चंद्रमा की राशि में सूर्य का गोचर, ये राशि वाले हर फील्ड में हो सकते हैं फेल!
ज्योतिषशास्त्र में सूर्य देव को ग्रहों का राजा कहा गया है। सूर्य ग्रह हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं जिससे मानव जीवन में बदलाव आते हैं। सूर्य के गोचर से किसी को तरक्की मिलती है, तो वहीं कुछ लोगों को नकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। अब सूर्य देव 16 जुलाई 2025 की शाम 05 बजकर 17 मिनट पर कर्क राशि में गोचर करने जा रहे हैं।
वैसे तो कर्क राशि चंद्रमा की राशि है और सूर्य एवं चंद्रमा के संबंध सामान्य तौर पर औसत या फिर मित्रवत माने गए हैं। सूर्य के कर्क राशि में गोचर करने से किसी को फायदा होगा, तो वहीं किसी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस ब्लॉग में हम आपको उन राशियों के बारे में बताने जा रहे जिन्हें सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करने पर सावधानी बरतने की आवश्यकता है। तो चलिए अब बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि सूर्य से किसे नुकसान हो सकता है।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
इन राशियों को होगा नुकसान
मेष राशि
मेष राशि के पांचवें भाव के स्वामी सूर्य देव हैं और वर्तमान में अब यह आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस भाव में सूर्य का होना अनुकूल नहीं माना जाता है। आपको इस समय भूमि, भवन, वाहन और घर-गृहस्थी के मामलों में सावधानी बरतनी चाहिए। तनाव की वजह से अक्सर परेशान नज़र आएंगे। अपने माता-पिता के साथ अनुकूल संबंध बनाए रखने की कोशिश करें। परिवार के साथ जमीन-जायदाद को लेकर कोई विवाद न करें। अगर आपको पहले से ही कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो आपको इस समय सावधान रहना चाहिए। आप गरीबों को खाना खिलाएं।
मिथुन राशि के तीसरे भाव के स्वामी सूर्य देव हैं और अब यह आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस भाव में सूर्य के गोचर को अनुकूल नहीं माना गया है। इस समय आपका आत्मविश्वास डगमगा सकता है। सेहत की बात करें, तो आपको आंख या मुंह से संबंधित कोई समस्या होने का भी डर है। पैसों के मामले में किसी भी तरह की कोई लापरवाही न करें। परिवार में किसी भी तरह की बहस से बचने की कोशिश करें। आप मंदिर जाकर नारियल का दान करें।
वृश्चिक राशि वालों के लिए दसवें भाव के स्वामी होकर सूर्य आपके भाग्य भाव में जा रहे हैं। भाग्य भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। आपको इस समय भाग्य के भरोसे नहीं बैठना चाहिए। मेहनत करने पर ही अच्छे परिणाम पाने की अपेक्षा कर सकते हैं। आपको अपने कार्यों में कुछ बाधाएं देखने को मिल सकती हैं। इस सबके बावजूद सकारात्मक रहने का प्रयास करें। अपने भाई-बहनों के साथ अच्छे संबंध बनाकर रखें। रविवार के दिन नमक का उपयोग कम करें।
सूर्य देव धनु राशि के भाग्य भाव के स्वामी हैं और अब सूर्य आपके आठवें भाव में गोचर करने वाले हैं। इस भाव में सूर्य के प्रवेश को अच्छा नहीं माना जाता है। इस दौरान आपको बहुत ज्यादा सावधानी से चलना चाहिए। आंखों से संबंधित कोई समस्या है, तो आपको इस समय अत्यधिक संभलकर रहने की जरूरत है। अपने खानपान पर ध्यान दें वरना नुकसान हो सकता है। शासन-प्रशासन से संबंधित मामलों में जानबूझकर विवाद न करें। आर्थिक मामले में भी सचेत रहें और कोई रिस्क वाला निवेश करने से बचें। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। आप इस समय गुस्सा करने से बचें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. कर्क राशि के स्वामी ग्रह कौन हैं?
उत्तर. इस राशि के स्वामी चंद्रमा हैं।
प्रश्न 2. सूर्य को किसका कारक माना जाता है?
उत्तर. सूर्य आत्मा और पिता के कारक हैं।
प्रश्न 3. सूर्य कर्क राशि में कब आएंगे?
उत्तर. सूर्य देव 16 जुलाई 2025 को कर्क राशि में गोचर करने जा रहे हैं।
गुरु के उदित होने से बजने लगेंगी फिर से शहनाई, मांगलिक कार्यों का होगा आरंभ!
गुरु का मिथुन राशि में उदय: ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति देव को नवग्रहों में प्रमुख माना जाता है जिन्हें सभी नौ ग्रहों में मंत्री का पद प्राप्त है। वहीं, सनातन धर्म में गुरु ग्रह को देवताओं के गुरु कहा जाता है इसलिए यह गुरु के नाम से भी जाने जाते हैं। इस प्रकार, बृहस्पति महाराज को ज्योतिष और हिंदू धर्म दोनों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह शुभ और लाभकारी ग्रह माने जाते हैं इसलिए इनकी चाल, दशा और राशि में होने वाला परिवर्तन संसार सहित देश-दुनिया को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। अब गुरु ग्रह जल्द ही अपनी स्थिति में बदलाव करते हुए मिथुन राशि में उदित होने जा रहे हैं जिसका प्रभाव मनुष्य जीवन पर भी दिखाई दे सकता है।
इसी क्रम में, एस्ट्रोसेज एआई के इस ब्लॉग में आपको “गुरु का मिथुन राशि में उदय” के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी जैसे कि तिथि और समय आदि। शायद ही आप जानते होंगे कि शुभ और लाभकारी ग्रह के रूप में गुरु महाराज हर इंसान के जीवन को गहराई से प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। बता दें कि बृहस्पति ग्रह मिथुन राशि में रहते हुए अस्त हो गए थे और अब इनका उदय होना संसार में और सभी 12 राशि के जातकों के जीवन में अच्छे-बुरे परिणाम लेकर आ सकता है। गुरु देव की उदित अवस्था में कैसे मिलेंगे आपको परिणाम और किन समस्याओं का आपको सामना करना पड़ेगा? इन सबके बारे में हम आगे बात करेंगे, फिलहाल जान लेते हैं गुरु उदित की तिथि और समय।
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गुरु का मिथुन राशि में उदय: तिथि और समय
हम सभी यह बात भली-भांति जानते हैं कि प्रत्येक ग्रह एक निश्चित समय के बाद अपनी राशि में परिवर्तन करता है। इसी प्रकार, गुरु देव एक लंबे समय तक एक राशि में रहते हैं और इसके बाद दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। साथ ही, यह अपनी दशा और स्थिति में भी काफ़ी समय बाद बदलाव करते हैं। बृहस्पति महाराज पिछले एक महीने से मिथुन राशि में अस्त अवस्था में रहने के पश्चात 09 जुलाई 2025 की रात 10 बजकर 50 मिनट पर मिथुन राशि में उदित हो जाएंगे। बता दें कि गुरु ग्रह की उदित अवस्था को बहुत शुभ माना जाता है। आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं उदित अवस्था के बारे में।
मिथुन राशि में गुरु और सूर्य की युति
बृहस्पति महाराज को जहां देवताओं के गुरु और शुभ ग्रह का दर्जा प्राप्त है। वहीं, नवग्रहों में सूर्य देव को “ग्रहों के राजा” माना गया है। ऐसे में, यह दोनों ग्रह जब एक राशि में एक साथ बैठे होते हैं, तो इसे बहुत शुभ कहा जाता है। अब यह दोनों शुभ ग्रह सूर्य और गुरु, बुध देव की राशि मिथुन में विराजमान हैं और यहां युति का निर्माण कर रहे हैं। इसके फलस्वरूप, सूर्य और गुरु ग्रह के संयोजन से जातकों को सकारात्मक परिणाम मिलेंगे, विशेष रूप से सरकार और सरकार से जुड़े लोगों को शुभ फल प्रदान करेंगे। वहीं, आपकी संतान का प्रदर्शन पढ़ाई में शानदार रहेगा।
ज्योतिष की दुनिया में सूर्य देव को छोड़कर हर ग्रह अपनी स्थिति और चाल में बदलाव करते हुए उदय, अस्त, वक्री और मार्गी होता है। इसी क्रम में, उदय का अर्थ जानने से पहले अस्त अवस्था के बारे में जानना आवश्यक होगा। जब कोई ग्रह अपने परिक्रमा पथ पर चलते हुए सूर्य के बेहद नज़दीक चला जाता है, तो वह अस्त हो जाता है और अपनी शक्तियों को खो देता है। ऐसे में, वह पूरी क्षमता से फल नहीं दे पाता है।
गुरु ग्रह तक़रीबन 30 दिन मिथुन राशि में अस्त रहने के बाद 09 जुलाई 2026 को सूर्य से एक निश्चित दूरी पर आने के बाद उदित हो जाएंगे। इसके परिणामस्वरूप, वह पुनः अपनी शक्तियों को प्राप्त कर लेंगे और विश्व समेत सभी राशियों को पूरी क्षमता से परिणाम देने लगेंगे।
शुभ कार्यों की होगी शुरुआत
हिंदू धर्म में शुभ और मांगलिक कार्यों को शुभ मुहूर्त में करने का विधान है, खासतौर पर विवाह को। आपको बता दें कि विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए गुरु ग्रह की स्थिति देखी जाती है। जब यह अस्त अवस्था में होते हैं, तो हर तरह के शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है और इसे ही “तारा डूबना” भी कहा जाता है। अब गुरु ग्रह के पुनः उदित होने पर शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों का आरंभ हो जाएगा। चलिए आपको अवगत करवाते हैं मनुष्य जीवन में गुरु ग्रह का प्रभाव।
मनुष्य जीवन पर गुरु ग्रह का प्रभाव
मानव जीवन को बृहस्पति देव अत्यधिक प्रभावित करते हैं, कैसे? आइए जानते हैं।
अगर किसी जातक की कुंडली में गुरु महाराज लग्न भाव में विराजमान होते हैं, तो वह व्यक्ति बहुत भाग्यशाली होता है। साथ ही, इनके प्रभाव से जातक का व्यक्तित्व आकर्षक बनता है।
बृहस्पति देव का प्रभाव व्यक्ति को धार्मिक प्रवृत्ति का बनाता है और उसकी रुचि धार्मिक कार्यों में बढ़ने लगती है।
ऐसा जातक घूमने-फिरने का शौकीन होता है और साथ ही, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए उत्साहित रहता है।
जैसे कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि गुरु देव को शुभ और लाभकारी ग्रह माना जाता है। इसी प्रकार, इनकी दृष्टि भी बेहद शुभ मानी गई है जो वृद्धि को दर्शाती है।
इस अवधि में गुरु दक्षिणा के रूप में गुरु को दी गई वस्तु और धन आदि की बृहस्पति ग्रह कई गुना करके आपको वापस करते हैं।
धर्म स्थान के कारक ग्रह हैं बृहस्पति महाराज और ऐसे में, धर्म-कर्म के कार्यों को लेकर किए गए दान से धन कभी कम नहीं होता है, बल्कि इनकी धन-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है।
अब हम आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं ज्योतिष में गुरु ग्रह का महत्व
गुरु ग्रह का ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिष की दुनिया में गुरु ग्रह को राशि चक्र की 12 राशियों में धनु और मीन राशि का स्वामित्व प्राप्त है।
बृहस्पति महाराज की उच्च राशि कर्क होती है और यह मकर राशि में नीच अवस्था में होते हैं।
बात करें दृष्टि की, तो गुरु देव को पांचवीं, सातवीं और नौवीं दृष्टि पर स्वामित्व प्राप्त हैं।
यह मनुष्य जीवन में शिक्षा, धन, ज्ञान, शिक्षा, संतान और बड़े भाई के कारक ग्रह माने जाते हैं।
वहीं, सभी 27 नक्षत्रों में विशाखा, पूर्वाभाद्रपद और पुनर्वसु नक्षत्रों के स्वामी बृहस्पति देव हैं।
कालपुरुष कुंडली में गुरु महाराज बारहवें और नौवें भाव को नियंत्रित करते हैं।
जिन जातकों की कुंडली में गुरु महाराज धन भाव में बैठे होते हैं, वह व्यक्ति बहुत धनवान और अमीर होता है।
गुरु ग्रह आपके पांचवें भाव में उपस्थित होने पर या फिर पांचवें भाव पर दृष्टि होने पर जातक को उच्च शिक्षा और अच्छी संतान का आशीर्वाद देते हैं।
कुंडली में गुरु की कमज़ोर स्थिति कैसे आपके जीवन पर प्रभाव डालती है, आइए जानते हैं।
कमज़ोर गुरु का जीवन पर प्रभाव
जिन लोगों की कुंडली में गुरु महाराज अशुभ स्थिति में होते हैं, उन्हें धन कमाने की राह में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
बृहस्पति देव के दुर्बल होने पर जातक को कमज़ोर याददाश्त, पेट से जुड़े रोग, किडनी, कान, गला और आंख से संबंधित रोग परेशान कर सकते हैं।
ज्ञान के कारक ग्रह होने के नाते गुरु देव के निर्बल होने पर जातक का ध्यान पढ़ाई से भटक जाता है और कई कोशिश के बाद भी उसका मन पढ़ाई में नहीं लगता है।
गुरु ग्रह भाग्य के कारक ग्रह भी हैं और इनके कुंडली में कमज़ोर होने पर व्यक्ति को अपने कार्यों में समस्याओं से जूझना पड़ता है। साथ ही, आपको अपने भाग्य का साथ नहीं मिलता है।
बृहस्पति देव की दुर्बल अवस्था के कारण जातक का प्रमोशन अटक जाता है, व्यापार बंद की कगार पर पहुँच जाता है और मान-सम्मान में भी कमी आती है।
गुरु का मिथुन राशि में उदय के दौरान ज़रूर करें ये उपाय
कुंडली में गुरु ग्रह को मज़बूत करने के लिए जातक हर गुरुवार नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाकर स्नान करें। साथ ही, इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
बृहस्पति देव से शुभ परिणामों की प्राप्ति के लिए गुरुवार का व्रत करें और गुरु ग्रह की उपासना करें। आपके लिए ‘ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः’ मंत्र का 3 या 5 माला जाप करना फलदायी रहेगा।
जिन लोगों की कुंडली में गुरु देव अशुभ होते हैं, उन्हें गुरु ग्रह के बीज मंत्र ‘ऊँ बृं बृहस्पतये नम:’ का 108 बार जाप करना चाहिए।
अगर आप गुरु ग्रह से सकारात्मक परिणाम पाना चाहते हैं, तो आप इनका रत्न पुखराज या फिर उपरत्न सुनेला भी धारण कर सकते हैं। लेकिन ऐसा करने से पहले आपको किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है।
गुरु महाराज को बलवान करने के लिए आप बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें और अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीब एवं जरूरतमंदों की सहायता करें।
संभव हो, तो पीले रंग की वस्तुओं जैसे केला, हल्दी, केसर, पीतल और पीले वस्त्र आदि का दान करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
गुरु का मिथुन राशि में उदय कब होगा?
बृहस्पति देव 09 जुलाई 2025 को मिथुन राशि में उदित हो जाएंगे।
मिथुन राशि का स्वामी कौन है?
राशि चक्र की तीसरी राशि मिथुन के स्वामी बुध देव हैं।
गुरु ग्रह को मज़बूत करने के लिए क्या करें?
बृहस्पति देव को मज़बूत करने के लिए गुरुवार का व्रत करें और पीले वस्त्र धारण करें।
सूर्य का कर्क राशि में गोचर: सभी 12 राशियों और देश-दुनिया पर क्या पड़ेगा असर?
एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको सूर्य का कर्क राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि सूर्य के गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को सूर्य के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस ब्लॉग में सूर्य ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।
बता दें कि सूर्य 16 जुलाई 2025 की रात 10 बजकर 50 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। आइए जानते हैं कि सूर्य के इस गोचर का प्रभाव दुनिया भर की घटनाओं और 12 राशियों पर कैसे पड़ेगा।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य हमारे आत्मबल, ऊर्जा, नेतृत्व, पिता तुल्य व्यक्ति, सेहत, रचनात्मक और आत्म जागरूकता का प्रतीक होता है। सूर्य को आत्मा का कारक भी माना गया है। ये हमें सिखाता है कि कैसे अपने अंदर के अहंकार को पीछे छोड़कर असली स्व को जानें और जीवन में एक नया उजाला लाएं।
कर्क राशि में सूर्य: विशेषताएँ
जब सूर्य कर्क राशि में होता है, तो यह समय भावनात्मक रूप से गहराई से जुड़ने और अपनों की परवाह करने का होता है। इस दौरान लोग ज्यादा संवेदनशील, सहानुभूति रखने वाले और दूसरों की देखभाल करने वाले बन जाते हैं। ऐसे लोग अपने परिवार और घर से बहुत गहराई से जुड़े होते हैं और उन्हें भावनात्मक स्थिरता व सुकून की बेहद जरूरत होती है। यह गोचर हमें सुरक्षा और अपनापन महसूस करने वाली चीज़ों पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करता है। यह समय पुराने पारिवारिक मुद्दों या बचपन के घावों को समझने और उनसे उबरने के लिए अनुकूल होता है। साथ ही, यह मौका होता है कि हम अपने पारिवारिक रिश्तों को और मजबूत बनाएं, चाहे वे खून के रिश्ते हों या दिल से जुड़े हुए।
चूंकि इस दौरान भावनाएं तेज होती है, इसलिए कभी-कभी यह भावनात्मक उतार-चढ़ाव का दौर भी साबित हो सकता है। ऐसे में, सबसे बेहतर उपाय यही है कि हम खुद को वक्त दें, मी टाइम बिताएं और आत्म-देखभाल पर ध्यान दें ताकि मानसिक संतुलन बना रहे।
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सूर्य का कर्क राशि में गोचर: इन राशियों को होगा लाभ
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए सूर्य का कर्क राशि में गोचर आपकी कुंडली के चौथे भाव में हो रहा है, जो कि पांचवें भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के प्रभाव से आपको मानसिक और पारिवारिक सुख में वृद्धि महसूस हो सकती है। करियर की बात करें, तो यह समय आपको काम से संतुष्टि देगा और आप अपने कार्यों में अधिक मन लगाएंगे।
ऑफिस या कार्यस्थल पर आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। व्यवसाय के क्षेत्र में, आप अधिक उत्पादन कर पाएंगे और मुनाफे में वृद्धि की संभावना है। यदि आप प्रॉपर्टी या किराए से जुड़ा कोई काम करते हैं तो इस समय आपको अच्छा आर्थिक लाभ मिल सकता है।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए सूर्य आपके लिए माता, सुख-सुविधा और विलासिता के स्वामी हैं और यह आपके तीसरे भाव (साहस, छोटे भाई-बहन और पड़ोस) में गोचर कर रहे हैं। इस गोचर के प्रभाव से आप पारिवारिक घूमने-फिरने की योजनाएं बना सकते हैं या अपने परिवार के साथ छोटी यात्राएं कर सकते हैं।
करियर की दृष्टि से आप अपनी स्थिति को बेहतर बनाने पर ध्यान देंगे और कार्यक्षेत्र में अधिक सक्रिय रहेंगे। आपके आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि हो सकती है, जिससे आपको अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। व्यापार के क्षेत्र में, यात्रा और आउटसोर्सिंग से लाभ की संभावना रहेगी। जो लोग ट्रैवल, कम्युनिकेशन या मीडिया से जुड़े हैं, उन्हें विशेष लाभ मिल सकता है। वित्तीय रूप से, आपकी कमाई सामान्य से बेहतर हो सकती है और धन संचय की प्रवृत्ति भी बढ़ेगी। यह समय संपत्ति या सेविंग्स बढ़ाने के लिए अच्छा है।
मिथुन राशि वालों के लिए सूर्य तीसरे भाव (पराक्रम, साहस, भाई-बहनों) के स्वामी हैं और अब यह कर्क राशि में गोचर करते हुए आपके दूसरे भाव धन, वाणी और परिवार) में प्रवेश करेंगे। इस गोचर के प्रभाव से आपके करियर में प्रगति के संकेत हैं और भाग्य का भी अच्छा साथ मिल सकता है।
करियर के क्षेत्र में, यदि आप नौकरी करते हैं, तो आपकी मेहनत, योजना बनाने की क्षमता और राजनीतिक सोच आपको अच्छा परिणाम दिला सकती है। पदोन्नति या नई जिम्मेदारी मिल सकती है। व्यापार में, आपकी योजनाबद्ध सोच और दूरदर्शिता से मुनाफा मिलने की संभावना है। विशेषकर यात्रा और आउटसोर्सिंग से जुड़े व्यवसाय में लाभ मिल सकता है। व्यापार के सिलसिले से छोटी-छोटी यात्राएं सफल हो सकती हैं।
वित्तीय दृष्टि से, आपकी आमदनी में बढ़ोतरी हो सकती है, खासकर यात्रा या बाहरी संसाधनों के माध्यम से। साथ ही पारिवारिक संपत्ति से भी लाभ मिलने की संभावना है।
तुला राशि
तुला राशि के लिए सूर्य का गोचर दसवें भाव में होगा और सूर्य आपके ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के प्रभाव से आपको विदेशी स्रोतों से लाभ मिलने की प्रबल संभावना है। करियर के क्षेत्र में यह समय आपके लिए शुभ संकेत लाएगा। विदेश में नौकरी पाने या अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स पर काम करने के अच्छे अवसर मिल सकते हैं। यदि आप किसी मल्टीनेशनल कंपनी में हैं, तो तरक्की के आसार भी बन सकते हैं।
व्यवसाय के मामले में, इस समय आपको अपने बिज़नेस पार्टनर का पूरा सहयोग मिल सकता है, जिससे आपके मुनाफे में इजाफा होगा। नई डील्स या जॉइंट वेंचर से लाभ की संभावना रहेगी। रिश्तों के लिहाज से, जीवनसाथी या प्रेमी के साथ आपके संबंध मजबूत रहेंगे। आपसी सहयोग और समझदारी से रिश्ते में स्थायित्व बना रहेगा। वित्तीय दृष्टि से, शेयर बाजार, निवेश या आउटसोर्सिंग से आपको अच्छा धन लाभ हो सकता है। आपकी आय में वृद्धि के योग हैं।
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सूर्य का गोचर आपके नौवें भाव में होगा। सूर्य आपके दसवें भाव के स्वामी हैं। करियर के लिहाज से, आप अपनी नौकरी को लेकर पहले से ज्यादा सजग रह सकते हैं और वर्तमान पद पर अच्छी प्रगति कर सकते हैं। साथ ही, यह समय नई नौकरियों या पदोन्नति के अवसर भी ला सकता है, खासकर यदि आप विदेश में काम करने या उच्च पद की आकांक्षा रखते हैं। व्यवसाय के क्षेत्र में, भाग्य का साथ मिल सकता है।
व्यापार में अचानक लाभ होने के योग बन रहे हैं। आपके आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता के कारण मुनाफा और संतोष दोनों प्राप्त हो सकते हैं। वित्तीय दृष्टिकोण से, यह समय थोड़ा मिश्रित रह सकता है। एक ओर आपको आय के कई स्रोत मिल सकते हैं, वहीं दूसरी ओर खर्चे भी बढ़ सकते हैं। कुछ स्थितियों में आप धन तो कमा लेंगे, लेकिन उससे पूर्ण संतुष्टि नहीं मिल पाएगी।
सूर्य का कर्क राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए सूर्य आठवें भाव में गोचर करेंगे। सूर्य आपके नौवें भाव के स्वामी हैं। यह गोचर कुछ चुनौतियां और अचानक परिवर्तन लेकर आ सकता है। व्यवसाय और करियर के लिहाज़ से, यह समय थोड़ा तनावपूर्ण हो सकता है। कार्यस्थल पर दबाव अधिक महसूस हो सकता है, जिससे मन में असंतोष बना रह सकता है। यदि आप व्यवसाय करते हैं, तो इस समय आपको नुकसान या अवसरों की कमी जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है, विशेषकर यदि यात्रा से जुड़ा कोई कार्य हो।
वित्तीय दृष्टिकोण से, अचानक धन हानि या गलत फैसलों से नुकसान की संभावना है। विशेष रूप से यात्रा के दौरान सावधानी बरतनी जरूरी है क्योंकि लापरवाही आर्थिक नुकसान का कारण बन सकती है। इस समय जोखिम से जुड़े निवेश से दूर रहना बेहतर रहेगा।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य छठे भाव में गोचर करेंगे और यह आपके सातवें भाव विवाह, जीवनसाथी, साझेदारी, व्यापार) के स्वामी हैं। यह गोचर आपके लिए कुछ मानसिक तनाव और पारिवारिक उलझनों का संकेत देता है। व्यक्तिगत जीवन में, जीवनसाथी या परिवार के सदस्यों के साथ तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो सकती है। छोटी-छोटी बातों को लेकर मतभेद बढ़ सकते हैं, जिससे रिश्तों में खटास आ सकती है।
करियर के लिहाज से, कार्यस्थल पर दबाव अधिक रह सकता है और तरक्की की गति धीमी हो सकती है। तनाव और असंतोष के चलते नौकरी बदलने का विचार भी आ सकता है। व्यवसाय क्षेत्र में, साझेदारियों में तालमेल बिगड़ सकता है और व्यापार के परिणाम औसत रह सकते हैं। यह समय किसी भी नए निवेश या साझेदारी से बचने की सलाह देता है। वित्तीय दृष्टिकोण से खर्चों में वृद्धि हो सकती है, जिससे बजट बिगड़ सकता है। कुछ लोग इस दौरान लोन लेने पर भी विचार कर सकते हैं, लेकिन ऐसा करना आपकी बचक पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है।
सूर्य देव को चुटकी भर सिंदूर और गुड़ डालकर जल चढ़ाएं।
प्रतिदिन सुबह स्नान के बाद आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
जरूरतमंदों को भोजन और कपड़े दान करने जैसे दयालुता के कार्य करें।
प्रतिदिन 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें।
मांसाहार और शराब का सेवन करने से बचें।
अपने पिता और गुरुओं या अन्य गुरुओं का सम्मान करें।
सूर्य का कर्क राशि में गोचर: विश्वव्यापी प्रभाव
राजनीति और सरकार
भारत सरकार के प्रवक्ता और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अन्य राजनेता सोच-समझकर बात करते नज़र आएंगे।
राजनीति में नए चेहरे उभरकर सामने आएंगे,जो लोग अब तक पीछे थे वे अब प्रमुख भूमिकाएं निभा सकते हैं।
सरकारें समस्याओं का समाधान बुद्धिमानी और समझदारी से करेंगी।
मीडिया, पत्रकारिता और परामर्श/शिक्षण
मीडिया, पत्रकारिता, शिक्षा, फाइनेंस, हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में उछाल आएगा। भारत सहित दुनियाभर में इन क्षेत्रों में काम और अवसर बढ़ेंगे।
पर्यटन और यात्रा उद्योग में तेजी आएगी। देश-विदेश में घूमने-फिरने वालों की संख्या में अचानक वृद्धि देखने को मिलेगी।
अनुवादकों, वक्ताओं और मोटिवेशनल स्पीकर्स को लाभ मिलेगा। इनकी मांग और प्रसिद्धि दोनों बढ़ सकती है।
मार्केटिंग, कम्युनिकेशन और रचनात्मक अभिव्यक्ति से जुड़े क्षेत्रों में ग्रोथ होगी।
काउंसलिंग, नर्सिंग और सेवा से जुड़े प्रोफेशन में अच्छा प्रदर्शन होगा।
शिक्षक, लेखक और शिक्षा से जुड़े लोग तेजी से आगे बढ़ेंगे।
सूर्य का कर्क राशि में गोचर: नई फ़िल्मों पर प्रभाव
फिल्म रिलीज
स्टार कास्ट
तिथि
राख
जॉन अब्राहम, मनोज बाजपेयी
19 जुलाई 2025
सन ऑफ सरदार 2
अजय देवगन, मृणाल ठाकुर
25 जुलाई 2025
परम सुंदरी
सिद्धार्थ मल्होत्रा, जान्हवी कपूर
25 जुलाई 2025
वार 2
ऋतिक रोशन
15 अगस्त 2025
सूर्य का कर्क राशि में गोचर: शेयर बाजार रिपोर्ट
8 जुलाई से 14 जुलाई के बीच सूर्य के प्रभाव से शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है।
रेणुका शुगर, जेके सीमेंट, जिंदल वर्ल्डवाइड, बिरलासॉफ्ट, इंडस टॉवर, हिताची एनर्जी, आरती ड्रग्स, पीवीआर और अन्य व्यवसायों के शेयरों में लाभदायक निवेश किया जा सकता है।
जुलाई के तीसरे सप्ताह में, मोटर, स्टील, बैंकिंग, दूरसंचार, मशीनरी, सीमेंट, कॉफी, कंप्यूटर और रसायन सहित कई उद्योगों में शेयर की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
औद्योगिक फर्म के शेयरों में निवेश भविष्य में उच्च रिटर्न प्रदान कर सकता है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
सूर्य किस राशि में नीच का हो जाता है?
तुला राशि में
कर्क राशि का स्वामी कौन है?
चंद्रमा
कालपुरुष कुंडली में सूर्य किस भाव पर शासन करता है?
पांचवां भाव
जुलाई के इस सप्ताह से शुरू हो जाएगा सावन का महीना, नोट कर लें सावन सोमवार की तिथियां!
एस्ट्रोसेज एआई साप्ताहिक राशिफल का यह ब्लॉग अपने पाठकों के लिए लेकर आया है जिसके अंतर्गत आपको इस सप्ताह से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही, जुलाई 2025 के इस पहले सप्ताह को लेकर आपके मन में उठने वाले सवालों के जवाब भी आपको मिलेंगे जैसे कि यह सप्ताह किन राशियों के लिए रहेगा भाग्यशाली? क्या नौकरी में मिलेगा प्रमोशन या करना होगा इंतज़ार? प्रेम जीवन रहेगा मिठास से भरा या फिर समस्याओं की होगी भरमार? जीवनसाथी का मिलेगा साथ या रिश्ते में आएंगे उतार-चढ़ाव? आर्थिक जीवन में होगा लाभ या उठाना पड़ेगा नुकसान? साथ ही, आपको नकारात्मक ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए सरल एवं अचूक उपाय भी प्रदान करेंगे ताकि आप इस सप्ताह को बेहतर बना सकें।
बता दें कि साप्ताहिक राशिफल के इस विशेष ब्लॉग को हमारे विद्वान एवं अनुभवी ज्योतिषियों द्वारा ग्रहों-नक्षत्रों की गणना करने के बाद तैयार किया गया है जो कि पूरी तरह से वैदिक ज्योतिष पर आधारित है। 07 जुलाई से 13 जुलाई 2025 के बीच पड़ने वाले ग्रहों के गोचर, ग्रहण, प्रमुख पर्वों एवं व्रतों की जानकारी आपको प्राप्त होगी। सिर्फ़ इतना ही नहीं, इस सप्ताह किन मशहूर हस्तियों का जन्मदिन आता है, इस बारे में भी हम आपको बताएंगे। तो आइए बिना देर किए शुरुआत करते हैं इस लेख की और जानते हैं जुलाई के इस पहले सप्ताह के बारे में सब कुछ।
इस सप्ताह के हिंदू पंचांग की गणना और ज्योतिषीय तथ्य
सबसे पहले हम बात करेंगे इस सप्ताह के हिंदू पंचांगकी,तो जुलाई 2025 के पहले सप्ताह काआगाज़अनुराधा नक्षत्र के अंतर्गत शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि यानी कि 07 जुलाई 2025 को होगा जबकि इस हफ़्ते का समापन धनिष्ठा नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि यानी कि 13 जुलाई 2025 को हो जाएगा। हालांकि, यह सप्ताह बेहद ख़ास रहेगा क्योंकि इस दौरान भगवान शिव का प्रिय महीना सावन शुरू होगा। इस हफ़्ते कब से शुरू होगा सावन और कब-कब किए जाएंगे सावन सोमवार व्रत? इस बारे में आगे विस्तार से बात करेंगे, लेकिन उससे पहले जान लेते हैं इस सप्ताह के व्रत-त्योहार की तिथियां।
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इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहार
वर्तमान समय में हर इंसान अपनी भागदौड़ भरी ज़िंदगी में इतना व्यस्त हो गया है कि उसे अपने खानपान का भी ध्यान नहीं रहता है। ऐसे में, व्रत-त्योहारों की तिथियां याद रख पाना मुश्किल हो जाता है और अक्सर वह उन्हें भूल जाता है। ऐसा कुछ आपके साथ न हो, इसलिए हम यहाँ आपको 07 से 13 जुलाई के बीच पड़ने वाले पर्वों की सही तिथियां नीचे प्रदान कर रहे हैं ताकि आप हर त्योहार को अपनों के साथ ख़ुशी-ख़ुशी मना सकें।
प्रदोष व्रत (शुक्ल) (8 जुलाई 2025, मंगलवार): हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है जो हर माह की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है। यह व्रत महीने में दो बार आता है और जब यह व्रत सोमवार, मंगलवार तथा शनिवार के दिन पड़ता है, तब इसका महत्व बढ़ होता है। बता दें कि सोमवार पर पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत, मंगलवार पर पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत और शनिवार के प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा विधिपूर्वक करने से जातक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
गुरु पूर्णिमा (10 जुलाई 2025, गुरुवार): गुरु पूर्णिमा का पर्व प्रत्येक वर्षआषाढ़ माह की पूर्णिमा पर बेहद धूमधाम और आस्था से मनाया जाता है। यह दिन गुरुओं को समर्पित होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वेदों, महाभारत और पुराणों के रचयिता महर्षि वेदव्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा पर हुआ था इसलिए इस दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर शिष्य अपने गुरु के प्रति आदर-सम्मान प्रकट करते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं।
आषाढ़ पूर्णिमा व्रत (10 जुलाई 2025, गुरुवार): पूर्णिमा तिथि को हिन्दू धर्म में विशेष माना जाता है और एक साल में कुल 12 पूर्णिमा तिथि आती है। इनमें से एक है आषाढ़ पूर्णिमा जो आषाढ़ माह में आती है और इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। प्रत्येक पूर्णिमा की तरह आषाढ़ पूर्णिमा पर भी दान-स्नान के साथ-साथ धार्मिक कार्य करना शुभ माना जाता है। यह तिथि भगवान विष्णु की पूजा के लिए बहुत शुभ होती है।
हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन में खुशियाँ और आशा की नई किरण लेकर आयेंगे।
हम भली-भांति जानते हैं कि सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना होता है। यह माह भोलेबाबा को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है। इस साल सावन का महीना 11 जुलाई 2025, शुक्रवार से शुरू होकर 09 अगस्त 2025, शनिवार को समाप्त होगा।
सावन में शिव जी की पूजा करना कल्याणकारी होता है और इस मास में किया गया दान-पुण्य और व्रत का फल कई गुना मिलता है। कहते हैं कि इस महीने शिवलिंग पर जल, दूध, गंगाजल और बेलपत्र अर्पित करने से महादेव की कृपा प्राप्त होती है। आइए अब हम नज़र डालते हैं सावन सोमवार की व्रत तिथियों पर।
सावन सोमवार व्रत 2025 की तिथियां
सावन का महीना भगवान शिव को प्रिय है और सोमवार का दिन भोलेबाबा को समर्पित होता है। ऐसे में, सावन माह में आने वाले सोमवार को शिव जी की पूजा और व्रत करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस माह में पड़ने वाले हर सोमवार पर सावन सोमवार का व्रत किया जाता है, विशेष रूप से कुंवारी कन्याओं के द्वारा। मान्यता है कि कुंवारी कन्याओं को सावन सोमवार का व्रत करने से मनचाहे व्रत की प्राप्ति होती है जबकि विवाहित महिलाओं को पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है। तो चलिए जानते हैं सावन 2025 में कब-कब किया जाएगा सावन सोमवार का व्रत।
व्रतों-पर्वों से आपको रूबरू करवाने के बाद हम बात करेंगे इस सप्ताह के ग्रहण और गोचर की, तो बता दें कि ज्योतिष में ग्रहों के गोचर और इनकी स्थिति में बदलाव को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इनका सीधा असर मनुष्य जीवन के साथ-साथ संसार पर भी पड़ता है। ठीक इसी तरह का प्रभाव ग्रहण का भी विश्व पर नज़र आता है। ऐसे में, आपके लिए ग्रहण और ग्रहों के गोचर की जानकारी होना आवश्यक हो जाता है। इसी क्रम में, इस सप्ताह दो ग्रह अपनी स्थिति में बदलाव करेंगे करेगा और कोई ग्रह गोचर नहीं करेगा।
गुरु का मिथुन राशि में उदय (09 जुलाई 2025): ज्योतिष में गुरु देव को शुभ ग्रह का दर्जा प्राप्त है जो ज्ञान और शुभ कार्यों के कारक माने गए हैं। अब यह 09 जुलाई 2025 की रात 10 बजकर 50 मिनट पर मिथुन राशि में अपनी अस्त अवस्था से बाहर आते हुए उदित होने जा रहे हैं जिसका प्रभाव संसार पर दिखाई दे सकता है।
शनि मीन राशि में वक्री (13 जुलाई 2025): शनि देव को न्याय के देवता कहा जाता है जो लोगों को उनके अच्छे-बुरे कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। अब यह 13 जुलाई 2025 की सुबह 07 बजकर 24 मिनट पर मीन राशि में वक्री होने जा रहे हैं।
नोट: जुलाई 2025 के इस सप्ताह में कोई ग्रहण नहीं लगेगा।
इस सप्ताह में पड़ने वाले बैंक अवकाश
अगर आपको भी हर दूसरे दिन बैंक से काम पड़ता रहता है, तो हमारा यह सेक्शन आपके लिए है जहाँ हम आपको 07 जुलाई से 13 जुलाई, 2025 के दौरान पड़ने वाले बैंक अवकाशों की सूची प्रदान कर रहे हैं जो कि इस प्रकार है:
तिथि
दिन
पर्व
राज्य
13 जुलाई 2025
रविवार
शहीद दिवस
जम्मू कश्मीर
13 जुलाई 2025
रविवार
भानू जयंती
सिक्किम
अब हम आपको इस सप्ताह के शुभ मुहूर्तों के बारे में बताने जा रहे हैं।
07 जुलाई से 13 जुलाई, 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त
जुलाई के इस सप्ताह में विवाह का कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।
07 जुलाई से 13 जुलाई, 2025 में नामकरण के शुभ मुहूर्त
अगर आप जुलाई के इस हफ़्ते अपनी संतान का नामकरण संस्कार करने के लिए शुभ मुहूर्त देख रहे हैं, तो आपको बता दें कि इस सप्ताह में आप नीचे दी गई तिथियों पर यह संस्कार संपन्न कर सकते हैं।
तिथि
मुहूर्त
07 जुलाई 2025, सोमवार
05:28:57 से 25:12:39
11 जुलाई 2025, शुक्रवार
05:56:56 से 29:30:48
07 जुलाई से 13 जुलाई, 2025 में कर्णवेध के शुभ मुहूर्त
जो माता-पिता अपनी संतान का कर्णवेध संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त की तलाश में हैं, तो यहाँ हम आपको इस सप्ताह कर्णवेध संस्कार करने के लिए शुभ तिथियां प्रदान कर रहे हैं।
07 जुलाई 2025: महेंद्र सिंह धोनी, देवदत्त पडिक्कल, जोर्जा फॉक्स
08 जुलाई 2025: डेवोन कॉनवे, विवान अरोड़ा, वाईएस राजशेखर रेड्डी
09 जुलाई 2025: रिचर्ड विल्सन, संगीता बिजलानी, ओ जे सिम्पसन
10 जुलाई 2025: पर्ल वी पुरी, आलोक नाथ, लोर्ना कपूर
11 जुलाई 2025: पारस छाबड़ा, श्लोका मेहता, सुरेश प्रभाकर प्रभु
12 जुलाई 2025: रेचल ब्रोसनाहन, कैंटिका अबीगैल, सुभाष देसाई
13 जुलाई 2025: गुलेरेमो ओको, फाफ डु प्लेसिस, बारबरा डेविस
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एस्ट्रोसेज इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। यदि आप अपने पसंदीदा सितारे की जन्म कुंडली देखना चाहते हैं तो आप यहां पर क्लिक कर सकते हैं।
साप्ताहिक राशिफल 07 जुलाई से 13 जुलाई 2025
यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें: चंद्र राशि कैलकुलेटर
मेष साप्ताहिक राशिफल
इस सप्ताह आपको विशेष रूप से शराब या अन्य नशीले पदार्थ का सेवन करने से…..(विस्तार से पढ़ें)
मेष प्रेम राशिफल
ये सप्ताह प्रेम संबंधों के लिए ख़ासा बेहतरीन रहेगा, परंतु आपको इ….(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ साप्ताहिक राशिफल
इस वर्ष आपका स्वास्थ्य सामान्य से बेहतर रहेगा, जिसके कारण आप तरोताज़ा….(विस्तार से पढ़ें)
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मिथुन प्रेम राशिफल
इस सप्ताह पब्लिक जगहों पर किसी के साथ भी छेड़खानी करने से बचें, अन्यथा….(विस्तार से पढ़ें)
कर्क साप्ताहिक राशिफल
इस राशि के वो बुजुर्ग जातक, जो पिछले समय से जोड़ों में दर्द की समस्या या ….(विस्तार से पढ़ें)
कर्क प्रेम राशिफल
प्रेम संबंधों के लिए ये सप्ताह, अच्छा परिणाम देने वाला साबित होगा। क्योंकि ….(विस्तार से पढ़ें)
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सिंह साप्ताहिक राशिफल
इस सप्ताह आपके स्वभाव में अपने स्वास्थ्य को लेकर, थोड़ी अधिक….(विस्तार से पढ़ें)
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कन्या साप्ताहिक राशिफल
जीवन में किसी प्रकार की असुविधा, आपकी मानसिक शांति को ख़राब कर सकती….(विस्तार से पढ़ें)
कन्या प्रेम राशिफल
इस सप्ताह अपने प्रेमी प्रेमिका को रिझाने के लिए आप कई स्वांग….(विस्तार से पढ़ें)
तुला साप्ताहिक राशिफल
मुमकिन है कि इस सप्ताह आपको, अपने किसी अंग मे दर्द …..(विस्तार से पढ़ें)
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
जुलाई 2025 में गुरु पूर्णिमा कब है?
गुरु पूर्णिमा का पर्व 10 जुलाई 2025, गुरुवार को मनाया जाएगा।
जुलाई 2025 में विवाह के मुहूर्त कब-कब हैं?
जुलाई के माह में विवाह का कोई मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।
07 से 13 जुलाई के दौरान गुरु कब उदित होंगे?
इस सप्ताह गुरु देव मिथुन राशि में 09 जुलाई 2025 को उदित होंगे।
क्यों है देवशयनी एकादशी 2025 का दिन विशेष? जानिए व्रत, पूजा और महत्व
सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है और इनमें भी देवशयनी एकादशी का स्थान सर्वोच्च माना गया है। यह एकादशी आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आती है और इसे हरि शयनी एकादशी या योगनिद्रा एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन से ही चातुर्मास का आरंभ होता है, जब भगवान विष्णु क्षीर सागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं और चार महीने तक विश्राम करते हैं। इस दिन व्रत, पूजा और भक्ति से न केवल पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त होता है। यह व्रत व्यक्ति को संयम श्रद्धा और सेवा का पाठ सिखाता है। साथ ही, यह समय आध्यात्मिक साधना, धर्म, व्रत और पुण्य कर्मों का होता है।
एस्ट्रोसेज एआई के इस ब्लॉग में हम देवशयनी 2025 व्रत के बारे में सब कुछ जानेंगे, साथ ही इसके महत्व, व्रत कथा, पूजा विधि और कुछ उपायों के बारे में भी जानेंगे। तो चलिए बिना किसी देरी के अपने ब्लॉग की शुरुआत करते हैं।
कब है देवशयनी एकादशी 2025 का व्रत
वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 05 जुलाई की शाम 07 बजकर 01 मिनट पर होगी और अगले दिन यानी 06 जुलाई को शाम 09 बजकर 17 मिनट पर तिथि खत्म होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय तिथि का खास महत्व है। ऐसे में देवशयनी एकादशी व्रत 06 जुलाई को किया जाएगा। इसी दिन से चातुर्मास की शुरुआत होगी।
आषाढ़ी एकादशी पारण मुहूर्त : 07 जुलाई की सुबह 05 बजकर 28 मिनट से 08 बजकर 15 मिनट तक।
अवधि : 2 घंटे 46 मिनट
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
कब तक रहेगा चातुर्मास
धार्मिक मान्यता के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से भगवान विष्णु क्षीर सागर में शयन करने के लिए जाते हैं। इसी के साथ चातुर्मास की शुरुआत होती है और कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर श्री हरि क्षीर सागर से जागृत होते हैं। इस तिथि पर देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। इस बार चातुर्मास 06 जुलाई से शुरू होगा और 01 नवंबर को समापन होगा।
देवशयनी एकादशी का महत्व
देवशयनी एकादशी का सनातन धर्म में अत्यंत आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु क्षीर सागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं और चार महीने तक विश्राम करते हैं, जिसे चातुर्मास कहा जाता है। यह समय साधना, तपस्या और धार्मिक अनुशासन का प्रतीक है। इस दिन व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को पापों से मुक्ति, कर्मों का शुद्धिकरण और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह दिन उन भक्तों के लिए खास होता है, जो अपनी सांसारिक इच्छाओं से ऊपर उठकर आत्मकल्याण की दिशा में बढ़ना चाहते हैं।
देवशयनी एकादशी से विवाह गृह प्रवेश, मुंडन आदि मांगलिक कार्यों पर भी चार महीनों के लिए विराम लग जाता है। यह काल अध्यात्म, भक्ति और आत्मसंयम के लिए उत्तम माना गया है। इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति का जीवन संतुलित, शांत और पुण्यकारी बनता है।
देवशयनी एकादशी, जिसे आषाढ़ शुक्ल एकादशी भी कहा जाता है, सनातन धर्म में अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह दिन भगवान श्री विष्णु के योगनिद्रा में जाने का प्रतीक होता है और इसी से चातुर्मास की शुरुआत होती है। इस दिन भगवान विष्णु क्षीर सागर में शेषनाग पर शयन करने चले जाते हैं। वे चार महीनों तक निद्रा में रहते हैं और कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते हैं। इस समय को चातुर्मास कहा जाता है। चातुर्मास साधना, उपवास, संयम, सेवा और तपस्या का समय होता है। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, इस एकादशी का व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति की मार्ग प्रशस्त होता है। पद्म पुराण के अनुसार,देवशयनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को वेदाध्ययन, यज्ञ और तीर्थ स्नान जितना पुण्य प्राप्त होता है।
देवशयनी एकादशी व्रत कीपूजा
देवशयनी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भक्त पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु को शयन कराते हैं। आइए जानते हैं देवशयनी एकादशी की पूजा विधि:
दशमी से सात्विक भोजन करें और रात को एक बार ही भोजन करें। रात्रि को ब्रह्मचर्य का पालन करें और मन में भगवान विष्णु का स्मरण करें।
सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और साफ सुथरे कपड़े पहनें। घर के पूजा स्थान को गंगाजल या शुद्ध जल से स्वच्छ करें।
इसके बाद व्रत का संकल्प करें। विष्णु भगवान की मूर्ति या चित्र को जल से स्नान कराएं। उन्हें पीले वस्त्र, फूल, तुलसी दल, चंदन, धूप-दीप अर्पित करें।
विष्णु सहस्रनाम या विष्णु चालीसा, श्री हरि स्तोत्र, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
रात्रि को भगवान की कथा सुनें, भजन-कीर्तन करें।
अगले दिन द्वादशी तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन कराकर और दक्षिणा देकर व्रत का समापन करें।
देवशयनी एकादशी की व्रत कथा बहुत ही पावन और शिक्षाप्रद मानी जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में राजा मान्धाता नामक एक प्रतापी और धर्मनिष्ठ राजा राज्य करते थे। उनके राज्य में प्रजा सुखी और संतुष्ट थी, लेकिन एक बार वहां भयंकर अकाल पड़ गया है। कई वर्षों तक वर्षा न होने से लोग भूख और प्यास से तड़पने लगे। राजा ने अनेक प्रयास किए, यज्ञ करवाए, परंतु कोई लाभ नहीं हुआ। तब वे महर्षि अंगिरा के पास पहुंचे और अपनी चिंता व्यक्त की। महर्षि अंगिरा ने उन्हें आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन देवशयनी एकादशी व्रत रखने सलाह दी। राजा में पूरे विधि-विधान से यह व्रत रखा, रात्रि जागरण किया और भगवान विष्णु की भक्ति में लीन हो गए। इसके फलस्वरूप उनके राज्य से मूसलाधार वर्षा हुई और अकाल समाप्त हो गए।
इस व्रत से न केवल प्राकृतिक आपदाएं दूर होती हैं, बल्कि पापों का नाश भी होता है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है। इस दिन से भगवान विष्णु चार महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं, जिसे चातुर्मास कहते हैं। इसलिए यह एकादशी अत्यंत पुण्यदायी मानी जाती है।
देवशयनी एकादशी के दिन क्या करें और क्या न करें
इस पावन दिन शुभ फल प्राप्त करने और भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए कुछ कार्य करना आवश्यक है, वहीं कुछ बातों से बचना भी चाहिए। आइए जानते हैं इस दिन क्या करें और क्या न करें।
क्या करें
इस दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करें।
जल या फलाहार पर निर्भर रहकर व्रत करें।
तुलसी की पूजा करें और तुलसी दल अर्पण करना अत्यंत पुण्यकारी होता है।
भक्ति भाव से रात्रि जागरण करना पुण्यदायी माना जाता है।
ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें।
क्या न करें
इस दिन चावल या अन्न खाना वर्जित माना गया है।
मन को शांत रखें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
इस दिन मांस-मदिरा का सेवन न करें। इनका सेवन पाप का कारण बनता है।
झूठ न बोलें और सत्य बोलना और पवित्र विचार रखना इस दिन आवश्यक हैं।
इस दिन रात में तुलसी को स्पर्श न करें।
यब व्रत ब्रह्मचर्य का पालन करने की प्रेरणा देता है।
निंदनीय या अपवित्र कार्य न करें, जैसे अपशब्द, चुगली, चोर।
इस दिन राशि अनुसार उपाय करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं राशि अनुसार विशेष उपायों के बारे में:
मेष राशि
इस दिन भगवान विष्णु को लाल चंदन से तिलक करें और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से मानसिक तनाव से मुक्ति और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों को इस दिन गाय को हरा चारा खिलाएं और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। ऐसा करने से पारिवारिक सुख और धन लाभ के योग बनते हैं।
मिथुन राशि
इस दिन मिथुन राशि के जातक पीले पुष्प अर्पित करें और तुलसी के समीप दीपक जलाएं। वाणी में मधुरता और संचार संबंधी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों को इस दिन चावल और दूध का दान करना चाहिए। साथ ही, विष्णु जी को दूध से अभिषेक करें। ऐसा करने से मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति होती है।
सिंह राशि
इस दिन भगवान विष्णु को केसर मिश्रित जल से स्नान कराएं और सूर्य को जल अर्पित करें। ऐसा करने से मान-सम्मान में वृद्धि और नई योजनाओं में सफलता प्राप्त होती है।
इस दिन भूखों को भोजन कराएं और ॐ नारायणाय नमः मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से करियर में सुधार और पारिवारिक तालमेल बना रहता है।
तुला राशि
इस दिन गाय के घी का दीपक जलाएं और विष्णु जी को सफेद फूल अर्पित करें। ऐसा करने से, वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और मानसिक संतुलन बना रहता है।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातक इस दिन जरूरतमंदों को वस्त्र दान करें और विष्णु जी को गुड़ अर्पित करें। ऐसा करने से पुराने रोगों से राहत और रुके कार्यों में गति मिलती है।
धनु राशि
इस दिन पीले वस्त्र धारण करें और किसी मंदिर में केले का दान करें। ऐसा करने से गुरु कृपा प्राप्त होगी और भाग्य में वृद्धि होगी।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों को इस दिन वृद्ध ब्राह्मण को अन्न और दक्षिणा दें। साथ ही, विष्णु चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से कार्यक्षेत्र में स्थिरता प्राप्त होती है और जातक को कर्ज से मुक्ति मिलती है।
कुंभ राशि
इस दिन जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा सामग्री दान करें और विष्णु जी को पंचामृत अर्पित करें। ऐसा करने से शिक्षा व बुद्धि संबंधी कार्यों में सफलता मिलती है।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों को इस दिन जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए और पीतांबर वस्त्र पहनकर पूजा करें। ऐसा करने से आध्यात्मिक उन्नति और पारिवारिक समृद्धि बनी रहती है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. देवशयनी एकादशी 2025 का व्रत कब है?
देवशयनी एकादशी व्रत 06 जुलाई को किया जाएगा।
2. देवशयनी एकादशी क्यों मनाई जाती है?
देवशयनी एकादशी भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है।
3. चार बड़ी एकादशी कौन-कौन सी है?
चार प्रमुख एकादशियाँ हैं: निर्जला एकादशी, मोक्षदा एकादशी, कामिका एकादशी, और देवउठनी एकादशी।
टैरो साप्ताहिक राशिफल (06 जुलाई से 12 जुलाई, 2025): ये सप्ताह इन जातकों के लिए लाएगा बड़ी सौगात!
टैरो साप्ताहिक राशिफल 06 जुलाई से 12 जुलाई 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्योतिषियों का मानना है कि टैरो व्यक्ति की जिंदगी में भविष्यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।
टैरो इस बात पर ध्यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्य के लिए सही विकल्प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्मा से बात करने का मौका देता है।
आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मजाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है। या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं। इन कारणों से या अन्य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।
टैरो की उत्पति 15वीं शताब्दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।
टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्यात्मिक प्रगति को प्राप्त किया जा सकता है। आप कुछ स्तर पर अध्यात्म से, थोड़ा अपनी अंतरात्मा से और थोड़ा अपने अंतर्ज्ञान और आत्म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।
तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि 06 जुलाई से 12 जुलाई, 2025 तक का यह सप्ताह राशि चक्र की सभी 12 राशियों के लिए किस तरह के परिणाम लेकर आएगा?
टैरो साप्ताहिक राशिफल 06 से 12 जुलाई, 2025: राशि अनुसार राशिफल
मेष राशि
प्रेम जीवन: स्ट्रेंथ
आर्थिक जीवन: नाइट ऑफ पेंटाकल्स
करियर: फोर ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: एट स्वॉर्ड्स
जो लोग रिश्ते में हैं, उनके लिए यह कार्ड दर्शाता है कि आपके और आपके पार्टनर के बीच एक गहरा मजबूत संबंध है। इस सप्ताह आप दोनों के बीच आपसी समझ और धैर्य और भी मजबूत होगा। यदि कुछ मतभेद थे, तो अब वह प्रेम और सहनशीलता से हल हो सकते हैं। जो जातक सिंगल है, उनके लिए यह कार्ड संकेत दे रहा है कि आप ऐसे व्यक्ति की ओर आकर्षित हो सकते हैं, जो अंदर से मजबूत हो, भावनात्मक स्थिरता दे और आपको सुरक्षा की भावना प्रदान करें।
आर्थिक जीवन के मामले में नाइट ऑफ पेंटाकल्स दर्शाता है कि आप धैर्यपूर्वक और योजना बनाकर अधिक निर्णय लेंगे। जल्दबाजी या जोखिम भरे निवेश से बचना आपके लिए बेहतर होगा। आप एक मजबूत वित्तीय आधार खड़ा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जो आगे चलकर आपको स्थायित्व देगा।
करियर की बात करें तो, फोर ऑफ पेंटाकल्स बताता है कि आपने हाल ही में अपने करियर में स्थिरता प्राप्त की है, लेकिन फिर भी एक अनजानी चिंता आपको घेरे हुए हो सकती है। जैसे कि अपने पद को खोने का डर या किसी चीज़ पर पकड़ बनाए रखने की कोशिश। यह स्थिति आपको चिंतित या रक्षात्मक बना सकती है। यह जरूरी है कि आप खुद पर भरोसा रखें और इस असुरक्षा को अपने पेशेवर व्यवहार पर हावी न होने दें।
स्वास्थ्य के लिहाज से यह कार्ड संकेत दे रहा है कि आप मानसिक रूप से सीमित या फंसे हुए महसूस कर सकते हैं। यह किसी आत्म-संदेह, चिंता या नकारात्मक सोच का परिणाम हो सकता है। यदि आप किसी शारीरिक परेशानी जैसे आंखों की दिक्कत या मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो यह समय धैर्य और सहायता लेने का है।
भाग्यशाली महीना: मार्च
वृषभ राशि
प्रेम जीवन: द लवर
आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ वैंड्स
करियर: सिक्स ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: हीरोफेंट
द लवर कार्ड दर्शाता है कि आपके जीवन में एक गहरा भावनात्मक जुड़ाव बन रहा है या पहले से मौजूद संबंध और भी मजबूत हो सकते हैं। यदि आप सिंगल हैं, तो यह संकेत है कि कोई अर्थपूर्ण और संतुलित रिश्ता आपके जीवन में प्रवेश कर सकता है। जो लोग पहले से रिश्ते में हैं, उनके लिए यह सप्ताह आपसी समझ, सम्मान और भावनात्मक सामंजस्य को और बेहतर बना सकता है।
आर्थिक जीवन में फाइव ऑफ वैंड्स कार्ड दर्शा रहा है कि वित्त से जुड़े मामलों में यह सप्ताह तनावपूर्ण रह सकते हैं। विवाद या असहमति की स्थिति बन सकती है, जैसे कि बोनस या वेतन वृद्धि का वादा पूरा न होना। हालांकि, यह स्थिति आपके लिए सीखने और समस्याओं को सुलझाने का मौका भी हो सकती है। धैर्य और बुद्धिमानी से काम लेने पर आप इस संघर्ष से बाहर निकल सकते हैं।
इस कार्ड के अनुसार, आपको करियर में सहयोग और समर्थन मिलेगा। यदि आप नए हैं या अभी-अभी जॉब शुरू की है, तो कोई अनुभवी व्यक्ति आपका मार्गदर्शक बन सकता है। बिज़नेस कर रहे लोगों के लिए यह समय सभी आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता और आगे बढ़ने का अच्छा अवसर हो सकता है। इस सहयोग से आप करियर की नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से यह सप्ताह शांति और संतुलन से भरा रहेगा। आप अपने पारंपरिक स्वास्थ्य रूटीन, जैसे कि सादा और पौष्टिक भोजन, योग, प्राणायाम आदि को अपनाएंगे। इस कार्ड से संकेत मिलता है कि नियमितता और अनुशासन आपके अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी बनेगी।
भाग्यशाली महीना: मई
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मिथुन राशि
प्रेम जीवन: थ्री ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: क्वीन ऑफ पेंटाकल्स
करियर: किंग ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: पेज़ऑफ कप्स
मिथुन राशि वालों के लिए यह सप्ताह कई सकारात्मक संकेत लेकर आया है। प्रेम जीवन में थ्री ऑफ कप्स यह दर्शाता है कि रिश्तों में मौज-मस्ती, दोस्ती और सामाजिक मेलजोल का माहौल रहेगा। यह समय पार्टियों, दोस्तों के साथ समय बिताने और खुशी मनाने का हो सकता है, लेकिन गहरी भावनात्मक जुड़ाव की कमी भी हो सकता है। जो जातक सिंगल है, उनके लिए यह कार्य ऐसे व्यक्ति से मिलने का संकेत देता है कि जिससे संबंध की शुरुआत दोस्ती से हो सकती है।
वहीं वित्तीय स्थिति की बात करें तो,क्वीन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड दर्शा रहा है कि आप समझदारी और दूरदर्शिता से धन प्रबंधन कर पा रहे हैं। इस समय मेहनत और सतर्क निवेश से स्थिरता और समृद्धि प्राप्त करेंगे।
करियर के मामले में किंग ऑफ वैंड्स यह संकेत दे रहा है कि आपके अंदर नेतृत्व की क्षमता प्रबल है और समय समय आप किसी उच्च पद नए व्यापार या प्रोजेक्ट की शुरुआत कर सकते हैं। यह समय नवाचार और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का है।
स्वास्थ्य की दृष्टि से पेज़ऑफ कप्स शुभ संकेत दे रहा है। यदि आप किसी इलाज या जांच से गुजर रहे हैं, तो अच्छे परिणाम मिलेंगे। यह कार्ड भावनात्मक रूप से भी शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। गर्भधारण की इच्छा रखने वालों के लिए भी यह अनुकूल समय होगा। कुल मिलाकर जून का सप्ताह मिथुन राशि वालों के लिए भाग्यशाली रहेगा, बशर्ते आप संतुलन और संयम बनाए रखें।
भाग्यशाली महीना: जून
कर्क राशि
प्रेम जीवन: थ्री ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: किंग ऑफ स्वॉर्ड्स
करियर: द वर्ल्ड
स्वास्थ्य: एट ऑफ वैंड्स
प्रेम जीवन के मामले में थ्री ऑफ वैंड्स कार्ड दर्शा रहा है कि आपके रिश्ते में आगे बढ़ने की संभावनाएं प्रबल हैं। आप और आपका साथी एक-दूसरे का साथ दीर्घकालिक योजनाएं बना सकते हैं, या फिर नए रिश्ते की शुरुआत करने के इच्छुक हो सकते हैं। यह समय रिश्ते में विस्तार और स्थिरता लाने का है।
आर्थिक जीवन की दृष्टि से किंग ऑफ स्वॉर्ड्स सलाह देता है कि आर्थिक मामलों में भावनाओं के बजाय तर्क और समझदारी से काम लें। इस दौरान किसी भी निवेश या योजना से पहले गहराई से रिसर्च करना जरूरी होगा।
करियर के मामले में द वर्ल्डकार्ड दर्शाता है कि आप अपने पेशेवर लक्ष्यों को प्राप्त करने के करीब हैं। यह सफलता, मान-सम्मान और उपलब्धियों का प्रतीक है। यदि आपने हाल ही में कोई प्रोजेक्ट पूरा किया है या किसी व्यवसाय की शुरुआत की है, तो अच्छे परिणाम मिलेंगे। यह समय अपने सहयोगियों और प्रियजनों के साथ अपनी सफलता का आनंद लेने का भी है।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से एट ऑफ वैंड्स संकेत देता है कि यदि हाल ही में कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या रही है तो अब तेज़ी से सुधार संभव है। यह कार्ड सक्रिय जीवनशैली और संतुलित दिनचर्या अपनाने की सलाह देता है।
आपके प्रेम जीवन की बात करें तो द फूलनया रोमांटिक रिश्ता शुरू हो सकता है या फिर पुराने रिश्ते में नई शुरुआत का मौका मिलेगा। यह समय है जब आप अपने भीतर की रोमांटिक भावनाओं को व्यक्त करने के लिए तैयार रहेंगे और रिश्तों को नई दिशा देंगे।
आर्थिक जीवन में किंग ऑफ वैंड्स यह संकेत देता है कि आपका आत्मविश्वास, अनुभव और नेतृत्व क्षमता आपको अपने आर्थिक लक्ष्यों को पाने में मदद करेंगे। आपकी ऊर्जा आपको व्यवसाय या नौकरी में सफलता दिला सकती है और आप दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत भी बन सकते हैं।
करियर के मामले में द लवर कार्ड बताता है कि इस समय आपको कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेने होंगे, चाहें वह वर्तमान नौकरी में तरक्की हो या किसी नई दिशा में करियर का रुख करना। आपके सहकर्मियों के साथ अच्छे संबंध काम में सहयोग और सफलता को सुनिश्चित करेंगे।
स्वास्थ्य की दृष्टि से द एम्परर एक सकारात्मक संकेत है। यह कार्ज बताता है कि भावनात्मक अंसतुलन का प्रभाव आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है, जैसे सुस्ती, आलस्य अस्वस्थ्य खानपान की आदतें। ऐसे में, यह जरूरी है कि आप अपने मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य की देखभाल करें और उन गतिविधियों में शामिल हों, जो आपको आनंद देती है।
प्रेम जीवन में पेज़ ऑफ कप्स यह दर्शाता है कि आपका रिश्ता एक बेहद रोमांटिक और उत्साही चरण में हैं। यह कार्ड विवाह प्रस्ताव, संबंधों की शुरुआत या रिश्तों को अगले स्तर पर ले जाने का संकेत भी दे सकता है। इस सप्ताह आपके रिश्ते में प्यार और स्नेह की कोई कमी नहीं होगी।
आर्थिक मामले में जस्टिस कार्ड आपको चेतावनी देता है कि ईमानदारी से कमाया गया धन ही स्थायी सुख और संतुलन ला सकता है। अनैतिक तरीकों से धन कमाने या लापरवाही से खर्च करने से भविष्य में नुकसान हो सकता है इसलिए इस सप्ताह समझदारी और न्यायपूर्ण दृष्टिकोण अपनाना जरूरी होगा।
करियर में नाइट ऑफ पेंटाकल्स संकेत देता है कि आप अपने काम और वर्तमान स्थिति से संतुष्ट हैं। आप स्थिरता पसंद कर रहे हैं और कोई बड़ा बदलाव नहीं चाहते हैं। कुछ लोगों के लिए यह घर से काम करने का भी संकेत हो सकता है, जहां आप अपने कम्फर्ट ज़ोन में रहकर कार्य कर रहे हैं।
स्वास्थ्य की दृष्टि से नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स यह बताता है कि आप किसी बीमारी या कमजोरी से उबर रहे हैं। यह सप्ताह आपके स्वास्थ्य में और सुधार लाएगा और आप पहले से अधिक ऊर्जावान महसूस करेंगे।
प्रेम जीवन की बात करें तो, यदि आपने हाल ही में किसी को अपने दिल की बात कही है और उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं तो यूनिवर्स आपको थोड़ी और प्रतीक्षा करने के लिए कह रही है। यह संकेत मिल रहा है कि आपकी भावनाओं का उत्तर अवश्य मिलेगा, लेकिन धैर्य की परीक्षा अभी बाकी है। आपके मन की मुराद पूरी होगी, बस जल्दबाजी न करें।
आर्थिक जीवन में द हाई प्रीस्टेस का कार्ड यह दर्शाता है कि अब आपको अपने खर्चों और आमदनी के बीच संतुलन बैठाने की जरूरत है। सोच-समझकर योजनाएं बनाए, बिन वजह के खर्चों से बचें। यह कार्ड संकेत देता है कि अगर आपने बुद्धिमानी से काम लिया, तो वेतन वृद्धि या आर्थिक लाभ की संभावना है।
करियर में टेन ऑफ वैंड्स (रिवर्सड) यह दर्शाता है कि अब तक आप जिस कार्यभार से दबे हुए थे, उससे राहत मिलने वाली है। आप काम बांटना सीख रहे हैं या कुछ जिम्मेदारियां छोड़ने में सफल हो रहे हैं। यह समय आपके लिए थोड़ी राहत, मानसिक सुकून और फिर से ऊर्जा पाने का हो सकता है।
स्वास्थ्य मामले में नाइन ऑफ स्वॉर्ड्स आपको आगाह करता है कि आप अत्यधिक मानसिक तनाव और चिंता का अनुभव कर सकते हैं, खासकर अपने करियर को लेकर यह चिंता नींद को भी प्रभावित कर सकती है। आपको अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। मेडिटेशन, ध्यान या अपनो से बातचीत से राहत मिल सकती है।
शुभ महीना- अक्टूबर
वृश्चिक राशि
प्रेम जीवन: टेन ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: फोर ऑफ वैंड्स
करियर: टू ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: पेज़ ऑफ पेंटाकल्स
टेन ऑफ कप परिवार और सोलमेट कार्ड है। वृश्चिक राशि के जातकों के प्रेम जीवन की बात करें तो, यह कार्ड दर्शा रहा है कि आप अपने परिवार की खुशी और सेहत को प्राथमिकता देंगे। घर का माहौल प्रेमपूर्ण रहेगा और आप अपने करीबियों के साथ गुणवत्ता भरा समय बिताएंगे। यह कार्ड यह भी संकेत देता है कि आप अपने जीवनसाथी या प्रेमी के साथ एक मजबूत आत्मिक संबंध महसूस करेंगे।
आर्थिक जीवन में फोर ऑफ वैंड्स कार्ड भविष्यवाणी कर रहा है कि इस सप्ताह आप आर्थिक स्थिरता का अनुभव करेंगे। चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि आपकी फाइनेंशियल स्थिति अच्छी बनी रहेगी। आप स्वेच्छा से अपने परिवार और प्रियजनों पर खर्च करेंगे, जैसे घर की सजावट, किसी समारोह में खर्च या कोई सामूहिक उत्सव में।
करियर की बात करें तो इस सप्ताह आप काम के सिलसिले से या फिर कोई अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट के सिलसिले से यात्रा करेंगे। यह कार्ड यह भी दर्शाता है कि कोई बड़ा निवेश या विदेशी सहयोग आपके व्यवसाय को सहारा देंगे।
स्वास्थ्य के लिहाज से यह सप्ताह आपके लिए अच्चा रहेगा। चाहे आपकी उम्र कुछ ही हो, इस सप्ताह आपके अंदर एक बचपन जैसी ऊर्जा बनी रहेगी। यह कार्ड ताजगी, उत्साह और सक्रिय जीवनशैली का संकेत दे रहा है। नसिक और शारीरिक दोनों दृष्टिकोण से आप खुद में ऊर्जावान महसूस करेंगे।
द हर्मिट कार्ड आपको यह बताता है कि इस समय स्वयं के साथ समय बिताना, आत्मविश्लेषण करना और अपने भावनात्मक जरूरतों को समझना बहुत आवश्यक है। यदि आप पहले से रिश्ते में हैं, तो यह कार्ड गहराई और समझ की तलाश को दर्शाता है। सिंगल जातक के लिए यह संकेत है कि रिश्ता शुरू करने से पहले खुद की भावनाओं और इच्छाओं को समझें। यह कार्ड आत्मिक रूप से जुड़ाव और सच्चे प्रेम की चाह भी दिखाता है।
इस सप्ताह धन संबंधी मामलों में समझदारी और संयम आवश्यक है। कुछ भी खरीदने जैसे लालच में कोई निर्णय न लें। अपने दिल और दिमाग के बीच संतुलन बनाए रखते हुए बजटिंग और सेविंग पर ध्यान दें। यदि आप संयम और सूझ-बूझ से काम लेंगे, तो आपकी आर्थिक स्थिति स्थिर होगी।
किंग ऑफ पेंटाकल्स एक सफलता, स्थिरता और अनुभव से भरे करियर का प्रतीक है। यह संकेत करता है कि आप या तो किसी अच्छे मेंटर के मार्गदर्शन में हैं या खुद का एक कुशल और प्रेरणादायक नेता बन सकते हैं। यह समय आपके लंबे समय से तय किए गए लक्ष्यों की प्राप्ति और आर्थिक सुरक्षा का है। व्यापारियों के लिए यह अत्यंत शुभ समय होगा।
स्ट्रेंथ कार्ड एक सशक्त और संतुलित स्वास्थ्य की ओर संकेत करता है। इस सप्ताह आप शारीरिक रूप से तंदुरुस्त और मानसिक रूप से सशक्त रहेंगे। यह कार्ड यह भी बताता है कि यदि आप किसी बीमारी या समस्या से जूझा रहे हैं तो अब रिकवरी और ऊर्जा वापसी का समय है। आत्म-नियंत्रण और सकारात्मक सोच आपको और अधिक शक्ति प्रदान करेंगे।
भाग्यशाली महीना – नवंबर / मध्य-दिसंबर
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मकर राशि
प्रेम जीवन: सेवेन ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: एस ऑफ पेंटाकल्स
करियर: द सन
स्वास्थ्य: द मैजिशियन
सेवन ऑफ कप्स संकेत कर रहा है कि इस सप्ताह आपके सामने कई विकल्प आएंगे, चाहे वह रिश्तों के रूप में हों या विवाह प्रस्ताव के रूप में। यह कार्ड दर्शा रहा है कि ये विकल्प दिखने में आकर्षक होंगे, लेकिन हर विकल्प सही नहीं होगा। इसलिए कोई भी निर्णय जल्दबाजी में न लें। यह समय सोच-समझकर आगे बढ़ने का है क्योंकि जीवनसाथी का चुनाव सबसे महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक होता है।
एस ऑफ पेंटाकल्स संकेत करता है कि यह सप्ताह नई आर्थिक शुरुआत के लिए अनुकूल है। यदि आप धन प्रबंधन सीखना चाहते हैं, नया निवेश, जॉब या कोई साइड बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं तो यह समय अनुकूल है। सोच-समझकर उठाया गया कदम आपको धीरे-धीरे धम संचय की ओर ले जा सकता है।
द सन कार्ड आपके करियर में सफलता, पदोन्नति और पहचान का सूचक है। यह कार्ड बताता बै कि आपके प्रयासों को अब वह सम्मान और पुरस्कार मिलेगा, जिसके आप लंबे समय से पात्र थे। यदि आप नौकरी बदलने या नई भूमिका में जाने की सोच रहे हैं, तो यह बेहतरीन समय है। उत्साह और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें।
द मैजिशियन कार्ड यह संकेत करता है कि आपको अपने स्वास्थ्य पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। अब समय है कि आप अपनी दिनचर्या, खान-पान और व्यायाम की आदतों में सुधार करें। आपके पास जो भी संसाधन हैं, उनका सदुपयोग करते हुए आप स्वस्थ जीवन की ओर पहला कदम उठा सकते हैं।
भाग्यशाली महीना – दिसंबर
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कुंभ राशि
प्रेम जीवन: एट ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: डेथ
करियर: फाइव ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: द चैरियट
एट ऑफ पेंटाकल्स दर्शाता है कि आप और आपके पार्टनर भावनात्मक रूप से और गहराई से जुड़ते जा रहे हैं। आप दोनों रिश्ते की नींव को मजबूती से बना रहे हैं। यह कार्ड दर्शाता है कि मेहनत और समझदारी से यह रिश्ता समय के साथ और मजबूत होता जाएगा। सिंगल जातकों के लिए यह संकते है कि आप एक मजबूत और स्थायी रिश्ते की कामना और कल्पना कर रहे हैं और आपकी ऊर्जा उसी दिशा में काम कर रही है।
डेथ कार्ड भयावह दिख सकता है, लेकिन यह परिवर्तन और पुनरारंभ का संकेत है। हो सकता है इस सप्ताह कोई वित्तीय नुकसान हो, या आपकी आर्थिक स्थिति को लेकर कोई बड़ी सीख या झटका मिले। लेकिन चिंता न करें, यह कार्ड यह भी दर्शाता है कि आप अपनी वित्तीय सोच में बदलाव लाकर नई शुरुआत कर सकते हैं। पुराने तरीकों को छोड़कर नवाचार और अनुशासन की ओर बढ़ना लाभकारी रहेगा।
फाइव ऑफ कप्स करियर में निराशा, हानि और पछतावे का संकेत है। कोई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट हाथ से निकल सकता है या किसी सहयोगी की वजह से आपकी साख को नुकसान पहुंच सकता है। इस समय किसी से ज्यादा व्यक्तिगत बातें साझा न करें और सतर्कता से कार्य करें। संभावित नौकरी छूटने या व्यापार में हानि से भी सावधान रहें। यह समय अधिक संयम और चुप्पी का है।
द चैरियट कार्ड संकेत देता है कि आप अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए इच्छाशक्ति और प्रयास कर रहे हैं। यह समय है कि आप सादा भोजन नियमित टहलना या हल्के व्यायाम जैसे छोटे लेकिन असरदार कदम उठाएं। यदि आप अपनी ऊर्जा को नियंत्रित करें, तो यह सप्ताह स्वास्थ्य सुधार की ओर ले जाएगा।
भाग्यशाली महीना – जनवरी
मीन राशि
प्रेम जीवन: टेन ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: सेवन ऑफ स्वॉर्ड्स
करियर: टू ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: जजमेंट
इस सप्ताह आपका सारा ध्यान अपने परिवार, घर और भावनात्मक रिश्तों पर रहेगा। आप अपने जीवनसाथी और बच्चों के साथ गहरे संबंध बनाना चाहते हैं और घर में सुरक्षा तथा यादगार पल संजोना आपकी प्राथमिकता होगी। यह समय आत्मिक संतुष्टि, स्नेह और घरेलू स्थिरता का है।
सेवन ऑफ स्वॉर्ड्स चेतावनी देता है कि आप किसी अनैतिक या चालाक योजना से दूर रहें। यह कार्ड कहता है कि सच्चाई, ईमानदारी और सोच-समझकर किए फैसले ही आपको दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता देंगे। किसी भी शॉर्टकट या धोखाधड़ी वाले मार्ग से आपको नुकसान हो सकता है।
टू ऑफ पेंटाकल्स दर्शाता है कि आप अपने नियमित काम के साथ-साथ एक साइड बिज़नेस या दूसरा काम शुरू करने की सोच रहे हैं। यह थोड़ी थकान और तनाव ला सकती है, लेकिन यह कार्ड बताता है कि यदि आप संतुलन बनाए रखें तो आप अपने सभी लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।
जजमेंट कार्ड स्वास्थ्य के लिहाज़ से यह संकेत करता है कि यह समय निर्णय लेने का है। आपको अपने अनुभव, सलाह और डॉक्टर की राय को समझकर निर्णय लेने होंगे। साथ ही, सामाजिक रूप से संतुलित और जिम्मेदार व्यवहार आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी सकारात्मक रहेगा।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या टैरो रीडर बनने के लिए पेशेवर प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है?
अगर आप ऐसा करते हैं तो यह हमेशा बेहतर होता है।
2. क्या टैरो ओपन एंडेड प्रश्नों का सही उत्तर देता है?
नहीं, सही उत्तरों के लिए टैरो को विशिष्ट और क्लोज्ड एंडेड प्रश्नों की आवश्यकता होती है।
3. टैरो की यात्रा शुरू करने के लिए सबसे अच्छी किताब कौन सी है?
आप अपनी समझ के हिसाब से कोई भी किताब खरीद सकते हैं। कोई विशेष अनुशंसा नहीं।
बुध के अस्त होते ही इन 6 राशि वालों के खुल जाएंगे बंद किस्मत के दरवाज़े!
बुध ग्रह 24 जुलाई 2025 को शाम 07 बजकर 42 मिनट पर कर्क राशि में अस्त हो रहा है। 9 अगस्त, 2025 तक बुध ग्रह अस्त ही रहेंगे। वैसे तो किसी भी ग्रह के अस्त होने को शुभ नहीं माना जाता है लेकिन फिर भी इस दौरान कुछ राशियों के लोगों को अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं या फिर यूं कह लीजिए कि उन्हें मिल रहे प्रतिकूल प्रभावों में कमी आ सकती है।
एस्ट्रोसेज एआई द्वारा तैयार किए गए इस विशेष के ज़रिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि बुध ग्रह के कर्क राशि में अस्त होने पर किन राशियों के लोगों को अनुकूल परिणाम मिलने की संभावना है।
वृषभ राशि के दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और अब बुध ग्रह आपके तीसरे भाव में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। बुध का अस्त होना नकारात्मक परिणामों में कमी देने का काम करेगा। यदि बुध आपको कुछ कमजोर परिणाम दे रहा था या विपरीत परिणाम दे रहा था तो, प्रतिकूलता में कमी देखने को मिल सकती है। भाई-बहनों से चल रहा विवाद शांत हो सकता है अथवा पड़ोसियों से चल रही है अनबन दूर हो सकती है। आर्थिक मामलों में सोच-समझकर फैसला लेने से नुकसान को कम किया जा सकता है।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
कर्क राशि
कर्क राशि के तीसरे और द्वादश भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं। इस बार बुध आपके प्रथम भाव में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। बुध ग्रह के द्वारा दी जा रही प्रतिकूलता कम हो सकती है। आप उन लोगों को पहचान पाएंगे जो आपके हितैषी नहीं है और बस आपकी भलाई चाहने का दिखावा कर रहे हैं। आप पैसों से संबंधित कोई रिस्क नहीं लेंगे, जिससे आपको नुकसान होने का खतरा अपने आप कम हो जाएगा। रिश्तेदारों के साथ चल रही अनबन भी अब दूर हो सकती है।
सिंह राशि के दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं। अब बुध ग्रह आपके द्वादश भाव में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। बुध का अस्त होना आपके लिए फायदेमंद रह सकता है। आपके खर्चों पर लगाम लग सकती है जिससे आप पैसों की बचत कर पाएंगे। आप अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहेंगे। विद्यार्थियों की परेशानियां भी अब दूर हो सकती हैं।
बुध ग्रह आपके अष्टम तथा लाभ भाव के स्वामी हैं और अब बुध ग्रह आपके भाग्य भाव में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। बुध के अस्त होने से आपको मिल रहे नकारात्मक परिणामों में कमी आ सकती है। आपको अपनी कड़ी मेहनत का फायदा मिलेगा और आप अपनी प्रतिष्ठा को भी बचाए रख पाने में सक्षम होंगे।
धनु राशि के सातवें तथा दशम भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और यह आपके आठवें भाव में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। बुध ग्रह के गोचर को आठवें भाव में अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। आपको बीच-बीच में आकस्मिक धन लाभ होने के आसार हैं। मेहनत करने से कामों में सफलता मिल सकती है जिसका फायदा आपको मिल सकता है।
मकर राशि के छठे तथा भाग्य भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं। अब बुध ग्रह आपके सप्तम भाव में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। बुध अस्त होने के कारण अपनी नकारात्मकता को कम कर लेंगे। यदि किसी कारण से बुध ग्रह का यह गोचर आपको नकारात्मक परिणाम दे रहा था तो अस्त हो जाने के कारण उस नकारात्मकता में कमी देखने को मिल सकती है। आप अपने जीवनसाथी की सेहत का ख्याल रखें। शासन-प्रशासन से जुड़े लोगों की परेशानियां कम हो सकती हैं।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. बुध ग्रह के खराब होने के क्या संकेत हैं?
उत्तर. ऐसे में याद्दाश्त कमजोर हो सकती है।
प्रश्न 2. बुध को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर. इसके लिए हरे रंग के वस्त्र पहनें।
प्रश्न 3. बुध ग्रह कौन सी बीमारी देता है?
उत्तर. इंफेक्शन से होने वाली बीमारियां।
अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 06 जुलाई से 12 जुलाई, 2025
कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)?
अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा।
इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।
अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (06 जुलाई से 12 जुलाई, 2025)
अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं।
जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मूलांक 1
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 1 वाले जातक समय के पाबंद होते हैं और उसी के अनुसार काम करने के लिए तत्पर रहते हैं। ये अपने कार्यों में बहुत तेज गति से आगे बढ़ते हैं। इसके अलावा ये जातक अधिक खुले विचारों वाले हो सकते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आपके और आपके जीवनसाथी के बीच खुशियों में कमी आ सकती है। आप दोनों की बहस हो सकती है जिससे बचने के लिए आपको तालमेल बिठाकर चलने की ज़रूरत है।
शिक्षा: इस समय छात्रों की पढ़ाई करते समय एकाग्रता कम हो सकती है जिसकी वजह से वे शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे। इसके कारण विद्यार्थी परेशान हो सकते हैं।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को मुश्किल डेडलाइन पर काम पूरा करना पड़ सकता है और इसकी वजह से उन्हें करियर के क्षेत्र में सफलता न मिल पाने के संकेत हैं। वहीं व्यापारियों को अधिक मुनाफा कमाने के मामले में अपने प्रतिद्वंदियों की ओर से अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है।
सेहत: इस सप्ताह आप फिट महसूस नहीं करेंगे। आपको इस समय त्वचा पर खुजली होने की आशंका है। इसके कारण आप परेशान रह सकते हैं।
उपाय: रविवार के दिन सूर्य देव के लिए यज्ञ-हवन करें।
मूलांक 2
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)
इस सप्ताह मूलांक 2 वाले जातकों की अलग-अलग तरह का खाना खाने और घूमने-फिरने में अधिक रुचि हो सकती है। इस दौरान इनके मूड में बार-बार बदलाव देखने को मिल सकता है।
प्रेम जीवन: इस समय गलतफहमियों के कारण आपके और आपके पार्टनर के बीच दूरियां आ सकती हैं और इसकी वजह से आप दोनों के रिश्ते में खटास पड़ने की आशंका है।
शिक्षा: प्रोफेशनल स्टडीज़ जैसे कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग और केमिकल इंजीनियरिंग आदि में आप अपने लक्ष्य के अनुसार उच्च अंक प्राप्त करने में असफल हो सकते हैं। आपको पढ़ाई पर अधिक ध्यान देने की ज़रूरत है।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को काम के मामले में औसत सफलता मिलने के योग हैं और इस वजह से आपके हाथ से नौकरी के अधिक नए अवसर छूट सकते हैं। वहीं व्यापारियों को भी अधिक नुकसान होने की आशंका है।
सेहत: इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य ज्यादा अच्छा नहीं रहने वाला है। आपको इस समय तेज जुकाम होने के संकेत हैं। आपको ठंडी चीज़ों का सेवन करने से बचना चाहिए।
उपाय: आप नियमित रूप से 11 बार ‘ॐ चंद्राय नम:’ मंत्र का जाप करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 3 वाले जातक धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। ये जातक मंदिरों में अधिक समय बिताते हैं और ईश्वर का आशीर्वाद लेते हैं। इस सप्ताह ये जातक अधिक बार मंदिर में दर्शन करने जा सकते हैं।
प्रेम जीवन: आपके और आपके पार्टनर के बीच सामंजस्य की कमी होने के कारण आप अपने जीवनसाथी के साथ रिश्ते में आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
शिक्षा: इस सप्ताह आप शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए दृढ़ निश्चयी रहेंगे। हालांकि, संभव है कि आपको अपनी अपेक्षा के अनुसार अधिक अंक न मिल पाएं। परिणाम आपकी अपेक्षा के विरुद्ध हो सकता है।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को अपने काम पर ध्यान देने और सफलता की ओर आगे बढ़ने की ज़रूरत है वरना आप मनचाहा परिणाम पाने में पीछे रह सकते हैं। व्यापारियों को अपने प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है जिससे उन्हें नुकसान होने की संभावना है।
सेहत: इस सप्ताह रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमज़ोर होने की वजह से आपको तेज बुखार होने की आशंका है। आपको कमज़ोरी हो सकती है।
उपाय: बृहस्पतिवार के दिन वृद्ध ब्राह्मण को अन्न का दान करें।
मूलांक 4
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक अपनी जीवनशैली में विविधता लाने के लिए अधिक उत्सुक हो सकते हैं और उसी के अनुसार कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा ये जातक विलासिता पूर्ण जीवनशैली अपना सकते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपने पार्टनर के साथ कहीं बाहर घूमने जा सकते हैं जिससे आप अपने रिश्ते में अपने जीवनसाथी के साथ अधिक खुश महसूस करेंगे। आपका आकर्षण बढ़ सकता है।
शिक्षा: आप पढ़ाई में आगे बढ़ने में समर्थ होंगे। आप इस समय शिक्षा के क्षेत्र में जिन चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना कर रहे हैं, उनसे निपटने में सक्षम होंगे।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं। आप अपने सहकर्मियों से आगे निकल सकते हैं। यदि आप व्यापार करते हैं, तो आपको बिज़नेस के नए ऑर्डर मिलने के संकेत हैं और आप नया व्यापार भी शुरू कर सकते हैं।
सेहत: इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है। आपकी इम्युनिटी और इच्छाशक्ति मज़बूत रहने वाली है। इससे आप फिट रहने में सक्षम होंगे।
उपाय: आप शनिवार के दिन राहु ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
मूलांक 5
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 5 वाले जातक अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए अधिक समर्पित रह सकते हैं और इसी पर टिके रहेंगे। ये जातक स्वभाव से अधिक संवेदनशील हो सकते हैं जो कि इनके लिए बाधा बन सकता है।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपने जीवनसाथी से अपने प्यार को ज़ाहिर करने में अधिक आनंदित महसूस करेंगे। इस वजह से आप दोनों का रिश्ता मज़बूत होगा और आपसी समझ भी बढ़ेगी।
शिक्षा: इस समय छात्र शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा आपके लिए प्रोफेशनल स्टडीज़ भी लाभकारी रहने वाली है। आपको इस सप्ताह प्रतियोगी परीक्षा में आसानी से सफलता मिल सकती है।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को विदेश से नए अवसर मिलने की संभावना है। इन अवसरों को पाकर आप संतुष्ट महसूस करेंगे। अगर आप व्यवसाय करते हैं, तो आपको इस समय कोई नया व्यावसायिक अवसर मिल सकता है जिससे आपको संतुष्टि महसूस होगी।
सेहत: जोश और साहस के कारण इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है। आपको कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या होने के संकेत नहीं हैं।
उपाय: आप नियमित रूप से 41 बार ‘ॐ बुधाय नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 6
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक जीवन के प्रति लापरवाह हो सकते हैं। इसके अलावा इन्हें अलग-अलग तरह के स्वादिष्ट भोजन का शौक हो सकता है। इन्हें दूसरों के साथ घुलने-मिलने में अधिक खुशी मिलती है।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपने पार्टनर के साथ मज़बूत रिश्ते का आनंद लेंगे। आप दोनों एक-दूसरे से मिलते-जुलते दिखाई दे सकते हैं।
शिक्षा: यदि आप प्रोफेशनल स्टडीज़ जैसे कि सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, मास कम्युनिकेशन और सॉफ्टवेयर टेस्टिंग आदि की पढ़ाई कर रहे हैं, तो आप इन विषयों को बहुत आसानी से पढ़ पाएंगे।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को अपने प्रयासों में सफलता मिलने के योग हैं। व्यापारियों को इस सप्ताह अपने व्यावसायिक दृष्टिकोण की वजह से उच्च स्तर का मुनाफा मिलने के आसार हैं।
सेहत: दृढ़ इच्छाशक्ति और साहस की वजह से इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है। आपको इस समय अधिक आनंद महसूस होगा।
उपाय: आप रोज़ 33 बार ‘ॐ शुक्राय नम:’ मंत्र का जाप करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 7 वाले जातक इस सप्ताह ईश्वर की भक्ति में ज्यादा लीन रह सकते हैं और इनका दृष्टिकोण अधिक दार्शनिक हो सकता है। इसके अलावा ये जातक पवित्र स्थलों की यात्रा करने के लिए प्रतिबद्ध रह सकते हैं जो कि इस सप्ताह इनका लक्ष्य हो सकता है।
प्रेम जीवन: इस समय आपके और आपके जीवनसाथी के रिश्ते में खुशियों में कमी आने के संकेत हैं। आप दोनों के बीच आपसी समझ के कम होने की वजह से ऐसा हो सकता है।
शिक्षा: इस सप्ताह विद्यार्थी पढ़ाई में बहुत पीछे रह सकते हैं और सफलता प्राप्त करने में असमर्थ हो सकते हैं। आपको पढ़ाई से संबंधित जैसे कि प्रतियोगी परीक्षा को लेकर कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचना चाहिए।
पेशेवर जीवन: करियर की बात करें, तो इस समय काम का दबाव अधिक रहने की वजह से आपको अपने कार्यक्षेत्र में सफलता मिलने की संभावना बहुत कम है। वहीं व्यापारी भी अधिक मुनाफा कमाने में असफल हो सकते हैं।
सेहत: इस सप्ताह आपको पाचन से संबंधित समस्याएं होने की आशंका है। ऐसा इम्युनिटी के कमज़ोर होने की वजह से हो सकता है। इस तरह आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है।
उपाय: आप मंगलवार के दिन भगवान गणेश के लिए यज्ञ-हवन करें।
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मूलांक 8
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक काम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और जुनून के लिए जाने जाते हैं। ये जातक जो भी कार्य करते हैं, उसके लिए पूरी तरह से समर्पित रहते हैं और काम में डूबे रह सकते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपने जीवनसाथी के प्रति ईमानदार रह सकते हैं। आप अपने पार्टनर के लिए अधिक प्रतिबद्ध रह सकते हैं और आपके लिए उनके साथ समय बिताना सुखद रहेगा।
शिक्षा: पढ़ाई के मामले में आपकी याद्दाश्त अच्छी रहेगी। इसके अलावा आपके शिक्षकों के बीच भी आपकी छवि अच्छी बनी रहेगी।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को इस समय काम का अधिक दबाव देखने को मिल सकता है और इस वजह से काम में आपकी कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। वहीं व्यापारियों को इस समय औसत मुनाफे से ही खुद को संतुष्ट करना होगा।
सेहत: इस सप्ताह आपकी इम्युनिटी आपको बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त करने और मानसिक रूप से ऊर्जावान महसूस करने में मदद कर सकती है।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, 27 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 9 वाले जातक अपने जीवन में मूल्यों को अधिक प्राथमिकता दे सकते हैं। इसके अलावा ये जातक अधिक साहसी हो सकते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आपके और आपके जीवनसाथी के रिश्ते में मधुरता बनी रहेगी। इस समय आपके रिश्ते में समझदारी देखने को मिल सकती है।
शिक्षा: आप अच्छे से पढ़ाई करेंगे और पूरे जोश के साथ प्रगति करेंगे। आप पेशेवर तरीके से पढ़ाई कर सकते हैं।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक काम के मामले में अच्छा प्रदर्शन कर के अपनी योग्यता दिखा सकते हैं। इस समय आप अपने कार्यक्षेत्र में एक टीम लीडर के रूप में उभर सकते हैं। वहीं व्यवसायी इस सप्ताह एक सफल उद्यमी के रूप में सामने आएंगे।
सेहत: इस सप्ताह अपने आत्मबल और साहस के कारण आपका स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है। आप अधिक फिट महसूस करेंगे।
उपाय: आप रोज़ 27 बार ‘ॐ भौमाय नम: मंत्र का जाप करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. मूलांक 1 का स्वामी कौन है?
उत्तर. इस मूलांक के स्वामी सूर्य देव हैं।
प्रश्न 2. मूलांक 4 किसका होता है?
उत्तर. यह मूलांक राहु का होता है।
प्रश्न 3. दुनिया का सबसे शक्तिशाली नंबर कौन सा है?
उत्तर. 1 अंक को सबसे पॉवरफुल माना जाता है।
प्रेम के देवता शुक्र इन राशि वालों को दे सकते हैं प्यार का उपहार, खुशियों से खिल जाएगा जीवन!
ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को सुख-सुविधाओं और प्रेम का कारक माना गया है। शुक्र ग्रह लगभग हर 23 दिन में राशि परिवर्तन करते हैं और अब जुलाई के महीने में भी उनका एक महत्वपूर्ण गोचर होने जा रहा है। शुक्र ग्रह धन, वैभव, ऐश्वर्य और विलासिता से संबंधित वस्तुएं देने वाले कहे जाते हैं।
अब शुक्र ग्रह 26 जुलाई 2025 को सुबह 08 बजकर 45 मिनट पर अपनी स्वयं की राशि, वृषभ को छोड़कर अपने मित्र ग्रह बुध की पहली राशि अर्थात मिथुन राशि में जा रहे हैं। यहां पर शुक्र ग्रह बृहस्पति ग्रह के साथ युति भी कर रहे होंगे। ज्योतिषशास्त्र की मानें तो शुक्र और बृहस्पति के आपस में अच्छे संबंध नहीं हैं लेकिन दो शुभ ग्रहों की युति अच्छे परिणाम देने वाली भी कही जाती है।
एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बताने जा रहे हैं कि शुक्र के मिथुन राशि में गोचर करने के दौरान किन राशि वालों को अनुकूल परिणाम मिलने की संभावना है।
इन राशियों को मिलेगा शुभ फल
मेष राशि
मेष राशि के दूसरे और सातवें भाव के स्वामी शुक्र हैं और अब शुक्र आपके तीसरे भाव में गोचर करने वाले हैं। आमतौर पर इस भाव में शुक्र के गोचर को अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाता है। आप नए दोस्त बना सकते हैं और आपको अपने दोस्तों के माध्यम से लाभ होने की भी संभावना है। आप अपने आत्मविश्वास के दम पर आगे बढ़ सकते हैं। इसके अलावा आप अपने प्रतिद्वंदियों से बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे। आपको कोई शुभ समाचार मिलने की भी संभावना है। आपके अपने भाई-बहनों और पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनेंगे। आपको महिलाओं का सम्मान करने की सलाह दी जाती है।
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वृषभ राशि
वृषभ राशि के लग्न या राशि स्वामी होने के साथ-साथ शुक्र आपके छठे भाव के भी स्वामी हैं। इस बार शुक्र आपके दूसरे भाव में गोचर करने वाले हैं। इस दौरान आपको शुक्र से अच्छे परिणाम मिलने की संभावना है। आप नए वस्त्र या नए आभूषण इत्यादि खरीद सकते हैं। आपकी गीत-संगीत में रुचि बढ़ सकती है। लोग आपके संगीत की तारीफ कर सकते हैं। घर में कोई शुभ कार्यक्रम हो सकता है। धन को लेकर भी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। आपको अचानक कोई बड़ा लाभ मिल सकता है। आप मां दुर्गा के मंदिर में देसी गाय के घी का दान करें।
कर्क राशि के चौथे भाव और लाभ भाव के स्वामी शुक्र देव हैं। वर्तमान में शुक्र आपके द्वादश भाव में गोचर करने वाले हैं। इस भाव में शुक्र के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। यदि आपको किसी काम से अपने घर से दूर जाना पड़ रहा है या विदेश यात्रा पर जाना है या फिर कहीं भी दूर की यात्रा करनी हो, तो यह गोचर आपके लिए मददगार बन सकता है। इस समय आपकी आमदनी अच्छी रहेगी लेकिन आपको अपने खर्चों पर नज़र रखने की सलाह दी जाती है। आप मौज-मस्ती में खूब समय बिताएंगे। अपने दुश्मनों से सतर्क रहें।
सिंह राशि के तीसरे और दशम भाव के स्वामी शुक्र ग्रह हैं। अब शुक्र आपके लाभ भाव में पहुंच रहे हैं। इस गोचर के दौरान आपको बहुत अच्छे परिणाम मिलने की संभावना है। आपको अचानक से धन लाभ होने की उम्मीद है। आपको अपने भाई बंधु और मित्रों का सहयोग भी मिल सकता है। आप शनिवार के दिन सरसों या तिल के तेल का दान करें।
शुक्र ग्रह तुला राशि के लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आठवें भाव के भी स्वामी हैं। अब शुक्र का मिथुन राशि में गोचर होने के दौरान शुक्र आपके भाग्य भाव में रहेंगे। यदि आप लंबे समय से विदेश यात्रा पर जाने की योजना बना रहे थे, तो अब आपको उसमें सफलता मिल सकती है। अपको कोई अच्छा समाचार मिलने के संकेत हैं। घर में कोई मांगलिक कार्यक्रम हो सकता है। आप दूसरों या अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर दे पाएंगे।
शुक्र वृश्चिक राशि के सातवें और द्वादश भाव के स्वामी हैं और गोचर के दौरान शुक्र आपके अष्टम भाव में उपस्थित रहेंगे। आठवें भाव में शुक्र के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। इस दौरान आपको पुरानी समस्याओं से निजात मिल सकती है। यदि आप पिछले कुछ दिनों से कुछ समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो अब वह दूर हो सकती हैं। वित्तीय स्तर पर भी आपको अच्छे परिणाम मिलने की उम्मीद है। हालांकि, प्यार के मामले में यह समय ज्यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है। प्रेम संबंध में मर्यादा का पालन जरूर करें। आप मां दुर्गा के मंदिर जाकर दर्शन करें।
कुंभ राशि के चौथे भाव और भाग्य भाव के स्वामी शुक्र ग्रह हैं। अब गोचर कर के शुक्र आपके पंचम भाव में पहुंच रहे हैं। आमतौर पर शुक्र का इस भाव में आना शुभ माना जाता है। छात्रों को काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। कला और साहित्य से जुड़े हुए छात्रों के लिए भी अनुकूल समय है।
शुक्र मीन राशि के तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं। अब गोचर करने के दौरान शुक्र आपके चतुर्थ भाव में रहेंगे। आपको घर-गृहस्थी से जुड़े मामलों में भी अच्छे परिणाम मिल सकेंगे। दोस्तों और रिश्तेदारों से मुलाकात हो सकती है। आपके मनोबल में वृद्धि देखने को मिलेगी।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. शुक्र किन राशियों के स्वामी हैं?
उत्तर. शुक्र वृषभ और तुला राशि के स्वामी हैं।
प्रश्न 2. मिथुन राशि के स्वामी कौन हैं?
उत्तर. बुध ग्रह।
प्रश्न 3. शुक्र मिथुन राशि में गोचर कब कर रहे हैं?
उत्तर. शुक्र ग्रह 26 जुलाई 2025 को मिथुन राशि में जा रहे हैं।
बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय मेष सहित इन 6 राशियों के लिए साबित होगा शुभ!
एस्ट्रोसेज एआई हमेशा पाठकों को ज्योतिष की रहस्यमयी दुनिया से जुड़ी ताजा और महत्वपूर्ण घटनाओं की जानकारी देने का प्रयास करता है। इसी कड़ी में हम आपके लिए एक खास खगोलीय घटना लेकर आए हैं बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय, जो 09 जुलाई की रात 10 बजकर 50 मिनट पर होने जा रहा है।
गुरु ग्रह जिसे वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति भी कहा जाता है, एक बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। यह ज्ञान, समझदारी, आध्यात्मिकता और भाग्य से जुड़ा हुआ होता है। गुरु का संबंध विकास, तरक्की और आगे बढ़ने के अवसरों से होता है। किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु की स्थिति यह बताती है कि वह जीवन के किन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा तरक्की करेगा, कहां से उसे सीखने और समझने के मौके मिलेंगे और कैसे वह आध्यात्मिक रूप से आगे बढ़ेगा। आइए जानते हैं कि बृहस्पति ग्रह का उदय आपकी राशि पर क्या असर डालेगा। तो चलिए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं।
बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय: इन राशियों पर रहेगा सकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बृहस्पति, नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं, बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय आपके तीसरे भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप आपकी मेहनत रंग लाएगी और जीवन में नई तरक्की और बदलाव देखने को मिलेंगे। करियर में, आपकी कड़ी मेहनत से आपको अच्छे मौके मिल सकते हैं और आशंका है कि आपको विदेश यात्रा का भी अवसर प्राप्त हो। बिज़नेस करने वालों को इस समय कुछ दबावों को समझदारी से संभालना होगा, तभी लाभ कमाने में सफलता मिलेगी।
आर्थिक जीवन के मामले में, खर्चे बढ़ सकते हैं इसलिए आपको फाइनेंशियल प्लानिंग पर ध्यान देना चाहिए ताकि आप संतुलन बना सकें।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
मिथुन राशि
बृहस्पति मिथुन राशि वालों के लिए सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय आपके पहले भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप यह समय आत्मविश्लेषण और सोच-विचार का है, लेकिन आपको नकारात्मक विचारों से दूर रहने की आवश्यकता है। करियर के लिहाज़ से, आपको नौकरी में बदलाव या काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है, लेकिन ये बदलाव उतने लाभकारी साबित नहीं हो सकते हैं, जितनी आप उम्मीद कर रहे हैं।
बिज़नेस करने वालों को भी इस समय मुनाफा थोड़ा कम मिल सकता है, जिससे चिंता हो सकती है। आर्थिक जीवन के मामले में, आप धन कमाने की कोशिश तो करेंगे, लेकिन फिर भी ऐसा लग सकता है कि खर्चे ज्यादा और आमदनी कम हो रही है।
सिंह राशि
बृहस्पति आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय आपके ग्यारहवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप आप अपने जीवन में अचानक से कुछ अच्छे अनुभवों का सामना करेंगे। आपकी इच्छाएं पूरी होंगी और आप अपने काम में अच्छा स्थायी सुधार देखेंगे। करियर में आपके प्रयासों को सराहा जाएगा और आप धीरे-धीरे सफलता की ओर बढ़ेंगे।
यदि आप व्यापार या शेयर बाजार से जुड़े हैं, तो ये समय आपके लिए मुनाफे और नए मौके लेकर आ सकती है। आर्थिक रूप से, आप अच्छा धन कमाएंगे और बचत बढ़ाने के भी अवसर मिलेंगे।
कन्या राशि वाले जातकों के लिए बृहस्पति आपके दशम भाव में उदय हो रहे हैं और यह आपके चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं। इस समय आपको थोड़ा मानसिक असंतुलन या असहजता महसूस हो सकती है, लेकिन रिश्तों और प्रोफेशन पर आपका फोकस बढ़ेगा। करियर में आपको नया और अच्छा बदलाव देखने को मिलेगा, जो आपको लिए फायदेमंद रहेगा। जो लोग व्यवसाय में हैं, उनके लिए यह समय अच्छे मुनाफे और तरक्की के नए मौके लेकर आएगा। आर्थिक रूप से, आपकी आय में वृद्धि देखने को मिल सकती है और यह आपके भाग्य का साथ भी दर्शाता है।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए बृहस्पति तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय आपके नौवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप आपकी मेहनत का फल आप भाग्य बनकर सामने आएगा। साथ ही, यात्रा के अच्छे योग भी बन रहे हैं। करियर में, आपको विदेश से जुड़े जॉब ऑफर मिल सकते हैं, जो आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे। व्यवसाय में, आप नई रणनीति अपनाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। खासकर यदि आप स्व-रोजगार या व्यापार से जुड़े हैं। आर्थिक रूप से, इस समय अच्छी आय मिलने के योग बन रहे हैं और यात्रा से भी कमाई के मौके आ सकते हैं।
कुंभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति इस समय दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय पांचवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप आपको अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे और लाभ मिलेगा। करियर में, आप ऐसे पद पर पहुंच सकते हैं, जो आपको संतुष्टि और पहचान दोनों देगा। आपकी मेहनत की सराहना होगी और आप अपने काम से गौरवान्वित महसूस करेंगे।
बिज़नेस में खासकर आग आप ट्रेडिंग या शेयर बाजार आदि से जुड़े हैं, तो यह समय अच्छा लाभ देगा। नई योजनाओं से मुनाफा बढ़ेगा। आर्थिक रूप से, आपकी आय में अच्छी वृद्धि होगी और आप बचत की तरफ अधिक ध्यान देंगे। भविष्य के लिए आप मजबूत आर्थिक नींव बना सकते हैं।
बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
कर्क राशि
कर्क राशि वाले जातकों के लिए बृहस्पति बारहवें भाव में उदय होंगे और यह आपके छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। यह स्थिति कुछ चुनौतियों और संभावनाओं दोनों को लेकर आ रही है। करियर की बात की, तो ऑफिस में काम का दबाव बढ़ सकता है और उसे संभालना आपके लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है। मानसिक तनाव और थकान भी महसूस हो सकती है।
बिज़नेस में, यह समय आपको नए प्रयोग करने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे धन आने के रास्ते खुल सकते हैं। लेकिन यहां सही प्लानिंग और सतर्कता बहुत जरूरी होगी। वित्तीय मामलों में, खर्चों में वृद्धि हो सकती है। कुछ लोग लोन लेने की स्थिति में आ सकते हैं, इसलिए फालतू खर्चों से बचना जरूरी होगा। एक छोटी सी लापरवाही आर्थिक नुकसान का कारण बन सकती है।
वृश्चिक राशि वालों, के लिए बृहस्पति दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और बृहस्पति आठवें भाव में उदय होंगे। इसके परिणामस्वरूप आपको कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। करियर की बात करें तो, इस समय नई नौकरी के अच्छे मौके हाथ से निकल सकते हैं अगर आपने उन्हें नजरअंदाज किया या समय पर फैसला नहीं लिया। ऑफिस में बॉस या सीनियर्स से बात करते समय अत्यधिक सावधानी बरतें, वरना बात बिगड़ सकती है।
बिजनेस में इस दौरान कम लाभ और अवसरों की कमी देखने को मिल सकती है। इसलिए सही रणनीति और योजना बनाकर ही आगे बढ़ें। आर्थिक जीवन के मामले में, आय सामान्य रह सकती है, लेकिन खर्चे या हानि की संभावना बनी रहेगी। जितना भी पैसा आए, उसे बचा पाना मुश्किल हो सकता है।
मिथुन राशि में बृहस्पति का उदय: उपाय
हर गुरुवार को विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
गरीबों को केला और दूध दान करें।
गाय को गुड़ और चना दाल खिलाएं।
गुरुवार को व्रत रखें।
अपने गुरुओं का सम्मान करें।
विष्णु जी को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।