भरणी नक्षत्र में हो चुका है मंगल का प्रवेश, चार लोगों को मिलेगा बंपर फायदा

ज्‍योतिषशास्‍त्र में ग्रहों के राशि और नक्षत्र परिवर्तन का बहुत महत्‍व है। जब कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है या नक्षत्र परिवर्तन करता है, तो इसका मानव जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव देखने को मिलता है।

19 जून को मंगल भरण नक्षत्र में प्रवेश कर चुके हैं और साहस एवं पराक्रम के कारक मंगल पहले से ही अपनी मूल त्रिकोण राशि मेष में विराजमान हैं। भरणी नक्षत्र के स्‍वामी ग्रह शुक्र हैं। मंगल ग्रह के नक्षत्र परिवर्तन करने पर आपको शुक्र ग्रह से भी लाभ प्राप्‍त होगा।

ज्‍योतिष की मानें तो मंगल के नक्षत्र परिवर्तन करने पर सभी राशियों के जीवन में बदलाव आने की उम्‍मीद है लेकिन कुछ राशियां ऐसी हैं जिन्‍हें इस समय सुख-संपत्ति प्राप्‍त होगी और जीवन में सफलता मिलेगी। इस ब्‍लॉग में आगे उन्‍हीं राशियों के बारे में बताया गया है जिन्‍हें मंगल के नक्षत्र परिवर्तन करने पर सबसे अधिक लाभ मिलने की संभावना है।

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इन राशियों को होगा फायदा

मेष राशि

जब मंगल भरणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, तब मेष राशि के लोगों को अपने कार्यक्षेत्र में खूब तरक्‍की मिलेगी। व्‍यापारियों के लिए भी मुनाफे के योग बन रहे हैं। आपके नए लोगों से संपर्क बनेंगे। आपके व्‍यक्‍तित्‍व में भी निखार आएगा। जो छात्र विदेश जाकर पढ़ाई करने की सोच रहे हैं, अब उनका सपना पूरा हो सकता है।

यदि आपको कोई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या है, तो अब आपको उससे छुटकारा मिल सकता है। आपकी सेहत में सुधार आने के संकेत हैं। आप मानसिक रूप से भी स्‍वस्‍थ रहेंगे। पारिवारिक समस्‍या अब दूर होती नज़र आएगी। परिवार के सदस्‍यों के बीच प्रेम बढ़ेगा।

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वृषभ राशि

मंगल के भरणी नक्षत्र में आते ही वृषभ राशि के लोगों के अच्‍छे दिन शुरू हो जाएंगे। आपकी आमदनी के स्रोत बढ़ेंगे और आपके लिए धन लाभ के योग भी बन रहे हैं। आपका अटका हुआ पैसा वापिस मिल सकता है। नौकरीपेशा लोगों को अपने उच्‍च अधिकारियों का सहयोग मिलेगा। आपके लिए करियर में उन्‍नति के योग बन रहे हैं।

नौकरी की तलाश कर रहे जातकों के लिए भी अच्‍छा समय है। वैवाहिक जीवन में पति-पत्‍नी के बीच प्‍यार बढ़ेगा। आप दोनों के बीच आपसी तालमेल बहुत अच्‍छा रहने वाला है। आप दोनों एक-दूसरे को अच्‍छे से समझ पाएंगे।

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तुला राशि

जिन लोगों की तुला राशि है, उन्‍हें भी मंगल के भरणी नक्षत्र में आने पर फायदा होने वाला है। आपकी जीवनशैली में सुधार आएगा। आप खूब धन कमाएंगे और पैसों की बचत करने में भी सफल होंगे। आप अपने लिए कोई प्रॉपर्टी भी खरीद सकते हैं।

समाज में आपका मान-सम्‍मान और प्रतिष्‍ठा बढ़ेगी। आपको किसी सरकारी योजना से भी लाभ मिल सकता है। आय बढ़ने के आसार हैं। आपको अपने कार्यक्षेत्र में सफलता हासिल होगी। आपकी धार्मिक कार्यों और समाजसेवा में रुचि बढ़ेगी।

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वृश्चिक राशि

मंगल का भरणी नक्षत्र में आना वृश्चिक राशि के लोगों के लिए फायदेमंद सिद्ध होगा। व्‍यापारियों के लिए सफलता के योग बन रहे हैं। आप आर्थिक रूप से संपन्‍न रहेंगे। इस समय आपको करियर में शानदार अवसर मिलने की संभावना है। आप नौकरी बदलने के बारे में सोच सकते हैं। माता-पिता के साथ आपके संबंध बेहतर होंगे और आप अपने परिवार को लेकर अपनी जिम्‍मेदारियों को पूरा कर पाएंगे।

जीवन में कोई समस्‍या चल रही है, तो अब उसका भी अंत होगा। अविवाहित जातकों के लिए शादी का प्रस्‍ताव आ सकता है।

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ज्‍योतिष में मंगल ग्रह का महत्‍व

वैदिक ज्‍योतिष में मंगल ग्रह को योद्धा और एक गतिशील ग्रह बताया गया है। यह साहस और पराक्रम के भी कारक हैं। मंगल के लिए मेष उनकी मूल त्रिकोण राशि है। राशि चक्र में मंगल को पहले और आठवें भाव का आधिपत्‍य मिला हुआ है। मंगल जातकों को अधिकार और पद के मामले में बहुत लाभ देते हैं। पद-प्रतिष्ठा और अधिकार के संबंध में मंगल देव बहुत लाभकारी सिद्ध होते हैं। 

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. भरणी नक्षत्र में पैदा हुए बच्‍चे कैसे होते हैं?

उत्तर. इनकी धार्मिक कार्यों में रुचि होती है।

प्रश्‍न. भरणी नक्षत्र के देवता कौन हैं?

उत्तर. इस नक्षत्र के देवता यम हैं।

प्रश्‍न. भरणी नक्षत्र में जन्‍मे लोगों के लिए शुभ दिशा कौन सी है?

उत्तर. इनके लिए पूर्व सबसे अच्‍छी दिशा है।

प्रश्‍न. भरणी नक्षत्र का स्‍वामी ग्रह कौन है?

उत्तर. इस नक्षत्र का स्‍वामी ग्रह शुक्र देव हैं।

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जुलाई में इस दिन से शुरू हो रहा है सावन का महीना, जानें कैसे करनी चाहिए शिवलिंग की पूजा

हिंदू धर्म में सावन के महीने को बहुत ही ज्‍यादा शुभ और पवित्र माना जाता है। इस मास में विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है। मान्‍यता है कि सावन मास में सृष्टि की बागडोर भोलेनाथ के हाथ में होती है। हर साल सावन माह में कांवड़ यात्रा भी निकाली जाती है। इस ब्‍लॉग में हम आपको बता रहे हैं कि साल 2024 में सावन माह या श्रावण मास कब से शुरू हो रहा है।

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कब है श्रावण माह 2024

वर्ष 2024 में श्रावण यानी सावन माह 22 जुलाई से आरंभ हो रहा है। इस दिन सावन का पहला सोमवार भी है। सावन के पहले सोमवार को प्रीति योग बन रहा है। 21 जुलाई को रात्रि 09 बजकर 10 मिनट पर प्रीति योग आरंभ होगा और अगले दिन 22 जुलाई को शाम 05 बजकर 57 मिनट पर इसका समापन होगा।

यह कुल 27 योगों में से दूसरा योग है। इस योग वाले जातक जीवंत, जिज्ञासु और रोमांचक होते हैं। इन्‍हें सुंदरता से बहुत प्‍यार होता है। ये चतुर होते हैं और सफलता प्राप्‍त करने का गुर इन्‍हें पता होता है।

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सावन 2024 में सोमवार की तिथियां

22 जुलाई को पहला सोमवार पड़ रहा है और इसके बाद 29 जुलाई, 05 अगस्‍त, 12 अगस्‍त और 19 अगस्‍त को सावन का सोमवार है। 19 अगस्‍त को ही श्रावण मास का समापन हो जाएगा। इस बार सावन की शुरुआत भी सोमवार से हो रही है और इसकी समाप्ति भी सोमवार से ही हो रही है। इस बार श्रावण मास में पांच सोमवार पड़ रहे हैं।

सावन में मंगला गौरी का व्रत

सावन मास में पहला मंगला गौरी का व्रत 23 जुलाई को है और इसके बाद फिर 30 जुलाई, 06 अगस्‍त और फिर 13 अगस्‍त को मंगला गौरी का व्रत है। वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार सावन मास के हर मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत किया जाता है। ऐसी मान्‍यता है कि भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने जो व्रत रखे थे, उनमें से एक मंगला गौरी व्रत भी था। सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए इस व्रत को रखती हैं।

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सावन शिवरात्रि 2024

सावन माह में आने वाली शिवरात्रि का बहुत ज्‍यादा महत्‍व होता है। हर महीने कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। 02 अगस्‍त शुक्रवार को सावन की शिवरात्रि पड़ रही है। 02 अगस्‍त को दोपहर 03 बजकर 29 मिनट से चतुर्दशी तिथि आरंभ होगी और इसका समापन अगले दिन दोपहर 03 बजकर 53 मिनट पर होगा। शिवरात्रि की पूजा निशिता काल में की जाती है इसलिए 02 अगस्‍त को सावन शिवरात्रि मनाई जाएगी।

सावन माह का क्‍या महत्‍व है

ज्‍योतिष और धार्मिक दृष्टि से सावन मास का बहुत महत्‍व है और यह बहुत फलदायी भी है। सावन महीने में पड़ने वाले सोमवार बहुत शुभ माने जाते हैं। सावन के सोमवार में व्रत रखने से परिवार में खुशियां आती हैं और जीवन की सभी समस्‍याएं एवं अड़चनें दूर होती हैं।

व्‍यक्‍ति के जीवन में सुख-संपन्‍नता आती है और उसकी आर्थिक स्थिति बेहतर होती है। मान्‍यता है कि सावन के सोमवार का व्रत रखने से जन्‍मकुंडली में चंद्रमा की स्थिति मज़बूत होती है।

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सावन सोमवार व्रत रखने की पूजन विधि

  • सोमवार के दिन सुबह उठकर स्‍नान कर लें। इसके बाद अपने घर का पूजन स्‍थल साफ करें और उसे फूलों से सजाएं।
  • अब आप भगवान शिव को दूध, दही, घी, शहद और चीनी से बना पंचामृत अर्पित करें।
  • इसके बाद फूल, फल और बेल के पत्ते चढ़ाएं।
  • भगवान शिव की उपासना करें और उनसे अपनी मनोकामना की पूर्ति हेतु प्रार्थना करें।
  • शिव जी को दूध, धतूरा के फल, बेलपत्र, चंदन, दही, शहद, घी और चीनी चढ़ाएं। आप इस दिन महामृत्‍युंजय मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।

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सावन के व्रत में क्‍या करें और क्‍या न करें

सावन के व्रत में व्रती को कुछ नियमों का पालन करना होता है, जैसे कि

  • सुबह जल्‍दी उठकर स्‍नान करें। इसके बाद साफ और धुले हुए वस्‍त्र ही पहनने चाहिए।
  • पूरा दिन भगवान शिव का नाम लें और उनके मंत्रों का जाप करें।
  • गरीब और ज़रूरतमंद लोगों को वस्‍त्र और भोजन दान में दें।
  • मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन न करें।
  • व्रत के दिन लहसुन और प्‍याज़ खाने से बचें।

सावन मास में क्‍या किया जाता है?

सावन शिवरात्रि या सोमवार के दिन सुबह जल्‍दी उठें और स्‍नान करने के बाद भगवान शिव की मूर्ति की पूजा करें। शिवलिंग का जलाभिषेक करें और व्रत रखें। इस पूरे दिन मंत्र और प्रार्थना करें।

सावन शिवरात्रि या सोमवार के व्रत में फल खा सकते हैं और नमक वाली चीज़ों का सेवन करने से परहेज़ किया जाता है। पूरा दिन भगवान की उपासना करें और किसी को भी अपशब्‍द न कहें।

व्रत खोलते समय आप कुट्टू के आटे की पूरी, फल की चाट, उबले हुए आलू, साबूदाना की खीर और योगर्ट या दही आदि खा सकते हैं।

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सावन के महीने में नहीं कटवाने चाहिए बाल

श्रावण मास को उन्‍नति और प्रगति का प्रतीक माना जाता है। इस समय दक्षिण-पश्चिम मानसून किसानों के लिए खुशी की लहर लेकर आता है। मानसून होने की वजह से इस समय फसलों का भी अच्‍छे से विकास हो पाता है। चूंकि, भारत एक कृषि प्रधान देश है इसलिए यहां पर मानसून और बारिश को बहुत महत्‍व दिया जाता है।

श्रावण मास विकास से जुड़ा है इसलिए इसे लेकर माना जाता है कि जो भी चीज़ प्राकृतकि रूप से और किसी प्रयास के बिना उगती है, उसे काटना नहीं चाहिए। बाल हों या नाखून, सावन के महीने में इन्‍हें काटना वर्जित होता है।

सावन में प्‍याज़ और लहसुन क्‍यों नहीं खाते हैं

श्रावण मास में प्‍याज़ और लहसुन न खाने के पीछे लोगों की धार्मिक मान्‍यता है लेकिन इसका एक व्‍यवहारिक कारण भी है। लहसुन और प्‍याज़ परतों वाली सब्‍जी हैं और ये मिट्टी के अंदर उगती हैं। बारिश की वजह से मिट्टी के ऊपर कीचड़ इकट्ठी हो जाती है और वहां पर उगने वाली प्‍याज़ एवं लहसुन में बैक्‍टीरिया पनपने लगता है।

कहा जाता है कि बैक्‍टीरिया प्‍याज़ और लहसुन की सभी परतों में घुस जाता है इसलिए सावन के महीने में इन दोनों चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए।

सावन के महीने में क्‍यों नहीं करना चाहिए मास का सेवन

भगवान शिव को पशुपतिनाथ के नाम से भी जाता है। पशुपतिनाथ का अर्थ है सभी जानवरों और जीव-जंतुओं के स्‍वामी। ऋषियों और तपस्वियों का कहना है कि भगवान शिव की पशुपतिनाथ के रूप में पूजा होती है इसलिए उन प्राणियों और जीवों का सेवन नहीं करना चाहिए, जो उन्‍हें प्रिय हैं और सावन मास में इस बात का विशेष ध्‍यान रखना चाहिए।

अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. 2024 में सावन कब शुरू हैं?

उत्तर. सावन मास 22 जुलाई से आरंभ हो रहा है।

प्रश्‍न. सावन शिवरात्रि कब है?

उत्तर. सावन में शिवरात्रि 02 अगस्‍त को है।

प्रश्‍न. सावन में किसकी पूजा की जाती है?

उत्तर. सावन मास में भगवान शिव की उपासना होती है।

प्रश्‍न. हिंदू कैलेंडर में 2024 कौन सा वर्ष है?

उत्तर. यह विक्रम संवत 2081 है।

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शनि चलेंगे वक्री चाल, किसी की सेहत होगी बेहतर, तो किसी का इलाज पर होगा खर्चा

मनुष्‍य के जीवन में शनि ग्रह का बहुत महत्‍व है। हमारे जीवन के लगभग हर पहलू पर शनि देव का प्रभाव देखने को मिलता है। जब भी शनि वक्री या मार्गी होते हैं, तो इससे सभी लोगों के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। इस बार जून के माह में शनि का वक्री होना भी लोगों के जीवन को प्रभावित करेगा।

अब 29 जून को शनि ग्रह रात्रि को 11 बजकर 40 मिनट पर कुंभ राशि में वक्री अवस्‍था में आएंगे। शनि के वक्री होने पर सभी राशियों के स्‍वास्‍थ्‍य पर इसका असर पड़ेगा। इस ब्‍लॉग में हम आपको बता रहे हैं कि शनि के वक्री होने पर किन राशियों के लोगों की सेहत में गिरावट आने की आशंका है और किन राशियों की सेहत में सुधार आ सकता है।

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इन राशियों का स्‍वास्‍थ्‍य रहेगा अच्‍छा

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए शनि दसवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब वह आपके ग्यारहवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं। इस समय आपका स्‍वास्‍थ्‍य अच्‍छा रहने वाला है। आप उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य का आनंद लेंगे। हालांकि, आपको सर्दी-खांसी हो सकती है।

मेष साप्ताहिक राशिफल

इन राशियों की सेहत में आएगी गिरावट

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए शनि आपके ग्यारहवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। इस समय शनि आपके बारहवें भाव में वक्री हो रहे हैं। सेहत की बात करें, तो शनि के कारण आपको इस समय पैरों में दर्द और अकड़न की शिकायत हो सकती है।

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मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए शनि देव राशि स्वामी होने के साथ-साथ लग्न भाव और दूसरे भाव के स्वामी भी हैं। अब यह आपके दूसरे भाव में वक्री हो रहे हैं। इस दौरान आपकी आंखों में जलन की परेशानी हो सकती है। इसके अलावा आपको आंखों से संबंधित कोई परेशानी होने की भी आशंका है।

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कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए शनि आपके पहले और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब शनि आपके पहले भाव में वक्री हो रहे हैं। आपको इस समय अपनी सेहत पर ध्‍यान देने की ज़रूरत है। कुंभ राशि के लोगों को पाचन से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं।

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धनु राशि

धनु राशि के लोगों के लिए शनि देव दूसरे और तीसरे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके तीसरे भाव में वक्री हो रहे हैं। शनि के वक्री होने से आपको सर्दी-खांसी हो सकती है। इसकी वजह आपकी कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता हो सकती है।

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वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के लिए शनि ग्रह आपके तीसरे भाव और चौथे भाव के स्वामी हैं। अब शनि आपके चौथे भाव में वक्री होने जा रहे हैं। आपको वाहन चलाते समय विशेष सावधानी बरतने की ज़रूरत है। आपके साथ कोई दुर्घटना हो सकती है। इसकी वजह से आपके पैरों में सूजन भी आ सकती है।

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मिथुन राशि 

मिथुन राशि वालों के लिए शनि आठवें और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब शनि आपके नौवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं। मिथुन राशि के लोगों को पैरों में दर्द की शिकायत हो सकती है।

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए शनि देव आपके सातवें और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके आठवें भाव में वक्री हो रहे हैं। इस दौरान आपको पैरों में दर्द की शिकायत हो सकती है। आपकी इम्‍युनिटी पॉवर कमज़ोर होने की वजह से ऐसा हो सकता है।

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कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए शनि पांचवें भाव और छठे भाव के स्वामी हैं। अब शनि कुंभ राशि में आपके छठे भाव में वक्री हो रहे हैं। इस समय आपको अपनी सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए दवाइयां लेनी पड़ सकती हैं। आपको स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में सावधान रहने की सलाह दी जाती है।

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तुला राशि

तुला राशि के लिए शनि देव आपके चौथे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। अब शनि आपके पांचवें भाव में ही वक्री हो रहे हैं। आपको अपने बच्‍चों की सेहत पर बहुत खर्चा करना पड़ सकता है। इस वजह से आप थोड़ा परेशान रहने वाले हैं।

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सिंह राशि

सिंह राशि के लिए शनि महाराज छठे और सातवें भाव के स्वामी हैं। वर्तमान समय में अब यह आपके सातवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं। स्‍वास्‍थ्‍य की बात करें, तो अभी आपको घुटनों में दर्द की शिकायत हो सकती है।

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वृषभ राशि 

वृषभ राशि के लोगों की कुंडली में शनि ग्रह नौवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके दसवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं। इस दौरान वृषभ राशि के लोगों को आंखों में जलन और इंफेक्‍शन होने की आशंका है। आपको अपनी आंखों का ख्‍याल रखने की सलाह दी जाती है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्‍न. शनि कुंभ राशि में कब तक वक्री रहेंगे?

उत्तर. 15 नवंबर 2024 तक शनि कुंभ राशि में वक्री रहेंगे।

प्रश्‍न. शनि के वक्री होने पर क्‍या होता है?

उत्तर. वक्री होने पर शनि उल्‍टे चलते हुए प्रतीत होते हैं।

प्रश्‍न. शनि के वक्री होने पर क्‍या करें?

उत्तर. इस समय हनुमान जी की पूजा करना फलदायी रहता है।

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बुध का कर्क राशि में गोचर: देश-दुनिया समेत राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव!

एस्ट्रोसेज का यह खास ब्लॉग “बुध का कर्क राशि में गोचर” विशेष रूप से आपके लिए तैयार किया गया है जिसके माध्यम से आपको बुध गोचर के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी जैसे तिथि, समय आदि। हम सभी जानते हैं कि ज्योतिष की दुनिया में बुध ग्रह को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है क्योंकि इन्हें बुद्धि, व्यापार, संचार और तर्क आदि के कारक ग्रह माना जाता है। ऐसे में, बुध का कर्क राशि में गोचर मनुष्य जीवन के साथ-साथ देश-दुनिया में बड़े परिवर्तन लेकर आ सकता है और शेयर बाजार पर भी इसका प्रभाव दिखाई दे सकता है। बुध का यह गोचर कैसे करेगा देश-दुनिया को प्रभावित? आइए जानते हैं इस लेख के माध्यम से।    

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

ज्योतिष में बुध ग्रह को अहम स्थान प्राप्त है जो संचार कौशल, वाणी और सोच-विचार करने की क्षमता को प्रभावित करते हैं। इन्हें मिथुन और कन्या राशि के स्वामी भी माना जाता है। सामान्य शब्दों में कहें, तो बुध दर्शाता है कि कोई मनुष्य अपनी बातचीत, लिखने और संचार के अन्य माध्यमों का इस्तेमाल करके विचारों को कैसे व्यक्त करता है। साथ ही, विभिन्न माध्यमों से मिलने वाली जानकारी के बारे में क्या सोचता है या उसका उपयोग कैसे करता है। इस ग्रह का संबंध बुद्धि, तर्क और मानसिक मज़बूती से है। जन्म कुंडली में बुध की स्थिति की सहायता से किसी व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता, सीखने, ताकत और जीवन में आने वाली समस्याओं को सुलझाने की क्षमताओं का पता किया जा सकता है। 

बुध का कर्क राशि में गोचर: तिथि एवं समय

बुध महाराज और चंद्र देव एक-दूसरे के प्रति शत्रुता का भाव रखते हैं। ऐसे में, अब बुध देव चंद्र की राशि कर्क में 29 जून 2024 की दोपहर 12 बजकर 13 मिनट पर गोचर करने जा रहे हैं। आपको बता दें कि कर्क राशि में बुध ज्यादा अच्छे परिणाम देने में असफल रह सकते हैं, लेकिन इस राशि में बुध की स्थिति को न ज्यादा अच्छा और न ही बुरा कहा जा सकता है। बुध देव कर्क राशि में 19 जुलाई 2024 तक रहेंगे और इसके बाद यह सूर्य की राशि सिंह में प्रवेश कर जाएंगे। चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि यह गोचर राशियों समेत देश-दुनिया को किस तरह प्रभावित करेगा।      

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बुध कर्क राशि में: विशेषताएं 

बुध की कर्क राशि में उपस्थिति किसी व्यक्ति के जीवन में करुणा, संचार में गहराई, बुद्धिमता और भावुकता लेकर आती है। ऐसे लोग निजी जीवन में दूसरों के साथ आसानी से जुड़ जाते हैं। हालांकि, वह शुरुआत में आपको थोड़े शर्मीले स्वभाव के लग सकते हैं, लेकिन एक बार जब वह कम्फर्टेबले हो जाते हैं, तो वह अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं और इनका संचार कौशल भी शानदार होता है। यह जातक अपनी इंट्यूइशन पावर का उपयोग करके जीवन की भिन्न-भिन्न समस्याओं से बाहर निकलने में सक्षम होते हैं। हालांकि, कभी-कभी इन्हें अपने विचारों और भावनाओं को दूसरों के सामने रखने में परेशनी का अनुभव होता है। सरल शब्दों में कहें, तो इन्हें सीधी-स्पष्ट बात करने के बजाय घुमा-फिराकर बात करना पसंद होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन्हें किसी तरह के विवाद या फिर किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का डर होता है।  

जिन जातकों का जन्म कर्क राशि में बुध के अंतर्गत होता है, उनकी याददाश्त काफ़ी अच्छी होती है, विशेष रूप से अतीत में हुई ऐसी घटनाओं के लिए जो भावनात्मक रूप से महत्व रखती हों। यह जातक पुरानी यादों को याद करके ख़ुश रह सकते हैं और कभी-कभी यह इन पलों का इस्तेमाल सामने वाले से बात करने के लिए कर सकते हैं। अगर हम बात करें जीवन का कोई महत्वपूर्ण और बड़ा फैसला लेने की, तो इसके लिए यह अपनी अंतर्ज्ञान क्षमताओं पर विश्वास करते हैं। ऐसे में, यह भविष्य का कुछ-कुछ सही अंदाज़ा लगाने में सक्षम होते हैं और इनके इसी गुण की वजह से यह किसी घटना या परिस्थिति के पीछे की भावनाओं और प्रेरणा को समझ सकते हैं। 

कुंडली में राजयोग कबसे? राजयोग रिपोर्ट से जानें जवाब

बुध का कर्क राशि में गोचर: इन राशियों को रहना होगा बेहद सावधान

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। हालांकि, इस अवधि को आपके आर्थिक जीवन के लिए अनुकूल नहीं कहा जा सकता है और ऐसे में, परिवार एवं अन्य जिम्मेदारियों की वजह से आप बोझिल महसूस कर सकते हैं। इस अवधि में जातक अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने में समस्या का अनुभव कर सकते हैं जिसके चलते आपके प्रदर्शन में गिरावट आ सकती है। 

बुध का कर्क राशि में गोचर के दौरान काम में की गई मेहनत के लिए आपको सराहना न मिलने की आशंका है और यह बात आपके लिए चिंता का कारण बन सकती है। जो जातक व्यापार कर रहे हैं, उन्हें इस अवधि में अच्छा लाभ न मिलने की संभावना है। साथ ही, आपको व्यापार चलाने में भी में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप, आपके मुनाफे में कमी आ सकती है। बुध गोचर के दौरान आपको प्रतिद्वंदियों से काफ़ी टक्कर मिल सकती है जिसकी वजह से आपको परिस्थितियों को संभालना मुश्किल लग सकता है।

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए बुध देव आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। अब  यह आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सामान्य तौर पर, बुध की यह स्थिति वृषभ राशि के जातकों के करियर और आर्थिक जीवन के लिए प्रगति और सफलता के अनेक अवसर लेकर आएगी। बुध का यह गोचर आपको विभिन्न मार्गों से धन कमाने के अवसर प्रदान करेगा। साथ ही, आपकी आर्थिक स्थिति को मज़बूत बनाएगा और ऐसे में, आप परिवार की सुख-सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

करियर के लिहाज़ से, बुध गोचर के दौरान वृषभ राशि के जातकों को ज्यादा लाभ या नौकरी के नए अवसर न मिलने का अनुमान है। इस समय आपका स्थानांतरण हो सकता है या फिर आपको विदेश जाने का मौका मिल सकता है जो कि आपके लिए फलदायी साबित होगा। लेकिन, आपको यात्रा के दौरान समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें थोड़ा सा लाभ कमाने के लिए भी मशक्क्त करनी पड़ सकती है। प्रतिद्वंद्वियों से आगे निकलने के लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होगी।

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज आपके लग्न और चौथे भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, इस राशि के जातकों की सुख-सुविधाओं में कमी आ सकती है और साथ ही, इन लोगों को मिलने वाले लाभ में भी देरी हो सकती है। बुध गोचर के दौरान आपको घर-परिवार में सदस्यों के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, किसी गलतफ़हमी की वजह से आपका सदस्यों के साथ वाद-विवाद हो सकता है जिसके चलते घर का वातावरण अशांत रह सकता है। 

करियर की बात करें, तो आपके पेशेवर जीवन के लिए बुध का कर्क राशि में गोचर अनुकूल न रहने की आशंका है। इस अवधि में अधिक काम होने की वजह से आप थोड़े व्यस्त रह सकते हैं और ऐसे में, आप कभी-कभी काम पूरा करने में असमर्थ भी रह सकते हैं। हालांकि, विदेश में काम करने वाले जातकों के लिए बुध का कर्क राशि में गोचर फलदायी साबित होगा। वहीं, कुछ लोगों का ट्रांसफर अचानक से विदेश में हो सकता है। व्यापार की बात करें, तो इस राशि के जो जातक व्यापार करते हैं, उन्हें अच्छा लाभ कमाने के लिए काफ़ी मेहनत करनी पड़ सकती है। वहीं, जिन का व्यापार पार्टनरशिप में हैं, उन्हें पार्टनर के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और ऐसी समस्याओं की वजह आपसी विवाद हो सकती हैं जिसके चलते बिज़नेस में गिरावट देखने को मिल सकती है। 

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सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके बारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, आपको प्रगति की राह में समस्याओं और देरी का सामना करना पड़ सकता है। इस राशि के जो जातक विदेश में कार्यरत हैं, वह इस दौरान अच्छी कमाई करने के साथ-साथ बचत करने में भी सक्षम होंगे। इन लोगों के सामने ऐसी परिस्थितियां आ सकती हैं जहां आपको आय और व्यय के बीच संतुलन बनाना पड़ें। बुध गोचर के दौरान आपको परिवार में भी समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता हैं।

करियर के लिए इस अवधि को अनुकूल नहीं कहा जा सकता है क्योंकि सिंह राशि के जातकों को परेशानी महसूस हो सकती है जिसकी वजह आप पर काम का अधिक दबाव होने की आशंका है। ऐसे में, आपको इससे बाहर आने का तरीका ढूंढ़ना होगा। बुध गोचर के दौरान आपको सहकर्मियों के साथ भी समस्याओं का अनुभव हो सकता है जिसके चलते आपकी एकाग्रता क्षमता कमज़ोर हो सकती है। इन परिस्थितियों का सीधा असर नौकरी में आपके प्रदर्शन पर दिखाई दे सकता हैं और ऐसे में, आपको मिलने वाली पदोन्नति में देरी होने की संभावना है। जिन जातकों का अपना व्यापार हैं, उन्हें जीत पाने के लिए अपनी योजनाओं में बदलाव करना होगा और ऐसा करना आपके लिए बहुत जरूरी होगा। साथ ही, इन लोगों को व्यापार की कमान अपने हाथों में लेनी होगी, तभी भी अच्छा लाभ प्राप्त कर सके।

धनु राशि

धनु राशि की कुंडली में बुध महाराज आपके सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सातवें भाव के स्वामी की आठवें भाव में मौजूदगी आपके बिज़नेस पार्टनर के साथ समस्याओं की वजह बन सकती हैं इसलिए इस समय को आपके व्यापार के लिए ज्यादा अनुकूल नहीं रह सकता है क्योंकि आपको होने वाला लाभ कम रह सकता है। इसी प्रकार, यह अवधि नौकरीपेशा जातकों के लिए भी कठिन रह सकती है और आपको नौकरी छूटने या नौकरी में बदलवा जैसी बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 

करियर की बात करें तो, बुध का गोचर आपके लिए ज्यादा ख़ास नहीं रहने का संकेत दे रहा है क्योंकि इस अवधि में आपके ऊपर दबाव बढ़ सकता है जिसको संभालना आपके लिए मुश्किल होगा। संभव है कि इस समय काम में कड़ी मेहनत करने के बाद भी आपको सराहना न मिले जो आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है। 

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बुध का कर्क राशि में गोचर: इन राशियों का होगा अच्छा समय शुरू 

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए बुध देव आपके लग्न और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब यह गोचर करके आपके ग्यारहवें भाव में जा रहे हैं। ऐसे में, यह जातक नौकरी के क्षेत्र में अपनी चमक बिखरने में सक्षम होंगे जिसके चलते आप संतुष्ट रहेंगे और अपनी इच्छाओं को पूरा करते हुए दिखाई देंगे। 

करियर की दृष्टि से, बुध का कर्क राशि में गोचर आपके लिए उत्तम रहेगा। इन लोगों को नौकरी के सुनहरे अवसर प्राप्त होंगे, विशेष रूप से विदेश में नौकरी के। इस अवधि में आपको कार्यथल में सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा और साथ ही, वरिष्ठों से सराहना की भी प्राप्ति होगी। इसके फलस्वरूप, आपके वेतन में वृद्धि होने की प्रबल संभावना है जिससे आप प्रसन्न नज़र आएंगे। इस राशि के व्यापार करने वाले जातकों को काफ़ी मुनाफा होने के योग बनेंगे। साथ ही, आपको बिज़नेस का विस्तार करने के भी अवसर मिलेंगे। इसके विपरीत, जो लोग सट्टेबाजी या ट्रेडिंग से जुड़ें हैं, वह बुध गोचर के दौरान अच्छा लाभ अर्जित करने में सक्षम होंगे।

मकर राशि

मकर राशि वालों लिए बुध देव आपके छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, बुध का कर्क राशि में गोचर की अवधि में आपका झुकाव आध्यात्मिकता के प्रति हो सकता है। इन जातकों द्वारा की गई लंबी दूरी की यात्रा फायदेमंद साबित होगी। बुध का यह गोचर उन लोगों के लिए लाभदायी रहेगा जो पार्टनरशिप में व्यापार करते हैं।

करियर की बात करें, तो कर्क राशि के जातकों की प्रगति की रफ़्तार तेज रहेगी और आपको विदेश में नौकरी करने के भी अवसर मिल सकते हैं जो कि आपके लिए फलदायी रहने की संभावना है। बुध गोचर की अवधि में काम में की गई मेहनत का फल आपको प्रमोशन के रूप में मिलने के योग बनेंगे। साथ ही, आपको अचानक से इंसेंटिव भी मिल सकता है। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उनके लिए यह समय प्रगति और विकास लेकर आएगा और ऐसे में, आप पर्याप्त मात्रा में लाभ कमाने में सक्षम होंगे। इस अवधि में कर्क राशि के जातक हर क्षेत्र में कामयाबी प्राप्त करेंगे और यह आपके द्वारा अपनाए नई योजनाओं की वजह से हो सकता है। यह लोग अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में भी सक्षम होंगे। 

बुध का कर्क राशि में गोचर: अचूक एवं प्रभावी उपाय

  • विघ्नहर्ता गणेश की उपासना करें और उन्हें दूर्वा घास के साथ-साथ देशी घी से बने लड्डू का भोग प्रसाद रूप में लगाएं। 
  • बुध ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
  • परिवार की स्त्रियों को कपड़े और हरे रंग की चूड़ियां उपहार में दें। 
  • किन्नरों का आशीर्वाद लें। 
  • रोज़ाना गाय को हरा चारा खिलाएं। 
  • पक्षियों को भीगे हुए हरे चने खिलाएं। 

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बुध का कर्क राशि में गोचर: विश्व पर प्रभाव

सरकार और राजनीति

  • देश के अविकसित क्षेत्रों की सरकार विभिन्न योजनाओं और सुधारों के माध्यम से सहायता करती हुई नज़र आएगी।
  • देश के बड़े राजनेता और उच्च पदों पर आसीन लोग जिम्मेदारी से भरे बयान देंगे। साथ ही, यह लोगों से जुड़ने और उनकी बात सुनते हुए दिखाई दे सकते हैं।
  • भावनात्मक स्तर पर सरकार जनता से जुड़ने का प्रयास करेगी। लेकिन, कुछ  नेता इनकी भावनाओं का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर सकते हैं। 

अध्यात्म, शिक्षा, काउंसलिंग और मेडिकल

  • बुध का कर्क राशि में गोचर धार्मिक गुरुओं, ज्योतिषी, काउंसलर आदि को जनता तक पहुँचने में सक्षम बनाएगा। 
  • यह गोचर मेडिकल के क्षेत्र में प्रगति की रफ़्तार को तेज़ करेगा। 
  • बुध गोचर के दौरान शेयर बाजार और सट्टा बाजार में अस्थिरता बनी रहने की आशंका है।
  • पब्लिक सेक्टर में काम करने वाले जातकों को विभिन्न स्रोतों से लाभ की प्राप्ति होगी। 

बुध का कर्क राशि में गोचर: शेयर बाज़ार भविष्यवाणी 

बुध को व्यापार का कारक ग्रह माना जाता है और ऐसे में, इनका यह गोचर निश्चित रूप से शेयर बाज़ार को प्रभावित करेगा। हालांकि, बुध महाराज का प्रत्येक गोचर शेयर मार्केट के साथ-साथ विभिन्न कंपनियों के शेयरों पर भी असर डालता है। इन सब बातों को ध्यान में रखकर एस्ट्रोसेज ने शेयर बाज़ार भविष्यवाणी को विशेष रूप से आपके लिए तैयार किया है। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि बुध का कर्क राशि में गोचर शेयर बाजार को कैसे प्रभावित करेगा। 

  • बुध का कर्क राशि में गोचर फार्मा, आईटी इंडस्ट्री और पब्लिक सेक्टर आदि के लिए मुश्किल दौर लेकर आ सकता है। 
  • बैंकिंग क्षेत्र के लिए चुनौतियों से भरा समय महीने के अंत तक जारी रहने की आशंका है। 
  • हालांकि, रबर, तंबाकू और खाने में इस्तेमाल होने वाला तेल आदि क्षेत्रों के लिए आने वाला समय अच्छा कहा जाएगा। 

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बुध का कर्क राशि में गोचर: आने वाले खेल टूर्नामेंटों पर प्रभाव

बुध गोचर के दौरान कुछ विशेष खेल टूर्नामेंट होंगे जो कि 29 जून से लेकर 19 जुलाई तक चलेंगे। 

टूर्नामेंटतारीख़
विंबलडन 01 जुलाई से 14 जुलाई 2024
साइकिलिंग-टूर डे फ्रांस29 जून से 21 जुलाई 2024

जैसे कि हम जानते हैं कि बुध का कर्क राशि में गोचर हो रहा है और  ऐसे में, यह निश्चित रूप से आने वाले स्पोर्ट्स टूर्नामेंट को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है क्योंकि बुध अपनी शत्रु राशि में मौजूद होंगे। इसके परिणामस्वरूप, इन टूर्नामेंट्स के परिणाम आश्चर्यजनक और हैरान करने वाले हो सकते हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. क्या कर्क राशि बुध की मित्र राशि है?

उत्तर 1. नहीं, बुध ग्रह के लिए कर्क मित्रवत राशि नहीं है।

प्रश्न 2. क्या चंद्रमा बुध का मित्र है?

उत्तर 2. नहीं, बुध और चंद्र शत्रु ग्रह है।

प्रश्न 3. बुध ग्रह की नीच राशि कौन सी है?

उत्तर 3.  मीन राशि में बुध नीच के होते हैं। 

जून में इस तारीख से लग रहा है आषाढ़ का महीना, कुछ आसान उपायों से बन सकते हैं अमीर

हिंदू धर्म में साल के तीसरे महीने को आषाढ़ माह के नाम से जाना जाता है। यह महीना इसलिए बहुत महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि इसमें कई व्रत और त्‍योहार आते हैं। आध्‍यात्मिक और ज्‍योतिषीय दृष्टि से इस माह का बहुत ज्‍यादा महत्‍व है। इस महीने में भगवान विष्‍णु की विशेष पूजा की जाती है। इसके साथ ही इस महीने में मां दुर्गा के गुप्‍त नवरात्रि भी आते हैं। इस ब्‍लॉग में आगे बताया गया है कि इस साल आषाढ़ महीने की शुरुआत कब हो रही है।

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कब शुरू हो रहा है आषाढ़ माह

वैदिक पंचांग के अनुसार 22 जून को सुबह 06 बजकर 39 मिनट पर आषाढ़ माह के कृष्‍ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन सुबह 05 बजकर 15 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार आषाढ़ महीने की शुरुआत 23 जून को हो रही है। यह महीना 21 जुलाई, 2024 को समाप्‍त होगा। ऐसा माना जाता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग और त्रिपुष्‍कर योग की स्‍थापना इसी दिन हुई थी।

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आषाढ़ माह का क्‍या महत्‍व है

ज्‍योतिष में इस महीने को मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विशेष माना जाता है। इस महीने में धार्मिक तीर्थस्‍थलों की यात्रों करने से पुण्‍य की प्राप्ति होती है। प्राचीन मंदिरों और पौराणिक स्‍थानों का दर्शन करना चाहिए। आाषाढ़ महीने में आने वाली देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्‍णु योग निद्रा में चले जाते हैं और इस समय उनकी पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। वहीं इस महीने में आने वाली गुप्‍त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है।

आषाढ़ माह को लेकर नियम

ऋतु में परिवर्तन आने का प्रभाव हमारे शरीर पर भी पड़ता है। एक ऋतु के खत्‍म होने के बाद दूसरी ऋतु के शुरू होने पर पाचन शक्‍ति में भी बदलाव आता है। इस महीने में बारिश होने की वजह से संक्रमण फैलने का खतरा अधिक रहता है। यही वजह है कि इस दौरान खानपान का विशेष ध्‍यान रखने की सलाह दी जाती है। इस समय बाहर का खाना खाने से बचना चाहिए।

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आषाढ़ महीने में क्‍या करना चाहिए

आषाढ़ महीने में लोगों को कुछ विशेष नियमों का पालन एवं उपाय करने चाहिए।

आप आषाढ़ के महीने में रोज़ सुबह उठकर ‘ॐ नम: शिवाय’ या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र का जाप करें। इसके अलावा ध्‍यान भी कर सकते हैं।

इस माह में सूर्योदय से पहले उठें और स्‍नान करने के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं।

गरीब और ज़रूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करें। उन्‍हें कपड़े और छाता दान में दें।

इस महीने में तीर्थयात्रा करने से भी अधिक पुण्‍य मिलता है। स्‍वास्‍थ्‍य भी अच्‍छा रहता है और मानसिक शांति भी मिलती है।

इस महीने में ही गुरु पूर्णिमा आती है इसलिए इस दौरान अपने गुरु का सम्‍मान करें और उनका आशीर्वाद लें।

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कैसे होते हैं आषाढ़ मास में जन्‍मे लोग

इस महीने में जिन लोगों का जन्‍म होता है, वे मनमौजी और मस्‍त हाेते हैं। ये दूसरों को बहुत आसानी से प्रभावित कर देते हैं। ये लोग बहुत समझदारी और मेहनती होते हैं। इसके साथ ही इन्‍हें दूसरों से अपने काम निकलवाना बखूबी आता है। इन्‍हें अकेले रहना बिल्‍कुल भी अच्‍छा नहीं लगता है।

ये अपने दोस्‍तों के साथ ज्‍यादा खुश रहते हैं। इन्‍हें घूमने-फिरने का भी शौक होता है। ये तीर्थस्‍थल की यात्रा करना भी पसंद करते हैं। इन लोगों को समझ पाना काफी मुश्किल होता है। इनका मूड बहुत ज्‍यादा बदलता रहता है।

ये कोई भी निर्णय जल्‍दबाज़ी में नहीं करते हैं बल्कि बहुत सोच-समझकर फैसला लेते हैं। इनका स्‍वभाव दूसरों के लिए थोड़ा जटिल हो सकता है।

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आषाढ़ माह को कैसे मिला यह नाम

आषाढ़ महीने को यह नाम पूर्वाषाढ़ा अैर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के नाम पर मिला है। आषाढ़ पूर्णिमा पर चंद्रमा इन दो नक्षत्रों के बीच में होता है इसलिए इस मास का नाम आषाढ़ रखा गया है। हिंदू कैलेंडर के हर एक महीने का नाम उस मास में पड़ने वाली पूर्णिमा के नक्षत्र पर रखा गया है।

इन उपायों से मिलेगी सुख-समृद्धि

इस महीने में आप सच्‍चे मन से ईश्‍वर की भक्‍ति करें। ऐसा करने से आपकी मनोकामना जरूर पूरी होगी।

आषाढ़ के मास में भगवान विष्‍णु के साथ जल देवता की पूजा करने से सुख-संपन्‍नता मिलती है। इसके अलावा सूर्य और मंगल देव की उपासना करने से सकारात्‍मक ऊर्जा का एहसास होता है।

इस मास में गुप्‍त नवरात्रि भी आती हैं। इस समय मां दुर्गा की उपासना एवं व्रत करने से व्‍यक्‍ति की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. 2024 में आषाढ़ कब है?

उत्तर. 23 जून से लेकर 21 जुलाई तक है।

प्रश्‍न. हिंदू कैलेंडर में 2024 कौन सा वर्ष है?

उत्तर. यह विक्रम संवत् 2081 है।

प्रश्‍न. आषाढ़ में कौन सी एकादशी आती है?

उत्तर. इस समय देवशयनी एकादशी आती है।

प्रश्‍न. क्‍या आषाढ़ का महीना शुभ होता है?

उत्तर. पूजा-पाठ के लिए यह मास शुभ होता है।

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मिथुन में बन गया है त्रिग्रही योग, तीन लोगों की जिंदगी में होगा चमत्‍कार

ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार एक समय के अंतराल के बाद सभी ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं। ग्रहों के राशि परिवर्तन के दौरान वे किसी एक भाव या राशि में एकसाथ उपस्थित होकर युति का निर्माण करते हैं। ग्रहों की युति से कुछ राजयोग का भी निर्माण होता है।

इस बार जून के महीने में तीन प्रमुख ग्रहों के गोचर करने से त्रिग्रही योग बन रहा है। इस त्रिग्रही योग से कुछ विशेष राशियों के लोगों को लाभ मिलने की संभावना है। इस ब्‍लॉग में उन्‍हीं राशियों के बारे में विस्‍तार से बताया गया है लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि जून में किन तिथियों पर ये गोचर हुए हैं।

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कब हुए हैं गोचर

शुक्र 12 जून 2024 को 18:15 बजे मिथुन राशि में प्रवेश कर चुके हैं। इसके बाद 14 जून 2024 को 22:55 पर बुध मिथुन राशि में गोचर कर चुके हैं। इसके अलावा सूर्य का मिथुन राशि में गोचर 15 जून 2024 00:16 बजे हो चुका है। इस तरह 15 जून से मिथुन राशि में त्रिग्रही योग बन रहा है।

ज्‍योतिष की मानें तो इस त्रिग्रही योग से कुछ राशियों की किस्‍मत चमकने वाली है। इन्‍हें अपार धन मिलेगा और इनकी हर मनोकामना की पूर्ति होगी।

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इन राशियों को मिलेगा भाग्‍य का साथ

मेष राशि

यह त्रिग्रही योग आपकी राशि से तीसरे भाव में बना है। इस समय आपके साहस में वृद्धि होगी और आपका आत्‍मविश्‍वास भी बढ़ेगा। विदेश से काम करने वाले लोगों के लिए मुनाफे के योग बन रहे हैं। आप कोई नया काम भी शुरू कर सकते हैं।

आपके भाई-बहन हर काम में आपका सहयोग करेंगे। नौकरीपेशा जातकों के लिए भी अच्‍छी स्थिति बनी हुई है। आप कोई नया या बड़ा मुकाम हासिल कर सकते हैं। इसके साथ ही आपको प्रमोशन मिलने के भी संकेत हैं। यदि आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो अब आपको इस दिशा में सफलता मिल सकती है।

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मिथुन राशि

मिथुन राशि में ही त्रिग्रही योग बना है। आपने जो भी योजनाएं बनाई हैं, उनके सफल होने की प्रबल संभावना है। समाज में आपको मान-सम्‍मान मिलेगा और आपकी प्रतिष्‍ठा में भी इज़ाफा होगा। यदि आपका कोई कानूनी मसला चल रहा है, तो अब आपको उसका छुटकारा मिल सकता है।

शादीशुदा लोगों की जिंदगी में भी खुशियां आ सकती हैं। व्‍यापारियों के लिए भी मुनाफे और तरक्‍की के योग बन रहे हैं। आप किसी नए व्‍यवसाय में भी निवेश कर सकते हैं। सिंगल लोगों के लिए शादी का प्रस्‍ताव आ सकता है।

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तुला राशि

यह योग आपकी गोचर कुंडली के नौवें भाव में बना है। इस दौरान आपको अपने जीवन के हर क्षेत्र में अनुकूल परिणाम मिलने की संभावना है। आपको अपने भाग्‍य का पूरा साथ मिलेगा। आपको किसी धार्मिक या मांगलिक कार्य में शामिल होने का अवसर भी मिल सकता है।

पेशेवर जीवन में उन्‍नति करने के आपको शानदार मौके मिलेंगे। इन्‍हें पाकर आप काफी प्रसन्‍न और संतुष्‍ट रहेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी और देश-विदेश की यात्रा पर भी निकल सकते हैं। प्रतियोगी परीक्षा के लिए अनुकूल समय है।

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क्‍या होता है त्रिग्रही योग

जब एक ही भाव या राशि में तीन ग्रहों की युति होती है, तब त्रिग्रही योग का निर्माण होता है। वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार यह योग दुर्लभ ही बनता है और इसकी वजह से लोगों के जीवन में सकारात्‍मक परिणाम प्राप्‍त होते हैं। इस बार बुध, शुक्र और सूर्य की युति से त्रिग्रही योग बन रहा है।

सूर्य ग्रह की बात करें, तो सूर्य को उच्च अधिकार प्राप्त गतिशील ग्रह माना जाता है। यह ग्रह सिद्धांतों पर चलना सिखाता है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य मज़बूत होता है, वे जातक ज्यादा उग्र स्वभाव के हो सकते हैं। सूर्य की कृपा से कोई भी व्यक्ति अपने करियर में शीर्ष स्थान पर पहुंच सकता है।

बुध ग्रह की बात करें, तो ये ग्रह सभी आवश्यक संतुष्टि, अच्छे स्वास्थ्य और मजबूत दिमाग प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। बुध व्‍यक्‍ति को अपने व्यवसाय में सही फैसले लेने में मार्गदर्शन कर सकता है। जिन लोगों की कुंडली में बुध मज़बूत होता है, वे शेयर मार्केट और बिज़नेस में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। ये ज्योतिष, रहस्यवाद, गुप्त विद्याओं में ज्यादा माहिर होते हैं।

शुक्र ग्रह मज़बूत हो तो जातक को खुशी और आनंद प्राप्त होता है। जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह मज़बूत होता है, वे आरामदायक जीवन जीते हैं। ये धन कमाने और अपनी सुख सुविधाएं बढ़ाने में सफल होते हैं।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. त्रिग्रही योग क्‍या है?

उत्तर. तीन ग्रहों की युति होने पर त्रिग्रही योग बनता है।

प्रश्‍न. क्‍या त्रिग्रह योग अच्‍छा है?

उत्तर. इससे शुभ परिणाम प्राप्‍त होते हैं।

प्रश्‍न. ज्‍योतिष में सबसे अच्‍छा योग कौन सा?

उत्तर. सबसे शुभ योग राजयोग होता है।

प्रश्‍न. त्रिग्रही योग बनने पर क्‍या होता है?

उत्तर. पद-प्रतिष्‍ठा में वृद्धि होती है।

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कब लग रहा है साल का दूसरा चंद्र ग्रहण, क्‍या भारत में आएगा नज़र?

वैदिक ज्‍योतिष में ग्रहण लगने का बहुत महत्‍व है। सभी ग्रहों में सूर्य और चंद्रमा को ही ग्रहण लगता है और शास्‍त्रों में ग्रहण काल को लेकर कुछ खास नियम बनाए गए हैं। साल 2024 में दो बार चंद्र ग्रहण लगना था जिसमें से एक 25 मार्च को लग चुका है और दूसरा 18 सितंबर को लगेगा।

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कब लग रहा है चंद्र ग्रहण

साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को बुधवार के दिन लगेगा। इसकी शुरुआत सुबह 07 बजकर 43 मिनट पर होगी और यह सुबह 08 बजकर 46 मिनट पर खत्‍म होगा। यह ग्रहण भाद्रपद माह के शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा को लग रहा है।

यह दक्षिण अमेरिका, पश्चिम अफ्रीका और पश्चिम यूरोप में उपछाया चंद्रग्रहण होगा। भारत के अधिकांश हिस्‍सों में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा। उपछाया चरण के शुरुआती चरणों में ही उत्तरी और उत्तरपश्चिमी भारतीय शहरों में चंद्र ग्रहण दिखने वाला है। भारत में इसे सामान्‍य ग्रहण के रूप में नहीं बल्कि आंशिक, उपछाया ग्रहण के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।

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कब लगता है चंद्र ग्रहण

जब पृथ्‍वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है, तब चंद्र ग्रहण लगता है। इस संरेखण की वजह से पृथ्‍वी की छाया चंद्रमा की सतह पर पड़ती है और इससे सूर्य की रोशनी कुछ समय के लिए अवरुद्ध हो जाती है। पृथ्‍वी और चंद्रमा की समकालिक गतिविधियों की वजह से ऐसा होता है। जिस समय पृथ्‍वी, सूर्य और चंद्रमा एक ही रेखा में आते हैं, तब चंद्रमा पृथ्‍वी की छाया में प्रवेश करता है और हमें पृथ्‍वी से ऐसा दिखाई देता है जैसे कि चंद्रमा धुंधला नज़र आ रहा है। इस असामान्‍य घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है।

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सूतक काल कब है

ग्रहण को लेकर सूतक काल भी बहुत महत्‍व रखता है। ग्रहण लगने से लगभग नौ घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। चूंकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दे रहा है या आंशिक ग्रहण है इसिलए भारत में इसका सूतक काल मान्‍य नहीं होगा।

सूतक काल के दौरान मांगलिक या शुभ कार्य करना वर्जित होता है। इस समय मूर्ति पूजा, शादी, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।

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चंद्र ग्रहण 2024 से जुड़ी जरूरी बातें

  • सितंबर, 2024 में लगने वाला ग्रहण आंशिक चंद्र ग्रहण होगा।। यह ग्रहण भाद्रपद महीने में शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा को लग रहा है।
  • भाद्रपद माह में मीन राशि में पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के प्रभाव में होने वाली इस घटना के कारण वैश्विक स्‍तर पर तनाव बढ़ सकता है। दूध और फलों के उत्‍पादन में कमी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा चावल, जौ, सफेद धातु, कपास, तिल, पीतल और सोने के दाम में भी इज़ाफा देखने को मिलेगा।
  • यह आंशिक चंद्र ग्रहण लगने पर तांबा, सोना, मक्‍का, चांदी, बारूद, तेल, बाजरा, चना, ज्‍वार और उड़द की दाल एवं कपास आदि की मांग और दामों में वृद्धि होगी।
  • इस ग्रहण के दौरान महिलाओं की गर्भावस्‍था को लेकर चिंताएं बढ़ सकती हैं। इस दौरान गर्भपात का जोखिम भी अधिक रहेगा। आंखों से जुड़े रोग और पाचन संबंधी विकार होने की भी आशंका है।
  • इस ग्रहण से आर्थिक उन्‍नति हो सकती है। सरकारी संस्‍थानों में भी प्रगति देखने को मिलेगी।

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चंद्र ग्रहण के दौरान करें ज्‍योतिषीय उपाय

ग्रहण से मिलने वाले दुष्‍प्रभावों को कम करने के लिए आप निम्‍न ज्‍योतिषीय उपाय कर सकते हैं:

  • ग्रहण काल के समय आप ईश्‍वर का स्‍मरण करते रहें। मंत्र जाप करें या ईश्‍वर के नाम का जाप करते रहें।
  • ग्रहण के समय चंद्रमा के बीज मंत्र का जाप करना भी फायदेमंद होता है।
  • इस ग्रहण के दौरान राहु और केतु का प्रभाव तेज हो जाता है इसलिए आप ग्रहण के समय इन दोनों ग्रहों के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं। इनसे संबंधित वस्‍तुओं का दान करने से भी लाभ होता है।
  • ग्रहण के समय आप दान करने का मौन संकल्‍प लें और ग्रहण खत्‍म होने के बाद अपने इस संकल्‍प को पूरा करें।
  • यदि किसी व्‍यक्‍ति को कोई गंभीर बीमारी है, तो उसे इस ग्रहण के दौरान भगवान शिव के महामृत्‍युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • इस समय हनुमान जी की उपासना करना भी शुभ रहता है।
  • चंद्र ग्रहण के मोक्ष काल के बाद आप अग्नि के नाम पर काले तिल, सरसों, गेहूं, चीनी, सफेद रंग के वस्‍त्रों और चावल का दान कर सकते हैं। मोक्ष काल के बाद पवित्र नदी में स्‍नान करने का भी बहुत महत्‍व है।
  • ग्रहण समाप्‍त होने के बाद सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को काटने, सिलने या बुनाई आदि का काम नहीं करना चाहिए।
  • ग्रहण के खत्म होने पर पूरे घर को गंगाजल से शुद्ध करें।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. साल का दूसरा चंद्र ग्रहण कब लग रहा है?

उत्तर. 18 सितंबर को चंद्र ग्रहण है।

प्रश्‍न. ग्रहण काल में क्‍या नहीं करना चाहिए?

उत्तर. इस समय शुभ कार्य करने से बचना चाहिए।

प्रश्‍न. सूतक काल क्‍या होता है?

उत्तर. ग्रहण से नौ घंटे पहले का समय सूतक होता है।

प्रश्‍न. ग्रहण के बाद क्‍या करना चाहिए?

उत्तर. ग्रहण के बाद स्‍नान कर लेना चाहिए।

प्रश्‍न. ग्रहण में कैसे सोना चाहिए?

उत्तर. ग्रहण के दौरान सोने से बचना चाहिए।

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जुलाई 2024: इस महीने के व्रत-त्योहार-बैंक अवकाश-ग्रहण-गोचर और सभी 12 राशियों की भविष्यवाणी-सब एक जगह!

जुलाई ओवरव्यू: साल का सातवां महीना अर्थात जुलाई का महीना शुरू होने वाला है। ऐसे में अगर आप भी इस बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं कि इस महीने कौन-कौन से व्रत और त्योहार कब-कब मनाए जाएंगे, कौन सा ग्रहण और कितने गोचर इस महीने में होने वाला है, इस महीने में कौन सा बैंक अवकाश कब होगा तो इन सभी बातों का जवाब आपको एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग के माध्यम से हम देने का प्रयत्न करेंगे। 

सिर्फ इतना ही नहीं इस विशेष ब्लॉग में हम आपको सभी 12 राशियों की विस्तृत भविष्यवाणी भी देने वाले हैं। तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं जुलाई ओवरव्यू का हमारा यह खास ब्लॉग और जानते हैं साल के सातवें महीने से जुड़ी कुछ रोचक और दिलचस्प बातों की जानकारी।

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जुलाई के हिन्दू माह 

सबसे पहले बात करें जुलाई के महीने में पड़ने वाले हिंदू माह की तो जुलाई के महीने में दो हिंदू माह पड़ते हैं पहला आषाढ़ का महीना और आषाढ़ का महीना समाप्त होने के बाद सावन का महीना शुरू हो जाता है। हिंदू धर्म में इन दोनों ही महीना का विशेष महत्व बताया गया है। जहां आषाढ़ माह से भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा में चले जाते हैं और चातुर्मास का प्रारंभ हो जाता है वहीं दूसरी तरफ सावन का महीना विशेष रूप से भोले के भक्तों के लिए खास रहता है। भगवान विष्णु के योग निद्रा में चले जाने के बाद सृष्टि का सारा कार्य भार महादेव के कंधों पर आ जाता है। ऐसे में चार महीने की अवधि में जब भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं तब उस वक्त भगवान शिव धरती का कार्यभार संभाल रहे होते हैं। ऐसे में इन दोनों ही महीनों का अपना-अपना विशेष महत्व माना गया है।

चातुर्मास प्रारम्भ- 17 जुलाई 2024 (देवशायनी एकादशी से)

चातुर्मास समाप्त- 12 नवंबर 2024 (देवुथनी/देवउठनी एकादशी पर) 

इसके अलावा जहां आषाढ़ के महीने में देवशयनी एकादशी जैसे बड़े और महत्वपूर्ण व्रत किए जाते हैं वहीं सावन के महीने में 16 सोमवार का व्रत बेहद ही खास होता है। आषाढ़ के महीने में भगवान विष्णु, महादेव, सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है वहीं सावन के महीने में भगवान शिव और उनकी अर्धांगिनी मां गौरी की पूजा विशेष रूप से शुभ और फलदाई रहती है। 

इसके अलावा इन दोनों ही महीनों में दान पुण्य करना, पूजा पाठ करना, संयमित भोजन करना, आदि का भी विशेष महत्व होता है। अगर कोई व्यक्ति किसी से प्रेम करता है और उनसे विवाह करना चाहता है या किसी को सुयोग्य वर या वधू की कामना होती है तो उन्हें विशेष तौर पर सावन के महीने में महादेव और मां गौरी की पूजा करने का विधान बताया गया है।

आषाढ़ और सावन माह के महत्व 

महत्व की बात करें तो सबसे पहले आषाढ़ माह की बात करते हैं, 

  • आषाढ़ माह को किसानों का महीना बोला जाता है क्योंकि देखा जाए तो इसी समय से वर्षा ऋतु की शुरुआत हो जाती है और यह समय कृषि अर्थात किसानों के लिए बहुत ही खास होता है। 
  • इस महीने साफ पानी पीने का भी महत्व होता है क्योंकि इस महीने में पानी में जंतुओं की उत्पत्ति बढ़ जाती है। 
  • इस महीने अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना होता है क्योंकि पाचन क्रिया मंद पड़ जाती है। 
  • सिर्फ इतना ही नहीं आषाढ़ के महीने से अगले 3 महीने तक सेहत का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।
  • इस महीने विष्णु उपासना और दान का विशेष महत्व बताया गया है। कहते हैं आषाढ़ के महीने में भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है। 
  • आषाढ़ के महीने से ही विष्णु जी 4 महीने की निद्रा में चले जाते हैं जिसके चलते हिंदू धर्म में हर तरह के शुभ और मांगलिक कार्य रोक दिए जाते हैं। यह चातुर्मास का महीना होता है। चातुर्मास 4 महीने की वह अवधि होती है जो आषाढ़ शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलती है। 
  • इस दौरान व्रत दान आदि का विशेष महत्व होता है। 
  • इसके अलावा आषाढ़ का महीना कामना पूर्ति का महीना कहा जाता है। इस महीने आप जो भी सच्चे दिल से कामना करें उसकी पूर्ति अवश्य होती है। 
  • साथ ही आषाढ़ का महीना गुप्त नवरात्रि का भी महीना होता है। नवरात्रि का त्यौहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और आषाढ़ के महीने भी आषाढी नवरात्रि आती है। ऐसे में इस महीने का महत्व नवरात्रि के चलते और भी बढ़ जाता है। 
  • मंगल और सूर्य की उपासना आषाढ़ के महीने में विष्णु जी के साथ-साथ मंगल और सूर्य की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में ऊर्जा का स्तर उच्च बना रहता है और जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है। 
  • आषाढ़ के महीने में ही गुरु पूर्णिमा भी मनाई जाती है। आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को विशेष महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने गुरु पूर्णिमा। व्यास पूर्णिमा का पर्व मनाते हैं।

अब बात करें सावन के महीने के महत्व की तो, 

  • कहा जाता है कि सावन के महीने में ही ऋषि मारकंडे ने लंबी आयु के लिए तप किया था जिसकी वजह से भगवान शिव ने प्रसन्न होकर उन्हें उनके वरदान दिया था। 
  • सावन का महीना भगवान शिव को बेहद ही प्रिय होता है। कहा जाता है भगवान शिव सावन के महीने में ही पृथ्वी पर अवतरित होकर अपने ससुराल गए थे और यहां पर इनका स्वागत अर्घ्य  और जल अभिषेक से किया गया था। 
  • पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि सावन मास में ही समुद्र मंथन हुआ था। समुद्र मंथन से जो विष निकला था उसे भगवान शंकर ने अपने कंठ में समा लिया था और सृष्टि की रक्षा की थी। विश्व का प्रभाव कम करने के लिए सभी देवी देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया था इसीलिए सावन के महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विशेष महत्व बताया जाता है। ऐसा करने से भोले प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं। 
  • शिव पुराण में बताया गया है कि भगवान शिव स्वयं जल हैं इसलिए जल से उनका अभिषेक करने से व्यक्ति को उत्तम फल की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में कहा गया है कि सावन के महीने में भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। ऐसे में यह समय भक्तों, साधु संतों के लिए बहुत ही खास होता है। इन चार महीनों में एक वैदिक यज्ञ होता है जो एक पौराणिक व्रत है जिसे चौमासा भी कहते हैं।

जुलाई में जन्में लोगों का व्यक्तित्व 

अब बात करें जुलाई के महीने में जन्म लेने वाले लोगों के व्यक्तित्व के बारे में तो कहा जाता है कि जो व्यक्ति जिस भी ग्रह नक्षत्र के तहत जिस भी महीने में जिस भी समय पैदा होता है व्यक्ति के जीवन पर उसके प्रभाव अवश्य नजर आते हैं। ऐसे में बात करें जुलाई के महीने में पैदा होने वाले लोगों के व्यक्तित्व की तो इस महीने पैदा होने वाले लोग काफी मूडी और रहस्यमई स्वभाव के होते हैं। यह शांत होते हैं लेकिन जीवन में आशावादी होते हैं और हर फैसले को बेहद ही सोच समझ कर लेते हैं। इसके अलावा जुलाई के महीने में जन्म लेने वालों को पता होता है कि उन्हें कब कितना और कहां बोलना है। स्वभाव में यह डिप्लोमेटिक भी होते हैं लेकिन इनका मन बेहद ही साफ होता है और यह किसी के प्रति कोई छल कपट का भाव नहीं रखते हैं। 

करियर की बात करें तो यह अपने करियर को लेकर एकदम फोकस्ड रहते हैं। जिस भी क्षेत्र में यह कदम रखते हैं वहां काफी हद तक सफल होते हैं क्योंकि यह कभी भी मेहनत करने से कतराते नहीं हैं। इनको लोगों से अपना काम निकलवाना भी आता है और कड़ी मेहनत करके लोगों को अपना मुरीद बनाना भी आता है। इस महीने जन्मे जातक जिस भी कंपनी या संस्था से जुड़कर काम करते हैं उसे कभी भी निराश नहीं करते हैं और अपने व्यवहार से कार्यक्षेत्र का माहौल हमेशा अनुकूल बनाए रखते हैं। 

सेहत की बात करें तो यूं तो जुलाई में जन्मे लोगों को बहुत जल्दी गुस्सा नहीं आता है लेकिन जब इन्हें गुस्सा आता है तो उनके प्रकोप से कोई बच नहीं पता है। हालांकि अगर इन्हें लगता है कि गलती उनकी है तो यह दूसरों से माफी मांगने के लिए भी तैयार रहते हैं। अपनी सेहत को लेकर यह अक्सर लापरवाह नजर आते हैं और अपने काम के चलते अपने परिवार की जरूरत पर ध्यान नहीं देते हैं। कई बार इन्हें अपने शारीरिक और मानसिक परेशानियों से भी निपटना पड़ता है। 

इसके अलावा कहा जाता है कि जुलाई में जन्मे लोग दिल से बेहद ही नरम होते हैं, अपने परिवार के पास ही रहना चाहते हैं और इस बात की भी कोशिश करते हैं कि उन्हें कभी किसी चीज की कमी ना हो। प्रेम जीवन की बात करें तो यह जल्दी से प्रेम संबंध बनाते नहीं है क्योंकि इन्हें दिल टूटने का डर रहता है लेकिन जब एक बार रिश्ते में आते हैं तो उसे पूरी तरह से निभाते हैं और अपने पार्टनर के प्रति बेहद ही वफादार रहते हैं।

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क्या आप यह जानते हैं कि जुलाई के महीने में ही प्रियंका चोपड़ा, टॉम हैंक्स, नेल्सन मंडेला, संजय दत्त, महेंद्र सिंह धोनी और कियारा आडवाणी जैसे सितारों ने जन्म लिया है। 

जुलाई में जन्मे लोगों के लिए भाग्यशाली अंक: 2 और 9 अंक 

जुलाई में जन्मे लोगों के लिए भाग्यशाली रंग: नारंगी और नीला रंग

जुलाई में जन्मे लोगों के लिए भाग्यशाली दिन: सोमवार और शुक्रवार

जुलाई में जन्मे लोगों के लिए भाग्यशाली रत्न: रत्न की बात करें तो आमतौर पर देखा जाता है कि जुलाई के महीने में जन्म लेने वाले लोगों का शुभ रत्न माणिक्य अर्थात रूबी होता है। इसके अलावा क्योंकि जुलाई के महीने में जन्म लेने वाले लोग शनि के अधीन आते हैं इसलिए नीलम अर्थात ब्लू सफायर रत्न भी उनके लिए लाभदायक साबित हो सकता है। हम सलाह यही देते हैं कि कोई भी रत्न धारण करने से पहले आप विद्वान ज्योतिषियों से इससे संबंधित परामर्श अवश्य ले लें।

उपाय/सुझाव: 

  • भगवान शिव की नियमित रूप से पूजा करें। पूजा के बाद उन्हें पान का एक पत्ता, सुपारी और सिक्का अर्पित करें। पूजा के बाद इसे बरगद के पेड़ की जड़ के समीप गड्ढा खोदकर मिट्टी में गाड़ दें। 
  • रविवार के दिन से लगातार 1 महीने तक स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।  
  • बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर सात बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।

जुलाई 2024 महीने के बैंक अवकाश

तारीख और दिन छुट्टी राज्य 
5 जुलाई 2024, शुक्रवारगुरु हरगोबिंद जी की जयंतीजम्मू और कश्मीर
6 जुलाई 2024, शनिवारएमएचआईपी दिवसमिजोरम
7 जुलाई 2024, रविवाररथयात्राओडिशा
8 जुलाई 2024, सोमवारबेहदीनखलम महोत्सव मेघालय
13 जुलाई 2024, शनिवारभानु जयंतीसिक्किम
13 जुलाई 2024, शनिवारशहीद दिवसजम्मू और कश्मीर
17 जुलाई 2024, बुधवारयू तिरोट सिंग डेमेघालय
17 जुलाई 2024, बुधवारमुहर्रमअरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, गोवा, हरियाणा, केरल, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, पांडिचेरी, पंजाब, सिक्किम, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के अलावा राष्ट्रीय अवकाश 
31 जुलाई 2024, बुधवारशहीद उधम सिंह का शहादत दिवसहरियाणा
31 जुलाई 2024, बुधवारबोनालूतेलंगाना

जुलाई 2024 के महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार 

तिथिदिनत्योहार
2 जुलाई 2024मंगलवारयोगिनी एकादशी
3 जुलाई 2024बुधवारप्रदोष व्रत (कृष्ण)
4 जुलाई 2024गुरुवारमासिक शिवरात्रि
5 जुलाई 2024शुक्रवारआषाढ़ अमावस्या
6 जुलाई 2024शनिवारआषाढ़ गुप्त नवरात्रि
7 जुलाई 2024रविवारजगन्नाथ रथ यात्रा
9 जुलाई 2024मंगलवारविनायक चतुर्थी
16 जुलाई 2024मंगलवारकर्क संक्रांति
17 जुलाई 2024बुधवारदेवशयनी एकादशी, अषाढ़ी एकादशी
19 जुलाई 2024शुक्रवारप्रदोष व्रत (शुक्ल)
20 जुलाई 2024शनिवारकोकिला व्रत
21 जुलाई  2024रविवारगुरु पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा
22 जुलाई 2024सोमवारसावन माह शुरू, पहला सावन सोमवार
22 जुलाई 2024मंगलवारपहला मंगला गौरी व्रत, पंचक शुरू
24 जुलाई 2024बुधवारगजानन संकष्टी चतुर्थी
29 जुलाई 2024सोमवारदूसरा सावन सोमवार
30 जुलाई 2024मंगलवारदूसरा मंगला गौरी व्रत
31 जुलाई 2024बुधवारकामिका एकादशी

जुलाई 2024 ग्रहों का परिवर्तन

ग्रहों के गोचर की बात करें तो जुलाई में ग्रहों के कुल 6 महत्वपूर्ण परिवर्तन होने वाले हैं। 

इसमें से पहला शुक्र का कर्क राशि में गोचर होगा। ये गोचर 7 जुलाई को 4 बजकर 15 मिनट पर होगा।

दूसरा परिवर्तन शुक्र का कर्क राशि में उदय होगा। ये परिवर्तन 11 जुलाई को 7 बजकर 59 मिनट पर होगा। 

तीसरा परिवर्तन मंगल का वृषभ राशि में गोचर होगा। ये 12 जुलाई को 19 बजकर 3 मिनट पर होगा। 

चौथा परिवर्तन सूर्य का कर्क राशि में गोचर होगा। ये 16 जुलाई को 11 बजकर 8 मिनट पर होगा। 

पाँचवाँ परिवर्तन बुध का सिंह राशि में गोचर होगा। ये 19 जुलाई को 20 बजकर 31 मिनट पर होगा। 

छठा परिवर्तन शुक्र का सिंह राशि में गोचर होगा। ये 31 जुलाई को 14 बजकर 15 मिनट पर होगा। 

ऐसे में यहाँ ये देखना भी दिलचस्प रहेगा कि जुलाई के महीने में 2 महत्वपूर्ण युति भी होने वाली है, एक कर्क राशि में, जहां शुक्र और सूर्य कर्क राशि में युति करेंगे। दूसरी सिंह राशि में जहां बुध और शुक्र की युति होने वाली है।  

ग्रहण: वहीं ग्रहण की बात करें तो इस महीने में कोई भी ग्रहण नहीं लगेगा। 

सभी बारह राशियों के लिए जुलाई 2024 की सटीक भविष्यवाणी 

मेष राशि 

मेष राशि जुलाई के महीने में करियर के लिहाज से समय अनुकूल रहेगा। हालांकि बीच-बीच में चुनौतियां आएंगी लेकिन आप कड़ी मेहनत से उस पर सफलता प्राप्त कर लेंगे। शिक्षा के संदर्भ में कुछ चुनौतियां मिलने वाली है। ऐसे में कड़ी मेहनत करते रहें ऐसी सलाह दी जा रही है। पारिवारिक जीवन में हल्की-फुल्की तनातनी होने की आशंका है। इसके लिए सामंजस्य बनाए रखने की सलाह दी जाती है। प्रेम जीवन में भी कुछ चुनौतियां आने की संभावना है। अपने रिश्ते के प्रति ईमानदारी रखें। आर्थिक जीवन की बात करें तो जुलाई के महीने में मेष जातकों का आर्थिक जीवन उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। स्वास्थ्य अनुकूल परिणाम देगा। अगर आप पहले से किसी परेशानी से जूझ रहे हैं तो जुलाई के महीने में उस परेशानी का अंत होने की प्रबल आशंका है।

वृषभ राशि 

वृषभ राशि करियर के लिहाज से जुलाई के महीने में आपको कड़ी मेहनत करनी होगी तभी आप सफलता प्राप्त कर पाएंगे। शिक्षा के संदर्भ में आपको उतार-चढ़ाव उठाने पड़ सकते हैं। ऐसे में अपनी पढ़ाई का विशेष ध्यान रखें। पारिवारिक जीवन की बात करें तो यह ठीक-ठाक रहेगा हालांकि आपके पिताजी का स्वास्थ्य काफी हद तक प्रभावित रह सकता है उनका विशेष ध्यान रखें। प्रेम और वैवाहिक जीवन के संदर्भ में यह महीना अनुकूल रहेगा। आप अपने पार्टनर के साथ कहीं मंदिर या धार्मिक स्थान की यात्रा पर जा सकते हैं। आर्थिक जीवन के लिहाज से भी यह महीना अनुकूल रहेगा बस अपने खर्चों और अपनी आय के बीच संतुलन बनाकर रखें। स्वास्थ्य की बात करें तो इस महीने कोई बड़ी स्वास्थ्य परेशानी आपके जीवन में नहीं आने वाली है। मुमकिन हो तो ध्यान और योग करें।

मिथुन राशि 

मिथुन राशि करियर के लिहाज से इस महीने आपके लिए बहुत कुछ अनुकूल होने वाला है। आप इस दौरान जितनी कड़ी मेहनत करेंगे उतना ही अनुकूल परिणाम आपको प्राप्त होगा। शिक्षा के लिहाज से बात करें तो इस महीने आपको सूर्य देव की कृपा मिलेगी और पढ़ाई के प्रति आपकी रुचि बढ़ेगी। आप मेहनत करेंगे और इससे आपको अनुकूल परिणाम भी मिलेगा। पारिवारिक जीवन में थोड़ी बहुत उत्तर-पुथल रहने की संभावना है हालांकि सामंजस्य और धैर्य पूर्वक बात करने से आप इसे भी उबर सकते हैं। प्रेम और वैवाहिक जीवन की बात करें तो इसके लिए यह महीना अनुकूल रहेगा हालांकि कहासुनी हो सकती है लेकिन समझदारी से आप इन परेशानियों से निपट सकते हैं। आर्थिक जीवन की बात करें तो आपकी आमदनी बढ़ेगी जिससे आपका आर्थिक जीवन अनुकूल रहेगा। स्वास्थ्य की बात करें तो आपके स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलेगा, आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और अगर कोई पुरानी परेशानी है तो उससे आपको छुटकारा मिल जाएगा।

कर्क राशि 

कर्क राशि करियर के लिहाज से बात करें तो कर्क जातकों को जुलाई के महीने में अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। आप अपनी टीम का अनुकूल नेतृत्व करेंगे और कार्यक्षेत्र में अच्छी पहचान बनाएंगे। शिक्षा के संदर्भ में बात करें तो यह महीना अनुकूल रहेगा। आप पढ़ाई में जी तोड़ मेहनत करेंगे और प्रतियोगी परीक्षा में सफलता हासिल करेंगे। पारिवारिक जीवन औसत रहने वाला है। आप कहीं घूमने जाने की योजना बना सकते हैं। हालांकि बीच-बीच में लड़ाई झगड़ा और क्लेश होने की भी आशंका है। अपने अहंकार पर काबू रखें ऐसी आपको सलाह दी जा रही है। प्रेम और वैवाहिक जीवन की बात करें तो इसके लिए जुलाई का महीना अनुकूल संकेत दे रहा है। हालांकि बीच-बीच में गर्माहट पैदा हो सकती है और आप अपने साथी को कुछ भला बुरा कह सकते हैं। ऐसे में आपको सोच समझ कर ही कुछ बोलने की सलाह दी जाती है। आर्थिक जीवन की बात करें तो आमदनी बढ़ेगी लेकिन साथ ही आपके खर्चों में भी वृद्धि होने की संभावना है। अपने खर्चों का विशेष ध्यान रखें अन्यथा बाद में परेशानी हो सकती है। अंत में बात करें स्वास्थ्य की तो इस महीने आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान देना होगा। काम के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य के प्रति उचित तालमेल बनाकर रखें। अन्यथा परेशानी हो सकती है।

सिंह राशि 

जुलाई के महीने में आपके करियर की बात करें तो इस महीने आपको उन्नति मिलने की उच्च संभावना बन रही है। कार्यक्षेत्र में आपकी स्थिति मजबूत बनेगी और आप कठिन से कठिन परेशानियां को संभालने में कामयाब रहेंगे। शिक्षा की बात करें तो इस महीने आप अपनी पढ़ाई को लेकर व्यवस्थित रहने वाले हैं। एकाग्रता में वृद्धि होगी और आप पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देंगे जिससे आपको अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। पारिवारिक जीवन मिश्रित परिणाम लेकर आने वाला है। आप कोई प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं। साथ ही आप अपने परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी इस महीने महसूस करेंगे। प्रेम और वैवाहिक जीवन की बात करें तो उसके लिए यह महीने रोमांस से भरा रहने वाला है। आप अपने पार्टनर के साथ अनुकूल पल व्यतीत करेंगे। हालांकि बीच-बीच में अहम का टकराव हो सकता है लेकिन आप अपनी समझदारी से इससे निपटने में कामयाब होंगे। आर्थिक जीवन की बात करें तो शुरुआत में आपके खर्च और आमदनी दोनों ही बढ़े रहने वाले हैं। हालांकि बाद में कोई निवेश आपको आर्थिक संकट में फंसा सकता है। ऐसे में निवेश के प्रति सतर्क रहे हैं। स्वास्थ्य की बात करें तो इस महीने आपका स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा। सलाह दी जाती है कि असंतुलित और बासी भोजन करने से बचें अन्यथा परेशानियां बढ़ सकती हैं।

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए जुलाई का महीना करियर के लिहाज से ठीक-ठाक रहेगा। आप करियर में कड़ी मेहनत करेंगे जिससे आपको अनुरूप लाभ मिलेगा। शिक्षा के संदर्भ में बात करें तो पढ़ाई में आपको उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। सलाह दी जाती है कि इस महीना पढ़ाई के साथ-साथ आराम को भी उचित तववाजों दें और नियमित रूप से आराम भी करें। पारिवारिक जीवन की बात करें तो इस मोर्चे पर आपको अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। इस महीने परिवार के लोग आपका व्यवसाय में मार्गदर्शन करेंगे जिसके दम पर आप उन्नति और लाभ कमाएंगे। प्रेम और वैवाहिक जीवन के संदर्भ में यह महीना मिश्रित परिणाम लेकर आने वाला है। आप अपने दिल की बात खुलकर अपने पार्टनर से कहेंगे। आप दोनों के बीच अच्छी बॉन्डिंग बनेगी। बीच-बीच में कुछ समस्याएं आ सकती हैं जिससे आपको सावधानी पूर्वक निपटने की सलाह दी जा रही है। आर्थिक जीवन की बात करें तो यह महीना आपको लाभ दिलाएगा, आपकी आमदनी में वृद्धि होगी और आप धन संचित करने में कामयाब होंगे। अंत में बात करें स्वास्थ्य की तो यह महीना स्वास्थ्य के संदर्भ में थोड़ा नाजुक रहने वाला है। इस दौरान अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और बाहर निकलते या खाते पीते समय अपना विशेष ध्यान रखें।

तुला राशि 

करियर के लिहाज से यह महीना अनुकूल रहेगा। हालांकि नौकरी में किसी तरह का कोई बदलाव इस महीने आ सकता है। अब यह नौकरी बदलने के संदर्भ में भी हो सकता है या स्थानांतरण के रूप में भी हो सकता है। शिक्षा के लिए बात करें तो इस महीने आपको बहुत अधिक मेहनत करने की आवश्यकता पड़ेगी। बिना कड़ी मेहनत के आप इस महीने सफलता का स्वाद नहीं चख पाएंगे। पारिवारिक जीवन के संदर्भ में यह महीना अनुकूल रहेगा। सलाह केवल इतनी दी जा रही है कि किसी को कड़वा ना बोलें ताकि परिवार का माहौल ना बिगड़े। प्रेम और वैवाहिक जीवन के संदर्भ में यह महीना चुनौती पूर्ण रहने वाला है। आप अपने परिवार और प्यार के बीच उलझा हुआ महसूस करेंगे। आर्थिक जीवन की बात करें तो यह महीना उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा। हालांकि इस महीने आपके जीवन में राजयोग सरीखे परिणाम भी मिल सकते हैं। सलाह दी जाती है कि आपके जीवन में जो भी अवसर आए उसका सही ढंग से लाभ उठाएं। अंत में बात करें स्वास्थ्य की तो अचानक से आपको स्वास्थ्य संबंधित कोई परेशानी हो सकती है लेकिन यह जितने ही अचानक अपने जीवन में आएगी उतने अचानक ठीक भी हो जाएगी। हालांकि कुछ समय के लिए ये आपको परेशानी और पीड़ा दे सकती है। इसके प्रति सावधान रहें।

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए जुलाई का यह महीना उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। आपके कार्यक्षेत्र में कोई भी कदम बेहद ही सावधानीपूर्वक उठाने की सलाह दी जा रही है। आपको कोई बड़ी समस्या हो सकती है। शिक्षा के संदर्भ में बात करें तो इस महीने आप अपनी पढ़ाई को लेकर बेहद ही सावधान रहेंगे, आपकी बुद्धि तेज होगी और आप छोटी बड़ी हर तरह की बातें बहुत ही आसानी से समझ लेंगे। पारिवारिक जीवन मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। भाई बहनों का आपको सहयोग मिलेगा, अनुकूल वार्तालाप होगा और परिवार में सुख शांति बनी रहेगी। प्रेम और वैवाहिक जीवन की बात करें तो इस महीने आपका प्यार बहुत ही ज्यादा मजबूत होने वाला है। हालांकि बीच-बीच में कुछ गलतफहमियां और समस्याएं भी आने वाली है जिनका आपको समझदारी और सूझबूझ से हल निकालने की सलाह दी जा रही है। आर्थिक जीवन की बात करें तो आर्थिक स्थिति मिश्रित परिणाम देगी। अगर आप व्यापार करते हैं या नौकरी करते हैं तो आपको धन लाभ मिलेगा और समझदारी पूर्वक आप धन संचित करेंगे तो आपको भविष्य में कोई परेशानी नहीं होगी। अंत में बात करें स्वास्थ्य की तो यह महीना मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। हालांकि आप अपनी इच्छा शक्ति और ऊर्जा स्तर से परेशानियों से निपटने में कामयाब भी हो सकते हैं। योग ध्यान में ज्यादा वक्त बताएं आपको लाभ मिलेगा।

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के बारे में बात करें तो जुलाई के महीने में करियर के लिहाज से यह समय मध्य रूप से फलदायक साबित होगा। इस दौरान आपको कुछ सावधानियां बरतनी होगी साथ ही कड़ी मेहनत भी जारी रखनी होगी तभी आप अपने लक्ष्य तक पहुंच पाएंगे। शिक्षा के संदर्भ में बात करें तो इस महीने आप जल्दी-जल्दी अपने विषयों को पढ़कर उसे समझने की स्थिति में रहेंगे। हालांकि पारिवारिक माहौल और कुछ परेशानियां आपकी एकाग्रता भंग कर सकती हैं इसके लिए सचेत रहें। पारिवारिक जीवन की बात करें तो जुलाई के महीने में इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। भाई बहनों के साथ रिश्ते अनुकूल बनेंगे, आप उनके ऊपर खर्च करते नजर आएंगे। चुनौतियां समय-समय पर खड़ी हो सकती है। प्रेम और वैवाहिक जीवन की बात करें तो इस महीने आपको अपने प्रेमी के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहना होगा। केवल इस बात के सावधानी बरते कि जल्दबाजी में कोई फैसला ना लें अन्यथा परेशानी हो सकती है। आर्थिक जीवन की बात करें तो यह महीना उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। आप अच्छे काम पर खर्च करते नजर आएंगे। यानि धन खर्च तो होगा लेकिन वह पूजा पाठ और धार्मिक चीजों पर होगा जिसमें आपकी संतुष्टि बनी रहेगी। अंत में बात करें स्वास्थ्य की तो स्वास्थ्य के लिहाज से यह महीना थोड़ा कमजोर रहने वाला है। इस महीने आपको लीवर से संबंधित परेशानियां, किडनी से संबंधित रोग और वर्षा जनित दिक्कतें हो सकती हैं। साथ ही वाहन चलाते वक्त भी कोई दुर्घटना होने की आशंका है। ऐसे में इन सब के प्रति सचेत रहें। 

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के करियर की बात करें तो जुलाई के महीने में आपको अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। काम पर आपकी विरोधी बीच-बीच में आपके खिलाफ कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं हालांकि आप अपनी सूझबूझ से उन पर पार पा लेंगे। कड़ी मेहनत जारी रखें और ऑफिस पॉलिटिक्स में ना पड़ें ऐसी आपको सलाह दी जा रही है। शिक्षा की बात करें तो इस राशि के विद्यार्थी जातकों को जुलाई के महीने में अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। आपकी एकाग्रता बढ़ेगी और आप पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देंगे। साथ ही आपके शिक्षक, आपके परिवार के लोग, इस महीने आपका मार्गदर्शन भी करेंगे जिससे आपको सफलता मिलेगी। पारिवारिक जीवन के संदर्भ में इस महीने आपको मिश्रित परिणाम मिलने वाले हैं। आपको लोगों की बात जल्दी कड़वी या बुरी लग सकती है जिससे परिवार का माहौल बिगाड़ सकता है। इस महीने आपकी माताजी के स्वास्थ्य में भी बदलाव आने की आशंका है लेकिन पिताजी का सहयोग आपको इस पूरे महीने मिलता रहेगा। प्रेम और वैवाहिक जीवन की बात करें तो इस महीने आपका और आपके प्रेमी का प्यार कई गुना बढ़ने वाला है। आप किसी भी कीमत पर जाकर अपने प्रेमी की और अपने रिश्ते की रक्षा करते नजर आएंगे और अपने रिश्ते को मजबूत बनाएंगे। आर्थिक जीवन के संदर्भ में यह महीना मिश्रित परिणाम प्रदान करेगा। महीने की शुरुआत में ही आप धन संचित करने में बड़ी कामयाबी हासिल करेंगे और इस पूरे महीने किसी न किसी स्रोत से धन कमाते और अपनी आय बढ़ते नजर आएंगे। स्वास्थ्य की बात करें तो इस महीने आपका स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा। हालांकि छोटी-मोटी परेशानियां समय-समय पर हो सकती है जिनसे बचने के लिए आपको अपनी दिनचर्या में उचित बदलाव करने, योग्य और ध्यान करने की सलाह दी जा रही है।

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के करियर की बात करें तो जुलाई के महीने में आपका करियर शानदार रहने वाला है। आपके कार्यक्षेत्र में लोग आपकी सहायता करेंगे। हालांकि बीच-बीच में थोड़ी बहुत परेशानियां आ सकती हैं जिनसे निपटने के लिए आपको सूझबूझ और समझदारी दिखानी होगी। शिक्षा की बात करें तो इस महीने शिक्षा के संदर्भ में भी आपको अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे, आपकी एकाग्रता बढ़ेगी, आपको अपने दोस्तों का सहयोग मिलेगा और अगर आप प्रतिस्पर्धा आदि में शामिल है तो आपको अनुकूल प्रतिस्पर्धा भी मिलेगी जिससे आप कुल मिलाकर अच्छा प्रदर्शन करते नजर आएंगे। इस महीने कुंभ राशि के कुछ जातकों का किसी अच्छी परीक्षा में चयन भी हो सकता है। पारिवारिक जीवन के संदर्भ में बात करें तो यूं तो ये समय अनुकूल रहेगा फिर भी आपको अपनी वाणी, अपने शब्दों का चयन सोच समझकर करने की सलाह दी जाती है। आपकी कही हुई बात किसी को बुरी लग सकती है जिससे परिवार का माहौल खराब हो सकता है। इसके अलावा परिवार में सुख शांति रहेगी और प्रेम बढ़ेगा। प्रेम और वैवाहिक जीवन की बात करें तो प्रेम जीवन शानदार रहेगा। आपके और आपके साथी के बीच रोमांस की वृद्धि होगी। हालांकि बीच में aहम को लेकर टकराव भी हो सकता है लेकिन आप इसे अपने मजबूत प्यार से पार पाने में कामयाब रहेंगे। आर्थिक जीवन की बात करें तो महीने की शुरुआत अनुकूल रहेगी। आपके घर में खुशियां आएंगी। आपकी आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी होगी। हालांकि धन संचित करने में आपको थोड़ी परेशानी उठानी पड़ सकती है। साथ ही आपको सलाह दी जाती है कि अपने खर्चों पर विशेष नजर रखें जहां बहुत जरूरी हो वही खर्च करें अन्यथा भविष्य में आपको परेशानियां होने की आशंका है। अंत में बात करें स्वास्थ्य की तो इस महीने आपका स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा। हालांकि अगर आपने लापरवाही दिखाई तो आपको परेशानियां उठानी पड़ सकती है। अन्यथा सब ठीक ही है। इस महीने छोटी-मोटी परेशानियां जैसे सर्दी, जुकाम, आपको होने का खतरा है। इसके प्रति सावधान रहें।

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के करियर की बात करें तो इस महीने आपको मिश्रित परिणाम प्राप्त होंगे। हालांकि कार्यक्षेत्र पर आपके सहकर्मी आपका पूरा साथ देंगे जिससे आपके प्रदर्शन में सुधार होगा। वहीं जो लोग नौकरी की तलाश कर रहे हैं उन्हें भी नौकरी प्राप्त हो सकती है। बीच-बीच में कठिन चुनौतियां आएंगी लेकिन आप इससे हर नहीं मानेंगे और इन परेशानियों से उबरने में कामयाब रहेंगे। शिक्षा की बात करें तो इस महीने आपके जीवन में अच्छे अवसर आने वाले हैं। आप अपनी बुद्धिमानी और चतुराई के साथ अपने विषयों पर अच्छी पकड़ बना पाएंगे। आप मेहनत करेंगे और आपको इससे सफलता मिलेगी। हालांकि इस राशि के जो जातक उच्च शिक्षा के लिए प्रयत्न कर रहे हैं उन्हें अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। पारिवारिक जीवन की बात करें तो यूं तो आपका पारिवारिक जीवन ठीक रहेगा, घर के लोगों में प्रेम बनेगा, बीच-बीच में लड़ाई झगड़ा और कहासुनी हो सकती है लेकिन इससे आप समझदारी से निपटने में कामयाब रहेंगे। प्रेम और वैवाहिक जीवन की बात करें तो आप अपने दिल की बात अपने पार्टनर से कहने में इस दौरान झिझक महसूस कर सकते हैं। हालांकि अगर आप हिम्मत दिखाएंगे तो इसका आपके रिश्ते पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। आप अपने पार्टनर के साथ ज्यादा वक्त बिताएंगे जिससे आपका रिश्ता मजबूत होगा और आप अपने रिश्ते में प्रेम की वृद्धि का भी अनुभव करेंगे। आर्थिक जीवन की बात करें तो यहां आपको बहुत ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि आपके खर्च हद से ज्यादा बढ्ने वाले हैं। साथ ही आप धन संचित करने की प्रति भी रुझान दिखाएंगे। इस राशि के कुछ जातकों को विदेशी मुद्रा प्राप्त हो सकती है। हालांकि आपके खर्च इस पूरे महीने निरंतर बने रहने वाले हैं। अंत में बात करें स्वास्थ्य की तो स्वास्थ्य पर भी आपको विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है। इस महीने आंखों की समस्या, पैर में दर्द, एड़ी में दर्द, चोट लगने या मोच जैसी बड़ी समस्या भी आपके जीवन में आ सकती है। कुल मिलाकर आपको अपनी सेहत और अपनी त्वचा के प्रति इस पूरे महीने विशेष रूप से सावधान रहना होगा अन्यथा आप समस्याओं से घिर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1: जुलाई महीने में जन्मे लोगों का व्यक्तित्व कैसा होता है?

उत्तर: जुलाई के महीने में जन्मे लोगों का व्यक्तित्व शानदार होता है। वे अपने जीवन में कड़ी मेहनत से सफलता प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 2: जुलाई के महीने में कौन से प्रमुख त्योहार किए जाएंगे?

उत्तर: योगिनी एकादशी, आषाढ़ अमावस्या, आषाढ़ गुप्त नवरात्र, जगन्नाथ रथ यात्रा,देवशयनी एकादशी, अषाढ़ी एकादशी, कोकिला व्रत गुरु पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा सावन माह शुरू, पहला सावन सोमवार

प्रश्न 3: जुलाई 2024 में किन ग्रहों का गोचर होने वाला है?

उत्तर: शुक्र, मंगल, सूर्य, बुध, इन चार ग्रहों का अहम परिवर्तन जुलाई में होगा।

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शुरू हो गया है 13 तिथियों का अशुभ समय, जानें किस-किस पर पड़ेगा असर

वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार पूर्णिमा से लेकर अमावस्‍या तक और अमावस्‍या से लेकर पूर्णिमा तक के बीच के समय को एक पक्ष कहा जाता है। इस दौरान चंद्रमा की कलाएं धीरे-धीरे घटती और बढ़ती रही हैं। चंद्रमा और सूर्य के बीच कोणीय दूरी बढ़ती रहती है जिससे तिथियों का निर्माण होता है।

सामान्‍य तौर पर एक पक्ष में 15 तिथियां होती हैं लेकिन चंद्रमा कभी भी एक गति से नहीं चलता है इसलिए कभी-कभी ऐसी स्थिति बनती है कि किसी पक्ष में सिर्फ 13 तिथियां आती हैं। इसे विश्‍वघस्र पक्ष कहा जाता है। इस पक्ष को अत्‍यंत अशुभ माना जाता है।

इस साल भी विश्‍वघस्र पक्ष पड़ रहा है और इसकी शुरुआत 22 जून से हो चुकी है। इस तिथि पर कृष्‍ण पक्ष में प्रतिपदा और चतुर्दशी तिथि कम हो गई है। इस वजह से इस पक्ष में केवल 13 तिथियां ही होंगी। इस अशुभ पक्ष के कारण आने वाले कुछ महीनों में देश-दुनिया में परेशानियां और संकट का माहौल देखा जा सकता है। प्राकृतिक आपदाएं और राजनीतिक क्षेत्र में उतार-चढ़ाव आने की आशंका है।

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आगे जानिए कि विश्‍वघस्र पक्ष का किस क्षेत्र पर क्‍या प्रभाव पड़ेगा।

महाभारत से होती है तुलना

चूंकि, इस पक्ष में 13 तिथि आती हैं इसलिए इसकी तुलना महाभारत के युद्ध के 13 दिनों वाले पक्ष से की जाती है। लोगों का मानना है कि यह पक्ष महाभारत की तरह ही विध्‍वंस लेकर आता है। हालांकि, विश्‍वघस्र पक्ष की तुलना महाभारत से करना उचित नहीं है। माना कि विश्‍वघस्र पक्ष में भी विध्‍वंस होता है और हर जगह उत्‍पात देखने को मिलता है लेकिन हर 13 तिथि का उत्‍पात महाभारत जैसा नहीं होता है।

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महाभारत युद्ध का जो 13 तिथियों का पक्ष था, वह शुक्‍ल पक्ष विश्‍वघस्र पक्ष था और उस समय सूर्य ग्रहण एवं चंद्र ग्रहण के बीच 13 तिथियों का पक्ष था। अब जो स्थिति बन रही है, वह महाभारत के 13 दिनों से अलग है। किसी भी सामान्‍य विश्‍वघस्र पक्ष की तुलना महाभारत के 13 दिनों से नहीं की जा सकती है।

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कैसा होता है असर

इससे पहले साल 2010 में मई के महीने में वैशाख शुक्‍ल पक्ष में भी 13 ति‍थियों का पक्ष आया था। इस दौरान मध्‍य पूर्व के कई देशों में कई सरकारें गिर गईं थीं और इसका कारण था भ्रष्‍टाचार। मिस्‍त्र, लीबिया और टुनिशिया जैसे देशों में पूरी सत्ता बदल गई थी और यमन, भारत में पाकिस्‍तान में लोगों ने भ्रष्‍टाचार का जमकर विरोध किया था।

इसके अलावा साल 2021 में भी विश्‍वघस्र पक्ष पड़ा था जो कि सितंबर में आया था और इसकी वजह से यूक्रेन और रूस का विवाद युद्ध तक पहुंच गया था। आज तक ये युद्ध बंद नहीं हो पाया है। इसके साथ ही इस समय महंगाई की दर भी बहुत ज्‍यादा बढ़ गई थी। आगे जानिए कि अब जून-जुलाई में पड़ रहे विश्‍वघस्र पक्ष का क्‍या असर पड़ने वाला है।

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इस बार क्‍या पड़ेगा प्रभाव

इस बार अच्‍छी वर्षा होगी। हालांकि, भारी वर्षा के कारण बंगाल में बाढ़ आने की आशंका है। वृषभ राशि के प्रभाव में बिहार और झारखंड में भी ज्‍यादा बारिश की वजह से पैसों का नुकसान हो सकता है। यहां तक कि लोगों की जान तक जा सकती है।

वहीं दिल्‍ली, पंजाब और हरियाणा में मूसलाधार बारिश होने के आसार हैं। वहीं मेष राशि में मंगल पर शनि की दृष्टि पड़ने की वजह से दक्षिण भारत के कुछ हिस्‍सों में कम बारिश होने की उम्‍मीद है।

29 जून को शनि के कुंभ राशि में वक्री होने से असामान्‍य वर्षा और भू‍कंप आने का डर है। राजनीति के क्षेत्र में भी उतार-चढ़ाव आ सकता है।

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आ सकता है भूकंप

ये 13 तिथियां बहुत भारी पड़ सकती हैं और जुलाई एवं अगस्‍त के महीनों में पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्‍खलन, भू‍कंप और बादल फटने जैसे हादसे हो सकते हैं। इससे जन-धन की हानि भी हो सकती है। इस दौरान लोगों को खासतौर पर सावधान रहने की ज़रूरत है।

01 जूलाई से लेकर 17 अगस्‍त तक उत्तर भारत, पाकिस्‍तान और ईरान जैसे देशों में कोई प्राकृतिक आपदा आ सकती है। वहीं 28 जुलाई से 17 अगस्‍त के दौरान मंगल रोहिणी नक्षत्र से पीड़ित होंगे जिसकी वजह से तेज वर्षा होने के आसार हैं। इससे उत्तर और पश्‍चिम भारत में बाढ़ आने की आशंका है।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. 13 दिनों का पक्ष क्‍या होता है?

उत्तर. किसी पक्ष में दो तिथि का क्षय होना।

प्रश्‍न. महाभारत में क्‍या हुआ था?

उत्तर. विश्‍वघस्र पक्ष द्वापर युग में महाभारत में भी बना था।

प्रश्‍न. कौन सा पक्ष अच्‍छा होता है?

उत्तर. शुक्‍ल पक्ष, कृष्‍ण पक्ष से श्रेष्‍ठ होता है।

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29 जून को बुध करेंगे राशि परिवर्तन, मिथुन सहित 5 जातकों का शुरू होगा गोल्डन टाइम!

सभी ग्रहों की तरह ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले ग्रह बुध भी एक निश्चित समयांतराल के बाद राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं और सभी राशियों पर अपना प्रभाव छोड़ते हैं। तर्कशक्ति, मीडिया, लेखक, वकील, व्यापार और गणित के कारक ग्रह बुध 29 जून की दोपहर 12 बजकर 13 मिनट पर मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। बुध का कर्क राशि में गोचर होने से राशि चक्र की सभी 12 राशियों पर असर देखने को मिलेगा लेकिन इस बीच पांच राशियों को बहुत अधिक शानदार परिणाम प्राप्त होंगे। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं वह कौन सी राशियां हैं, जिन्हें बुध के गोचर के दौरान लाभ होगा।

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29 जून से इन जातकों के पास होगा पैसा ही पैसा

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए यह अवधि बेहद अनुकूल साबित होगी और आपको सौभाग्य व सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी। करियर के लिहाज़ से अगर आप नौकरीपेशा हैं तो, आपको शानदार परिणाम प्राप्त होंगे। ऐसे में, आप करियर के क्षेत्र में प्रगति हासिल करने में सक्षम होंगे।

व्यापार की बात करें, तो जिन जातकों का अपना व्यापार है, वह इस अवधि में अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे। आर्थिक जीवन की बात करें तो आपको इस अवधि धन की कमी नहीं होगी। आप लाभ कमाने के साथ-साथ धन की बचत भी कर सकेंगे। 

यदि आपने शेयर मार्केट या अन्य जगहों पर धन का निवेश किया है तो प्रबल संभावना है कि आपको उससे अच्छा रिटर्न प्राप्त हो, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति में स्थिरता आएगी। प्रेम जीवन की दृष्टि से, इस समय आपका रिश्ता पार्टनर के साथ आगे बढ़ेगा और मज़बूत होगा। आप एक दूसरे के बेहद करीब आएंगे और मिलकर अच्छा समय व्यतीत करेंगे। इन जातकों का स्वास्थ्य बुध गोचर के दौरान काफ़ी अच्छा रहेगा और ऐसे में, आप उत्तम स्वास्थ्य का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे। लेकिन, आपको सिर दर्द की समस्या परेशान कर सकती है। 

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मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए 29 जून को होने वाला बुध का गोचर कई अच्छे परिणाम लेकर आएगा। करियर को देखें, तो आपको नए अवसरों की प्राप्ति होगी और संभव है कि आपका ज्यादातर समय यात्राओं में बीतेगा। आपको अपने वरिष्ठों का भी भरपूर साथ मिलेगा और इस वजह से आपका प्रमोशन या आपके वेतन में वृद्धि हो सकती है।

आर्थिक जीवन के लिहाज़ से, आप ज्यादा से ज्यादा धन कमाने के साथ-साथ बचत भी कर सकेंगे। आपको पैतृक संपत्ति से भी धन लाभ हो सकता है। इसके अवाला, गुप्त स्रोतों से भी आपको धन लाभ की प्राप्ति होगी। प्रेम जीवन की बात करें, तो इस दौरान आप और आपके पार्टनर एक-दूसरे से अपनी बातों को शेयर करेंगे। हो सकता है कि आप अपने पार्टनर के साथ कहीं बाहर तीर्थ यात्रा में भी जा सकते हैं। मिथुन राशि वालों की सेहत उत्तम रहेगी और ऐसे में, आपके मन में सकारात्मक विचार आते रहेंगे। 

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों को इस अवधि प्रत्येक क्षेत्र में शानदार परिणाम प्राप्त होंगे। करियर की दृष्टि से, अगर आप नौकरी करते हैं, तो इस दौरान हर चुनौतियों से लड़ने में सक्षम होंगे। कार्यक्षेत्र में आपके लिए काम करना बहुत आसान होगा। आप अपने लक्ष्यों की प्राप्ति करने में सफल होंगे। आपके वरिष्ठ आपके काम की सराहना करेंगे, जिससे आपको संतुष्टि प्राप्त होगी। आप अपने कार्यक्षेत्र में अपना सौ प्रतिशत देंगे। जो जातक अपना व्यापार करते हैं, उनकी सोच-विचार करने की क्षमता और अधिक मजबूत होगी और प्रभावी फैसले लेने में सक्षम होंगे, जिस वजह से आपको धन लाभ होगा। इस अवधि आप अपने व्यापार पर बहुत अधिक ध्यान देंगे। 

आर्थिक जीवन की बात करें, इस अवधि आपके खर्चे काबू में रहेंगे। आप अपनी सुख-सुविधाओं पर धन खर्च कर सकते हैं। इसके अलावा, आपको भिन्न-भिन्न स्रोतों से धन लाभ होगा। प्रेम जीवन के लिए यह अवधि बहुत अधिक बेहतरीन रहेगी। आप एक-दूसरे के साथ अच्छे पलों का आनंद लेंगे। हो सकता है कि आप कहीं बाहर घूमने का प्लान बना लें, जिससे आपके रिश्ते में मधुरता देखने को मिलेगी। स्वास्थ्य के लिहाज़ से, आप इस दौरान फीट महसूस करेंगे और आपको किसी प्रकार की बिमारी परेशान नीं कर पाएगी।

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कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों को इस दौरान जीवन के हर पहलुओं पर सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। आपके जीवन में सब कुछ बिना किसी समस्या या बाधा के आगे बढ़ेगा और आपकी सभी मनोकामनाएं इस अवधि पूरी होगी। कन्या राशि वालों के करियर के लिए यह गोचर अनुकूल रहेगा। ऐसे में, आप अपने काम से संतुष्ट दिखाई देंगे। आप अपने लक्ष्यों की प्राप्ति करने में भी सक्षम होंगे। इस राशि के जिन जातकों का अपना व्यापार है, वह काफ़ी लाभ कमाने में सक्षम होंगे और फलस्वरूप, आप प्रसन्न दिखाई देंगे। 

आर्थिक जीवन की बात करें तो, इस गोचर से आपको बाहरी स्रोतों के माध्यम से अप्रत्याशित धन की प्राप्ति होगी जिसके चलते आप बचत करने में भी सक्षम होंगे। प्रेम जीवन के लिहाज़ से, आपके और पार्टनर के बीच आकर्षण बना रहेगा और इस वजह से आपके रिश्ते में मिठास बनी रहेगी। साथ ही, आप प्रसन्न नज़र आएंगे। स्वास्थ्य के लिहाज़ से, आप उत्तम स्वास्थ्य का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे। इसके फलस्वरूप, आप जोश और उत्साह से भरे रहेंगे। 

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तुला राशि

तुला राशि के जातकों की इस अवधि हर इच्छा पूरी होगी। आपने अपने लिए जो भी अच्छा सोच रखा था बिल्कुल वैसा ही होता नज़र आएगा। आपका इस दौरान ज्यादातर समय लंबी दूरी की यात्राओं में बीत सकता है जो कि धर्म-कर्म से जुड़ी हो सकती है। ऐसे में, यह आपके किसी धार्मिक उद्देश्य की पूर्ति कर सकती है। करियर की बात करें, तो तुला राशि के नौकरीपेशा जातकों के लिए बुध का यह गोचर बहुत अधिक अनुकूल साबित और आपको नौकरी के नए व शानदार अवसरों प्राप्त होंगे।

तुला राशि के जातकों के आर्थिक जीवन के लिए इस समय को अनुकूल कहा जाएगा क्योंकि आप धन कमाने के साथ-साथ पैसों की बचत कर सकेंगे। प्रेम जीवन के लिहाज़ से, यह गोचर आपके और पार्टनर के रिश्ते को आगे बढ़ाने का काम करेगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से, तुला राशि के जातक इस अवधि में अच्छी सेहत का आनंद लेते हुए नज़र आएंगे। हालांकि फिर भी आपको सलाह दी जाती है कि अपनी दिनचर्या में योग व व्यायाम शामिल करें। 

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. बुध का कर्क राशि में गोचर कब हो रहा है?

उत्तर 1.  बुध की दोपहर 12 बजकर 13 मिनट पर मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे।

प्रश्न 2. बुध किस राशि के स्वामी हैं?

उत्तर 2. बुध मिथुन एवं कन्या राशियों का स्वामी है तथा कन्या राशि में उच्च भाव में स्थित रहता है तथा मीन राशि में नीच भाव में रहता है।

प्रश्न 3. बुध के कारक ग्रह क्या है?

उत्तर 3. तर्कशक्ति, मीडिया, लेखक, वकील, व्यापार और गणित के कारक हैं।

प्रश्न 4. बुध ग्रह खराब होने के क्या लक्षण है?

उत्तर 4. बुध कमज़ोर होने पर इसका सीधा प्रभाव वाणी पर पड़ता है और व्यक्ति बोलने में हकलाने का शिकार हो जाता है, बोली में तोतलापन आ जाता है और कई बार वह अपशब्द बोलने वाला भी हो जाता है।