भाद्रपद माह में पड़ेंगे कई महत्वपूर्ण त्योहार, जानें इस महीने किस राशि को मिलेगा भाग्य का साथ!

सनातन धर्म में हर महीने का अपना विशेष महत्व होता है। इसी क्रम में हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह के बाद भाद्रपद यानी भादो का महीना शुरू होती है। यह महीना हिन्दू धर्म में काफी महत्वपूर्ण और विशेष माना जाता है। यह हिंदू कैलेंडर का 6वां महीना होता है। वहीं चातुर्मास का दूसरा माह। सावन समाप्त होते ही यह महीना प्रारंभ होता है। झारखंड और बिहार में इस महीने को कई नामों से लोग पुकारते हैं। जैसे- भाद्रपद, भादवा, भाद्र और भादो। धार्मिक नजरिए से यह महीना इसलिए भी अहम है क्योंकि इसी महीने में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इसी महीने लोग गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाते हैं। वहीं, इस ख़ास माह में स्त्रियों से जुड़े कई महत्वपूर्ण त्योहार व तीज पड़ता है।

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सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के लिए यह महीना बहुत पवित्र होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस महीने कई व्रत और त्योहार मनाया जाते हैं, जो अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस माह देवी-देवताओं की उपासना करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति भी मिलती है। साथ ही जीवन में सुख समृद्धि और सौभाग्य का आगमन होता है। इतना ही नहीं इस माह भगवान विष्णु की भी विधि-विधान पूर्वक पूजा आराधना करने से हर मनोकामना पूरी होती है।

आज इस ब्लॉग में हम भाद्रपद मास से जुड़ी तमाम रोमांचक चीज़ों के बारे में विस्तार से बताएंगे जैसे कि इस माह के दौरान कौन-कौन से व्रत-त्यौहार आएंगे? इस माह में कौन से उपाय किए जाने चाहिए? इस माह का धार्मिक महत्व क्या है? और इस मास में जातकों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? ऐसी ही कई जानकारियों से लबालब है एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग, इसलिए अंत तक ज़रूर पढ़ें।

भाद्रपद मास 2024: तिथि

साल 2024 में भाद्रपद का महीना अगस्त 20 को शुरू होगा और सितम्बर 18, 2024 को समाप्त हो जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन ही नहीं भादो का महीना भी शिवजी को प्रसन्न करने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। यह माह भगवान श्री कृष्ण और भगवान गणेश की उपासना के लिए भी समर्पित है। इस मास में स्नान-दान, जप और तप करने से साधकों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कई प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस माह सभी देवी देवताओं की आराधना करने से हर समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है और व्यक्ति को सुख-समृद्धि व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद अगस्त और सितंबर के महीने में पड़ता है।

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भाद्रपद मास का महत्व

जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि भाद्रपद मास को भादो मास के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि इस मास में भगवान श्री कृष्ण और भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि भादो मास में देवी-देवताओं की उपासना करने से साधक को सभी कष्ट और दुखों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। साथ ही, जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। इसके साथ ही भाद्रपद मास में भगवान विष्णु की पूजा और भक्ति करने का बहुत अधिक महत्व दिया गया है।

भाद्रपद माह को भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय मास माना जाता है इसलिए श्रीकृष्ण की पूजा, व्रत और उपाय के लिए इस महीने का खास महत्व होता है। इस महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को ही श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, जिसे जन्माष्टमी के रूप में हर साल पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस महीने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के साथ ही राधा जन्मोत्सव, कजरी तीज, भगवान गणेश महोत्सव, अनंत चतुर्दशी, कुश की अमावस्या, विश्वकर्मा जयंती आदि जैसे महत्वपूर्ण पर्व भी पड़ते हैं। शास्त्रों में भाद्रपद माह में घर पर लड्डू गोपाल की स्थापना करना, शंख की स्थापना करना और श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना बहुत अधिक शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से धन, यश और वैभव की प्राप्ति होती है। साथ ही, संतान प्राप्ति की कामना के लिए भाद्रपद में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर संतान गोपाल मंत्र का जाप करने और हरिवंश पुराण का पाठ करने या सुनने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और संतान को दुखों से छुटकारा मिलता है। 

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भाद्रपद मास में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार

भाद्रपद मास यानी कि 20 अगस्त 2024 से 18 सितंबर 2024 के दौरान हिन्दू धर्म के कई प्रमुख व्रत-त्योहार आने वाले हैं, जो कि इस प्रकार हैं:

तिथिवारत्योहार
22 अगस्त, 2024गुरुवारसंकष्टी चतुर्थी कजरी तीज
26 अगस्त, 2024सोमवारजन्माष्टमी
29 अगस्त, 2024गुरुवारअजा एकादशी
31 अगस्त, 2024शनिवारप्रदोष व्रत (कृष्ण)
01 सितंबर, 2024रविवारमासिक शिवरात्रि
02 सितंबर, 2024सोमवारभाद्रपद अमावस्या
06 सितंबर, 2024शुक्रवारहरतालिका तीज
07 सितंबर, 2024शनिवारगणेश चतुर्थी 
14 सितंबर, 2024शनिवारपरिवर्तिनी एकादशी
15 सितंबर, 2024रविवारप्रदोष व्रत (शुक्ल), ओणम/थिरुवोणम
16 सितंबर, 2024सोमवारकन्या संक्रांति
17 सितंबर, 2024मंगलवारअनंत चतुर्दशी
18 सितंबर, 2024बुधवारभाद्रपद पूर्णिमा व्रत

भाद्रपद माह के 5 नियम

  • भाद्रपद माह में सेहत को स्वस्थ बनाए रखने के लिए गुड़ और दही या इससे जुड़ी चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि इनको खाने से पेट से जुड़ी समस्या हो सकती है। इसके अलावा दही-चावल, मूली, बैगन, शहद, तामसिक वस्तुओं जैसे मांस, मछली, लहसुन, प्याज, शराब आदि से भी परहेज करना चाहिए।
  • माना जाता है कि भाद्रपद महीने में नारियल के तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से संतान सुख में कमी हो सकती है। संतानहीन व नवविवाहितों ये काम करने से बचना चाहिए।
  • भाद्रपद महीने में शादीशुदा लोगों को आपस में संबंध नहीं बनाना चाहिए। इन दौरान काम-वासना से दूर रहना चाहिए।
  • भाद्रपद माह में विशेषकर रविवार के दिन नाखून, दाढ़ी-बाल नहीं काटने चाहिए और महिलाओं को इस दिन बाल नहीं धोना चाहिए।
  • भाद्रपद महीने में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करनी चाहिए और उन्हें भोग में तुलसी का पत्ता जरूर अर्पित करना चाहिए। इस दिन नियमित रूप से स्नान करने के बाद सूर्यदेव को जल भी देना चाहिए। साथ ही, अपनी क्षमता अनुसार, दान करना चाहिए।
  • भाद्रपद माह में यदि आपको कोई चावल या नारियल का तेल दान में देता है तो उसका इस्तेमाल गलती से भी न करें। उसे पीपल के पेड़ के नीचे रख आएं। अन्यथा आप आर्थिक संकट में फंस सकते हैं।

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भाद्रपद मास में जन्म लेने वाले लोगों के गुण

ज्योतिष शास्त्र में हर माह का अपना ख़ास और विशेष महत्व होता है। ज्योतिष के अनुसार, जन्म का महीना, तारीख और राशियों से किसी के स्वभाव के बारे में बताया जा सकता है। ऐसे में, आइए जानते हैं भाद्रपद के महीने में जन्म लेने वाले जातक का व्यक्तित्व कैसा होता है।

ज्योतिष के अनुसार, भाद्रपद के महीने में जन्म लेने वाले जातकों की लीडरशिप क्वालिटी अच्छी होती है। ये लोग प्रशासनिक नौकरी में सफलता प्राप्त करने में सक्षम होते हैं। किसी भी बात को घूमा फिरा कर कहना इनकी सबसे बड़ी खूबी होती है इसलिए इन लोगों को काफी चतुर माना जाता है। इनकी चतुराई इनकी वाणी से साफ देखने को मिलती है। कहा जाता है कि भाद्रपद मास में जन्म लेने वाले जातक स्वभाव से कंजूस होते हैं और जल्द ही खर्च करने से बचते हैं। हालांकि इसी वजह से इनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और इनके पास धन की कभी कमी नहीं होती है। अगस्त महीने में जन्म लेने जातक बहुत अधिक बुद्धिमान होते हैं। ये समाज की भलाई के लिए काम तो करते हैं, लेकिन भलाई के कामों में भी इनका स्वार्थ छिपा होता है।

इस माह में जन्मे लोग हर किसी के सामने अपनी बात बेबाक तरीके से रखते हैं। कई बार स्पष्ट बोलने की आदत इन्हें मुसीबत में भी डाल देती है। साथ ही, इसी वजह से इनके दोस्त और रिश्तेदारों से इनकी बनती नहीं हैं। ये लोग बहुत अधिक प्रतिभा के धनी होते हैं और कला, साहित्य और रचनात्मक विधाओं में ये अपनी अलग छाप छोड़ते हैं। कई बार इन्हें चीज़ें आसानी से प्राप्त नहीं होती है और इसके लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ता है। 

हालांकि ये व्यक्ति मेहनती होने के साथ-साथ अपना पूरा काम करके ही चैन की सांस लेते हैं। ये लोग न सिर्फ खुशमिजाज होते हैं, बल्कि तेज गुस्से वाले भी होते हैं। कई बार इनका गुस्सा इतना अधिक होता है कि इन्हें खुद पर भी कंट्रोल नहीं होता है और तुरंत किसी दूसरे व्यक्ति पर इनका गुस्सा फूट जाता है। उन्हें हर चीज में परफेक्शन पसंद होता है। वे कोई भी काम करने में माहिर होते हैं और सभी के बीच में काफी लोकप्रिय होते हैं। इनका दिमाग तेज होता है जिसकी वजह से ये हर फैसले सही तरीके से और सोच-समझ कर लेते हैं।

भाद्रपद मास में दान का महत्व व किन चीज़ों का करना चाहिए दान

भाद्रपद के पावन महीने में गरीबों और जरूरतमंदों की भलाई के लिए दान करना बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता है, माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान श्री कृष्ण बहुत अधिक प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी विशेष कृपा बनाए रखते हैं। तो आइए जानते हैं इन दिन किन चीजों का दान करना चाहिए।

  • भाद्रपद मास में अन्न का दान करना चाहिए। इस महीने गेहूं, चावल, दाल आदि का दान करना शुभ माना जाता है।
  • इस माह में गरीबों और जरूरतमंदों को अपनी क्षमता के अनुसार कपड़ों का दान करना चाहिए। माना जाता है कि कपड़ों का दान करने से भगवान शिव के साथ-साथ भगवान गणेश की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को सभी बुरे कर्मों से छुटकारा मिलता है।
  • इस माह में जो व्यक्ति ब्राह्मण या भूखे को भरपेट भोजन करवाता है तो उसको अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • शास्त्र के अनुसार, इस महीने जरूरतमंदों को जूते-चप्पल दान करना चाहिए। ऐसा करने से बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है।
  • इसके अलावा, इस माह में जरूरतमंदों व गरीबों को वस्त्र, फल और शरबत दान करना चाहिए। ऐसा करने से देवी-देवताओं प्रसन्न होते हैं।

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भाद्रपद मास में भगवान श्री कृष्ण की पूजा का महत्व

भाद्रपद में श्रीकृष्ण भगवान की आराधना करना बहुत अधिक शुभ माना जाता है। मान्यता है कि जो जातक इस माह में श्रीकृष्ण पूजा करते हैं उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। भाद्रपद माह भगवान कृष्ण को बहुत अधिक प्रिय हैं क्योंकि इस माह उनका जन्म हुआ था। मान्यता के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के 108 नामों का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होकर भक्तों के जीवन के सभी कष्ट और संकट दूर करने के साथ ही उनके जीवन को निराशा से मुक्ति प्रदान करते हैं। वहीं जन्माष्टमी व इस पूरे भाद्रपद माह में श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप भी विशेष फल प्रदान करता है। आइए अब जानते हैं इस महीने भगवान कृष्ण की पूजा कैसे करनी चाहिए।

इस विधि से करें भगवान श्री कृष्ण की पूजा

  • सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि नित्य कर्म को करके हल्के रंग के विशेषकर पीले रंग के साफ कपड़े पहनें।
  • इसके बाद श्री कृष्ण की पूजा के लिए चौकी पर लाल कपड़ा बिछाने के बाद भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित रखें। फिर इसके सामने दीपक जलाने के बाद धूपबत्ती करें।
  • फिर भगवान श्री कृष्ण भगवान पूजा संकल्प लेकर इसके पूरा होने की प्रार्थना करें।
  • तत्पश्चात श्री कृष्ण को पंचामृत से स्नान कराने के बाद गंगाजल से फिर स्नान कराएं।
  • स्नान के बाद श्री कृष्ण की मूर्ति/प्रतिमा को साफ़-सुथरे अथवा नए वस्त्र पहनाएं, और फिर इनका श्रृंगार करें इसके बाद एक बार फिर से इनके सामने दीप जलाकर, धूप दिखाएं।
  • इस समय पूजा के दौरान चंदन या रोली का ही तिलक लगाएं। याद रखें कि इसमें अक्षत जरूर मिले हों।
  • श्री कृष्ण को भोग लगाते समय उनकी सबसे प्रिय माखन मिश्री और अन्य भोग सामग्री अर्पित करें। भोग लगाते समय इस बात का ख्याल रखें कि भोग में तुलसी की पत्ती जरूर डालें क्योंकि इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।

श्रीकृष्ण के इन मंत्रों का करें जाप, हर समस्या से मिलेगा छुटकारा

कृं कृष्णाय नमः यह श्रीकृष्ण का मूल मंत्र है जिसका जाप करने से साधक को अपने कहीं फंसे हुए या अटके हुए धन की प्राप्ति होती है। 

ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात”-  श्रीकृष्ण के इस मंत्र का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे- यह वैष्णव मंत्र है जो भगवान कृष्ण का सबसे प्रसिद्ध मंत्रों में एक है। इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करने से व्यक्ति श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन हो जाता है।

ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा”- यह श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षर महामंत्र है। इसके जाप करने से जातक को जीवन में हर समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

भाद्रपद माह में किए जाने वाले आसान उपाय

भाद्रपद माह बहुत अधिक खास माना जाता है। इस महीने कुछ सरल व ज्योतिष उपाय करके आप कई समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। हम यहां कुछ उपाय बता रहे हैं जिन्हें करके आपको भगवान गणेश और भगवान कृष्ण की कृपा दोनों की विशेष कृपा प्राप्त होगी। साथ ही इन्हें करने से आपकी मनोकामनाएं भी पूरी हो सकती है।

सभी कामों में सफलता प्राप्त करने के लिए

यदि आपको अपने काम में सफलता प्राप्त नहीं हो रही है और बार-बार आपके काम अटक रहे हैं या किसी कारण वश पूरा नहीं हो पा रहा है तो इस महीने के दौरान किसी गौशाला में जाकर हरी घास का दान करें। साथ ही, गायों की सेवा करें और उसे हरा चारा खिलाएं। ऐसा करने से आपके काम बनने लगेंगे और आपको हर एक काम में सफलता प्राप्त होगी।

शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए

इस महीने में शनि ग्रह से संबंधित चीजें जैसे काला कंबल, काले तिल, सरसों के तेल का दान करें। ऐसा करने से शनि की स्थिति कुंडली में मजबूत होती है और शनि दोष से छुटकारा मिलता है।

करियर में सफल होने के लिए

इस महीने भगवान श्री कृष्ण को खीर का भोग जरूर लगाएं। साथ ही, भोग लगाते समय उसमें तुलसी जरूर डालें। इसके बाद खीर को प्रसाद के रूप में सबको बांटे। ऐसा करने से नौकरी व करियर में तरक्की प्राप्त होगी।

व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए

यदि आपको अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने में समस्या आ रही है या मुनाफा नहीं मिल पा रहा है तो इस महीने भगवान कृष्ण को सफेद धागा अर्पित करें और इसके बाद इस धागे को अपने गले में भी धारण करें। ऐसा करने से आपका बिज़नेस तेज़ी से आगे बढ़ने लगेगा।

भाग्योदय के लिए

भाग्य का साथ प्राप्त करने के लिए भाद्रपद माह में भगवान कृष्ण के मंदिर में जाकर उन्हें सफेद रंग के फूल अर्पित करें। ये उपाय पूरे महीने करते रहें। पूजा के बाद इन फूलों को अपनी जेब में रख लें। ऐसा करने से आपको हर जगह भाग्य का साथ मिलेगा और आप जीवन के हर पहलुओं में सफलता प्राप्त करेंगे।

भाद्रपद माह में इन राशि के जातकों को मिलेगा भाग्य का साथ

मेष राशि

भाद्रपद माह मेष राशि के जातकों के लिए बहुत अधिक शानदार साबित होगा। इस अवधि आप अच्छी मात्रा में धन कमाने में सक्षम होंगे। कार्यक्षेत्र में आपके काम की सराहना होगी और आप मान-सम्मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। करियर के लिहाज से आपको सफलता प्राप्त होगी। आप अतिरिक्त मेहनत और समर्पण से अच्छा धन कमाने में सक्षम होंगे और आप अपनी मेहनत से आरामदायक स्थिति में पहुंचेंगे। यही नहीं, इस अवधि आप अपने काम से अपने वरिष्ठों का दिल जीतने में सफल होंगे।

जिन जातकों का खुद का व्यापार है वे इस अवधि अच्छा मुनाफा अर्जित करेंगे और अपने बिज़नेस में सफलता प्राप्त करेंगे। आपके द्वारा किए गए निवेश से आपको अच्छा रिटर्न मिलेगा और यदि आपने हाल ही में कोई निवेश किया है तो उससे भी आपको आगे चलकर अच्छा लाभ मिलेगा। आपके आर्थिक पहलू की बात करें तो आप धन संचय करने और साथ ही, बचत करने में सक्षम होंगे। इस अवधि कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि छोटी-मोटी समस्याएं परेशान कर सकती है।

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों को इस अवधि बहुत अधिक शानदार परिणाम प्राप्त करेंगे। इसके परिणामस्वरूप, आप उच्च स्तर की संतुष्टि प्राप्त कर सकते हैं और अच्छा रिटर्न अर्जित कर सकते हैं। आप कार्यक्षेत्र में वरिष्ठों का विश्वास जीतने और सराहना प्राप्त करने में सक्षम होंगे। कार्यक्षेत्र में आपको मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। यदि आपका खुद का बिज़नेस हैं तो इस दौरान आप अधिक लाभ अर्जित करने में सफल होंगे, जिससे आपको संतुष्टि और सुख मिलेगा। 

इस अवधि में स्वयं के ऐशो-आराम और भौतिक सुखों वाली चीज पर भी खर्च करते नजर आ सकते हैं। यदि आप जमीन में निवेश अथवा गाड़ी खरीदने की योजना बना रहे हैं तो इस अवधि आपकी यह योजना सफल होगी। रिश्ते के मोर्चे पर आपको अपने जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिल सकता है। आप और अपने पार्टनर के साथ मिलकर किसी संपत्ति में निवेश कर सकते हैं। साथ ही, मिलकर कहीं बाहर घूमने का प्लान कर सकते हैं। स्वास्थ्य के मोर्चे पर, आप अच्छा स्वास्थ्य बनाए रख सकते हैं और यह मजबूत प्रतिरक्षा स्तर के कारण संभव हो सकता है। इस अवधि आपका पूरा ध्यान अपने स्वास्थ्य पर होगा।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए यह अवधि बहुत अधिक शानदार रहेगी। आपको भाग्य का साथ मिलेगा और इसके परिणामस्वरूप आप हर एक क्षेत्र में बेहतर परिणाम हासिल करेंगे। आप नए दोस्त बनाने के साथ-साथ नए लोगों के साथ संपर्क स्थापित करने में सक्षम होंगे और अपने दोस्तों व परिवार का पूरा समर्थन प्राप्त करेंगे। इस अवधि कार्यक्षेत्र में आपके द्वारा की गई मेहनत की बदौलत अपार सफलता प्राप्त करते हुए नज़र आ सकते हैं। बात यदि आपके आर्थिक जीवन की करें तो, इस अवधि आप बचत करने में सक्षम होंगे। पैसों की बचत करने की गुंजाइश भी पहले से अधिक रहेगी। यदि आपने कहीं निवेश किया है तो उसका अच्छा रिटर्न आपको हासिल होगा। अच्छे भाग्य की वजह से आप दोगुना धन कमाने में सक्षम होंगे।

प्रेम जीवन को देखें, आपका रिश्ते पार्टनर के साथ प्रेम से भरा रहेगा जिसका आनंद लेते हुए आप दिखाई देंगे। साथ ही, रिश्ते में उच्च मूल्यों की स्थापना भी कर सकेंगे। सेहत के लिहाज से आपकी फिटनेस अच्छी बनी रहेगी जो कि आपके भीतर की मज़बूत इच्छा शक्ति और उत्साह का परिणाम होगा। आप ऊर्जा से भरा हुआ महसूस करेंगे।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह अवधि बेहद अनुकूल रहने वाली है। आप भाद्रपद माह के दौरान पैतृक संपत्ति से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आपको धन की कमी महसूस नहीं होगी और आपका आर्थिक जीवन स्थिर बना रहेगा। करियर के मोर्चे पर, आप अपने काम को आसानी से पूरा करने में संघर्षों से निपटने में सक्षम होंगे। आपके वरिष्ठ आपके काम की सराहना करेंगे और आपके प्रोजेक्ट में आपकी सहायता करेंगे। आप तेजी से आगे बढ़ेंगे। आशंका है कि आपके पद में वृद्धि हो यानी आपका प्रमोशन होने की संभावना है और साथ ही, वेतन में बढ़ोतरी होने की भी संभावना है।

यह समय उन जातकों के लिए बहुत ही शुभ है जो कोई व्यवसाय कर रहे हैं या इन्सेंटिव संबंधित नौकरी कर रहे हैं। इस अवधि में आपको अचानक से किसी प्रकार का आर्थिक लाभ हो सकता है। रिश्ते के मोर्चे पर, इस अवधि शानदार सामंजस्य देखने को मिलेगा। जीवन साथी के साथ रिश्ते में आ रही कड़वाहट दूर होगी। साथ ही, आपका स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा और आप फिट महसूस करेंगी।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. भाद्रपद मास की शुरुआत कब से कब तक होगी?

उत्तर. साल 2024 में भाद्रपद का महीना अगस्त 20 को शुरू होगा और सितम्बर 18, 2024 को समाप्त हो जाएगा।

प्रश्न 2. भादो कौन से महीने को बोलते हैं?

उत्तर. हिंदू कैलेंडर का छठा महीना भाद्रपद है। इसे आम बोलचाल की भाषा में भादो कहते हैं।

प्रश्न 3. भाद्रपद मास में कौन कौन से त्योहार आते हैं?

उत्तर. संकष्टी चतुर्थी, कजरी तीज, जन्माष्टमी, अजा एकादशी, प्रदोष व्रत (कृष्ण), मासिक शिवरात्रि, भाद्रपद अमावस्या, हरतालिका तीज, गणेश चतुर्थी, परिवर्तिनी एकादशी, प्रदोष व्रत (शुक्ल), ओणम/थिरु,वोणम, कन्या संक्रांति, अनंत चतुर्दशी भाद्रपद पूर्णिमा व्रत।

प्रश्न 4. भादो के महीने में क्या नहीं करना चाहिए?

उत्तर. भादो के महीने में लहसुन-प्‍याज, नॉनवेज-शराब जैसे चीजों का सेवन बिल्‍कुल भी नहीं करना चाहिए।

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19 से 25 अगस्त 2024- हिंदू पंचांग और व्रत त्यौहार 

19 अगस्त 2024 सोमवार 

तिथि पूर्णिमा

पक्ष शुक्ल

अभिजीत मुहूर्त 11:58:16 से 12:50:30 तक

दिशाशूल पूर्व

व्रत त्यौहार: पांचवा सावन सोमवार व्रत, रक्षाबंधन, गायत्री जयंती, ऋग्वेद, उपक्रम यजुर्वेद, उपक्रम निराली पूर्णिमा, हयग्रीव जयंती, संस्कृत दिवस, श्रावण पूर्णिमा व्रत 

20 अगस्त 2024 मंगलवार 

तिथि प्रतिपदा

पक्ष कृष्ण

अभिजीत मुहूर्त 11:58:04 से 12:50:12 तक

दिशाशूल उत्तर 

व्रत त्यौहार: गायत्री जपम, भाद्रपद माह प्रारंभ, ईष्टि 

21 अगस्त 2024 बुधवार 

तिथि द्वितीया

पक्ष कृष्ण 

अभिजीत मुहूर्त कोई नहीं

दिशाशूल उत्तर

व्रत त्यौहार: इस सप्ताह में कोई भी व्रत त्यौहार नहीं किए जाएंगे।  

22 अगस्त 2024 गुरुवार 

तिथि तृतीया

पक्ष कृष्ण

अभिजीत मुहूर्त 11:57:41 से 12:49:36 तक

दिशाशूल दक्षिण

व्रत त्यौहार: कजरी तीज, बहुला चतुर्थी, हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी 

23 अगस्त 2024 शुक्रवार 

तिथि चतुर्थी

पक्ष कृष्ण

अभिजीत मुहूर्त 11:57:28 से 12:49:17 तक

दिशाशूल पश्चिम

व्रत त्यौहार: इस सप्ताह में कोई भी व्रत त्यौहार नहीं किए जाएंगे।

24 अगस्त 2024 शनिवार 

तिथि पंचमी – 07:54:11 तक, षष्ठी – 29:32:54 तक

पक्ष कृष्ण

अभिजीत मुहूर्त 11:57:14 से 12:48:58 तक

दिशाशूल पूर्व

व्रत-त्यौहार: नाग पंचमी, बलराम जयंती 

25 अगस्त 2024 रविवार 

तिथि सप्तमी – 27:41:24 तक

पक्ष कृष्ण

अभिजीत मुहूर्त 11:57:01 से 12:48:38 तक

दिशाशूल पश्चिम

व्रत त्यौहार: भानु सप्तमी, शीतला सातम, मासिक कार्तिगाई

कपल होरोस्कोप

19 से 25 अगस्त 2024- ग्रहण- गोचर  

ग्रहों की चाल और स्थिति मनुष्य के जीवन को निश्चित रूप से प्रभावित करती है। ऐसे में किसी भी महत्वपूर्ण भविष्यवाणी को करने से पहले ग्रहों की चाल और स्थिति का विशेष आकलन किया जाता है इसलिए हम अपने राशिफल ब्लॉग में आपको ग्रहण गोचर की भी जानकारी देते हैं ताकि आपको दिया जाने वाला राशिफल आपको और स्पष्ट रूप से समझ आ सके। 

बात करें 19 से 25 अगस्त के बीच होने वाले ग्रहण और गोचर की तो इस सप्ताह में दो महत्वपूर्ण ग्रहों का परिवर्तन होने वाला है। पहले होगा 22 अगस्त को जब 6:47 पर बुध कर्क राशि में वक्री गति में गोचर कर जाएंगे। दूसरा गोचर होना है शुक्र का कन्या राशि में जब 0:59 बजे इस सप्ताह का दूसरा गोचर 25 अगस्त को हो जाएगा। 

निश्चित तौर से इन दोनों ही ग्रहों का गोचर हमारे आपके जीवन पर सकारात्मक नकारात्मक प्रभाव अवश्य डालेगा। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि आपकी राशि पर इन दोनों ग्रहों का गोचर क्या प्रभाव डालेगा तो आप अभी विद्वान ज्योतिषियों से फोन या फिर चैट के माध्यम से जोड़कर इस बात का जवाब जान सकते हैं।

वहीं ग्रहण की बात करें तो इस सप्ताह में कोई भी ग्रहण नहीं होगा। 

आज का गोचर

19 से 25 अगस्त 2024- बैंक आकाश 

इस सप्ताह में दो बैंक अवकाश पड़ने वाले हैं। 19 अगस्त को रक्षाबंधन का त्यौहार है। यह अवकाश भारत में कई जगहों पर बैंक अवकाश के रूप में मनाया जाएगा। इसके अलावा 19 अगस्त को ही झूलन पूर्णिमा है जिसका बैंक अवकाश उड़ीसा में रहता है।

19 से 25 अगस्त 2024- विवाह मुहूर्त 

आज के मॉडर्न समय में भी बहुत से लोग विवाह जैसे शुभ और मांगलिक कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त की गणना करवाना ज्यादा उचित समझते हैं। इसकी वजह साफ है कि लोगों को यह मानते हैं की शुभ मुहूर्त में यदि कोई मांगलिक कार्य कराया जाए तो उससे उसकी सफलता की उम्मीद बढ़ जाती है। 

हालांकि बात करें अगस्त के इस सप्ताह में होने वाले विवाह मुहूर्त की तो अगस्त के पूरे महीने में कोई भी विवाह मुहूर्त नहीं है। ऐसे में अगर आप अपना विवाह या फिर अपने घर में किसी का विवाह करना चाहते हैं तो अभी आपको रुकने की सलाह दी जा रही है। 

शनि साढ़ेसाती

19 से 25 अगस्त 2024- जन्मदिन की जानकारी 

अपने राशिफल के इस आखिरी सेगमेंट में हम जानते हैं इस सप्ताह में मनाए जाने वाले जन्मदिन की जानकारी। अब बात करें 19 से 25 अगस्त के बीच किन सितारों का जन्मदिन मनाया जाने वाला है तो, 

19 अगस्त नंदना सेन 

20 अगस्त रणदीप हुडा, अमृता राओ 

21 अगस्त भूमिका चावला 

22 अगस्त दीप्ति नवल, पवित्रा पुनिया 

23 अगस्त वाणी कपूर, गौहर खान

24 अगस्त विनीत कुमार सिंह 

25 अगस्त एजाज खान, विजेता पंडित 

यदि आप अपने फेवरेट सितारे की कुंडली देखकर उनके भविष्य के बारे में कुछ भी जानना चाहते हैं तो आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं।

एस्ट्रोसेज की तरफ से इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।

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साप्ताहिक राशिफल 19 से 25 अगस्त 2024- एक नज़र

अब जानते हैं सभी बारह राशियों के जातकों के लिए यह सप्ताह क्या कुछ लेकर आने वाला है:

यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें:
चंद्र राशि कैलकुलेटर

मेष साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपके स्वास्थ्य राशिफल को देखें तो, आपका स्वास्थ्य बेहतरीन रहेगा। जिसके चलते आप जीवन के ….. (विस्तार से पढ़ें) 

मेष प्रेम राशिफल 

इस सप्ताह अपने प्रेमी प्रेमिका को रिझाने के लिए आप कई स्वांग रच सकते हैं। आपका दे यही ….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

यदि आप किसी बड़ी बीमारी से पीड़ित थे तो, इस सप्ताह डॉक्टर की मेहनत और आपके घरवालों की सही ….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ प्रेम राशिफल

ये सप्ताह आपके प्रेम जीवन के लिए, बहुत ही अच्छा रहने वाले हैं। इस समय में आपको अपने….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह की शुरुआत आपके लिए ऊर्जा से भरी नहीं होने वाली, और आप छोटी-छोटी बातों पर झुंझलाते भी ….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन प्रेम राशिफल

प्रेमी जातकों को इस पूरे सप्ताह प्रियतम से किसी भी बात को लेकर, झूठ बोलने से बचना होगा। ….(विस्तार से पढ़ें)

कर्क साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह जितना संभव हो, अपने कामकाज से समय निकालते हुए, खुद को थोड़ा आराम दें। क्योंकि आप पूर्व …. (विस्तार से पढ़ें)

कर्क प्रेम राशिफल

प्रेम संबंधों के लिहाज़ से देखा जाए तो, इस सप्ताह आप एक अच्छे प्रेमी बनने में पूरी तरह सफल ….(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह साप्ताहिक राशिफल

यदि आप कॉफ़ी या चाय के शौकीन है तो, दिन में एक कप से ज्यादा इनका सेवन आपके लिए इस सप्ताह ….(विस्तार से पढ़ें)

सिंह प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपका प्रेमी आपके समक्ष विवाह को लेकर, कोई गंभीर बात कर सकता है। जिससे ……(विस्तार से पढ़ें)

कन्या साप्ताहिक राशिफल

स्वास्थ्य की दृष्टि से, ये सप्ताह आपकी सेहत के लिए सामान्य से थोड़ा बेहतर ही रहने वाला है। खासतौर से हफ्ते ….(विस्तार से पढ़ें)

कन्या प्रेम राशिफल

ये सप्ताह आपके प्रेम जीवन के लिए सबसे बेहतर सप्ताह साबित होगा। क्योंकि ये वही समय ….(विस्तार से पढ़ें)

तुला साप्ताहिक राशिफल

सामाजिक मेल-जोल से ज़्यादा, आपको इस हफ्ते अपनी सेहत को प्राथमिकता देने की आवश्यकता होगी। इसके…..(विस्तार से पढ़ें)

तुला प्रेम राशिफल

इस सप्ताह प्रेम में पड़े जातक अपने प्रेमी संग, खुलकर संवाद कायम करने में सफल होंगे। ….. (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

स्वास्थ्य राशिफल के अनुसार, ये सप्ताह भी स्वास्थ्य के नज़रिये से थोड़ा बेहतर ही रहने वाला है। हालांकि इस…..(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक प्रेम राशिफल

इस सप्ताह भी आपका अपने दोस्तों पर ज़रूरत से ज्यादा समय और धन व्यर्थ करना, आपके …..(विस्तार से पढ़ें)

धनु साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपकी सेहत कुछ नगवारा गुजरेगी, इस कारण ज़्यादा यात्रा करना आपके स्वभाव में कुछ झुंझलाहट …..(विस्तार से पढ़ें)

धनु प्रेम राशिफल

आपकी राशि के प्रेमी लोगों के लिए, यह समय काफी अच्छा रहेगा और इससे आपके प्रेम जीवन…..(विस्तार से पढ़ें)

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मकर साप्ताहिक राशिफल

भरे-पूरे और संतुष्ट जीवन के लिए, अपनी मानसिक दृढ़ता में वृद्धि कीजिए। इसके लिए आप अच्छी-अच्छी किताबे….(विस्तार से पढ़ें)

मकर प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपको अपने आप पर काबू रखना होगा और आपके संगी के बीच किसी तीसरे को….(विस्तार से पढ़ें)

कुम्भ साप्ताहिक राशिफल

यदि आप नियमित रूप से रनिंग करते हैं तो, सख्त जगहों पर रनिंग करने की बजाय रेत या मिट्टी पर ही दौड़ते…. (विस्तार से पढ़ें)

कुम्भ प्रेम राशिफल

इस सप्ताह योग बन रहे हैं कि आपकी लव लाइफ बिल्कुल अनुकूल रहेगी और आप प्यार की….(विस्तार से पढ़ें)

मीन साप्ताहिक राशिफल 

माता-पिता का खराब स्वास्थ्य, इस सप्ताह आपकी चिंताओं का मुख्य कारण बन सकता है। ऐसे में खुद को हर …..(विस्तार से पढ़ें)

मीन प्रेम राशिफल

यदि आप किसी के साथ लंबे अरसे से किसी प्रेम संबंधों में हैं तो, इस सप्ताह आप उनसे प्रेम…. (विस्तार से पढ़ें)

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्न 1: 19-25 अगस्त के बीच कौन-कौन से व्रत-त्योहार किए जाएंगे?

उत्तर: पाँचवाँ सावन सोमवार व्रत, कजरी तीज, नाग पंचमी 

प्रश्न 2: साप्ताहिक राशिफल की गणना कैसे की जाती है?

उत्तर: वैदिक ज्योतिष के आधार पर हमारे विद्वान ज्योतिषी ग्रहों-नक्षत्रों की चाल और स्थिति के अनुसार साप्ताहिक राशिफल की गणना करते हैं। 

प्रश्न 3: मेष जातकों का प्रेम जीवन इस सप्ताह कैसा रहेगा?

उत्तर: इस सप्ताह मेष राशि के जातकों को प्रेम जीवन में शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।

प्रश्न 4: कर्क राशि के जातकों के लिए ये सप्ताह कैसा रहेगा?

उत्तर: इस सप्ताह कर्क राशि के जातकों को सावधानीपूर्वक चलने, अपने स्वास्थ्य का ध्यान देने और कठिन परिश्रम करने की सलाह दी जाती है।

रक्षाबंधन पर 2 शुभ योग- भद्राकाल और राखी बांधने का शुभ मुहूर्त जानें अभी!

सनातन धर्म के सबसे खूबसूरत त्योहारों में से एक रक्षाबंधन का त्योहार जो जल्द ही मनाया जाने वाला है। यह त्यौहार भाई-बहन के खूबसूरत रिश्ते को दर्शाता है। इसमें बहनें भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र, आरोग्य जीवन और स्वस्थ और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं। वहीं दूसरी तरफ भाई इस रक्षा सूत्र के बदले ता-उम्र अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं।

भाई बहन के पवित्र रिश्ते के प्रेम का प्रतीक यह रक्षाबंधन का त्योहार वर्ष 2024 में कब मनाया जा रहा है, इसका शुभ मुहूर्त क्या रहेगा, क्या इस दौरान कोई शुभ योग बनने वाला है, इन सभी बातों की जानकारी हम आपको अपने खास ब्लॉग के माध्यम से देने वाले हैं। तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं रक्षाबंधन विशेष हमारा यह खास ब्लॉग और जानते हैं साल 2024 में रक्षाबंधन का त्यौहार कब मनाया जाएगा।

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने भाई के भविष्य से जुड़ी हर जानकारी

रक्षाबंधन 2024- भद्राकाल और शुभ मुहूर्त 

रक्षाबंधन का यह पावन त्यौहार हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है। ऐसे में इस साल सावन पूर्णिमा 19 अगस्त को सुबह 3:04 से आरंभ हो जाएगी और इसका समापन 11:55 रात्रि में होगा इसलिए रक्षाबंधन का त्योहार 2024 में 19 अगस्त को ही मनाया जा रहा है। बात करें इस दिन के शुभ मुहूर्त और भद्राकाल आदि की तो,

राखी बांधने का मुहूर्त :13:34:40 से 21:07:31 तक

अवधि :7 घंटे 32 मिनट

रक्षा बंधन अपराह्न मुहूर्त :13:42:42 से 16:19:24 तक

रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्त :18:56:06 से 21:07:31 तक

रक्षा बंधन धागा समारोह समय: दोपहर 01:30 बजे से रात 09:08 बजे तक

सायंकाल रक्षा बंधन मुहूर्त: दोपहर 01:43 बजे से शाम 04:20 बजे तक

प्रदोष समय रक्षा बंधन मुहूर्त: शाम 06:56 बजे से रात 09:08 बजे तक

रक्षा बंधन भद्रा समाप्ति समय: दोपहर 01:30 बजे

रक्षा बंधन भद्रा पुंछा: प्रातः 09:51 बजे से प्रातः 10:53 बजे तक

रक्षा बंधन भद्रा मुख: सुबह 10:53 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक

पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त 2024 को प्रातः 03:04 बजे प्रारंभ होगी।

पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त 2024 को रात्रि 11:55 बजे समाप्त होगी।

नोट: ऊपर दिया गया मुहूर्त नई दिल्ली के लिए मान्य है अगर आप किसी और शहर के अनुसार इस दिन का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक करके आप जान सकते हैं

रक्षा बंधन अशुभ मुहूर्त- रक्षा बन्धन भद्रा अन्त समय – 01:30 बजे 

रक्षा बन्धन भद्रा पूँछ – 09:51 बजे से 10:53 बजे तक 

रक्षा बन्धन भद्रा मुख – 10:53 बजे से 12:37 बजे तक 

क्या ये जानते हैं आप? इसके अलावा बात करें भद्रा मुहूर्त की तो भद्रा काल में कभी भी राखी नहीं मनाई जाती है। कहा जाता है कि भद्रा काल में कोई भी शुभ काम नहीं करते हैं। अगर इस दौरान कोई भी बहन अपने भाई को राखी बांधे तो उनके रिश्ते में खटास आने लगती है। इसके अलावा भद्राकाल में कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य, यज्ञ अनुष्ठान भी नहीं किया जाता है। ऐसा करने पर भी जीवन में समस्याएं आने का डर बना रहता है।

रक्षाबंधन 2024 पर कई शुभ योग 

रक्षाबंधन 2024 के दिन कई शुभ योग भी बना रहे हैं जिससे त्यौहार का महत्व और ज्यादा बढ़ने वाला है। दरअसल इस वर्ष रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग इस दिन सुबह 6:08 से शुरू हो जाएगा और 8:10 तक चलेगा। इसके अलावा ग्रहों की स्थिति की बात करें तो ग्रहों के राजा यानी सूर्य अपनी ही राशि सिंह में इस दौरान रहेंगे और बुध और शुक्र भी सिंह राशि में ही रहने वाले हैं जिससे दो अति शुभ राजयोग का निर्माण हो रहा है। यह शुभ राजयोग है बुधादित्य राजयोग और शुक्रादित्य राजयोग। ऐसे में कई मानों में रक्षाबंधन 2024 का त्यौहार शुभ माना जा रहा है।

आज का गोचर

रक्षा बंधन महत्व और इतिहास 

रक्षाबंधन के महत्व और इतिहास की बात करें तो, प्राचीन हिंदू धर्म ग्रंथो में इसका महत्व बताया गया है। कहा जाता है महाभारत में पांडवों की पत्नी द्रौपदी और प्रभु श्री कृष्ण से रक्षाबंधन के तार जुड़े हैं। दरअसल एक बार भगवान कृष्ण को चोट लग गई थी तब उनका खून रोकने के लिए द्रौपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़ा और उनकी चोट पर बांध दिया। द्रोपदी की यह चिंता और प्रेम देखकर श्री कृष्णा इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने हमेशा हमेशा उनकी रक्षा करने का वादा किया और तभी से रक्षाबंधन की शुरुआत मानी जाती है। 

भारतीय संस्कृति में रक्षाबंधन का यह त्यौहार बहुत ज्यादा महत्व रखता है। यह भाई और बहन के बीच प्यार, स्नेह और मजबूत रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन भाई और बहन दोनों ही सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद नए कपड़े पहनते हैं, बहनें राखी, रोली, चावल, मिठाई, दीपक के साथ एक थाली तैयार करती हैं, अपने भाई की आरती करती हैं, उनके माथे पर तिलक लगाती हैं और उन्हें रक्षा सूत्र बांधती हैं। 

इसके बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वादा देते हैं और उन्हें प्यार के प्रतीक के रूप में कुछ उपहार या फिर पैसे देते हैं। सरल शब्दों में कहा जाए तो राखी का यह त्यौहार सुरक्षा देखभाल और सम्मान का सार्वभौमिक प्रतिनिधित्व करता है। यह त्यौहार हमें एक दूसरे के प्रति हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है और करुणा और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देता है।

क्या यह जानते हैं आप? 

  • रक्षाबंधन का किसानों के लिए महत्व 

जी हां दरअसल भारत के विभिन्न क्षेत्रों के कृषि समुदाय के लिए राखी पूर्णिमा के दिन आयोजित श्रावणी समारोह का विशेष महत्व होता है। बेहतर कटाई का मौसम प्रचुर वर्षा जल पर निर्भर करता है। खेती की गतिविधियों के लिए पर्याप्त पानी प्राप्त करने के लिए मानसून सबसे उत्तम समय माना जाता है इसीलिए भारत के कई हिस्सों जैसे बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड में किसान इसकी उपज के लिए मिट्टी की पूजा करते हैं।

  • मछुआरों के लिए रक्षाबंधन का महत्व 

इसके अलावा बात करें देश के मछुआरों समुदाय की तो रक्षाबंधन का त्योहार उनके लिए भी विशेष महत्व रखता है। दरअसल महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और गोवा जैसे राज्य विभिन्न अनुष्ठानों के माध्यम से राखी का त्यौहार मनाते हैं। मछुआरा समुदाय अपनी आजीविका के लिए पूरी तरह से समुद्र पर निर्भर करता है। मानसून के मौसम में समुद्र का पानी और मछलियों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है इसीलिए इस दिन नारियल पूर्णिमा का उत्सव भगवान वरुण को प्रसन्न करने के रूप में मनाया जाता है।

  • राखी पूर्णिमा एक नए जीवन की शुरुआत 

मानसून का मौसम विनाश कभी संकेत देता है। यह प्रकृति की अनावश्यक पहलुओं को पूरी तरह से समाप्त कर देता है और एक नए जीवन की शुरुआत का संकेत देता है। राखी पूर्णिमा मुख्य रूप से भारत के गुजरात राज्य में मनाई जाती है।

  • राखी परिवर्तन का उत्सव 

मानसून की बारिश का मौसम बदलाव कभी एक संकेत देता है इसलिए उड़ीसा, केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में ब्राह्मण समुदाय श्रावण पूर्णिमा के दिन को उपाकर्म के रूप में मनाते हैं।

श्रावण पूर्णिमा 

रक्षाबंधन का यह त्योहार श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। दरअसल श्रावण पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ होता है। ऐसे में इस दिन पूजा उपासना करने से व्यक्ति चंद्र दोष से मुक्ति प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा श्रावण पूर्णिमा का यह दिन दान, पुण्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन मान्यताओं के अनुसार यदि गाय को हरा चारा खिलाया जाए, चीटियां और मछलियों को दाना खिलाया जाए या फिर गोदान किया जाए तो इससे व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है और तमाम तरह के दोष दूर होते हैं।

श्रावण पूर्णिमा तिथि मुहूर्त 

19 अगस्त, 2024 (सोमवार)

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ: 03:07:06 पर अगस्त 19, 2024

पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त 2024 को 23:57:46 पर समाप्त होगी

नोट: ऊपर दिया गया मुहूर्त नई दिल्ली के लिए मान्य है अगर आप किसी और शहर के अनुसार इस दिन का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक करके आप जान सकते हैं

श्रावण पूर्णिमा व्रत नियम 

श्रावण पूर्णिमा व्रत और नियम की बात करें तो चूंकि इस दिन रक्षाबंधन मनाने की परंपरा है ऐसे में सभी देवी देवताओं की पूजा करें और अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बाँधें। श्रावण पूर्णिमा के दिन पितरों का तर्पण भी बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन गाय को चारा, चीटियों को आटा और मछली को दाना अवश्य खिलाएँ। 

इसके अलावा श्रावण पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपने पूर्ण स्वरूप में होता है ऐसे में इस दिन अगर चंद्रमा की पूजा की जाए तो व्यक्ति को चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है। श्रावण पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान बताया गया है। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, धन और समृद्धि आती है। 

श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा की जाती है ऐसे में अगर श्रावण पूर्णिमा के दिन शिव जी का रुद्राभिषेक किया जाए तो इसे बेहद ही शुभ माना गया है।

बात करें इस दिन के महत्व की तो, श्रावण पूर्णिमा के दिन का भारत के अलग-अलग राज्य में अलग-अलग धार्मिक मान्यता होती है। इसे उत्तर भारत में रक्षाबंधन, दक्षिण भारत में नारियल पूर्णिमा और अवनि अवित्तम, मध्य भारत में कजरी पूनम और गुजरात में पवित्रोपाणा के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा श्रावण पूर्णिमा के दिन ही अमरनाथ यात्रा का समापन होता है और कावड़ यात्रा समाप्त होती है और श्रावण पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है। 

मध्य भारत और उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में श्रावण पूर्णिमा का यह दिन कजरी पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं जिस दौरान महिलाएं पत्तों के बर्तन मिट्टी डालकर जौ बोती हैं और पूर्णिमा के दिन नदी में इसे विसर्जित करती हैं। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी और खुशहाल आयु के लिए व्रत भी रखती हैं।

रक्षाबंधन उपाय 

सनातन धर्म के सभी मुख्य त्योहार से संबंधित कुछ विशेष उपाय बताए जाते हैं जिन्हें करने से आप ना केवल उन त्योहारों का महत्व अपने जीवन में और ज्यादा बढ़ा सकते हैं बल्कि उनसे मिलने वाले प्रभावों को भी बढ़ाया जा सकता है। ऐसे में बात करें रक्षाबंधन के दिन किए जाने वाले उपायों की तो नीचे हम आपको राशि अनुसार उपायों की जानकारी दे रहे हैं: 

मेष राशि: रक्षाबंधन के दिन भाई और बहन एक दूसरे को पिस्ता और बादाम अवश्य खिलाएँ।

वृषभ राशि: रक्षाबंधन के दिन भाई-बहन एक दूसरे को सफेद या फिर पीले रंग के वस्त्र भेंट करें। 

मिथुन राशि: इस दिन भाई बहन एक दूसरे की दीपक जलाकर आरती अवश्य करें। 

कर्क राशि: भाई-बहन एक दूसरे को ₹5 के सिक्के पर इत्र लगाकर भेंट करें। 

सिंह राशि: भाई बहन इस दिन एक दूसरे को मिश्री और इलायची अवश्य खिलाएँ।

कन्या राशि: भाई-बहन रक्षाबंधन के दिन एक दूसरे को लाल चंदन से तिलक लगाएँ। 

तुला राशि: रक्षाबंधन के दिन भाई बहन एक दूसरे को केसर का तिलक लगाएँ।

वृश्चिक राशि: रक्षाबंधन के दिन भाई-बहन एक दूसरे को काजल और अष्टगंध का टीका लगाएँ।

धनु राशि: भाई-बहन एक दूसरे को इत्र या फिर सुगंधित सेंट, परफ्यूम, इत्र आदि भेंट करें। 

मकर राशि: भाई बहन रक्षाबंधन के दिन एक दूसरे को पीले और गुलाबी रंग के वस्त्र भेंट करें।

कुंभ राशि: रक्षाबंधन के दिन भाई बहन एक दूसरे को गुड़ खिलाएं। 

मीन राशि: रक्षाबंधन के दिन भाई बहन एक दूसरे को नारियल और मिश्री अवश्य भेंट करें।

इसके अलावा अगर आपको अपनी राशि नहीं पता है या फिर आप किसी विशेष मकसद के लिए कोई उपाय करना चाहते हैं तो इससे संबंधित कुछ उपाय भी बताए गए हैं। जैसे ग्रहों का शुभ प्रभाव पाना है तो भाई बहन रक्षाबंधन के दिन भगवान शिव और मां लक्ष्मी की पूजा करें और शाम के समय जल में दूध और अक्षत मिलकर अर्घ्य दें।

जीवन से गरीबी दूर करनी है तो रक्षाबंधन के दिन बहन के हाथ से गुलाबी कपड़े में चावल ₹1 का सिक्का और सुपारी बँधवा लें। इसके बाद बहन भाई को रक्षाबंधन बाँधें और फिर भाई बहन को वस्त्र सफेद मिठाई और पैसे देकर चरण स्पर्श करें। इसके बाद इस गुलाबी कपड़े में रखा गया सामान उत्तर दिशा में रख दें। ऐसा करने से गरीबी दूर होती है। 

जीवन में सुख समृद्धि बढ़ाने के लिए भाई बहन इस दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं या फिर गाय को हरा चारा खिलाएं। आप गौशाला जाकर गायों की सेवा भी कर सकते हैं।

रक्षाबंधन राशि अनुसार राखी 

रक्षाबंधन का त्योहार शुरू होने से पूर्व ही बाजारों में तरह-तरह की राखियां आनी शुरू हो जाती है। ऐसे में बहनों के जीवन में यह दुविधा खड़ी हो जाती है कि कौन सी राखी वो अपने भाइयों के लिए चुने। आपकी इसी दुविधा को जानते और समझते हुए हैं अपने इस विशेष सेगमेंट में आपको यह बताने जा रहे हैं कि आप रक्षाबंधन पर राशि अनुसार अपने भाई के लिए कौन सी राखी का चयन कर सकती हैं जिससे आप दोनों के जीवन में सुख समृद्धि आए, आप दोनों का रिश्ता मजबूत हो और आपके भाई के जीवन में गुड लक बढ़े।

  • अगर आपके भाई की राशि मेष या फिर वृश्चिक है तो आप अपने भाई को लाल या फिर केसरिया रंग की राशि बाँधें। ऐसा करने से आप दोनों का प्रेम हमेशा मजबूत बना रहेगा। 
  • अगर आपके भाई की राशि वृषभ या फिर तुला है तो आप उन्हें गुलाबी रंग की मोतियों वाली राखी अवश्य पहनाएँ। गुलाबी रंग प्रेम और सौहार्द का रंग माना जाता है और सफेद मोती रिश्ते से तनाव दूर कर सकते हैं।
  • अगर आपके भाई की राशि मिथुन या फिर कन्या है तो आप अपने भाई को हरे रंग की राखी बांध सकती हैं। 
  • इसके अलावा अगर आपके भाई की राशि कर्क है तो आप उन्हें एक्वा कलर, सफेद कलर या फिर सिल्वर कलर की मोतियों वाली राखी बांध सकती हैं। 
  • अगर आपके भाई की राशि सिंह है तो आप उन्हें पीले या फिर नारंगी रंग की राखी बाँधें। 
  • अगर आपके भाई की राशि धनु या फिर मीन है तो आप अपनी बहन को पीले या फिर केसरिया रंग की राखी बाँधें। 
  • अगर आपके भाई की राशि मकर या फिर कुंभ है तो आप उन्हें नीले या फिर हरे रंग की राखी बांध सकती हैं। इसके अलावा अगर आपको मोर पंख लगी हुई राखी मिल जाती है तो यह सबसे उत्तम है आप अपने भाई को यही बांध सकती हैं।

यह जानना भी है जरूरी: बहुत से लोग रक्षाबंधन के इस त्योहार से एक दिन पूर्व उपवास करते हैं। रक्षाबंधन वाले दिन फिर पूरी विधि विधान से राखी बांधते हैं। इसके अलावा यह इस दिन पितृ तर्पण और ऋषि पूजन या फिर ऋषि तर्पण भी करते हैं। बहुत सी जगहों पर लोग इस दिन श्रवण पूजन करते हैं। यह त्यौहार माता-पिता भक्त श्रवण कुमार की याद में मनाया जाता है जो गलती से राजा दशरथ के हाथों मारे गए थे।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्न 1: 2024 में भारत में राखी कैसे मनाई जाएगी?

उत्तर: भारत में रक्षाबंधन एक महत्वपूर्ण त्यौहार होता है। इस दौरान बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं। 

प्रश्न 2: 2024 में कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन? 

उत्तर: 2024 में रक्षाबंधन 19 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। 

प्रश्न 3: क्या रक्षाबंधन केवल भारत में मनाया जाता है? 

उत्तर: रक्षाबंधन का यह त्यौहार दुनिया भर में भारतीय समुदाय के लोगों के द्वारा मनाया जाता है। 

प्रश्न 4: राखी का उत्सव सगे भाई बहनों तक ही सीमित है?

उत्तर: नहीं, राखी का उत्सव लोग सुरक्षा और प्रेम के बंधन के रूप में मनाते हैं। ऐसे में जरूरी नहीं है कि यह केवल खून के रिश्तों तक की सीमित माना जाए। 

प्रश्न 5: रक्षाबंधन की शुरुआत किसने की?

उत्तर: राखी का त्योहार राणा की मां रानी कर्णावती के घर से शुरू हुआ था।

 

टैरो साप्ताहिक राशिफल (18 अगस्त से 24 अगस्त, 2024): जानें इस सप्ताह की भाग्यशाली राशियों के बारें में

टैरो साप्ताहिक राशिफल 18 अगस्त से 24 अगस्त 2024: टैरो कार्ड एक प्राचीन विद्या है जिसका उपयोग भविष्य जानने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग प्राचीन काल से ही टैरो कार्ड रीडर और रहस्यवादियों द्वारा अंतर्ज्ञान प्राप्त करने और किसी विषय की गहराई तक पहुँचने के लिए होता रहा है। यदि कोई व्यक्ति बेहद आस्था और विश्वास के साथ मन में उठ रहे सवालों के जवाब ढूंढ़ने के लिए आता है, तो टैरो कार्ड की दुनिया आपको हैरान कर सकती है। बहुत से लोग मानते हैं कि टैरो एक मनोरंजन का साधन है और इसे ज्यादातर मनोरंजन के रूप में देखते हैं। 

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साल 2024 के आठवें महीने अगस्त का यह तीसरा सप्ताह यानी कि टैरो साप्ताहिक राशिफल 18 अगस्त से 24 अगस्त 2024 अपने साथ क्या कुछ लेकर आएगा? यह जानने से पहले हम टैरो कार्ड के बारे में बात करेंगे। आपको बता दें कि टैरो की उत्पति आज से 1400 वर्ष पहले हुई थी और इसका सबसे पहला वर्णन इटली में मिलता है। शुरुआत में टैरो को ताश के रूप में राजघरानों की पार्टियों में खेला जाता था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया। मध्यकाल में टैरो को जादू-टोना से जोड़कर देखा जाने लगा और इसके परिणामस्वरूप आम लोगों ने भविष्य बताने वाली इस विद्या से दूरी बनाना सही समझा। 

लेकिन टैरो कार्ड का सफर यही थमा नहीं और इसने कुछ दशकों पहले पुनः प्रसिद्धि प्राप्त की जब दुनिया के सामने इसे एक भविष्य बताने वाली विद्या के रूप में पहचान मिली। भारत समेत दुनियाभर में टैरो की गिनती भविष्यवाणी करने वाली महत्वपूर्ण विद्याओं में होती है और अंत में टैरो कार्ड वह सम्मान पाने में सफल हुआ है जिसका वह हक़दार था। तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि अगस्त का यह तीसरा सप्ताह यानी कि 18 अगस्त से 24 अगस्त 2024 तक का समय सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहने की संभावना है?

टैरो साप्ताहिक राशिफल 18 अगस्त से 24 अगस्त, 2024: राशि अनुसार राशिफल

मेष राशि

प्रेम जीवन: नाइन ऑफ पेंटाकल्स 

आर्थिक जीवन: किंग ऑफ कप्स

करियर: द स्टॉर

स्वास्थ्य: पेज़ ऑफ कप्स

मेष राशि के जातकों के प्रेम जीवन की बात करें, तो नाइन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड संकेत दे रहा है कि आप इस अवधि किसी भी रिश्ते में नहीं आना चाहते हैं। आप सिंगल ही रहना चाहते हैं और इसमें ही खुश है। आप इस अवधि सिंगल होने का आनंद ले रहे हैं और अभी किसी रिश्ते में होने के बारे में सोचने के मूड में अभी नहीं हैं।

वित्त में किंग ऑफ कप्स आपके लिए एक शानदार कार्ड है, जो भविष्यवाणी कर रहा है कि आप आर्थिक रूप से स्थिर हैं लेकिन यह कार्ड एक चेतावनी भी देता है कि आपको वित्त संभालते समय सावधान बरतने की आवश्यकता हो सकती है और आपको अपने दिल को अपने दिमाग पर हावी नहीं होने देना चाहिए। अपनी भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पूरे दिल और दिमाग से फैसला लें।

करियर में द स्टार एक स्वागत कार्ड है और यह दर्शाता है कि आपका करियर सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। आप अपने करियर का आनंद ले रहे हैं और कार्यस्थल में मजबूत महसूस कर रहे हैं। आपका संगठन आपकी मेहनत को महत्व देता है और आप उनके लिए बहुत अधिक मायने रखते हैं।

पेज ऑफ कप्स स्वास्थ्य के लिहाज से एक अच्छे सप्ताह का संकेत देता है लेकिन भावनात्मक मुद्दे आपको थोड़ा परेशान कर सकते हैं। कुल मिलाकर आप अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेंगे और अपने स्वास्थ्य का ध्यान देंगे।

शुभ फूल: मैरीगोल्ड्स

वृषभ राशि 

प्रेम जीवन: सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: द सन 

करियर: द हीरोफेंट  

स्वास्थ्य: एट ऑफ स्वॉर्ड्स

सिक्स का स्वॉर्ड्स का कार्ड दर्शाता है कि वृषभ राशि के जातक इस सप्ताह टूटे हुए रिश्ते के दर्द से उभरेंगे। यह समय आपके लिए बहुत अधिक चुनौतियों से भरा रह सकता है लेकिन आप काफी मजबूत हैं और जीवन में एक नया दृष्टिकोण अपनाएंगे। आप बेहतर तरीके से आगे की ओर बढ़ रहे हैं और शानदार पलों का आनंद लेने के लिए तैयार हैं।

आर्थिक जीवन में द सन का कार्ड संकेत दे रहा है कि आप इस अवधि वित्तीय रूप से मजबूत बने रहेंगे और अच्छा प्रदर्शन करेंगे क्योंकि द सन का कार्ड प्रचुरता का प्रतिनिधित्व करता है। आपको अपने सभी व्यवसाय या वित्तीय फैसले या वित्तीय निवेश में इस सप्ताह सफलता मिल सकती है।

करियर के लिहाज़ से द हीरोफेंट कार्ड संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह दूसरों के साथ काम करने से आपको मदद प्राप्त होगी। इसमें कभी-कभी दूसरों का अनुसरण करना आपको फायदा दिला सकता है। यह कार्ड यह भी संकेत दे रहा है कि अभी सामूहिक एकजुटता आपके लिए ज्यादा महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

स्वास्थ्य के मामले में ऐट ऑफ स्वोर्ड्स का कार्ड मिला है जो मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं, अवसाद या घबराहट के हमलों जैसे चिंता विकारों को दर्शाता है। यह प्रमुख वजन घटाने का कार्ड भी है इसलिए अगर इस राशि के कुछ जातक वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो इस सप्ताह उन्हें अनुकूल परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

शुभ फूल: इक्सोरा

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मिथुन राशि

प्रेम जीवन: टेन ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: द हैरोफ़न्ट  

करियर: सिक्स ऑफ पेंटाकल्स  

स्वास्थ्य: पेज़ ऑफ कप्स

प्रेम जीवन के लिहाज़ से, मिथुन राशि के जातकों के रिश्ते में मधुरता की कमी देखने को मिल सकती है। साथ ही, आपके रिश्ते में पहले जैसी चमक भी खो चुकी है और अब आपके बीच बस नाम का रिश्ता रह गया है। एक-दूसरे के साथ बिताये गए पल और यादगार समय बीते कल की बात हो गई है। वर्तमान समय में आप एक-दूसरे को दोष देते हुए दिखाई दे सकते हैं और ऐसे में, आपके पास साथ में बिताने के लिए भी समय नहीं होगा। आपको सलाह दी जाती है कि आप दोनों को ही अपने रिश्ते को प्राथमिकता देनी होगी।

आर्थिक जीवन के लिहाज़ से, द हैरोफ़न्ट दर्शाता है कि धन के मामलों में आप पारंपरिक तौर-तरीका अपना सकते हैं। इसके फलस्वरूप, आप बैंक में धन की बचत करना पसंद करेंगे और किसी भी तरह का जोखिम लेने से परहेज़ करेंगे। आपको सही स्रोतों से धन कमाने और गलत कार्यों से दूर रहने की सलाह दी जाती है।

करियर के क्षेत्र में सिक्स ऑफ पेंटाकल्स को संतुलित कार्ड माना जाता है जो दर्शाता है कि कार्यस्थल पर हालात सामान्य रहेंगे और आपको किसी भी तरह की समस्या का सामना इस सप्ताह नहीं करना पड़ेगा। इसके परिणामस्वरूप, यह जातक अपने मनचाहे लक्ष्य हासिल करने में सक्षम होंगे और कार्यक्षेत्र पर भी संतुष्ट नज़र आएंगे।

पेज ऑफ कप्स को स्वास्थ्य के लिए शानदार कार्ड कहा जाएगा। यह कार्ड संकेत कर रहा है कि इस सप्ताह यदि छोटी-मोटी समस्याओं को छोड़ दें, तो आपका स्वास्थ्य सर्वश्रेष्ठ रहेगा, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है।

शुभ फूल: चमेली

कर्क राशि

प्रेम जीवन: नाइट ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: टू ऑफ वैंड्स 

करियर: एट ऑफ पेंटाकल्स

स्वास्थ्य: किंग ऑफ कप्स

कर्क राशि के जातकों के लिए नाइट ऑफ वैंड्स साहसी और जिंदादिली व्यक्तित्व को दर्शाता है। यह कार्ड भविष्यवाणी कर रहा है कि आप इस सप्ताह आसानी से प्यार में पड़ सकते हैं लेकिन जल्द ही उस रिश्ते से ऊब भी सकते हैं। आपके लिए दीर्घकालिक संबंध बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, हालांकि थोड़े समय के रोमांस के लिए यह संतुष्टि दायक रहने वाला है।

टू ऑफ वैंड्स कार्ड संकेत दे रहा है कि आप वित्तीय बोझ के तले दबे हुए हैं। आपके इस स्थिति के पीछे कई कारण हो सकते हैं। मुमकिन है कि आप इस अवधि अपने ऋण का भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रहे हो या आपके पास खाते में ज्यादा धन ना बचा हो।

एट ऑफ पेंटाकल्स दर्शता है कि आप इस सप्ताह आप पूरे समर्पण और प्रतिबद्धता से अपनी प्रतिभा को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं और इसके लिए आपको पुरस्कृत भी किया जा सकता है। आप अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रयासरत है और आपका पूरा ध्यान खुद के ज्ञान को बढ़ाने पर होगा। हालांकि, दूसरे लोग देख सकते हैं कि आप कितने बदल गए हैं और आपको एक रोल मॉडल के रूप में देख सकते हैं।

किंग ऑफ कप्स भविष्यवाणी कर रहा है कि यदि आप हाल ही में बीमार हुए हैं, तो यह कार्ड आपके लिए शुभ संकेत दे रहा है क्योंकि यह रिकवरी को दर्शाता है। यह भविष्यवाणी कर रहा है कि आप खुद का अधिक से अधिक ध्यान देंगे और अपने स्वास्थ्य के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखेंगे।

शुभ फूल : विंका रोजिया

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सिंह राशि

प्रेम जीवन: थ्री ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: टू ऑफ पेंटाकल्स

करियर: पेज़ ऑफ वैंड्स 

स्वास्थ्य: फोर ऑफ पेंटाकल्स

सिंह राशि के जातक अपने रिश्ते को अगले पड़ाव पर ले जाने के बारे में सोचते हुए नज़र आ सकते हैं। आप दोनों अपना भविष्य एक-दूसरे के साथ देखते हैं और इस बारे में आपने पहले से योजना भी बनाई हुई है। इस राशि के सिंगल जातकों के जीवन में प्यार दस्तक दे सकता है।

टू ऑफ पेंटाकल्स दर्शाता है कि आप आर्थिक रूप से सुरक्षित भविष्य बनाने की दिशा में कड़ी मेहनत कर रहे हैं। यानी आप अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कई नौकरी या कई एक साथ कई ज़िम्मेदारियां निभा रहे हैं। आपको अपनी इस मेहनत का जल्द ही अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे और आर्थिक जीवन में आप स्थिरता और सुरक्षा हासिल कर पाएँगे।

पेज़ ऑफ वैंड्स भविष्यवाणी कर रहा है कि मिथुन राशि वाले अपने करियर के शुरुआती दौर में हो सकते हैं। साथ ही, आप नए अवसरों की तलाश में होंगे। करियर को लेकर आप किसी भी तरह की जल्दबाज़ी में नहीं होंगे और इस अवधि में अपनी योग्यताओं और क्षमताओं का आकलन करते हुए दिखाई  दे सकते हैं। सामान्य शब्दों में कहें तो आप सही अवसर की तलाश में होंगे।

अगर आप बीमार हैं या बीमार महसूस कर रहे हैं, तो यह समय अपनी अस्वस्थ जीवनशैली को नियंत्रित करने का है। यह अवधि अपने जीवन में उन बदलावों को लाने के लिए उपयुक्त है जिन्हें आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा कहा जाएगा। ऐसे में, स्वयं को फिट बनाए रखने की दिशा में कदम बढ़ाएं।

शुभ फूल: कमल

कन्या राशि 

प्रेम जीवन: द हैरोफ़न्ट

आर्थिक जीवन: द फूल 

करियर: एट ऑफ़ पेंटाकल्स

स्वास्थ्य: व्हील ऑफ फार्च्यून

प्रेम जीवन में द हैरोफ़न्ट आपके लिए सकारात्मक कार्ड प्रतीत हो रहा है, जो समर्पण और उच्च मूल्यों को दर्शाता है, जो लोग वर्तमान में किसी रिश्ते में हैं, उनके लिए हैरोफ़न्ट कार्ड प्रतिबद्धता की गहराई को दर्शाता है और भविष्यवाणी करता है कि आप लंबे समय तक अपने पार्टनर का साथ देंगे। जो जातक सिंगल हैं, उनका मुलाकात जल्द ही किसी ख़ास व्यक्ति से हो सकती है।

आर्थिक दृष्टिकोण में द फ़ूल संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह आप वित्तीय मामलों को संभालने के मामले में थोड़े लापरवाह हो सकते हैं। आप आवेग में आकर बड़े वित्तीय निर्णय ले सकते हैं। हालांकि आपको ऐसा करने से बचने की आवश्यकता है। चाहे आप आर्थिक रूप से कितने भी अच्छे क्यों न हों, यह एक चेतावनी है कि आपको सावधान रहना चाहिए।

करियर के संबंध में एट ऑफ पेंटाकल्स बता रहा है कि कन्या राशि के जातक अपने काम में व्यस्त रहेंगे और आने वाले समय में भी आपका सारा ध्यान काम पर ही केंद्रित रहेगा। लेकिन, एक बात का आपको ध्यान रखना होगा कि काम में इतना भी न डूब जाए कि जीवन के महत्वपूर्ण पल आपके हाथ से निकल जाएं।

स्वास्थ्य के लिहाज़ से व्हील ऑफ फॉर्च्यून आपके लिए शानदार कार्ड है, जो संकेत कर रहा है कि आपका स्वास्थ्य बेहतर बना रहेगा। इस महीने सप्ताह आप परिवार और दोस्तों की मदद से अच्छा स्वास्थ्य पाने में सक्षम होंगे। चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इस माह आपको कोई बड़ी समस्या परेशान नहीं करेगी और आप फिट महसूस करेंगे।

शुभ फूल: बालसम

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तुला राशि

प्रेम जीवन: एट ऑफ वैंड्स (रिवर्ज्ड)

आर्थिक जीवन: किंग ऑफ वैंड्स 

करियर:  नाइट ऑफ कप्स

स्वास्थ्य: द मून

तुला राशि के प्रेम जीवन की बात करें तो यह कार्ड आपके लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। आशंका है कि आपका अपने पार्टनर से झगड़ा हो सकता है और यह समस्या कुछ समय तक जारी रह सकती है। ऐसे में, आपको सलाह दी जाती है कि या फिर इस रिश्ते से आगे बढ़े या समस्या का डटकर सामना करें।

आर्थिक जीवन में किंग ऑफ वैंड्स संकेत दे रहा है कि आप इस सप्ताह आर्थिक रूप से स्थिर महसूस करेंगे। साथ ही, आप अपने वित्त पर अच्छी तरह से नियंत्रण रखने में सक्षम होंगे। इस सप्ताह आप अपने भविष्य की वित्तीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण निवेश कर सकते हैं और जानते हैं कि आपके पास अपने भविष्य को अच्छी तरह से सुरक्षित करने के लिए पर्याप्त धन है।

करियर की बात करें तो नाइट ऑफ कप्स संकेत देता है कि इस सप्ताह आपको नई नौकरी के प्रस्ताव मिल सकते हैं, जो आपको बेहतर करियर की तरफ ले जा सकते हैं। इस सप्ताह आपके लिए कई अवसर आएंगे और किसी नई कंपनी या नए शहर में जाने की भी संभावना है।

स्वास्थ्य के मामले में द मून दर्शा रहा है कि इस सप्ताह आप स्वास्थ्य को लेकर कई समस्या का सामना करना पड़ सकता है। साथी से दूर रहने का गम आपको आपको तनाव दे सकता है। ऐसे में, आपको ध्यान और योग जैसे अभ्यास अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।

शुभ फूल: कॉसमॉस

वृश्चिक राशि

प्रेम जीवन: सेवन ऑफ़ पेंटाकाल्स

आर्थिक जीवन: थ्री ऑफ कप्स 

करियर: पेज़ ऑफ स्वॉर्ड्स 

स्वास्थ्य: किंग ऑफ स्वॉर्ड्स 

प्रेम जीवन की बात करें, तो सेवेन ऑफ पेंटाकल्स बता रहा है कि इस सप्ताह आपकी मुलाकात अपने जीवनसाथी, दोस्त या शुभचिंतक से हो सकती है। हालांकि, इस रिश्ते को पनपने में  थोड़ा समय लग सकता है लेकिन यह रिश्ता लंबे समय तक चलेगा।

आर्थिक जीवन में थ्री ऑफ कप्स कहता है कि वृषभ राशि के जातक अपने ही जैसे विचारों वाले लोगों के साथ किसी प्रोजेक्ट पर काम करते हुए नज़र आ सकते हैं और आपको अपनी मेहनत का फल जल्द ही मिलेगा। साथ ही, इस हफ्ते आप पार्टनर के साथ मिलकर संयुक्त निवेश कर सकते हैं।

पेज ऑफ कप्स कह रहा है कि यदि आप नौकरी में बदलाव करना चाहते हैं, तो इस सप्ताह आपको करियर के क्षेत्र में कई सुनहरे अवसरों की प्राप्ति होगी। साथ ही, इस राशि के जो जातक नौकरी बदलना चाहते हैं या नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं उनके लिए यह समय अनुकूल रहेगा।  यह सप्ताह आपके करियर के लिए परिवर्तनकारी साबित होगा।

सेहत की दृष्टि से, किंग ऑफ स्वॉर्ड्स मानसिक तनाव को दर्शा रहा है। संभावना है कि कोई बात आपको मानसिक तनाव दे रही हो और यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की राह में आपके लिए बाधा का काम कर रही हो। ऐसे में, आपको डॉक्टर से सहायता लेने की सलाह दी जाती है।

शुभ फूल: हिबिस्कस

धनु राशि

प्रेम जीवन: एस ऑफ कप्स

आर्थिक जीवन: एस ऑफ स्वॉर्ड्स 

करियर: जस्टिस 

स्वास्थ्य: डेथ

धनु राशि के जातकों को प्रेम जीवन में ऐस ऑफ़ कप्स मिला है जो नए रिश्ते की शुरुआत को दर्शा रहा है। यह सप्ताह आपके लिए प्रेम और रोमांस से भरा रहेगा। ऐसे में, यह जातक नए रिश्ते का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे। आने वाला समय आपके व्यक्तिगत जीवन के लिए शानदार कहा जाएगा। संभव है कि आपको मनचाहे व्यक्ति से प्रेम का प्रस्ताव मिल सकता है।

आर्थिक जीवन में ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स आपको तार्किक रूप से सोच-विचार करने के लिए कह रहा है। हालांकि, धन के संबंध में आपके दिल और दिमाग के बीच में अंतर देखने को मिल सकता है। इस हफ़्ते में आपको जोश या आवेग में आकर काम करने से बचना होगा और योजना बनाकर हर काम करें।

आपके करियर के लिए जस्टिस कार्ड कह रहा है कि इस सप्ताह धनु राशि वालों के कार्यों का वरिष्ठों द्वारा विश्लेषण किया जा सकता है। अगर आपको ऐसा लगता है कि आपको कोई देख नहीं रहा है, तो शांति से बैठकर ध्यान से आसपास की बातों पर गौर करें क्योंकि वरिष्ठ अधिकारी आपके हर काम को बहुत बारीकी से देख रहे होंगे। हालांकि, इस परीक्षा को आप सफलतापूर्वक पार कर लेंगे और वह कामयाबी हासिल कर सकेंगे जिसके आप हक़दार हैं।

धनु राशि वालों की सेहत इस सप्ताह ज्यादा अच्छी नहीं रहने की आशंका है। ऐसे में, आपको अपने खानपान का ध्यान रखना होगा। साथ ही, अपनी फिटनेस पर नज़र बनाए रखनी होगी। इन जातकों को स्वस्थ होने के लिए डॉक्टर की सहायता के साथ-साथ परिवार का प्यार भी चाहिए होगा। कोई अनजाना रोग आपको परेशान कर सकता है और आपको चोट आदि लगने की भी आशंका है।

शुभ फूल: प्लुमेरिया

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मकर राशि

प्रेम जीवन: थ्री ऑफ स्वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: नाइट ऑफ वैंड्स

करियर: क्वीन ऑफ कप्स 

स्वास्थ्य: टू ऑफ पेंटाकल्स

मकर राशि वालों के प्रेम जीवन के लिए थ्री ऑफ स्वॉर्ड्स कह रहा है कि इस सप्ताह आपको ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है जिससे आपके दिल को चोट पहुंचें। ऐसा इसलिए संभव होगा क्योंकि आपकी पार्टनर के साथ तीखी बहस हो सकती है और यह विवाद काफ़ी बढ़ सकता है इसलिए आपको गुस्सा करने से बचने की सलाह दी जाती है।

आर्थिक जीवन के लिए नाइट ऑफ वैंड्स कहता है कि मकर राशि के जातकों का रवैया धन के प्रति लापरवाह हो सकता है। ऐसे में, आपको यह बात ध्यान में रखनी होगी कि आपकी बचत खत्म न होने पाएं, अन्यथा आपको आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप, आपको धन की बचत और पैसों को सोच-समझकर खर्च करना होगा।

क्वीन ऑफ कप्स संकेत कर रहा है कि यह जातक अपने करियर से ख़ुश और संतुष्ट दिखाई देंगे। ऐसे में, आप मौजूदा नौकरी में बने रहना पसंद करेंगे। इन जातकों को कार्यस्थल पर काम से जुड़ी  नई-नई चीज़ें सीखने के अनेक अवसर प्राप्त होंगे और इसके परिणामस्वरूप, आप तरक्की हासिल कर सकेंगे। 

टू ऑफ पेंटाकल्स भविष्यवाणी कर रहा है कि मकर राशि वालों को अनकही भावनाएं या अनकहे शब्द परेशान कर रहे हैं और इसका असर आपके स्वास्थ्य पर नज़र आ रहा है। ऐसे में, आपको अपने आसपास के वातावरण पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है और आवश्यक होने पर आप जरूरी बदलाव भी कर सकते हैं ताकि आप मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ हो सकें। 

शुभ फूल: बटरफ्लाई पी

कुंभ राशि  

प्रेम जीवन: एट ऑफ कप्स (रिवर्ज्ड)

आर्थिक जीवन: टू ऑफ स्वॉर्ड्स

करियर:  व्हील ऑफ फॉर्च्यून

स्वास्थ्य: थ्री ऑफ वैंड्स

प्रेम जीवन में कुंभ राशि के जातकों को एट ऑफ कप्स का कार्ड प्राप्त हुआ है जो इस बात की तरफ इशारा कर रहा है कि अब आप अपने जीवन से उन चीजों को छोड़ चुके हैं जो भावनात्मक रूप से आपको संतुष्टि नहीं प्रदान कर रही थी और आप ऐसे भविष्य की तरफ बढ़ रहे हैं जो आपके जीवन में नई राह लेकर आने के संकेत दे रहा है। अब आपने अपने जीवन में एक नया दृष्टिकोण प्राप्त कर लिया है और एक नए उत्साह और आत्मविश्वास के साथ आप आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।

आर्थिक जीवन में आपको टू ऑफ स्वोर्ड्स का कार्ड मिला है जो एक प्रतिकूल कार्ड माना जाता है और ज्यादातर वित्तीय रूप से कठिन समय के बारे में संकेत देता है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आपके लिए आने वाला समय क्या लेकर आने वाला है। सलाह दी जाती है कि अगर वित्तीय मोर्चे पर आपके लिए भविष्य में कठिन समय आने वाला है तो भी इसका खुलकर सामना करें और परेशानी से लड़ने के लिए तैयार रहें।

करियर के लिहाज से आपको व्हील ऑफ फॉर्च्यून का कार्ड मिला है जो करियर में बड़े और सुखद बदलाव के संकेत देता है। बेहतर अवसर की तलाश के लिए आप विदेश या किसी अन्य स्थान पर जाने का विचार कर सकते हैं। जहां तक बात होती है करियर की तो आपके जीवन में जल्दी अच्छे दिन आने वाले हैं और आपके जीवन से परेशानियां दूर होने वाली है।

स्वास्थ्य के संबंध में आपको थ्री ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है। ऐसे में अगर आप लंबे समय से किसी बीमारी से परेशान चल रहे थे तो जल्दी यह परेशानियां खत्म होने वाली है। आने वाले दिनों में आपके स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलेगा। स्वास्थ्य के लिहाज से भी आपके जीवन में अच्छे दिन शुरू होने वाले हैं।

शुभ फूल: ज़िननिया

मीन राशि

प्रेम जीवन: टू ऑफ कप्स

आर्थिक जीवन: टू ऑफ वैंड्स 

करियर: द वर्ल्ड 

स्वास्थ्य: चैरियट 

मीन राशि के जातकों के लिए टू ऑफ कप्स कार्ड आपके प्रेम जीवन में बहुत सुखद समय आने का संकेत दे रहा है। सिंगल जातक इस सप्ताह किसी ऐसे नए रिश्ते में प्रवेश कर सकते हैं, जिसमें आकर्षण और सामंजस्य दोनों होंगे। आपके बीच आपसी समझ भी बेहतरीन होगी।

आर्थिक जीवन को लेकर टू ऑफ वैंड्स दर्शा रहा है कि इस सप्ताह आप धन और धन से संबंधित मामलों को बहुत सावधानीपूर्वक संभालेंगे। हो सकता है कि आप उन आर्थिक समस्याओं के बारे में जानते हों जिनका सामना आपको भविष्य में करना पड़ सकता है। ऐसे में, आपकी ज्यादा से ज्यादा कोशिश होगी कि आप जीवन में आर्थिक स्थिरता प्राप्त कर सकें।

करियर के लिहाज से देखें तो बिज़नेस या किसी ज़रूरी काम के सिलसिले से आपको लंबी दूरी की यात्रा तय करनी पड़ सकती है। विदेश यात्रा भी संभव हो सकती है। योग बन रहे हैं कि आप किसी दूसरे देश में नया काम शुरू कर सकते हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो इस सप्ताह आपकी मेहनत रंग लाएगी और आने वाले समय में फलदायी सिद्ध होगी।

चैरियट कार्ड के अनुसार, इस सप्ताह आपको अपने स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलेगा। यदि आप अभी तक सुस्ती और शारीरिक कमजोरी का सामना कर रहे थे तो मुमकिन है कि आप ऊर्जावान महसूस करेंगे। इसी तरह से ख़ुद के स्वास्थ्य पर ध्यान देते रहें। आपका स्वास्थ्य बेहतर होता जाएगा।

शुभ फूल: गोम्फ्रेना

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. कार्ड को साफ करने का क्या मतलब है? 

उत्तर: कार्ड को पढ़ने से पहले उन्हें साफ करना ज़रूरी है ताकि उनमें मौजूद किसी भी नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जा सके। 

प्रश्न 2. क्या पहला डेक रीडर को उपहार में दिया जाना चाहिए? 

उत्तर: नहीं, यह ज़रूरी नहीं है, आप अपना डेक खुद खरीद सकते हैं। 

प्रश्न 3. ऐसा क्यों है कि नए टैरो रीडर सटीक रीडिंग नहीं कर पाते हैं?

उत्तर: ऐसा तब होता है जब वे कार्ड के साथ गहरा संबंध नहीं बना पाते हैं और उन्हें कार्ड को समझने में समस्या हो सकती है।

 

अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 18 अगस्त से 24 अगस्त, 2024

कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)? 

अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा। 

इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।

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अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (18 अगस्त से 24 अगस्त, 2024)

अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं। 

जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।

 बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

मूलांक 1

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 1 के जातक बेहद सोच-समझकर फैसला लेते हैं और उसी पर बने रहते हैं। यह लोग बहुत व्यवस्थित होते हैं और बहुत तेज़ी से निर्णय लेते हैं। इस मूलांक के जातक अपने जीवन में  ऊंचाइयां हासिल करने के प्रति दृढ़ संकल्पित होते हैं और हर परिस्थिति को अपने पक्ष में करने में सक्षम होते हैं। यह जातक विचारों के स्पष्ट होते हैं और इस वजह से यह मुश्किल कामों को भी बहुत आसानी से कर जाते हैं। 

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन के लिहाज़ से, यह सप्ताह अनुकूल रहेगा और इस दौरान आप पार्टनर के सामने अपनी भावनाओं का रखने में सक्षम होंगे। ऐसे में, आपका रिश्ता दूसरों के लिए एक मिसाल बनेगा। 

पेशेवर जीवन: करियर की बात करें, तो इस सप्ताह पेशेवर जीवन में आपके हाथ नौकरी के सुनहरे अवसर लगेंगे जिसकी वजह से आप अपनी इच्छाओं और सपनों को पूरा कर सकेंगे। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उनकी प्रशासनिक क्षमताएं पहले की तुलना में मज़बूत होंगी।

शिक्षा: मूलांक 1 वाले इस सप्ताह मन लगाकर पढ़ाई करते हुए दिखाई देंगे जिसके चलते आपका प्रदर्शन शिक्षा में बेहतरीन रहेगा। साथ ही, पढ़ाई के संबंध में आप अपनी पसंद के अनुसार कुछ प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे होंगे। 

स्वास्थ्य: सेहत की बात करें, तो इन जातकों का स्वास्थ्य मज़बूत रोग प्रतिरोधक क्षमता और उच्च ऊर्जा की वजह से अच्छा बना रहेगा। 

उपाय: प्रतिदिन आदित्य हृदयम का पाठ करें। 

मूलांक 2

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 2 वाले अक्सर तनाव में नज़र आते हैं इसलिए यह कंफ्यूज रहते हैं। ऐसे में, यह अपने जीवन के महत्वपूर्ण फैसले लेने में नाकाम रह सकते हैं।

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन में मूलांक 2 वालों का रिश्ता दिन-प्रतिदिन पार्टनर के साथ मज़बूत होगा जो कि आप दोनों के बीच बेहतरीन आपसी समझ और एक-दूसरे के प्रति वफ़ादारी  का परिणाम होगा। हालांकि, आप दोनों के रिश्ते की मज़बूती खुले विचारों और स्पष्ट बातचीत का नतीजा हो सकती है।

पेशेवर जीवन: इन जातकों को इस सप्ताह काम के सिलसिले में लंबी दूरी की यात्रा पर जाना पड़ सकता है और यह असाइनमेंट पर आधारित हो सकता है। यदि आपका बड़े स्तर पर दूध या डेयरी से जुड़ा व्यापार है, तो आपका प्रदर्शन शानदार रहेगा।

शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में मूलांक 2 के छात्रों का प्रदर्शन केमिस्ट्री, मरीन आदि विषयों में अच्छा रहेगा और आप मन लगाकर पढ़ाई करेंगे।

स्वास्थ्य: आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा जिसकी वजह आपके भीतर की ऊर्जा होगी। ऐसे में, आप उत्तम स्वास्थ्य का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे।  

उपाय: प्रतिदिन दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

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मूलांक 3

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 3 वाले अधिकांश धर्म-कर्म में रुचि रखते हैं जिसकी सहायता से आपके अंदर कुछ विशेष गुण पैदा हो सकते हैं जो कि आपके लिए लंबे समय तक लाभदायक साबित होंगे।

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें, तो मूलांक 2 के जातक अपने पार्टनर के साथ सीधे और स्पष्ट रूप से संचार करते हुए दिखाई देंगे। ऐसे में, आप दोनों एक-दूसरे से प्रेम पूर्ण बात करेंगे जिसकी वजह से आपका रिश्ता मज़बूत होगा।

शिक्षा:  इस मूलांक के छात्र मैनेजमेंट, बिज़नेस स्टडीज आदि विषयों में विशेषज्ञता हासिल करने में सफल रहेंगे और इसका आप पर सकारात्मक असर दिखाई देगा। इस दौरान आपकी याददाश्त मज़बूत रहेगी और आप जो भी पढ़ेंगे, उसे अच्छे से याद रख सकेंगे।    

पेशेवर जीवन: मूलांक 3 के जो जातक नौकरी करते हैं, उनका प्रदर्शन कार्यक्षेत्र में दमदार रहेगा। वहीं, अगर आपका संबंध व्यापार से है, तो आप मल्टी-लेवल बिज़नेस में प्रवेश कर सकते हैं और ऐसे में, आप पर्याप्त मात्रा में लाभ कमा सकेंगे।

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से, यह सप्ताह अनुकूल रहेगा और इस दौरान आपको छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि सर्दी-जुकाम, खांसी और सिर दर्द आदि की शिकायत रह सकती है। लेकिन, कोई बड़ी समस्या नहीं आएगी।  

उपाय: प्रतिदिन “ॐ बृहस्पतये नमः” का 21 बार जाप करें। 

मूलांक 4

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 4 वालों का झुकाव जीवन में किसी विशेष वस्तु या भौतिक सुख-सुविधाओं को पाने में हो सकता है और इस वजह से आप ख़ुश नज़र आ सकते हैं। ऐसे में, आपकी रुचि भौतिकता में रहने की संभावना है।

प्रेम जीवन: इन जातकों को इस हफ़्ते अपने घर-परिवार में चल रहे मामलों के साथ तालमेल बिठाना की आवश्यकता होगी क्योंकि इस बात की प्रबल संभावना है कि आपके परिवार में कुछ विवाद या मतभेद लंबे समय से चले आ रहे होंगे।

शिक्षा: इस मूलांक के छात्रों को पूरी एकाग्रता के साथ पढ़ाई करने की जरूरत महसूस हो सकती है क्योंकि ध्यान की कमी होने के कारण आपसे कोई गलती हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप, आप पढ़ाई में पीछे रह सकते हैं।

पेशेवर जीवन: मूलांक 4 के जो जातक नौकरी करते हैं, उन पर इस सप्ताह काम का बोझ बढ़ने की आशंका है। इसके विपरीत, जिन लोगों का खुद का व्यापार है, उन्हें आने वाले समय में प्रतिद्वंदी कड़ी टक्कर दे सकते हैं। ऐसे में, आपके लिए आने वाला समय मुश्किल रह सकता है।

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के लिहाज़ से, मूलांक 4 वालों को किसी तरह की एलर्जी की वजह से त्वचा संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती हैं जिसके चलते आप परेशान नज़र आ सकते हैं। 

उपाय: प्रतिदिन “ॐ दुर्गाय नमः” का 22 बार जाप करें।

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मूलांक 5

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 5 वालों को इस सप्ताह जीवन में सफलता की प्राप्ति होगी और साथ ही, आप स्वयं द्वारा निर्धारित किए गए लक्ष्यों को हासिल करने में सक्षम होंगे। इन जातकों में रचनात्मकता कूट-कूट कर भरी होती है और ऐसे में, यह जो भी काम करते हैं, उसमें तर्क ढूंढ ही लेते हैं। 

प्रेम जीवन: मूलांक 5 वाले इस सप्ताह प्रेम जीवन में सातवें आसमान पर दिखाई देंगे क्योंकि इस दौरान पार्टनर के साथ आपकी आपसी समझ शानदार रहेगी। आपकी लव लाइफ प्रेम से पूर्ण रहेगी और आपको साथी के साथ रोमांस करने का मौका मिलेगा। 

शिक्षा: शिक्षा की बात करें, तो इस मूलांक के छात्र पढ़ाई के संबंध में अपनी क्षमताओं और योग्यताओं को दुनिया के सामने साबित कर सकेंगे। इसके परिणामस्वरूप, आप पढ़ाई में तेज़ी से आगे बढ़ेंगे और अच्छे अंक हासिल करेंगे।

पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन की बात करें, तो इस मूलांक के जातक कार्यक्षेत्र में अपनी चमक बिखरने में सक्षम होंगे और आप अपनी योग्यता भी साबित कर सकेंगे। अगर आपका संबंध व्यापार से है, तो आपको बिज़नेस में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। 

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के लिहाज़ से, यह सप्ताह आपके लिए अनुकूल रहेगा क्योंकि इस समय आपके भीतर का उत्साह आपकी सेहत को अच्छा बनाए रखेगा जिसकी वजह से आप खुश एवं प्रसन्न रहेंगे।  

उपाय: प्रतिदिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 41 बार जाप करें।

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मूलांक 6

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 6 के जातक ट्रेवल के माध्यम से शुभ परिणाम प्राप्त करने में सक्षम होंगे और साथ ही, इस हफ़्ते आप अच्छा-ख़ासा पैसा कमाने में सफल रहेंगे। इस अवधि में आपके भीतर कुछ विशिष्ट गुण जन्म ले सकते हैं जिससे आपके महत्व में बढ़ोतरी होगी। 

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन को देखें, तो इस सप्ताह आप पार्टनर के साथ रिश्ते में मधुरता बनाए रखने में कामयाब रहेंगे। ऐसे में, आपके रिश्ते में आकर्षण और प्रेम दोनों में वृद्धि होगी।

शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में आप अपनी पहचान बनाने में सफल रहेंगे और पढ़ाई में आप साथी छात्रों के लिए मिसाल कायम करेंगे। 

पेशेवर जीवन: मूलांक 6 के जातकों को इस सप्ताह अपनी रुचि के अनुसार नौकरी के नए अवसर मिल सकते हैं। अगर आपका खुद का व्यापार है, तो इस अवधि को बिज़नेस का विस्तार करने के लिए अच्छा कहा जाएगा। 

स्वास्थ्य: इन लोगों का स्वास्थ्य इस सप्ताह अच्छा रहेगा और आप पूरी तरह से फिट एवं तंदुरुस्त रहेंगे। ऐसे में, आपको छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं भी परेशान नहीं करेगी। 

उपाय: प्रतिदिन “ॐ शुक्राय नमः” का 33 बार जाप करें।

मूलांक 7 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 7 के जातकों के व्यक्तित्व में इस सप्ताह आकर्षण की कमी रह सकती है जिसकी वजह से आपको जीवने में स्थिरता पाने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप, इन लोगों को छोटे से छोटा कदम उठाने से पहले अच्छे से सोच-विचार करने, योजना बनाने और उसका पालन करने की सलाह दी जाती है। 

प्रेम जीवन: इस सप्ताह मूलांक 7 के जातक अपने पार्टनर के साथ प्रेम जीवन का पूरी तरह से आनंद लेने में कठिनाई का अनुभव कर सकते हैं क्योंकि आपके परिवार में कुछ समस्याएं चल रही हो सकती हैं जो रिश्ते में खुशियां बनाए रखने में अड़चन का काम कर सकती है। 

शिक्षा: शिक्षा के संबंध में इस मूलांक के छात्रों की याददाश्त इस सप्ताह औसत रह सकती है जिसके चलते आप पढ़ाई में अच्छे अंक हासिल करने में पीछे रह सकते हैं। ऐसे में, मूलांक 7 वालों के लिए योग का अभ्यास करना फलदायी साबित होगा क्योंकि इससे पढ़ाई में आपका प्रदर्शन बेहतर होगा। 

पेशेवर जीवन: इस सप्ताह आप नई-नई चीज़ें सीखेंगे और ऐसे में, आपको कार्यक्षेत्र में अपने बेहतरीन काम के लिए सराहना मिलने की संभावना है। अगर आपका खुद का व्यापार है, तो आपको इस हफ़्ते हानि का सामना करना पड़ सकताब है इसलिए आपको व्यापार पर नज़र बनाए रखनी होगी और साथ ही, बहुत सावधानी के साथ आगे बढ़ना होगा।

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की बात करें, तो इन जातकों को किसी एलर्जी के कारण त्वचा में जलन की समस्या परेशान कर सकती है। साथ ही, पेट से जुड़े रोग भी आपको घेर सकते हैं इसलिए अपनी सेहत को अच्छा बनाए रखने के लिए आपको भोजन समय पर करने की सलाह दी जाती है। 

उपाय: प्रतिदिन “ॐ गणेशाय नमः” का 41 बार जाप करें।

मूलांक 8 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 8 वालों से इस सप्ताह किसी यात्रा के दौरान कोई कीमती और महंगी वस्तु गुम हो सकती है जो आपके लिए चिंता का विषय बन सकती है। ऐसे में, आपके लिए यात्रा के दौरान सावधानी बरतना जरूरी होगा और योजना बनाकर चलना होगा। 

प्रेम जीवन: इन जातकों को अपने दोस्तों की वजह से पार्टनर के साथ मधुर रिश्ते बनाए रखने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और फलस्वरूप, साथी के साथ आपका तालमेल कमज़ोर रहने की आशंका है। 

शिक्षा: मूलांक 8 के छात्रों को मेहनत करने के बावजूद इस सप्ताह शिक्षा में गिरावट देखने को मिल सकती है। ऐसे में, आपको टॉप पर पहुँचने के लिए अत्यधिक परिश्रम करने की सलाह दी जाती है।

पेशेवर जीवन: जो लोग नौकरी करते हैं, उनके लिए यह समय कठिन रह सकता है क्योंकि काम को अच्छे से करने के बाद भी आपको सराहना न मिलने की आशंका है। अगर आपका खुद का व्यापार है, तो यह समय आपके लिए मुश्किल भरा रह सकता है। इसके परिणामस्वरूप, लाभ वाले सौदे करने के लिए आपको मशक्कत करनी पड़ सकती है।

स्वास्थ्य:  मूलांक 8 वालों को तनाव की वजह से पैरों और जोड़ों में दर्द की समस्या परेशान कर सकती है। असंतुलित खानपान भी इन समस्याओं का कारण हो सकता है। 

उपाय: प्रतिदिन “ॐ हनुमते नमः” का 11 बार जाप करें।

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मूलांक 9 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, 27 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 9 के जातक साहस से भरे रहेंगे और इसके परिणामस्वरूप, आप जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए दिखाई देंगे जो आपके लिए हितकारी साबित होंगे। इन लोगों का प्रदर्शन हर क्षेत्र में शानदार रहेगा और आप पनी योग्यताओं एवं क्षमताओं का उपयोग करने में सक्षम होंगे। 

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन में इस मूलांक वाले अपने पार्टनर के साथ नियमों और सिद्धांतों का पालन करेंगे। ऐसे में, आपके और साथी के बीच आपसी समझ शानदार रहेगी।  

शिक्षा: इस सप्ताह मूलांक 9 के छात्र अपनी पसंद के अनुसार किसी पेशेवर कोर्स में दाखिला ले सकते हैं और इसके फलस्वरूप, आप इसमें उत्कृष्टता हासिल करने में सक्षम होंगे। 

पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन को देखें, तो करियर में आपका प्रदर्शन बेहतरीन रहेगा और काम के बल पर आप अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल रहेंगे। हालांकि, यह आपको प्रमोशन के रूप में प्राप्त हो सकती है। मूलांक 9 के जो लोग व्यापार करते हैं, उन्हें अच्छा खासा लाभ कमाने के अनेक अवसर प्राप्त होंगे। 

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के लिहाज़ से, यह सप्ताह मूलांक 9 वालों के लिए अच्छा रहेगा क्योंकि इस दौरान आपका सेहत उत्तम बनी रहेगी जिसकी वजह आपका उत्साह होगा। साथ ही, आपको किसी बड़ी स्वास्थ्य समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। आप खुश रहेंगे जिसके चलते आप ऊर्जावान बने रहेंगे।

उपाय: प्रतिदिन “ॐ भौमाय नमः” का 27 बार जाप करें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. क्या होता है मूलांक?

किसी व्यक्ति की जन्म तिथि को एक संख्या में बदलने पर जो अंक प्राप्त होता है उसे मूलांक कहते हैं।

2. किस मूलांक को सबसे शुभ माना जाता है?

ज्योतिष के अनुसार, मूलांक 7 को सबसे  शुभ और भाग्यशाली अंक माना जाता है।

3. क्या अंतर है मूलांक और भाग्यांक में?

किसी की जन्म तिथि को एक संख्या में बदलने जो अंक आता है उसे मूलांक कहते हैं। वहीं, जन्मतिथि के सभी अंको का जोड़ने पर जो योग प्राप्त होता है उसे भाग्यांक कहा जाता है।

बुध का कर्क राशि में गोचर: राशि सहित देश-दुनिया पर देखने को मिलेगा इसका प्रभाव

एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बुध का कर्क राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि बुध के गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को बुध के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस ब्लॉग में बुध ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।

बता दें कि बुध वक्री अवस्था में 22 अगस्त 2024 की सुबह 6 बजकर 47 मिनट पर कर्क राशि में गोचर करेंगे। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके 

वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह को ‘ग्रहों का राजकुमार’ माना जाता है और यह एक युवा ग्रह हैं। इसके अलावा, इस ग्रह का सीधा संबंध व्यक्ति की बुद्धि, तर्क क्षमता, अच्छे संचार कौशल, से जोड़कर देखा जाता है। यह सबसे छोटा और सबसे तेज़ चलने वाला ग्रह है और चंद्रमा की तरह बहुत संवेदनशील भी है। यह बुद्धि, सीखने की क्षमता, भाषण, सजगता, संचार, बैंकिंग, शिक्षा, संचार लेखन, किताबें, हास्य और मीडिया आदि के कारक हैं। 12 राशियों में से, बुध ग्रह का मिथुन और कन्या राशि में आधिपत्य रहता है और इसके तीन नक्षत्र हैं, ज्येष्ठा, आश्लेषा और रेवती।

कर्क राशि में बुध: विशेषताएं

कर्क राशि में बुध सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के परिणाम देते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप ऊर्जा को किस तरह से प्रवाहित करते हैं। यदि आप खुद पर ध्यान केंद्रित करेंगे तो आप आत्म-निरीक्षण और आत्म-साक्षात्कार महसूस करेंगे। कर्क राशि में बुध व्यक्ति को अंतर्ज्ञान, मानसिक क्षमता और भावनाओं की गहराई प्रदान करता है। बुध आपकी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता है और जब यह कर्क राशि में होता है, तो यह आपको अपनी भावनाओं से बाहर निकलने में असमर्थ बनाता है, जो तनाव, चिंता, हताशा, और मानसिक समस्याओं का कारण बन सकता है। यदि बुध अनुकूल स्थिति में विराजमान हो, तो आप तमाम तरह की समस्याओं से बाहर निकलने में सक्षम होते हैं। यह आपको चिकित्सा, ज्योतिष, आयुर्वेद, अध्यात्म, शिक्षण और जनसंचार के क्षेत्र में भी अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम बनाता है।

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बुध का कर्क राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके चौथे भाव में गोचर करेंगे। करियर के मोर्चे पर वक्री बुध का कर्क राशि में गोचर आपको कई प्रकार की समस्याएं दे सकता है। इस दौरान आपको अपने काम में रुकावट का सामना करना पड़ सकता है और आशंका है कि आप अपनी इच्छानुसार पैसे नहीं बचा पाएंगे।

घरेलू जीवन में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए अधिक प्रयास करने होंगे। साथ ही, मनचाहा परिणाम पाने के लिए बहुत अधिक मेहनत करनी होगी। यदि आप नया घर या नया अपने पुराने घर में निर्माण कार्य शुरू करना चाहते हैं तो उसके लिए यह अवधि अनुकूल प्रतीत नहीं हो रही है। इस समय आपके लिए नई प्रॉपर्टी खरीदना भी आसान नहीं हो सकता है। बिना सोचे-समझे कोई भी फैसला न लें, नहीं तो आपको पछताना पड़ सकता है।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं और बुध वक्री अवस्था में आपके वाणी, परिवार और आय के दूसरे भाव में गोचर करेंगे। इसके परिणामस्वरूप, आपकी भाषा और व्यवहार में विनम्रता की कमी रहेगी। अपनी वाणी से दूसरों का दिल जीतने के लिए आपको अधिक प्रयास करने पड़ सकते हैं। आपके साहस में बढ़ोतरी होगी लेकिन, किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए आपको बहुत मेहनत करनी पड़ेगी। करियर को देखें, तो आपको नए अवसरों की प्राप्ति होगी और संभव है कि आपका ज्यादातर समय यात्राओं में बीतेगा।

खुद का व्यवसाय करने वाले जातकों के लिए अनुकूल अवधि प्रतीत नहीं हो रही है। मानसिक दबाव को हल्का करने के लिए ध्यान जैसे आध्यात्मिक अभ्यास में शामिल होने की सलाह दी जाती है। हालांकि, आर्थिक जीवन के लिहाज़ से, आप ज्यादा से ज्यादा धन कमाने के साथ-साथ बचत भी कर सकेंगे।

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी है और अब बुध वक्री अवस्था में आपके पहले भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में, यह गोचर आपके लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। मानसिक बीमारियों से पीड़ित लोगों को इस अवधि विशेष देखभाल की आवश्यकता हो सकती है। व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में कुछ चुनौतियां आने की संभावना है। हालांकि, विदेशों से आपको लाभ प्राप्त होगा, जिससे आपको आराम और विलासितापूर्ण सुविधाएं मिलेंगी। 

करियर की दृष्टि से, अगर आप नौकरी करते हैं, तो उनके लिए यह समय चुनौतीपूर्ण रह सकता है। ऐसे में, आपको काम करना मुश्किल लग सकता है। जो जातक अपना व्यापार करते हैं, उनकी सोच-विचार करने की क्षमता कमज़ोर होने और प्रभावी फैसले न ले पाने की वजह से हानि झेलनी पड़ सकती है इसलिए आपको व्यापार पर बहुत ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता होगी। आर्थिक जीवन की बात करें, तो बुध का कर्क राशि में गोचर आपके लिए काफ़ी खर्चे लेकर आ सकता है क्योंकि इस दौरान आपको हानि होने की आशंका है।

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और वक्री बुध आपके बारहवें भाव में गोचर करेंगे, जो आपके लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। बुध के वक्री होने के दौरान आपके खर्चों में वृद्धि होने की संभावना है। आपके घर का कोई सदस्य विदेश यात्रा पर जा सकता है। 

इस अवधि में आपका किसी से भी किसी भी बात को लेकर विवाद हो सकता है इसलिए ऐसी स्थितियों से बचने का प्रयास करें और अपनी वाणी में सौम्यता लाएं। यदि आप विवाहित हैं, तो आपकी संतान आपका साथ देगी। आपको धन और सम्मान की प्राप्ति होगी और आपको अपने काम के सिलसिले में लंबी दूरी की यात्रा करनी पड़ सकती है।

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मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब वक्री बुध आपके सातवें भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में, आपको सलाह दी जाती है कि इस अवधि प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों में कोई भी फैसला न लें, अन्यथा विवाद हो सकता है। स्वास्थ्य के लिहाज से, बुध का वक्री होना तनाव बढ़ा सकता है, इसलिए अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। 

पेशेवर रूप से काम करने वाले जातकों को अपने कार्यक्षेत्र में सफलता मिलने में देरी का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान किसी से भी प्रकार की चर्चा या विवाद से बचें, नहीं तो आपकी छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जीवनसाथी से किसी भी बात पर बहस करने से बचें। आपका वैवाहिक जीवन तनाव में रह सकता है और कोई भी छोटी सी बात गंभीर लड़ाई का रूप ले सकती है इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि धैर्य बनाए रखें और अपना आपा खोने से बचें।

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। वक्री बुध का गोचर आपके मुकदमेबाजी, शत्रु और कर्ज के छठे भाव में होगा। इस अवधि में धन संबंधी मामले आपके तनाव का कारण बन सकते हैं। आपके खर्चों में वृद्धि होने की संभावना है। यदि कोई मामला कोर्ट में है, तो उसके निर्णय में देरी हो सकती है। आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है इसलिए विशेष ध्यान रखें। इस दौरान छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए अधिक प्रयास करने होंगे। इस अवधि के दौरान अपने गुस्से पर नियंत्रण रखने का प्रयास करें।

बुध का कर्क राशि में गोचर: प्रभावशाली उपाय

  • भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दूर्वा घास और देसी घी के लड्डू चढ़ाएं।
  • बुध ग्रह के लिए हवन करें।
  • अपने परिवार की महिलाओं को कपड़े और हरी चूड़ियां दान करें।
  • किन्नरों का आशीर्वाद लें।
  • गरीब बच्चों को भोजन दान करें।
  • पक्षियों को, खास तौर पर कबूतरों और तोते को भिगोए हुए हरे चने खिलाएं।

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बुध का कर्क राशि में गोचर: दुनिया भर में प्रभाव

सरकार और राजनीति

  • समाज के अविकसित वर्गों का समर्थन करने वाली सरकारी योजनाओं में खामियां सामने आ सकती हैं।
  • भावनात्मक स्तर पर सरकार जनता से जुड़ने का प्रयास करेगी। लेकिन, ऐसा करने में विफल रहेंगे।

अध्यात्म, शिक्षा, काउंसलिंग और मेडिकल

  • वक्री बुध का कर्क राशि में गोचर धार्मिक गुरुओं, ज्योतिषी, काउंसलर आदि को जनता तक पहुँचने में सक्षम बनाएगा।
  • यह गोचर मेडिकल के क्षेत्र में प्रगति की रफ़्तार को तेज़ करेगा।
  • बुध गोचर के दौरान शेयर बाजार और सट्टा बाजार में अस्थिरता बनी रहने की आशंका है।
  • दुनिया भर में लोग आध्यात्मिक और धार्मिक प्रथाओं में अधिक संलग्न हो सकते हैं।
  • संचार, मीडिया आदि के क्षेत्र में काम करने वाले लोग इस अवधि के दौरान औसत प्रदर्शन कर सकते हैं।
  • वक्री बुध के गोचर से आध्यात्मिकता के नाम पर धोखाधड़ी की प्रथाओं में भी वृद्धि हो सकती है।
  • निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोग अपनी नौकरी खोने या अपने करियर की प्रगति के बारे में सोच कर चिंतित हो सकते हैं।

बुध का कर्क राशि में गोचर: शेयर बाजार पर प्रभाव

बुध का गोचर प्रत्येक देश-दुनिया सहित शेयर बाजार पर भी बहुत अधिक प्रभाव डालता है और विभिन्न कंपनियों के शेयरों की लाभप्रदता को प्रभावित करता है। बुध कर्क राशि में वक्री अवस्था में गोचर कर रहे हैं। यह घटना निश्चित रूप से शेयर बाजार 2024 पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इन सब बातों को ध्यान में रखकर एस्ट्रोसेज ने शेयर बाज़ार भविष्यवाणी को विशेष रूप से आपके लिए तैयार किया है। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि वक्री बुध का कर्क राशि में गोचर शेयर बाजार को कैसे प्रभावित करेगा।

  • वक्री बुध का कर्क राशि में गोचर फार्मा, आईटी इंडस्ट्री और पब्लिक सेक्टर आदि के लिए मुश्किल दौर लेकर आ सकता है।
  • बैंकिंग क्षेत्र के लिए चुनौतियों से भरा समय महीने के अंत तक जारी रहने की आशंका है।
  • हालांकि, बैंकिंग और सूचना प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी, इस्पात उद्योग, मुद्रण और कागज उद्योग और चमड़ा उद्योग सभी में वृद्धि की उम्मीद है।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. बुध के वक्री होने से व्यक्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है?

बुध का वक्री होना हमारी वाणी, तार्किक तर्क, निर्णय लेने की क्षमता और हमारे पेशे को प्रभावित कर सकता है और ज़्यादातर नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।

2. बुध के साथ कौन से ग्रह मित्रवत हैं?

शनि और शुक्र

3. कौन सा ग्रह बुध का कट्टर दुश्मन माना जाता है?

मंगल और बुध ग्रह कट्टर दुश्मन माने जाते हैं और एक दूसरे के लग्न के लिए अशुभ माने जाते हैं।

घी के सेवन से बढ़ जाती है सिंह संक्रांति की शुभता, जानें इसके पीछे का रहस्य!

सिंह संक्रांति 2024: सूर्य देव की पूजा सनातन धर्म में देवता के स्वरूप में की जाती है जबकि ज्योतिष में इन्हें नवग्रहों के राजा कहा जाता है। इस प्रकार, सूर्य मनुष्य जीवन के साथ-साथ समस्त संसार के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इनके बिना धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है क्योंकि सूर्य देव को जगत पिता और संसार की आत्मा के नाम से जाना जाता है जो अपने प्रकाश से मानव समेत पेड़-पौधों एवं जीव-जंतुओं को जीवन प्रदान करते हैं। 

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

ऐसे में, सूर्य ग्रह का राशि परिवर्तन महत्वपूर्ण माना गया है और अब जल्द ही यह सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आपको सिंह संक्रांति 2024 से जुड़ी समस्त जानकारी प्राप्त होगी जैसे कि तिथि, मुहूर्त और समय। इसके अलावा, क्या है सिंह संक्रांति का महत्व और इस दिन किन उपायों को करने से मिलती है सूर्य भगवान की कृपा आदि से भी रूबरू करवाएंगे। लेकिन, सबसे पहले जानते हैं सिंह संक्रांति 2024 की तिथि एवं मुहूर्त के बारे में। 

सिंह संक्रांति 2024: तिथि और समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष सिंह संक्रांति को भाद्रपद महीने में मनाया जाता है। इस संक्रांति को एक साल में आने वाली सभी संक्रांति तिथियों में से सबसे खास स्थान प्राप्त है। सिंह संक्रांति के दिन भगवान सूर्य चंद्र देव की राशि कर्क से निकलकर स्वयं की राशि सिंह में प्रवेश कर जाते हैं इसलिए इसे पर्व को “सिंह संक्रांति” के नाम से जाता है। यह संक्रांति देश भर के विभिन्न हिस्सों में भिन्न-भिन्न नामों से जानी जाती है जैसे कि उत्तराखंड में सिंह संक्रांति को घी संक्रांति या ओल्गी संक्रांति कहते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, इस संक्रांति को कृषि और पशुपालन से भी जोड़ा जाता है जिसके बारे में हम आगे विस्तार से चर्चा करेंगे। 

सिंह संक्रांति की तिथि एवं पूजा मुहूर्त

सिंह संक्रांति की तिथि: 16 अगस्त 2024, शुक्रवार

सिंह संक्रांति का पुण्यकाल: दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से शाम 07 बजकर 01 मिनट तक,

अवधि: 06 घंटे 37 मिनट तक

सिंह संक्रांति का महापुण्य काल: शाम 04 बजकर 49 मिनट से शाम 07 बजकर 01 मिनट तक,

सिंह संक्रांति का क्षण: शाम 07 बजकर 54 मिनट तक

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कब और किस समय होगा सूर्य का सिंह राशि में गोचर?

बता दें कि सूर्य महाराज 16 अगस्त 2024 की शाम 07 बजकर 32 मिनट पर कर्क राशि को छोड़कर सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, सूर्य गोचर का प्रभाव मनुष्य के जीवन सहित देश-दुनिया पर नज़र आएगा। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और आपको अवगत करवाते हैं संक्रांति तिथि के अर्थ के बारे में।

किसे कहते है संक्रांति?

सिंह संक्रांति से पहले हमें संक्रांति के अर्थ के बारे में बात करेंगे, तो आपको बता दें कि एक राशि से दूसरी राशि में सूर्य के प्रवेश को संक्रांति कहते हैं। एक वर्ष में सूर्य देव 12 बार अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं। इस प्रकार, हर महीने सूर्य लगभग एक माह के लिए एक राशि में रहते हैं और इसके पश्चात, यह दूसरी राशि में चले जाते है। राशि चक्र में सूर्य देव को मेष से लेकर मीन राशि तक के अपने सफर को पूरा करने में 12 महीनों का समय लगता है। 

सामान्य शब्दों में कहें, तो इन्हें बारह राशियों में गोचर करने में एक साल लगता है। संक्रांति 2024 के अनुसार, एक वर्ष में में कुल 12 संक्रांतियां आती हैं और  इसी क्रम में, सूर्य के राशि परिवर्तन के दिन यानी संक्रांति को देश भर में एक पर्व के रूप में मनाया जाता है। 

इस प्रकार, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो सूर्य के संक्रमण काल को उत्सव की तरह मनाये जाने का विधान है। बता दें कि सूर्य देव के उत्तरायण होने की अवधि को देवताओं का दिन माना जाता है जबकि दक्षिणायन देवताओं की रात्रि मानी गई है। वैदिक काल में उत्तरायण को देवयान तथा दक्षिणायन को पितृयान कहा जाता था। 

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सिंह संक्रांति का धार्मिक महत्व 

धार्मिक दृष्टि से, सिंह संक्रांति की तिथि अति शुभ मानी जाती है और इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करना श्रेष्ठ होता है। वर्ष 2024 में 16 अगस्त, शुक्रवार के दिन पड़ने वाली सिंह संक्रांति का नाम मिश्र है, सूर्य देव का वाहन सिंह, वस्त्र श्वेत, दृष्टि नैऋत्य, गमन पूर्व और भक्ष्य पदार्थ अन्न है। इस संक्रांति पर सूर्य भगवान श्वेत वस्त्रों में शेर पर सवार होकर पूर्व दिशा की तरफ गमन करेंगे। भाद्रपद या  भादो के महीने में आने वाली संक्रांति को सिंह संक्रांति कहते हैं और देशभर में इस संक्रांति के साथ अलग-अलग नाम और मान्यताएं जुड़ी हैं।

हिंदू धर्म में हर माह आने वाली संक्रांति तिथि को प्रत्येक शुभ एवं मांगलिक कार्यों को करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यह तिथि सूर्य भगवान को समर्पित होती है और इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही, सिंह संक्रांति पर सूर्य पूजा के साथ-साथ जगत के पालनहार भगवान विष्णु और नरसिंह जी की पूजा का भी विधान है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सिंह संक्रांति पर पूजा-पाठ, दान और स्नान करने से भक्त को विशेष लाभ मिलता है। इस अवसर पर भक्तजन सूर्य देव सहित समस्त देवी-देवताओं की कृपा प्राप्ति के लिए पवित्र नदियों में स्नान आदि करते हैं और भक्तजन अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों एवं जरूरतमंदों को दान करते हैं। साथ ही, पूर्वजों का स्मरण करते हुए हवन करते हैं।

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देश के विभिन्न राज्यों में सिंह संक्रांति

हम आपको बता चुके हैं कि सिंह संक्रांति को उत्तराखंड में घी संक्रांति या ओल्गी संक्रांति कहते हैं। यह एक लोक पर्व है जिसका संबंध कृषि और पशुपालन से है। इस दिन किसान फसल की अच्छी पैदावार के लिए भगवान से कामना करते हैं और इस समय चारों तरफ हरियाली छाई रहती है।  साथ ही, दूध में बढ़ोतरी होने से दही-मक्खन-घी भी अच्छी मात्रा में प्राप्त होता है। 

भारत के उत्तरी हिस्से की तुलना में दक्षिण के राज्यों में सिंह संक्रांति को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। सिंह संक्रांति से मलयालम कैलेंडर में चिंगा माह, तमिल में अवनि माह और बंगाली कैलेंडर में भादो महीने का आरंभ होता है। 

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सिंह संक्रांति पर क्यों किया जाता है घी का सेवन?

सिंह संक्रांति पर घी का सेवन अत्यंत शुभ होता है और इस दिन घी का उपयोग भी किया जाता है। कहते हैं कि इस अवसर पर घी खाने से याददाश्त तेज़ होने के साथ-साथ जातक को तेज़ बुद्धि का भी आशीर्वाद मिलता है। साथ ही, वह ऊर्जावान बना रहता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो जातक सिंह संक्रांति पर घी का सेवन नहीं करते हैं, उनको अगला जन्म घोंघे के रूप में प्राप्त होता है। हम जानते हैं कि घोंघा आलस का प्रतिनिधित्व करता है और इस वजह से यह बहुत मंद गति से चलता है इसलिए इस दिन घी का सेवन अवश्य किया जाता है ताकि हमें अगला जन्म घोंघे का न मिले। इसके अलावा, सिंह संक्रांति के दिन घी का सेवन राहु और केतु के अशुभ प्रभावों से आपको मुक्ति दिलाता है। 

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ज्योतिषीय दृष्टि से सिंह संक्रांति का महत्व 

जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि सूर्य देव को हिंदू धर्म के साथ-साथ ज्योतिष में भी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है जिन्हें आत्मा के कारक कहा जाता है। सिंह संक्रांति के दिन लगभग एक साल के बाद सूर्य महाराज अपने आधिपत्य वाली राशि सिंह में गोचर करते हैं और ऐसा माना जाता है कि सिंह राशि में गोचर करने के साथ ही सूर्य बहुत शक्तिशाली हो जाते हैं। इसके अलावा, इनके प्रभाव में भी वृद्धि होती है। 

सिंह राशि में सूर्य ग्रह की स्थिति अन्य राशियों की तुलना में काफ़ी मज़बूत होती हैं। सूर्य के सिंह राशि में गोचर के संबंध में कहा जाता है कि जब सूर्य बली अवस्था में होते हैं, तो वह जातक के जीवन से सभी तरह के रोगों को नष्ट करते हैं। साथ ही, व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि भी करवाते हैं। सूर्य के सिंह राशि में विराजमान होने पर सूर्य देव की पूजा-अर्चना अत्यंत कल्याणकारी मानी जाती है इसलिए एक माह तक जब यह सिंह राशि में निवास करते हैं उस अवधि में नियमित रूप से भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। साथ ही, सिंह संक्रांति पर घी का सेवन करने का भी विधान है। 

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सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए सूर्य संक्रांति पर करें ये 5 उपाय  

अर्घ्य और दान: अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य दोष है, तो सिंह संक्रांति के दिन आप सूर्य से जुड़ी वस्तुओं जैसे तांबा, गुड़ आदि का दान करें। साथ ही, इस दिन सूर्य देव को सुबह अर्घ्य दें।

भगवान विष्णु का पूजन: सिंह संक्रांति पर भगवान विष्णु और भगवान नरसिंह की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।

लाल वस्तुओं का करें दान: सिंह संक्रांति 2024 पर स्नान एवं पूजन के बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार लाल वस्तुओं का दान करना चाहिए जैसे तांबे का बर्तन, लाल वस्त्र, लाल रंग, लाल  चंदन आदि।

घी का करें उपयोग: धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि जो व्यक्ति इस दिन घी का सेवन नहीं करेगा, उसका अगला जन्म घोंघे के रूप में मिलेगा इसलिए नवजात शिशुओं के सिर और पैर के तलवों पर घी लगाया जाता है इसलिए इस दिन खान-पान में घी का इस्तेमाल करें और उसका सेवन करें। 

आटे का दीपक करें प्रवाहित: सूर्य संक्रांति के दिन आटे से दीपक बनाकर शुभ मुहूर्त में नदी में प्रवाहित करना चाहिए। इस उपाय को करने से मनुष्य के जीवन के सभी संकट नष्ट हो जाते हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. सिंह संक्रांति पर क्या खाना चाहिए? 

उत्तर 1. इस अवसर पर देश के कुछ हिस्सों में खिचड़ी खाने की परंपरा है। आप चाहे तो सात्विक भोजन जैसे फल, सब्जियां, दूध, दही आदि का सेवन कर सकते हैं।

प्रश्न 2. सिंह संक्रांति के दिन क्या न करें?

उत्तर 2. सिंह संक्रांति पर मांसाहार का सेवन करने के साथ-साथ झूठ बोलने, क्रोध करने या किसी के साथ बुरा व्यवहार करने से बचना चाहिए।

प्रश्न 3. सिंह संक्रांति से जुड़ी मान्यताएं क्या हैं? 

उत्तर 3. सिंह संक्रांति से जुड़ी मान्यता है कि सिंह संक्रांति के दिन भगवान विष्णु ने हयग्रीव नामक राक्षस का संहार किया था।

सावन पुत्रदा एकादशी व्रत से मिलती है योग्य संतान, जानें इस दिन किए जाने वाले उपाय

सनातन धर्म में पूरे साल में 24 एकादशी तिथि आती है और इन सभी एकादशी का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन व्रत रखने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी हो जाती है और भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। अब ऐसे में इन सभी एकादशी में एक पुत्रदा एकादशी भी है। बता दें कि श्रावण मास का अंतिम एकादशी व्रत पुत्रदा एकादशी व्रत के रूप में रखा जाता है। यह व्रत पौष और श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है। 

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पवित्र दिन पर भगवान विष्णु की उपासना करने से साधक को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही, जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याओं से उसे मुक्ति मिलती है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं श्रावण पुत्रदा एकादशी की तिथि, महत्व, पूजा विधि व इस दिन किए जाने वाले आसान उपायों के बारे में।

श्रावण पुत्रदा एकादशी 2024 : तिथि व समय

श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत दिनांक 16 अगस्त 2024 को रखा जाएगा और ये व्रत रक्षाबंधन से चार दिन पहले रखा जाता है। जिन दंपत्तियों को पुत्र नहीं होता है। उसके लिए पुत्रदा एकादशी का व्रत बहुत अधिक फलदायी साबित होगा।

सावन माह की पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ दिनांक 15 अगस्त की सुबह 10 बजकर 28 मिनट पर होगा और इसी दिन रात 09 बजकर 41 मिनट पर एकादशी तिथि का समापन हो जाएगा।

श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत पारण मुहूर्त 

श्रावण पुत्रदा एकादशी पारण मुहूर्त : 17 अगस्त 2024 05 बजकर 51 से 08 बजकर 28 मिनट तक।

अवधि : 2 घंटे 37 मिनट

श्रावण पुत्रदा एकादशी 2024 पर महत्वपूर्ण समय

सूर्योदय का समय: 16 अगस्त, 2024 की सुबह 6 बजकर 07 मिनट

सूर्यास्त का समय : 16 अगस्त, 2024 की शाम 6 बजकर 54 मिनट 

हरि वासरा समाप्ति : 16 अगस्त, 2024 की दोपहर 3 बजकर 16 मिनट

द्वादशी समाप्ति : 17 अगस्त, 2024 की सुबह 08 बजकर 06 मिनट

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श्रावण पुत्रदा एकादशी का महत्व

सावन के महीने में पड़ने वाली पुत्रदा एकादशी का बहुत अधिक महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्र की इच्छा रखने वालों को साधक को पूरे विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करना चाहिए और पुत्रदा एकादशी का व्रत रखना चाहिए। पुत्रदा एकादशी व्रत रखने से पुत्र सुख की प्राप्ति होती है और जीवन में भी सुख-समृद्धि का वास होता है। इस व्रत को रखने से ग्रह दोषों से भी मुक्ति मिल सकती है और पूर्वजों का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा, यह भी मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में भगवान शिव के साथ-साथ भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत में इस बात का जरूर ध्यान रखें कि एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान न करें। हरि वासर समाप्त होने के बाद ही व्रत का पारण करना शुभ होता है।

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श्रावण पुत्रदा एकादशी पूजा विधि

  • पुत्रदा एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसके बाद मन ही मन भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  • फिर सूर्यदेव को जल चढ़ाएं।
  • इसके बाद एक लड़की की साफ चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर को उसमें विराजमान करें।
  • फिर प्रतिमा पर गंगाजल का छिड़काव करें और उन्हें स्नान करवाएं।
  • अब भगवान विष्णु को पीला चंदन, अक्षत, फूल आदि अर्पित करें।
  • इसके बाद पीले फल और मिठाई अर्पित करके भोग लगाएं। ध्यान रहें कि भोग लगाते समय तुलसी जरूर शामिल करें।
  • अब भगवान विष्णु के समक्ष घी का दीपक और धूप जलाकर एकादशी व्रत कथा का पाठ करें। माना जाता है कि इस दिन कथा न सुनने से व्रत अधूरा माना जाता है।
  • इसके बाद अंत में आरती करते हुए भगवान विष्णु से भूल चूक के लिए माफी मांगे। 
  • इस दिन व्रत करने वाले अन्न का सेवन न करें।
  • शाम के समय पूजा करने के बाद फलाहार करें और अगले दिन मुहूर्त के समय व्रत पारण करें।

श्रावण पुत्रदा एकादशी की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, द्वापर युग के आरंभ में महिरुपति नाम की एक नगरी थी, जिसमें महीजित नाम का राजा रहता था। राजा के पास खूब धन दौलत थी पर कोई भी संतान नहीं थी। पुत्रहीन होने के कारण राजा को यह धन दौलत सुख सुविधा सब बेकार लगता था। पुत्र सुख की प्राप्ति के लिए राजा ने कई सारे उपाय किए लेकिन सभी विफल रहे और राजा को पुत्र की प्राप्ति नहीं हुई। एक दिन राजा ने राज्य के सभी ऋषि-मुनियों, सन्यासियों और विद्वानों को बुलाकर संतान प्राप्ति के उपाय पूछे। राजा की बात सुनकर सभी  ऋषि-मुनियों ने एक साथ कहा कि ‘हे राजन तुमने पिछले जन्म में सावन के महीने की एकादशी के दिन अपने तालाब से एक प्यासे गाय को पानी नहीं पीने दिया था। जिसके कारण गाय ने तुम्हे संतान न होने का श्राप दिया था और उसी श्राप की वजह से तुम निसंतान हो।

इसके बाद सभी ऋषि-मुनियों ने कहा कि यदि तुम और तुम्हारी पत्नी पुत्रदा एकादशी का व्रत रखें तो तुम्हें इस श्राप से छुटकारा मिल सकता है और संतान की प्राप्ति हो सकती है। यह सुनकर राजा ने तुरंत पत्नी के साथ मिलकर पुत्रदा एकादशी के व्रत का संकल्प लिया। इसके बाद राजा ने सावन माह में आने वाली पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा और पूरे विधि-विधान से पत्नी के साथ मिलकर पूजा की। जिसके बाद उसे श्राप से मुक्ति मिल गई। कुछ समय बाद राजा की पत्नी गर्भवती हुई और उसे एक तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति हुई। राजा काफी प्रसन्न हुए और उसके बाद वह हर साल पड़ने वाली पुत्रदा एकादशी का व्रत करने लगे। कहते हैं जो भी साधक पूरे मन व श्रद्धा के साथ इस व्रत को रखता है, उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है।

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श्रावण पुत्रदा एकादशी के दिन करें ये सरल उपाय

श्रावण मास का अंतिम एकादशी व्रत पुत्रदा एकादशी व्रत के रूप में रखा जाता है। इस दिन कुछ उपाय करने से व्यक्ति को कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। आइए एक नज़र डालते हैं इन उपायों की ओर…

संतान प्राप्ति के लिए

यदि आप संतान प्राप्ति की कामना कर रहे हैं तो इस दिन ताजा पीले रंग के फूलों की माला बनाकर भगवान विष्णु को अर्पित करें। साथ ही भगवान को पीला चंदन का तिलक लगाएं और विधि-विधान से पूजा करें। ऐसा करने से आपकी संतान प्राप्ति की इच्छा शीघ्र ही पूरी होगी। 

रिश्तों में सामंजस्य बनाए रखने के लिए

अगर आप अपने पारिवारिक जीवन में सफलता और रिश्तों के बीच सामंजस्य बनाए रखना चाहते हैं तो इस दिन पांच मुखी रुद्राक्ष की विधिपूर्वक पूजा करके उसे गले में धारण करें। ऐसा करने से जीवन में सफलता और रिश्तों के बीच सामंजस्य बना रहेगा। ध्यान रहें रुद्राक्ष धारण करने के बाद तामसिक भोजन का सेवन गलती से भी न करें।

संतान के करियर के लिए

यदि आपको अपने संतान के करियर की चिंता सताई जा रही है और आप उसकी बेहतरी सुनिश्चित करना चाहते हैं तो इस दिन अपने बच्चे के मस्तक पर केसर का तिलक लगाएं। साथ ही, जरूरतमंद को उनके हाथों से पीले वस्त्र दान कराएं। ऐसा करने से संतान का करियर शानदार तरीके से आगे बढ़ेगा। 

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आर्थिक पक्ष मजबूत करने के लिए

यदि आप अपनी संतान के आर्थिक जीवन को स्थिर बनाए रखना चाहते हैं तो इस दिन छह सफेद कौड़ियां लेकर, उनकी विधि-विधान से पूजा करके। उन्हें एक लाल कपड़े में बांधकर अपनी संतान को संभालकर रखने के लिए दे दें। ऐसा करने से आपकी संतान का आर्थिक जीवन मजबूत बना रहेगा और कभी भी धन की कमी नहीं होगी। 

संतान की तरक्की के लिए

यदि आप अपनी संतान को जीवन में आगे बढ़ता हुआ देखना चाहते हैं और उसके जीवन में आ रही समस्याओं और चुनौतियों को दूर करना चाहते हैं तो इस दिन भगवान विष्णु को माखन, मिश्री का भोग जरूर लगाएं। साथ ही, उनके सामने चंदन की खुशबू वाली धूपबत्ती जलाएं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। ऐसा करने से आपकी संतान तेजी से तरक्की की राह पर चलेगी। 

संतान के स्वास्थ्य के लिए

यदि आपका बच्चा बार-बार बीमार हो जाता है या उसे कोई बड़ी बीमारी परेशान कर रही है तो अपने बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए इस दिन श्री हरि का नाम लेकर और एक साबुत हल्दी की गांठ लेकर, पानी की सहायता से पीस लें। अब उस पिसी हुई हल्दी से रोज बच्चे के माथे पर टीका लगाएं और यह तब तक लगाते रहे जब तक आपकी संतान को उस समस्या से छुटकारा न मिल जाए। इसका असर आपको जल्द ही नज़र आएगा। 

अपने जीवन में तरक्की के लिए

यदि आप अपने जीवन में खूब उन्नति प्राप्त करना चाहते हैं और कोई चीज़ बार-बार आपके लिए रुकावट खड़ी कर रही है तो इस दिन एक जटा वाला नारियल लेकर उस पर लाल मौली या कलावा बांधकर श्री हरि का ध्यान करते हुए उसे बहते जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से आप अपने जीवन में तेज़ी से तरक्की हासिल करेंगे और खूब आगे बढ़ेंगे।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. साल 2024 में श्रावण मास की पुत्रदा एकादशी कब है?

उत्तर 1.  श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत दिनांक 16 अगस्त 2024 को रखा जाएगा।

प्रश्न 2. श्रावण मास का क्या महत्व है?

उत्तर 2.  पुत्रदा एकादशी व्रत रखने से पुत्र सुख की प्राप्ति होती है और जीवन में भी सुख-समृद्धि का वास होता है। 

प्रश्न 3. पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण कब है?

उत्तर 3. श्रावण पुत्रदा एकादशी पारण मुहूर्त 17 अगस्त 2024 05 बजकर 51 से 08 बजकर 28 मिनट तक।

प्रश्न 4. पुत्रदा एकादशी व्रत में क्या खाना चाहिए?

उत्तर 4. पुत्रदा एकादशी व्रत के दौरान आलू, कुट्टू की पकौड़ी, शकरकंदी, साबुदाना और सेंधा नमक का सेवन कर सकते हैं। चीनी, बादाम और दूध का भी फलाहार सकते हैं। एकादशी के दिन मूली, बैंगन, मसूर दाल, लहसुन, प्याज भूल कर भी नहीं करना चाहिए।

सूर्य के गोचर से चमक उठेगी इन जातकों की किस्मत, जानें कैसे मिलेंगे आपको परिणाम

ज्योतिष में सूर्य ग्रह का विशेष महत्व है और इन्हें ग्रहों के मंत्रिमंडल में राजा का स्थान प्राप्त है। कालपुरुष की कुंडली में सूर्य को पांचवें स्थान प्राप्त है और यह सिंह राशि के स्वामी हैं। सभी 7 ग्रहों में से सूर्य और चन्द्रमा की ही एक राशि होती है बाकी सभी ग्रहों को दो राशि का स्वामित्व प्राप्त है। सूर्य अपनी ही सिंह राशि में मूल त्रिकोण होता है वही मेष राशि में यह उच्च के और तुला में यह नीच के माने जाते हैं। 

बता दें कि सूर्य जल्द ही अगस्त माह में सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। इस ख़ास ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे अगस्त के दूसरे सप्ताह में सिंह राशि में सूर्य के गोचर की ये ज्योतिषीय घटना सभी 12 राशियों को किस तरह से प्रभावित करेगी, ज्योतिष में सूर्य के गोचर का क्या महत्व होता है, साथ ही जानेंगे सूर्य के गोचर के नकारात्मक प्रभावों से बचने के कुछ बेहद सरल और ज्योतिषीय उपायों की जानकारी। लेकिन, इससे पहले जान लेते हैं सूर्य का सिंह राशि में गोचर करने की समयावधि।

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सूर्य का सिंह राशि में गोचर: समय व तिथि

मान-सम्मान, उच्च पद और नेतृत्व क्षमता का कारक ग्रह सूर्य अपनी स्वयं की राशि सिंह में गोचर करने जा रहे हैं। सूर्य 16 अगस्त 2024 की शाम 07 बजकर 32 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करेंगे। सूर्य के राशि परिवर्तन अथवा नक्षत्र परिवर्तन से सभी राशियों के जीवन में कई बदलाव आते हैं। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार, जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य मजबूत अवस्था में होते हैं, उन्हें सभी प्रकार की सफलताएं प्राप्त होती है, वहीं सूर्य ग्रह के कमजोर होने से जीवन में कई नकारात्मक घटनाएं भी घटित होती है। जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमजोर होते हैं, उन्हें इससे जुड़े लक्षण भी दिखाई देते हैं। 

सूर्य ग्रह का ज्योतिष में महत्व

वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के राजा सूर्य जन्म कुंडली में पिता का प्रतिनिधित्व करता है। जबकि किसी सुहागन महिला की कुंडली में यह उसके पति के जीवन का वर्णन करता है। इसके अलावा, सेवा क्षेत्र में सूर्य उच्च व प्रशासनिक पद तथा समाज में मान-सम्मान को दर्शाता है। मजबूत सूर्य से जातक के नेतृत्व करने की क्षमता बेहतर होती है। 

जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य लग्न यानी पहले भाव में होते हैं, तो उसका चेहरा बड़ा और गोल होता है। उन जातकों की आंखों का रंग शहद के रंग जैसा होता है। व्यक्ति के शरीर में सूर्य उसके हृदय को दर्शाता है। सूर्य पुरुषों की दाईं आंख और स्त्रियों की बाईं आंख को दर्शाता है। यदि जन्म कुंडली में सूर्य किसी ग्रह से पीड़ित हो तो यह हृदय और आंख से संबंधित रोगों को जन्म दे सकती है। यदि सूर्य शनि ग्रह से पीड़ित हो तो जातक निम्न रक्त दाब जैसी बीमारियों से ग्रस्त रहता है। 

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सूर्य ग्रह का धार्मिक महत्व

सूर्य को सौर मंडली का राजा कहा जाता है। ज्योतिष के कुछ ग्रंथों और पुराणों में सूर्य को सूर्य देव से जोड़कर भी देखा जाता है और सूर्य की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता के अनुसार, सूर्य महर्षि कश्यप के पुत्र हैं और इनकी माता अदिति हैं। जिसके कारण सूर्य का एक नाम आदित्य भी है। जातक  चिकित्सीय और आध्यात्मिक लाभ पाने के लिए सूर्य को नित्य दिन जल अर्पित व सूर्य नमस्कार करते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार रविवार का दिन सूर्य को समर्पित है जो कि सप्ताह का एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।

यंत्र: सूर्य यंत्र

मंत्र: ॐ भास्कराय नमः

रत्न:  माणिक्य

रंग: पीला/ केसरिया

जड़: बेल मूल

कुंडली के अलग-अलग भावों में सूर्य का प्रभाव

कुंडली के पहले भाव में सूर्य का प्रभाव 

यदि किसी जातक की कुंडली में पहले भाव में सूर्य विराजमान हैं, तो ऐसी स्थिति में माता के साथ संबंध मजबूत होंगे और भाग्य का आपको साथ मिलेगा। हालांकि, बचपन में आपको कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है। इसके साथ पहले भाव में सूर्य का प्रभाव आपको स्वभाव में क्रोध करने वाला बना सकता है में इसलिए क्रोध पर नियंत्रण रखना आपके लिए बहुत जरूर है। 

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कुंडली के दूसरे भाव में सूर्य का प्रभाव

यदि कुंडली के दूसरे भाव में सूर्य विराजमान हो तो जातक मल्टी टैलेंटेड हो सकता है। कलात्मक व रचनात्मक क्षेत्र में आपको बहुत अधिक सफलता प्राप्त हो सकती है। हालांकि, पारिवारिक जीवन में कुछ उतर-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, इस भाव में बैठा सूर्य जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डाल सकता है।

कुंडली के तीसरे भाव में सूर्य का प्रभाव

तीसरा भाव पराक्रम का होता है और इस भाव में सूर्य के होने से व्यक्ति साहसी और आत्मविश्वासी बनता है। ऐसे लोग अच्छे शिक्षक हो सकते हैं और अपनी बातों को स्पष्टता से दूसरों के सामने रख सकते हैं। इस भाव में सूर्य जीवन में चुनौतियां भी ला सकता है इसलिए आपको इसके लिए तैयार रहना होगा। 

कुंडली के चौथे भाव में सूर्य का प्रभाव

सूर्य देव यदि आपके चौथे भाव में बैठे हों तो यह आपको अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करता है। साथ ही, ऐसे लोगों में पैसे की बचत करने का भी अच्छा गुण देखा जाता है। हालांकि, ऐसे लोगों को बुरी संगति और बुरी लत से बचकर रहना चाहिए क्योंकि ये दोनों उन्हें बर्बादी तक लग सकता है। कुछ नया करके या कोई रिसर्च करके ऐसे लोग तेज़ी से आगे बढ़ते हैं। 

कुंडली के पांचवें भाव में सूर्य का प्रभाव

सूर्य का पांचवें भाव में होना आपको बौद्धिक कौशल प्रदान करता है। ऐसे लोग अच्छे विद्यार्थी होते हैं और शिक्षा के क्षेत्र में खूब उपलब्धियां हासिल करते हैं। ऐसे लोगों की सलाह व राय किसी को भी फायदा पहुंचा सकती है। लेकिन इस भाव में सूर्य का होना आपको स्वभाव में गुस्से वाला बना सकती है और कभी-कभी आपको अपने गुस्से पर काबू पाना मुश्किल लग सकता है।

कुंडली के छठे भाव में सूर्य का प्रभाव

सूर्य यदि छठे भाव में मौजूद हों, तो ऐसे लोग अपने शत्रुओं और विरोधियों पर हावी रहते हैं और इनके स्वभाव में कठोरता भी देखने को मिलती है। ऐसे लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी कोई बड़ी समस्या नहीं होती है और ये बेहतर स्वास्थ्य का आनंद लेते हैं। हालांकि, ऐसे लोगों को अपनी आंखों का ख्याल भी रखना चाहिए। साथ ही, ननिहाल पक्ष के लोगों के लिए सूर्य का इस भाव में बैठना अच्छा नहीं माना जाता। 

कुंडली के सातवें भाव में सूर्य का प्रभाव

इस भाव में सूर्य का बैठना बहुत अधिक अनुकूल नहीं माना गया है। सातवें भाव में सूर्य के होने से व्यक्ति अधिक अहंकारी स्वभाव का बन सकता है और सामाजिक स्तर पर ऐसे लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं। आर्थिक स्थिति और पारिवारिक जीवन के लिए भी सूर्य की यह स्थिति शुभ नहीं मानी गयी है।

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कुंडली के आठवें भाव में सूर्य का प्रभाव

आठवें भाव में बैठा सूर्य व्यक्ति को मिले-जुले परिणाम देता है। ऐसे लोग कई बार जल्दबाजी में अपना ही नुकसान कर बैठते हैं और कई बार जल्दबाजी में ही अपने लिए गलत निर्णय ले बैठते हैं। इन जातकों को हृदय से संबंधित परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, आर्थिक रूप से आप मजबूत रहते हैं और धन की बचत करने में भी सक्षम होते हैं। ये जातक कुछ ऐसा कर सकते हैं, जिससे देश-दुनिया में खूब मान-सम्मान प्राप्त करते हैं।

कुंडली के नौवें भाव में सूर्य का प्रभाव

इस भाव में बैठे सूर्य के परिणामस्वरूप जातक की नेतृत्व करने की क्षमता बेहतर होती है। ऐसे लोग आध्यात्मिक क्षेत्र में भी आगे बढ़ सकते हैं। साथ ही, इन्हें विदेश में घूमने का भी अच्छा मौका मिलता है और विदेशों से लाभ भी प्राप्त करते हैं। हालांकि यह स्थिति संतान पक्ष के लिए बहुत अनुकूल नहीं मानी गई है। 

कुंडली के दसवें भाव में सूर्य का प्रभाव

दसवें भाव में सूर्य की स्थिति जातक को बुद्धिमान और तेज दिमाग बनाती है। ऐसे लोग सही समय पर सही फैसला लेने वाले माने जाते हैं। सरकारी क्षेत्रों से ऐसे लोगों को लाभ की प्राप्ति होती है। सूर्य की यह स्थिति माता के लिए बहुत अधिक अनुकूल नहीं मानी गई है। ऐसे जातक गलत कार्यों में लिप्त रहते हैं और नकारात्मक विचारों से घिरे रहते हैं।

कुंडली के ग्यारहवें भाव में सूर्य का प्रभाव

एकादश भाव यानी ग्यारहवें भाव को लाभ का भाव कहा जाता है और इस भाव में सूर्य के होने से जातक को खूब धन लाभ होता है। ऐसे लोग कम बोलने वाले और ज्यादा सुनने वाले होते हैं। आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ इनका झुकाव बहुत अधिक होता है और ये धर्म कर्म के कामों में बहुत अधिक भाग लेते हैं। हालांकि, यह स्थिति संतान पक्ष को कुछ परेशानियां दे सकती है। 

कुंडली के बारहवें भाव में सूर्य का प्रभाव

सूर्य का बारहवें भाव में मौजूदगी आपको परोपकारी बनाता है। ये जातक शुरुआती जीवन में बहुत अधिक परेशान रहते हैं और कई चुनौतियों का भी इन्हें सामना करना पड़ सकता है। लेकिन, धीरे-धीरे आपकी स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है। विदेशी कारोबार करने वालों या घूमने-फिरने के शौकीन लोगों के लिए सूर्य का इस भाव में होना बहुत अधिक अनुकूल साबित होता है।

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सूर्य ग्रह को मजबूत करने के उपाय

  • कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करने के लिए कम से कम 11 रविवार तक व्रत रखें और सूर्य को अर्घ्य दें।
  • कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करने के लिए सूर्य के 12 नामों का नियमित रूप से जाप करें।
  • सूर्य ग्रह को बलवान बनाने के लिए हर रविवार लाल वस्त्र या तो धारण करें या दान करें।
  • इसके अलावा ‘ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:’ मंत्र का जाप करें।
  • कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करने के लिए सूर्य को जल देने से पहले उसमें लाल चंदन मिलाएं।
  • कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करने के लिए मात्र 11 रविवार तक नमक और उससे बने भोजन का सेवन न करें।
  • सूर्य को मजबूत बनाने के लिए रविवार के दिन दलिया, दूध चीनी, घी और गेहूं आदि का सेवन अवश्य करें।
  • कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करने के लिए प्रत्येक रविवार गुड़ का दान करें और गरीब व जरूरतमंदों की सेवा करें।
  • कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करने के लिए अगर आपकी क्षमता हो तो आप माणिक्य रत्न धारण कर सकते हैं।
  • कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करने के लिए सबसे सरल व श्रेष्ठ उपाय है कि हर रविवार को सूर्य चालीसा का पाठ करें।

सूर्य का सिंह राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

आपको जीवन में प्रगति देखने को मिलेगी और आप आराम से अपना जीवन यापन करेंगे। इस अवधि…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि 

करियर के मोर्चे पर, आपको कार्यक्षेत्र में लाभ प्राप्त होगा और नौकरी में अच्छी प्रगति देखने को मिलेगी…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि 

करियर के मोर्चे पर, आपको विदेश में नौकरी के नए अवसर मिल सकते हैं और ऐसे अवसर…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

आपके अंदर आत्मविश्वास में कमी देखने को मिल सकती है और साथ ही…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि 

आप विदेश में काम करके सफलता प्राप्त कर सकते हैं या आपको विदेश जाने का…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि 

आपको नौकरी में दबाव का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, कुछ लोगों के …(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि 

आपको कार्यक्षेत्र में भाग्य का साथ प्राप्त होगा और आप अपने मजबूत प्रयासों से सफलता …(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

आपको कार्यक्षेत्र में अधिक लाभ की प्राप्ति होगी और आपके काम की सराहना होगी…(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि 

आप काम के माध्यम से लाभ प्राप्त करने के लिए भाग्यशाली हो सकते हैं और किसी…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि 

आप बेहतर संभावनाओं के लिए अपनी वर्तमान नौकरी बदल सकते हैं और…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि 

आप अपने काम के माध्यम से लाभ प्राप्त करने और विदेश में काम करने का शानदार अवसर आपको प्राप्त होगा…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि 

पैतृक संपत्ति के माध्यम से लाभ हो सकता है या आपको आसानी से ऋण प्राप्त हो सकता… (विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. सूर्य का सिंह राशि में गोचर कब होने जा रहा है?

उत्तर. सूर्य का सिंह राशि में गोचर 16 अगस्त 2024 की शाम 07 बजकर 32 मिनट पर होगा। 

प्रश्न 2. ज्योतिष में सूर्य का गोचर क्या है?

उत्तर. सूर्य हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में अपना स्थान बदलता है और ठीक उसी तरह सूर्य पूरे साल सभी राशियों में गोचर करता है। ज्योतिष में सूर्य के गोचर का विशेष महत्व है।

प्रश्न 3. सूर्य कौन सी राशि में उच्च का होता है?

उत्तर. ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा कहा गया है और सूर्य आत्मा, सरकारी नौकरी, प्रशासन, सोना, पिता के कारक ग्रह हैं। सूर्य ‘सिंह’ राशि के स्वामी हैं और ‘मेष’ उनकी उच्च राशि है।

प्रश्न 4. सूर्य का गोचर कितने दिनों का होता है?

उत्तर. सूर्य ग्रह का गोचर 29 से 30 दिन का होता है।

15 अगस्त 2024 – नए भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस

15 अगस्त 2024 – 78वां स्वतंत्रता दिवस (15th August, 2024, the 78th Independence Day of India)एक विकसित भारत का स्वप्न – किसी भी राष्ट्र के लिए उसके स्वाधीनता दिवस का विशेष महत्व होता है। ठीक उसी प्रकार, भारत का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है और इस बार वर्ष 2024 में यह एक नए उभरते हुए भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस होने वाला है। यह एक राष्ट्रीय पर्व है जो सभी भारतवासियों के लिए एक विशेष गौरव का पल लेकर आता है। इसे न केवल भारत में रहने वाले भारतीय नागरिक अपितु संपूर्ण विश्व में रहने वाले भारतवंशी अपनी-अपनी तरह से मनाते हैं। यह प्रत्येक भारतवासी को जोश और जुनून से भर देता है क्योंकि यह हमें याद दिलाता है कि हमारे इस महान देश को अंग्रेजों से मुक्ति दिलाने के लिए हमारे रणबांकुरों ने अपना तन-मन-धन न्योछावर किया था और उन्हीं के बलिदानों के फलस्वरूप हमें यह आजादी 15 अगस्त 1947 को प्राप्त हुई थी। 

भारत विश्व के सर्वाधिक महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक देशों में शुमार है और अब यह एक उभरती हुई वैश्विक अर्थव्यवस्था का हिस्सा है। भारत युवाओं का देश भी कहा जाता है क्योंकि यहां अधिकांश युवा रहते हैं। इन युवाओं के मन में देश प्रेम का जज्बा 15 अगस्त के दिन विशेष रूप से जोर पकड़ता है, जो इन्हें अपने देश की धरोहरों को समझने, अपनी सभ्यता और संस्कृति को अपनाने और अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने का हौसला प्रदान करता है। यह 15 अगस्त 2024 जो कि भारत का 78 वां स्वतंत्रता दिवस होने वाला है, प्रत्येक भारतीय के लिए गौरवपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है और इसे प्रत्येक भारतवासी को पूरे मन से मनाना चाहिए। भारत की स्वाधीनता को प्रदर्शित करने वाले इस 78वें स्वतंत्रता दिवस पर ज्योतिष और कुंडली के माध्यम से जानते हैं कि कैसा रहने वाला है भारत का भविष्य? क्या भारत को फिर एक बार मिलेगा विश्व गुरु का दर्जा, क्या भारत की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयां छुएगी, क्या भारत का होगा समृद्ध विकास या अनेक चुनौतियां हमारा इंतजार कर रही हैं। यह सब कुछ जानने के लिए की 15 अगस्त 2024 से आगे वाले एक वर्ष के दौरान हमारे भारत देश में किस तरह की परिस्थितियों का निर्माण होगा और उनसे हमारा देश किस दिशा में जाएगा, इसकी एक झलक आपको इस लेख में जानने को मिलेगी। इस लेख को एस्ट्रोसेज के जाने-माने ज्योतिषाचार्य एस्ट्रोगुरु मृगांक ने तैयार किया है। 

वर्तमान समय में यदि भारत के स्वतंत्रता दिवस की बात की जाए तो यह 78वां भारतीय स्वाधीनता दिवस हमें बताता है कि यह स्वाधीनता हमें आसानी से नहीं मिली बल्कि पूरे विश्व में अपनी सोच, समझ, संस्कृति, सभ्यता, ज्ञान, बल का डंका बजाने वाले भारत को उसके रणबांकुरों के बलिदान के कारण प्राप्त हुई है। 15 अगस्त की तारीख न केवल भारतीय अपितु संपूर्ण विश्व के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखती है क्योंकि इसी दिन अंग्रेजों की गुलामी और उनकी दास्तान से भारतीयों को मुक्ति मिली थी और भारत का एक आजाद मुल्क यानी स्वतंत्र राष्ट्र बनने का सपना पूरा हुआ था। 

आज हमारे यहां अपनी चुनी हुई सरकार है जो हमें स्वतंत्र होने का गर्व अनुभव कराती है और वही हमारा अपना एक ध्वज है जिसे हम तिरंगे के नाम से लहराते हैं और जब भी हमारे देश में कोई राष्ट्रीय पर्व होता है तो तिरंगे की आन-बान-शान को हम अपनी आन-बान समझते हैं। यही हमारे देश को एकता और अखंडता के सूत्र में पिरोए रखता है। आज जब 15 अगस्त का त्योहार मनाया जाता है तो प्रत्येक देशवासी पूरे दिल से इस‌ पर्व को मनाता है और इस दिन तिरंगे झंडे को लहराता है जो हमें यह बताता है कि जीवन में कुछ भी प्राप्त करना असंभव नहीं है लेकिन उसके लिए हमें तत्पर रहना होगा और एक निश्चित उद्देश्य के लिए सदैव अपने प्रयत्न करते रहना होगा।

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15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस एक ऐसा महान दिन है जब हमें यह निश्चय करते हुए प्रण लेना चाहिए कि हम एक भारतवासी के रूप में अपने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। हम जात-पात और अमीर-गरीब जैसी छोटी बातों को दरकिनार करते हुए अपने देश की उन्नति के लिए अपना सर्वस्व लगाने को तैयार रहेंगे। हम न तो भ्रष्टाचार करेंगे न भ्रष्टाचार को पनपने देंगे। हम वंचितों को लाभ प्राप्त करने में मदद करेंगे और गरीबों की सहायता करेंगे। जब हम मन से सबको समान समझेंगे तो असमानता की भावना स्वत: ही दूर हो जाएगी। इसके साथ ही हमारे समाज में जो वर्तमान समय में कुछ कुरीतियां हैं, उन्हें दूर करने का प्रयास करना होगा जिनमें महिलाओं का सम्मान करना और सबसे ज्यादा देश के कानून का पालन करना, संविधान में आस्था रखना, कर चोरी से बचना, समय पर अपना कर चुकाना और जनसंख्या नियंत्रण करना आदि ऐसी बातें हैं जिसके लिए भारत की जनता का जागरूक होना भी आवश्यक है क्योंकि इन सभी चुनौतियों को दूर करते हुए ही हम अपने देश को एक समृद्ध राष्ट्र बना सकते हैं और तभी हमारा राष्ट्र उन्नति कर सकता है। हमें सभी को समान मानना होगा क्योंकि हम सभी भारतीय हैं।

बृहत् कुंडली से आपको अपने जीवन में ग्रहों के प्रभाव को समझने में मदद मिलेगी। 

उभरते हुए भारत की नई तस्वीर और देश के नागरिकों के लिए भविष्य का भारत 

हमारा भारत वर्ष प्राचीन काल से मौजूद है और भारत की प्रभाव राशि मकर है लेकिन कई बार ज्योतिषीय गणनाओं को सरल बनाने के उद्देश्य से हमें कुछ कुंडलियों की आवश्यकता होती है जो हमें किसी विशेष समय खंड में किसी विशेष राष्ट्र के बारे में जानकारी प्रदान करती है। यदि वर्तमान समय की बात की जाए तो हम मानते हैं कि जन्म कुंडली उनकी होती है जिनका जन्म होता है और भारत तो प्राचीन काल से ही दुनिया में उपस्थित था। मकर राशि प्रभाव राशि होने के कारण शनि प्रधान देश भारत को माना जाता है और यही कारण है कि भारत में सेवा प्रदाता क्षेत्र सबसे अधिक पाया जाता है। यहां पर श्रमिक और मजदूर वर्ग बहुतायत से मिल जाते हैं, जिन्हें विदेश में भी खूब अच्छे स्तर पर काम करने का मौका मिलता है। 

हमारे देश में शारीरिक मेहनत करने वाले लोग अधिक मिलते हैं और यही वजह है कि जुझारू होने के कारण यह जीवन में आने वाली चुनौतियों का आसानी से सामना कर पाते हैं। भारत को 15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि में औपनिवेशिक दासता से मुक्ति मिली थी और इस प्रकार भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा प्राप्त करने वाला देश बना। उसी समय को हम स्वतंत्र भारत की जन्म कुंडली बनाने के लिए प्रयोग करते हैं और उसी के आधार पर स्वतंत्र भारत की कुंडली का निर्माण किया जाता है। इसके आधार पर यह देखा जाता है कि किसी खास वर्ष में या आने वाले वर्षों में देश की स्थिति किस प्रकार की रहेगी, किस प्रकार की उपलब्धियां मिल सकती हैं और किन क्षेत्रों में चुनौतियां आने की स्थिति बनेगी। 

स्वतंत्र भारत वर्ष की कुंडली

  • स्वतंत्र भारत की उपरोक्त कुंडली में वृषभ लग्न उदित हो रहा है और लग्न के स्वामी शुक्र तीसरे भाव में विराजमान हैं। 
  • लग्न में ही राहु की उपस्थिति एक मजबूत स्थिति को दर्शाती है। हालांकि इससे कई बार यह भी पता चलता है कि हम कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं।
  • वृषभ लग्न एक स्थिर लग्न है। वृषभ लग्न की खासियत है कि यह स्वयं किसी को कष्ट नहीं देते अपितु मेहनत के द्वारा अपने सभी कार्यों में सफलता अर्जित करते हैं, लेकिन कोई इन्हे तंग करें या परेशान करे तो फिर यह उसे भरपूर सबक सिखाते हैं। यही स्थिति भी हमारे देश की है। हम स्वयं पहले किसी देश पर आक्रमण नहीं करते लेकिन कोई हमारे देश को कष्ट पहुंचाने का प्रयास करे तो हमारे देश के द्वारा उसे भरपूर जवाब भी मिलता है।
  • लग्न में स्थिर राशि के उदय होने के कारण देश में एकता और अखंडता की स्थिति मजबूत रूप से दिखाई देती है और इससे देश के अस्तित्व को बल मिलता है।
  • दूसरे भाव से बैंक और वित्तीय संस्थानों को देखा जाता है। सेनापति मंगल जो सप्तम और द्वादश भाव के स्वामी हैं, कुंडली के दूसरे भाव में विराजमान हैं जिससे विदेशी माध्यमों और जनता के द्वारा वित्तीय संस्थानों को मजबूती प्राप्त होती है और विदेशी निवेश हमें लाभ देता है। इसके अतिरिक्त मंगल के कारण ही हमारे प्रधान नेताओं की वाणी में गर्व भी झलकता दिखाई देता है।
  • तीसरे भाव से हमारे सहयोगी और मित्र देशों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। तीसरे भाव में कर्क राशि में चंद्रमा स्वराशि के होकर शुक्र, बुध और शनि के साथ तथा सूर्य की उपस्थिति में विराजमान हैं। इस प्रकार तीसरे भाव में पंचग्रही योग बन रहा है और शनि तथा शुक्र अस्त अवस्था में हैं। इतने ग्रहों का प्रभाव होने के कारण ही भारत की सीमाएं अनेक राष्ट्रों से मिलती हैं और भारत के अनेक पड़ोसी देश हैं।
  • तीसरे भाव में विभिन्न प्रकृति के ग्रह होने के कारण पड़ोसी देशों में कुछ हमारे मित्र तो कुछ शत्रुता का व्यवहार करते हैं और कुछ सम अवस्था में हैं।
  • देवगुरु बृहस्पति जो कि अष्टम और एकादश भाव के स्वामी हैं, कुंडली के छठे भाव में विराजमान हैं।
  • इससे अगले भाव में यानी कि वृश्चिक राशि में सप्तम भाव में केतु महाराज विराजमान हैं।
  • यदि लग्न कुंडली के साथ नवमांश कुंडली का अध्ययन किया जाए तो इसमें लग्न कुंडली का एकादश भाव यानी कि मीन राशि उदित हो रही है। एकादश भाव का नवांश राशि में उदित होना बताता है कि देश की आर्थिक उन्नति होने की अच्छी स्थिति है और देश को पूरी दुनिया में मान-सम्मान के साथ ऊंचाइयां प्राप्त होने के योग बनेंगे। 
  • नवमांश कुंडली के लग्न में सूर्य महाराज विराजमान हैं। बृहस्पति महाराज वृषभ राशि में तीसरे भाव में हैं।
  • चंद्रमा केतु के साथ छठे भाव में उपस्थित हैं।
  • बुध महाराज वृश्चिक राशि में नवम भाव में और मंगल धनु राशि में दशम भाव में स्थित हैं।
  • इसके अतिरिक्त शुक्र और शनि एकादश भाव में मकर राशि में तथा द्वादश भाव में कुंभ राशि में राहु उपस्थित हैं। 
  • सूर्य का लग्न भाव में उपस्थित होना बताता है कि हमारे देश का डंका पूरे विश्व में बजेगा और भारत को सम्मान की दृष्टि से देखा जाएगा। हालांकि छठे भाव में चंद्रमा, केतु और राहु के प्रभाव से पीड़ित होने के कारण कई बार हमें ऐसी घटनाओं का सामना करना पड़ेगा जिससे देश के लोगों के मन में अत्यंत भावुकता बढ़ेगी और गलत कार्य करने वालों के प्रति क्रोध की अधिकता हो सकती है। 
  • नवमांश कुंडली में नवमेश मंगल का दशम भाव में जाना बताता है कि हम अपने कार्यों से संपूर्ण विश्व में अच्छा स्थान बना सकते हैं। 
  • इसी नवमांश कुंडली में एकादश भाव में शनि और शुक्र का उपस्थित होना यह बताता है कि हम किसी भी चुनौती का सामना करने से घबराते नहीं हैं और हर काम को दृढ़ निश्चय के साथ पूरा करते हैं जिससे अर्थव्यवस्था और सैन्य क्षेत्र में भी मजबूती प्राप्त होने के सुंदर योग बनते हैं।
  • अब यदि महादशा का अवलोकन किया जाए तो हम देखेंगे कि वर्तमान समय में स्वतंत्र भारत की कुंडली में चंद्रमा की महादशा और शुक्र की अंतर्दशा चल रही है। यह मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी।
  • इस प्रकार आने वाले पूरे वर्ष में हमें चंद्रमा की महादशा और शुक्र की अंतर्दशा का प्रभाव मिलेगा और उसके बाद चंद्रमा की महादशा में सूर्य की अंतर्दशा का प्रभाव नज़र आएगा जिसमें विभिन्न ग्रहों की प्रत्यंतर दशाएं आती-जाती रहेंगी। 
  • यदि ग्रह-गोचर की बात की जाए तो मुख्य ग्रहों में बृहस्पति का गोचर स्वतंत्र भारत की कुंडली के लग्न भाव यानी कि प्रथम भाव में हो रहा है तो शनि महाराज दशम भाव से गोचर कर रहे हैं और मार्च 2025 में यह एकादश भाव में जाएंगे, जो भारत को सुख और समृद्धि के साथ मजबूत अर्थव्यवस्था प्रदान करने में सबसे निर्णायक भूमिका निभाएंगे। 
  • केतु महाराज जहां पंचम भाव में हैं तो वहीं राहु महाराज एकादश भाव  में हैं। 
  • एकादश भाव में राहु महाराज का होना दर्शाता है कि अपनी इच्छाओं की पूर्ति होगी और देश का डंका पूरे विश्व में बजेगा क्योंकि एकादश भाव में राहु जैसे ग्रहों का होना भारत देश को ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। ऐसे में अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत रहने की संभावना बनेगी लेकिन इसी समय पर केतु के पंचम भाव में होने से हमें कुछ अपने मित्रों के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि उनमें से कुछ लोग, जिनसे हमारी गहरी मित्रता हो, हमें चोरी छुपे धोखा देने का प्रयास भी कर सकते हैं। ऐसे में भारत देश के प्रधान नेताओं को सजग रहना होगा।
  • यदि महादशा नाथ चंद्रमा की बात की जाए तो तीसरे भाव के स्वामी होकर तीसरे भाव में ही पुष्य नक्षत्र में विराजमान हैं। इनसे अष्टम भाव में शनि का गोचर, जिसे कंटक शनि के रूप में जाना जाता है, जो कार्यों में सफलता प्राप्ति में बाधा बन रहे हैं तो मार्च 2025 से शनि देव के राशि परिवर्तन के बाद यह पनौती समाप्त हो जाएगी और शनि भारत की कुंडली में एकादश भाव में आ जाएंगे जो उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
  • वर्तमान समय में बृहस्पति का चंद्रमा से एकादश भाव में गोचर करना भी लाभदायक साबित होगा। इस दौरान भारत के संबंध विदेशी देशों से उतार-चढ़ाव भरे रहेंगे। जिस प्रकार चंद्रमा की कलाएं कम होती और बढ़ती रहती हैं, उसी प्रकार मित्र देशों से भी संबंध कभी अच्छे तो कभी बुरे होते रहेंगे।
  • शुक्र की अंतर्दशा चल रही है जो लग्न भाव के साथ छठे भाव के स्वामी होकर चंद्रमा के साथ ही तीसरे भाव में अस्त अवस्था में बैठे हैं और गंड मूल नक्षत्र अश्लेषा के हैं जो बुध का नक्षत्र है। इस प्रकार देश में महिलाओं के साथ समस्याएं बढ़ेंगी लेकिन कई मामलों में महिलाओं का दबदबा रहेगा। कई महत्वपूर्ण सूचना केंद्रों में महिलाओं की भूमिका विशेष रूप से देखने को मिलेगी और देश के अंदर महिलाओं को कई मुख्य जगहों पर मुख्यधारा में लाने का प्रयास रहेगा। इस दौरान महिला सशक्तिकरण धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा।
  • शुक्र के चंद्रमा से शत्रुवत् व्यवहार रखने के कारण कई बार भारत को विरोधियों से कठिन समस्याएं महसूस हो सकती हैं।
  • इस वर्ष सूचना सेवा और खेल के क्षेत्र में भारतीय महिलाएं सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर सकती हैं।
  • नवमांश कुंडली में यही चंद्रमा छठे भाव में केतु के साथ विराजमान हैं तथा शुक्र शनि के साथ एकादश भाव में स्थित है। इससे पता चलता है कि देश में विदेशी गुप्तचर सक्रिय हो सकते हैं। कुछ विरोधी देशों के द्वारा भारत के अंदर आतंकवाद जैसी घटनाओं को बढ़ावा देने में उनकी परोक्ष भूमिका रहेगी, लेकिन भारत इन चुनौतियों से कुछ समय तक लड़खड़ाने के बाद आगे बढ़ेगा और सफलता प्राप्त करेगा।
  • इस प्रकार हम कह सकते हैं कि वर्तमान समय में बृहस्पति, शनि और राहु का गोचर भारत के पक्ष में चल रहा है जो आने वाले एक वर्ष में भारत को उन्नति की नई सीढ़ियों पर चढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। लेकिन, अत्यधिक आत्मविश्वास से बचकर रहना होगा और अपने कुछ खास पड़ोसी और मित्र देशों से शत्रुता न बढ़े, इसका हमें ध्यान रखना होगा। कुछ पड़ोसी देश की सीमाओं पर तनाव बढ़ेगा जबकि कुछ नए मित्र भी बन सकते हैं। 
  • देश में व्यावसायिक संस्थानों में बढ़ोतरी होगी और बैंकों की स्थिति में सुधार होने के योग बनेंगे।

(ताजिक वर्षफल कुंडली)

  • वर्ष प्रवेश तिथि 14 अगस्त 2024 वर्ष प्रवेश समय सायंकाल 17:45 बजे की है। 
  • मुंथा तुला राशि में वर्षफल कुंडली के दशम भाव में और स्वतंत्र भारत की मुख्य कुंडली के षष्ठ भाव में स्थित है। 
  • मुंथा के स्वामी शुक्र हैं। जन्म लग्न के स्वामी भी शुक्र हैं और वर्ष लग्न के स्वामी शनि हैं। इससे भारत के सेवा प्रदाता क्षेत्र में बढ़ोतरी होगी।
  • उपरोक्त स्थितियों को देखकर यह कहा जा सकता है कि यह वर्ष भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। 
  • इस वर्ष जहां भारत को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। वहीं, धीरे-धीरे संपूर्ण विश्व में उसकी धाक जमने की स्थिति भी उत्पन्न होगी। 
  • उपरोक्त कुंडली में सबसे अच्छी बात यह है कि दूसरे भाव और लग्न भाव के स्वामी शनि महाराज दूसरे भाव में अपनी मजबूत राशि कुंभ में स्थित हैं जिससे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होने के प्रबल योग बनेंगे।
  • शेयर बाजार, मुद्रा स्थिति, व्यापार आदि के क्षेत्रों में शनि की मजबूत स्थिति अनुकूल रहने की संभावना है जिससे बदलते हुए वैश्विक परिदृश्य में भारत की संपूर्ण विश्व में एक अलग और मजबूत पहचान बनेगी। भारत के नेतृत्व को भी स्वीकार किया जाएगा। 
  • तीसरे भाव में उपस्थित राहु पराक्रम के द्वारा अपने विरोधी देशों को दबाकर रखने में सक्षम बनने की ओर इशारा करते हैं। 
  • नवम भाव में केतु धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और धार्मिक क्रियाकलापों में वृद्धि का संकेत भी देते हैं। 
  • पंचम भाव में मंगल और बृहस्पति शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव की ओर इशारा करते हैं। 
  • देश में शिशुओं के लिए कुछ नए टीके आने की व्यवस्था बन सकती है।
  • सप्तम भाव में उपस्थित सूर्य के कारण कुछ ऐसे देश, जो बाहर से भारत को अपना मित्र बताते हैं लेकिन अंदर ही अंदर भारत की सफलता से जलते हैं, उनका अहम सामने आएगा जिससे संपूर्ण विश्व में उनकी सच्चाई का पता लगेगा और इससे भारत की छवि को लाभ होगा। 
  • अष्टम भाव में शुक्र और बुध उपस्थित रहेंगे। उन पर शनि की दृष्टि होगी जिससे भारत अपना कर्ज उतारने में सफल हो सकता है। इसके अतिरिक्त शेयर बाजार में कई बार अभूतपूर्व तेजी देखने को मिलेगी और वह नया इतिहास रच सकता है। 
  • सप्तम भाव के स्वामी चंद्र एकादश भाव में होंगे जिससे भारत कई अनेक विदेशी देशों से मित्रता पूर्ण संबंध स्थापित करने में कामयाब होगा। ऐसे में, भारत का व्यापार भी बढ़ेगा और कई महत्वपूर्ण संगठनों में भारत को विशेष प्रतिनिधित्व प्राप्त हो सकता है।
  • दशम भाव में मुंथा होने के कारण देश की सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा लेकिन वह मजबूती से अपना कार्य करने में सफल रह सकते हैं जिससे देश को कई क्षेत्रों में ऊंचाइयां प्राप्त हो सकती हैं।

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78वें स्वतंत्रता दिवस से नई उम्मीदें – अर्थव्यवस्था में मजबूती

  • भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस से एक वर्ष के समय में अनेक प्रकार के अनुकूल क्रियाकलापों का घटित होना भारत को नई उम्मीद और नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला समय साबित होगा।
  • इस वर्ष ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में भारत को अच्छी सफलता मिल सकती है। 
  • कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में भारत कमी लाने में सफल हो सकता है।
  • पर्यावरण को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटन उद्योग को नई गति और नई ऊर्जा के साथ अनेक लाभ मिलेंगे जिससे देश में देशी और विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा लगेगा। 
  • भारत के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कुछ नए और मजबूत स्टार्टअप शुरू होंगे और कुछ नए यूनिकॉर्न भी बनेंगे।
  • देश में कर्ज व्यवस्था आसान होगी मगर कर्ज को नियंत्रित करने वाले तंत्र को भी मजबूत बनाया जाएगा जिससे बैंकिंग क्षेत्र को बढ़ोतरी मिलेगी। 
  • ऑटोमोबाइल सेक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स का क्षेत्र सफलता की नई परिभाषा लिखेगा।
  • देश में सेमीकंडक्टर के संबंध में अच्छे समाचार सुनने को मिलेंगे और न केवल देश बल्कि विदेश से भी भारत को इस संदर्भ में लाभ मिलेगा। 
  • कुछ नई विदेशी कंपनियां भारत में अपना संयंत्र लगाने में कामयाब रहेंगी और इससे न केवल उन्हें बल्कि भारतीयों को भी लाभ होगा। 
  • रक्षा क्षेत्र में भारत को बहुत ज्यादा लाभ मिलेगा। अनेक नए ऑर्डर भारत को मिलेंगे जिससे रक्षा व्यापार से भारत को विदेशी आमदनी प्राप्त होने के प्रबल योग बनेंगे। 
  • भारत के यूपीआई की विश्व में तेजी से मांग बढ़ेगी और कई अन्य देश भारत के साथ इस क्षेत्र में जुड़ सकते हैं। 
  • इस वर्ष के प्रारंभ में रुपए के मुकाबले डॉलर नई ऊंचाई पकड़ सकता है लेकिन धीरे-धीरे रुपया मजबूत होगा।
  • कई देशों से उन्हीं की मुद्रा में लेनदेन भारत से उनके संबंधों को और मजबूत बनाएगा। 
  • ऑटोमोबाइल सेक्टर में विशेष प्रगति देखने को मिलेगी और देश में निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा खर्च होने के योग बनेंगे। 
  • देश में खाद्यान्न भंडार के विषय में सोचने की आवश्यकता पड़ेगी। 
  • भारत की सकल घरेलू आय में बढ़ोतरी होने के योग बनेंगे यानी कि जीडीपी में सुधार हो सकता है। 
  • समुद्री क्षेत्र में दुर्घटनाएं बढ़ सकती हैं। इस दिशा में भारत को अपनी समुद्री सेना को मजबूत बनाने का प्रयास करना होगा। 
  • भारत के रक्षा बजट में विशेष रूप से बढ़ोतरी हो सकती है। 
  • अंतरिक्ष के क्षेत्र में कोई नया कीर्तिमान स्थापित होने की स्थिति भी बन सकती है।

पड़ोसी राष्ट्रों से बनते-बिगड़ते संबंध

  • भारत के लिए अपने मित्र देशों से संबंध सामान्य बनाए रखना एक चुनौती होगा।
  • कुछ देश चाह कर भी अच्छी स्थिति नहीं रख पाएंगे क्योंकि उनके ऊपर विभिन्न प्रकार के दबाव होंगे।
  • अगले वर्ष अप्रैल से मई के बीच में पड़ोसी देशों से संबंध बिगड़ सकते हैं। इस दौरान गुप्तचर विभाग को सक्रिय रहने की अत्यंत आवश्यकता हो सकती है। 
  • उसके बाद जून से अगस्त के मध्य किसी बाहरी देश का मित्रता प्रस्ताव मिल सकता है लेकिन किसी चिर प्रतिद्वंद्वी से तनाव बढ़ने के योग बन सकते हैं।

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भारतीय राजनीति के नए रूप और रंग 

  • यदि राजनीति की बात की जाए तो वर्तमान मोदी सरकार को कुछ भीतर घात का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही विपक्ष द्वारा भी समय-समय पर नई-नई चुनौतियां प्रस्तुत करने से सत्ता पक्ष की समस्याएं बढ़ेंगी और उनकी जवाबदेही भी बढ़ेगी। हालांकि, केंद्र सरकार अपने कई पुराने वादों को पूरा करने में सफल हो सकती है। 
  • ऐसी संभावना है कि इस वर्ष कुछ बड़े निर्णय सरकार द्वारा लिए जाएं जिसमें एक जैसी कर व्यवस्था को लागू किया जाना शामिल हो सकता है।
  • जीएसटी में कुछ क्षेत्रों में दलों को कम और बदलने पर विचार होगा।
  • इसके अतिरिक्त जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित भी कोई कार्य आगे बढ़ सकता है। 
  • किसी बड़े राजनेता का अपदस्थ होना या बिछोह होना अगस्त से सितंबर के बीच संभव हो सकता है।
  • अशांत राज्यों में सत्ता परिवर्तन भी संभव हो सकता है।
  • सितंबर से नवंबर के बीच राजनीतिक माहौल अशांत रहेगा। सरकार और विपक्ष एक-दूसरे पर तरह-तरह के आरोप लगाएंगे और देश के पश्चिमी राज्यों में तनाव बढ़ सकता है। 
  • नवंबर से दिसंबर के बीच किसी राज्य में अचानक से सत्ता परिवर्तन की स्थिति बन सकती है। 
  • जनवरी से मार्च के बीच राजनीतिक गतिरोध उत्पन्न हो सकते हैं। ईंधन और पेट्रोल, आदि के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है। सांप्रदायिकता बढ़ने के योग बनेंगे। 
  • इस वर्ष किसी नए घोटाले का खुलासा हो सकता है जिसमें कुछ बड़े लोगों का नाम सामने आ सकता है। 
  • इस वर्ष सत्ताधारी दल को विपक्ष के दबाव के आगे कुछ निर्णयों पर पुनर्विचार की आवश्यकता पड़ सकती है।

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भारतीय नागरिक और उनसे संबंधित विशेष

  • इस वर्ष अनेक राजनेताओं के ऐसे राष्ट्र विरोधी बयान सुनने को मिल सकते हैं जिनसे आम जनमानस को कष्ट महसूस होगा। 
  • इस वर्ष मुख्य रूप से कहें तो भारत आतंकवाद पर नियंत्रण पाने में बहुत हद तक सफल होगा और अनेक ऐसे कार्य होंगे जिससे आतंकवाद को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया जाएगा। 
  • नए कानूनों के लागू होने से कई सामाजिक तत्वों और सांप्रदायिकता फैलाने वाले लोगों पर शिकंजा कड़ा रहेगा।
  • अगस्त से सितंबर के महीने में प्राकृतिक आपदा और वर्षा से संबंधित तथा बाढ़ जनित समस्याएं परेशानी का कारण बन सकती हैं।
  • इसके अतिरिक्त पहाड़ी क्षेत्रों में विशेष समस्या बनी रह सकती है। 
  • हिंसक घटनाओं, सांप्रदायिक तनाव और अग्निकांड बढ़ सकते हैं। इन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार भी कुछ कठिन कदम उठाएगी। 
  • धार्मिक कार्यक्रम अनेक स्थानों पर होते रहेंगे।
  • भारत की आम जनता के बीच कोर्ट-कचहरी के मामले बढ़ सकते हैं और कुछ बड़ी कंपनियों का बैंकों के साथ विलय हो सकता है। 
  • बड़े औद्योगिक घराने छोटे उद्योगों को अधिग्रहित करेंगे। 
  • अगले वर्ष अप्रैल से मई के बीच प्राकृतिक असंतुलन के कारण फसलों का ह्रास हो सकता है और कृषि क्षेत्र को नुकसान हो सकता है। इससे देश में खाद्यान्नों की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • इस वर्ष संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ने का खतरा रहेगा। 
  • किसी विशेष बैक्टीरिया या छोटे परजीवियों के कारण शारीरिक समस्याओं में बढ़ोतरी के योग बन सकते हैं। 
  • आम जनमानस को बचत योजनाओं में निवेश करने पर ध्यान देना होगा क्योंकि इसी से उन्हें आने वाले समय में अपनी आर्थिक समस्याओं से काफी हद तक राहत मिल सकती है।
  • मौसम में बदलाव के समय विशेष रूप से सतर्कता रखनी होगी क्योंकि नए तरीके के बुखार पनप सकते हैं जिन्हें समझने में समय लगेगा।

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इस प्रकार भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के वर्ष के भीतर कुछ विशेष बातों में हम यह कह सकते हैं कि इस वर्ष भारत अपने कुछ खास पड़ोसी मित्र देशों से बेहतर संबंध बनाने में सफल होगा जिसमें रूस जैसा मित्र देश शामिल है। वहीं, चीन जैसे देश जो दुनिया के सामने तो भारत के विरोध की बात करेंगे, लेकिन आंतरिक रूप से भारत को सहयोग देने के लिए तत्पर रहेंगे क्योंकि इसमें ही उन्हें एशिया क्षेत्र में मजबूती प्राप्त करने और अपनी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने का रास्ता दिखाई देगा जबकि कुछ पश्चिमी देश भारत से रिश्तों को खराब करने की राह में आगे बढ़ सकते हैं। 

इस प्रकार यह वर्ष भारतीय विदेश नीति के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा। इन सभी बिंदुओं के अतिरिक्त हमें यह समझना होगा कि प्रत्येक भारतीय नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह अपने देश की अस्मिता पर कोई आंच न आने दे। 

देश की एकता और अखंडता को बनाए रखें। जात-पात के चक्कर में अपने देश को कमजोर करने का प्रयास न करें बल्कि भारत को एक सक्षम और समर्थ राष्ट्र बनाने में अपना जिस रूप में भी योगदान बन सके, वह हमें करना चाहिए। चलिए हम सब मिलकर अपनी आजादी का 78वां स्वतंत्रता दिवस पूरे जोश के साथ मनाते हैं और अपना विजयी विश्व तिरंगा फहराते हैं।

जय हिंद ! जय भारत !!

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एस्ट्रोसेज की ओर से सभी पाठकों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. क्या स्वतंत्रता दिवस 2024 77वां है?

उत्तर 1. नहीं, साल 2024 का 15 अगस्त देश का 78वां स्वतंत्रता दिवस होगा। 

प्रश्न 2. भारत को आज़ादी कब मिली थी?

उत्तर 2. भारत को अंग्रेज़ों से आज़ादी 15 अगस्त 1947 में मिली थी।

प्रश्न 3. आजादी के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री कौन थे?

उत्तर 3. स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बने थे।