मंगल का मीन राशि में गोचर: कैसे करेगा 12 राशियों को प्रभावित?

मंगल का मीन राशि में गोचर: मंगल ग्रह के गोचरफल के साथ जिसमें हम जानेंगे कि 23 अप्रैल 2024 से लेकर 01 जून 2024 तक मीन राशि में गोचर करने वाले मंगल आपको कैसे परिणाम दे सकते हैं और जैसा कि आप सभी जानते हैं कि मंगल ग्रह को ग्रहों की दुनिया में सेनापति का पद प्राप्त है। मंगल ग्रह सौर्य और पराक्रम के कारक ग्रह होते हैं। मंगल ग्रह लड़ाई झगड़े विवाद व युद्ध आदि के अलावा रक्त, बिजली व तकनीक आदि जैसे क्षेत्रों के भी कारक ग्रह माने जाते हैं। ऐसे मंगल ग्रह 23 अप्रैल 2024 को मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं। मंगल यहां पर 01 जून 2024 तक रहने वाले हैं। मंगल के इस गोचर का देश दुनिया और आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा? आइए जानते हैं और सबसे पहले चर्चा करते हैं कि मंगल का मीन राशि में जाना भारतवर्ष के लिए कैसे परिणाम देने या दिलाने का काम कर सकता है?

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मंगल के मीन राशि में गोचर का भारतवर्ष पर प्रभाव

दुनिया के दृष्टिकोण से शनि-मंगल का अलगाव भूकंप, दुर्घटनाओं व प्राकृतिक आपदाओं को कम करवाने में सहायक बन सकता है वहीं भारतवर्ष की बात करें तो सप्तमेश व द्वादशेश का लाभ भाव में जाना भारतीय व्यापार व अर्थव्यवस्था को तुलनात्मक रूप से बेहतर करने में मददगार बन सकता है। विदेशों के साथ संबंधों को बेहतर करने में भी मंगल का यह गोचर मददगार बन सकता है। अब जबकि शनि-मंगल का प्रभाव चतुर्थ भाव से दूर हो रहा है, ऐसे में भारतवर्ष की आंतरिक कलह में भी कमी देखने को मिल सकती है। सत्तारूढ़ दलों के प्रति भारतीय जनमानस में चल रहा असंतोष भी कम होने लग जाएगा। यानी कि मंगल का यह गोचर भारतवर्ष के लिए बेहतर व अनुकूल परिणाम दे सकता है। मंगल के इस गोचर का आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा? आइए जानते हैं।

मंगल का मीन राशि में गोचर: 12 राशियों पर प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मंगल आपकी कुंडली में आपकी लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके आठवें भाव के भी स्वामी होते हैं और वर्तमान में मंगल आपकी कुंडली के द्वादश भाव में गोचर कर रहे हैं। राशि स्वामी का द्वादश भाव में जाना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अनुकूल नहीं होता। ऊपर से मंगल का द्वादश भाव में गोचर अच्छा नहीं माना गया है। अतः मंगल की गोचर के चलते आपके खर्च बढ़ सकते हैं। अनचाही यात्राओं पर जाने की जरूरत भी पड़ सकती है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर इस समय चिंतन मंथन आवश्यक रहेगा। साथ ही साथ किसी गलत कार्य या लत से भी बचना जरूरी रहेगा। यदि विवाहित हैं तो इस अवधि में जीवनसाथी या जीवनसंगिनी के साथ संबंधों को मेंटेन करने की एक्स्ट्रा कोशिश भी जरूरी रहेगी।

उपाय: हनुमान जी के मंदिर में लाल मिठाई चढ़ाएं और प्रसाद लोगों में बांटे। 

वृषभ राशि

मंगल आपकी कुंडली में सातवें तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं। वर्तमान समय में मंगल आपके एकादश भाव में गोचर कर रहे हैं। मंगल का यह गोचर आपके लिए काफी हद तक फायदेमंद रह सकता है। विशेषकर यदि आप व्यापार या व्यवसाय से जुड़े व्यक्ति हैं तो मंगल आपके व्यापार व्यवसाय को बढ़ाने में मददगार बन सकता है। व्यापार से अच्छा लाभ भी मिलेगा। नौकरीपेशा लोग भी अपने कामों में बेहतर करते हुए देखे जाएंगे। जिससे भविष्य में उनके प्रमोशन इत्यादि की संभावनाएं मजबूत होगी। यानी कि हर तरह से यह मंगल का गोचर आपको लाभ करवाने का प्रयास करेगा चाहेगा। भूमि, भवन आदि से संबंधित लाभ हो या भाइयों का अपनत्त्व अथवा शारीरिक आरोग्यता आदि का मामला। इन सबके मंगल का यह गोचर अच्छा कहा जाएगा। अर्थात मंगल का मीन राशि में जाना बृष लग्न या वृष राशि वाले लोगों के लिए काफी हद तक अनुकूल परिणाम देने का काम कर सकता है।

उपाय: भगवान शिव के मंदिर में केसर मिले हुए जल से अभिषेक करना शुभ रहेगा।

 

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मिथुन राशि

मंगल आपकी कुंडली में छठे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके दशम भाव में गोचर कर रहे है। सामान्य तौर पर गोचर शास्त्र में मंगल के गोचर को दशम भाव में अच्छा नहीं कहा गया है लेकिन हमने अपने अनुभव में देखा है की दशम भाव का मंगल आपकी शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाने का काम करता है। यदि आप उस ऊर्जा को कलह और क्रोध से बचाकर अच्छे कामों में लगाते हैं तो आपके कामों को पूरा करवाने में वह ऊर्जा मददगार बनती है। भले ही रोजगार में कुछ कठिनाइयां रहे लेकिन आप अपनी लगन व मेहनत की बदौलत अपने रोजगार को आगे ले जा सकेंगे। पिता के साथ सभ्य और सौम्य तरीके से बर्ताव करने की स्थिति में पिता का मार्गदर्शन लाभकारी रहेगा। शासन प्रशासन के कामों में जानबूझकर कोई अड़चन नहीं डालेंगे या शासन प्रशासन से जुड़े व्यक्तियों से कोई विवाद नहीं करेंगे तो शासन प्रशासन से संबंधित कोई परेशानी भी देखने को नहीं मिलेगी। अतिमित्र की राशि में पहुंचे हुए मंगल आपको नौकरी और लाभ के मामले में फायदा पहुंचा सकते हैं।

उपाय: नि:संतान व्यक्तियों की सहायता करना और उनकी सेवा करना शुभ रहेगा। 

कर्क राशि

मंगल आपकी कुंडली में पंचम तथा दशम भाव के स्वामी होते हैं। अत: मंगल आपके हितैषी ग्रह माने गए हैं। ज्योतिष की भाषा में इस योगकारक ग्रह कहा जाता है। फिलहाल मंगल आपके भाग्य भाव में गोचर करेंगे। भाग्य भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं कहा गया है लेकिन अतिमित्र की राशि में होने के कारण यह आपका कोई बड़ा नुकसान नहीं करेंगे बल्कि यदि आपका काम यात्राओं से जुड़ा हुआ है तो आपको कुछ हद तक लाभ भी मिल सकता है। अपने वरिष्ठों के साथ अच्छा बर्ताव करके आप अनुकूल परिणाम भी प्राप्त कर सकेंगे। मित्रों के साथ किया गया अच्छा बर्ताव आपको उनके करीब लाने का काम कर सकता है। यही स्थिति संतान के साथ संबंध में भी देखने को मिल सकती है अर्थात कुछ सावधानियां को अपनाने की स्थिति में आप नवम भाव में पहुंचे हुए मंगल की नकारात्मकता को शांत कर सकेंगे और इससे लाभ भी प्राप्त कर सकेंगे। सारांश यह की भाग्य भाव का मंगल बहुत हद तक मददगार नजर नहीं आ रहा है लेकिन कुछ सावधानियां और कुछ विशेषतौर तरीकों को अपनाकर आप मंगल से फायदा भी उठा सकेंगे।

उपाय: भगवान शिव के मंदिर में दूध मिले हुए जल से अभिषेक करना शुभ रहेगा। 

सिंह राशि

मंगल आपकी कुंडली में भाग्य भाव तथा चतुर्थ भाव के स्वामी होने के कारण योगकारक होते हैं। अर्थात आपके लिए काफी अच्छे ग्रह माने गए हैं। फिलहाल मंगल आपके अष्टम भाव में गोचर करेंगे। अष्टम भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं कहा गया है। मंगल के इस गोचर से हमें अनुकूलता की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। भाग्य भाव के स्वामी अपने से द्वादश भाव में जा रहे हैं। अतः भाग्य के भरोसे इस समय अवधि में किसी काम को छोड़ना उचित नहीं रहेगा। वैसे भी कर्म हमेशा करना चाहिए लेकिन कभी-कभार कर्म के पूरे परिणाम मिल जाते हैं लेकिन मंगल की इस गोचर के चलते आपकी मेहनत के परिणाम मेहनत की तुलना में कुछ कमजोर रह सकते हैं। मंगल के इस गोचर को ध्यान में रखते हुए घर परिवार से संबंधित मामलों में सावधानीपूर्वक निर्वाह जरूरी रहेगा। वाणी पर संयम और घरेलू वस्तुओं की सुरक्षा को लेकर जागरूक रहना भी बहुत जरूरी रहेगा। अन्यथा मूल्यवान वस्तुओं के खोने, टूटने या चोरी होने का भय रह सकता है। अतः मंगल के इस गोचर की अवधि में इन सभी मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह जरूरी रहेगा।

उपाय: मंदिर में चने की दाल का दान करना शुभ रहेगा। 

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कन्या राशि

मंगल आपकी कुंडली में तीसरे तथा आठवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके सप्तम भाव में गोचर कर रहे हैं। सातवें भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता। भले ही मंगल अतिमित्र राशि में है लेकिन फिर भी सप्तम भाव से संबंधित मामलों में सावधानी जरूरी रहेगी। अर्थात मंगल के इस गोचर को ध्यान में रखते हुए विवाहित होने की अवस्था में जीवनसाथी या जीवनसंगिनी के साथ अपने संबंधों को बहुत प्यार से मेंटेन करने की जरूरत रहेगी। साथ-साथ जीवनसाथी या जीवनसंगिनी का स्वास्थ्य खराब न होने पाए, ऐसी स्थितियां निर्मित करने की कोशिश भी करनी है। परेशानी की स्थिति में एक दूसरे का सपोर्ट करना है। यथा संभव यात्राओं से बचना भी जरूरी रहेगा। यदि आपको मुख या दांत से संबंधित कोई परेशानी पहले से रही है, तो इस अवधि में उस समस्या को लेकर उचित चिकित्सा इत्यादि जरूरी रहेगी। मंगल के इस गोचर की अवधि में व्यापार व्यवसाय को लेकर कोई नया प्रयोग करना भी उचित नहीं रहेगा।

उपाय: कन्याओं का पूजन करें और उन्हें लाल मिठाई खिलाए, यह आपके लिए शुभ रहेगा। 

तुला राशि

मंगल आपकी कुंडली में दूसरे तथा सातवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके छठे भाव में गोचर कर रहे हैं। सामान्य तौर पर मंगल के छठे भाव में गोचर को अच्छा माना जाता है। यद्यपि मंगल आपकी कुंडली में बाधक ग्रह की भूमिका में रहते हैं लेकिन गोचर में छठे भाव में पहुंचकर मंगल आपके लिए मददगार हो सकते हैं। ऐसा मंगल व्यापार व्यवसाय में, प्रतिस्पर्धियों से आगे ले जाने का काम कर सकता है। विशेषकर सोना, तांबा, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व सिक्योरिटी आदि से जुड़े क्षेत्रों के लोगों को मंगल ग्रह का यह गोचर काफी अच्छे लाभ करवा सकता है। 

धन स्थान का स्वामी होने के कारण आर्थिक मामलों में भी मंगल का यह गोचर आपके लिए काफी मददगार हो सकता है। यदि स्वास्थ्य पिछले दिनों प्रतिकूल रहा है तो मंगल का यह गोचर स्वास्थ्य में सुधार लाने का काम भी कर सकता है। अलबत्ता कमर के आसपास या कमर से निचले हिस्से में यदि कोई स्वास्थ्य समस्या रही है तो उस मामले में अभी भी जागरूकता जरूरी रहेगी। आप अपने शत्रुओं और प्रतिस्पर्धियों से बेहतर स्थिति में रह सकते हैं लेकिन जानबूझकर विवाद करने से बचना जरूरी रहेगा। यदि आप अपनी सामाजिक स्थिति परिस्थित के अनुसार अच्छा बर्ताव करेंगे तो सामाजिक मान प्रतिष्ठा बढ़ाने में भी मंगल का यह गोचर मददगार बन सकता है।

उपाय: मित्रों को नमकीन चीज खिलाना शुभ रहेगा। 

वृश्चिक राशि

मंगल आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके छठे भाव के भी स्वामी होते हैं और फिलहाल मंगल आपके पंचम भाव में गोचर करेंगे। सामान्य तौर पर गोचरशास्त्र में पंचम भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं कहा गया है। हालांकि इसके बावजूद भी पिछले गोचर की तुलना में मंगल का यह गोचर आपको बेहतर परिणाम देना चाहेगा क्योंकि इसके पहले मंगल, शनि के साथ चतुर्थ भाव में थे जो कमजोर परिणाम दे रहे थे। अब तुलनात्मक रूप से बेहतर स्थिति में होने के कारण मंगल बेहतर परिणाम दे सकते हैं लेकिन सावधानी की आवश्यकता अब भी रहेगी। क्योंकि पहले मंगल, शनि के साथ युति कर रहे थे अब राहु के साथ युति करेंगे। अतः खान-पान पर संयम बहुत जरूरी रहेगा। अन्यथा पेट आदि से संबंधित कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती हैंं। मानसिक अशांति में थोड़ी सी कमी देखने को मिलेगी लेकिन अभी भी किसी बात को लेकर चिंता या परेशानियां रह सकती हैं। संतान के साथ आपके संबंध अच्छे बने रहें, इस बात की कोशिश लगातार जरूरी रहेगी। विद्यार्थियों को भी अपने सब्जेक्ट पर फोकस बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास करने होंगे। मन को धर्म कर्म में लगाना, सकारात्मक परिणाम देने में सहायक बनेगा।

उपाय: नीम के पेड़ की जड़ों पर जल चढ़ाना शुभ रहेगा। 

 धनु राशि

मंगल आपकी कुंडली में पांचवें तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके चतुर्थ भाव में गोचर कर रहे हैं। यहां पर मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। भले ही मंगल आपके राशि स्वामी बृहस्पति की ही राशि में हैं, इसके बावजूद भी मंगल से हमें अनुकूलता की अधिक उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। क्योंकि सामान्य नियम के अनुसार यहां का मंगल हमें गलत व्यक्तियों के साथ जोड़ता है और विवाद करवाता है। मन की बेचैनी परेशान करती है। सीने से संबंधित कुछ परेशानियां रह सकती हैं। खासकर यदि आपको ब्लड प्रेशर इत्यादि की शिकायत पहले से है तो इस गोचर की अवधि में अपनी उस समस्या का इलाज समय-समय पर लेते रहना है। जमीन जायदाद और माता से संबंधित कुछ परेशानियां भी देखने को मिल सकती हैं। हालांकि आपके मामले में शायद यह परेशानियां अधिक मात्रा में न रहें। क्योंकि मंगल आपकी लग्न या राशि के स्वामी बृहस्पति की राशि में है लेकिन इसके बावजूद भी आपको इन सभी मामलों में जागरूक रहना जरूरी रहेगा।

उपाय: बरगद की जड़ों पर मीठा दूध चढ़ाना शुभ रहेगा। 

मकर राशि

मंगल आपकी कुंडली में चौथे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं। वर्तमान में मंगल आपके तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। सामान्य नियम के अनुसार मंगल का तीसरे भाव में गोचर अच्छा माना जाता है। ऊपर से मंगल अपने अतिमित्र की राशि में होने के कारण आपको यथासंभव अनुकूल परिणाम ही देना चाहेंगे। भले ही राहु के साथ मंगल की युति को सामान्य नियम के अनुसार अच्छा नहीं माना जाता लेकिन राहु और मंगल दोनों ही ग्रह तीसरे भाव में अच्छे परिणाम देते हैं। अत: मंगल आपको यथासंभव अनुकूल परिणाम ही देना और दिलाना चाहेगा। आपका विश्वास आपको विभिन्न मामलों में सफलता दिलाना चाहेगा। आर्थिक मामले में आप अच्छा लाभ प्राप्त कर सकेंगे। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर स्थिति में रह सकते हैं। शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में भी अच्छा लाभ मिल सकता है। कहीं से कोई अच्छी खबर भी सुनने को मिल सकती है। आपका मन प्रसन्न रहेगा और सामान्य तौर पर आपका भाग्य आपका साथ देगा। 

उपाय: भाई बंधुओं और मित्रों के साथ अच्छे संबंध रखना तथा अहंकार से बचना उपाय की तरह काम करेगा। 

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कुंभ राशि

मंगल आपकी कुंडली में तीसरे तथा दशम भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके दूसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। दूसरे भाव में मंगल के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं माना जाता है। अतः इस गोचर की अवधि में आपको अपनी वाणी पर पूरी तरह से संयम रखना जरूरी रहेगा। स्वयं को मृदुभाषी बनाए रखने की कोशिश करते रहें। विशेषकर शासन से जुड़े व्यक्तियों के साथ अपशब्दों का प्रयोग या नाराजगी भरे शब्दों का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना है। शत्रुओं से भी इस अवधि में सावधान रहने की आवश्यकता रहेगी। नेत्र, मुख या चेहरे से संबंधित कोई परेशानी नजर आए तो तुरंत उचित चिकित्सा लेने का प्रयास करें। यदि आप विद्यार्थी हैं तो अपने सब्जेक्ट पर फोकस बनाने के लिए अपेक्षाकृत अधिक ऊर्जा और निष्ठा के साथ प्रयास करें। घर परिवार के लोगों के साथ संबंधों को मेंटेन करने की लगातार कोशिश भी जरूरी रहेगी। संयमित खान-पान भी बहुत जरूरी रहेगा।

उपाय: नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ रहेगा। 

मीन राशि

मंगल आपकी कुंडली में दूसरे तथा भाग्य भाव के स्वामी होते हैं तथा फिलहाल मंगल आपके पहले भाव में गोचर करेंगे। पहले भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। हालांकि मंगल अतिमित्र राशि में रहेंगे इसके बावजूद भी प्रथम भाव में मंगल की गोचर को ध्यान में रखते हुए आपको अपने स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखना जरूरी रहेगा। खासकर यदि आपको किसी भी प्रकार का रक्त विकार या रक्त से संबंधित परेशानी है तो आपको इस अवधि में पूरी तरह से जागरूक रहना जरूरी रहेगा। 

बुखार, सिर दर्द इत्यादि की शिकायतें भी रह सकती हैं। यदि आपका काम आग या बिजली से जुड़ा हुआ है तो इस अवधि में लापरवाही बिल्कुल नहीं बरतनी है। मूल्यवान चीजों के पास से ज्वलनशील चीजों को दूर रखना भी जरूरी रहेगा। क्योंकि अग्नि से हानि होने का भय पहले भाव में मंगल का गोचर देता है। यथा संभव यात्राओं को टालना भी जरूरी रहेगा। स्त्रियों से किसी भी प्रकार का विवाद नहीं करना है। यदि विवाहित हैं तो जीवनसाथी या जीवनसंगिनी के साथ संबंधों को मेंटेन करने की कोशिश लगातार करनी होगी।

उपाय: मुफ्त में कोई भी चीज स्वीकार न करें चाहे वह उपहार ही क्यों न हो, ऐसा करना आपके लिए उपाय की तरह काम करेगा।

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