बृहस्पति का अस्त होना, इन राशियों के पति-पत्नी के बीच बनेगा तकरार का कारण, हर बात पर होगी लड़ाई
जब कोई ग्रह राशिचक्र की सभी राशियों में से किसी विशिष्ट राशि में 10 डिग्री के अदंर सूर्य के साथ युति करता है, तो इस ग्रहीय घटना में शामिल ग्रह को अस्त कहा जाता है। जब कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो उस घटना को ज्योतिषीय भाषा में गोचर के नाम से जाना जाता है। गोचर की तरह ही अस्त होने का असर भी सभी राशियों के जीवन पर पड़ता है।
जब कोई ग्रह अस्त होता है, तो उसके प्रभाव के कारण कुछ राशियों को नकारात्मक परिणामों का सामना करना पड़ता है, तो वहीं कुछ राशि के लोगों को अनुकूल प्रभाव मिलते हैं। इस बार बृहस्पति का अस्त होना कुछ खास राशियों के प्रेम जीवन पर भारी पड़ने वाला है। इन राशियों के बारे में जानने से पहले बृहस्पति के अस्त होने की तिथि एवं समय के बारे में बताया गया है।
देवताओं के गुरु बृहस्पति 03 मई को रात्रि 10 बजकर 08 मिनट पर शुक्र के स्वामित्व वाली राशि वृषभ में अस्त हो रहे हैं। शुक्र और बृहस्पति के बीच शत्रुता का संबंध है और इस बार शुक्र की राशि में गुरु का अस्त होना कुछ राशि के लोगों के प्रेम जीवन में संकट लेकर आ सकता है। तो चलिए अब बिना देर किए जानते हैं कि गुरु के अस्त होने पर किन राशियों के लोगों को अपने प्रेम जीवन में संभलकर रहने की ज़रूरत है।
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वृषभ राशि
इस समय वृषभ राशि के लोगों के प्रेम जीवन में कुछ परेशानियां बनी रहने वाली हैं। इन समस्याओं के कारण आपके और आपके पार्टनर के बीच दूरियां आने की भी आशंका है। आपके और आपके जीवनसाथी के बीच छोटी-छोटी बात पर भी झगड़ा हो सकता है। गुरु के अशुभ प्रभाव के कारण आप दोनों एक-दूसरे से लड़ते और बहस करते हुए नज़र आएंगे। यदि आप अपने रिश्ते में सुधार लाना चाहते हैं, तो आप दोनों को एक-दूसरे को समझने का प्रयास करना चाहिए।
सिंह राशि के लोगों को इस समय अपने गुस्से पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि गुरु के अस्त होने के दौरान आपके और आपके पार्टनर के बीच अहंकार से संबंधित समस्याएं पैदा हो सकती हैं। आप दोनों के बीच मतभेद उत्पन्न होने की आशंका है और इसकी वजह से आपके और आपके जीवनसाथी के रिश्ते में दूरियां बढ़ सकती हैं। आप दोनों को अपने रिश्ते को ठीक करने पर काम करना चाहिए।
अगर आपकी वृश्चिक राशि है, तो आपके प्रेम जीवन में भी गुरु के अस्त होने के दौरान संकट आने की आशंका है। आपके अपने परिवार के सदस्यों के साथ मतभेद होने के आसार हैं। अपने परिवार में सुख-शांति को बनाए रखने के लिए आपको आपसी तालमेल विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए। इसकी मदद से आप अपने जीवनसाथी के साथ भी अपने रिश्ते में मधुरता को बरकरार रखने में सफल हो सकते हैं।
धनु राशि के लोगों को गुरु के अस्त होने के दौरान अपने पार्टनर को लेकर कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस समय आपको अपने जीवनसाथी की ओर से थोड़ी असुविधा महसूस हो सकती है। आप दोनों बेवजह एक-दूसरे से लड़ते हुए नज़र आएंगे। इस वजह से आपके रिश्ते में कड़वाहट आने की आशंका है।
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गुरु का वृषभ राशि में गोचर: किन राशियों को मिलेगी सफलता और किन पर टूटेगा मुसीबत का पहाड़!
बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर: देवताओं के गुरु बृहस्पति 1 मई 2024 को मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। बृहस्पति मेष राशि में 14 मई 2025 तक बने रहेंगे। इसी बीच में बृहस्पति 03 मई 2024 से 03 जून 2024 तक अस्त रहेंगे। इसके अलावा, 9 अक्टूबर 2024 से 3 फरवरी 2025 तक बृहस्पति वक्री रहेंगे। अब हम बात करेंगे कि 01 मई 2024 से लेकर 14 मई 2025 के बीच वृषभ राशि में रहते हुए बृहस्पति सभी राशियों को कैसे परिणाम देंगे।
बृहस्पति ग्रह को देवगुरु कहा जाता है और यह ग्रहों के मंत्रिमंडल में भी मंत्री या मार्गदर्शक के रूप में जाने जाते हैं। बृहस्पति शिक्षा, धन, विवाह, दांपत्य और संतान आदि से संबंधित मामलों के कारक माने जाते हैं। इन्हें ज्ञान, धर्म और दर्शन का भी कारक माना जाता है। बृहस्पति को नैसर्गिक रूप से शुभ ग्रह माना जाता है। हालांकि, तात्कालिक रूप से कुछ लोगों को बृहस्पति अशुभ परिणाम भी दे सकते हैं, लेकिन नैसर्गिक रूप से इन्हें शुभ और पवित्र माना जाता है। यदि गुरु आप पर सकारात्मक रूप से प्रभाव डालते हैं तो आपका मन धर्म, समाज और परोपकार आदि में अधिक लगता है। साथ ही, आपके कार्यक्षेत्र में उन्नति तुलनात्मक रूप से ज्यादा होती है।
गुरु ग्रह संतान के अलावा अन्य तरीकों से भी परिवार को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। चाहे वह विवाह के माध्यम से हो या अन्य किसी प्रकार से आपका कुटुंब बढ़े। इस मामले में भी बृहस्पति का अहम योगदान होता है। मान-सम्मान और उच्च पद-प्रतिष्ठा दिलाने में भी बृहस्पति की भूमिका रहती है। यदि आप नौकरीपेशा जातक है, तो बृहस्पति की कृपा से आप किसी बड़ी कंपनी में बड़े पद पर भी पहुंच सकते हैं। आप अपना व्यापार-व्यवसाय करते हैं तो बृहस्पति की कृपा होने की स्थिति में आप बहुत बड़े बिजनेस टाइकून के रूप में भी जाने जा सकते हैं। जीवन को बेहतर तरीके से चलाने में बृहस्पति ग्रह का बड़ा योगदान रहता है।
जैसा कि हमने आपको अभी बताया कि बृहस्पति ग्रह 1 मई 2024 से लेकर 14 मई 2025 तक वृषभ राशि में रहेंगे। यह राशि बृहस्पति के लिए शत्रु राशि मानी जाती है अर्थात बृहस्पति जिनके लिए अनुकूल है उनको बहुत कुछ देना चाहेंगे। शत्रु राशि में रहने के प्रभाव या दबाव के चलते शत-प्रतिशत परिणामों में मामूली सी कमी भी देखने को मिल सकती है। वहीं, जिनको बृहस्पति का यह गोचर नकारात्मक परिणाम देता है, उनके नकारात्मक परिणामों में भी कभी देखने को मिल सकती है। बृहस्पति कुछ लोगों के लिए अच्छे तो कुछ लोगों को कमज़ोर परिणाम भी दे सकते हैं।
बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर: भारतवर्ष पर प्रभाव
बृहस्पति का वृषभ राशि में जाना देश-दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए अनुकूल नहीं कहा जाएगा। दैनिक उपयोग की वस्तुओं में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिल सकती है। अनुशासन और कानून को कमज़ोर करने वाले घटनाक्रम हो सकते हैं। भारतवर्ष में बेरोजगारी का ग्राफ बढ़ सकता है और विदेशों के साथ संबंधों में कमज़ोरी रह सकती है। सरकार के निर्णय नुकसानदेह साबित हो सकते हैं। शीर्ष पदों पर बैठे लोगों के बयान या निर्णय देश की छवि को कमज़ोर करने वाले रह सकते हैं।
इसके बाद, जून-जुलाई में दैनिक उपयोग वाली वस्तुओं के मूल्य में जबरदस्त तेजी देखने को मिल सकती है। इसके फलस्वरूप आम जनता नाराज रह सकती है। भय और क्रोध की भावनाओं में भी वृद्धि देखने को मिल सकती है। कहीं कहीं पर उपद्रकारी घटनाएं, लूटमार व हिंसक घटनाएं भी हो सकती हैं। बृहस्पति की स्थिति कुछ राज्यों में सरकारों को अस्थिर करने का काम भी कर सकती है। यहां तक कि कुछ राज्यों की सरकारें भी बदल सकती हैं अथवा सत्ता में बैठे हुए प्रमुख पदों में बदलाव किया जा सकता है। 9 अक्टूबर 2024 से 3 फरवरी 2025 के बीच गुरु ग्रह वक्री रहेंगे। इस अवधि में शासन-प्रशासन की योजनाओं में कमियां या भ्रष्टाचार भी देखने को मिल सकता है। योजनाएं समय से पूरी न होने के कारण आम जनता में आक्रोश देखने को मिल सकता है।
आइए अब जानते हैं कि सभी राशियों को बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर कैसे प्रभावित करेगा?
बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और मेष राशि पर उसका प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में भाग्य भाव तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं। वृषभ राशि में गोचर करते हुए ये आपके दूसरे भाव में रहेंगे। सामान्य तौर पर यहां पर बृहस्पति के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। इसके फलस्वरूप बृहस्पति आपके भाग्य को मज़बूत बनाएंगे। कर्म के फल तो मिलेंगे, लेकिन सभी मामलों में भाग्य भी साथ देता रहेगा। दूर की यात्राओं के अवसर भी मिल सकते हैं। आर्थिक मामले में बृहस्पति का यह गोचर आपको काफ़ी अच्छे परिणाम दे सकता है। अच्छा धन लाभ करवाने का संकेत बृहस्पति के द्वारा मिल रहा है। कार्यक्षेत्र से संबंधित मामला हो या फिर अन्य कोई मामला; लगभग हर एक मामले में अच्छी उन्नति के अवसर मिलने के योग हैं। हालांकि, कुछ खर्चे भी हो सकते हैं लेकिन ये खर्च अच्छे कामों में होने के कारण आपको प्रसन्नता भी रहेगी और आप उन खर्चों को करके समाज में प्रतिष्ठा भी प्राप्त कर सकेंगे।
बृहस्पति के इस गोचर के कारण उच्च और प्रतिष्ठित लोगों के साथ आपके संपर्क बढ़ेंगे। यदि आप समाज सेवा या राजनीतिक इत्यादि से जुड़े हुए व्यक्ति हैं तो उन मामलों में आपको काफ़ी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। परिजनों के साथ आपके संबंधों को बेहतर करवाने तथा आपकी प्रगति करवाने में भी बृहस्पति का यह गोचर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ऐसे रिश्तेदार जिनसे कई वर्षों से या लंबे समय से मिलना नहीं हो पाया था, उनके साथ न केवल मेल-मिलाप हो सकेगा बल्कि संबंधों की खोई हुई चमक फिर से वापस लौट सकती है। सारांश यह है कि बृहस्पति का गोचर मेष लग्न या मेष राशि वाले लोगों के लिए काफ़ी अच्छे परिणाम लेकर आ सकता है।
उपाय: घर के आसपास की सड़क के गड्ढे बंद करवाएं और अपने सामर्थ्य के अनुसार दान करें।
बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और वृषभ राशि पर उसका प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में आठवें तथा लाभ भाव के स्वामी हैं। वर्तमान में यह वृषभ राशि में गोचर करते हुए आपके पहले भाव में जाएंगे। यहां से बृहस्पति आपको मिले-जुले परिणाम दे सकते हैं। सामान्य तौर पर प्रथम भाव के बृहस्पति को पूज्य माना गया है अर्थात ऐसा बृहस्पति समाज में आपकी छवि को बेहतर करवाने का काम कर सकता है। आपके ज्ञान में वृद्धि होगी और एक विद्वान के नाते, एक समझदार व्यक्ति के नाते लोग आपका सम्मान करना चाहेंगे। लेकिन, अन्य मामलों के लिए बृहस्पति का यह गोचर कमज़ोर रह सकता है। यद्यपि, लाभ भाव का स्वामी पहले भाव में पहुंच रहा है, ऐसे में लाभ अच्छा हो सकता है।
लेकिन, फिर भी गोचरशास्त्र पहले भाव में बैठे बृहस्पति को आमदनी में कमी देने वाला कहते हैं अर्थात आमदनी के रास्ते में कुछ अड़चने आ सकती हैं। हालांकि, फिर भी आवश्यकता के अनुसार आमदनी होती रहेगी, परन्तु खर्च बढ़ सकते हैं। यदि आप धर्म-कर्म में रुचि रखते हैं और स्वयं को शांत रखते हुए पुण्य के कामों से जुड़े रहेंगे तो बृहस्पति का यह गोचर आपके लाभ की संभावनाओं को मजबूत करेगा। बीच-बीच में अप्रत्याशित रूप से भी कुछ धन लाभ हो सकेगा। योग-साधना और मेडिटेशन में आपका लगाव बढ़ेगा। इसके फलस्वरूप अन्य मामलों से उपजे हुए तनाव को आप शांत कर सकेंगे। बृहस्पति का यह गोचर आपको कुछ मामलों में अच्छे परिणाम दे सकता है, तो वहीं अधिकांश मामलों में सावधानी बरतनी होगी।
उपाय: उपाय के रूप में मांस, मदिरा और अंडे का त्याग करें तथा गाय की सेवा करना शुभ रहेगा।
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बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और मिथुन राशि पर प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में सप्तम भाव के साथ-साथ कर्म स्थान के भी स्वामी हैं। यह अब आपके द्वादश भाव में रहेंगे। सामान्य तौर पर यहां बृहस्पति के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है इसलिए आपके कार्य-व्यवसाय में बृहस्पति का यह गोचर कोई विशेष सहयोग नहीं दे सकेगा। हालांकि, यदि आपके कार्य-व्यापार का संबंध किसी दूर के स्थान से है, तो कभी-कभार कुछ अच्छे प्रपोजल्स और कुछ लाभप्रद सौदे भी आपके हिस्से में आ सकते हैं। लेकिन, सामान्य तौर पर बृहस्पति के इस गोचर से अनुकूलता की बहुत अधिक उम्मीद रखना उचित नहीं होगा।
सप्तम भाव के स्वामी का द्वादश भाव में जाना दैनिक रोजगार में कुछ समस्याएं देने का संकेत कर रहा है। इसके अलावा, दांपत्य जीवन में कुछ विसंगतियां देखने को मिल सकती हैं। विशेषकर ऐसे लोग जो घर-परिवार से दूर कहीं कोई जॉब कर रहे हैं, उन्हें इस गोचर के दौरान मिलने के मौके कम मिल सकेंगे। आमदनी की तुलना में खर्च अधिक रह सकते हैं। बनते-बनते कामों में कुछ रुकावट आ सकती है। व्यापार-व्यवसाय से संबंधित उलझने बीच-बीच में मन को निराश कर सकती हैं। इस गोचर की अवधि में बड़े बुजुर्गों की सेवा करना और उनकी सलाह से काम करना तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम देने में सहायक बन सकता है।
उपाय: साधु-संत और गुरुजनों की सेवा करें तथा पीपल की जड़ों में जल चढ़ाएं।
बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और कर्क राशि पर उसका प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आपके भाग्य भाव के भी स्वामी हैं। यह अब गोचर करके आपके लाभ भाव में रहेंगे। सामान्य तौर पर यहां पर बृहस्पति के गोचर को काफ़ी अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। इसके फलस्वरूप बृहस्पति का यह गोचर आपके कार्य-व्यापार विशेषकर नौकरी में काफ़ी अच्छे परिणाम देना चाहेगा। यह गोचर प्रमोशन करवाने में अच्छी मदद करेगा क्योंकि वरिष्ठ आपके बारे में सकारात्मक राय रखेंगे और भविष्य में इसका लाभ आपको मिल सकेगा। दूर की यात्राएं फायदेमंद रह सकती हैं, विशेषकर धार्मिक यात्राओं से अच्छा सुकून और शांति मिलने की संभावनाएं हैं।
प्रतिस्पर्धियों से बेहतर स्थिति में रहने में बृहस्पति का यह गोचर आपके लिए फायदेमंद रह सकता है। विभिन्न मामलों से अच्छा लाभ दिलाने में भी यह गोचर सहायक बन सकता है। लाभ प्राप्ति के अनेक अवसर इस दौरान आपके सामने आ सकते हैं। धन के साथ-साथ भूमि और भवन से संबंधित लाभ भी बृहस्पति का यह गोचर आपको दिलाना चाहेगा। वाहन आदि खरीदने के लिए भी अथवा वाहन से संबंधित सुख प्राप्ति के लिए भी इस अवधि को अनुकूल कहा जाएगा। बृहस्पति का यह गोचर कामों में सफलता दिलाने वाला कहा गया है। अतः इस अवधि में शुरू किए गए काम ज्यादा सहजता के साथ संपन्न हो सकेंगे अथवा जिन कामों को आप वर्षों से कर रहे हैं उन कामों को भी अब आप बेहतर तरीके से संपन्न कर सकेंगे। सारांश यह है कि बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर कर्क लग्न या कर्क राशि वालों को काफ़ी अच्छे परिणाम देने का काम कर सकता है।
उपाय: तांबे का कड़ा पहनना शुभ रहेगा।
बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और सिंह राशि पर उसका प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में पंचम तथा अष्टम भाव के स्वामी हैं। यह गोचर करते हुए आपके दशम भाव में रहेंगे। सामान्य तौर पर बृहस्पति के गोचर को यहां पर कमज़ोर माना गया है, लेकिन कुछ मामलों में बृहस्पति मददगार भी बन सकते हैं। बृहस्पति का दशम भाव में गोचर कार्यक्षेत्र में व्यवधान देने का काम कर सकता है, लेकिन समस्याओं के बाद भी आपके काम पूरे हो सकेंगे। बेहतर होगा कि इस गोचर की अवधि में वरिष्ठों के साथ अपने तालमेल को बेहतर करें। वरिष्ठों का सम्मान करते रहें और बीच-बीच में उनका मार्गदर्शन भी प्राप्त करते रहें। ऐसा करने की स्थिति में उनके साथ आपके संबंध अच्छे रहेंगे। जो आपके कामों को कंप्लीट करवाने के साथ-साथ आपके प्रमोशन इत्यादि में भी मददगार बन सकेंगे।
यहीं स्थिति आर्थिक मामले में भी देखने को मिल सकती है अर्थात कुछ परेशानियों के बाद धन प्राप्ति की संभावना बनी रहेगी क्योंकि बृहस्पति पंचम दृष्टि से आपके धन भाव को देख रहा है। अतः न केवल प्राप्ति करवाने में बल्कि धन संचय करवाने में भी वह आपकी मदद करना चाहेगा। यद्यपि खर्च भी खूब रह सकते हैं। इस गोचर के दौरान काम का प्रेशर अधिक नहीं लेना है। साथ ही,हर क्षेत्र में वरिष्ठों के साथ संबंधों को बेहतर बनाए रखने की कोशिश करनी होगी, अन्यथा आप किसी न किसी मामले को लेकर तनावग्रस्त रह सकते हैं जिसका दुष्प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। ऐसे में आप प्रसन्न रहें और स्वस्थ बने रहें।
उपाय: प्रत्येक शनिवार को किसी मंदिर में आठ बादाम चढ़ाना शुभ रहेगा।
बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और कन्या राशि पर उसका प्रभाव
बृहस्पति आपकी कुंडली में चतुर्थ भाव के स्वामी होने के साथ-साथ सप्तम भाव के स्वामी हैं। यह गोचर करके आपके भाग्य भाव में रहेंगे। सामान्य तौर पर यहां पर बृहस्पति के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। फलस्वरूप बृहस्पति का यह गोचर आपके भाग्य में वृद्धि करेगा। दैनिक रोजगार और व्यापार-व्यवसाय में आप अच्छा लाभ कमा सकेंगे। यदि उम्र विवाह की है और विवाह करने के लिए आप प्रयासरत भी हैं, तो बृहस्पति का यह गोचर विवाह आदि से संबंधित मामलों में अच्छे परिणाम दे सकता है। वहीं, दांपत्य जीवन सुखमय रहने की संभावनाएं मजबूत होंगी।
घर-गृहस्थी से संबंधित मामलों में भी बृहस्पति का यह गोचर आपको अच्छी अनुकूलता दे सकता है। इस दौरान आपको कामों में अच्छी सफलता मिलनी चाहिए। नई योजनाओं के बनाने और उन पर काम करने में बृहस्पति का यह गोचर सहयोगी बन सकता है। विभिन्न माध्यमों से, विभिन्न कर्मों से लाभ करवाने में भी अवधि सहायक बनेगा। उन्नति के अवसर बीच-बीच में आपको मिलते रहेंगे। आपका मन धार्मिक क्रियाकलापों में लगा रहेगा। दूर की यात्राएं फायदेमंद रहेगी और धार्मिक यात्राओं पर जाने की मौके भी मिल सकते हैं। वरिष्ठों और पिता के साथ आपके संबंध बेहतर रहेंगे। उनके मार्गदर्शन से आपका कल्याण होगा।
उपाय: मांस-मदिरा और अंडे का त्याग करें तथा नियमित रूप से मंदिर जाएं।
बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और तुला राशि पर उसका प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी हैं। यह गोचर करके आपके अष्टम भाव में रहेंगे। सामान्य तौर पर बृहस्पति के गोचर को अष्टम भाव में अच्छा नहीं माना जाता है। बृहस्पति आपकी नौकरी में कुछ कठिनाई देने का काम कर सकता है। आर्थिक मामले में भी इस गोचर को अच्छा नहीं माना गया है। विशेषकर यदि आप किसी बैंक या अन्य जगह से कोई लोन लेने के लिए प्रयासरत हैं, तो उस मामले में कठिनाई देखने को मिल सकती है। यदि आपने बैंक के अलावा कहीं से ब्याज आदि पर पैसा लिया है, तो लेनदेन का पक्का हिसाब और प्रमाण जरूर रखें, अन्यथा लेनदेन के हिसाब में गलतफहमी के चलते विवाद भी हो सकता है। भाई-बंधु और पड़ोसियों के साथ संबंधों को पूरी सावधानी के साथ मेंटेन करना होगा। इस गोचर की अवधि में अपने आत्मविश्वास को संतुलित रखें और खानपान का भी ध्यान रखें।
अगर किसी भी प्रकार के रोग की संभावना नजर आए तो उसका इलाज तुरंत अनुभवी चिकित्सक से करवाएं क्योंकि अष्टम भाव का बृहस्पति रोगों का भय देता है। यहां के बृहस्पति को कम आमदनी और अधिक खर्च करवाने वाला भी कहा गया है। अत: धन का प्रबंधन भी बहुत जरूरी रहेगा। घरेलू उलझने भी देखने को मिल सकती हैं। बेकार की यात्राएं अथवा अधिक श्रम के बाद कम परिणाम देने वाली यात्राएं भी संभावित हैं। ऐसा कुछ करने से बचना होगा जो आगे चलकर तनाव का कारण बने अर्थात इन सभी सावधानियां को अपनाने के बाद नकारात्मकता के स्तर को कम किया जा सकेगा। सारांश यह है कि इस गोचर को बहुत अच्छा नहीं कहा जाएगा। अतः हर क्षेत्र में किसी भी प्रकार का जोखिम उठाने से बचें।
उपाय: प्रत्येक शनिवार को सूखे हुए जटा वाले नारियल चार की संख्या में बहते हुए जल में बहाएं।
बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और वृश्चिक राशि पर उसका प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में दूसरे तथा पंचम भाव के स्वामी हैं। यह गोचर करके आपके सप्तम भाव में रहेंगे। सामान्य तौर पर बृहस्पति के सप्तम भाव में गोचर को बहुत अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। अतः इस गोचर की अवधि में आप प्रेम संबंधों का बेहतर आनंद ले सकेंगे। यहां पर प्रेम संबंध से हमारा तात्पर्य हर उस रिश्ते से है जो आपकी भावनाओं और दिल से जुड़ा हुआ है। यदि उम्र विवाह की है, तो बृहस्पति का यह गोचर विवाह करवाने में भी आपके लिए मददगार बन सकता है। दैनिक रोजगार में बेहतरी देखने को मिल सकती है। आप नए कार्य-व्यापार की शुरुआत करने के बारे में भी सोच सकते हैं। कहीं न कहीं से उस व्यापार को शुरू करने के लायक धन भी आपको मिल जाना चाहिए।
घर-परिवार और रिश्तेदारी से जुड़े मामलों में भी बृहस्पति का यह गोचर आपको अनुकूल परिणाम देना चाहेगा। आपको धन लाभ करवाने के साथ-साथ भूमि और भवन से संबंधित लाभ हो सकता है। इसके अलावा, वाहन की प्राप्ति में भी यह गोचर सहायक बन सकता है। हर तरह के सुखों की प्राप्ति में बृहस्पति आपका फ़ेवर कर सकते हैं। यद्यपि कुछ मामलों में कुछ संघर्ष की स्थितियां भी देखने को मिल सकती हैं, लेकिन संघर्ष के बाद कामों में सफलता और उससे अच्छा लाभ भी आपको मिल सकेगा। सारांश यह है कि यह गोचर वृश्चिक लग्न या वृश्चिक राशि वालों के लिए काफ़ी हद तक अनुकूल प्रतीत हो रहा है।
उपाय: नियमित रूप से शिव आराधना करें और कम से कम महीने में एक बार रुद्राभिषेक करवाएं।
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बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और धनु राशि पर उसका प्रभाव
बृहस्पति आपकी कुंडली में लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके चतुर्थ भाव के भी स्वामी हैं। यह गोचर करके आपके छठे भाव में रहने वाले हैं। छठे भाव में बृहस्पति के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। अतः इस गोचर की अवधि में आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना होगा। विशेषकर जिन्हें पहले से कोई गंभीर रोग है, उन्हें इस दौरान अपने स्वास्थ्य के प्रति बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरतनी है। वही, जो लोग पूरी तरह से स्वस्थ और फिट हैं उन्हें योग-व्यायाम और मेडिटेशन करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से वह आने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से स्वयं को बचा सकेंगे। यह बृहस्पति घर-गृहस्थी से संबंधित कुछ परेशानियां या कठिनाइयां देने का काम भी कर सकता है। ऐसे में, जमीन-जायदाद से संबंधित मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही उचित नहीं रहेगी।
यदि आप जमीन खरीदना चाह रहे हैं, तो आपको भली-भांति पड़ताल करने के बाद ही उस सौदे में हाथ डालना चाहिए। यदि आपको थोड़ा भी ऐसा लगे कि यह जमीन विवादित है, तो उस सौदे से दूर रहना ही समझदारी का काम होगा। यदि आपका पुराना वाहन अभी काम कर रहा है तो नए सिरे से वाहन इत्यादि खरीदने से बचें। यथासंभव खर्चों को रोकना होगा। रोग और गुप्त शत्रुओं से भी सावधान रहें। किसी भी प्रतिस्पर्धी या शत्रु को हल्के में लेना उचित नहीं रहेगा। अपने संबंधों और रिश्तेदारी को समय के साथ-साथ उन्हें वैल्यू देना भी जरूरी होगा। अपने निकटतम व्यक्तियों और भाई-बंधुओं से किसी भी प्रकार का विवाद न होने पाए, इस बात का ध्यान रखें, अन्यथा यह आपको तनाव भी दे सकते हैं। सारांश यह है कि बृहस्पति का छठे भाव में यह गोचर आपके लिए बहुत अनुकूल नहीं रहेगा। अतः सावधानी पूर्वक निर्वाह करना होगा।
उपाय: प्रत्येक तीसरे महीने किसी बुजुर्ग पुजारी को पीले कपड़े का दान करें।
बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और मकर राशि पर उसका प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में तीसरे तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं। यह गोचर करके आपके पंचम भाव में रहने वाले हैं। पंचम भाव में बृहस्पति के गोचर को काफ़ी अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। अतः इस गोचर की अवधि में आप अधिकांश मामलों में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। बृहस्पति का यह गोचर विद्यार्थियों को काफ़ी अच्छे परिणाम देने का काम कर सकता है। इसके अलावा, प्रेम संबंधों में भी अच्छी अनुकूलता देखने को मिल सकती है। जिनकी उम्र विवाह की हो चली है और वह विवाह की कोशिश भी कर रहे हैं तो उनके सगाई और विवाह की संभावनाएं मजबूत होंगी। वहीं, ऐसे विवाहित लोग जो संतान प्राप्ति की इच्छा रख रहे हैं, उन्हें संतान प्राप्ति में बृहस्पति का यह गोचर अच्छे परिणाम दे सकता है।
आपका आत्मविश्वास आपको विभिन्न मामलों में सफलता दिलाने का काम कर सकता है। यदि आपका काम किसी भी तरीके से दूर के स्थान से संबंधित है तो उन कार्य-व्यापार में आपको अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। दूर की यात्राएं फायदेमंद रह सकती हैं। विदेश जाकर अध्ययन या कमाई करने वाले लोग भी अपने इस प्रयास में सफल हो सकेंगे। विशेषकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी काफ़ी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। श्रेष्ठ जनों से संपर्क होगा। लाभ के अवसर मिलते रहेंगे और उन्नति के रास्ते प्रशस्त होंगे। यदि आपने उन अवसरों को सही समय पर पहचान लिया तो आप कुछ विशेष उपलब्धि भी प्राप्त कर सकेंगे। सारांश यह है कि यह गोचर मकर लग्न या मकर राशि वालों को काफ़ी अच्छे परिणाम दे सकता है।
उपाय: मुफ्त में कोई भी उपहार या दान स्वीकार न करें तथा साधु संत और गुरुजनों की सेवा करें।
बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और कुंभ राशि पर उसका प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी हैं। यह गोचर करके आपके चौथे भाव में रहने वाले हैं। यहां पर बृहस्पति के गोचर को अधिकांश मामलों में कमज़ोर लेकिन कुछ मामलों में अच्छे परिणाम देने वाला भी कहा जाता है। ऐसे बृहस्पति के बारे में कहा जाता है कि चतुर्थ में बृहस्पति का गोचर सुख-संपत्ति के साधनों में वृद्धि करवाता है, लेकिन उन संसाधनों से सुख प्राप्त होने में बाधा देता है। उदाहरण के लिए यदि आप लंबे समय से जमीन-जायदाद खरीदने के इच्छुक रहे हैं और इस अवधि में आप किसी तरह से जमीन-जायदाद खरीद भी लेते हैं, तो उस पर घर बनाने में कोई न कोई अड़चन आ सकती है।
कोशिश करके आप उन संसाधनों को प्राप्त भी कर सकेंगे, लेकिन उससे सुख मिले यह जरूरी नहीं है। अन्य मामलों में भी कुछ न कुछ ऐसे कारण हो सकते हैं जो आपको तनाव दे सकते हैं। आप घर-गृहस्थी को लेकर कुछ हद तक तनाव ग्रस्त रह सकते हैं। आर्थिक और पारिवारिक जीवन को लेकर चिंतित रह सकते हैं। मेहनत की अनुरूप उपलब्धियां कमज़ोर होने के कारण भी आप तनावग्रस्त रह सकते हैं। यह गोचर आपको मानसिक अशांति देने का काम कर सकता है। वाहन इत्यादि से संबंधित कुछ परेशानियां रह सकती हैं। साथ ही, वहां सावधानी से चलाना भी जरूरी होगा जिससे चोट-खरोच का भय रह सकता है। आर्थिक जीवन में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करेंगे तो कोई बड़ी समस्या नहीं आएगी, फिर भी बीच-बीच में अनचाहे खर्च देखने को मिल सकते हैं।
उपाय: बड़े बुजुर्गों की सेवा करें तथा सपेरे को दूध देकर निवेदन करें कि वह दूध सांप को पिलाए।
बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और मीन राशि पर उसका प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके दशम भाव अर्थात कर्म भाव के भी स्वामी हैं। यह गोचर करके आपके तीसरे भाव में रहेंगे। इस भाव में बृहस्पति के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं माना जाता है। अतः बृहस्पति का यह गोचर आपसे कुछ बेकार की यात्राएं करवाने का काम कर सकता है। भागदौड़ की तुलना में उपलब्धियां कम रह सकती हैं। जिस कारण से मन विचलित या परेशान सा रह सकता है। हालांकि, वह लोग जो इस वर्ष स्थान परिवर्तन की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें इस दौरान स्थान परिवर्तन करने का मौका मिल सकता है। लेकिन, कुछ लोगों का स्थान परिवर्तन उनकी इच्छा के विरुद्ध भी हो सकता है।
बृहस्पति का यह गोचर बेकार के खर्च करवा सकता है। वहीं आमदनी खर्चे की तुलना में कम रह सकती है। इस कारण से आप कुछ हद तक दबाव या परेशानी का अनुभव कर सकते हैं। इष्ट मित्रों से दूर रहने की स्थितियां निर्मित हो सकती हैं। कुछ मित्रों से नाराजगी या विवाद भी देखने को मिल सकते हैं। कामों में बीच-बीच में कुछ व्यवधान देखने को मिल सकते हैं। इस गोचर की अवधि में अपने वरिष्ठों और मालिकों के साथ आपको अपने संबंध अच्छे रखना चाहिए। जिन लोगों का व्यापार-व्यवसाय यात्राओं से जुड़ा हुआ है, उन्हें व्यापारिक यात्रा की अवधि में पर्याप्त सावधानी अपनाने की आवश्यकता रहेगी।
उपाय: संभव हो, तो प्रत्येक तीसरे महीने कन्या पूजन करके उनका आशीर्वाद लें।
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3 मूलांक वाले जातकों को इन कामों से रहना होगा सावधान अन्यथा हो सकता है बड़ा नुकसान!
अंक ज्योतिष का हमारे जीवन में विशेष महत्व हैं। बता दें कि अंक ज्योतिष भी एक तरह से ज्योतिष शास्त्र की तरह व्यक्ति के भविष्य के बारे में गणना करता है। अंक ज्योतिष में अंकों की मदद से किसी भी व्यक्ति के भविष्य के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है। हिंदी में इसकी गूढ़ विद्या को अंक शास्त्र या अंक ज्योतिष कहते हैं और अंग्रेजी में न्यूमेरोलॉजी नाम से जाना जाता है। अंकज्योतिष में सभी नौ ग्रह- सूर्य, चन्द्र, गुरु, बुध, शुक्र, वरुण, शनि, यूरेनस और मंगल की विशेषताओं के आधार पर गणना की जाती है। अंक ज्योतिष में मूलांक 1 से लेकर 9 तक ही होते हैं तथा प्रत्येक अंक का भविष्यफल अलग-अलग होता है, जो प्रत्येक ग्रह पर निर्भर होता है। अंक ज्योतिष के अनुसार, प्रत्येक संख्या का एक अर्थ अपने आप में छिपा होता है।
इसी क्रम में जिन लोगों का जन्म किसी भी माह की तारीख 3, 12,21,30 को हुआ है, तो उनका मूलांक 3 होता है। मूलांक 3 पैसा, बुद्धि और ज्ञान के ग्रह बृहस्पति का प्रतीक माना जाता है। यदि आपका जन्म 3, 12,21 या 30 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 3 है और आपको कुछ कामों को करने से बचने की सलाह दी जाती है। अंक ज्योतिष के अनुसार, यदि ये जातक अपनी कमजोरियों को जान लें तो इन्हें दूर कर सकते हैं और जीवन को सफलता की ओर ले जा सकते हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं मूलांक 3 के जातकों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
मूलांक 3 के जातकों को इन कामों से रहना होगा सावधान
अहंकार की भावना से रहें दूर
मूलांक 3 के लोगों का सबसे बड़ा दुश्मन उनका उग्र व्यवहार और अहंकार यानी घमंड होता है। इन जातकों में अहंकार की गति जितनी तेज होगी, उनका पतन उतनी ही जल्दी होता है। इन जातकों को जीवन में सुख-समृद्धि व धन तेजी से प्राप्त होगा क्योंकि इनके स्वामी देव गुरु बृहस्पति हैं। ऐसे में, इन जातकों के अंदर यह भावना आ सकती है कि संसार में उनसे अच्छा कोई नहीं है, तब यह निश्चित तौर पर अपना विनाश करने के लिए तैयार रहते हैं तब इनके अंदर अहंकार की भावना जन्म लेती है। अहंकार अधिकतर रिश्ते तोड़ता है। करीबी मित्र और रिश्तेदार भी आपसे दूर हो जाते हैं। ऐसे में, यदि आपके अंदर अहंकार की भावना खत्म हो जाएगी तो आप तरक्की की ओर तेज़ी से आगे बढ़ेंगे।
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व्यर्थ के खर्चों पर लगाए लगाम
मूलांक 3 के जातकों को जीवन में धन-दौलत की कमी नहीं होती है और ये भौतिक सुख-सुविधा और विलासिता पर अधिक धन खर्च करते हैं। इन्हें खुल कर पैसा खर्च करने में आनंद आता है और ये भविष्य के बारे में बिल्कुल नहीं सोचते हैं। हालांकि यही इनकी सबसे बड़ी समस्या बन सकती है क्योंकि अधिक धन खर्च करने की वजह से इन्हें आर्थिक समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है। कई बार कर्ज लेने या लोन लेने तक की स्थिति बन जाती है, जिसकी वजह से ये तनाव व परेशानी में रहते हैं। ऐसे में, इन जातकों को सलाह दी जाती है कि धन की बर्बादी न करते हुए भविष्य के लिए बचत करने पर ध्यान दें ताकि आगे की स्थिति को आसान किया जा सके।
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स्वभाव व व्यवहार में लगाए परिवर्तन
मूलांक 3 के लोग जिद्दी व हठी स्वभाव के होते हैं और अपने आगे किसी की नहीं सुनते हैं। कई बार इनके इस स्वभाव की वजह से ये अपना धन और सम्मान दोनों ही खो बैठते हैं। इनके इस व्यवहार की वजह से लोग इनके धीरे-धीरे दूरी बना लेते हैं और इन्हें नापसंद करने लगते हैं। इस वजह से ये लोग जीवन में अकेले पड़ जाते हैं। जीवन में तरक्की हासिल करने के लिए इन जातकों को अपने व्यवहार और स्वभाव में परिवर्तन करना होगा तभी आप जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकेंगे अन्यथा यह व्यवहार आपको अकेले रहने में मजबूर कर सकता है।
इन जातकों के अंदर उतावलेपन बहुत अधिक होता है। उतावलेपन के कारण हमारे मन-मस्तिष्क पर अनावश्यक दबाव पड़ता है, जिसके चलते कई काम बिगड़ जाते हैं। ये हर काम को जल्दबाजी में खत्म करना चाहते हैं और इस वजह से काम सुधारने की जगह काम बिगाड़ देते हैं। इनके अंदर एक यह कमी भी होती है कि ये अपने उतावलेपन की वजह से हर काम को तेजी से करने की सोचते हैं और इस वजह से कई काम अधूरे रह जाते हैं और कई गलतियां भी कर बैठते हैं।
मूलांक 3 के लोगों की एक कमी यह भी है कि ये अपने अधिक गुस्से के कारण अपना अक्सर मानसिक संतुलन खो देते हैं, इतना ही नहीं गलत कार्य भी कर बैठते हैं। यह हम सभी जानते हैं कि क्रोध मनुष्य को बर्बाद कर देता है और उसे अच्छे बुरे का पता नहीं चलने देता है, जिस कारण मनुष्य का इससे नुकसान होता है। ऐसे में, यदि ये जातक क्रोध करना नहीं छोड़ेंगे तो अपना ही नुकसान कर बैठेंगे। कई बार ये लोग गुस्से में फैसले ले लेते हैं, जिसका पछतावा इन्हें तब होता है जब ये समस्या में फंस चुके होते हैं। क्रोध में लिया गया निर्णय सदा ही पछतावा ही देता है ,सफलता कभी नहीं इसलिए सदा शांत दिमाग से निर्णय ले ताकि जीवन किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
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गुरु का वृषभ राशि में गोचर: जानें विश्व समेत सभी राशियों पर प्रभाव!
एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग “बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर” को हम विशेष रूप से अपने पाठकों के लिए लेकर आये हैं जिसके माध्यम से आपको गुरु गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त होगी जैसे कि तिथि, समय और प्रभाव आदि। वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को गुरु के नाम से जाना जाता है और इनकी चाल, स्थिति और दशा में बदलाव लोगों को प्रभावित करने की क्षमता रखती है। ऐसे में, अब यह जल्दी ही वृषभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं जिसका असर सभी राशियों, देश-दुनिया के साथ-साथ शेयर बाजार पर भी पड़ेगा। गुरु ग्रह का यह गोचर 01 मई 2024 को होने जा रहा है और इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि यह परिवर्तन दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा।
बृहस्पति ग्रह को सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह माना जाता है। ज्योतिष की दुनिया में भी इनकी गणना प्रमुख ग्रहों में होती है। सभी नौ ग्रहों में गुरु ग्रह को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है और इन्हें देव गुरु बृहस्पति भी कहा जाता है। यह सबसे शुभ एवं लाभकारी ग्रह माने गए हैं।
अक्सर, ऐसा कहा जाता है कि अगर व्यक्ति की कुंडली में ज्यादातर ग्रहों की स्थिति अच्छी न हो, लेकिन बृहस्पति महाराज किसी राशि में अच्छी स्थिति में हो, तो वह इंसान जीवन में आसानी से आगे बढ़ना में सक्षम होता है। साथ ही, यदि गुरु ग्रह की शुभ दृष्टि किसी भाव या किसी ग्रह पर पड़ रही होती है, तो यह उस भाव या ग्रह के अशुभ प्रभावों को समाप्त कर देती है। हालांकि, गुरु ग्रह हर 13 महीने में अपनी राशि में बदलाव करते हैं इसलिए इनके गोचर को ज्योतिष शास्त्र में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह एक साल से अधिक समय तक एक राशि में रहते हैं और एक शुभ एवं लाभकारी ग्रह होने के नाते मनुष्य जीवन को अत्यधिक प्रभावित करते हैं।
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गुरु का वृषभ राशि में गोचर: समय
बता दें कि बृहस्पति देव का वृषभ राशि में गोचर 01 मई 2024 की दोपहर 02 बजकर 29 मिनट पर होने जा रहा है और इस गोचर के दो दिन बाद यानी कि 03 मई 2024 की रात 10 बजकर 08 मिनट पर गुरु ग्रह अस्त हो जाएंगे। सामान्य शब्दों में, गुरु के अस्त होने को “बृहस्पति तारा डूबना” के नाम से जाना जाता है और इसके एक महीने के बाद, 03 जून 2024 की देर रात 03 बजकर 21 मिनट पर यह उदित हो जाएंगे। जब बृहस्पति अपनी अस्त अवस्था में होते हैं, उस समय विवाह जैसे शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं और इनके उदित होने पर मांगलिक कार्यों का पुनः शुभारंभ होता है।
बृहस्पति देव जब वृषभ राशि में विराजमान होते हैं, तो वह व्यक्ति को धन कमाने और ज्ञान को बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं। ऐसे में, व्यक्ति बिना किसी तनाव में आए अच्छे से काम करने में भी सक्षम होता हैं और इन्हें ज्यादा डाटा रखने की भी जरूरत नहीं होती है। वृषभ राशि में स्थित गुरु ग्रह आपको दृढ़ और ईमानदार बनाए रखते हुए सफलता की राह में आपका मार्गदर्शन करते हैं। साथ ही, यह व्यक्ति को अपना शहर छोड़कर कहीं दूसरी जगह जाने का भी अवसर देते हैं। धन-समृद्धि कमाने और अपने परिवार के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए यह आपको अपना कंफर्ट जोन छोड़कर बाहर जाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। यह आपको हर प्रोजेक्ट एक विशिष्ट उद्देश्य के साथ देते हैं।
यह जातकों की वाणी को प्रभावशाली बनाते हैं जिसके चलते वह एक मज़बूत सामाजिक दायरे का निर्माण करने में सक्षम होते हैं। यह आपको आर्थिक जीवन में लाभ प्रदान करते हैं और इन लोगों की कुकिंग स्किल्स शानदार होती है। इसके अलावा, बृहस्पति देव की इस स्थिति की वजह से इंटीरियर डिजाइनिंग में इनकी नज़र बेहद उत्तम होती है और यह काफ़ी रचनात्मक होते हैं। बता दें कि गुरु ग्रह का संबंध उच्च पारिवारिक मूल्यों से भी होता है।
बृहस्पति की यह स्थिति पेशेवर जीवन में उन्नति देती है और रिश्तों में आपको परिपक्व बनाने का काम करती है। वहीं, मनुष्य को जीवन के विभिन्न पहलुओं में सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। वृषभ राशि में अपनी स्थिति के अनुसार, यह जातको को प्रत्येक क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने का सामर्थ्य देते हैं और फाइनेंसियल इंस्टिट्यूट में व्यक्ति के उच्च पद पाने का मार्ग प्रशस्त करते हैं। इस राशि में बैठे गुरु महाराज समाज के कल्याण के लिए फ़ूड और फाइनेंसियल मैनेजमेंट के क्षेत्र में परिवर्तन लेकर आते हैं।
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गुरु का वृषभ राशि में गोचर: विश्व पर प्रभाव
आध्यात्मिक एवं धार्मिक कार्य
भारत में धार्मिक कार्यों से जुड़ने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि होगी क्योंकि गुरु का वृषभ राशि में गोचर लोगों को अध्यात्म और शांति के पथ पर लेकर जाएगा।
गुरु गोचर के दौरान धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन और ज्योतिष जैसे गूढ़ विज्ञान के कोर्स में दाखिला लेकर खुद को जानने-समझने और तलाशने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
तेल, घी, एरोमेटिक ऑयल आदि की कीमतों में कमी देखने को मिल सकती है और ऐसे में, लोगों को कुछ राहत मिलने की संभावना है।
अध्यात्म और धार्मिक कार्यों में इस्तेमाल होने वाले एरोमेटिक प्रोडक्ट्स जैसे कि परफ्यूम या इत्र, आदि और फूल से बनने वाले ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स के निर्यात की मांग में उछाल आ सकता है।
सरकार और न्यायपालिका
देश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मंत्री और सरकार में उच्च पदों पर आसीन अधिकारी कुछ नई नीतियां या नए नियम का निर्माण करते हुए दिखाई देंगे।
इस अवधि में न्यायपालिका अच्छे से काम करेंगी और ऐसे में, वह देश और लोगों की भलाई के लिए महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है।
बृहस्पति गोचर की अवधि दुनिया के उन देशों के लिए राहत लेकर आएगी जिन्हें युद्ध का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि इन देशों को सही न्याय मिलने से अब युद्ध समाप्त हो सकते हैं।
हमारे देश के मंत्री और सरकारी अधिकारी बयान देते समय बेहद सावधान रहेंगे। ऐसे में, यह जो भी बोलेंगे, बहुत सोच-समझकर बोलेंगे।
शिक्षा व इससे जुड़े अन्य क्षेत्र
जो लोग काउंसलर, टीचर, इंस्ट्रक्टर, प्रोफेसर आदि के रूप में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हैं, उन्हें इस गोचर की अवधि में लाभ प्राप्त होगा। लेकिन, इन्हें कार्यक्षेत्र पर अनिश्चितताओं या फिर मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।
बृहस्पति के वृषभ राशि में गोचर के दौरान लेखक और फिलोसोफर अपनी रिसर्च, कहानियों और पब्लिशिंग से जुड़े कामों को दोबारा करते हुए दिखाई देंगे।
दुनियाभर के रिसर्चर, सरकार के लिए कार्यरत सलाहकारों, वैज्ञानिकों आदि के लिए यह गोचर फलदायी साबित होगा और ऐसे में, आप अनेक समस्याओं के समाधान ढूंढ़ने के साथ-साथ चीज़ों को एक अलग नज़रिये से देखने में सक्षम होंगे।
गुरु महाराज के इस गोचर की वजह से मेडिकल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिलेंगे।
गुरु का वृषभ राशि में गोचर: शेयर बाज़ार भविष्यवाणी
बृहस्पति के गोचर को सबसे महत्वपूर्ण गोचरों में से एक माना जाता है। इसके परिणामस्वरूप, यह राशि परिवर्तन शेयर बाजार पर भी वैसा ही असर डालेगा जैसा कि देश-दुनिया समेत अन्य पहलुओं पर डालेगा। चलिए अब आगे बढ़ते हैं और आपको रूबरू करवाते हैं शेयर बाजार की भविष्यवाणी से।
यह गोचर पब्लिक सेक्टर, सीमेंट, ऊनी मिलों, लोहा, स्टील और आवास आदि से जुड़े क्षेत्रों में विकास लेकर आएगा।
फार्मा सेक्टर, ऑटोमोबाइल, ट्रैक्टर, फ़र्टिलाइज़र, बीमा, कॉस्मेटिक, परिवहन, कॉटन मिल, फिल्म इंडस्ट्री, प्रिंटिंग आदि क्षेत्र प्रगति के राह पर आगे बढ़ेंगे।
मेडिकल और लीगल कंपनियों को भी अच्छा पैसा कमाने के अवसर मिलेंगे।
गुरु का वृषभ राशि में गोचर: इन राशियों को मिलेंगे शुभ परिणाम
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए गुरु महाराज आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो कि आपके दूसरे भाव में गोचर करेंगे। इन लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और ऐसे में, आप पर्याप्त मात्रा में पैसा कमाने में सक्षम होंगे। इस अवधि में लोग आपकी बातें सुनना पसंद करेंगे और आपकी हर बात एवं सलाह को समझेंगे।
यह गोचर आपको परिवार के सदस्यों के साथ संपर्क में रखने का काम करेगा। अगर आपका संबंध फैमिली बिज़नेस से हैं, तो काम के सिलसिले में की गई यात्रा आपको मनचाहा लाभ प्रदान करेगी। वहीं, दूसरे भाव में बैठकर बृहस्पति देव आपके परिवार को कोई शुभ समाचार सुनाने का काम करेंगे। संभव है कि परिवार के विवाह योग्य सदस्य का विवाह पक्का हो जाए या फिर घर में संतान का जन्म हो सकता है जिससे घर-परिवार का माहौल ख़ुशियों से भरा रहेगा।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए गुरु का वृषभ राशि में गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होगा। बता दें कि आपके लिए बृहस्पति एक महत्वपूर्ण ग्रह है क्योंकि यह आपके छठे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आपके भाग्य भाव के भी स्वामी है। कुंडली में नौवें भाव को भाग्य भाव कहते हैं और ऐसे में, नौवें भाव के स्वामी का ग्यारहवें भाव में जाना आपके भाग्य को मज़बूत करेगा।
यह गोचर आपके रास्ते में उत्पन्न समस्याओं को दूर करने का काम करेगा। इन लोगों की व्यापार से जुड़ी योजनाएं सफल रहेंगी। अगर आप आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं, तो आपके मार्ग से सभी बाधाएं दूर होंगी और इसके परिणामस्वरूप, आपको शिक्षा हासिल करने के बेहतरीन मौके मिलेंगे। गुरु ग्रह आपको जीवन के विभिन्न आयामों में उत्तम परिणाम प्रदान करेंगे और साथ ही, आपकी आय में भी वृद्धि होगी।
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सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए गुरु देव आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके दसवें भाव में गोचर कर रहे हैं। इस दौरान नौकरी में स्थानांतरण होने या फिर नौकरी में बदलाव होने के योग बनेंगे। हालांकि, इस तरह के बदलाव आपके लिए सकारात्मक साबित होंगे। बृहस्पति देव का यह गोचर आपको अज्ञात धन, पैतृक संपत्ति या अप्रत्याशित रूप से धन लाभ करवाने का काम करेगा। सिंह राशि के जातक घर-परिवार के जरूरी मामलों में अपना योगदान देंगे और ऐसे में, लोगों की नज़रें आप पर बनी रहेंगी।
हालांकि, दसवें भाव में बैठकर यह आपके चौथे भाव को देखेंगे जिसके प्रभाव से आपका पारिवारिक जीवन सुखद बना रहेगा। घर-परिवार में शांतिपूर्ण वातावरण रहेगा और साथ ही, आपकी माता जिन स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रही थी, अब वह दूर होंगी। ऐसे में, उनकी सेहत में सुधार देखने को मिलेगा और गुरु देव उन्हें हर समस्या से लड़ने का साहस प्रदान करेंगे। इन जातकों के संपत्ति खरीदने के योग प्रबल होंगे। हालांकि, यह संपत्ति पुरानी हो सकती है, लेकिन आपके काम आएगी।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए गुरु महाराज आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके सातवें भाव में गोचर करने वाले हैं और इस भाव में बृहस्पति का प्रवेश केंद्र-त्रिकोण राजयोग का निर्माण करेगा। सातवें भाव में गुरु ग्रह की स्थिति आपके व्यापार में तरक्की लेकर आएगी।
अगर आपकी कंपनी पहले से ही परेशानियों से जूझ रही है, तो इस समय उसमें कमी आने की संभावना है और अब वह स्थिरता की तरफ आगे बढ़ेगी। स्थिर होने से आप दृढ़ महसूस करेंगे। वहीं, व्यापार करने वाले जातक अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा बिज़नेस में लगा सकते हैं जिससे आपके व्यापार को सही दिशा मिल सकेगी। हालांकि, अपनी बुद्धि का उपयोग करके आप व्यापार को बढ़ाने में सक्षम होंगे। इन जातकों के प्रेम विवाह के योग बनेंगे।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों की कुंडली में गुरु ग्रह को दूसरे और ग्यारहवें भाव पर आधिपत्य प्राप्त हैं जो कि अब आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, आपकी रुचि घर को सजाने-संवारने और घर की जरूरतों को पूरा करने में होगी। साथ ही, आप अपने कामों को करने के साथ-साथ अपनी माता के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखेंगे।
गुरु का वृषभ राशि में गोचर 2024 के अनुसार, आठवें भाव पर गुरु ग्रह की दृष्टि का शुभ प्रभाव होने की वजह से आपको पैतृक संपत्ति की प्राप्ति होगी। साथ ही, अप्रत्याशित रूप से भी धन मिलने की संभावना है जिसके चलते आप प्रसन्न रहेंगे। धर्म-कर्म के कार्यों को करने से आप लोकप्रियता हासिल करेंगे और ऐसे में, लोगों के बीच आपकी एक अलग पहचान बनेगी। इस दौरान आप आर्थिक रूप से मज़बूत होंगे, लेकिन आपको करियर पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जाती है।
गुरु का वृषभ राशि में गोचर: इन राशियों को करेंगे नकारात्मक रूप से प्रभावित
धनु राशि
धनु राशि वालों को बृहस्पति महाराज के इस गोचर के दौरान अपने स्वास्थ्य को लेकर सावधान रहना होगा क्योंकि आपके बीमार पड़ने की आशंका हैं। धनु राशि के स्वामी ग्रह गुरु का छठे भाव में गोचर आपको कानूनी मामलों में उलझाने का काम कर सकता है। यदि आप पहले से किसी विवाद में फंसे हैं, तो इस समय आपको इस मामले में ध्यान देने की सलाह दी जाती है। ऐसे में, आपको काफ़ी धन खर्च भी करना पड़ सकता है।
अगर आप बैंक से लोन लेना चाहते हैं, तो अब आपको इसमें सफलता प्राप्त हो सकती हैं। लेकिन, आप प्रतिद्वंदियों की वजह से परेशान नज़र आ सकते हैं और ऐसे में, आपको उनसे दो कदम आगे रहने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। धनु राशि के छठे भाव में बैठकर बृहस्पति देव आपके दसवें भाव, बारहवें भाव और दूसरे भाव को देख रहे होंगे। बृहस्पति गोचर 2024 इन जातकों को सलाह दे रहा है कि कड़ी मेहनत ही आपको सफलता के मार्ग पर लेकर जाएगी। लेकिन, गुरु ग्रह के गोचर की अवधि को संपत्ति खरीदने के लिए अनुकूल नहीं कहा जाएगा इसलिए इस दौरान ऐसा करने से बचें।
गुरु का वृषभ राशि में गोचर: सरल एवं अचूक उपाय
प्रतिदिन 108 बार गुरु ग्रह के बीज मंत्र का जाप करें।
श्री हरि विष्णु की पूजा-अर्चना करें और उन्हें पीली मिठाई का प्रसाद रूप में भोग लगाएं।
संभव हो, तो ज्यादा से ज्यादा पीला रंग के कपड़े पहनें। साथ ही, किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद अपनी कुंडली में बृहस्पति की स्थिति के आधार पर पुखराज धारण करें।
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मई 2024 में कौन सी तिथियां है अन्नप्राशन मुहूर्त के लिए शुभ, यहाँ पढ़ें मई 2024 की पूरी लिस्ट!
हिंदू धर्म में अन्नप्राशन संस्कार को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है जो कि सोलह संस्कारों में से एक है। हम सभी जानते हैं कि मनुष्य के जीवन काल में अनेक तरह के संस्कार किये जाते हैं। लेकिन, वह कार्य जिन्हें शिशु के जीवन में पहली बार किया जाता है उनका विशेष ही महत्व होता है चाहे वह बच्चे का पहला कदम हो, पहली मुस्कान हो या मुंह से निकला पहला शब्द हो। ऐसे में, अगर आप अपने शिशु का अन्नप्राशन संस्कार मई 2024 में करने के बारे में सोच रहे हैं, तो हम आपको मई 2024 के लिए शुभ मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं मई 2024 की शुभ तिथियां।
प्रत्येक माता-पिता के लिए वह पल बहुत खास होता है जिन्हें वह अपनी संतान के साथ बिताते हैं। हम सब इस बात को भली-भांति जानते हैं कि जब शिशु का जन्म होता है, तो शुरुआत के 6 महीने उसे सिर्फ माँ का दूध ही पिलाया जाता है क्योंकि बच्चे के लिए मां का दूध ही सबसे पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होता है। 6 महीने का होने के बाद शिशु को जब पहली बार ठोस आहार अर्थात ठोस भोजन खिलाया जाता है, तो इसे ही अन्नप्राशन संस्कार कहा जाता है।
आइए अब हम बिना देर किये आपको अवगत करवाते हैं मई 2024 में अन्नप्राशन संस्कार के शुभ मुहूर्त एवं तिथियों से।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
मई 2024 के लिए अन्नप्राशन संस्कार के शुभ मुहूर्त
पहला मुहूर्त:
तिथि: 03 मई 2024, शुक्रवार
मुहूर्त: सुबह 06:49 से सुबह 11:00 तक
दूसरा मुहूर्त:
तिथि: 06 मई 2024, सोमवार
मुहूर्त: सुबह 06:38 से दोपहर 13:08 तक
तीसरा मुहूर्त:
तिथि: 09 मई 2024, गुरुवार
मुहूर्त: दोपहर 12:56 से शाम 17:30 तक
शाम 19:49 से रात 22:08 तक
चौथा मुहूर्त:
तिथि: 10 मई 2024, शुक्रवार
मुहूर्त: सुबह 06:22 से 08:17 तक
सुबह 10:32 से शाम 17:26 तक
शाम 19:45 से रात 22:04 तक
पांचवां मुहूर्त:
तिथि: 20 मई 2024, सोमवार
मुहूर्त: रात 21:25 से 23:29 तक
छठा मुहूर्त:
तिथि: 23 मई 2024, गुरुवार
मुहूर्त: दोपहर 14:19 से रात 21:13 तक
सातवां मुहूर्त:
तिथि: 27 मई 2024, सोमवार
मुहूर्त: शाम 18:39 से रात 23:01 तक
आठवां मुहूर्त:
तिथि: 30 मई 2024, गुरुवार
मुहूर्त: सुबह 06:59 से 09:13 तक
सुबह 11:34 से दोपहर 13:51 तक
किस आयु में करें अन्नप्राशन संस्कार?
धर्मग्रंथों में अन्नप्राशन संस्कार के समय का विस्तृत वर्णन किया गया है जैसे कि किस समय करें और किन बातों का ध्यान रखें आदि। हालांकि, हम आपको बताना चाहेंगे कि अन्नप्राशन संस्कार को उस समय करें जब शिशु 5 से 12 माह का हो जाए। इसी प्रकार, बालकों का अन्नप्राशन संस्कार हमेशा सम महीनों जैसे कि 6, 8, 10 या 12 महीने में किया जाता है। इसके विपरीत, बालिकाओं का अन्नप्राशन विषम महीनों जैसे 5, 7, 9 या 11 महीने में संपन्न होता है।
वर्ष 2024 में हिंदू धर्म के सभी पर्वों एवं त्योहारों की सही तिथियां जानने के लिए क्लिक करें: हिंदू कैलेंडर 2024
अन्नप्राशन संस्कार के मुहूर्त निर्धारण के लिए नियम
अगर आप अपनी संतान का अन्नप्राशन संस्कार इस वर्ष के मई 2024 में करने का मन बना रहे हैं, तो अन्नप्राशन संस्कार के मुहूर्त का चुनाव करते समय कुछ विशेष नियमों को ध्यान में रखना होगा जिससे शिशु को ग्रहों-नक्षत्रों एवं ईश्वर की कृपा प्राप्त हो सके।
कन्याओं का अन्नप्राशन संस्कार विषम महीने में होता है जबकि बालकों का सम महीने में अन्नप्राशन होने की परंपरा है।
अन्नप्राशन संस्कार को सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार के दिन संपन्न करना चाहिए।
अन्नप्राशन संस्कार को करने के लिए 27 नक्षत्रों में से श्रावण, धनिष्ठा,चित्रा, स्वाति, अनुराधा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, उत्तराषाढ़ा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, अश्विनी और रोहिणी आदि को शुभ माना गया हैं।
अन्नप्राशन संस्कार के समय इन बातों का रखें ध्यान
माता-पिता अन्नप्राशन संस्कार के दिन बच्चे को इस तरह के कपड़े पहनाएं जिसमें शिशु आरामदेह महसूस करें।
अन्नप्राशन संस्कार के लिए आपको भोजन पूरी तरह से साफ़-सफाई के साथ बनाना चाहिए।
सुनिश्चित करें कि अन्नप्राशन संस्कार के दौरान जो व्यक्ति शिशु को भोजन कराएं, उसके हाथ स्वच्छ हो, वरना बच्चे को इन्फेक्शन हो सकता है।
इस संस्कार के समय शिशु को मीठी चीज़ें या मिठाई खिलाने से परहेज़ करें, अन्यथा उसका पेट ख़राब हो सकता है।
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प्रेम के ग्रह शुक्र का गोचर, किन राशियों के प्रेम जीवन को भर देंगे मिठास से या समस्याओं की होगी भरमार?
शुक्र का मेष राशि में गोचर: प्रेम और ऐश्वर्य के कारक ग्रह शुक्र 25 अप्रैल 2024 को मेष राशि में गोचर कर जाएंगे। वह 25 अप्रैल 2024 से लेकर 19 मई 2024 तक मेष राशि में रहेंगे। ज्योतिष में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख-सुविधाओं और सौंदर्य का कारक ग्रह माना गया है। शुक्र धन, वैभव, ऐश्वर्य और विलासिता आदि देने वाले कहे जाते हैं। ऐसे में, शुक्र का गोचर इन तमाम क्षेत्रों पर प्रभाव डालेगा, फिलहाल अभी शुक्र ग्रह अपनी उच्च राशि यानी मीन राशि को छोड़कर मंगल ग्रह की पहली राशि मेष राशि में गोचर करने जा रहे हैं, तब यह नैसर्गिक तथा तत्कालिक मित्रता के अनुसार मित्र अवस्था में रहने वाले हैं। ऐसे में, शुक्र आपको कैसे परिणाम देंगे? आइए जानते हैं।
शुक्र का मेष राशि में गोचर: 12 राशियों पर प्रभाव और उपाय
मेष राशि
शुक्र आपकी कुंडली में दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं। वर्तमान में यह आपके लग्न भाव में गोचर करने वाले हैं। पहले भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा माना जाता है। अतः शुक्र आपको आर्थिक मामलों में अच्छा लाभ करवा सकते हैं और वैवाहिक जीवन में भी अच्छे परिणाम दे सकते हैं। सुख-सुविधा, धन, संपत्ति, शिक्षा, विवाह, आमोद-प्रमोद, व्यापार आदि से जुड़े क्षेत्रों में शुक्र के इस गोचर के चलते आपके अनुकूल परिणाम मिलने की संभावनाएं मजबूत होंगी ।
उपाय: काली गाय की सेवा करें।
वृषभ राशि
शुक्र आपकी कुंडली में आपके लग्न या राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके छठे भाव के भी स्वामी हैं और अब आपके द्वादश भाव में गोचर करने जा रहे हैं। द्वादश भाव में शुक्र के गोचर को अच्छा माना जाता है, लेकिन लग्न या राशि स्वामी का द्वादश में जाना स्वास्थ्य संबंधी मामलों में थोड़े कमज़ोर परिणाम दे सकता है। अतः इस दौरान आपको स्वास्थ्य को लेकर जागरूक रहना होगा। यदि आप जॉब करते हैं तो आपको नौकरी या अपने काम के प्रति पूरी तरह से निष्ठावान बने रहना होगा। यदि आप ऐसा करते हैं तो आर्थिक लाभ भी प्राप्त कर सकेंगे और समय-समय पर भोग-विलास और मनोरंजन भी कर सकेंगे। विदेश से जुड़े क्षेत्रों में अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: किसी सौभाग्यवती स्त्री को श्रृंगार की सामग्री उपहार में दें।
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मिथुन राशि
शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ द्वादश भाव के भी स्वामी हैं और शुक्र आपके लाभ भाव में गोचर करने वाले हैं। लाभ भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला कहा गया है। ऐसे में, दूर के स्थानों से अच्छे लाभ आपको मिल सकते हैं। प्रेम जीवन और शिक्षा से संबंधित मामलों में भी अच्छे परिणाम मिलने की संभावनाएं बन रही हैं। धन और ऐश्वर्य में वृद्धि के योग बनेंगे और कामों में सफलता मिलेगी। मित्रों का अच्छा सहयोग भी मिल सकेगा।
उपाय: नियमित रूप से लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
कर्क राशि
शुक्र आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ लाभ भाव के स्वामी हैं। वर्तमान में शुक्र आपके दशम भाव में गोचर करने वाले हैं और इस भाव में शुक्र के गोचर को बहुत अच्छा नहीं कहा गया है। लेकिन, लाभ भाव के स्वामी का कर्म स्थान पर जाना अच्छी मेहनत के बाद अच्छा लाभ दिलाने का संकेत कर रहा है। यदि आप घर-गृहस्थी संबंधित मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करेंगे, तो उन मामले में भी अच्छे परिणाम मिलते रहेंगे। शुक्र का यह गोचर बहुत अच्छा नहीं कहा जाएगा, लेकिन सावधानीपूर्वक निर्वाह करने की स्थिति में नकारात्मकता को दूर किया जा सकेगा।
उपाय: भगवान भोलेनाथ के मंदिर की साफ-सफाई करें।
सिंह राशि
शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ दशम भाव के भी स्वामी हैं। अब शुक्र आपके भाग्य भाव में पहुंच रहे हैं और सामान्य तौर पर यहां पर शुक्र अच्छे परिणाम देने वाले माने गए हैं। अतः शासन-प्रशासन से संबंधित मामलों में आपके अनुकूलता मिल सकती है। धार्मिक कार्यों से आपका जुड़ाव हो सकता है और धार्मिक यात्राओं पर जाने की इच्छा पूरी हो सकती है। घर-परिवार या रिश्तेदारी में कोई मांगलिक कार्य भी संभव हो सकता है। भाग्य का अच्छा सपोर्ट मिलने से काम पूरे होते रहेंगे, लेकिन फिर भी काम के प्रति लापरवाही उचित नहीं रहेगी। नौकरी में बदलाव के लिए भी यह गोचर मददगार रहेगा।
शुक्र आपकी कुंडली में दूसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ भाग्य भाव के भी स्वामी हैं और गोचर करके आपके अष्टम भाव में पहुंचे रहे हैं। इस भाव में भी शुक्र के गोचर को अच्छा माना गया है, लेकिन भाग्य भाव के स्वामी का आठवें भाव में जाना थोड़े कमज़ोर परिणाम देने वाला कहा गया है। ऐसे में, हम कह सकते हैं कि अपने कामों को भाग्य के भरोसे छोड़ना या दूसरों पर निर्भर रहना समझदारी का काम नहीं होगा। यदि आप थोड़ी अधिक मेहनत करेंगे, तो आप अपने काम को बेहतर ढंग से अंजाम दे सकेंगे। आर्थिक लाभ मिलने की भी संभावना है और साथ ही, सुख-समृद्धि में वृद्धि के भी योग बनेंगे।
उपाय: गाय को दूध और चावल खिलाएं।
तुला राशि
शुक्र आपकी कुंडली में आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आठवें भाव के भी स्वामी हैं और वर्तमान में गोचर करके आपके सप्तम भाव में जा रहे हैं। वैसे तो सप्तम भाव में शुक्र के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। कहा जाता है कि सप्तम का शुक्र गुप्तांग से संबंधित कुछ रोग या परेशानियां दे सकता है। विवाहित लोगों का जीवनसाथी या जीवन संगिनी से कुछ विवाद हो सकता है अथवा किसी भी स्त्री से विवाद करवाने का काम शुक्र का गोचर कर सकता है। यह आजीविका में भी कुछ बाधाएं दे सकता है, लेकिन शुक्र आपके लग्न या राशि के स्वामी होकर लग्न या राशि को देखेंगे। ऐसे में, आपको इस बात का अनुमान पहले से हो जाएगा कि कौन सा काम गलत है और कौन सा काम सही। यदि आप अपने दिल और दिमाग की सुनेंगे और सावधानी पूर्वक निर्वाह करेंगे, तो आप इन तमाम नकारात्मक परिणामों से दूर रह सकेंगे और सकारात्मकता के लेवल को मेंटेन रख सकेंगे।
उपाय: भूरी गाय की सेवा करें।
वृश्चिक राशि
शुक्र आपकी कुंडली में सातवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ द्वादश भाव के भी स्वामी हैं और यह आपके छठे भाव में पहुंच रहे हैं। यहां पर शुक्र के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। भले ही शुक्र मित्र राशि में हैं, लेकिन इसके बावजूद भी आपको अपने प्रतिस्पर्धियों और शत्रुओं की गतिविधियों को लेकर सजग रहना होगा। स्वास्थ्य खराब न होने पाए इस बात की भी कोशिश करें और वाहन इत्यादि सावधानी से चलाएं। साथ ही, किसी भी स्त्री से विवाद न करें। इन सावधानियों को अपनाकर आप नकारात्मकता को कम कर सकेंगे। अतः इन मामलों में जागरूक रहते हुए निर्वाह करिए और सकारात्मकता को मेंटेन रखिए।
उपाय: मां दुर्गा को लाल फूलों की माला पहनना मंगलकारी सिद्ध होगा।
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धनु राशि
शुक्र आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ लाभ भाव के भी स्वामी हैं और यह गोचर करके आपके पंचम भाव में जा रहे हैं। पांचवें भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। विशेषकर यदि आप विद्यार्थी हैं तो आपका मन पढ़ाई में लग सकता है, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि पढ़ाई के अलावा मनोरंजन की तरफ भी आपका मन जा सकता है। ऐसे में, कला और साहित्य के विद्यार्थियों को अच्छा लाभ मिलेगा, लेकिन अन्य विद्यार्थियों को अपने सब्जेक्ट पर फोकस करने के लिए काफ़ी मेहनत करने पड़ सकते हैं। प्रेम जीवन में शुक्र का यह गोचर अच्छे परिणाम दे सकता है।
उपाय: मां दुर्गा को मखाने की खीर का भोग लगाएं।
मकर राशि
शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ दशम भाव के भी स्वामी हैं और यह गोचर करके आपके चतुर्थ भाव में जा रहे हैं। इस भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। अतः आपका श्रम-परिश्रम आपकी मनोकामना पूर्ति में सहायक बनेगा। आर्थिक जीवन के लिए भी शुक्र का यह गोचर अच्छा कहा जाएगा। वाहन और घर संबंधित मामलों में भी अनुकूलता देखने को मिलेगी। आप सुख-सुविधाओं से जुड़ी वस्तुएं घर ला सकते हैं। करीबी लोगों से मिलना हो सकता है। सामाजिक जीवन में शुक्र का यह गोचर अनुकूल परिणाम देगा।
उपाय: मां और मां सम्मान स्त्रियों की सेवा करें तथा उनका आशीर्वाद लें।
कुंभ राशि
शुक्र आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ भाग्य भाव के भी स्वामी हैं और यह आपके तीसरे भाव में पहुंच रहे हैं। इस भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा कहा गया है और यह भाई-बंधुओं एवं मित्रों का लाभ करवाता है। इन सबके सहयोग से आप विषम परिस्थितियों पर नियंत्रण पाते हैं और आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर स्थिति में देखे जा सकेंगे। कहीं से कोई अच्छा समाचार भी सुनने को मिल सकता है अर्थात शुक्र का यह गोचर सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देना चाहेगा। धार्मिक कार्यों में यह गोचर अनुकूल परिणाम देने वाला कहा गया है। हालांकि, घर-गृहस्थी से जुड़ी हुई कुछ चीज लाने में देरी हो सकती है, लेकिन लगातार की गई कोशिश और इच्छा शक्ति से घर गृहस्थी में सुविधाएं बढ़ सकती हैं।
शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आठवें भाव के भी स्वामी हैं और यह गोचर करके आपके दूसरे भाव में जा रहे हैं। दूसरे भाव में शुक्र के गोचर को अच्छा कहा गया है। अतः यह आपको कुछ अप्रत्याशित लाभ भी दिला सकता है। भाई-बंधु और पड़ोसियों का सहयोग भी जरूरत पड़ने पर आपको मिल जाएगा। नए कपड़े या नए आभूषण खरीदने की इच्छा पूरी हो सकती है। गीत-संगीत अथवा गायन में आपका रुझान बढ़ सकता है। घर-परिवार या रिश्तेदार के यहां कोई मांगलिक कार्य संभावित है। आर्थिक मामलों के अलावा शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों में भी शुक्र का यह गोचर अनुकूल परिणाम दे सकता है।
उपाय: देसी गाय के घी से बनी हुई मिठाइयां मां दुर्गा के मंदिर में चढ़ाएं।
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शुक्र की राशि में आएंगे बृहस्पति, इन 5 लोगों को मिलेगा सेहत का खजाना, डॉक्टर की बचेगी फीस
बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर 01 मई 2024 की दोपहर 02 बजकर 29 मिनट पर होने जा रहा है। बृहस्पति ग्रह को उन्नति और ज्ञान का कारक बताया गया है। गुरु ग्रह का प्रभाव करियर से लेकर स्वास्थ्य तक हर पहलू पर पड़ेगा। बृहस्पति के गोचर का असर सभी राशियों पर पड़ेगा लेकिन कुछ राशियां ऐसी हैं जिन्हें सेहत का खज़ाना मिलने वाला है।
जी हां, वैदिक ज्योतिष के अनुसार गुरु गोचर के सकारात्मक प्रभाव से कुछ राशियों की सेहत बहुत अच्छी रहने वाली है। इस ब्लॉग में आगे बताया गया है कि वृषभ राशि में आने पर गुरु ग्रह किन राशियों की सेहत को लाभ पहुंचाएंगे लेकिन उससे पहले जान लीजिए कि ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह का क्या महत्व है।
वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को देवताओं का गुरु माना गया है। काल पुरुष की कुंडली में इस ग्रह का स्वामित्व नौवें और बारहवें भाव पर होता है और यह दूसरे, पांचवे, नौवे, दसवें और ग्यारहवें भाव का कारक हैं।
कुंडली का दूसरा भाव समृद्धि का होता है इसलिए दूसरे भाव में गुरु के होने पर जातक को असीम संपन्नता की प्राप्ति होती है। वहीं पांचवा भाव बुद्धि और शिक्षा का होता है और इस भाव में होने पर गुरु जातक को उच्च शिक्षां एवं संतान का आशीर्वाद देते हैं। ज्योतिष में गुरु को आशावादी और प्रतिष्ठित ग्रह बताया गया है।
बृहस्पति ग्रह कफ प्रकृति के हैं और ये धनु एवं मीन राशि के स्वामी ग्रह हैं। कर्क गुरु की उच्च राशि है और मीन इनकी नीच राशि है।
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कर्क राशि
गुरु का गोचर कर्क राशि के लोगों के लिए अनुकूल परिणाम लेकर आएगा। आपको अपने जीवन के अलग-अलग आयामों में प्रगति हासिल होगी और इसका सकारात्मक असर आपकी सेहत पर भी देखने को मिलेगा।
वैसे तो आपकी सेहत अच्छी रहेगी लेकिन फिर भी आपको अपने स्वास्थ्य का थोड़ा ध्यान रखना चाहिए। आप योग एवं ध्यान करें। इससे आपको मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में भी मदद मिलेगी।
बृहस्पति के गोचर के प्रभाव से आप इस समय मानसिक रूप से शांत और स्थिर महसूस करेंगे। आपकी एकाग्रता क्षमता भी मज़बूत होगी। आप अपनी सेहत का अच्छे से ख्याल रखेंगे जिसका सकारात्मक परिणाम आपको जरूर मिलेगा। आप खानापन की अच्छी आदतों को अपनाएं। अगर आप अपने खानपान की आदतों पर नियंत्रण रखते हैं, तो आपकी सेहत धीरे-धीरे बेहतर होती चली जाएगी।
इस समय आपके परिवार में खुशियों का माहौल रहेगा और इससे आपका मन भी प्रसन्न रहने वाला है। खुश रहने का सकारात्मक असर आपकी सेहत पर भी देखने को मिलेगा। अपने स्वास्थ्य को और अधिक दुरुस्त करने के लिए आप नियमित व्यायाम करें और संतुलित जीवनशैली अपनाएं।
अगर आपकी राशि मीन है, तो आपको बृहस्पति के गोचर के दौरान अपनी सेहत को लेकर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। सेहत के लिहाज़ से यह समय आपके लिए बहुत अनुकूल रहने वाला है। आप ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे। आपको रूटीन चेकअप करवाते रहना चाहिए। इससे आपका स्वास्थ्य उत्तम बना रहेगा। सुस्ती और आलस से बचने के लिए आप एक्टिव रहने का प्रयास करें।
इस समय आपका सारा ध्यान आध्यात्मिक कार्यों पर रहने वाला है। आपको तीर्थ स्थल की यात्रा करने का मौका भी मिल सकता है। इसके माध्यम से आप खुद को जानने का प्रयास करेंगे। आप अपने काम और स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाकर चलेंगे, तो आप हर काम कर पाएंगे। वैसे इस दौरान आपको कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या परेशान नहीं करेगी।
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शुक्र मेष में अस्त: इन राशियों की बढ़ेगी परेशानी- नौकरी, प्रेम में मिलेंगे संघर्ष!
मेष राशि में शुक्र अस्त: एस्ट्रोसेज का हमेशा से ही यह प्रयत्न रहता है कि हम अपने रीडर्स को ज्योतिष की रहस्यमई दुनिया की हर नवीनतम अपडेट्स से अवगत कराते रहें। अपनी इसी कड़ी में आज हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं मेष राशि में शुक्र अस्त से जुड़ी कुछ बेहद ही दिलचस्प और रोचक बातों की जानकारी। आपकी जानकारी के लिए बता दें 28 अप्रैल 2024 को शुक्र मेष राशि में अस्त होने जा रहा है। चलिए अपने इस खास ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं मेष राशि में शुक्र अस्त का क्या अर्थ होता है और राशियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
शुक्र ग्रह ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है जो प्रेम, सौंदर्य और सद्भावना के साथ हमारी इच्छाओं, रचनात्मक, सामाजिक अनुग्रह और हमारी भौतिक प्रचुरता की क्षमता को दर्शाता है। किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में अगर शुक्र मजबूत स्थिति में हो तो इससे उनके रिश्तों, मूल्य, सौंदर्य संबंधी प्राथमिकताओं और जीवन में आनंद और विलासिता के दृष्टिकोण के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। ज्योतिष में शुक्र ग्रह को सबसे महत्वपूर्ण ग्रहों में से एक माना गया है। साथ ही इसे प्रेम, सुंदरता और सद्भाव का ग्रह कहा जाता है। यह ग्रह हमारे रिश्तों, सौंदर्य शास्त्र, मूल्यों और सुख के विभिन्न पहलुओं का भी प्रतिनिधित्व करता है।
मेष राशि में शुक्र अस्त विशेषताएं
मेष राशि में शुक्र एक गतिशील और उग्र स्थान का माना जाता है। यह प्रेम, सौंदर्य और सद्भाव का ग्रह कहा जाता है और अब यह राशि चक्र की पहली राशि यानी मेष राशि में अस्त होने जा रहा है। शुक्र की यह स्थिति जातकों के अंदर साहस और ऊर्जा दिलाने वाली साबित होगी। ऐसे जातक प्यार और रिश्तों को जुनून और सहजता के साथ निभाएंगे, वे दिल के मामले में ज्यादा उत्साही और निडर होते हैं। अक्सर बोल्ड रोमांटिक इशारे करते हैं और अपनी इच्छाओं को पूरा करने की हर मुमकिन कोशिश और पहल करते हैं। मेष राशि में शुक्र वाले जातक रिश्तों में अपनी स्वतंत्रता और खुशी को महत्व देते हैं। यह अपनी जरूरत और इच्छाओं को व्यक्त करने में दृढ़ और स्पष्ट होते हैं। अपनी बातचीत में ईमानदारी और पारदर्शिता को प्राथमिकता देते हैं। ऐसे जातक बेहद ही व्यक्तित्वादी होते हैं और लोगों को बिल्कुल भी खुश नहीं रखना जानते हैं।
यह स्थान जातकों को प्रेम और रोमांस में साहसी और जोखिम लेने वाला बना सकता है। आप जोखिम लेने या जो चाहते हैं उसे हासिल करने से डरेंगे नहीं भले इसके लिए आपको अपने कंफर्ट जोन से बाहर ही क्यों ना निकलना पड़े। मेष राशि में शुक्र वाले जातक ज्यादातर सहज और साहसिक तरीकों से प्रेम दर्शाते हैं। यह इशारों या दयालुता के काम से अपने साथी को हैरान करने का भी सुख लेते हैं और उन भागीदारों की सराहना भी करते हैं जो समान रूप से साहसी और सहज होते हैं।
शुक्र की यह स्थिति अगर हम सरल शब्दों में समझाएं तो मेष राशि में शुक्र प्रेम और रिश्तों में जातकों को एक साहसी भावुक और मुखर ऊर्जा लेकर आएगा जो जातकों को साहस और उत्साह के साथ अपनी इच्छाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा। आप अपनी बातचीत में स्वतंत्रता, ईमानदारी और सहजता को महत्व देंगे और प्यार में नए अनुभवों और रोमांस से भरपूर नज़र आएंगे।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
मेष राशि में शुक्र अस्त: क्या रहेगा समय?
अब बात करने समय की तो शुक्र 24 अप्रैल 2024 को मेष राशि में गोचर करने जा रहा है। इसके बाद 28 अप्रैल 2024 को सुबह 7:27 पर यह इसी राशि में अस्त हो जाएगा। जब कोई भी ग्रह अस्त होता है तो निश्चित रूप से अपनी कुछ शक्तियों खो देता है लेकिन फिर भी वह सकारात्मक या नकारात्मक परिणाम देने की स्थिति में अवश्य होता है।
चलिए अब आगे बढ़ते हैं जान लेते हैं मेष राशि में शुक्र के अस्त होने का सभी राशियों और देश दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
मेष राशि में शुक्र अस्त: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और सातवें घर का स्वामी है और अब यह आपके पहले घर में अस्त हो जाएगा। करियर के मोर्चे पर बात करें तो इस दौरान आपको काम का दबाव ज्यादा झेलना पड़ सकता है और आपके वरिष्ठों से आपको कम मान्यता प्राप्त होगी जिससे कुल मिलाकर देखा जाए तो काम में आपको कम संतुष्टि मिलने वाली है। अगर आप किसी पदोन्नति या फिर नौकरी में किसी अन्य तरीके के लाभ की उम्मीद कर रहे हैं तो यह भी अभी संभव नहीं होने वाला है।
इस राशि के जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उनको अपने साझेदारों के साथ व्यावसायिक रिश्ते के संदर्भ में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक रूप से बात करें तो इस दौरान आपको विदेशी स्रोतों, प्रोत्साहन और अन्य अतिरिक्त लाभों से अच्छा धन लाभ प्राप्त होने की संभावना अवश्य बन रही है लेकिन साथ ही आप जो भी पैसा कमाएंगे उसे अपने पास संभालकर अर्थात संचित करके नहीं रख पाएंगे। आपके अपने जीवन साथी के साथ बार-बार वाद-विवाद या बहस होने की भी संभावना है। ऐसे में आपको अपने शब्दों का ध्यान रखने की सलाह दी जा रही है।
वृषभ राशि
दूसरी जिस राशि के लिए शुक्र का अस्त होना अनुकूल संकेत नहीं दे रहा है वह है वृषभ राशि। वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और छठे घर का स्वामी है। पेशेवर मोर्चे पर बात करें तो इस अवधि में आपको अपने वरिष्ठों के साथ रिश्ते में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और आप जो भी काम करेंगे उसमें कुछ रुकावटें भी आने की भी संभावना है। कोई मामूली काम भी पूरा करने में आपको रुकावट मिलने वाली है।
इस दौरान सहकर्मियों से आपको परेशानियां भी उठानी पड़ सकती है। इस राशि के जो जातक व्यावसायिक क्षेत्र से संबंधित हैं उन्हें आगे बढ़ने में परेशानी उठानी पड़ेगी। आपके व्यवसाय के संबंध में आपको अपेक्षित लाभ नहीं मिलेगा और आप नो प्रॉफिट नो लॉस की स्थिति में नजर आएंगे। आर्थिक रूप से आपको अपनी जरूरत को लेकर कुछ परेशानियों का सामना अवश्य करना पड़ सकता है। साथ ही इस अवधि में आपको अपने परिवार के लोगों के स्वास्थ्य पर मोटा पैसा भी खर्च करने की नौबत आने वाली है।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और दसवें घर का स्वामी है और अब आपके नवम भाव में अस्त होने जा रहा है। मेष राशि में शुक्र के अस्त के दौरान करियर की दृष्टिकोण से यह समय आपके लिए शुभ साबित होगा। जो लोग नौकरी पेशा हैं उन्हें सफलता थोड़ी देरी से मिलने की संभावना है। ऐसे में इस दौरान आपको सावधान रहने और अपने वरिष्ठों के साथ किसी भी तरह के वाद विवाद से दूर रहने की सलाह दी जा रही है।
हालांकि इस राशि के व्यवसाययों के लिए यह समय अनुकूल रहेगा। अगर आपका काम प्रॉपर्टी से संबंधित है तो आपको अपने जीवन में ज्यादा लाभ मिलेगा। शादीशुदा जातक अपने पार्टनर के साथ अच्छा रिश्ता बनाए रखने में कामयाब होंगे। आपका स्वास्थ्य सामान्य रहेगा लेकिन अपने माता-पिता के स्वास्थ्य पर आपको ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। आपको विशेष तौर पर कामुक जीवन का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा। इस दौरान अपने प्यार के संदर्भ में आपको कुछ देरी या रुकावट मिलने की भी आशंका है।
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र वाणी, कमाई और परिवार के दूसरे घर और भाग्य, पिता और धर्म के नवम भाव का स्वामी है। अपने इस अस्त होने के दौरान यह आपके करियर के बारे में स्पष्टता हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण रहने वाला है। काम के दबाव या फिर कार्यक्षेत्र में राजनीति से आपको इस दौरान बचने की सलाह दी जाती है। साथ ही अपने सहकर्मियों के साथ सकारात्मक रिश्ते बनाए रखने का भी आपको प्रयास करना होगा। इस राशि के जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उन्हें किसी भी तरह के निवेश से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। साथ ही अगर इस दौरान आप किसी भी तरह की व्यावसायिक यात्रा पर जाते हैं तो मुमकिन है कि आपको इससे ज्यादा फलदाई परिणाम न प्राप्त हो पाएँ।
इस राशि के विवाहित जातकों को एक दूसरे की भावनात्मक जरूर का भी ध्यान रखना अनिवार्य रहेगी। साथ ही ध्यान रखें कि इस दौरान आपको अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी है इसलिए स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। अंत में बात करें प्यार की तो प्यार के लिए यह समय विशेष रूप से खास रहेगा। अपने व्यस्त जीवन से प्यार के लिए कुछ समय अवश्य निकालें और अपने पार्टनर पर प्यार अवश्य लुटाएँ। मुमकिन हो तो इस दौरान उनके साथ कहीं घूमने जाएं, उनके साथ वक्त बिताएँ या उन्हें कोई उपहार अवश्य दें।
वृश्चिक राशि
आखिरी जिस राशि के लिए शुक्र का अस्त होना अनुकूल संकेत नहीं दे रहा है वह है वृश्चिक राशि। शुक्र आपके लिए सातवें और बारहवें घर का स्वामी है और अब आपके छठे घर में अस्त होने जा रहा है। इस दौरान इस राशि के जातकों को पदोन्नति के संकेत तो अवश्य मिल रहे हैं लेकिन कार्यस्थल पर आपको ज्यादा सावधानी बरतनी होगी क्योंकि सफलता प्राप्त करने में आपको कुछ रुकावटें मिलने वाली हैं।
मेष राशि में शुक्र अस्त की अवधि के दौरान बड़े पैमाने की व्यावसायिक परियोजना में निवेश करने से भी रुकने की आपको सलाह दी जा रही है। अपने पेशेवर जीवन में कभी-कभार आप तनाव या वैवाहिक जीवन में चुनौतियों के लिए तैयार रहें। जितना हो सके इन दोनों ही क्षेत्रों में सावधानी बरतें। अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। यहां पर आपका स्वास्थ्य मजबूत रहने वाला है। साथ ही आपके जीवन में उचित जीवन शक्ति भी भरपूर रहेगी। इसके अलावा ध्यान रखें की व्यक्तिगत इच्छाएं संभावित रूप से रिश्ते में तनाव पैदा कर सकते हैं इसीलिए मेष राशि में शुक्र अस्त के दौरान किसी भी बेवजह के संदेह से जितना हो सके बच कर रहें।
मेष राशि में शुक्र अस्त- जानें शेयर बाजार पर क्या पड़ेगा इसका असर
शुक्र जब 28 अप्रैल 2024 को मंगल द्वारा शासित मेष राशि में अस्त होगा तो किसी भी अन्य बड़ी ज्योतिषीय घटना की ही तरह देश के साथ-साथ शेयर बाजार पर भी इसका असर अवश्य पड़ेगा। चलिए एस्ट्रोसेज के इस विशेष सेगमेंट के माध्यम से जान लेते हैं कि शेयर बाजार पर अस्त शुक्र क्या प्रभाव डालेगा।
इस अवधि के दौरान बैंकिंग क्षेत्र, वित्त उद्योग, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी में विकास की कमी या रुकावट देखने को मिलेगी।
अन्य उद्योगों के बीच शिपिंग कॉरपोरेशन को भी कुछ सुस्ती के दौर का सामना करना पड़ेगा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज, परफ्यूम और कॉस्मेटिक इंडस्ट्रीज का घाटा होने की संभावना है।
मेष राशि में शुक्र अस्त के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों की गति भी धीमी रहने वाली है और आने समय समय में इन्हें कुछ नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
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30 साल बाद शनि बनाने जा रहे हैं शश राजयोग, कुंभ सहित इन जातकों के चमकेंगे सितारे!
प्रत्येक ग्रह एक निश्चित समय के बाद अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं। इसी क्रम में न्याय के देवता और कर्मफल दाता शनिदेव एक निश्चित अवधि के बाद राशि परिवर्तन करते हैं, तो इसका प्रभाव सभी 12 राशियों के जीवन में देखने को मिलता है। ज्योतिष में शनि सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है, यह एक राशि में करीब ढाई सालों तक विराजमान रहते हैं। ऐसे में यह राशि चक्र की सभी 12 राशियों में गोचर करने में 30 सालों का समय लगाते हैं। जानकारी हो कि इस समय शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान है। अपनी ही राशि में मौजूद होने के फलस्वरूप शश राजयोग का निर्माण हो रहा है। इस दुर्लभ राजयोग को काफी प्रभावशाली माना जाता है। यह योग 30 सालों बाद बन रहा है।
बता दें कि अभी तक इस राजयोग का प्रभाव ज्यादा शक्तिशाली नहीं था क्योंकि शनि राहु के नक्षत्र शतभिषा में मौजूद थे लेकिन अब पूर्वाभाद्रपद में प्रवेश कर गए हैं तो ऐसे में, इस राजयोग का फल सभी 12 राशि के जातकों को किसी न किसी रूप में अवश्य मिलेगा लेकिन कुछ जातक ऐसे हैं, जिन्हें इस दौरान धन लाभ की प्राप्ति होगी। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किन जातकों के लिए यह योग शुभ फलदायी साबित होने वाला है। लेकिन इससे पहले जानते लेते हैं कि शश राजयोग का निर्माण कैसे होता है।
यह राजयोग तब बनता है जब शनि लग्न भाव से या चंद्र भाव से केंद्र भाव में स्थित हो। यानी शनि कुंडली में लग्न या चंद्रमा से पहला, चौथा, सातवें या दसवें भाव में तुला, मकर या कुंभ राशि में स्थित हो तो यह शश योग बनाता है। बता दें कि वर्तमान में शनि, कुंभ राशि के गोचर में होकर शश योग का निर्माण कर रहे हैं। यह एक दुर्लभ राजयोग है, जो पंचमहापुरुष योग में से एक है। इस राजयोग को काफी प्रभावशाली माना जाता है। वैदिक ज्योतिष अनुसार, जिस व्यक्ति की कुंडली में शश राजयोग होता है। वह व्यक्ति समाज में खूब सम्मान प्राप्त करता है।
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इन तीन राशि के जातकों को होगा धन लाभ
वृश्चिक राशि
शनि का मूल त्रिकोण राशि में रहना और शश राजयोग का बनना जातकों के लिए अनुकूल साबित होगा। इसका जातकों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। यदि आप निवेश करना चाहते हैं तो यह समय आपके लिए अनुकूल साबित होगा और आपको अच्छा रिटर्न मिल सकता है। इस अवधि आप अपनी अचल संपत्तियों में भी निवेश कर सकते हैं, जो कि आपके लिए अच्छा साबित होगा। करियर की बात करें, तो यह जातक अपने जीवन में उच्च मूल्यों का महत्व देते हैं और इन मूल्यों का पालन यह अपनी नौकरी में शीर्ष पर पहुंचने के लिए करते हुए भी नज़र आ सकते हैं। आपको पदोन्नति या फिर कोई विशेष इंसेंटिव मिलने के योग बन रहे हैं और यह आपके बेहतरीन कौशल की वजह से आपको मिल सकता है।
अगर आपका खुद का व्यापार है, तो अच्छा लाभ कमाने के लिए आप कार्यों को बहुत सोच-समझकर करते हुए दिखाई देंगे। साथ ही, यह जातक अपने प्रतिद्वंदियों के लिए एक मज़बूत प्रतिद्वंदी बनकर उभरेंगे। वहीं, इन लोगों के आइडियाज बिज़नेस पार्टनर को पसंद आएंगे और वह आपके आइडियाज को आसानी से स्वीकृति दे देंगे। आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। इस दौरान आपको किसी बड़ी स्वास्थ्य समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा, परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा। कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिल सकती है। आप पार्टनर के साथ अपने रिश्ते में प्रेम और तालमेल बनाए रखने में सक्षम होंगे। ऐसे में, आपका रिश्ता खुशियों से भरा रहेगा। यह जातक जीवनसाथी के साथ सुखद लम्हें बिताएंगे जिसके चलते आपका रिश्ता मधुर बना रहेगा।
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मकर राशि
शश राजयोग जातकों के लिए वरदान से कम साबित नहीं होगा। कार्यों में सफलता हासिल करेंगे। जातकों को इस अवधि में विशेष लाभ मिल सकता है। गुरु के नक्षत्र में रहने से भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। वाहन, संपत्ति, भूमि, प्लांट आदि खरीदने का सपना पूरा हो सकता है। करियर के क्षेत्र में, मकर राशि के जातक जो भी काम कर रहे हैं या फिर जिस काम में भी सफलता पाने की कोशिश कर रहे हैं, उसमें आपकी रुचि पैदा होगी और आप मन लगाकर काम करेंगे। उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने का मौका मिल सकता है या आपको लंबी यात्रा पर जाना पड़ सकता है। साथ ही, आपको ऑनसाइट नौकरी के अवसर भी मिल सकते हैं। आप इस दौरान अपने काम को इस तरह से करेंगे कि कार्यक्षेत्र पर इनकी छवि एक टीम लीडर के रूप में उभरकर सामने आएगी। जिन लोगों का खुद का व्यापार है, उनके लिए यह समय शेयर मार्केट के माध्यम से पैसा कमाने के लिए अच्छा रहेगा। इस अवधि में आपको अच्छे रिटर्न की प्राप्ति होगी। इस प्रकार, यह जातक बिजनेस में लोकप्रियता हासिल करने में सफल रहेंगे।
आर्थिक जीवन के लिहाज़ से, इस समय अच्छा पैसा कमाते हुए नज़र आएंगे। जो जातक व्यापार करते हैं, वह पर्याप्त मात्रा में लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे। प्रेम जीवन की बात करें तो, आप रिश्ते में पार्टनर के साथ संतुष्ट दिखाई देंगे। इसके परिणामस्वरूप, आप दोनों का रिश्ता प्रेम और सद्भाव से भरा रहेगा। आप जीवनसाथी के साथ तालमेल बिठाते हुए रिश्ते में खुशियाँ बनाए रख सकेंगे। इस समय मकर राशि वाले अपने पार्टनर पर प्रेम की बरसात करते हुए नज़र आ सकते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से, इस अवधि में आप ऊर्जा और उत्साह से भरे रहेंगे जिसके चलते आप अपनी फिटनेस बनाए रखने में सक्षम होंगे। लंबे समय से रुके और अटके काम पूरे होंगे। विदेश से धन लाभ के योग है। कोर्ट-कचहरी की समस्याओं से राहत मिल सकती है।
30 सालों बाद कुंभ में शनि का होना और शश राजयोग का बनना जातकों के लिए काफी भाग्यशाली साबित हो रहा है। साल 2025 तक शनि के राशि परिवर्तन करने से इस राशि के जातकों को भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। साथ ही, आपको विदेश यात्रा करने का अवसर प्राप्त होगा। कुंभ राशि के जो जातक विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रयास कर रहे थे, उन्हें इस अवधि सफलता प्राप्त होगी। पेशेवर मोर्चे पर यह गोचर आपके करियर में बदलाव ला सकता है। नौकरीपेशा लोगों का प्रमोशन और इंक्रीमेंट हो सकता है। आपका ध्यान उच्च शिक्षा ग्रहण करने या दूरस्थ यात्रा जैसे क्षेत्रों पर अधिक हो सकता है। आपकी शिक्षा और बातचीत करने का हुनर करियर को आगे ले जाने में आपके लिए मददगार साबित होगा। समाज में मान-सम्मान मिलेगा।
पार्टनरशिप में बिजनेस करने वालों के लिए लाभ प्राप्ति के योग बनेंगे। आप व्यापार से संबंधित यात्रा करेंगे और उसमें सफलता प्राप्त करेंगे। आपका झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ अधिक होगा और आप धर्म-कर्म के कामों में अधिक रुचि लेंगे। कुल मिलाकर साल भर भौतिक सुख-सुविधाओं में इजाफा देखने को मिल सकता है। हर क्षेत्र में सफलता के साथ अपार धन लाभ मिलेगा। कोर्ट-कचहरी के मामलों से निजात मिल सकती है। विदेश में व्यापार करने के साथ धन लाभ मिल सकता है।स्वास्थ्य के लिहाज से आपके लिए यह अवधि शानदार रहेगी।
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मेष राशि में आएंगे बुध, इन लोगों को मिलेगा प्रमोशन और मोटी सैलरी का फल
ग्रहों के गोचर करने का मानव जीवन पर गहरा असर पड़ता है। जब कोई ग्रह गोचर करता है, तो उसके प्रभाव के कारण किसी को सकारात्मक परिणाम मिलते हैं, तो वहीं कुछ लोगों को नकारात्मक फल मिलते हैं।
अब मई के माह में बुध का गोचर होने जा रहा है और यह गोचर कुछ राशियों के लिए शुभ साबित होगा, तो वहीं कुछ लोगों को इस समय अशुभ फल देखने को मिलेंगे।
ज्योतिषशास्त्र की मानें तो बुध का यह गोचर कुछ राशियों के करियर के लिए बहुत अच्छा रहने वाला है। इस ब्लॉग में हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि बुध का गोचर किस तिथि एवं समय पर हो रहा है, ज्योतिष में बुध ग्रह का क्या महत्व है और इस गोचर से किन राशियों के लोगों को करियर में तरक्की मिलने की संभावना है।
ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि और सीखने की क्षमता का कारक बताया गया है। 10 मई 2024 की शाम 06 बजकर 39 मिनट पर बुध मेष राशि में गोचर कर जाएंगे। बुध ग्रह कुंडली में मज़बूत स्थान में विराजमान हों, तो इससे व्यक्ति को सभी तरह की सुख-सुविधाएं मिलती हैं। आगे जानिए ज्योतिषशास्त्र में बुध ग्रह का क्या महत्व है और जीवन पर इस ग्रह का क्या प्रभाव पड़ता है।
ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व
बुध ग्रह व्यक्ति को बुद्धि और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करते हैं। जब कुंडली में बुध उच्च स्थान में होता है, तो जातक को ज्ञान की प्राप्ति होती है और उसे अपने जीवन में हर क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। इस ज्ञान की मदद से जातक अपने व्यापार में सही फैसले ले पाते हैं और तरक्की करते हैं। इन्हें अपने बिज़नेस और शेयर मार्केट में खूब सफलता मिलती है।
वहीं कुंडली में बुध ग्रह जब राहु, केतु या मंगल जैसे अशुभ ग्रहों के साथ बैठे होते हैं, तो जातकों को जीवन के सभी क्षेत्रों में समस्याओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। तो चलिए अब जानते हैं कि बुध के मेष राशि में गोचर करने पर किन राशियों के लोगों को अपने करियर के क्षेत्र में अपार सफलता मिलने के योग हैं।
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इन राशियों का चमकेगा करियर
मेष राशि
बुध मेष राशि के तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और अब उनका गोचर आपके लग्न यानी पहले भाव में होने जा रहा है। बुध के मेष राशि में आने पर आपको अपने करियर में सफलता मिलने की प्रबल संभावना है। आपने अपने कार्यक्षेत्र में जो भी प्रयास किए हैं, अब आपको उनका फल मिलने वाला है। आपको अपने प्रयासों के लिए सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे और इन्हें पाकर आप काफी संतुष्ट और प्रसन्न महसूस करेंगे।
मेष राशि के बाद मिथुन राशि के जातकों को बुध के इस गोचर से करियर के क्षेत्र में लाभ प्राप्त होगा। बुध आपके पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं और अब उनका गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होने जा रहा है। बुध के मेष राशि में प्रवेश करने पर आपको हर कदम पर अपने भाग्य का साथ मिलेगा।
यह समय आपके लिए बहुत भाग्यशाली साबित होगा। इस गोचर काल के दौरान आपको नौकरी में पदोन्नति भी मिल सकती है और आपके लिए अन्य कई तरह के लाभ मिलने के योग भी बन रहे हैं। इससे आपका मन काफी प्रसन्न रहेगा।
सिंह राशि के लिए बुध आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब उनका गोचर आपके नौवें भाव में हो रहा है। बुध के इस गोचर के दौरान आपको कार्यक्षेत्र में अपनी मेहनत का पूरा फल मिलने वाला है। आप अपनी कड़ी मेहनत से अपार सफलता प्राप्त करेंगे। इस सफलता को पाकर आप अपने करियर को लेकर काफी प्रसन्न और संतुष्ट महसूस करेंगे। कुल मिलाकर यह समय आपके करियर के लिए अनुकूल सिद्ध होगा।
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें भाव के स्वामी हें और अब उनका आपके आठवें भाव में गोचर होने जा रहा है। आपको अपने करियर में बेहतर संभावनाओं और प्रगति की तलाश रहेगी। इसके लिए आप नौकरी बदलने का मन भी बना सकते हैं और इससे आपको काफी संतुष्टि मिलेगी।
बुध के मेष राशि में प्रवेश करने के दौरान मकर राशि के लोगों को भी अपने करियर में अनुकूल प्रभाव मिलने की संभावना है। बुध आपके छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब उनका गोचर आपके चौथे भाव में होने जा रहा है। आपने अपने करियर या कार्यक्षेत्र में जो मेहनत की है, अब आपको उसका फल मिलने वाला है और यह फल आपको पदोन्नति के रूप में भी मिल सकता है। प्रमोशन पाकर आप काफी खुश नज़र आएंगे।
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तुला राशि
अगर आपकी तुला राशि है, तो आपको भी बुध के गोचर के दौरान अपने करियर में सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना है। बुध आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। आपको अपने कार्यक्षेत्र में पदोन्नति मिलने की प्रबल संभावना है। इसके साथ ही आपको अन्य लाभ भी प्राप्त होंगे।