अपरा एकादशी के साथ शुरू होगा जून 2024 का महीना; यहां देखें व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट

जून 2024: मई के बाद जून के महीने की शुरुआत हो जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर में जून साल का छठा महीना है और वहीं हिंदी कैलेंडर के अनुसार, जून के मध्य में आषाढ़ माह शुरू होगा जो कि हिंदी कैलेंडर का चैथा महीना होगा। जून के महीने में गर्मी अत्यधिक बढ़ जाती है। इस दौरान लोग सूरज की चिलचिलाती किरणों से परेशान नज़र आते हैं। इस महीने ठंडी चीज़ें हर किसी को सुकून देती है। कई लोग इस महीने छुट्टियों में कहीं बाहर ठंडी जगहों में घूमना पसंद करते हैं। भले ही इस महीने गर्मी अपने चरम पर हो लेकिन सनातन धर्म में, यह महीना त्योहारों औ पर्वों के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, ज्येष्ठ अमावस्या सहित कई बड़े व्रत त्योहार पड़ रहे हैं, जो जून की महीने के महत्व को बहुत अधिक बढ़ा रहे हैं।

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इसके अलावा, नए महीने की जैसे ही शुरुआत होती है, हम सब के मन में यह जानने की उत्सुकता होती है कि यह महीने आपके लिए क्या कुछ लेकर आएगा? कौन से त्योहारों एवं व्रतों को इस माह मनाया जाएगा। सबसे जरूरी, जून 2024 में राशिचक्र की सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन में किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे और किन उतार-चढ़ावों का सामना करना होगा? इन सभी सवालों के जवाब भी आपको एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में मिलेंगे इसलिए इस लेख को पढ़ना जारी रखें।

जून 2024 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना

जून 2024 के पंचांग के अनुसार, वर्ष 2024 के छठे महीने जून का आरंभ पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि यानी कि 01 जून 2024 को होगा और इसकी समाप्ति अश्विनी नक्षत्र के अंतर्गत कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि अर्थात 30 जून 2024 को होगी। इस माह का पंचांग जानने के बाद हम इस महीने के तीज-त्योहारों के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे, लेकिन उससे पहले जानते है जून महीने का धार्मिक महत्व।

जून 2024 का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में जून के महीने को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया है। बता दें कि जून 2024 का आरंभ ज्येष्ठ महीने के अंतर्गत होगा जबकि इसका अंत आषाढ़ मास के तहत होगा। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ माह मई और जून के महीने में आता है। इस माह का धार्मिक दृष्टि से भी विशेष महत्व माना गया है। वर्ष 2025 में ज्येष्ठ मास की शुरुआत 22 मई 2024 को होगी जबकि इसका अंत 21 जून 2024 को हो जाएगा। 

हिंदू धर्म में ज्येष्ठ का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है और इस माह पूजा-पाठ व्रत-उपवास रखे जाते हैं। ज्येष्ठ माह सबसे गर्म महीना होता है। इसे सामान्य बोलचाल की भाषा में जेठ का महीना भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है बड़ा। ज्येष्ठ माह में सूर्य देव और वरुण देव की उपासना करनी चाहिए। ज्येष्ठ में स्नान, दान और धार्मिक कार्य आदि करना शुभ रहता है। इस माह ऐसी चीज़ों का दान करना चाहिए जो शरीर को ठंडक पहुंचाएं और छाया प्रदान करें। जैसे- छाता, पंखा, पानी इत्यादि वस्तुओं का दान जरूर करना चाहिए। ज्येष्ठ माह में विशेष रूप से गंगा व किसी पवित्र नदी में स्नान और पूजन करने का विधान है। इस माह में आने वाले पर्वों में गंगा दशहरा और इस माह में आने वाली ज्येष्ठ पूर्णिमा और निर्जला एकादशी प्रमुख पर्व है। 

वैज्ञानिक दृष्टि से भी ज्येष्ठ माह का विशेष महत्व है क्योंकि इस महीने बढ़ती गर्मी की वजह से प्रकृति में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं जैसे कि कई जगहों पर जल का स्तर गिर जाता है, पानी की कमी हो जाती है। साथ ही, कई बीमारियां भी जन्म लेती है इसलिए इस अवधि में हरी सब्ज़ियों, सत्तू और रस वाले फलों का सेवन फलदायी साबित होता है। 

अब बात करते हैं आषाढ़ माह की, जिसकी शुरुआत 23 जून से होगी और इसकी समाप्ति 21 जुलाई को होगी। आषाढ़ का महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस महीने भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही, इस मास में सूर्य देव और माता दुर्गा की उपासना करने से धन-धान्य एवं आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पुराणों के अनुसार, आषाढ़ माह से ही भगवान विष्णु योग निद्रा अवस्था में चले जाते हैं। इस कारण से अगले चार महीनों तक शुभ व मांगलिक कार्यों को करने की मनाही हो जाती है। आषाढ़ माह में ही गुरु पूर्णिमा का व्रत मनाया जाता है। इसके अलावा, इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है।

नोट: हिंदू वर्ष में प्रत्येक महीने का नाम नक्षत्रों पर आधारित होता है। हर महीना का बदलना चंद्र चक्र पर निर्भर करता है और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा जिस नक्षत्र में मौजूद होता है उस महीने का नाम उसी नक्षत्र के नाम पर रखा जाता है। 

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जून में जन्म लेने वाले लोगों का व्यक्तित्व

जून में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के बारे में बात करें तो ये लोग स्वभाव में बहुत अधिक विनम्र होते हैं और अपने इसी गुण के कारण ये हर किसी की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। ये दिखने में आकर्षक भी होते है और अपनी अलग पहचान बनाने में सक्षम होते हैं। ये लोग जहां भी जाते हैं, वहां हर किसी को अपना बना लेते हैं क्योंकि ये मिलनसार होते हैं। ये हर कार्य को सोच समझकर पूरा करते हैं और जल्दबाजी में काम करने से बचते हैं क्योंकि इन्हें पता है कि जल्दबाजी के काम का परिणाम खराब हो सकता है। ये जो भी काम करते हैं उसे योजना बनाकर करते हैं और एक लक्ष्य निर्धारित करते हैं। 

ये मूडी होते हैं और इनका मूड कभी भी बदल सकता है। कभी हो सकता है कि ये आपसे बात करते-करते आपको खुश नजर आएंगे और दूसरे ही पल नाराज भी हो सकते हैं। इनका मूड बहुत जल्द बदलता सकता है। इन लोगों को गुस्सा बहुत जल्दी आता है लेकिन, ये लोग अधिक समय के लिए किसी से नाराज नहीं रहते हैं और जल्द ही मान जाते हैं। साथ ही, ये लोग अपनी भावनाओं को जल्द किसी के सामने व्यक्ति नहीं करते हैं, जो भी होता है उसे मन में दबाए रखते हैं। इन जातकों के करियर की बात करें तो ये लोग मल्टीटास्कर भी होते हैं। साथ ही अपने आपको अलग-अलग परिस्थितियों में ढालने में माहिर होते हैं। इनका झुकाव डॉक्टर, पत्रकार, टीचर, मैनेजर जैसे क्षेत्रों में अधिक होता है। 

जून 2024 के व्रत एवं त्योहारों की तिथियां

हिंदू धर्म में हर दिन और हर महीने में अनेक व्रत-त्योहार को किये जाते हैं। इसी प्रकार, जून 2024 में कई प्रमुख व्रतों एवं पर्वों को मनाया जाएगा। तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं और जानते हैं इस महीने में पड़ने वाले पर्वों की तिथियों के बारे में। 

तिथिदिनत्योहार
02 जून, 2024रविवारअपरा एकादशी
04 जून, 2024मंगलवारमासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण)
06 जून, 2024गुरुवारज्येष्ठ अमावस्या
15 जून, 2024शनिवारमिथुन संक्रांति
18 जून, 2024मंगलवारनिर्जला एकादशी
19 जून, 2024बुधवारप्रदोष व्रत (शुक्ल)
22 जून 2024शनिवारज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
25 जून, 2024मंगलवारसंकष्टी चतुर्थी

यहां हमने आपको जून 2024 माह में मनाये जाने वाले व्रत एवं त्योहारों की तिथियों के बारे में जानकारी प्रदान की है। लेकिन, अब हम आपको अवगत करवाते हैं इन त्योहारों के धार्मिक महत्व से। 

जून 2024 में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहारों का धार्मिक महत्व

अपरा एकादशी (02 जून 2024, रविवार): ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है। सनातन धर्म में इस एकादशी को सभी 24 एकादशी में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है और इसका महत्व बहुत अधिक है। अपरा एकादशी का अर्थ होता है अपार पुण्य। पदम पुराण के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करनी चाहिए। अपरा एकादशी को जलक्रीड़ा एकादशी, अचला एकादशी और भद्रकाली एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

मासिक शिवरात्रि (04 जून 2024, मंगलवार): मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को धूमधाम से मनाई जाती है। इस तरह साल में 12 मासिक शिवरात्रि पड़ती हैं और पौराणों में इन सभी का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि व्रत करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं। शास्त्रों के अनुसार, माता लक्ष्मी, सरस्वती, इंद्राणी, गायत्री, सावित्रि और माता पार्वती ने शिवरात्रि का व्रत किया था और शिव कृपा से उन्हें अनंत फल की प्राप्ति हुई थी। इस दिन उपवास रख के भोलेनाथ को शीघ्र प्रसन्न किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि जो कुंवारी कन्या इस दिन उपवास रखती हैं उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।

ज्येष्ठ अमावस्या (06 जून 2024, गुरुवार): ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को ज्येष्ठ अमावस्या कहते हैं। यह कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि है। इसके बाद से शुक्ल पक्ष का प्रारंभ होता है। ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पवित्र ​नदियों में स्नान करने व दान देने की परंपरा है। ऐसा करने से सभी पापों छुटकारा मिलता है और पुण्य फल की प्राप्ति होती है। स्नान और दान से ​पितर प्रसन्न होते हैं और वे आशीर्वाद देते हैं। ज्योतिष के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए और ग्रहों के उग्र स्वभाव को शांत करने के लिए हर एक व्यक्ति को सात प्रकार की चीजों का दान जरूर करना चाहिए। वह चीज़ें इस प्रकार है- चावल, गेहूं, जौ, कंगनी, चना, मूंग दाल और तिल।

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मिथुन संक्रांति (15 जून 2024, शनिवार): ग्रहों के राजा और आत्मा के कारक ग्रह सूर्य हर महीने अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं और ये जिस राशि में गोचर करते हैं, उस तिथि को उसी राशि के नाम की संक्रांति कहा जाता है, जैसे आने वाले 15 जून को सूर्य मिथुन राशि में विराजमान होंगे और इस तिथि को मिथुन संक्रांति के नाम से जाना जाएगा। संक्रांति तिथि पर गंगा, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान व ध्यान करने का विधान है। इस दिन सूर्य देव की पूजा-उपासना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा के बाद भक्ति के भाव से गरीब व जरूरतमंदों को धन व वस्त्र दान करना चाहिए। सनातन धर्म में ऐसी मान्यता है कि संक्रांति तिथि पर दान-पुण्य करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

निर्जला एकादशी ( 18 जून 2024, मंगलवार): सभी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। सनातन धर्म में इस व्रत को बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। साल के हर महीने दो एकादशी तिथि पड़ती है। इस तरह से एक साल में कुल 24 और अधिक मास में कुल 26 एकादशी तिथि पड़ती है। शास्त्रों में इन सभी एकादशी तिथि को अलग-अलग नामों से जाना जाता है और इन सभी का विशेष महत्व है लेकिन सभी एकादशी में निर्जला एकादशी व्रत को बहुत अधिक कठिन माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, निर्जला एकादशी की तिथि प्रत्येक साल ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पड़ती है। निर्जला एकादशी का व्रत पौराणिक काल से ही रखा जाता आ रहा है और इसका वर्णन महाभारत में किया गया है। बता दें कि द्वापर युग में भीम ने यह व्रत रखा था, जिस वजह से इसे भीमसेनी एकादशी व्रत की कहा जाता है।

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत (22 जून 2024, शनिवार): शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस विशेष दिन पर स्नान-दान व पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को अत्यधिक लाभ की प्राप्ति होती है। इसी क्रम में हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि के दिन ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत रखा जाता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से और भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी के साथ-साथ चंद्र देव की पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के दिन व्रत रखकर सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ करने से या उनका श्रवण करने से साधक को विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। साथ ही इस विशेष दिन पर माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने से धन, सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस विशेष दिन चंद्रमा की उपासना भी करनी चाहिए और चंद्रमा को जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सकारात्मकता आती है और कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है।

संकष्टी चतुर्थी (25 जून 2024, मंगलवार): सनातन धर्म में संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है। हर माह के कृष्ण और शुक्ल, दोनों पक्षों की चतुर्थी को भगवान गणेश की पूजा का विधान है। बस फर्क केवल यह है कि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी, जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस साल संकष्टी चतुर्थी 25 जून को पड़ रही है। इस खास अवसर पर भगवान शिव के पुत्र भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही, शुभ कार्यों में सिद्धि प्राप्ति के लिए व्रत किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से भक्त को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और भगवान गणेश की विशेष कृपा सदैव बनी रहती है। 

जून 2024 में आने वाले बैंक अवकाश एवं अन्य महत्वपूर्ण दिन 

9 जून 2024, रविवार: महाराणा प्रताप जयंती

10 जून 2024, सोमवार: श्री गुरु अर्जुन देव शहीदी दिवस

14 जून 2024, शुक्रवार: पहला राजा उत्सव

15 जून 2024, शनिवार: राजा संक्रांति

15 जून 2024, शनिवार: वाईएमए दिवस

17 जून 2024,सोमवार: ईद-उल-अधा (बकरीद)

18 जून 2024, मंगलवार: ईद-उल-अधा (बकरीद) का अवकाश

22 जून 2024,शनिवार: संत कबीर जयंती

30 जून 2024, रविवार: रेमना नी

ज्येष्ठ माह में किन बातों का रखें ध्यान

  • ज्येष्ठ माह में तिल का दान करना बहुत ही फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इससे अकाल मृत्यु का खतरा भी टल जाता है और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  • ज्येष्ठ के महीने में तिल, तांबा, घी और गुड़ का दान करना चाहिए। इससे मंगल दोष से बचा जा सकता है।
  • ज्येष्ठ महीने में प्रतिदिन सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए। इससे बिज़नेस और नौकरी में तरक्की हासिल होती है।
  • इस महीने में घड़े, जल, व पंखे का दान करें। 
  • ध्यान रहें कि इस माह में बैंगन का सेवन करने से बचना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने दोष लगता है और व्यक्ति कई प्रकार के रोगों से भी परेशान रहता है। इसके अलावा, तेल-मसाला आदि खाने से भी परहेज करें।
  • ज्येष्ठ महीने में कभी घर आये व्यक्ति को बिना पानी पिलाए घर से न भेजे। 
  • ज्येष्ठ माह में बड़े पुत्र या पुत्री की शादी नहीं करनी चाहिए। अगर विवाह करते हैं, तो जातक पर अशुभ प्रभाव पड़ता है।
  • ज्येष्ठ के महीने में शरीर में तेल लगाने से बचना चाहिए।
  • ज्येष्ठ माह में दिन के समय में कभी नहीं सोना चाहिए। ऐसा करने से बीमारियों से ग्रस्त हो सकते हैं।

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सुख-समृद्धि के लिए ज्येष्ठ व आषाढ़ माह में करें ये ख़ास उपाय

आषाढ़ माह के उपाय

  • यदि आपको अपनी कुंडली में सूर्य और मंगल की स्थिति को मजबूत करना है और साथ ही आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाना है,तो आषाढ़ मास में श्री हरि विष्णु, भोलेनाथ, मां दुर्गा और हनुमानजी की पूजा अवश्य करें। ऐसा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। 
  • आषाढ़ मास में सूर्योदय से पहले उठकर सभी कार्यों से निपटकर स्नान करना चाहिए और उसके बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए। उसके बाद कुछ भोजन करना चाहिए। सूर्यदेव आरोग्य के देवता कहे जाते हैं और आषाढ़ माह उनकी उपासना करने से व्यक्ति निरोगी बनता है।
  • आषाढ़ माह में कई व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं इसलिए यह माह पूजा-पाठ के लिए महत्वपूर्ण महीना माना जाता है।  
  • आषाढ़ महीने में स्नान के साथ ही दान का भी खास महत्व है। अपनी सामर्थ्य के अनुसार आषाढ़ मास में जरूरतमंद लोगों को दान-दक्षिणा जरूर दें। मान्यता है कि आषाढ़ माह में छाता, आंवला,जूते-चप्पल और नमक आदि का दान करना फलदायी होता है। कहते हैं ऐसा करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा बनी रहती है।

ज्येष्ठ माह के उपाय

  • जो लोग कुंडली में मंगल दोष होता है, उन्हें ज्येष्ठ के महीने में इस दोष से मुक्ति पाने के लिए तांबा, गुड़ का दान करना चाहिए।
  • माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए ज्येष्ठ महीने में रोज पशु-पक्षियों को दाना डालें और गाय को चारा खिलाना चाहिए।
  • ज्येष्ठ माह में सूर्यदेव की किरणें तेज होती है। इस महीने सूर्यदेव को जल देने से व्यक्ति के धन प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
  • जिन लोगों की कुंडली में ग्रह दोष होता है, उन्हें ज्येष्ठ के महीने में इस दोष से मुक्ति पाने के लिए तांबा, गुड़ का दान करना चाहिए।
  • माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए ज्येष्ठ महीने में रोज पशु-पक्षियों को दाना डालना चाहिए और गाय को चारा खिलाना चाहिए।
  • ज्येष्ठ माह में सूर्यदेव की रोशनी सबसे तेज होती है। इस महीने सूर्यदेव को जल देने से व्यक्ति के मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है।

जून 2024 में पड़ने वाले ग्रहण और गोचर   

व्रत-त्योहार, बैंक हॉलिडे और जून का धार्मिक महत्व जानने के बाद, अब हम इस महीने में होने वाले गोचर और लगने वाले ग्रहण के बारे में बात करेंगे। जून 2024 में कुल 9 बार ग्रहों की स्थिति और दशा में परिवर्तन देखने को मिलेगा जिसमें 5 बड़े ग्रह गोचर करेंगे और इसमें एक ग्रह 2 बार अपनी राशि बदलेगा जबकि 4 बार ग्रहों की चाल एवं दशा में बदलाव आएगा। तो आइए बिना देर किये जानते हैं इन ग्रहों के गोचरों के बारे में।

मंगल का मेष राशि में गोचर (01 जून 2024): लाल ग्रह के नाम से प्रसिद्ध मंगल महाराज 01 जून 2024 की दोपहर 03 बजकर 27 मिनट पर अपनी राशि मेष में गोचर कर जाएंगे। 

बुध वृषभ राशि में अस्त (02 जून 2024): बुध को ग्रहों के राजकुमार के नाम से जाना जाता है जो अब 02 जून 2024 की शाम 06 बजकर 10 मिनट पर वृषभ राशि में अस्त होने जा रहे हैं।

बृहस्पति का वृषभ राशि में उदय (03 जून 2024): गुरु ग्रह को देवताओं के गुरु का दर्जा प्राप्त है और इनके उदय व अस्त होने से संसार पर प्रभाव पड़ता है। अब यह 03 जून 2024 की रात 03 बजकर 21 मिनट पर उदय होने जा रहा है।  

शुक्र का मिथुन राशि में गोचर (12 जून 2024): प्रेम, विलासिता और भौतिक सुखों के कारक ग्रह शुक्र देव 12 जून 2024 की शाम 06 बजकर 15 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। 

बुध का मिथुन राशि में गोचर (14 जून 2024): बुद्धि, वाणी और तर्क के कारक ग्रह के रूप में प्रसिद्ध बुध महाराज 14 जून 2024 की रात 10 बजकर 55 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर कर जाएंगे। 

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर (15 जून 2024): ज्योतिष में सूर्य देव को नवग्रहों के राजा का दर्जा प्राप्त है और अब यह 15 जून 2024 की रात 12 बजकर 16 मिनट पर मिथुन राशि में प्रवेश करने वाले हैं। 

बुध का मिथुन राशि में उदय (27 जून 2024): जून में एक बार फिर बुध ग्रह की दशा में सुबह बदलाव देखने को मिलेगा और यह अपनी अस्त अवस्था से बाहर आते हुए 27 जून 2024 की सुबह 04 बजकर 22 मिनट पर मिथुन राशि में उदित होने जाएंगे।

बुध का कर्क राशि में गोचर (29 जून 2024): ज्योतिष में बुध ग्रह को तेज़ गति से चलने वाला ग्रह माना गया है और ऐसे में, जून में यह पुनः अपनी राशि में परिवर्तन करते हुए 29 जून 2024 की दोपहर 12 बजकर 13 मिनट पर कर्क राशि में गोचर कर जाएंगे। 

शनि कुंभ राशि में वक्री (29 जून 2024): न्याय और कर्मफल दाता के नाम से विख्यात सूर्य पुत्र शनि अपनी ही राशि कुंभ में 29 जून 2024 की रात 11 बजकर 40 मिनट पर वक्री हो जाएंगे। 

नोट: जून 2024 में कोई ग्रहण नहीं लगेगा।   

जून मासिक भविष्यवाणी 2024: 12 राशियों का राशिफल 

मेष राशि 

इस राशि के जातक करियर में कड़ी मेहनत करेंगे और इस मेहनत के बल पर आप अच्छी सफलता प्राप्त करेंगे। लेकिन……विस्तार से पढ़ें

वृषभ राशि 

वृषभ राशि वालों का करियर जून 2024 में अनुकूल रहेगा। इस दौरान आप काम में ख़ूब मेहनत करेंगे और……(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों का करियर इस महीने उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा। इस अवधि में आप…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि 

कर्क राशि वालों की करियर के क्षेत्र में स्थिति मज़बूत होगी और आप तरक्की हासिल करेंगे। आपका पद…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि 

सिंह राशि वालों का जून 2024 में करियर अनुकूल रहेगा। नौकरी ढूंढ रहे जातकों को…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि 

कन्या राशि वालों का करियर जून माह में सामान्य रहेगा। इस अवधि में आप अपने काम को बेहतर तरीके से कर सकेंगे। लेकिन…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि 

इस राशि के लोगों का आर्थिक जीवन जून में थोड़ा मुश्किल रह सकता है। इस दौरान आपको व्यापार में लाभ प्राप्त होने की संभावना है। साथ ही…(विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि वालों का करियर जून 2024 में ज्यादातर अनुकूल रहेगा। इस दौरान नौकरी में आपका…(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि 

जून में आपका पारिवारिक जीवन काफ़ी अशांत रह सकता है जिसकी वजह से आप बैचैन नज़र आ सकते है। ऐसे में, आपको…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों का करियर इस महीने मिल-जुला रहेगा क्योंकि आपको नौकरी में बदलाव से जूझना पड़ सकता है या फिर…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि 

इन जातकों का पारिवारिक जीवन अनुकूल रहेगा और आपके माता-पिता के स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलेगा। साथ ही…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि 

इस माह आपका पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा। लेकिन, आपको ध्यान रखना होगा कि भावनाओं में बहकर कुछ भी ऐसा न करें…(विस्तार से पढ़ें)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

प्रश्न 1. मकर राशि वालों का 2024 कैसा रहने वाला है?

उत्तर. साल 2024 मकर राशि वालों का मिलाजुला रहेगा।

प्रश्न 2. 2024 तुला राशि वालों के लिए कैसा रहेगा?

उत्तर. इस राशि के लोगों का आर्थिक जीवन जून में थोड़ा मुश्किल रह सकता है।

प्रश्न 3. मिथुन राशि का करियर क्या है?

उत्तर. मिथुन राशि के जातकों का करियर इस महीने उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा।

प्रश्न 4. अपरा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

उत्तर. अपरा एकादशी 02 जून 2024 रविवार के दिन रखा जाएगा।

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