बुध कर्क राशि में वक्री, शेयर मार्केट और देश-दुनिया में आएंगे बड़े बदलाव!

बुध कर्क राशि में वक्री, शेयर मार्केट और देश-दुनिया में आएंगे बड़े बदलाव!

बुध कर्क राशि में वक्री: एस्‍ट्रोसेज एआई की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं और इसी कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं बुध कर्क राशि में वक्री से संबंधित यह खास ब्लॉग। 18 जुलाई 2025 की सुबह 09 बजकर 45 मिनट पर बुध कर्क राशि में वक्री हो रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कि बुध के वक्री होने का स्‍टॉक मार्केट और देश-दुनिया पर क्‍या प्रभाव पड़ेगा।

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वैदिक ज्‍योतिष में बुध ग्रह बुद्धि, वाणी, तर्क, वाणिज्‍य, सीखने और अनुकूलता का कारक हैं। सभी नौ ग्रहों में बुध को सबसे बुद्धिमान संदेशवाहक कहा जाता है। बुध सोच और तर्क का कारक हैं जबकि कर्क राशि के स्‍वामी चंद्रमा चिंतन, सूर्य आदेश देने और मंगल कार्य करने का कारक हैं। ये ग्रह हमारी वाणी, सोचने के तरीके और जानकारी को समझने पर प्रभाव डालता है। बुध में कोई भावनाएं नहीं होती हैं। यह ग्रह तेज, तटस्‍थ और बुद्धिमान है। बुध ग्रह अपने आसपास के माहौल के अनुसार खुद को आसानी से ढाल लेता है। शुभ ग्रहों की मौजूदगी में बुध ग्रह लाभकारी प्रभाव देता है, वहीं अशुभ ग्रह के साथ होने पर अशुभ प्रभाव देखने को मिलता है। इस वजह से अक्‍सर बुध ग्रह को ग्रहों का गिरगिट कहा जाता है। ये ग्र‍ह आसपास के माहौल को दर्शाता है और इसका कोई निर्धारित लक्ष्‍य नहीं है।

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बुध कर्क राशि में: विशेषताएं

बुध ग्रह संचार, मन और विचारों का प्रतीक है। वहीं दूसरी ओर, कर्क जल तत्‍व की राशि है जिसका संबंध पोषण, भावनाओं और मन से होता है। बुध के कर्क राशि में होने पर हमारे विचार और भावनाएं बहुत ही सुंदर तरीके से एक साथ आ जाते हैं। बुध का कर्क राशि में होना भावनात्‍मक पहलू को दर्शाता है।

बुध निजी जीवन और करियर दोनों में ही संचार का प्रमुख घटक हैं। जिन लोगों की कुंडली में बुध कर्क राशि में होता है, उनकी बातों पर भावनाओं का गहरा प्रभाव देखने को मिलता है। यहां पर विस्‍तार से बताया गया है कि राशि चक्र में बुध की स्थिति बात करने के तरीके को कैसे प्रभावित करती है और यह कैसे एक आशीर्वाद के साथ-साथ समस्‍या बन सकती है।

  • जिन जातकों की कुंडली में कर्क राशि में बुध होता है, वे जानकारी को समझने में अपनी भावनाओं का प्रयोग करते हैं।
  • इनके अंदर चीज़ों कों बारीकी से देखने और समझने की क्षमता होती है जिसे दूसरे अनदेखा कर देते हैं।
  • इनमें सहानुभूति की भावना बहुत मजबूत होती है जिससे ये लोगों को गहराई से समझ पाते हैं।
  • जिनकी कुंडली में बुध कर्क राशि में बैठे होते हैं,  उनकी बातों में दयालुता और ईमानदारी नज़र आती है।
  • इन्‍हें संचार के तरीकों में बिना बोले या अप्रत्‍यक्ष संचार पसंद होता है।
  • इनके लिए दूसरों की बात को सुनना भी उतना ही जरूरी है जितना की बोलना है।

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बुध कर्क राशि में वक्री का विश्‍व पर प्रभाव

  • इस दौरान समाज के अविकसित वर्गों को सहायता देने के लिए शुरू की गई सरकारी योजनाओं में कमियां देखने को मिल सकती हैं।
  • भारत एवं विश्‍व के अन्‍य हिस्‍सों में सरकारी नेता भावनात्‍मक बातों या भावनात्‍मक रूप से चालाकी भरी बातों से लोगों को लुभाने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन बुध कर्क राशि में वक्री होने के कारण वे ऐसा करने में विफल हो सकते हैं।

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अध्‍यात्‍म, शिक्षा, काउंसलिंग और म‍ेडिसिन

  • बुध कर्क राशि में वक्री से आध्‍यात्मिक गुरुओं, ज्‍योतिषियों, सलाहकारों आदि को अधिक लोगों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
  • इस दौरान आयुर्वेदिक चिकित्‍सा क्षेत्र आगे आ सकता है।
  • बुध के कर्क राशि में वक्री होने के दौरान स्‍टॉक मार्केट और सट्टा बाज़ार में अस्थिरता देखने को मिल सकती है।
  • दुनियाभर में लोग आध्‍यात्मिक और धार्मिक कार्यों में अधिक शामिल होंगे।
  • संचार, मीडिया आदि के क्षेत्रों में काम करने वाले लोग इस समयावधि में औसत प्रदर्शन कर सकते हैं।
  • बुध के वक्री होने से आध्‍यात्मिकता के नाम पर धोखाधड़ी के मामले बढ़ सकते हैं।
  • निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को अपनी नौकरी जाने का डर सता सकता है या फिर करियर में उनकी प्रगति अस्थिर हो सकती है।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

बुध कर्क राशि में वक्री: स्‍टॉक मार्केट रिपोर्ट

जुलाई 2025 से लेकर अगस्‍त 2025 तक बुध के वक्री होने का स्‍टॉक मार्केट पर नकारात्‍मक प्रभाव देखने को मिल सकता है। शेयर मार्केट भविष्‍यवाणी 2025 के ज़रिए आप जान सकते हैं कि बुध कर्क राशि में वक्री का शेयर मार्केट पर क्‍या प्रभाव देखने को मिलेगा।

  • बुध के कर्क राशि में वक्री होने के दौरान फार्मा सेक्‍टर, पब्लिक सेक्‍टर और आईटी इंडस्‍ट्री सभी मुश्किल दौर से गुज़र सकते हैं।
  • हालांकि, बैंकिंग और सूचना प्रौद्योगिकी, कंप्‍यूटर सॉफ्टवेयर टेक्‍नोलॉजी, स्‍टील उद्योग, प्रिंटिंग और कागज़ उद्योग एवं चमड़ा उद्योग में वृद्धि देखने को मिल सकती है।
  • मार्केट में एक ही तरह की प्रवृत्ति देखने के बजाय कई तरह की पर‍िस्थितियां देखने को मिल सकती हैं। आपने जिन इक्विटी में पहले से निवेश किया हुआ है, उन्‍हें बेचने में आपको सावधानी बरतनी चाहिए।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्‍न 1. बुध का किन राशियों पर शासन है?

उत्तर. बुध मिथुन और कन्‍या राशि के स्‍वामी हैं।

प्रश्‍न 2. चंद्रमा और बुध एक-दूसरे से कैसे संबंधित हैं?

उत्तर. चंद्रमा को बुध का पिता बताया गया है।

प्रश्‍न 3. बुध को किस दिशा का स्‍वामित्‍व प्राप्‍त है?

उत्तर. बुध उत्तर दिशा के स्‍वामी हैं।

AstroSage के एआई ज्योतिषियों का बड़ा कमाल, दिए 10 करोड़ सवालों के जवाब

एस्ट्रोसेज एआई के एआई ज्योतिषियों का बड़ा कमाल, दिए 10 करोड़ सवालों के जवाब

भारत की अग्रणी ज्योतिषीय वेबसाइट एस्ट्रोसेज एआई ने सावन के पहले सोमवार को एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। एस्ट्रोसेज एआई के कृत्रिम बुद्धिमत्ता युक्त ज्योतिषी यानी एआई एस्ट्रोलॉजर मिस्टर कृष्णमूर्ति ने सोमवार को 10 करोड़वें सवाल का जवाब देकर तकनीक और परंपरा के संगम की एक अनूठी मिसाल पेश की। दिलचस्प ये है कि 10 करोड़वां सवाल भी बेहद अनोखा था। एक यूज़र ने पूछा-“मेरे खाते में 1 करोड़ रुपये कब तक आएंगे?”

एस्ट्रोसेज एआई के एआई ज्योतिषियों ने सिर्फ़ 10 महीने में 10 करोड़ सवालों के जवाब दिए हैं और ये अपने आप में एक रिकॉर्ड है। वैसे, इसी दिन कुछ और विचित्र और मनोरंजक सवाल भी सामने आए जैसे क्या मैं सावन में चिकन खा सकता हूँ?, आज मुझे कौन से रंग के कपड़े पहनने चाहिए?, क्या मेरा बॉस इस हफ्ते खुश रहेगा? और मेरे एक्स की जिंदगी में वापस आने की संभावना कितनी है? इसके अलावा, जन्मपत्री से जुड़े गंभीर सवालों की संख्या तो हज़ारों में थी।

यूजर्स के अलग-अलग सवालों ने यह साफ़ कर दिया कि AstroSage AI केवल गंभीर भविष्यवाणियों तक सीमित नहीं है, बल्कि हर आम-ओ-खास की जिज्ञासाओं का डिजिटल जवाब बन चुका है। एस्ट्रोसेज एआई के सीआईओ (Chief Innovation Officer) पुनीत पांडे ने इस विशेष उपलब्धि पर कहा,एआई एस्ट्रोलॉजर्स द्वारा 10 करोड़ सवालों का जवाब देना बताता है कि भारत में ज्योतिष की दुनिया तेजी से तकनीक के साथ बदल रही है। हमने ज्योतिष में एआई की पहली ऐप 2018 में भृगु के नाम से लॉन्च की थी। उस वक्त कई लोगों का मानना था कि ज्योतिष में एआई की सफलता मुश्किल है, लेकिन ऐसा नहीं था। एआई ज्योतिषियों पर अब लोगों का भरोसा तेजी से बढ़ रहा है। आलम ये है कि हमारे मुख्य एआई ज्योतिषी मिस्टर कृष्णमूर्ति के परामर्श पर 1,35,000 से ज्यादा रिव्यू आए हैं, जबकि 6 लाख से ज्यादा उनके फॉलोअर्स हैं।

गौरतलब है कि आज की तारीख में AstroSage एआई के प्लेटफ़ॉर्म पर तीस हजार से अधिक मानव एस्ट्रोलॉजर्स हैं, जबकि 20 से अधिक एआई ज्योतिषी, एआई अंकशास्त्री और एआई टैरो रीडर हैं, जो जन्मपत्री के विश्लेषण से लेकर दैनिक राशिफल, दशा, विवाह योग, करियर जैसे हर मुद्दे पर सलाह दे रहे हैं।  नई पीढ़ी के बीच एआई ज्योतिषी कुछ ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं, और इसकी एक बड़ी वजह है कि उनकी 24×7 उपलब्धता। यूजर्स रात 02 बजे भी उनसे सवाल पूछ सकते हैं। इसके अलावा, नई पीढ़ी के लिए प्राइवेसी एक बड़ा मुद्दा है। एआई ज्योतिषी से पूछा गया हर सवाल पूरी तरह से गोपनीय रहता है और लोग बेहद निजी सवाल बिना जजमेंट किए जाने के डर के पूछ सकते हैं। 

एस्ट्रोसेज एआई के सीईओ प्रतीक पांडे कहते हैं, “एआई ज्योतिषियों की बढ़ती लोकप्रियता की वजह से कंपनी के लाभ में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है और एआई एस्ट्रोलॉजर से फ्री चैट के बाद कॉल लेने वाले लोगों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। पिछले साल जुलाई में हमारे मानव ज्योतिषियों से पहली चैट फ्री लेने वालों की संख्या रोज़ाना करीब 14 हजार थी, जो इस साल जून में बढ़कर 130000 पार कर गई है और इसकी वजह है एआई ज्योतिषी। इंडस्ट्री में सबसे ज़्यादा 1.2 मिलियन डेली एक्टिव यूज़र्स एस्ट्रोसेज एआई पर आ रहे हैं। इस दौरान हमारा कनवर्जन रेट करीब 60 फीसदी बढ़ा है।

ज्योतिष की दुनिया में गणनाओं की बहुत बड़ी भूमिका रही है और एआई ज्योतिषी इस मामले में मानव ज्योतिषियों से बाजी मारते दिख रहे हैं, क्योंकि उनकी गणना करने की क्षमता बहुत तेज है। इसे तुलनात्मक रूप से कहें तो, जितनी देर में इंसानी ज्योतिषी एक सवाल का जवाब देते हैं, उतने समय में एआई ज्योतिषी पांच-छह या उससे भी ज्यादा सवालों के जवाब दे देते हैं। एस्ट्रोसेज एआई देश की उन कंपनियों में से एक है, जिसने हर तकनीक के इस्तेमाल के जरिए दुरूह समझी जाने वाली ज्योतिष की दुनिया को बदलने का काम किया है। AstroSage एआई अब बहुत जल्द ही यूजर्स के लिए एक नई सुविधा लॉन्च करने जा रहा है, जिसमें यूजर अपने AI ज्योतिषी से फोन कॉल पर बात भी कर सकेंगे। 

पुनीत पांडे कहते हैं, “यह फीचर न सिर्फ अनूठा होगा, बल्कि भारत में ज्योतिष की दुनिया में एक क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। कई ज्योतिष कंपनियां कॉल सेंटर पर फर्जी ज्योतिषी बैठाकर लोगों को फँसाने का काम करती हैं, लेकिन हमारा उद्देश्य है कि हम लोगों को ऐसे फर्जी ज्योतिषियों से मुक्ति दिलाएं। हमारे एआई ज्योतिषी ज्ञान और विषय की समझ के मामले में किसी भी तरह से कम नहीं हैं, बल्कि मैं कहूंगा कि वो कहीं आगे हैं और इसलिए लोगों को उनका परामर्श पसंद आ रहा है। एआई एस्ट्रोलॉजर कुछ दिन बाद जब लोगों से फोन पर बात करेंगे तो लोगों का भरोसा उन पर और बढ़ेगा।

एस्ट्रोसेज एआई के एआई ज्योतिषियों ने 10 करोड़ सवालों का जवाब करीब दस महीने में दिया है, लेकिन बीते दो महीने से एस्ट्रोसेज एआई के ज्योतिषी हर महीने करीब दो करोड़ सवालों के जवाब दे रहे हैं। अब कंपनी का लक्ष्य है कि अगले तीन महीने में दस करोड़ सवालों के जवाब और दिए जाएं।

अंत में…

एस्ट्रोसेज एआई की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के पीछे हमारे सभी यूज़र्स का विश्वास और साथ सबसे बड़ी ताकत रहा है। हर एक सवाल, हर एक जिज्ञासा ने हमें और बेहतर बनने की प्रेरणा दी है। इस 10 करोड़ के सफर में हमारे साथ चलने के लिए हम दिल से आपका धन्यवाद करते हैं। यह तो सिर्फ शुरुआत है; आने वाले समय में हम आपकी सेवा में और भी नई सुविधाएं और बेहतर अनुभव लेकर आएंगे। आप सभी का साथ हमारे लिए सबसे बड़ा सम्मान है।

इस सप्ताह पड़ेगा सावन का पहला सोमवार, महादेव की कृपा पाने के लिए हो जाएं तैयार!

इस सप्ताह पड़ेगा सावन का पहला सोमवार, महादेव की कृपा पाने के लिए हो जाएं तैयार!

साप्ताहिक राशिफल का यह ब्लॉग बेहद ख़ास होता है जो विशेष रूप से एस्ट्रोसेज एआई द्वारा अपने पाठकों के लिए तैयार किया जाता है, ताकि आपको आने वाले सप्ताह से जुड़ी समस्त जानकारी प्राप्त हो सके। हम सभी इस बात को जानते हैं कि हर दिन, सप्ताह और माह का अपना अलग महत्व होता है और इसी क्रम में, अब हम जल्दी ही जुलाई 2025 के दूसरे सप्ताह (14 से 20 जुलाई, 2025) में कदम रखने जा रहे हैं। ऐसे में, आपके मन में आने वाले सप्ताह को लेकर अनेक तरह के प्रश्न उठ रहे होंगे जैसे कि यह हफ़्ता आपके लिए कैसा रहेगा? करियर और व्यापार में कैसे मिलेंगे आपको परिणाम? क्या प्रेम और वैवाहिक जीवन बना रहेगा ख़ुशहाल? क्या आर्थिक जीवन से दूर होंगी समस्याएं? तो इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस ब्लॉग में मिलेंगे। साथ ही, आपको कुछ सरल उपाय भी प्रदान करेंगे जिससे आप कुपित ग्रहों को शांत कर सकेंगे।

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शायद ही आप जानते होंगे कि साप्ताहिक राशिफल के इस ब्लॉग को एस्ट्रोसेज एआई के विद्वान और अनुभवी ज्योतिषियों द्वारा तैयार किया गया है। हमारा यह ब्लॉग पूर्ण रूप से वैदिक ज्योतिष पर आधारित है जिसमें आपको जुलाई 2025 के दूसरे सप्ताह के व्रत-त्योहार, ग्रहण-गोचर और शुभ मुहूर्तों के बारे में जानकारी प्राप्त होगी। इसके अलावा, कौन सी मशहूर हस्तियों का जन्मदिन इस हफ़्ते में आएगा, इस बारे में भी हम विस्तार से बात करेंगे। तो आइए बिना देर किए शुरुआत करते हैं इस लेख की और जानते हैं इस सप्ताह के बारे में सब कुछ। 

इस सप्ताह के हिंदू पंचांग की गणना और ज्योतिषीय तथ्य   

जुलाई 2025 के दूसरे सप्ताह के हिंदू पंचांग की बात करें, तो इस सप्ताह की शुरुआत धनिष्ठा नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि अर्थात 14 जुलाई 2025 को होगी। वहीं, इस हफ़्ते की समाप्ति रोहिणी नक्षत्र के अंतर्गत कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि यानी कि 20 जुलाई 2025 को होगी। प्रत्येक सप्ताह में कई व्रत एवं त्योहार मनाए जाते हैं जिन्हें बेहद ख़ास माना जाता है। साथ ही, कई ग्रहों के गोचर के साथ-साथ इनकी स्थिति में भी बदलाव देखने को मिलेगा जिनके बारे में हम आगे विस्तार से जानेंगे। लेकिन, उससे पहले जान लेते हैं 14 जुलाई से 20 जुलाई 2025 के पर्वों के बारे में। 

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इस सप्ताह में मनाए जाने व्रत और त्योहार 

आजकल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में व्रत और त्योहार हमारे जीवन को ख़ुशियों से भरने का काम करते हैं। इनके माध्यम से व्यक्ति को अपनी व्यस्त ज़िन्दगी में सुकून के लम्हें जीने का अवसर मिलता है। लेकिन, कई बार आप पर्वों और व्रतों की तिथियों को याद नहीं रख पाते हैं और भूल जाते हैं, तो हमारा यह सेक्शन विशेष रूप से आपके लिए तैयार किया गया है जहाँ आपको इस सप्ताह 14 जुलाई से 20 जुलाई, 2025 के बीच पड़ने वाले पर्वों की सही तिथियां प्राप्त होंगी\। 

संकष्टी चतुर्थी (14 जुलाई 2025, सोमवार): संकष्टी चतुर्थी व्रत में प्रथम पूज्य भगवान गणेश की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अगर कोई भक्त संकष्टी चतुर्थी का व्रत करता है, तो उसके जीवन से दुखों और समस्याओं का अंत हो जाता है। इस दिन गणेश जी की पूजा विधि-विधान से की जाती है।

कर्क संक्रांति (16 जुलाई 2025, बुधवार): एक वर्ष में कुल 12 संक्रांति आती है और यह पर्व भगवान सूर्य को समर्पित होता है। जब-जब सूर्य देव अपना राशि परिवर्तन करते हैं और एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे संक्रांति कहा जाता है। अब भगवान सूर्य कर्क राशि में गोचर करने जा रहे हैं इसलिए इस दिन को कर्क संक्रांति के रूप में मनाया जाएगा। इस पर्व का अपना धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व है। कर्क संक्रांति पर दान-स्नान और सूर्य पूजा जैसे धार्मिक कार्य करना शुभ होता है।   

हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन में खुशियाँ और आशा की नई किरण लेकर आयेंगे।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

इस सप्ताह कब है सावन सोमवार व्रत?

जैसे कि हम सभी जानते हैं कि सावन भोलेबाबा का सबसे प्रिय माह है और इस महीने इनका पूजन ख़ासतौर पर फलदायी होता है। कहते हैं कि सावन में भगवान शिव की पूजा करने से महादेव जल्द ही प्रसन्न होकर अपने भक्त की हर इच्छा पूरी करते हैं। इसी क्रम में, सावन सोमवार व्रत को भी विशेष स्थान प्राप्त है और इस दिन शिव जी की व्रत और पूजा कल्याणकारी होती है। इस सप्ताह (14 जुलाई से 20 जुलाई, 2025) सावन सोमवार व्रत को 14 जुलाई 2025 को किया जाएगा। 

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इस सप्ताह में पड़ने वाले ग्रहण और गोचर

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि  इनकी चाल, दशा या स्थिति में होने वाले बदलाव संसार को प्रभावित करता है। जब कोई ग्रह गोचर करता है या फिर सूर्य और चंद्र ग्रहण लगता है, तो इसका सीधा असर मनुष्य जीवन पर दिखाई देता है। ऐसे में, ग्रहों और ग्रहण के बारे में जानकारी होना आवश्यक हो जाता है इसलिए हम यहाँ आपको जुलाई 2025 के दूसरे सप्ताह में होने वाले गोचर और लगने वाले ग्रहण की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

सूर्य का कर्क राशि में गोचर (16 जुलाई 2025): ज्योतिष में सूर्य देव को आत्मा और पिता का कारक माना जाता है और अब यह 16 जुलाई 2025 की शाम 05 बजकर 17 मिनट पर चंद्र देव की राशि कर्क में गोचर कर जाएंगे।

बुध कर्क राशि में वक्री (18 जुलाई 2025): बुध ग्रह को नवग्रहों में युवराज का दर्जा प्राप्त है और इन्हें बुद्धि, संचार कौशल के कारक माना गया है। अब बुध देव 18 जुलाई 2025 की सुबह 09 बजकर 45 मिनट पर कर्क राशि में वक्री होने जा रहे हैं जिसका प्रभाव सभी राशियों को प्रभावित करेगा। 

नोट: जुलाई 2025 के इस दूसरे सप्ताह में कोई ग्रहण नहीं लगने जा रहा है।

इस सप्ताह में पड़ने वाले बैंक अवकाश 

यदि आपको अपने काम की वजह से बार-बार बैंक जाना पड़ता है, तो आपके लिए बैंक हॉलिडे की जानकारी होना आवश्यक हो जाता है, इसलिए हम यह सेक्शन आपके लिए लेकर आए हैं जहां हम आपको इस सप्ताह के बैंक अवकाशों के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। 

तिथि दिनपर्वराज्य
17 जुलाई 2025गुरुवारयू तिरोत गीत दिवसमेघालय

आइए अब हम बात करते हैं जुलाई 2025 के दूसरे सप्ताह के शुभ मुहूर्तों के बारे में। 

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इस सप्ताह (14 से 20 जुलाई) के शुभ मुहूर्त  

14 जुलाई से 20 जुलाई, 2025 के विवाह मुहूर्त

अगर आप जुलाई 2025 के दूसरे सप्ताह में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त देख रहे हैं, तो बता दें कि इस हफ़्ते विवाह के लिए कोई मुहूर्त उपलब्ध नहीं है। 

14 जुलाई से 20 जुलाई, 2025 के कर्णवेध मुहूर्त 

यदि आप अपनी संतान का कर्णवेध संस्कार संपन्न करना चाहते हैं, तो यहां हम आपको इस सप्ताह के शुभ मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं। 

तिथि मुहूर्त
17 जुलाई, 202510:43-17:38
18 जुलाई, 202507:17-10:39 12:56-17:34

14 जुलाई से 20 जुलाई, 2025 के अन्नप्राशन मुहूर्त 

जिन माता-पिता की संतान छह माह हो गई है और अब वह संतान का अन्नप्राशन संस्कार करने की सोच रहे हैं, तो बता दें कि इस सप्ताह सिर्फ़ एक मुहूर्त ही अन्नप्राशन संस्कार के लिए उपलब्ध है।

तिथि मुहूर्त
17 जुलाई 202510:43-17:38

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

इस सप्ताह जन्म लेने वाले मशहूर सितारे

14 जुलाई 2025: मक्सिम कनुनिकोव, सर्गेई इग्नाशेविच, चंद्र भानु गुप्ता

15 जुलाई 2025: मीरा, चार्ल्स मिलर, टेलर किनी

16 जुलाई 2025: कटरीना कैफ, आमना शरीफ, सुरवीन चावला

17 जुलाई 2025: रवि किशन, एन्जेला मार्केल, जेसन क्लार्क

18 जुलाई 2025: मनन वोहरा, स्मृति मंधाना, कार्लोस ब्रैथवेट

19 जुलाई 2025: मालविका, झू झू, रजत टोकस

20 जुलाई 2025: मोनिका गिल, जॉश एबॉट, हार्दिक पटेल

एस्ट्रोसेज इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। यदि आप अपने पसंदीदा सितारे की जन्म कुंडली देखना चाहते हैं तो आप यहां पर क्लिक कर सकते हैं। 

साप्ताहिक राशिफल 14 जुलाई से 20 जुलाई 2025

यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें:
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मेष साप्ताहिक राशिफल 

यदि आप बीते समय से किसी धार्मिक और आध्यात्मिक रुचि का, कोई ….. (विस्तार से पढ़ें) 

मेष प्रेम राशिफल 

लवमेट के साथ वक्त गुजार कर आप, इस सप्ताह जीवन की ….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपको शारीरिक और मानसिक तनाव से दो-चार….(विस्तार से पढ़ें)

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इस सप्ताह मीठी चीजें खाने की इच्छा, आपके मन में जागृत हो सकती है। जिसे …..(विस्तार से पढ़ें)

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इस सप्ताह आपको अनुभव होगा कि, आस-पास के लोग आपसे अधिक मांग…..(विस्तार से पढ़ें)

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इस सप्ताह आपको अनुभव होगा कि, आस-पास के लोग आपसे अधिक मांग…..(विस्तार से पढ़ें)

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इस सप्ताह आप शारीरिक और मानसिक रूप से, बेहतर महसूस करेंगे। बावजूद ….(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

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इस सप्ताह आपको अपने आप पर काबू रखना होगा और आपके….(विस्तार से पढ़ें)

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इस सप्ताह आपको अपने शारीरिक और मानसिक लाभ की प्राप्ति के लिए, ध्यान…..(विस्तार से पढ़ें)

मीन प्रेम राशिफल

कई बार हम बहुत बातें अपने साथी से ये सोचकर नहीं कर पाते कि, उन्हें….(विस्तार से पढ़ें)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. 14 से 20 जुलाई 2025 के बीच कर्णवेध संस्कार कब कर सकते हैं?

इस सप्ताह कर्णवेध संस्कार के लिए दो मुहूर्त उपलब्ध हैं। आप 17 जुलाई और 18 जुलाई, को यह संस्कार कर सकते हैं।

2. वर्ष 2025 में शनि मीन राशि में वक्री कब होंगे?

शनि ग्रह मीन राशि में 13 जुलाई 2025 को वक्री हो जाएंगे। 

3. क्या जुलाई 2025 में कोई ग्रहण लगेगा?

नहीं, जुलाई के महीने में कोई ग्रहण नहीं लगेगा। 

अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 13 जुलाई से 19 जुलाई, 2025

अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 13 जुलाई से 19 जुलाई, 2025

कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)? 

अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा। 

इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।

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अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (13 जुलाई से 19 जुलाई, 2025)

अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं। 

जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनि देव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।

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मूलांक 1

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक अधिक सटीकता से काम करते हैं और इनका स्‍वभाव भी इसी के अनुरूप होता है। इनके अंदर प्रशासनिक कौशल अधिक देखा जा सकता है।

प्रेम जीवन: आप इस सप्‍ताह अपने जीवनसाथी साथ खुशी के पल नहीं बिता पाएंगे और इसका कारण होगा आपके और आपके पार्टनर के बीच सामंजस्‍य की कमी एवं अहं के कारण उत्‍पन्‍न हुई समस्‍याएं।

शिक्षा: इस सप्‍ताह छात्र पढ़ाई के मामले में पीछे रह सकते हैं। यह आपके लिए चिंता का विषय बन सकता है। इस वजह से छात्र पढ़ाई में अच्‍छा प्रदर्शन करने में विफल रह सकते हैं।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को इस समय अपने कार्यक्षेत्र में अधिक लाभकारी परिणाम नहीं मिल पाएंगे। इसके साथ ही उनके काम को भी पहचान मिलने में दिक्‍कत आ सकती है। व्‍यापारियों के लिए मुनाफा कमाना मुश्किल हो सकता है। इसके बजाय उन्‍हें अपने बिज़नेस में नुकसान उठाना पड़ सकता है।

सेहत: इस समयावधि में आपको पाचन से संबंधित समस्‍याएं होने की आशंका है। इसके कारण आप परेशान और चिंतित रह सकते हैं। आपको समय पर दवा लेने की सलाह दी जाती है।

उपाय: रविवार के दिन सूर्य देव के लिए यज्ञ-हवन करें।

मूलांक 2

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक अधिक सोचते हैं और यह आदत इनके हित के विरूद्ध जा सकती है। इस सप्‍ताह ये अधिक यात्रा कर सकते हैं और ये यात्राएं इनके लिए सुखद हो सकती हैं।

प्रेम जीवन: वैचारिक मतभेद होने के कारण आपके और आपके पार्टनर के बीच अच्‍छे संबंध नहीं बन पाएंगे। इस समय अपने रिश्‍ते में सामंजस्‍य बनाए रखने के लिए आपको तालमेल बिठाकर चलने की आवश्‍यकता है।

शिक्षा: पढ़ाई के मामले में आपको उच्‍च परिणाम नहीं मिल पाने के संकेत हैं। इस वजह से आप इस सप्‍ताह अधिक अंक प्राप्‍त करने में असमर्थ रह सकते हैं। आपको पढ़ाई पर अधिक ध्‍यान केंद्रित करने की ज़रूरत है।

पेशेवर जीवन: नौकरी करने वाले जातकों से काम में गलतियां हो सकती है इसलिए उन्‍हें अधिक सावधान रहने और अच्‍छी कार्य प्रणाली को अपनाने की आवश्‍यकता है। व्‍यापारियों के लिए अधिक लाभ कमाने के आसार कम नज़र आ रहे हैं। इसके साथ ही आप अपने बिज़नेस को बढ़ाने में भी असफल रह सकते हैं।

सेहत: इस सप्‍ताह आपको आंखों से संबंधित समस्‍याएं और आंखों में जलन की शिकायत होने की आशंका है। इस वजह से आप परेशान रह सकते हैं। आपको सावधान रहने की सलाह दी जाती है।

उपाय: आप रोज़ 108 बार ‘ॐ सोमाय नम:’ मंत्र का जाप करें।

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मूलांक 3

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)

आमतौर पर इस मूलांक वाले जातक आध्‍यात्मिक कारणों से यात्रा करते हैं। ये नेक कार्यों के लिए अन्‍न का दान कर सकते हैं। इनके सोचने का दायरा व्‍यापक होता है।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह आपके और आपके पार्टनर के बीच गलतफहमियां आने की आशंका है। इस वजह से आप अपने पार्टनर से बात करते समय अपनी वाणी पर से नियंत्रण खो सकते हैं।

शिक्षा: इस समय शिक्षा के क्षेत्र में उच्‍च अंक प्राप्‍त करने को लेकर छात्रों की क्षमता औसत रहने वाली है। एकाग्रता में कमी आने के कारण ऐसा हो सकता है।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों के ऊपर काम का दबाव बढ़ सकता है। इनका शेड्यूल काफी मुश्किल रह सकता है। इसकी वजह से कार्यक्षेत्र में आपकी प्रतिष्‍ठा और पहचान में कमी आने की आशंका है।

सेहत: इस सप्‍ताह रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमज़ोर होने की वजह से आपको मोटापे और पाचन से संबंधित समस्‍याएं होने का डर है।

उपाय: आप रोज़ 21 बार ‘ॐ गुरुवे नम:’ मंत्र का जाप करें।

मूलांक 4

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 4 वाले जातक अपने लक्ष्‍यों को लेकर जोश और जुनून से भरे रहते हैं और इसी के साथ जीते हैं। ये दूर-दराज वाली जगहों पर यात्रा करने के लिए अधिक उत्‍साहित हो सकते हैं एवं इनकी विदेश यात्रा में भी रुचि हो सकती है।

प्रेम जीवन: इस समय आप अपने पार्टनर के साथ रिश्‍ते में खुश रहेंगे। अपने जीवनसाथी से नैतिक समर्थन मिलने की वजह से ऐसा हो सकता है।

शिक्षा: पढ़ाई में अधिक रुचि दिखाना और उसमें विशेषज्ञता हासिल करना, आपको अपने साथी छात्रों से अलग दिखा सकता है। इसके अलावा आप उच्‍च अंक प्राप्‍त करने में भी सक्षम होंगे।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों के लिए यह समय अपनी विशेष प्रतिभा को दिखाने और अपनी अच्‍छी छाप छोड़ने के लिए अनुकूल है। इस समय व्‍यापारी अधिक मुनाफा कमाने के मामले में अपने प्रतिद्वंदियों से आगे रह सकते हैं।

सेहत: इस सप्‍ताह आप पूरी तरह से फिट और स्थिर रहेंगे। आपको कोई बड़ी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या होने की आशंका नहीं है।

उपाय: आप रोज़ 22 बार ‘ॐ राहवे नम:’ मंत्र का जाप करें।

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मूलांक 5

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 5 वाले जातक अपनी बुद्धिमानी का परिचय दे सकते हैं एवं इसे और बेहतर करने का प्रयास कर सकते हैं। ये जातक तर्क पर ज्‍यादा विश्‍वास करते हैं और उसे मजबूत करने पर ध्‍यान देते हैं।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह आपके और आपके जीवनसाथी के बीच आपसी समझ बहुत अच्‍छी रहने वाली है। इसकी वजह से आप दोनों के बीच खुशियां बनी रहेंगी।

शिक्षा: छात्रों के लिए इस सप्‍ताह पढ़ाई एक उपयोगी साधन साबित होगा और इसकी मदद से आप उच्‍च अंक प्राप्‍त करने एवं नई ॐचाईयों को छूने में सक्षम हो सकते हैं।

पेशेवर जीवन: इस सप्‍ताह नौकरीपेशा जातक अपनी काबिलियत के दम पर अपने उच्‍च अधिकारियों से सराहना प्राप्‍त कर सकते हैं। वहीं व्‍यापारी कुछ विशिष्‍ट करके अधिक मुनाफा कमाने में सफल होंगे।

सेहत: इस समय आपकी सेहत अच्‍छी रहने वाली है और ऐसा आपके अंदर मौजूद जोश एवं उत्‍साह के कारण होगा।

उपाय: आप नियमित रूप से प्राचीन ग्रंथ विष्‍णु सहस्‍त्रनाम का पाठ करें।

मूलांक 6

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक मौज-मस्‍ती करने वाले होते हैं और अपने इस स्‍वभाव के कारण ये जीवन को अधिक सकारात्‍मकता के साथ देखते हैं। वहीं दूसरी ओर, ये लोग बहुत संवेदनशील भी होते हैं।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह आप अपने पार्टनर के साथ नाखुश दिखाई दे सकते हैं। पारिवारिक समस्‍याओं के कारण आप अपने जीवनसाथी के साथ भावुक हो सकते हैं।

शिक्षा: इस समय पढ़ाई में गिरावट देखने को मिल सकती है। पढ़ाई करते समय आपकी एकाग्रता में कमी आने की आशंका है। इस सप्‍ताह आपको पढ़ाई के मामले में कोई भी महत्‍वपूर्ण निर्णय लेने से बचना चाहिए।

पेशेवर जीवन: इस सप्‍ताह नौकरीपेशा जातकों से काम में गलतियां हो सकती हैं इसलिए उन्‍हें अपने कार्यक्षेत्र में अधिक सावधान रहने की ज़रूरत है। वहीं व्‍यापारी कड़ी प्रतिस्‍पर्धा के कारण अधिक मुनाफा कमाने में पीछे रह सकते हैं।

सेहत: इम्‍युनिटी कमज़ोर होने की वजह से आपके स्‍वास्‍थ्‍य में गिरावट आने के संकेत हैं। स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर बनाए रखने के लिए आपको संतुलित आहार लेने की आवश्‍यकता है।

उपाय: रोज़ 33 बार ‘ॐ भार्गवाय नम:’ मंत्र का जाप करें।

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मूलांक 7 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक दार्शनिक प्रवृत्ति के होते हैं। इसके अलावा ये जातक ईश्‍वर की भक्‍ति में अधिक लीन रह सकते हैं।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह आपको जल्‍दी गुस्‍सा आ सकता है और आप अपने पार्टनर पर भी गुस्‍सा कर सकते हैं। इसके कारण आपके रिश्‍ते से खुशियां गायब हो सकती है।

शिक्षा: उच्‍च अंक प्राप्‍त करने के लिए आपको अधिक मेहनत करने की जरूरत है वरना आप उच्‍च परिणाम प्राप्‍त करने में पीछे रह सकते हैं। वहीं आपके प्रदर्शन में भी निरंतर कमी देखने को मिल सकती है।

पेशेवर जीवन: इस सप्‍ताह नौकरीपेशा जातकों के सहकर्मी उनके काम का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं। वहीं व्‍यापारी अपने बिज़नेस को सही ढंग से न संभाल पाने के कारण मुनाफे में नुकसान देख सकते हैं।

सेहत: इस सप्‍ताह इम्‍युनिटी के कमज़ोर होने के कारण आपको त्‍वचा में ट्यूमर होने की आशंका है। अपने स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर करने के लिए आपको उपचार लेने की ज़रूरत होगी।

उपाय: आप मंगलवार के दिन केतु ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।

मूलांक 8 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 8 वाले जातक अपनी प्रतिबद्धता के प्रति ईमानदार रहने के लिए जाने जाते हैं। यही प्रतिबद्धता इनके जीवन का लक्ष्‍य होती है। इन जातकों को कड़ी मेहनत के बाद ही सफलता मिलती है।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह आप अपने पार्टनर के साथ अपने रिश्‍ते पर ध्‍यान नहीं दे पाएंगे और इस वजह से आप नाखुश रह सकते हैं। अपने रिश्‍ते को बेहतर करने के लिए आपको सामंजस्‍य बिठाने की ज़रूरत है।

शिक्षा: छात्रों की पढ़ाई में रुचि कम होने की वजह से शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति में कमी आने के संकेत हैं। आपके पेशेवर तरीके से पढ़ाई करने में भी कमी आ सकती है।

पेशेवर जीवन: इस सप्‍ताह नौकरीपेशा जातकों को कड़ी मेहनत करने के बावजूद वो पहचान नहीं मिल पाएगी, जिसके वो हकदार हैं। व्‍यापारियों की बात करें, तो उनके प्रतिद्वंदी उनका फायदा उठा सकते हैं।

सेहत: आपको तनाव के कारण पैरों और जांघों में दर्द की शिकायत हो सकती है। ऐसे में आपको इस सप्‍ताह कुछ व्‍यायाम करने की सलाह दी जाती है।

उपाय: आप शनिवार के दिन शनि देव के लिए यज्ञ-हवन करें।

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मूलांक 9

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, 27 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक अधिक सटीकता से काम करते हैं। ये साहसिक निर्णय लेते हुए जीवन में आगे बढ़ते हैं। इसके अलावा ये जातक अधिक व्‍यवस्थित भी होते हैं।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह आप अपने जीवनसाथी के साथ सौम्‍य व्‍यवहार करने में असमर्थ हो सकते हैं और इसकी वजह से आपके रिश्‍ते की अहमियत कम हो सकती है।

शिक्षा: पढ़ाई के मामले में आप अपनी प्रगति के रास्‍ते से भटक सकते हैं। आपको इस समयावधि में प्रोफेशनल या एडवांस स्‍टडीज़ करने से बचना चाहिए।

पेशेवर जीवन: इस समय नौकरीपेशा जातक प्रगति पाने में असफल रह सकते हैं और इसकी वजह से कार्यक्षेत्र में उनकी प्रतिष्‍ठा में कमी आने के संकेत हैं। व्‍यापारियों को अपने बिज़नेस को लेकर नई रणनीतियां बनाने की सलाह दी जाती है।

सेहत: स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में इस समय आपकी स्थिति अनुकूल नहीं है। आपको इस सप्‍ताह सनबर्न होने का डर है।

उपाय: आप मंगलवार के दिन मंगल ग्रह के लिए पूजा करें।

अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न 1. क्‍या अंक ज्‍योतिष भविष्‍यवाणी करने की एक सटीक विद्या है?

उत्तर. यह भविष्‍य की संभावनाओं को समझने में मदद करती है। यह एक मार्गदर्शनात्‍मक प्रणाली है।

प्रश्‍न 2. क्‍या अंक ज्‍योतिष और ज्‍योतिष एक जैसे हैं?

उत्तर. नहीं, अंक ज्‍योतिष अंकों पर आधारित है जबकि ज्‍योतिष में ग्रह-नक्षत्रों के आधार पर भविष्‍यवाणी की जाती है।

प्रश्‍न 3. यदि दो लोगों का मूलांक एक ही है, तो क्‍या उनका भविष्‍यफल एक जैसा होगा?

उत्तर. हां, लेकिन उनकी जीवन स्थिति, नामांक और निजी अनुभव अलग हो सकते हैं।

गुरु की राशि में शनि चलेंगे वक्री चाल, इन राशियों पर टूट सकता है मुसीबत का पहाड़!

गुरु की राशि में शनि चलेंगे वक्री चाल, इन राशियों पर टूट सकता है मुसीबत का पहाड़!

शनि मीन राशि में वक्री: एस्ट्रोसेज एआई अपने पाठकों को समय-समय पर ज्योतिष की दुनिया में होने वाली घटनाओं से रूबरू करवाता रहा है। इसी क्रम में, हमारे आज के इस लेख में आपको “शनि मीन राशि में वक्री” से जुड़ी सारी जानकारी प्राप्त होगी। जैसे कि हम सभी जानते हैं कि नवग्रहों में शनि महाराज एकमात्र ऐसे ग्रह हैं जो सबसे मंद गति से चलते हैं इसलिए इन्हें अपनी चाल, दशा या फिर राशि बदलने में काफ़ी समय लगता है। अब यह मीन राशि में वक्री होने जा रहे हैं और इनकी वक्री अवस्था देश-दुनिया समेत सभी राशियों को प्रभावित करने में सक्षम है। इसके परिणामस्वरूप, शनि मीन राशि में वक्री के दौरान कुछ राशियों को सकारात्मक और कुछ को नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ, इस दौरान कुछ विशेष राशि के जातकों को सावधान रहना होगा। 

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अगर हम बात करें शनि ग्रह की, तो बता दें कि शनि देव का नाम ही लोगों को भयभीत करने के लिए काफ़ी होता है क्योंकि इन्हें कर्मफल दाता का पद प्राप्त है। यह आपको आपके अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। वहीं, इनकी दशाएं, टेढ़ी नज़र, साढ़े साती और ढैय्या लोगों के जीवन की कायापलट करने की क्षमता रखती हैं। शनि महाराज का प्रभाव जातक को राजा से रंक और रंक से राजा बना सकता है। ऐसे में, शनि मीन राशि में वक्री को एक बड़ी घटना के रूप में देखा जाएगा। तो आइए अब हम बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि शनि वक्री के बारे में सब कुछ। 

कब और किस समय होंगे शनि वक्री?

शनि देव को क्रूर और पापी ग्रह माना जाता है जो सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलते हैं इसलिए इन्हें एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में ढाई साल का समय लगता है। शनि महाराज को अपनी धीमी गति की वजह से राशि चक्र का एक चक्कर पूरा करने में लगभग 30 साल लगते हैं। अब यह गुरु देव की राशि मीन में 13 जुलाई 2025 की सुबह 07 बजकर 24 मिनट पर वक्री होने जा रहे हैं। शनि ग्रह तक़रीबन चार महीनों तक वक्री अवस्था में रहेंगे। ऐसे में, इनकी वक्री अवस्था को शुभ नहीं कहा जा सकता है और इसके फलस्वरूप, जातकों को बेहद सावधानी बरतनी होगी। चलिए अब हम जान लेते हैं ग्रह की वक्री अवस्था के बारे में।

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किसे कहते हैं ग्रह का वक्री होना?

ज्योतिष की दुनिया में प्रत्येक ग्रह समय-समय पर अस्त, उदित, मार्गी और वक्री होता है। सिर्फ़ सूर्य एक ऐसा ग्रह है जो सदैव मार्गी चाल चलते हैं। बात करें ग्रहों के वक्री होने की तो, जब कोई ग्रह अपने परिक्रमा पथ पर आगे की दिशा में बढ़ने की बजाय पीछे की तरफ यानी कि उलटी दिशा में चलता हुआ प्रतीत होता है, इसे ही ज्योतिष में ग्रह का वक्री होना कहते हैं। हालांकि, कोई ग्रह कभी भी उल्टा नहीं चलता है, लेकिन दूर से देखने पर उल्टा चलता हुआ प्रतीत होता है। ग्रह की वक्री अवस्था को शुभ नहीं माना जाता है क्योंकि यह मनुष्य जीवन को अत्यधिक प्रभावित करने में समर्थ होती है। 

ज्योतिषीय दृष्टि से शनि ग्रह 

  • शनि महाराज को न्याय के देवता माना जाता है और इन्हें राशि चक्र में मकर राशि और कुंभ राशि पर आधिपत्य प्राप्त है। यह राशियां दसवें भाव और लाभ भाव को दर्शाती है। 
  • बता दें कि कुंडली का दसवां भाव कर्मों और उससे अगला भाव कर्मों के फल का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए ही शनि देव कर्मफल कारक कहे गए हैं।
  • शनि ग्रह को आठवें भाव के कारक भी माना जाता है जो इंसान के स्वास्थ्य और जीवन से जुड़ा है। नवग्रहों में सिर्फ़ शनि देव ऐसे ग्रह हैं जिन्हें आठवें भाव में जाने पर दोष नहीं लगता है। 
  • आठवें भाव में शनि महाराज की मौजूदगी जातक को अपनी छिपी हुई क्षमता से अवगत करवाती है। 
  • कुंभ राशि शनि देव की मूलत्रिकोण राशि भी है और वहीं, मेष राशि में यह नीच अवस्था में होते हैं।
  • श्रमिक और गरीबों के भी कारक ग्रह शनि देव हैं इसलिए जो व्यक्ति इनकी सेवा करता है, उन्हें शनि ग्रह का प्रकोप नहीं झेलना पड़ता है। 
  • इसके विपरीत, शनि देव की खदान, लोहे, तेल की मिल, कबाड़, सरसों के तेल आदि कामों को भी नियंत्रित करते हैं। 
  • नक्षत्रों में शनि महाराज अनुराधा, पुष्य और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी हैं।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

मनुष्य जीवन पर शनि देव का प्रभाव 

करियर पर शनि ग्रह का प्रभाव

अगर किसी जातक की कुंडली में शनि ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं, तो उसके लिए करियर में आगे बढ़ना और सफलता पाना बेहद मुश्किल होता है। ऐसे इंसान को नौकरी में समस्याओं का बार-बार आना, कार्यक्षेत्र में पदोन्नति न मिलना और विवाद में फंस जाना जैसी समस्याएं परेशान करने लगती हैं।  लेकिन, कुंडली में शनि देव अगर मज़बूत स्थिति में होते हैं, तो जातक को एक स्थिर करियर प्रदान करते हैं जहाँ वह तरक्की हासिल करता है।

आर्थिक जीवन पर शनि ग्रह का प्रभाव

जिन लोगों की कुंडली में शनि ग्रह मज़बूत होते हैं, उन्हें अपने जीवन में आर्थिक स्थिरता, पैतृक संपत्ति के साथ-साथ आय के भिन्न-भिन्न स्रोतों से धन की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, निवेश से भी लाभ प्राप्त होता है। दूसरी तरफ, कुंडली में शनि के पीड़ित अवस्था में होने पर जातक को धन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यह लोग धन से जुड़े गलत फैसले लेने के कारण व्यापार में हानि और कर्ज़ में डूब जाते हैं। 

स्वास्थ्य पर शनि ग्रह का प्रभाव

यदि कुंडली में शनि महाराज की स्थिति शुभ और बलवान है, तो आपका स्वास्थ्य उत्तम रहता है और आपको रोग या बीमारी परेशान नहीं करती है। लेकिन, इनकी स्थिति दुर्बल होने पर जातक को त्वचा, जोड़ों में दर्द, पेट और दांतों से संबंधित समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। साथ ही, ऐसा व्यक्ति मानसिक समस्याओं की वजह से तनाव में भी नज़र आ सकता है। 

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प्रेम जीवन पर शनि ग्रह का प्रभाव

कुंडली में शनि महाराज के अनुकूल स्थिति में होने पर या फिर तीसरे, पांचवें, छठे, नौवें और दसवें भाव में मौजूद होने पर यह आपके प्रेम जीवन को जुनून और प्रेम से भर देते हैं। साथ ही, आप दोनों के बीच आपसी तालमेल और आपसी समझ मज़बूत होती है। वहीं, शनि ग्रह आपकी कुंडली के पहले/लग्न, दूसरे, चौथे, सातवें और आठवें भाव में कमज़ोर अवस्था में होने पर रिश्ते में गलतफहमियां, खुलकर बात न कर पाने और दूरी जैसी समस्याओं का कारण बनते हैं।

वैवाहिक जीवन पर शनि ग्रह का प्रभाव

कुंडली में शनि महाराज का बलवान होना वैवाहिक जीवन को सुखमय और मज़बूत बनाने का काम करता है। जातक अपने साथी के प्रति बेहद वफादार होता है और बहुत समझदारी से शादीशुदा जीवन को निभाता है। दूसरी तरफ, शनि ग्रह की पीड़ित अवस्था वैवाहिक जीवन में आपकी परीक्षा ले सकती है और यह कदम-कदम पर समस्याएं पैदा कर सकते हैं। वहीं, अविवाहित जातकों को शनि के अशुभ होने पर विवाह में देरी और अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। 

अब हम आपको बताने जा रहे हैं कि कुंडली में शनि ग्रह के कमज़ोर होने पर आप इसकी पहचान कैसे कर सकते हैं। 

शनि कमज़ोर होने के लक्षण

  • कुंडली में शनि दोष होने पर व्यक्ति के सामने बार-बार वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है और उस पर झूठे आरोप लग सकते हैं। साथ ही, वह कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंस सकता है। 
  • अगर कुंडली में शनि देव निर्बल होते हैं, तो ऐसे इंसान की धन-संपत्ति बेकार के कार्यों में धीरे-धीरे करके खर्च होने लगती है।
  • शनि देव के अशुभ होने पर कड़ी मेहनत करने के बाद भी उसका फल प्राप्त नहीं होता है और नौकरी में भी समस्याएं बनी रहती हैं। 
  • यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह दुर्बल होते हैं, तो उसके बाल समय से पहले ही झड़ने लगते हैं और आंखों से जुड़े रोग भी परेशानी की वजह बनते हैं। इसके अलावा, व्यक्ति पेट दर्द, टीबी, चर्म रोग, फ्रैक्चर, अस्थमा, कैंसर और सर्दी-जुकाम आदि रोगों का भी शिकार हो सकता है।
  • शनि दोष के नकारात्मक प्रभाव की वजह से ही व्यक्ति जुआ और शराब जैसी गलत आदतों में पड़ जाता है। आपके बने बनाए काम एकदम से बिगड़ जाते हैं, घर में आग लगना, कर्ज़ का बढ़ना और घर का कोई हिस्सा गिरना भी कमज़ोर शनि की निशानी होता है। 

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शनि मीन राशि में वक्री के दौरान करें ये उपाय 

  1. प्रत्येक शनिवार को लोहे के एक कटोरे में काले चने, साबुत उड़द और सरसों का तेल लें और इसे काले कपड़े में बांधकर अपने माथे से लगाकर दान कर दें। ऐसा करने से शनि दोष के प्रभाव से राहत मिलती है।
  2. शनि शांति के लिए शनि अमावस्या के दिन कच्चे दूध में मीठा जल मिलाकर पीपल की जड़ में अर्पित करें। साथ ही, तिल या फिर सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। 
  3. शनि दोष का निवारण करने के लिए शनिवार को शनि देव के साथ-साथ भगवान शिव का पूजन करें क्योंकि महादेव को शनि महाराज के आराध्य माना जाता है। साथ ही, जल में काले तिल मिलाकर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग का अभिषेक करें। 
  4. शनि देव की कृपा पाने के लिए संकटमोचन हनुमान जी का पूजा भी वरदान सिद्ध होता है। शनिवार के दिन शनि ग्रह और हनुमान जी की पूजा करें। 
  5. संभव हो, तो शनि देव के लिए शनिवार का व्रत रखें और अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करें। 

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शनि मीन राशि में वक्री: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए शनि ग्रह आपकी कुंडली में कर्म स्थान और लाभ भाव के स्वामी…(विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए शनि ग्रह आपके भाग्य स्थान और कर्म भाव के भी स्वामी हैं जो अब…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए शनि ग्रह आपकी कुंडली में आठवें भाव के स्वामी होने के साथ…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए आपकी कुंडली में शनि सातवें भाव और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए शनि ग्रह आपके छठे तथा सातवें भाव के स्वामी हैं। अब यह…(विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए आपकी कुंडली में शनि ग्रह पांचवें तथा छठे भाव के स्वामी हैं जो…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए शनि ग्रह आपके चौथे तथा पांचवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके…(विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा चौथे भाव के स्वामी हैं। अब…(विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

धनु राशि वालों के लिए आपकी कुंडली में शनि ग्रह दूसरे तथा तीसरे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए शनि ग्रह आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ दूसरे भाव…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए शनि ग्रह आपके लग्न या राशि के स्वामी ग्रह होने के साथ-साथ…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए शनि ग्रह आपके लाभ भाव के स्वामी होने के साथ-साथ व्यय भाव के…(विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

शनि मीन राशि में वक्री कब होंगे?

मीन राशि में शनि महाराज 13 जुलाई 2025 को वक्री हो जाएंगे। 

मीन राशि का शासक कौन है? 

राशि चक्र की बारहवीं राशि मीन के स्वामी ग्रह गुरु देव हैं। 

शनि को प्रसन्न कैसे करें?

ज्योतिष के अनुसार, शनि देव को प्रसन्न करने के लिए छाया दान करें और हनुमान जी की पूजा करें।

टैरो साप्ताहिक राशिफल: 13 से 19 जुलाई, 2025, क्‍या होगा खास?

टैरो साप्ताहिक राशिफल: 13 से 19 जुलाई, 2025, क्‍या होगा खास?

टैरो साप्ताहिक राशिफल 13 जुलाई से 19 जुलाई, 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्‍योतिषयों का मानना है कि टैरो व्‍यक्‍ति की जिंदगी में भविष्‍यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्‍य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।

टैरो इस बात पर ध्‍यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्‍या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्‍य के लिए सही विकल्‍प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्‍मा से बात करने का मौका देता है।

आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मज़ाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्‍योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं। इन कारणों से या अन्‍य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्‍पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।

टैरो की उत्पति 15वीं शताब्‍दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्‍यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्‍व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।

टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्‍यात्मिक प्रगति को प्राप्‍त किया जा सकता है। आप कुछ स्‍तर पर अध्‍यात्‍म से, थोड़ा अपनी अंतरात्‍मा से और थोड़ा अपने अंर्तज्ञान और आत्‍म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।

तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि 13 जुलाई से 19 जुलाई, 2025 तक का समय सभी 12 राशियों के लिए कैसे परिणाम लेकर आएगा?

दुनियाभर के विद्वान टैरो रीडर्स से करें कॉल/चैट पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

टैरो साप्ताहिक राशिफल 13 जुलाई से 19 जुलाई, 2025: राशि अनुसार राशिफल

मेष राशि

प्रेम जीवन: ऐस ऑफ पेंटाकल्‍स

आर्थिक जीवन: टेन ऑफ कप्‍स

करियर: सेवन ऑफ कप्‍स

स्वास्थ्य: एट ऑफ पेंटाकल्‍स

मेष राशि के जातकों को ऐस ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड मिला है जो कि लव रीडिंग में अक्‍सर रिश्‍ते में मजबूत और सुरक्षित आधार का प्रतिनिधित्‍व करता है। यह कार्ड आशाजनक और सुरक्षित रिश्‍ते के संकेत देता है। इस कार्ड का कहना है कि आपके लिए एक स्थिर और सुरक्षित रिश्‍ते की शुरुआत हो सकती है। वहीं अगर आप पहले से ही प्रेम संबंध में हैं, तो आपका रिश्‍ता मजबूत और फल-फूल सकता है।

वित्तीय जीवन में टेन ऑफ कप्‍स कार्ड संपन्‍नता, स्थिरता और समृद्ध भविष्‍य की ओर संकेत कर रहा है। इस कार्ड के अनुसार आपको अपने पुराने निवेश से लाभ मिल सकता है और सोच-समझकर लिए गए वित्तीय निर्णयों से अत्‍यधिक धन लाभ होने की उम्‍मीद है।

पेशेवर जीवन में सेवन ऑफ कप्‍स कार्ड कई अवसरों और संभावनाओं को दर्शाता है। यह कार्ड करियर में खोज करने और निर्णय लेने के समय का प्रतिनिधित्‍व करता है। यह कार्ड आत्‍मनिरीक्षण करने, निर्णय लेने और अपने करियर के लिए सही मार्ग चुनने पर जोर देता है।

स्‍वास्‍थ्‍य के स्‍तर पर एट ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड आपको अपने स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने के लिए नई तकनीकों या आदतों को सीखने पर ध्‍यान देने की सलाह दे रहा है। इस कार्ड का कहना है कि आपको लगातार काम कर के और प्रतिबद्धता के ज़रिए अपने मानसिक या शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर करने के लिए कुछ कदम उठाने की जरूरत है। इससे आपको लाभ हो सकता है।

शुभ अंक: 09

वृषभ राशि

प्रेम जीवन: सेवन ऑफ स्‍वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: टू ऑफ पेंटाकल्‍स

करियर: किंग ऑफ पेंटाकल्‍स

स्वास्थ्य: द स्‍ट्रेंथ

वृषभ राशि के जातकों को सेवन ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड मिला है जो कि प्रेम संबंध में धोखे, बेईमानी या किसी गुप्‍त उद्देश्‍य को दर्शाता है। यह कार्ड धोखा देने या मानसिक रूप से छल करने की ओर इशारा कर रहा है। इससे व्‍यभिचार या विश्‍वासघात हो सकता है।

टू ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड वित्तीय जीवन में कई आर्थिक जिम्‍मेदारियों को संभालने और सोच-समझकर वित्तीय निर्णय लेने को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आपको अपनी आय और खर्चों के बीच में संतुलन बनाकर चलना चाहिए। अपनी जिम्‍मेदारियों को पूरा करने के लिए आपको लचीला बनने और अपने संसाधनों का कुशलता से उपयोग करने की जरूरत है।

टैरो रीडिंग में किंग ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड बिज़नेस या वित्तीय प्रयासों में सफलता को दर्शाता है। इस कार्ड के अनुसार करियर में आपकी स्थिति मजबूत होगी और आप अपने दीर्घकालिक उद्देश्‍यों को पूरा कर पाएंगे। इस कार्ड का कहना है कि कोई सलाहकार या प्रभावशाली व्‍यक्‍ति या फिर कोई सहयोगी आपकी अपने करियर में मदद कर सकता है।

द स्‍ट्रेंथ कार्ड शारीरिक रूप से फिट रहने, उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य और मानसिक एवं शारीरिक रूप से संतुलित रहने को दर्शाता है। यह कार्ड आत्‍म-नियंत्रण, जीवनशैली में स्‍वस्‍थ आदतों को अपनाने और स्‍वस्‍थ रहने को बढ़ावा देता है।

शुभ अंक: 24

मिथुन राशि

प्रेम जीवन: द मैजिशियन

आर्थिक जीवन: द हर्मिट

करियर: क्‍वीन ऑफ स्‍वॉर्ड्स

स्वास्थ्य: द सन

मिथुन राशि के जातकों को द मैजिशियन कार्ड अपराइट मिला है जो बताता है कि आपके अंदर अपने रोमांटिक सपनों को पूरा करने और जैसा रिश्‍ता आप चाहते हैं, उसे कायम करने की क्षमता है। यह कार्ड आपको अपने सपनों को साकार करने के लिए कुछ कदम उठाने और अपने मन की बात सुनने के लिए प्रेरित कर रहा है।

धन के मामले में द हर्मिट कार्ड एक ऐसे समय का संकेत देता है जहां आपको अपनी प्राथमिकताओं और उद्देश्‍यों का पुर्नमूल्यांकन करना चाहिए। यह कार्ड आपको सांसारिक धन पर ध्‍यान केंद्रित करने के बजाय अपनी जरूरतों एवं मूल्‍यों को अधिक महत्‍व देने के लिए कह रहा है।

क्‍वीन ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड के अनुसार अगर आप अपनी वर्तमान स्थिति को लेकर अनिश्‍चित महसूस कर रहे हैं, तो आपको अपने काम को स्‍वतंत्रता और निष्‍पक्षता के साथ करना चाहिए। यह कार्ड आपको अपनी मान्‍यताओं और आदर्शों को पहले रखने और अपने उच्‍च अधिकारियों एवं सहकर्मियों के साथ सम्‍मानपूर्वक और निष्‍पक्षता से बात करने की याद दिलाता है। क्‍वीन ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड आपको भावनाओं के बजाय डाटा और तथ्‍यों के आधार पर निर्णय लेने और कार्यक्षेत्र में किसी भी संभावित समस्‍या या बाधा को लेकर सचेत रहने की सलाह दे रहा है।

यह समय स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बेहतरीन रहने वाला है। आप उत्‍साह से भरपूर महसूस करेंगे। यह कार्ड जल्‍दी स्‍वस्‍थ होने, नई ऊर्जा प्राप्‍त करने और संतुलन का प्रतिनिधित्‍व करता है।

शुभ अंक: 32

कर्क राशि

प्रेम जीवन: पेज ऑफ कप्‍स

आर्थिक जीवन: एट ऑफ कप्‍स

करियर: फोर ऑफ कप्‍स

स्वास्थ्य: सेवन ऑफ वैंड्स

कर्क राशि के जातकों को लव टैरो रीडिंग में पेज ऑफ कप्‍स कार्ड मिला है जो कि किसी नए रोमांटिक संबंध की शुरुआत या मौजूदा रिश्‍ते में ही सुधार के संकेत दे रहा है। यह कार्ड आपके लिए विकास और प्रेम प्रस्‍ताव मिलने के संकेत दे रहा है, साथ ही अगर आप किसी के साथ रिश्‍ते में हैं तो आपको संतान की प्राप्‍ति हो सकती है। यदि आप सिंगल हैं, तो कोई व्‍यक्‍ति आपमें रुचि रख सकता है और यह समय अपनी भावनाओं को व्‍यक्‍त करने के लिए अनुकूल है।

धन की बात करें, तो एट ऑफ कप्‍स कार्ड कहता है कि आपको ऐसी वित्तीय स्थिति से दूर रहना चाहिए जो अब आपको संतुष्टि देने में असमर्थ है या आपके उद्देश्‍यों के अनुरूप नहीं है। इस कार्ड के अनुसार आप किसी करियर, कंपनी या निवेश को छोड़ने के लिए तैयार हो सकते हैं। भले ही इसमें आपको दीर्घकालिक रूप से संपन्‍न होने के लिए तुरंत अपनी वित्तीय स्थिरता को छोड़ना पड़े।

करियर रीडिंग में फोर ऑफ कप्‍स कार्ड आलस, बोरियत महसूस होने या अपनी मौजूदा स्थिति या वित्तीय परिस्थिति से असंतुष्टि होने के संकेत दे रहा है। आप असंतुष्‍ट महसूस कर सकते हैं एवं कुछ और पाने की इच्‍छा आपके मन में आ सकती है। इसके साथ ही आपको ऐसा भी लग सकता है जैसे कि आप एक ही जगह पर अटके हुए हैं या अपनी प्रतिभा का सही तरीके से इस्‍तेमाल नहीं कर रहे हैं।

हेल्‍थ टैरो रीडिंग में आपको सेवन ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है जो कि किसी बीमारी या सदमे से उबरने के लिए धैर्य और दृढ़ता रखने के संकेत दे रहा है। यह कार्ड स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को पहचानने, चिकित्‍सकीय सलाह को सुनने और अपने प्रियजनों का सहयोग लेने के लिए प्रेरित कर रहा है।

शुभ अंक: 20

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सिंह राशि

प्रेम जीवन: सिक्‍स ऑफ कप्‍स

आर्थिक जीवन: द हीरोफैंट

करियर: क्‍वीन ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: नाइट ऑफ स्‍वॉर्ड्स

सिंह राशि के जातकों को सिक्‍स ऑफ कप्‍स कार्ड मिला है जो कि अतीत से जुड़ने को दर्शाता है। कोई पुराना जुनून फिर से जाग सकता है या पुराना प्रेमी वापस आ सकता है या आप किसी बचपन के दोस्‍त से प्‍यार कर सकते हैं। यह कार्ड अपने मधुर संबंध की यादों को फिर से जीने की चाहत को दर्शाता है।

अपराइट आने पर द हीरोफैंट कार्ड वित्तीय जीवन में धन को लेकर पारंपरिक और विशेष नज़रिये को दर्शाता है। यह कार्ड संकेत देता है कि आपकी रुचि उन्‍हीं रणनीतियों पर है जिन्‍हें आप पहले से परख चुके हैं और जो लाभदायक साबित हो चुकी हों। द हीरोफैंट कार्ड पारंपरिक वित्तीय तरीकों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध रहने और खर्चे या निवेश को लेकर सोच-समझकर निर्णय लेने का प्रतिनिधित्‍व करता है।

क्‍वीन ऑफ वैंड्स कार्ड अद्भुत उत्‍साह और उत्‍पादन को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आप प्रोत्‍साहित और प्रभावशाली हैं एवं एक साथ कई कार्यों को संभालने में सक्षम हैं। यह कार्ड दर्शाता है कि आप नेतृत्‍व करने, सफलतापूर्वक प्रोजेक्‍ट को संभालने और सोच-समझकर वित्तीय विकल्‍प चुनने के लिए तैयार हैं।

अगर आप किसी बीमारी या चोट से जूझ रहे हैं, तो यह कार्ड खासतौर पर आपके लिए शुभ समाचार और स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या में सकारात्‍मक बदलाव के संकेत दे रहा है। इसके साथ ही यह कार्ड आपको आवेगशील बनने और बिना सोचे-समझे कोई काम करने से बचने की सलाह दे रहा है। ये आपके स्‍वास्‍थ्‍य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

शुभ अंक: 19

कन्या राशि

प्रेम जीवन: फाइव ऑफ पेंटाकल्‍स

आर्थिक जीवन: थ्री ऑफ स्‍वॉर्ड्स

करियर: डेथ

स्वास्थ्य: फाइव ऑफ कप्‍स

कन्‍या राशि के जातकों को फाइव ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड मिला है जो कि अक्‍सर प्रेम संबंध में अकेलेपन, अस्‍वीकृति या अलगाव को दर्शाता है। इस समय आपको वित्तीय समस्‍या का सामना करना पड़ सकता है, आप अपने पार्टनर से भावनात्‍मक रूप से अलगाव महसूस कर सकते हैं या फिर आपको अपने जीवनसाथी से सहयोग की कमी हो सकती है।

टैरो रीडिंग में थ्री ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड वित्तीय समस्‍या, नुकसान या अपने संसाधनों को बांटने को लेकर मुश्किल निर्णय लेने को दर्शाता है। यह कार्ड आपको अलगाव या तलाक, नौकरी जाने या व्‍यापारिक लेन-देन को लेकर असहमति या दरार आने की वजह से वित्तीय समस्‍या के संकेत दे रहा है।

करियर के मामले में द डेथ कार्ड आवश्‍यक और लाभकारी बदलाव या सुधार को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आपको इस समय नए अवसरों को अपनाना चाहिए और उन चीज़ों को छोड़ देना चाहिए, जो अब आपके काम की नहीं हैं। यह आपके काम करने के तरीके में बदलाव करना, नई नौकरी या करियर मार्ग में बदलाव करने जैसा कुछ भी हो सकता है। द डेथ कार्ड आपको लचीला बनने और नई शुरुआत करने की सलाह दे रहा है।

स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में आपको फाइव ऑफ कप्‍स कार्ड मिला है जो कि आपको अपनी देखभाल करने और अगर आप किसी नुकसान को लेकर दुखी हैं या भावनात्‍मक बोझ लेकर चल रहे हैं, तो यह कार्ड खासतौर पर आपको भावनात्‍मक रूप से ठीक होने के संकेत दे रहा है। यह कार्ड इस बात के संकेत दे सकता है कि आपकी सेहत पर अनसुलझी भावनात्‍मक समस्‍याओं का प्रभाव पड़ रहा है।

शुभ अंक: 14 

तुला राशि

प्रेम जीवन: टू ऑफ स्‍वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: नाइट ऑफ कप्‍स

करियर: एट ऑफ स्‍वॉर्ड्स

स्वास्थ्य: किंग ऑफ वैंड्स

प्रेम जीवन में तुला राशि को टू ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड मिला है जिसका अर्थ है कि आपका रिश्‍ता किसी दोराहे पर खड़ा है, ठहरा हुआ है या अनिर्णय की स्थिति में है। इस कार्ड का यह मतलब भी हो सकता है कि आप और आपके पार्टनर को किसी कार्य पर निर्णय लेने में दिक्‍कत हो रही है या आपको दो विकल्‍पों में से किसी एक को चुनने में दिक्‍कत आ रही है। चूंकि, आप अपनी और अपने पार्टनर की भावनाओं से अनजान हो सकते हैं, इसलिए यह कार्ड आपको स्‍पष्‍ट रहने और बात करने की सलाह दे रहा है।

इस समय वित्त के मामले में मुश्किल स्थिति में आपकी मध्‍यस्‍थता करने की क्षमता, आपकी संवेदनशीलता और करुणा उपयोगी साबित हो सकती है। जब तक आप तालमेल बिठाए रखने के लिए अपने इस कौशल का उपयोग करते हैं, तब तक वित्तीय विवाद कम रह सकते हैं। अगर आप आर्थिक स्‍तर पर संघर्ष कर रहे हैं, तो इस कार्ड के अनुसार आपको हल निकालने के लिए कुछ हटकर सोचने की जरूरत है। आप रचनात्‍मक तरीके से सोचकर अपनी समस्‍याओं को जल्‍दी हल करने में सक्षम हो सकते हैं।

करियर की बात करें, तो एट ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड संकेत देता है कि आप अपने कार्यक्षेत्र के मौजूदा माहौल में खुद को अटका हुआ, प्रतिबंधित या बंधा हुआ महसूस कर रहे हैं। आपको ऐसा लग सकता है जैसे कि अपनी मौजूदा स्थिति या करियर से बाहर निकलने का कोई तरीका नहीं है और आपके पास बहुत कम विकल्‍प मौजूद हैं। यह कार्ड आपको अपनी इन भावनाओं को स्‍वीकार करने और अपने ऊपर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने के लिए कुछ कदम उठाने के लिए कह रहा है।

हेल्‍थ रीडिंग में किंग ऑफ वैंड्स कार्ड अपराइट आने पर मजबूत स्‍वास्‍थ्‍य और उत्‍साह का प्रतिनिधित्‍व करता है। इस कार्ड का कहना है कि आपके अंदर बहुत ऊर्जा और उत्‍साह है जो आपको स्‍वस्‍थ जीवनशैली जीने के अनुकूल बनाता है। हालांकि, यह कार्ड आपको ज्‍यादा थकावट से बचने, जीवन के अन्‍य पहलुओं के साथ अपने शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य को संतुलित करने की सलाह दे रहा है।

शुभ अंक: 15

वृश्चिक राशि

प्रेम जीवन: टू ऑफ कप्‍स

आर्थिक जीवन: थ्री ऑफ पेंटाकल्‍स

करियर: टू ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: सेवन ऑफ कप्‍स

वृश्चिक राशि को लव लाइफ में टू ऑफ कप्‍स कार्ड मिला है कि जो कि ऐसे मजबूत रोमांटिक संबंध या दोस्‍ती को दर्शाता है जो खुलकर बात करने, सम्‍मान और भरोसे पर टिका हो। यह कार्ड एक शांतिपूर्ण रिश्‍ते की ओर संकेत करता है जिसमें दोनों पार्टनर एक-दूसरे के नज़रिए को महत्‍व देते हैं और अपने रिश्‍ते को भावनात्‍मक रूप से मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

वित्तीय जीवन में थ्री ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड बताता है कि अनुकूल आर्थिक परिणाम प्राप्‍त करने के लिए आपसी सहयोग, टीम के साथ मिलकर काम करना और तैयारी करना कितना महत्‍वपूर्ण है। इस कार्ड का कहना है कि अपने वित्तीय उद्देश्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए दूसरों के साथ सहयोग करना जरूरी है फिर चाहे वह पार्टनरशिप के ज़रिए हो, कर्मचारी के योगदान के रूप में हो या फिर बस किसी से सलाह लेनी हो। यह कार्ड इस बात पर भी ज़ोर देता है कि कोई भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले आगे की योजना बनाना और अच्‍छे से तैयारी करना जरूरी है।

टू ऑफ वैंड्स कार्ड करियर के क्षेत्र में एक बड़े बदलाव की ओर संकेत कर रहा है। जब आप अपने अगले कदम के बारे में सोच रहे होते हैं और अपने भविष्‍य को प्रभावित करने वाले विकल्‍पों की तलाश कर रहे होते हैं, तब‍ यह कार्ड किसी बदलाव की ओर इशारा कर सकता है। इस कार्ड का कहना है कि आपको नए विकल्‍पों के बारे में सोचना चाहिए जैसे कि साझेदारी में व्‍यापार करना, अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यवसाय करना या नौकरी बदलना। इसके अलावा यह कार्ड आपको सोच-समझकर जोखिम उठाने और भविष्‍य को ध्‍यान में रखकर आत्‍मविश्‍वास से भरपूर रणनीतिक निर्णय लेने के लिए बढ़ावा दे रहा है।

स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में सेवन ऑफ कप्‍स कार्ड मिला है जिसके अनुसार आपको उचित अपेक्षाओं के साथ-साथ अपने स्‍वास्‍थ्‍य और खुद की देखभाल करने पर भी बराबर ध्‍यान देना चाहिए। इस कार्ड का कहना है कि भावनात्‍मक और शारीरिक रूप से स्‍वस्‍थ होना बहुत जरूरी है और आप ऐसा अपने काम के बोझ को कम करके, खुद की देखभाल करके और आराम के लिए समय निकालकर कर सकते हैं।

शुभ अंक: 27

धनु राशि 

प्रेम जीवन: द हर्मिट

आर्थिक जीवन: क्‍वीन ऑफ स्‍वॉर्ड्स

करियर: द मैजिशियन

स्वास्थ्य: द चैरियट

प्रेम जीवन में धनु राशि के जातकों को द हर्मिट कार्ड मिला है जिसका कहना है कि आपको अपने रिश्‍ते में आत्‍मनिरीक्षण और आत्‍मचिंतन करने की जरूरत है। किसी भी रोमांटिक संबंध के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध होने से पहले आपको अपनी इच्‍छाओं और चाहतों को समझने के लिए समय निकालना चाहिए।

क्‍वीन ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड इस बात के संकेत देता है कि आपको किसी ज्ञानी व्‍यक्‍ति से वित्तीय स्‍तर पर मार्गदर्शन मिल सकता है या फिर आप अपने अच्‍छे संचार कौशल के कारण वित्तीय अवसर उत्‍पन्‍न कर सकते हैं। आमतौर पर इस कार्ड का यह मतलब होता है कि आपको दूसरों की मदद करनी है लेकिन अपनी सीमाएं निर्धारित करना न भूलें। पेमेंट के लिए शेड्यूल या कॉन्‍ट्रैक्‍ट बनाएं और कुछ दिशा-निर्देश स्‍थापित करें। आपको क्‍वीन ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड की तरह दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी जा रही है जो हर छोटी से छोटी बात पर ध्‍यान देती है। आप अपनी आर्थिक परिस्थितियों को समझने की कोशिश करें।

करियर के क्षेत्र में द मैजि‍शियन कार्ड अपराइट आने पर पेशे या वित्त में उपलब्धि या सफलता पाने की संभावना को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आपके पास अवसरों का लाभ उठाने और प्रतिबद्धता एवं सही कदम उठाकर मनचाहे परिणाम प्राप्‍त करने की क्षमता, संपत्ति और मनोदशा है।

द चैरियट कार्ड स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में बाधाओं को पार करने के लिए दृढ़ता, धैर्य और दृढ़ संकल्‍प को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आपको अनुशासन में रहने, केंद्रित होकर काम करने और अपने शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य की जिम्‍मेदारी लेने की जरूरत है। यह कार्ड आपको नए फिटनेस रूटीन को शुरू करने के लिए कह रहा है। आपको आंतों से संबंधित समस्‍याएं होने की आशंका है।

शुभ अंक: 03

मकर राशि      

प्रेम जीवन: जजमेंट

आर्थिक जीवन: द एम्‍पेरर

करियर: एट ऑफ पेंटाकल्‍स

स्वास्थ्य: पेज ऑफ वैंड्स

मकर राशि के जातकों को लव टैरो रीडिंग में द जजमेंट कार्ड मिला है जिसके अनुसार आपको लग सकता है कि आपका पार्टनर या आपका परिवार आपकी आलोचना कर रहा है। इस समय आपको अपने निजी जीवन में धैर्य से काम लेने की आवश्‍यकता है। वहीं दूसरी ओर, अगर आप अपने रिश्‍ते को आगे बढ़ाना चाहते हैं या शादी के बंधन में बंधने की सोच रहे हैं, तो आपको सोच-समझकर अपना पार्टनर चुनने की जरूरत है।

द एम्‍पेरर कार्ड का कहना है कि इस सप्‍ताह मकर राशि के जातकों का अपने वित्तीय मामलों पर पूरा नियंत्रण रहने वाला है। यह कार्ड इस बात के भी संकेत दे सकता है कि आपको अपनी स्थिर और संपन्‍न वित्तीय स्थिति के कारण अभिमानी या अहंकारी समझा जा सकता है। इस समय आपका पूरा ध्‍यान अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने पर है और ऐसा होना भी चाहिए।

करियर के क्षेत्र में एट ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड बताता है कि आप अपने करियर को बनाने के लिए बहुत गंभीर हैं। इसके अलावा इस समय आपके हाथ में जो प्रोजेक्‍ट हैं, उस पर आपको पूरा ध्‍यान देना चाहिए और आप अपनी जिम्‍मेदारियों को निभाने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, वो कर रहे हैं। अगर आप व्‍यापारी हैं, तो आप अपने बिज़नेस को नए सिरे से शुरू कर सकते हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में आपको पेज ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है कि जो रोग प्रतिरोधक क्षमता और शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य के मजबूत होने के संकेत दे रहा है लेकिन इसके साथ ही आपको अपने खानपान पर भी नियंत्रण रखने की आवश्‍यकता है। आप अपने स्‍वास्‍थ्‍य को बनाए रखने के लिए घर पर बना खाना ही खाएं और जंक फूड खाने से बचें।

शुभ अंक: 17

कुंभ राशि

प्रेम जीवन: पेज ऑफ पेंटाकल्‍स

आर्थिक जीवन: एट ऑफ कप्‍स

करियर: पेज ऑफ कप्‍स

स्वास्थ्य: द टॉवर (रिवर्स्‍ड)

कुंभ राशि के लोगों को पेज ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड मिला है जो कि लव रीडिंग में एक ईमानदार, संवेदनशील और भरोसेमंद साथी को दर्शाता है। यह एक ऐसे रिश्‍ते के संकेत दे सकता है जिसमें दिखावटी प्‍यार करने के बजाय दीर्घकालिक प्रतिबद्धता और व्‍यवहारिक स्थिरता को प्राथमिकता दी गई हो। अगर आपको अपना रिश्‍ता नीरस लग रहा है, तो इस कार्ड के अनुसार आपको अधिक मौज-मस्‍ती और उत्‍साह लाने की आवश्‍यकता है।

वित्तीय जीवन में एट ऑफ कप्‍स कार्ड कहता है कि आपको अपने वर्तमान की दिशा या मार्ग की समीक्षा कर के सामंजस्‍य बिठाना चाहिए। यह कार्ड इस बात का भी संकेत हो सकता है अब आप ऐसे निवेश या चीज़ को छोड़ना चाहते हैं जिससे अब आपके उद्देश्‍य की पूर्ति नहीं हो रही है या जिससे आप संतुष्‍ट नहीं हैं। यह कार्ड आपको सावधान रहकर बजट बनाने और खर्चा करने के प्रति जागरूक रहने को बढ़ावा दे रहा है।

टैरो कार्ड रीडिंग में पेज ऑफ कप्‍स कार्ड शुभ समाचार, नई शुरुआत और कार्यक्षेत्र में खासतौर पर रचनात्‍मकता और अंतर्ज्ञान से संबंधित क्षेत्र में सफलता को दर्शाता है। यह करियर बदलने या नई चुनौतियों को लेने के बारे में सोचने के लिए अनुकूल समय है। इसके अलावा यह कार्ड नए कार्यों को लेकर सक्रिय रहने और नए प्रयास करने के लिए तैयार रहने की सलाह दे रहा है।

स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में आपको द टॉवर इनवर्टिड कार्ड मिला है जो कि व्‍यक्‍ति‍गत विकास और बदलाव के प्रति अरुचि रखने एवं स्‍वास्‍थ्‍य के लिए जरूरी सामंजस्‍य को स्‍थगित करने के संकेत दे रहा है। यह कार्ड बुरे व्‍यवहार को पकड़कर रखने या जीवनशैली में कोई बड़ा बदलाव करने की जरूरत को कम महत्‍व देने के संकेत दे सकता है।

शुभ अंक: 08

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मीन राशि

प्रेम जीवन: क्‍वीन ऑफ कप्‍स

आर्थिक जीवन: फोर ऑफ पेंटाकल्‍स

करियर: नाइट ऑफ पेंटाकल्‍स

स्वास्थ्य: फाइव ऑफ पेंटाकल्‍स (रिवर्स्‍ड)

मीन राशि के जातकों को प्रेम जीवन में क्‍वीन ऑफ कप्‍स कार्ड मिला है जो कि एक-दूसरे की देखभाल करने, सहानुभूति रखने और भावनात्‍मक जुड़ाव के महत्‍व को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आपका रिश्‍ता मजबूत और संतुष्टि देने वाला होगा और आप दोनों एक-दूसरे का सम्‍मान एवं भरोसा करेंगे। सिंगल जातकों के लिए य‍ह कार्ड प्रेमपूर्ण, केयरिंग और भावनात्‍मक रूप से स्थिर रिश्‍ते का संकेत दे रहा है और आपको नए रिश्‍ते को अपनाने के लिए तैयार रहना होगा।

फोर ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड वित्तीय रूप से स्थिर एवं सुरक्षित होने पर ध्‍यान देने को दर्शाता है। यह कार्ड बचत और धन को संभालने को लेकर रूढ़िवादी दृष्टिकोण को दर्शा सकता है। इसके साथ ही आपके अंदर पैसों को बचाने और बढ़ाने की तीव्र इच्‍छा हो सकती है। यह कार्ड संपन्‍नता को भी दर्शाता है जिसमें आप अपनी कड़ी मेहनत का आनंद लेंगे और भविष्‍य में वित्तीय रूप से स्थिर होंगे।

नाइट ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड कहता है कि आप प्रेरित एवं महत्‍वाकांक्षी हैं और करियर में अपने उद्देश्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह कार्ड दर्शाता है कि आप अपने दीर्घकालिक लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए कड़ी मेहनत करने और दृढ़ता से काम करने के लिए तैयार हैं। अगर आप अत्‍यधिक प्रयास कर रहे हैं और अपने काम को समझदारी से करते हैं, तो आपके प्रयासों की सराहना होगी और आपको इसका उचित फल भी मिल सकता है।

स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में फाइव ऑफ पेंटाकल्‍स रिवर्स्‍ड कार्ड मिला है जिसका मतलब है कि आप किसी मेडिकल स्थिति से ठीक हो सकते हैं, किसी बीमारी का निदान हो सकता है या स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर करने के लिए बदलाव आ सकता है। यह कार्ड सेहत के प्रति आपके नज़रिए के बदलने और अपनी सेहत पर ध्‍यान देने का भी संकेत कर सकता है।

शुभ अंक: 12

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न 1. टैरो डेक में माइनर अर्काना के कितने कार्ड्स हैं?

उत्तर. 56 कार्ड्स हैं।

प्रश्‍न 2. नए टैरो रीडर्स के लिए कौन सा डेक सबसे अच्‍छा रहता है?

उत्तर. राइडर वेट डेक।

प्रश्‍न 3. द फूल कार्ड क्‍या दर्शाता है?

उत्तर. नई शुरुआत, रोमांच और सरलता।

सावन 2025: इस महीने रक्षाबंधन, हरियाली तीज से लेकर जन्माष्टमी तक मनाए जाएंगे कई बड़े पर्व!

सावन 2025: इस महीने रक्षाबंधन, हरियाली तीज से लेकर जन्माष्टमी तक मनाए जाएंगे कई बड़े पर्व!

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह को श्रावण मास के नाम से भी जाना जाता है, जो भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक महीना है। यह माह वर्षा ऋतु के मध्य आता है और धरती को हरियाली की चादर से ढक देता है। प्रकृति की ताजगी और वातावरण की शुद्धता इस माह को और भी आध्यात्मिक बना देती है। सावन के महीने में श्रद्धालु शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं, व्रत रखते हैं और ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप कर भगवान शिव की आराधना करते हैं। सावन में हर सोमवार को ‘श्रावण सोमवारी व्रत’ विशेष रूप से मनाया जाता है, जो विशेष पुण्य देने वाला माना जाता है। 

सावन न केवल भक्ति और उपासना का महीना है, बल्कि इसमें रक्षा बंधन, हरियाली तीज, नाग पंचमी, श्रावण पूर्णिमा, वरलक्ष्मी व्रत, और जन्माष्टमी जैसे प्रमुख त्योहार भी आते हैं, जो इस माह को और भी खास बना देते हैं। यह माह पारिवारिक, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध होता है।

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हालांकि, सावन मास का अपना धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व है जिसके बारे में हम आगे विस्तार से बात करेंगे। साथ ही, आपको बताएंगे कि कब होगा सावन माह शुरू? इस दौरान आपको किन कामों को करना चाहिए और किन कामों से बचना चाहिए? लेकिन इन सब बातों को जानने के लिए आपको सावन मास 2025 का यह ब्लॉग अंत तक पढ़ना जारी रखना होगा। 

कब से शुरू होगा सावन मास 2025?

साल 2025 में सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई शुक्रवार से होगी और यह 09 अगस्त शनिवार तक चलेगा। यह अवधि उत्तर भारतीय पंचांग के अनुसार है, जिसमें सावन माह 30 दिनों का होता है। इस दौरान भगवान शिव की विशेष पूजा, उपवास और व्रत किए जाते हैं।

आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं सावन माह 2025 में मनाए जाने वाले व्रत एवं त्योहारों के बारे में। 

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सावन माह 2025 में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहार

तिथिदिनपर्व
14 जुलाई 2025सोमवारसंकष्टी चतुर्थी
16 जुलाई 2025बुधवारकर्क संक्रांति
21 जुलाई 2025सोमवारकामिका एकादशी
22 जुलाई 2025मंगलवारप्रदोष व्रत (कृष्ण)
23 जुलाई 2025बुधवारश्रावण शिवरात्रि
24 जुलाई 2025गुरुवारश्रावण अमावस्या
27 जुलाई 2025रविवारहरियाली तीज
29 जुलाई 2025मंगलवारनाग पंचमी
05 अगस्त 2025मंगलवारश्रावण पुत्रदा एकादशी
06 अगस्त 2025बुधवारप्रदोष व्रत (शुक्ल)
09 अगस्त 2025शनिवाररक्षा बंधन, श्रावण पूर्णिमा व्रत

सावन माह का महत्व

सावन माह का हिंदू धर्म में विशेष आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह महीना विशेष रूप से भगवान शिव की उपासना का समय होता है। मान्यता है कि इस मास में किए गए व्रत, पूजन,दान और जप का फल कई गुना बढ़कर प्राप्त होता है। इस दौरान भक्त शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध और गंगाजल चढ़ाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। 

श्रावण मास में हर सोमवार को श्रावण सोमवारी व्रत रखा जाता है, जिसे विशेष फलदायी माना जाता है। कुंवारी कन्याएं उत्तम वर की प्राप्ति के लिए, तो विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख दांपत्य जीवन के लिए इस व्रत को करती हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, समुद्र मंथन के समय दब हलाहल विष निकला था, तब भगवान शिव ने उसे पीकर सृष्टि की रक्षा की थी।

वह घटना सावन मास में ही हुई थी इसलिए शिवजी की आराधना इस माह में अधिक प्रभावशाली मानी जाती है। इसके अलावा यह माह प्रकृति, कृषि और समाज के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। वर्षा ऋतु  से जुड़ा यह समय खेती-किसानी के लिए लाभदायक होता है, वहीं पर्यावरण भी नई ऊर्जा और हरियाली से भर जाता है। यही कारण है कि सावन को हरियाली का प्रतीक भी कहा जाता है। संक्षेप में, सावन माह शिवभक्ति, संयम, साधना, प्रकृति से जुड़ाव और सांस्कृतिक उत्सवों का महीना है, जो तन,मन और आत्मा तीनों को शुद्ध करने का अवसर देता है।

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सावन माह का धार्मिक महत्व

सावन मास को हिंदू पंचांग में सबसे पवित्र और पुण्यदायी महीना माना जाता है। यह महीना भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष रूप से समर्पित होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रावण मास में भगवान शिव धरती पर विशेष रूप से अपने भक्तों की पुकार सुनते हैं और उन्हें वरदान प्रदान करते हैं। इस मास में जलाभिषेक, बेलपत्र अर्पण, रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हैं।

इसके अलावा, इस माह में सोमवार व्रत करने से अविवाहित कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है और विवाहित स्त्रियों को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है। यह माह वर्षा ऋतु का होता है, जिससे खेत-खलिहान, नदियां और पेड़-पौधे जीवन से भर जाते हैं। इसी कारण इसे हरियाली का उत्सव भी माना गया है।

यहीं नहीं सावन माह 2025 में ग्रह अपनी राशि और दशा में भी परिवर्तन करेंगे, जिसका असर राशियों समेत संसार पर दिखाई देगा। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं, और आपको रूबरू करवाते हैं, सावन माह से जुड़ी ऐसी बातों से जिनके बारे में शायद आपको जानकारी नहीं होगी।

इस साल कब-कब रखा जाएगा सावन सोमवार का व्रत

इस बार श्रावण माह में कुल 4 सोमवार पड़ेंगे. पहला सोमवार का व्रत 14 जुलाई को रखा जाएगा। आइए जानते हैं सावन सोमवार की तिथि के बारे में:

सावन सोमवार सावन सोमवार की तिथि दिन
सावन का पहला सोमवार14 जुलाई 2025सोमवार
सावन का दूसरा सोमवार21 जुलाई 2025सोमवार
सावन का तीसरा सोमवार28 जुलाई 2025 सोमवार
सावन का चौथा सोमवार04 अगस्त 2025सोमवार

सावन मास 2025 में पाएं ग्रह दोष से मुक्ति के उपाय

सावन मास शिवभक्ति का श्रेष्ठ समय माना जाता है। इस माह में किए गए उपाय बहुत शीघ्र फल देने वाले होते हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रह दोष हैं जैसे शनि दोष, राहु-केतु दोष, मंगल दोष या पितृ दोष आदि तो सावन के पावन महीने में कुछ विशेष उपाय करके इनसे मुक्ति पाई जा सकती है।

शनि दोष के लिए

हर शनिवार को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। इसके अलावा, काले तिल का दान करें और काले कपड़े में उड़द की दाल बांधकर शनिदेव को अर्पित करें।

राहु-केतु दोष के लिए

हर सोमवार को शिवलिंग पर काले तिल, जल और दुग्ध से अभिषेक करें। ॐ रां राहवे नमः तथा “ॐ कें केतवे नमः मंत्र का जाप करें।

मंगल दोष के लिए

मंगलवार को हनुमान को सिंदूर चढ़ाएं और ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः मंत्र का जाप करें। शिवलिंग पर लाल फूल और चंदन चढ़ाएं।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

पितृ दोष के लिए

पितृ दोष से मुक्ति के लिए सावन में हर सोमवार को शिवलिंग पर जल,दूध, काले तिल और अक्षत चढ़ाएं। अपने पितरों के नाम से किसी गरीब या ब्राह्मण को भोजन कराएं।

सावन माह में दान का महत्व

सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और यह मास भक्ति, उपवास, जप-तप और दान के लिए विशेष माना जाता है। पुराणों और धर्मग्रंथों में कहा गया है कि सावन में श्रद्धा और भक्ति के साथ किया गया दान हजार गुना फल देने वाला होता है। इस पावन मास में दान करने से केवल पुण्य ही नहीं मिलता, बल्कि व्यक्ति के जीवन से दरिद्रता, रोग, दोष और बाधाएं भी दूर होती हैं। आइए जानते हैं सावन माह में दान का महत्व और किन चीज़ों का दान करना चाहिए।

  • जल दान करें क्योंकि प्यासे को पानी पिलाना पुण्यदायी माना गया है।
  • अनाज और फल का दान करें। ऐसा करने से कभी अन्न की कमी नहीं होती।
  • वस्त्र दान करें। विशेषकर सफेद वस्त्र या धोती ब्राह्मण या गरीब को देना शुभ होता है।
  • ताम्रपात्र व पंचामृत दान करें ऐसा करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है।
  • इस माह में ब्राह्मणों को दक्षिणा देना और गौ सेवा से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

सावन माह में क्या करें क्या न करें

सावन मास भगवान शिव को समर्पित होता है और इस पूरे महीने को भक्ति, साधना, सयंम और शुद्ध आचरण के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस माह में कुछ ऐसे नियम हैं, जिन्हें पालन करना विशेष पुण्यदायी होता है, वहीं कुछ कार्य वर्जित माने गए हैं, जिनसे बचना चाहिए।

क्या करें

  • भगवान शिव की नियमित पूजा करें और जल, बेलपत्र, धतूरा, भस्म, पंचामृत से अभिषेक करें।
  • इस दौरान ॐ नमः शिवाय मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें।
  • सावन के सोमवार का व्रत रखें।
  • सत्संग, कथा-श्रवण व शिव महापुराण का पाठ करें।
  • अन्न, वस्त्र, जल, गौ सेवा का दान करें। इस माह में ब्राह्मण भोज कराना शुभ होता है।
  • शिव मंदिर जाकर दर्शन करें, खासकर सोमवार को।

क्या न करें

  • लहसुन-प्याज व मांस-मदिरा का सेवन न करें क्योंकि यह मास सात्विक आहार और शुद्ध जीवनशैली के लिए होता है।
  • झूठ, छल-कपट, ईर्ष्या और क्रोध से दूर रहें, यह पाप के भागी बनाता है।
  • शिवलिंग पर तुलसी न चढ़ाएं – यह निषेध है।
  • नाखून, बाल आदि सोमवार को न कटवाएं – अशुभ माना जाता है।
  • दूध से स्नान करते समय या अभिषेक करते समय लोहे के पात्र का उपयोग न करें।
  • सोमवार के दिन विवाह या शुभ कार्य शुरू न करें – परंपरा अनुसार यह वर्जित होता है।
  • काले कपड़े पहनने से बचें, सफेद या हल्के रंग शुभ माने जाते हैं।
  • शिवजी को शंख से जल न चढ़ाएं, यह निषिद्ध होता है।

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सावन में इन मंत्रों का करें जाप

शेष मास भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे श्रेष्ठ और पावन समय होता है। इस महीने में शिव जी की कृपा पाने के लिए मंत्र जाप को विशेष रूप से फलदायक माना गया है। माना जाता है कि इस माह में श्रद्धा से किए गए मंत्र  जाप से पापों का नाश होता है, ग्रह दोष शांत होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती है। आइए जानते हैं इन मंत्रों के बारे में:

  • ॐ नमः शिवाय इस मंत्र का कम से कम 108 बार रोज़ करें।
  • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥ इस मंत्र का 11, 21 या 108 बार प्रतिदिन करें।
  • ॐ शिवाय नमः
  • ॐ हौं जूं सः
  • ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे

मंत्र का जाप कैसे करें?

  • सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके जाप करें।
  • रुद्राक्ष की माला से जाप करना विशेष फलदायक होता है।
  • शांत मन से, एकाग्र होकर और श्रद्धा पूर्वक मंत्रों का उच्चारण करें। 
  • जाप के समय शिवलिंग पर जल, बेलपत्र का पुष्प अर्पण करें।

सावन माह में शिव पूजा का महत्व

हिंदू धर्म में सावन माह को भगवान शिव की भक्ति के लिए सबसे पावन और शुभ माना गया है। यह महीना शिव भक्तों के लिए विशेष आस्था और श्रद्धा का प्रतीक होता है। मान्यता है कि इसी मास में भगवान शिव ने समुद्र मंथन के समय विष का पान किया था और संपूर्ण सृष्टि की रक्षा की थी। इसलिए, सावन माह में शिव पूजा करने से व्यक्ति को विष जैसे कष्टों से मुक्ति मिलती है।

इस मास में भगवान शिव को जल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, दूध, शहद और सफेद फूल अर्पित किए जाते हैं। खासकर सावन के सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा वर या वधू, दांपत्य सुख और संतान प्राप्त का आशीर्वाद मिलता है। यह मास आत्मशुद्धि, संयम और साधना का प्रतीक है। कहा जाता है कि इस दौरान शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से ग्रह दोषों से मुक्ति, मनोकामना पूर्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

सावन में शिव की उपासना से व्यक्ति के जीवन की नकारात्मकता समाप्त होती है और घर में सुख- समृद्धि का वास होता है। यही कारण है कि यह महीना भगवान भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए अत्यंत फलदायी और पूजनीय माना गया है।

सावन माह में भगवान शिव की कृपा पाने के लिए राशि अनुसार विशेष उपाय

मेष राशि

मेष राशि के जातकों को शिवलिंग पर मसूर की दाल चढ़ाना चाहिए और साथ ही, ॐ महाकालाय नमः का जाप करें। ऐसा करने से क्रोध, दुर्घटनाओं और मंगल दोष से मुक्ति मिलती है।

वृषभ राशि

गाय के दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें और साथ ही, ॐ नमः शिवाय का जाप करें। ऐसा करने से पारिवारिक सुख और मानसिक शांति मिलती है।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों को इस दिन भगवान विष्णु को हरे रंग का वस्त्र चढ़ाना चाहिए। साथ ही, ॐ सोमेश्वराय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। 

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों को इस माह के दौरान चांदी का नाग शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए और ॐ चंद्रेश्वराय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से चंद्र दोष, भावुकता और अस्थिर मन से मुक्ति मिलती है।

सिंह राशि

लाल फूल शिव को अर्पित करें, साथ ही ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से मान-सम्मान में वृद्धि और करियर में ग्रोथ मिलता है।

कन्या राशि

तुलसी दल अर्पित करें और “ॐ नमो भगवते रूद्राय” का जाप करें। ऐसा करने से, रोग और बुद्धि दोष से मुक्ति मिलती है।

तुला राशि

सफेद वस्त्र और चावल शिवलिंग पर चढ़ाएं। “ॐ शंकराय नमः” का जाप करें। ऐसा करने से, वैवाहिक जीवन में मधुरता और आर्थिक लाभ की प्राप्ति होती है।

वृश्चिक राशि

काले तिल और जल से अभिषेक करें। “ॐ कालभैरवाय नमः” मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से शनि और राहु के प्रभाव से मुक्ति मिलती है।

धनु राशि

हल्दी मिश्रित जल से शिवलिंग पर अभिषेक करें। “ॐ बृहस्पतये नमः” का जाप करें। ऐसा करने से, शिक्षा, धर्म और गुरु कृपा प्राप्त होगी।

मकर राशि

भस्म और जौ से पूजा करें। “ॐ महादेवाय नमः” का जाप करें। ऐसा करने से शनि दोष दूर होता है और मानसिक बल बढ़ता है।

कुंभ राशि

नीले फूल चढ़ाएं और “ॐ शिवाय शंकराय नमः” का जाप करें। ऐसा करने से राहु-केतु दोष और आकस्मिक हानि से बचाव।

मीन राशि

केसर मिश्रित जल से शिवलिंग पर अभिषेक करें और “ॐ नीलकंठाय नमः” का जाप करें। ऐसा करने से, आध्यात्मिक उन्नति और मन की शांति प्राप्त होती है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. 2025 में सावन कब से शुरू होगा?

इस बार सावन के महीने की शुरुआत 11 जुलाई से होगी और यह महीना 9 अगस्त को खत्म होगा।

2. रक्षा बंधन कौन से महीने में आता है?

रक्षाबंधन सावन के महीने में आता है।

3. शिवरात्रि 2025 में कब है?

23 जुलाई को सावन शिवरात्रि मनाई जाएगी।

बुध की राशि में मंगल का प्रवेश, इन 3 राशि वालों को मिलेगा पैसा-प्‍यार और शोहरत!

बुध की राशि में मंगल का प्रवेश, इन 3 राशि वालों को मिलेगा पैसा-प्‍यार और शोहरत!

28 जुलाई, 2025 को मंगल ग्रह बुध की राशि कन्‍या में गोचर करने जा रहे हैं। इस राशि में मंगल 13 सितंबर तक रहने वाले हैं। वैदिक ज्‍योतिष में मंगल ग्रह को सेनापति की उपाधि दी गई है। इसके अलावा वह रक्‍त, युद्ध, विवाद और बिजली जैसे क्षेत्रों के भी कारक हैं।

मंगल को अग्नि तत्‍व वाला ग्रह माना गया है और अब मंगल कन्‍या राशि में प्रवेश कर रहे हैं जो कि पृथ्‍वी तत्‍व की राशि है। यह नकारात्‍मक नहीं है लेकिन मंगल ग्रह पर शनि की दृष्टि पड़ने की वजह से प्रभाव अधिक तीव्र हो सकते हैं। मंगल के कन्‍या राशि में गोचर करने के दौरान भूकंप या प्राकृतिक आपदाएं आने का भय है। हालांकि, कुछ राशियों के जातकों के लिए मंगल का यह गोचर अनुकूल रहने वाला है।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके 

एस्‍ट्रोसेज के इस विशेष ब्‍लॉग में हम आपको उन्‍हीं राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्‍हें मंगल के इस गोचर के दौरान लाभ मिलने की संभावना है।

इन राशियों की खुल जाएगी किस्‍मत

मेष राशि

मेष राशि के लग्न या राशि के स्वामी मंगल ग्रह हैं और अब वह आपके आठवें भाव के भी स्वामी हैं। वर्तमान में मंगल ग्रह आपके छठे भाव में गोचर कर रहे हैं। छठे भाव में मंगल के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। आप  कोई मूल्यवान वस्तु और लग्जरी चीज़ें आदि खरीद सकते हैं। आपको धन से संबंधिम मामलों में भी अच्‍छे परिणाम मिलने की उम्‍मीद है। इस दौरान आपको कोई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या परेशान नहीं करेगी। आप अपने शत्रुओं को परास्‍त एवं विरोधियों को हरा सकते हैं। समाज में आपका मान-सम्‍मान बढ़ेगा। शनि की स्थिति के कारण आपको किसी से भी विवाद करने से बचना चाहिए। अपने शत्रुओं को कमजोर समझने की गलती न करें। आप अपने दोस्‍तों को नमकीन चीज़ें खिलाएं।

मेष साप्ताहिक राशिफल

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल ग्रह को शुभ माना जाता है। यह इसके लिए योगकारक ग्रह भी हैं। कन्‍या राशि में गोचर करने के दौरान मंगल आपके तीसरे भाव में रहेंगे जिसे अच्‍छा परिणाम देने वाला माना जाता है। इस समय आपको बड़ा धन लाभ होने के संकेत हैं। आपके अटके हुए काम पूरे हो सकते हैं। यात्रा या ट्रैवल से संबंधित क्षेत्रों में कमा करने वाले लोगों को मुनाफा होने की उम्‍मीद है। संतान की ओर से भी अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। मंगल पर शनि की दृष्टि होने की वजह से आपको संतान और प्रेम संबंध के मामले में थोड़ी गंभीर रहने की जरूरत है। थोड़ी सावधानी बरतकर आप इस समय को अपने लिए और ज्‍यादा अनुकूल एवं लाभकारी बना सकते हैं। इस समयावधि में मंगल आपको प्रतिस्पर्धात्मक कामों में आगे लेकर जाएगा। आपको कहीं से शुभ समाचार मिल सकता है और आप प्रसन्‍न महसूस करेंगे। आपको क्रोध न करने की सलाह दी जाती है।

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वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के लग्न और छठे भाव के स्वामी मंगल ग्रह हैं। अब वर्तमान में मंगल आपके लाभ भाव में रहेंगे। इस भाव में मंगल की उपस्थिति को अच्‍छा माना जाता है। मंगल के शुभ प्रभाव के कारण आपकी आमदनी में वृद्धि होने के संकेत हैं। व्‍यापारियों को भी बड़ा मुनाफा कमाने का मौका मिल सकता है। सेहत को लेकर भी कोई परेशानी नहीं आएगी। जमीन-जायदाद से जुड़े मामलों में भी शुभ परिणाम मिलने के संकेत हैं। आपको अपने भाई-बहनों का सहयोग मिल सकता है। आपको अपने सभी प्रयासों में सफलता मिलेगी एवं आप अपने शत्रुओं पर भी विजय प्राप्‍त कर सकते हैं। आप शिवलिंग का दूध से अभिषेक करें। 

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

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कुंडली में मंगल के कमजोर होने के संकेत

जिन लोगों की कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर होता है, उन्‍हें निम्‍न संकेत या लक्षण दिख सकते हैं:

  • इनके अंदर आत्‍मविश्‍वास की कमी हो सकती है जिससे इन्‍हें निर्णय लेने में झिझक महसूस हो सकती है।
  • इनके शरीर में ऊर्जा की कमी रहती है और ये हमेशा थका हुआ महसूस करते हैं।
  • इन्‍हें बात-बात पर या बेवजह गुस्‍सा आ सकता है।
  • इनके विवाह में देरी हो सकती है या फिर वैवाहिक जीवन में कलह रहती है।
  • मंगल के कमजोर होने पर हाई या लो ब्‍लड प्रेशर की शिकायत रहती है।

मंगल ग्रह को मजबूत करने के सरल ज्‍योतिषीय उपाय

य‍दि आप अपनी जन्‍मकुंडली में मंगल ग्रह को मजबूत करना चाहते हैं या उससे अच्‍छे परिणाम पाना चाहते हैं, तो आगे बताए गए उपाय कर सकते हैं:

  • मंगल को मजबूत करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी को आम का भोग जरूर लगाएं।
  • इसके अलावा मंगलवार के दिन केले का दान करने से भी मंगल को बल मिलता है।
  • कुंडली में मंगल को मजबूत करने के लिए मंगलवार के दिन व्रत किया जा सकता है। इससे मंगल दोष से भी मुक्‍ति मिलती है।
  • मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करें।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न 1. मंगल की कौन सी दो राशियां हैं?

उत्तर. वृश्चिक राशि और मेष राशि।

प्रश्‍न 2. जुलाई में मंगल किस राशि में गोचर कर रहे हैं?

उत्तर. मंगल कन्‍या राशि में गोचर करेंगे।

प्रश्‍न 3. शुक्र को खुश करने के लिए क्‍या करें?

उत्तर. शुक्र के मंत्रों का जाप करें।

साल 2025 में कब मनाया जाएगा ज्ञान और श्रद्धा का पर्व गुरु पूर्णिमा? जानें दान-स्नान का शुभ मुहूर्त!

साल 2025 में कब मनाया जाएगा ज्ञान और श्रद्धा का पर्व गुरु पूर्णिमा? जानें दान-स्नान का शुभ मुहूर्त!

गुरु पूर्णिमा 2025: सनातन धर्म में गुरुओं को विशेष स्थान प्राप्त है क्योंकि मनुष्य जीवन से अज्ञानता का अंधकार गुरु ही दूर करते हैं। साथ ही, इंसान को जीवन में सही मार्ग पर लेकर जाते हैं। इसी क्रम में, हर साल गुरु पूर्णिमा का पर्व बेहद आस्था और धूमधाम से मनाया जाता है जो भारतीय संस्कृति और परंपराओं का अभिन्न अंग है। गुरु पूर्णिमा को आषाढ़ी पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, गुरु पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा कहते हैं। गुरु पूर्णिमा एक ऐसा दिन होता है जब शिष्यों द्वारा गुरु का पूजन करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। हर माह में आने वाली पूर्णिमा का अपना महत्व होता है, लेकिन यह पूर्णिमा गुरुओं को समर्पित होने के कारण बहुत शुभ मानी जाती है। 

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गुरु पूर्णिमा का दिन कई मायनों में बेहद ख़ास होता है क्योंकि इस अवसर पर शिष्य अपने गुरुओं के प्रति आदर और सम्मान प्रकट करते हैं। साथ ही, महाभारत के रचयिता और भगवान विष्णु के अंश माने जाने वाले महर्षि वेदव्यास की पूजा-अर्चना भी की जाती है। एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष लेख के माध्यम से हम जानेंगे गुरु पूर्णिमा 2025 की तिथि, महत्व, शुभ मुहूर्त और भी बहुत कुछ। आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं गुरु पूर्णिमा की तिथि और समय पर।

गुरु पूर्णिमा 2025 : तिथि और समय

गुरु पूर्णिमा को गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह में मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, गुरु पूर्णिमा का पर्व हर साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा पर मनाया जाता है जो सामान्य रूप से जून-जुलाई में आता है। इस साल 10 जुलाई 2025 को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी और यह तिथि दान-पुण्य और गुरुओं को दक्षिणा देने के लिए श्रेष्ठ होती है। चलिए अब जानते हैं गुरु पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त पर। 

गुरु पूर्णिमा की तिथि: 10 जुलाई 2025, गुरुवार

पूर्णिमा तिथि का आरंभ: 10 जुलाई 2025 की रात 01 बजकर 39 मिनट से,

पूर्णिमा तिथि की समाप्ति: 11 जुलाई 2025 की रात 02 बजकर 08 मिनट तक। 

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गुरु का अर्थ और प्रकार 

सबसे पहले बात करेंगे गुरु पूर्णिमा के अर्थ की, तो गुरु दो शब्दों से मिलकर बना है “गु” का अर्थ अज्ञान और ‘रु” का संबंध दूर करने या हटाने से है। सरल शब्दों में कहें तो, गुरु वह व्यक्ति होता है जो हमारे जीवन से अज्ञानता के अंधकार को दूर करते हैं और हमें ज्ञान के मार्ग पर लेकर जाते हैं। शिष्य के जीवन में सकारात्मकता का संचार करते हैं और उन्नति प्राप्त करने में सहायता करते हैं। हालांकि, गुरु दो प्रकार के होते हैं पहला शिक्षा गुरु और दूसरा दीक्षा गुरु। शिक्षा गुरु शिक्षित करता है जबकि दीक्षा गुरु शिष्य के भीतर व्याप्त गुणों को निकालकर उसे जीवन में सत्य के पथ पर लेकर जाता है। 

गुरु पूर्णिमा का धार्मिक महत्व 

गुरु पूर्णिमा का पर्व प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है और इस त्योहार को महर्षि वेदव्यास के जन्मदिन के अवसर पर मनाने की परंपरा है। जैसे कि हम सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में गुरु का दर्जा भगवान से ऊंचा माना गया है क्योंकि गुरु ही होता है जो अपने शिष्य को ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग दिखाता है। हमारे धर्म में गुरुओं को स्थान कितना ख़ास है, वह इस श्लोक से ही पता चलता है: गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः, गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः।   इस श्लोक का अर्थ है कि गुरु ही विष्णु हैं, गुरु ही शिव हैं और गुरु ही ब्रह्मा हैं, उन सद्गुरु को हमारा प्रणाम।

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गुरु पूर्णिमा के दिन किया गया दान-पुण्य, व्रत और पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती  है। इस दिन शिष्य गुरु के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उनके संकल्पों का पालन करने का प्रण लेते हैं। गुरु पूर्णिमा पर प्रत्येक शिष्य अपने गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनके पास जाता है और उनकी चरण वंदना करके उन्हें दक्षिणा देते हैं। यह दिन केवल शिक्षित करने वाले गुरुओं को नहीं बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में आपका मार्गदर्शन करने वाले गुरु को समर्पित होता है। गुरु पूर्णिमा पर मंत्र लेने की परंपरा है और इस मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति आध्यात्मिक प्रगति और मानसिक शांति प्राप्त करता है।

गुरु पूर्णिमा पर महर्षि वेदव्यास पूजा का महत्व

महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास की पूजा के बिना गुरु पूर्णिमा का पर्व अधूरा माना जाता है क्योंकि इन्हें संसार के प्रथम गुरु का दर्जा प्राप्त है। आषाढ़ माह की पूर्णिमा को वेदव्यास जयंती के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा कहा जाता है। इन्हें जगत के पालनहार का ही स्वरूप माना जाता है। व्यास जी द्वारा चारों वेदों की रचना की गई है  धार्मिक मान्यता के अनुसार, महर्षि वेदव्यास ने चारों वेदों का संकलन किया था जिनकी उत्पत्ति साक्षात ब्रह्मा जी के मुख से हुई थी। ऋषि वेदव्यास ने चारों वेदों के अलावा कई पुराणों की भी की रचना की है। 

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गुरु पूर्णिमा पर स्नान का महत्व 

धार्मिक दृष्टि से दान-स्नान का अत्यंत महत्व होता है, विशेष रूप से गुरु पूर्णिमा के दिन। ऐसा कहा जाता है कि इस तिथि पर गंगा नदी या फिर किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि ऐसा करना आपके लिए संभव न हो, तो आप घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। गुरु पूर्णिमा पर किए गए पवित्र नदियों के जल से स्नान व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि लेकर आता है और भाग्य का साथ मिलता है। साथ ही, ऐसे मनुष्य को कभी भी धन की समस्या परेशान नहीं करती है। गुरु पूर्णिमा पर किसी गरीब या ब्राह्मण को पीले रंग के वस्त्र और मिठाई देने से जीवन में उत्पन्न सभी समस्याओं का अंत हो जाता है। 

गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि 

  • गुरु पूर्णिमा पर जातक को सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि कार्यों से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए।
  • इसके बाद, पूजास्थल की साफ़-सफ़ाई करें और सभी देवी-देवताओं का गंगाजल से अभिषेक करें। अब इनकी प्रतिमा को हाथ जोड़कर प्रणाम करें और घी का दीपक जलाएं।
  • इसके पश्चात, पूजा स्थान पर या फिर एक चौकी पर अपने गुरु की तस्वीर या चित्र की स्थापना करके उन्हें फल-फूल एवं माला अर्पित करें और भक्तिभाव से उनकी आराधना करें। 
  • गुरु पूर्णिमा पर गुरु पूजन के साथ-साथ भगवान विष्णु और धन की देवी माता लक्ष्मी की भी पूजा करें। 
  • आप अपनी इच्छा अनुसार इस दिन गुरुजन के लिए व्रत भी कर सकते हैं। 
  • इस अवसर पर महर्षि वेदव्यास की पूजा करना भी शुभ माना जाता है और ऐसा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।  
  • पूजा समाप्त होने के बाद आप अपने गुरु के घर जाकर उनके चरण छूकर उनका आशीर्वाद लें। 

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गुरु पूर्णिमा पर ज़रूर करें ये काम

  • गुरु पूर्णिमा के अवसर पर किसी व्यक्ति को केसर या चंदन का तिलक करें। ऐसा करने से गुरु ग्रह कुंडली में मज़बूत होते हैं। 
  • घर में सुख-शांति और समृद्धि के लिए श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करें। 
  • अगर आप गुरुमुख नहीं हैं, तो आपको शंकराचार्य महाराज, भगवान शिव और दत्तात्रेय, वेदव्यास जी की तस्वीर के सामने घी का दीपक जलाकर फूल चढ़ाने चाहिए।
  • इस दिन घर में धूप या चंदन की अगरबत्ती जलानी चाहिए। साथ ही, पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना गया है।
  • गुरु पूर्णिमा पर विष्णु जी की कृपा पाने के लिए पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं। 

गुरु पूर्णिमा की कथा 

गुरु पूर्णिमा से जुड़ी मान्यता है कि आषाढ़ माह की पूर्णिमा पर महाभारत और वेदों के रचयिता वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। एक बार व्यास जी ने बचपन में अपने माता-पिता से भगवान के दर्शन की इच्छा प्रकट की, परंतु उनकी माता सत्यवती ने अपने पुत्र की इस इच्छा को पूरा करने से इंकार कर दिया। लेकिन व्यास जी के जिद करने पर माता ने उन्हें वन जाने की इजाज़त दे दी और उनसे कहा कि घर की याद आने पर लौट आना।

इसके पश्चात वेदव्यास जी वन जाकर कठोर तपस्या करने लगे और इस तप के प्रभाव से उन्हें संस्कृत भाषा का ज्ञान प्राप्त हो गया। इसके बाद, महर्षि ने वेदों के साथ-साथ अठारह पुराण, महाभारत और ब्रह्मसूत्र की रचना की। महर्षि वेदव्यास को चारों वेदों का ज्ञान था और इनके प्रति आदर व आभार प्रकट करने के लिए हर साल व्यास जी के जन्मदिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। 

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गुरु पूर्णिमा पर गुरु कृपा पाने के लिए करें ये उपाय 

  • गुरु ग्रह की कृपा पाने के लिए भगवान विष्णु की गुरु पूर्णिमा पर पूजा करें और उन्हें पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें।
  • करियर में प्रगति हासिल करने के लिए गुरु पूर्णिमा पर अपनी किताब के पहले पेज पर रोली से स्वस्तिक बनाएं। इसके बाद, पुस्तक पर अपनी इच्छा लिखकर किताब को माँ सरस्वती के पास रख दें।
  • गुरु पूर्णिमा पर गुरु यंत्र की स्थापना करने से आपके सौभाग्य में वृद्धि होती है। 
  • जिन छात्रों को पढ़ाई में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें गुरु पूर्णिमा के दिन गीता का पाठ और गाय की सेवा करनी चाहिए।
  • गुरु पूर्णिमा के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को पीला अनाज जैसे कि तुअर दाल और पीली मिठाई का दान करना चाहिए।     

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. गुरु पूर्णिमा 2025 में कब है?

इस साल गुरु पूर्णिमा का पर्व 10 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा। 

2. गुरु पूर्णिमा के दिन किसकी पूजा करनी चाहिए?

गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु, विष्णु जी और महर्षि वेदव्यास जी की पूजा की जाती है। 

3. आषाढ़ पूर्णिमा कब है 2025 में? 

आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत इस साल 10 जुलाई 2025 को रखा जाएगा। 

मंगल का कन्‍या राशि में गोचर, इन राशि वालों पर टूट सकता है मुसीबतों का पहाड़!

मंगल का कन्‍या राशि में गोचर, इन राशि वालों पर टूट सकता है मुसीबतों का पहाड़!

ज्‍योतिषशास्‍त्र में मंगल ग्रह को सेनापति की उपाधि दी गई है। मंगल को भूमि का कारक भी कहा जाता है। मंगल हर 45 दिनों में एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं और अब 28 जुलाई को भी मंगल का एक गोचर होने जा रहा है। सेनापति होने के साथ-साथ मंगल ग्रह रक्‍त, मज्‍जा, लड़ाई-झगड़े और युद्ध एवं बिजली के भी कारक हैं। तकनीकी क्षेत्र पर भी मंगल का प्रभाव देखने को मिलता है।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके 

एस्‍ट्रोसेज द्वारा इस ब्‍लॉग में बताया गया है कि मंगल 28 जुलाई, 2025 को किस राशि, किस तिथि एवं समय पर गोचर करने जा रहे हैं। इसके साथ ही मंगल के गोचर करने का आपके जीवन पर भी सकारात्‍मक और नकारात्‍मक दोनों तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा। इस ब्‍लॉग के ज़रिए हम आपको उन राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्‍हें मंगल के इस गोचर से दुष्‍प्रभाव मिलने के संकेत हैं।

तो चलिए अब बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि मंगल का गोचर कब होने जा रहा है।

कब होगा मंगल का गोचर

मंगल ग्रह, 28 जुलाई 2025 को शाम 07 बजकर 02 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश कर रहे हैं। मंगल ग्रह यहां पर 13 सितंबर 2025 तक रहने वाले हैं। इस बार मंगल बुध की राशि कन्‍या में गोचर कर रहे हैं। आगे जानिए कि मंगल के कन्‍या राशि में आने पर किन राशि वाले जातकों को सावधान रहने की जरूरत है।

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मंगल के गोचर से किसे रहना होगा सावधान

वृषभ राशि

वृषभ राशि के सातवें तथा द्वादश भाव के स्वामी मंगल ग्रह हैं। इस बार मंगल आपके पंचम भाव में गोचर कर रहे हैं। इस भाव में मंगल का गोचर अच्‍छा नहीं माना जाता है। इस समय आपको अपने प्रेम संबंध और दोस्‍तों को लेकर किसी भी तरह का कोई जोखिम नहीं उठाना चाहिए। छात्रों को अधिक मन लगाकर पढ़ाई करने की जरूरत है। इस समयावधि में विद्यार्थियों की अपने साथी छात्रों से किसी बात पर विवाद होने का डर है। उनका ध्‍यान अपने लक्ष्‍य से भटक सकता है आपको अपने खानपान पर ध्‍यान देने की सलाह दी जाती है। अपनी संतान के साथ अपने रिश्‍ते को बेहतर बनाने का प्रयास करें। आप नीम की जड़ में जल अर्पित करें।

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

मिथुन राशि

मिथुन राशि के छठे तथा लाभ भाव के स्वामी मंगल ग्रह हैं। अब वर्तमान में मंगल आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार चौथे भाव में मंगल के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है, ऊपर से मंगल ग्रह पर शनि की दृष्टि रहेगी। ऐसे में इस गोचर के दौरान मिथुन राशि वालों की घर-गृहस्थी में परेशानियां आ सकती हैं। इस दौरान आपको अत्‍यंत सावधान रहने की सलाह दी जाती है। आपका अपने प्रियजनों से किसी बात पर झगड़ा हो सकता है। जिन लोगों को हार्ट या सीने से संबंधित कोई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या है, आपको उसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। प्रॉपर्टी से जुड़े मसलों को टाल देना ही बेहतर होगा। अपनी मां के साथ सकारात्‍मक संबंध बनाकर रखें। यदि आपकी मां का स्‍वास्‍थ्‍य ठीक नहीं है, तो आप उनका अच्‍छे से इलाज करवाएं और समय पर दवा दें। आप बरगद की जड़ों पर मीठा दूध चढ़ाएं।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

सिंह राशि

सिंह राशि के चौथे और भाग्‍य भाव के स्‍वामी मंगल ग्रह हैं। यहां पर मंगल योगकारक भी हैं। वैसे तो सिंह राशि के लिए मंगल को अच्‍छा ग्रह माना गया है लेकिन मंगल का दूसरा भाव में होना अच्‍छा नहीं माना जात है। इस दौरान आपके जीवन में कोई बड़ी नकारात्‍मकता देखने को तो नहीं मिलेगी लेकिन शनि मंगल का दूसरे भाव पर संयुक्‍त प्रभाव होने के कारण आपको पारिवारिक जीवन में अशांति का सामना करना पड़ सकता है। आप लोगों से सौम्‍यता से बात करें। अपनी कीमती चीज़ों को संभालकर रखें क्‍योंकि उनके चोरी होने का डर है। स्‍वस्‍थ रहने के लिए अपने खानपान पर भी ध्‍यान दें। छात्रों को मन पर संयम रखने की सलाह दी जाती है। आप रोज़ हनुमान चालीसा का पाठ करें।

सिंह साप्ताहिक राशिफल

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

कन्या राशि

कन्या राशि के तीसरे तथा आठवें भाव के स्वामी मंगल हैं। अब वर्तमान में मंगल आपके पहले भाव में गोचर कर रहे हैं। पहले भाव में मंगल के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता। ऊपर से शनि के प्रभाव के चलते मंगल की नकारात्मकता अपेक्षाकृत और अधिक बढ़ सकती है। इस समय कन्‍या राशि के लोगों को वाहन चलाते समय सावधानी बरतनी चाहिए। आप ज्‍यादा चटपटा खाना खाने से बचें। किसी पर भी गुस्‍सा न करें और खुद को शांत रखने का प्रयास करें। आपको अपने वैवाहिक जीवन में भी संभलकर रहने की सलाह दी जाती है। आप अपने जीवनसाथी के साथ अपने तालमेल को बेहतर बनाने की कोशिश करें।

कन्या साप्ताहिक राशिफल

तुला राशि

तुला राशि के दूसरे और सातवें भाव के स्वामी मंगल ग्रह हैं। इस बार मंगल आपके द्वादश भाव में गोचर कर रहे हैं। इस भाव में मंगल के गोचर को अनुकूल परिणाम देने वाला नहीं माना गया है। इस समय आपके खर्चों के बढ़ने की आशंका है। यह समय आपके पारिवारिक और आर्थिक जीवन दोनों के लिए ही अनुकूल नहीं है। सप्तम भाव के स्‍वामी का द्वादश भाव में जाना शादीशुदा जिंदगी के लिए ठीक नहीं है। अगर आप विदेश से संबंधित कोई काम कर रहे हैं या आप विदेश में रहकर ही काम कर रहे हैं तो आपको अपने काम में सावधानी बरतने की जरूरत है। आप ज्‍यादा तनाव लेने से बचें वरना आपकी सेहत बिगड़ सकती हैं। गलत कार्यों से भी खुद को दूर रखें। आप हनुमान जी को लाल रंग की मिठाई चढ़ाएं।

तुला साप्ताहिक राशिफल

धनु राशि

धनु राशि के पांचवें तथा द्वादश भाव के स्वामी मंगल ग्रह हैं और वर्तमान में वह आपके दशम भाव में गोचर कर रहे हैं। मंगल के इस गोचर से आपको अधिक सकारात्‍मक परिणाम पाने की उम्‍मीद नहीं करनी चाहिए। धनु राशि के पांचवें तथा द्वादश भाव के स्वामी मंगल ग्रह हैं और वर्तमान में वह आपके दशम भाव में गोचर कर रहे हैं। मंगल के इस गोचर से आपको अधिक सकारात्‍मक परिणाम पाने की उम्‍मीद नहीं करनी चाहिए। आप अपने पारिवारिक जीवन पर भी ध्‍यान दें। अपने करियर और व्‍यवसाय को लेकर किसी भी तरह की कोई लापरवाही न बरतें। आप नि:संतान लोगों की सेवा करें।

धनु साप्ताहिक राशिफल

मकर राशि

मकर राशि के चौथे तथा लाभ भाव के स्वामी मंगल ग्रह हैं जो कि अब आपके भाग्य भाव में गोचर कर रहे हैं। भाग्य भाव में मंगल के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला नहीं माना गया है लेकिन इस गोचर से आपको अधिक प्रतिकूल परिणाम भी प्राप्‍त नहीं होंगे। शनि के प्रभाव के कारण आपको शांत रहना होगा। आपको अपनी संतान के साथ तालमेल बिठाने का प्रयास करना चाहिए। शासन-प्रशासन से जुड़े लोगों को सम्‍मान दें। आपको चोट लगने का डर है इसलिए सावधान रहें। शिवलिंग पर दूध और जल का अभिषेक करें।

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कुंभ राशि

कुंभ राशि के तीसरे और दसवें भाव के स्‍वामी मंगल ग्रह हैं। अब मंगल इस गोचर के दौरान आपके आठवें भाव में रहेंगे। इस भाव में मंगल की उपस्थिति को अनुकूल नहीं माना जाता है। वहीं मंगल के ऊपर शनि की दृष्टि भी रहने वाली है। ऐसे में आपको बहुत ज्‍यादा सावधान रहने की जरूरत है। अपने बिज़नेस में किसी भी तरह की कोई भी लापरवाही करने से बचें। अपने से बड़ों को सम्‍मान दें। अपने भाई-बहनों के साथ अच्‍छे संबंध बनाए रखें। सेहत को बिलकुल भी अनदेखा न करें। डाइट कंट्रोल में रखें और गाड़ी चलाते समय सावधानी बरतें। आग, बिजली या धारदार एवं नुकीली चीज़ों का काम करने वाले लोगों को एक-एक कदम संभलकर रखना है।। आपको गुदा से संबंधित कोई रोग घेर सकता है। इस समय आपको अपनी प्रकृति के अनुरूप ही भोजन करना चाहिए। आप मंदिर में चने की दाल का दान करें।

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मीन राशि

मीन राशि के दूसरे तथा भाग्य भाव के स्वामी मंगल ग्रह हैं जो कि अब आपके सप्तम भाव में गोचर कर रहे हैं। सामान्य तौर पर इस भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है, ऊपर से मंगल पर शनि ग्रह की दृष्टि भी रहेगी। इस दौरान आपको अपने निजी जीवन में समस्‍याएं आने की आशंका है। पति-पत्‍नी के बीच विवाद हो सकता है। आप दोनों एक-दूसरे की भावनाओं का पूरा ख्‍याल रखें। अपने साथी एवं खुद की सेहत को नज़रअंदाज़ न करें। यात्रा करने से बचने में ही समझदारी है। आपको अगर पहले से ही मुंह से संबंधित कोई बीमारी है, तो आप उसकी जांच जरूर करवा लें। खानपान पर ध्‍यान दें और समय पर दवा लें। व्‍यवसाय में किसी भी तरह का कोई भी जोखिम उठाने से बचें। धार्मिक कार्यों पर ध्‍यान दें। कन्‍याओं को मिठाई खिलाएं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्‍न 1. मंगल किस तारीख को गोचर कर रहे हैं?

उत्तर. मंगल ग्रह 28 जुलाई 2025 को कन्या राशि में प्रवेश कर रहे हैं।

प्रश्‍न 2. कन्‍या राशि के लिए कौन सा स्‍टोन पहनना चाहिए?

उत्तर. पन्‍ना स्‍टोन।

प्रश्‍न 3. मंगल को खुश करने के लिए क्‍या करें?

उत्तर. हनुमान जी की उपासना करें।