मीन में हो रहा है मंगल का गोचर, इन राशियों को करियर में होगा नुकसान
वैदिक ज्योतिष के अनुसार एक निश्चित समयावधि के बाद हर ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। ग्रहों के इस स्थान परिवर्तन को गोचर के नाम से जाना जाता है और इस गोचर का देश-दुनिया समेत सभी राशियों पर असर पड़ता है। मंगल ग्रह आक्रामकता और साहस के कारक हैं और इस बार अप्रैल के महीने में मंगल का एक प्रमुख गोचर होने जा रहा है जिससे कुछ राशियों के लोगों को अपने करियर में मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।
कब हो रहा है मंगल का गोचर
साहस के स्वामी मंगल 23 अप्रैल, 2024 को सुबह 08 बजकर 19 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। मंगल ग्रह ऊर्जा, उग्रता और साहस के कारक हैं। मीन राशि में मंगल के आने पर लोगों की अध्यात्म के प्रति रुचि बढ़ सकती है और आपको धार्मिक यात्राओं पर भी जाना पड़ सकता है।
ज्योतिषशास्त्र में मंगल को एक उग्र गह की उपाधि दी गई है और यह ग्रह सिद्धांतों एवं प्रशासन से जुड़े कार्यों का प्रतिनिधित्व भी करते हैं। किसी व्यक्ति को अपने जीवन में कितने सुख प्राप्त होंगे या राजसी शान-ओ-शौकत मिलेगी, यह मंगल की स्थिति पर ही निर्भर करता है। मंगल के शुभ स्थान में न होने पर व्यक्ति को करियर में सफलता मिल पाना मुश्किल हो जाता है।
अगर कुंडली में मंगल मजबूत हो, तो जातक को अपने जीवन में हर प्रकार की सुख-सुविधाएं मिलती हैं और उसका स्वास्थ्य उत्तम रहता है एवं उसकी बुद्धि में वृद्धि होती है। इसके साथ ही मंगल के शुभ प्रभाव देने पर जातक को अपने करियर में सफलता के साथ-साथ मान-सम्मान भी मिलता है। हालांकि, इस बार मंगल का मीन राशि में आना कुछ राशियों के जातकों के लिए करियर में परेशानियां खड़ी कर सकता है।
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इन लोगों का बिगड़ सकता है करियर
मेष राशि
मंगल के मीन राशि में गोचर करने के समय मेष राशि के लोगों को अपने करियर में संभलकर रहने की जरूरत है। आपके ऊपर काम का दबाव अधिक बढ़ सकता है और इसकी वजह से आपकी उन्नति के मार्ग में भी बाधा आ सकती है। अगर आप पदोन्नति मिलने का इंतज़ार कर रहे हैं, तो आपके हाथ निराशा लग सकती है और इस बात को लेकर आप थोड़ा परेशान भी रह सकते हैं। आपको काम की वजह से अपनी इच्छा के विरुद्ध यात्रा करनी पड़ सकती है। मंगल आपके बारहवें भाव में रहेंगे जिससे अचानक आपको नौकरी बदलनी पड़ेगी या आपका किसी और जगह पर भी ट्रांस्फर हो सकता है।
अगर आप नौकरी करते हैं, तो आपको मंगल के मीन राशि में प्रवेश करने के दौरान अपने करियर से ज्यादा उम्मीदें लगाकर नहीं रखनी चाहिए। आपको अपने काम में कुछ परेशानियां आने की आशंका है। आपको जो काम दिया गया है, उसे लेकर आप थोड़ा दबाव महसूस कर सकते हैं और इसका सीधा असर आपके आत्मविश्वास पर पड़ेगा। आपके उच्च अधिकारी भी आपसे थोड़ा नाखुश नज़र आ सकते हैं। वहीं आपको अपने सहकर्मियों का भी कोई सहयोग नहीं मिलने वाला है।
तुला राशि वाले लोगों को नौकरी में असफलता देखनी पड़ सकती है। बहुत मेहनत और प्रयासों के बाद भी आपको अपने करियर में मनचाही सफलता नहीं मिल पाएगी। इस दौरान आप बहुत ज्यादा व्यस्त रहने वाले हैं और आपको अपना काम भी मुश्किल लगने लगेगा। आपके ऊपर आपके वरिष्ठ अधिकारी काम का दबाव बनाने की कोशिश करेंगे। उनके इस कदम से आपको थोड़ी निराशा हो सकती है। आपको इस समय दूसरों की उम्मीदों या उनकी राय से ज्यादा अपने काम पर ध्यान देने की जरूरत है।
मकर राशि के जातकों को मंगल के इस गोचर के दौरान बहुत ज्यादा अच्छे परिणाम नहीं मिलने वाले हैं। आपको औसत परिणामों से ही खुद को संतुष्ट करना होगा। आप अपनी योग्यता को साबित करने में असक्षम हो सकते हैं। हो सकता है कि आपके कार्यक्षेत्र में लोग आपकी कड़ी मेहनत और काम को नज़रअंदाज़ कर दें। इसकी वजह से आप थोड़ा परेशान रह सकते हैं।
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वृश्चिक राशि
अगर आपकी वृश्चिक राशि है, तो आपको भी मंगल के मीन राशि में प्रवेश करने के दौरान सतर्क रहने की आवश्यकता है। आप अपने करियर में प्रगति पाने का खूब प्रयास करेंगे लेकिन इसके बावजूद आपको सफलता मिल पाने की संभावना बहुत कम है। आपके सामने कुछ मुश्किल परिस्थितियां या चुनौतियां भी आ सकती हैं। आपको अपने काम को लेकर योजना बनाकर चलने की जरूरत है। इसके भरोसे आप सफलता हासिल कर सकते हैं। हालांकि, आपको इस समय अपने करियर की चिंता सता सकती है।
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हो जाएं सावधान! लगने जा रहा है चोर पंचक, इस दौरान इन कामों को करना पड़ सकता है आप पर भारी!
ज्योतिष शास्त्र में शुभ और अशुभ समय को बहुत महत्वपूर्ण जाना जाता है क्योंकि एक तरफ जहाँ शुभ समय में किया गया काम सफलता एवं समृद्धि लेकर आता है, तो वहीं अशुभ समय में संपन्न कार्य से असफलता और हानि झेलनी पड़ती है। ऐसे में, अशुभ अवधि में किसी भी तरह के शुभ कार्यों को करना निषेध होता है। इसी प्रकार, वैदिक ज्योतिष में ऐसे ही कुछ अशुभ नक्षत्रों का वर्णन किया गया है। हालांकि, हम यहाँ बात करेंगे पंचक के बारे में। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको पंचक से जुड़ी समस्त जानकारी प्रदान करेगा और इस अवधि में किन कामों को करने से बचना चाहिए आदि से भी हम आपको अवगत करवाएंगे। तो चलिए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की।
पंचक को एक अशुभ समय माना जाता है और इस दौरान मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है। बता दें कि पंचांग के अनुसार, 5 अप्रैल 2024 से चोर पंचक की शुरुआत हो रही है। अतः आपको कुछ कामों को इस अवधि में करने से बचना होगा। लेकिन सबसे पहले जानेंगे कि क्या होता है पंचक।
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क्या होता है पंचक?
पंचक पांच नक्षत्रों का समूह माना गया है जिसके तहत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, पूर्वाभाद्रपद व रेवती नक्षत्र आदि आते हैं।। ज्योतिष के अनुसार, जब मन के कारक चंद्रमा कुंभ या मीन राशि में स्थित होते हैं, तो उस समय को पंचक कहा जाता है जो कि पांच दिन की अवधि होती है अर्थात यह पंचक पांच दिनों तक चलते हैं इसलिए ही इसे पंचक के नाम से जाना जाता है। आइए अब हम जानते हैं उन कार्यों के बारे में जिन्हें वर्जित माना जाता है और पंचक के कितने प्रकार होते हैं।
पंचक के दौरान 5 कार्यों को करना वर्जित होता है जो इस प्रकार हैं:
जिस समय पंचक लगता है, उस समय चारपाई बनवाने से परहेज़ करना चाहिए क्योंकि यह अशुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, अगर आप ऐसा करते हैं, तो आप पर कोई विपत्ति या संकट आ सकता है।
पंचक काल के दौरान जलने वाली वस्तुएं जैसे कि घास, लकड़ी, आदि को एकत्रित करने से बचना चाहिए, वरना आग लगने का खतरा बना रहता है।
पंचकों के समय दक्षिण दिशा में यात्रा करना हानि का कारण बन सकता है क्योंकि इस दिशा को यम और पितरों की दिशा माना गया है इसलिए इन पांच नक्षत्रों के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए।
पांच नक्षत्रों से बनने वाले पंचक के समय में घर की छत नहीं बनवानी चाहिए क्योंकि इससे घर-परिवार में क्लेश बढ़ सकता है और धन हानि की आशंका रहती है।
पंचक के संबंध में शास्त्रों में कहा गया है कि किसी व्यक्ति की पंचक काल में मृत्यु होना अशुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यदि किसी की मृत्यु पंचक काल में हो जाती है, तो उसके कुल, परिवार या रिश्तेदारी आदि में मृत्यु का भय बना रहता है। ऐसे में, इनसे बचाव के लिए मृतक के शव के साथ-साथ पांच पुतले आटे या कुश से बनाने चाहिए। कहते हैं कि इस उपाय को करने से पंचक दोष का निवारण हो जाता है और जनहानि होने से भी बच सकते हैं।
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शनि का पूर्वाभाद्रपद में गोचर से होगी हलचल, इन राशियों लग सकती है लौटरी!
शनि का पूर्वाभाद्रपद में गोचर: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शनि का पूर्वाभाद्रपद में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे। बता दें कि कर्मफल दाता शनि 06 अप्रैल 2024 की शाम 03 बजकर 55 मिनट पर पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करने जा रहे हैं। शनि का नक्षत्र में गोचर आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव डालेगा। तो आइए जानते हैं शनि का गोचर किस राशि के जातकों के लिए शुभ व किस राशि के जातकों के लिए अशुभ साबित होने वाला है। साथ ही, जानेंगे इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के आसान उपायों के बारे में।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शनि सबसे शक्तिशाली लेकिन सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है, जो अब पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करने के लिए तैयार है। 2024 में इस महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना में, शनि अपने नक्षत्र परिवर्तन से हम सभी को प्रभावित करेंगे। शनि 6 अप्रैल, 2024 को पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 3 अक्टूबर, 2024 तक वहीं विराजमान रहेंगे। शनि कर्म फल दाता है, जो हमें हमारे कर्मों के आधार पर परिणाम देते हैं और इसलिए वैदिक ज्योतिष में इनका स्थान बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रभाव की बात करें तो पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में शनि देव की उपस्थिति प्रत्येक जातक को उनकी कुंडली में शनि की स्थिति के अनुसार अलग-अलग तरह से प्रभावित करेगी। इसके अलावा जातक किस महादशा में चल रहा है और उसकी राशि क्या है और किस लग्न में पैदा हुआ है, परिणाम इन चीज़ों पर भी निर्भर करेंगे।
आइए अब जानते हैं कि शनि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में शनि के प्रभाव के बारे में। साथ ही, शनि की इस स्थिति का जातकों पर क्या पड़ेगा।
कुंभ और मीन राशि के बीच फैले पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी देव गुरु बृहस्पति हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति दोहरे स्वभाव के हो सकते हैं या वैज्ञानिक अनुसंधान और जादू-टोना में रुचि रखने वाले हो सकते हैं। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र राशि चक्र का 25 वां नक्षत्र है। इसका विस्तार कुंभ राशि में 20:00 डिग्री से लेकर मीन राशि में 3:20 डिग्री तक होता है। यह अंतिम संस्कार की खाट के अगले पैरों का भी प्रतीक है जो मृत्यु के साथ-साथ गूढ़ प्रथाओं के साथ उनके घनिष्ठ संबंध को दर्शाता है।
शनि की उपस्थिति में पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के तहत जन्मे जातकों के लक्षण
इस नक्षत्र वाले लोग अपने विचारों में गुप्त होते हैं और हर कार्यों को रहस्यमय तरीके से करते हैं। कोई भी कभी नहीं जान सकता कि वे वास्तव में कौन हैं क्योंकि वे जो प्रस्तुत करते हैं और जो वे हैं वह पूरी तरह से भिन्न हो सकते हैं। यह नक्षत्र अग्नि तत्व से संबंधित है इसलिए इसे शुद्धि नक्षत्र के रूप में भी जाना जाता है। जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं जो व्यक्तियों को समाज के कल्याण के प्रति बेहतर दृष्टिकोण प्रदान करता है। ऐसे लोग अपने स्वभाव और बातचीत करने के तरीके से लोगों को प्रभावित करने में सक्षम होते हैं। ये जातक अपने सिद्धांतों में प्रतिबद्ध होते हैं। ये रचनात्मकता के साथ-साथ आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ भी गहरा झुकाव रखते हैं। हालांकि, कभी-कभी ये बहुत जल्दी घबरा जाते हैं और एकदम से अति-उत्साहित हो सकते हैं।
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्म लेने वालों में दोहरा स्वभाव हो सकता है। वे हर कार्यों को रहस्यम तरीके से करते हैं।
ये जातक अपनी जन्म कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति और अपनी शिक्षा के स्तर के आधार पर वैज्ञानिक रिसर्च के क्षेत्र में काम कर सकते हैं। इसके अलावा, ये फार्मासिस्ट के क्षेत्र में भी रुचि ले सकते हैं।
ये अपने दोहरे स्वभाव के कारण अविश्वसनीय हो सकते हैं।
ये अंधविश्वासी तो नहीं होते हैं लेकिन कई बार अपने निजी उद्देश्यों के लिए तंत्र-मंत्र का अभ्यास कर सकते हैं।
ये अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जुनूनी होते हैं।
ये जातक अति क्रोधी स्वभाव के हो सकते हैं। हालांकि, अगर सब कुछ उनकी ज़रूरतों और इच्छाओं के अनुसार होता है, तो वे शांत रहते हैं।
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पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में शनि: सामान्य व्याख्या
शनि बृहस्पति के नक्षत्र में है, लेकिन फिर भी इसे शक्तिशाली माना जाता है क्योंकि शनि कुंभ राशि में है, जो इनकी मूल त्रिकोण राशि है।
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र वित्त, धन, संपत्ति, स्थिरता, अनुकूलनशीलता और सिंफनी का नक्षत्र माना गया है क्योंकि यह संगीत और थिएटर कला को बढ़ावा देता है।
इस शनि स्थिति वाले जातकों को धन और वित्तीय सुरक्षा की कमी हो सकती है लेकिन वह धीरे-धीरे स्थिरता हासिल कर लेते हैं।
वित्त और संपत्ति आम तौर पर 32 वर्ष की आयु के बाद उनके पास आती है।
जब शनि कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में हो, तो शक्ति, पद और अधिकार प्राप्त करना अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।
हालांकि इन परिणामों में समय और बहुत कठिन प्रयास और दृढ़ता की आवश्यकता पड़ती है।
इन सभी विशेषताओं के अलावा, ऐसे व्यक्ति जरूरतमंदों या गरीबों की सेवा करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
रिश्तों के संदर्भ में, यदि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में शनि किसी भी तरह से 2रे, 5वें, 7वें, या 11वें घर से जुड़ा हो, तो व्यक्ति को थोड़े रोमांस के साथ देरी, निराशा और बाधाओं का सामना करना पड़ेगा।
रिश्तों की बात करें तो यदि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में शनि किसी भी तरह से दूसरे, पांचवें, सातवें या ग्यारहवें भाव से जुड़े होते हैं तो व्यक्ति को प्रेम जीवन में प्यार की कमी महसूस हो सकती है और इसके अलावा, रिश्तों में भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिससे वे निराश व चिंतित हो सकते हैं।
ये जातक लंबे समय तक अपने पार्टनर के साथ अपने रिश्ते को निभाने में सक्षम होते हैं। हालांकि इनके रिश्ते में रोमांस और उत्साह कुछ समय में कम हो सकता है।
शनि का पूर्वाभाद्रपद में गोचर: राशि अनुसार भविष्यवाणी
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शनि का पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर ग्यारहवें भाव और अपनी मूल त्रिकोण राशि में होगा। इसके परिणामस्वरूप आपको अनुकूल परिणामों की प्राप्ति होगी। जैसे ही शनि 6 अप्रैल, 2024 को इस नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, आप अपने लक्ष्यों और महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम होंगे। यदि नौकरीपेशा हैं तो आपको इस गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा। आशंका है कि आपको पदोन्नति की प्राप्ति हो और करियर में कई अच्छे अवसर आपको मिले।
वहीं जिन जातकों का खुद का व्यापार है वे इस दौरान नए कनेक्शन बना सकते हैं और इस वजह से अपनी कंपनी को तेजी से आगे ले जाने में सक्षम हो सकते हैं। हालांकि आपको प्रेम और विवाह संबंधित मामलों में कुछ देरी का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते आपको निराशा भी हो सकती है क्योंकि शनि ग्यारहवें भाव में मौजूद है और ये आपके पांचवें भाव में दृष्टि डाल रहे हैं।
वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि एक सकारात्मक ग्रह है और शनि का पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर दसवें भाव में हो रहा है। अब चूंकि शनि अभी भी दसवें भाव में है और इस भाव का प्राकृतिक कारक भी है इसलिए इस अवधि के दौरान आपका करियर आसमान छूएगा। नौकरी में आपको अपने मन पसंद जगह स्थानांतरण मिल सकता है या आपके वेतन में वृद्धि हो सकती है। इस दौरान आपके पास कई बेहतरीन मौके होंगे। यदि आप फ्रेशर हैं, तो यह अवधि आपके लिए अपना करियर शुरू करने के कई मौके ला सकता है। कुल मिलाकर इस गोचर के दौरान आपको बहुत अधिक खुशी व संतुष्टि प्राप्त होगी।
उपाय: प्रत्येक शनिवार को काले तिल का दान करें
मिथुन राशि
शनि का पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर आपके भाग्य, धर्म और पिता के नौवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप, यदि आप विदेश में पढ़ाई करने का विचार बना रहे हैं तो यह समय आपके लिए बेहद शानदार साबित होगा क्योंकि शनि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में है। आप बिजनेस या काम के सिलसिले में यात्रा की योजना बना सकते हैं। भारत में उच्च शिक्षा के अध्ययन का विकास होने के योग बनेंगे। इस अवधि के दौरान आपके रिश्तों में कुछ अच्छे बदलाव देखने को मिलेंगे। जो लोग रहस्यमयी विद्याओं और आध्यात्मिक गतिविधियों में रुचि रखते हैं उनके लिए यह समय बेहद अनुकूल है, उन्हें इन क्षेत्रों में तरक्की प्राप्त हो सकती है।
उपाय: हर मंगलवार और शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
शनि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करेंगे और इससे आपको शनि ढैय्या का अनुभव होगा। ऐसे में, आपको जीवन के हर क्षेत्र पर अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत होगी। आशंका है कि आपका वैवाहिक और पारिवारिक जीवन कुछ समस्याओं के कारण अस्त-व्यस्त हो सकता है। अचानक से लाभ और हानि होने के भी योग बन सकते हैं क्योंकि शनि आपके आठवें भाव में प्रवेश करेंगे।
उपाय: हर शनिवार के दिन शनि चालीसा का पाठ करें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए शनि देव सातवें भाव में गोचर करेंगे। इसके परिणामस्वरूप आपको व्यवसाय करने के नए अवसर मिलेंगे। परिवार या जीवनसाथी के साथ तीर्थ यात्रा पर जाने के योग बन रहे हैं। यदि आप कोई संपत्ति या लग्ज़री आइटम ख़रीदने की योजना बना रहे हैं तो यह समय अनुकूल है। जो लोग सिंगल हैं, उन्हें इस दौरान अपना हमसफ़र मिल सकता है क्योंकि पारिवारिक जीवन में प्रवेश करने के योग बन रहे हैं।
उपाय: हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।
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कन्या राशि
शनि देव बृहस्पति शासित पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के तहत आपके छठे भाव में गोचर करेंगे। यह अवधि न्यायपालिका से जुड़े लोगों के लिए अनुकूल साबित होगी। वकील या न्यायाधीश जैसे पदों पर काम करने वाले लोगों को प्रगति देखने को मिलेगी। निवेश करने के लिहाज से भी यह समय अच्छा रहेगा, मगर यह जातकों की कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करेगा। यदि आप पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो इस दौरान अपने स्वास्थ्य को नज़रंदाज़ न करें। डॉक्टर से उचित परामर्श लेते हुए सही उपचार कराएं।
उपाय: प्रत्येक शनिवार को काली उड़द की दाल का दान करें।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए शनि पांचवें भाव में गोचर करेंगे। यह समय छात्रों के लिए अच्छा रहेगा लेकिन जब वे कठिन मेहनत करेंगे तब। आपको शिक्षा के क्षेत्र में शानदार अवसर प्राप्त होंगे। क्रिएटिव क्षेत्रों जैसे कि आर्किटेक्चर, डिज़ाइनिंग आदि में नौकरी या बिज़नेस करने वाले लोगों को सफलता मिलेगी। हालांकि पांचवें भाव में शनि की मौजूदगी आपके वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। आप दोनों के बीच ग़लतफ़हमियां और बेहस हो सकती है, जिससे आपका रिश्ता खराब हो सकता है इसलिए अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
उपाय: जब भी संभव हो मछली और चींटियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शनि चौथे भाव में गोचर करेंगे। इसके परिणामस्वरूप आपको वित्तीय संतुष्टि का अनुभव होगा। इस दौरान आप कार या घर खरीदने की योजना बना सकते हैं। हालांकि वृश्चिक राशि के जातकों को इस अवधि शारीरिक थकावट और मानसिक पीड़ा का अनुभव भी हो सकता है। जो लोग खुद का व्यवसाय कर रहे हैं या नौकरीपेशा हैं, उन्हें अपने काम में अच्छे परिणाम मिलते नज़र आएंगे। हालांकि शनि के कारण थोड़ी परेशानियां भी उत्पन्न हो सकती है, जिससे घर का माहौल खराब हो सकता है और आपके रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं।
बृहस्पति शासित नक्षत्र के तहत आपके तीसरे भाव में शनि का गोचर अनुकूल रहने वाला है। इस दौरान आपकी एकाग्रता और दृढ़ता बढ़ेगी। आपकी इच्छाशक्ति प्रबल होगी। आप कठिन प्रयास करते दिखाई देंगे। ऐसे में ज़ाहिर है कि कठिन प्रयासों के बाद आप नौकरी और व्यवसाय में सफलता हासिल करने में सक्षम होंगे। भाई-बहनों के साथ आपके संबंध मजबूत होंगे। इसके अलावा काम के सिलसिले में की गई यात्राएं फलदायी सिद्ध होंगी। इस अवधि संभावना है कि आप परिवार के साथ तीर्थ यात्रा पर जा सकते हैं और उनके साथ समय व्यतीत कर सकते हैं।
उपाय: प्रत्येक शनिवार को बजरंग बाण का पाठ करें।
मकर राशि
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करते ही शनि मकर राशि के जातकों के लिए दूसरे भाव में गोचर करेंगे। इसके परिणामस्वरूप आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा और आप धन की बचत करने में भी सक्षम होंगे। कमाई के नए स्रोत मिलने की संभावना अधिक है। इसके अलावा, पैतृक संपत्ति से भी धन आने की संभावना है। हालांकि आपको सलाह दी जाती है कि अपनी वाणी के प्रति सावधान रहें क्योंकि आपके द्वारा बोले गए कठोर शब्द घर के बड़े-बुज़ुर्गों को भावनात्मक रूप से आहत कर सकते हैं। जो लोग गुप्त अध्ययन या रहस्य विज्ञान में रुचि रखते हैं, उनके लिए यह समय अनुकूल रहेगा। कुल मिलाकर, यह अवधि आर्थिक जीवन के लिए शानदार रहेगा और आपका झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की ओर अधिक रहेगा। हालांकि, आपका वैवाहिक जीवन थोड़ा बाधित हो सकता है इसलिए सावधानी बरतें।
उपाय: शनि बीज मंत्र का जाप करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के लिए शनि 6 अप्रैल, 2024 को पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करते हुए आपके पहले भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान आपके ख़र्चों में वृद्धि हो सकती है क्योंकि आशंका है कि आप स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त होंगे अर्थात यह गोचर आपके स्वास्थ्य के लिए ज़्यादा अनुकूल नहीं है। इस अवधि के दौरान मानसिक तनाव भी हो सकता है। हालांकि, जो जातक ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं और जो प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं, उन्हें नए मौके मिल सकते हैं। चुनौतियों के बावजूद पेशेवर रूप से आप उत्कृष्टता हासिल करने और आगे आने वाले शानदार समय का आनंद लेने के लिए तैयार रहेंगे।
उपाय: श्री गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ करें।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए, शनि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करते हुए कुंभ राशि में बारहवें भाव में गोचर करेंगे। इसके परिणामस्वरूप यह अवधि छात्रों को चुनौतीपूर्ण लग सकती है। आशंका है कि किसी कारणवश आपकी एकाग्रता भंग होगी, जिससे आपके प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इस गोचर काल में हो सकता है कि आप जिस उद्देश्य के लिए यात्रा पर जाएं, वह सफल न हो। आपके ख़र्चे भी बढ़ सकते हैं। हालांकि जो जातक ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं, उन्हें फायदा होगा, लेकिन सलाह दी जाती है कि इस दौरान कोई भी नया काम शुरू करते समय सावधानी बरतें क्योंकि नुकसान होने की आशंका है। यह अवधि व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों तरह से जीवन के विभिन्न पहलुओं में मानसिक तनाव और असुरक्षा की भावना ला सकती है।
उपाय: शनि स्तोत्र का पाठ करें और गरीबों और जरूरतमंदों को जूते या कपड़े दान करें।
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बुध का मीन राशि में उदय होना, इन लोगों के करियर के लिए बनेगा मुसीबत, नौकरी तक से धोना पड़ सकता है हाथ
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रह गोचर के अलावा उदित और अस्त भी होते हैं और इसका असर सभी राशियों पर पड़ता है। जब ग्रह किसी राशि में अस्त और उदित होते हैं, तो इसके शुभ-अशुभ प्रभाव के कारण राशियों के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। इस बार अप्रैल के महीने में बुध उदित होने जा रहे हैं और इसके कारण सभी 12 राशियों के जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे। वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध के उदित होने पर कुछ राशियों के करियर में गिरावट आने के आसार हैं। इस ब्लॉग में आगे यही बताया गया है कि बुध किस राशि में किस तिथि पर उदित हो रहे हैं और इसका किन राशियों के करियर पर प्रभाव पड़ेगा।
19 अप्रैल, 2024 को सुबह 10 बजकर 23 मिनट पर बुध ग्रह मीन राशि में उदित हो रहे हैं। बुध के मीन राशि में उदित होने के दौरान कुछ राशियों के लोगों को अपने करियर में बहुत सोच-समझकर चलने की जरूरत है। तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि वैदिक ज्योतिष में बुध का क्या महत्व है।
ज्योतिषशास्त्र में बुध का महत्व
ज्योतिषशास्त्र में बुध को बुद्धि का कारक माना गया है और उनकी कृपा से व्यक्ति की बुद्धि में वृद्धि होती है। इनके जीवन में सुख-सुविधाएं बढ़ती हैं और इन्हें उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। बुध के शुभ प्रभाव से जातक उच्च ज्ञान प्राप्त कर पाता है और उसे अपने कार्यों में सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। जातक अपने ज्ञान की मदद से व्यापार के क्षेत्र में सही निर्णय ले पाएंगे। ये व्यापार और शेयर मार्केट में शानदार प्रदर्शन करते हैं। वहीं, जो जातक गूढ़ विज्ञान जैसे ज्योतिष, रहस्यवाद आदि से जुड़े होते हैं, वह इन क्षेत्रों में अच्छी सफलता प्राप्त करते हैं।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
वैदिक ज्योतिष में उदय का क्या अर्थ है
ज्योतिषशास्त्र में उदय शब्द का अर्थ उस राशि से होता है जिसमें किसी ग्रह का उदय हो रहा है। इस बार बुध का उदय जल तत्व की राशि यानी मीन में हो रहा है। मीन राशि में बुध नीच के होते हैं और मीन राशि में उदित होने पर वह अपनी शक्तियों को वापिस पा लेते हैं। नीच राशि में होते हुए भी बुध पहले भाव में दिग्बल होते हैं और अब वह उदित भी हो रहे हैं इसलिए अब पहले की तुलना में उनकी स्थिति अधिक मज़बूत होगी।
मेष राशि के लोगों के करियर में इस समय परेशानियां आने के संकेत हैं। कार्यक्षेत्र में आपके ऊपर काम का दबाव बढ़ सकता है। इसकी वजह से आपको अपने कार्यक्षेत्र में कुछ चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है। कुछ जातकों की तो नौकरी तक जा सकती है। इस समय आप अपनी मौजूदा नौकरी को लेकर थोड़ा असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं और इस वजह से आपके मन में नौकरी छोड़ने तक का विचार आ सकता है। नौकरी के नए अवसर आपको आकर्षित करेंगे। आपके मन में विदेश जाकर बसने का ख्याल भी आ सकता है। हालांकि, इस दिशा में आगे बढ़ना आपके लिए सही साबित नहीं होगा। यदि आप किसी तरह के लाभ की अपेक्षा कर रहे हैं, तो आपको इस समय निराशा मिलने के संकेत हैं। आपके सहकर्मी आपकी दोस्ती या आपके भोलेपन का फायदा उठा सकते हैं। इस वजह से आप अपने कार्यक्षेत्र में अच्छे परिणाम प्राप्त कर पाने में पीछे रह सकते हैं।
वृषभ राशि के लोगों को बुध के उदित होने पर अपने करियर में संभलकर चलने की जरूरत है। आपके सामने कुछ अनचाही परिस्थितियां खड़ी हो सकती हैं। आपके ऊपर काम का बोझ बहुत ज्यादा बढ़ सकता है। आपके उच्च अधिकारी तक आपसे अपना मुंह मोड़ सकते हैं। आपको नौकरी के नए अवसर भी मिलने वाले हैं। हालांकि, इन अवसरों से आपका मन थोड़ा असंतुष्ट ही रहेगा। बेहतर होगा आप अपनी मौजूदा नौकरी में ही थोड़ा सामंजस्य बिठाने का प्रयास करें। इससे आपकी स्थिति में थोड़ा सुधार आ सकता है और आप अपने करियर में थोड़ा कम तनावग्रस्त महसूस करेंगे।
कर्क राशि के लोगों के लिए बुध का मीन राशि में उदित होना थोड़ा मुश्किल साबित होगा। नौकरीपेशा जातकों का बार-बार अलग-अलग जगहों पर स्थानांतरण हो सकता है और अपने करियर में बार-बार आ रहे इस बदलाव को देखकर आपका मन दुखी हो सकता है। इस वजह से आप नौकरी तक बदलने के बारे में सोच सकते हैं। हालांकि, अगर आप इस समय नई नौकरी भी शुरू करते हैं, तो उसमें भी आपको सकारात्मक परिणाम मिल पाने के संकेत बहुत कम हैं। अपने करियर को लेकर आपकी भावनाएं निरंतर बदलती रहेंगी। आप कभी संतुष्ट, तो कभी असंतुष्ट महसूस करेंगे।
बुध के मीन राशि में उदित होने पर तुला राशि के लोगों को भी अपने करियर को लेकर बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है। हो सकता है कि आप अपने काम को लेकर बहुत ज्यादा खुश महसूस न कर पाएं। आप अपनी मौजूदा नौकरी या काम को लेकर असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं। आपको बेकार के कारणों से अपनी नौकरी बदलनी पड़ सकती है। कार्यक्षेत्र में बार-बार आ रहे इस परिवर्तन के कारण आप चिंता में आ सकते हैं। आपको इस समय अपने प्रदर्शन को सुधारने पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है।
कुंभ राशि के लोगों को इस समय बहुत ज्यादा चौकन्ना रहने की जरूरत है। इस समय आपके हाथ से नौकरी के कुछ ऐसे अवसर छूट सकते हैं जो आपकी संपन्नता को बढ़ा सकते थे। इन अवसरों के हाथ से छूटने की वजह से आपका मन दुखी हो सकता है। आपको कुछ ऐसी यात्राएं भी करनी पड़ सकती हैं जो आपकी ऊर्जा और समय दोनों को ही बर्बाद कर दें। आपके मन में नौकरी बदलने तक का विचार आ सकता है। हालांकि, यहां भी आपको सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने की संभावना बहुत कम है।
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धनु राशि
करियर को लेकर धनु राशि के लोगों के लिए यह समय ज्यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है। आप अपने ऑफिस में अपनी काबिलियत को साबित करने में असक्षम हो सकते हैं। आपको ऑफिस में कोई बड़ा लक्ष्य दिया जा सकता है लेकिन आप इस लक्ष्य को प्राप्त करने में असफल हो सकते हैं। आप कोई बड़ी उपलब्धि हासिल करने में भी नाकाम रह सकते हैं। आपके ऊपर काम का दबाव भी बढ़ सकता है।
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बुध मेष राशि में होंगे अस्त, इन राशि के जातकों को रहना होगा सतर्क!
ज्योतिष में सभी नौ ग्रहों का विशेष महत्व है। सभी ग्रह एक निश्चित समय पर अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं और कुछ ग्रह अपनी अवस्था बदलते हैं। यानी कभी वक्री अवस्था में रहते हैं तो कभी अस्त या उदय होते हैं। ज्योतिष में ग्रहों के अस्त और वक्री का विशेष महत्व है। अस्त ग्रह एक ऐसा शब्द है, जो बड़ा महत्वपूर्ण है। इसी क्रम में ग्रहों के राजकुमार बुध अस्त होने जा रहे हैं। बुध अस्त का प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों पर देखने को मिलेगा। तो आइए एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में विस्तारपूर्वक जानते हैं कि बुध के गोचर का सभी राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और इसके अशुभ प्रभावों से बचने के क्या उपाय हैं। लेकिन इससे पहले जानेंगे कि ज्योतिष में अस्त ग्रह का क्या महत्व है।
ये तो हम सभी जानते हैं कि ग्रहों के राजा सूर्य है और उनका प्रकाश हर जगह है इसलिए जब भी कोई उनके समक्ष जाता है तो उसका तेज समाप्त होने लगता है। ज्योतिष में भी ग्रहों के राजा सूर्य के निकट जब कोई ग्रह किसी विशेष अंशात्मक दूरी पर आ जाता है तो वह सूर्य ग्रह के प्रभाव से बलहीन हो जाता है और इसी को सूर्य से अस्त होना कहा जाता है। माना जाता है जब ग्रह अस्त होते हैं तो वह शुभ फल नहीं देते हैं। ऐसे ग्रह कुपित ग्रह कहलाते हैं और माना जाता है कि इनकी दशा अंतर्दशा में इनका शुभ फल प्राप्त नहीं होता है। सूर्य के अलावा बाकी सभी ग्रहों के अस्त होने का दोष लगता है। भले ही वह कुंडली में उच्च राशि में हो या स्वराशि में अथवा मूल त्रिकोण राशि में स्थित हो लेकिन यदि वह अस्त ग्रह है तो उसकी शक्ति क्षीण हो जाती है। वास्तव में ग्रह कुछ विशेष निश्चित अंशों पर सूर्य के निकट होता है तो वह सूर्य के तेज से ढक जाता है और क्षितिज पर भली प्रकार दृष्टिगोचर नहीं होता है। इस कारण से उसके मुख्य प्रभाव में कमी आ जाती है। यही ग्रह का अस्त होना कहलाता है।
बुद्धि, विद्या और शिल्प कौशल का ग्रह बुध 4 अप्रैल 2024 की सुबह 10 बजकर 36 मिनट पर अस्त हो जाएंगे। इस ब्लॉग में हम मेष राशि में बुध अस्त के दौरान प्रत्येक राशि के लिए राशि-वार भविष्यवाणियों और उपायों के बारे में जानेंगे।
ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व
यदि किसी जातक की कुंडली में बुध की स्थिति मज़बूत होती है तो जातक को जीवन में हर प्रकार की सुख सुविधा प्राप्त होती है। इसके साथ ही, वह अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त करता है। जातक को उच्च ज्ञान की प्राप्ति होती है और वह अपने ज्ञान को व्यापार के क्षेत्र लगाता हैं। जो जातक गूढ़ विज्ञान जैसे ज्योतिष, रहस्यवाद आदि से जुड़े हैं, उनके लिए बुध अच्छे परिणाम लेकर आता है। वहीं दूसरी ओर यदि बुध कमज़ोर स्थिति में या अपनी नीच राशि मीन में स्थित हो, तो जातक को व्यापार के क्षेत्र में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है और वे अधिक लाभ कमाने में असमर्थ हो सकते हैं।
इसके विपरीत, अगर बुध महाराज अशुभ ग्रहों जैसे राहु, केतु या मंगल आदि के साथ युति बनाते हैं तो जातकों को अपने जीवन में अनेक प्रकार की परेशानियों से दो-चार होना पड़ सकता है। वहीं अगर मंगल ग्रह के साथ बुध युति करते हैं, तब जातकों में बुद्धि की कमी देखने को मिलती है। साथ ही, यह स्वभाव से आवेगी और आक्रामक हो सकते हैं। इसी प्रकार, जब बुध पापी ग्रह राहु या केतु के साथ युति करते हैं, तो ऐसे में, जातकों को स्वास्थ्य समस्याओं जैसे नींद न आना, त्वचा और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्या आदि परेशान कर सकती हैं। हालांकि बुध अब अस्त अवस्था में रहेंगे और वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह का अस्त होना मांगलिक कार्यों के लिए शुभ नहीं माना जाता है।
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मेष राशि में बुध अस्त: प्रभाव
मेष राशि के जातकों के लिए, बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। बुध मेष राशि में अस्त हो रहे हैं, इसके परिणामस्वरूप आप अपने भविष्य और अपने जीवन के विकास को लेकर चिंतित हो सकते हैं। इस दौरान आपको आर्थिक जीवन कई प्रकार की समस्याओं से रूबरू होना पड़ेगा। रिश्तों की बात करें तो आपको अपने बड़े भाई-बहनों से कुछ समस्या हो सकती है। साथ ही, आपके अंदर टैलेंट की कमी हो सकती है। इस वजह से कार्यक्षेत्र में भी वरिष्ठों से विवाद होने की आशंका है। संभावना है कि आपको इस दौरान अपने जीवन में भाग्य की कमी महसूस हो जिसके चलते आपके द्वारा किए जा रहे प्रयासों में कुछ कमियां आ सकती है। स्वास्थ्य के लिहाज़ से देखा जाए तो आपको अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी। यदि आप अपने वेतन वृद्धि या पदोन्नति, जैसे दीर्घकालिक लाभों की प्रतीक्षा कर रहे हैं तो उसके लिए आपको इंतज़ार करना होगा।
करियर के मोर्चे पर, इस अवधि आपको अपने काम पर अधिक ध्यान देने की सलाह दी जाती है क्योंकि आशंका है कि आप जो भी काम कर रहे हैं उसमें गलतियां हो। संभावना है कि आपको कुछ समय के लिए लाभ मिले, लेकिन ऐसे लाभ आपको अच्छी संतुष्टि प्रदान न करें। इस अवधि में यदि आप नौकरी बदलने का विचार बना रहे हैं तो यह समय आपके लिए अनुकूल नहीं है। इस योजना को आप आगे के लिए टाल दें। स्वास्थ्य की बात करें तो इस दौरान आपको गर्दन, कंधों आदि में दर्द का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, आप पाचन संबंधी समस्याओं से भी ग्रस्ति हो सकते हैं।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध अशांत हैं तो जातक को वाणी से संबंधित कई समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है, जिसके चलते उसे कार्यक्षेत्र और समाज में भी अपमानित होना पड़ सकता है।
कमज़ोर बुध के चलते जातक का मन पूजा-पाठ में नहीं लगता है।
बुध की अशुभ स्थिति के चलते जातक को बोलने में दिक्कत आ सकती है। वह अपनी बात स्पष्ट रूप से कहने में असमर्थ होता है।
जातक त्वचा, पाचन आदि से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान रहता है।
कमज़ोर बुध के कारण जातक को आर्थिक जीवन में भी कई समस्याओं से गुज़रा पड़ सकता है।
ऐसे व्यक्ति को व्यापार में भी हानि होने की संभावना होती है।
कुंडली में बुध ग्रह मजबूत हो तो जातक की वाणी में मधुरता आती है। साथ ही, जातक का सेंस ऑफ ह्यूमर अच्छा होता है।
मजबूत बुध के प्रभाव से व्यक्ति व्यापार के क्षेत्र में खूब धन कमाता है और उसका आर्थिक जीवन मजबूत होता है।
इसके अलावा, शेयर मार्केट व सट्टे बाजार से भी व्यक्ति को लाभ होता है।
ये जातक अपनी तर्क क्षमता का प्रयोग कर जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की प्राप्त करते हैं।
ऐसी स्थिति में आपके भीतर ज्ञान की वृद्धि होगी और आप तेजी से चीज़ों को समझने में सक्षम होंगे।
बुध मजबूत करने के ज्योतिष उपाय
बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए मां दुर्गा, भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा आराधना करें। इसके अलावा इस वैदिक मंत्र का भी जाप करना चाहिए।
इस मंत्र का जाप करें- ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः या बुं बुधाय नमः
बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र पहनना चाहिए। यदि संभव न हो तो हरे रंग का रुमाल भी अपने साथ रख सकते हैं।
बुध ग्रह की शांति के लिए बुधवार का व्रत ज्येष्ठ के शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार से शुरू करना चाहिए और 21 या 45 बुधवार तक व्रत करना चाहिए।
बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए व्रत करने के साथ-साथ जातक को हरा वस्त्र, मूंगा, कांस्य, घृत, पुष्प, कपूर, मिस्री, हाथी दांत, सुवर्ण, पन्ना, दक्षिणा आदि का दान करना चाहिए।
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बुध मेष राशि में वक्री: सभी राशियों पर प्रभाव
मेष राशि
इस दौरान आपके अंदर प्रतिभा की कमी देखने को मिल सकती है और संभव है कि इस वजह से आप असंतुष्ट महसूस करें क्योंकि…(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
निजी जीवन और लोगों से अच्छे रिश्ते बनाए रखने में समस्या हो सकती है। जहां तक वित्त का सवाल है, आपको थोड़ा संघर्ष करना पड़ सकता है…(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
आपको अपने सुख-सुविधाओं में कमी महसूस हो सकती है और इसके कारण, आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है…(विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
आपको बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है और आपके प्रयासों पर पानी फिर सकता है, इसके चलते हो सकता है कि…(विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
अपने रिश्तों में कुछ समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है। इसके अलावा, संभावना है कि आपको भाग्य का साथ न मिले। …(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
आपको सुख-सुविधाओं की कमी और परिवार में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आप अपने…(विस्तार से पढ़ें)
आपको भौतिक सुख-सुविधाएं मिलने में देरी का सामना करना पड़ सकता है। सातवें भाव में बुध के अस्त होने से आपके घर का माहौल खराब हो सकता है…(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
आपको अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे और आप लाभ कमाने में सक्षम होंगे। बुध अस्त के दौरान आप आरामदायक स्थिति में होंगे और आपके जीवन में खुशियां बनी रहेगी…(विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
आपको इस अवधि अपने दोस्तों व सहयोगियों से सावधान रहने की आवश्यकता हो सकती है। यह अवधि आपके करियर…(विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
इसके परिणामस्वरूप, आपको अपने प्रयासों में अधिक बाधा का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, आपको अधिक प्रयास …(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
आपको अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त होगी और साथ ही, आपकी हर इच्छाओं की पूर्ति होगी। इस दौरान आपको कई अच्छे और शानदार अवसर प्राप्त होंगे…(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
आप अपने रिश्ते में उच्च मूल्य बनाए रखने में सक्षम होंगे और रिश्ते के प्रति जागरूक रहेंगे। इस दौरान आप अपने…(विस्तार से पढ़ें)
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बुध के गोचर से बन रहा है त्रिकोण राजयोग, कुछ दिनों के अंदर ही वृषभ सहित इन राशियों के हाथ लगेगा जैकपॉट
बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है और यह सबसे तेज़ गति से चलने वाला ग्रह है, जो सूर्य के चारों ओर 47.87 किमी प्रति घंटा की गति से चलता है। ऐसे में, इन्हें प्रत्येक राशि में गोचर करने के लिए 23 से 30 दिन लगता है और राशि चक्र का एक चक्कर पूरा करने में लगभग 12 महीने का समय लगता है। इसी क्रम में बुध 26 मार्च 2024 की सुबह 02 बजकर 39 मिनट पर देवगुरु बृहस्पति की मीन राशि से निकलकर मंगल के स्वामित्व वाली मेष राशि में प्रवेश कर चुके हैं। इसी मेष राशि में बुध ग्रह 2 अप्रैल 2024 की सुबह 03 बजकर 18 मिनट पर अपनी वक्री चाल प्रारंभ करेंगे। इस वक्री अवस्था में इस राशि में यह 9 अप्रैल 2024 तक रहेंगे और 9 अप्रैल 2024 की रात 10 बजकर 06 मिनट पर अपनी वक्री अवस्था में मीन राशि में पुनः वापस लौट जाएंगे और उसके बाद 10 मई 2024 की शाम 06 बजकर 39 मिनट पर एक बार फिर से मेष राशि में प्रवेश करेंगे।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुध देव के मेष राशि में प्रवेश करने से केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण हो रहा है। बता दें कि बुध देव मेष राशि के लग्न भाव में विराजमान हैं। ऐसे में, बुध देव केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण करेंगे। ज्योतिषियों के अनुसार, जब भी बुध देव त्रिकोण राजयोग का निर्माण करते हैं तो इसका प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों में देखने को मिलता है। ऐसे में, 12 में से कुछ राशि के जातकों को करियर और कारोबार में अपार सफलता प्राप्त होगी। तो आइए जानते हैं उन राशियों के बारे में।
वैदिक ज्योतिष अनुसार, यदि त्रिकोण का स्वामी ग्रह केंद्र में उच्च का होकर स्थित हो या फिर केंद्र के स्वामी ग्रह त्रिकोण में उच्च का होकर मौजूद हो जाए तो केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, केंद्र का भाव भगवान विष्णु का स्थान कहलाता है और त्रिकोण भाव को मां लक्ष्मी का भाव माना जाता है इसलिए केंद्र त्रिकोण के भावों के बीच अगर कोई संबंध बनता है तो इसको केंद्र त्रिकोण राजयोग कहा जाता है। इसके अलावा, केंद्र और त्रिकोण के स्वामियों के बीच अगर युति बनती है यानी इन दोनों भावों के स्वामी एक साथ विराजमान हों जाएं तब भी केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण होता है। इसके साथ ही, अगर इन दोनों भावों के स्वामी आपस में दृष्टि संबंध भी बनाएं तो केंद्र त्रिकोण राजयोग बनता है।
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केंद्र त्रिकोण राजयोग से इन जातकों का होगा सपना सच
केंद्र त्रिकोण राजयोग से चार राशि के जातकों को अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। इन लोगों को करियर में अपार सफलता मिलेगी। वहीं व्यापार में भी बड़ा मुनाफा होगा और नौकरी में पदोन्नति की प्राप्ति होगी। तो आइए जानते हैं किन चार राशियों की किस्मत इस अवधि चमकने वाली है।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह मित्र ग्रह हैं क्योंकि यह वृषभ राशि के स्वामी शुक्र के मित्र ग्रह माने जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको इस दौरान बेहद शानदार परिणाम प्राप्त होंगे। करियर के लिहाज से आपको तेजी से तरक्की मिलेगी। यदि आप नौकरीपेशा हैं तो वरिष्ठों से आपको मान-सम्मान प्राप्त होगा और वे आपकी कड़ी मेहनत व किए गए प्रयास की तारीफ़ करेंगे और इसके चलते आपका प्रमोशन भी हो सकता है या आपके वेतन में वृद्धि होने की संभावना है। विवाहित जातकों को संतान को पढ़ाई के सिलसिले से विदेश भेजने में सफलता मिल सकती है। वृषभ राशि के छात्रों को शिक्षा में शानदार परिणाम मिलेंगे। जिससे भविष्य में भी आपको अच्छे शिक्षा संस्थानों में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त होगा। आप अपनी सहज बुद्धि का प्रयोग करेंगे और उससे आपके बहुत सारे काम आसानी से हो जाएंगे। इस दौरान समाज में आपका नाम और प्रतिष्ठा बढ़ेगी। आपके व्यापार में उन्नति होगी। आप व्यावसायिक निवेश भी कर सकते हैं जो भविष्य में आपके लिए अनुकूल परिणाम लेकर आएंगे। कुल मिलाकर इस अवधि आपका मान-प्रतिष्ठा व बैंक बैलेंस में तेज़ी से बढ़ोतरी होगी।
केंद्र त्रिकोण के शुभ प्रभाव से कन्या राशि के धन संबंधित मामलों में मजबूती आएगी और आपकी आर्थिक समृद्धि के योग बनेंगे। आपकी लंबी यात्राएं सफल होगी जो आपको खुशी प्रदान करेंगी। इन यात्राओं के दौरान कुछ नए मित्र भी आपके बनेंगे, जिससे आपको खुशी व संतुष्टि प्राप्त होगी। आपकी योजनाएं गति पकड़ेंगी और आपके कामों में अच्छी सफलता मिलेगी। करियर में स्थिरता के योग बनेंगे। जो काम करने में पहले आपको हिचक हो रही थी, वह काम भी अब आसानी से होने लगेंगे जिससे आपको अच्छी सफलता भी मिलेगी और आपके आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होगी। पैतृक व्यवसाय कर रहे लोग अपने काम को आगे बढ़ाने में सफल होंगे और नौकरी करने वाले जातकों को भी इस दौरान अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे।
आप अपने परिजनों या जीवनसाथी के साथ खूबसूरत जगहों पर घूमने जा सकते हैं और इस पल का आनंद उठा सकते हैं। इस दौरान आप अपने भविष्य की अच्छी प्लानिंग कर सकते हैं और इसके लिए कोई निवेश प्लान ले सकते हैं। आपके संबंध आपके भाई-बहनों से सुधरेंगे और पिताजी से भी आपको अच्छे ज्ञान की प्राप्ति होगी वे आपका साथ देंगे और साथ ही, उनका आशीर्वाद भी आपको प्राप्त होगा। वह अपनी बात आपके सामने रखेंगे जिससे आपको बहुत कुछ जानने और सीखने को मिलेगा। आपकी संवाद शैली मजबूत होगी। मानसिक शक्ति प्रगाढ़ होगी और इससे आपको लाभ होगा। इस अवधि समाज में आपका मान सम्मान भी तेज़ी से बढ़ेगा।
तुला राशि के जातकों के लिए केंद्र त्रिकोण राजयोग बहुत ही शानदार साबित होगा। आप विदेशी माध्यमों और दूसरे शहर में या राज्यों से भी अपने बिज़नेस के लिए नए डील प्राप्त कर सकते हैं और आपके व्यापार को इस दौरान लाभ मिलने के योग बनेंगे। यदि आप कोई नया काम शुरू करना चाहते हैं तो वह कर सकते हैं, आपको उसमें अच्छी सफलता अवश्य मिलेगी। आपको आपके भाग्य का भी पूरा सहयोग मिलेगा, जिससे आपके रुके हुए काम भी जल्द बनने लगेंगे और कुछ नए कामों में भी आपको सफलता मिलती चली जाएगी। विदेशी माध्यमों से आपको अच्छा धन लाभ और व्यवसाय में सफलता मिल सकती है। इस दौरान कुछ विदेशी लोगों से भी आपके संबंध स्थापित हो सकते हैं जो भविष्य में आपके लिए वरदान सिद्ध होंगे। अविवाहित जातकों को इस दौरान विवाह की खुशखबरी मिल सकती है। यदि आप विवाहित हैं तो इस दौरान वैवाहिक संबंधों में मधुरता देखने को मिलेगी। आपसी प्रेम बढ़ेगा और एक दूसरे को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे जिससे आपका रिश्ता मजबूत होगा। आपके निर्णय लेने की क्षमता, बुद्धि से प्रभावित होकर और आपके काम करने के तरीके को देखकर बहुत सारे लोग आपसे मदद और अच्छी सलाह प्राप्त करने का प्रयास करेंगे। इस दौरान आपके सामाजिक स्तर में बढ़ोतरी होगी और आपको उन्नति मिलेगी। आपका प्रेम भरा बर्ताव और आपकी वाणी में मधुरता लोगों का दिल जीत लेगी।
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मकर राशि
केंद्र त्रिकोण राजयोग मकर राशि के जातकों के लिए वरदान साबित होगा। आपको इस दौरान भाग्य का पूरा साथ मिलेगा और भाग्य की कृपा से अचानक से सुख सुविधाओं की प्राप्ति हो सकती है। इस अवधि आप कोई नया वाहन अथवा संपत्ति भी खरीदने की योजना बना सकते हैं। यदि किसी संपत्ति को लेकर कोई समस्या या विवाद चल तो वह इस अवधि दूर होगी और सभी समस्याओं से आपको निजात मिलेगा। यदि आपने कोई वाहन या मकान खरीदने के लिए किसी बैंक लोन के लिए आवेदन किया था तो वह भी आपको प्राप्त हो सकता है। आने वाली संपत्ति आपके लिए खुशियों का कारण बनेगी और आपकी तरक्की का माध्यम बनेगी।
आपके परिवार में खुशियों में बढ़ोतरी होने के योग बनेंगे। आपकी माताजी और पिताजी का स्वास्थ्य भी पहले से बहुत अधिक बेहतर होगा। इस दौरान आपके घर में रिश्तेदारों से बातचीत और आवागमन होने से घर का माहौल भी हल्का और बढ़िया रहेगा। यदि आपका किसी से संपत्ति संबंधित कोई विवाद चल रहा है तो आपसी बातचीत से उसे हल करने की कोशिश करें, उसे ज्यादा खींचने से बचने की कोशिश करें। आप अपने कार्यक्षेत्र में भी अच्छा और बेहतरीन काम करेंगे। नौकरी में अच्छी स्थिति आपको प्राप्त होगी। कार्यक्षेत्र में दबाव कम महसूस करेंगे और आपके वरिष्ठ आपके काम और प्रयास की सराहना करेंगे। कचहरी के मामलों में आपको सफलता मिलेगी और मामला आपके पक्ष में आएगा। आप काफी हंसमुख रहेंगे और अपने आसपास के लोगों को काफी खुश रखेंगे। लोग आपके खूब तारीफ करेंगे।
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घर में नहीं टिकता है पैसा, बनी रहती है आर्थिक तंगी तो अपना लें ये खास उपाय, बने रहेंगे धनवान!
कई बार कुछ लोगों इस बात से परेशान रहते हैं कि वे बहुत अधिक मेहनत करते हैं, कड़े प्रयास करते हैं लेकिन उसके बाद भी उन्हें सफलता प्राप्त नहीं होती है। धन उनके पास टिक ही नहीं पाता। वे अच्छी मात्रा में धन तो कमाते हैं पर किसी न किसी प्रकार से उनके खर्चे बढ़ जाते हैं। यदि आप भी इसी तरह की समस्या से परेशान हैं और लाख कोशिश करने के बाद भी घर में पैसा नहीं टिक रहा है तो इसका कारण वास्तु दोष हो सकता है। वास्तु शास्त्र के जानकारों की मानें तो घर पर ही कुछ ऐसे दोष और चीज़ें होती है, जिनकी वजह से आपके पास पैसा नहीं रुक पाता है और आप परेशान रहते हैं। वास्तु दोष से छुटकारा पाने के लिए वास्तु शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं, इसके अलावा माता लक्ष्मी की पूजा करने से भी आर्थिक तंगी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
दरअसल सनातन धर्म में धन संबंधित समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करने का विधान है। माता लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है। ऐसे में, यदि आप अपनी सोई हुई किस्मत चमकाना चाहते हैं, तो ज्योतिष व वास्तु शास्त्र के कुछ आसान उपाय हैं, जिन्हें जीवन में अपनाकर आप समस्याओं से निजात पा सकते हैं।
वास्तु शास्त्र में, उत्तर दिशा को भगवान कुबेर की दिशा मानी जाती है और ऐसे में, यदि आप अपने धन की तिजोरी को उत्तर दिशा में रखेंगे तो आपको कभी भी धन की कमी महसूस नहीं होगी। तिजोरी रखने का कमरा भी उत्तर दिशा में होना अच्छा माना जाता है। इसके अलावा, यदि आप अलमारी में अपने पैसे रखते हैं तो उसके मध्य या ऊपरी में भाग में रखें। निचले हिस्से में रखने की गलती न रखें अन्यथा समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
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स्थापित करें ये यंत्र
वास्तु के अनुसार, घर पर या तिजोरी पर शुभ यंत्र जैसे- व्यापार वृद्धि यंत्र, महालक्ष्मी यंत्र, बीसा यंत्र रखना स्थापित करें और रोजाना नियमित रूप से इसकी पूजा करें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि तिजोरी को कभी भी खाली न छोड़े।
रात के जूठे बर्तन
अक्सर लोग रात में खाना खाने के बाद जूठे बर्तन ऐसे ही रसोई घर में छोड़ देते हैं और सुबह उठकर साफ करते हैं। वास्तु शास्त्र में, जूठे बर्तन घर पर रखना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से दरिद्रता आती है और माता लक्ष्मी नाराज हो जाती है इसलिए रात में हमेशा बर्तन धो कर सोएं।
यदि आप आर्थिक तंगी से परेशान हैं, तो घर के मंदिर में दक्षिणावर्ती शंख रखें। साथ ही, नियमित पूजा करने के दौरान विधि-विधान से शंख बजाएं। ऐसा करने से घर में माता लक्ष्मी का वास होता है और धन की कभी कमी नहीं होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पीपल के वृक्ष में देवी देवताओं का वास होता है। ऐसे में, यदि आप पीपल के पेड़ से जुड़े कुछ उपाय करते हैं तो आपको कभी भी धन की कमी महसूस नहीं होगी। आपको प्रतिदिन पीपल के वृक्ष की छाया में खड़े होकर एक लोहे के पात्र में पानी भरकर पीपल के पेड़ के जड़ में डालना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से सुख समृद्धि में भी इजाफा होता है।
क्या वर्ष 2024 में आपके जीवन में होगी प्रेम की दस्तक? प्रेम राशिफल 2024 बताएगा जवाब
तुलसी के पौधे में कच्चा दूध डालें
सनातन धर्म में तुलसी का पौधा बहुत पूजनीय माना जाता है। ऐसे में, प्रत्येक गुरुवार के दिन कच्चे दूध में तुलसी का पौधा मिलाकर भगवान विष्णु को अर्पित करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु तो प्रसन्न होंगे ही साथ ही माता लक्ष्मी की भी आप पर विशेष कृपा बरसेगी। साथ ही, आर्थिक जीवन में चल रही समस्या से आपको छुटकारा मिलेगा।
धन की देवी माता लक्ष्मी को लाल रंग अति प्रिय है। इसके लिए शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी को लाल रंग का गुलाब अर्पित करें या लाल रंग की माला व चुनरी चढ़ाएं। साथ ही, विधि विधान से मां लक्ष्मी की पूजा उपासना करें। ऐसा करने से, आपके खर्चों में कमी आएगी और आपको कभी भी पैसों को कमी नहीं महसूस होगी।
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सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने पर इन्हें करियर में मिलेगी तरक्की, प्रमोशन के भी बन रहे हैं योग
सभी ग्रह एक समयावधि के बाद एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं जिसे ज्योतिषीय भाषा में गोचर के नाम से जाना जाता है। जब कोई ग्रह गोचर करता है, तो इससे राशियों समेत देश-दुनिया पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ग्रहों के गोचर का असर लोगों के करियर, व्यापार, शिक्षा और आर्थिक जीवन समेत जीवन के सभी पहलुओं और क्षेत्रों पर पड़ता है।
अप्रैल, 2024 में सूर्य का एक महत्वपूर्ण गोचर होने जा रहा है जिससे कुछ राशियों के करियर में उछाल आने की संभावना है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य के इस गोचर के दौरान कुछ राशियों के लोगों को करियर के क्षेत्र में प्रमोशन, वेतन में वृद्धि और लाभ होने के संकेत हैं।इस ब्लॉग में आगे उन्हीं राशियों के बारे में बताया गया है जिन्हें सूर्य के गोचर के दौरान करियर में लाभ होने की उम्मीद है लेकिन उससे पहले जान लीजिए कि किस तिथि पर सूर्य का गोचर होने जा रहा है।
सूर्य ग्रह 13 अप्रैल को रात 08 बजकर 51 मिनट पर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य को सफलता का कारक माना जाता है और उनकी कृपा से ही व्यक्ति को अपने करियर में सफलता मिल पाती है। यही कारण है कि सूर्य का मेष राशि में गोचर कुछ राशियों के लोगों के करियर में तरक्की लेकर आएगा। आगे जानिए कि वैदिक ज्योतिष में मेष राशि और सूर्य का क्या महत्व है।
वैदिक ज्योतिष में मेष राशि और सूर्य का महत्व
ज्योतिषशास्त्र में सूर्य का मेष राशि में गोचर करना महत्वपूर्ण माना गया है। सर्य के मेष राशि में होने पर ऊर्जा और उत्साह में वृद्धि होती है एवं यह समय नई शुरुआत का प्रतीक होता है। इस समय आप नए कार्यों की शुरुआत कर सकते हैं और अपने लक्ष्यों को पाने के लिए आगे बढ़ सकते हैं। इस समय व्यक्ति का सारा ध्यान स्वयं पर और खुद को दूसरों के सामने व्यक्त करने पर होता है।
जन्मकुंडली में शुभ स्थान में होने पर सूर्य व्यक्ति को मान-सम्मान देते हैं और उसकी प्रसिद्धि में इज़ाफा करते हैं। मेष राशि में सूर्य के गोचर की अवधि को ऊर्जा और साहस का प्रतीक माना गया है।
तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि मेष राशि में सूर्य के प्रवेश करने पर किन राशियों के लोगों के करियर में वृद्धि देखने को मिलेगी।
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इन राशियों के करियर में आएगा उछाल
मेष राशि
सूर्य का गोचर आपके लग्न भाव में ही हो रहा है। इस समय आपको अपने करियर में अत्यंत लाभ प्राप्त होंगे। आपकी ऊर्जा में वृद्धि होगी जिससे आप खूब मन लगाकर काम करेंगे। आप दृढ़ निश्चयी बनेंगे और आपका आत्मविश्वास भी बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा और इसका कारण होगा आपके उच्च अधिकारियों से मिल रही प्रशंसा। आपके कार्यक्षेत्र में हर कोई आपके काम से प्रसन्न रहने वाला है। ऑफिस में आपके साथ काम करने वाले लोग आपका अनुसरण करेंगे। इस समय आपका सारा ध्यान करियर में तरक्की और प्रगति पाने पर रहने वाला है।
सूर्य का मेष राशि में गोचर आपके लिए शुभ संकेत लेकर आ रहा है। अपने करियर को लेकर आपकी जो भी शिकायतें थीं, अब वे दूर हो जाएंगी। आपको प्रमोशन भी मिल सकता है। इसके अलावा मिथुन राशि के लोगों के लिए वेतन में वृद्धि के योग भी बन रहे हैं। अपने ऑफिस में उच्च अधिकारियों के साथ आपके अच्छे संबंध बनेंगे। इसके अलावा आपके स्किल्स भी बेहतर होंगे और आप अपने काम में निपुण बनेंगे। इससे कार्यक्षेत्र में आपके प्रदर्शन में भी सुधार आने की उम्मीद है। सूर्य के शुभ प्रभाव से आपके अंदर ऊर्जा और उत्साह इतना ज्यादा बढ़ जाएगा कि आप एकसाथ कई कामों को संभाल पाएंगे। इसके साथ ही आपके कार्यक्षेत्र में आपकी प्रतिष्ठा और मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी।
सूर्य का गोचर कर्क राशि के दसवें भाव में होने जा रहा है। यह समय आपके करियर के लिए शानदार साबित होगा। आप अपने कार्यक्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे और आपके काम को भी पहचान मिलेगी। आपने अपने काम में जो कड़ी मेहनत की है, आपके उच्च अधिकारी उसे पहचानेंगे और आपके समर्पण की प्रशंसा करेंगे। इससे सहकर्मियों के बीच आपकी प्रतिष्ठा में भी इज़ाफा होगा। नौकरीपेशा जातकों को तरक्की मिलने की भी संभावना है। इसके अलावा अगर आप लंबे समय से वेतन में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं, तो अब आपकी यह आकांक्षा भी पूरी हो सकती है। आपको विदेश से भी कोई प्रोजेक्ट मिलने के संकेत हैं और इसके ज़रिए आप अपनी काबिलियत को साबित कर पाएंगे। आपके अपने वरिष्ठ अधिकारियों और सहकर्मियों के साथ अच्छे संबंध बनेंगे। आपके लिए करियर के क्षेत्र में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना काफी आसान रहने वाला है।
कुंभ राशि के लोगों को सूर्य के गोचर के दौरान अपने करियर को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप इस समय अपने कार्यक्षेत्र में जो भी प्रयास करेंगे, उसमें आपको सफलता जरूर मिलेगी। आपको ऑन-साइट काम करने का अवसर भी मिल सकता है। इसके अलावा आपके हाथ कोई बड़ा या नया प्रोजेक्ट लग सकता है। आपके ऑफिस में वरिष्ठ अधिकारी आपके काम से काफी प्रसन्न रहेंगे। आपकी योजनाएं और विचार उन्हें काफी पसंद आ सकते हैं। अगर आप अपना बिज़नेस शुरू करने की सोच रहे हैं, तो इस समय आपका यह सपना पूरा हो सकता है। आपकी अपने क्षेत्र पर पकड़ मज़बूत होगी और आपके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होने के संकेत हैं।
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धनु राशि
सूर्य का मेष राशि में गोचर करना धनु राशि के जातकों के लिए सुखदायी साबित होगा। सूर्य आपके पांचवे भाव में प्रवेश कर रहे हैं इसलिए आपको इस समय नौकरी को लेकर कई नए और बेहतरीन अवसर मिलने वाले हैं। इसके साथ ही आप अपने करियर में भी खूब तरक्की करेंगे। आपकी नई सोच और नवीन विचार आपको अपने कार्यक्षेत्र में सफलता के शिखर तक ले जाने में मदद करेंगे। वहीं व्यापारी नई रणनीतियों के बल पर अपनी सफलता का मार्ग प्रशस्त करेंगे। पार्टनरशिप में काम करने वाले लोगों के लिए भी अच्छा समय है।
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बुध मेष राशि में अस्त: कौन सी राशि वाले होंगे मालामाल, किसको होगी पैसों की तंगी?
बुध मेष राशि में अस्त : एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपकोबुध मेष राशि में अस्तके बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे। बता दें कि बुध 04 अप्रैल, 2024 को मंगल ग्रह द्वारा शासित राशि मेष में अस्त होने जा रहे हैं। बुद्धि , एकाग्रता, वाणी, त्वचा के कारक ग्रह बुध अस्त आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव डालेगा। तो आइए जानते हैं बुध अस्त किस राशि के जातकों के लिए शुभ व किस राशि के जातकों के लिए अशुभ साबित होने वाला है। साथ ही, जानेंगे देश दुनिया व शेयर बाजार में इसका प्रभाव।
बुध हमारे सौर मंडल का सबसे छोटा ग्रह और सूर्य के सबसे निकटतम ग्रह है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, बुध सबसे तेज़ गति से चलने वाला ग्रह है इसलिए यह राशि चक्र का एक चक्कर पूरा करने में लगभग 12 महीने का समय लगता है। बुध बुद्धि , एकाग्रता, वाणी, त्वचा, सौंदर्य तथा सुगंध और व्यापार के कारक हैं। किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध का स्थान मन, विचार, दिमाग आदि से जुड़ा हुआ है, इसलिए आपके जन्म कुंडली में बुध जिस राशि पर स्थित है, वह यह बताता है कि आप कैसे सोचते हैं और अपने विचारों को दूसरों के सामने कैसे व्यक्त करते हैं।
जब बुध मेष राशि में होते हैं तो लोग हर बात को सोच समझकर बोलते हैं। उन बातों को कहने से बचते हैं जो नहीं कहना चाहिए और ये लोग उन बातों को कहने से भी नहीं हटते जिन पर वे विचार करते हैं। ये जातक ईमानदार होते हैं और अपनी बातों को स्पष्ट रूप से कहते हैं, इनके इस स्वभाव से हर कोई इनकी ओर आकर्षित हो जाता है। ये झूठ नहीं बोलते हैं और हर किसी को बेहतर सलाह देते हैं।
मेष अग्नि तत्व की राशि है, जिसके स्वामी मंगल हैं। मंगल व बुध आपस में शत्रु ग्रह हैं और दोनों स्वभाव से विरोधाभासी हैं। हालांकि, बुध की यह स्थिति वैदिक ज्योतिष में औसत मानी जाती है। ऐसे जातक काफी मजाकिया और बुद्धिमान होते हैं। ये नवीन विचारों वाले होते हैं और तेजी से हर कार्यों को करते हैं। ये अपने पैरों पर खड़े रहते हैं और अपने द्वारा किए गए प्रयास के तुरंत परिणाम देखना पसंद करते हैं। जब भी इन्हें कोई अच्छा आइडिया आता है तो ये तुरंत उस आइडिया पर काम करते हैं और अपने काम में लागू करते हैं। ये शारीरिक जोखिम भी लेना पसंद करते हैं।
ये जातक नृत्य, संगीत और कला जैसी गतिविधियों में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं। बुध मेष राशि में जातक अपने हर कार्यों को तुरंत पूरा करने की इच्छा रखता है। ये लोग अपने लक्ष्यों को भी प्राप्त करने का पूरा प्रयास करते हैं। ये किसी भी काम को कल में नहीं टालते, जो भी कार्य होता है उसे समय पर करते हैं। कार्यस्थल पर भी वे समय सीमा पर पूरा करने पर विश्वास करते हैं। इन जातकों का बातचीत करने का तरीका बहुत अच्छा होता है, जिसका लाभ उन्हें जीवन के हर पहलू में मिलता है।
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मेष राशि में बुध अस्त: समय
बुद्धि, विद्या और संचार कौशल के कारक ग्रह बुध 04 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 36 मिनट पर राशि चक्र की पहली राशि मेष में अस्त होने जा रहे हैं। कुंडली में बुध मज़बूत होने पर जातक को जीवन में सभी तरह की सुख-सुविधाएं देते हैं। साथ ही, अच्छा स्वास्थ्य और बुद्धि भी प्रदान करते हैं। मज़बूत बुध होने पर यह व्यक्ति को उच्च ज्ञान प्राप्त करने में सक्षम बनाने के साथ-साथ सकारात्मक परिणाम भी देता है।
बुध मेष राशि में अस्त: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए, बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। छठा भाव शत्रु, ऋण, सरकारी नौकरी, रोग आदि का भाव है। बुध मेष राशि में अस्त आपके पहले भाव में होने जा रहा है। जैसे ही बुध पहले भाव में अस्त होंगे, आपको काम में भ्रम और देरी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि लाभ की भी संभावना है, भले ही यह लाभ आपको कम समय के लिए हो और आशंका है कि आपको इस लाभ से संतुष्टि प्राप्त न हो। यह वह समय है जब आप नौकरी बदलने पर विचार कर सकते हैं। इस अवधि सरकारी नौकरी करने वालों का स्थानांतरण हो सकता है।
इस अवधि आपको यात्रा के दौरान धन की हानि हो सकती है। आपके लिए धन अर्जित करना और बचत करना दोनों ही मुश्किल हो सकता है। बुध अस्त के दौरान आपको बड़े निर्णय लेने से बचना होगा और यदि आप निवेश करना चाहते हैं तो सावधान हो जाए व इस योजना को आगे के लिए टाल दें क्योंकि संभावना है कि आपको धन का सामना करना पड़े और आपके पैसे फंस जाए। यदि आप पैसा कमाने में सफल भी हो जाएंगे तो बचत करना आपके लिए मुश्किल होगा।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं और बुध मेष राशि में अस्त आपके पेशे के दसवें भाव में होगा। कर्क राशि के जातकों के करियर की बात करें तो, इस दौरान आपको कार्यक्षेत्र में अधिक काम का दबाव झेलना पड़ सकता है और आपको अपने वरिष्ठों से समर्थन की कमी का सामना भी करना पड़ सकता है। जिसके परिणामस्वरूप संभव है कि आपको संतुष्टि महसूस न हो और आप अचानक नौकरी में परिवर्तन करने का विचार बना लें या कुछ ऐसा हो जाए जिसकी आपने उम्मीद न की हो।
जिन जातकों का खुद का व्यापार है आशंका है कि उन्हें इस दौरान अच्छा मुनाफा प्राप्त न हो और हो सकता है कि आपके हाथों से कुछ अच्छे अवसर निकल जाए। प्रतिद्वंदियों से आपको कड़ा मुकाबला मिल सकता है और इस वजह से आप चिंतित हो सकते हैं। जिसके चलते आपको इस अवधि अपने व्यापार में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
सिंह राशि के जातकों के लिए, बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और बुध मेष राशि में अस्त आपके नौवें भाव में होने जा रहा है। करियर की दृष्टिकोण से आपको कार्यक्षेत्र में अपने सहकर्मियों और अपने वरिष्ठों से समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
यदि आप बुध अस्त के दौरान पदोन्नति और अन्य लाभों की उम्मीद कर रहे हैं तो हो सकता है कि आपकी उम्मीदों पर पानी फिर जाए । इस दौरान आपको अपने काम में कुछ गिरावट भी महसूस हो सकती है, जिस वजह से आप चिंतित रह सकते हैं। कुल मिलाकर करियर के लिए यह अवधि अनुकूल प्रतीत होती नहीं दिख रही है क्योंकि आप कई लाभों से वंचित रह सकते हैं।
यदि आपका खुद का व्यापार है तो आपको अपने प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है और धन की हानि हो सकती है। इस अवधि आपको अपने प्रतिद्वंदियों से बचकर रहना होगा क्योंकि वे आपके लिए खतरा पैदा कर सकते हैं और आपको गिरा कर अपना लाभ कमा सकते हैं व आगे बढ़ सकते हैं। आशंका है कि आप इस दौरान व्यवसाय में मौजूदा कठिन परिस्थिति का फायदा उठाने की स्थिति में न हों और इसके कारण आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
आर्थिक लिहाज से देखा जाए तो सिंह राशि के जातकों को अधिक खर्चों से गुजरना पड़ सकता है और यही नहीं यात्रा करते वक्त आपको धन की हानि हो सकती है या यात्रा के दौरान कीमती सामान जैसे गहने, बेशकीमती वस्तुएं खो सकते हैं। इसलिए आपको इस अवधि आर्थिक जीवन में योजना बनाकर व सावधानी से चलने की आवश्यकता हो सकती है।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके छठे भाव में अस्त होंगे।
करियर के मोर्चे पर, आपको नौकरी में दबाव झेलना पड़ सकता है। आशंका है कि आपके वरिष्ठ आपके काम की सराहना न करें और उनसे आपकी अच्छा बातचीत न हो, जिसके वजह से आप असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं और नई नौकरी की तलाश कर सकते हैं जो आपको विकास प्रदान कर सकती है। लेकिन इतनी अच्छी स्थिति आसानी से संभव नहीं हो सकेगी जैसा आपने सोचा था। आप पर नौकरी का अधिक दबाव हो सकता है और इस मुश्किल घड़ी का सामना आपको अपनी दक्षता के साथ काम करना पड़ सकता है।
आर्थिक पक्ष पर, हो सकता है कि आप अधिक पैसा कमाने की अच्छी स्थिति में न हों, लेकिन साथ ही, आपको अप्रत्याशित स्रोतों से पैसा कमाने के मौके मिल सकता है। इस दौरान अधिक पैसा बचाना आपके लिए शुरू में संभव नहीं हो सकता है। आपको अधिक ख़र्चों का भी सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आपके खर्चे आपके लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं।ऐसी स्थितियों के चलते आप अच्छा पैसा बचाने की स्थिति में नहीं हो सकते हैं।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और बुध मेष राशि में अस्त आपके चौथे भाव में होने जा रहा है। करियर के दृष्टिकोण से देखें तो यदि आप नौकरीपेशा हैं तो आपको सावधानी बरतने की जरूरत पड़ सकती है क्योंकि इस दौरान नौकरी का दबाव अधिक होने की संभावना हो सकती है और काम में दबाव के चलते आप नौकरी बदलने का विचार बना सकते हैं। जिसके चलते आप अधिक चिंतित हो सकते हैं। यदि आप अधिक ध्यान देंगे और उसी पर फोकस करेंगे तो आप काम में सफलता की ऊंची कहानियां रचने में सक्षम हो सकते हैं।
यदि आप व्यापार कर रहे हैं तो यह अवधि आपके लिए कम लाभदायक साबित हो सकता है। अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए, आपको नई व्यावसायिक तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता हो सकती है, जो आपको अच्छे लाभदायक परिणाम दे सकती है।
आर्थिक दृष्टि से देखा जाए तो आपके लिए अधिक मात्रा में धन कमाना मुश्किल हो सकता है क्योंकि आपके ऊपर अधिक खर्चे रह सकते हैं जो अवांछित हो सकते हैं। आपको कुछ संक्षिप्त योजना बनाकर अपने खर्चों पर लगाम लगाने की आवश्यकता हो सकती है अन्यथा आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान बचत की गुंजाइश नहीं रहेगी और आपको भारी धन हानि का खतरा भी हो सकता है।
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बुध मेष राशि में अस्त: इन राशि के जातकों को होगा लाभ
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए, बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। बुध मेष राशि में अस्त आपके बारहवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप आपको अपने वित्तीय मामलों, निजी जीवन और लोगों से अच्छे रिश्ते बनाए रखने में समस्या हो सकती है। लेकिन जहां तक आपके करियर और वित्त का सवाल है, आप थोड़ी राहत महसूस कर सकते हैं। यदि आप अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए पूरी ईमानदारी से प्रयास करेंगे तो आपको सफलता अवश्य प्राप्त होगी। वहीं दूसरी ओर, सकारात्मक पक्ष यह भी है किआप विदेशी भूमि के माध्यम से व्यापार में तेजी से आगे बढ़ेंगे और रचनात्मक क्षेत्र में काम करने वाले लोग काम के सिलसिले में विदेश यात्रा कर सकते हैं।
जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उनके लिए यह अवधि अच्छा मुनाफ़ा हासिल करने के लिए बहुत अधिक अनुकूल प्रतीत नहीं हो रही है लेकिन विदेशी ग्राहकों के माध्यम से लोगों को राहत मिल सकती है। यदि आप पहले अपने लेनदारों को भुगतान करने में असमर्थ थे, तो अब आप उन्हें भुगतान करने में सक्षम होंगे और आपको अपनी कुछ वित्तीय समस्याओं से छुटकारा भी मिल सकता है। हालांकि आप भविष्य की बचत को लेकर चिंतित हो सकते हैं। वृषभ राशि के जातकों की आर्थिक जीवन की बात करें तो, बुध अस्त के दौरान आपको धन प्राप्त करने में असफलता प्राप्त हो सकती है। इस अवधि आपके लिए धन लाभ कमाना और बचत करना दोनों की मुश्किल हो सकता है।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं और बुध मेष राशि में अस्त आपके आठवें भाव में होने जा रहा है। आर्थिक मोर्चे पर, आपको बहुत अधिक धन की कमी हो सकती है और वजह से आप बहुत अधिक चिंतित हो। इस दौरान आपके किसी करीबी रिश्तेदार को भी धन हानि का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि ऐसी संभावना है कि आप गुप्त स्रोतों या विरासत के माध्यम से कमाई कर सकते हैं और आपको अचानक लाभ हो सकता है। करियर की बात करें तो, इस अवधि आपको अपने काम पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि आपके काम में गलतियां निकलने की संभावना है इसलिए सतर्क रहें और खुद पर नियंत्रण रखें। इस दौरान आप पर काम का अधिक दबाव हो सकता है। हालांकि आपको कुछ अच्छे परिणाम भी प्राप्त होंगे, जिससे आपको खुशी व राहत दोनों ही महसूस होगी।
बुध अस्त के दौरान वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और अन्य लोगों को लाभ होगा। बुध दूसरे भाव पर सीधी दृष्टि डाल रहे हैं ऐसे में, भले ही आप व्यवसाय से उतना पैसा नहीं कमा पा रहे हैं जितनी आपने उम्मीद की थी, लेकिन फिर भी आप कुछ पैसा कमाने में सक्षम होंगे। आपके लिए छोटे पैमाने का व्यवसाय करना बेहतर हो सकता है। इस तरह आप काफी मुनाफा कमाने की स्थिति में हो सकते हैं।
इस दौरान निर्यात से जुड़ा व्यवसाय करने वाले लोगों का बिज़नेस फलता-फूलता दिखेगा लेकिन इन्हें विदेश से धन प्राप्त होने में थोड़ी देरी हो सकती है।
भारत और विदेशों में रचनात्मक क्षेत्र से जुड़े लोग और कलाकरों को इस अवधि प्रतिकूल परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
गलत संचार और गलतफहमी के चलते आपका व्यवसाय प्रभावित हो सकता है।
मीडिया और कलाकार
जो जातक संचार से जुड़े क्षेत्रों जैसे कि पत्रकारिता, काउंसलिंग आदि से संबंध रखते हैं उन्हें इस दौरान गलत शब्दों के चयन के कारण अधिकारियों और सत्ता में बैठे लोगों के साथ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं।
दुनिया भर में संगीत और मनोरंजन के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह समय अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। संभव है कि म्यूजिक एल्बम और फिल्में इस दौरान उम्मीद से कम प्रदर्शन करें।
सरकार और नेता
सरकार के महत्वपूर्ण नेता अपनी गलत टिप्पणी के चलते समस्या में पड़ सकते हैं जिसके फलस्वरूप उन्हें माफी मांगनी पड़ सकती है।
इस दौरान कुछ देश भारत के लिए समस्याएं पैदा करने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन कोई भी कदम उठाने से पहले सोच विचार करने की आवश्यकता है क्योंकि बुझ अस्त आपके लिए प्रतिकूल समय प्रतीत हो रहा है।
सरकार के प्रतिनिधि और अधिकारी अपनी अपरिपक्व बयानबाजी के चलते किसी संकट में पड़ सकते हैं जिसके फलस्वरूप उन्हें विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
सार्वजनिक हस्तियां और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोग भी विभिन्न विषयों के बारे में पूछे जाने पर अपना धैर्य खो सकते हैं और जिस वजह से वे परेशानी में पड़ सकते हैं।
बुध मेष राशि में अस्त: शेयर बाजार रिपोर्ट
बुध अस्त के दौरान रासायनिक उद्योग, सार्वजनिक क्षेत्र, फार्मास्युटिकल क्षेत्र, बिजली क्षेत्र और सीमेंट उद्योग अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
इलेक्ट्रिकल उत्पाद उद्योग, इलेक्ट्रिकल, बिजली, चाय और कॉफी उद्योग, सीमेंट उद्योग, हीरा उद्योग, रसायन, इंजीनियरिंग क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
कुछ उद्योगों, विशेषकर सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में मंदी का सामना करना पड़ सकता है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
बुध के मीन राशि में आने पर इन राशियों का चमक जाएगा बिज़नेस, हो जाएंगे मालामाल
09 अप्रैल, 2024 को रात 10 बजकर 02 बजकर 06 मिनट पर वक्री बुध मीन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। मीन राशि के स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं और इनका बुध के साथ शत्रु संबंध है। इस वजह से बुध का वक्री अवस्था में बृहस्पति की राशि में आना ज्यादातर लोगों के लिए अनुकूल साबित नहीं होगा लेकिन कुछ राशियां ऐसी हैं जिन्हें इस समय अपने व्यापार में खूब मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा।
एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आगे उन्हीं राशियों के बारे में बताया गया है कि जिन्हें वक्री बुध के मीन राशि में आने पर अपने बिज़नेस में असीम लाभ एवं मुनाफा होने की संभावना है।
ज्योतिषशास्त्र में बुध को बुद्धि का कारक माना गया है। कोई व्यक्ति कितना बुद्धिमान होगा, यह उसकी कुंडली में बुध की स्थिति से ही पता चलता है। अगर कुंडली में बुध ग्रह शुभ स्थान में हों, तो उस व्यक्ति को अपने जीवन में हर तरह की सुख-सुविधाएं मिलती हैं। इसके साथ ही बुध उत्तम स्वास्थ्य भी प्रदान करते हैं। बुध की कृपा होने पर जातक उच्च ज्ञान प्राप्त करता है और अपने व्यापार में सही निर्णय ले पाता है।
बुध के मज़बूत होने पर जातक शेयर मार्केट और व्यापार में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। यदि इन लोगों का संबंध गूढ़ विज्ञान जैसे ज्योतिष, रहस्यवाद आदि से होता है, तो वह इन क्षेत्रों में महारत हासिल करते हैं। वहीं बुध के अपनी उच्च राशि कन्या में होने पर, व्यक्ति के ज्ञान में असीम वृद्धि होती है और वह किसी भी चीज़ या कार्य को आसानी से समझ लेता है।
इन राशियों का चमकेगा बिज़नेस
वृषभ राशि
यदि आप पार्टनरशिप में व्यापार करने की सोच रहे हैं, तो फिलहाल इस निर्णय को टाल देना ही बेहतर होगा। आप अकेले व्यापार के क्षेत्र में अधिक पैसा कमा सकते हैं। आपको व्यापार में अधिक समृद्धि व लाभ पाने के लिए अपने दृष्टिकोण में अधिक गणनात्मक रहने की आवश्यकता हो सकती है। थोड़ी सूझबूझ के साथ काम लेने पर आप अपने बिज़नेस में खूब मुनाफा कमा सकते हैं और अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल हो सकते हैं।
कुंभ राशि के व्यापारियों के लिए बुध का यह गोचर बहुत अच्छा साबित होगा। आपने शेयर मार्केट में पैसा लगाया हुआ है, तो इस समय आपको बहुत अच्छा रिटर्न मिल सकता है। आपके लिए धन लाभ के योग भी बने हुए हैं। हालांकि, इस दौरान व्यापारियों को थोड़ा सतर्क रहने की भी आवश्यकता है। आपकी कोई गलती आपके मुनाफे को शून्य कर सकती है। आपको अपने बिज़नेस पर ध्यान देने और अपने प्रतिद्वंदियों के सामने मजबूती से खड़े रहने की सलाह दी जाती है।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
मिथुन राशि
वक्री बुध का गोचर आपकी राशि के लिए बाकियों की तुलना में थोड़ा अनुकूल रहने वाला है। अगर आप इस समय अपने बिज़नेस में कड़ी मेहनत करते हैं, तो आप अपने लक्ष्य को आसानी से पा सकेंगे। इससे आपका मुनाफा भी अधिक होगा और आप अपने प्रतिद्वंदियों के सामने अपनी काबिलियत को साबित कर पाएंगे। हालांकि, कभी-कभी, आपको नो-प्रॉफिट/नो-लॉस जैसी परिस्थितियों से गुजरना पड़ सकता है लेकिन आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह समय भी गुज़र जाएगा और आपको एक बार फिर से धन कमाने के अवसर मिलेंगे।