हम न जाने कब से सपने देखते आ रहे हैं। स्वप्न शास्त्र मानता है कि मनुष्य को आने वाले सपने

हम न जाने कब से सपने देखते आ रहे हैं। स्वप्न शास्त्र मानता है कि मनुष्य को आने वाले सपने
जब से मनुष्य के अंदर चेतना जगी है तब से मनुष्य सपने देखता आ रहा है। लोग सपने देखते हैं
लगभग हर मनुष्य सपना तो देखता ही है। सपने देखना मनुष्य के जीवन का एक हिस्सा है लेकिन अधिकतर सपने
स्वप्न शास्त्र का मानना है कि हम मनुष्य यूं ही सपने नहीं देखते हैं बल्कि हर सपने का कोई न
जब से मनुष्य के अंदर चेतना जागी है तब से मनुष्य ने इस बात को जाना है कि उसके अवचेतन
कई बार हमें सपने में कुछ ऐसी चीजें नजर आ जाती है जिनका हमें खुद मतलब पता नहीं होता है।
हम मानव आज से सपने नहीं देख रहे हैं। यह सदियों से चला आ रहा है। हमें स्वप्न यूं ही
मनुष्य आज से सपने नहीं देख रहा है बल्कि यह प्रक्रिया हजारों साल से चली आ रही है। सपना देखना
स्वप्न शास्त्र कहता है कि हम नींद में जो भी सपने देखते हैं अमूमन तौर पर उनका कोई मतलब होता
लगभग हर मनुष्य सपना देखता है। सपने देखना मनुष्य जीवन का एक हिस्सा रहा है। मनुष्य सदियों से सपने देखता