शनि ने बनाया है मोदी को रंक से राजा, जानें क्यों आई थी उन्हें चुनाव जीतने में मुश्किलें
नरेंद्र मोदी भारत की ऐसी पहली शख्सियत हैं जिन्होंने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने इतिहास रच दिया है। भारतीय राजनीति के क्षेत्र में मोदी ने ये साबित कर दिया है कि इस समय उनसे ज्यादा लोकप्रिय और शक्तिशाली लीडर और कोई नहीं है।
हालांकि, इस बार चुनाव का नतीजा देखकर हर कोई हैरान था। इतना काम करने के बाद भी बीजेपी पार्टी को अकेले बहुमत प्राप्त नहीं हो पाया। मोदी ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर अपनी सरकार खड़ी की है। सभी मुश्किलों को पार कर के आखिरकार मोदी पीएम की कुर्सी पर तीसरी बार बैठ ही गए। आखिर ऐसा क्या है उनकी कुंडली में जो उन्हें तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ।
पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल में सरदार पटेल की लोहे की प्रतिमा बनवाई थी और इस काम के लिए पूरे देश से दान में लोहा मांगा गया था। लोहा स्वयं शनि देव का धातु है। ज्योतिष के अनुसार शनि देव को खुश करने के लिए सफाई कर्मचारियों, गरीब और मज़दूरों की सेवा करनी चाहिए और शायद मोदी के मामले में यही बात सच साबित हुई और उन्हें शनि देव की कृपा से तीसरी बार पीएम बनने का मौका मिला।
अपने पिछले दो कार्यकालों में मोदी ने सफाई कर्मचारियों से बात की है और शायद इसी का फायदा उन्हें शनि देव ने दिया है।
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मज़दूरों की सेवा से खुश हुए हैं शनि
तीसरी बार प्रधानमंत्री की शपथ लेने के दौरान पीएम मोदी ने नया संसद भवन विस्टा बनाने वाले सफाई कर्मचारी, मज़दूरों, ट्रांसजेंडर समुदाय से कुछ लोगों को आमंत्रित किया था। इन सभी लोगों का संबंध शनि देव से होता है। ज्योतिष के अनुसार शनि वो ग्रह हैं जो गरीब, ज़रूरमंद और मज़दूर वर्ग के लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
मोदी के कार्यकाल में शनि देव का बहुत बड़ा प्रभाव है। मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया था और साफ-सफाई का संबंध भी शनि देव से होता है।
शनि देव वो ग्रह हैं जो रंक को राजा और राजा को रंक बनाने के लिए जाने जाते हैं। नरेंद्र मोदी के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। शनि देव उन लोगों पर अपनी कृपा जरूर बरसाते हैं जो मेहनत करते हैं और मोदी को एक मामूली इंसान से देश का प्रधानमंत्री बनने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी है।
मोदी की जन्मकुंडली देखें, तो उनका जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात में हुआ था और वे वृश्चिक लग्न के हैं एवं उनकी राशि वृश्चिक ही है। इस समय वृश्चिक राशि पर ढैय्या का प्रभाव चल रहा है और शायद इसी वजह से मोदी को चुनाव में बहुमत पाने के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ा। किसी को भी इस बात की उम्मीद नहीं थी कि कश्मीर में से धारा 370 हटाने के बाद और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करवाने के बाद मोदी को चुनाव में पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाएगा। शायद यह सब उनकी राशि में चल रही शनि की ढैय्या की वजह से हुआ है।
मोदी ने पिछली बार वृश्चिक लग्न में ही अपने पद की शपथ ली थी और उन्होंने इस बार भी कुछ ऐसा ही किया। वृश्चिक एक स्थिर राशि है और मोदी के जन्म लग्न की राशि भी यही है। जिस समय मोदी पीएम पद की शपथ ले रहे थे, उस समय वृश्चिक राशि पर सप्तम भाव वृषभ से गुरु, सूर्य, बुध और शुक्र की दृष्टि पड़ रही थी। वहीं शपथ ग्रहण कुंडली के लग्न भाव के स्वामी मंगल छठे भाव में स्वराशि मेष में होकर शनि की तीसरी दृष्टि से प्रताड़ित हैं। वहीं शनि की दसवीं दृष्टि शपथ ग्रहण कुंडली के लग्न भाव पर और मंगल की आठवीं दृष्टि भी इसी पर पड़ रही है। इसके अलावा मंगल शनि की तीसरी दृष्टि से पीडित है जिसकी वजह से उन्हें सरकार चलाने में दिक्कतें आएंगी।
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सफाई कर्मचारियों ने दिलवाई है शनि की कृपा
मोदी ने अपने सभी कार्यकालों में सफाई कर्मचारियों का सम्मान किया है। उन्होंने साल 2019 में कुंभ के मेले में सफाई कर्मचारियों के पैरे धोए थे। उनके इस सेवा भाव से शनि देव ने प्रसन्न होकर अपना चमत्कार दिखाया है। इसके साथ ही मोदी ने इन लोगों को अंगवस्त्र भी दिए थे। पीएम मोदी नए संसद भवन को बनाने वाले मज़दूरों से भी मिले और उन्हें अपने शपथ समारोह में आमंत्रित किया।
इसके बाद मोदी ने साल 2024 में राम मंदिर बनाने वाले कारीगरों के ऊपर पुष्प वर्षा करवाई। वैदिक ज्योतिष के अनुसार गरीबों, ज़रूरतमंदों और मज़दूर लोगों की मदद करने से शनि देव खुश होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है। मोदी के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ है कि इतनी अड़चनों का सामना करने के बाद उन्हें तीसरी बार देश की सेवा करने का मौका मिला है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. नरेंद्र मोदी की कौन सी राशि है?
उत्तर. मोदी की राशि वृश्चिक है।
प्रश्न. मोदी की जन्म तिथि क्या है?
उत्तर. 17 सितंबर 1950 को मोदी गुजरात में पैदा हुए थे।
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जुलाई में इन राशि वालों की बिगड़ सकती है सेहत, रहना होगा सतर्क जानें टैरो कार्ड से!
हर मनुष्य के भीतर अपने भविष्य को जानने की इच्छा होती है और इसके लिए, वह भिन्न-भिन्न माध्यमों का उपयोग करता हैं जिसमें ज्योतिष, अंक ज्योतिष से लेकर टैरो भी शामिल है। टैरो कार्ड्स की सहायता से किसी व्यक्ति के भविष्य और उसके जीवन में आने वाले उतार-चढ़ावों को जाना जा सकता है। इसी क्रम में, सेहत हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसके बिना हम एक खुशहाल ज़िन्दगी की कल्पना नहीं कर सकते हैं। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको टैरो कार्ड की मदद से जुलाई माह में राशि चक्र की किन राशियों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ेगा आदि के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं उन राशियों के बारे में जिन्हें सेहत को लेकर सतर्क रहना होगा।
जुलाई में ये राशियां भूलकर भी न करें अपनी सेहत को नज़रअंदाज़
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए सेहत के लिहाज़ से जुलाई का महीना थोड़ा मुश्किल रह सकता है। इस माह स्वास्थ्य में आपको फोर ऑफ वैंड्स मिला है जो संकेत दे रहा है कि यह जातक इस अवधि में अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज करते हुए दिखाई दे सकते हैं और ऐसे में, संभव है कि यह अपनी सेहत पर ध्यान न दें। इसके परिणामस्वरूप, आपको स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके विपरीत, यह कार्ड बता रहा है कि यदि यह लोग अपनी सेहत के प्रति सकारात्मक रुख अपनाते हैं, तो अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में सफल होंगे।
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मिथुन राशि
स्वास्थ्य की बात करें, तो मिथुन राशि के जातकों के लिए जुलाई माह कठिन रह सकता है। इन जातकों को स्वास्थ्य में टू ऑफ पेंटाकल्स कार्ड मिला है और यह दर्शा रहा है कि मिथुन राशि के लोगों को जुलाई के दौरान कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, आप किसी बात को लेकर चिंतित नज़र आ सकते हैं और ऐसे में, आपको स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां बनी रह सकती हैं।
सिंह राशि वालों की सेहत जुलाई के दौरान नाज़ुक रह सकती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से, इस माह के में आपको किंग ऑफ स्वॉर्ड्स प्राप्त हुआ है और यह भविष्यवाणी कर रहा है कि इस अवधि में आप तनावग्रस्त रह सकते हैं जिसका सीधा असर आपकी सेहत पर दिखाई दे सकता है और ऐसे में, आप कार्यों में अपना सर्वश्रेष्ठ देने से चूक सकते हैं इसलिए आपको डॉक्टर से सहायता लेने की सलाह दी जाती है।
वृश्चिक राशि का नाम भी उन राशियों में शामिल हैं जिन्हें जुलाई में स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना होगा। स्वास्थ्य के मामले में आपको हैंग्ड मैन मिला है जिसे आपके लिए बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यह कार्ड बता रहा है कि जुलाई 2024 में आपको स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव से जूझना पड़ सकता है। अगर आप किसी रोग से परेशान हैं या फिर आपको चोट लगी है, तो आपको पूरी तरह से स्वस्थ होने में थोड़ा समय लगने की आशंका है।
धनु राशि वालों के लिए जुलाई के महीने को ज्यादा अनुकूल नहीं कह सकते हैं क्योंकि आपको स्वास्थ्य में एट ऑफ कप्स मिला है जो कह रहा है कि इस राशि के जातक अपने आप पर संदेह करते हुए नज़र आ सकते हैं जिसके चलते आप तनाव में आ सकते हैं। ऐसे में, आपके लिए बेहतर होगा कि किसी ऐसे व्यक्ति से आप बात करें जिस पर आप विश्वास करते हो। साथ ही, इन जातकों को जुलाई के महीने में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. क्या जुलाई में सिंह राशि वालों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा?
उत्तर 1. नहीं, मिथुन राशि के जातकों को जुलाई में स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
प्रश्न 2. टैरो क्या होता है?
उत्तर 2. टैरो कार्ड एक विद्या है जिसमें कार्ड्स के माध्यम से भविष्यवाणी की जाती है।
प्रश्न 3. टैरो कार्ड रीडिंग कितना सही होती है?
उत्तर 3. टैरो कार्ड की भविष्यवाणी अधिकांश सटीक होती है।
प्रश्न 3. टैरो कार्ड्स में कितने कार्ड होते हैं?
उत्तर 3. टैरो 78 कार्ड्स का समूह होता है जिन्हें दो भागों में विभाजित किया जाता है।
इस मूलांक पर होती है सूर्य देव की कृपा, कमाते हैं खूब धन, राजा के सामान जीते हैं जीवन
कहते हैं किसी भी व्यक्ति की जन्म तारीख का उसके जीवन और व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जन्म तारीख से व्यक्ति के भविष्य के बारे में पता लगाने को अंक शास्त्र कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र की तरह अंक शास्त्र अर्थात न्यूरोलॉजी का भी अपनी एक विशेष जगह है। जिस प्रकार ज्योतिष में व्यक्ति की जन्मकुंडली को देखकर उसके भूत, वर्तमान और भविष्य के बारे में पता लगाया जाता है। ठीक उसी प्रकार न्यूरोलॉजी से भी जातक के स्वभाव और व्यक्तित्व का अंदाजा लगाया जा सकता है। व्यक्ति की जन्म तिथि को जोड़ने के बाद जो अंक आता है, वह उस व्यक्ति का जन्म मूलांक कहलाता है। यानी जिन व्यक्तियों का जन्म महीने की 1, 10, 19 और 28 तिथि को होता है। उनका मूलांक 1 होता है।
मूलांक 1 के स्वामी ग्रहों के राजा सूर्य हैं, जो जीवन शक्ति का प्रतीक और का कारक माने जाते हैं इसलिए मूलांक 1 के जातक जीवन में खूब तरक्की हासिल करते हैं और तेजी से जीवन में सफलता की ओर आगे बढ़ते हैं। इन जातकों में मेहनत करने की बहुत अधिक क्षमता होती है और ये अपनी मेहनत न कठिन प्रयासों से सफलता भी
प्राप्त करते हैं। तो आइए इसी क्रम में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि मूलांक 1 के जातकों के बारे में ख़ास बातें।
मूलांक की गणना 1 से 9 तक होती है, जो जन्म की तारीख से तय होता है। यदि आपका जन्म 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 तारीख में हुआ है तो यह आपका मूलांक होगा। वहीं यदि 9 तिथि से ज्यादा यानी 11 से 31 या अन्य हो तो दोनों अंकों का जोड़ मूलांक होता है। जैसे यदि आपका जन्म किसी महीने की 25 तारीख को हुआ है तो हम 2+5 को जोड़ेंगे। इसका कुल योग 7 होगा, जो आपका मूलांक कहलाएगा। मूलांक से व्यक्ति के व्यवहार, स्वभाव और गुण-दोष की जानकारी मिलती है। अगर आपका जन्म किसी माह की 1, 10, 19, 28 तारीख को हुआ है, तो आपका मूलांक 1 होगा।
मूलांक 1 के जातक सूर्यदेव की कृपा से पाते हैं जीवन में खूब तरक्की
बुद्धिमान होती है मूलांक 1 की महिलाएं
इस मूलांक की लड़कियां हर जगह एक लीडर के रूप में उभर कर सामने आती हैं। ये बहुत अधिक बुद्धिमान होती है। साथ ही, मेहनती भी होती हैं। करियर के क्षेत्र में इन्हें खूब सफलता प्राप्त होती है। अपने प्रयासों से ये खूब ऊंचाइयों तक जाती है और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करती है। ये काफी ऊर्जावान होती हैं और जल्दी से अपने आप को थका हुआ महसूस नहीं करती। ये कई घंटों तक लगातार काम कर सकती हैं। इन्हें राजनीति और बिजनेस के क्षेत्र में काफी जल्दी सफलता प्राप्त होती है। इनका व्यक्तित्व में आकर्षण और प्रभावशाली होता है और हर कोई आसानी से इनकी तरफ आकर्षित हो जाता है। ये लोग दोस्त आसानी से बना लेते हैं और समय आने पर दोस्त होने का फर्ज भी निभाते हैं।
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रिस्क लेने को होते हैं तैयार
इस मूलांक के लोग हर तरह का रिस्क लेने में माहिर होते हैं। ये हर चुनौतियों से लड़ने को तैयार होते हैं और घबराते नहीं हैं। इनके अंदर आत्मविश्वास भरपूर मात्रा में होता है और साहस की कमी नहीं होती है। ये हर परिस्थिति में आसानी से ढल जाते हैं। इनके अंदर निर्णय लेने की क्षमता अच्छी होती है। ये सारे फैसले खुद से करते हैं और उन्हीं फैसलों पर टिके रहते हैं। ये भविष्य में होने वाली घटनाओं का पहले ही अंदाजा लगा लेते हैं। किसी भी तरह की परेशानी से निपटने के लिए ये पहले ही तैयार हो जाते हैं। इन्हें डर कर पीछे हटने का शौक नहीं होता बल्कि ये डट कर सामना करने में विश्वास करते हैं।
इनके ऊपर माता लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है, जिस कारण इनके पास धन की कभी कमी नहीं होती। इनका जीवन सुख से बीतता है। ये भौतिक व विलासिताओं की चीजों पर खर्च करते हैं। इसके अलावा, ये धन अर्जित करने के साथ-साथ बचत करने में भी सक्षम होते हैं। ये अपने जीवन में हर तरह का सुख प्राप्त करते हैं। इन्हें लाइफ में तमाम सुख सुविधाएं प्राप्त होती हैं। ये आत्मनिर्भर होते हैं। सफलता अपने दम पर पाना चाहते हैं। इन्हें किसी का सहयोग लेना पसंद नहीं होता। ये खूब पैसा कमाते भी हैं और खुलकर खर्च करना भी इन्हें पसंद होता है लेकिन फिर भी इनकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है और आर्थिक जीवन में स्थिरता प्राप्त करते हैं।
जिद्दी होते हैं ये मूलांक के लोग
अंक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मूलांक 1 वाले जातक स्वभाव में काफी जिद्दी, हठी और स्वाभिमानी होते हैं। स्वाभिमान और जिद्द की वजह से ये लोग कई बार काम अपना काम बिगाड़ लेते हैं। मूलांक 1 वाले लोग किसी के वश में रहकर काम करना पसंद नहीं करते हैं। ये लोग खुल कर काम करना पसंद करते हैं। ये लोग नौकरी की जगह कारोबार करना पसंद करते हैं। मान्यता है कि ये लोग किसी कार्य को करने में बिल्कुल भी नहीं घबराते हैं। साथ ही अपना काम भी पूरे ईमानदारी और निष्ठा से करते हैं।
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पीला रंग इनके लिए होता है शुभ
इस मूलांक के स्वामी सूर्य हैं और ऐसे में, इन मूलांक वालों के लिए पीला रंग शुभ होता है। अंक शास्त्र के अनुसार, पीला रंग इन जातकों के जीवन को खुशियों से सराबोर कर देता है, इसलिए इन्हें सुनहरा पीला अधिक से अधिक प्रयोग में लेना चाहिए। यह रंग इस मूलांक के लोगों के लिए शुभ फल प्रदान करने वाला होता है।
किसी से भी दोस्ती जन्म तारीख देखकर नहीं की जा सकती है, जो आपकी बातों को सुने, भावनाओं को समझें। दोस्ती उससे अपने आप हो जाती है। फिर भी मूलांक एक वाले व्यक्तियों के लिए 1, 10, 19 या 28 तारीख को जन्में लोगों से मित्रता करना शुभ और फलदायी रहता है। साथ ही जिन व्यक्तियों की जन्मतिथि 22 मार्च से 28 अप्रैल और 10 जुलाई से 20 अगस्त के बीच होती है, वे लंबे समय तक दोस्ती निभाते हैं और दोस्ती में ईमानदार होते हैं।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. मूलांक 1 वाले लोग कैसे होते है?
उत्तर 1. मूलांक 1 के लोग बहुत ईमानदार होते हैं। इस मूलांक के लोग दृढ़ निश्चयी होते हैं और इन लोगों में नेतृत्त्व करने की अद्भुत क्षमता होती है।
प्रश्न 2. कौन सा मूलांक अच्छा होता है?
उत्तर 2. अंक ज्योतिष के अनुसार, मूलांक 7 काफी भाग्यशाली माना जाता है।
प्रश्न 3. 1 तारीख को जन्मे लोगों का मूलांक क्या होता है?
उत्तर 3. आपका जन्म या किसी का भी जन्म अगर किसी भी महीने की 1 तारीख तो इनका मूलांक 1 होता है।
प्रश्न 4. मूलांक 1 के स्वामी कौन हैॆ?
उत्तर 4. मूलांक 1 के स्वामी ग्रह सूर्य हैं।
29 जून से कुम्भ राशि में वक्री चाल चलेंगे शनि देव- कुंभ जातकों को होगा लाभ या नुकसान?
शनि ग्रह को अन्य सभी ग्रहों की तुलना में बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अलावा शनि ग्रह को ग्रहों का न्यायाधीश भी कहा जाता है। मान्यता है कि यह व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार फल देने के लिए जाने जाते हैं। जिन लोगों के कर्म अच्छे हैं उन्हें शनिदेव शुभ फल प्रदान करते हैं और जिन लोगों के कर्म अच्छे नहीं होते हैं उन्हें शनिदेव का प्रकोप भी झेलना पड़ता है। ग्रहों के ये न्यायाधीश अर्थात शनिदेव मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं।
अब जून के महीने में यानी 29 जून से शनि अपनी ही राशि कुंभ में वक्री चाल चलने वाले हैं। वक्री चाल का अर्थ होता है जब भी कोई ग्रह उल्टी चाल शुरू करते हैं। बात करें शनि ग्रह की तो यह 29 जून को रात 11:40 पर वक्री हो जाएंगे। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि क्योंकि शनि देव कुंभ राशि में ही स्थित हैं और यहीं पर उनकी वक्री चाल प्रारंभ होने वाली है ऐसे में शनि वक्री का सबसे गहरा असर कुंभ जातकों पर देखने को मिलेगा।
हमारे इस खास ब्लॉग के माध्यम से आज हम जानेंगे वक्री शनि का सभी राशियों पर क्या असर पड़ेगा और वक्री शनि के प्रकोप से बचने के लिए क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं।
वक्री शनि- क्या रहेगा कुंभ राशि के जातकों पर प्रभाव?
सबसे पहले बात करें कुंभ राशि के जातकों की तो जैसा कि हमने पहले भी बताया कि कुंभ शनि की अपनी राशि है। स्वराशि में ही शनि का वक्री होना कुंभ जातकों को किस्मत का साथ दिलाएगा। इस राशि के जातकों को हर काम में सफलता मिलेगी, कहीं आकस्मिक रूप से धन प्राप्त हो सकता है, आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और इस राशि के व्यापारी जातकों को अपार लाभ मिलेगा।
मौजूदा समय में शनि के कुंभ राशि में होने से मकर राशि, कुंभ राशि और मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव चल रहा है। कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण है, मकर राशि पर आखिरी चरण है और मीन राशि पर इसका पहला चरण चल रहा है।
ऐसे में साढ़ेसाती के प्रभाव से शनि के वक्री होने से इन राशि के जातकों को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानियां उठानी पड़ सकती है।
शनि की ढैया का प्रभाव
इसके अलावा कर्क राशि और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैया का प्रभाव चल रहा है।
विशेष रूप से इन पांच राशियों को शनि के प्रकोप से बचने के लिए शनि से संबंधित कुछ विशेष उपाय करने की सलाह दी जा रही है। जैसे की रोजाना दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करें।
शनि से संबंधित वस्तुओं का जरूरतमंद लोगों को दान करें।
किसी भी गरीब व्यक्ति को परेशान ना करें।
काले कुत्तों को रोटियां खिलाएं।
अपने कर्म हमेशा अच्छे रखें।
किसी से छल, कपट या झूठ ना बोलें।
कुंडली में शनि का प्रभाव
हिन्दू ज्योतिष में शनि ग्रह को आयु, दुख, रोग, पीड़ा, विज्ञान, तकनीकी, लोहा, खनिज तेल, कर्मचारी, सेवक, जेल आदि का कारक माना जाता है। जब यह किसी राशि में प्रतिकूल स्थिति में होते हैं तो ऐसे में यह व्यक्ति को उपरोक्त क्षेत्रों में कमी देने लगते हैं। शनि वक्री होने के परिणाम स्वरुप आर्थिक और स्वास्थ्य मोर्चे पर भी नकारात्मक प्रभाव नज़र आ सकते हैं।
इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में शनि जिस भी घर में मौजूद होते हैं उस घर को ठीक रखते हैं और जिस भी घर पर दृष्टि डालते हैं वहां तकलीफ हो सकती है। शनि का वक्री होकर कुंडली में गोचर करना उसके भाव और स्थान के मुताबिक परिणाम देता है।
जैसा कि हमने पहले भी बताया कि शनि को कर्म फल दाता ग्रह कहा जाता है। ऐसे में शनि मेहनत करने वाले, सही काम करने वालों को, सफलता देते हैं और वहीं आलसी लोगों को, गलत काम करने वाले लोगों को, इसके दुष्परिणाम भी उठाने पड़ सकते हैं। शनि के वक्री होने के चलते जलवायु पर भी असर दिखेगा, कई जगहों पर तूफान के साथ खूब वर्षा होगी और इससे फसल भी खराब हो सकती है।
सबसे पहले वक्री का अर्थ जान लें तो, जब भी कोई ग्रह उल्टी चाल चलता है तो इस वक्री कहा जाता है। खगोलीय दृष्टि से शनि ग्रह के वक्री होने का मतलब यह होता है कि इसका अपने परिक्रमण मार्ग पर विपरीत दिशा में या पीछे की ओर बढ़ता हुआ नजर आना।
भौगोलिक रूप से बात करें तो शनि की गति की दिशा में कोई परिवर्तन नहीं होता है। जब भी कोई ग्रह वक्री होता है तो यह पृथ्वी के काफी नजदीक मौजूद होता है इसीलिए उसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। यही वजह है कि कुछ राशियों के लिए वक्री ग्रहों का होना फायदेमंद साबित होता है तो वहीं कुछ राशियों को इसके नकारात्मक प्रभाव झेलने पड़ते हैं।
अब शनि जब 139 दिनों के लिए वक्री अवस्था में जा रहे हैं तो निश्चित रूप से इसका भी कुछ राशियों पर सकारात्मक प्रभाव दिखेगा तो कुछ राशियों को इससे परेशानियां उठानी पड़ सकती है।
अधिक जानकारी: इस साल अर्थात साल 2024 में शनि का गोचर नहीं हुआ है लेकिन 11 फरवरी 2024 को शनि का परिवर्तन अवश्य हुआ था। इस दौरान शनि कुंभ राशि में अस्त हो गए थे। इसके बाद 18 मार्च को कुंभ राशि में ही शनि उदित हो गए और अब 29 जून 2024 को कुंभ राशि में शनि वक्री होने जा रहे हैं।
शनि का राशि परिवर्तन मार्च 2025 में होगा। मार्च में शनि की राशि परिवर्तन से मेष राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू होगी। मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती 03 जुलाई 2024 तक रहेगी फिर इसके बाद ही इनको इससे राहत मिलेगी। साल 2027 से वृषभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का पहला चरण आरंभ होगा जो 2034 में जाकर खत्म होगा।
इसके अलावा मिथुन राशि पर साढे़साती 08 अगस्त 2029 से शुरू हो जाएगी और फिर साल 2036 तक चलेगी। कर्क राशि वालों पर साढ़ेसाती 31 मई 2032 से शुरू होगी और 22 अक्टूबर 2038 को जाकर खत्म होगी। इस तरह के आने वाले 10 से 15 वर्षों में कुंभ, मीन, मेष, वृषभ ,मिथुन और कर्क राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का असर नज़र आने वाला है।
हालांकि इससे डरने या घबराने की आवश्यकता नहीं है। अगर आपकी राशि पर भी शनि का प्रकोप बना हुआ है तो आप अभी विद्वान ज्योतिषियों से जुड़करइसके निवारण के उपाय जान सकते हैं। या अगर आपको अपनी कुंडली में शनि की स्थिति जाननी है तो इसके लिए आप शनि रिपोर्ट की मदद ले सकते हैं।
अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं स्वराशि कुंभ में शनि वक्री होकर के आपकी राशि को किस तरह से प्रभावित करेंगे। यहां पर यह सभी 12 राशियों का विस्तृत गोचर फल और संबंधित उपाय दिये जा रहे हैं।
कुंभ राशि में शनि वक्री- राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
उत्तर: शनि ग्रह की 29 जून को रात 11:40 पर कुम्भ राशि में वक्री हो जाएंगे।
प्रश्न 2: किन राशियों पर शनि की ढैया चल रही है?
उत्तर: कर्क राशि और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैया का प्रभाव चल रहा है।
प्रश्न 3: शनि की साढ़ेसाती किन राशियों पर है?
उत्तर: मौजूदा समय में शनि के कुंभ राशि में होने से मकर राशि, कुंभ राशि और मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव चल रहा है।
प्रश्न 4: शनि वक्री का कुम्भ राशि पर क्या असर पड़ेगा?
उत्तर: स्वराशि में ही शनि का वक्री होना कुंभ जातकों को किस्मत का साथ दिलाएगा। इस राशि के जातकों को हर काम में सफलता मिलेगी और आकस्मिक रूप से धन प्राप्त हो सकता है।
चंद्र की राशि में बुध के प्रवेश से, किन राशियों का होगा भाग्योदय और किनकी बढ़ेंगी परेशानियां?
बुध का कर्क राशि में गोचर: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के राजकुमार बुध देव को विशेष दर्जा प्राप्त है और इनका वर्णन हिंदू धर्म सहित कई पौराणिक ग्रंथों में मिलता है। साथ ही, बुध महाराज का वर्णन 5वीं शताब्दी में आर्यभट्ट द्वारा रचित संस्कृत ग्रंथ “आर्यभटीय” में भी किया गया है। अब बुध ग्रह कर्क राशि में गोचर करने जा रहे हैं और इनके राशि परिवर्तन का असर सभी 12 राशियों पर भिन्न-भिन्न तरीके से पड़ता है। साथ ही, इस गोचर का सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव शेयर बाजार के साथ-साथ देश दुनिया पर भी दिखाई देगा। ऐसे में, बुध का कर्क राशि में गोचर आपकी राशि को किस तरह के परिणाम देगा? यह जानने के लिए शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और जानते हैं बुध गोचर का सभी राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा और इसके अशुभ प्रभावों से कैसे बचा जा सकता हैं।
वैदिक ज्योतिष में बुध देव को एक अत्यंत शुभाशुभ ग्रह माना गया है जो ग्रहों की संगति के अनुसार ही परिणाम देते हैं इसलिए जब भी बुध की चाल, दशा या स्थिति में बदलाव होता है, तो यह संसार में अच्छे-बुरे दोनों तरह के फल प्रदान करते हैं। इसके अलावा, बुध को बुद्धि, व्यापार, तर्कशक्ति, तार्किक क्षमता और शेयर बाजार के कारक ग्रह भी माना जाता है।
बुध का कर्क राशि में गोचर: तिथि और समय
बुध ग्रह को सबसे तेज़ गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है इसलिए यह एक राशि में बेहद कम समय के लिए रहते हैं। बुध 29 जून 2024 की दोपहर 12 बजकर 13 मिनट पर कर्क राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि कर्क के स्वामी ग्रह चंद्र देव हैं और यह बुध देव के शत्रु माने गए हैं। ऐसे में, बुध ग्रह का गोचर अपनी शत्रु राशि में होने जा रहा है। इस प्रकार, बुध का कर्क राशि में गोचर राशियों समेत विश्व को निश्चित रूप से प्रभावित करेगा।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
बुध ग्रह का ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिष शास्त्र में बुद्धि एवं वाणी के कारक ग्रह के रूप में बुध को एक लाभकारी ग्रह का दर्जा प्राप्त है। साथ ही, यह संवाद, चतुरता, मित्र और गणित आदि को भी नियंत्रित करते हैं। वहीं, कुंडली में बुध महाराज तीसरे और छठे भाव पर शासन करते हैं जबकि राशि चक्र में इन्हें मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व प्राप्त है। बुध ग्रह कन्या राशि में उच्च के और मीन में नीच होते हैं। यह प्रत्येक राशि में तक़रीबन 24 दिनों तक रहते हैं।
नक्षत्रों की बात करें तो, बुध ग्रह अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र के अधिपति देव हैं। हालांकि, नवग्रहों में इनके सूर्य और शुक्र के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध है, तो चंद्रमा और केतु बुध के शत्रु माने गए हैं जबकि यह मंगल, बृहस्पति और शनि के साथ तटस्थ संबंध रखते है। इसके विपरीत, सप्ताह में बुध ग्रह को बुधवार का दिन समर्पित होता है और इन्हें रंगों में हरा रंग अत्यंत प्रिय हैं। बता दें कि बुध ग्रह को रौहिनेया, तुंगा सौम्य (चंद्रमा के पुत्र) आदि नामों से जाना जाता है। ग्रीस की पौराणिक कथाओं में बुध ग्रह हेमीज़ को दर्शाते हैं।
वैज्ञानिक दृष्टि से बुध ग्रह का महत्व
बुध ग्रह को सौरमंडल में सबसे छोटा और तीव्र गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है जो कि सूर्य के सबसे निकट स्थित है। जहां बुध की सतह चट्टान की तरह ठोस है, तो वहीं इसका वायुमंडल हीलियम, हाइड्रोजन, सोडियम पोटेशियम और ऑक्सीजन आदि से मिलकर बना है। हालांकि, बुध ग्रह के पास अपना कोई चंद्रमा नहीं है इसलिए इस ग्रह पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है।
बुध ग्रह मनुष्य जीवन को अच्छे या बुरे दोनों तरह से प्रभावित करता है। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कुंडली में बुध मज़बूत होने के लक्षण।
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध देव बलवान या शुभ होते हैं, तो जातक को अपने जीवन में अनेक तरह के लाभ की प्राप्ति होती है। आइए नज़र डालते हैं बुध के मजबूत होने के लक्षणों पर।
बुध महाराज के आशीर्वाद से जातक का संचार कौशल शानदार होता है और वह अपनी वाणी से दूसरों को प्रभावित करने में सक्षम होते हैं।
जिन लोगों की कुंडली में बुध देव की स्थिति मजबूत होती है, वह ट्रेडिंग में माहिर होते हैं और इसके माध्यम से अपार लाभ प्राप्त करते हैं।
बुध देव शुभ स्थिति में होने पर जातक को विश्लेषणात्मक कौशल और तेज़ बुद्धि जैसे गुण प्रदान करते हैं।
अगर किसी जातक की कुंडली में बुध बलवान होते हैं, तो जातक तर्कसंगत और राजनीति में बेहद कुशल होता है। साथ ही, ऐसे जातकों का झुकाव सभी तरह के विषयों को सीखने में होती है और वह उसमें महारत भी हासिल करता है।
व्यक्तित्व की बात करें, तो बुध ग्रह के कुंडली में शुभ स्थिति में होने पर जातक शारीरिक रूप से बेहद सुंदर एवं आकर्षक होते हैं। ऐसे लोग अपनी वास्तविक उम्र से कम आयु के ही दिखाई देते हैं और इनकी आँखों में चमक होती है। साथ ही, आवाज़ एकदम पतली होती है।
मनुष्य शरीर में बुध ग्रह त्वचा, पित्ताशय, तंत्रिका तंत्र, जीभ, बाल, छाती और चेहरे आदि को नियंत्रित करते हैं।
बुध के शुभ प्रभाव से जातक अच्छा वक्ता, प्रवक्ता, अधिकारी, बीमा एजेंट और बहुभाषी आदि बनता है।
बुध ग्रह के कमजोर होने के कुछ संकेत
ज्योतिषियों के मतानुसार, कुंडली में बुध ग्रह के कमजोर होने पर व्यक्ति को अपने जीवन में अनेक समस्याओं या परेशानियों का सामना करना पड़ता है जो कि इस प्रकार है:
अगर किसी मनुष्य की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से समस्याओं से जूझना पड़ता है।
कुंडली में बुध कमजोर होने पर जातक को बातचीत करने और अपने विचारों को दूसरों के सामने रखने में परेशानी का अनुभव होता है।
कमजोर बुध के अशुभ प्रभाव की वजह से व्यक्ति के पद-प्रतिष्ठा, मान सम्मान और यश बल में कमी आती है।
जिन जातकों का बुध कमजोर होता है, वह स्वभाव से चतुर और मूडी होते हैं। साथ ही, इनमें धोखा या छलकपट की प्रवृत्ति देखने को मिलती है।
साथ ही, व्यक्ति की भाषण देने और बातचीत करने की क्षमता प्रभावित होती है।
कुंडली में बुध को मज़बूत करने के लिए अवश्य करें ये उपाय
प्रतिदिन मस्तक पर सफेद चंदन का तिलक करने से बुध ग्रह मजबूत होते हैं।
कुंडली में बुध को मजबूत बनाने के लिए जातक को चार मुखी या दस मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। लेकिन, इसके लिए पहले किसी ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।
गाय को हरा चारा या हरी सब्जियां जैसे पालक, सोया मेथी आदि खिलाएं।
बुधवार के दिन बुध ग्रह के लिए व्रत करें। ऐसा करने से कुंडली में बुध मज़बूत होते हैं।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध कुपित होता है, तो आप विद्वान एवं अनुभवी ज्योतिषियों की सलाह पर आप पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं।
कमजोर बुध को बलवान करने के लिए भगवान गणेश की उपासना करना फलदायी रहता है। साथ ही, नीले फूल, साबुत मूंग और हरे रंग के वस्त्रों का दान करें।
बुध महाराज से शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नियमित रूप से बुध के बीज मंत्र और गायत्री मंत्र का जाप करें। बुध का बीज मंत्र “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” और गायत्री मंत्र “ॐ सौम्य-रूपाय विदमहे वाणेशाय धीमहि तन्नो सौम्यः प्रचोदयात्”।
बुध का कर्क राशि में गोचर: राशि अनुसार राशिफल
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। करियर के लिहाज़ से. अगर आप नौकरी… (विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। करियर की बात करें, तो आपसे मौजूदा नौकरी में कुछ… (विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध महाराज आपके लग्न और चौथे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। करियर को देखें, तो आपको नए अवसरों की प्राप्ति होगी… (विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए बुध देव आपके बारहवें और तीसरे भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके पहले/लग्न भाव में गोचर करने जा रहे हैं। करियर की दृष्टि से, अगर आप नौकरी करते हैं, तो उनके लिए… (विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
सिंह राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज आपके दूसरे भाव और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके बारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, बुध के इस गोचर के दौरान आपकी सुख… (विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध महाराज आपके दसवें और लग्न भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, आपके जीवन में सब कुछ बिना… (विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि के जातकों के लिए बुध आपके बारहवें और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब बुध का कर्क राशि में गोचर आपके दसवें भाव में होने जा रहा है। बुध की इस स्थिति की वजह से आपका ज्यादातर समय… (विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों की कुंडली में बुध देव आपके ग्यारहवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, हो सकता है कि इस समय इन जातकों को… (विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके सातवें भाव और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, आपको कार्यस्थल पर… (विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों की कुंडली में बुध आपके छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बुध के इस राशि परिवर्तन की वजह से इन लोगों को…(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए बुध महाराज आपकी कुंडली में पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब गोचर करके आपके छठे भाव में जा रहे हैं। इस वजह से आपको कार्यों में देरी…(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
मीन राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज आपके चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके पांचवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बुध का कर्क राशि में गोचर आपके इस भाव में होने से… (विस्तार से पढ़ें)
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. बुध कितने दिन में अपनी राशि बदलते हैं?
उत्तर 1. बुध ग्रह लगभग 24 दिनों में अपना राशि परिवर्तन करते हैं।
प्रश्न 2. कर्क राशि में बुध का गोचर कब होगा?
उत्तर 2. बुध देव 29 जून 2024 को कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
प्रश्न 3. कुंडली में बुध के मज़बूत होने पर क्या होता है?
उत्तर 3. बुध के मज़बूत होने पर जातक बुद्धिमान और संचार कौशल शानदार होता है।
अनंत कालसर्प दोष बन रहा है, तो 43 दिनों तक कर लें ये उपाय, जिंदगी की हर परेशानी होगी दूर
कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर कई शुभ एवं अशुभ योग का निर्माण होता है। ये योग बनने से लोगों के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। कुंडली में बनने वाले कुछ अशुभ योगों में से एक अनंत कालसर्प दोष भी है और आज इस ब्लॉग में हम आपको इसी योग के बारे में बताने जा रहे हैं।
ज्योतिष के अनुसार किसी भी व्यक्ति की कुंडली में अनंत कालसर्प दोष बन सकता है। सभी सातों ग्रहों के राहु और केतु से घिरे होने पर यह दोष बनता है।
इसके अलावा इस दोष की वजह से जातक की आर्थिक स्थिति में गिरावट आती है और उसके स्वास्थ्य एवं संपत्ति के लिए गंभीर स्थितियां उत्पन्न होती हैं।
कुंडली में जब राहु और केतु सातवें भाव में होते हैं और बाकी सभी ग्रहों को राहु-केतु ने घेर रखा हो।
क्या परेशानियां आती हैं
यदि किसी की कुंडली में अनंत कालसर्प दोष हो, तो इसकी वजह से व्यक्ति के स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है।
व्यक्ति को कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है। इस दोष के दुष्प्रभाव की वजह से व्यक्ति को मृत्यु जैसा एहसास होता है और उसे करियर एवं बिज़नेस में भी नुकसान उठाना पड़ता है।
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क्या करें उपाय
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में अनंत कालसर्प दोष बन रहा हो, तो उस व्यक्ति को अपने जीवन में हर क्षेत्र में संघर्ष करना पड़ता है, उन्हें अपनी मेहनत का फल नहीं मिल पाता है और पैसों की तंगी भी बनी रहती है। इसके साथ ही काम बनते-बनते भी बिगड़ जाते हैं और सेहत पर भी इसका खराब असर पड़ता है। इससे बचने के लिए 43 दिनों तक रांगा नाम की धातु के एक टुकड़े का जल प्रवाहित कर दें। इस उपाय को करने के बाद आपको ज़रूर राहत मिलेगी।
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टैरो से जानें, जुलाई का महीना किन राशियों के प्रेम जीवन में लेकर आएगा भूचाल!
टैरो कार्ड का उपयोग सदियों से भविष्य को जानने के लिए किया जाता रहा है जिसके अंतर्गत कार्ड्स की सहायता से किसी मनुष्य के भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। टैरो कार्ड का इस्तेमाल भाग्य बताने के उपकरण के रूप में होता है जो किसी व्यक्ति को वर्तमान, अतीत और भविष्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको टैरो कार्ड की सहायता से बताने जा रहा है कि यह महीना राशि चक्र की किन राशियों के प्रेम जीवन के लिए उठा-पटक से भरा रहने वाला है और क्या है उन राशियों में आपकी राशि भी शामिल है? इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस ब्लॉग में मिलेंगे। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं उन राशियों के बारे में।
जुलाई का महीना इन 4 राशियों के प्रेम जीवन के लिए रहेगा मुश्किल
मेष राशि
मेष राशि वालों के प्रेम जीवन के लिए जुलाई का महीना कठिन रह सकता है क्योंकि इन लोगों को लव लाइफ में फाइव ऑफ पेंटाकल्स मिला है जो बता रहा है कि इस राशि के जातक अगर पहले से किसी रिलेशनशिप में हैं, तो प्रबल संभावना है कि इस महीने आपको ब्रेकअप के दर्द से गुजरना पड़ सकता है। दूसरी तरफ, मेष राशि के सिंगल जातक पार्टनर की तलाश को छोड़कर अकेलेपन के अंधेरे में निराश और हताश नज़र आ सकते हैं। साथ ही, अगर आप रिलेशनशिप में हैं, तो आपको अपने रिश्ते में भावनाओं की कमी महसूस हो सकती है।
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वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के प्रेम जीवन के लिए जुलाई माह ज्यादा ख़ास नहीं रहने की आशंका है। इस महीने आपको प्रेम जीवन में सेवन ऑफ स्वॉर्ड्स प्राप्त हुआ है जो दर्शा रहा है कि इस राशि के जातकों का दिल जुलाई के माह में झूठ या बेवफाई की वजह से टूट सकता है। वृषभ राशि वालों के मन में यह बात आ सकती है कि आपका साथी शायद आपको धोखा दे रहा हो। इसी क्रम में, इन लोगों के सामने अपने साथी का कोई बड़ा सच आ सकता है जिसका सामना करना आपको मुश्किल लग सकता है।
कर्क राशि वालों के प्रेम जीवन के लिए भी जुलाई का महीना ज्यादा अच्छा नहीं कहा जा सकता है। इस महीने आपको लव लाइफ में द मून कार्ड मिला है और यह नकारात्मकता का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में, जुलाई 2024 के दौरान आपके रिश्ते में गलतफहमियां जन्म ले सकती हैं। संभव है कि जैसा आप सोच रहे हैं, असल में वैसा कुछ न हो। अगर आप किसी भी बात को गहराई से जानना चाहते हैं, तो आपको अपने मन के साथ-साथ दूसरों के मन में भी झांकना होगा।
मीन राशि के जातकों का नाम भी उन राशियों में आता है जिनके प्रेम जीवन के लिए जुलाई माह शुभ नहीं रहने की आशंका है। इन जातकों को जुलाई में अपनी लव लाइफ के लिए द टॉवर कार्ड मिला है जो बता रहा है कि यह महीना आपके रिश्ते में दरार लेकर आने का काम कर सकता है और ऐसे में, आपको रिश्ते में प्रेम की कमी का आभास हो सकता है। इस दौरान आप दोनों के बीच होने वाली छोटी-छोटी बातें एक बड़े विवाद का रूप धारण कर सकती हैं, उस समय आप यह सोचने के लिए मजबूर हो सकते हैं कि क्या यह रिश्ता आपके लिए सही है या नहीं। हम आपको इस इस रिश्ते से बाहर निकलकर आगे बढ़ने की सलाह देते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. यह सप्ताह क्या मेष राशि वालों के लिए अच्छा रहेगा?
उत्तर 1. मेष राशि के जातकों के प्रेम जीवन के लिए यह अवधि उत्तम रहेगी।
प्रश्न 2. क्या टैरो से भविष्य जाना जा सकता है?
उत्तर 2. हाँ, टैरो कार्ड्स के माध्यम से किसी व्यक्ति की भविष्यवाणी की जा सकती है।
प्रश्न 3. क्या टैरो अशुभ है?
उत्तर 3. नहीं, टैरो अशुभ नहीं है और यह भविष्य बताने की एक आध्यात्मिक एवं प्राचीन विद्या है।
2025 में मेष राशि की शुरू होगी शनि की साढ़ेसाती, इन बातों का ध्यान नहीं रखा तो बर्बाद हो जाएंगे
शनि उन ग्रहों में से एक हैं जो बहुत धीमी चाल चलते हैं। एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में शनि देव ढ़ाई साल का समय लेते हैं। शनि के गोचर करने पर किसी राशि में शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती समाप्त हो जाती है, तो वहीं किसी राशि में इसकी शुरुआत होती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति के जीवन में एक बार शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती जरूर आती है।
वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को एक विशेष स्थान दिया गया है। इन्हें अशुभ ग्रह कहा जाता है लेकिन सत्य तो यह है कि शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। 29 मार्च, 2025 को शनि कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। मीन राशि में शनि के आने से मेष राशि के लोगों के लिए शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।
शनि की साढ़ेसाती लगने पर जातक को अपने जीवन में कई तरह की समस्याओं और अड़चनों का सामना करना पड़ता है और मेष राशि के लोगों के साथ भी कुछ ऐसा ही होने वाला है। इस ब्लॉग में आगे बताया गया है कि मेष राशि के जातकों को शनि की साढ़ेसाती के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
मेष राशि के लोग रहें संभलकर
अगले साल मार्च से आपको साढ़ेसाती के दौरान धन के मामले में थोड़ा संभलकर रहने की ज़रूरत है। आप ज्यादा खर्चा न करें और पैसों की बचत पर भी ध्यान दें। वाद-विवाद से दूर रहने की कोशिश करें। इस समय आपको किसी पर भी भरोसा नहीं करना है। पैसों के लेन-देन को लेकर भी सावधान रहने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा आप अपनी सेहत का ख्याल रखें।
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शनि की साढ़ेसाती क्या है
जब शनि देव किसी राशि के दूसरे और बारहवें भाव या राशि में गोचर करते हैं, तब उस राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाती है। शनि की साढ़ेसाती का असर तीन चरणों में होता है और ये तीन चरण ढ़ाई-ढ़ाई साल के लिए होते हैं। इस प्रकार साढ़ेसाती की पूरी अवधि साढ़े सात साल में पूरी होती है। साढ़ेसाती का समय बहुत कष्टकारी होता है।
शनि ग्रह सूर्य देव और छाया के पुत्र हैं और यमुना इनकी बहन एवं यमराज इनका भाई है। शनि की साढ़ेसाती की गणना चंद्र राशि के आधार पर की जाती है और इस ग्रह का रंग नीला है। शनि देव के बारे में एक बात प्रचलित है कि वो व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर ही फल देते हैं। अगर आप अच्छे कर्म करेंगे, तो शनि देव आपके जीवन में सकारात्मक परिणाम देंगे लेकिन अगर आप गलत कामों में लिप्त रहते हैं, तो आपको शनि देव का प्रकोप झेलना पड़ सकता है।
साढ़ेसाती के दौरान व्यक्ति को कई तरह की बाधाओं और अड़चनों का सामना करना पड़ता है। इनके कार्य पूरे नहीं हो पाते हैं और बहुत प्रयास करने के बाद भी उन्हें मुश्किल से ही सफलता मिल पाती है। हालांकि, कुछ ज्योतिषीय उपायों की मदद से शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
शनि की साढ़े साती के बुरे प्रभाव को कम करने के उपाय
अगर आपकी शनि की साढ़ेसाती चल रही है और इसकी वजह से आपको अपने जीवन में कई कष्टों का सामना करना पड़ रहा है, तो इससे छुटकारा पाने के लिए आप निम्न ज्योतिषीय उपाय कर सकते हैं:
शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करें।
शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करना भी लाभकारी होता है।
आप अपने दाएं हाथ की मध्यमा उंगली में लोहे की अंगूठी पहनें। ये अंगूठी घोड़े की नाल से बनी होनी चाहिए।
शनिवार के दिन शनि देव को तांबा और तिल का तेल अर्पित करें।
काली चींटियों को शहद और चीनी खिलाने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं।
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जुलाई में दो बार होगा शुक्र का गोचर, तीन राशियां होने वाली हैं मालामाल
ज्योतिषशास्त्र में ग्रहों के गोचर को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। जब कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो उस दौरान मानव जीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। इस बार जुलाई के महीने में शुक्र ग्रह दो बार गोचर करने जा रहे हैं और उनके इस राशि परिवर्तन से सभी लोगों का जीवन प्रभावित होगा।
शुक्र पहले तो 07 जुलाई को चंद्रमा की राशि कर्क में 04 बजकर 15 मिनट पर प्रवेश करेंगे। इसके बाद 11 जुलाई को कर्क राशि में ही शुक्र का उदय होगा और फिर इसके बाद शुक्र 31 जुलाई को सिंह राशि में गोचर करेंगे। इस प्रकार जुलाई के महीने में शुक्र का दो बार गोचर हो रहा है। इस गोचर का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा लेकिन कुछ राशियां ऐसी हैं जिनकी इस दौरान किस्मत चमक सकती है।
इस ब्लॉग में हम आपको बता रहे हैं कि शुक्र के इन दो गोचरों से किन राशियों के लोगों को सबसे ज्यादा लाभ मिलने की संभावना है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
इन राशियों की खुलेगी किस्मत
कर्क राशि
शुक्र के गोचर से लाभान्वित होने वाली राशियों में कर्क राशि का नाम भी शामिल है। शुक्र आपके लग्न भाव में ही गोचर करेंगे। इस समय आपको अपने जीवन में अपार सफलता मिलने के योग हैं। आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा और आप पैसों की बचत करने में भी सफल होंगे। आपको अपने कार्यों में अपने परिवार का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।
आपको अचानक धन लाभ होने के संकेत हैं। नौकरीपेशा जातकों के लिए पदोन्नति के योग बन रहे हैं। आपको नौकरी में आर्थिक लाभ हो सकता है। इससे आप काफी संतुष्ट महसूस करेंगे। आपके संचार कौशल में वृद्धि होगी और आप अपनी बातों से लोगों को आसानी से प्रभावित कर पाएंगे।
शुक्र आपकी राशि के चौथे और पांचवे भाव में गोचर करेंगे। आपको अपने जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुख प्राप्त होंगे। इसके साथ ही आप अपने लिए वाहन या प्रॉपर्टी आदि भी खरीद सकते हैं। रियल एस्टेट से जुड़े लोगों के लिए मुनाफे के योग बन रहे हैं। आपको धन लाभ होने की प्रबल संभावना है।
समाज में आपका मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ेगी। आपकी सुख-सुविधाओं में भी बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।
तुला राशि के दसवें और आय के भाव में शुक्र का गोचर होगा। इस समय आपको लाभ ही लाभ मिलने वाला है। व्यापारियों के लिए बहुत अच्छा समय है। आपको मुनाफा कमाने के कई शानदार मौके मिलेंगे। आप जमीन-जायदाद खरीद सकते हैं। प्रॉपर्टी में निवेश के योग भी बन रहे हैं। नौकरीपेशा जातकों को अपनी मेहनत का फल मिल सकता है।
यदि आप नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो अब आपको अच्छी नौकरी मिल सकती है। व्यापारियों के लिए भी अनुकूल समय है।
यदि कुंडली में शुक्र मज़बूत हो, तो व्यक्ति अपने जीवन में संतुष्ट रहता है और उसका स्वास्थ्य उत्तम एवं दिमाग मज़बूत रहता है। शुक्र जातक को सुख और आनंद प्राप्त करने में मदद करता है। ये लोग खुशहाल और आरामदायक जीवन जीते हैं। ये खूब पैसा कमाते हैं और आराम से जिंदगी जीते हैं।
वहीं, अगर शुक्र की किसी पाप ग्रह जैसे कि राहु या केतु और मंगल के साथ युति हो जाए, तो व्यक्ति को अड़चनों और संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। मंगल के साक होने पर व्यक्ति आवेगी और गुस्सैल बन जाता है। वहीं राहु-केतु के साथ होने पर व्यक्ति को त्वचा से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं, उसे अच्छी नींद नहीं आ पाती है और बहुत ज्यादा सूजन रहती है।
हालांकि, बृहस्पति जैसे शुभ ग्रह के साथ होने पर जातक को अपने बिज़नेस, ट्रेड में फायदा होता है। वह खूब पैसा कमाता है और उसकी आमदनी के मार्ग प्रशस्त होते हैं।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. शुक्र का गोचर कितने दिनों का होता है?
उत्तर. शुक्र लगभग 23 दिनों में गोचर करते हैं।
प्रश्न. शुक्र कर्क राशि में कब आएंगे?
उत्तर. शुक्र कर्क राशि में 07 जुलाई को प्रवेश करेंगे।
प्रश्न. शुक्र सिंह राशि में कब प्रवेश करेंगे?
उत्तर. शुक्र 31 जुलाई को इस राशि में आएंगे।
प्रश्न. शुक्र ग्रह को मज़बूत करने के लिए क्या करना चाहिए?
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मासिक अंक फल जुलाई 2024: सभी मूलांक के जातकों को कैसे मिलेंगे इस महीने परिणाम? जानें!
अंक ज्योतिष के अनुसार, जुलाई का महीना साल का सातवां महीना होने के कारण अंक 7 का प्रभाव लिए होता है। यानी कि इस महीने पर केतु ग्रह का अधिक प्रभाव रहने वाला है। आपको बता दें कि इस साल का अंक 8 है, ऐसे में जुलाई 2024 के महीने पर केतु और शनि के अलावा शुक्र का भी प्रभाव रहने वाला है। हालांकि मूलांक के अनुसार अलग-अलग लोगों पर केतु, शनि और शुक्र का अलग-अलग असर पड़ेगा लेकिन जुलाई 2024 का महीना सामान्य तौर पर धर्म, आध्यात्म, संत निंदा, स्त्री संबंधित मामलों व कम्यूटर जगत से जुड़े मामलों के जाना जा सकता है। किसी कथा वाचक या मोटिवेशनल स्पीकर पर गंभीर आरोप भी देखने को मिल सकते हैं। आइए जानते हैं कि आपके मूलांक के लिए जुलाई 2024 का महीना कैसा रहेगा;
यदि आप किसी महीने की 1, 10, 19 या फिर 28 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 1 होगा और मूलांक 1 के लिए जुलाई का महीना क्रमशः 7, 8, 6, 2 और 1 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। ऐसे में जुलाई का महीना आपको एवरेज या एवरेज से कुछ हद तक बेहतर परिणाम भी दे सकता है। इस महीने सर्वाधिक प्रभावित करने वाला अंक 7 आपके मूलांक 1 के साथ अच्छे संबंध रखता है। लिहाजा ज्यादातर परिणामों में आप आगे रह सकते हैं लेकिन 8 और 6 के अंक इस महीने आपका विरोध कर सकते हैं। बाकी के अंक आपके फेवर में है। यही कारण है कि आप ज्यादातर मामलों में अनुकूल परिणाम प्राप्त कर सकेंगे लेकिन कुछ एक मामलों में कठिनाइयां भी देखने को मिल सकती हैं।
बीच-बीच में कुछ ऐसी सिचुएशन निर्मित हो सकती है जिससे आपकी स्पीड धीमी हो जाए। अतः किसी भी काम को कंप्लीट करने के लिए थोड़ा सा एक्स्ट्रा टाइम लेकर के चलना ज्यादा अच्छा रहेगा। इस महीने धर्म-कर्म या धार्मिक मामलों को लेकर किसी भी प्रकार की गलत टिप्पणी उचित नहीं रहेगी। किसी भी व्यक्ति पर बहुत अधिक विश्वास कर लेना भी उचित नहीं रहेगा। बेहतर होगा अच्छी तरह चिंतन मंथन करके कोई निर्णय लिया जाय तो परिणाम अच्छे रह सकते हैं। अर्थात यह महीना आपको काफी हद तक अनुकूल परिणाम दे सकता है। बशर्ते अनुभवों से सीखते हुए तर्क और तात्कालिक बुद्धि का प्रयोग करके आप काफी हद तक अनुकूल परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।
उपाय: गुरुवार के दिन मंदिर में चने की दाल का दान करना शुभ रहेगा।
मूलांक 2
यदि आप किसी महीने की 2, 11, 20 या फिर 29 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 2 होगा और मूलांक 2 के लिए जुलाई का महीना क्रमशः 8, 7, 6, 2 और 1 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। यह महीना सामान्य तौर पर आपको अच्छे और अनुकूल परिणाम दे सकता है। भले इस महीने किसी भी काम को कंप्लीट करने में तुलनात्मक रूप से ज्यादा समय लग जाए लेकिन परिणाम आपके फेवर में ही रहने चाहिए। इसके बावजूद भी यह महीना आपके धैर्य की परीक्षा ले सकता है। अर्थात आपके चाहे गए टाइम ड्यूरेशन में कोई काम कंप्लीट हो ऐसा जरूरी नहीं है लेकिन काम कंप्लीट होने की अच्छी संभावनाएं हैं और अच्छे परिणाम मिलने की भी अच्छी संभावनाएं प्रतीत हो रही हैं। बेहतर होगा इस महीने आत्मनिर्भर रहें और दूसरे के भरोसे न बैठें। धैर्य के साथ काम करें साथ ही साथ किसी वरिष्ठ का सहयोग भी आप ले सकते हैं या वरिष्ठ का मार्गदर्शन लेना जरूरी रहेगा। इसके अलावा इस महीने स्वयं को आलसी होने से बचना भी जरूरी रहेगा। इन सावधानियां को अपनाने की स्थिति में न केवल आपके काम पूरे होंगे बल्कि आप अच्छे परिणाम भी प्राप्त कर सकेंगे। यदि मन किसी बात को लेकर क्षुब्ध या दुखी हो तो आप तर्क वितर्क और आत्ममंथन के माध्यम से मन को प्रसन्न कर सकेंगे।
उपाय: गरीबों और जरूरतमंद लोगों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार भोजन करवाना शुभ रहेगा।
मूलांक 3
यदि आप किसी महीने की 3,12, 21 या फिर 30 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 3 होगा और मूलांक 3 के लिए जुलाई का महीना क्रमशः 9, 8, 7, 6, 2 और 1 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। अंक 7 को छोड़कर इस महीने के लगभग सभी अंक आपका फेवर के परिणाम देते हुए प्रतीत हो रहे हैं। यही कारण है कि छोटे-मोटे व्यवधानों के बाद आप इस महीने काफी अच्छा कर सकेंगे। इस महीने आपकी ऊर्जा का लेवल काफी अच्छा रहेगा और आप अपनी ऊर्जा को बेहतर दिशा में प्रयोग कर सकेंगे। मन में आध्यात्म के प्रति भाव और मजबूत होंगे। फलस्वरूप आपके भीतर सकारात्मक ऊर्जा का ग्राफ बढ़ेगा और आप अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। बेहतर होगा व्यर्थ के विवादों से बचें और तथ्यों पर यकीन करें। जोश में होश होने से भी बचना जरूरी रहेगा। अर्थात इन सावधानियां को अपनाने की स्थिति में अपने कामों को बहुत अच्छे ढंग से अंजाम दे सकेंगे और परिणाम भी अच्छा रहेगा। यदि आप अपने पुराने और पेंडिंग पड़े हुए कामों को इस महीने कंप्लीट कर लेंगे तो अच्छा रहेगा। क्योंकि आने वाले समय में आपको नई जिम्मेदारियां भी मिल सकती हैं। अतः पुराने कामों को संपन्न कर लेना फायदेमंद रहेगा। यह महीना उन कामों को कंप्लीट करने में आपके लिए मददगार भी बनेगा।
उपाय: नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ रहेगा।
मूलांक 4
यदि आप किसी भी महीने की 4,13, 22 या फिर 31 तारीख़ को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 4 होगा और मूलांक 4 के लिए जुलाई का महीना क्रमशः 1, 8, 7, 6, 2 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। इस महीने के अंकों में से 2 और 7 को छोड़कर बाकी के सभी अंक आपके सपोर्ट में नजर नहीं आ रही। विशेषकर इस महीने को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाले अंक 1 और 7 हैं जिनमें से 1 आपके फेवर में नहीं है। ऐसी स्थिति में इस महीने परिणाम मिले-जुले रह सकते हैं। कामों को पूरा करने में कठिनाइयां भी देखने को मिल सकती हैं। अर्थात इस महीने जल्दबाजी की बजाय धैर्य के साथ काम लेना है। साथ ही साथ वरिष्ठों का मार्गदर्शन और सहयोग भी बहुत जरूरी रहेगा। अन्यथा आप अपनी ऊर्जा और योग्यता का सही ढंग से प्रयोग नहीं कर पाएंगे और परिणाम कमजोर हो जाएंगे। वहीं अनुभवी लोगों की मार्गदर्शन में काम करने की स्थिति में संतोषप्रद परिणाम मिल सकेंगे। इस महीने पिता और पिता तुल्य व्यक्तियों के साथ आपके संबंध अच्छे बने रहें, इसके लिए लगातार कोशिश करने की जरूरत रहेगी। बातचीत का तौर तरीका सभ्य और सौम्य बनाए रखना भी जरूरी रहेगा। स्वयं को अहंकारी होने से बचाएंगे और सामाजिक मान प्रतिष्ठा का ख्याल रखेंगे तो परिणाम संतोषप्रद बने रहेंगे।
उपाय: सूर्य देव को कुमकुम मिला हुआ जल देना शुभ रहेगा।
मूलांक 5
यदि आप किसी भी महीने की 5, 14 या फिर 23 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 5 होगा और मूलांक 5 के लिए जुलाई का महीना क्रमशः 2, 8, 7, 6 और 1 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। इस महीने अंक 1 आपके फेवर में तो वही अंक 8 आपका विरोध में है। बाकी के सभी अंक आपके लिए औसत लेवल के परिणाम देते हुए प्रतीत हो रहे हैं। यही कारण है कि यह महीना आपको एवरेज लेवल के परिणाम देना चाहेगा। हालांकि आप संतुलित मन मस्तिष्क के व्यक्ति हैं, लिहाजा परिस्थितियों पर नियंत्रण करना आपको आता है। इस कारण से आप परिणाम को एवरेज से बेहतर भी कर सकते हैं। पर सामान्य तौर पर अंकों का सपोर्ट इस महीने औसत लेवल का ही नजर आ रहा है। यही कारण है कि आप अपने कर्मों के अनुसार परिणाम प्राप्त करते रहेंगे। इस महीने आपको घूमने फिरने के मौके मिल सकते हैं। यदि आप कला और साहित्य से जुड़े हुए व्यक्ति हैं तो इस महीने आपकी रचनाएं काफी अच्छी रह सकती हैं। इस महीने माता और माता तुल्य स्त्रियों के आशीर्वाद से कुछ विशेष कार्य भी संपन्न हो सकते हैं। अर्थात यह महीना आपको आपके प्रयासों के अनुसार परिणाम देते हुए व्यक्तिगत संबंधों में खुशी देने का काम कर सकता है।
यदि आप किसी भी महीने की 6, 15 या फिर 24 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 6 होगा और मूलांक 6 के लिए जुलाई का महीना क्रमशः 3, 8, 7, 6, 2 और 1 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। इस महीने अंक 3 को छोड़कर बाकी सभी अंक आपके लिए औसत लेवल के परिणाम देना चाह रहे हैं लेकिन इस महीने आपको सर्वाधिक प्रभावित करने वाला अंक आपके लिए मित्रवत होकर अच्छे परिणाम दिलाना चाह रहा है। यही कारण है कि इस महीने आप कई मामलों में काफी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। आपके गुरुजनों, वरिष्ठों और मार्गदर्शकों का अच्छा सहयोग आपको मिल सकेगा। फलस्वरूप आप न केवल नई-नई विषय वस्तुओं को जान सकेंगे बल्कि उस क्षेत्र में अच्छा कर सकेंगे और अच्छे परिणाम भी प्राप्त कर सकेंगे। इस महीने धर्म-कर्म के प्रति आपकी रुचि और ज्यादा हो सकती है।
यदि आप विद्यार्थी हैं तो आप पढ़ाई में अच्छा कर सकेंगे। विशेषकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी काफी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। वहीं यदि आप शिक्षक हैं या किसी भी माध्यम से लोगों का मार्गदर्शन और सहयोग करते हैं तो इस महीने आपका प्रदर्शन काफी अच्छा रह सकता है। यह महीना आर्थिक और सामाजिक मामलों में भी आपको अच्छे परिणाम दे सकता है। हालांकि इन सब कामों के लिए कोशिश के लेवल को बढ़ाने की जरूरत रहेगी। क्योंकि 3 के अलावा बाकी के अंक औसत लेवल के हैं। यही कारण है की अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता रहेगी लेकिन अच्छे परिणाम मिलने की अच्छी भी संभावना है।
उपाय: मंदिर में दूध और केसर का दान करना शुभ रहेगा।
मूलांक 7
यदि आप किसी भी महीने की 7, 16 या फिर 25 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 7 होगा और मूलांक 7 के लिए जुलाई का महीना क्रमशः 4, 8, 7, 6, 2 और 1 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। इस महीने दो का अंक आपके लिए कम अनुकूल प्रतीत हो रहा है लेकिन बाकी के अंक या तो आपके फ़ेवर में हैं या आपके लिए औसत लेवल के हैं यही कारण है कि इस महीने आप काफी हद तक अनुकूल परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। हालांकि छोटे-मोटे व्यवधान रह सकते हैं या कुछ एक मामलों में इच्छित सफलता शायद न मिले लेकिन ज्यादातर मामलों में परिणाम अच्छे रहने की उम्मीद है। राहु और केतु की ऊर्जा का संयुक्त प्रभाव कुछ मामलों में मार्ग से विचलित करने का भी काम कर सकता है। अतः पुराने अनुभवों को नजरअंदाज करना उचित नहीं रहेगा।
यदि आप ऐसा करने से बचते हैं तो आप पुराने अनुभवों के सहयोग से अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। ध्यान रहे कोई भी छोटा रास्ता बड़ी मंजिल तक पहुंचाने का काम नहीं करता। अतः जल्दबाजी में या गैर कानूनी तौर तरीके से काम करना उचित नहीं रहेगा। साथ ही साथ सामाजिक मान प्रतिष्ठा का ख्याल रखना भी जरूरी रहेगा। यदि आप सावधानीपूर्वक निर्वाह करते हुए तकनीक का सहयोग लेकर प्रयास करेंगे तो परिणाम अच्छे ही रहने चाहिए। इसके अलावा अपनी बातचीत के तौर तरीके को ऑथेंटिक, सभ्य और सौम्य बनाए रखना भी जरूरी रहेगा।
उपाय: माथे पर नियमित रूप से केसर का तिलक लगाना शुभ रहेगा।
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मूलांक 8
यदि आप किसी भी महीने की 8, 17 या फिर 26 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 8 होगा और मूलांक 8 के लिए जुलाई का महीना क्रमशः 5, 8, 7, 6, 2 और 1 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। इस महीने 1 के अंक को छोड़कर बाकी सभी अंक या तो आपके फेवर में है या फिर न्यूट्रल हैं। वैसे ज्यादातर तो न्यूट्रल ही प्रतीत हो रहे हैं। अतः इस महीने आप एवरेज या एवरेज से थोड़े से बेहतर परिणाम भी प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि इस महीने आपको सबसे अधिक प्रभावित करने वाला अंक 5 आपके लिए औसत है।
अतः आप धैर्य और संतुलन के साथ काम करते हुए अपनी मेहनत की अनुरूप परिणाम प्राप्त करते रहेंगे। आप तार्किक और तथ्यात्मक ढंग से काम करके अच्छे परिणाम भी प्राप्त कर सकेंगे। इस महीने जरूरी कामों को मित्रों या सहयोगियों के भरोसे नहीं छोड़ना है। साथ ही साथ फोन या किसी भी माध्यम से बातचीत करते समय अच्छे और संतुलित शब्दों का प्रयोग करना भी जरूरी रहेगा। बेहतर होगा कि फिजूल की बातों से बचकर मुद्दे की बात की जाय। इस महीने व्यापार व्यवसाय में आप अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। यदि आपका काम बोलने का है अथवा लिखने पढ़ने या चीजों को बेचने का है तो इस महीने आप तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम भी प्राप्त कर सकते हैं।
उपाय: गणपति अथर्वशीर्ष का नियमित रूप से पाठ करना शुभ रहेगा।
मूलांक 9
यदि आप किसी भी महीने की 9,18 या फिर 27 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 9 होगा और मूलांक 9 के लिए जुलाई का महीना क्रमशः 6, 8, 7, 6, 2 और 1 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। एक 2 और 7 के अंक को छोड़कर बाकी के अंक आपके फेवर में नहीं है। विशेषकर इस महीने आपको सर्वाधिक प्रभावित करने वाले अंक 6 और 8 आपके कामों में अड़चनें डालने का काम कर सकते हैं। अत: इस महीने किसी भी काम में लापरवाही उचित नहीं रहेगी। बेहतर होगा आलस्य से बचा जाय। प्रेम प्रसंग के मामले में या स्त्रियों से संबंधित किसी भी मामले में लापरवाही न बरतें बल्कि उस काम को मर्यादित तरीके से अंजाम दिया जाय।
हालांकि यदि आपका लगाव या जुड़ाव कला अथवा साहित्य से है तो अंक 6 की ऊर्जा कुछ कठिनाइयों के बाद उस क्षेत्र में आपको सफलता दिला सकती हैं लेकिन डेडीकेशन की जरूरत हो तब भी रहेगी। इस महीने घूमने फिरने और मनोरंजन करने के मौके मिल सकते हैं लेकिन आमोद प्रमोद और मनोरंजन के लिए जरूरी कामों को नजर अंदाज करना उचित नहीं रहेगा। यदि फुर्सत हैं तो आप घूमने फिरने या मनोरंजन का आनंद ले सकते हैं। अपने कामों पर ध्यान देना अधिक जरूरी रहेगा। यदि आपकी बॉस या सीनियर कोई स्त्री है अर्थात आप किसी स्त्री के अंडर में काम कर रहे हैं तो आपका व्यवहार और बर्ताव उसके प्रति अच्छा बना रहे इस बात की कोशिश जरूरी रहेगी। इस महीने किसी भी स्त्री की निंदा या किसी भी स्त्री से विवाद करना उचित नहीं रहेगा। अर्थात कुछ सावधानियों को अपनाने के बाद ही इस महीने आप संतोषप्रद परिणामों की उम्मीद कर सकेंगे।
उपाय: कन्याओं का पूजन कर उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा। साथ ही साथ मां दुर्गा की पूजा अर्चना भी जरूरी रहेगी।