अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 05 जनवरी से 11 जनवरी, 2025

कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)? 

अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा। 

इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।

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अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (05 जनवरी से 11 जनवरी, 2025)

अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं। 

जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनि देव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।

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मूलांक 1

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक हर वक्‍त अपने काम में ही लीन रहते हैं और अपने कार्यों के प्रति अधिक सतर्क रहते हैं। ये जातक बहुत बुद्धिमान होते हैं और सोच-विचार करने के बाद ही कोई काम करते हैं।

प्रेम जीवन: इस समय आपके और आपके पार्टनर के बीच रिश्‍ते में प्‍यार बना रहेगा। आप अपने पार्टनर से जो वादे करते हैं या बातें करते हैं, उन्‍हें पूरा करने के लिए समर्पित रहेंगे।

शिक्षा: इस सप्‍ताह छात्र पढ़ाई के क्षेत्र में अच्‍छा प्रदर्शन करेंगे। आप प्रगति हासिल करने और अपने प्रदर्शन का मूल्‍यांकन करने में सक्षम होंगे।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक कड़ी मेहनत और अपने काम के प्रति समर्पित रहकर सफलता हासिल कर सकते हैं। वहीं व्‍यापारियों को इस सप्‍ताह उच्‍च मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा।

सेहत: इस सप्‍ताह आप जोश और ऊर्जा से भरपूर रहेंगे और आपका स्‍वास्‍थ्‍य भी अच्‍छा रहने वाला है। आप शारीरिक रूप से फिट रहेंगे।

उपाय: आप रविवार के दिन सूर्य देव के लिए यज्ञ-हवन करें।

मूलांक 2

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक हमेशा चिंता करते रहते हैं और बहुत ज्‍यादा सोचते हैं। इनकी ऐसी प्रवृत्ति इनके हितों के विरुद्ध काम कर सकती है। ये जातक अधिक यात्राएं कर सकते हैं और ये यात्राएं इनके लिए सुखद साबित होंगी।

प्रेम जीवन: वैचारिक मतभेदों के कारण आपके और आपके जीवनसाथी के रिश्‍ते में खटास आ सकती है। आपको अपने रिश्‍ते में सुख-शांति को बनाए रखने के लिए अपने पार्टनर के सा‍थ तालमेल बिठाने की ज़रूरत है।

शिक्षा: उच्‍च शिक्षा ले रहे छात्रों को अधिक ध्‍यान लगाकर पढ़ाई करने और उत्‍कृष्‍टता पाने के लिए कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपको सफलता मिल पाने की संभावना बहुत कम है।

पेशेवर जीवन: इस सप्‍ताह नौकरीपेशा जातकों से अपने काम में कुछ गलतियां हो सकती हैं और इसका असर आपके प्रदर्शन पर पड़ सकता है। वहीं इस समय व्‍यापारियों का प्रदर्शन भी अच्‍छा नहीं रहने वाला है और वे उच्‍च मुनाफा कमाने में असमर्थ हो सकते हैं।

सेहत: इस सप्‍ताह आपको जुकाम और खांसी ज्‍यादा परेशान कर सकते हैं। आपकी इम्‍युनिटी के कमज़ोर होने की वजह से ऐसा हो सकता है।

उपाय: आप रोज़ 108 बार ‘ॐ सोमाय नम:’ का जाप करें।

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मूलांक 3

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक आध्‍यात्मिक प्रवृत्ति के होते हैं और इनके विचार श्रद्धा और भक्‍ति से परिपूर्ण होते हैं। इनकी ईश्‍वर की भक्‍ति में अधिक आस्‍था होती है। वहीं दूसरी ओर ये जातक अहंकारी भी होते हैं।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह आप अपने पार्टनर के साथ खुश महसूस करेंगे। आप दोनों का रिश्‍ता मज़बूत होगा और रिश्‍ते में आप उच्‍च मूल्‍य स्‍थापित कर पाएंगे।

शिक्षा: पढ़ाई के मामले में आप ॐचाईयां हासिल करेंगे और खासतौर पर प्रोफेशनल स्‍टडीज़ जैसे कि मास्‍टर ऑफ बिज़नेस एडमिनिस्‍ट्रेशन, फाइनेंशियल अकाउंटिंग आदि में अच्‍छा प्रदर्शन करेंगे। आप पढ़ाई में प्रगति करने और उत्‍कृष्‍टता हासिल करने का प्रयास करेंगे।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक अपने कार्यक्षेत्र में उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन करेंगे और अपने लिए ऑफिस में अच्‍छा माहौल बनाएंगे। आप करियर में सफलता प्राप्‍त करेंगे। आपको उच्‍च इंसेंटिव, बोनस या कोई अन्‍य पुरस्‍कार मिलने की संभावना है। व्‍यापारी अपने प्रतिद्वंदी को कड़ी टक्‍कर देंगे और अधिक मुनाफा कमाएंगे।

सेहत: आप जोश और उत्‍साह से भरपूर रहेंगे और इसका सकारात्‍मक असर आपकी सेहत पर भी देखने को मिलेगा। इससे आपकी फिटनेस भी बहुत अच्‍छी रहेगी। आपको कोई बड़ी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या होने के संकेत नहीं हैं।

उपाय: आप रोज़ 21 बार ‘ॐ गुरुवे नम:’ मंत्र का जाप करें।

मूलांक 4

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक अपने लक्ष्‍यों को लेकर अधिक जुनून रखते हैं और उसके साथ जीते हैं। ये जातक दूर-दराज के क्षेत्रों की यात्रा अधिक करते हैं और इनकी विदेश यात्रा करने में अधिक रुचि हो सकती है।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह आप अपने पार्टनर को लेकर असुरक्षित महसूस कर सकते हैं। वे आपसे पारिवारिक मसलों को लेकर झगड़ा कर सकते हैं। ऐसे में आपको अपने पार्टनर के साथ तालमेल बिठाकर चलने की ज़रूरत है।

शिक्षा: पढ़ाई में आपकी एकाग्रता कम हो सकती है और आपका पढ़ाई पर से ध्‍यान भटक सकता है। इस वजह से आप शिक्षा के क्षेत्र में कम प्रदर्शन कर सकते हैं। इस कारण आपको अधिक प्रयास करने और व्‍यवस्थित तरीके से योजना बनाकर चलने की ज़रूरत है।

पेशेवर जीवन: फोकस की कमी की वजह से आपसे काम में कुछ गलतियां हो सकती हैं। इस समय आपकी अपने काम में रुचि कम हो सकती है। व्‍यापारी अपनी उम्‍मीद के अनुसार मुनाफा कमाने में पीछे रह सकते हैं।

सेहत:  इम्‍युनिटी कमज़ोर होने की वजह से आपको स्किन से संबंधित समस्‍या हो सकती है। स्किन से जुड़ी समस्‍याओं से बचने के लिए आपको तली-भुनी चीज़ें खाने से बचना चाहिए।

उपाय: आप रोज़ 22 बार ‘ॐ राहवे नम: मंत्र का जाप करें।

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मूलांक 5

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक तार्किक होते हैं और अपने जीवन में इसी पर आगे बढ़ते हैं। इनके विचारों में भी तर्क देखने को मिलते हैं। इन जातकों की शेयर मार्केट में रुचि होती है।

प्रेम जीवन: आपका और आपके पार्टनर का रिश्‍ता मज़बूत होगा और आप दोनों एक-दूसरे के साथ खुश रहेंगे। इस सप्‍ताह आप दोनों के बीच प्‍यार बढ़ेगा और आपका रिश्‍ता स्‍नेहपूर्ण बन रहेगा।

शिक्षा: आपको कॉस्टिंग, चार्टर्ड अकाउंटेंसी जैसे विषयों में उच्‍च शिक्षा प्राप्‍त करने का अच्‍छा अवसर मिल सकता है। आप इनमें उत्‍कृष्‍टता हासिल करेंगे। इस सप्‍ताह सफलता आपके कदम चूमेगी।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को विदेश जाकर नौकरी करने का अवसर मिल सकता है और ये अवसर आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे। व्‍यापारियों को मुनाफा होने और उच्‍च स्‍तर की सफलता मिलने के योग हैं।

सेहत: आपको इस सप्‍ताह कोई अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या परेशान नहीं करेगी। हालांकि, बार-बार सर्दी-जुकाम हो सकता है। ऐसा आपकी इम्‍युनिटी के कमज़ोर होने की वजह से हो सकता है।

उपाय: आप रोज़ प्राचीन ग्रंथ विष्‍णु सहस्‍त्रनाम का पाठ करें।

मूलांक 6

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, या 24 तारीख को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक मजाकिया स्‍वभाव के होते हैं और ये अपने अंदर इस गुण को इसलिए रखते हैं ताकि वे सकारात्‍मक कदम उठा सकें। ये लोग अपने भविष्‍य को लेकर बहुत ज्‍यादा उत्‍साहित होते हैं।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह आप अपने जीवनसाथी के साथ अधिक खुश रहेंगे और आप दोनों एक-दूसरे के साथ कुछ खुशी के पल बिताएंगे। आप एक-दूसरे के साथ अपनी भावनाओं और अच्‍छे विचारों को साझा करेंगे।

शिक्षा: इस सप्‍ताह छात्र अपने विशेष कौशल को दिखा सकते हैं और प्रोफेशनल स्‍टडीज़ जैसे कि सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग और विजुअल कम्‍युनिकेशन आदि में प्रगति हासिल करेंगे।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को अपनी कड़ी मेहनत और लगन की वजह से प्रमोशन मिल सकता है। इसके साथ ही आपको नई नौकरी मिलने के भी योग हैं। व्‍यापारियों को नया बिज़नेस शुरू करने का मौका मिल सकता है।

सेहत: इस सप्‍ताह आपकी इम्‍युनिटी मज़बूत रहने की वजह से आपकी फिटनेस काफी अच्‍छी रहने वाली है। यह आपको मज़बूत बनाने का काम करेगी।

उपाय: रोज़ 33 बार ‘ॐ भार्गवाय नम:’ मंत्र का जाप करें।

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मूलांक 7

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, या 25 तारीख को हुआ है)

मूलांक 7 वाले जातक अधिक आध्‍यात्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। इस सप्‍ताह आपको धार्मिक यात्रा पर जाने का मौका मिल सकता है।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह आपके और आपके पार्टनर के बीच गलतफहमियां होने की आशंका है। इस वजह से आपके रिश्‍ते में खटास आ सकती है।

शिक्षा: यह सप्‍ताह आपके लिए ज्‍यादा आशावादी नहीं रहने वाला है क्‍योंकि आपसे पढ़ाई में कुछ गलतियां हो सकती हैं। आपकी पढ़ाई आवश्‍यक स्‍तर से कम हो सकती है।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को इस समय अपने वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इस वजह से आपके प्रदर्शन में गिरावट आ सकती है। वहीं व्‍यापारियों को असफलता मिलने के संकेत हैं।

सेहत: इस सप्‍ताह आपकी इम्‍युनिटी कमज़ोर होने की वजह से आपको कोई स्किन से संबंधित एलर्जी हो सकती है और इस कारण आपकी सेहत खराब रहने वाली है।

उपाय: मंगलवार के दिन केतु ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।

मूलांक 8 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, या 26 तारीख को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक अपने कार्यों को लेकर प्रतिबद्ध रहते हैं और अपने जीवन में इसी पर आगे बढ़ते हैं।

प्रेम जीवन: अगर आप अपने पार्टनर से नाराज़ हैं, तो इस सप्‍ताह आप उन्‍हें मनाने में असफल रह सकते हैं और इस वजह से आप नाखुश रह सकते हैं। आप दोनों के बीच दूरियां आने की आशंका है।

शिक्षा: छात्रों की एकाग्रता में कमी आने के संकेत हैं और इसकी वजह से वे उच्‍च अंक प्राप्‍त करने में विफल हो सकते हैं। इसकी वजह से आप उदास महसूस कर सकते हैं।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों पर इस समय काम का दबाव हो सकता है। इसकी वजह से आपकी कार्यक्षमता कम होने की आशंका है। वहीं व्‍यापारियों को खुद को कम मुनाफे से ही संतुष्‍ट करना होगा।

सेहत: आपको इस समय टांग, जांघ और कंधे में दर्द आदि की शिकायत हो सकती है। ऐसा तनाव की वजह से हो सकता है।

उपाय: शनिवार के दिन शनि देव के लिए यज्ञ-हवन करें।

मूलांक 9

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, या 27 तारीख को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक सिद्धांतों पर चलना पसंद करते हैं। ये जातक रिश्‍तों को ज्‍यादा महत्‍व देते हैं।

प्रेम जीवन: आपके और आपके पार्टनर के संबंध अच्‍छे रहेंगे एवं आप रिश्‍ते में उच्‍च मूल्‍य स्‍थापित करेंगे। आप रिश्‍ते में प्रेम बनाए रखेंगे।

शिक्षा: छात्र अच्‍छे से पढ़ाई करेंगे और पूरे उत्‍साह के साथ प्रगति हासिल करेंगे। आप पेशेवर होकर पढ़ाई करेंगे।

पेशेवर जीवन: नौकरी में आप अच्‍छा प्रदर्शन करेंगे और उत्‍कृष्‍टता हासिल करेंगे। व्‍यापारी इस समय अधिक लाभ कमा सकते हैं।

सेहत: आपकी इम्‍युनिटी मज़बूत रहने और ऊर्जा का स्‍तर अधिक होने की वजह से आपका स्‍वास्‍थ्‍य उत्तम रहेगा। आपको ज्‍यादा स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं परेशान नहीं करेंगी।

उपाय: आप मंगलवार के दिन मंगल ग्रह के लिए पूजा करें।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न 1. मूलांक 4 पर किस ग्रह का आधिपत्‍य है?

उत्तर. मूलांक 4 के स्‍वामी राहु ग्रह हैं।

प्रश्‍न 2. मूलांक 6 के स्‍वामी ग्रह कौन हैं?

उत्तर. 6 मूलांक के स्‍वामी शुक्र ग्रह हैं।

प्रश्‍न 3. मूलांक 2 वाले जातक कैसे होते हैं?

उत्तर. ये कल्‍पनाशील और भावुक स्‍वभाव के होते हैं।

आर्थिक राशिफल 2025 से जानें, किन राशियों को मिलेगी नए साल में देवी लक्ष्मी की कृपा!

एक सुखद और शांति से पूर्ण जीवन जीने के लिए धन को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसकी बदौलत इंसान अपना हर सपना और हर इच्छा पूरी कर सकता है। जहां जीवन में धन-दौलत की प्रचुरता व्यक्ति को ऐश्वर्यपूर्ण जीवन का आशीर्वाद देती है। वहीं, इसके अभाव में मनुष्य की ज़िन्दगी समस्याओं और परेशानियों से भर जाती हैं इसलिए इस दुनिया में रहने के लिए धन और संपत्ति का होना आवश्यक है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर और मज़बूत बनाने के लिए दिन-रात मेहनत करता है। अब हम नए साल यानी कि वर्ष 2025 में प्रवेश  करने जा रहे हैं और ऐसे में, अगर आपने साल 2024 में आर्थिक समस्याओं का सामना किया है, तो वर्ष 2025 आपके लिए कैसा रहेगा और कैसे परिणाम आपको देगा? इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस ब्लॉग में मिलेंगे। तो आइए बिना देर शुरुआत करते हैं इस लेख की। 

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भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके 

वर्ष 2025 को लेकर हमारे मन में उत्सुकता धीरे-धीरे बढ़ रही है और ऐसे में, यदि आपके मन में आर्थिक जीवन को लेकर सवाल उठ रहे हैं जैसे कि क्या नए साल में बनी रहेगी आर्थिक समस्याएं या धन से जुड़ी परेशानियों का होगा अंत? साल 2025 में धन निवेश से होगा लाभ या झेलना पड़ेगा नुकसान? तो बता दें कि एस्ट्रोसेज का यह “आर्थिक राशिफल 2025” का ब्लॉग आपके सभी प्रश्नों के जवाब देगा। तो चलिए नज़र डालते हैं और जानते हैं कि कैसा रहेगा नए साल में आपके आर्थिक जीवन का हाल? 

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

धन-संपत्ति पाने के लिए इन ग्रहों को रखें प्रसन्न

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवग्रहों में प्रत्येक ग्रह मनुष्य जीवन को किसी न किसी तरह से प्रभावित करता है। इसी क्रम में, धन-दौलत और अपनी आर्थिक स्थिति को मज़बूत बनाए रखने के लिए कुंडली में इन तीन ग्रहों को शुभ होना चाहिए जिनके नाम इस प्रकार हैं: शुक्र देव, बृहस्पति महाराज और बुध ग्रह। अब हम आपको रूबरू करवाते हैं कि यह तीन ग्रह आपके आर्थिक जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं। 

शुक्र ग्रह

शुक्र देव को सुख-सुविधाओं का ग्रह माना जाता है और कुंडली में इनकी शुभ स्थिति जातक को जीवन में सभी तरह की सुख-सुविधाएं प्रदान करती हैं। इसके विपरीत, कुंडली में कमज़ोर शुक्र को मज़बूत करने के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा करना फलदायी साबित होता है। 

बृहस्पति ग्रह 

देवताओं के गुरु कहे जाने वाले बृहस्पति महाराज को ज्ञान और विभिन्न स्रोतों से धन दिलवाने का कारक ग्रह माना गया है। जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह शुभ होते हैं, उन्हें जीवन में धन-संपत्ति की कमी नहीं होती है। हालांकि, गुरु महाराज की शुभ कृपा पाने के लिए बड़ों का सम्मान करें और गुरूजनों का आर्शीवाद लें। 

बुध ग्रह

बुद्धि, वाणी एवं तर्क के कारक ग्रह बुध देव हैं जिनका संबंध व्यापार और तकनीक से भी है। जिन लोगों की कुंडली में बुध मज़बूत होते हैं, वह करियर एवं व्यापार में अपार तरक्की एवं लाभ प्राप्त करते हैं। लेकिन, कुंडली में कमज़ोर बुध को बलवान करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें बुधवार के दिन दूर्वा घास अर्पित करें। 

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बुध, शुक्र और गुरु करते हैं धन समस्याओं का अंत 

किसी व्यक्ति के जीवन में चल रही धन से जुड़ी समस्याओं के अंत के लिए कुंडली में बुध, शुक्र और बृहस्पति ग्रह की स्थिति का मजबूत होनी बेहद जरूरी होता है। एक तरफ, गुरु ग्रह भाग्य के कारक ग्रह कहे गए हैं और ऐसे में, कुंडली में इनकी स्थिति धन से जुड़े मामलों में हमारी सफलता या असफलता निर्धारित करती है। वहीं, कुंडली में जहां छठे भाव का संबंध धन की बचत से है, तो वहीं ग्यारहवां भाव आय को दर्शाता है। ऐसे में, ग्यारहवें भाव को भी बचत के भाव के तौर पर देखा जाता है। इसके अलावा, धन के आय-व्यय को बुध देव नियंत्रित करते हैं इसलिए आर्थिक जीवन में बुध की स्थिति भी विशेष भूमिका निभाती है।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

कुंडली में कौन से भाव और योग बनाते हैं व्यक्ति को धनवान?

  • जब कुंडली में दूसरे भाव का स्वामी लाभ भाव में मौजूद होता है या फिर लाभ भाव का स्वामी धन भाव में मौजूद होता है, तो यह स्थिति जातक को अमीर बनाती है।
  • जब किसी की कुंडली में दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी त्रिकोण भाव में बैठकर एक-दूसरे को देखते हैं, तो जातक को जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है।
  • कुंडली का छठा भाव नौकरी और सातवां भाव व्यापार से जुड़ा होता है। ऐसे में, व्यक्ति को अमीर बनाने में यह दोनों भाव अहम माने गए हैं।
  • कुंडली का दूसरे भाव पैतृक संपत्ति और धन भाव का होता है जबकि ग्यारहवां भाव लाभ का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में, यह दोनों भाव मेहनत द्वारा प्राप्त होने वाले धन को दर्शाते हैं। 
  • चौथे भाव का संबंध जमीन और संपत्ति से होता है। इस भाव की मदद से आप जान सकते हैं कि जातक को माता-पिता से संपत्ति की प्राप्ति होगी या नहीं। 

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आर्थिक राशिफल 2025: सभी 12 राशियों के लिए संपूर्ण आर्थिक राशिफल 

मेष राशि 

आर्थिक राशिफल 2025 के अनुसार मेष राशि के जातकों को काफी हद तक अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। साल….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

आर्थिक राशिफल 2025 के अनुसार यह साल वृषभ राशि के जातकों के लिए शानदार रहेगा। जनवरी….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए इस साल मिश्रित परिणाम मिलने के संकेत मिल रहे हैं। आर्थिक….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

आर्थिक राशिफल 2025 के अनुसार कर्क राशि के जातकों के लिए साल 2025 तुलनात्मक….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

आर्थिक राशिफल 2025 के अनुसार सिंह राशि के जातकों को इस वर्ष मिश्रित परिणाम….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

आर्थिक राशिफल 2025 के अनुसार धन के संबंध में इस साल आप सफलता प्राप्त करेंगे। लाभ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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तुला राशि 

आर्थिक राशिफल 2025 के अनुसार तुला राशि के जातकों को इस वर्ष मिश्रित परिणाम प्राप्त होंगे। लाभ भाव ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

आर्थिक राशिफल 2025 के अनुसार वृश्चिक राशि के जातकों को इस वर्ष मिश्रित परिणाम मिलने….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

आर्थिक राशिफल 2025 के अनुसार धनु राशि के आर्थिक हालात के बारे में बात….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

आर्थिक राशिफल 2025 के अनुसार जनवरी से लेकर मई महीने के मध्य भाग तक….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुंभ राशि 

आर्थिक राशिफल 2025 के अनुसार साल का दूसरा हिस्सा कुंभ राशि के जातकों ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि

आखिरी राशि मीन की बात करें तो आर्थिक राशिफल 2025 के अनुसार मीन राशि के जातकों….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धन-संपत्ति के लिए किस ग्रह को प्रसन्न करें?

गुरु, बुध और शुक्र ग्रह की कृपा से धन-धान्य की प्राप्ति होती है। 

शुक्र ग्रह किस के कारक हैं?

ज्योतिष के अनुसार, शुक्र ग्रह प्रेम, ऐश्वर्य और भोग-विलास के ग्रह माने गए हैं।

लाभ का भाव कौन सा है?

कुंडली के दूसरे भाव को लाभ का भाव कहा जाता है। 

 

धनु राशि में सूर्य-बुध बनाएंगे बुधादित्य योग, इन राशियों के होंगे वारे-न्यारे!

वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के युवराज के नाम से विख्यात बुध ग्रह को वाणी, बुद्धि, विद्या, तर्क, तर्क और व्यापार का कारक माना जाता है। ऐसे में, बुध देव की चाल में होने वाला कोई भी बदलाव संसार को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखता है जो अब धनु राशि में गोचर करने वाले हैं। एस्ट्रोसेज एआई के इस ख़ास ब्लॉग के माध्यम से हम आपको बुध गोचर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही जानेंगे, बुध ग्रह से अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय और कुंडली में बुध को किन ज्योतिषीय उपायों की सहायता से मजबूत कर सकते हैं। लेकिन, इन सब बातों को जानने के लिए आपको बुध गोचर का यह ब्लॉग अंत तक पढ़ना होगा। 

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भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके 

हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि बुध का धनु राशि में गोचर होने जा रहा है और ऐसे में, इनकी चाल में होने वाला बदलाव कुछ राशियों के लिए बेहद शुभ रहेगा और कुछ राशियों को इस अवधि में बहुत संभलकर चलना होगा। सिर्फ इतना ही नहीं, बुध धनु राशि में प्रवेश के दौरान किन ग्रहों के साथ युति का निर्माण और कौन सा योग बनाएंगे, इस बारे में भी हम विस्तार से बात करेंगे। सबसे पहले नज़र डालते हैं बुध गोचर के समय और तिथि पर। 

बुध का धनु राशि में गोचर: समय और तिथि

ज्योतिष शास्त्र में बुध महाराज को तेज़ गति से चलने वाला ग्रह माना गया है जो लगभग हर 23 दिन में अपना राशि परिवर्तन करते हैं। इसके बाद, वह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करके चले जाते हैं। अब बुध देव 04 जनवरी 2025 की सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर धनु राशि में गोचर कर जाएंगे। बता दें कि यह नए साल अर्थात वर्ष 2025 का पहला गोचर होगा। साथ ही, धनु राशि में रहते हुए बुध देव अस्त भी होंगे। इस प्रकार, बुध के इस राशि परिवर्तन का प्रभाव सभी राशियों पर सकारात्मक या नकारात्मक रूप से पड़ेगा।  चलिए अब आपको अवगत करवाते हैं कि बुध का धनु राशि में गोचर होने से कौन से शुभ योग का निर्माण होगा।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

धनु राशि में सूर्य-बुध करेंगे बुधादित्य योग का निर्माण 

ग्रहों के राजा सूर्य को बुध ग्रह के मित्र माना जाता है और जब-जब यह दोनों ग्रह कुंडली के में एक साथ विराजमान होते हैं, तो न सिर्फ शुभ राजयोग का निर्माण करते हैं अपितु जातकों को शुभ फल भी प्रदान करते हैं। हालांकि, जब 04 जनवरी को बुध धनु राशि में प्रवेश करेंगे, तब इस राशि में पहले से मौजूद सूर्य ग्रह के साथ युति करेंगे। ऐसे में, सूर्य और बुध के धनु राशि में एक साथ आने पर बेहद शुभ कहे जाने वाले बुधादित्य राजयोग का निर्माण होगा। 

कुंडली में बुधादित्य योग का प्रभाव

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुधादित्य योग का निर्माण होता है, तो उसे अपने जीवन में धन, सुख-सुविधाओं, मान-सम्मान और वैभव प्राप्त होता है। मान्यता है कि जिन जातकों की कुंडली में बुधादित्य योग होता है और वह गरीब परिवार में जन्म लेता होता है, तो वह आगे चलकर इस योग के प्रभाव से धनवान बन जाता है। साथ ही, जातक के सभी कार्य समय पर पूरे होते हैं। 

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

ज्योतिषीय दृष्टि से बुध

बुध ग्रह को एक ऐसे ग्रह के रूप में जाना जाता है जो कि सूर्य की परिक्रमा बहुत तेज़ी से करते हैं। इनके आकार की बात करें तो, यह चंद्रमा से थोड़े बड़े और पृथ्वी से तक़रीबन 2.6 गुना छोटे हैं। ज्योतिष में बुध महाराज को युवा ग्रह माना जाता है जो कि तर्क क्षमता, अच्छे संचार कौशल और ज्ञान से जुड़े हैं। यह चंद्रमा की तरह अत्यंत संवेदनशील होते हैं। हालांकि, बुध देव मनुष्य के जीवन में बुद्धि, वाणी, सीखने की क्षमता और याददाश्त आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। 

बुध की अशुभ स्थिति का प्रभाव 

करियर के क्षेत्र में बुध देव का संबंध बैंकिंग, कॉमर्स, लेखन, शिक्षा, ह्यूमर, संचार, मीडिया और किताबें आदि से है। यह मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं। वहीं, इनकी स्थिति अशुभ होने से मोबाइल, लैपटॉप, कैमरा, स्पीकर आदि खराब होने लगते हैं। इसके अलावा, कागजी काम और दस्तावेजों में भी गलती होने लगती है। 

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ज्योतिष में धनु राशि की विशेषताएं

बात करें धनु राशि की तो, काल पुरुष कुंडली में धनु राशि नौवों स्थान पर आती है। यह अग्नि तत्व की दोहरे स्वभाव की राशि है। धनु राशि आत्मविश्वास, धर्म, वेद, पिता, सत्य, वक्ता, गुरु, लंबी दूरी की यात्रा, अंतरात्मा और सरकारी अधिकारी आदि को दर्शाती है। ऐसे में, बुध का धनु राशि में गोचर लोगों के जीवन को प्रभावित करने का काम कर सकता है। इनका यह गोचर सभी राशियों को कैसे प्रभावित करेगा, यह जानने से पहले आइए जान लेते हैं कुंडली में कमज़ोर बुध को मज़बूत करने के उपाय। 

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कमज़ोर बुध का प्रभाव 

  • जिन जातकों की कुंडली में बुध कमज़ोर होता है, उनकी वाणी और बात करने की क्षमता प्रभावित होती है जैसे कि वह हकलाने लगता है।  
  • व्यक्ति का खुद पर से विश्वास उठ जाता है अर्थात आत्मविश्वास की कमी रहती है।
  • साथ ही, जातक की बुद्धि कमजोर होने लगती है और वह सही से सोच-विचार नहीं कर पाता है। 
  • बुध के कमजोर होने पर त्वचा से जुड़े रोग जन्म लेते हैं।    

इन उपायों से कमज़ोर बुध को करें मज़बूत 

  • बुध ग्रह को मज़बूत करने  के लिए बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं।
  • नियमित रूप से गाय की सेवा करें। 
  • तुलसी का पौधा घर में लगाएं और इस बात का ध्यान रखें कि यह पौधा सदैव उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। नियमित रूप से तुलसी के पौधे की पूजा करें। 
  • भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दूर्वा घास और देसी घी के लड्डू चढ़ाएं।
  • परिवार की महिलाओं को हरी चूड़ियां और कपड़े भेंट करें।
  • किन्नरों का आशीर्वाद लेना शुभ रहता है।
  • पक्षियों को विशेष रूप से कबूतरों और तोते को भिगोए हुए हरे चने खिलाना फलदायी रहेगा।
  • बुध की महादशा के दौरान बुध ग्रह की होरा और नक्षत्र में अभिमंत्रित बुध यंत्र को स्‍थापित करके पूजा करना सर्वश्रेष्ठ होता है। 

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बुध का धनु राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके… (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके आठवें… (विस्तार से पढ़ें) 

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके लग्न/पहले भाव और चौथे भाव के अधिपति…(विस्तार से पढ़ें) 

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए बुध महाराज आपकी कुंडली में तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो… (विस्तार से पढ़ें) 

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सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह  गोचर… (विस्तार से पढ़ें)  

कन्या राशि

कन्या राशि की कुंडली में बुध महाराज आपके लिए पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके… (विस्तार से पढ़ें) 

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके… (विस्तार से पढ़ें)  

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों की कुंडली में बुध देव आपके आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब…(विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके… (विस्तार से पढ़ें) 

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मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके छठे भाव और नौवें भाव के स्वामी हैं जो अब …(विस्तार से पढ़ें) 

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। अब यह … (विस्तार से पढ़ें) 

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके चौथे और सातवें भाव के अधिपति देव हैं। अब… (विस्तार से पढ़ें) 

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धनु राशि में बुध का गोचर कब होगा?

वर्ष 2025 में 04 जनवरी 2025 को बुध का धनु राशि में गोचर कर जाएंगे।

बुध किसके कारक हैं?

ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी, व्यापार और तर्क के कारक माने जाते हैं। 

धनु राशि का स्वामी कौन है?

राशि चक्र की नौवीं राशि धनु के स्वामी गुरु ग्रह हैं। 

वर्ष 2025 में कब होगा शनि देव का गोचर और किन राशियों पर शुरू होगी साढ़े साती? जानें!

ज्योतिष में शनि देव को पापी और क्रूर ग्रह कहा जाता है जो कि नवग्रहों में शक्तिशाली और महत्वपूर्ण ग्रह माने जाते हैं। यह सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने के लिए जाने जाते हैं और इनका नाम भी लोगों को भयभीत करने के लिए काफ़ी होता है। हालांकि, ऐसा कुछ है नहीं, परंतु यह मनुष्य को उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। ऐसे में, जब-जब शनि देव की राशि, चाल, दशा या स्थिति में बदलाव होता है, तो इसका असर राशि चक्र की सभी राशियों समेत विश्व को प्रभावित करता है। नए साल यानी कि वर्ष 2025 में शनि देव का गोचर होने जा रहा है और यह आपके जीवन से समस्याओं को दूर करने से लेकर जीवन में समस्याएं बढ़ाने तक का काम कर सकते हैं। अब जब साल 2025 आने वाला है, तो यहाँ हम आपको बताने जा रहे हैं कि नए वर्ष में कब, किस समय और किस राशि में शनि महाराज का गोचर होगा। 

यह भी पढ़ें: राशिफल 2025

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके 

एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में न सिर्फ आपको वर्ष 2025 में होने वाले शनि गोचर की जानकारी मिलेगी, बल्कि इस साल कब-कब होगा शनि देव की चाल या दशा में बदलाव? इस बारे में भी हम विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही, शनि गोचर से किन राशियों को मिलेगी साढ़े साती से आज़ादी और किन पर होगी इसकी शुरुआत? इससे भी हम आपको अवगत करवाएंगे। 

कौन है शनि ग्रह और क्यों डरते हैं इनसे लोग?

शनि देव भगवान सूर्य और देवी छाया के पुत्र हैं। इनका वर्ण श्याम है। कर्मफल दाता और न्यायाधीश होने के नाते यह मनुष्य को शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं जो कि आपके ही कर्मों पर आधारित होते हैं। कुंडली में शनि महाराज की स्थिति अच्छे और बुरे दोनों तरह के फल देती है। जहां इनका शुभ प्रभाव व्यक्ति को रंक से राजा बना सकता है, तो वहीं शनि ग्रह की अशुभ स्थिति आपको राजा से रंक बनाने का सामर्थ्य रखती है। 

सामान्य शब्दों में कहें तो, शनि देव जीवन में गुरु की भूमिका निभाते हैं और न्याय मार्ग पर चलना सिखाते हैं। यह व्यक्ति को सही मार्ग पर लेकर जाते हैं और अगर इंसान गलत मार्ग पर जाने लगता है, तो उसे कई बार आगाह करते हैं और जब जातक नहीं समझता है, तो आपको दंडित करने का अधिकार शनिदेव को प्राप्त है। शनि देव मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं। यह तुला राशि में उच्च के होते हैं जबकि मेष राशि में नीच के होते हैं। सभी 27 नक्षत्रों में इन्हें पुष्य, अनुराधा और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र पर स्वामित्व प्राप्त है। शनि के मित्र बुध और शुक्र हैं और वहीं इनके शत्रु सूर्य, चंद्रमा एवं मंगल है। 

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शनि ग्रह की कृपा कैसे प्राप्त करें? 

दुख, रोग और पीड़ा के कारक कहे जाने वाले शनि ग्रह को शांत करने एवं उनसे शुभ परिणाम पाने के लिए सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना शुभ रहता है। आप चाहे तो शनि ग्रह का नीलम रत्न भी पहन सकते हैं या फिर शनि ग्रह की कृपा के लिए धतूरे की जड़ी भी धारण कर सकते हैं। 

कब और किस समय होगा वर्ष 2025 में शनि गोचर? 

ज्योतिष में शनि महाराज सबसे धीमी गति से चलते हैं इसलिए इन्हें एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में ढाई साल का समय लगता है। अब यह अपनी कुंभ राशि से निकलकर गुरु ग्रह की मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। ढाई वर्ष तक कुंभ राशि में रहने के बाद शनि‌ देव 29 मार्च 2025 की रात 10 बजकर 07 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। 

शनि ग्रह कब-कब बदलेंगे अपनी चाल एवं स्थिति

बता दें कि शनि देव 29 मार्च 2025 को मीन राशि में गोचर करने से पहले कुंभ राशि में रहते हुए 22 फरवरी 2025 को अस्त हो जाएंगे। इसके बाद, वह अपनी अस्त अवस्था में ही मीन राशि में प्रवेश करेंगे। हालांकि,  31 मार्च 2025 की रात 12 बजकर 43 मिनट पर शनि देव पुनः उदित हो जाएंगे। इसके पश्चात, शनि ग्रह 13 जुलाई 2025 को मीन राशि में वक्री होंगे और फिर 28 नवंबर 2025 को वापस अपनी मार्गी अवस्था में आ जाएंगे।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

वर्ष 2025 में इस राशि पर शुरू होगी साढ़े साती?

शनि‌ ग्रह की साढ़े साती, ढैया और टेढ़ी दृष्टि से सभी भयभीत रहते हैं। इनकी साढ़े साती, साढ़े सात साल और ढैया ढाई साल की अवधि होती है। जैसे ही शनि देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे, इसके साथ ही मकर राशि वालों पर चल रही साढ़ेसाती का अंत हो जाएगा जबकि मेष राशि वालों पर साढ़ेसाती की शुरुआत हो जाएगी।

दूसरी तरफ, शनि का मीन राशि में गोचर होने से मीन राशि वालों की साढ़े साती का दूसरा चरण और कुंभ राशि का अंतिम चरण शुरू हो जाएगा। वहीं, वृश्चिक राशि के जातकों पर जहां ढैया समाप्त होगी जबकि धनु राशि वालों पर ढैया की शुरुआत हो जाएगी। 

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शनि गोचर 2025: राशि अनुसार राशिफल और उपाय 

मेष राशि 

शनि गोचर 2025: मेष राशि में शनि देव दशम और एकादश भाव के स्वामी होकर आपके द्वादश…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि देव को नवम भाव और दशम भाव का स्वामी होने से योग…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के लिए शनि देव अष्टम भाव और नवम भाव के स्वामी हैं और वर्तमान…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

कर्क राशि 

शनि गोचर 2025 के अनुसार कर्क राशि के जातकों के लिए शनि महाराज सप्तम और अष्टम भाव के…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

सिंह राशि 

राशि के जातकों के लिए शनि छठे और सातवें भाव के स्वामी होकर वर्तमान समय में आपके…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए शनि पंचम भाव और षष्ठ भाव के स्वामी हैं और वर्तमान…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

तुला राशि 

शनि गोचर 2025 की बात करें तो तुला राशि के जातकों के लिए शनि चतुर्थ और पंचम…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शनि महाराज तीसरे और चौथे भाव के स्वामी होकर शनि गोचर…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए शनि महाराज दूसरे और तीसरे भाव के स्वामी…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

मकर राशि 

मकर राशि के स्वामी शनि देव आपके दूसरे भाव के स्वामी भी हैं और शनि…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

कुंभ राशि 

कुम्भ राशि के स्वामी शनि महाराज आपके द्वादश भाव के भी स्वामी हैं और वर्तमान…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

मीन राशि 

शनि गोचर 2025 मीन राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से प्रभावशाली रहेगा क्योंकि…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. शनि कितने समय में राशि बदलता है?

ज्योतिष के अनुसार, शनि देव सबसे मंद गति से चलने के कारण ढाई साल में अपना राशि परिवर्तन करते हैं।

3. शनि मीन राशि में कब गोचर करेंगे?

गुरु ग्रह की राशि मीन में शनि ग्रह का गोचर 29 मार्च 2025 को होगा। 

4. शनि ग्रह की शत्रु राशि कौन सी है?

राशि चक्र की चौथी राशि कर्क शनि ग्रह की शत्रु राशि मानी जाती है।

बुध का धनु राशि में गोचर: देश-दुनिया और शेयर मार्केट में आएंगे उतार-चढ़ाव!

बुध गोचर 2025: एस्ट्रोसेज एआई की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं और इसी कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं बुध के गोचर से संबंधित यह खास ब्लॉग।

इस ब्‍लॉग में हम आपको बुध के धनु राशि में गोचर करने के बारे में बता रहे हैं जो कि 04 जनवरी, 2025 को होने जा रहा है। इसके साथ ही यह भी बताएंगे कि बुध के इस गोचर का राशियों, देश-दुनिया, स्‍टॉक मार्केट और मनोरंजन के क्षेत्र पर क्‍या प्रभाव पड़ेगा।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके 

वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार बुध ग्रह संचार कौशल और बुद्धि का कारक हैं। इसके साथ ही व्‍यक्‍ति की किसी जानकारी को समझने की क्षमता भी बुध पर ही निर्भर करती है। बुध का संबंध हमारी मानसिक क्षमताओं जैसे कि सोचने, सीखने, तर्क देने, बोलने और लिखने से है। हम दूसरों के साथ किस तरह से बात करते हैं और बोलकर एवं बिना बोले किस तरह से खुद को व्‍यक्‍त करते हैं, यह सब बुध की स्थिति पर निर्भर करता है।

किसी भी जानकारी को हम किस तरह से लेते या समझते हैं, दूसरों के साथ कैसे बातचीत करते हैं और अपने दैनिक जीवन को कैसे चलाते हैं, इसमें बुध अहम भूमिका निभाता है। बुध हमारी बुद्धि और विचारों का आदान-प्रदान करने की हमारी क्षमता दोनों को नियंत्रित करता है और यही बात इसे जन्‍मकुंडली में सबसे प्रमुख ग्रह बनाती है।

बुध का धनु राशि में गोचर: समय

कन्‍या और मिथुन राशि के स्‍वामी एवं बुद्धि और व्‍यापार के कारक बुध 04 जनवरी, 2025 को सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। तो चलिए अब जानते हैं कि बुध के धनु राशि में गोचर करने का राशियों और देश-दुनिया पर क्‍या प्रभाव देखने को मिलेगा।

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धनु राशि में बुध: विशेषताएं

धनु राशि में बुध के होने पर व्‍यक्‍ति उत्‍साहित और गतिशील बनता है एवं उसके बोलने और सोचने का तरीका दार्शनिक होता है। ये जातक बौद्धिक रूप से साहसी होते हैं और हमेशा अपनी बुद्धि एवं ज्ञान को बढ़ाने एवं दुनिया को गहराई से समझने की कोशिश करते हैं। ये सीधी बात करना पसंद करते हैं और ऊर्जावान एवं प्रेरणादायक होते हैं। लेकिन ये बेचैन रहते हैं और इनका बेबाकी से सच बोलना कभी-कभी इनके रिश्‍तों और निजी जीवन में चुनौतियां पैदा कर सकता है।

  • जिन जातकों की कुंडली में बुध धनु राशि में होते हैं, वे खुले विचारों वाले होते हैं और बड़ा सोचते हैं। ये गहराई में जाने के बजाय ऊपर बात पर ही ध्‍यान देते हैं। इनके विचार अक्‍सर दार्शनिक, अध्‍यात्‍म और उच्‍च ज्ञान पर केंद्रित होते हैं।
  • ये आशावादी और उत्‍साह से भरपूर होते हैं। इनके अनुसार दुनिया संभावनाओं से भरी हुई है और इन्‍हें दृढ़ विश्‍वास होता है कि चीज़ें सुधर सकती हैं।
  • यह स्थिति इनके बात करने के तरीके को उत्‍साहित बनाती है और ये अपनी सकारात्‍मक ऊर्जा और प्रगति में विश्‍वास रखने की प्रवृत्ति से अक्‍सर दूसरों को प्रोत्‍साहित करते हैं।
  • जिन लोगों की कुंडली में धनु राशि में बुध स्थित होता है, वे जातक जिज्ञासु स्‍वभाव के होते हैं और हमेशा नवीन ज्ञान एवं अनुभवों की तलाश में रहते हैं। ये अलग-अलग संस्‍कृतियों, दर्शन शास्‍त्र और विचारों के बारे में जानने में रुचि रखते हैं।
  • ये उच्‍च शिक्षा, विदेशी भाषाओं को सीखने या किसी भी ऐसी चीज़ के प्रति आकर्षित होते हैं, जो इनके दृष्टिकोण और बुद्धि को बढ़ाने का काम करे।
  • इनका दर्शनशास्‍त्र, धर्म और ऊंचे विचारों में रुचि होती है और ये जातक अक्‍सर इन्‍हीं विषयों के ईर्द-गिर्द होने वाली बातचीत में शामिल होते हैं। सही या गलत को लेकर इनका एक मज़बूत विचार होता है और इन्‍हें नैतिक विषयों पर बात करना अच्‍छा लगता है।
  • इन्‍हें काल्‍पनिक अवधारणाओं पर बात करना पसंद होता है और ये कम गहराई वाली या ज्‍यादा व्‍यावहारिक बातों से परेशान हो सकते हैं।

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धनु राशि में बुध के होने की चुनौतियां

  • उद्दंडता: इनका बेबाक और सच बोलना कभी-कभी दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है, खासकर अगर ये सामने वाले की संवेदनशीलता के बारे में सोचने में विफल रहें, तो ऐसा होने की संभावना अधिक रहती है।
  • फोकस की कमी: ये एक विचार से दूसरे विचार पर बहुत जल्‍दी पहुंच जाते हैं और इस वजह से इनमें फोकस की कमी देखी जाती है और इन्‍हें अपने कार्यों एवं जिम्‍मेदारियों को पूरा करने में कठिनाई हो सकती है।
  • अत्‍यधिक दार्शनिक: ये जातक कभी-कभी काल्‍पनिक विचारों या सैद्धांतिक अवधारणाओं पर अधिक ज़ोर दे सकते हैं एवं व्‍यावहारिक जानकारी की उपेक्षा कर सकते हैं जो कि इनके विचारों को फलीभूत करने के लिए आवश्‍यक है।

बुध का धनु राशि में गोचर: विश्‍व पर प्रभाव

वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह धनु राशि में होता है, उन्‍हें साइकोलॉजी, रिसर्च या ऐसे क्षेत्र में नौकरी मिल सकती है जहां पर गहन अध्‍ययन करने की आवश्‍यकता होती है। पश्चिमी ज्‍योतिष के अनुसार बुध की यह स्थिति साइकोलॉजी, पत्रकारिता या अध्‍ययन से संबंधित क्षेत्रों में नौकरी के लिए अनुकूल है। ऐसे लोगों में ये बात आम होती है कि ये छिपे हुए रहस्‍य या छिपे हुए ज्ञान से सीखना चाहते हैं।

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अध्‍ययन, संचार प्रौद्योगिकी और साइकोलॉजी

  • बुध की यह स्थिति अध्‍ययन, टेक्‍नोलॉजी और कॉमर्स जैसे क्षेत्रों का समर्थन करती है।
  • अगर आप उपरोक्‍त में से किसी भी क्षेत्र में काम करते हैं, तो बुध का धनु राशि में गोचर आपको पहचान और समृद्धि के साथ-साथ तुरंत सफलता दिला सकता है।
  • अगर आप तकनीक के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो बुध का धनु राशि में होना आपके लिए फलदायी साबित होगा।
  • भले ही बुध की यह स्थिति उत्‍कृष्‍ट न हो लेकिन साइकोलॉजी, अध्‍ययन और वैज्ञानिक आविष्‍कारों से संबंधित लोगों को शानदार परिणाम दे सकती है।
  • केमिकल उद्योगों में काम करने वाले लोगों को भी बुध के धनु राशि में गोचर करने से लाभ मिल सकता है।
  • जिन क्षेत्रों में किसी खास विषय का गहन अध्‍ययन करने की ज़रूरत होती है, वे क्षेत्र इस गोचर के दौरान उत्‍कृष्‍ट होंगे।
  • जासूसी एजेंसियों और ऐसे पेशे से जुड़े लोगों को भी इस गोचर से फायदा होगा।

बुध का धनु राशि में गोचर: स्‍टॉक मार्केट पर असर

  • शेयर मार्केट रिपोर्ट के अनुसार मीडिया और प्रसारण, दूरसंचार और अस्‍पताल प्रबंधन से संबंधित क्षेत्रों के अच्‍छा प्रदर्शन करने की उम्‍मीद है।
  • परिवहन निगम से संबंधित उद्योगों के भी बेहतरीन प्रदर्शन करने की संभावना है।
  • इस समय संस्‍थानों, आयात और निर्यात सभी क्षेत्र समृद्ध होंगे।
  • फार्मास्‍यूटिकल और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों के मज़बूत प्रदर्शन करने के संकेत हैं।
  • रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र भी प्रगति देखने को मिलेगी।

बुध का धनु राशि में गोचर: स्‍पोर्ट्स टूर्नामेंट

टूर्नामेंटस्‍पोर्टदिन
ऑस्‍ट्रेलियन ओपनटेनिस12 से 26 जनवरी, 2025
मल्‍टी स्‍पोर्ट्सविंटर वर्ल्‍ड गेम्‍स13 से 23 जनवरी, 2025
एक्‍स्‍ट्रीम स्‍पोर्ट्सविंटर एक्‍स गेम्‍स23 से 26 जनवरी, 2025

धनु राशि के स्‍वामी ग्रह बृहस्‍पति हैं और धनु राशि में बुध का गोचर उपरोक्‍त खेल कार्यक्रमों के साथ-साथ इस समयावधि में होने वाली अन्‍य खेल प्रतियोगिताओं के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। इस दौरान बुध अपने साहस और बुद्धि का प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे। यह गोचर स्‍पोर्ट्स के नए प्रशंसकों को आकर्षित करेगा और मौजूदा प्रशंसक आनंदित और प्रसन्‍न दिखाई देंगे।

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बुध का धनु राशि में गोचर: इन राशियों को होगा लाभ

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए बुध उनके तीसरे और छठे भाव के स्‍वामी हैं और अब इस गोचर के दौरान वह आपके नौवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। धनु राशि में बुध के गोचर के दौरान मेष राशि के जातकों को अपने पिता और सलाहकार का सहयोग मिलने के योग हैं।

आप अपने एडवांस कोर्स को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे और इस गोचर के दौरान आपको इस काम में सफलता भी मिल सकती है। इसके अलावा यह समयावधि तीर्थयात्रा और लंबी दूरी की यात्रा के लिए उत्तम रहने वाली है। आप अपने अच्‍छे कर्मों को बढ़ाने का प्रयास करेंगे और इसके साथ ही आपका आध्‍यात्मिक मार्ग की ओर भी झुकाव हो सकता है। चूंकि, बुध की आपके तीसरे भाव पर दृष्टि पड़ रही है इसलिए आपके छोटे भाई-बहन आपको प्रोत्‍साहित करते हुए नज़र आएंगे।

मेष राशिफल 2025

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध उनके पहले और चौथे भाव के स्‍वामी हैं और अब बुध ग्रह आपके सातवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं।। चूंकि, बुध आपके चौथे भाव के स्‍वामी भी हैं इसलिए इस गोचर के दौरान विवाहित जातकों का अपने जीवनसाथी के साथ रिश्‍ता मज़बूत होगा। इसके परिणामस्‍वरूप आप अपने घर पर अपने पार्टनर के साथ मिलकर कोई धार्मिक कार्यक्रम करवा सकते हैं।

आप अपने पार्टनर के नाम पर या उन्‍हें तोहफे में देने के लिए कोई प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं। चूंकि, बुध व्‍यापार का कारक हैं इसलिए धनु राशि में बुध का गोचर व्‍यापारिक गठबंधनों के लिए बेतहरीन साबित होगा। नया व्‍यापार शुरू करने पर भी सफलता प्राप्‍त होगी।

 मिथुन राशिफल 2025 

सिंह राशि

बुध सिंह राशि के ग्‍यारहवें और दूसरे भाव के स्‍वामी हैं और अब वह आपके पांचवे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस दौरान आपको अपनी या अपनी संतान की शिक्षा और विकास पर काफी पैसा खर्च करना पड़ सकता है। इसके अलावा पचंम भाव शेयर मार्केट और सट्टे बाज़ार से भी संबंधित है। इस गोचर के दौरान आप शेयर मार्केट और सट्टेबाज़ी में हाथ आज़मा सकते हैं।

सिंह राशि के जातकों को अपने निवेश और खर्चों को लेकर बहुत ज्‍यादा सावधान रहने की ज़रूरत है। चूंकि, बुध बुद्धि के देवता हैं इसलिए इस समयावधि में छात्र शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ ह‍ासिल करने में सक्षम होंगे। जो छात्र विशेष रूप से बुध से संबंधित विषयों जैसे कि गणित, मास कम्‍युनिकेशन, लेखन और किसी भी भाषा से संबंधित कोर्स कर रहे हैं, बुध का धनु राशि में गोचर उनकी सीखने की क्षमता में सुधार करेगा।

सिंह राशिफल 2025

बुध का धनु राशि में गोचर: इन राशियों को होगा नुकसान

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध उनके दूसरे और पांचवे भाव के स्‍वामी हैं और अब इस गोचर के दौरान बुध इस राशि के आठवें भाव में विराजमान रहेंगे। वृषभ राशि के जातकों के लिए यह गोचर सुखद नहीं रहने वाला है। आठवें भाव का संबंध आकस्मिक घटनाओं और बदलावों से होता है। मुमकिन है कि अचानक आपके हाथ से आपका काम चला जाए या आप जिस प्रमोशन की उम्‍मीद कर रहे हैं, वो आपको न मिले।

इसके अलावा आपको पैसे मिलने में देरी हो सकती है या आपको अचानक से वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

वृषभ राशिफल 2025

कर्क राशि

कर्क राशि के तीसरे और बारहवें भाव के स्‍वामी बुध इस गोचर के दौरान इनके छठे भाव में रहेंगे। बारहवें भाव के स्‍वामी के छठे भाव में होने पर आपको कानूनी मसलों और बिल आदि को लेकर समस्‍याएं, देरी या निराशा होने की आशंका है। इस प्रकार यह समय आपके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

अगर आपने कर्ज़ लिया हुआ है, तो इस समय इसे न चुका पाने की वजह से आप परेशानी में पड़ सकते हैं। आपके खर्चों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इस वजह से आप उलझन में  पड़ सकते हैं और आपको यह समझ नहीं आ पाएगा कि आपको क्‍या करना चाहिए।

कर्क राशिफल 2025

बुध के धनु राशि में गोचर करने पर करें ये उपाय

  • बुध ग्रह की पूजा करने का सबसे बेहतरीन तरीका है भगवान बुध के ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:’ मंत्र का जाप करना।
  • बुध को शांत करने के लिए आप तोते, कबूतर और अन्‍य पक्षियों को दाना दे सकते हैं।
  • बुध के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए नियमित रूप से खुद भोजन करने से पहले गाय को चारा खिलाएं।
  • हरी सब्जियां जैसे कि पालक और अन्‍य पत्तेदार सब्जियां खासतौर पर गरीब बच्‍चों को खिलाएं या उन्‍हें दान में दें।
  • भीगी हुई हरी मूंग की दाल पक्षियों को खिलाने से भी कुंडली में बुध की स्थिति मज़बूत होती है।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न.

प्रश्‍न 1. धनु राशि में बुध कैसा व्‍यवहार करता है?

उत्तर. इस स्थिति को आध्‍यात्मिक विकास के लिए अच्‍छा माना जाता है।

प्रश्‍न 2. क्‍या बुध और बृहस्‍पति के बीच मित्रता है?

उत्तर. नहीं, बुध और बृहस्‍पति एक-दूसरे के साथ तटस्‍थ हैं।

प्रश्‍न 3. किस राशि में बृहस्‍पत‍ि कमज़ोर होता है?

उत्तर. मकर राशि में गुरु कमज़ोर होता है।

नए साल में खूब बजेंगी शहनाइयां, विवाह मुहूर्तों से भरा होगा वर्ष 2025!

विवाह मनुष्य जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है और इसके बिना प्रत्येक व्यक्ति का जीवन अधूरा रहता है। जब कोई इंसान विवाह बंधन में बंधने का फैसला करता है, तो वह एक ऐसे रिश्ते की तरफ कदम बढ़ाता है जो जन्म-जन्मांतर का होता है। हालांकि, हिंदू धर्म में विवाह को बेहद पावन एवं पवित्र माना जाता है और यह सात जन्मों का बंधन कहा गया है। विवाह सभी 16 संस्कारों में से सर्वाधिक महत्वपूर्ण संस्कार है इसलिए शादी-विवाह को सदैव शुभ मुहूर्त में ही किया जाना चाहिए क्योंकि यह सुखी वैवाहिक जीवन के निर्धारण में विशेष भूमिका निभाता है। इसी क्रम में, अगर आप आने वाले नए साल अर्थात वर्ष 2025 में विवाह करने का सोच रहे हैं, तो हमारा यह ब्लॉग आपके लिए ही तैयार किया गया है इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़ना जारी रखें। 

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अगर आप वर्ष 2025 में शादी करने के लिए विवाह का कोई शुभ मुहूर्त देख रहे हैं या फिर आपके परिवार का कोई सदस्य विवाह योग्य हैं और आप उसके लिए शादी की तारीख़ ढूंढ रहे हैं, तो हम आपको यहां विवाह मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं। बता दें कि एस्ट्रोसेज के इस लेख को विशेष रूप से अनुभवी ज्योतिषियों द्वारा ग्रह-नक्षत्रों की गणना के आधार पर तैयार किया गया है। साथ ही, आपको विवाह मुहूर्त के निर्धारण और इससे जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में भी विस्तारपूर्वक प्राप्त होगी। 

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विवाह मुहूर्त 2025 क्यों है जरूरी?

जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि हिंदू धर्म में 16 संस्कारों का वर्णन मिलता है और इन्हीं में से एक है विवाह संस्कार। ऐसा माना जाता है कि जब कोई भी व्यक्ति शादी करता है, तो सिर्फ वर और वधू ही जन्म-जन्मांतर के बंधन में नहीं बंधते हैं, बल्कि यह दो परिवारों को आपस में जोड़ने का भी काम करता है। बता दें कि सनातन धर्म में विवाह जैसे शुभ कार्य को कभी भी अशुभ मुहूर्त में करने से बचना चाहिए क्योंकि वर-वधू के जीवन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यही वजह है कि विवाह को हमेशा शुभ मुहूर्त में ही किया जाता है। 

विवाह में सबसे पहले गुण मिलान करने का विधान है और इसके बिना शादी-विवाह की बात आगे नहीं बढ़ती है। इसी प्रकार, विवाह में शुभ मुहूर्त को भी महत्वपूर्ण माना जाता है। विवाह तिथि के निर्धारण में सर्वप्रथम शुभ मुहूर्त को ही देखा जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं, ज्योतिष की बात करें तो, विवाह संस्कार को संपन्न करने के लिए प्रेम और विवाह के कारक ग्रह शुक्र देव का भी उदित अवस्था में होना बहुत जरूरी होता है, अन्यथा शादी को टाल दिया जाता है। 

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वर्ष भर में विवाह के ये 5 मुहूर्त होते हैं अबूझ 

धर्मशास्त्रों एवं ज्योतिष के जानकर भले ही अबूझ मुहूर्त के बारे में जानते होंगे, लेकिन आज भी ऐसे बहुत कम लोग हैं जिन्हें अबूझ मुहूर्त के बारे में पता होगा। आपके मन में भी सवाल उठ रहे होंगे कि आख़िर ये अबूझ मुहूर्त क्या होते हैं और क्यों इन्हें इतना महत्व दिया जाता है? तो आइए जानते हैं अबूझ मुहूर्त के बारे में।

अबूझ मुहूर्त ऐसे दिन होते हैं जब दिन में कोई शुभ मुहूर्त न होते हुए भी मांगलिक काम बिना सोचे-समझे किए जा सकते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, प्रत्येक वर्ष में इस तरह के कुल पांच सिद्ध मुहूर्त बताए गए हैं जिनके अंतर्गत देवउठनी एकादशी, बसंत पंचमी, फुलेरा या फुलरिया दूज, अक्षय तृतीया और विजयादशमी जैसी शुभ तिथियां आती हैं। इन पांच दिनों में कोई शुभ मुहूर्त न होते हुए भी बिना देखे विवाह जैसे मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं क्योंकि इन्हें अपने आप में सिद्ध मुहूर्त माना जाता है।

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कैसे किया जाता है विवाह मुहूर्त का निर्धारण?

एक बार जब वर-वधू के कुंडली मिलान या गुण मिलान करने के बाद रिश्ता पक्का हो जाता है, तो उसके पश्चात सबसे पहले विवाह के लिए शुभ मुहूर्त देखा जाता है। इस क्रम में, जन्म राशि पर आधारित विवाह मुहूर्त प्राप्त करने के लिए तिथि, नक्षत्र, वार और समय को निकाला जाता है और इसको ही विवाह मुहूर्त कहा जाता है। साथ ही, जिस चंद्र नक्षत्र में वर-वधू का जन्म होता है, उस नक्षत्र के चरण के तहत आने वाले अक्षर का भी उपयोग विवाह की तिथि निर्धारित करने के लिए किया जाता है। बता दें कि शादी-विवाह के लिए लड़का-लड़की की राशियों में से एक जैसी ही तिथि का चुनाव विवाह मुहूर्त के लिए किया जाता है।

वर्ष 2025 में 55 मुहूर्त होंगे विवाह के लिए सबसे शुभ 

अगर हम बात करें इस साल के विवाह मुहूर्त की तो, नए साल अर्थात वर्ष 2025 में विवाह मुहूर्त की संख्या में पिछले वर्ष 2024 की तुलना में थोड़ा अंतर देखने को मिल रहा है। हालांकि, यह अंतर बहुत ज्यादा नहीं है जहां वर्ष 2024 में विवाह के लिए 58 मुहूर्त उपलब्ध थे, तो वहीं इस साल विवाह के लिए वर्ष भर में 55 शुभ मुहूर्त उपलब्ध है। अगर हम देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी की अवधि अर्थात चातुर्मास को हटा दें, तो साल 2025 शादी-विवाह की दृष्टि से बेहद ख़ास रहेगा। 

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विवाह मुहूर्त 2025: देखें कौन से महीने में कब-कब है विवाह के शुभ मुहूर्त

जनवरी 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त

वर्ष 2025 में जनवरी माह के विवाह मुहूर्त देखने के लिए क्लिक करें।  

फरवरी 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त

वर्ष 2025 में फरवरी माह के विवाह मुहूर्त देखने के लिए क्लिक करें।  

मार्च 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त   

वर्ष 2025 में मार्च माह के विवाह मुहूर्त देखने के लिए क्लिक करें।  

अप्रैल 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त   

वर्ष 2025 में अप्रैल माह के विवाह मुहूर्त देखने के लिए क्लिक करें।  

मई 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त   

वर्ष 2025 में मई माह के विवाह मुहूर्त देखने के लिए क्लिक करें।  

जून 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त   

वर्ष 2025 में जून माह के विवाह मुहूर्त देखने के लिए क्लिक करें।  

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

जुलाई 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त   

वर्ष 2025 में जुलाई माह के विवाह मुहूर्त देखने के लिए क्लिक करें।  

अगस्त 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त

वर्ष 2025 में अगस्त माह के विवाह मुहूर्त देखने के लिए क्लिक करें।  

सितंबर 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त   

वर्ष 2025 में सितंबर माह के विवाह मुहूर्त देखने के लिए क्लिक करें।  

अक्टूबर 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त

वर्ष 2025 में अक्टूबर माह के विवाह मुहूर्त देखने के लिए क्लिक करें।  

नवंबर 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त   

वर्ष 2025 में नवंबर माह के विवाह मुहूर्त देखने के लिए क्लिक करें।  

दिसंबर 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त

वर्ष 2025 में दिसंबर माह के विवाह मुहूर्त देखने के लिए क्लिक करें

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. दिसंबर 2025 में विवाह के कितने मुहूर्त है?

विवाह मुहूर्त 2025 के अनुसार, दिसंबर में शादी-विवाह के 3 मुहूर्त उपलब्ध हैं। 

2. क्या चातुर्मास में विवाह कर सकते हैं? 

नहीं, चातुर्मास के इन चार महीनों में शुभ एवं मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। 

3. एक वर्ष में कितने अबूझ मुहूर्त होते हैं?

ज्योतिष के अनुसार, एक साल में कुल 5 अबूझ मुहूर्त आते हैं। 

यहाँ देखें नए साल के पहले महीने जनवरी 2025 की पहली झलक!

जनवरी 2025 नए वर्ष का पहला महीना होता है और इस महीने में प्रवेश करने के साथ न सिर्फ साल बदलता है, बल्कि यह हमारे भीतर भी कई परिवर्तन लेकर आता है क्योंकि इस साल के साथ हमारी आशाएं और उम्मीदें जुड़ी होती हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, सर्दी का मौसम अपने पूरे चरम पर होता है और इस समय आग की तपन हमें कड़कड़ाती सर्दी से राहत पहुंचाती है। यही सब बातें नए साल के पहले महीने जनवरी को बेहद खास बनाती है। इसके अलावा, व्रत-त्योहारों की जनवरी से पुनः शुरुआत हो जाती है। हालांकि, इस माह का धार्मिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक दृष्टि से अपना एक अलग महत्व होता है। 

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भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके 

जनवरी का महीना अपने साथ अनेक रंग-उमंग लेकर आता है और हम सबके मन में नए साल को लेकर, आने वाले कल और अपने भविष्य को लेकर उत्सुकता बनी रहती है कि नया साल हमारे लिए कैसा रहेगा? यह महीना जीवन के विभिन्न पहलुओं में किस तरह के परिणाम प्रदान करेगा? किस तारीख़ को कौन सा व्रत-पर्व मनाया जाएगा? अगर आपके मन में भी घूम रहे हैं ऐसे सवाल, तो आपको इन सभी सवालों के जवाब एस्ट्रोसेज के जनवरी 2025 के इस विशेष ब्लॉग में मिलेंगे। साथ ही, आपको रूबरू करवाएंगे कि सभी 12 राशियों के जातकों के लिए साल का पहला महीना अर्थात जनवरी 2025 क्या सौगात लेकर आएगा इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़ना जारी रखें।   

जनवरी 2025 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना

अब हम एक कदम आगे बढ़ाते हुए नए साल के साथ-साथ वर्ष 2025 के पहले महीने जनवरी में प्रवेश करने जा रहे हैं।  बता दें कि जनवरी माह का आरंभ पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के अंतर्गत शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी कि 01 जनवरी 2025 को होगा जबकि इसकी समाप्ति शतभिषा नक्षत्र के तहत शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि अर्थात 31 जनवरी 2025 को होगी। इस महीने के पंचांग के बारे में आपको बताने के बाद अब हम आपको जनवरी में मनाए जाने वाले व्रत-त्योहारों की सूची देने जा रहे हैं।   

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इन शुभ योगों के साथ होगा नए साल का आगाज 

नए साल यानी कि वर्ष 2025 का पहला दिन बेहद ख़ास रहने वाला है क्योंकि इस दिन की शुरुआत 4 शुभ योगों के साथ होगी। पंचांग के अनुसार, 01 जनवरी 2025 को शिव वास, हर्षण, कौलव और बालव योग का निर्माण होने जा रहा है। इन योगों को बहुत शुभ एवं दुर्लभ माना जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं, जनवरी 2025 में भी बुधादित्य राजयोग और मालव्य राजयोग बनेगा जो कुछ राशियों के लिए बहुत फलदायी रहेगा। 

साल के पहले दिन करें ये 5 काम, देवी लक्ष्मी की बनी रहेगी कृपा

  • साल 2025 के दिन लक्ष्मी सूक्तम का पाठ करें। 
  • 01 जनवरी को अपने आराध्य की पूजा करें। 
  • नए वर्ष का आरंभ घर की साफ-सफाई करके और रंगोली बनाकर करें। 
  • नए साल की शुरुआत दान के साथ करें। 
  • इस दिन अर्थात नए साल के अवसर पर नए कपड़े पहनने के साथ-साथ अपने आप को ख़ुश रखना चाहिए। 

जनवरी 2025 में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहार की तिथियां  

हिंदू कैलेंडर में भी अंग्रेजी कैलेंडर की तरह ही बारह महीने होते हैं। हर माह की अपनी अलग विशेषता एवं महत्व होता है जो उसे सबसे अलग बनाता है जैसे कि जनवरी में मकर संक्रांति, तो अक्टूबर-नवंबर में दिवाली मनाई जाती है। हिंदू वर्ष का हर माह अपने साथ एक ख़ास त्योहार लेकर आता है और यह उस महीने की विशेषता बन जाता है। इसी क्रम में, यहां हम आपको जनवरी 2025 में मनाये जाने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार की सही तिथियां प्रदान कर रहे हैं। आइए आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं जनवरी 2025 के प्रमुख व्रत-पर्वों की तिथियों पर।

तिथिदिनव्रत-त्‍योहार
10 जनवरी 2025 शुक्रवारपौष पुत्रदा एकादशी
11 जनवरी 2025 शनिवारप्रदोष व्रत (शुक्ल)
13 जनवरी 2025 सोमवारपौष पूर्णिमा व्रत
13 जनवरी 2025 सोमवारलोहड़ी
14 जनवरी 2025 मंगलवारपोंगल, उत्तरायण, मकर संक्रांति
17 जनवरी 2025 शुक्रवारसंकष्टी चतुर्थी
25 जनवरी 2025 शनिवारषटतिला एकादशी
27 जनवरी 2025सोमवारप्रदोष व्रत (कृष्ण), मासिक शिवरात्रि
29 जनवरी 2025बुधवारमाघ अमावस्या

जनवरी में पड़ने वाले व्रत-त्योहार का धार्मिक महत्व 

हिंदू धर्म में आने वाले हर व्रत एवं पर्व का अपना एक अलग स्थान है। इसी क्रम में, पिछले साल 2024 की तरह ही वर्ष 2025 के पहले महीने जनवरी में भी आने व्रत और त्योहारों मनाए जाएंगे। जनवरी में पड़ने वाले पर्वों की तिथियों के बाद आपको अवगत करवाते हैं जनवरी 2025 के व्रत-पर्वों के धार्मिक महत्व से। 

पौष पुत्रदा एकादशी (10 जनवरी 2025, शुक्रवार): एक वर्ष में कुल 24 एकादशी तिथि आती है और हर तिथि का विशेष महत्व होता है। इसी प्रकार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह एकादशी जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इस दिन विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। ऐसा कहते हैं कि पौष पुत्रदा एकादशी व्रत को करने से विवाहित दंपत्तियों को संतान सुख प्राप्त होता है। 

प्रदोष व्रत (शुक्ल) (11 जनवरी 2025, शनिवार): प्रदोष व्रत को हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है जो कि हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है। इस दिन शिव जी और माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत को विधि-विधान से करने पर भक्त के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। 

पौष पूर्णिमा व्रत (13 जनवरी 2025, सोमवार): हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह में पूर्णिमा तिथि आती है। इसी प्रकार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पौष पूर्णिमा तिथि के दिन सच्चे मन से व्रत रखने और चंद्र देव एवं माता लक्ष्मी की आराधना करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है। साथ ही, जीवन में सुख-समृद्धि की कमी नहीं होती है। इसके अलावा, पौष पूर्णिमा पर दान-पुण्य एवं स्नान करने को कल्याणकारी माना जाता है। 

लोहड़ी (13 जनवरी 2025, सोमवार): भारत वर्ष में लोहड़ी का त्योहार बहुत जोश एवं उत्साह से मनाया जाता है और इस पर्व की रौनक पंजाब समेत पूरे देश में देखने को मिलती है। हालांकि, लोहड़ी का पर्व सिखों का सबसे प्रमुख त्योहार है। यह पर्व अपने साथ आनंद और ढ़ेर सारी खुशियां लेकर आता है और इसे मुख्य रूप से मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता है क्योंकि लोहड़ी के बाद से बड़े दिनों की शुरुआत हो जाती है। 

पोंगल (14 जनवरी 2025, मंगलवार):  तमिलनाडु का प्रसिद्ध एवं प्रमुख पर्व है पोंगल जो कि लगातार चार दिनों तक चलता है। तमिलनाडु राज्य में पोंगल से नववर्ष की शुरुआत होती है इसलिए इस त्योहार को बेहद धूमधाम एवं जोश के साथ मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पोंगल के दिन देवराज इंद्र की पूजा का विधान है और उनसे अच्छी फसल एवं अच्छी बारिश के लिए कामना की जाती है।

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उत्तरायण (14 जनवरी 2025, मंगलवार)ज्योतिष एवं सनातन धर्म में सूर्य देव को विशेष दर्जा प्राप्त है और इनकी दिशा परिवर्तन को भी महत्वपूर्ण माना गया है। सूर्य ग्रह एक साल में दो बार अपनी दिशा बदलते हैं यानी कि 6-6 महीने के अंतराल पर और इसे ही उत्तरायण तथा दक्षिणायन कहा जाता है। जब सूर्य देव मकर राशि से मिथुन राशि में गोचर करते हैं, तो इस अवधि को उत्तरायण कहते हैं जो कि देवी-देवताओं के माह माने जाते हैं। 

मकर संक्रांति (14 जनवरी 2025, मंगलवार): नए वर्ष में आने वाला पर्व मकर संक्रांति धार्मिक दृष्टि से विशेष मायने रखता है। इस दिन नवग्रहों के जनक कहे जाने वाले सूर्य धनु राशि से निकलकर अपने पुत्र शनि की राशि मकर में गोचर करते हैं इसलिए इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। यह तिथि स्नान, दान और पुण्य के लिए श्रेष्ठ होती है। मकर संक्रांति पर सूर्यदेव की उपासना शुभ होती है।

संकष्टी चतुर्थी (17 जनवरी 2025 शुक्रवार): संकष्टी चतुर्थी के अर्थ की बात करें, तो इसका अर्थ संकट को हरने वाली चतुर्थी से है। हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी की तिथि प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता भगवान गणेश को समर्पित होती है। यह व्रत गणेश जी की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है इसलिए भक्त संकष्टी चतुर्थी व्रत को पूरे मन से करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि संकष्टी चतुर्थी के व्रत से प्रसन्न होकर गणेश जी अपने भक्तों के कष्टों एवं दुखों को हर लेते हैं। भक्तजन इस दिन सूर्योदय से लेकर चंद्रमा के उदय तक व्रत का पालन करते हैं।

षटतिला एकादशी (25 जनवरी 2025, शनिवार): हम सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म के एक माह में दो एकादशी तिथि आती है। इस प्रकार, जनवरी 2025 के महीने में आने वाली दूसरी एकादशी, षटतिला एकादशी होगी। इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है और इस दिन तिल के उपयोग का विशेष महत्व बताया गया है। बता दें कि षटतिला एकादशी के दिन 6 तरह के तिलों का इस्तेमाल करने का विधान है। इस अवसर पर तिल से स्नान, तिल का उबटन लगाना, तिल का भोजन, तिल से तर्पण, तिलों का दान और तिल से हवन किया जाता है इसलिए ही यह षटतिला एकादशी के नाम से जानी जाती है। 

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मासिक शिवरात्रि (27 जनवरी 2025, सोमवार): संकष्टी चतुर्थी, प्रदोष व्रत की तरह ही मासिक शिवरात्रि का भी व्रत हर महीने किया जाता है जो  भगवान शिव को समर्पित होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि कहते हैं और एक वर्ष में कुल 12 शिवरात्रि आती है। भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन भक्त मासिक शिवरात्रि का व्रत करते हैं। हालांकि, सभी मासिक शिवरात्रि में महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। 

माघ अमावस्या (29 जनवरी 2025, बुधवार): साल भर में आने वाली प्रत्येक अमावस्या तिथि की अपनी महत्ता होती है जो उसे अन्य सभी अमावस्या से अलग बनाती है। इसी प्रकार, पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को माघ अमावस्या कहा जाता है और यह मौनी अमावस्या के नाम से भी प्रसिद्ध है। कहते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन मनुष्य को मौन धारण करना चाहिए। साथ ही, कुंड या पवित्र नदियों जैसे कि गंगा, यमुना आदि में स्नान करना चाहिए। इस दिन स्नान और दान-पुण्य शुभ माना जाता है।

मांगलिक कार्यों का होगा शुभारंभ 

हिंदू धर्म में खरमास एक ऐसी अवधि मानी जाती है जब सभी तरह के शुभ एवं मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। इस दौरान किसी भी शुभ काम को करना वर्जित होता है। बता दें कि सूर्य महाराज जब धनु और मीन राशि में एक माह के लिए मौजूद होते हैं तब खरमास लग जाता है और इसी के साथ मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है। 

पंचांग के अनुसार, खरमास का महीना एक साल में दो बार आता है पहला धनु संक्रांति और दूसरा मीन संक्रांति पर। सामान्य रूप से अंग्रेजी कैलेंडर में मीन संक्रांति  मार्च या अप्रैल में आती है जबकि धनु संक्रांति नवंबर या दिसंबर माह में पड़ती है। इस बार खरमास का आरंभ 15 दिसंबर 2024 की रात 09 बजकर 56 मिनट पर हुआ था, लेकिन अब 14 जनवरी 2025 को मकर राशि में सूर्य के प्रवेश करने के साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा। ऐसे में, एक बार फिर से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। 

जनवरी 2025 के बैंक अवकाशों की सम्पूर्ण सूची

नए वर्ष अर्थात 2025 में पड़ने वाले बैंक अवकाशों की लिस्ट में हम आपको नीचे दे रहे हैं। 

तिथिदिनअवकाशराज्य 
01 जनवरीबुधवारनववर्षअरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड, मणिपुर, मेघालय, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु
02 जनवरीगुरुवारनव वर्ष अवकाशमिजोरम
02 जनवरीगुरुवारमन्नम जयंतीकेरल
06 जनवरीसोमवारगुरु गोविंद सिंह जयंतीहरियाणा और पंजाब
11 जनवरीशनिवारमिशनरी दिवस (मिजोरम)मिजोरम
12 जनवरीरविवारगाान न्‍गाईमणिपुर
12 जनवरीरविवारस्वामी विवेकानंद जयंतीपश्चिम बंगाल
14 जनवरीमंगलवारमकर संक्रांतिगुजरात, कर्नाटक, सिक्किम,तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, उड़ीसा
14 जनवरीमंगलवारपोंगलपुडुचेरी, तमिलनाडु
14 जनवरीमंगलवारहजरत अली जयंतीउत्तर प्रदेश
15 जनवरीबुधवारतिरुवल्लुवर दिवसतमिलनाडु
15 जनवरीबुधवारमाघ बिहुअसम
16 जनवरीगुरुवारकनुमा पंडुगाआंध्र प्रदेश
16 जनवरीगुरुवारउझावर तेरुनालपुडुचेरी, तमिलनाडु
23 जनवरीगुरुवारनेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंतीअसम
25 जनवरीशनिवारराज्‍य दिवसहिमाचल प्रदेश
26 जनवरी रविवारगणतंत्र दिवस  राष्ट्रीय अवकाश
30 जनवरीगुरुवारसोमान लोसारसिक्किम

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जनवरी 2025 में अन्नप्राशन के शुभ मुहूर्त

यहाँ हम आपको वर्ष 2025 के लिए अन्नप्राशन संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं जो कि इस प्रकार हैं:

तिथिमुहूर्त 
1 जनवरी 202507:45-10:2211:50-16:4619:00-23:38
2 जनवरी 202507:45-10:1811:46-16:4218:56-23:34
6 जनवरी 202508:20-12:5514:30-21:01
8 जनवरी 202516:18-18:33
13 जनवरी 202520:33-22:51
15 जनवरी 202507:46-12:20
30 जनवरी 202517:06-22:34
31 जनवरी 202507:41-09:52

जनवरी का ज्योतिषीय एवं धार्मिक महत्व 

एस्ट्रोसेज अपने पिछले लेखों में हमेशा से आपको बताता आया है कि धार्मिक दृष्टि से हर माह का अपना एक विशेष महत्व होता है। साथ ही, प्रत्येक माह की अपनी खूबियां होती हैं जो उन्हें बाकी महीनों से अलग बनाती है। लेकिन, यहाँ हम बात करेंगे धार्मिक दृष्टि से जनवरी के महत्व की, वर्ष की शुरुआत जनवरी से होने के कारण यह महीना अपने आप में ख़ास हो जाता है। हालांकि, इस माह में कई प्रमुख व्रत एवं त्योहारों को मनाया जाता है। साथ ही, जनवरी में मनाए जाने वाले कुछ पर्व मौसम की दिशा भी निर्धारित करते हैं। इस बारे में हम आगे विस्तार से बात करेंगे, परंतु सबसे पहले जान लेते हैं जनवरी 2025 माह का हिंदू धर्म में महत्व। 

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, जनवरी माह की शुरुआत पौष माह के अंतर्गत होगी और इसका अंत माघ महीने के तहत होगा। बता दें कि सनातन धर्म में पौष माह को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है जो कि हिन्दू वर्ष का दसवां महीना होता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, पौष का महीना सामान्य रूप से दिसंबर व जनवरी में आता है। यह महीना मार्गशीर्ष माह के बाद आता है जिसे पूस का महीना भी कहते हैं। इस साल हिंदू वर्ष का दसवां महीना पौष 16 दिसंबर 2024 से 13 जनवरी 2025 तक रहेगा और इसके तुरंत बाद 14 जनवरी से माघ माह शुरू हो जाएगा। 

पौष माह का महत्व

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पौष माह में सूर्य देव की उपासना भग के नाम से की जाती है। इस मास में भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है क्योंकि इस माह के देवता भग को सूर्य देव का स्वरूप माना गया है। इस दौरान सूर्य भगवान के लिए व्रत करने और अर्घ्य देने से भक्त को शुभ फल प्राप्त होते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, पौष मास को छोटा पितृ पक्ष भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस माह में पूर्वजों के निमित्त किये गए पिंडदान और श्राद्ध कर्म से जातक को अपार लाभ की प्राप्ति होती है और पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है। 

माघ मास का महत्व

पौष माह के समाप्त होने के साथ ही माघ मास का आरंभ हो जाएगा जो हिंदू वर्ष का ग्यारहवां माह है। माघ मास को पहले माध नाम से जाना जाता था जो बाद में माघ हो गया। बता दें कि “माध” शब्द का संबंध भगवान कृष्ण के नाम “माधव” से है इसलिए इस माह को बेहद पावन माना जाता है। इस महीने अनेक पर्व मनाए जाते हैं और प्रकृति में भी परिवर्तन देखने को मिलते हैं, तो वहीं संगम पर “कल्पवास” किया जाता है। कहते है कि माघ महीने में सामान्य जल भी गंगाजल के समान पवित्र हो जाता है इसलिए इस दौरान स्नान आदि को महत्वपूर्ण माना जाता है। 

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पौष माह में जरूर करें ये उपाय 

  • पौष माह में पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। इस दौरान अधिकांश मौकों पर पीले वस्त्र धारण करें। ऐसा करने से आपका भाग्य मज़बूत होता है।
  • प्रतिदिन सूर्य देव के मंत्र  ‘ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः’ का जाप करें। 
  • एक तांबे के बर्तन में जल लेकर उसमें रोली, लाल फूल, अक्षत, गुड़ मिलाकर ‘ॐ आदित्याय नमः’ मंत्र  का जाप करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें। अंत में, अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए भगवान सूर्य से प्रार्थना करें। 
  • पौष मास में दान का विशेष महत्व होता है और इस दौरान व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीब एवं जरूरतमंदों को तिल, गुड़ और कंबल आदि का दान करना चाहिए।  

माघ मास के दौरान अपनाएं ये सरल उपाय

  • माघ माह में शनिवार के दिन एक कपड़े में काली उड़द और काले तिल बांधकर गरीब व्यक्ति को दान करें। इस उपाय को करने से शनि देव की कृपा की प्राप्ति होती है और आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं। 
  • माघ माह में रोज़ाना शिवलिंग का काले तिल और जल से अभिषेक करें और “ॐ नम: शिवाय” मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से रोग नष्ट होते हैं।
  • इस माह के दौरान रोज़ तुलसी के पास दीपक जलाएं और पूजा करें। 
  • संभव हो, तो गरीब एवं असहाय लोगों को गर्म कपड़े दान करें। इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और उनके कष्टों का अंत होता हैं।

जनवरी मासिक भविष्यवाणी 2025: 12 राशियों का राशिफल 

मेष राशि 

वर्ष 2024 की तुलना में साल 2025 आपके लिए मिश्रित परिणाम के संकेत दे रहा है। नोडल ग्रह राहु और केतु इस महीने……(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि 

वर्ष 2024 की तुलना में वृषभ राशि के जातकों को साल 2025 में ठीक ठाक परिणाम प्राप्त होंगे। शनि 2025 में आपके दशम भाव……(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि 

वर्ष 2024 की तुलना में वर्ष 2025 आपको अनुकूल परिणाम मिलने के संकेत दे रहा है। शनि नवम भाव में और बृहस्पति 12वें भाव में स्थित…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि 

वर्ष 2024 की तुलना में इस साल 2025 आपको मध्यम परिणाम प्रदान करेगा। शनि की स्थिति के चलते जनवरी 2025 में कर्क राशि के जातकों को अपने…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि 

जनवरी मासिक राशिफल 2025 के अनुसार प्रमुख ग्रहों की स्थिति राहु अष्टम भाव में रहेगी। बृहस्पति आपके दसवें घर में रहेगा, शनि सप्तम भाव…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि 

जनवरी मासिक राशिफल 2025 के अनुसार सप्तम भाव में राहु की स्थिति अनुकूल संकेत नहीं दे रही है। प्रथम भाव में केतु मौजूद…(विस्तार से पढ़ें)

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तुला राशि 

जनवरी 2025 मासिक राशिफल के अनुसार इस महीने के दौरान आपके करियर, धन, रिश्ते आदि के मामले में मिश्रित परिणाम का सामना करना…(विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

जनवरी 2025 में प्रमुख ग्रहों की स्थिति की बात करें तो राहु अनुकूल नहीं है और बृहस्पति सप्तम भाव में स्थित रहेगा। शनि इस महीने के…(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि 

जनवरी 2025 मासिक राशिफल इस बात के संकेत दे रहा है कि प्रमुख ग्रह राहु की स्थिति चतुर्थ भाव में रहेगी, बृहस्पति छठे भाव में…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि 

मासिक राशिफल के अनुसार प्रमुख ग्रहों की स्थिति की बात करें तो राहु तीसरे घर में अनुकूल स्थिति में है, बृहस्पति पंचम भाव में स्थित…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि 

जनवरी 2025 मासिक राशिफल के अनुसार दूसरे भाव में प्रमुख ग्रह राहु की स्थिति अनुकूल नहीं नजर आ रही है, बृहस्पति चतुर्थ भाव में…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि 

इस महीने जनवरी 2025 के दौरान प्रमुख ग्रहों की स्थिति की बात करें तो राहु की स्थिति अनुकूल नहीं है और बृहस्पति तीसरे घर में…(विस्तार से पढ़ें)

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

1. वर्ष 2025 में मकर संक्रांति कब है?

वर्ष 2025 में 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा।

2. खरमास किसे कहते हैं?

जब सूर्य ग्रह धनु और मीन राशि में गोचर करते हैं, तो उस अवधि को खरमास के नाम से जाना जाता है। 

3. जनवरी 2025 में अमावस्या कब है?

साल 2025 में अमावस्या 29 जनवरी 2024 को है जो कि माघ अमावस्या होगी। 

राशिफल 2025: इन 4 राशियों के जीवन में आएगी प्रेम की बहार, खूब बरसेगी धन-दौलत!

साल 2024 के हमसे विदा लेने और नए साल के दस्तक देने में अब कुछ ही समय बाकी है। ऐसे में, अभी से हम सभी के मन में वर्ष 2025 को लेकर उत्सुकता बनी हुई है कि यह साल हमारे लिए कैसा रहेगा, अच्छा रहेगा या मुश्किल? इस तरह के सवाल हमारे दिलों-दिमाग में घूम रहे होंगे, तो आप इन सभी सवालों का जवाब ज्योतिष की सहायता से प्राप्त कर सकते हैं। चलिए आगे बढ़ते हैं और ज्योतिष के माध्यम से जानते हैं कि राशिफल 2025 आपके लिए क्या भविष्यवाणी कर रहा है।

यह भी पढ़ें: राशिफल 2025

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके  

हम सभी जानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में बताने की क्षमता है। इसी क्रम में, राशिफल 2025 आपको आने वाले कल से अवगत करवाएगा ताकि आप सावधानी बरतते हुए अपने भविष्य के लिए योजना का निर्माण कर सकें। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आप राशिफल 2025 के माध्यम से जान सकेंगे कि वर्ष 2025 में कैसा रहेगा सभी 12 राशियों का हाल और किन उपायों को अपनाना आपके लिए फलदायी साबित होगा। तो आइए बिना देर किये आगे बढ़ते हैं और आपको रूबरू करवाते है राशिफल से जुड़ी कुछ रोचक बातों से। 

इस तरह की जाती है राशिफल की गणना

मनुष्य जीवन में राशिफल ने अपना महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है जो किसी व्यक्ति को उसके आने वाले कल से जागरूक करने के साथ-साथ आपके जीवन को एक सही दिशा देने का भी काम करता है। एस्ट्रोसेज का वार्षिक राशिफल 2025 भी इस नियम का पालन करता है। ज्योतिष की मानें तो, इंसान द्वारा अपने जीवन में किया गया कोई भी काम किसी न किसी लक्ष्य को पाने के उद्देश्य से किया जाता है। इन कार्यों की सफलता ग्रहों की स्थिति और चाल पर निर्भर करती है। अगर यह शुभ होती है, तो आपको काफी अच्छी परिणाम मिल सकते हैं जबकि कई बार ग्रहों की दशा आपको निराश कर सकती है।

सरल शब्दों में कहें तो, एक ऐसा व्यक्ति जो खुद का व्यापार करता है और उसके जीवन में सब कुछ एकदम सही चल रहा है, वह अपने काम को पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ कर रहा है, परंतु उसकी कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति अच्छी नहीं है, तो जातक को व्यापार के क्षेत्र में अनुकूल परिणाम मिलने और सफलता पाने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसी प्रकार, अगर किसी जातक के विवाह में देरी हो रही हैं, तो इसके पीछे मंगल और शनि की अशुभ स्थिति हो सकती है।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

राशिफल 2025 के इस विशेष लेख को सभी 12 राशियों के जातकों के लिए तैयार किया गया है ताकि आप अपनी राशि के अनुसार ग्रहों एवं नक्षत्रों की स्थिति पर आधारित राशिफल से अपने भविष्य के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त कर सकें। सिर्फ इतना ही नहीं, राशिफल 2025 की सहायता से आप जान सकते हैं कौन सा ग्रह आपके लिए शुभ और कौन सा अशुभ है? वर्ष के किस समय आपको सावधानी से चलना होगा और कब आप आनंद से जीवन जी सकेंगे। साथ ही, आपको कुछ उपाय भी दिए जा रहे हैं जिनकी मदद से आप ग्रहों की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। अब हम नज़र डालते हैं और आपको रूबरू करवाते हैं राशिफल के महत्व से। 

नए साल में बनने वाले ये 3 बेहद शुभ योग, वर्ष 2025 को बनाएंगे ख़ास    

ज्योतिष में ऐसे अनेक योगों का वर्णन मिलता जो लोगों के जीवन को धन-धान्य और दौलत से भर देते हैं। इस तरह के ही 3 शुभ योग नए साल में बनने जा रहे हैं और यह योग किसी व्यक्ति के जीवन से आर्थिक समस्याओं का अंत करते हुए धन-समृद्धि एवं ऐश्वर्य से पूर्ण जीवन देने में सक्षम होंगे। आइए बिना आपको इंतज़ार करवाए आगे बढ़ते हैं और आपको बताते हैं इन शुभ योगों के बारे में और यह योग किन राशियों के लिए फलदायी रहेंगे? 

मालव्य राजयोग: साल 2025 में बनने वाला सबसे पहला और शुभ योग मालव्य राजयोग होगा  जो 28 जनवरी के दिन बनेगा। ज्योतिष में मालव्य राजयोग को दुर्लभ और शक्तिशाली माना जाता है जो कुंडली में उस समय बनता है जब शुक्र देव अपनी ही राशि (वृषभ या तुला राशि) में केंद्र भाव में विराजमान होते हैं। शुक्र ग्रह का संबंध सुंदरता, विलासिता, कलात्मकता और आकर्षक व्यक्तित्व से है। 

इस प्रकार, मालव्य राजयोग वृषभ राशि, मिथुन राशि, कन्या राशि और मीन राशि के लिए विशेष रूप से फलदायी साबित होगा। इस राशि के जातकों को धन, दौलत, समृद्धि समेत सभी तरह के सुख प्रदान करेगा। बात करें उन हस्तियों की जिनकी कुंडली में मालव्य राजयोग है, तो इस सूची में सानिया मिर्ज़ा और सोनिया गाँधी का नाम सबसे पहले आता है। 

लक्ष्मी नारायण योग: जैसे कि लक्ष्मी नारायण योग के नाम से ही पता चल रहा है कि यह योग आपको लक्ष्मी और नारायण दोनों की कृपा दिलाता है। अब वर्ष 2025 में यह योग 27 फरवरी से लेकर 07 मई 2025 तक मीन राशि में बनेगा। बता दें कि कुंडली में जब बुध और शुक्र दोनों ग्रह केंद्र भावों में युति का निर्माण करते हैं या फिर एक-दूसरे पर दृष्टि डालते हैं, तब लक्ष्मी नारायण योग बनता है। ऐसे में, यह योग मिथुन राशि, कन्या राशि, धनु राशि और  मीन राशि के जातकों के जीवन को धन-संपदा से भर देगा और उन्हें पैसों की कमी नहीं होंगे देगा।

गजलक्ष्मी योग: ज्योतिष में गजकेसरी योग को शुभ माना जाता है जो बृहस्पति देव और शुक्र ग्रह के एक साथ आने पर या फिर एक-दूसरे से केंद्र भाव में होने पर बनता है। वर्ष 2025 में बन रहे शुभ योगों में से एक गजकेसरी राजयोग भी होगा। गुरु ग्रह जब 15 मई 2025 को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, तब यह शुभ योग बनेगा। साथ ही, यह दोनों ग्रह जातकों के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएंगे। गजकेसरी राजयोग के प्रभाव से धन-समृद्धि में वृद्धि होगी और नकारात्मक भावनाओं का अंत होगा। हालांकि, इस राजयोग का लाभ मिथुन, कन्या, कुंभ, सिंह और मेष राशि वालों को विशेष रूप से मिलेगा। 

साल 2025 में शनि और गुरु का रहेगा प्रभाव

हम आपको पिछले लेखों में बताते आये हैं कि ग्रहों की चाल और दशा में होने वाले बदलाव मनुष्य जीवन को प्रभावित करते हैं, विशेष रूप से गोचर। ऐसे में, आने वाले नए साल यानी कि वर्ष 2025 में कुछ बड़े ग्रह अपनी राशि में परिवर्तन करते हुए गोचर करने जा रहे हैं। इनमे साल 2025 का सबसे बड़ा और प्रमुख गोचर शनि ग्रह का होगा। शनि देव 29 मार्च 2025 को गुरु ग्रह की राशि मीन में प्रवेश करेंगे और इस प्रकार, कुछ राशियों पर साढ़े साती की शुरुआत होगी जबकि कुछ राशियों को यह शुभ-अशुभ परिणाम देंगे। 


वहीं, शनि गोचर के बाद साल 2025 का दूसरा बड़ा गोचर गुरु ग्रह का होगा। देवताओं के गुरु कहे जाने वाले बृहस्पति देव मिथुन राशि में 15 मई 2025 को गोचर कर जाएंगे। ऐसे में, शुभ एवं मांगलिक ग्रहों के कारक कुछ जातकों के विवाह योग बनाएंगे और कुछ के रिश्ते की परीक्षा लेने का काम करेंगे। यह दोनों ग्रह ही आपके व्यापार, करियर समेत जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं में बदलाव लेकर आएंगे। राशिफल 2025 के माध्यम से आप जान सकते हैं कि वर्ष 2025 में आपकी राशि पर किस ग्रह का सबसे ज्यादा प्रभाव रहेगा, आइए जानते हैं। 

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राशिफल 2025: सभी 12 राशियों के लिए भविष्यवाणी 

मेष राशि 

मेष राशि वालों, राशिफल 2025 के अनुसार आपको औसत या फिर औसत से बेहतर परिणाम……(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि वालों, राशिफल 2025 आपसे कुछ एक्स्ट्रा मेहनत करवाने के संकेत…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि वालों, साल 2025 तुलनात्मक रूप से बेहतर साल रह…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

कर्क राशि 

कर्क राशि वालों, साल 2025 आपको बड़ी समस्याओं से राहत दिलाने का काम…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

सिंह राशि 

सिंह राशि वालों, साल 2025 कुछ मामलों के लिए अच्छा तो कुछ मामलों…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

कन्या राशि 

कन्या राशि वालों, साल 2025 आपके लिए एवरेज या फिर एवरेज से…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

तुला राशि 

तुला राशि वालों, साल 2025 आपके लिए अधिकांश मामलों में काफी अच्छे…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि वालों, साल 2025 आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। एक ओर…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

धनु राशि 

धनु राशि वालों, साल 2025 कुछ अच्छे तो कुछ कमजोर परिणाम भी दे सकता है। एक ओर…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

मकर राशि 

मकर राशि वालों, साल 2025 आपको पुरानी समस्याओं से छुटकारा दिलाने…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

कुंभ राशि 

कुम्भ राशि वालों, साल 2025 आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। कुछ मामलों…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

मीन राशि 

मीन राशि वालों, साल 2025 आपके लिए मिला जुला रह सकता है। एक…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. कितनी राशियां होती हैं?

राशि चक्र में कुल 12 राशियां बताई गई है।

2. मेष राशि का स्वामी कौन है?

ज्योतिष के अनुसार, पहली राशि मेष के स्वामी मंगल ग्रह हैं। 

3. साल 2025 में किस राशि पर साढ़े साती शुरू होगी?

वर्ष 2025 में शनि गोचर के साथ ही मेष राशि पर शनि साढ़े साती शुरू हो जाएगी।

 

वर्ष 2025 में गुरु के दो गोचर का बनेगा अनूठा संयोग, जानें कैसे मिलेंगे आपको परिणाम!

देवताओं के गुरु कहे जाने वाले बृहस्पति देव मनुष्य जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं? इसका अंदाज़ा हम इस बात से ही लगा सकते हैं कि गुरु के अस्त होने के साथ ही शुभ एवं मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। ऐसे में, जब-जब गुरु ग्रह अपनी राशि, चाल या स्थिति में परिवर्तन करते हैं, तो इसका प्रभाव मनुष्य समेत पूरे विश्व पर नज़र आता है। एक शुभ ग्रह के रूप में बृहस्पति महाराज के गोचर के साथ-साथ इनकी दृष्टि भी विशेष मायने रखती है जो जातक के जीवन को समस्याओं और खुशियों से भरने का सामर्थ्य रखती है। जैसे कि हम जानते हैं कि नए साल अर्थात वर्ष 2025 दस्तक देने वाला है और ऐसे में, इस साल गुरु ग्रह कब और किस समय गोचर करेंगे, यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है। 

यह भी पढ़ें: राशिफल 2025

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके 

एस्ट्रोसेज द्वारा तैयार किये गए “गुरु गोचर 2025” में हम आपको साल 2025 में होने वाले गुरु ग्रह के गोचर के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, कब और किस समय होगा इनका गोचर? किस राशि में बृहस्पति होंगे उदय और कब अपनी वक्री अवस्था से बाहर आएंगे? गुरु ग्रह का गोचर आपको कैसे प्रभावित करेगा? इन सभी सवालों का जवाब पाने के लिए हमारे इस विशेष अंक को पढ़ना जारी रखें।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

कौन है बृहस्पति ग्रह?

गुरु गोचर के बारे में जानने से पहले हम बात करेंगे गुरु ग्रह के महत्व की, वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति महाराज को शुभ, सौम्य एवं मंगलकारी ग्रह माना जाता है। राशि चक्र में इन्हें दो राशियों मीन और धनु राशि पर स्वामित्व प्राप्त है। वहीं, मनुष्य के जीवन में गुरु देव विवाह, संतान, शिक्षा, धन, करियर, धर्म आदि के कारक कहे गए हैं। हालांकि, बृहस्पति देव को तीन दृष्टियां प्राप्त हैं जो कि इस प्रकार हैं: पांचवी, सातवीं और नौवीं दृष्टि। 

कहते हैं जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति मज़बूत स्थिति में, शुभ भाव में या फिर शुभ ग्रहों के साथ होते हैं, तो ऐसे जातक अपने जीवन में खूब मान-सम्मान, वैभव और तरक्की प्राप्त करता है। कुंडली के लग्न/पहले भाव में गुरु की मौजूदगी व्यक्ति को भाग्यशाली और ज्ञानी बनाती है। ज्योतिष में गुरु के महत्व को जानने के बाद अब हम आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं वर्ष 2025 में होने वाले गुरु गोचर पर। 

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2025 में एक नहीं दो बार होगा गुरु का गोचर

गुरु देव प्रत्येक राशि में लगभग 13 महीनों तक रहते हैं और इस प्रकार, वह शनि देव के बाद सबसे मंद गति से चलने वाले दूसरे ग्रह हैं। बृहस्पति देव कर्क राशि में अपनी उच्च अवस्था में होते हैं जबकि मकर राशि में अपनी नीच अवस्था में होते हैं। बात करें इनके गोचर की तो, गुरु ग्रह का पहला गोचर साल 2025 में 15 मई 2025 को मिथुन राशि में होगा। इसके बाद, बृहस्पति महाराज का दूसरा गोचर 19 अक्टूबर 2025 को कर्क राशि में होगा जब वह मिथुन राशि से निकलकर चंद्र देव की राशि में प्रवेश कर जाएंगे। बता दें कि गुरु ग्रह कर्क राशि में उच्च अवस्था में होते हैं। ऐसे में, इनकी उच्च अवस्था जातकों को शुभ परिणाम देने का काम करेगी और कुछ राशियों के जीवन में बहार आने की संभावना है। 

वर्ष 2025 में कब-कब बदलेंगे गुरु अपनी चाल?

गुरु ग्रह 11 नवंबर 2025 को कर्क राशि में रहते हुए वक्री हो जाएंगे और फिर वक्री चाल में चलते हुए 04 दिसंबर 2025 को पुनः मिथुन राशि में गोचर कर जाएंगे। सामान्य शब्दों में कहें तो, साल 2025 के दौरान देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में जाएंगे और फिर मिथुन राशि से कर्क राशि में गोचर कर जाएंगे। इसके बाद, कर्क राशि में से निकलकर वक्री अवस्था में मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे।

इस साल कब-कब डूबेगा तारा? 

शायद ही आप जानते होंगे कि इस वर्ष जब बृहस्पति देव मिथुन राशि में गोचर करेंगे और 09 जून 2025 को अस्त हो जाएंगे, तो गुरु ग्रह की इस अवस्था को तारा डूबना भी कहा जाता है। इस अवधि में शुभ काम वर्जित होते हैं, लेकिन जब गुरु देव  9 जुलाई 2025 को पुनः उदित हो जाएंगे, तब इसे बृहस्पति तारा उदय कहा जाता है। तो आइए अब हम आपको अवगत करवाते हैं गुरु गोचर 2025 आपकी राशि को किस तरह से प्रभावित करेगा। 

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गुरु गोचर 2025: राशि अनुसार राशिफल और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि में गुरु देव भाग्य स्थान यानी नवम भाव और व्यय स्थान यानी द्वादश भाव के……(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए गुरु देव को अष्टम भाव और एकादश भाव का स्वामी माना जाता है और मिथुन…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के लिए गुरु देव सप्तम भाव और दशम भाव के स्वामी ग्रह हैं। मिथुन राशि में गुरु का…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु महाराज छठे भाव और नवम भाव के स्वामी हैं। गुरु गोचर 2025 के…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए गुरु बृहस्पति आपके पंचम भाव और अष्टम भाव के स्वामी हैं। गुरु…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए गुरु बृहस्पति चतुर्थ भाव और सप्तम भाव के स्वामी हैं। मिथुन राशि में गुरु गोचर…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

तुला राशि 

गुरु गोचर 2025 की बात करें तो तुला राशि के जातकों के लिए गुरु आपके लिए तीसरे भाव और…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु बृहस्पति दूसरे और पंचम भाव के स्वामी हैं। गुरु गोचर…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए गुरु महाराज बहुत ही महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह आपकी राशि के स्वामी…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बृहस्पति महाराज तीसरे भाव और द्वादश भाव के…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

कुंभ राशि 

कुम्भ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति महाराज दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। गुरु…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

मीन राशि 

गुरु गोचर 2025 आपके लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि गुरु महाराज आपकी राशि के…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. गुरु ग्रह के मित्र कौन हैं?

ज्योतिष के अनुसार, सूर्य और चंद्रमा को बृहस्पति देव के मित्र माना गया है। 

2. मिथुन राशि में गुरु कब प्रवेश करेंगे?

वर्ष 2025 में 15 मई 2025 को मिथुन राशि में गुरु का गोचर होगा। 

3. तारा डूबना किसे कहते हैं?

जब गुरु ग्रह किसी राशि में अस्त हो जाते हैं, तब इसे तारा डूबना कहते हैं।

  

पौष अमावस्या 2024 के दिन करें इन नियमों का पालन, सूर्यदेव बरसाएंगे कृपा!

सनातन धर्म में अमावस्या की तिथि विशेष महत्व रखती है। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की पंद्रहवीं तिथि को अमावस्या तिथि आती है। इसी क्रम में मार्गशीर्ष अंत के साथ ही पौष का महीना आरंभ हो जाता है और इस माह के कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन पौष अमावस्या पड़ती है। इस माह को ‘छोटा श्राद्ध पक्ष’ भी कहा जाता है। हिंदू शास्त्रों में पौष माह को सूर्य देव और पितरों की पूजा के लिए विशेष माना गया है और इस महीने को अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण माना गया है। यह मास भगवान विष्णु और सूर्य देव को समर्पित है और इस दौरान पितरों की उपासना करने से भी लाभ प्राप्त होता है। यदि आप अपने पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं या उनका तर्पण करना चाहते हैं, तो इसके लिए पौष का महीना बहुत ज्यादा शुभ रहेगा।

तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं पौष अमावस्या 2024 की तिथि, पूजा मुहूर्त, महत्व, प्रचलित पौराणिक कथा और आसान ज्योतिषीय उपाय के बारे में।

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पौष अमावस्या 2024: तिथि और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह के कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन पौष अमावस्या आती है और इस बार यह स्थिति 30 दिसंबर 2024 को पड़ रही है।

अमावस्या आरम्भ: दिसंबर 30, 2024 की सुबह 03 बजकर 58 मिनट 

अमावस्या समाप्त: दिसंबर 31, 2024 की सुबह 03 बजकर 24 मिनट तक।

पौष अमावस्या धार्मिक महत्व

पौष अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह अमावस्या तिथि पौष मास के कृष्ण पक्ष में आती है और इसे पितरों की शांति, सूर्य देव की पूजा, और दान-पुण्य के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए धार्मिक कार्य और पूजा-पाठ से विशेष फल की प्राप्ति होती है। पौष अमावस्या पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म करने का विशेष दिन है। इस दिन अपने पितरों को तर्पण और पिंडदान करने से उनकी आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इस दिन पितरों के लिए गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करके तर्पण करने का विधान है, जिससे उनके कष्ट दूर होते हैं और वे संतुष्ट होते हैं। पौष अमावस्या पर तिल, गुड़, वस्त्र, अन्न, और तांबे का दान करने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए दान से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है।

विशेषकर गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन, वस्त्र, और धन का दान करना शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और भगवान की कृपा प्राप्त होती है। पौष अमावस्या के दिन पवित्र नदियों, तालाबों, या कुंडों में स्नान करना और सूर्य उपासना करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। यह पापों से मुक्ति और आत्मिक शुद्धि का प्रतीक है।

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पौष अमावस्या की पूजा विधि

  • पौष अमावस्या सूर्य देव की आराधना के लिए भी विशेष मानी जाती है। इस दिन सुबह-सुबह स्नान करके तांबे के लोटे में जल भरकर सूर्य देव को अर्घ्य देने से व्यक्ति के जीवन में ऊर्जा, समृद्धि, और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  • इस समय सूर्य देव का ध्यान करते हुए सूर्य मंत्रों का जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
  • पौष अमावस्या पर तिल, गुड़, वस्त्र, अन्न, और तांबे का दान करने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए दान से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • विशेषकर गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन, वस्त्र, और धन का दान करना शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
  • पौष अमावस्या के दिन पवित्र नदियों, तालाबों, या कुंडों में स्नान करना और सूर्य उपासना करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। यह पापों से मुक्ति और आत्मिक शुद्धि का प्रतीक है।
  • स्नान के बाद ध्यान और साधना करके सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त करने से मानसिक और शारीरिक शांति मिलती है।
  • इस अमावस्या पर सूर्य से संबंधित ग्रह दोषों का निवारण करने के लिए विशेष पूजा और उपाय किए जाते हैं। सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने से व्यक्ति को शनि और अन्य ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।
  • पौष अमावस्या पर किए गए धार्मिक कार्यों और व्रत से व्यक्ति के भविष्य में सुख, समृद्धि, और शांति प्राप्त होती है। इस दिन व्रत रखने और उपवास करने से व्यक्ति की इच्छाओं की पूर्ति होती है और उसे आंतरिक बल प्राप्त होता है।

पौष अमावस्या की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक धर्मात्मा और सत्यनिष्ठ राजा राज्य करते थे। वे बहुत ही दयालु और न्याय प्रिय थे और वे अपने राज्य के लोगों की भलाई और सुख-शांति के लिए हमेशा प्रयासरत रहते थे। उनके राज्य में लोग बहुत सुखी और समृद्ध थे, लेकिन राजा के जीवन में एक चिंता थी कि उनके पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिली थी।

राजा ने कई साधुओं, ऋषियों और पंडितों से सलाह ली, लेकिन उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा था कि उनके पितरों को क्यों शांति नहीं मिल रही है। एक दिन, उनके राज्य में एक साधु आया। राजा ने साधु से अपनी समस्या के समाधान के लिए प्रार्थना की। साधु ने राजा को बताया कि आपके पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिल पा रही है क्योंकि वे तर्पण और पिंडदान से वंचित रह गए हैं। उन्होंने कहा कि पौष अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करके पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से ही उनकी आत्मा को मोक्ष प्राप्त होगा।

राजा ने साधु की सलाह मानकर पौष अमावस्या के दिन गंगा नदी के तट पर जाकर स्नान किया और अपने पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया। उन्होंने सूर्य देव को अर्घ्य दिया और उनसे प्रार्थना की कि उनके पितरों की आत्मा को शांति मिले। राजा ने उस दिन गरीबों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान भी किया। उनकी भक्ति और तपस्या से प्रसन्न होकर सूर्य देव और पितरों ने उन्हें आशीर्वाद दिया। पितरों ने कहा कि अब हमारी आत्मा को शांति मिल गई है और हम तुम्हारे पुण्य कार्यों से संतुष्ट हैं।

सूर्य देव ने भी राजा को आशीर्वाद दिया और कहा कि जो भी व्यक्ति पौष अमावस्या के दिन पवित्र स्नान करेगा, पितरों का तर्पण और सूर्य देव की आराधना करेगा, उसे समृद्धि, सुख और शांति प्राप्त होगी। तब से पौष अमावस्या पर पवित्र स्नान, तर्पण, और सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व माना जाने लगा। इस दिन किए गए दान, पिंडदान, और तर्पण से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और व्यक्ति को पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

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पौष अमावस्या में भूलकर न करें ये काम

पौष अमावस्या के दिन कई धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य करने का महत्व है, लेकिन साथ ही कुछ ऐसे कार्य भी हैं जिन्हें इस दिन करने से बचना चाहिए। आइए जानते हैं उन कार्यों के बारे में:

  • इस दिन शांति और पवित्रता बनाए रखना चाहिए। परिवार या दूसरों के साथ झगड़ा, विवाद, या किसी से कटु वचन न बोलें। इससे अमावस्या का पुण्य कम हो सकता है और जीवन में नकारात्मकता बढ़ सकती है।
  • पौष अमावस्या पर पवित्र स्नान करना शुभ माना जाता है। इस दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। यदि पवित्र स्नान संभव न हो, तो घर पर ही स्नान करके शुद्धता बनाए रखें।
  • अमावस्या पर दान-पुण्य का बड़ा महत्व होता है। इसलिए इस दिन तिल, गुड़, अन्न, वस्त्र आदि का दान अवश्य करें। 
  • पौष अमावस्या के दिन शराब पीना, मांसाहार करना या किसी प्रकार के अनैतिक कार्य करना अशुभ होता है।
  • इस दिन सूर्य देव की विशेष पूजा और अर्घ्य का महत्व है। ऐसे में, सूर्यदेव को तांबे के लोटे में जल, चावल, और लाल फूल डालकर अर्घ्य दें। यह कार्य सुबह सूर्योदय के समय करना चाहिए।
  • अमावस्या के दिन मन में नकारात्मक विचार, द्वेष, और ईर्ष्या जैसे भाव न रखें। सकारात्मक और शांतिपूर्ण मन के साथ दिन बिताएं और ध्यान व साधना करें। 
  • पौष अमावस्या के दिन रात में यात्रा करने से बचें। इस समय वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है।
  • अमावस्या पर कोई भी नया या महत्वपूर्ण कार्य, जैसे घर खरीदना, निर्माण कार्य शुरू करना, या विवाह के बारे में चर्चा करना, शुभ नहीं माना जाता। 

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पौष अमावस्या में राशि अनुसार करें ये उपाय 

पौष अमावस्या एक महत्वपूर्ण तिथि है जो हिंदू पंचांग के अनुसार पौष महीने की अमावस्या तिथि को आती है। इस दिन विशेष पूजा, दान और धार्मिक कार्यों का महत्व होता है। राशि अनुसार उपाय इस दिन आपके जीवन को सुखमय बना सकते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में:

मेष राशि

इस दिन हनुमानजी की पूजा करें और उन्हें चोला चढ़ाएं। इसके अलावा, गुड़ और चने का दान करें।

वृषभ राशि

इस दिन माता लक्ष्मी की आराधना करें और उन्हें कमल का फूल अर्पित करें। साथ ही, गरीबों में भोजन और वस्त्र का दान करें।

मिथुन राशि

इस दिन गणेश जी की पूजा करें और दूर्वा चढ़ाएं। साथ ही, किसी मंदिर में किताबों या पेन का दान करें।

कर्क राशि

इस दिन भगवान शिव की पूजा करें और बेलपत्र अर्पित करें। साथ ही, दूध और चावल का दान करें।

सिंह राशि

सूर्य देव को अर्घ्य दें और उनके लिए लाल फूल चढ़ाएं। साथ ही, तांबे के बर्तन का दान करें।

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कन्या राशि

इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और तुलसी दल अर्पित करें। इसके साथ ही, हरी मूंग और हरे वस्त्रों का दान करें।

तुला राशि

माता दुर्गा की पूजा करें और लाल रंग के फूल अर्पित करें और सुहागिन स्त्रियों को सिंदूर और बिंदी का दान करें।

वृश्चिक राशि

इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें और बजरंगबली को बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं। साथ ही, लाल मसूर और गुड़ का दान करें।

धनु राशि

इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और पीले फूल चढ़ाएं और पीले वस्त्र और पीला भोजन का दान करें।

मकर राशि

मकर राशि के जातकों को इस दिन शनिदेव की पूजा करना चाहिए और काले तिल अर्पित करना चाहिए। साथ ही, काले कंबल या जूते का दान भी जरूर करें।

कुंभ राशि

इस राशि के जातकों को शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करना चाहिए और काले तिल व उड़द का दान भी अवश्य करें।

मीन राशि

मीन राशि के जातक भगवान विष्णु की पूजा करें और पीले चावल अर्पित करें। साथ ही, पीले फलों और पीली मिठाई का दान करें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1- पौष अमावस्या कब है?

 हर माह के कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन पौष अमावस्या आती है और इस बार यह स्थिति 30 दिसंबर 2024 को पड़ रही है।

2- पौष अमावस्या का महत्व क्या है?

पौष अमावस्या पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म करने का विशेष दिन है।

3- क्या पौष अमावस्या शुभ है?

इस तिथि को पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए शुभ माना गया है।