इस साल कब है वरलक्ष्मी व्रत? जानिए तिथि, मुहूर्त एवं पूजा विधि

हिंदू धर्म में व्रत एवं उपवास को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इन व्रतों की सहायता से देवी-देवताओं को प्रसन्न करके उनकी कृपा एवं आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। मान्यताओं के अनुसार, किसी इच्छा या मनोकामना को मन में और ईश्वर के प्रति आस्था रखकर व्रत किया जाता है, तो भक्त की मनोकामना अवश्य पूरी होती है। सनतान धर्म में संकष्टी, मासिक शिवरात्रि, प्रदोष समेत अनेक व्रतों को करने की परंपरा है। इन्हीं में से एक प्रसिद्ध व्रत है वरलक्ष्मी व्रत और इस व्रत में धन-धान्य की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग के माध्यम से आपको वरलक्ष्मी व्रत से जुड़ी समस्त जानकारी प्राप्त होगी जैसे कि साल 2024 में कब है यह व्रत और किस मुहूर्त में करें देवी की पूजा? इसके अलावा, वरलक्ष्मी व्रत में किन नियमों का करना होता है पालन आदि। लेकिन, इसके लिए यह ब्लॉग आपको अंत तक पढ़ना होगा। 

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

देवी वरलक्ष्मी को धन की देवी महालक्ष्मी का अवतार माना जाता है। कहते हैं कि वरलक्ष्मी व्रत को श्रद्धापूर्वक करने से माता लक्ष्मी को प्रसन्न करके मनोवांछित फल का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। यह व्रत दक्षिण भारत में विशेष महत्व रखता है, लेकिन इसे महाराष्ट्र में भी महिलाओं द्वारा किया जाता है। कहते हैं कि वरलक्ष्मी व्रत को पति-पत्नी दोनों मिलकर करते हैं, तो इस व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है। साथ ही, घर की दरिद्रता का नाश होता है और सदैव लक्ष्मी का वास रहता है। व्रती के घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वरलक्ष्मी व्रत के दिन माता लक्ष्मी की उपासना भक्तिभाव से करने पर भक्त को सुख, समृद्धि और धन संपत्ति का आशीर्वाद मिलता है।

आज का गोचर

वरलक्ष्मी व्रत 2024: तिथि एवं मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष के अंतिम शुक्रवार को वरलक्ष्मी व्रत  करने का विधान है। यह व्रत सावन पूर्णिमा और रक्षाबंधन से पहले आता है। वरलक्ष्मी व्रत को सुहागिन महिलाओं द्वारा देवी लक्ष्मी की कृपा दृष्टि पाने के लिए किया जाता है। साल 2024 में वरलक्ष्मी व्रत को 16 अगस्त 2024, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। वरलक्ष्मी व्रत की पूजा सदैव शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए। अब हम आपको रूबरू करवाते हैं वरलक्ष्मी व्रत पूजा के सबसे शुभ मुहूर्त से। 

वरलक्ष्मी व्रत 2024 की तिथि एवं पूजा मुहूर्त

सिंह लग्न प्रातःकाल पूजा मुहूर्त: सुबह 05 बजकर 54 मिनट से सुबह 08 बजकर 13 मिनट तक,

वृश्चिक लग्न अपराह्न पूजा मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 53 मिनट से दोपहर 03 बजकर 13 मिनट तक, 

कुंभ लग्न संध्या पूजा मुहूर्त: शाम 06 बजकर 57 मिनट से रात 08 बजकर 22 मिनट तक, 

वृषभ लग्न मध्यरात्रि पूजा मुहूर्त: रात 11 बजकर 18 मिनट से रात 01 बजकर 13 मिनट तक (17 अगस्त)

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

वरलक्ष्मी व्रत में पूजा का महत्व 

ज्योतिष में धन की देवी महालक्ष्मी की आराधना के लिए लग्न की अवधि सबसे सर्वश्रेष्ठ होती है। मान्यता है कि लग्न के दौरान देवी लक्ष्मी की पूजा करने से जातक को देवी दीर्घकालिक समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। वरलक्ष्मी व्रत की पूजा दिन के चार प्रहर में की जा सकती है, उस समय जब एक निश्चित लग्न प्रबल होता है। हालांकि, इस व्रत के पूजन के लिए किसी भी समय का चुनाव आप कर सकते हैं। 

बता दें कि संध्या में प्रदोष काल भी होता है इसलिए यह अवधि लक्ष्मी पूजा के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। वरलक्ष्मी व्रत के दिन देवी वरलक्ष्मी की पूजा करने से अष्टलक्ष्मी यानी कि धन की आठ देवियों की कृपा मिलती हैं। इन आठ देवियों के नाम इस प्रकार हैं: आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, सन्तानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी और विद्यालक्ष्मी आदि। इस व्रत को उत्तर भारत की तुलना में दक्षिण भारत में अधिक किया जाता है। 

कौन है माता वरलक्ष्मी?

धर्म शास्त्रों में देवी वरलक्ष्मी को स्वयं देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। मान्यता के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान दुधिया सागर से माता वरलक्ष्मी अवतरित हुई थी जो कि क्षीर सागर के नाम से जाना जाता है। इनका वर्ण एकदम उजला है और वह उजले वस्त्र धारण करती है।

फ्री ऑनलाइन जन्म कुंडली सॉफ्टवेयर से जानें अपनी कुंडली का पूरा लेखा-जोखा

वरलक्ष्मी व्रत का धार्मिक महत्व 

सनातन धर्म में माता लक्ष्मी को धन की देवी के रूप में पूजा जाता है। किसी व्यक्ति पर देवी लक्ष्मी की कृपा दृष्टि होने से जीवन में सुख, शांति, धन एवं समृद्धि सदैव बनी रहती है। हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को शुक्रवार का दिन समर्पित होता है और इसी प्रकार, श्रावन माह के अंतिम शुक्रवार के दिन वरलक्ष्मी व्रत करने की परंपरा है। वरलक्ष्मी व्रत को वरलक्ष्मी व्रतम के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत वरलक्ष्मी को समर्पित होता है जिन्हें महालक्ष्मी का अवतार माना गया है। सामान्य शब्दों में कहें, तो वरलक्ष्मी व्रत जगत के पालनहार और धन की देवी माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने का पर्व है। 

वरलक्ष्मी व्रत से अष्टलक्ष्मी यानी कि माता लक्ष्मी के आठ स्वरूपों की कृपा प्राप्त की जा सकती है।  इस दिन विशेष रूप से लक्ष्मी पूजा को संपन्न किया जाता है। वरलक्ष्मी व्रत से देवी का वरलक्ष्मी स्वरूप भक्त को मनचाहा वरदान देता है। साथ ही, यह भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं इसलिए ही देवी के स्वरूप को वर+लक्ष्मी के नाम से जाना जाता है। 

इस व्रत से धन की अधिष्ठात्री देवी की कृपा बनी रहती है और व्यक्ति को धन-संपत्ति, वैभव, संतान, सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह पर्व मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय राज्यों में मनाया जाता है। वरलक्ष्मी व्रत के दिन महिलाएं अपने पति, बच्चों और परिवार की मंगल कामना के लिए दिनभर उपवास रखकर मां लक्ष्मी की आराधना करती हैं।

भक्त द्वारा वरलक्ष्मी व्रत पर माँ लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने से आपके जीवन में खुशहाली और सुख-शांति भी बनी रहती है। इस व्रत से घर में धन का प्रवाह रहता है और निर्धनता का अंत होता है। वहीं, विवाहित जातकों के जीवन में ख़ुशियां एवं प्रेम बना रहता है। इस व्रत को करने से जातक का घर-भंडार हमेशा भरा रहता है।

नये साल में करियर की कोई भी दुविधा कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट से करें दूर

वरलक्ष्मी व्रत के पूजा अनुष्ठान 

वरलक्ष्मी व्रत की पूजा को विधिवत किया जाना चाहिए और इसकी सही पूजा विधि इस प्रकार है:

  • वरलक्ष्मी व्रत के दिन भक्त जल्दी उठकर व्रत का संकल्प लेते हैं और देवी वरलक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस पूजा में माता को ताजा बनी हुई मिठाई और फूल चढ़ाएं।
  • इस व्रत के दौरान महिलाएं कुछ विशेष खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करती हैं और इनमें क्षेत्रों के आधार पर भिन्नता देखने को मिल सकती है।
  • देवी-देवता के प्रतीक के रूप में एक कलश स्थापित करके इस पर कुमकुम एवं चंदन के लेप से स्वास्तिक बनाया जाता है। 
  • अंत में, कलश के मुख पर आम के पत्ते रखे जाते हैं और फिर कलश के ऊपर नारियल रखा जाता है। इस कलश पर एक पवित्र धागा बांधा जाता है जिसे दोरक कहते हैं।
  • पूजा में उपयोग की जाने वाली मिठाई और प्रसाद को वायना कहा जाता है।
  • संध्या काल में देवी वरलक्ष्मी की आरती करें।
  • अगले दिन, कलश में भरे जल को घर में चारों तरफ छिड़कें।

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें

वरलक्ष्मी व्रत के दिन करें ये उपाय

  1. वरलक्ष्मी व्रत के दिन देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए घर में नारियल लेकर आएं। ऐसा करने से आपके परिवार में लक्ष्मी जी का आशीर्वाद रहता है। 
  2.  इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करते समय 11 कौड़ियों को पीले रंग के कपड़े में बांधकर उत्तर दिशा में रखने से धन लाभ की प्राप्ति होती है। 
  3. शंख में देवी लक्ष्मी का वास माना गया है और वरलक्ष्मी व्रत के दिन घर में शंख लेकर आने से धन से जुड़ी समस्याओं का अंत होता है। 
  4. माँ लक्ष्मी को प्रिय पारिजात के फूल घर में लाने से देवी वरलक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।        

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

वरलक्ष्मी व्रत की पौराणिक कथा 

वरलक्ष्मी व्रत की पौराणिक कथा के अनुसार, मगध में एक कुंडी नामक शहर था जिसमें चारुमति नाम की महिला रहती थी। वह देवी लक्ष्मी की भक्त थी और उनके प्रति बहुत आस्था रखती थी। एक बार जब वह रात को सो रही थी, तो माता लक्ष्मी ने चारुमति को सपने में दर्शन देकर वरलक्ष्मी व्रत के बारे में बताया। अगले दिन चारुमति ने सुबह उठकर सभी महिलाओं को इस व्रत के बारे में बताया। इसके बाद, चारुमति की बात मानकर सभी महिलाओं ने इस व्रत को रखा और देवी लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। महिलाओं द्वारा वरलक्ष्मी व्रत को पूरे विधि-विधान से करने पर उनका शरीर सोने के गहनों से लद गए और घर भी धन-दौलत से भर गया। इसके पश्चात, वरलक्ष्मी व्रत की महिमा धीरे-धीरे फैलने लगी और दूसरी महिलाएं भी माता लक्ष्मी की पूजा करने लगी, उस समय से ही इस व्रत को वरलक्ष्मी कहा जाने लगा।   

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. वरलक्ष्मी व्रत क्यों मनाया जाता है? 

वरलक्ष्मी व्रत करने से देवी लक्ष्मी भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

2.  वरलक्ष्मी व्रत कब है?

इस साल वरलक्ष्मी व्रत को 16 अगस्त 2024, शुक्रवार के दिन किया जाएगा। 

3. वरलक्ष्मी व्रत में किसकी पूजा की जाती है।

वरलक्ष्मी व्रत में देवी लक्ष्मी के वरलक्ष्मी स्वरूप का पूजन किया जाता है।    

इस नागपंचमी पर बन रहे हैं कई शुभ योग, पांच राशियों को मिलेगी शिव-पार्वती की कृपा

09 अगस्‍त को शुक्रवार के दिन नागपचंमी का पर्व मनाया जाएगा। इस बार नागपचंमी बहुत ही ज्‍यादा खास और शुभ रहने वाली है क्‍योंकि इस दिन सि‍द्धि योग और साध्‍य योग बन रहे हैं। ज्‍योतिष की मानें तो इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती धरती पर निवास करेंगे।

नागपंचमी पर बुध और शुक्र ग्रह दोनों मिलकर लक्ष्‍मी नारायण योग का निर्माण कर रहे हैं। वहीं शनि स्‍वराशि कुंभ में विराजमान होकर शश राजयोग बना रहे हैं। इस प्रकार ग्रहों के शुभ योग के बीच नागपंचमी का यह पर्व कुछ राशियों के लोगों के लिए बहुत शुभ और मंगलकारी साबित होगा।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके  

इस ब्‍लॉग में हम आपको उन राशियों के बारे में बता रहे हैं जिन्‍हें इस बार नागपंचमी पर शानदार परिणाम मिलने की संभावना है। इन लोगों को असीम धन लाभ होगा और इनकी मनोकामनाओं की भी पूर्ति होगी। 

तो चलिए जानते हैं कि नागपंचमी पर बन रहे शुभ योग किन राशियों के जातकों के लिए खुशियां लेकर आ रहे हैं।

नागपंचमी पर इन राशियों को मिलेंगे शुभ प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के नौकरीपेशा जातकों को अपने करियर में नए और बेहतरीन अवसर मिलने की संभावना है। यदि आप काफी समय से तनाव में थे, तो अब आपकी परेशानियों का अंत हो सकता है। आपको कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिलेगी जिससे आप काफी खुश और संतुष्‍ट महसूस करेंगे।

व्‍यापा‍रीगण नए आइडिया पर काम कर सकते हैं। व्‍यापारियों को मुनाफा कमाने के मामले में अपने भाग्‍य का साथ मिलेगा। आप कोई बड़ी डील भी कर सकते हैं। यदि आपका पैसा कहीं अटका हुआ है, तो अब आपको वह मिल सकता है। आपके रुके हुए काम भी पूरे होंगे।

मेष साप्ताहिक राशिफल

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा 

वृषभ राशि

यदि आपकी वृषभ राशि है, तो आपके लिए भी इस बार की नागपंचमी शुभ परिणाम लेकर आ रही है। आपके करियर को नई दिशा मिलेगी। नौकरीपेशा जातकों के लिए सफलता के योग बन रहे हैं। परिवार के सदस्‍यों के बीच आपसी तालमेल बेहतर होगा। इससे रिश्‍तों में मज़बूती आएगी।

आपके वैवाहिक जीवन में भी खुशियां आने के संकेत हैं। आप जहां भी निवेश करेंगे, उसमें आपको फायदा ही होगा। आपको अपनी कड़ी मेहनत का पूरा फल प्राप्‍त होगा और आपकी संपन्‍नता में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। आपके रुके हुए काम अब पूरे हो सकते हैं।

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

सिंह राशि

सिंह राशि के लोगों को नागपंचमी पर बन रहे शुभ योगों से अनुकूल परिणाम प्राप्‍त होंगे। आपको अपने भाग्‍य का साथ मिलेगा। इसके साथ ही आपकी आय में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। संतान प्राप्ति की कामना रखते हैं, तो अब आपको अच्‍छी खबर मिल सकती है। सिंह राशि के लोगों के लिए तरक्‍की के योग बन रहे हैं। आपकी शादीशुदा जिंदगी में खुशहाली आएगी और आपके परिवार में भी सुख-शांति बढ़ेगी।

नौकरी करने वाले जातक अपने बॉस को इंप्रेस करने में सफल होंगे। उनकी मदद से आपको पदोन्‍नति या वेतन में वृद्धि भी मिल सकती है। इसके अलावा आपके जीवन में सुख-सुविधाओं में बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी। आप पूरे ऐशो-आराम के साथ जीवन जिएंगे। आपको नौकरी के बेहतर प्रस्‍ताव भी मिल सकते हैं।

सिंह साप्ताहिक राशिफल

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

तुला राशि

नागपंचमी पर तुला राशि के लोगों को असीम धन लाभ होने की संभावना है। आपको खूब पैसा कमाने का मौका मिलेगा। आपकी सुख-समृद्धि में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी। आप अपने बिज़नेस पार्टनर के साथ मिलकर कोई नई योजना बना सकते हैं। इससे आपको आगे चलकर लाभ ज़रूर मिलेगा।

विद्यार्थियों के लिए भी सफलता के योग बन रहे हैं। शादीशुदा लोगों के जीवन में प्‍यार बढ़ेगा। आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी तालमेल में वृद्धि देखने को मिलेगी। व्‍यापारियों को भी अपने कार्यक्षेत्र में सफलता मिल सकती है। प्रेम संबंधों के लिए भी अच्‍छा समय है। सिंगल जातकों को अपनी पसंद का साथी मिल सकता है।

तुला साप्ताहिक राशिफल

अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!

कुंभ राशि

नागपंचमी पर बन रहे शुभ योग कुंभ राशि के लोगों के लिए सौभाग्‍य लेकर आएंगे। आपकी आय के स्रोतों में वृद्धि देखने को मिलेगी। आप एक से ज्‍यादा माध्‍यम से आमदनी करेंगे। कार्यक्षेत्र में आपके सहकर्मी आपका सहयोग करेंगे। आपके उच्‍च अधिकारी भी आपके काम से खुश हो सकते हैं। समाज में आपका मान-सम्‍मान बढ़ेगा और आपकी प्रतिष्‍ठा में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।

आपको अचानक कहीं से बहुत सारा पैसा मिलने के आसार हैं। इससे आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी। जो लोग पार्टनरशिप में बिज़नेस करते हैं, उनके अपने पार्टनर के साथ बेहतर संबंध स्‍थापित होंगे। आप दोनों मिलकर कोई नया व्‍यवसाय भी शुरू कर सकते हैं। करियर के क्षेत्र में आप नई ऊंचाईयों को छू पाएंगे।

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

आपकी कुंडली में भी है राजयोग? जानिए अपनी  राजयोग रिपोर्ट

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्‍न 1. नागपंचमी के दिन क्‍या-क्‍या नहीं करना चाहिए?

उत्तर. इस दिन नुकीली और धारदार वस्‍तुओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

प्रश्‍न 2. नागपंचमी के दिन नाग देखने से क्‍या होता है?

उत्तर. सपने में नाग-नागिन दिखें, तो आपको सुख-समृद्धि मिल सकती है।

प्रश्‍न 3. नागपंचमी के दिन भोजन में क्‍या खाना चाहिए?

उत्तर. इस दिन सेंवई चावल बनाकर खाने चाहिए।

प्रश्‍न 4. नागपंचमी पर शिव की पूजा कैसे करें?

उत्तर. शिवलिंग का घी, दूध, दही और शहद एवं गंगाजल से अभिषेक करें।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

शुक्र देव करेंगे सालों बाद पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में गोचर, इन राशियों को धन-दौलत समेत मिलेगा हर सुख!

वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को एक अहम स्थान प्राप्त है जो कि प्रेम, ऐश्वर्य एवं भौतिक सुख-सुविधाओं के कारक ग्रह हैं। ऐसे में, शुक्र ग्रह की स्थिति, दशा, चाल या राशि में होने वाला परिवर्तन मनुष्य जीवन को अत्याधिक प्रभावित करने की क्षमता रखता है। हालांकि, शुक्र महाराज हर 23 दिनों में एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं और इसी प्रकार, यह एक निश्चित अवधि में अपना नक्षत्र भी बदलते हैं। शुक्र के राशि गोचर के साथ-साथ इनका नक्षत्र परिवर्तन भी किसी व्यक्ति पर अच्छे-बुरे दोनों तरीके से प्रभाव डालता है। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको शुक्र देव का पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में गोचर से संबंधित समस्त जानकारी प्रदान करेगा। इसके अलावा, शुक्र का यह परिवर्तन कुछ राशियों के लिए भाग्यशाली साबित होगा। तो आइए हम बिना देर किये आगे बढ़ते हैं और शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की। 

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी   

शुक्र का पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में गोचर  

ज्योतिष शास्त्र में विलासिता, ऐश्वर्य, भौतिक सुख, प्रेम एवं वैवाहिक जीवन के प्रमुख ग्रह के नाम से विख्यात शुक्र देव का नक्षत्र गोचर मनुष्य जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर अपना असर डालेगा। ऐसा माना जाता है कि शुक्र ग्रह को पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र बेहद प्रिय है और अब यह लगभग एक लंबे समय के बाद 11 अगस्त 2024, रविवार की सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे। इसका प्रभाव राशि चक्र की सभी राशियों पर पड़ेगा, लेकिन कुछ राशियों को यह सकारात्मक परिणाम देगा।  तो आइए जानते हैं कि कौन सी हैं वह भाग्यशाली राशियां।

आज का गोचर

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में शुक्र गोचर से, चमक उठेगी इन 3 राशियों की किस्मत 

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह का नक्षत्र गोचर बहुत शुभ कहा जाएगा क्योंकि यह आपको जीवन के विभिन्न आयामों में बेहतरीन परिणाम देगा। यह नक्षत्र गोचर आपके लिए फलदायी साबित होगा। इसके फलस्वरूप, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में गोचर होने से यह आपकी सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी करवाने का काम करेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं, यह जातक अपने जीवन में चली आ रही समस्याओं से अब मुक्ति पाएंगे। करियर के क्षेत्र में आपको किसी दूसरे स्‍थान से नौकरी का कोई शानदार अवसर प्राप्त होगा। इसके अलावा, आपको इस दौरान वाहन या प्रॉपर्टी का सुख मिलने की प्रबल संभावना है। मेष राशि के नौकरीपेशा जातकों को ऑफिस में नई जिम्मेदारियां सौंपी जा सकती हैं जिससे आप खुश दिखाई। यह लोग समाज में अपनी एक अलग जगह बनाने के साथ-साथ अपनी अलग पहचान भी बना सकेंगे।

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र ग्रह का पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में गोचर लाभकारी रहेगा और यह आपको अच्छे परिणाम देने का काम करेगा। ऐसे में, शुक्र नक्षत्र परिवर्तन की अवधि आपको मानसिक तनाव से छुटकारा दिलाने का काम करेगी। जो जातक खुद का व्यापार करते हैं, उन्हें बिज़नेस में आय में बढ़ोतरी के नए स्रोत प्राप्त होंगे। इस राशि के नौकरीपेशा जातकों के प्रमोशन और वेतन में वृद्धि होने की संभावना है जिसके चलते आप प्रसन्न दिखाई देंगे। इसके विपरीत, मिथुन राशि के जो लोग नौकरी ढूंढ रहे हैं, उन्हें एक अच्छी नौकरी मिल सकती है। यह अवधि आपकी सुख- सुविधाओं में बढ़ोतरी करवाएगी और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। आप धन की बचत करने में भी सक्षम होंगे। हालांकि, जो लोग किसी रिश्ते में हैं, उनका रिश्ता अब शादी में बदल सकता है।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

तुला राशि 

तुला राशि वालों के जातकों के लिए शुक्र देव का पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश बहुत उत्तम रहेगा। प्रेम के कारक ग्रह का यह नक्षत्र परिवर्तन आपके लिए अच्छे दिन लेकर आएगा। यह अवधि आपकी आय में भारी वृद्धि करवाने का काम करेगी जिससे आप खुश एवं संतुष्ट दोनों रहेंगे। साथ ही, आय के बढ़ोतरी के नए स्त्रोत प्राप्त होंगे। इस दौरान आपको हर कदम पर अपने भाग्य का साथ मिलेगा। जो जातक नौकरी करते हैं, उनके लिए यह समय सकारात्मक कहा जाएगा। अगर आप निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, तो अब आपके द्वारा किया गया निवेश आपको अच्छा ख़ासा लाभ प्रदान करेगा। जिन लोगों का अपना व्यापार है, वह शुक्र नक्षत्र की अवधि में कोई बड़ी डील करने में सक्षम होंगे और इसका लाभ आपको भविष्य में होगा। तुला राशि के जातकों को संतान से संबंधित शुभ समाचार सुनने को मिलेगा।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र किसका है? 

उत्तर 1. ज्योतिष में 27 नक्षत्रों में से पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र को ग्यारहवां स्थान प्राप्त है और यह सिंह राशि के अंतर्गत आता है।

प्रश्न 2. शुक्र का गोचर कितने दिनों में होता है?

उत्तर 2. शुक्र ग्रह का गोचर लगभग 23 दिनों में होता है अर्थात यह एक राशि में 23 दिनों तक रहते हैं।

प्रश्न 3. पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति कैसे होते हैं? 

उत्तर 3. पूर्वाफाल्गुनी में जन्मे व्यक्ति चतुर, भोग-विलासी, बातचीत में मधुर, गंभीर और साहसी स्वभाव के होते हैं।

11 अगस्त को इन राशियों से खुश होंगे शुक्र, पैसों से भर देंगे जेब, तरक्‍की के योग

शुक्र एक ऐसा ग्रह है जो हर महीने राशि परिवर्तन करता है। राशि परिवर्तन करने के अलावा शुक्र के नक्षत्र में भी परिवर्तन होता रहता है। जिस प्रकार शुक्र के गोचर का असर सभी राशियों के जीवन पर पड़ता है, ठीक उसी तरह नक्षत्र परिवर्तन का भी प्रभाव पड़ता है।

आपको बता दें कि 11 अगस्‍त को शुक्र का नक्षत्र परिवर्तन होने जा रहा है। इस समय शुक्र माघ नक्षत्र में उपस्थित हैं और इसके बाद वे 11 अगस्‍त को पूर्वाफाल्‍गुनी नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे। इस नक्षत्र के स्‍वामी स्‍वयं शुक्र ग्रह हैं इसलिए इस दौरान सभी राशियों के लोगों को अपने जीवन में विशेष परिणाम मिलने की संभावना है।

शुक्र के इस नक्षत्र में प्रवेश करने पर कुछ खास राशियों के लोगों का भाग्‍योदय होगा। इस ब्‍लॉग में हम आपको उन्‍हीं राशियों के बारे में बता रहे हैं जिन्‍हें शुक्र के पूर्वाफाल्‍गुनी नक्षत्र में गोचर करने पर लाभ ही लाभ प्राप्‍त होगा।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके  

ज्‍योतिष में पूर्वाफाल्‍गुनी नक्षत्र

वैदिक ज्‍योतिष में पूर्वाफाल्‍गुनी नक्षत्र कुल 27 नक्षत्रों में से ग्‍यारहवें स्‍थान पर आता है। इस नक्षत्र के स्‍वामी ग्रह शुक्र ही हैं। वैदिक ज्‍योतिष में इस नक्षत्र को जन्‍म नक्षत्र भी कहा जाता है। इस नक्षत्र का संबंध सिंह राशि से है जिसके स्‍वामी ग्रह सूर्य देव हैं। इस नक्षत्र को भाग्‍य और सफलता के संबंध में अंतदृष्टि प्रदान करने वाला माना गया है।

तो चलिए अब जानते हैं कि शुक्र के पूर्वाफाल्‍गुनी नक्षत्र में आने पर किन राशियों की किस्‍मत चमकने वाली है।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा 

इन राशियों को मिलेगा लाभ

मिथुन राशि

मिथुन राशि के तीसरे भाव में शुक्र का यह गोचर होने जा रहा है। यह समय आपके लिए बहुत ही ज्‍यादा भाग्‍यशाली साबित होगा। आपको अपने कार्यक्षेत्र में अपने काम के लिए सराहना प्राप्‍त होगी। आपके काम को देखते हुए आपके उच्‍च अधिकारी आपको प्रमोशन या वेतन में वृद्धि की सौगात दे सकते हैं।

आपको काम के सिलसिले में यात्रा पर जाना पड़ सकता है। व्‍यापारियों के भी खूब मुनाफा कमाने के आसार हैं। आपको इस समय हर क्षेत्र में लाभ होगा। आपके वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी चल रही है या आपके और आपके पार्टनर के बीच कोई गलतफहमी हो गई थी, तो अब इन सभी समस्‍याओं का अंत हो जाएगा। आप सुखी वैवाहिक जीवन का आनंद लेंगे। आर्थिक क्षेत्र में आपको धन लाभ होने के संकेत हैं। आप अपने खर्चों को पूरा करने के साथ-साथ पैसों की बचत करने में भी सक्षम हो पाएंगे। इस दौरान आपका स्‍वास्‍थ्‍य भी अच्‍छा रहने वाला है।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

कर्क राशि

कर्क राशि के लोगों के लिए शुक्र का राशि परिवर्तन करना लाभकारी सिद्ध होगा। आपको अपने भाग्‍य का साथ मिलेगा। नौकरीपेशा जातकों को अपने कार्यक्षेत्र में सफलता हासिल होगी। आपके लिए पदोन्‍नति के योग बन रहे हैं। इसके अलावा आपके वरिष्‍ठ अधिकारी आपके काम की प्रशंसा कर सकते हैं।

आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत रहेगी। व्‍यापारियों को मुनाफा कमाने के कई मौके मिल सकते हैं। आपकी आय के नए स्रोत खुलेंगे और आप खूब धन कमाने में सफल हो पाएंगे। अगर आप लंबे समय से किसी परेशानी में फंसे हुए हैं, तो अब आपको उससे छुटकारा मिल सकता है। आपके रिश्‍तों में खुशियां आने की संभावना है। आपको अपने परिवार के साथ अच्‍छा समय बिताने का मौका मिलेगा। आपको धन लाभ होगा।

कर्क साप्ताहिक राशिफल

आपकी कुंडली में भी है राजयोग? जानिए अपनी  राजयोग रिपोर्ट

कुंभ राशि

कुंभ राशि के लोगों को शुक्र के नक्षत्र परिवर्तन करने पर हर क्षेत्र में लाभ प्राप्‍त होगा। इन्‍हें इस समय अपने भाग्‍य का पूरा साथ मिलेगा। रिश्‍तों में आई दूरियां अब कम हो सकती हैं। विदेश में नौकरी करने का सपना देख रहे हैं, तो अब आपको इस दिशा में सफलता मिल सकती है। आपके सहकर्मी आपका सहयोग करेंगे और आपको अपने उच्‍च अधिकारियों से भी प्रशंसा प्राप्‍त होगी।

व्‍यापारियों के लिए भी बड़े मुनाफे के योग बन रहे हैं। आपको नए प्रोजेक्‍ट मिल सकते हैं जिससे आपका मन प्रसन्‍न महसूस करेगा। सिंगल लोगों के लिए शादी का प्रस्‍ताव आ सकता है। शादीशुदा लोगों की जिंदगी में भी प्‍यार और स्‍नेह कायम रहेगा। प्रेम संबंधों के लिए भी अनुकूल समय है। छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलेगी। सेहत को लेकर भी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्‍न 1. पूर्वाफाल्‍गुनी नक्षत्र के स्‍वामी कौन हैं?

उत्तर. इस नक्षत्र के स्‍वामी शुक्र देव हैं।

प्रश्‍न 2. पूर्वाफाल्‍गुनी नक्षत्र में जन्‍मे व्‍यक्‍ति कैसे होते हैं?

उत्तर. ये लोग चतुर, प्रिय वक्‍ता और गंभीर स्‍वभाव के होते हैं।

प्रश्‍न 3. पूर्वाफाल्‍गुनी नक्षत्र की राशि कौन सी है?

उत्तर. पूर्वाफाल्‍गुनी नक्षत्र की राशि सिंह है।

प्रश्‍न 4. पूर्वाफाल्‍गुनी नक्षत्र किस ग्रह पर शासन करती है?

उत्तर. यह नक्षत्र शुक्र ग्रह का है।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

सूर्य के गोचर से मेष सहित इन जातकों की चमकेगी किस्मत; जानें देश दुनिया पर प्रभाव!

सूर्य का सिंह राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको सूर्य का सिंह राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि इस गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को सूर्य के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस ब्लॉग में सूर्य ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।

बता दें कि सूर्य 16 अगस्त 2024 की शाम 07 बजकर 32 मिनट पर अपनी ही राशि सिंह में गोचर करने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके 

ज्योतिष में, सूर्य व्यक्ति के मूल सार, उनके अहंकार, पहचान, जीवन शक्ति और बुनियादी व्यक्तित्व लक्षणों का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य को जीवन, स्वास्थ्य एवं शक्ति के देवता के रूप में मान्यता हैं। सूर्यदेव की कृपा से ही पृथ्वी पर जीवन बरकरार है। जन्म कुंडली में सूर्य की स्थिति यह संकेत दे सकती है कि आपके पास कितनी ऊर्जा है और आप इसे कैसे व्यक्त करते हैं। यह नियंत्रित करता है कि आप खुद को बाहरी रूप से कैसे व्यक्त करते हैं। इसके साथ ही, आपकी रचनात्मकता को भी नियंत्रित करता है।

सूर्य का सिंह राशि में गोचर: विशेषताएं

सूर्य उग्र और अग्नि तत्व के ग्रह हैं, जो रचनात्मकता, एथलेटिक्स, एथलीट, कलाकार, मनोरंजन आदि का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य सिंह राशि में प्रवेश कर रहे हैं और यह सूर्य की अपनी ही राशि है। सूर्य रचनात्मकता से जुड़ा हुआ ग्रह है। सिंह राशि चक्र की यह पांचवीं राशि है। काल पुरुष कुंडली के पांचवें भाव में स्थित होती है। रचनात्मकता पांचवें भाव से जुड़ा है। ऐसे में, सूर्य का सिंह राशि में गोचर के परिणामस्वरूप ये जातक बेहतरीन चित्रकार होने के अलावा, बेहतरीन डॉक्टर या सर्जन भी बनते हैं। ये लोग अपने विरोधियों पर जीत हासिल करते हैं और प्रतिद्वंद्वियों पर दबाव बनाने में सक्षम होते हैं।

ये काफी शक्तिशाली और आत्मविश्वास से भरे हुए होते हैं। इसके अलावा, नेतृत्व करने की क्षमता इनकी बढ़िया होती है। चूंकि किसी भी कुंडली में सूर्य पिता का भी प्रतिनिधित्व करते हैं इसलिए इन व्यक्तियों को अपने पिता से भी बहुत अधिक समर्थन प्राप्त होता है। वे अपने प्रियजनों के प्रति समर्पित होते हैं और उनका ध्यान आकर्षित करने पर ज़ोर देते हैं। वे अपने दोस्तों और परिवार के प्रति समर्पित होते हैं और अच्छे से उनकी देखभाल करते हैं। ये जातक जिनकी परवाह करते हैं उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। सूर्य का सिंह राशि में होने से जातक उच्च प्रतिष्ठा वाले लोग, जैसे डॉक्टर, एथलीट, सर्जन, प्रशासक और सरकारी अधिकारी होते हैं।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

सूर्य का सिंह राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पांचवें भाव के स्वामी हैं और अब सूर्य का सिंह राशि में गोचर आपके पांचवें भाव में होगा। कुंडली में पांचवां भाव शिक्षा, प्रेम जीवन, संतान आदि का प्रतिनिधित्व करता है और और पिछले जन्म के कर्मों का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में, सूर्य का सिंह राशि में गोचर मेष राशि के छात्रों के लिए फलदायी साबित होगा। इस दौरान आपकी एकाग्रता, ऊर्जा और बुद्धि काफ़ी मज़बूत रहेगी और इसका उपयोग आप पढ़ाई में सुधार लाने के लिए कर सकते हैं।

पांचवें भाव से सूर्य ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, जिसके फलस्वरूप आपकी आर्थिक दृष्टि अच्छी रहेगी। आपको अपने कार्यस्थल पर की गई मेहनत का पूरा लाभ मिलेगा। लेकिन जो जातक सट्टा से जुड़ी गतिविधियों जैसे निवेश या गैर-क़ानूनी सट्टेबाजी से संबंध रखते हैं, उन्हें इस अवधि में सतर्क रहना होगा क्योंकि आपको नुकसान होने की संभावना है। कुल मिलाकर, मेष राशि के जातकों के लिए यह समय अनुकूल रहेगा। हालांकि, इस दौरान आपको छोटी-मोटी बातों पर ओवर-रिएक्ट करने से बचना होगा।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य चौथे भाव के स्वामी हैं, जो अब आपके चौथे भाव में गोचर कर रहे हैं और यह भाव माता, घरेलू जीवन, घर, वाहन, संपत्ति आदि का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य का सिंह राशि में गोचर आपको अच्छे परिणाम प्रदान करेगा। आपको निश्चित रूप से लाभ होगा, समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा और आपके काम की सराहना होगी। यह अवधि प्रॉपर्टी में निवेश के लिए या नया घर खरीदने के लिए भी उपयुक्त है। यदि आप ऐसा करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आप माता के साथ मिलकर या उनके नाम पर संपत्ति खरीद सकते हैं।

चौथे भाव में स्थित सूर्य की दृष्टि आपके दसवें भाव पर पड़ेगी जिसका लाभ आपको पेशेवर जीवन में मिलेगा। इस दौरान आप कार्यस्थल पर अधिकारियों और वरिष्ठों को प्रभावित करने में सक्षम होंगे तथा उनका समर्थन भी आपको प्राप्त होगा। लेकिन चौथे भाव में सूर्य दिग्बल खो देते हैं और इसके परिणामस्वरूप आप भ्रमित हो सकते हैं। साथ ही, योजनाओं को सही तरीके से लागू करने में असफल हो सकते हैं। ऐसे में, सूर्य का सिंह राशि में गोचर को ध्यान में रखते हुए आपको सलाह दी जाती है कि अपने मेंटर से मार्गदर्शन प्राप्त करें।

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं,जो अब आपके ग्यारहवें भाव में ही गोचर करेंगे। कुंडली में यह भाव धन लाभ, इच्छाओं, बड़े भाई-बहन, पिता के परिवार के सदस्यों आदि का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में, आपके ग्यारहवें भाव में सूर्य का सिंह राशि में गोचर होने से तुला राशि वालों को निश्चित रूप से ही बड़े भाई-बहनों, चाचा और पिता का समर्थन प्राप्त होगा। आपके धन-धान्य में वृद्धि तो होगी ही, लेकिन सामाजिक मान-सम्मान में भी बढ़ोतरी होगी। इन जातकों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी। पिछले एक वर्ष में आपने करियर और व्यापार में जितनी भी मेहनत की है उसका फल आपको सूर्य गोचर के दौरान धन लाभ, सराहना और पहचान के रूप में मिलेगा। सूर्य का सिंह राशि में गोचर आपकी सामाजिक स्थिति और सामाजिक दायरे में वृद्धि करेगा और आपको नेटवर्किंग से लाभ हो सकता है।

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके दसवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके दसवें भाव में प्रवेश करेंगे जो कि पेशे और कार्यस्थल का भाव है। कुंडली में सूर्य देव को दसवें भाव में दिशाओं का बल यानी कि दिग्बल प्राप्त होता है और इस वजह से सूर्य का सिंह राशि में गोचर आपके पेशेवर जीवन के लिए फलदायी साबित होगा। इन जातकों को कई बेहतरीन अवसर प्राप्त होंगे, विशेष तौर पर उन लोगों को जो सरकारी क्षेत्र, एमएनसी में काम करते हैं या फिर राजनेता, सर्जन, डॉक्टर आदि के रूप में कार्यरत हैं।

जिन लोगों का अपना व्यापार है उन्हें सरकार या उच्च अधिकारियों के माध्यम से लाभ प्राप्त होगा। सूर्य की इस भाव में मौजूदगी इन जातकों को कार्यस्थल पर ऊर्जावान बनाए रखेगी। साथ ही, आपकी बेहतरीन नेतृत्व क्षमता को दूसरों से सराहना मिलेगी। हालांकि, सूर्य का सिंह राशि में गोचर वृश्चिक राशि वालों के स्वाभिमान को उच्च स्तर पर लेकर जा सकता है जो कि कभी-कभी घमंड में बदल सकता है और इसे दूसरों के द्वारा गलत समझा जा सकता है। । ऐसे में, आपको सलाह दी जाती है कि सावधान रहें और किसी भी तरह की आलोचना को सकारात्मक रूप से लें, अन्यथा आपके अहंकार में वृद्धि हो सकती है।

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए सूर्य आपकी कुंडली में नौवें भाव के स्वामी हैं और यह अब आपके नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में नौवां भाव धर्म, पिता, लंबी दूरी की यात्राओं, तीर्थस्थल, भाग्य आदि का भाव है। ऐसे में, हम धनु राशि वालों को कहना चाहेंगे कि सूर्य आपके लिए भाग्येश हैं यानी कि आपके भाग्य के स्वामी जो अब अपने ही भाव में गोचर कर रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप आपको भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा। धनु राशि वालों के पेशेवर जीवन की बात करें तो, सूर्य का सिंह राशि में गोचर उन लोगों के लिए अच्छा रहेगा जो कंसलटेंट, मेंटर और टीचर के रूप में कार्यरत हैं। इस दौरान वह आसानी से दूसरों को प्रभावित करने, प्रेरित करने और अपनी बात को समझाने में सक्षम होंगे।

जो छात्र विदेश में पढ़ाई करने की योजना बना रहे हैं उनके लिए यह समय अच्छा रहेगा। इस दौरान आपको पिता, गुरु और मेंटर का समर्थन मिलेगा। नौवें भाव में बैठकर सूर्य की दृष्टि आपके तीसरे भाव पर होगी और इसके परिणामस्वरूप आपके साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। सूर्य का सिंह राशि में गोचर होने से धनु राशि के जातकों के बातचीत का तरीका प्रभावी रहेगा और छोटे भाई-बहनों का समर्थन भी आपको प्राप्त होगा।

सूर्य का सिंह राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके आठवें भाव के स्वामी हैं जो कि मकर राशि के स्वामी शनि के साथ शत्रुता का भाव रखते हैं और अब यह आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह भाव दीर्घायु, अचानक से होने वाली घटनाओं, गोपनीयता आदि का प्रतिनिधित्व करता है। आठवें भाव में सूर्य का सिंह राशि में गोचर मकर राशि के जातकों के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। आपको बता दें कि यह समय आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं रहने की आशंका है और ऐसे में, आपको हृदय एवं हड्डियों से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

इसके परिणामस्वरूप, आपको सलाह दी जाती है कि अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और संतुलित खानपान अपनाने के साथ-साथ आपको अच्छी जीवनशैली बनाए रखनी होगी। किसी यात्रा के दौरान सतर्क रहें जिससे अचानक से होने वाली घटनाओं से बचा जा सके। इस अवधि में कुछ अप्रत्याशित घटनाएं हो सकती हैं जो कि आपको मानसिक तनाव दे सकती हैं। ससुराल पक्ष के साथ आपके संबंध ख़राब हो सकते हैं। इसके अलावा, आपको अनचाहे ख़र्चों से बचना होगा, अन्यथा आपको आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित  से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके लग्नेश शनि से शत्रुता का भाव रखते हैं और आपके लिए सूर्य सातवें भाव के स्वामी हैं जो अब सातवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। कुंडली में सातवां भाव विवाह, जीवनसाथी और व्यापारिक साझेदारी का प्रतिनिधित्व करता है। इसके परिणामस्वरूप आपका अपने बिज़नेस पार्टनर या कार्यक्षेत्र में अपने सहकर्मियों के बीच टकराव हो सकता है इसलिए अपने शब्दों और व्यवहार पर नियंत्रण रखें।

सूर्य गोचर को वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल नहीं कहा जा सकता है क्योंकि सूर्य एक उग्र ग्रह है जो गुस्से, क्रोध तथा आक्रामकता का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में, आपके पार्टनर के साथ अनचाहे विवाद और बहस होने की आशंका है जिसके चलते पार्टनर के साथ आपको संबंधों में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है इसलिए आपको वैवाहिक जीवन पर ध्यान देना होगा और अहंकार की भावना मन में लाने से बचना होगा।

सूर्य का सिंह राशि में गोचर: आसान उपाय

  • रविवार को गुड़, गेहूं और तांबा का दान करें।
  • रविवार को छोड़कर प्रतिदिन तुलसी के पौधे को जल दें।
  • हर रोज़ आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
  • अक्सर लाल और नारंगी रंग के कपड़े पहनें।
  • हर रोज़ तांबे के बर्तन में जल लेकर उसमें लाल गुलाब की पंखुड़ियां डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।

सूर्य का सिंह राशि में गोचर: विश्वव्यापी प्रभाव

राजनीति और सरकार

  • सूर्य के सिंह राशि में गोचर करने से दुनिया भर के राजनेताओं और सरकारी संगठनों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
  • इस अवधि के दौरान भारत सरकार की नीतियां जनता को प्रभावित करेंगी और सरकार के कुछ निर्णयों की प्रशंसा होगी।
  • सरकार अधिकारपूर्वक देश की कमान संभालने के साथ-साथ दुश्मनों या बाहरी या पड़ोसी देशों से आने वाले किसी भी खतरे को रोकने के लिए साहसिक कदम उठाते नज़र आएंगे।
  • हमारे नेता आक्रामक लेकिन सोच-समझकर और समझदारी से काम लेते नज़र आएंगे।

क्रिएटिव राइटिंग और मीडिया

  • इस अवधि के दौरान, कलाकार और कला, वास्तुकला, डिजाइनिंग आदि जैसे रचनात्मक क्षेत्रों में लगे लोग उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे।
  • लोग कला और संगीत के विभिन्न रूपों के बारे में अधिक जागरूक हो सकते हैं।
  • इस अवधि के दौरान फैशन उद्योग में तेजी आएगी।
  • संचार कौशल और बुद्धि से संबंधित क्षेत्रों जैसे मार्केटिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, फैशन कम्युनिकेशन आदि में वृद्धि देखने को मिलेगी।
  • फिल्म उद्योग और संगीत उद्योग में भी तेजी आएगी।
  • इस अवधि के दौरान फैशन या कला के छात्रों को अच्छे ऑफर मिल सकते हैं।

मेडिसिन और रिसर्च

  • भारत समेत दुनियाभर में रिसर्च और तकनीकी क्षेत्र प्रगति प्राप्त करेंगे। 
  • नर्सिंग, हीलिंग, मेडिसिन जैसे उद्योगों में विकास देखने को मिलेगा। फिर चाहे व्यापार बड़ा या छोटा हो, लोग इन व्यवसायों में रुचि लेते हुए नज़र आएंगे।
  • मेडिसिन या सर्जरी के क्षेत्र में नए अनुसंधानों को सफलता प्राप्त होगी। 

सूर्य का सिंह राशि में गोचर: शेयर बाजार रिपोर्ट

आइए अब इस शेयर बाजार भविष्यवाणी 2024 रिपोर्ट की मदद से देखें कि सूर्य का सिंह राशि में गोचर शेयर बाजार को किस तरह प्रभावित करेगा।

  • सूर्य के सिंह राशि में गोचर करने से रासायनिक उर्वरक उद्योग, चाय उद्योग, कॉफी उद्योग, इस्पात उद्योग, हिंडाल्को, ऊनी मिलों सहित अन्य उद्योगों के फलने-फूलने की उम्मीद है।
  • रिलायंस इंडस्ट्रीज, परफ्यूम और कॉस्मेटिक इंडस्ट्रीज, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, सूचना प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में महीने के अंत तक मंदी रहेगी, लेकिन निरंतरता की संभावना है।
  • ऑप्टिकल और ग्लास से जुड़े उद्योग उच्च स्तर पर फलते-फूलते दिखाई देंगे।

सूर्य का सिंह राशि में गोचर: रिलीज होने वाली फिल्में और उनका भाग्य

फिल्म का नामस्टार कास्टरिलीज़ की तारीख
स्त्री 2श्रद्धा कपूर, राजकुमार राव15 अगस्त, 2024
वेदाजॉन अब्राहम15 अगस्त, 2024
क्रावेन हंटरआरोन टेलर जॉनसन30 अगस्त, 2024

जैसे ही सूर्य अपनी स्वयं की राशि (सिंह) में प्रवेश करेंगे, मनोरंजन उद्योग पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि सूर्य शुक्र की तरह रचनात्मकता के कारक हैं और इस अवधि के दौरान रिलीज होने वाली ऊपर सूचीबद्ध सभी फिल्में अच्छा या औसत से ऊपर का व्यवसाय करने के लिए तैयार हैं।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. क्या सिंह राशि में सूर्य उच्च के होते हैं?

उत्तर. नहीं, मेष राशि में सूर्य उच्च के होते हैं।

प्रश्न 2. सूर्य से कौन सी धातुएं जुड़ी हैं?

उत्तर. सोना और तांबा

प्रश्न 3. कुंडली में सूर्य को मज़बूत बनाने के लिए कौन सा रत्न पहनने की सलाह दी जाती है?

उत्तर. माणिक

शनि का होगा नक्षत्र परिवर्तन, तीन लोगों को नौकरी-बिज़नेस में मिलेगा जबरदस्‍त लाभ, सुख में होगी वृद्धि

शनि ग्रह उन ग्रहों में से एक हैं जो एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में बहुत अधिक समय लेते हैं। इन्‍हें सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह भी माना गया है। राशि के अलावा शनि नक्षत्र परिवर्तन करते हैं और जिस प्रकार शनि के गोचर का असर मानव जीवन पर पड़ता है, ठीक उसी प्रकार नक्षत्र परिवर्तन का प्रभाव भी होता है।

06 अप्रैल, 2024 को शनि देव ने बृहस्‍पति के पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश किया था। अब 18 अगस्‍त को शनि इसी नक्षत्र के प्रथम पद में प्रवेश करने जा रहे हैं। शनि इस पद में 03 अक्‍टूबर तक रहेंगे। शनि के पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के पहले पद में आने पर कुछ राशियों के लोगों की बंद किस्‍मत के दरवाजे खुल सकते हैं।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके  

ज्‍योतिष में पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र

वैदिक ज्‍योतिष में कुल 27 नक्षत्र हैं जिनमें से पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र 25वें स्‍थान पर आता है। इस नक्षत्र के स्‍वामी ग्रह बृहस्‍पति हैं। इस नक्षत्र में जन्‍म लेने वाले लोग दूसरों को निर्देश देने और प्रेरित करने में निपुण होते हैं। ये बहुत नम्र, सभ्‍य और संस्‍कारी होते हैं लेकिन इनके अंदर हिंसक प्रवृत्ति भी देखी जा सकती है।

तो चलिए अब जानते हैं कि शनि के पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में आने पर किन राशियों के अच्‍छे दिन शुरू हो जाएंगे।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा 

इन राशियों को मिलेगा सौभाग्‍य

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लोगों को इस समय अपने भाग्‍य का साथ मिलेगा। इन्‍हें हर क्षेत्र में सफलता मिलने के योग हैं। यदि आपका कोई काम लंबे समय से अटका हुआ है, तो अब वह बन सकता है। आपको अपने जीवन में सकारात्‍मक परिणाम प्राप्‍त होंगे। आप अपनी बुद्धिमानी से कई क्षेत्रों में सफलता पाने में सक्षम होंगे।

नौकरीपेशा जातकों को अपने कार्यक्षेत्र में उच्‍च सफलता प्राप्‍त होने की उम्‍मीद है। अगर आप किसी प्रकार के शारीरिक या मानसिक तनाव से ग्रस्‍त हैं, तो अब आपको उससे छुटकारा मिल सकता है। पारिवारिक समस्‍याओं का भी अब अंत होने वाला है। इस समय आपका स्‍वास्‍थ्‍य बहुत अच्‍छा रहेगा। कुल मिलाकर आपको इस समय किसी भी बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

कुंभ राशि

कुंभ राशि में शनि की साढ़ेसाती का आखिरी चरण चल रहा है। हालांकि, बृहस्‍पति के माध्‍यम से शनि देव इस राशि के लोगों को शुभ फल प्रदान करेंगे। आपके भौ‍तिक सुखों में वृद्धि देखने को मिलेगी। आपकी आय के नए स्रोत बनेंगे जिससे आपका मन प्रसन्‍न रहेगा। लंबे समय से अटके हुए काम भी अब पूरे हो सकते हैं।

यदि आप किसी प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या से ग्रस्‍त हैं, तो अब आपको उससे छुटकारा मिल सकता है। आपके अंदर जोश और उत्‍साह बढ़ेगा। आपके लिए धन लाभ के योग बन रहे हैं। आप अपने खर्चों को पूरा करने के साथ-साथ पैसों की बचत करने में भी सक्षम होंगे। बृहस्‍पति की शुभ दृष्टि आपके बारहवें भाव पर पड़ने की वजह से आपके अनावश्‍यक खर्चों में कमी आएगी। इससे आपकी आर्थिक‍ स्थिति बेहतर हो पाएगी। आपने अपने जीवन में जो बड़े लक्ष्‍य निर्धारित किए हैं, अब उन्‍हें पूरा करने का समय आ गया है। आपको सुख-समृद्धि मिलेगी और आपके जीवन में खुशहाली आएगी।

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

तुला राशि

तुला राशि के लोगों को भी शनि के नक्षत्र परिवर्तन करने से लाभ मिलेगा। आपको अपने कार्यक्षेत्र में जिन समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है, अब वे खत्‍म होंगी। नौकरीपेशा जातकों को नए और बेहतरीन अवसर मिलने के संकेत हैं। आपको व्‍यापार या अन्‍य किसी स्रोत से धन लाभ होने के आसार हैं।

आपकी आय के स्रोतों में वृद्धि देखने को मिलेगी। रुका हुआ पैसा वापस मिल सकता है। आपको अपनी कड़ी मेहनत का फल मिलने वाला है। रिश्‍तों में आई गलतफहमियां दूर होंगी जिससे आप खुश रहेंगे। आपकी इच्‍छाओं की पूर्ति होगी और आपको अपने दोस्‍तों का पूरा सहयोग मिलेगा। आपको अपने मित्रों की सहायता से धन लाभ होने की भी संभावना है।

आपको पैसों की तंगी से छुटकारा मिलेगा। फिज़ूलखर्चों में भी कटौती देखने को मिलेगी। आप पैसों की बचत कर पाने में भी कामयाब होंगे। आप अपने लिए प्रॉपर्टी या वाहन आदि खरीद सकते हैं।

तुला साप्ताहिक राशिफल

आपकी कुंडली में भी है राजयोग? जानिए अपनी  राजयोग रिपोर्ट

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्‍न 1. पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में जन्‍मे बच्‍चे कैसे होते हैं?

उत्तर. ये नम्र, सभ्‍य और संस्‍कारी होते हैं।

प्रश्‍न 2. पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का स्‍वामी ग्रह कौन है?

उत्तर. इस नक्षत्र के स्‍वामी ग्रह बृहस्‍पति हैं।

प्रश्‍न 3. पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में कौन से प्रसिद्ध लोग पैदा हुए थे?

उत्तर. श्री रामकृष्‍ण परमहंस और माइकल जैक्‍सन का जन्‍म हुआ था।

प्रश्‍न 4. पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र की कौन सी राशि है?

उत्तर. इसके पहले, दूसरे और तीसरे चरण की राशि कुंभ है।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

इन आसान उपायों से रोग होंगे दूर, मिलेगा स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद!

हर इंसान एक स्वस्थ जीवन जीना और निरोगी काया पाना चाहता है, लेकिन कभी-कभी तमाम कोशिशों के बाद भी ऐसा नहीं हो पाता है। ऐसे में, व्यक्ति कई तरह के रोगों और बीमारियों का शिकार हो जाता है जिसकी वजह से न सिर्फ आपको बल्कि आपके करीबियों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और इलाज के बावजूद परिणाम निराशाजनक ही रहते हैं। अगर आप भी किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, सब कुछ करके हार गये हैं और बीमारी पीछा नहीं छोड़ रही है तो यह पोस्ट आपके लिए है। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग अनुभवी ज्योतिषी स्वामी अमितानंद जी महाराज द्वारा तैयार किया गया है। इस लेख में आप स्वामी जी द्वारा बताए गए सरल उपायों को अपनाकर स्वस्थ जीवन प्राप्त कर सकते हैं। 

स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के निवारण के लिए स्वामी अमितानंद जी महाराज से करें फ़ोन पर बात

स्वस्थ एवं निरोगी जीवन के लिए करें ये उपाय  

नासै रोग हरै सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीरा” हनुमान जी का जाप सभी प्रकार की पीड़ा से मुक्ति देता है, यह आप सभी जानते हैं। आपको हम आज एक दिव्य प्रयोग बताने जा रहे हैं, अगर आपने इस प्रयोग को कर लिया तो आपकी हर व्याधि, रोग, दोष, पीड़ा छुमंतर हो जाएगी। 

  • कोई भी परेशानी या रोग होने पर आप मंगलवार के दिन से “हनुमान बाहुक ” का 11 बार पाठ प्रतिदिन कम से कम 11 दिनों तक संकल्पपूर्वक करें।  आपकी जो भी पीड़ा हो उसे दूर करने की प्रार्थना करते हुए संकल्प के साथ हनुमान जी से निवेदन करें कि “मै हनुमान बाहुक के 11 पाठ प्रतिदिन 11 बार करूंगा। आप हमारी अमूक पीड़ा/रोग दूर करें।” 

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

  • इसके बाद, गौरी गणेश, राम पंचायत और हनुमान जी की पूजा करें। साथ ही, गुड़हल का लाल पुष्प समर्पित करें और भोग, आरती, क्षमा प्रार्थना आदि करने के बाद हनुमान बाहुक का पाठ बताई हुई विधि (पुस्तक मे विधि लिखी रहती है) से करें। 
  • प्रतिदिन पूजन पूर्ण होने पर सामने लोटे मे रखे जल को रोगी को पिला दें और कुछ जल घर मे छिड़क दें। ऐसा करने से रोग दूर हो जाएंगे। 

यह बहुत ही अद्भुत, दिव्य एवं अमोघ प्रयोग है। इसका लाभ उठाएं और दूसरों को भी बताएं। 

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. स्वास्थ्य की कमज़ोरी के लिए क्या ग्रह-नक्षत्र जिम्मेदार होते हैं? 

हाँ, कुंडली में ग्रहों की अशुभ या कमज़ोर स्थिति से व्यक्ति रोगों का शिकार हो जाता है। 

2.  कौन सा ग्रह कमज़ोर होने पर त्वचा से जुड़े रोग परेशान करते हैं?

बुध ग्रह के अशुभ होने पर त्वचा संबंधी समस्याएं परेशान करती हैं। 

3. अच्छे स्वास्थ्य के लिए किस भगवान की पूजा करें?

हनुमान जी की पूजा से उत्तम स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है।

 

रक्षाबंधन 2024: शुभ मुहूर्त, महत्व और राशि अनुसार तोहफे की संपूर्ण जानकारी मिलेगी सिर्फ यहां!

भाई बहन के रिश्ते को दर्शाता एक ऐसा खूबसूरत त्योहार जिसकी डोर बेहद ही मजबूत, पक्की और विश्वसनीय होती है। दरअसल सनातन धर्म में इस पवित्र और पावन त्यौहार को रक्षाबंधन कहते हैं। इस त्यौहार पर बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी रक्षा की, लंबी उम्र की, उत्तम स्वास्थ्य की और जीवन में सफलता की कामना करती है वहीं बदले में भाई उन्हें तोहफे देकर ता-उम्र उनकी हिफाजत करने का विश्वास दिलाते हैं। 

एस्ट्रोसेज का हमारा आज का यह खास ब्लॉग इसी बेहद ही खूबसूरत रिश्ते के इर्द-गिर्द तैयार किया गया है। इस ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे साल 2024 में रक्षाबंधन का त्यौहार कब मनाया जा रहा है, इसका शुभ मुहूर्त और समय क्या रहने वाला है, रक्षाबंधन के त्यौहार का महत्व क्या होता है, इसके नियम और सावधानियां क्या-क्या है, साथ ही अगर आप अपनी बहन को रक्षाबंधन पर राशि अनुसार तोहफा देना चाहते हैं तो इसकी जानकारी भी हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से प्रदान कर रहे हैं। 

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें रक्षाबंधन को और भी खास बनाने के उपाय

तो चलिए बिना देरी की शुरू करते हैं ये स्पेशल ब्लॉग और जानते हैं वर्ष 2024 में रक्षाबंधन कब मनाया जाएगा।

रक्षाबंधन 2024 समय- मुहूर्त 

सबसे पहले बात करें समय की तो साल 2024 में रक्षाबंधन का यह त्यौहार 19 अगस्त 2024 सोमवार के दिन मनाया जाएगा। इसके अलावा अगर आप मुहूर्त जानना चाहते हैं तो,

राखी बांधने का मुहूर्त :13:34:40 से 21:07:31 तक

अवधि :7 घंटे 32 मिनट

रक्षा बंधन अपराह्न मुहूर्त :13:42:42 से 16:19:24 तक

रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्त :18:56:06 से 21:07:31 तक

अधिक जानकारी: यहां हम आपको जो मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं वह नई दिल्ली के लिए मान्य है। अगर आप अपने शहर के अनुसार इस दिन का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक करें।

रक्षाबंधन 2024 महत्व 

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है कि, रक्षाबंधन का त्योहार रक्षा और बंधन जैसे दो शब्दों से जोड़कर बनाया गया है जिसमें एक तरफ तो भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है तो दूसरी तरफ एक पवित्र सूत्र को बहन अपने भाई की कलाई पर बांधकर उनके उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु की कामना करती है। ऐसे में यह एक ऐसा बंधन होता है जो एक रिश्ते में रक्षा प्रदान करता है। 

रक्षाबंधन के इस त्यौहार को बहुत सी जगह पर राखी का त्यौहार भी कहा जाता है। इसके अलावा यहां एक बात का विशेष ध्यान रखना होता है कि राखी हमेशा शुभ मुहूर्त में ही बांधनी चाहिए। कभी भी भद्रा काल में रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाया जाता है। 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बात करें तो हिंदू ग्रंथो के अनुसार कहा जाता है कि जब असुरों और देवताओं के बीच युद्ध चल रहा था और इसमें इंद्रदेव हार गए थे तब उनकी पत्नी इंद्राणी ने इंद्रदेव की रक्षा और उनके युद्ध में जीतने के लिए इंद्र की कलाई पर पवित्र पीला धागा बांधा था। कहा जाता है इसके बाद वह विजई भी हुए। 

जब राजा बलि ने भगवान विष्णु से वचन लेकर उन्हें अपने साथ पाताल लोक में रख लिया था तब मां लक्ष्मी ने रक्षा राजा बलि ही कलाई पर राखी बांधी थी और बदले में उपहार के तौर पर उनसे भगवान विष्णु की वापसी का अनुरोध किया था। 

महाभारत से जुड़ी कहानी के अनुसार बात करें तो रानी द्रौपदी ने एक बार कृष्ण की चोट को ठीक करने के लिए उनकी कलाई पर अपनी पोशाक से एक कपड़ा फाड़ कर बांध दिया था। भगवान श्री कृष्णा इस बात से इतनी ज्यादा खुश और प्रभावित हुए कि उन्होंने द्रौपदी को अपनी बहन बना लिया और उनकी रक्षा करने की जिम्मेदारी ली।

आज का गोचर

रक्षाबंधन नियम और सावधानियाँ 

रक्षाबंधन के इस खास और पवित्र त्यौहार से संबंधित कुछ विशेष नियम और सावधानियां भी बताए गए हैं जिनका पालन करना बेहद ही अनिवार्य होता है। जैसे कि, 

  • इस दिन जल्दी उठकर भाई और बहन दोनों को स्नान अवश्य करना चाहिए। 
  • इस दिन दोनों साफ या मुमकिन हो तो नए वस्त्र धारण करें। 
  • इसके बाद भाई पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह करके बैठ जाए। इस बात का ख्याल रखें कि भाई की पीठ पश्चिम या फिर दक्षिण दिशा में होनी चाहिए। 
  • इसके बाद भाई अपने हाथ में दक्षिणा या फिर चावल लेकर मुट्ठी बांध ले और अपनी बहन से राखी बंधवाएँ। 
  • सबसे पहले बहन खुद का और अपने भाई का सिर ढके, इसके बाद माथे पर कुमकुम का तिलक लगाकर अक्षत लगाए, सीधे हाथ में नारियल देकर भाई के हाथ में रक्षा सूत्र बाँधें। 
  • इस राखी में तीन गांठे लगाना बेहद शुभ माना जाता है।
  • रक्षा सूत्र बांधने के बाद बहनें भाई का मुंह मीठा कराएं और उनकी आरती उतारें और बदले में भाई अपनी बहन के पैर छुए, उनकी रक्षा का वादा करें और बदले में अपनी यथाशक्ति अनुसार उन्हें कोई उपहार अवश्य दें।
  • इसके अलावा इस विशेष नियम का खास करके ख्याल रखें की रक्षा सूत्र कभी भी काले रंग का नहीं होना चाहिए।

रक्षाबंधन राशि अनुसार तोहफे 

रक्षाबंधन का यह बेहद खूबसूरत त्यौहार भाई-बहन के रिश्ते की खूबसूरती को दर्शाता है। जहां हर बहन की कामना होती है कि उसका भाई स्वस्थ रहे, खुशहाल जीवन व्यतीत करें और सफलता की सीढ़ियां चढ़े वहीं भाई हमेशा अपनी बहन की हिफाजत करना चाहते हैं। ऐसे में अगर आप इस त्यौहार पर चार चांद लगाना चाहते हैं तो आप अपनी बहन को राशि अनुसार उपहार देकर भी ऐसा कर सकते हैं। 

आइए अपने इस विशेष सेगमेंट के माध्यम से जान लेते हैं कि इस रक्षाबंधन को और भी ज्यादा खास बनाने के लिए आप अपनी बहन को क्या कुछ राशि अनुसार तोहफे दे सकते हैं:

मेष राशि: मेष राशि के जातकों पर मंगल ग्रह का प्रभाव होता है ऐसे में अगर आपकी बहन की राशि मेष है तो आप उन्हें धातु से बनी कोई वस्तु, कोई शोपीस गिफ्ट दे सकते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो उन्हें लाल रंग की कोई चीज, कोई ड्रेस या कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस दे सकते हैं। 

वृषभ राशि: अगर आपकी बहन की राशि वृषभ है तो आप उन्हें परफ्यूम, कोई खूबसूरत रेशमी कपड़ा या संगमरमर की कोई मूर्ति उपहार में दे सकते हैं। दरअसल वृषभ राशि पर शुक्र का स्वामित्व होता है और ये सभी चीज़ें शुक्र ग्रह से संबंधित होती हैं। 

मिथुन राशि: अगर आपकी बहन की राशि मिथुन है तो आप उन्हें पेन का सेट, खेलने कूदने का कोई समान, या हरे रंग की कोई फोटो जिसमें हरियाली नजर आ रही हो यह उपहार में दे सकते हैं क्योंकि मिथुन राशि का स्वामी बुध होता है।

कर्क राशि: कर्क राशि के जातकों पर चंद्रमा का विशेष प्रभाव देखने को मिलता है। ऐसे में अगर आपकी बहन की राशि कर्क है तो आप उन्हें चांदी से बनी कोई चीज या फिर मोतियों से बना कोई गहना, सफेद चीज, कोई गाड़ी या ऐसी कोई चीज उपहार में दे सकते हैं।

सिंह राशि: अगर आपकी बहन की राशि सिंह है तो आप उन्हें सोने का कोई आभूषण, तांबे की कोई वस्तु, लकड़ी का कोई शोपीस या फिर सुनहरे रंग की कोई वस्तु उपहार में दे सकते हैं।

कन्या राशि: कन्या राशि का स्वामी भी बुध को माना गया है। ऐसे में अगर आपकी बहन की राशि कन्या है तो आप इस रक्षाबंधन पर उन्हें कांसे की कोई मूर्ति, हरे रंग की कोई ड्रेस, पन्ना की अंगूठी, गणेश जी की मूर्ति, कोई अच्छी किताब या पेन गिफ्ट में दे सकते हैं।

इष्ट देवता

तुला राशि: अगर आपकी बहन तुला राशि की है अर्थात शुक्र के स्वामित्व वाली राशि से संबंधित है तो आप अपनी बहन को कपड़े, आभूषण, इतर या फिर परफ्यूम तोहफे में दे सकते हैं।

वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि का स्वामी भी मंगल ग्रह होता है। ऐसे में अगर आपकी बहन की राशि वृश्चिक है तो आप उन्हें लाल रंग की कोई मिठाई, मूँगे से बना कोई आभूषण, कोई अंगूठी या फिर तांबे की कोई वस्तु उपहार में दे सकते हैं।

धनु राशि: धनु राशि के जातकों पर गुरु ग्रह अर्थात बृहस्पति का प्रभाव होता है। ऐसे में अगर आपकी बहन की राशि भी धुन है तो आप इन्हें किताब, सोने का कोई आभूषण, वस्त्र उपहार में दे सकते हैं।

मकर राशि: मकर राशि के जातकों पर शनि का प्रभाव देखा जाता है। अगर आपकी बहन की राशि भी मकर है तो आप उन्हें मोबाइल, लैपटॉप या कोई वाहन उपहार में दे सकते हैं।

जड़ी कैलकुलेटर – जन्म-कुंडली आधारित जड़ी सुझाव

कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातकों पर भी शनि का प्रभाव देखने को मिलता है। ऐसे में अगर आपकी बहन की राशि कुंभ है तो आप उन्हें कोई खूबसूरत फुटवियर, ब्रेसलेट, पत्थर से बना कोई शो पीस या फिर नीलम के आभूषण उपहार में दे सकते हैं।

मीन राशि: राशि चक्र की आखिरी राशि मीन पर गुरु का स्वामित्व होता है। अगर आपकी बहन भी मीन राशि की है तो आप उन्हें सोने के आभूषण, पीली मिठाई, पीले रंग का वस्त्र, फिश एक्वेरियम आदि उपहार में दे सकते हैं।

क्या यह जानते हैं आप? मान्यता के अनुसार रक्षाबंधन के दिन आप अपनी बहन को उपहार में चाहे कुछ भी दें लेकिन चांदी की कोई वस्तु अवश्य उन्हें दें। कहा जाता है कि बहन को चांदी का तोहफा देने से ऐश्वर्य, सुख और शांति जीवन में बनी रहती है। चांदी को एक ऐसी धातु मान जाता है जो व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य बढ़ाती है। इसके अलावा इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि थाली पर अर्थात जिस थाल में रक्षाबंधन की पूजा की गई हो उसमें कुछ पैसे अवश्य रखें। इसके बिना रक्षाबंधन की पूजा अधूरी मानी जाती है।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्न 1: 2024 में रक्षाबंधन कब है? 

उत्तर: 2024 में 19 अगस्त 2024 को रक्षाबंधन मनाया जाएगा। 

प्रश्न 2: भद्रा में रक्षाबंधन क्यों नहीं मनाते हैं?

उत्तर: भद्रा का समय रक्षाबंधन के लिए शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में इस दौरान राखी बांधना वर्जित होता है। 

प्रश्न 3: क्या पंचक में राखी बांध सकते हैं? 

उत्तर: जिस तरह से भद्रा में रक्षाबंधन मनाना वर्जित होता है उसी तरह से पंचक में भी भाई की कलाई पर राखी बांधने से बचने की सलाह दी जाती है। 

प्रश्न 4: राखी रात में क्यों नहीं बांधी जाती है? 

उत्तर: हिंदू धर्म के अनुसार भद्राकाल या रात्रि के समय राखी नहीं बांधी जाती है क्योंकि सूर्यास्त के बाद कोई भी शुभ कार्य वर्जित होता है। 

प्रश्न 5: क्या रक्षाबंधन बैंक अवकाश है?

उत्तर: रक्षाबंधन 2024 बैंक अवकाश होता है और 19 अगस्त को देशभर के सभी बैंक बंद होंगे।

प्रीति योग से शुरू होगा ये सप्ताह- इन राशियों को होगा छप्पर फाड़कर धनलाभ!

अगस्त का दूसरा सप्ताह शुरू होने वाला है और ऐसे में अगर आप भी अपने आने वाले भविष्य को लेकर के सवालों के भँवर में डूबे हुए हैं तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं क्योंकि ऐस्ट्रोसेज के इस साप्ताहिक राशिफल ब्लॉग में हम आपके इन्हीं सवालों के जवाब देने का ही प्रयत्न करते हैं।

साप्ताहिक राशिफल के इस खास ब्लॉग में हम आने वाले सात दिनों की विस्तृत भविष्यवाणी के साथ-साथ आपको मनाए जाने वाले व्रत त्योहार, ग्रहण गोचर, बैंक अवकाश, विवाह मुहूर्त की जानकारी भी देते हैं। तो चलिए शुरू करते हैं और जान लेते हैं स्वतंत्रता दिवस का यह सप्ताह सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहने वाला है।

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने संतान के भविष्य से जुड़ी हर जानकारी

12 से 18 अगस्त 2024- हिंदू पंचांग और व्रत त्यौहार

12 अगस्त 2024 सोमवार 

तिथि सप्तमी

पक्ष शुक्ल

अभिजीत मुहूर्त 11:59:22 से 12:52:18 तक

दिशाशूल पूर्व

व्रत त्यौहार: चौथा सावन सोमवार व्रत 

13 अगस्त 2024 मंगलवार 

तिथि अष्टमी

पक्ष शुक्ल

अभिजीत मुहूर्त 11:59:14 से 12:52:04 तक

दिशाशूल उत्तर

व्रत त्यौहार: चौथा मंगला गौरी व्रत, मासिक दुर्गा अष्टमी 

14 अगस्त 2024 बुधवार 

तिथि नवमी

पक्ष शुक्ल

अभिजीत मुहूर्त कोई नहीं

दिशाशूल उत्तर

व्रत त्यौहार: इस दिन कोई भी व्रत त्यौहार नहीं है। 

15 अगस्त 2024 गुरुवार 

तिथि दशमी

पक्ष शुक्ल

अभिजीत मुहूर्त 11:58:57 से 12:51:35 तक

दिशाशूल दक्षिण

व्रत त्यौहार: स्वतंत्रता दिवस 

16 अगस्त 2024 शुक्रवार 

तिथि एकादशी

पक्ष शुक्ल

अभिजीत मुहूर्त 11:58:47 से 12:51:19 तक

दिशाशूल पश्चिम

व्रत त्यौहार: वर लक्ष्मी व्रत, सिंह संक्रांति, श्रावण पुत्रदा एकादशी, दामोदर द्वादशी 

17 अगस्त 2024 शनिवार 

तिथि द्वादशी 

पक्ष शुक्ल

अभिजीत मुहूर्त 11:58:37 से 12:51:03 तक

दिशाशूल पूर्व

व्रत त्यौहार: शनि त्रयोदशी, मलयालम नववर्ष, प्रदोष व्रत 

18 अगस्त 2024 रविवार 

तिथि त्रयोदशी – 05:53:37 तक, चतुर्दशी – 27:07:06 तक

पक्ष शुक्ल

अभिजीत मुहूर्त 11:58:27 से 12:50:47 तक

दिशाशूल पश्चिम

व्रत त्यौहार: इस दिन कोई भी व्रत त्यौहार नहीं है

इस सप्ताह में प्रीति योग का निर्माण होने वाला है। इस योग के बारे में कहा जाता है कि जो भी जातक इस योग में जन्म लेते हैं वह विषयों के ज्ञाता होते हैं, जीवंत होते हैं और अपने जीवन में कोई भी कार्य बेहद उत्साह पूर्वक करते हैं। साथ ही ऐसे जातक सौंदर्य प्रेमी और विपरीत लिंग के लोगों से प्रेम करने वाले होते हैं। इसके अलावा ये लोग स्वभाव में चतुर होते हैं और किसी भी तरह अपना सर्वार्थ सिद्ध करना जानते हैं।

कपल होरोस्कोप

12 से 18 अगस्त 2024: ग्रहण-गोचर 

ग्रहण गोचर के बारे में बात करें तो ग्रहों की चाल का ज्योतिष में विशेष महत्व होता है। जब भी कोई ग्रह कोई भी परिवर्तन करता है फिर वह चाहे वो राशि परिवर्तन हो या अपनी गति में परिवर्तन करता हो तो इससे व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव अवश्य पड़ता है और यही वजह है की राशिफल की भविष्यवाणी करते समय ग्रहों की चाल को विशेष रूप से देखा और समझा जाता है। 

बात करें 12 से 18 अगस्त के बीच होने वाले ग्रहण और गोचर की तो इस सप्ताह में दो परिवर्तन होने वाले हैं जिसमें से पहला 12 अगस्त को होगा जब 9:49 पर बुध ग्रह सिंह राशि में अस्त हो जाएंगे। जानकारी के लिए बता दें इससे पहले 5 तारीख को बुध सिंह राशि में ही वक्री हुए थे उसके बाद 16 अगस्त को सिंह राशि में ही सूर्य का गोचर हो जाएगा। यह गोचर 19 बजकर 32 मिनट पर होगा। 

यहां यह बात भी गौर करने वाली है कि सिंह राशि में इस वक्त 3 महत्वपूर्ण ग्रहों की युति भी होगी। दरअसल 31 जुलाई को शुक्र का सिंह राशि में गोचर हुआ था। इससे पहले 19 जुलाई को बुध का सिंह राशि में गोचर हुआ था और अब 16 अगस्त को सूर्य भी सिंह राशि में आ जाएंगे। ऐसे में इन तीन महत्वपूर्ण ग्रहों की युति होने वाली है जिसका स्वाभाविक रूप से सभी 12 राशियों के जातकों पर असर अवश्य पड़ेगा। आपकी राशि को यह त्रिग्रही योग किस तरह से प्रभावित करेगा यह जानने के लिए आप अभी विद्वान ज्योतिषियों से जुड़कर इसका जवाब जान सकते हैं।

आज का गोचर

12 से 18 अगस्त 2024- बैंक अवकाश 

अब बात करें बैंक अवकाशों की तो इस सप्ताह में कई बैंक अवकाश पड़ने वाले हैं जिनमें से पहले होगा 13 अगस्त 2024 मंगलवार को इस दिन देशभक्ति दिवस है। इसका अवकाश मणिपुर में रहेगा। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस है जो की एक राष्ट्रीय बैंक अवकाश होता है। इसके अलावा 15 अगस्त गुरुवार के दिन पारसी नव वर्ष भी है। इसका आवकाश दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली, गुजरात और महाराष्ट्र में होता है। इसके बाद 16 अगस्त शुक्रवार के दिन विधिवत स्थानांतरण दिवस है जिसका अवकाश पांडिचेरी में होता है।

12 से 18 अगस्त 2024- विवाह मुहूर्त 

विवाह मुहूर्त की बात करें तो इस सप्ताह में कोई भी विवाह मुहूर्त नहीं पड़ने वाला है। ऐसे में अगर आप विवाह करना चाहते हैं या आपके घर में कोई विवाह योग्य हो गया है तो अभी आपको रुकने की सलाह दी जा रही है। इसके अलावा आप चाहे तो विद्वान ज्योतिषियों से परामर्श लेकर आप अपने विवाह के लिए शुभ मुहूर्त की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

शनि साढ़ेसाती

12 से 18 अगस्त 2024- जन्मदिन की जानकारी 

अब अपने इस आखिरी सेगमेंट में हम बात करते हैं इस सप्ताह में पड़ने वाले मशहूर सितारों के जन्मदिन के बारे में। ऐसे में बात करें 12 से 18 अगस्त के बीच में किन सितारों का जन्मदिन मनाया जाएगा तो वह सबसे पहले 

12 अगस्त सारा अली खान (एक्ट्रेस) सायशा सहगल (एक्ट्रेस) 

13 अगस्त अपरा मेहता (एक्ट्रेस) काम्या पंजाबी (एक्ट्रेस) 

14 अगस्त जॉनी लीवर (एक्टर) सुनिधि चौहान (सिंगर) मोहित रैना (एक्टर) 

15 अगस्त अदनान सामी (सिंगर) अयान मुखर्जी (स्क्रीनप्ले डायरेक्टर) 

16 अगस्त सैफ अली खान (एक्टर) उपेन पटेल (एक्टर) 

17 अगस्त नताशा (एक्ट्रेस) शंकर (डायरेक्टर) 

18 अगस्त रणबीर सॉरी (एक्टर) दलेर मेहंदी (एक्टर)

यदि आप अपने फेवरेट सितारे की कुंडली देखकर उनके भविष्य के बारे में कुछ भी जानना चाहते हैं तो आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं।

एस्ट्रोसेज की तरफ से इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें

साप्ताहिक राशिफल 12 से 18 अगस्त 2024- एक नज़र

अब जानते हैं सभी बारह राशियों के जातकों के लिए यह सप्ताह क्या कुछ लेकर आने वाला है:

यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें:
चंद्र राशि कैलकुलेटर

मेष साप्ताहिक राशिफल

रक्तचाप, मधुमेह या मोटापे के मरीज़ों को, इस सप्ताह अपना ख़ास ख़याल रखने और सही व समय के अनुसार….. (विस्तार से पढ़ें) 

मेष प्रेम राशिफल 

दिल से आप अपने संगी को खुश करने की कोशिश इस सप्ताह करते नजर आ सकते हैं। किसी ….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

खेल-कूद में हिस्सा लेने की, आपको इस सप्ताह सबसे अधिक ज़रूरत है। क्योंकि आप भी इस बात को समझते हैं ….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ प्रेम राशिफल

यदि इस सप्ताह आप किसी मित्र को प्रपोज करने का सोच रहे हैं तो, ऐसा करना आपके लिए ….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपके स्वास्थ्य का मिजाज अच्छा रहने से, आपके आत्मबल में भी बढ़ोत्तरी होगी। अपनी बेहतर सेहत ….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन प्रेम राशिफल

आपकी राशि के प्रेमी, स्वभाव से ही भावुक और केयर करने वाले होते हैं। यही वजह है कि यह….(विस्तार से पढ़ें)

कर्क साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपका मन अपने दोस्तों और करीबियों के साथ, किसी सुंदर स्थल की यात्रा पर जाने का कर सकता …. (विस्तार से पढ़ें)

कर्क प्रेम राशिफल

 प्रेम राशिफल के अनुसार आपके बीच म्युचुअल अंडरस्टैंडिंग, इस सप्ताह काफी बढ़िया बनेगी ….(विस्तार से पढ़ें)

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें।

सिंह साप्ताहिक राशिफल

यूं तो इस सप्ताह आप पूरे समय चुस्ती-फुर्ती से भरे रहेंगे, लेकिन फिर भी आपको अपने भोजन पर ध्यान देना….(विस्तार से पढ़ें)

सिंह प्रेम राशिफल

सिंगल जातक इस समय काम में व्यस्तता के कारण, अपने प्रेमी से अपने दिल की बात कर पाने में ……(विस्तार से पढ़ें)

कन्या साप्ताहिक राशिफल

इस राशि के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना, इस सप्ताह बिलकुल भी नहीं करना पड़ेगा। अतः ….(विस्तार से पढ़ें)

कन्या प्रेम राशिफल

यदि आपको अपने लवमेट से यह शिकवा था कि वह अपने दिल की बातों को जुबां पर नहीं लाते ….(विस्तार से पढ़ें)

तुला साप्ताहिक राशिफल

इस राशि के वो बुजुर्ग जातक, जो पिछले समय से जोड़ों में दर्द की समस्या या कमर में दर्द से परेशान थे, उन्हें इस …..(विस्तार से पढ़ें)

तुला प्रेम राशिफल

ये सप्ताह आपकी लव लाइफ को बहुत ही ख़ुशियों से भर देगा। क्योंकि आप एक दूसरे के बिना ….. (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह किसी कारणवश आपको, अचानक यात्रा पर जाना पड़ सकता है। ये यात्रा आपके लिए बहुत ज्यादा…..(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक प्रेम राशिफल

किसी भी ख़ास व्यक्ति से दिल की बात कहना इस सप्ताह, आपके लिए प्रतिकूल साबित हो सकता …..(विस्तार से पढ़ें)

धनु साप्ताहिक राशिफल

जो जातक जिम जाते हैं उन्हें, इस सप्ताह ज़रूरत से ज्यादा वजन उठाने से बचना चाहिये, नहीं तो आपकी …..(विस्तार से पढ़ें)

धनु प्रेम राशिफल

यदि आपको अपने लवमेट से यह शिकवा था कि वह अपने दिल की बातों को जुबां पर नहीं लाते …..(विस्तार से पढ़ें)

विद्वान ज्योतिषियों से प्रश्न पूछें और पाएं हर समस्या का समाधान

मकर साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आप अपने अच्छे स्वास्थ्य के कारण, उन लोगों को गलत साबित कर देंगे, जो सोचते थे कि आप नया ….(विस्तार से पढ़ें)

मकर प्रेम राशिफल

रोमांस के नज़रिए से आपकी ज़िन्दगी कोई नया मोड़ ले सकती है। क्योंकि संभव है कि प्रेमी ….(विस्तार से पढ़ें)

कुम्भ साप्ताहिक राशिफल

इस समय आपको अपने घर के किसी सदस्य की बिगड़ती तबियत में सुधार देखकर, खुद भी मानसिक तनाव से …. (विस्तार से पढ़ें)

कुम्भ प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपका लवमेट आपकी विश्वसनीयता की परीक्षा ले सकता है और आप उस परीक्षा में ….(विस्तार से पढ़ें)

मीन साप्ताहिक राशिफल 

इस सप्ताह अपने स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ न करें, और जितना संभव हो शराब पीने से बचें। क्योंकि योग बन रहे हैं …..(विस्तार से पढ़ें)

मीन प्रेम राशिफल

यदि आपके और प्रेमी के बीच लंबे वक़्त से कोई विवाद चलता आ रहा था तो, उसे आपको इस …. (विस्तार से पढ़ें)

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्न 1: 12 से 18 अगस्त के बीच कौन-कौन से व्रत-त्योहार किए जाएंगे?

उत्तर: चौथा सावन सोमवार व्रत, चौथा मंगला गौरी व्रत, श्रावण पुत्रदा एकादशी, वर लक्ष्मी व्रत

प्रश्न 2: मीन राशि के जातकों का प्रेम जीवन इस सप्ताह कैसा रहेगा?

उत्तर: इस सप्ताह मीन राशि के जातकों के प्रेम जीवन में नयापन और रोमांस देखने को मिलेगा।   

प्रश्न 3: इस सप्ताह कौन-कौन से ग्रहों का गोचर होगा?

उत्तर: 12 अगस्त को 9:49 पर बुध ग्रह सिंह राशि में अस्त हो जाएंगे और 16 अगस्त को सिंह राशि में ही सूर्य का गोचर 19 बजकर 32 मिनट पर होगा। 

अस्त बुध बढ़ाएँगे इन राशियों की दुविधा- सोचे-समझे फैसले भी साबित होंगे खतरनाक!

कुंडली में ग्रहों का अस्त होना बहुत ही आम बात मानी जाती है। अस्त ग्रहों की घटना सूर्य की वजह से होती है। सूर्य को ज्योतिष में एक राजसी ग्रह माना गया है। कहा जाता है कि जब कोई भी ग्रह सूर्य के बहुत करीब आ जाता है तो वह अपनी शक्तियां खोने लगता है और ज्योतिष में इसे अस्त के नाम से जाना जाता है। 

जल्द ही अगस्त के महीने में बुध ग्रह सिंह राशि में अस्त होने जा रहे हैं। हमारा यह खास ब्लॉग इसी विषय के इर्द-गिर्द तैयार किया गया है। अपने इस खास ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे 12 अगस्त को सिंह राशि में बुध अस्त की ये ज्योतिषीय घटना सभी 12 राशियों को किस तरह से प्रभावित करेगी, ज्योतिष में अस्त बुध का क्या महत्व होता है, साथ ही जानेंगे अस्त बुध के नकारात्मक प्रभावों से बचने के कुछ बेहद सरल और ज्योतिषीय उपायों की जानकारी।

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने संतान के भविष्य से जुड़ी हर जानकारी

सिंह राशि में बुध अस्त 2024- समय 

सबसे पहले बात करें समय की तो दरअसल सिंह राशि में बुध 12 अगस्त 2024 को 9:49 पर अस्त हो जाएंगे। इसके अलावा यहां यह भी जानना महत्वपूर्ण हो जाता है कि सूर्य से अस्त ग्रहों की दूरी अलग-अलग निर्धारित की गई है। जैसे बात करें चंद्रमा की तो जब चंद्रमा सूर्य के दोनों तरफ 12 डिग्री के भीतर आ जाता है तो अस्त हो जाता है। वहीं बुध की बात करें तो सूर्य के निकट 5-6 डिग्री के अंदर आने पर सूर्य अस्त हो जाता है। हालांकि अगर बुध वक्री चाल में चल रहा है तो यह 12 डिग्री निकट आने पर अस्त होता है। शुक्र की बात करें तो 5 6 डिग्री के भीतर आने पर अस्त हो जाता है। वहीं अगर शुक्र वक्री गति में है तो यह आठ डिग्री पर अस्त होगा। 

इसके अलावा अन्य ग्रहों की बात करें तो, 

मंगल: सूर्य के दोनों ओर 7-8 डिग्री के भीतर अस्त होता है।

बृहस्पति: सूर्य के दोनों ओर 9-10 डिग्री के भीतर अस्त होता है।।

शनि: सूर्य के दोनों ओर 9-10 डिग्री के भीतर अस्त होता है।।

राहु और केतु छाया ग्रह हैं और ये अस्त नहीं होते हैं।

इसके अलावा आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राहु और केतु को चूंकि छाया ग्रह का दर्जा दिया गया है ऐसे में सूर्य के बहुत करीब आने पर यह अस्त नहीं होते हैं बल्कि यह ग्रहण का कारण बनते हैं।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

ग्रहों के अस्त होने से क्या होता है? 

अस्त ग्रह अपनी शक्ति खो देते हैं और कुंडली में अपने शुभ परिणाम व्यक्ति के जीवन में नहीं दे पाते हैं। हालांकि यहां पर भी कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना होता है। जो ग्रह सूर्य की जितना करीब जाता है उसे उतना ही अस्त का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर बुध सूर्य से 14 डिग्री दूर है तो यह अपने प्रारंभिक दहन या अस्त चरण में प्रवेश कर जाता है लेकिन अगर यह सूर्य से 5 डिग्री दूर है तो यह गंभीर रूप से अस्त माना जाता है।

क्या यह जानते हैं आप? ग्रहों का अस्त होना जलने के समान अलग-अलग श्रेणियां में बांटा गया है: प्रथम डिग्री, 2 डिग्री, 4 डिग्री अस्त होना। कुछ ग्रह दूसरों की तुलना में ज्यादा गंभीर अस्त माने जाते हैं। यहां तक की यह विकृति का कारण भी बनते हैं।

बुध अस्त  

बुध और सूर्य आमतौर पर कक्षा में हमेशा एक दूसरे के करीब भी मौजूद होते हैं जिसका अर्थ है कि वह दोनों एक साथ ही यात्रा करते हैं और उन दोनों के बीच की दूरी 25 डिग्री के अंतर से अधिक नहीं होती है। अगर आप ध्यान दें तो बुध सूर्य के सबसे निकटतम ग्रह है और उसके बाद शुक्र है जिसका अर्थ है कि सूर्य से दूर रहने की तुलना में सूर्य के करीब बुध बेहतर परिणाम देगा।

बुध और सूर्य की इस ऊर्जा को कम उम्र में ही अधिकतम 32 वर्ष की आयु तक ही चिंता जनक या परेशानी जनक माना जा सकता है क्योंकि इसमें आक्रामकता, सक्रिय दिमाग, और कभी-कभी चिंतित ऊर्जा प्रकट हो सकती है। हालांकि बुध की तीव्रता धीरे-धीरे खत्म होने लगती है। ज्योतिष के अनुसार बुध सबसे तेज गति से चलने वाले ग्रहों में से एक माना गया है। यही कारण है कि मजबूत बुध कन्या और मिथुन राशि के जातकों को अंदर से बहुत मजबूत बनाता है क्योंकि ऐसे व्यक्ति जानते हैं कि अपना नियंत्रण और भावना को खोये बिना कठिनाई से कैसे निपटना है।

जब बुध सूर्य के पीछे हो (बुध सूर्य से कम डिग्री रखता है)- यह सबसे कम प्रभावित स्थान माना जाता है क्योंकि आम तौर पर यह दर्शाता है कि व्यक्ति के बौद्धिक संचार और विश्लेषण आत्मक कौशल को बढ़ाने और स्थिर होने में समय लगेगा। ऐसे व्यक्ति गणनात्मक, सावधान और अपने जीवन के हर पहलुओं को बारीकी से ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ते हैं। जब भावनात्मक अभिव्यक्ति की बात आती है तो यहां बुध कम प्रभावित नजर आ सकता है क्योंकि ऐसे व्यक्ति कुछ भी कहने से पहले बहुत अधिक सोचते हैं, अपनी भावनाओं और विचारों का ज्यादा विश्लेषण करते हैं। हालांकि बुध 28 से 32 वर्ष की आयु के बीच अधिकतम परिणाम दे सकता है।

जीवन में किसी भी दुविधा का हल जानने के लिए विद्वान ज्योतिषियों से अभी पूछें प्रश्न

जब बुध सूर्य के सामने हो (बुध सूर्य से अधिक डिग्री धारण करता है)- ऐसी स्थिति में व्यक्ति बेहद भावुक और अभिव्यंजक प्रभाव के होते हैं और कम उम्र से ही कम गुस्सा दिखाते हैं। ऐसे व्यक्तियों का स्वभाव बहादुर और सक्रिय होते हैं और उनका मन हमेशा कुछ नया सीखने की तलाश में लगा रहता है। ऐसे व्यक्ति आसानी से नए कौशल सीख और प्राप्त कर लेते हैं। हालांकि यहां समस्या निरंतर और समर्पण की कमी नजर आ सकती है। यहां व्यक्ति हर चीज और किसी भी चीज को केवल बुनियादी रूप में ही जानता है जब तक की यह उसके पेशे से ना जुड़ी हो। ऐसे व्यक्ति जीवन के शुरुआती चरण में नेतृत्व की स्थिति प्राप्त करते हैं। हालांकि स्वभाव से यह बेहद ही आवेगी और भावुक होते हैं।

सूर्य अन्य ग्रहों को जलाने की क्षमता रखता है। जब सूर्य किसी भी ग्रह को अस्त करता है तो इससे उस ग्रह का महत्व कम होने लगता । उदाहरण के तौर पर बात करें तो अगर बुध अस्त है तो यह व्यक्ति की संचार, बुद्धि और विश्लेषणात्मक क्षमता को प्रभावित करेगा। 

अस्त ग्रह के उपाय 

  • अस्त ग्रह को मजबूत करने के लिए आप रत्न उपचार या उस ग्रह के लिए कोई विशिष्ट मंत्र जाप के माध्यम से उस ग्रह को मजबूत करके उससे मिलने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकते हैं। जैसे कि अस्त ग्रह से संबंधित रत्न किसी विद्वान ज्योतिषी की परामर्श के बाद पहना जा सकता है। ऐसा करके आपको उस संबंधित ग्रह के शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। 
  • इसके अलावा आप चाहें तो अस्त ग्रह से संबंधित देवी देवता की पूजा करें। यह एक बेहद ही सरल, कारगर और बेहद सटीक उपाय है। 
  • अनुष्ठान और पूजा करें। संबंधित ग्रह की पूजा अनुष्ठान करने से भी अस्त ग्रह से जुड़े नकारात्मक प्रभाव कम होने लगते हैं और व्यक्ति को उस ग्रह की शुभता मिलती है। उदाहरण के लिए बात करें तो मान लीजिए बुध ग्रह अस्त है तो इसके लिए बुधवार को अनुष्ठान करें, बुध से संबंधित चीजों का दान करें, आदि। ज्योतिषियों से मार्गदर्शन प्राप्त करें, समग्र चार्ट के आधार पर व्यक्तिगत उपचार के लिए आप किसी जानकार ज्योतिषी से परामर्श भी कर सकते हैं। वह आपकी जन्म कुंडली और ग्रहों की शक्ति के आधार पर आपको विशिष्ट उपाय बता सकते हैं जिनसे आपको अस्त ग्रह से निकलने वाले अशुभ प्रभावों से छुटकारा मिल सकता है। 
  • मंत्रों का जाप। ast ग्रह से संबंधित मंत्रों का जप भी एक कारगर उपाय है। मंत्र ग्रह की ऊर्जा को संरक्षित करने और उसके नकारात्मक प्रभाव को कम करने की क्षमता रखते हैं। 
  • व्रत आदि करें। अस्त ग्रह से जुड़े विशिष्ट दिन पर उपवास भी एक कारगर उपाय माना गया है। इससे अक्सर ऊर्जा के शुद्धिकरण और संतुलन के रूप में देखा जाता है। 

चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं की सिंह राशि में बुध अस्त का सभी 12 राशियों को कैसा प्रभाव मिलने वाला है।

चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं की सिंह राशि में बुध अस्त का सभी 12 राशियों को कैसा प्रभाव मिलने वाला है।

सिंह राशि में बुध अस्त- राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे घर का स्वामी है और …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पंचम भाव का स्वामी है और आपके …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चतुर्थ भाव का स्वामी है और …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें घर का स्वामी है और आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और 11वें भाव का स्वामी है और आपके …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दशम भाव का स्वामी है और आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए बुध नवम और 12वें भाव का स्वामी है और…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध अष्टम और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए बुध सप्तम और दशम भाव का स्वामी होकर आपके …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नवम भाव का स्वामी है और आपके …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पंचम और अष्टम भाव का स्वामी है और आपके सातवें…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए बुध चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है और आपके …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्न 1: सिंह राशि में बुध अस्त कब होगा?

उत्तर: सिंह राशि में बुध 12 अगस्त 2024 को 9:49 पर अस्त हो जाएंगे।

प्रश्न 2: ज्योतिष में बुध ग्रह का क्या महत्व है?

उत्तर:  बुध ग्रह हमारे बुद्धि को, हमारे सोचने समझने की क्षमता, विश्लेषणात्मक कौशल, तंत्रिका तंत्र आदि को नियंत्रित करता है। ऐसे में मजबूत बुध इन सभी क्षेत्रों में शुभ परिणाम लेकर आते हैं।

प्रश्न 3: बुध सिंह राशि में कितने दिनों के लिए अस्त होने जा रहा है?

उत्तर: बुध 26 अगस्त 2024 को 18:14 पर उदय होने वाला है। 

प्रश्न 4: बुध का शत्रु कौन है?

उत्तर: ज्योतिष के अनुसार जहां एक तरफ सूर्य और शुक्र बुध के मित्र ग्रह माने गए हैं वहीं मंगल और चंद्रमा बुध के शत्रु होते हैं।