जानें मकर संक्रांति की तारीख; मेष सहित इन राशि के जातकों को होगा धन लाभ!

एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको मकर संक्रांति 2024 के बारे में बताएंगे और साथ ही इस बारे में भी चर्चा करेंगे कि इस दिन राशि के अनुसार किस प्रकार के उपाय करने चाहिए ताकि आप इन उपायों को अपनाकर सूर्य की विशेष कृपा प्राप्त कर सके। तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि विस्तार से मकर संक्रांति के पर्व के बारे में।

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मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है। दरअसल सूर्य हर माह मेष से लेकर मीन राशि में गोचर करते हैं इसलिए हर माह संक्रांति होती है। सूर्य के मकर राशि में गोचर करने को मकर संक्रांति कहते हैं। सनातन धर्म में इस दिन को पर्व के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन से सूर्य के प्रभाव में तेजी आती है। मकर संक्रांति का पर्व पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। हालांकि मकर संक्रांति को देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों जैसे- लोहड़ी, उत्तरायण, खिचड़ी, टिहरी, पोंगल आदि कई नामों से जाना जाता है। इसी दिन से खरमास खत्म होता है और शुभ व मांगलिक कार्यों जैसे  शादी, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश आदि की शुरुआत होती है। अब जानते हैं मकर संक्रांति की तिथि व मुहूर्त।

मकर संक्रांति 2024: तिथि व समय

यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है। यानी अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। यह त्योहार चंद्रमा की विभिन्न स्थितियों के आधार पर मनाए जाने वाले अन्य हिंदू त्योहारों में से एक है। इस दिन से दिन बड़े होने लगते हैं जबकि रातें छोटी होने लगती हैं और इसी दिन से वसंत ऋतु का आगमन शुरू हो जाता है।

मकर संक्रांति 2024 तिथि: 15 जनवरी 2024, सोमवार

पुण्य काल मुहूर्त : 15 जनवरी 2024 की सुबह 07 बजकर 15 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक।

अवधि : 5 घंटे 14 मिनट

महापुण्य काल मुहूर्त : 15 जनवरी 2024 की सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 15 मिनट तक

अवधि : 2 घंटे 0 मिनट

संक्रांति पल : दोपहर 02 बजकर 31 मिनट।

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मकर संक्रांति का महत्व

धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन से सूर्य देव अपने रथ से खर यानी गधे को निकालकर सात घोड़ों में दोबारा सवार हो जाते हैं और फिर उनकी सहायता से चारों दिशाओं में घूमते हैं। इस दौरान सूर्य की चमक तेज हो जाती है इसलिए इस दिन सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है और यह दिन सूर्य को समर्पित होता है। हिंदू धर्म में सूर्य ग्रह को सभी ग्रहों का अधिपति माना जाता है। सूर्य बल, यश,मान-सम्मान और गौरव का प्रतीक है।

यह भी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि से मिलने खुद उनके घर जाते हैं। बता दें कि शनिदेव मकर राशि के स्वामी हैं। उनके भाव में सूर्य के प्रवेश मात्र से शनि का नकारात्मक प्रभाव खत्म हो जाता है। सूर्य के प्रकाश के सामने कोई भी नकारात्मकता नहीं टिकती है इसलिए इस दिन भगवान सूर्य की आराधना करनी चाहिए। साथ गी, इस दिन स्नान, दान और तिल के लड्डू खाने की परंपरा है। इसके अलावा, उड़द की दाल को शनिदेव से जोड़ा गया है। ऐसे में इस दिन उड़द दाल की खिचड़ी खाने और दान करने से जातकों को सूर्य देव और शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

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मकर संक्रांति की पूजा विधि

मकर संक्रांति के दिन सूर्य की कृपा पाने के लिए भक्त पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं। आइए जानते हैं किस विधि-विधान से करें पर पूजा।

  • इस दिन पूजा करने के लिए सूर्योदय से पहले उठकर साफ सफाई कर लें। 
  • इसके बाद यदि संभव हो तो आसपास किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि ऐसा करना संभव न हो तो घर में ही गंगाजल मिलाकर स्नान करें।  
  • यदि आप व्रत रखना चाहते हैं तो इस दिन व्रत का संकल्प लें।
  • संभव हो तो इस दिन पीले वस्त्र पहनें क्योंकि इस दिन पीले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है और फिर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। 
  • इसके बाद सूर्य चालीसा पढ़ें और आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ जरूर करें।  
  • अंत में आरती करें और गरीबों को दान करें क्योंकि इस दिन दान करने का विशेष महत्व है।

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मकर संक्रांति पर करें इन चीजों का दान

  • मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व हैं। इस दिन तिल का दान करना बेहद शुभ माना गया है इसलिए इसे तिल संक्रांति भी कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन काले तिल का दान करने से जीवन में सभी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। 
  • इसके अलावा, इस दिन खिचड़ी का दान भी करना अच्छा माना जाता है। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन काली उड़द की दाल और चावल से बनी खिचड़ी का दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं व कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति मजबूत होती है।
  • मकर संक्रांति के दिन गुड़ का दान करना भी फलदायी माना जाता है। इस दिन गुड़ या इससे बनी चीज़ों का दान कर सकते हैं। ऐसा करने से सूर्य व शनिदेव दोनों की कृपा प्राप्त होती है। 
  • बेहतर स्वास्थ्य के लिए इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को गर्म कपड़े व कंबल का दान करना चाहिए।
  • इस दिन ब्राह्मण को देसी घी से बना भोजन करवाना चाहिए व घी का दान करना चाहिए। ऐसा करने से समाज में मान-सम्मान व प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।

देश के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग मान्यता से मनाते हैं मकर संक्रांति का त्योहार

हर साल पड़ने वाले मकर संक्रांति के त्योहार को नई फसल और नई ऋतु के आगमन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार सहित तमिलनाडु में नई फसल की कटाई होती है। अलग- अलग राज्यों में इसे अलग-अलग नामों व अलग-अलग मान्यताओं के साथ मनाया जाता है।

लोहड़ी 

मकर संक्रांति के पर्व के एक दिन पहले लोहड़ी मनाई जाती है। इस पर्व को उत्तर भारत में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन दोस्तों व परिवार के सदस्य एक दूसरे को बधाई देते हैं और गले लगते हैं। साथ ही, घर के बाहर खुली जगह पर आग जलाई जाती है और सब लोग मिलकर नृत्य करते हैं। लोहड़ी का त्योहार फसलों से जुड़ा हुआ है, इसलिए यह त्योहार किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इसे किसानों का नव वर्ष माना जाता है।

पोंगल

यह दक्षिण भारत के लोगों का मुख्य त्योहार है। यह मुख्य रूप से केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के राज्यों में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। पोंगल का पर्व भी विशेष रूप से किसानों का पर्व होता है। इस दिन सूर्यदेव व इंद्रदेव की पूजा करने का विधान है।

उत्तरायण

गुजरात में मकर संक्रांति के त्योहार को उत्तरायण के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व गुजरात के लोगों के लिए बेहद खास होता है। इस दिन पतंग उड़ाने की परंपरा है इसलिए इसे पतंग महोत्सव के रूप में भी लोग जानते हैं। इस त्योहार के मौके पर गुजरात अपने काइट फेस्टिवल के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। कई लोग इस विशेष दिन व्रत भी रखते हैं और तिल के लड्डू, मूंगफली की चिक्की बनाकर रिश्तेदारों में बांटते हैं।

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बिहू

मकर संक्रांति के त्योहार को असम में बिहू के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है और इस दिन किसान फसल की कटाई करते हैं। इस दिन कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं और अलाव जलाकर तिल और नारियल से बने व्यंजनों से अग्नि देवता को भोग लगाया जाता है।

गुघुती

उत्तराखंड में मकर संक्रांति के त्योहार को गुघुती के रूप में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसे प्रवासी पक्षियों के स्वागत का त्योहार माना जाता है। इस दिन लोग आटे और गुड़ से बनी मिठाइयां भी बनाते हैं और कौवों को खिलाते हैं। इसके अलावा, इस दिन घर में पुरी, पुवे, हलवा आदि बनाया जाता है।

मकर संक्रांति पर इन राशियों की चमकेगी किस्मत

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए यह अवधि बेहद अनुकूल साबित होगी। इस दौरान आप अपनी इच्छाओं को पूरा करने में भी कामयाबी हासिल करेंगे। करियर की बात करें तो आप सफलता के शिखर पर पहुंचने और कार्यक्षेत्र में पुरस्कार और पदोन्नति प्राप्त करने की स्थिति में नजर आएंगे। यदि आप नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो आप में से कई लोगों को नए अवसर प्राप्त होंगे। करियर के संबंध में विदेश यात्रा के भी योग बन रहे हैं। जो जातक व्यवसाय से संबंधित हैं उन्हें उच्च लाभ रिटर्न प्राप्त होने की संभावना है। वहीं यदि आप साझेदारी में व्यवसाय करते हैं तो आपको अच्छी सफलता प्राप्त होगी।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों को सूर्य का गोचर अच्छे परिणाम प्रदान करेगा। इस दौरान आपको विदेश में संपत्ति खरीदने के कई अच्छे मौके मिलेंगे। साथ ही इस राशि के कुछ जातक विदेश में पढ़ाई करने के मौके भी प्राप्त कर सकते हैं। वृषभ जातकों को विदेशी रिटर्न के जरिए कमाई और संतुष्टि हासिल करने के मौके भी प्राप्त होंगे। करियर के मोर्चे पर बात करें तो इस गोचर के दौरान आप काफी भाग्यशाली रहने वाले हैं। आपको अपनी नौकरी के संबंध में नए मौके मिल सकते हैं। इसके अलावा इस राशि के कुछ जातक नौकरी के सिलसिले से विदेश जा सकते हैं। आपका प्रेम जीवन बहुत ही शानदार रहेगा। आप और आपका जीवन साथी दोनों अपने परिवार में किसी शुभ अवसर में भाग लेंगे। आप दोनों के बीच मधुर संबंध स्थापित होंगे।

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सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए यह अवधि अच्छी सफलता लेकर आएगी। कार्यक्षेत्र में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। आपको वो तरक्की प्राप्त हो सकती है जिसकी आप उम्मीद कर रहे हैं। आप अपनी नौकरी में किए जा रहे अपने प्रयासों के चलते पदोन्नति और प्रोत्साहन प्राप्त करने में कामयाब हो सकते हैं। व्यावसायिक मोर्चे पर बात करें तो इस गोचर के दौरान आप वांछित लाभ प्राप्त करने में कामयाब रहेंगे और सट्टेबाजी के माध्यम से अच्छी कमाई भी प्राप्त करेंगे। आप नए व्यापारिक सौदे अपने नाम करने में सफल रहने वाले हैं। अगर आप साझेदारी में व्यवसाय करते हैं तो आपको व्यावसायिक साझेदारों से सहयोग प्राप्त होगा और मुमकिन है कि आपको इस दौरान किसी भी परेशानी, रुकावट या बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ ही अगर आप ऊंचे स्तर के मुनाफे की उम्मीद कर रहे हैं तो यह भी प्राप्त कर पाना अभी आपके लिए संभव नहीं होगा। 

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह अवधि बेहद शानदार साबित होने वाली है। इस दौरान आप जो भी यात्राएं करेंगे उसमें आपको लाभ मिलेगा और आपकी सभी इच्छाओं की पूर्ति होगी। इसके अलावा, आपको अपने भाई बहनों का समर्थन और प्यार भी मिलेगा। करियर की मोर्चे पर बात करें तो इस दौरान आपको अपने करियर से संबंधित यात्राएं करनी पड़ेगी और ऐसी यात्राएं आपके लिए लाभदायक साबित होगी। कार्यक्षेत्र में आपकी मेहनत रंग लाती दिखेगी और इस वजह से आपको पदोन्नति प्राप्त होगी और आपके वेतन में वृद्धि भी होगी। इस अवधि आपको विदेश में अच्छे अवसर के साथ नई नौकरी भी प्राप्त हो सकती है और यह मौके आपको संतुष्टि प्रदान करेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति इस दौरान मजबूत और स्थिर रहेगी। साथ ही, निवेश से भी आपको अच्छा रिटर्न प्राप्त होगा।

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