स्वराशि में अस्त होने जा रहे हैं शनि: आपको दिलाएंगे लाभ या करेंगे नुकसान?

11 फरवरी 2024 को शनि अपनी ही राशि कुंभ में अस्त होने जा रहे हैं। वैदिक ज्योतिष में शनि देव को कर्म फल दाता ग्रह का दर्जा दिया गया है। अर्थात यह व्यक्ति को उनके कर्मों के आधार पर फल देने के लिए जाने जाते हैं। 11 फरवरी को स्वराशि में शनि का अस्त होना निश्चित तौर पर सभी राशियों को प्रभावित करने वाला है। 

आपकी राशि पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा इस बात की जानकारी जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। साथ ही इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं कुंडली में मजबूत और पीड़ित शनि के प्रभाव, लक्षण और संबन्धित उपायों की जानकारी।

आपकी कुंडली में शनि की स्थिति क्या है? जानने के लिए विद्वान ज्योतिषियों से अभी कॉल/चैट पर करें बात

शनि कुंभ राशि में अस्त: क्या रहेगा समय? 

सबसे पहले बात करें समय की तो, शनि 11 फरवरी 2024 को 1:55 पर अस्त हो जाएंगे। जैसा कि हमने पहले भी बताया कि शनि कुंभ राशि के ही स्वामी हैं, ऐसे में अपनी ही राशि में शनि का अस्त होना बेहद ही खास माना जा रहा है।

अधिक जानकारी: शनि अस्त 2024 के चलते जहां एक तरफ धनु राशि की शनि साढ़े साती समाप्त होने वाली है वहीं दूसरी तरफ मकर राशि के जातकों के लिए साढ़े साती का दूसरा चरण समाप्त हो जाएगा। कुंभ का पहला चरण खत्म हो जाएगा और दूसरा चरण चालू हो जाएगा। इसके साथ ही मीन राशि पर शनि की साढ़े साती का पहला चरण शुरू हो जाएगा। इसके अलावा तुला राशि के जातकों को शनि की ढैया और वृश्चिक राशि के जातकों को ढैया से मुक्ति मिलेगी। कर्क राशि के जातकों की अष्टम शनि ढैया शुरू हो जाएगी।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह और क्या होता है अस्त होना

वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह की बात करें तो शनि एक कर्म फल दाता ग्रह है जो व्यक्ति के जीवन में उनके कर्मों के अनुसार उन्हें फल देते हैं। यह व्यक्ति को अनुशासित रहना और न्याय प्रिय तरीके से जीवन जीना सिखाते हैं। कहा जाता है कि, जिन भी जातकों के जीवन में शनि देव का आशीर्वाद होता है ऐसे व्यक्ति मर्यादा में रहकर अपना काम बेहद ही आसानी से कर लेते हैं, उनके कर्म हमेशा उचित रहते हैं, साथ ही इनकी निर्णय लेने की क्षमता शानदार होती है। 

वहीं इसके विपरीत अगर किसी कुंडली में शनि अनुकूल स्थिति में ना हो तो ऐसे व्यक्तियों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। शनि का प्रकोप रातों-रात राजा को रंक भी बना सकता है। बात करें शनि अस्त की तो शनि या कोई भी अन्य ग्रह जब अस्त होता है तो वह कमजोर अवस्था में आ जाता है। ऐसे में शनि अस्त के दौरान शनि का प्रतिकूल प्रभाव जातकों के जीवन पर कम देखने को मिलेगा। ज्योतिष के जानकारी मानते हैं कि शनि अस्त के दौरान व्यक्ति को पुराने कर्ज़ों से मुक्ति मिल सकती है। साथ ही इस दौरान शत्रु भी कमजोर रह सकते हैं।

कुंडली में शनि अस्त हो तो क्या करें? 

अब सवाल उठता है कि अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि अस्त अवस्था में मौजूद हो तो क्या किया जा सकता है। चलिये हम इसके निवारण के उपाय भी जान लेते हैं: 

  • ऐसे व्यक्तियों को शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दान करना बेहद ही शुभ रहता है। 
  • साथ ही आप इस दिन पीपल के पेड़ की जड़ में दीपक भी प्रज्वलित करें। 
  • शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए शनि चालीसा का पाठ करना बेहद ही कारगर उपाय माना गया है। 
  • इसके अलावा अगर आप नियमित रूप से श्रद्धापूर्वक भगवान बजरंगबली की पूजा करते हैं तो भी शनि देव की टेढ़ी दृष्टि के प्रकोप से बचा जा सकता है।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

इन संकेतों से जानें शनि हैं पीड़ित 

जब भी कोई ग्रह कुंडली में पीड़ित अवस्था में होता है या कमजोर होता है तो वह व्यक्ति को तमाम तरह के संकेत प्रदान अवश्य करता है। ऐसे में बात करें शनि ग्रह की तो अगर आपको लाख जतन के बावजूद आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है और आपके हाथों में पैसे टिक ही नहीं रहे हैं तो समझ लीजिए कि आपकी कुंडली में शनि कमजोर अवस्था में है। 

इसके अलावा अगर आप कड़ी मेहनत तो करते हैं लेकिन आपको सफलता नहीं मिल रही है तो यह भी इस बात की तरफ इशारा है कि आपका शनि कमजोर है। 

अगर किसी व्यक्ति को लगातार स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां बनी हुई है तो यह भी कमजोर शनि के संकेत माना गया है। 

अगर व्यक्ति अंदर से हमेशा उदास महसूस करें तो यह भी कमजोर शनि की तरफ संकेत देता है।

पीड़ित या कमजोर शनि की प्रभाव स्वरूप व्यक्ति को जीवन में तमाम परेशानियां, दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में ज्योतिष के जानकार शीघ्र ही शनि से संबंधित उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या कुछ है यह उपाय चलिए आगे जान लेते हैं।

जीवन में किसी भी दुविधा का हल जानने के लिए विद्वान ज्योतिषियों से अभी पूछें प्रश्न

शनि को मजबूत बनाएंगे यह ज्योतिषीय उपाय 

  • शनि ग्रह को मजबूत बनाने के लिए आप शनिवार के दिन गरीब और ज़रूरतमन्द लोगों को खाने-पीने, पहनने, ओढ़ने की वस्तुओं का यथाशक्ति अनुसार दान करें। 
  • शनिवार के दिन किसी शनि मंदिर में जाएं। यहां सरसों के या तिल के तेल का दीपक जलाएं और मुमकिन हो तो दीए में तिल के कुछ दाने अवश्य डालें। 
  • भगवान शंकर को शनि देव का गुरु माना गया है। ऐसे में शनिवार के दिन एक लोटे में जल और पुष्प लेकर गंगाजल और काले तिल मिला लें और इसे भगवान शिव जी पर चढ़ाएँ। भगवान शिव को प्रसन्न करके शनिदेव के प्रकोप से आसानी से बचा जा सकता है। 
  • शनिवार के दिन एक बर्तन में सरसों का तेल ले लें। इसमें अपना चेहरा देखें और फिर इस तेल को दान कर दें। इसे छाया दान कहा जाता है और शनि के प्रकोप से बचने का यह एक बेहद ही कारगर उपाय माना गया है।

अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं और शनि कुंभ राशि में अस्त का सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर क्या कुछ असर पड़ेगा।

अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित  से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!

शनि कुंभ राशि में अस्त: राशि अनुसार उपाय और भविष्यवाणी 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए शनि दसवें और ग्यारहवें घर का स्वामी है और आपके ग्यारहवें घर में ही …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि नवम और दशम भाव का स्वामी है और आपके दसवें घर में ही…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि आठवें और नवम भाव का स्वामी है और आपके नवम भाव में ही …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क एक जलीय और चर राशि मानी गई है। कर्क राशि के जातकों के लिए शनि सप्तम और अष्टम भाव का स्वामी है और…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह एक उग्र और स्थिर राशि चिन्ह है। सिंह राशि के जातकों के लिए शनि छठे और सातवें घर का स्वामी माना गया है और…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए शनि पंचम भाव और षष्ठ भाव का स्वामी है और आपके छठे भाव में ही अस्त होने जा रहा है। जानकारी के लिए…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

तुला एक वायु तत्व की स्त्री राशि मानी गई है। शनि आपके चतुर्थ और पंचम भाव का स्वामी है और अब पंचम भाव में ही…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक एक जलीय राशि है और यह स्त्री राशि मानी गई है। शनि आपके तीसरे और चतुर्थ भाव का स्वामी है और चतुर्थ घर में ही…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

धनु एक अग्नि तत्व की पुरुष राशि मानी गई है। शनि आपके दूसरे और तीसरे घर का स्वामी है और यह तीसरे ही…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर एक चल और पृथ्वी तत्व की राशि है। शनि आपके पहले और दूसरे घर का स्वामी है और आपके दूसरे ही…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुंभ राशि 

कुंभ एक स्थिर और वायु राशि है। शनि आपके पहले और 12वें घर का स्वामी है और यह आपके लग्न में ही…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि

राशि चक्र की आखिरी राशि मीन एक सामान्य और जल तत्व की राशि है। शनि आपके 11वें और 12वें घर का स्वामी है और अब …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.