ज्योतिषशास्त्र में बृहस्पति ग्रह को देवताओं के गुरु की उपाधि दी गई है। गुरु एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करने में लगभग एक साल का समय लेते हैं और इस तरह गुरु को सभी 12 राशियों में गोचर करने में 12 वर्ष लग जाते हैं।
बता दें कि इस समय बृहस्पति शुक्र की राशि में बैठे हैं। 09 अक्टूबर को 10 बजकर 01 मिनट पर गुरु मिथुन राशि में वक्री हो जाएंगे। गुरु के वक्री होने से कुछ राशियों के लोगों को विशेष लाभ होने की संभावना है।
इन राशियों के जातकों को अपार सफलता मिलेगी और इनके पास खूब धन-दौलत रहने वाली है। तो चलिए जानते हैं कि गुरु के वक्री होने पर किन राशियों के लोगों को फायदा मिलेगा।
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इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन
तुला राशि
इस राशि के आठवें भाव में गुरु का संचरण होगा। आपके लिए यह समय बहुत भाग्यशाली रहने वाला है। लंबे समय से रुके हुए काम अब पूरे हो सकते हैं। आपके जीवन में आ रही चुनौतियां और अड़चनें भी समाप्त हो सकती हैं। यदि व्यापारियों को अपने क्षेत्र में कोई परेशानी आ रही थी, तो अब उनकी समस्याओं का अंत होगा।
व्यापारियों को अपने क्षेत्र में अपार सफलता मिलेगी और वे खूब धन कमाएंगे। शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए अच्छा समय है। आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत रहेगी। आप अपने खर्चों को पूरा करने के साथ-साथ पैसों की बचत करने में भी कामयाब होंगे।
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मेष राशि
मेष राशि के दूसरे भाव में गुरु वक्री होने जा रहे हैं। आपको अपने भाग्य का साथ मिलेगा। आपके लिए अचानक धन लाभ के योग भी बन रहे हैं। यदि आप नौकरी बदलने की सोच रहे हैं, तो इस समय आपको नौकरी के बेहतरीन और शानदार अवसर मिल सकते हैं। नौकरीपेशा जातकों के लिए प्रमोशन और वेतन में वृद्धि के योग बन रहे हैं।
व्यापारियों को कोई बड़ी डील या प्रोजेक्ट मिल सकता है जिससे उन्हें मोटा मुनाफा होगा। आपको विदेश यात्रा पर जाने का मौका भी मिल सकता है। विदेश से काम करने वाले लोगों को धन लाभ होगा। आपकी वित्तीय स्थिति अच्छी रहेगी। आपको अपनी सेहत को लेकर भी चिंता करने की जरूरत नहीं है।
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सिंह राशि
इस राशि के दसवें भाव में गुरु वक्री होंगे। यदि आपके जीवन में कोई समस्या चल रही है, तो अब वह समाप्त होगी। आपको काम के सिलसिले में यात्रा पर जाना भी पड़ सकता है। आपके लिए यह यात्रा लाभकारी सिद्ध होगी। जो जातक नौकरी बदलने के बारे में सोच रहे हैं, उन्हें अपने प्रयासों में सफलता मिल सकती है।
कार्यक्षेत्र में आपके वरिष्ठ अधिकारी आपके काम से प्रसन्न होंगे। आपको अपने कार्यस्थल पर काम करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। व्यापारियों को भी खूब मुनाफा होने की उम्मीद है। लंबे समय से आपका कोई काम अटका हुआ है, तो अब वह पूरा हो सकता है। संतान की ओर से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। आपके धन में इज़ाफा होगा और निवेश से भी लाभ कमा सकते हैं। सेहत को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है।
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वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह
बृहस्पति को देवताओं का गुरु कहा जाता है। गुरु एक आध्यात्मिक ग्रह हैं और इस वजह से उनमें सभी दैवीय गुण मौजूद होते हैं। बृहस्पति की कृपा के बिना किसी भी शुभ चीज़ पर उच्च वर्चस्व और नियंत्रण पाना मुश्किल है।
जिस व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति मजबूत हो और बृहस्पति जन्म के समय कुंडली में अपनी ही राशि धनु और मीन में स्थित हो, तो उस व्यक्ति को सभी अच्छे गुण और भाग्य आदि की प्राप्ति होती है। यदि बृहस्पति अपनी उच्च राशि कर्क में स्थित हो, तो ये जातक किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सक्षम होते हैं। इन्हें समाज में अधिक प्रभावशाली लोगों के साथ जुड़ने का मौका मिलता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
उत्तर. ऐसे में सेहत बिगड़ने का खतरा रहता है।
उत्तर. गुरु का लग्न या प्रथम भाव में होना अच्छा होता है।
उत्तर. पीले रंग के कपड़े पहनें और खाने में हल्दी का उपयोग करें।
उत्तर. धनु और मीन राशि के स्वामी गुरु हैं।
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