मासिक अंक फल सितंबर 2024: इस माह इन मूलांक वालों पर होगी धन-दौलत की बरसात!

मासिक अंक फल सितंबर 2024: अंक ज्योतिष के अनुसार, सितंबर का महीना साल का 9वां महीना होने के कारण अंक 9 का प्रभाव लिए होता है यानी कि इस महीने पर मंगल ग्रह का अधिक प्रभाव रहने वाला है। आपको बता दें कि इस साल का अंक 8 है और ऐसे में सितंबर के महीने पर मंगल के अलावा शनि का भी प्रभाव रहने वाला है। हालांकि, मूलांक के अनुसार लोगों पर मंगल और शनि का अलग-अलग असर पड़ेगा। लेकिन, सितंबर 2024 का महीना सामान्य तौर पर विवाद, सेना, सुरक्षा, दुर्घटना, आगजनी और तकनीकी मामलों के लिए उल्लेखनीय रह सकता है। आइए जानते हैं कि आपके मूलांक के लिए सितंबर 2024 का महीना कैसा रहेगा। 

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मूलांक 1

यदि आप किसी महीने की 1, 10, 19 या फिर 28 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 1 होगा। मूलांक 1 के लिए सितंबर का महीना क्रमशः 9, 8, 5 और 6 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। यद्यपि 1 और 9 के बीच एवरेज या फिर एवरेज से थोड़े से बेहतर संबंध माने गए हैं। लेकिन बाकी के अंको का अधिक सपोर्ट नहीं मिल रहा है इसलिए इस महीने आपको अपने कामों को पूरा करने के लिए अपेक्षाकृत अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। हालांकि, लंबे समय से लंबित कामों को पूरा करना ही समझदारी का काम होगा। इस महीने बेवजह के क्रोध को त्यागना जरूरी रहेगा। कई बार अपने से छोटे कर्मचारी या पद वाले व्यक्ति के साथ मित्रवत संबंध निभाने से भी कामों के अच्छे परिणाम मिलते हैं। ऐसी स्थिति में प्रोफेशनल लाइफ में अपने से जूनियर या असिस्टेंट लोगों के साथ भी मित्रवत व्यवहार करें जो कि इस महीने फायदे का काम साबित होगा। भाइयों और मित्रों के साथ संबंधों को मेंटेन करने की कोशिश भी फायदेमंद रहेगी।

उपाय: नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ रहेगा।

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मूलांक 2

यदि आप किसी महीने की 2, 11, 20 या फिर 29 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 2 होगा। मूलांक 2 के लिए सितंबर का महीना क्रमशः 1, 8, 9, 5 और 6 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। ऐसी स्थिति में यह महीना आपको मिले-जुले या एवरेज परिणाम दे सकता है। हालांकि, नए कामों की शुरुआत के लिए इस महीने को अच्छा कहा जाएगा। ऐसी स्थिति में यदि आपके पुराने काम पूरे हो गए हैं तो नए काम की शुरुआत करने का वक्त आ चुका है। नए-नए लोगों से मिलना और नए मित्रों के सहयोग से काम को आगे बढ़ाना इस महीने संभव हो सकेगा। 

इस दौरान आपकी भावनाएं क्रोध में न बदल पाए इस बात का ख्याल रखना होगा। 8 अंकों का दो बार प्रभाव इस बात का संकेत कर रहा है कि कभी-कभी आप भावुक या निराश भी हो सकते हैं। हालांकि, इस महीने किसी भी प्रकार की बड़ी नकारात्मकता के योग नहीं है,परंतु मन में नकारात्मक भाव बने रह सकते हैं। ऐसी स्थिति में मानसिक प्रसन्नता पर काम करने की जरूरत रहेगी। साथ ही, संबंधों को लेकर आवश्यकता से अधिक भावुक होने से भी बचना होगा।

उपाय: सूर्य देव को कुमकुम मिला हुआ जल अर्पित करें। 

मूलांक 3

यदि आप किसी महीने की 3,12, 21 या फिर 30 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 3 होगा। मूलांक 3 के लिए सितंबर का महीना क्रमशः 2, 8, 9, 5 और 6 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। शुरुआती और सर्वाधिक प्रभाव डालने वाले अंक इस महीने सामान्य तौर पर आपका फेवर करते हुए नजर आ रहे हैं, सिर्फ अंक 5 और 6 आपके सपोर्ट में नहीं हैं। ऐसी स्थिति में आप ज्यादातर मामलों में अच्छे और अनुकूल परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। आपके मैनेजमेंट पार्ट को क्रिएटिविटी का सपोर्ट मिल सकता है। फलस्वरूप इस महीने आप कुछ शानदार भी कर सकते हैं।

यदि आपका काम साझेदारी का है तो इस महीने आप साझेदारी के कामों में काफी अच्छा कर सकते हैं। हालांकि यात्रा, टूर एंड ट्रेवल्स इत्यादि जैसे कामों से जुड़े हुए लोगों को धैर्य के साथ काम करने की जरूरत होगी। यदि कोई व्यक्ति या कोई काम समझ में नहीं आ रहा है, तो धैर्य पूर्वक किसी अनुभवी व्यक्ति से समझना समझदारी का काम होगा। जल्दबाजी उचित नहीं रहेगी। संबंधों को महत्व देंगे तो संबंधों से भी आपको महत्व मिलेगा। सामान्य तौर पर यह महीना आपको अच्छा परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। बस छोटी-मोटी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं, ऐसी स्थिति में धैर्य और संतुलन के साथ काम करना फायदेमंद रहेगा।

उपाय: भगवान शिव की पूजा-अर्चना करें। 

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मूलांक 4

यदि आप किसी भी महीने की 4,13, 22 या फिर 31 तारीख़ को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 4 होगा। मूलांक 4 के लिए सितंबर का महीना क्रमशः 3, 8, 9, 5 और 6 अंकों का प्रभाव लिए हुए है यानी कि इस महीने के अंक आपके मूलांक को बहुत अधिक सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। ऐसे में, इस महीने कुछ मामलों में संघर्ष करना पड़ सकता है, विशेषकर सामाजिक मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता होगी। कोई भी ऐसा काम न करें जिससे आपकी सामाजिक छवि ख़राब हो। कोई भी योजना बनाते समय इस बात का ख्याल रखना जरूरी होगा कि आपकी क्रिएटिविटी में कोई कमी न रह जाए।

यदि आप चाहें तो इस मामले में अपने सहयोगियों का सहयोग ले सकते हैं। इस महीने मित्रों के साथ कोई अनबन न होने पाए इस बात का ध्यान रखें। जो व्यक्ति हमेशा आपको प्रसन्न करने वाली बात कहे; जरूरी नहीं है कि वह आपका मित्र होगा और ऐसा भी जरूरी नहीं की है कि जो आपकी बातों का विरोध करें वह आपका मित्र नहीं है। कई बार आपकी गलत बातों का विरोध करने वाला व्यक्ति आपका मित्र भी हो सकता है। इन तथ्यों के आधार पर इस महीने मित्रों का परीक्षण करना समझदारी का काम होगा। इस महीने अपने मैनेजमेंट क्षमताओं पर अपेक्षाकृत अधिक ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी। यदि आप व्यवस्था बनाए रखने में कामयाब होते हैं तो सामान्य तौर पर परिणाम अनुकूल मिल सकेंगे।

उपाय: मंदिर में दूध और केसर का दान करें। 

मूलांक 5 

यदि आप किसी भी महीने की 5, 14 या फिर 23 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 5 होगा। मूलांक 5 के लिए सितंबर का महीना क्रमशः 4, 8, 9, 5 और 6 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। इस महीने आप पर सर्वाधिक प्रभाव डालने वाला अंक 4 आपका फेवर कर सकता है, लेकिन अंक 8 और 9 से अधिक फ़ेवर की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। इन सभी कारणों से सितंबर में आपको अपेक्षाकृत अधिक मेहनत करने के लिए स्वयं को तैयार रखना होगा। साथ ही, स्वयं को अनुशासन में भी रखना होगा। 

यद्यपि आप संतुलित मस्तिष्क के व्यक्ति हैं, लेकिन इस महीने मन-मस्तिष्क में कुछ फितूर भी देखने को मिल सकता है। बेहतर होगा कि अपने स्वभाव के अनुसार योजनाबद्ध तरीके से और संतुलित मस्तिष्क के साथ काम करें; तब जाकर परिणाम अच्छे मिल पाएंगे, अन्यथा चीजें बिगड़ भी सकती हैं। महत्वपूर्ण कामों को किसी दूसरे की देखरेख में छोड़ने की बजाय उस पर स्वयं ध्यान देना समझदारी का काम होगा। कोई व्यक्ति आपके स्वभाव या चरित्र पर उंगली न उठाने पाए इस बात को लेकर स्वयं के भीतर सुधार करने की भी आवश्यकता रहने वाली है।

उपाय: मस्तक पर नियमित रूप से केसर का तिलक करें।

मूलांक 6

यदि आप किसी भी महीने की 6, 15 या फिर 24 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 6 होगा। मूलांक 6 के लिए सितंबर का महीना क्रमशः 5, 8, 9, 5 और 6 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। ऐसी स्थिति में यह महीना आपको मिले-जुले या औसत परिणाम दे सकता है। यद्यपि बौद्धिक कार्यों में आप अच्छा करते हुए देखे जाएंगे, लेकिन वाणी पर संयम रखने की आवश्यकता होगी। इस महीने यात्रा करने के मौके मिल सकते हैं परंतु यात्राओं में लापरवाही न बरतें। सावधानी पूर्वक यात्रा करने पर आप न केवल यात्रा का आनंद ले सकेंगे बल्कि जिस उद्देश्य से आपने यात्रा की है या करेंगे उस उद्देश्य की पूर्ति भी हो सकेगी। 

मनोरंजन के साथ-साथ अपने कामों को आगे बढ़ाने के लिए भी महीना अनुकूल रह सकता है। इस महीने कुछ परिवर्तन भी देखने को मिल सकते हैं। हालांकि इन सभी कामों में एवरेज परिणाम मिलने की संभावना है। कड़ी मेहनत करने पर आप परिणामों को बेहतर कर सकेंगे अर्थात यह महीना चमत्कारिक रूप से कोई बड़ा परिणाम नहीं देगा। लेकिन, आपके द्वारा की गई मेहनत व्यर्थ नहीं जाएगी, उस मेहनत के परिणाम आपको अवश्य मिलेंगे। ऐसी स्थिति में मेहनत करें और मनोनुकूल परिणाम प्राप्त करें।

उपाय: नियमित रूप से गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना शुभ रहेगा। 

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मूलांक 7

यदि आप किसी भी महीने की 7, 16 या फिर 25 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 7 होगा। मूलांक 7 के लिए सितंबर का महीना क्रमशः 6, 8, 9, 5 और 6 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। ऐसे में, यह महीना आपको अनुकूल परिणाम दे सकता है। विशेषकर प्रेम संबंधों के लिए इस महीने को काफी अच्छा और अनुकूल कहा जाएगा। स्त्रियों से संबंधित किसी भी काम में यह माह अच्छे परिणाम दे सकता है। घर की साज-सज्जा के लिए सितंबर को अच्छा कहा जाएगा। साथ ही, घर-गृहस्थी से जुड़ी हुई चीजों की खरीदारी के लिए भी यह अवधि अच्छे परिणाम दे सकती है।

पारिवारिक मामलों में भी इस महीने अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। यदि किसी परिजन से पिछले महीनों से कोई विवाद रहा है तो इस महीने उस विवाद को सुलझाने की कोशिश करने पर सफलता मिल सकती है।

जिनकी उम्र विवाह की हो चुकी है, वह लोग इस महीने विवाह से संबंधित मामलों में शुभ समाचार सुन सकते हैं। प्रेम, विवाह और सगाई आदि से संबंधित मामलों में यह महीना अच्छे परिणाम दे सकता है। वैवाहिक जीवन की बात करें, तो वैवाहिक मामलों में इस महीने आप अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। अंक 8 की अधिकता को देखते हुए बेवजह की जिद से बचना समझदारी का काम होगा। साथ ही, बड़े बुजुर्गों का आदर करना भी जरूरी रहेगा। इस तरह की सावधानियां को अपनाने की स्थिति में इस महीने आप काफी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।

उपाय: कन्याओं का पूजन करके उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा। 

मूलांक 8

यदि आप किसी भी महीने की 8, 17 या फिर 26 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 8 होगा। मूलांक 8 के लिए सितंबर का महीना क्रमशः 7, 8, 9, 5 और 6 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। इस महीने आप पर सर्वाधिक प्रभाव डालने वाला अंक 7 आपको औसत लेवल का सपोर्ट दे सकता है जबकि अंक 8 से आपको अच्छा सपोर्ट मिल सकता है। यही कारण है कि इस महीने आप कुछ सार्थक निर्णय ले सकते हैं। हालांकि आलस्य से बचना जरूरी रहेगा। साथ ही, किसी भी मामले में जिद करने से बचें। यदि आप इन सावधानियों को अपनाते हैं तो इस महीने आपको कुछ अच्छे अनुभव मिल सकेंगे। 

आपके पास इस महीने अच्छे और बुरे की पहचान करने की ताकत होगी और फलस्वरूप, आप सही व्यक्ति का चयन करके अपने कामों को समय से पूरा करवा सकेंगे। कार्यक्षेत्र के अलावा व्यक्तिगत जीवन में भी आप इस महीने अच्छी अनुभूति प्राप्त कर सकेंगे। आपको अच्छे और बुरे मित्र की पहचान हो सकेगी। आप धार्मिक कार्यों में भाग ले सकते हैं और ऐसे में, अध्यात्म से संबंधित मामलों के लिए सितंबर का महीना आपको काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। बस अंक 9 के प्रभाव के कारण इस महीने स्वयं को क्रोधित होने से बचाना होगा। यदि आप संयम के साथ काम करेंगे तो इस महीने आपको न केवल कार्यक्षेत्र और सामाजिक मामलों में अच्छे परिणाम मिलेंगे बल्कि आप व्यक्तिगत जीवन में भी अनुकूलता का अनुभव कर सकेंगे।

उपाय: गुरुवार के दिन मंदिर में चने की दाल का दान करें। 

मूलांक 9 

यदि आप किसी भी महीने की 9,18 या फिर 27 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 9 होगा। मूलांक 9 के लिए सितंबर का महीना क्रमशः 8, 9, 5 और 6 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। अंक 5 और 6 को छोड़कर बाकी के सभी अंकों से आपको इस महीने सपोर्ट मिल सकता है। अतः इस महीने आप काफी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। आप अपनी मेहनत के अच्छे नतीजे प्राप्त करके प्रसन्नता का अनुभव कर सकेंगे। आर्थिक मामले में इस महीने आपको उत्तम परिणाम मिल सकते हैं। 

आप अपने व्यापार-व्यवसाय में भी अच्छा करते हुए देखे जा सकेंगे। यदि आप अपने पुराने काम का विस्तार करने के इच्छुक हैं अथवा किसी नए काम का शुभारंभ करना चाह रहे हैं तो इस मामले में भी आपको अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। हालांकि, अंक 8 की अधिकता इस बात का संकेत कर रही है कि इस महीने नए काम की शुरुआत में धैर्य रखने की आवश्यकता होगी। साथ ही, अनुभवी व्यक्तियों के सहयोग की आवश्यकता भी आपको रहने वाली है। धैर्य और अनुभव के सहारे नए प्रयोग करने की स्थिति में ही अच्छे परिणाम मिल सकेंगे।

उपाय: गरीब और जरूरतमंद लोगों को अपने सामर्थ्य के अनुसार भोजन करवाएं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मूलांक 1 के स्वामी ग्रह कौन हैं?

मूलांक 1 पर ग्रहों के राजा सूर्य का स्वामित्व है।

2.  मूलांक 4 के लिए सितंबर कैसा रहेगा?

सितंबर 2024 मूलांक 4 वालों को मिले-जुले या एवरेज परिणाम दे सकता है।

3. केतु का अंक कौन सा है?

मूलांक 7 पर केतु ग्रह का शासन है। 

30 साल बाद बन रहा है समसप्‍तक योग, इन लोगों पर बरसेगी सूर्य और शनि की कृपा

सौरमंडल के सभी ग्रह समय-समय पर राशि परिवर्तन करते हैं और इसका असर देश-दुनिया समेत सभी राशियों पर देखने को मिलता है। इस बार 16 अगस्त 2024 की शाम 07 बजकर 32 मिनट पर सूर्य का गोचर सिंह राशि में होगा। वहीं 30 साल बाद शनि देव कुंभ राशि मे संचरण कर रहे हैं। इस स्थि‍ति में ये दोनों ग्रह 180 डिग्री पर रहेंगे। इसके साथ ही शनि और सूर्य एक दूसरे से सातवें भाव पर रहेंगे।

दोनों ग्रहों के इस स्थिति में रहने से समसप्‍तक योग बन रहा है। वैसे तो इस योग का प्रभाव सभी राशियों के जातकों के जीवन पर पड़ेगा लेकिन कुछ राशियां ऐसी हैं जिन्‍हें इस योग सबसे अधिक लाभ मिलने के आसार हैं।

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समसप्‍तक योग क्‍या है

यह एक ज्‍योतिषीय योग है जो दो ग्रहों के आमने-सामने आने पर बनता है। उदाहरण के तौर पर मेष राशि में सूर्य हो और तुला राशि में शनि ग्रह उपस्थित हो, तो इस स्थिति में सूर्य और शनि समसप्‍तक योग का निर्माण करते हैं। ये दोनों ग्रह एक-दूसरे से सातवें भाव में विराजमान रहते हैं।

तो चलिए जानते हैं कि समसप्‍तक योग से किन तीन राशियों के लोगों को धन लाभ और भाग्‍य का साथ मिल सकता है।

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इन राशियों को होगा लाभ

कुंभ राशि

समसप्‍तक योग से कुंभ राशि के लोगों को सबसे अधिक फायदा होने की उम्‍मीद है। इस दौरान आपकी लोकप्रियता में इज़ाफा देखने को मिलेगा। आपके मान-सम्‍मान और प्रतिष्‍ठा में वृद्धि होगी। आप अपनी बुद्धिमानी और विवेक से सफलता के शीर्ष तक पहुंच पाने में सफल होंगे। नौकरीपेशा जातकों के लिए शानदार समय है। इन्‍हें अपने कार्यक्षेत्र में खूब सफलता मिलने के योग हैं।

इस दौरान शादीशुदा जातकों को अपने पार्टनर के साथ आपसी तालमेल बहुत अच्‍छा रहने वाला है। आपको अपने भाग्‍य का साथ मिलेगा और आप अपने जीवन में सफलता प्राप्‍त करने में सक्षम होंगे। लंबे समय से अटका हुआ काम अब पूरा हो सकता है। जो जातक अविवाहित हैं, उन्‍हें शादी का प्रस्‍ताव मिल सकता है। लंबे समय से अटका हुआ कोई काम अब पूरा हो सकता है।

सिंगल जातकों के लिए शादी का प्रस्‍ताव आने की उम्‍मीद है। वहीं जो लोग पार्टनरशिप में बिज़नेस करते हैं, उन्‍हें भी धन लाभ होने के आसार हैं। कुल मिलाकर यह समय आपके लिए बहुत ही ज्‍यादा शानदार रहने वाला है।

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मेष राशि

समसप्‍तक योग बनने से मेष राशि के जातकों के अच्‍छे दिन शुरू हो जाएंगे। इन्‍हें हर तरफ से लाभ होने के संकेत हैं। आपकी आय में जबरदस्‍त इज़ाफा देखने को मिलेगा। आपकी आय के नए स्रोत बनने की भी संभावना है। इससे आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी और आप काफी प्रसन्‍न रहेंगे। व्‍यापारियों की भी आमदनी के नए रास्‍ते खुलने वाले हैं। यदि आप बिज़नेस करते हैं और आपका पैसा कहीं अटका हुआ है, तो इस समय आपको वह मिल सकता है।

आपने अपने कार्यक्षेत्र में जो कड़ी मेहनत की है, अब आपको उसका फल मिलने वाला है। इससे आप बहुत खुश और संतुष्‍ट नज़र आएंगे। आपके लिए निवेश से भी लाभ मिलने के योग बन रहे हैं। आपको अपनी संतान की ओर से कोई अच्‍छी खबर मिल सकती है। इस समयावधि में व्‍यापारियों के हाथ कोई बड़ी डील लग सकती है जिससे उन्‍हें आगे चलकर बुहत अधिक मुनाफा होने की उम्‍मीद है।

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मिथुन राशि

यदि आपकी मिथुन राशि है, तो आपको इस समय अपने जीवन को लेकर चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। आपको अपने भाग्‍य का पूरा साथ मिलेगा। आपके लिए देश-विदेश की यात्रा के योग भी बन रहे हैं। अगर अब तक आपको पैसों की तंगी का सामना करना पड़ रहा था, तो अब आपको उससे छुटकारा मिलने की उम्‍मीद है।

आपके अनावश्‍यक खर्चों में कमी आएगी जिससे आपको पैसों की बचत करने में मदद मिल सकती है। अपने लिए घर या वाहन खरीदने के लिए अच्‍छा समय है। इस दौरान ये चीजें खरीदने से आपकी संपत्ति और भाग्‍य में वृद्धि होगी।

इस समय आपके अटके हुए काम भी अब पूरे हो सकते हैं। आपको धार्मिक और मांगलिक कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिलेगा। इससे आपको मानसिक शांति की अनुभूति होगी। अगर आप लंबे समय से नौकरी बदलने पर विचार कर रहे हैं, उन्‍हें अब कोई शानदार अवसर मिलने के संकेत हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्‍न. ज्‍योतिष में समसप्‍तक योग क्‍या है?

उत्तर. दो ग्रहों के एक-दूसरे से विपरीत स्थिति में होने पर यह योग बनता है।

प्रश्‍न 2. शनि और सूर्य के बीच क्‍या संबंध है?

उत्तर. शनि और सूर्य के बीच शत्रुता है।

प्रश्‍न 3. सूर्य का गोचर कितने दिनों में होता है?

उत्तर. सूर्य ग्रह 30 दिनों में गोचर करता है।

प्रश्‍न 4. ज्‍योतिष के अनुसार शनि का रत्‍न कौन सा है?

उत्तर. शनि का रत्‍न नीलम है।

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जल्द ही बुध होंगे उदित- इन राशियों को मिलेगी तरक्की, नौकरी में भी होगा लाभ!

कर्क राशि में बुध संकेत देता है कि आपकी बुद्धि लगातार गतिशील रहती है और आपके अंदर कुछ बेचैन करने वाली भावनाएं पैदा हो सकती है। कर्क राशि पूरी तरह से भावनाओं से संबंधित मानी गई है और बुध तर्क और बुद्धि से संबंधित ग्रह होता है जो ऊर्जा पैदा करता है। 

अब जल्द ही अर्थात 26 अगस्त को बुध कर्क राशि में उदित होने वाले हैं। आपकी राशि पर बुध का यह अहम परिवर्तन क्या प्रभाव डालेगा यही जानने के लिए हम लेकर आए हैं हमारा यह खास ब्लॉग जिसके माध्यम से आपको कर्क राशि में बुध का सभी 12 राशियों पर प्रभाव हम बताने वाले हैं। 

साथ ही यहां हम आपको इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के उपायों की जानकारी भी देंगे। तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं यह ब्लॉग और सबसे पहले जान लेते हैं कि इस महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना का समय क्या रहने वाला है।

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बुध का कर्क राशि में उदय- क्या रहेगा समय? 

सबसे पहले बात करें समय की तो 26 अगस्त 2024 को 18:14 पर बुध कर्क राशि में उदित होने वाले हैं।

अधिक जानकारी: उदित होने का अर्थ यह हुआ कि अब बुध सूर्य से दोबारा दूर जाने लगेगा और वापस अपनी शक्तियां प्राप्त कर लेगा।

बुध का कर्क राशि में उदय- कैसा रहेगा प्रभाव?

जब बुध कर्क राशि में होता है तो यह सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव प्रदान करने की क्षमता रखता है और कुल मिलाकर यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप ऊर्जा को कैसे प्रसारित करते हैं। अगर आप अपनी भावनाओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो आप आत्मनिरीक्षण और आत्मबोध के संबंध में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। वहीं दूसरी तरफ अगर आप अपनी भावनाओं पर प्रतिक्रिया करते हैं, उदाहरण के लिए किसी भी व्यक्ति से बदला लेने के लिए षड्यंत्र बनाते हैं तो यह आपके लिए विनाशकारी भी साबित हो सकता है। कुलमिलाकर ये चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करता है।

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कर्क राशि में बुध आपको अंतर ज्ञान, मानसिक क्षमता में और भावनाओं की गहराई प्रदान करता है। वहीं दूसरी तरफ बुध आपको अपना ध्यान केंद्रित करने की क्षमता देता है और जब कर्क राशि में बुध आता है तो यह आपको अपनी भावनाओं से बाहर निकलने में असमर्थ बन सकता है और अवसाद, चिंता, हताशा, ज्यादा स्वामित्व और अन्य मनोवैज्ञानिक और मानसिक समस्याएं आपके जीवन में खड़ी हो सकती है। हालांकि कर्क राशि में बुध अगर अच्छी स्थिति में हो तो यह उपचार क्षमता भी लेकर आता है। यह आपको चिकित्सा, ज्योतिष, आयुर्वेद, अध्यात्म, शिक्षक और जनसंचार के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने में मददगार साबित होता है। बुध एक व्यावसायिक विचारधारा वाला ग्रह है। चंद्रमा की राशि में अन्य व्यावसायिक विचारधारा वाला ग्रह नवोन्वेषी उद्यमियों का निर्माण करता है।

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अगर आपका जन्म कर्क राशि में बुध के साथ हुआ है तो,

जिन लोगों का जन्म कर्क राशि में बुध के साथ हुआ होता है वह दुनिया के प्रति नरम रवैया रखते हैं। आप जो कुछ भी करते हैं उसमें आपकी भावनाएं शामिल होती है और आप अकेले महसूस करने के आधार पर निर्णय या फैसला और योजना बनाते हैं। आप अपने आसपास की वास्तविक दुनिया को वैसे ही देखते हैं जैसे हर कोई देखता है लेकिन आप उनसे अधिक संवेदनशील और सहज होते हैं क्योंकि आपका अंतर ज्ञान बहुत मजबूत होता है। 

ऐसे में आप दूसरों की इच्छाओं को, उनकी जरूरतों को और चिंताओं को समझ सकते हैं। आपको प्यार का इजहार करना पसंद होता है और आप अक्सर इसका इजहार भी करते हैं। आप अपने शब्दों को तरीके से बोलते हैं जिससे दूसरों को आपकी उपस्थिति में सहजता और खुशी मिलती है। 

हालांकि आप कभी-कभी दूसरों की भावनाओं की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण जानकारी अपने तक ही सीमित रखते हैं। बातचीत के माध्यम से दूसरों के साथ रिश्ते बनाना आपके लिए काफी आसान रहता है। आपके जीवन में सबसे मजबूत रिश्ते तब स्थापित होते हैं जब आप अपने व्यक्तिगत विचारों, भय, कमजोरी और खुशियों को किसी अन्य व्यक्ति के साथ साझा करते हैं।

वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व 

आपके जीवन में बुध की मजबूत स्थिति संतुष्टि, अच्छे स्वास्थ्य के साथ एक मजबूत दिमाग, लेकर आती है। यह व्यवसाय में सफलता, ठोस निर्णय लेने और अत्यधिक ज्ञान की ओर भी ले जाता है लेकिन वहीं दूसरी तरफ जब बुध राहु, केतु और मंगल के साथ संबंध बनाता है तो ऐसे व्यक्तियों को जीवन में संघर्ष, बुद्धि की कमी और स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं उठानी पड़ सकते हैं। 

इसके अलावा वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह को मिथुन और कन्या राशि के स्वामी होने का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा इन्हें ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है। कुंडली में तीसरे और छठे भाव के स्वामी बुध कौशल, सफलता, तर्क क्षमता, बुद्धि के कारक माने जाते हैं। 

अगर व्यक्ति की कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत हो तो ऐसे व्यक्ति व्यापार व्यवसाय में अपार सफलता हासिल करते हैं और जीवन में सफल होते हैं। वहीं इसके विपरीत अगर कुंडली में बुध की स्थिति कमजोर हो तो ऐसे व्यक्तियों को जीवन में कई तरह की परेशानियां और उतार-चढ़ाव आदि देखने को मिलते हैं। बुध जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है या फिर उदय होता है तो इसका प्रभाव निश्चित तौर पर देश-दुनिया, कारोबार और आर्थिक स्थिति पर पड़ता है। 

अब जब कर्क राशि में बुध का उदय होने जा रहा है तो निश्चित रूप से यह कुछ राशियों को तो फायदा करवाएँगे और कुछ राशियों को इसके नकारात्मक परिणाम भी मिल सकते हैं। चलिए जान लेते हैं कर्क राशि में बुध उदय का सभी राशियों पर क्या और कैसा प्रभाव पड़ेगा।

कर्क राशि में बुध के उदय का आपके जीवन पर इस प्रकार का प्रभाव पड़ेगा। 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे घर का स्वामी है और आपके चौथे घर में उदित ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पंचम भाव का स्वामी है और आपके तीसरे घर में उदय होने….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चतुर्थ घर का स्वामी है। अब अपने इस अहम परिवर्तन….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें घर का स्वामी है और आपके पहले घर….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और एकादश भाव का स्वामी है और आपके बारहवें ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें घर का स्वामी है और आपके ग्यारहवें….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए बुध नवम और बारहवें घर का स्वामी है और दशम भाव में उदित….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें और ग्यारहवें घर का स्वामी है और आपके नवम भाव में उदित….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए बुध सप्तम और दशम भाव का स्वामी है और आपके आठवें घर में ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नवम भाव का स्वामी है और आपके सप्तम भाव में….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पंचम और अष्टम भाव का स्वामी है और आपके छठे घर में उदित ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए बुध चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है और पंचम भाव में उदित….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

 

1: कर्क राशि में बुध उदित कब होंगे?

26 अगस्त 2024 को 18:14 पर बुध कर्क राशि में उदित होने वाले हैं।

2: बुध उदित का क्या अर्थ है? 

उदित होने का अर्थ यह हुआ कि अब बुध सूर्य से दोबारा दूर जाने लगेगा और वापस अपनी शक्तियां प्राप्त कर लेगा।

3: बुध उदित का कारक जातकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

जब बुध कर्क राशि में होता है तो यह सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव प्रदान करने की क्षमता रखता है और कुल मिलाकर यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप ऊर्जा को कैसे प्रसारित करते हैं। अगर आप अपनी भावनाओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो आप आत्मनिरीक्षण और आत्मबोध के संबंध में अच्छा प्रदर्शन करेंगे

4: बुध किसका कारक है?

बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क और मित्र का कारक माना जाता है।

अगस्त का आखिरी सप्ताह इन राशियों को दे जाएगा बड़ी सौगात- जानें क्या आपकी राशि है इसमें?

वैदिक ज्योतिष की गणना पर आधारित आने वाले सप्ताह का सटीक और सबसे विस्तृत राशिफल लेकर एक बार फिर अपने रीडर्स के सामने हासिल है। इस खास ब्लॉग के माध्यम से हम आपको आने वाले 7 दिनों का हाल बताएंगे, प्रेम राशिफल की जानकारी देंगे, साथ ही दौरान कौन-कौन से व्रत और त्योहार किए जाने वाले हैं इस बात की जानकारी भी आपको यहां प्रदान की जाएगी।

सिर्फ इतना ही नहीं इस सप्ताह में कौन-कौन से बैंक अवकाश पड़ने वाले हैं, विवाह मुहूर्त क्या रहने वाला है, इस बारे में भी हम आपको यहां अवगत कराएंगे। साथ ही ग्रहण और गोचर और ग्रहों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी भी आपको दी जाएगी। तो आइए बिना देरी किए शुरू करते हैं हमारा यह बेहद ही खास राशिफल ब्लॉग और जान लेते हैं सभी 12 राशियों के लिए आने वाले सात दिन कैसे रहेंगे।

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26 अगस्त से 1 सितंबर 2024 हिंदू पंचांग और व्रत-त्योहार

26 अगस्त 2024 सोमवार 

तिथि अष्टमी – 26:22:02 तक

पक्ष शुक्ल

अभिजीत मुहूर्त 11:56:47 से 12:48:18 तक

दिशाशूल पूर्व 

व्रत त्यौहार: कृष्ण जन्माष्टमी, अष्टमी रोहिणी, आद्याकाली जयंती, कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी  

27 अगस्त 2024 मंगलवार 

तिथि नवमी – 25:35:42 तक 

पक्ष शुक्ल 

अभिजीत मुहूर्त 11:56:33 से 12:47:57 तक

दिशाशूल उत्तर  

व्रत त्यौहार: दही- हांडी, रोहिणी व्रत

28 अगस्त 2024 बुधवार

तिथि दशमी – 25:22:06 तक

पक्ष शुक्ल 

अभिजीत मुहूर्त कोई नहीं

दिशाशूल उत्तर

व्रत त्यौहार: कोई भी व्रत-त्योहार नहीं है। 

29 अगस्त 2024 गुरुवार 

तिथि एकादशी – 25:40:06 तक

पक्ष कृष्ण 

अभिजीत मुहूर्त 11:56:04 से 12:47:15 तक

दिशाशूल दक्षिण 

व्रत त्यौहार: अजा एकादशी 

30 अगस्त 2024 शुक्रवार

तिथि द्वादशी – 26:28:00 तक

पक्ष कृष्ण 

अभिजीत मुहूर्त 11:55:48 से 12:46:53 तक

दिशाशूल पश्चिम 

व्रत त्यौहार: कोई व्रत-त्योहार नहीं है। 

31 अगस्त 2024 शनिवार

तिथि त्रयोदशी – 27:43:44 तक

पक्ष कृष्ण 

अभिजीत मुहूर्त 11:55:33 से 12:46:31 तक

दिशाशूल पूर्व 

व्रत त्यौहार: शनि त्रयोदशी, प्रदोष व्रत 

1 सितंबर 2024 रविवार

तिथि चतुर्दशी – 29:24:44 तक

पक्ष कृष्ण 

अभिजीत मुहूर्त 11:55:18 से 12:46:09 तक 

दिशाशूल पश्चिम 

व्रत त्यौहार: कोई व्रत त्योहार नहीं है। 

26 अगस्त से 1 सितंबर 2024- ग्रहण गोचर 

ग्रहों की चाल, उनकी स्थिति और उनके किसी भी परिवर्तन का मानव जीवन पर निश्चित रूप से प्रभाव पड़ता है इसीलिए कोई भी महत्वपूर्ण भविष्यवाणी करते समय ग्रहों का विशेष आकलन किया जाता है। ऐसे में अपने साप्ताहिक राशिफल ब्लॉग में हम आपको इस बात की जानकारी देते हैं कि इस सप्ताह में कौन-कौन से गोचर होने वाले हैं और क्या इस सप्ताह में कोई ग्रहण लगेगा। 

तो सबसे पहले इस सप्ताह में कोई भी ग्रहण नहीं लगने वाला है। बात करें गोचर की तो, इस सप्ताह में कुल तीन अहम परिवर्तन होने वाले हैं जिनमें से पहले होगा जब 26 अगस्त को मंगल का मिथुन राशि में गोचर होगा। इसका समय रहेगा 15:40। 26 अगस्त को ही 18:14 पर बुध कर्क राशि में उदित हो जाएंगे। इसके बाद 29 अगस्त को कर्क राशि में ही बुध 9:15 पर मार्गी होने वाले हैं। 

यानी कि इस सप्ताह में बुध के दो अहम परिवर्तन होंगे और मंगल का एक गोचर होगा जिसका निश्चित रूप से सभी 12 राशियों के जीवन पर प्रभाव अवश्य पड़ेगा। अगर आप भी अपने जीवन पर इन गोचर का व्यक्तिगत प्रभाव जानना चाहते हैं तो आपके विद्वान ज्योतिषियों से फोन या फिर चैट के माध्यम से परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। 

26 अगस्त से 1 सितंबर 2024- बैंक अवकाश 

बैंक अवकाश की बात करें तो अगस्त के इस आखिरी सप्ताह में एक बैंक अवकाश होने वाला है। यह होगा 26 अगस्त 2024 सोमवार को इस दिन जन्माष्टमी है और भारत के कई राज्यों में यह दिन बैंक अवकाश के रूप में मनाया जाता है।

26 अगस्त से 1 सितंबर 2024- विवाह मुहूर्त

हिंदू धर्म में विवाह को बेहद महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है। यह व्यक्ति के जीवन के सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक होता है। यही वजह है कि विवाह का यह अनुष्ठान बेहद ही पवित्रता से और शुभ मुहूर्त में ही किया जाना चाहिए। यही वजह है कि आज भी बहुत से लोग विवाह से पहले शुभ मुहूर्त की गणना करवाते हैं और उसके अनुरूप ही विवाह करते हैं। 

बात करें 26 अगस्त से 1 सितंबर के बीच पड़ने वाले विवाह मुहूर्त की तो अगस्त, सितंबर और अक्टूबर 2024 में कोई भी शुभ विवाह मुहूर्त नहीं है। ग्रहों की स्थिति सही नहीं होने के चलते इस दौरान विवाह का कोई भी मुहूर्त उपलब्ध नहीं है। अगर आप व्यक्तिगत जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो आप तुरंत ज्योतिषियों से परामर्श ले सकते हैं।

26 अगस्त से 1 सितंबर 2024- जन्मदिन की जानकारी 

अपने साप्ताहिक राशिफल के आखिरी सेगमेंट में हम जानते हैं कि इस सप्ताह में किन-किन सितारों का जन्मदिन मनाया जाने वाला है। बात करें 26 अगस्त से 1 सितंबर के बीच मनाए जाने वाले मशहूर सितारों के जन्मदिन के बारे में तो,

26 अगस्त नीरू बाजवा, इंदर कुमार 

27 अगस्त नेहा धूपिया, शिबानी दांडेकर 

28 अगस्त दीपक तिजोरी, करणवीर बोहरा 

29 अगस्त रिचा शर्मा, नागार्जुन अक्किनेनी 

30 अगस्त चित्रांगदा सिंह, रिचा पालोद 

31 अगस्त राजकुमार राव 

1 सितंबर दीपक डोबरियाल, राम कपूर

यदि आप अपने फेवरेट सितारे की कुंडली देखकर उनके भविष्य के बारे में कुछ भी जानना चाहते हैं तो आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं।

एस्ट्रोसेज की तरफ से इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।

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साप्ताहिक राशिफल 26 अगस्त- 1 सितंबर 2024

अब जानते हैं सभी बारह राशियों के जातकों के लिए यह सप्ताह क्या कुछ लेकर आने वाला है:

यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें:
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मेष साप्ताहिक राशिफल

कार्य स्थल पर काम का दबाव बढ़ने के साथ ही, आप इस सप्ताह मानसिक उथल-पुथल और दिक़्क़त महसूस ….. (विस्तार से पढ़ें) 

मेष प्रेम राशिफल 

यदि आप किसी के साथ लंबे अरसे से किसी प्रेम संबंधों में हैं तो, इस सप्ताह आप उनसे प्रेम ….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह अगर आवश्यक न हो तो, वाहन चलाने से परहेज करें। ख़ास तौर से रात के समय, हर प्रकार की यात्रा ….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ प्रेम राशिफल

इस सप्ताह अपने प्रेमी प्रेमिका को रिझाने के लिए आप कई स्वांग रच सकते हैं। आपका दे यही ….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

स्वास्थ्य की दृष्टि से, ये सप्ताह आपकी सेहत के लिए सामान्य से थोड़ा बेहतर ही रहने वाला है। खासतौर से हफ्ते ….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन प्रेम राशिफल

इस समय में आपको अपने प्रेम जीवन का संबल पक्ष दिखाई देगा और एक दूसरे से प्यार की ….(विस्तार से पढ़ें)

कर्क साप्ताहिक राशिफल

स्वास्थ्य के लिहाज़ से, इस समयावधि में आप प्राणायाम करके अपनी कई परेशानियों को दूर कर सकते हैं। ऐसे में …. (विस्तार से पढ़ें)

कर्क प्रेम राशिफल

प्रेम संबंधों के लिहाज़ से देखा जाए तो, इस सप्ताह आप एक अच्छे प्रेमी बनने में पूरी तरह सफल ….(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह साप्ताहिक राशिफल

इस राशि के वो बुजुर्ग जातक, जो पिछले समय से जोड़ों में दर्द की समस्या या कमर में दर्द से परेशान थे, उन्हें इस ….(विस्तार से पढ़ें)

सिंह प्रेम राशिफल

इस पूरे ही सप्ताह प्रेमी जातकों के बीच, प्रेम और समर्पण का भाव बना रहेगा। साथ ही वो जातक……(विस्तार से पढ़ें)

कन्या साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह नकारात्मकता को अपने ऊपर हावी न होने दें और खुद को जितना संभव हो, तरोताज़ा रखने के लिए….(विस्तार से पढ़ें)

कन्या प्रेम राशिफल

प्रेम में पड़े इस राशि के लोगों को इस सप्ताह अपने लवमेट के साथ रोमांटिक समय बिताने का….(विस्तार से पढ़ें)

तुला साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपके अंदर, धार्मिक प्रवृत्ति का विकास होगा। जिसके कारण आप अपने करीबियों और दोस्तों के …..(विस्तार से पढ़ें)

तुला प्रेम राशिफल

अगर इस हफ्ते के सकारात्मक पहलू पर नजर डालें तो, आपकी राशि के कुछ प्रेमी जातक शादी ….. (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपको सलाह दी जाती है कि, अपने स्वास्थ्य को लेकर ज़्यादा चिंता न करें। अन्यथा ऐसा करने से …..(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक प्रेम राशिफल

रोमांस के नज़रिए से आपकी ज़िन्दगी कोई नया मोड़ ले सकती है। क्योंकि संभव है कि प्रेमी…..(विस्तार से पढ़ें)

धनु साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपकी सेहत कुछ नगवारा गुजरेगी, इस कारण ज़्यादा यात्रा करना आपके स्वभाव में कुछ झुंझलाहट …..(विस्तार से पढ़ें)

धनु प्रेम राशिफल

ये सप्ताह आपके प्रेम जीवन के लिए सबसे बेहतर सप्ताह साबित होगा। क्योंकि ये वही समय …..(विस्तार से पढ़ें)

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मकर साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह व्यापार या दफ़्तर का तनाव, आपकी सेहत ख़राब कर सकता है। इससे आप खुद को अपने काम के ….(विस्तार से पढ़ें)

मकर प्रेम राशिफल

प्रेम की भविष्यवाणी के अनुसार इस सप्ताह, आपके और प्रियतम के आपसी तालमेल में सुधार….(विस्तार से पढ़ें)

कुम्भ साप्ताहिक राशिफल

स्वास्थ्य के लिहाज़ से इस सप्ताह आपको छोटी-मोटी समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन कोई बड़ी बीमारी इस दौरान …. (विस्तार से पढ़ें)

कुम्भ प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपके प्रेम जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। अपनी बातों को स्पष्टता ….(विस्तार से पढ़ें)

मीन साप्ताहिक राशिफल 

इस समयावधि के दौरान, आप निरंतर अपनी जीवन शैली में सुधार करने का परिवर्तन करेंगे। इसके लिए आप …..(विस्तार से पढ़ें)

मीन प्रेम राशिफल

प्रेम राशिफल के अनुसार आप अपनी प्यारी और मीठी बातों में अपने प्रियतम को लुभाने का …. (विस्तार से पढ़ें)

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्न 1: 26 अगस्त से 1 सितंबर के बीच कौन-कौन से व्रत और त्योहार किए जाएंगे? 

उत्तर: कृष्ण जन्माष्टमी, दही हांडी, एकादशी, शनि त्रयोदशी

प्रश्न 2: अगस्त के आखिरी सप्ताह में कौन-कौन से गोचर होने वाले हैं? 

उत्तर: इस सप्ताह 26 अगस्त को मंगल का मिथुन राशि में गोचर होगा, 26 अगस्त को ही बुध कर्क राशि में उदित होंगे और 29 अगस्त को कर्क राशि में बुध उदित हो जाएंगे।

प्रश्न 3: तुला राशि के जातकों का प्रेम जीवन कैसा रहने वाला है? 

उत्तर: इस हफ्ते आपकी राशि के कुछ प्रेमी जातक शादी के पवित्र बंधन में बंधने का बड़ा फैसला ले सकते हैं। 

प्रश्न 4: धनु राशि के जातकों का यह सप्ताह कैसा रहेगा? 

उत्तर: इस सप्ताह आपकी सेहत कुछ नगवारा गुजरेगी, इस कारण ज़्यादा यात्रा करना आपके स्वभाव में कुछ झुंझलाहट भी पैदा कर सकता है। 

दुर्लभ जयंती योग में कृष्ण जन्माष्टमी- जानें इसका ज्योतिषीय महत्व और राशि अनुसार दान की जानकारी!

कृष्ण जन्माष्टमी यानि भगवान विष्णु के आठवें अवतार का जन्मोत्सव। इसे बहुत से जगहों पर गोकुलाष्टमी भी कहा जाता है। यह एक बेहद ही पावन हिंदू त्यौहार है जो प्रत्येक वर्ष नियम पूर्वक मनाया जाता है। पंचांग या हिंदू कैलेंडर के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी का यह पर्व भाद्रपद महीने के आठवें दिन मनाया जाता है, पश्चिमी ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में पड़ता है। 

हमारे आज के इस खास ब्लॉग में हम श्री कृष्ण जन्माष्टमी के बारे में जानकारी हासिल करेंगे। साथ ही जानेंगे 2024 में जन्माष्टमी का यह पर्व कब मनाया जाएगा, इस दिन कौन से शुभ योग का निर्माण हो रहा है, भारत के अलग-अलग राज्यों में इस त्यौहार को किस तरह से मनाया जाता है, साथ ही श्री कृष्ण जन्माष्टमी से जुड़ी कुछ बेहद ही रोचक और जानने वाली जानकारियां भी हम आपको यहां पर प्रदान करेंगे। 

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने भविष्य से जुड़ी हर जानकारी

तो चलिए बिना देरी के शुरू करते हैं यह खास ब्लॉग और सबसे पहले जान लेते हैं इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी कब पड़ रही है।

वर्ष 2024 कृष्ण जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त और योग 

हिंदू पंचांग के अनुसार 2024 में गोकुल अष्टमी या कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई जाएगी। बात करें शुभ पूजा मुहूर्त की तो, 

निशीथ पूजा मुहूर्त :24:00:30 से 24:45:02 तक

अवधि :0 घंटे 44 मिनट

जन्माष्टमी पारणा मुहूर्त :05:56:15 के बाद 27, अगस्त को 

दही हांडी उत्सव 27 अगस्त 2024 मंगलवार 

अधिक जानकारी: ऊपर दिया गया मुहूर्त नई दिल्ली के लिए मान्य है। अगर आप अपने शहर के अनुसार इस दिन का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें

जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र

रोहिणी नक्षत्र का प्रारंभ – 26 अगस्त, शाम 3 बजकर 55 मिनट से

रोहिणी नक्षत्र का समापन – 27 अगस्त, शाम 3 बजकर 38 मिनट पर

इसके अलावा अगर आप आने वाले 5 वर्षों की श्री कृष्ण जन्माष्टमी तिथि जानना चाहते हैं तो, 

वर्ष 2026 में 4 सितंबर को कृष्ण जन्माष्टमी है 

2027 में 25 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा 

2028 में 13 अगस्त रविवार के दिन कृष्ण जन्माष्टमी पड़ेगी 

2029 में श्री कृष्ण जन्माष्टमी शनिवार 1 सितंबर को रहेगी और 

साल 2030 में 21 अगस्त बुधवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाएगा।

जयंती योग में मनेगी कृष्ण जन्माष्टमी 

इस साल कृष्ण जन्माष्टमी इसलिए भी बेहद खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन जयंती योग रहने वाला है। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार जयंती योग में जो कोई भी व्यक्ति जन्माष्टमी का व्रत करता है उन्हें अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान कृष्ण के आशीर्वाद से उनके जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा इस योग में अगर जन्माष्टमी का व्रत या पूजा की जाए तो ऐसे व्यक्ति को बैकुंठ धाम में निवास मिलता है। 

अधिक जानकारी: इस वर्ष गृहस्थ जीवन और वैष्णव समुदाय के लोग एक ही दिन कृष्ण जन्माष्टमी मनाने वाले हैं। 

कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व 

हिंदू धर्म ग्रंथो के अनुसार प्रभु श्री कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि या भाद्रपद के कृष्ण पक्ष के आठवें दिन मथुरा के शहर में माँ देवकी और वासुदेव के घर हुआ था। मथुरा का राक्षस राजा कंस, देवकी का भाई था। एक बार भविष्यवाणी में कहा गया था कि, कंस को उसके पापों के परिणाम के रूप में देवकी के आठवें पुत्र द्वारा मारा जाएगा इसीलिए कंस ने अपनी मौत के डर से अपनी बहन और उनके पति को कारागार में डाल दिया। 

यह भविष्यवाणी सच ना हो इसलिए इसे रोकने के लिए उसने देवकी के बच्चों को जन्म के तुरंत बाद मार डालने का प्रयास भी किया। जब देवकी ने अपने आठवें बच्चे को जन्म दिया तो वासुदेव ने रात के समय शिशु को वृंदावन में यशोदा और नंदलाल के घर पहुंचा दिया। यह शिशु कोई और नहीं बल्कि भगवान विष्णु का आठवां स्वरूप ही था जिन्हें बाद में श्री कृष्ण के नाम से जाना गया और इन्होंने ही कंस को मारकर उसके आतंक के शासन को समाप्त किया था। 

ऐसे में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के त्यौहार को देवत्व, प्रेम और धार्मिकता के प्रति के रूप में जाना जाता है। श्री कृष्ण का जीवन और शिक्षाएं भक्तों को धर्म, कर्म और भक्ति के आधार पर जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं।

कृष्ण जन्माष्टमी का ज्योतिषीय महत्व 

भगवान कृष्ण के जन्म की कहानी बेहद ही अविश्वसनीय और खूबसूरत है। उनका जन्म कृष्ण पक्ष या ढलते चंद्रमा चरण की अष्टमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षत्र के तहत हुआ था। हिंदू कैलेंडर के अनुसार उनका जन्म भाद्रपद के महीने में हुआ था इसके परिणाम स्वरुप ज्योतिष गणनाओं का उपयोग श्री कृष्ण जन्माष्टमी तिथियां और समय को निर्धारित करने के लिए किया जाता है। 

प्रभु श्री कृष्ण को रक्षक माना जाता है जो संसार को धर्म और अधर्मियों से बचाते हैं। कंस के कर्म बेहद ही बुरे थे और इसी वजह से प्रभु श्री कृष्ण ने उन्हें मार डाला था। ऐसे में जब भी दुनिया में अराजकता और आतंक बढ़ता है तो धर्म के शासन को बहाल करने के लिए भगवान विष्णु पृथ्वी पर अलग-अलग अवतार लेते रहते हैं।

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कृष्ण जन्माष्टमी के दौरान किए जाने वाले अनुष्ठान 

कृष्ण जन्माष्टमी पर तरह-तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि कृष्ण जन्माष्टमी का यह त्यौहार सभी उम्र के लोग मनाते हैं। इस दिन से जुड़े महत्वपूर्ण अनुष्ठानों की बात करें तो कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर भक्त उपवास करते हैं, पूरा दिन भगवान कृष्ण को याद करते हैं, उनकी पूजा पाठ करते हैं और यह व्रत आधी रात को अर्थात 12:00 बजे कृष्ण जी के जन्म के साथ पूरा होता है। 

पूरे दिन भक्त भगवान के नाम का जाप करते हैं, उनकी भक्ति करते हैं, उनके लिए भक्ति गीत गाते हैं, उनके जीवन की कहानी सुनते हैं, लीलाओं को बताते हैं और इन सबके लिए कई बार विस्तृत नाटक भी प्रस्तुत किए जाते हैं। बच्चे कृष्ण और उनकी गोपियों की वेश में रासलीला करते हैं। इसके अलावा चूंकि माखन भगवान श्री कृष्ण को बेहद ही प्रिय है इसलिए इस दिन का एक महत्वपूर्ण भोग माखन को माना गया है। 

नन्हे गोपाल को प्रसन्न करने के लिए भक्त दूध, सूखे मेवे, चीनी और खोये से बनी मिठाइयां उन्हें अर्पित करते हैं। कृष्ण की शिक्षाओं और जीवन के अर्थ को याद रखने में हमारी मदद करने के लिए भागवत गीता के अंश का पाठ किया जाता है।

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दुनिया भर में कैसे मनाया जाता है कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार? 

कृष्ण जन्माष्टमी का यह त्यौहार पूरी दुनिया में जोरों शोरों के साथ मनाया जाता है। भारत के अलग-अलग राज्यों के साथ दुनिया भर के लोग इस त्यौहार का हिस्सा बनते हैं और इस त्यौहार को अलग अलग तरीके से मनाते हैं। 

उत्तर भारत 

उदाहरण के तौर पर उत्तर भारत की बात करें तो उत्तर भारत का सबसे बड़ा त्योहार जन्माष्टमी ही माना गया है। इस दिन लोग रासलीला मनाते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी पर इस दिन पतंग उड़ना भी एक महत्वपूर्ण आयोजन माना जाता है।

पूर्वोत्तर या पूर्वी भारत 

जन्माष्टमी के दिन मणिपुर के लोग प्रेम से प्रेरित नृत्य नाटिका, राधा कृष्ण रासलीला का प्रदर्शन करते हैं, माता-पिता अपने बच्चों को कृष्ण की कहानी सुनाते हैं, उन्हें गोपियों और कृष्ण के रूप में तैयार करते हैं और भागवत गीता के भागवत पुराण के दसवें अध्याय को पढ़ते हैं। 

पश्चिम बंगाल और उड़ीसा 

यहां पर कृष्ण जन्माष्टमी को कृष्णा उड़ीसा के नाम से जाना जाता है। जन्माष्टमी के दिन लोग आधी रात तक व्रत करते हैं और पूजा पाठ करते हैं। इस दिन लोग भागवत पुराण के दसवें पुराण का पाठ करते हैं। अगले दिन नंद उत्सव मनाया जाता है जो कृष्ण के पालक माता पिता नंद और यशोदा के सम्मान का एक त्यौहार है। 

राजस्थान और गुजरात 

मक्खन हांडी यहां पर मनाया जाता है। कुछ लोग इस दिन लोक नृत्य करते हैं, भजन गाते हैं और भगवान कृष्ण के मंदिरों में जाते हैं।

महाराष्ट्र 

महाराष्ट्र के लोग कृष्ण जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी के नाम से भी जानते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी के बाद का दिन दही हांडी या दही उत्सव के लिए समर्पित होता है। इस दिन लोग दही की हांडी फोड़ते हैं। दही की हांडी दरअसल एक मिट्टी का बर्तन होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार शिशु कृष्ण माखन और दही चुराया करते थे और इसलिए लोग अपने घर में दूध और दूध से संबन्धित चीजों को कृष्ण की पहुंच से दूर रखते थे और उसे ऊंचा लटका देते थे। इसी उपलक्ष्य में दहीहंडी का त्यौहार मनाया जाता है। 

इसमें रस्सी से माखन की मटकी को बांधकर बहुत ऊपर लटका दिया जाता है, फिर लोग मानव पिरामिड बनाकर दही हांडी फोड़ते हैं और फिर इसे प्रसाद के रूप में खाया जाता है। 

दक्षिण भारत 

दक्षिण भारत में गोकुलाष्टमी का उत्सवों से मनाया जाता है। कोलम का उपयोग तमिलनाडु में फर्श को सजाने के लिए किया जाता है और इस दिन कृष्ण के सम्मान वाले भक्ति गीत गाए जाते हैं, घर में कृष्ण के आने को या आगमन को दर्शाने के लिए प्रवेश द्वार से पूजा कक्ष तक जाते हुए कृष्ण के पद चिन्ह बनाया जाता है। इस दिन कृष्ण को मक्खन, पान और फल का भोग लगाते हैं।

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सिर्फ इतना ही नहीं विदेश में भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी का धूम या उत्सव देखने को मिलता है। जैसे कि नेपाल में, नेपाल के लोग आधी रात तक उपवास रखते हैं, फिर धार्मिक गीत गाते हुए भागवत गीता के श्लोक का जाप करके श्री कृष्ण जन्माष्टमी मानते हैं। 

फिजी: फिजी की बात करें तो जन्माष्टमी को कृष्ण अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इन आठ दिनों के दौरान हिंदू अपने घरों और मंदिरों में अपनी मंडलियों के साथ एकत्र होकर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित भजन कीर्तन करते हैं। 

यूएस: संयुक्त राज्य अमेरिका में भी जन्माष्टमी का उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन हरे कृष्णा मंडली और उनके अनुयायियों द्वारा रंगारंग उत्सव और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। 

बांग्लादेश: इसके अलावा बांग्लादेश में जन्माष्टमी को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाते हैं। इस दिन कई जगह झांकियां आदि निकल जाती है। 

सिंगापुर: श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाने के लिए मंदिरों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और कृष्णा जप प्रतियोगिता भी की जाती है।

कृष्ण जन्माष्टमी ज्योतिषीय उपाय

कृष्ण जन्माष्टमी पर कुछ विशेष ज्योतिषीय उपाय करने से जीवन में तमाम तरह के सुख और समृद्धि की प्राप्ति की जा सकती है। इससे संबंधित उपाय हम आपको नीचे प्रदान कर रहे हैं। 

  • जन्माष्टमी के दिन अगर आप सात कन्याओं को बुलाकर उन्हें खीर या फिर कोई भी सफेद मिठाई खिलाते हैं और लगातार पांच शुक्रवार तक ऐसा करते हैं तो आपकी आय में निश्चित वृद्धि होगी, नौकरी में प्रमोशन और इंक्रीमेंट का योग बनेगा और आपका बैंक बैलेंस मजबूत होगा। 
  • जन्माष्टमी की रात 12:00 बजे लड्डू गोपाल के जन्म के बाद केसर मिले दूध से उनका अभिषेक करें। ऐसा करने से सुख समृद्धि जीवन में आएगी। 
  • कृष्ण जन्माष्टमी पर पान का पत्ता भगवान कृष्ण को अवश्य अर्पित करें। अगले दिन इस पत्ते पर रोली से श्री यंत्र लिखकर इसे तिजोरी में रखें। ऐसा करने से धन वृद्धि के योग बनेंगे।
  • अगर आपको संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है तो कृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा करें। साथ ही इस दिन घर पर गाय के बछड़े की मूर्ति लेकर आयें। ऐसा करने से जल्द ही संतान प्राप्ति के योग आपके जीवन में बनने लगेंगे। 
  • जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद राधा कृष्ण मंदिर जाकर भगवान कृष्ण को पीले फूलों की माला अर्पित करें। ऐसा करने से आर्थिक तंगी जीवन से दूर होगी।

कृष्ण जन्माष्टमी राशि अनुसार मंत्र और दान की जानकारी 

इस श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर अगर आप भी भगवान कृष्ण की कृपा अपने जीवन में प्राप्त करना चाहते हैं तो इस दिन आप अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए राशि अनुसार इन मंत्रों का जाप अवश्य करें। साथ ही आप अपनी राशि के अनुसार इस दिन दान भी कर सकते हैं जिससे आपकी मनोकामना पूरी होगी और मनचाहा वरदान मिलेगा।

राशि मंत्र इन चीजों का करें दान 
मेष राशि ‘ॐ गोविंदाय नमः’ गेहूं और गुड
वृषभ राशि ॐ अनंताय नमः’ माखन, मिश्री और चीनी
मिथुन राशि ‘ॐ अच्युताय नमः’ अन्न
कर्क राशि ‘ॐ माधवाय नमः’दूध, दही, चावल और मिठाई 
सिंह राशि ‘ॐ वासुदेवाय नमः’गुड़, शहद और मसूर दाल
कन्या राशि ‘ॐ आदित्याय नमः’ गौशाला में चारा खरीदने के लिए धन
तुला राशि ‘ॐ बलभद्रप्रियनुजाय नमः’सफेद और नीले रंग के कपड़े 
वृश्चिक राशि ‘ॐ सच्चिदानन्दविग्रहाय नमः’गेंहू, गुड़ और शहद 
धनु राशि ‘ॐ मधुराकृतये नमः’गीता
मकर राशि ‘ॐ गोपगोपीश्वराय नमः’जरूरतमंदों को नीले रंग के कपड़े 
कुम्भ राशि ‘ॐ गोपालाय नमः’ जरूरतमंदों को धन 
मीन राशि ‘ॐ जगन्नाथाय नमः’ केले, बेसन के लड्डू, मिश्री, माखन

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्न 1: जन्माष्टमी का पूरा नाम क्या है? 

उत्तर: जन्माष्टमी का पूरा नाम कृष्ण जन्माष्टमी है।

प्रश्न 2: 2024 में कृष्ण जन्माष्टमी कब है?

उत्तर: 2024 में 26 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। 

प्रश्न 3: अष्टमी का दिन शुभ है या अशुभ? 

उत्तर: हिंदू धर्म में चंद्र कैलेंडर के आठवें दिन को अष्टमी कहा जाता है। यह अच्छा या बुरा नहीं होता। यह मात्र एक दिन है लेकिन क्योंकि क्योंकि कृष्णा अष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाती है, इसे बहुत भाग्यशाली माना जाता है। 

प्रश्न 4: कलयुग का अंत कैसे होगा?

उत्तर: कलयुग का अंत 428,899 ईस्वी में होगा। 

26 अगस्त को मंगल का गोचर इन राशियों का शुरू करेगा गोल्डन पीरियड- जानें क्या आप हैं इसमें शामिल?

मिथुन जिसे एक जुड़वा राशि माना जाता है इसमें जल्द ही मंगल ग्रह का गोचर होने वाला है। मिथुन राशि बुध की राशि मानी जाती है जो एक विनम्र और कूटनीतिक ग्रह होता है वहीं मंगल ग्रह की बात करें तो यह एक क्रूर और ऊर्जावान ग्रह माना गया है।

बुध के घर में होने से मंगल और अधिक ऊर्जावान बनेगा। मंगल के इस गोचर का आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इस गोचर का क्या समय रहने वाला है, इस गोचर के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं, इन सभी सवालों का जवाब अपने इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम आपको प्रदान करने जा रहे हैं। सबसे पहले बात करें इस गोचर के समय की तो,

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मंगल का मिथुन राशि में गोचर: क्या रहेगा समय?

मंगल का मिथुन राशि में गोचर 26 अगस्त 2024 को 15:40 पर होने वाला है। इस परिवर्तन के दौरान मंगल प्राकृतिक राशि से बुध द्वारा शासित राशि में गोचर करने जा रहा है। 

मंगल का मिथुन राशि में गोच- एक झलक

 मंगल के मिथुन राशि में गोचर से चिकित्सा, फिजियोथैरेपी, मानव शरीर, व्यायाम, योग आदि से संबंधित पाठ्यक्रमों की मांग में वृद्धि नजर आ सकती है। इसके अलावा रक्षा अध्ययन में भी वृद्धि नजर आएगी। हालांकि इसके विपरीत नकारात्मक पक्ष पर बात करें तो इस दौरान कूटनीतिक वार्ता में कोई प्रगति हासिल नहीं होगी। 

घरेलू झगड़े और बच्चों के प्रति अपराध बढ़ सकते हैं। सोशल मीडिया पर तकरार आम रहेगी, मीडिया में फर्जी योजनाओं की बाढ़ आ सकती है, अपराधों पर मीडिया रिपोर्ट बढ़ेगी जिससे दर्शकों का ध्यान आसपास हो रहे अपराधों पर ज्यादा रहने वाला है। यह कुछ सामान्य प्रभाव है जो मंगल के मिथुन राशि में गोचर के दौरान नजर आ सकते हैं। अगर आप अपनी राशि पर इसका व्यक्तिगत प्रभाव जानना चाहते हैं तो विद्वान ज्योतिषियों से अभी इससे संबन्धित प्रश्न पूछ सकते हैं।

मिथुन राशि में मंगल गोचर के प्रभाव 

मंगल के मिथुन राशि में गोचर के बारे में बात करें तो इससे विविधता और बौद्धिक बातचीत की इच्छा बढ़ सकती है जिससे बहस, विचारों के आदान-प्रदान और विविध विषयों की खोज के लिए यह एक उत्कृष्ट समय साबित होगा। ज्योतिष में जहां एक तरफ मंगल हमारे प्रेरणा, दृढ़ संकल्प और हम खुद को कैसे मुखर करते हैं इसे नियंत्रित करता है वहीं यह हमारी महत्वाकांक्षाओं, शारीरिक ऊर्जा और हम अपनी इच्छाओं को कैसे आगे बढ़ते हैं इसे प्रभावित भी करता है। 

जब मंगल मिथुन राशि में गोचर करेगा तो यह गुण ज्यादा बहुमुखी और जिज्ञासु हो सकते हैं। व्यक्ति इस दौरान अपने विचारों पर कार्य करने और उन चर्चाओं में शामिल होने के लिए ज्यादा इच्छुक बनेंगे जो आपकी मानसिकता को चुनौती दे सकते हैं और आपके दृष्टिकोण को व्यापक बना सकते हैं जिससे आप प्रेरित और बौद्धिक रूप से प्रेरित महसूस करेंगे। मिथुन राशि में मंगल का गोचर शब्दों और विचारों की शक्ति को भी उजागर करने के लिए जाना जाता है फिर चाहे बातचीत हो नेटवर्किंग हो या फिर अपना दृष्टिकोण साझा करना हो। 

आप अपनी जानकारी को किस तरह से प्रसारित और संसाधित करते हैं यह गोचर इस बात पर ज्यादा जोर डालेगा। हालांकि नकारात्मक पक्ष यह रहने वाला है कि मिथुन राशि एक द्विस्वभाव की राशि है जो संकेत दे रही है कि यह गोचर कुछ चुनौतियां भी लेकर आ सकता है। उदाहरण के लिए मानसिक उत्तेजना की निरंतर आवश्यकता, आसानी से बेचैनी और ऊर्जा में बिखराव नजर आ सकता है। हालांकि अगर सही प्राथमिकता ली जाए और फोकस के साथ जीवन में आगे बढ़ा जाए तो इन चुनौतियों को तार्किक और उत्पादक ढंग से व्यक्ति सामना करने में कामयाब हो सकते हैं।

सभी 12 राशियों पर मंगल के इस गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा यह जानने से पहले चलिए एक नजर डाल लेते हैं ज्योतिष में मंगल ग्रह के बारे में।  

ज्योतिष में मंगल ग्रह 

  • मंगल ग्रह का अन्य ग्रहों के साथ कैसा संबंध होता है इसके बारे में बात करें तो सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति के साथ मंगल के मित्रता पूर्ण रिश्ते होते हैं। 
  • वहीं शुक्र और शनि के साथ इसके संबंध तटस्थ होते हैं। 
  • इसके अलावा बुध, राहु और केतु से यह शत्रुता का भाव रखता है। 
  • इसके अलावा मेष और वृश्चिक राशि का आधिपत्य मंगल को प्राप्त है। 
  • मंगल ग्रह को सभी ग्रहों में सबसे आक्रामक ग्रह का दर्जा दिया गया है। 
  • यह स्वभाव से एक पुल्लिंग ग्रह है और इसमें उग्र तत्व शामिल हैं। 
  • इसे एक चमकीले लाल रंग से दर्शाया जाता है। 
  • सप्ताह में मंगलवार का दिन मंगल ग्रह से संबंधित माना जाता है। 
  • जितने भी बहुमूल्य रत्न होते हैं इनमें से सबसे सुंदर लाल मूंगा मंगल ग्रह से संबंधित होता है। विशेष तौर पर मूंगा रत्न उन जातकों के लिए मंगल के हानिकारक प्रभाव को दूर कर सकता है जिनके जीवन पर मंगल का दुष्प्रभाव पड़ रहा हो। हालांकि फिर भी कोई भी रत्न धारण करने से पहले हम हमेशा यह सलाह देते हैं कि विद्वान ज्योतिषियों से इसके बारे में परामर्श अवश्य कर लें और उसके बाद ही कोई रत्न धारण करें। 
  • इसके अलावा अंत में वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को साहस, जोश, जुनून और ऊर्जा का कारक माना गया है।

चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं मंगल का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा और इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं।

मंगल का मिथुन राशि में गोचर- राशि अनुसार भविष्यवाणी

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए मंगल पहले और अष्टम भाव का स्वामी है और आपके तीसरे घर में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए मंगल सप्तम और बारहवें घर का स्वामी है और आपके दूसरे घर में गोचर…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल छठे और ग्यारहवें घर का स्वामी है और आपके पहले घर में …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल पंचम और दशम भाव का स्वामी है और आपके बारहवें घर में गोचर …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल चतुर्थ और नवम भाव का स्वामी है और आपके ग्यारहवें घर में गोचर…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और अष्टम भाव का स्वामी है और दशम भाव में गोचर …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और सप्तम भाव का स्वामी है और नवम भाव में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मंगल पहले और छठे घर का स्वामी है और अष्टम भाव में गोचर …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए मंगल पंचम और बारहवें भाव का स्वामी है और सप्तम भाव में गोचर करने…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए मंगल चतुर्थ और ग्यारहवें घर का स्वामी है और छठे घर में गोचर …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुंभ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरेऔर दसवें घर का स्वामी है और पंचम भाव में गोचर…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और नवम भाव का स्वामी है और चतुर्थ घर में गोचर …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

1: मंगल का मिथुन राशि में गोचर कब होगा? 

मंगल का मिथुन राशि में गोचर 26 अगस्त 2024 को 15:40 पर होने वाला है।

2: मंगल को किसका कारक ग्रह माना गया है?

ज्योतिष में मंगल को व्यक्ति के पराक्रम, साहस, शक्ति, ऊर्जा का कारक माना जाता है।

3: मंगल बुध के साथ कैसे रिश्ते रखता है? 

मंगल बुध के साथ शत्रुता का भाव रखता है। 

4: मंगल का शत्रु कौन है? 

बुध, राहु और केतु से बुध शत्रुता का भाव रखता है। 

5: मिथुन राशि में मंगल क्या प्रभाव देगा?

जब मंगल मिथुन राशि में गोचर करेगा तो व्यक्ति ज़्यादा बहुमुखी और जिज्ञासु बनेंगे। व्यक्ति इस दौरान अपने विचारों पर कार्य करने और उन चर्चाओं में शामिल होने के लिए ज्यादा इच्छुक बनेंगे जो आपकी मानसिकता को चुनौती दे सकते हैं और आपके दृष्टिकोण को व्यापक बना सकते हैं।  

25 अगस्त से शुक्र के गोचर से चमकेगी इन जातकों की किस्मत, इन्हें रहना होगा सावधान!

ज्योतिष में शुक्र ग्रह का बहुत अधिक महत्व है। शुक्र को आकर्षण, ऐश्वर्य, सौभाग्य, धन, प्रेम और वैभव का कारक माना जाता है। कुंडली में शुक्र की स्थिति का आकलन कर के ही जातक के सुख व संपन्न तथा प्रेम की गणना किया जाता है और इससे पता चलता है कि जातक के जीवन में प्रेम व सुख कब आएगा इसकी जानकारी मिलती है। शुक्र चंद्रमा के बाद रात में चमकने वाला दूसरा ग्रह है और यह आकार व द्रव्यमान में पृथ्वी के समान ही है। शुक्र के गोचर की बात करें तो इनकी गोचर करने की अवधि लगभग 23 दिन की होती है यानी यह शुक्र ग्रह एक राशि में 23 दिनों तक मौजूद रहते हैं और उसके बाद दूसरी राशि में चले जाते हैं।

बता दें कि शुक्र जल्द ही अगस्त माह में कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं। इस ख़ास ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे अगस्त में कन्या राशि में शुक्र के गोचर की ये ज्योतिषीय घटना सभी 12 राशियों को किस तरह से प्रभावित करेगी, ज्योतिष में शुक्र के गोचर का क्या महत्व होता है, साथ ही जानेंगे शुक्र के गोचर के नकारात्मक प्रभावों से बचने के कुछ बेहद सरल और ज्योतिषीय उपायों की जानकारी। लेकिन, इससे पहले जान लेते हैं शुक्र का कन्या राशि में गोचर करने की समयावधि।

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शुक्र का कन्या राशि में गोचर: समय व तिथि

सौंदर्य, ऐश्वर्य और सुख समृद्धि के कारक ग्रह शुक्र 25 अगस्त 2024 की मध्यरात्रि 12 बजकर 59 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं। शुक्र के गोचर का प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों में देखने को मिलेगा, किसी में सकारात्मक रूप से तो किसी में नकारात्मक रूप से। तो आइए सबसे पहले जानते ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व।

शुक्र ग्रह का ज्योतिष में महत्व

ज्योतिष में शुक्र ग्रह का बहुत अधिक महत्व है। शुक्र को प्रेम, सौंदर्य, कला, और सुख-सुविधाओं का कारक माना जाता है। यह ग्रह जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं, धन-धान्य, और विलासिता का प्रतीक होता है। शुक्र ग्रह से संबंधित व्यक्ति आमतौर पर आकर्षक व्यक्तित्व के होते हैं और समाज में उनकी छवि अच्छी होती है।

शुक्र ग्रह का तात्पर्य वैवाहिक जीवन से भी है। यह रिश्ते में प्रेम, समझ, और सामंजस्य की भावना में वृद्धि करता है। यदि किसी की कुंडली में शुक्र मजबूत होता है, तो उनका दांपत्य जीवन सुखमय होता है। शुक्र का प्रभाव महिलाओं पर विशेष रूप से देखा जाता है क्योंकि यह ग्रह स्त्रियों के सौंदर्य, प्रेम, और उनके जीवन के भौतिक पहलुओं का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र ग्रह के शुभ प्रभाव से व्यक्ति कला, संगीत, और अन्य रचनात्मक कार्यों में उत्कृष्ट हो सकता है। ऐसा व्यक्ति अपने जीवन में भौतिक सुखों का आनंद उठाता है। ऐसे लोग अक्सर फैशन, डिजाइन, और रचनात्मक क्षेत्रों में सफल होते हैं।

दूसरी ओर, अगर किसी की कुंडली में शुक्र कमजोर होता है, तो यह प्रेम संबंधों में तनाव, वैवाहिक जीवन में असंतोष, और भौतिक सुखों की कमी का कारण बन सकता है। इसके अलावा, कमजोर शुक्र से व्यक्ति के जीवन में वित्तीय समस्याएं, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, और सौंदर्य में कमी भी देखी जा सकती है।

शुक्र वृषभ और तुला राशि के स्वामी हैं और यह ग्रह मीन राशि में उच्च और कन्या राशि में नीच का माना जाता है। यदि शुक्र शुभ भाव में स्थित हो तो वह व्यक्ति को जीवन में विभिन्न प्रकार की खुशियों का अनुभव कराता है। कुंडली में शुक्र ग्रह की दशा और स्थिति का अध्ययन करके व्यक्ति के जीवन में प्रेम, सुख-सुविधा, और वैवाहिक जीवन की संभावनाओं का पता लगाया जा सकता है।

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शुक्र ग्रह का धार्मिक महत्व

शुक्र ग्रह का सनातन धर्म में बहुत गहरा धार्मिक महत्व है। शुक्र को असुरों के गुरु, यानी “दैत्यगुरु” के रूप में भी जाना जाता है। हिंदू पुराणों के अनुसार, शुक्राचार्य का उल्लेख इस रूप में किया गया है कि उन्होंने असुरों को ज्ञान, विज्ञान, और जीवन के रहस्यों की शिक्षा दी थी। शुक्राचार्य ने कई महत्वपूर्ण मंत्र और औषधियों का आविष्कार किया, जिससे असुरों ने देवताओं के साथ युद्ध में विजय प्राप्त की।

धार्मिक दृष्टिकोण से शुक्र ग्रह को सौंदर्य, प्रेम, और भौतिक समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह ग्रह जातकों को आकर्षक व्यक्तित्व, कला, और संगीत में निपुणता प्रदान करने वाला ग्रह है। शुक्र ग्रह की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में प्रेम, सुख, और समृद्धि का वास होता है।

शुक्र ग्रह का संबंध माता लक्ष्मी से भी है, जो धन, वैभव, और समृद्धि की देवी हैं। शुक्र की कृपा से व्यक्ति को जीवन में भौतिक सुख-सुविधाएं, प्रेम संबंधों में सफलता, और वैवाहिक जीवन में सुख प्राप्त होता है। धार्मिक अनुष्ठानों में शुक्र की विशेष पूजा की जाती है ताकि व्यक्ति को जीवन में हर प्रकार की समृद्धि और संतोष प्राप्त हो सके।

12 भावों में शुक्र ग्रह का प्रभाव

कुंडली में शुक्र ग्रह का विभिन्न भावों में अलग-अलग प्रभाव होता है। हर भाव जीवन के किसी विशेष क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है, और उसमें शुक्र की स्थिति उसके उस क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाती है।

पहले भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

शुक्र का पहले भाव में होना व्यक्ति को सुंदर, आकर्षक, और सौम्य बनाता है। ऐसे व्यक्ति में रचनात्मकता और कला के प्रति विशेष रुचि होती है। उनका व्यक्तित्व आकर्षक और करिश्माई होता है।

दूसरे भाव में शुक्र ग्रह का प्रभा

इस भाव में शुक्र का प्रभाव व्यक्ति को धन-संपत्ति, सुख-सुविधा, और मीठी वाणी प्रदान करता है। ऐसे व्यक्ति का पारिवारिक जीवन सुखी होता है और वे भोजन, संगीत, और लग्जरी में रुचि रखते हैं।

तीसरे भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

शुक्र का इस भाव में होना व्यक्ति को साहसी, रचनात्मक, और यात्रा प्रिय बनाता है। वह अपने विचारों और कला को प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करता है।

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चौथे भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

शुक्र का चौथे भाव में होना व्यक्ति के लिए घर-परिवार, संपत्ति, और वाहन सुख का संकेत है। उनका गृहस्थ जीवन संतोषजनक और सुखद रहता है।

पांचवें भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

यह भाव प्रेम, शिक्षा, और संतान का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र का पंचम भाव में होना प्रेम संबंधों में सफलता, उच्च शिक्षा, और रचनात्मकता में उत्कृष्टता का सूचक है।

छठे भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

इस भाव में शुक्र का होना स्वास्थ्य समस्याओं और विवादों का संकेत दे सकता है। व्यक्ति को प्रेम और वित्तीय मामलों में सावधानी बरतनी चाहिए।

सातवें भाव में शुक्र ग्रह का महत्व

शुक्र का सातवें भाव में होना वैवाहिक जीवन के लिए शुभ होता है। यह सुखद और सामंजस्यपूर्ण विवाह का संकेत देता है, जिसमें प्रेम और समझ बनी रहती है।

आठवें भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

इस भाव में शुक्र का होना व्यक्ति को गहरे रहस्यों और आध्यात्मिकता की ओर आकर्षित कर सकता है। हालांकि, यह अचानक वित्तीय लाभ या हानि का भी संकेत देता है।

नौवें भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

नौवें भाव में शुक्र व्यक्ति को धार्मिक, दार्शनिक, और भाग्यशाली बनाता है। वह विदेश यात्राओं और उच्च शिक्षा में सफल होता है।

दसवें भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

इस भाव में शुक्र का होना व्यक्ति के करियर में सफलता, सम्मान, और समाज में उच्च स्थान का सूचक है। वह कला, मीडिया, या फैशन में करियर बना सकता है।

ग्यारहवें भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

इस भाव में शुक्र व्यक्ति को इच्छाओं की पूर्ति, मित्रों से सहयोग, और समाज में प्रतिष्ठा प्रदान करता है।

बारहवें भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

बारहवें भाव में शुक्र का होना व्यक्ति को आध्यात्मिकता, विदेशी स्थानों से लाभ, और विलासिता का आनंद लेने की इच्छा का सूचक है। हालांकि, यह अनावश्यक खर्चों की भी चेतावनी देता है।

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शुक्र ग्रह को मजबूत करने के आसान उपाय

शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए ज्योतिष में कुछ बताए जा रहे हैं जो जीवन में सुख, सौंदर्य, और समृद्धि को बढ़ाते हैं। यदि आपकी कुंडली में शुक्र कमजोर है, तो नीचे दिए गए उपाय करके उसे शुक्र ग्रह को मजबूत किया जा सकता है:

शुक्र मंत्र का जाप

शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने के लिए “ॐ शुं शुक्राय नमः” मंत्र का नियमित रूप से 108 बार जाप करें। यह मंत्र शुक्र के प्रभाव को बढ़ाने में सहायक होता है और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।

सफेद वस्त्र धारण करना

शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए सफेद रंग के वस्त्र पहनना लाभकारी होता है। सफेद रंग शुक्र का प्रतीक माना जाता है और इस रंग के कपड़े पहनने से शुक्र के शुभ प्रभाव में वृद्धि होती है।

शुक्र से संबंधित दान

शुक्र ग्रह से संबंधित वस्तुएं जैसे चांदी, सफेद मिठाई, दही, सफेद फूल, चावल, और वस्त्र दान करना भी शुभ माना जाता है। शुक्रवार के दिन इन चीजों का दान करने से शुक्र की कृपा प्राप्त होती है।

व्रत रखना

शुक्रवार के दिन व्रत रखने से शुक्र ग्रह का बल बढ़ता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से भी शुक्र ग्रह मजबूत होता है और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।

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गाय को खिलाना

शुक्रवार को गाय को हरा चारा, गुड़, और रोटी खिलाना बहुत शुभ माना जाता है। इससे शुक्र ग्रह प्रसन्न होता है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

सुगंधित इत्र का प्रयोग

शुक्र ग्रह का संबंध सुगंध से होता है। अच्छे और सुगंधित इत्र का नियमित प्रयोग करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है और व्यक्ति के जीवन में आकर्षण और सौंदर्य का वास होता है।

सफेद चंदन का तिलक

शुक्र ग्रह की कृपा प्राप्त करने के लिए रोजाना सफेद चंदन का तिलक लगाना चाहिए। यह उपाय शुक्र के शुभ प्रभाव को बढ़ाता है और जीवन में सकारात्मकता लाता है।

विवाह संबंधी उपाय

शुक्र को मजबूत करने के लिए पति-पत्नी के बीच प्रेम और सामंजस्य बनाए रखना चाहिए। शुक्रवार को एक दूसरे को उपहार देना और प्रेमपूर्वक व्यवहार करना भी शुक्र के प्रभाव को बढ़ाता है।

शुक्र का कन्या राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

आपको परिवार में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और साथ ही, आपको…(विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि 

इस दौरान आप अपने बारे में विचार कर के चिंतित हो सकते हैं और बच्चों की प्रगति…(विस्तार से पढ़ें) 

मिथुन राशि 

आपको अपने परिवार में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और अप्रत्याशित परिवर्तन…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

जीवन साथी के साथ तालमेल में कमी भी देखने को मिल सकती है और यह समस्या बातचीत की कमी…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि 

आपको धन संबंधी समस्याओं, निजी जीवन में समस्याओं और काम में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि 

आप अधिक से अधिक धन अर्जित करने के बारे में सोच सकते हैं और धन में बढ़ोतरी कर सकते हैं। हालांकि…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि 

आपको अनचाही यात्रा, अप्रत्याशित निराशा और रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी का सामना करना पड़ सकता है…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

आपको यात्रा के माध्यम से सफलता मिल सकती है, नए अच्छे दोस्त मिल सकते हैं और भाग्य में…(विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

आपको करियर में समस्याएं, सुस्ती और असुरक्षा की भावना का सामना करना पड़ सकता है…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि 

आपको अनुकूल परिणामों की प्राप्ति होगी। आपको भाग्य का साथ मिलेगा और …(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि 

आशंका है कि आपको भाग्य का साथ न मिले। परिवार के साथ आपके संबंध…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि 

आपको दोस्तों, परिवार के साथ तालमेल की कमी का सामना करना पड़ सकता है। संभावना है कि… (विस्तार से पढ़ें)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. शुक्र का कन्या राशि में गोचर कब होने जा रहा है?

सौंदर्य, ऐश्वर्य और सुख समृद्धि के कारक ग्रह शुक्र 25 अगस्त 2024 की मध्यरात्रि 12 बजकर 59 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं। 

2. ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व?


यह ग्रह जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं, धन-धान्य, और विलासिता का प्रतीक होता है। शुक्र ग्रह से संबंधित व्यक्ति आमतौर पर आकर्षक व्यक्तित्व के होते हैं और समाज में उनकी छवि अच्छी होती है।

3. शुक्र कौन सी राशि में उच्च का होता है?

उत्तर. शुक्र, वृष और तुला राशि का स्वामी है। साथ ही मीन राशि में शुक्र उच्च का, जबकि कन्या राशि में यह नीच का होता है।

प्रश्न 4. शुक्र का गोचर कितने दिनों का होता है?

उत्तर. शुक्र ग्रह का गोचर 23 दिन का होता है।

मंगल का मिथुन राशि में गोचर: देश-दुनिया समेत राशियों को करेंगे प्रभावित!

एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको मंगल का मिथुन राशि में गोचर के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा। मंगल ग्रह को लाल ग्रह के नाम से भी जाना जाता है जो अब 26 अगस्त 2024 की दोपहर 03 बजकर 40 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। मंगल के राशि परिवर्तन का प्रभाव भारत समेत दुनिया पर भी पड़ेगा। तो आइए बिना देर किये जानते हैं कि मंगल का मिथुन राशि में गोचर कैसे प्रभावित करेगा देश-दुनिया और सभी राशियों को। 

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मिथुन राशि में मंगल: विशेषताएं 

यह हम सभी भली-भांति जानते हैं कि मंगल और बुध ग्रह एक-दूसरे के प्रति शत्रुता का भाव रखते हैं। लेकिन, ज्योतिषीय दृष्टि से मंगल का मिथुन राशि में गोचर एक विशेष स्थिति माना जाता है जो अच्छे और बुरे दोनों तरीकों से आपकी ऊर्जा,, कार्यों और दृष्टिकोण को प्रभावित कर सकती है। यह गोचर किसी व्यक्ति के जीवन में मिले-जुले परिणाम लेकर आ सकता है। हालांकि, जिन जातकों की कुंडली में मंगल मिथुन राशि में होते हैं, वह बातचीत के माध्यम से अपनी भावनाओं का इज़हार करते हैं। ऐसे लोग डिबेट करने में माहिर होते हैं और किसी बात पर होने वाली चर्चाओं का आनंद लेते हुए नज़र आते हैं। साथ ही, इनमें अपनी बात मनवाने का हुनर होता है। यह स्थिति बुद्धि को तेज़ बनाने के अवसर लेकर आती है।

मंगल को कार्य करने की इच्छा का ग्रह माना जाता है। जब मंगल मिथुन राशि में मौजूद होते हैं, तो इनकी बुद्धि एवं संचार कौशल शानदार होता है। जिन जातकों की कुंडली में मंगल मिथुन राशि में बैठे होते हैं, अक्सर वह जिज्ञासु प्रवृति के होते हैं और इनकी रुचि नई-नई चीज़ों को जानने में होती है। ऐसे में, इन जातकों का झुकाव नई चीज़ें सीखने, ज्ञान प्राप्त करने और नए तरह के अनुभव पाने में होता है। यह लोग बेहद बेचैन होते हैं और लंबे समय तक किसी एक ही प्रोजेक्ट पर काम करते रहने इनके लिए मुश्किल होता है इसलिए समय-समय पर इन्हें बदलाव की जरूरत होती है जिससे इनका मन काम में लगा रहें। मंगल मिथुन राशि में होने पर जातक मल्टीटास्किंग होते हैं और मुश्किल काम को आसानी से कर लेते हैं, लेकिन कभी-कभी इनके प्रयास असफलता की वजह भी बन सकते हैं।

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मंगल का मिथुन राशि में गोचर: इन राशियों को मिलेंगे सकारात्मक परिणाम 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए मंगल महाराज आपकी कुंडली में लग/पहले भाव और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके संचार कौशल, छोटे भाई-बहन और साहस के भाव यानी कि तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस गोचर के परिणामस्वरूप आप ऊर्जाा और साहस से भरे रहेंगे। ऐसे में, आप उन कामों को करना चाहेंगे जो काफ़ी समय से अधूरे पड़े हैं। जो छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए यह समय आपके लिए अच्छा कहा जाएगा। साथ ही, शत्रु या प्रतिद्वंद्वी आपको हानि नहीं पहुंचा सकेंगे।

इन लोगों को अपने पिता, गुरु और मेंटर का हर कदम पर साथ मिलेगा। लेकिन, आपको उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। मंगल महाराज अपनी आठवीं दृष्टि से आपके दसवें भाव को देखेंगे जो कि पेशेवर जीवन का भाव है। ऐसे में, यह मेष राशि के जातकों के करियर में प्रगति लेकर आएंगे। वहीं, इस राशि के हाल ही में ग्रेजुएट हुए फ्रेशर अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं। 

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल देव आपके चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं। यह आपके लिए योगकारक ग्रह भी हैं जो गोचर करके अब आपके ग्यारहवें भाव में विराजमान होंगे। बता दें कि कुंडली में ग्यारहवां भाव लाभ और इच्छाओं का होता है और इस भाव में मंगल का गोचर होने से यह आपके भीतर भौतिक सुख-सुविधाओं को पाने की इच्छा को बढ़ावा देने का काम करेंगे। ऐसे में, आप इस दिशा में ही प्रयासरत नज़र आएंगे। इस अवधि को आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए भी श्रेष्ठ कहा जाएगा क्योंकि पिछले समय में किया गया निवेश आपको अच्छा रिटर्न दे सकता है। इसके अलावा, कमीशन के रूप में भी आपकी आय बढ़ सकती है। 

मंगल गोचर को धन से जुड़ी योजनाओं को बनाने के लिए काफ़ी अच्छा कहा जाएगा। इस प्रकार, आपके ग्यारहवें भाव में मंगल की उपस्थिति आपके लिए धन लाभ लेकर आएगी। इसके परिणामस्वरूप, आप धन की ज्यादा से ज्यादा बचत कर सकेंगे और आपकी आय में वृद्धि होगी। इस भाव मैं बैठकर मंगल भाव की दृष्टि आपके पांचवें और छठे भाव पर होगी जो कि छात्रों के लिए अच्छी रहेगी, विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी या किसी भी तरह के कंपटीशन में भाग लेने वालों के लिए। इनमें आपका प्रदर्शन शानदार रहेगा। इसके अलावा, मंगल महाराज की दृष्टि आपके छठे भाव पर होगी और इसके फलस्वरूप, क़ानूनी मुकदमों का फैसला आपके हक़ में आ सकता है। 

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में चौथा भाव माता, घर, घरेलू जीवन, भूमि, संपत्ति और वाहन आदि का होता है। मीन राशि के स्वामी ग्रह बृहस्पति के साथ मंगल ग्रह दोस्ताना संबंध रखते हैं इसलिए चौथे भाव में इसके गोचर को अच्छा माना जाएगा। ऐसे में, मीन राशि के जातकों को जीवन के हर परिस्थिति में परिवारजनों और माता-पिता का साथ मिलेगा। इस दौरान आपको पैतृक संपत्ति मिल सकती है या फिर आप अपने लिए एक नया वाहन खरीद सकते हैं। 

चौथे भाव से मंगल आपके सातवें, दसवें और ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे होंगे। इस संयोजन को व्यापार की प्रगति के लिए अच्छा कहा जाएगा। इस अवधि में पूरी तरह से आप पेशेवर जीवन के साथ-साथ व्यापार में भी प्रगति हासिल करने के लिए समर्पित रहेंगे। साथ ही, बिज़नेस पार्टनरशिप और धन लाभ के लिए भी समय शानदार रहेगा।

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मंगल का मिथुन राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक असर 

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए मंगल आपके बारहवें और सातवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में दूसरा भाव परिवार, बचत और वाणी का प्रतिनिधित्व करता है। आपके दूसरे भाव में मंगल का गोचर होने से यह आपकी वाणी को कठोर और रुखा बनाने का काम कर सकता है। ऐसे में, परिवार के सदस्यों के साथ आपके रिश्ते खराब रह सकते हैं। इन परिस्थितियों से बचने के लिए आपको अपनी वाणी को मधुर बनाने की सलाह दी जाती है। साथ ही, किसी से भी बात करते समय आपको शब्दों के चयन को लेकर सावधान रहना होगा।

दूसरे भाव से मंगल महाराज की दृष्टि आपके पांचवें, आठवें और नौवें भाव पर पड़ रही होगी। इसके परिणामस्वरूप, आप अपनी संतान, शिक्षा और प्रेम जीवन को लेकर पजेसिव रहेंगे। लेकिन, आपको हद से ज्यादा सुरक्षात्मक होने से बचना होगा, अन्यथा आपके साथी असहज महसूस कर सकते हैं। आठवें भाव पर मंगल की दृष्टि पड़ने से आपके जीवन में अनिश्चितता बढ़ सकती है। इसके परिणामस्वरूप, आपको पार्टनर के साथ-साथ खुद का भी ख्याल रखना होगा और वाहन पूरी सावधानी के साथ चलाने की सलाह दी जाती है। 

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल देव आपके छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके पहले/लग्न भाव में गोचर कर जाएंगे। ऐसे में, इन जातकों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत रहेगी और आप ऊर्जा से भरे रहेंगे। लेकिन, नकारात्मक पक्ष की बात करें तो, आप स्वभाव से आक्रामक और दूसरों पर हावी होने वाले बन सकते हैं। लग्न भाव से बैठकर यह आपके चौथे भाव, सातवें और आठवें भाव को देख रहे होंगे। चौथे भाव पर मंगल की दृष्टि पड़ने से आपको हर कदम पर अपनी माता का साथ मिलेगा, परंतु आपको उनकी सेहत क लेकर सतर्क रहना होगा। आशंका है कि आप उन्हें लेकर काफ़ी सुरक्षात्मक हो सकते हैं। 

इस अवधि को संपत्ति बेचने और खरीदने के लिए शानदार कहा जाएगा। मंगल की आपके सातवें भाव पर दृष्टि बिज़नेस पार्टनरशिप के लिए अच्छी रहेगी। साथ ही, आप जीवन साथी का भी हर कदम पर साथ देंगे, परंतु आपका गुस्सैल स्वभाव आप दोनों के बीच टकरार या समस्याओं की वजह बन सकता है इसलिए आपको अपने व्यवहार पर ध्यान देना होगा।

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल एक योगकारक ग्रह है क्योंकि यह आपके केंद्र और त्रिकोण भावों पांचवें और दसवें भाव को नियंत्रित करते हैं। अब यह आपके बारहवें भाव में गोचर करने वाले हैं जो कि विदेश, अलगाव, अस्पताल, विदेशी कंपनियों जैसे कि एमएनसी आदि का प्रतिनिधित्व करता है। आपका योगकारक ग्रह बारहवें भाव में विराजमान होगा जिसे कर्क राशि के जातकों के लिए अच्छी स्थिति नहीं कहा जा सकता है। इस दौरान आपको पेशेवर जीवन में अचानक से बदलाव देखने को मिल सकते हैं जो कि नकारात्मक हो सकते हैं। आपका ट्रांसफर या फिर पद में बदलाव किया जा सकता है। लेकिन, यह समय उन लोगों के लिए अच्छा रहेगा जो जीवन में कोई बदलाव चाहते हैं या फिर विदेश जाना चाहते हैं। 

इस समय आपको अपने भीतर साहस, शक्ति और रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी महसूस हो सकती है। मंगल महाराज बारहवें भाव से आपके तीसरे, छठे और सातवें भाव को देख रहे होंगे और इसके फलस्वरूप छोटी दूरी की यात्रा, कानूनी विवादों या फिर स्वास्थ्य की वजह से आपके खर्चों में वृद्धि होने की आशंका है। हालांकि, आपके शत्रु आपको ज्यादा नुकसान पहुंचाने में सक्षम नहीं होंगे।

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए मंगल पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में सातवां भाव पार्टनरशिप और विवाह का होता है। ऐसे में, मंगल का मिथुन राशि में गोचर होने से पार्टनर आप पर हावी हो सकता है और उनका स्वभाव आक्रामक रह सकता है। यह आप दोनों के बीच विवाद या मतभेद की वजह हो सकती है। 

सातवें भाव में उपस्थित मंगल देव की दृष्टि आपके दसवें भाव पर होगी जिसकी वजह से आप नौकरी को लेकर असुरक्षित महसूस कर सकते हैं, लेकिन ऐसा कुछ होगा नहीं। आपके पहले/लग्न भाव पर इनकी दृष्टि होने से आप गुस्सैल स्वभाव के बनेंगे। वहीं, मंगल देव की आठवीं दृष्टि आपके दूसरे भाव पर पड़ रही होगी और ऐसे में, यह आपको गले या फिर परिवार के सदस्य को स्वास्थ्य समस्याएं देने का काम कर सकती हैं। संभव है कि इस अवधि में आपके साथी को जीवन में कुछ अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ें जिसका असर आपकी जमा पूंजी पर पड़ सकता है। 

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मंगल का मिथुन राशि में गोचर: प्रभावशाली उपाय

  • प्रतिदिन हनुमान मंदिर जाएं। 
  • रोज़ाना मंगल यंत्र की पूजा करें। 
  • चमेली के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। 
  • गरीबों या जरूरतमंदों को लाल या केसरिया रंग के वस्त्रों का दान करें। 
  • तांबे के गिलास में पानी पिएं और अपने जीवन में तांबे की धातु का उपयोग किसी न किसी तरह से करते रहें।

मंगल का मिथुन राशि में गोचर: विश्वव्यापी प्रभाव

सरकार और राजनीति

  • मंगल का मिथुन राशि में गोचर होने से सरकार और उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों को जनता का समर्थन मिल सकता है। साथ ही, सरकार अपने अधिकार और तर्क को बनाए रखते हुए थोड़ी आक्रामक रहेगी।
  • सरकारी अधिकारी अपने कार्यों और योजनाओं का विश्लेषण जल्दबाजी में करते हुए नज़र आ सकते हैं। लेकिन, इसी समय यह अपनी समझदारी का भी परिचय देंगे। 
  • भविष्य के लिए सरकार आक्रामक योजनाओं का निर्माण कर सकती हैं।
  • मंगल गोचर की अवधि में भारत सरकार के कार्य करने का तरीका और उनकी नीतियां जनता को पसंद आ सकती हैं।
  • भारत सरकार गंभीरता से विभिन्न क्षेत्रों जैसे मेडिसिन, मैकेनिक्स आदि से जुड़ी योजनाओं को लागू करने की दिशा में काम करती हुई दिखाई देगी जिसका फायदा देश की आबादी के एक बड़े हिस्से को मिलेगा।
  • भारत के बड़े नेता आक्रामक लेकिन सोच-समझकर कार्य करते हुए दिखाई देंगे।

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बैंकिंग और वित्त

  • वित्तीय क्षेत्र से जुड़े लोग मंगल गोचर के दौरान प्रगति हासिल करेंगे।
  • इस गोचर के दौरान बैंकिंग क्षेत्र में सुधार देखने को मिलेगा।
  • मंगल का मिथुन राशि में गोचर की अवधि में इन्वेस्टमेंट बैंकर, बैंक मैनेजर आदि का प्रदर्शन शानदार रहेगा।

टेलीकॉम एवं कम्युनिकेशन इंडस्ट्री 

  • जो लोग टेलीकॉम और संचार उद्योग से संबंध रखते हैं, उनके लिए यह गोचर लाभदायी रहेगा। इस दौरान आपको नए अवसरों की प्राप्ति होगी। 
  • इस अवधि में टेलीकॉम इंडस्ट्री का व्यापार तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ेगा। 

मंगल का मिथुन राशि में गोचर: मौसम की जानकारी 

  • मंगल का मिथुन राशि में गोचर के दौरान ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के ज्यादातर हिस्सों में औसत बारिश होने की संभावना है।
  • मध्य पूर्व के अधिकांश क्षेत्रों और दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में मौसम शुष्क रहेगा।
  • मंगल गोचर के दौरान भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश कम होने की आशंका है। साथ ही, उत्तराखंड समेत उत्तर-पूर्वी राज्यों में बारिश के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं में कमी देखने को मिलेगी। 

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मंगल का मिथुन राशि में गोचर: शेयर बाजार भविष्यवाणी 

  • मंगल का मिथुन राशि में गोचर के दौरान शेयर बाजार का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं रहने की संभावना है।
  • इस अवधि में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, बैंक और फाइनेंस कंपनियों, रिलायंस कैपिटल एवं रिलायंस इंडस्ट्री आदि क्षेत्रों में मंदी आ सकती हैं।
  • मंगल गोचर की वजह से फाइनेंस, आईटीसी, तंबाकू, शिपिंग, सब्जी और ऑटोमोबाइल आदि क्षेत्र धीमी रफ्तार से आगे बढ़ेंगे।
  • इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, प्रिटिंग एवं पेपर उद्योग, ऑटोमोबाइल समेत कंप्यूटर सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में मंदी का सामना करना पड़ सकता है। 

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मंगल किस राशि में कमज़ोर होता है?

कर्क राशि

2. क्या मंगल ग्रह के लिए मिथुन मित्र राशि है?

नहीं, मिथुन दोहरे स्वभाव की राशि है जो मंगल ग्रह को भ्रमित करती है और इस राशि के स्वामी बुध है। यह मंगल के शत्रु ग्रह माने गए हैं।

3. मंगल किस भाव में दिग्बल प्राप्त करता है? 

दसवें भाव में।

गुरु की वक्री चाल, इन राशियों के बनाएगी बिगड़ें काम; राजाओं जैसा जिएंगे जीवन!

गुरु ग्रह को हिन्दू धर्म और ज्योतिष शास्त्र दोनों में ही महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इन्हें सनातन धर्म में देवताओं के गुरु का दर्जा प्राप्त है, तो वहीं वैदिक ज्योतिष में गुरु को एक शुभ एवं लाभकारी ग्रह माना जाता है। इनके अस्त होने पर सभी तरह के मांगलिक एवं शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है क्योंकि बृहस्पति के अस्त होने को तारा डूबना के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में, गुरु ग्रह का अस्त होना एक बड़ी घटना के रूप में देखा जाता है जो अक्सर जातकों को कमज़ोर परिणाम प्रदान करती है। लेकिन, यहां हम बृहस्पति ग्रह की वक्री अवस्था के बारे में बात करेंगे।  

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अब अक्टूबर माह में बृहस्पति देव एक बार फिर से वक्री होने जा रहे हैं जिसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको गुरु की वक्री चाल के बारे में अवगत कराएगा। साथ ही, इनकी यह अवस्था किन राशियों के लिए रहेगी बेहद शुभ और किन राशियों को मिलेगा जीवन का हर सुख आदि से भी रूबरू करवाएंगे। लेकिन सबसे पहले जानते हैं गुरु ग्रह की वक्री चाल के बारे में। 

आज का गोचर

बृहस्पति ग्रह का महत्व

ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, और धन आदि का कारक ग्रह माना जाता है। नवग्रहों में शनि देव के बाद गुरु ग्रह की चाल सबसे  धीमी मानी गई है इसलिए इन्हें एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में लगभग एक साल का समय लगता है। इस प्रकार, बृहस्पति ग्रह को अपना एक राशि चक्र पूरा करने में 12 साल का वक्त लगता है। हालांकि, समय-समय पर यह अपनी स्थिति एवं दशा में बदलाव करते रहते हैं। इस वजह से इनकी चाल में होने वाले परिवर्तन का असर पूरी दुनिया पर देखने को मिलता है। 

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

कब हो रहे हैं गुरु ग्रह वक्री?  

गुरु की वक्री चाल के बारे में जानने से पहले हम आपको बता दें कि आख़िर क्या होता है ग्रहों का वक्री होना? जब कोई ग्रह उल्टी चाल चलता हुआ या पीछे की तरफ चलता हुआ प्रतीत होता है, इसे ही ग्रह का वक्री होना कहा जाता है। इसी क्रम में, अक्टूबर के महीने में गुरु ग्रह अपनी स्थिति में बदलाव करते हुए 09 अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 01 मिनट पर मिथुन राशि में वक्री हो रहे हैं और साल 2025 में 04 फरवरी 2025 की दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर पुनः मिथुन राशि में मार्गी अवस्था में आ जाएंगे। गुरु की यह उल्टी चाल कई राशियों के जीवन में ख़ुशियां लेकर आएगी। आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कौन सी हैं वह राशियां। 

बृहस्पति देव की वक्री चाल, इन राशियों के जीवन में लेकर आएगी सुख-समृद्धि एवं अपार तरक्की 

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु ग्रह की वक्री चाल फलदायी साबित होगी क्योंकि यह आपकी राशि में ग्यारहवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, आपको जीवन के हर क्षेत्र में अपने भाग्य का पूरा-पूरा साथ मिलेगा। यदि आपके काम लंबे समय से रुके या अटके हुए थे, तो अब वह पूरे हो सकेंगे। साथ ही, आपके जीवन में धन-दौलत एवं संपत्ति में बढ़ोतरी होगी। यह अवधि आपकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करने का काम करेगी।

 जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें इस दौरान अच्छा खासा लाभ मिलने के योग बनेंगे। इन लोगों के हाथ कोई बड़ा प्रोजेक्ट या फिर डील लग सकती है जिससे पाकर आप ख़ुश दिखाई देंगे। कर्क राशि के जातकों का अध्यात्म के प्रति लगाव बढ़ेगा। गुरु वक्री के दौरान आप अपने दोस्तों या फिर परिवार के सदस्यों के साथ किसी धार्मिक या तीर्थ स्थल की यात्रा पर जा सकते हैं जिसके चलते आपके खर्चें बढ़ने के आसार है और यह बेवजह के हो सकते हैं। हालांकि, साल 2024 के अंत में आप आर्थिक रूप से काफ़ी मजबूत होंगे और आपको परिवार के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा

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मिथुन  राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए गुरु की वक्री अवस्था बेहद शुभ कही जाएगी। इस राशि के लोगों को हर कदम पर भाग्य का साथ मिलेगा। बृहस्पति देव की वक्री चाल जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आपको सफलता प्रदान करेगी। इन लोगों का समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा जिससे आपका व्यक्तित्व प्रभावशाली बनेगा। नौकरी करने वाले जातक कार्यक्षेत्र में जो भी काम करेंगे, उसमें आपको सराहना मिलने की संभावना है। यह लोग करियर में खूब तरक्की हासिल करेंगे। वहीं, पारिवारिक जीवन की बात करें, तो मिथुन राशि वाले अपने परिवार के सदस्यों के साथ अच्छा समय बिताते हुए दिखाई देंगे। साथ ही, घर-परिवार में सुख-शांति का माहौल बना रहेगा। आर्थिक जीवन में आपको धन-संपत्ति प्राप्त होने के योग बनेंगे जिसकी वजह से आपका जीवन खुशियों से गुलज़ार रहेगा। 

कुंडली में राजयोग कबसे? राजयोग रिपोर्ट से जानें जवाब

धनु राशि 

धनु राशि वालों के लिए बृहस्पति देव की वक्री चाल को लाभकारी माना जाएगा क्योंकि आपकी राशि के छठे भाव में गुरु ग्रह वक्री होने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, इन जातकों को करियर और व्यापार के संबंध में अपार सफलता की प्राप्ति होगी और साथ ही, आपको धन लाभ होने के भी योग बनेंगे। पारिवारिक जीवन को देखें, तो यह लोग परिवार के साथ हंसी-ख़ुशी के पल बिताते हुए नज़र आएंगे। अगर आपने बीते समय में किसी को पैसे या धन उधार दिया था, तो वह अब आपको वापस मिल सकता है। 

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धनु राशि वाले यदि किसी काम या प्रोजेक्ट में काफ़ी समय से मेहनत कर रहे हैं, तो अब आपको सफलता मिलने की प्रबल संभावना है। गुरु की वक्री अवस्था आपको जीवन के हर दुख और कष्ट से छुटकारा दिलाएगी। जिन लोगों का अपना व्यापार है, वह इस अवधि में अच्छा खासा मुनाफा कमाएंगे। इन लोगों की सेहत उत्तम रहेगी और ऐसे में, आप अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेते हुए नज़र आएंगे।

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. गुरु कब वक्री होंगे?

गुरु ग्रह 09 अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 01 मिनट पर मिथुन राशि में वक्री हो रहे हैं। 

2. ग्रह का वक्री होना क्या होता है?

जब कोई ग्रह उल्टा चलता हुआ प्रतीत होता है, तो इस स्थिति को ग्रह का वक्री होना कहते हैं।

3. बृहस्पति ग्रह मार्गी कब होंगे?

साल 2025 में 04 फरवरी 2025 की दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर पुनः मार्गी अवस्था में आ जाएंगे।

अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 25 अगस्त से 31 अगस्त, 2024

कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)? 

अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा। 

इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।

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अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (25 अगस्त से 31 अगस्त, 2024)

अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं। 

जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 के स्वामी हैं। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।

 बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

मूलांक 1

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 1 वाले जातक अपने कार्यों में बहुत पेशेवर होते हैं और बड़े या महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय अपने उच्च मूल्यों का उपयोग कर सकते हैं। इन लोगों में गजब की प्रशासनिक क्षमता पाई जाती है और अपने इस गुण की वजह से ये तेजी से आगे बढ़ते हैं। मूलांक 1 के जातक राजाओं जैसा व्यक्तित्व रखते हैं और उनके जीवन में सब कुछ वैसे ही होता भी है। यह मूलांक 1 के जातकों की सबसे बड़ी विशेषता भी मानी जाती है। इन जातकों को काम के सिलसिले में अधिक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं।

प्रेम जीवन: इस सप्ताह आपके रिश्ते में आपका मिलनसार स्वभाव और जीवनसाथी के प्रति आपकी प्रतिबद्धता के चलते जीवन में खुशियां बनी रहने वाली हैं। अपने जीवनसाथी के साथ आपका दृष्टिकोण बेहद ही सम्मानजनक और सौहार्दपूर्ण रहेगा। 

शिक्षा: इस मूलांक के जो जातक प्रशासनिक नौकरियों जैसे सिविल सेवा या किसी अन्य सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उनकी तैयारी के लिहाज से यह सप्ताह शानदार रहने वाला है।

पेशेवर जीवन: आपको आधिकारिक पद पर नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं। आपको सरकार या उच्च अधिकारियों से भी लाभ मिलने की संभावना है।

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाए तो यह सप्ताह आपके लिए बेहद ही अनुकूल रहने वाला है। आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता और शारीरिक शक्ति शानदार रहेगी और इसे उत्तम ही बनाए रखने के लिए आपको स्वस्थ भोजन करने और व्यायाम और ध्यान करने की सलाह दी जाती है।

उपाय: प्रतिदिन 19 बार “ॐ भास्कराय नमः” का जाप करें।

मूलांक 2

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक अपने करीबी लोगों और परिवार के सदस्यों के साथ बहस कर के अपने लिए ही परेशानियां खड़ी कर लेते हैं। उनकी ऐसी प्रवृत्ति के चलते वह खुद को लोगों से दूर करने का प्रयास भी कर सकते हैं।

प्रेम जीवन: इस सप्ताह जितना हो सके अपने साथी से किसी भी तरह की बात के संदर्भ में बहस करने या उन पर दबाव डालने से बचें। अगर कोई परेशानी है तो अपने साथी से बातचीत करें और उन्हें समझाने की कोशिश करें। अपने पार्टनर की वफादारी पर जरा भी संदेह न करें और एक दूसरे को उचित स्पेस देने का प्रयत्न करें।

शिक्षा: इस दौरान आपको अपनी पढ़ाई के संबंध में ध्यान केंद्रित रखने में ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि उच्च इच्छाओं के चलते हैं आपका ध्यान भटक सकता है जिसकी वजह से आपको जीवन में परेशानी और लक्ष्य को प्राप्त करने में असफलता मिल सकती है। 

पेशेवर जीवन: इस मूलांक के जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उनके लिए यह समय अनुकूल रहने वाला है क्योंकि आपके पास उचित रणनीतियां भी होगी और आपके प्रयास अच्छे परिणाम भी लेकर आएंगे जिससे आपको लाभ मिलेगा और मान सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ेगी। हालांकि, यदि आप नौकरी पेशा है तो इस सप्ताह के दौरान आप काम में उच्च प्रतिष्ठा हासिल करने की स्थिति में नजर नहीं आएंगे।

स्वास्थ्य: अंत में बात करें स्वास्थ्य की तो इस सप्ताह के दौरान आपको लू के चलते कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि खुद को ज्यादा से ज्यादा हाइड्रेटेड रखें, ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करें।

उपाय: सोमवार को चंद्र ग्रह के लिए 6 महीने तक पूजा करें।

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मूलांक 3

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 3 वाले लोग खुले विचारों वाले होते हैं और इनकी अध्‍यात्‍म के बारे में जानने में रुचि होती है। ये अपने रिश्‍तों को अधिक प्राथमिकता देते हैं और रिश्ते बनाने पर ध्‍यान देते हैं।

प्रेम जीवन: इस सप्ताह आपके और आपके जीवनसाथी के रिश्ते में सुख-शांति बनी रहेगी। आप दोनों के बीच अच्छी आपसी समझ होने की वजह से ऐसा हो सकता है। 

शिक्षा: अगर आप मैनेजमेंट, बिज़नेस इकोनॉमिक्स और इकोनोमेट्रिक्स आदि की पढ़ाई कर रहे हैं, तो आपको इस हफ्ते बहुत अच्‍छे परिणाम मिलने की संभावना है।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक एक सफल पेशेवर के रूप में काम करेंगे। इस समय आपको अपनी कड़ी मेहनत और काम के प्रति समर्पण के लिए पदोन्नति मिलने की भी संभावना है। व्यापारियों के लिए इस समय सफल उद्यमी बनने के योग बन रहे हैं। इस सप्‍ताह आपका अपने बिज़नेस पर पूरा नियंत्रण रहने वाला है।

सेहत: इस हफ्ते आप जोश और उत्‍साह से भरे रहेंगे और आप अपने भीतर सकारात्‍मक ऊर्जा महसूस करेंगे। आप सकारात्‍मकता के साथ-साथ उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य को बनाए रखने में भी सक्षम होंगे। 

उपाय: प्रतिदिन 21 बार “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का जाप करें।

मूलांक 4

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 4 वाले जातक दृढ़ निश्‍चयी होते हैं और ये इस सप्ताह कुछ शानदार चीज़ें हासिल कर सकते हैं। आपके लिए विदेश यात्रा के योग भी बन रहे हैं और ये यात्राएं आपके लिए लाभकारी सिद्ध होंगी। 

प्रेम जीवन: आप अपने प्रेम जीवन में प्यार और रोमांस लाने का प्रयास करेंगे। इससे आपके और आपके पार्टनर का रिश्ता मज़बूत होगा और आप दोनों एक-दूसरे को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। प्यार के मामले में आपके लिए अच्‍छा समय है और आप अपने पार्टनर के साथ मिलकर रहेंगे। 

शिक्षा: आप प्रोफेशनल स्टडीज़ जैसे कि ग्राफिक्स, वेब डेवलपमेंट आदि में विशेषज्ञता हासिल करेंगे। आपके अंदर कुछ ऐसे स्किल्‍स विकसित होंगे जिनकी मदद से आप अपने जीवन में कुछ शानदार चीज़ें प्राप्त करेंगे। इसके अलावा आप किसी खास विषय में विशेषज्ञता हासिल करेंगे और इससे आपको संतुष्टि मिलेगी।

पेशेवर जीवन: इस सप्ताह आप काम में बहुत ज्यादा व्यस्त रहने वाले हैं और आप अपने काम को तय समय से पहले ही पूरा करने में सक्षम होंगे। जिन जातकों का खुद का व्यापार हैं, वे इस सप्ताह कोई नया काम शुरू करने की सोच सकते हैं और इस तरह आप किसी विशेष व्यापारिक क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं।

सेहत: इस सप्ताह आप अपनी सेहत को लेकर अधिक जागरूक रहेंगे। ऊर्जा बढ़ने की वजह से आप पूरी तरह से स्वस्थ रहेंगे और इससे आपका व्यक्तित्व आकर्षक बनेगा। 

उपाय: प्रतिदिन 22 बार “ॐ दुर्गाय नमः” का जाप करें।

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मूलांक 5

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 5 के जातक बेहद बुद्धिमान होते हैं और वह जो भी काम करते हैं, उसमें तर्क ढूंढ ही लेते हैं। इन लोगों में अपनी स्किल्स को बढ़ाने की इच्छा मौजूद होती है जिसके चलते यह तेज़ी से प्रगति प्राप्त करते हैं।

प्रेम जीवन: इस समय आपके और आपके जीवनसाथी के बीच आपसी समझ बहुत अच्छी रहने वाली है। आप दोनों एक-दूसरे को बहुत अच्छी तरह से समझ पाएंगे और आप दोनों का रिश्ता भी मज़बूत होगा। इससे आप काफी उत्साहित महसूस करेंगे। आप और आपका पार्टनर रिश्ते में बहुत ज्यादा खुश रहेंगे और एक-दूसरे के लिए जिएंगे।

शिक्षा: इस सप्ताह आप शिक्षा के क्षेत्र में अपने स्किल्‍स साबित करने में सक्षम होंगे और प्रगति करेंगे। 

पेशेवर जीवन: इस सप्ताह आप अपने कार्यक्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करेंगे। आप जो काम कर रहे हैं, उसमें खुद को योग्‍य और कुशल साबित कर पाएंगे। व्‍यापारियों को अच्‍छा मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा और आप अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्‍कर दे पाएंगे। 

सेहत: आप इस समय बहुत ज्‍यादा उत्‍साहित और दृढ़ निश्‍चयी रहने वाले हैं। इसका सकारात्‍मक असर आपकी सेहत पर भी देखने को मिलेगा और आप फिट रहेंगे।

उपाय: प्रतिदिन 41 बार “ऊं नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।

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मूलांक 6

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले लोग दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा आगे रहते हैं और थोड़े लापरवाह होते हैं। ये लोग हंसमुख स्वभाव के होते हैं। 

प्रेम जीवन: आपके और आपके जीवनसाथी के बीच आपसी तालमेल में कमी आने के संकेत हैं। इसकी वजह से आपको अपने प्रेम जीवन में मिले-जुले परिणाम प्राप्‍त होंगे। 

शिक्षा: इस समय छात्र अपनी पढ़ाई में बहुत मेहनत करेंगे लेकिन उन्हें अपने प्रयासों का मनचाहा परिणाम न मिल पाने के संकेत हैं। ऐसे में, आपको अपनी पढ़ाई पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

पेशेवर जीवन: इस सप्ताह नौकरीपेशा जातकों को औसत परिणाम मिलने की संभावना है। अथक प्रयास करने के बावजूद भी आपको अपने कार्यक्षेत्र में ज्यादा अच्‍छे परिणाम नहीं मिल पाएंगे। वहीं व्यापारियों के लिए भी ऐसी स्थिति बनी हुई है, जिसमें उन्हें न तो मुनाफा होने की उम्मीद है और न ही उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ेगा।

सेहत: इस सप्ताह आपको खाने से एलर्जी होने की आशंका है। इसके अलावा आपको इस समय कोई बड़ी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या परेशान नहीं करेगी।

उपाय: प्रतिदिन 33 बार “ॐ शुक्राय नमः” का जाप करें।

मूलांक 7 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 7 वाले जातक प्रार्थनाओं और ध्‍यान में ज्यादा लीन रहते हैं। ये आध्यात्मिक विचारधारा वाले होते हैं और अपने जीवन में इसी मार्ग पर चलना पसंद करते हैं।

प्रेम जीवन: पार्टनर के साथ आपसी समझ की कमी की वजह से आप दोनों का रिश्ता कमज़ोर हो सकता है। अपने रिश्‍ते में खुशियों को बरकरार रखने के लिए आपको अपनी ओर से अधिक तालमेल बनाने की जरूरत है।

शिक्षा: पढ़ाई के मामले में यह सप्‍ताह आपके लिए औसत रहने वाला है। इस समय छात्रों का पढ़ाई पर से ध्‍यान भटक सकता है और हो सकता है कि विद्यार्थी एकाग्रता के साथ पढ़ाई न कर पाएं।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों से अपने काम में कुछ गलतियां होने की आशंका है और इससे आपकी सफलता में कमी आने की संभावना है। इससे बचने के लिए आप अपने काम पर ध्‍यान दें और प्रगति करें। व्यापार क्षेत्र में आपके प्रतिद्वंदी अपनी व्‍यापारिक रणनीति बदल सकते हैं जिसकी वजह से आपको अपने बिज़नेस में नुकसान होने की संभावना है।

सेहत: इस सप्ताह आपको अपनी सेहत पर खास ध्‍यान देने की जरूरत है क्‍योंकि इस समय गंभीर पाचन संबंधी समस्‍याएं होने का खतरा है।

उपाय: प्रतिदिन 41 बार “ऊं गणेशाय नमः” का जाप करें।

मूलांक 8 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक के जातक अपने करियर के मामले में कोई भी गलती नहीं करना चाहते या किसी भी अवसर को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहते हैं। इनके बारे में ऐसा कहा जा सकता है कि ये अपने करियर को लेकर काफी सचेत रहते हैं। अपने काम में भी ये कभी हार नहीं मानते हैं और कोशिश करते रहते हैं और अपने काम को निपुणता के साथ पूरा करने का प्रयास करते हैं।

प्रेम संबंध: आप अपने जीवनसाथी की उम्‍मीदों को पूरा नहीं कर पाएंगे जिसकी वजह से आप दोनों के बीच दूरियां पैदा होने की संभावना है। आप दोनों के रिश्‍ते में आपसी समझ की काफी कमी है जिसके कारण आप दोनों को ही इस संबंध में खुशी और संतुष्टि की कमी महसूस होगी।

शिक्षा: पढ़ाई के मामले में आप काफी पीछे छूट गए हैं। इसकी वजह से आप परीक्षा में अच्छे अंक लाने में असफल हो सकते हैं। अच्‍छी तैयारी न कर पाने के कारण आपको पढ़ाई में आगे अपना टारगेट पूरा करने में भी दिक्‍कतें होने की संभावना है।

पेशेवर जीवन: इस समय नौकरीपेशा जातकों से अपने काम में कुछ गलतियां हो सकती हैं। अगर आप अपने कार्यक्षेत्र में मानकों पर बने रहना चाहते हैं, तो आपको अपने काम में गलतियां करने से बचने पर ध्‍यान देना होगा। यदि आप व्यवसाय करते हैं, तो आपको अधिक प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है।

सेहत: इस हफ्ते आपके एनर्जी लेवल में थोड़ी कमी आने की आशंका है। इसका असर आपकी सेहत पर भी साफ नज़र आएगा। आपको अपनी सेहत को ठीक करने पर ध्‍यान देना चाहिए।

उपाय: प्रतिदिन 11 बार “ॐ हनुमते नमः” का जाप करें।

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मूलांक 9 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, 27 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले लोग अपने वादे के पक्के होते हैं। ये एक बार जो कह देते हैं, उसे पूरा कर के ही दम लेते हैं। इन लोगों में साहसी होते हैं और बड़े या मुश्किल कामों को भी काफी आसानी से कर लेते हैं।

प्रेम संबंध: आप दोनों का रिश्ता मजबूत होगा और आप दोनों एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझ पाएंगे। आप एक-दूसरे के दोस्त बन सकते हैं।

शिक्षा: शिक्षा के मामले में छात्र अधिक पेशेवर बनेंगे और सफलता के शिखर तक पहुंचने में सक्षम होंगे। 

पेशेवर जीवन: इस सप्ताह मूलांक 9 वाले जातक अपने काम में बहुत समर्पित और ईमानदार रहेंगे और खूब सफलता प्राप्त करेंगे। वहीं व्यापारियों को इस समय अधिक मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा। 

सेहत: इस समय आप जोश और ऊर्जा से भरपूर नज़र आएंगे और इसका सकारात्मक असर आपकी सेहत पर भी देखने को मिलेगा।

उपाय: “ऊँ भौमाय नमः” का प्रतिदिन 27 बार जाप करें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. अंक ज्योतिष के अनुसार, भाग्यशाली अंक कौन सा है?

उत्तर 1. अंक ज्योतिष के अनुसार 3, 7, 13 और 31 अंक को भाग्यशाली माना जाता है।

प्रश्न 2 अंक ज्योतिष से अपना भविष्य कैसे जाने?

उत्तर 2. यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 15 तारीख को हुआ है, तो आपका रूट नंबर 1+5 यानी कि 6 होगा और इस मूलांक की मदद से आप अपना भविष्य जान सकते हैं।

प्रश्न 3. 6 अंक का स्वामी कौन है?

उत्तर 3. जन्मतिथि के सभी अंकों को जोड़ने पर जो अंक प्राप्त होता है उसे मूलांक कहते हैं।