मौनी अमावस्या 11 फरवरी 2021: इस दिन यह काम करना पड़ सकता है भारी

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। धार्मिक और ज्योतिष दोनों ही दृष्टि से अमावस्या की तिथि को बेहद खास माना गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल 2021 में मौनी अमावस्या बृहस्पतिवार के दिन 11 फरवरी को है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन सभी देवता गण पवित्र संगम में निवास करते हैं, और यही कारण है कि इस दिन गंगा स्नान का महत्व बढ़ जाता है। मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नगरी हरिद्वार, प्रयागराज आदि स्थानों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, और आस्था की डुबकी लगाते हैं। ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन मौन धारण करके ही स्नान करना चाहिए, यदि संभव हो तो दिन भर मौन धारण भी करना बेहद अच्छा माना गया है। मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है, और ऐसा करने से व्यक्ति को सभी कष्टों और पापों से मुक्ति मिल जाती है। लेकिन क्या आप जानते है, स्नान- दान के महत्व के साथ ही ऐसे अन्य काम भी है, जो मौनी अमावस्या के दिन करना वर्जित माना गया है, तो आइए नीचे दिए गए लेख में आपको बताते है, की मौनी अमावस्या के दिन कौन-कौन से काम नहीं करना चाहिए।

सुबह जल्दी उठें

हिंदू मान्यता के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन, देर तक नहीं सोना चाहिए। बल्कि प्रातकाल उठकर गंगा स्नान कर सूर्य देव को जल अर्पित करना बेहद शुभ माना गया है। ऐसा करने से सभी देवी-देवताओं की व्यक्ति पर विशेष कृपा बनी रहती है। यदि गंगा स्नान करना संभव नहीं है, तो अपने घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। मौनी अमावस्या के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है। 

श्रृंगार ना करें

आपको जानकर हैरानी होगी, परंतु धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन महिलाओं का श्रृंगार करना वर्जित है। इस दिन महिलाओं को श्रृंगार नहीं करना चाहिए, जितना संभव हो साधारण वस्त्र पहनकर स्नान-दान कर मन को शांत रखना चाहिए। मौनी अमावस्या के दिन स्त्री-पुरुष को यौन संबंध बनाने से भी बचना चाहिए, शास्त्रों में इस दिन यौन संबंध बनाना भी वर्जित माना गया है।

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लड़ाई ना करें

मौनी अमावस्या के दिन मन बेहद शांत रखना चाहिए, किसी से भी कटु वचनों में बात नहीं करनी चाहिए। घर में पूजा-पाठ कर शांति के साथ रहना चाहिए, शास्त्रों के अनुसार किसी भी तरह का गृह क्लेश नहीं करना चाहिए। तो वहीं  ज्योतिषीय दृष्टि से देखें तो चंद्रमा मन का कारक है, और इस दिन चंद्रमा नहीं दिखने से मन बड़ा व्यथित रहता है, इसलिए मौनी अमावस्या के दिन घर में शांति बनाए रखें, और मन को भी शांत रखना चाहिए। 

श्मशान घाट पर ना जाए

मौनी अमावस्या के दिन श्मशान घाट या फिर कब्रिस्तान के आसपास नहीं घूमना चाहिए, ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन बुरी आत्मा सक्रिय रहती हैं, जो किसी भी दुर्बल शरीर पर हमला कर सकती है, और व्यक्ति इन नकारात्मक शक्तियों से लड़ने में सक्षम नहीं होता है, जिसका उस पर बुरा असर देखने को मिलता है, इसलिए मौनी अमावस्या के दिन कब्रिस्तान या श्मशान घाट के आस पास नहीं जाना चाहिए।

मांस-मदिरा का सेवन ना करें

मौनी अमावस्या के दिन भूलकर भी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन ताजा और स्वच्छ भोजन करें। तामसिक भोजन से दूर रहें, और भगवान की पूजा अर्चना में मन लगाएं, ऐसा करने से ईश्वर की विशेष कृपा प्राप्त होती है। मौनी अमावस्या के दिन अपने पितरों का ध्यान कर ब्राह्मण को भी भोजन कराना बेहद फलदाई माना गया है, मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों को मोक्ष प्राप्ति होती है।

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