने वाली परंपराएं और पूजा विधि

भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई के तिलक और आरती की तैयारी के लिए विशेष पूजन थाली सजाती हैं। इस थाल में रोली, कुमकुम, चंदन, सिंदूर के साथ-साथ पूल, मिठाई, सुपारी और फल रखे जाते हैं। तिलक की शुरुआत से पहले बहनें चावल के घोल से जमीन पर एक चौक बनाती है और उसी पर अपने भाई को बैठाकर पूजन करती हैं।

शुभ मुहूर्त आने पर भाई की पेशानी पर तिलक लगाया जाता है। इसके बाद बहनें भाई को काले चने, बताशे, पान और सुपारी अर्पित कराती हैं और उसकी आरती उतारती हैं। पूजा सम्पन्न होने के बाद भाई अपनी बहन को उपहार देकर उसे खुश करता है और साथ ही जीवन भर उसकी रक्षा करने का वचन भी देता है। इस तरह भाई दूज का यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते में और अधिक प्रेम, विश्वास और अपनापन भर देता है।

भाई दूज 2025 पर भूलकर भी न करें ये गलतियां

  • भाई का तिलक हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करें, राहुकाल या अशुभ समय पर नहीं। 
  • इस दिन भाई-बहनों दोनों को ही उजले और शुभ रंग के कपड़े पहनना चाहिए। काले कपड़े पहननें से बचना चाहिए।
  • पूजा थाली में कुमकुम, चावल, फूल, मिठाई और सुपारी जरूर होनी चाहिए।
  • परंपरा है कि भाई को चौक या पूजन स्थल पर बैठाकर ही तिलक किया जाए।
  • भाई-बहन के रिश्ते में इस दिन प्यार और सम्मान ही होना चाहिए।
  • भाई अपनी बहन को तिलक और आरती के बाद उपहार ज़रूर दे और रक्षा का वचन भी निभाए।

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भाई दूज की पौराणिक कथा

भाई दूज से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध कथा यमराज और उनकी बहन यमुनाजी की है। कहा जाता है कि सूर्यदेव और उनकी पत्नी संज्ञा के दो संतानें थीं यमराज और यमुनाजी। यमुनाजी अपने भाई यमराज से बेहद स्नेह करती थीं और हमेशा उन्हें अपने घर भोजन के लिए बुलाया करती थीं। लेकिन व्यस्त रहने के कारण यमराज उनके घर नहीं जा पाते थे। एक बार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर यमराज अपनी बहन यमुनाजी से मिलने उनके घर पहुंचे। 

यमुनाजी अपने भाई को देखकर बहुत प्रसन्न हुईं। उन्होंने बड़े प्रेम से उनका स्वागत किया, तिलक किया, आरती उतारी और स्वादिष्ट भोजन कराया। भाई के प्रति इस प्यार और सम्मान से यमराज अत्यंत प्रसन्न हो गए। उन्होंने बहन यमुनाजी से वरदान मांगने को कहा।

यमुना जी ने कहा कि मैं यही वर चाहती हूं कि इस दिन हर बहन अपने भाई का तिलक करें और उसकी लंबी आयु की कामना करें। जो भी भाई-बहन इस परंपरा का पालन करेंगे, उन्हें यमराज के भय से मुक्ति मिलेगी।” यमराज ने उनकी यह इच्छा पूरी कर दी। तभी से भाई दूज का यह पर्व मनाया जाने लगा। इसलिए भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है और इस दिन भाई-बहन का पवित्र रिश्ता और भी मजबूत हो जाता है।

विभिन्न क्षेत्रों में भाई दूज 2025 के पर्व का महत्व

उत्तर भारत: में भाई दूज का त्योहार बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। बहनें भाई को तिलक कर आरती उतारती हैं। खास मिठाइयां जैसे पेड़े, लड्डू और मिठाई के थाल सजते हैं। इस दिन भाई अपनी बहन को उपहार और नकद राशि देते हैं।

बिहार और पूर्वी भारत: यहां भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुनाजी से मिलने आए थे। बहनें भाई की दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती है।

पश्चिम बंगाल: इसे भाई फोंटा के नाम से पश्चिम बंगाल में जानते हैं। यहां बहनें अपने भाई को खास चंदन और काजल का फोंटा लगाती हैं। भाई बहन एक दूसरे को उपहार देते हैं। इस मौके पर खास बंगाली व्यंजन और मिठाई बनाई जाती हैं।

महाराष्ट्र और गोवा:  यहां भाई दूज को “भाऊबीज” कहते हैं। बहनें भाई को “सत्कारी भोजन” कराती हैं। भाई बहन को उपहार और कपड़े भेंट करता है। घर में उत्सव का माहौल रहता है।

नेपाल :  नेपाल में इस पर्व को “भाई टीका” कहा जाता है। बहनें भाई को “सप्तवर्णी तिलक” यानी सात रंगों का तिलक लगाती हैं। बहनें भाई को “भेंट स्वरूप” दक्षिणा देती हैं और भाई बहन को उपहार। यह पर्व नेपाल में भाई-बहन के रिश्ते का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है।

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भाई दूज 2025 पर राशि अनुसार पहनें किस रंग का वस्‍त्र

मेष राशि

बहनें लाल रंग के कपड़े पहनें, भाई को पीले रंग की मिठाई खिलाएं। इससे भाई की कुंडली शांत होती है और जीवन में सफलता मिलती है।

वृषभ राशि

सिल्वर रंग के कपड़े पहनें, भाई को सफेद मिठाई खिलाएं। भाई-बहन का प्रेम बढ़ता है।

मिथुन राशि

हरे रंग के कपड़े पहनें, भाई को पीली मिठाई खिलाएं। रिश्ते में गहराई आती है।

कर्क राशि

लाल या सफेद कपड़े पहनें, भाई का तिलक करें और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें। मनमुटाव खत्म होता है।

सिंह राशि

गोल्डन रंग के कपड़े पहनें, कमजोर ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है और रिश्ते मजबूत होते हैं।

कन्या राशि

हरे रंग के कपड़े पहनें, भाई का कुमकुम से तिलक करें, रिश्तों की खटास कम होगी।

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तुला राशि

सिल्वर या गोल्डन रंग के कपड़े पहनें, भाई से रिश्ता मजबूत होगा और खुशियां बनी रहेंगी।

वृश्चिक राशि

भूरे रंग के कपड़े पहनें, भाई का रोली से तिलक करें, बेसन की मिठाई खिलाएं। प्रेम बढ़ता है।

धनु राशि 

बहनें लाल, भाई गरे रंग के कपड़े पहनें, भाई का रोली से तिलक करें। रिश्ते मजबूती पाएंगे।

मकर राशि

लाल रंग के कपड़े पहनें, चंदन से तिलक करें, बेसन की मिठाई खिलाएं। खटास कम होगी।

कुंभ राशि

नेवी ब्लू या सिल्वर रंग के कपड़े पहनें, भाई का रोली से तिलक करें, सफेद मिठाई खिलाएं। रिश्ते में मिठास आएगी।

मीन राशि

लाल या गोल्डन रंग के कपड़े पहनें। मनमुटाव कम होंगे, रिश्ते गहरें होंगे।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

भाई दूज पर राशि अनुसार उपाय क्यों करें? 

राशि अनुसार उपाय करने से ग्रहों की शुभता बढ़ती है और भाई-बहन के रिश्ते में प्रेम और समृद्धि आती है।

क्या हर राशि के लिए अलग-अलग रंग और मिठाई इस्तेमाल करनी चाहिए?  

हां, हर राशि के लिए विशेष रंग और मिठाई निर्धारित होती है, जो शुभता और लाभकारी प्रभाव लाती है।

क्या भाई दूज 2025 के दिन तिलक करना आवश्यक है?  

हां, तिलक करना भाई दूज का प्रमुख संस्कार है, जिससे परिवार में खुशहाली और भाई के लिए शुभ कार्य होता है।

नवंबर 2025 की देवउठनी एकादशी से होगी शुरुआत, पढ़ें राशिफल!

नवंबर 2025 की देवउठनी एकादशी से होगी शुरुआत, पढ़ें राशिफल!

ज्‍योतिषीय दृष्टि से नवंबर 2025 बहुत महत्‍व रखता है। इस पवित्र मास में देवउठनी एकादशी और कार्तिक पूर्णिमा एवं संकष्‍ठी चतुर्थी जैसे पवित्र व्रत-त्‍योहार आते हैं। नवंबर से ही भारत के कई हिस्‍सों में ठंड बढ़ने लगती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार नवंबर माह में कुल 30 दिन होते हैं और यह साल का ग्‍यारहवां महीना है।

इस महीने में सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर होता है जिसकी वजह से यह समय परिवर्तन और गहराई का प्रतीक बन जाता है। ज्‍योतिष की दृष्टि से यह महीना आत्‍मविश्‍लेषण, रहस्‍यों को जानने और अपनी आंतरिक शक्‍ति को पहचानने के लिए अनुकूल होता है। इस समय रिश्‍तों और आर्थिक मामलों के बारे में गहराई से सोचने की प्रवृत्ति बढ़ती है। अगर आप भी नवंबर के महीने को लेकर अपने भविष्‍यफल के बारे में जानना चाहते हैं, तो एस्‍ट्रोसेज एआई के इस ब्‍लॉग में आपको अपने हर सवाल का जवाब मिल सकता है।

इस ब्‍लॉग में बताया गया है कि नए महीने में आपका करियर कैसा रहेगा, लव लाइफ में सब कुछ ठीक रहेगा या नहीं, क्‍या इस महीने आप अपना घर ले पाएंगे, परिवार की समस्‍याएं दूर होंगी या नहीं। साथ ही इस ब्‍लॉग में यह भी जानकारी दी गई है कि नवंबर में कौन से ग्रह किस तिथि पर गोचर करने वाले हैं और नवंबर 2025 में किन तिथियों पर बैंक का अवकाश रहेगा एवं मुंडन मुहूर्त कब है। तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि इस बार नवंबर के महीने में क्‍या खास है।

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नवंबर 2025 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना

हिंदू पंचांग के अनुसार 01 नवंबर, 2025 को शतभिषा नक्षत्र में शुक्‍ल पक्ष की दशमी तिथि को नवंबर माह 2025 की शुरुआत होगी। नवंबर 2025 का समापन 30 नवंबर को उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में शुक्‍ल पक्ष की एकादशी तिथि को होगा।

नवंबर 2025 के हिंदू व्रत व त्योहार

तिथिपर्व व व्रत
02 नवंबर 2025देवउठनी एकादशी
03 नवंबर 2025प्रदोष व्रत (शुक्ल)
05 नवंबर 2025कार्तिक पूर्णिमा व्रत
08 नवंबर 2025संकष्टी चतुर्थी
15 नवंबर 2025उत्पन्ना एकादशी
16 नवंबर 2025वृश्चिक संक्रांति
17 नवंबर 2025प्रदोष व्रत (कृष्ण)
18 नवंबर 2025मासिक शिवरात्रि
20 नवंबर 2025मार्गशीर्ष अमावस्या

नवंबर 2025 के लिए अन्नप्राशन मुहूर्त

तिथि दिनमुहूर्त
03 नवंबर 2025सोमवार07:06-10:29, 12:33-17:08, 18:43-22:53
07 नवंबर 2025शुक्रवार07:55-14:00, 15:27-20:23
17 नवंबर 2025सोमवार07:16-13:20, 14:48-21:58
27 नवंबर 2025गुरुवार07:24-12:41, 14:08-21:19

नवंबर 2025 में बैंक अवकाश की सूची

तिथिअवकाशराज्य 
01 नवंबरकुटमणिपुर
01 नवंबरपुडुचेरी विलय दिवसपुदुचेरी 
01 नवंबरहरियाणा दिवसहरियाणा 
01 नवंबरकन्नड़ राज्योत्सवकर्नाटक
05 नवंबरकार्तिक पूर्णिमाउड़ीसा और तेलंगाना
05 नवंबरगुरु नानक जयंतीआंध्र प्रदेश, बिहार, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, गोवा, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, मेघालय, उड़ीसा, पांडिचेरी, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा आदि राज्यों को छोड़कर राष्ट्रीय अवकाश
07 नवंबरवांगला उत्‍सवमेघालय
11 नवंबरलहबाब धुचेनसिक्किम
23 नवंबर सेंग कूट स्नेममेघालय
25 नवंबरश्री गुरु तेग बहादुर शहादत दिवसपंजाब 

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नवंबर 2025 में सार्वजनिक अवकाश

तारीखअवकाशराज्य
1 नवंबर 2025, शनिवारकुटमणिपुर
1 नवंबर 2025, शनिवारपांडिचेरी विलय दिवसपुदुचेरी 
1 नवंबर 2025, शनिवारहरियाणा दिवसहरियाणा 
1 नवंबर 2025, शनिवारकन्नड़ राज्योत्सवकर्नाटक
5 नवंबर 2025, बुधवारकार्तिक पूर्णिमाउड़ीसा और तेलंगाना
5 नवंबर 2025, बुधवारगुरु नानक जयंतीराष्ट्रीय दिवस (इन राज्यों को छोड़कर- आंध्र प्रदेश, असम बिहार, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, गोवा, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, मेघालय, उड़ीसा, पांडिचेरी, सिक्किम तमिलनाडु और त्रिपुरा आदि)
7 नवंबर 2025, शुक्रवारवंगाला उत्सवमेघालय
8 नवंबर 2025, शनिवारकनकदास जयंतीकर्नाटक
11 नवंबर 2025, मंगलवारलहबाब धुचेनसिक्किम
23 नवंबर 2025, रविवार सेंग कूट स्नेममेघालय
25 नवंबर 2025, मंगलवारश्री गुरु तेग बहादुर शहादत दिवसपंजाब 

नवंबर 2025 के लिए मुंडन मुहूर्त

दिन समय 
1 नवंबर 202507:04-08:1810:37-15:5117:16-18:50
3 नवंबर 202515:43-17:08
10 नवंबर 202510:02-16:40
17 नवंबर 202507:16-13:2014:48-18:28
21 नवंबर 202517:32-19:28
22 नवंबर 202507:20-09:1411:18-15:53
27 नवंबर 202507:24-12:4114:08-19:04
28 नवंबर 202515:29-19:00

नवंबर 2025 में कर्णवेध मुहूर्त

तिथि मुहूर्त
3 नवंबर 202515:43-17:08
10 नवंबर 202510:02-16:40
16 नवंबर 202507:19-13:24 14:52-19:47
17 नवंबर 202507:16-13:20 14:48-18:28
20 नवंबर 202513:09-16:01 17:36-19:32
21 नवंबर 202507:20-09:18 11:22-14:32
26 नवंबर 202507:24-12:45 14:12-19:08
27 नवंबर 202507:24-12:41 14:08-19:04

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नवंबर 2025 में देवउठनी एकादशी

02 नवंबर, 2025 को देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी। शास्‍त्रों में इस दिन को अत्‍यंत पवित्र और शुभ माना गया है। यहीं से एक लंबे अंतराल के बाद शुभ एवं मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है। मान्‍यता है कि इस दिन भगवान विष्‍णु चार महीने तक योग निद्रा में रहने के बाद जागते हैं। इस दिन भगवान विष्‍णु के शालिग्राम रूप का तुलसी से विवाह करवाया जाता है।

क्‍या है देवउठनी एकदाशी 2025 का महत्‍व

नवंबर का महीना इसलिए भी बहुत खास होता है क्‍योंकि इस मास में देवउठनी एकादशी आती है जो कि बहुत ही ज्‍यादा महत्‍व रखती है। इस एकादशी से मांगलिक एवं शुभ कार्य एक बार फिर से शुरू हो जाते हैं।

बता दें कि कार्तिक माह की शुक्‍ल पक्ष की एकादशी पर भगवान विष्‍णु योग निद्रा से जागते हैं। यही वजह है कि इस एकादशी को देवउठनी एकादशी नाम दिया गया है। इस दिन विष्‍णु जी और मां लक्ष्‍मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन व्रत रखने का भी विधान है। ऐसा माना जाता है कि देवउठनी एकादशी व्रत 2025 करने से मनुष्‍य को अपने सभी पापों से छुटकारा मिल सकता है।

नवंबर 2025 में पड़ने वाले ग्रहों के गोचर

जानें कि नवंबर में किस तिथि पर किस ग्रह का गोचर होने जा रहा है।

  • 02 नवंबर 2025 की दोपहर 01 बजकर 05 मिनट पर शुक्र का तुला राशि में गोचर होगा।
  • 07 नवंबर 2025 की दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर मंगल वृश्चिक राशि में अस्त होने जा रहे हैं।
  • 10 नवंबर 2025 की मध्यरात्रि 12 बजकर 03 मिनट पर बुध वृश्चिक राशि में वक्री हो जाएंगे।
  • 11 नवंबर, 2025 को शाम 06 बजकर 31 मिनट पर बृहस्पति कर्क राशि में वक्री होंगे।
  • 15 नवंबर को रात 03 बजकर 01 मिनट पर बुध वृश्चिक राशि में अस्त होने जा रहे हैं।
  • 16 नवंबर 2025 की दोपहर 01 बजकर 26 मिनट पर सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर होगा।
  • 23 नवंबर, 2025 को रात 08 बजकर 08 मिनट पर बुध का तुला राशि में गोचर होने जा रहा है।
  • 26 नवंबर को सुबह 06 बजकर 01 मिनट पर बुध का वृश्चिक राशि में उदय होगा।
  • 26 नवंबर, 2025 को सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर होगा।
  • 26 नवंबर, 2025 को सुबह 11 बजकर 27 मिनट पर शुक्र वृश्चिक राशि में अस्त होंगे।
  • 28 नवंबर 2025 की सुबह 07 बजकर 26 मिनट पर शनि मीन राशि में मार्गी हो जाएंगे।
  • बुध 29 नवंबर 2025 की रात 10 बजकर 33 पर वृश्चिक राशि में मार्गी हो जाएंगे।

इस माह में कोई सूर्य या चंद्र ग्रहण नहीं है।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

नवंबर 2025 में आने वाले व्रत-त्‍योहार

  • प्रदोष व्रत: 03 नवंबर 2025 को प्रदोष व्रत है। हर मास के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस व्रत में माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत करने से दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है।
  • कार्तिक पूर्णिमा: 05 नवंबर, 2025 को कार्तिक पूर्णिमा है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का संहार कार्तिक पूर्णिमा के दिन किया था। कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है।
  • वृश्चिक संक्रांति: 16 नवंबर, 2025 को वृश्चिक संक्रांति पड़ रही है। सूर्य देव तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं इसलिए इस संक्रांति को वृश्चिक संक्रांति कहा जाएगा।
  • संकष्‍टी चतुर्थी: 08 नवंबर, 2025 को संकष्टी चतुर्थी का व्रत है। यह हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर आती है। इस व्रत को जो भक्त सच्चे मन से करता है, उसके जीवन से भगवान गणेश सारे दुखों एवं बाधाओं को हर लेते हैं।
  • उत्‍पन्‍ना एकादशी: 15 नवंबर, 2025 को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाएगी। ऐसा माना जाता है कि उत्पन्ना एकादशी के दिन एकादशी माता का जन्म हुआ था इसलिए इसका नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा। देवी एकादशी को श्रीहरि विष्णु का शक्ति स्वरूप माना गया है।
  • मासिक शिवरात्रि: 18 नवंबर, 2025 को मासिक शिवरात्रि है। इस व्रत को करने से भक्त के जीवन में उत्पन्न सभी समस्याओं का अंत होता है और उसकी समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

नवंबर में जन्‍मे लोगों का स्‍वभाव

जिन लोगों का जन्‍म नवंबर के महीने में होता है, उनका दृष्टिकोण हमेशा आशावादी रहता है। इस वजह से इन्‍हें चुनौतियों और मुश्किलों से डर नहीं लगता है। इन्‍होंने अपने हाथ में जो काम लिया है, जब तक वो पूरा न हो जाए, तब तक ये हार नहीं मानते हैं। ये अपनी बातों को किसी से भी शेयर करना पसंद नहीं करते हैं और अपने परिवार एवं दोस्‍तों से भी कुछ बातें छिपाने की कोशिश करते हैं।

ये मुश्किल परिस्थिति का बुद्धिमानी एवं समझदारी से सामना करते हैं। इन्‍हें कोई भी नई चीज सीखने में ज्‍यादा समय नहीं लगता है। ये स्‍वभाव से जिज्ञासु होते हैं। ये अपनी बुद्धिमानी और ज्ञान की मदद से सही निर्णय लेने में सक्षम होते हैं। इनके बारे में कोई भी यह नहीं बता सकता है कि ये किस परिस्थिति में किस तरह से प्रतिक्रिया देंगे।

शुभ अंक: 03, 01, 07  

शुभ रंग: गुलाबी, सफ़ेद और चॉकलेटी

शुभ दिन: गुरुवार, मंगलवार 

शुभ रत्न: मोती, मूनस्टोन

आज का गोचर

नवंबर में पैदा होने वाले लोगों की राशियां

जिनका जन्‍म 23 अक्‍टूबर से 23 नवंबर के बीच होता है, उनकी वृश्चिक राशि होती है। वहीं 22 नवंबर से 21 दिसंबर के बीच पैदा होने वाले लोगों की धनु राशि होती है। वृश्चिक स्थिर जल तत्‍व की राशि है जिसे गहराई और भावनात्‍मक प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है। वहीं धनु अग्नि तत्‍व की राशि है जिसे आशावादी, जिज्ञासु और स्‍वतंत्रता प्रिय होने के लिए जाना जाता है।

सभी 12 राशियों के लिए नवंबर 2025 का राशिफल

मेष राशि

नवंबर मासिक राशिफल 2025 के अनुसार मेष राशि के लोगों के लिए यह महीना मिले-जुले या फिर औसत लेवल के परिणाम लेकर आ सकता है। कभी कभार अप्रत्याशित रूप से मंगल कुछ अच्छे परिणाम दे सकता है।

करियर: कार्यक्षेत्र में कुछ कठिनाइयां रह सकती हैं। काम के मामले में इस महीने सावधानी पूर्वक निर्वाह करना जरूरी रहेगा। नए सिरे से किसी काम की शुरुआत या निवेश आदि न करें।

शिक्षा: प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को कुछ कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। मेष राशि वाले लोगों की शिक्षा के लिए यह महीना औसत रहने वाला है।

पारिवारिक जीवन: परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य कम देखने को मिल सकता है। एक दूसरे से कहासुनी होने की आशंका है। भाई बंधुओं के साथ संबंध औसत या औसत से कुछ कमज़ोर ही रह सकते हैं।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: प्रेम संबंध में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की जरूरत है। छोटी-छोटी बातों का बतंगड़ बनाने से बचें। प्रेम संबंध में मर्यादा भी रखनी है। विवाह आदि की बातों को आगे बढ़ाने के लिए भी अनुकूल समय नहीं है।

आर्थिक जीवन: आपको अपनी मेहनत का कुछ फल मिल सकता है। व्यवसाय में भी कम फायदा मिलेगा। बचत के दृष्टिकोण से भी महीना बहुत अनुकूल नहीं है।

स्वास्थ्य: इस महीने खान-पान बहुत संयमित रखें। आपका बहुत ज्यादा तीखा चरपरा खाने की इच्छा हो सकती है। इसका नकारात्मक प्रभाव आपके पेट पर पड़ सकता है।

उपाय: मंदिर में गुड़ और चने की दाल का दान करें।

मेष साप्ताहिक राशिफल

वृषभ राशि

नवंबर मासिक राशिफल 2025 के अनुसार इस महीने आपको मिलेजुले या कुछ हद तक कमज़ोर परिणाम मिलने की संभावना है। कुछ मामलों में बृहस्पति आपको काफी अच्छे परिणाम भी दे सकते हैं।

करियर: कामों में कुछ रुकावटों के बाद सफलता मिलने के योग बनेंगे। व्यवसाय में किसी भी प्रकार का जोखिम लेना उचित नहीं रहेगा। नौकरी में छोटी-मोटी परेशानियां देखने को मिल सकती हैं।

शिक्षा: प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। लापरवाही की स्थिति में बात बनते-बनते बिगड़ भी सकती है। प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं के लिए महीना का पहला हिस्सा ज्यादा अच्छा है।

पारिवारिक जीवन: परिजनों के साथ कहासुनी हो सकती है। हालांकि, कोई बड़ी पारिवारिक समस्या आने के संकेत नहीं हैं। घर गृहस्थी से जुड़े मामलों में इस महीने सावधानीपूर्वक निर्वाह करें।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: इस महीने अपनी लव लाइफ को लेकर गंभीर रहें। आप हर तरह से मर्यादित आचरण करने की को‍शिश करें। इस महीने वैवाहिक मामलों में कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती है।

आर्थिक जीवन: आपके लिए धन लाभ के योग बन रहे हैं। आपको आपकी मेहनत के अनुरूप अच्छा लाभ मिल सकता है। आप कमाई का कुछ हिस्सा बचाने में कामयाब हो सकते हैं।

स्वास्थ्य: यदि पिछले महीने से स्वास्थ्य में कोई समस्या नहीं रही है तो शायद इस महीने भी नए सिरे से कोई समस्या नहीं आएगी। आपको चोट खरोंच, सिरदर्द, बुखार इत्यादि जैसी कुछ समस्याएं होने का डर है।

उपाय: आप काली गाय की सेवा करें।

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

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मिथुन राशि

नवंबर 2025 का महीना आपके लिए काफी हद तक अनुकूल रहने वाला है। मिथुन राशि के लोगों को सूर्य से काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।

करियर: आपके कामों में कुछ धीमापन देखने को मिल सकता है। आप अपने व्यापार में काफी अच्छा कर सकेंगे। नौकरीपेशा लोगों के लिए महीना बेहतर रह सकता है।

शिक्षा: प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में भाग लेने वाले छात्रों को विशेष परिणाम मिल सकते हैं। विद्यार्थी अपनी योग्यता और मेहनत के अनुरूप काफी अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे।

पारिवारिक जीवन: इस महीने परिवार के सदस्यों के बीच अच्छा सामंजस्य देखने को मिल सकता है। परिवारजन एक दूसरे की परेशानियों को समझ कर एक दूसरे की मदद करेंगे।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: विवाह इत्यादि से संबंधित मामलों को आगे बढ़ाने के लिए अनुकूल समय नहीं है। हालांकि, शादीशुदा लोगों के लिए यह महीना बहुत अच्‍छा रहने वाला है।

आर्थिक जीवन: आप अपनी मेहनत के अनुरूप कमाई करते रहेंगे। लोन की जरूरत है, तो वो भी पूरी होगी। आपके लिए धन लाभ के योग बन रहे हैं।

स्वास्थ्य: नवंबर मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, आपको स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए। नए सिरे से किसी समस्या के आने के योग नहीं हैं।

उपाय: मांस मदिरा व अंडे का सेवन न करें।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

कर्क राशि

नवंबर 2025 का महीना कर्क राशि वालों को औसत से कुछ हद तक कमज़ोर परिणाम दे सकता है। मंगल ग्रह आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है।

करियर: आपको अपने कार्यक्षेत्र में कोई नकारात्मकता देखने को नहीं मिलेगी। आप सोच-समझकर काम करें। इस महीने आप नौकरी बदलने के बारे में सोच सकते हैं।

शिक्षा: पढ़ाई पर ध्यान देने वाले छात्र अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। लापरवाही करने पर मन विचलित रह सकता है। आप अपने शिक्षा के स्तर को मेंटेन कर सकेंगे।

पारिवारिक जीवन: आपको परिवार में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आप बड़े बुजु़र्गों का आदर करते हुए उनके बताए गए रास्ते पर चलें। इससे परिवार में शांति बनी रहेगी।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: इस महीने रिश्‍ते में नोक-झोंक होने का डर है। हालांकि, आपके और आपके पार्टनर के बीच लगाव और जुड़ाव के भाव मज़बूत बने रहेंगे।

आर्थिक जीवन: आपके पास अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्‍त धन होगा। हालांकि, पैसों की बचत करने में आपको थोड़ी परेशानी हो सकती है।

स्वास्थ्य: यदि पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या है तो इस महीने सावधानी पूर्वक निर्वाह करें। खानपान पर संयम रखें। आपको एसिडिटी, पेट में जलन, कब्ज, इत्यादि की कुछ समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।

उपाय: नीम के पेड़ पर रोज़ जल चढ़ाएं।

 कर्क साप्ताहिक राशिफल

सिंह राशि

नवंबर 2025 में आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। लापरवाही करने से आपको नुकसान हो सकता है।

करियर: व्‍यापारिक यात्राओं से लाभ मिलने के योग हैं। नौकरी में बदलाव की कोशिश भी कामयाब रहेगी। नौकरी बदलने को लेकर जल्दबाज़ी से बचने की ज़रूरत है।

शिक्षा: उच्‍च शिक्षा ले रहे सिंह राशि वाले छात्रों के लिए बहुत अच्‍छा समय है। अन्य विद्यार्थियों को अपेक्षाकृत अधिक मेहनत करने की आवश्यकता रह सकती है। छात्रों का ध्‍यान भटकने का भी डर है।

पारिवारिक जीवन: परिवार में अशांति का माहौल रह सकता है। परिवार के सदस्‍यों के बीच नोक-झोंक बढ़ सकती है। भाई बंधुओं के साथ भी औसत संबंध रह सकते हैं।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों के लिए अच्छा समय है। रिश्‍ते में मर्यादा का पूरा ख्याल रखना बहुत ज़रूरी रहेगा। दांपत्य सुख के लिए महीना थोड़ा सा कमज़ोर रह सकता है।

आर्थिक जीवन: आपको अपनी मेहनत के हिसाब से धन लाभ मिलता रहेगा। आमदनी के साथ-साथ आप पैसों की बचत करने में भी सक्षम होंगे। हालांकि, बचत के मामले में आपको कुछ हद तक कंजूस बनने की ज़रूरत रह सकती है।

स्वास्थ्य: आपको मौसम जनित बीमारियां परेशान कर सकती हैं। आप स्वयं को थका हुआ सुस्त या कमज़ोर महसूस कर सकते हैं। आप सूर्य ग्रह की पूजा करें।

उपाय: आप रोज़ हनुमान चालीसा का पाठ करें।

सिंह साप्ताहिक राशिफल

कन्या राशि

नवंबर 2025 के अनुसार इस महीने सूर्य आपको अनुकूल परिणाम नहीं दे सकेंगे। यदि आप समझदारी से काम लेंगे तो बुध के द्वारा अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।

करियर: बेहतर होगा कि आप अपने बिज़नेस से जुड़े सभी फैसले 23 नवंबर के बाद लें। नौकरी में किया गया बदलाव फायदेमंद रह सकता है।

शिक्षा: कन्‍या राशि के छात्रों को 11 नवंबर के बाद किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी है। आप ज्‍यादा मेहनत करें और पूरी लगन के साथ पढ़ाई करें। उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी ज्यादा अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।

पारिवारिक जीवन: पारिवारिक मामलों में सावधानीपूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता है। अगर ऐसा लगे कि कोई भाई किसी बात पर बेवजह बहस कर रहा है तो स्वयं को शांत कर लेना ही समझदारी का काम होगा।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: किसी बात पर एक दूसरे को समझने में गलती या चूक हो सकती है। विवाह आदि से संबंधित बातों को आगे बढ़ाने के लिए महीना बहुत अनुकूल नहीं है।

आर्थिक जीवन: आपकी आमदनी में वृद्धि देखने को मिलेगी। आपको अपनी मेहनत के परिणाम मिलने में कोई व्यवधान नहीं आएंगे। आपको संचित किए हुए धन को बचाने पर ध्‍यान देना होगा।

स्वास्थ्य: आपको मौसम जनित परेशानियां बीच-बीच में परेशान कर सकती हैं। आपको स्वास्थ्य के प्रति किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी है। महीने के दूसरे हिस्से में आप बेहतर स्वास्थ्य का आनंद ले सकेंगे।

उपाय: आप काली गाय की सेवा करें।

कन्या साप्ताहिक राशिफल

तुला राशि

नवंबर 2025 का महीना तुला राशि के जातकों के लिए काफी हद तक अनुकूल रहने वाला है। ज्यादातर ग्रहों का अनुकूल प्रभाव प्राप्‍त होने की संभावना है।

करियर: कार्यक्षेत्र में आपकी उन्नति होगी। आपको इस महीने काम के मामले में कोई नया प्रयोग करने से बचने की सलाह दी जाती है। नई नौकरी ढूंढ़ रहे लोगों को भी कामयाबी मिलने के आसार हैं।

शिक्षा: आपकी मेहनत व्यर्थ नहीं जाएगी। आपको अपनी मेहनत और लगन का फल जरूर मिलेगा। हालांकि, आलस्य की स्थिति में परिणाम कमज़ोर रह सकते हैं। कभी-कभी छात्रों का ध्‍यान पढ़ाई पर से भटक सकता है।

पारिवारिक जीवन: इस समय आपकी बातों में कड़वाहट आ सकती है। कुछ नोक-झोंक के बाद परिजनों के बीच सामंजस्य बना रहेगा। भाई बंधुओं के साथ कोई नकारात्मकता नज़र नहीं आ रही है।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: आपके और आपके प्रेमी के बीच कुछ छोटी-मोटी परेशानियां रह सकती हैं। नाराज़ होने से पहले सामने वाले के मनोभावों को ठीक तरीके से समझने की कोशिश करें।

आर्थिक जीवन: इस महीने आमदनी की गति थोड़ी सी कमज़ोर रह सकती है। थोड़ी कंजूसी दिखाकर आप पैसों की बचत करने में कामयाब हो सकते हैं।

स्वास्थ्य: आपको मौसम जनित कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। आपको अपने स्वास्थ्य का बहुत अधिक ख्याल रखना होगा।

उपाय: इस महीने आप गुड़ का सेवन न करें।

तुला साप्ताहिक राशिफल

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए नवंबर 2025 का महीना कुछ हद तक कमज़ोर परिणाम लेकर आ सकता है। शनि से इस महीने मिले-जुले परिणामों की उम्मीद रखी जा सकती है।

करियर: आपको अपने कार्यक्षेत्र में संघर्ष करना पड़ सकता है। इस महीने व्यापार भागदौड़ की तुलना में फायदा कम मिल सकता है। संभव है कि कार्यालय का माहौल मन के मुताबिक नहीं रहेगा।

शिक्षा: छात्रों की एकाग्रता में कमी आ सकती है।  आप अपने सब्जेक्ट पर फोकस करने में पीछे रह सकते हैं। उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को थोड़ी सी अधिक मेहनत करने की ज़रूरत है।

पारिवारिक जीवन: फैमिली लाइफ में छोटी-मोटी विसंगतियां रह सकती हैं। आपको इन्‍हें समझदारी से सुलझाना चाहिए। यदि पहले से कोई मनमुटाव चल रहा है तो उसमें कमी देखने को मिल सकती है।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: प्रेम संबंध में चल रहा मनमुटाव दूर हो सकता है। नए सिरे से कोई समस्या आने की संभावना नहीं है। आपके लिए वासनात्मक विचारों पर नियंत्रण रखना ज़रूरी रहेगा।

आर्थिक जीवन: इस महीने आपको ज्‍यादा लाभ नहीं मिल पाएगा। आप अनुभवी लोगों के मार्गदर्शन में आर्थिक निर्णय लेते हैं तो आपको नुकसान नहीं होगा। आप मेहनत के अनुरूप संतोषप्रद लाभ कमाते रहेंगे।

स्वास्थ्य: नवंबर मासिक राशिफल 2025 के अनुसार आपको सिरदर्द, बुखार इत्यादि की कुछ शिकायतें देखने को मिल सकती हैं।

उपाय: आप रोज़ हनुमान चालीसा का पाठ करें।

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

धनु राशि

नवंबर 2025 का कहना है कि इस महीने आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। केतु से भी औसत परिणाम की उम्मीद आप रख सकते हैं।

शिक्षा: खूब मेहनत करने वाले विद्यार्थी शिक्षा के मामले में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। इस समय छात्रों को आलस आ सकता है। उनके मन के भी विचलित रहने का डर है।

पारिवारिक जीवन: परिवारिक मामलों में कोई बड़ी समस्या नहीं आएगी। भाई बंधु एक-दूसरे के बर्ताव से कुछ हद तक असंतुष्ट रह सकते हैं। परिवार में कुछ परेशानियां आ तो सकती हैं लेकिन आप उन्हें शांत करने में सक्षम होंगे।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप वाले लोगों को कुछ फायदे मिल सकते हैं। मर्यादित आचरण अपनाने की सलाह दी जाती है। वैवाहिक जीवन के दृष्टिकोण से भी यह समय ज्‍यादा अनुकूल नहीं है।

आर्थिक जीवन: भले ही कामों में कुछ रुकावटें देखने को मिलें लेकिन जो भी काम पूरे होंगे उनसे अच्छा लाभ मिलने की उम्‍मीद है। आपकी बचत थोड़ी कम रह सकती है।

स्वास्थ्य: योग, ध्यान, मेडिटेशन से स्वास्थ्य अच्‍छा रहेगा। शरीर में सुस्ती के भाव रह सकते हैं। काम में मन कम लग सकता है।

उपाय: मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में लाल रंग का प्रसाद चढ़ाएं।

धनु साप्ताहिक राशिफल

मकर राशि

इस महीने मकर राशि के लोगों को काफी हद तक अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। राहु से आपको कभी-कभार कुछ अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।

करियर: आपको कुछ कठिनाईयों या अवरोधों के बाद कार्यक्षेत्र में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। ऑफिस में वाद-विवाद से बचने की कोशिश करें। व्यवसाय में कोई बड़ा जोखिम नहीं लेना है।

शिक्षा: छात्रों को अधिक मेहनत करने की जरूरत है। वे अपने से बड़ों की सलाह भी ले सकते हैं। ऐसा करने से आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे और अपनी उपलब्धियों का आनंद ले पाएंगे।

पारिवारिक जीवन: परिवार के मामले में आपको इस महीने लापरवाही से बचना चाहिए। पारिवारिक मामलों में कुछ समस्याएं भी आ सकती हैं। भाई बंधुओं के साथ संबंध सामान्य तौर पर अनुकूल रहेंगे।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: इस समय आपके लिए मर्यादित आचरण अपनाना बहुत ज़रूरी रहेगा। वैवाहिक जीवन में कोई बड़ी समस्या नहीं आएगी बल्कि पुरानी समस्याएं कम होंगी। 

आर्थिक जीवन: कहीं रुके हुए पैसे वापस मिल सकते हैं। कहीं से कोई लोन इत्यादि लेने की कोशिश में लगे हुए हैं, तो इसमें आपको सफलता मिल सकती है। आप पैसों की बचत करने में भी सफल होंगे।

स्वास्थ्य: नवंबर मासिक राशिफल 2025 के अनुसार संतुलित आहार-विहार अपनाने की स्थिति में आपका स्वास्थ्य अच्छा रह सकता है। आपको अपनी प्रकृति के विरुद्ध आहार-विहार करने से बचने की सलाह दी जाती है।

उपाय: मांस, मदिरा व अंडे इत्यादि से दूरी बनाकर रखें।

मकर साप्ताहिक राशिफल

कुंभ राशि

नवंबर 2025 में कुंभ राशि के जातकों को मिले-जुले परिणाम प्राप्‍त होंगे। 23 नवंबर के बाद बुध ग्रह अनुकूलता देने में असमर्थ हो जाएंगे।

करियर: ऑफिस में शालीनतापूर्वक बात करने से आपके वरिष्ठ या आपके क्षेत्र से जुड़े हुए प्रमुख लोग आपको महत्‍व देंगे और आपकी तरक्की के रास्ते भी खुलेंगे। व्यवसाय को बढ़ाने के लिए व नई डील मिलने के लिए सही समय है।

शिक्षा: छात्र उच्च शिक्षा के मामले में अच्छा कर सकेंगे। आप प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षा में अपनी अच्छी छाप छोड़ सकेंगे। हालांकि, आपको छोटी-मोटी परेशानियां आ सकती हैं।

पारिवारिक जीवन: समझदारी से काम लेने की स्थिति में परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। छोटी-मोटी विसंगतियों को छोड़ दिया जाए तो पारिवारिक मामले में कोई बड़ी विसंगति नहीं आएगी।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: आप अपने काम पर पूरा फोकस कर सकेंगे। कार्यक्षेत्र और लव लाइफ दोनों के बीच संतुलन बिठाने में समर्थ होंगे। दाम्पत्य संबंधी मामलों में इस महीने सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

आर्थिक जीवन: आपको वित्तीय जीवन में संतोषप्रद लाभ प्राप्त होंगे। आप पैसों की बचत भी कर पाएंगे। बीच-बीच में व्यर्थ के खर्चे हो सकते हैं।

स्वास्थ्य: इस समय आपका खान-पान असंतुलित रह सकता है। इस महीने स्वास्थ्य को लेकर आपको पूरी तरह से जागरूक रहने की ज़रूरत रहेगी।

उपाय: मांस, मदिरा व अश्लीलता आदि से दूरी बनाए रखें।

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

मीन राशि

नवंबर मासिक राशिफल 2025 कहता है कि इस महीने आपको औसत से थोड़े से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। ज्यादातर समय शुक्र के द्वारा आपको अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं।

करियर: व्यवसाय में नए सिरे से कोई प्रयोग शायद आप न कर पाएं लेकिन पुराने कामों में अच्छी उन्नति मिल सकती है। नौकरी में कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती हैं।

शिक्षा: टीचर, गुरु या वरिष्ठों के द्वारा आपको अच्छा सहयोग मिल सकता है। उच्‍च और प्राथमिक शिक्षा ले रहे छात्रों के लिए अच्‍छा समय है।

पारिवारिक जीवन: पारिवारिक मामलों में मंगल ग्रह से अच्छे परिणाम मिलते रहेंगे। आप अपने परिजनों के कामों को समय निकालकर पूरा कर सकेंगे। भाई-बंधुओं के साथ औसत संबंध रह सकते हैं।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: लव लाइफ में बहुत ज्यादा दिमाग लगाना ठीक नहीं रहेगा। भावनात्मक रिश्तों को भावनाओं से ही हैंडल करना उचित होता है। यह महीना दांपत्य सुख के लिए औसत रहेगा।

आर्थिक जीवन: आपके काम बनेंगे और आप अच्छा लाभ भी कमा सकेंगे। आप धन को बचाने में कामयाब हो सकेंगे।

स्वास्थ्य: यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से काफी अच्छा रहने वाला है। आपको अपनी पिछली समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।

उपाय: रोज़ गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें।

मीन साप्ताहिक राशिफल

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्‍न 1.  नवंबर 2025 में कुंभ राशि वाले क्‍या उपाय करें?

उत्तर. मांस, मदिरा से दूर रहें।

प्रश्‍न 2. नवंबर साल का कौन सा महीना है?

उत्तर. यह ग्‍यारहवां महीना है।

प्रश्‍न 3. नवंबर में मेष राशि वालों का करियर कैसा रहेगा?

उत्तर. कार्यक्षेत्र में कुछ कठिनाईयां रह सकती हैं।

क्यों की जाती है गोवर्धन पूजा 2025, सिर्फ ये एक उपाय आपको दिलाएंगे हर समस्या से मुक्ति!

गोवर्धन पूजा 2025 पर ये एक उपाय दिलाएगा हर समस्या से मुक्ति!

गोवर्धन पूजा 2025 का पर्व हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को यानी दीपावली के अगले दिन बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह सिर्फ एक धार्मिक परंपरा ही नहीं बल्कि प्रकृति, अन्न और भगवान श्री कृष्ण के प्रति आभार प्रकट करने का उत्सव है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, जब इंद्रदेव के प्रकोप से गोकुल वासी संकट में पड़ गए थे, तब भगवान श्री कृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर सभी की रक्षा की थी। तभी से  इस दिन गोवर्धन पर्वत और श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। 

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इस अवसर पर लोग घर-घर में अन्नकूट को भोग लगाते हैं और गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजा करते हैं। इस दिन को अलग-अलग जगहों पर अलग नामों से जाना जाता है, कहीं इसे अन्नकूट उत्सव कहा जाता है, तो कहीं गोवर्धन पूजा या गिरिराज पर्वत पूजा के नाम से प्रसिद्ध है।

अपने इस खास ब्लॉग में आज हम जानेंगे कि गोवर्धन पूजा इतनी महत्वपूर्ण क्यों होती है, इसकी विधि क्या होती है, और इस दिन पूजा करने से क्या कुछ लाभ मिलते हैं लेकिन आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले जान लेते हैं वर्ष 2025 में गोवर्धन पूजा किस दिन मनाई जाएगी।

गोवर्धन पूजा 2025: तिथि और समय

गोवर्धन पूजा तिथि: 22 अक्टूबर 2025, बुधवार

गोवर्धन पूजा प्रात:काल मुहूर्त: सुबह 06 बजकर 25 मिनट से सुबह 08 बजकर 41 मिनट तक

अवधि: 2 घंटे 15 मिनट

गोवर्धन पूजा सायंकाल मुहूर्त: दोपहर 03 बजकर 29 मिनट से शाम 05 बजकर 45 मिनट तक

अवधि: 02 घंटे 15 मिनट

अधिक जानकारी: ऊपर दिया गया मुहूर्त नई दिल्ली के लिए मान्य है। अगर आप अपने शहर के अनुसार इस दिन का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

गोवर्धन पूजा 2025 विधि और नियम

गोवर्धन पूजा का दिन केवल भगवान श्रीकृष्ण ही नहीं, बल्कि इंद्रदेव, वरुणदेव और अग्निदेव की आराधना का भी विधान है। इस अवसर पर गोवर्धन पर्वत, गौमाता और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा विशेष रूप से की जाती है। यह पावन पर्व मानव जीवन को यह संदेश देता है कि हमारे अस्तित्व के लिए प्रकृति का सरंक्षण और उसका सम्मान सबसे जरूरी है।

  • इस दिन गोबर से गोवर्धन का स्वरूप तैयार किया जाता है।
  • इसके बाद उन पर धूप, दीप, नवैद्य, जल,फल और फूल अर्पित किए जाते हैं। इसी के साथ गाय, बैल और खेती किसानी में सहायक सभी पशुओं की पूजा भी परंपरा का हिस्सा है।
  • गोवर्धन जी को लेटे हुए पुरुष का स्वरूप दिया जाता है और उनकी नाभि पर एक छोटा मिट्टी का दीपक रखा जाता है।
  • इस दीपक में दूध, दही, गंगाजल, शहद और बताशे डालकर बाद में उसे प्रसाद के रूप में सभी में बांटा जाता है।
  • पूजा संपन्न होने के बाद सात परिक्रमा करने का विधान है। परिक्रमा करते समय भक्त हाथ में जल से भरा लोटा रखते हैं और धीरे-धीरे जल अर्पित करते हुए साथ ही जौ बोते जाते हैं।
  • मान्यता है कि गोवर्धन पर्वत को स्वयं भगवान का स्वरूप माना जाता है और इस दिन की पूजा करने से घर में अन्न-धन, संतान सुख और गौ-समृद्धि बढ़ती है।

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गोवर्धन पूजा 2025 का महत्व

गोवर्धन पूजा का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत गहरा है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण द्वारा किए गए उस दिव्य कार्य की याद दिलाता है, जब उन्होंने इंद्रदेव के क्रोध से ब्रजवासियों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाया था। इस घटना ने लोगों को यह संदेश दिया कि प्रकृति की पूजा करनी चाहिए, न कि अहंकार में डूबे देवताओं की।

इस दिन गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बनाकर उसकी पूजा की जाती है और अन्नकूट का भोग लगाया जाता है। इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें धरती, जल, वायु, पशु-पक्षी और पेड़-पौधों का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि यही हमारे जीवन का आधार हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गोवर्धन पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है, धन-धान्य की वृद्धि होती है और परिवार में सदैव खुशहाली बनी रहती है। साथ ही, यह पर्व हमें अहंकार छोड़कर विनम्रता और सेवा का मार्ग अपनाने की प्रेरणा देता है।

गोवर्धन पूजा 2025 के लिए मंत्र

संकट मोचन मंत्र:

“ॐ गोवर्धनाय नमः”

अर्थ:

मैं गोवर्धन पर्वत को प्रणाम करता/करती हूं। यह मंत्र गोवर्धन पर्वत और भगवान कृष्ण के संरक्षण का स्मरण कराता है और जीवन में सुख, समृद्धि और सुरक्षा की कामना करता है।

अन्नकूट आराधना मंत्र

ऊं श्रीकृष्णाय गोवर्धनाय नमः

अर्थ:

मैं भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत को नमन करता/करती हूं। इस मंत्र से परिवार में खुशहाली, बच्चों के लिए स्वास्थ्य और दीर्घायु, और घर में सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

मंत्र: गोवर्द्धनधराधार गोकुलत्राणकारक। विष्णुबाहुकृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रदो भव॥ या लक्ष्मीर्लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता। घृतं वहति यज्ञार्थे मम पापं व्यपोहतु॥ अग्रतः सन्तु मे गावो गावो मे सन्तु पृष्ठतः। गावो मे हृदये सन्तु गवां मध्ये वसाम्यहम् ॥

अर्थ: पृथ्वी को धारण करने वाले गोवर्धन आप गोकुल की रक्षा करने वाले हैं। भगवान विष्णु ने अपनी भुजाओं से आपको ऊंचा उठाया था। आप मुझे कोटी गोदान देने वाले हो लोकपालों की जो लक्ष्मी यहां धेनुरूप से विराज रही है और यज्ञ के लिए घृत का भार वहन करती है, वह मेरे पापों को दूर करें. गायें मेरे आगे हों, गायें मेरे पीछे हों, गायें मेरे हृदय में हों और मैं सदा गायों के मध्य में निवास करूं।

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गोवर्धन पूजा की पौराणिक कथा

बहुत समय पहले, ब्रज में लोग हर साल इंद्रदेव की पूजा करते थे ताकि वर्षा अच्छी हो और उनकी फसलें हरी-भरी रहें। लोग इंद्रदेव को भव्य भेंट और अनाज अर्पित करते थे। एक वर्ष भगवान श्रीकृष्ण ने देखा कि लोग गोवर्धन पर्वत और अपनी गायों की रक्षा के लिए भगवान कृष्ण की दीक्षा को भूलकर केवल इंद्रदेव की पूजा में व्यस्त हो गए हैं। उन्होंने ब्रजवासियों को समझाया कि असली पूजा प्रकृति और गोवर्धन पर्वत की करनी चाहिए, क्योंकि यही हमारी जीविका और जीवन का आधार हैं।

कृष्ण के उपदेश से नाराज होकर इंद्रदेव ने भारी वर्षा भेज दी। तब भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाया और सभी ब्रजवासियों और उनकी गायों को बारिश और तूफान से बचाया। यह घटना यह सिखाती है कि अहंकार छोड़कर सच्ची भक्ति और प्रकृति की पूजा करना चाहिए।

तब से हर साल कार्तिक मास की प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है। इस दिन घर-घर में गोवर्धन का छोटा पर्वत बनाया जाता है, उसकी पूजा की जाती है और विविध प्रकार के पकवान अर्पित किए जाते हैं।

गोवर्धन पूजा 2025 के दिन क्या करें, क्या न करें

गोवर्धन पूजा 2025 पर क्या करें

  •  पूजा से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  •  घर में मिट्टी या खाद से छोटा गोवर्धन पर्वत बनाएं।
  • फूल, दीपक, जल, दूध, गेहूं, चावल और मिठाई अर्पित करें।
  • विविध प्रकार के पकवान अन्नकूट के रूप में माता को अर्पित करें।
  • अहोई माता या गोवर्धन पूजा की कथा सुनें, इससे पूजा का पुण्य बढ़ता है।
  • अपने बच्चों के स्वास्थ्य, लंबी उम्र और सफलता के लिए विशेष ध्यान दें।
  • इस दिन गरीबों को भोजन, कपड़े या अनाज दान करना शुभ माना जाता है।

गोवर्धन पूजा 2025 पर क्या न करें

  • पूजा के दौरान अशुद्ध स्थान या गंदे कपड़े का प्रयोग न करें।
  • गोवर्धन पर्वत को बिना श्रद्धा या जल्दबाजी में न बनाएं।
  • पूजा के समय अश्लील बातें या झगड़े न करें।
  • अन्नकूट में रखा भोजन किसी तरह की बर्बादी न होने दें।
  • पूजा में दूसरों का अपमान या ताने देना वर्जित है।

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गोवर्धन पूजा 2025 के दिन करें ये ख़ास उपाय

सात नारियल अर्पित करें

पूजा में सात नारियल अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है। इसे करने से संतान का स्वास्थ्य मजबूत होता है, दीर्घायु बढ़ती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

गोवर्धन पूजा 2025 पर अन्नकूट भोग लगाएं

गेहूं, चावल, दाल, मिठाई, फल और अन्य अन्नकूट सामग्री माता को अर्पित करें। यह उपाय घर में सुख-समृद्धि लाता है, बच्चों की पढ़ाई, करियर और स्वास्थ्य में लाभ होता है।

संतान के नाम का दीपक जलाएं

दीपक हमेशा बच्चे के नाम पर जलाएं। यह संतान के जीवन को उज्जवल करता है, नकारात्मक ऊर्जा दूर करता है और माता का आशीर्वाद लगातार प्राप्त होता है।

गोवर्धन पूजा 2025 पर सात मिट्टी के बर्तन दान करें

जरूरतमंदों को सात मिट्टी के बर्तन दान करना बहुत शुभ है। इससे संतान के अच्छे कर्म बनते हैं, भविष्य सुरक्षित रहता है और परिवार में खुशहाली बनी रहती है।

गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजा करें

मिट्टी या खाद से गोवर्धन पर्वत बनाएं और उसे फूल, दीपक और अन्नकूट से सजाकर पूजें। यह उपाय बच्चों की सुरक्षा और घर में समृद्धि लाने में अचूक माना जाता है।

गोवर्धन पूजा 2025 पर संतान के लिए विशेष प्रार्थना करें

पूजा के दौरान बच्चे की लंबी उम्र, सफलता और उज्ज्वल भविष्य के लिए हृदय से प्रार्थना करें। माता के प्रति भक्ति और श्रद्धा से यह टोटका और अधिक उपयोगी बन जाता है।

सप्ताह में एक बार दीपक जलाएं

गोवर्धन पूजा के दिन से ही हर शनिवार या व्रत वाले दिन बच्चे के नाम पर दीपक जलाने की आदत डालें। इससे संतान की पढ़ाई, करियर और स्वास्थ्य में निरंतर लाभ मिलता है।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

गोवर्धन पूजा कब मनाई जाती है?

गोवर्धन पूजा कार्तिक मास की शुक्ल प्रतिपदा (अन्नकूट) को मनाई जाती है। वर्ष 2025 में यह पूजा कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को होगी।

गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है?

यह पूजा भगवान श्री कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रजवासियों और उनकी गायों को वर्षा और संकट से बचाने की घटना की याद में मनाई जाती है।

पूजा में क्या सामग्री चाहिए?

मिट्टी या खाद से बने गोवर्धन पर्वत, फूल, दीपक, जल, दूध, अन्नकूट (गेहूं, चावल, दाल, मिठाई), नारियल और बालक के लिए दीपक।

कब मनाई जाएगी दिवाली 2025 ? नोट करें सही डेट और पूजा का समय!

कब मनाई जाएगी दिवाली 2025? नोट करें सही डेट और पूजा का समय!

दिवाली 2025 सनातन धर्म का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को यह पर्व मनाया जाता है और पांच दिनों तक चलने वाला यह त्योहार केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीयों द्वारा भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। 

दिवाली का प्रमुख आकर्षण देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा है, जिनमें मां लक्ष्मी से धन-समृद्धि और भगवान गणेश से बुद्धि व विवेक की कामना की जाती है। इस दिन दीप जलाने का विशेष महत्व है, क्योंकि दीपक अंधकार पर प्रकाश और नकारात्मकता पर सकारात्मकता की विजय का प्रतीक है।

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दिवाली से जुड़े धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक पहलू इसे और भी खास बना देता है। एक ओर यह त्योहार भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने की स्मृति में मनाया जाता है, वहीं दूसरी ओर इसे मां लक्ष्मी के प्रकट होने का दिन भी माना जाता है। दिवाली का हर दिन विशेष महत्व रखता है, धनतेरस से शुरुआत होती है, उसके बाद नरक चतुर्दशी , मुख्य दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज आते हैं।  

आज इस ब्लॉग में हम आपको दिवाली 2025 की सही तिथि, पूजा विधि, दिवाली का महत्व, इस दिन किए जाने वाले अचूक उपाय आदि के बारे में जानकारी देंगे तो बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं विस्तार से।

दिवाली 2025 के विशेष मुहूर्त

साल 2025 में कार्तिक माह की अमावस्या तिथि अक्टूबर 20, 2025 की दोपहर 03 बजकर 46 मिनट से शुरू होगी और अक्टूबर 21, 2025 की शाम 05 बजकर 56 मिनट तक समाप्त होगी। ऐसे में दिवाली 2025 का त्योहार 21 अक्टूबर 2025 मंगलवार के दिन मनाया जाएगा।

लक्ष्मी-गणेश पूजन का समय: 21 अक्टूबर की शाम 05 बजकर 50 मिनट से 05 बजकर 56 मिनट तक।

अवधि :0 घंटे 5 मिनट

प्रदोष काल मुहूर्त: शाम 05 बजकर 50 मिनट से 08 बजकर 18 मिनट तक

महानिशीथ काल :23:36:12 से 24:25:32 तक

सिंह काल : 25:45:12 से 27:52:10 तक

दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त

प्रातःकाल मुहूर्त (चल, लाभ, अमृत): 09:05:40 से 13:28:14 तक

अपराह्न मुहूर्त (शुभ):14:55:46 से 16:23:17 तक

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दिवाली 2025 का महत्व

दिवाली केवल रोशनी का त्योहार नहीं, बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधकार पर प्रकाश की विजय और घर-घर में सुख-समृद्धि के आगमन का प्रतीक है। यह पर्व हमें याद दिलाता है कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयां क्यों न आएं अंत में जीत सच्चाई और प्रकाश की ही होती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, दिवाली उस खुशी का दिन है, जब भगवान श्री राम 14 वर्षों का वनवास पूरा करके माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे। 

अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया और तभी से दीपावली को दीपों का त्योहार कहा जाने लगा। इसी दिन समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी का प्रकट होनी भी माना जाता है इसलिए दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं, दरवाजों और आंगन को दीपों और रंगोलियों से सजाते हैं, नए वस्त्र पहनते हैं और मिठाई व उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं।

व्यापारी वर्ग के लिए यह नया वित्तीय वर्ष आरंभ करने का शुभ समय होता है। आध्यात्मिक दृष्टि से यह पर्व हमें अपने भीतर के अंधकार जैसे जैसे क्रोध, लोभ, ईर्ष्या और नकारात्मकता को दूर करके प्रेम, करुणा, ज्ञान और सकारात्मक ऊर्जा को अपनाने का संदेश देता है। 

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दिवाली 2025 के दिन इस विधि से करें पूजन

  • दिवाली से पहले पूरे घर की अच्छे से सफाई करें और घर को दीपक, झालर और रंगोली से सजाएं। 
  • पूजा करने के लिए घर के उत्तर पूर्व दिशा में साफ-सुथरा स्थान चुनें। लकड़ी की चौकी या पटरे पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर लक्ष्मी गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। 
  • एक तांबे या मिट्टी के कलश में पानी भरें, उस पर आम के पत्ते रखें और नारियल रखकर कलश को चौकी पर रखें। इस समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। 
  • पूजा के लिए थाली में हल्दी, रोली, कुमकुम, चावल, मिठाई, फूल, दीपक और अगरबत्ती रखें। 
  • सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। उन्हें चंदन, फूल, धूप, दीप, मिठाई और मोदक अर्पित करें। 
  • इसके बाद मां लक्ष्मी की पूजा करें। उन्हें कमल का फूल, मिठाई, हल्दी-कुमकुम और दीप अर्पित करें। 
  • लक्ष्मी जी को सिक्के और नोट अर्पित करना भी शुभ माना जाता है। इस दौरान लक्ष्मी जी के 108 नामों या श्री सूक्त का पाठ करना उत्तम है। 
  • दीप जलाना और आरती पूजन के बाद पूरे घर में दीप जलाएं और मां लक्ष्मी गणेश की आरती करें। घर के मुख्य द्वार पर चारों ओर दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है।
  • व्यापारिक खाते की पूजा व्यापारी वर्ग इस दिन नए बही खाते की पूजा करता है और भगवान गणेश व मां लक्ष्मी से नए वर्ष में व्यापार में उन्नति की कामना करता है। 
  • प्रसाद वितरण अंत में प्रसाद बांटें और घर के सभी सदस्य आरती में शामिल हों।

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दिवाली 2025: पौराणिक कथा

दीपावली या दिवाली भारत का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय और अंधकार पर प्रकाश के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इसकी पौराणिक कथाएं कई रूपों में प्रचलित हैं, जिनमें सबसे प्रसिद्ध कथा भगवान राम से जुड़ी हुई है।

रामायण के अनुसार, जब भगवान राम ने 14 वर्ष का वनवास पूरी किया और माता सीता व भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे, तब अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया। उस रात अमावस्या थी और दीपों की रोशनी से पूरा नगर जगमगा उठा।

तभी से हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली का पर्व मनाया जाने लगा। एक अन्य कथा के अनुसार, इस दिन समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी समुद्र से प्रकट हुई थीं। इसलिए दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है। लोग मानते हैं कि इस दिन मां लक्ष्मी घर-घर आती हैं और जिन घरों में साफ-सफाई व प्रकाश होता है, वहां स्थायी रूप से सुख-समृद्धि का वास होता है। 

इसके अलावा, कुछ मान्यताओं में यह भी कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने राक्षस राजा बलि को पाताल लोक भेजकर देवताओं और मनुष्यों को अत्याचार से मुक्त कराया। इन सभी कथाओं में एक बात समान है कि दिवाली का पर्व आशा, प्रकाश, समृद्धि और नई शुरुआत का संदेश देता है। इसलिए लोग इस दिन दीपक जलाते हैं, घरों को सजाते हैं, लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते हैं और बुराइयों को छोड़कर जीवन में सकारात्मकता अपनाने का संकल्प लेते हैं।

दिवाली 2025 के दिन अपनाएं ये अचूक टोटके

माता लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए

दिवाली की रात पहला दीपक घर के मंदिर या तिजोरी के पास जलाएं। मान्यता है कि इससे लक्ष्मी माता घर में स्थायी रूप से वास करती हैं।

घर में सुख-शांति के लिए

मुख्य दरवाजे पर सरसों के तेल और काले तिल का दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सुख-शांति आती है।

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दिवाली 2025 पर दरिद्रता दूर करने के लिए 

दिवाली के दिन नया झाड़ू खरीदकर उसे घर में रखना शुभ माना जाता है। यह घर से दरिद्रता दूर कर लक्ष्मी कृपा बढ़ाता है।

धन-वृद्धि के लिए

धनतेरस या दिवाली की रात तिजोरी या पैसे रखने की जगह पर कुबेर भगवान की पूजा करें और तांबे के पात्र में चांदी का सिक्का रखकर पूजन करें। यह धन वृद्धि के लिए अचूक उपाय माना जाता है।

दिवाली 2025 पर अच्छे स्वास्थ्य के लिए

दिवाली की रात दूध से भरा दीपक जलाकर पीपल के पेड़ के नीचे रखने से व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए

लक्ष्मी पूजन से पहले पूरे घर में गंगा जल का छिड़काव करें। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होकर सकारात्मकता का वास होता है।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

दिवाली की पूजा कैसे करनी चाहिए?

घर को साफ-सुथरा कर के सजाएं, चौक-रंगोली बनाकर दीप जलाएं। फिर लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को स्थापित कर धूप-दीप, पुष्प, मिठाई और विशेष मंत्रों से पूजा करें।

दिवाली 2025 पर कौन-कौन से टोटके किए जाते हैं?

दिवाली की रात पहला दीपक तिजोरी के पास जलाना चाहिहए, दरवाजे पर सरसों तेल का दीपक लगाना और नया झाड़ू खरीदना बेहद शुभ माना जाता है।

 दिवाली पर न करने योग्य कार्य कौन से हैं?

इस दिन कर्ज देना-लेना, झाड़ू-पोंछा करना और घर को गंदा रखना अशुभ माना जाता है।

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: देश-दुनिया सहित कैसे करेगा आपको प्रभावित? जानें

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज एआई का हमेशा से यही प्रयास रहा है कि ज्योतिष की दुनिया में होने वाले हर घटनाक्रम से आप अवगत रहें। ऐसे में, हमारे आज का यह विशेष ब्लॉग आपको बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के बारे में जानकारी प्रदान करेगा जो 24 अक्टूबर 2025 की दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर होने जा रहा है। बुध का यह गोचर संसार, शेयर बाजार सहित राशियों के लिए अच्छे या बुरे किस तरह के परिणाम लेकर आएगा।   

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ज्योतिष में बुध ग्रह का संबंध व्यापार, विश्लेषण और सभी तरह की अभिव्यक्ति से है, फिर चाहे वह शब्दों या लिखने के माध्यम से हो। साथ ही, यह उत्सुकता, सीखने, याददाश्त और बदलती हुई परिस्थितियों को तुरंत स्वीकार करने की क्षमता का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अलावा, बुध ग्रह मोलभाव, कूटनीति और नेटवर्क आदि को भी दर्शाते हैं।

कुंडली में मज़बूत बुध आपको तेज़ बुद्धि, गहराई से सोच-विचारने की क्षमता और बहुमुखी प्रतिभा का आशीर्वाद देते हैं। इसके विपरीत, बुध देव की कमज़ोर अवस्था भ्रम, सही तरीके से बात न कर पाना या सही निर्णय न ले पाने जैसी स्थिति आपके जीवन में पैदा करती है।

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: विशेषताएं

बुध देव की वृश्चिक राशि में मौजूदगी एक ऐसे व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करती है जो रहस्यमय होगा और उसकी बुद्धि बहुत तेज़ होगी। ऐसा इंसान किसी बात की गहराई में जाकर छानबीन करके वास्तविक कारण जानने में सक्षम होता है। यह स्थिति आपको ऐसी चीज़ों के प्रति आकर्षित कर सकती है जो सामान्य रूप से लोगों को पसंद नहीं आती होगी। जिन जातकों की कुंडली में बुध वृश्चिक राशि में होता है, उस व्यक्ति का झुकाव डरावनी, षड्यंत्र, अपराधी मानसिकता, हत्या के अनसुलझे रहस्य, कामुकता, साइबर अपराध, हैकिंग, भ्रष्टाचार, हिंसा, रक्तपात आदि में हो सकता है।

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इसके अलावा, बुध देव की यह उपस्थिति आपको शोध या रिसर्च करने वाली बुद्धि प्रदान करती है। साथ ही, इस स्थिति के प्रभाव से जातक अपने विचार और मान्यताओं को लेकर कठोर और बेहद सुरक्षात्मक होता है। वृश्चिक राशि में बैठे बुध महाराज आपको बातों को अपने अंदर रखने के लिए मजबूर करते हैं।

बुध देव इस बात को भी दर्शाते हैं कि आप दूसरों के सामने खुद को कैसे व्यक्त करते हैं और अपनी बात कैसे रखते हैं। बुध के वृश्चिक राशि में स्थित होने की वजह से व्यक्ति की भावनाएं और विचार दोनों मन में दबे रह जाते हैं। ऐसे में, अन्य लोगों को जो बाहर से दिखाई देता है, वह वास्तविक स्थिति नहीं होती है। 

वृश्चिक राशि में बुध के तहत जन्मे जातक जासूस, आध्यात्मिक, ज्योतिषी, रिसर्चर, वैज्ञानिक और नए-नए अविष्कार करने वाला बनता है। हालांकि, बुध ग्रह के कमज़ोर या पीड़ित अवस्था में होने से जातक हैकर, चोर या फिर मानसिक रोगी बन सकते हैं।

अगर बुध की स्थिति वृश्चिक में नकारात्मक होती है और यह रहस्यमयी होता है या किसी अशुभ या पापी ग्रह बुध की इस स्थिति को प्रभावित करने लगता है, तो हालात बिगड़ने लगते हैं। जब बात आती है स्वास्थ्य की, तो जातक को कोई गुप्त रोग या फिर असामान्य स्थिति का सामना करना पड़ सकता है जिसका असर आपकी वाणी, त्वचा, गले, कान या जीभ आदि अंगों पर पड़ सकता है।

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: इन राशियों को मिलेंगे सकारात्मक परिणाम 

मेष राशि 

मेष राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बुध का यह गोचर आपके लिए शुभ रहेगा इसलिए आपको सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना है। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में बुध देव आपकी सहायता करने का प्रयास करेंगे क्योंकि यह आपके स्वामी ग्रह मंगल की राशि में विराजमान होंगे। बता दें कि बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपको अप्रत्याशित रूप से लाभ प्रदान करने का काम कर सकता है। 

हालांकि, इस दौरान आपको कार्यों में समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है, लेकिन उनमें आपको सफलता मिलने की संभावना प्रबल होगी। साथ ही, बुध देव प्रतियोगी परीक्षाओं में आपको कामयाबी दिला सकते हैं, परंतु फिर भी आपकी राह में समस्याएं बनी रह सकती हैं क्योंकि बुध महाराज आपके आठवें भाव में बैठे होंगे। बता दें कि बुध ग्रह की यह स्थिति परिणामों को आपके पक्ष में करने का पूरा प्रयास करेगी, परंतु इस दौरान सूर्य देव की कमज़ोर अवस्था आपको इस अवधि में मान-सम्मान दिलाने में ज्यादा मददगार साबित नहीं होगी। कुल मिलाकर, बुध का यह गोचर आपको जीवन में सही दिशा में आगे बढ़ने में मार्गदर्शन करेगा, लेकिन फिर भी सब कुछ योजना के अनुसार न होने की आशंका है। 

मेष साप्ताहिक राशिफल

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मिथुन राशि 

मिथुन राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज आपके चौथे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आपके राशि के भी स्वामी हैं। अब यह आपके छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि सामान्य रूप से बुध का छठे भाव में गोचर अनुकूल कहा जाता है। इसके परिणामस्वरूप, बुध का वृश्चिक राशि में प्रवेश आपके लिए शुभ परिणाम लेकर आ सकता है। हालांकि, ज्योतिष शास्त्र में बुध का छठे भाव में गोचर स्वास्थ्य को मज़बूत बनाने वाला कहा गया है। लेकिन, फिर भी सेहत को नज़रअंदाज़ करने से आपको बचना होगा क्योंकि बुध देव आपके लग्न भाव के स्वामी के रूप में छठे भाव में प्रवेश करेंगे। जब बुध ग्रह वृचिक राशि में उपस्थित होंगे, तो आपको जीवन के विभिन्न आयामों में ज्यादातर अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी।

इसके अलावा, बुध महाराज पर गुरु ग्रह की दृष्टि पड़ रही होगी जो आपके कर्म भाव के स्वामी हैं और ऐसे में, आप मानसिक रूप से मज़बूत होंगे। साथ ही, आपको कार्यक्षेत्र में सफलता की प्राप्ति होगी और इस अवधि में आप सोच-समझकर फैसले लेने में सक्षम होंगे। इस दौरान बुध देव प्रतियोगी परीक्षाओं में आपका मार्गदर्शन करेंगे जिसके चलते आपके मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी। यदि आपका संबंध आर्ट्स, साहित्य या फिर लेखन से है, तो आपको बहुत शुभ फलों की प्राप्ति होगी। वहीं, जिन जातकों का जुड़ाव वाणी से संबंधित क्षेत्र से हैं, उनकों भी इस समय सफलता प्राप्त होगी। 

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

सिंह राशि 

सिंह राशि वालों के लिए बुध महाराज आपकी कुंडली में दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो कि धन और लाभ के भाव हैं। ऐसे में, अब इनका गोचर आपके चौथे भाव में होने जा रहा है। इस भाव में बुध महाराज आपके आय और बचत दोनों भावों के स्वामी बन जाते है। ज्योतिष के अनुसार, बुध का चौथे भाव में गोचर आपके लिए भाग्यशाली कहा जाएगा और ऐसे में, आपको इस अवधि में सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। ग्यारहवें भाव के स्वामी के आपके चौथे भाव में प्रवेश करने से रियल एस्टेट और प्रॉपर्टी से जुड़ा काम करने वाले जातकों को विशेष रूप से लाभ की प्राप्ति होगी। 

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान आपके द्वारा किए गए प्रयासों में आपको सफलता प्राप्त होगी क्योंकि ग्यारहवें भाव के स्वामी की दृष्टि करियर के भाव यानी कि दसवें भाव पर होगी। इसके अलावा, जैसे कि धन भाव अर्थात दूसरे भाव के स्वामी आपके चौथे भाव में जा रहे हैं। ऐसे में, आप घर-परिवार और घर से जुड़ी चीज़ों पर ख़र्च कर सकते हैं। लेकिन, आपको अपना पैसा सही चीज़ों पर ख़र्च करने की सलाह दी जाती है। बुध गोचर की यह अवधि आपके लिए अनुकूल रहेगा और परिस्थितियां भी आपके पक्ष में रहेंगी। साथ ही, इस समय किसी के साथ आपकी दोस्ती मज़बूत होगी। 

सिंह साप्ताहिक राशिफल

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए बुध महाराज नौवें और बारहवें भाव के अधिपति देव हैं जो धन और ख़र्चों का भाव है। वर्तमान समय में बुध वृश्चिक राशि में आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं और इस भाव में बुध का गोचर बहुत शुभ माना जाता है। इसके परिणामस्वरूप, आपको अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। इनकी कृपा से बुध गोचर की अवधि में आप नए आभूषण और कपड़े खरीद सकते हैं। साथ ही, चौथे भाव में बुध की स्थिति आपके संचार कौशल को मज़बूत करने का काम करेगी। 

बुध के इस गोचर की अवधि में छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में लाभ की प्राप्ति होगी। अगर आप खाने-पीने के शौक़ीन हैं, तो आपको अपना मनपसंद और स्वादिष्ट पकवान खाने के कई अवसर मिल सकते हैं। साथ ही, इन जातकों को अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलने का मौका मिलेगा जिससे आपका रिश्ता उनके साथ मज़बूत होगा। 

तुला साप्ताहिक राशिफल

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए बुध देव आपकी कुंडली में छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ज्योतिष के अनुसार, बुध देव का आपके ग्यारहवें भाव में गोचर शुभ और लाभकारी माना जाता है। इसके परिणामस्वरूप, वृश्चिक राशि में बुध की उपस्थिति की वजह से प्रतिस्पर्धा से जुड़े मामलों में लाभ मिलने के योग बनेंगे। इस दौरान आपकी सेहत अच्छी बनी रहेगी जिसके चलते आपका स्वभाव भी खुशमिज़ाज रहेगा। यदि आप लोन अदा करने की कोशिश कर रहे हैं, तो इस समय आपको सफलता प्राप्त होने की प्रबल संभावना है।

इसके अलावा, बुध का वृश्चिक राशि में गोचर धर्म-कर्म या फिर अध्यात्म से जुड़े क्षेत्रों में सकारात्मक परिणाम दे सकता है। करियर और व्यापार के क्षेत्र में लाभ, वेतन में वृद्धि के साथ-साथ रियल एस्टेट के क्षेत्र में तेज़ी देखने को मिल सकती है। दोस्तों और संतान से जुड़े क्षेत्रों में भी आपको शुभ फल प्राप्त होंगे। 

मकर साप्ताहिक राशिफल

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि बुध देव का दसवें भाव में गोचर शुभ परिणाम देता है। साथ ही, इनकी यह स्थिति आपको जीवन में लोकप्रिय बनाने के साथ-साथ मान-सम्मान दिलाने का काम करती है। इस अवधि में आप प्रतिद्वंदियों से बेहतर प्रदर्शन करेंगे और साथ ही, कंपनी के लाभ को बढ़ाने में भी सक्षम होंगे। इस प्रकार, मान-सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाने में बुध ग्रह की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान आपको कार्यक्षेत्र में सफलता और लाभ दोनों की प्राप्ति होगी। इस प्रकार, यह गोचर आपके करियर के लिए अच्छा कहा जाएगा। वहीं, जो जातक संचार कौशल से जुड़े क्षेत्रों में रुचि रखते हैं, उनको विशेष रूप से लाभ प्राप्त होगा क्योंकि आपके पांचवें भाव के स्वामी दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। हालांकि, इस अवधि में आपके काम अचानक से पूरे होंगे क्योंकि आपके आठवें भाव के स्वामी दसवें भाव में गोचर कर जाएंगे। 

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: इन राशियों को रहना होगा सावधान

वृषभ राशि 

वृषभ राशि वालों की कुंडली में बुध देव आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके सातवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। बता दें कि कुंडली का सातवां भाव विवाह, सामाजिक रिश्ते और व्यापार का होता है। इस प्रकार, वृषभ राशि के दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी का सातवें भाव में जाना ज्यादा अच्छा नहीं कहा जा सकता है इसलिए इस दौरान आपको  अच्छे परिणामों की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। 

बुध गोचर के दौरान जो जातक अपने रिश्ते को लेकर समर्पित और वफादार हैं, उन्हें शुभ फल मिलने की संभावना है क्योंकि आपके पांचवें भाव के स्वामी सातवें भाव में जा रहे हैं। हालांकि, प्रेम के ग्रह शुक्र भी नीच अवस्था में होंगे और उसके बाद इस पर मंगल ग्रह का सीधा प्रभाव बुध से मिलने वाले परिणामों को प्रभावित कर सकता है। जब प्रेम जीवन के संबंधों की बात आती है, तो रिस्क लेना ठीक नहीं रहेगा। आर्थिक जीवन में आपको उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। 

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों की कुंडली में बुध ग्रह आपके तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके पांचवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि बुध का वृश्चिक में गोचर आपके लिए सकारात्मक नहीं कहा जा सकता है। इसके फलस्वरूप, इस अवधि में आपको सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। हालांकि, शुरुआत में परेशानी झेलने के बाद आपके भाग्य भाव यानी कि नौवें भाव के स्वामी बृहस्पति देव आपको आराम से जीवनयापन करने में सहायता करेंगे क्योंकि यह अपनी राशि में लग्न भाव में होंगे और पांचवें भाव में बैठे बुध पर अपनी दृष्टि डालेंगे।

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर की अवधि में आपको संतान से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, विशेष रूप से छोटे बच्चों को। हालांकि, आप समस्याओं का समाधान ढूंढ सकेंगे। इस गोचर का नकारात्मक असर आपकी दीर्घकालिक योजनाओं पर पड़ सकता है। ऐसे में, आपको आर्थिक जीवन में कोई बड़े बदलाव लेकर आने से बचना होगा, अन्यथा आपको धन से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। साथ ही, आपको बेकार के खर्चों को भी नियंत्रित करना होगा। 

कर्क साप्ताहिक राशिफल

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर 

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके आठवें भाव और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके लग्न भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि आठवां भाव परिवर्तन और लग्न भाव स्वयं का भाव होता है। ज्योतिष के अनुसार, बुध महाराज का लग्न भाव में गोचर ज्यादा अच्छा नहीं कहा जा सकता है। इसके अलावा, इन जातकों को अपनी सेहत पर बहुत ज्यादा देने की आवश्यकता होगी क्योंकि आठवें भाव के स्वामी लग्न भाव में बैठे होंगे। अगर आप ड्राइव करते हैं, तो आपको गाड़ी सावधानी से चलाने की सलाह दी जाती है। साथ ही, गाड़ी चलाते समय फोन पर बात करने से बचें। 

जब बुध देव वृश्चिक राशि में बैठे होते हैं, तो इस दौरान आपको दूसरों की आलोचना करने से बचना होगा और इस तरह के लोगों से दूरी बनाकर रखनी होगी। अगर आप दूसरों का सम्मान करेंगे और सावधानियों का पालन करते हुए आगे बढ़ेंगे, तो आपको सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होगी। दूसरी तरफ, आपको जीवन के कुछ क्षेत्रों में लाभ की प्राप्ति होगी क्योंकि लाभ भाव यानी ग्यारहवें भाव के स्वामी लग्न भाव में जा रहे हैं, इसलिए इस दौरान आपको सतर्क रहना होगा।

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए बुध महाराज आपके सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके बारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि बुध देव की बारहवें भाव में उपस्थिति को शुभ नहीं माना जाता है इसलिए इस दौरान बुध ग्रह से जुड़े क्षेत्रों में सावधानी बरतते हुए आगे बढ़ना होगा। करियर के क्षेत्र में विशेष रूप से आपको किसी भी तरह का जोख़िम लेने से बचना होगा क्योंकि आपके दसवें भाव के स्वामी बारहवें भाव में गोचर कर रहे होंगे, इसलिए आपको अपने वरिष्ठों और सहकर्मियों के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखने का प्रयास करना होगा। 

इसके अलावा, आपके सातवें भाव के स्वामी का बारहवें भाव में जाना दर्शाता है कि इन जातकों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि आपका रिश्ता अपने जीवनसाथी के साथ मज़बूत बना रहे, और आपको उनके साथ किसी तरह के उतार-चढ़ाव का सामना न करना पड़ें। धनु राशि के छात्रों को बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान मन लगाकर पढ़ाई करनी होगी। वहीं, अगर आपने किसी प्रतियोगिता में भाग लिया है, तो आपको सावधान रहना होगा। आप इन सावधानियों का पालन करेंगे, तो आप बुध के नकारात्मक प्रभावों से बच सकेंगे। 

धनु साप्ताहिक राशिफल

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: सरल एवं प्रभावी उपाय 

  • बुध देव से शुभ परिणाम पाने के लिए प्रतिदिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या “ॐ बुध बुधाय नमः” का जाप करें।
  • रोज़ाना विष्णु सहस्रनाम या दुर्गा चालीसा का पाठ करें, क्योंकि बुध के इस गोचर के दौरान शुक्र और मंगल दोनों की युति का निर्माण होगा।
  • छात्रों या जरूरतमंद बच्चों को हरे रंग के कपड़े, मूंग दाल, हरे पत्तेदार सब्जियां या पेन, नोटबुक आदि दान करें।
  • बुधवार के दिन शिवलिंग पर जल में दूध मिलाकर अर्पित करें। 
  • बुध को मज़बूत करने के लिए गाय को हरा चारा खिलाएं।  
  • व्यर्थ और चतुराई से भरी बातें करने से बचें। साथ ही, ईमानदारी अपनाएं और स्पष्ट संचार कौशल पर ध्यान दें। 
  • जैसे कि वृश्चिक राशि भावनात्मक संतुलन लेकर आती है इसलिए आंतरिक शांति को पाने के लिए मेडिटेशन, प्राणायाम और डायरी लिखने का अभ्यास करें। 
  • बुध गोचर की अवधि में धन से जुड़े लेन-देन में पारदर्शिता बनाए रखें।

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: वैश्विक स्तर पर प्रभाव 

आर्थिक प्रगति, व्यापार और ट्रेड 

  • बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान शेयर बाज़ार में विशेष रूप से भारत में अस्थिरता दिखाई दे सकती है क्योंकि इस दौरान घोटाले और छुपे हुए रहस्य सामने आ सकते हैं जिसके चलते व्यापार में गिरावट आ सकती है।
  • साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी एजेंसियां, रिसर्च फर्म और खनन से जुड़े क्षेत्र प्रगति की राह पर आगे बढ़ेंगे क्योंकि दुनिया की नज़रें अब इन क्षेत्रों पर होगी।
  • इस अवधि के दौरान बड़े बदलाव, टैक्स में सुधार और मल्टीनेशनल कंपनियां दूसरी कंपनियों के साथ मिलकर काम कर सकती हैं। 

भू-राजनीति और कूटनीति 

  • बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान अनेक देश अपने छिपे हुए एजेंडा पर केंद्रित कर सकते हैं। साथ ही, कई बड़े देशों के बीच वार्ताओं का दौर शुरू हो सकता है।
  • गुपचुप तरीके से हुए सौदे, गुप्त एजेंडा और महत्वपूर्ण जानकारी दुनिया के सामने आने से कई राष्ट्रों को उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, एक गलत कदम की वजह से भारत समेत कई देशों को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
  • सुरक्षा, वित्त और महत्वपूर्ण क्षेत्रों को लेकर दुनिया के कई बड़े राष्ट्रों के बीच तनाव और संघर्ष की स्थिति पैदा हो सकती है।  

विज्ञान और तकनीक 

  • बुध के वृश्चिक राशि में प्रवेश के दौरान कुछ सकारात्मक घटनाएं भी हो सकती हैं। इस दौरान रिसर्च के माध्यम से मेडिसिन, साइबर सुरक्षा और बायोटेक्नोलॉजी में होने वाले आविष्कारों से दुनियाभर को लाभ मिलेगा।
  • इस समय विभिन्न देशों की सरकारों के बीच गुप्त संबंध, रहस्य और घोटाले उजागर होकर मीडिया के सामने आ सकते हैं और इस वजह से कई प्रसिद्ध हस्तियों का नाम सुर्ख़ियों में आ सकता है। 
  • बुध गोचर के दौरान भूमिगत संसाधनों, वायु और जल प्रदूषण से निपटने के लिए रिसर्च की सहायता से नई-नई तकनीक खोजने की कोशिश की जाएगी। 

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: शेयर बाज़ार

  • बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान अज्ञात  रहस्य, घोटाले और अचानक खुलासे होने की आशंका है, जिससे बाजार में अस्थिरता का दौर शुरू हो सकता है। 
  • इस अवधि में निवेशक सावधानी से निवेश करने का प्रयास करेंगे और कोई भी कदम उठाने से पहले अच्छे से सोच-विचार और रिसर्च करेंगे। 
  • बुध गोचर के दौरान देश में चलने वाली अफवाह बाजार के रुझान को प्रभावित कर सकती है। 
  • इस अवधि में होने वाले नए-नए आविष्कार फार्मास्यूटिकल्स और बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्रों के लिए फलदायी साबित होंगे। 
  • दुनियाभर में भूमिगत संसाधनों की वजह से खनन, तेल और प्राकृतिक संसाधन से जुड़े क्षेत्रों में तेज़ी देखने को मिलेगी, जिससे कई उद्योगों को लाभ प्राप्त होगा।
  • वृश्चिक राशि में बुध के प्रवेश के दौरान साइबर सिक्योरिटी और डाटा एनालिटिक्स का प्रदर्शन शानदार रहेगा क्योंकि बुध संचार कौशल और वृश्चिक राशि रहस्य को नियंत्रित करती है इसलिए इस अवधि में डाटा सुरक्षा की मांग बढ़ेगी। 
  • वित्त और बैंक जैसे वित्तीय क्षेत्रों की जाँच-पड़ताल होने की संभावना है।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

बुध ग्रह वृश्चिक राशि में गोचर कब करेंगे?

बुध महाराज 24 अक्टूबर 2025 को वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे। 

क्या बुध और मंगल मित्र हैं?

नहीं, ज्योतिष में मंगल और बुध को एक-दूसरे के शत्रु माना जाता है। 

वृश्चिक राशि का स्वामी कौन है?

मंगल देव को वृश्चिक राशि पर स्वामित्व है। 

दिवाली और भाई दूज से सजा ये सप्ताह रहेगा बेहद ख़ास, जानें कब पड़ेगा कौन सा त्योहार

दिवाली और भाई दूज से सजा ये सप्ताह रहेगा बेहद ख़ास, जानें कब पड़ेगा कौन सा त्योहार

साप्ताहिक राशिफल 20 से 26 अक्टूबर 2025: एस्ट्रोसेज एआई ने साप्ताहिक राशिफल का यह ख़ास ब्लॉग हमारे पाठकों के लिए विशेष रूप से तैयार किया है जो पूर्ण रूप से वैदिक ज्योतिष पर आधारित है। इस लेख के माध्यम से आपको आने वाले अगले 7 दिनों की विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी, क्योंकि यहाँ हम आपको इस सप्ताह की छोटी से छोटी जानकारी प्रदान कर रहे हैं। 

ऐसे में, आने वाले सप्ताह को लेकर आपके मन में भी उत्सुकता होगी और साथ ही, कई तरह के सवाल भी उठ रहे होंगे जैसे कि जीवन के विभिन्न आयामों के लिए यह सप्ताह कैसा रहेगा? क्या करियर में मिलेगा प्रमोशन या करना होगा इंतज़ार? छात्रों को शिक्षा में मिलेगा किस्मत का साथ? वैवाहिक और प्रेम जीवन रहेगा मधुर या रिश्तों में आएगी दरार? इन सभी सवालों का जवाब पाने के लिए आपको हमारे साप्ताहिक राशिफल के इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा। 

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सिर्फ़ इतना ही नहीं, अक्टूबर 2025 के इस तीसरे हफ्ते में कौन-कौन से व्रत और त्योहार पड़ेंगे, कौन सा ग्रह अपनी चाल, दशा या राशि में परिवर्तन करेगा, कब-कब हैं बैंक अवकाश और शुभ कार्यों के लिए कब-कब होंगे मुहूर्त? इस तरह की महत्वपूर्ण जानकारी भी हम आपको साप्ताहिक राशिफल के इस लेख में प्रदान करेंगे। साथ ही, इस सप्ताह किन मशहूर हस्तियों का जन्मदिन आएगा, इससे भी हम आपको रूबरू करवाएंगे।

तो आइए बिना देरी किए शुरुआत करते हैं साप्ताहिक राशिफल (20 अक्टूबर से 26 अक्टूबर, 2026) का यह ब्लॉग और जानते हैं इस सप्ताह का हाल। 

इस सप्ताह के ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू कैलेंडर की गणना

साल के दसवें महीने अक्टूबर का यह सप्ताह बहुत शुभ रहेगा क्योंकि इस दौरान कई बड़े मनाए जाएंगे, जिनके बारे में हम आगे विस्तार से चर्चा करेंगे। लेकिन सबसे पहले जानते हैं अक्टूबर 2025 के तीसरे सप्ताह का हिंदू पंचांग, तो इस हफ़्ते का आगाज़ हस्त नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानी कि 20 अक्टूबर 2025 को होगा जबकि इस सप्ताह का अंत मूल नक्षत्र के अंतर्गत शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि अर्थात 26 अक्टूबर 2025 को होगा।

धार्मिक और ज्योतिष की दृष्टि से यह सप्ताह महत्वपूर्ण माना जाएगा क्योंकि इस दौरान दिवाली और भाई दूज जैसे बड़े पर्व मनाए जाएंगे। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं इस सप्ताह के व्रत और त्योहारों पर। 

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इस सप्ताह में कब-कब पड़ेगा कौन सा व्रत और त्योहार 

व्रतों एवं पर्वों को न सिर्फ़ हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त हैं, बल्कि यह हमारे जीवन का भी अभिन्न अंग है जिनके बिना हमारी ज़िन्दगी अधूरी रहती है। यह हमारी बेरंग सी ज़िन्दगी में ख़ुशियों के रंग भरते हैं। ऐसे में, आपको पता होना चाहिए कि कब, कौन सा त्योहार मनाया जाएगा।

हालांकि, आजकल के भागदौड़ भरे जीवन में हम अपनी व्यस्तता की वजह से इन पर्वों एवं व्रतों की तिथियों को याद नहीं रख पाते हैं, इसलिए हमने यह सेक्शन विशेष रूप से आपके लिए बनाया है जहाँ आपको इस सप्ताह (20 से 26 अक्टूबर, 2025) पड़ने वाले व्रत व त्योहारों की तिथियां दी जा रही हैं। 

नरक चतुर्दशी (20 अक्टूबर 2025, सोमवार): नरक चतुर्दशी का पर्व दिवाली के पांच दिनों में धनतेरस के अगले दिन मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। इसे नरक चौदस, रूप चौदस और रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नरक चतुर्दशी पर मृत्यु के देवता यमराज की पूजा करने की परंपरा है। दीवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी मनाई जाती है इसलिए इसे छोटी दिवाली भी कहते हैं। इस दिन भगवान यमराज के लिए दीपक जलाए जाते हैं। 

दिवाली (21 अक्टूबर 2025, मंगलवार): हिंदुओं का सबसे बड़ा और प्रमुख त्योहार है दिवाली, जिसे दुनियाभर में बहुत उत्साह, श्रद्धा और भक्तिभाव से मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष दिवाली या दीपावली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या के दिन आता है। बता दें कि पांच दिनों तक चलने वाले दिवाली के पर्व का पहला दिन धनतेरस, दूसरा दिन छोटी दिवाली, तीसरा दिन दिवाली, चौथा दिन गोवर्धन और पांचवां व अंतिम दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास की अमावस्या पर भगवान राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण संग 14 वर्षों का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे, इसलिए इस दिन दीप जलाए गए थे।

कार्तिक अमावस्या (21 अक्टूबर 2025, मंगलवार): कार्तिक माह की अमावस्या को साल भर में आने वाली सभी अमावस्याओं में सर्वाधिक महत्व प्राप्त है, क्योंकि इस दिन हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा पर्व दिवाली मनाई जाती है। साथ ही, इस अमावस्या पर पितरों का तर्पण और दान-पुण्य करना भी बहुत शुभ और कल्याणकारी होता है। महाभारत के शांति पर्व में भगवान श्रीकृष्ण ने साक्षात कार्तिक अमावस्या का महत्व बताते हुए कहा है कि ‘यह मेरा प्रिय दिन है और इस दिन मेरी वंदना से मनुष्य के समस्त ग्रह दोष दूर हो जाएंगे’। 

गोवर्धन पूजा (22 अक्टूबर 2025, बुधवार): दिवाली के अगले दिन यानी कि कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन का त्योहार मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है और इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा विधि-विधान से की जाती है। गोवर्धन का संबंध प्रकृति और मानव से है और इसे अन्न कूट के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार समूचे भारत में मनाया जाता है, परंतु इसकी अलग ही रौनक मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, गोकुल, बरसाना आदि में देखने को मिलती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव का अभिमान तोड़ा था। 

भाई दूज (23 अक्टूबर 2025, गुरुवार): भाई दूज का पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है जो हर साल दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर भाई दूज मनाया जाता है। भाई दूज को भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया और भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक करती हैं और उनकी लंबी आयु और सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं। वहीं, भाई बहन को शगुन के रूप में कोई उपहार देता है। भाई दूज पर मृत्यु के देवता यमराज की भी पूजा की जाती है। 

हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन में खुशियाँ और आशा की नई किरण लेकर आयेंगे।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट  

इस सप्ताह पड़ने वाले ग्रहण और गोचर 

ज्योतिष में ग्रहण और गोचर दोनों को महत्वपूर्ण माना जाता है जो मनुष्य जीवन को गहराई से प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं, इसलिए यहाँ हम आपको अक्टूबर 2025 के इस तीसरे सप्ताह में होने वाले ग्रहण और गोचर के बारे में बताने जा रहे हैं। बता दें कि इस हफ़्ते में केवल एक ग्रह का ही गोचर होगा, जबकि इस अवधि में कोई भी ग्रहण नहीं लगेगा। आइए अब हम जान लेते हैं कौन सा ग्रह अपनी चाल में बदलाव करेगा। 

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर (24 अक्टूबर 2025): बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी और व्यापार के कारक माना जाता है और अब यह 24 अक्टूबर 2025 की दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे।

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इस सप्ताह के बैंक अवकाशों की सूची

साप्ताहिक राशिफल के इस ब्लॉग में आपको व्रत-त्योहार और ग्रहण व गोचर की जानकारी प्रदान करने के बाद अब हम बात करेंगे इस सप्ताह (20 अक्टूबर से 26 अक्टूबर, 2025) के बीच पड़ने वाले बैंक अवकाशों के बारे में। दिवाली जैसे बड़े पर्व आने की वजह से इस सप्ताह कब-कब बैंक बंद रहेंगे? चलिए जान लेते हैं, ताकि आपका काम अटक न सके। 

तिथि दिनपर्वराज्य
21 अक्टूबर 2025मंगलवारदिवालीराष्ट्रीय अवकाश
22 अक्टूबर 2025बुधवारदीपावली अवकाशहरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश
22 अक्टूबर 2025बुधवारविक्रम संवत नया सालगुजरात
22 अक्टूबर 2025बुधवारगोवर्धन पूजाचंडीगढ़, दमन और दाउ
23 अक्टूबर 2025गुरुवारभाई दूजगुजरात, राजस्थान , सिक्किम, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश

दिवाली के दिन किन उपायों को करके आप देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं, चलिए जानते हैं। 

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर 

दिवाली 2025 पर इन उपायों से पाएं देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद 

  • भगवान विष्णु और देवी लक्ष्‍मी को हाथी प्रिय हैं इसलिए घर में ठोस चांदी या सोने का हाथी रखें। ऐसा करने से घर में शांति और समृद्धि रहती है। 
  • धन-समृद्धि के लिए दिवाली के दिन सफेद कौड़ियों को केसर या हल्दी के घोल में भिगोकर और उसके बाद लाल कपड़े में बांधकर घर की तिजोरी में रखें।
  • देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए दिवाली पर घी से सातमुखी दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपको धन की कभी कमी नहीं होगी। 
  • दीपावली की रात मंदिर या देवालय में गाय के शुद्ध घी से दीपक जरूर जलाएं। ऐसा करने से जातक को कर्ज से मुक्ति मिलती है और आर्थिक तंगी भी दूर हो जाती है।

इस सप्ताह (20 अक्टूबर से 26 अक्टूबर, 2025) के शुभ मुहूर्त

जैसे कि हम सभी जानते हैं हिंदू धर्म में हर शुभ एवं मांगलिक काम को शुभ मुहूर्त में किया जाता है, इसलिए इस सेक्शन में आपको अक्टूबर 2025 के तीसरे सप्ताह (20 से 26 अक्टूबर, 2025) में मौजूद शुभ मुहूर्तों की सूची दी जा रही है।   

इस सप्ताह (20 से 26 अक्टूबर 2025) के नामकरण मुहूर्त

अगर आप अपनी संतान का नामकरण संस्कार संपन्न करने के लिए शुभ मुहूर्त की तलाश में हैं, तो नीचे हम अक्टूबर के इस सप्ताह के नामकरण संस्कार के मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं। 

तिथि मुहूर्त
22 अक्टूबर 2025, बुधवार06:25:53 से 25:51:48
24 अक्टूबर 2025, शुक्रवार06:27:12 से 25:20:47

इस सप्ताह (20 से 26 अक्टूबर 2025) के वाहन खरीद मुहूर्त

जो जातक इस सप्ताह अपना वाहन खरीदने का सपना देख रहे हैं, वह इस सपने को अक्टूबर के इस सप्ताह में साकार कर सकते हैं। इसके लिए हम आपको वाहन खरीद मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं।

तिथि मुहूर्त
22 अक्टूबर 2025, बुधवार06:25:53 से  20:18:00
24 अक्टूबर 2025, शुक्रवार06:27:12 से 25:20:47

इस सप्ताह में जन्मे मशहूर सितारे

20 अक्टूबर 2025: नर्गिस फाखरी, वीरेंद्र सहवाग, वी एस अच्युतानंदन

21 अक्टूबर 2025: श्रीनिधि शेट्टी, पूनम कौर, कमल सदानाह

22 अक्टूबर 2025: मुनमुन धमेचा, अमित शाह, केदार खान

23 अक्टूबर 2025: जीन एकर, जीतन रमेश, ज़ायरा वसीम

24 अक्टूबर 2025: अवनी चतुर्वेदी, नाधिया, ड्रेक

25 अक्टूबर 2025: अवंतिका हुंदल, प्रयास रे बर्मन, मेहंदी हसन

26  अक्टूबर 2025: लक्ष्मीकांत बेर्डे, असिन थोत्तुक्कल, हृदयनाथ मंगेशकर

एस्ट्रोसेज इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। यदि आप अपने पसंदीदा सितारे की जन्म कुंडली देखना चाहते हैं तो आप यहां पर क्लिक कर सकते हैं। 

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साप्ताहिक राशिफल 20 अक्टूबर से 26 अक्टूबर, 2025

यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें:
चंद्र राशि कैलकुलेटर 

मेष साप्ताहिक राशिफल 

इस सप्ताह आपके पास भरपूर मात्रा में प्रचुर ऊर्जा होगी, लेकिन….. (विस्तार से पढ़ें) 

मेष प्रेम राशिफल 

आपकी राशि के प्रेमी, स्वभाव से ही भावुक और केयर करने….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

 इस सप्ताह आपके द्वारा किया गया अपने इलाज़ में परिवर्तन,….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ प्रेम राशिफल

इस सप्ताह संभव है कि आपको अपने ज़रूरी कार्य के चलते, ….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपको कुछ थकान भरे कार्यों से समय निकलते हुए,….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन प्रेम राशिफल

यह सप्ताह प्रेम के दृष्टिकोण से आपके लिए, काफी अनुकूल….(विस्तार से पढ़ें)

कर्क साप्ताहिक राशिफल

जो जातक जिम जाते हैं उन्हें, इस सप्ताह ज़रूरत से ज्यादा…. (विस्तार से पढ़ें)

कर्क प्रेम राशिफल

प्रेम में पड़े इस राशि के जातकों के जीवन में इस सप्ताह….(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह स्वास्थ्य को लेकर आपको, चुनौतियों का सामना ….(विस्तार से पढ़ें)

सिंह प्रेम राशिफल

यदि आप किसी से सच्चा प्रेम करते हैं और उनसे शादी के बंधन में……(विस्तार से पढ़ें)

कन्या साप्ताहिक राशिफल

एक्सरसाइज या योग को अपने जीवन का हिस्सा, इस दौरान ….(विस्तार से पढ़ें)

कन्या प्रेम राशिफल

इस सप्ताह एक अच्छे प्रेम भरे रिश्ते में होने के बावजूद….(विस्तार से पढ़ें)

तुला साप्ताहिक राशिफल

मुमकिन है कि इस सप्ताह आपको, अपने किसी अंग मे दर्द या…..(विस्तार से पढ़ें)

तुला प्रेम राशिफल

कई बार हम बहुत बातें अपने साथी से ये सोचकर नहीं….. (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

 इस सप्ताह आपको दूसरों की आलोचना में, अपना ज्यादातर …..(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आप कई विपरीत लिंगी लोगों से ज़रूरत से…..(विस्तार से पढ़ें)

धनु साप्ताहिक राशिफल

यदि आप मोटापे की अपनी समस्या से परेशान है तो, इस…..(विस्तार से पढ़ें)

धनु प्रेम राशिफल

आप अपने परिवार को बिना बताए, अपने प्रेमी संग किसी…..(विस्तार से पढ़ें)

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मकर साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह सेहत के नज़रिये से, स्थितियां पूरी तरह ….(विस्तार से पढ़ें)

मकर प्रेम राशिफल

प्यार-मोहब्बत के लिहाज़ से, ये सप्ताह थोड़ा मुश्किल रहेगा। हालांकि….(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

आपका सेहत में इस सप्ताह होने वाले कई सकारात्मक बदलाव…. (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ प्रेम राशिफल

आपके संबंधों में इस सप्ताह किसी बड़े की दख़लअंदाज़ी ….(विस्तार से पढ़ें)

मीन साप्ताहिक राशिफल 

इस वर्ष आपका स्वास्थ्य सामान्य से बेहतर रहेगा, जिसके कारण …..(विस्तार से पढ़ें)

मीन प्रेम राशिफल

इस सप्ताह योग बन रहे हैं कि किसी न किसी कारणवश, आपका….(विस्तार से पढ़ें)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. दिवाली 2025 में कब है?

इस साल दिवाली का पर्व 21 अक्टूबर 2025, मंगलवार को मनाया जाएगा। 

2. बुध का गोचर कब होगा?

अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में बुध ग्रह का गोचर वृश्चिक राशि में 24 अक्टूबर 2025 को होगा।

3. साल 2025 में भाई दूज कब है?

इस वर्ष भाई दूज 23 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा।

 

    

अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 19 अक्‍टूबर से 25 अक्‍टूबर, 2025

अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 19 अक्‍टूबर से 25 अक्‍टूबर, 2025

कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)? 

अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा। 

इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।

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अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (19 अक्‍टूबर से 25 अक्‍टूबर, 2025)

अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं। 

जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।

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मूलांक 1

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)

सत्ता और सरकार में बैठे लोगों के लिए यह सप्‍ताह शानदार रहने वाला है। नेता और राजनीतिज्ञ समाज के कल्‍याण के लिए अपने प्रभाव का उपयोग कर सकते हैं।

प्रेम जीवन: आपके घमंडी स्‍वभाव और अहंकार से संबंधित अनावश्‍यक टकराव के कारण आपके और आपके पार्टनर के रिश्‍ते में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। आपको अपने वैवाहिक जीवन के बारे में अधिक सोचने की सलाह दी जाती है।

शिक्षा: अगर आप अपनी परीक्षा के परिणाम का इंतजार कर रहे हैं, तो इसमें आपके सफल होने की प्रबल संभावना है। जो छात्र प्रशासनिक नौकरी जैसे कि सिविल सेवा या अन्‍य किसी सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हें, उनके लिए यह सप्‍ताह अच्‍छा रहने वाला है।

पेशेवर जीवन: आपको सत्ता से संबंधित पदों को लेकर कई अवसर मिल सकते हैं। आपको सरकार या उच्‍च अधिकारियों से सहायता भी मिल सकती है। आपके नेतृत्‍व करने के गुणों की सराहना की जाएगी और कार्यक्षेत्र में आपका उत्‍साह फिर से बढ़ सकता है।

सेहत: स्‍वास्‍थ्‍य के स्‍तर पर यह सप्‍ताह आपके लिए शानदार रहने वाला है। इम्‍युनिटी और शारीरिक शक्‍ति को बनाए रखने के लिए आपको संतुलित आहार लेने, व्‍यायाम करने और ध्‍यान करने की सलाह दी जाती है।

उपाय: आप सूर्य देव को अर्घ्‍य दें और आदित्‍य हृदयम स्‍तोत्रम का पाठ करें।

मूलांक 2

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)

अगर आपका कोई कानूनी मसला या विवाद चल रहा है, तो आपको इस सप्‍ताह का अधिक से अधिक लाभ उठाने की कोशिश करनी चाहिए। आपको अपने शत्रुओं पर जीत हासिल हो सकती है।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह आप अपने पार्टनर से किसी भी चीज़ के लिए दबाव बनाने या उनसे लड़ने के बजाय बात करने और उनकी परिस्थिति को जानने एवं समझने की कोशिश करें। आप दोनों एक-दूसरे को थोड़ा समय दें और अपने साथी की ईमानदारी पर सवाल न उठाएं।

शिक्षा: इस दौरान छात्र पढ़ाई पर से ध्‍यान भटकने और इच्छाशक्‍ति के मजबूत होने की वजह से अपने लक्ष्‍यों से भटक सकते हैं। इस वजह से छात्रों को एकाग्रता बनाए रखने के लिए ज्‍यादा प्रयास करने होंगे।

पेशेवर जीवन: इस समय व्‍यापारियों को अपनी रणनीतियों और प्रयासों की वजह से लाभकारी परिणाम प्राप्‍त होंगे। इससे आपके प्रतिष्‍ठा और मान-सम्‍मान में वृद्धि होगी।

सेहत: इस सप्‍ताह आपको हीट स्‍ट्रोक के कारण स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं होने की आशंका है इसलिए आप पर्याप्‍त मात्रा में तरल पदार्थ पिएं और अपने शरीर को हाइड्रेटिड रखें। महिलाओं को रजोनिवृत्ति और हार्मोन से संबंधित समस्‍याएं भी परेशान कर सकती हैं।

उपाय: आप दूध में एक चुटकी केसर डालकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।

मूलांक 3

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक धार्मिक और ईश्‍वर पर विश्‍वास रखने वाले होते हैं। आप लोगों को वास्‍तविक धर्म और अपनी सामाजिक जिम्‍मेदारियों के बारे में शिक्षित एवं प्रेरित करेंगे।

प्रेम जीवन: अविवाहित जातकों का विवाह या रिश्‍ते की शुरुआत हो सकती है लेकिन आपको अपनी भावनाओं को कंट्रोल करने और बुद्धि का उपयोग करना चाहिए।

शिक्षा: जो छात्र मास्‍टर और डॉक्‍टरेट की डिग्री के लिए तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए यह सप्‍ताह शानदार रहने वाला है। आपकी सारी उलझनें खत्‍म होंगी और आपको ज्ञात हो जाएगा कि आप किस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और अब आपको अपने उद्देश्‍य स्‍पष्‍ट नज़र आएंगे।

पेशेवर जीवन: इस सप्‍ताह आपको आर्थिक रूप से लाभ मिलेगा। प्रशिक्षक, सलाहकार, धर्म गुरु, मोटिपेशनल स्‍पीकर और इंवेस्‍टमेंट बैंकर के रूप में काम करने वाले लोगों के लिए यह सप्‍ताह शानदार साबित होगा।

सेहत: मूलांक 3 वाले जातक योग और ध्‍यान जैसी आध्‍यात्मिक और शारीरिक कार्यों के लिए समय निकालेंगे। इससे आपके शरीर और मन को लाभ होगा।

उपाय: रोज़ सुबह सूर्य देव को जल में एक चुटकी हल्‍दी डालकर अर्घ्‍य दें।

मूलांक 4

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)

इस सप्‍ताह मूलांक 4 वाले जातकों को अपने अंतर्राष्‍ट्रीय नेटवर्क के ज़रिए अपार धन-संपत्ति मिलने के योग हैं। आप लंबी दूरी की यात्रा या अंतर्राष्‍ट्रीय यात्रा भी कर सकते हैं जो कि आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगी। जीवनशैली में सुधार आने के साथ आपकी आमदनी में भी वृद्धि होगी।

प्रेम जीवन: सिर्फ अपने अंदर रुचि रखने या खुद को महत्‍व देने की वजह से आप अपने पार्टनर को अनदेखा कर सकते हैं या फिर उनका अनादर कर सकते हैं। इसकी वजह से आप दोनों के बीच बहस होने की आशंका है। इसलिए आपको इस सप्‍ताह अपने रिश्‍ते को भी प्राथमिकता देने की सलाह दी जाती है।

शिक्षा: इस सप्‍ताह छात्रों को उच्‍च शिक्षा या विदेश में पढ़ाई करने का अपना लक्ष्‍य प्राप्‍त करने में सफलता मिलेगी। यह सप्‍ताह इंटीरियर डिज़ाइनिंग, थिएटर एक्टिंग, फैशन या डिज़ाइन के अन्‍य किसी क्षेत्र में पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए सहयोगी साबित होगा।

पेशेवर जीवन: पार्टनरशिप में काम करने वाले जातकों के लिए यह सप्‍ताह शानदार रहने वाला है। आप अपने क्‍लाइंट का भरोता जीतने में सफल होंगे और आपको मुनाफे वाली डील मिल सकती है।

सेहत: मूलांक 4 वाले जातकों को इस सप्‍ताह कोई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या परेशान नहीं करगी। आपको बस इस बात का ध्‍यान रखना है कि बहुत ज्‍यादा शराब पीने से आपकी सेहत खराब हो सकती है इसलिए ज्‍यादा पार्टी करने और लोगों से अधिक मिलने-जुलने से बचें।

उपाय: आप नियमित रूप से 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें।

मूलांक 5

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 5 वाले जातकों को इस सप्‍ताह समाज में सम्‍मान मिल सकता है। आपके अधिक धन कमाने के प्रयास भी सफल होंगे। आप किसी सामाजिक कार्यक्रम में हिस्‍सा ले सकते हैं।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह मूलांक 5 वाले जातकों के पार्टनर को ठेस पहुंच सकती है और उनके बीच संघर्ष उत्‍पन्‍न हो सकता है इसलिए उन्‍हें अपने गुस्‍से को नियंत्रण में रखने एवं अपने कार्यों की समीक्षा करने की जरूरत है।

शिक्षा: जो छात्र प्रतियोगी परीक्षा जैसे कि सीए बैंकिंग की पढ़ाई कर रहे हैं, उनके लिए यह सप्‍ताह शानदार रहने वाला है। आप अपनी उम्‍मीद के अनुसार परीक्षा में सफल होंगे। इसके अलावा खासतौर पर बैंकिंग और फाइनेंस के क्षेत्र में आपके शैक्षिक प्रदर्शन में भी सुधार आएगा।

पेशेवर जीवन: इस सप्‍ताह आपकी बातों में साहस, आत्‍मविश्‍वास और प्रभाव नज़र आएगा। अगर आप सोशल मीडिया, मार्केटिंग या सलाहकार का काम करते हैं, जहां पर संचार आवश्‍यक होता है, तो इस सप्‍ताह आपको लाभ मिलने की उम्‍मीद है।

सेहत: लापरवाही करने की वजह से सेहत को नुकसान हो सकता है और दवाओं पर भी पैसा खर्च हो सकता है इसलिए आपको इस पूरे सप्‍ताह अपनी सेहत को लेकर सावधान रहना चाहिए। आप गाड़ी चलाते समय सतर्क रहें और संतुलित आहार लें एवं साफ-सफाई का ध्‍यान रखें।

उपाय: आप रोज़ गाय को गुड़ और सफेद ब्रेड खिलाएं।

मूलांक 6

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)

इस सप्‍ताह मूलांक 6 वाले जातक साहसी और आत्‍मविश्‍वास से भरपूर महसूस करेंगे। आपके अंदर अपने विचारों को साझा करने के लिए उत्‍साह और कल्‍पनाशीलता होगी। आपको पहचान मिलेगी एवं आपके पद-प्रतिष्‍ठा में वृद्धि होगी।

प्रेम जीवन: इस मूलांक वाले जातकों को अपने जीवनसाथी की भावनात्मक और शारीरिक जरूरतों पर अधिक ध्‍यान देना चाहिए क्‍योंकि इन्‍हें अनदेखा करने से आपका रिश्‍ता और उनकी सेहत दोनों खराब हो सकते हैं।

शिक्षा: डिज़ाइन, कला या रचनात्‍मकता से जुड़े छात्रों और मंच पर परफॉम करने वाले लोगों के दिमाग में नए विचार आएंगे और इन्‍हें अपने क्षेत्र में सफलता मिलेगी।

पेशेवर जीवन: अभिनेता, थिएटर कलाकारों, एंकर और मंच पर परफॉर्म करने वाले जातकों के लिए यह अच्‍छा समय है। इस समय हर किसी का ध्‍यान आप पर रहेगा और बड़ी संख्‍या में दर्शक आपकी प्रशंसा करेंगे।

सेहत: इस समय आपको हड्डियों जैसे कि आर्थराइटिस या आंखों से संबंधित समस्‍याओं के कारण स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं होने की आशंका है। महिलाओं को रजोनिवृत्ति और हार्मोन से संबंधित समस्‍याएं भी परेशान कर सकती हैं।

उपाय: अपने घर में लाल रंग के फूल लगाएं और उनकी देखभाल करें।

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मूलांक 7

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)

इस सप्‍ताह मूलांक 7 वाले जातकों की अपने परिवार के किसी वरिष्‍ठ सदस्‍य से बहस हो सकती है। आपको सोच-समझकर बोलना चाहिए क्‍योंकि इस समय आपकी बातें कठोर लग सकती हैं और इससे आपके अपने प्रियजनों को चोट पहुंच सकती है।

प्रेम जीवन: आपको अहंकार और बात-बात पर गुस्‍सा करने से बचना है। इसकी वजह से आपके वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं। इस समय आपको अपने गुस्‍से पर काबू रखना चाहिए।

शिक्षा: मूलांक 7 वाले जो जातक इतिहास, मानव संसाधन या राजनीत विज्ञान की पढ़ाई कर रहे हैं, उन्‍हें इस सप्‍ताह सफलता मिलेगी। हालांकि, इन्‍हें अपने विचारों को व्‍यक्‍त करने में परेशानी हो सकती है। आपको इस समय हार न मानने और अपने शिक्षक एवं सलाहकार से सहयोग मांगने की सलाह दी जाती है।

पेशेवर जीवन: आपको प्रभावी लोगों के साथ नए संपर्क बनाने चाहिए। वे करियर में आपकी सहायता कर सकते हैं और आपको प्रोत्‍साहन दे सकते हैं।

सेहत: स्‍वास्‍थ्‍य के स्‍तर पर आप बहुत ज्‍यादा उत्‍साहित और ऊर्जा से भरपूर रहेंगे।। हालांकि, आपके अधिक ऊर्जावान रहने के कारण आप जल्‍दबाज़ी में कोई निर्णय ले सकते हैं। अपने क्रोध और ऊर्जा को नियंत्रित कर आप अधिक सहज महसूस कर पाएंगे।

उपाय: आप हनुमान जी को लाल रंग के पुष्‍प अर्पित करें।

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मूलांक 8

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 8 वाले जातकों के लिए यह सप्‍ताह ज्‍यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है लेकिन फिर भी आप ऊर्जा और आत्‍मविश्‍वास से भरपूर रहेंगे। आपके अंदर अहंकार भी आ सकता है। आपकी दूसरे लोगों से बहस और मतभेद होने की आशंका है।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह प्रेमी जोड़ों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है। बहस करने और अहंकार की वजह से आपके रिश्‍ते को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए आप अपने पार्टनर के साथ बहस और मतभदे करने से बचें।

शिक्षा: इस समय विद्यार्थियों को पहले से अधिक आनंद आ सकता है। ध्‍यान भटकाने वाली जो चीजें आपकी सफलता के मार्ग में रुकावट बन रही थीं, वे अब दूर होंगी। आपको फोकस रहना है और अच्‍छा काम करते रहें।

पेशेवर जीवन: आपका आत्‍म-सम्‍मान कभी-कभी घमंड और अहंकार का रूप ले सकता है। आपको इस बारे में पता होना चाहिए। आप अपनी आलोचनाओं का रचनात्‍मक तरीके से जवाब देने का प्रयास करें। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपका अहंकार बढ़ सकता है और आगे चलकर समस्‍याएं हो सकती हैं।

सेहत: स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में यह सप्‍ताह आपके लिए ज्‍यादा अच्‍छा नहीं रहने वाला है। आपको उचित चिकित्‍सकीय परामर्श लेना चाहिए और किसी भी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या को अनदेखा नहीं करना चाहिए। फिट रहने के लिए आपको नियमित रूप से व्‍यायाम करना चाहिए और स्‍वस्‍थ एवं संतुलित आहार लेना चाहिए।

उपाय: आप अपने वरिष्‍ठों और अधिकारियों से अहंकार के टकराव से बचें।

अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

मूलांक 9

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, 27 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातकों को अपने पेशे और नौकरी में बड़ी उपलब्धि और पहचान मिल सकती है। आपका सम्‍मान बढ़ेगा एवं आपकी प्रतिष्‍ठा में भी वृद्धि होगी। आपकी नेतृत्‍व करने और निर्णय लेने की क्षमता से हर कोई प्रभावित होगा।

प्रेम जीवन: अहंकार और क्रोध से संबंधित समस्‍याओं का असर आपके प्रेम जीवन पर पड़ सकता है इसलिए आपको अपने पार्टनर के साथ मतभेद और बहस करने से बचना चाहिए।

शिक्षा: मूलांक 9 वाले जातक शिक्षा के क्षेत्र में अपने प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए इस सप्‍ताह का पूरा लाभ उठा सकते हैं। आपको कई तरह के स्रातों से सहयोग मिलेगा और आपकी समझ एवं एकाग्रता मजबूत होगी।

पेशेवर जीवन: आप अपने करियर में विस्‍तार करेंगे एवं आपको प्रगति और प्रमोशन मिल सकता है। कार्यक्षेत्र में आपके अंदर जोश और उत्‍साह बढ़ेगा और आपके नेतृत्‍व करने की क्षमता की तारीफ होगी।

सेहत: इस समय आपके पास खुद को बदलने और अपनी ऊर्जा एवं फिटनेस को बढ़ाने का मौका है। आपको अपने शरीर का ख्‍याल रखने की सलाह दी जाती है क्‍योंकि इससे आपको लाभ होगा।

उपाय: आप अपनी जेब या पर्स में लाल रंग का रुमाल रखें।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न 1. अंक ज्‍योतिष में कौन सी संख्‍या खराब है?

उत्तर. 4 और 8 अंक को खराब माना जाता है।

प्रश्‍न 2. अशुभ अंक कौन सा है?

उत्तर. राहु के अंक 13 को अशुभ माना जाता है।

प्रश्‍न 3. दुनिया का लकी नंबर कौन सा है?

उत्तर. 7 को सबसे लकी नंबर माना जाता है।