नारद जयंती 2024 पर बन रहा है ये शुभ योग, शिव जी संग भगवान विष्णु का भी मिलेगा आशीर्वाद!
नारद जयंती 2024 की गिनती हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय और प्रमुख पर्वों में होती है जो प्राचीन काल से हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा मनाया जा रहा है। हालांकि, नारद जयंती को भगवान विष्णु के सबसे बड़े भक्त कहे जाने वाले ‘नारद’ जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको नारद जयंती 2024 के बारे में समस्त जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, हम आपको इस तिथि के महत्व से भी अवगत करवाएंगे। आइए बिना देर किया शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की।
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नारद जयंती के रूप में मनाया जाता है। वहीं, ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह तिथि सामान्य तौर पर मई या जून के महीने में आती है। वर्ष 2024 में नारद जयंती 24 मई 2024, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी। चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस दिन का पूजा मुहूर्त।
नारद जयंती 2024 का शुभ मुहूर्त
तिथि: 24 मई 2024, शुक्रवार
प्रतिपदा तिथि का आरंभ: 23 मई 2024 की शाम 07 बजकर 24 मिनट से,
प्रतिपदा तिथि की समाप्ति: 24 मई 2024 की शाम 07 बजकर 24 मिनट तक।
नारद जयंती के दिन शिव योग बनने जा रहा है जिसे शुभ योग माना जाता है। शिव योग का संबंध भगवान शिव से होता है इसलिए इस दौरान शिव जी की आराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जातक को हर काम में सफलता मिलती है। साथ ही, शिव योग में किये गए सभी कार्य बिना किसी विघ्न के पूर्ण होते हैं। नारद जयंती के दिन शिव योग 24 मई 2024 की सुबह 11 बजकर 20 मिनट तक रहेगा।
आगे बढ़ने से पहले जानते हैं नारद मुनि के बारे में।
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कौन थे नारद मुनि?
धर्म ग्रंथों के अनुसार, नारद जी को संसार के रचयिता ब्रह्म देव का मानस पुत्र माना गया है। इसके विपरीत, पुराणों में भगवान नारद को ऋषि कश्यप का पुत्र बताया गया है। साथ ही, कुछ मान्यताएं इन्हें त्यागराज और पुरंदरदास जैसे महान संतों का अवतार कहती हैं। नारद जी को संसार के पालनहार भगवान विष्णु के परम भक्त का स्थान प्राप्त है जो ब्रह्मांड में प्रभु के नाम लेते हुए और ‘नारायण, नारायण’ करते हुए एक वीणा लेकर घूमते हैं। इन्हें एक देव ऋषि कहा जाता है जो दिवंगत आत्माओं को मोक्ष प्राप्ति की तरफ लेकर जाते हैं। इनके पास ऐसी शक्तियां मौजूद हैं जिसकी सहायता से यह तीन लोकों या विश्व में आकाश, पाताल और पृथ्वी में कहीं भी आना-जाना कर सकते हैं।
नारद जयंती 2024 का महत्व
नारद जयंती के महत्व के बारे में बात करने से पहले हम आपको बतांएगे कि क्या होता है इनके नाम नारद का अर्थ? नारद शब्द की उत्पत्ति दो शब्दों से हुई है जिसमें नार का अर्थ है मानव जाति और दा का अर्थ ‘दिया” से है’। पौराणिक कथाओं में वर्णित है कि नारद का अर्थ है कि एक ऐसे देवता जिसे ब्रह्मा जी ने सृजन की शक्ति के साथ बनाया है।
जैसे कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि नारद जी को भगवान विष्णु का सबसे बड़ा भक्त कहा जाता है और वह श्री हरि का स्मरण करते हुए पूरे ब्रह्मांड में भ्रमण करते हैं। इन्हें बुद्धिजीवी होने के साथ-साथ शरारती और गंभीर परिस्थितियों को हल्का करने के लिए जाना जाता है। यह संसार में होने वाला किसी भी खबर या सूचनाओं का आदान-प्रदान देवताओं और दैत्यों को करने के लिए प्रसिद्ध है इसलिए नारद जी को पृथ्वी का प्रथम पत्रकार कहा गया है। यही वजह है कि नारद जयंती को ‘पत्रकार दिवस’ के रूप में भी देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है।
नारद जयंती को देश भर में बहुत उत्साह और श्रद्धाभाव के साथ मनाया जाता है। इस तिथि पर विशेष रूप से उत्तर भारत के कई स्थानों पर सेमिनार और शैक्षणिक सत्रों का आयोजन किया जाता है। कर्नाटक में नारद जी के अनेक लोकप्रिय मंदिर स्थित हैं और इन मंदिरों में कई उत्सव किए जाते हैं।
नारद जयंती पर कैसे करें नारद जी की पूजा?
हिंदू धर्म में हर पूजा को विधि-विधान से करना आवश्यक होता है ताकि पूजा का फल जातक को प्राप्त हो सके इसलिए हम आपको नारद जयंती की सही पूजा विधि बताने जा रहे हैं।
इस दिन भक्त सर्वप्रथम जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर पूजा की तैयारी करें।
नारद जयंती पर भगवान विष्णु की पूजा करें क्योंकि नारद जी श्रीहरि के भक्त हैं।
अब विष्णु जी की प्रतिमा को तुलसी के पत्ते, धूप और फूल अर्पित करें।
साथ ही, उनके सामने अगरबत्ती और घी का दीपक जलाएं और इसके पश्चात, विष्णु जी की आरती करें।
संभव हो, तो अपने सामर्थ्य अनुसार ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
ऐसी मान्यता है कि नारद जयंती पर काशी विश्वनाथ स्थित मंदिरों के दर्शन करने से और सच्चे हृदय पूजा-पाठ करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि में वृद्धि होती है।
जो भक्त नारद जयंती का व्रत करते हैं, उन्हें दाल या अनाज के सेवन करने से बचना चाहिए।
इस दिन आप दूध से बने पदार्थों और फलों को ग्रहण कर सकते हैं।
नारद जयंती की रात जागरण करना चाहिए। भक्त द्वारा विष्णु जी के मंत्रों का जाप और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना भी फलदायी रहता है।
नारद जयंती की पूर्व संध्या पर भक्तों द्वारा किया गया दान शुभ साबित होता है।
नारद जयंती पर जरूर करें ये उपाय
नारद जयंती 2024 की तिथि पर विष्णु जी के अवतार भगवान कृष्ण के मंदिर में बांसुरी अर्पित करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से भक्त को बुद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम और श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
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ज्येष्ठ माह में पड़ेंगे 10 सबसे बड़े व्रत व त्योहार; लाभ उठाने के लिए तुरंत करें राशि अनुसार उपाय!
हिंदी कैलेंडर का तीसरा महीना ज्येष्ठ का महीना होता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में यह मई और जून में पड़ता है। ज्येष्ठ मास को जेठ माह भी कहते हैं, जिसका अर्थ होता है बड़ा। इस महीने में गर्मी अपने चरम पर होती है और सूरज की किरणें लोगों के पसीने छुड़ाती है। इस महीने सूर्यदेव अपने रौद्र रूप में होते हैं इसलिए ज्येष्ठ का महीना सबसे ज्यादा गर्म होने की वजह से यह सबसे ज्यादा मुश्किल भरा होता है। सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह में जल के बचाव पर अधिक ध्यान दिया जाता है इसलिए इस महीने में जल का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। ज्येष्ठ महीने में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी जैसे व्रत रखे जाते हैं और यह व्रत प्रकृति में जल को बचाने का संदेश देते हैं। गंगा दशहरा में पवित्र नदियों की पूजा- अर्चना और निर्जला एकादशी में बिना पानी पिए रखा जाता है।
शास्त्रों में ज्येष्ठ के महीने का खास धार्मिक महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ माह में हनुमान जी, सूर्य देव और वरुण देव की विशेष पूजा की जाती है। बता दें कि वरुण जल के देवता हैं, सूर्य देव अग्नि के और हनुमान जी कलयुग के देवता माने जाते हैं। इस पवित्र महीने में पूजा-पाठ और दान-धर्म करने से कई प्रकार के ग्रह दोष से मुक्ति प्राप्त हो जाती है।
एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में हम ज्येष्ठ मास से जुड़ी तमाम रोचक जानकारी आपको विस्तार से बताएंगे, जैसे कि इस माह के दौरान कौन-कौन से तीज व त्योहार आएंगे? इस माह में किस तरह के उपाय लाभकारी होंगे? इस माह का धार्मिक महत्व क्या है? और इस मास में जातकों को किन बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए और किन चीज़ों का दान करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए और क्या करना चाहिए? आदि ऐसी ही कई जानकारियां यहां हम आपको प्रदान करेंगे इसलिए ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें।
ज्येष्ठ माह 2024: तिथि
ज्येष्ठ माह का आरंभ बुधवार 22 मई 2024 से होगी और इसकी समाप्ति 21 जून 2024 शुक्रवार को हो जाएगी। ज्येष्ठ मास भगवान विष्णु का सबसे प्रिय मास है। इसके बाद आषाढ़ महीना प्रारंभ हो जाएगा। इस मास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यता है कि इस माह सभी देवी देवताओं की आराधना करने से हर समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है और व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
ज्येष्ठ माह का महत्व
सनातन धर्म में ज्येष्ठ का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण और अहम बताया गया है और इस माह कई सारे व्रत व त्योहार पड़ते हैं। इस महीने जल का विशेष महत्व होता है इसलिए इस पवित्र महीने में जल संरक्षण और पेड़-पौधों को जल देने से कई कष्टों का नाश होता है। साथ ही, पितर प्रसन्न होते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, ज्येष्ठ माह में भगवान विष्णु और उनके चरणों से निकलने वाली मां गंगा की पूजा की जाती है। इसके साथ ही ज्येष्ठ के महीने में जितने मंगलवार आते है, उन सभी का विशेष महत्व है और पड़ने वाले मंगलवार को हनुमान जी के नाम का व्रत करना चाहिए। इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती है इसलिए हिंदू धर्म में ज्येष्ठ यानी जेठ के महीने को बहुत ही ख़ास माना गया है। कहते हैं कि इस माह में पड़ने वाले सभी व्रत व त्योहार से व्यक्ति को बहुत अधिक लाभ होता है।
इसके अलावा, कहा जाता है कि ज्येष्ठ के महीने में ही मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था और इस दिन को गंगा दशहरे के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा, ज्येष्ठ माह में ही भगवान शनिदेव का भी जन्म हुआ था। इन्हीं सब वजहों के चलते हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह का विशेष महत्व बताया गया है।
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ज्येष्ठ मास में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार
ज्येष्ठ मास यानी कि 23 मई 2024 से 21 जून 2024 के दौरान सनातन धर्म के कई प्रमुख व्रत-त्योहार आने वाले हैं, जो कि इस प्रकार हैं:
तिथि
दिन
व्रत व त्योहार
23 मई, 2024
गुरुवार
वैशाख पूर्णिमा व्रत
26 मई, 2024
रविवार
संकष्टी चतुर्थी
02 जून, 2024
रविवार
अपरा एकादशी
04 जून, 2024
मंगलवार
मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण)
06 जून, 2024
गुरुवार
ज्येष्ठ अमावस्या
15 जून, 2024
शनिवार
मिथुन संक्रांति
18 जून, 2024
मंगलवार
निर्जला एकादशी
19 जून, 2024
बुधवार
प्रदोष व्रत (शुक्ल)
ज्येष्ठ मास में जन्म लेने वाले लोगों के गुण
ज्येष्ठ के महीने में कई लोगों का जन्मदिन आता है। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि ज्येष्ठ माह में जन्मे लोगों का स्वभाव कैसा होता है और उनके अंदर क्या खूबियां होती हैं। ज्योतिष शास्त्र में कुछ खास तारीखों और महीनों में जन्मे लोगों की अलग-अलग खूबियां और विशेषताएं भी बताई गई हैं। व्यक्ति जिस महीने में जन्म लेता है उसके आधार पर भी उसके स्वभाव के बारे में बताया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र की माने तो हमारे जन्म का महीना हमारे जीवन पर सकारात्मक व नकारात्मक रूप से प्रभाव डालता है। ज्येष्ठ मास में जिन लोगों का जन्म होता है, उनमें कुछ विशेष प्रकार की खूबियां और कमियां पाई जाती हैं। तो आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में।
ज्येष्ठ महीने में जन्म लेने वाले व्यक्ति काफी ज्ञानी होते हैं और इनका झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ अधिक होता है, जिसके चलते ये धर्म-कर्म के कामों में बहुत अधिक लीन रहते हैं। इन जातकों को तीर्थ स्थलों पर घूमना पसंद होता है। ये जातक अपने जीवनसाथी का काफी ख्याल रखते हैं और बहुत अधिक प्रेम भी करते हैं। ज्येष्ठ माह में जन्में कुछ जातकों को विदेश में रहना पड़ता है। साथ ही, इन जातकों को विदेश से लाभ भी होता है। ये लोग ज्यादातर अपने घर से दूर रहने के लिए मजबूर रहते हैं। ये अपने मन में किसी के लिए किसी प्रकार का कोई बैर-भाव नहीं रहते हैं। इन व्यक्तियों के पास धन की कोई कमी नहीं होती है। इनकी आयु भी दीर्घ होती है और ये अपनी बुद्धि को अच्छे कार्यों में लगाना पसंद करते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ऐसा व्यक्ति व्यक्तिगत तौर पर बहुत ही भाग्यशाली होते हैं। यह नौकरी करें या व्यवसाय दोनों ही क्षेत्र में ये सफलता हासिल करते हैं क्योंकि ये बहुत अधिक फुर्तीले होते हैं और हर कार्य को समय पर खत्म करने की प्रवृत्ति रखते हैं। इस माह में जन्म लेने वाली लड़कियां फैशन में आगे होती हैं और इन्हें फैशन का अच्छा ज्ञान होता है इसलिए ये फैशन से जुड़े उद्योगों में सफल होती हैं। इस माह में जन्म लेने वाले जातकों की कल्पना शक्ति बहुत अधिक मजबूत होती है। इनका स्वभाव जोशीला होता है और ये आकर्षण का केंद्र होते हैं। इस माह में जन्म लेने वाले लोगों की बुद्धि भी बहुत तेज होती है। ये कठिन से कठिन कार्यों को भी अपने बुद्धि-बल के द्वारा आसानी से हल कर लेते हैं।
इन जातकों के प्रेम जीवन की बात करें तो ये लोग काफी रोमांटिक होते हैं और अपने पार्टनर के साथ मधुर संबंध स्थापित करने में सक्षम होते हैं। ये अपने रिश्ते को बहुत ही संभालकर रखते हैं और किसी अन्य की दखलअंदाजी पसंद नहीं करते हैं। ये छोटी छोटी बातों को नजरअंदाज करते हैं और बातों से अपना रिश्ता खराब नहीं करते। इनका स्वभाव मजाकिया होता है इसलिए इनका रिश्ता में खुशहाली से भरा रहता है। ये अपने पार्टनर के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। ज्येष्ठ महीने में जन्म लेने वाले लोगों के कुछ नकारात्मक पहलू भी हैं। जैसे कि यह बहुत जिद्दी होते हैं और बहुत जल्दी इनको गुस्सा आ जाता है, जिसके चलते इन्हें जीवन में कई प्रकार के उतार-चढ़ाव का सामना भी करना पड़ सकता है। ये जितने दयालु होते हैं उतनी जल्दी इन जातकों को बातों का बुरा भी लग जाता है। ये लोग जल्दी किसी पर भी भरोसा कर लेते हैं और जिस वजह से इन्हें जीवन में कई बार धोखा भी मिल सकता है।
ज्येष्ठ मास में जल दान करने का महत्व
ज्येष्ठ मास में जल दान का विशेष महत्व है। हम सब जल के बिना जीवन जीने की सोच भी नहीं कर सकते हैं इसलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है। जल का दान करना हमेशा ही अच्छा माना गया है लेकिन ज्येष्ठ मास में जल दान करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस महीने आप पक्षियों के लिए घर की छत पर या बगीचे में जल भर कर रख सकते हैं। पशु-पक्षी भी प्रकृति की अनमोल देन है और साथ-साथ ज्योतिष की दृष्टि से भी पशु-पक्षियों को जल देना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। दरअसल सनातन धर्म में हर देवी-देवता का कोई ना कोई वाहन होता है और यह वाहन पशु या पक्षी होते हैं। ऐसे में, ज्येष्ठ माह में पशु-पक्षियों को जल देना बहुत ही पुण्य का काम होता है, इससे भगवान प्रसन्न होते हैं और उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा, ज्येष्ठ मास में जरूरतमंद लोगों को जल, गुड़, सत्तू, तिल आदि का दान करने से भी भगवान श्री हरि विष्णु प्रसन्न होते हैं। साथ ही, पितृ दोष और समस्त पाप से छुटकारा पाया जा सकता है।
ज्येष्ठ महीने में सूर्य की तेज किरणों से हर कोई परेशान रहता है और इस महीने से गर्मी भी बढ़ जाती है, जिसके चलते पानी का महत्व बढ़ जाता है। ऐसे में, पानी का दान करना चाहिए।
ज्येष्ठ माह में घर की किसी भी खुली जगह या छत पर चिड़ियों के लिए दाना और पानी रखना चाहिए। गर्मी के कारण नदी-तालाब सूखने लगते हैं, जिसके चलते पक्षियों को पानी नहीं मिल पाता, इसलिए घर के बाहर या छत पर पक्षियों के लिए दाना-पानी जरूर रखें।
ज्येष्ठ के महीने में भगवान राम से पवन पुत्र हनुमान की मुलाकात हुई थी, जिसके चलते इस महीने हनुमान जी की पूजा करने का विशेष महत्व है। इसी महीने बड़े मंगलवार का पर्व मनाया जाता है, जिसमें हनुमान जी की खास पूजा होती है।
इस महीने में सूर्य देव और वरुण देव की उपासना करना बेहद ही शुभ माना जाता है और सूर्यदेव को जल चढ़ाना भी फलदायी होता है।
इसके अलावा, यदि इस महीने रोज पौधों में जल देना, लोगों को जल पिलाना, पानी बर्बाद ना करना, जरूरतमंद लोगों को घड़े सहित जल और पंखा का दान करना आदि शुभ भी माना जाता है।
इस महीने तिल के ते का दान करना चाहिए। ऐसा करने से अकाल मृत्यु से बचा सकता है।
ज्येष्ठ मास में क्या नहीं करना चाहिए
ज्येष्ठ मास के दौरान दिन के समय बिल्कुल भी नहीं सोना चाहिए। माना जाता है कि इससे व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त हो सकता है।
इस महीने में शरीर में तेल नहीं लगाना चाहिए।
इस माह में परिवार के बड़े पुत्र या पुत्री का विवाह नहीं करना चाहिए।
इस मास में मसालेदार व गर्म खाने से बचना चाहिए।
ज्येष्ठ मास में घर में आए किसी भी व्यक्ति को बिना पानी पिलाए नहीं भेजना चाहिए।
कहा जाता है कि इस मास में बैंगन खाने से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यह संतान के लिए अच्छा नहीं होता है।
इस माह में कुछ खास उपाय है जरूर करना चाहिए। मान्यता है इससे मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और धन की कमी नहीं रहती है। तो आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।
नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए
ज्येष्ठ मास के दौरान हर सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि निवृत्त होकर हनुमान जी के मंदिर जाकर उन्हें तुलसी के पत्तों की माला पहनाएं। इसके साथ, हलवा-पूरी अथवा किसी अन्य मिष्ठान का भोग भी लगाएं। उनके स्वरूप के सामने आसन बिछाकर बैठ जाएं, फिर श्री हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और श्री सुन्दरकाण्ड का विधि-विधान से पाठ करें।
मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए
जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है, उन्हें ज्येष्ठ के महीने में मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए इससे संबंधित चीजें जैसे- तांबा, गुड का दान करना चाहिए।
नौकरी में पदोन्नति के लिए
ज्येष्ठ के महीने में सूर्य देवता का प्रकाश काफी तेज रहता है। ऐसे में, इस पूरे महीने सूर्यदेव को अर्घ्य देने से व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि होती है और नौकरी में पदोन्नति भी प्राप्त होती है।
समस्त परेशानियों से छुटकारा के लिए
ग्रह दोषों से छुटकारा पाने के लिए ज्येष्ठ के महीने में पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था जरूर करें। इससे आपके जीवन में चल रहे उतार-चढ़ाव से छुटकारा पाया जा सकता है और आपको कभी भी धन की समस्या नहीं होगी।
सुख-समृद्धि के लिए
ज्येष्ठ महीने के दौरान प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर और स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को जल देना चाहिए। इसके साथ, ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। ध्यान रखें जल चढ़ाते समय सूर्य को सीधे न देखें। लोटे से जो जल की धार गिरती है, उसमें से सूर्य देव के दर्शन करने चाहिए। ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
ज्येष्ठ मास 2024: ज्येष्ठ मास में राशि अनुसार इन चीजों का करें दान
इस खास महीने पर राशि अनुसार उपाय करने से साधक को दोगुना फल की प्राप्ति होती। साथ ही, धन-दौलत में वृद्धि के योग बनते हैं।
मेष राशि
मेष राशि वाले जातकों को ज्येष्ठ महीने के दौरान शुक्रवार के दिन लाल कपड़े में एक मुठ्ठी अलसी, हल्दी की गांठ के साथ बांधकर इसे तिजोरी में रख देना चाहिए। मान्यता है इससे धन प्राप्ति की राह आसान होती है। ध्यान रखें कि हर शुक्रवार को अलसी का बीज बदल दें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वाले ज्येष्ठ महीने के दौरान शंखपुष्पी पौधे की जड़ को गंगाजल से धोकर इस पर केसर का तिलक करें। इसके बाद तिजोरी में या जहां पैसा रखते हैं वहां रख दें। ऐसा करने से व्यापार दोगुनी रफ्तार से बढ़ेगा और आर्थिक स्थिति में स्थिरता देखने को मिलेगी।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों को ज्येष्ठ माह में जल में गन्ने का रस मिलाकर स्नान करना चाहिए। फिर पीपल के पेड़ में कच्चा दूध और जल चढ़ाना चाहिए। इससे सौभाग्य प्राप्ति होती है। इसके अलावा, बच्चे की बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है। यदि बच्चों को बोलने में दिक्कत है तो, उनकी वाणी में निखार आता है।
कर्क राशि
कर्क राशि के लोग ज्येष्ठ महीने में घर में सत्यनारायण की पूजा करानी चाहिए और फिर हवन करके परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। इससे बीमारियों से राहत मिलेगी और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
सिंह राशि
सिंह राशि लोग ज्येष्ठ माह की रात जल में केसर मिलाकर मां लक्ष्मी का अभिषेक करें। मान्यता है इससे बिगड़े काम बन जाते हैं और शत्रु व विरोधी आप पर हावी नहीं होंगे।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों को इस दिन इलायची को पानी में डालकर स्नान करना चाहिए ये आपके लिए शुभ रहेगा। इसके अलावा, रात में देवी लक्ष्मी को सिंघाड़े और नारियल का भोग लगाएं। इससे कर्ज की समस्या दूर होती है।
तुला राशि
तुला राशि वाले जातकों को इस दिन घर में खीर का प्रसाद देवी लक्ष्मी को चढ़ाना चाहिए और फिर सात कन्याओं में इसे बांट देना चाहिए। ये उपाय नौकरी में चल रही परेशानियों को खत्म करने में कारगर होगा। साथ ही, इस उपाय से आय में वृद्धि के योग बनते हैं।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लोगों को ज्येष्ठ मास के दौरान विष्णु सहस्त्रनाम या फिर रात में माता लक्ष्मी चालीसा का पाठ करना चाहिए। इससे यश, कीर्ति और ऐश्वर्य प्राप्ति होती है।
धनु राशि
धनु राशि के लोग इस महीने के दौरान कच्चे सूत के हल्दी में रंगकर बरगद के पेड़ पर लपेटें। 11 बार परिक्रमा करें और इस मंत्र का जाप करें- ब्रह्मणा सहिंतां देवीं सावित्रीं लोकमातरम्। सत्यव्रतं च सावित्रीं यमं चावाहयाम्यहम्।। इससे वैवाहिक जीवन में खुशियां आएंगी और सुयोग्य वर प्राप्त होगा।
मकर राशि
मकर राशि वालों को ग्रहों की पीड़ा से राहत पाने के लिए ज्येष्ठ मास के दौरान छाता, खड़ाऊ, लोहा, उड़द की दाल का दान करना चाहिए। साथ ही, काले कुत्ते को रोटी खिलाएं। ऐसा करने से शनि की महादशा से बचा जा सकता है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के लोगों को इस दिन काले तिल को पानी में डालकर स्नान करना चाहिए। बाद में तेल में सिकी पूड़ियां गरीबों में बांटना चाहिए। इससे मानसिक, शारीरिक और आर्थिक संकट दूर होता है।
मीन राशि
मीन राशि वाले जातकों को ज्येष्ठ मास में आम के फल का दान करना चाहिए, साथ ही राहगीरों को पानी भी पिलाना चाहिए। इससे वास्तु दोष से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-शांति व सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. जेठ का महीना कब से लगा है?
उत्तर 1. जेठ माह की शुरुआत 22 मई 2024 से होगी और 21 जून 2024 को समाप्त होगा।
प्रश्न 2. ज्येष्ठ महीने में कौन कौन से त्योहार आते हैं?
उत्तर 2. अपरा एकादशी, प्रदोष व्रत (कृष्ण), मासिक शिवरात्रि, ज्येष्ठ अमावस्या, निर्जला एकादशी, प्रदोष व्रत (शुक्ल), ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत, संकष्टी चतुर्थी, मिथुन संक्रांति, योगिनी एकादशी।
प्रश्न 3. जेठ मास का क्या महत्व है?
उत्तर 3. इस महीने जल का विशेष महत्व होता है इसलिए इस पवित्र महीने में जल संरक्षण और पेड़-पौधों को जल देने से कई कष्टों का नाश होता है।
प्रश्न 4. ज्येष्ठ माह में क्या नहीं करना चाहिए?
उत्तर 4. ज्येष्ठ मास के दौरान दिन के समय बिल्कुल भी नहीं सोना चाहिए। माना जाता है कि इससे व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त हो सकता है।
ये 5 राशियों की लड़कियां अपने पति और पिता के लिए होती है लकी, लाती है सुख-समृद्धि
ज्योतिष के अनुसार, किसी भी व्यक्ति के जन्म स्थान, समय और नक्षत्र के अनुसार उसका नाम रखा जाता है। जिस अक्षर से नाम रखा जाता है उसी के अनुसार राशि तय होती है। इस तरह से कुल मिलाकर 12 राशियां के लोगों के नाम भिन्न-भिन्न अक्षरों से शुरू होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति की कुंडली में कुछ ऐसे ग्रह होते हैं, जो बहुत अधिक शुभ स्थितियां बनाते है और व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनमें जन्मी महिलाएं अपने पति व पिता के लिए लक्ष्मी स्वरूप होती हैं।
हालांकि, लड़कियों को लक्ष्मी का रूप माना जाता है लेकिन पांच राशियों की महिलाएं अपने पिता व पति के लिए भाग्यशाली साबित होती है। साथ ही, इन महिलाओं का जीवन में आना जल्दी उन्नति और सामाजिक प्रतिष्ठा दिलाती है। तो आइए इसी क्रम में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इन पांच राशि के महिलाओं के बारे में जो अपने पिता व पति के लिए लकी साबित होती हैं।
वृषभ राशि के स्वामी शुक्र ग्रह हैं। शुक्र लग्जरी, सुख और धन का कारक ग्रह है इसलिए इस राशि की महिलाएं धन के मामले में बहुत भाग्यशाली होती हैं। घर में इनके जन्म लेने से ही सुख-समृद्धि का वास होता है। ये पूरे घर के वातावरण को खुशमिजाज कर देती है। शादी से पहले तक अपने पिता के लिए काफी लकी साबित होती हैं और शादी के बाद अपने पति के लिए भी सौभाग्य लेकर आती है। ये राशि की महिलाएं दूसरों के लिए लकी चार्म तो होती है। साथ ही, इनके पास कभी भी धन की कमी नहीं होती है और अपने पिता व पति के पास भी धन की कमी नहीं होने देती है।
इसके अलावा, इस राशि के लोग एक अच्छे नेतृत्वकर्ता साबित होते हैं और अपनी नेतृत्व करने के गुण के कारण ही कार्य क्षेत्र में अन्य लोगों से ज्यादा मजबूत और ताकतवर होते हैं। परिश्रम और अपनी क्षमता के बल पर ये लोग अपने जीवन में सफल होते हैं। ये राशि भाग्यशाली भी होती है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
कर्क राशि
कर्क राशि के स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं और ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को धन का कारक ग्रह माना गया है इसलिए इस राशि की महिला की कुंडली में यदि चंद्रमा सकारात्मक स्थिति में मौजूद है तो यह महिलाएं अपने पति के जीवन में आर्थिक और धन लाभ दिलाने वाली रहती हैं। यह महिलाएं अपने पति के जीवन में आय के अलग और मजबूत स्रोत बन जाते हैं। इसके अलावा अपने पिता के लिए भी आर्थिक मामलों में बहुत भाग्यशाली रहती हैं। जो भी व्यक्ति इस राशि की महिलाओं के संपर्क में आता है वह सुख-समृद्धि से भर जाता है।
इसके अलावा, इन जातकों की विशेषताओं के बारे में बात की जाए तो ये राशि के लोग एक अच्छे नेतृत्वकर्ता साबित होते हैं। अपनी नेतृत्व करने के गुण के कारण ही कार्य क्षेत्र में अन्य लोगों से ज्यादा मजबूत और ताकतवर होते हैं। परिश्रम और अपनी क्षमता के बल पर ये लोग अपने जीवन में सफल होते हैं।
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तुला राशि
ज्योतिष शास्त्र में तुला राशि को धन समृद्धि का प्रतीक माना गया है। इस राशि के स्वामी शुक्र ग्रह हैं और शुक्र ग्रह आकर्षण, ऐश्वर्य, सौभाग्य, धन, प्रेम और वैभव के कारक हैं। ऐसे में, इस राशि की महिलाएं अपने पति व पिता के लिए सुख-समृद्धि, धन व सौभाग्य लेकर आती है। तुला राशि में जन्मी महिलाओं पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहती है इसलिए इस राशि की महिलाएं अपने पिता और पति दोनों के लिए बहुत ही भाग्यशाली रहती हैं। साथ ही, यह अपने मेहनत करने के तरीके से भी सभी का दिल जीतने में सफल होती हैं। इनकी विशेषताओं के बारे में बता करें तो, ये ईमानदारी के बल पर ही सफल होते हैं। ये लोग सोच-समझकर योजनाबद्ध तरीके से कार्य करते हैं। ये लोग दिमाग के तेज होते हैं, और परिस्थितियों के अनुसार कार्य करते हैं। अन्य राशि के जातकों के मुकाबले ज्यादा बलशाली होते हैं।
धनु राशि के स्वामी ग्रह गुरु हैं। गुरु को भी धन का कारक ग्रह बताया गया है। यदि इस राशि की लड़कियों का लग्न धनु हो और गुरु बैठा हो तो ऐसा माना जाता है कि पूर्व जन्म में भी यह महिला इस परिवार में रही होगी। साथ ही पूर्व जन्म से भी ऐसी महिलाओं को पुण्य कार्यों का फल इस जन्म में मिलता है। साथ ही गुरु की राशि होने के कारण इन पर देवगुरु बृहस्पति की विशेष कृपा बनी रहती हैं। जिससे इनके जीवन में कभी सुख सुविधाओं और धन संपत्ति की कमी नहीं होती है।
इनकी विशेषताओं के बारे में चर्चा करें तो ये अपने जीवन में इतनी मेहनत करते हैं कि उन्हें कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती है। इनकी बुद्धि काफी प्रखर होती है। ये काफी सोच विचार कर निर्णय लेते हैं और उसमें सफल भी होते हैं। अपनी बात खुलकर दूसरे के सामने रख सकते हैं। दूसरे को अपनी ओर आसानी से आकर्षित करने में आगे होते हैं। जिसकी वजह से हर कोई इनसे दोस्ती करना पसंद करते हैं।
मीन राशि के स्वामी देव गुरु बृहस्पति हैं। गुरु की राशि होने के साथ-साथ इस राशि में जन्मी महिलाओं पर दैवीय शक्ति की विशेष कृपा होती है। इस राशि की महिलाएं न सिर्फ अपने पति व पिता के लिए ही नहीं बल्कि अपने परिवार के लिए भी अच्छा भाग्य लेकर आती है और सुख-समृद्धि के द्वार खोलती हैं। साथ ही, इनकी कुंडली में गुरु यदि मजबूत स्थिति में विराजमान होते हैं तो समाज में मान-सम्मान भी खूब प्राप्त करती हैं।
इनकी विशेषताओं पर बात करें तो ये लोग पैसों के बारे में ज्यादा नहीं सोचते विचारते, फिर भी सामान्य जीवन व्यतीत करने के लिए पैसे जमा करते हैं। ये लोग नि:स्वार्थ स्वभाव के होते हैं और हर किसी की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। ये लोग हमेशा कुछ पाने की उम्मीद के बिना दूसरों की मदद करते हैं। उनके लिए प्यार किसी चमत्कार जैसा है। ये लोग प्यार में स्वार्थ बिल्कुल पसंद नहीं करते हैं। उनका मानना होता है कि प्यार सिर्फ देने के नाम है।
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बुध आएंगे वृषभ राशि में, इन राशियों की सेहत पर आ सकती है आफत
मई माह में बुध ग्रह का एक महत्वपूर्ण गोचर होने जा रहा है। ज्योतिषशास्त्र की मानें तो इस गोचर का मानव जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ेगा। इस गोचर के कारण मनुष्य के जीवन के हर पहलू और क्षेत्र पर असर देखने को मिलेगा। स्वास्थ्य से लेकर करियर और आर्थिक जीवन से लेकर प्रेम जीवन तक पर इस गोचर का प्रभाव पड़ने वाला है।
बुध के इस गोचर के दौरान किसी राशि को सकारात्मक फल मिलेंगे, तो वहीं कुछ राशियों को नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे। इस गोचर का सभी राशियों के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ेगा। कुछ राशियों के जातकों के स्वास्थ्य में सुधार आने की संभावना है, तो वहीं कुछ राशियों के लोगों की सेहत में गिरावट आने की आशंका है।
इस ब्लॉग में आगे विस्तार से बताया गया है कि बुध का यह गोचर किस तिथि पर एवं किस राशि में हो रहा है और इस गोचर से किन राशियों के लोगों के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है।
कब हो रहा है बुध का गोचर
31 मई 2024 को बुध का एक महत्वपूर्ण गोचर होने जा रहा है। इस दौरान बुध वृषभ राशि में 12:02 पर प्रवेश कर जाएंगे। बुध के इस गोचर का प्रभाव देश-दुनिया और हर एक जातक पर देखने को मिलेगा लेकिन मेष राशि, कन्या राशि, मिथुन राशि, कुंभ राशि और तुला राशि के जातकों को विशेष रूप से बुध ग्रह के इस गोचर का प्रभाव महसूस होगा क्योंकि बुध की गति इन राशियों की ऊर्जा के साथ गहराई से प्रतिद्वनित होती है।
आगे जानिए कि ज्योतिष में बुध ग्रह का क्या महत्व होता है और मनुष्य के जीवन के किन क्षेत्रों पर बुध का प्रभाव पड़ता है।
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ज्योतिष में क्या है बुध ग्रह का महत्व
बुध ग्रह को बुद्धि का कारक माना गया है। आपके बातचीत के तरीके और दूसरों के सामने अपने विचारों को व्यक्त करने के तरीके पर बुध ग्रह का ही प्रभाव होता है। बुध ग्रह कन्या और मिथुन राशि के स्वामी हैं और पन्ना रत्न पर इसी ग्रह का स्वामित्व है।
बुध वायु तत्व वाला ग्रह है और इसके प्रभाव से जातक बहुत बातूनी बन सकता है और वह कई भाषाएं सीखने में सक्षम होता है। वैदिक ज्योतिष में बुध को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है। यह ग्रह आपके संचार कौशल को प्रभावित करता है।
मेष राशि के लोगों की सेहत की बात करें, तो इस समय आपको तटस्थ परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। आपको तंत्रिका से जुड़ी परेशानियां होने का खतरा है। इसके अलावा आपको कमज़ोरी भी महसूस हो सकती है। बेहतर होगा कि आप इस समय अपनी सेहत को प्राथमिकता दें। अगर जरूरत लगे तो आप डॉक्टर के पास जाने में भी देरी न करें।
मिथुन राशि के लोगों को इस गोचर के दौरान गले में संक्रमण और आंखों में जलन की शिकायत हो सकती है। आपको इस दौरान कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या होने का तो डर नहीं है लेकिन मामूली बीमारियां आपको जरूर परेशान कर सकती हैं। आपको इस समय किसी भी स्वास्थ्य समस्या को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
सिंह राशि के लोगों को बुध के गोचर के दौरान गले और त्वचा से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। अगर आपको लग रहा है कि आपकी सेहत ज्यादा बिगड़ रही है, तो आप डॉक्टर को जरूर दिखाएं और कुछ निवारक उपाय भी कर सकते हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर ही आप इस समय स्वस्थ रह पाएंगे।
तुला राशि के लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी इस गोचरकाल का समय अनुकूल नहीं रहने वाला है। आप अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हो सकते हैं। इसकी वजह से आपको तनाव या तंत्रिका से जुड़ी परेशानियां होने की आशंका है। इसके अलावा आपको अपनी आंखों का भी ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। इस समय आपको आंखों से जुड़ी कोई समस्या होने का खतरा है।
धनु राशि के लोगों को सेहत के मामले में इस दौरान सतर्क रहने की आवश्यकता है। आपको पैरों और जांघों में दर्द की शिकायत हो सकती है। इसके साथ ही आपकी ऊर्जा में भी कमी आने के संकेत हैं। इसका एक कारण आपका तनाव हो सकता है। बेहतर होगा कि आप अपनी सेहत का ख्याल रखें और अपनी शारीरिक पीड़ा को दूर करने का प्रयास करें।
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वृश्चिक राशि
इस गोचर के दौरान वृश्चिक राशि के लोगों को गले में इंफेक्शन और सिरदर्द होने की आशंका है। इस समय आप इन स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान रह सकते हैं। स्वस्थ रहने के लिए आपको सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी जाती है। बुद्धिमानी और समझदारी से काम लेंगे, तो आप इस मुश्किल समय को आसानी से पार कर लेंगे।
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शनि जल्द करने वाले हैं अपनी चाल में बदलाव, जून में इन 5 राशि के जातकों के हाथ लग सकता है खजाना!
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के गोचर और चाल का विशेष महत्व होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब भी कोई ग्रह अपनी राशि बदलाव करते हैं या फिर अपनी अवस्था यानी चाल में परिवर्तन करते हैं तो इसका शुभ व अशुभ प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों पर देखने को मिलता है। सभी ग्रहों में शनिदेव सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह होते हैं और चंद्रमा सबसे तेज गति से एक से दूसरी राशि में परिवर्तन यानी गोचर करते हैं। शनि ग्रह की बात करें ये तो यह ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने के लिए पूरे ढाई वर्षों का समय लगाते हैं। हालांकि यह अपनी चाल में परिवर्तन करते रहते हैं।
ज्योतिष में शनिदेव को न्याय का देवता और कर्मफलदाता कहा गया है। यह जातकों को उनके द्वारा किए गए कर्मों के आधार पर फल देते हैं। शनिदेव को दो राशियों का स्वामित्व प्राप्त है। मकर और कुंभ राशि। इस वक्त शनि अपनी राशि कुंभ में विराजमान है और 2025 में यह कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे। शनि 29 जून 2024 की रात 11 बजकर 40 मिनट पर अपनी राशि यानी कुंभ में वक्री होने जा रहे हैं। ऐसे में, वक्री शनि का प्रभाव सभी राशियों पर देखने को मिलेगा लेकिन कुछ राशियों को इस दौरान बहुत अधिक शानदार परिणाम प्राप्त होंगे। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि वह भाग्यशाली राशियां कौन सी है।
शनि कुंभ राशि में वक्री इन जातकों के लिए साबित होगा शुभ
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शनिदेव का वक्री होना लाभदायक साबित होगा। इस दौरान आपको भाग्य का साथ मिलेगा और आपके सारे रुके काम बनने लगेंगे। कार्यक्षेत्र में वरिष्ठों द्वारा आपके काम की सराहना होगी और आप मान-सम्मान प्रतिष्ठा प्राप्त करेंगे। आपके सहकर्मी अपने काम को लेकर आपकी राय ले सकते हैं। परिवार में नैतिक मूल्यों की स्थापना भी होगी, जिससे घर का माहौल खुशनुमा होगा। आपके करियर की बात करें तो, आप अतिरिक्त मेहनत और समर्पण से अच्छा धन कमाने में सक्षम होंगे और आप अपनी मेहनत से आरामदायक स्थिति में पहुंचेंगे। यही नहीं, इस अवधि आप अपने काम से अपने वरिष्ठों का दिल जीतने में कामयाब होंगे।
जिन जातकों का खुद का व्यापार है वे इस अवधि इन लोगों को अच्छा ख़ासा मुनाफा होगा और वे अपने बिज़नेस में अपार सफलता प्राप्त करेंगे। आपके द्वारा किए गए निवेश से आपको अच्छा रिटर्न प्राप्त होगा। यदि आप कोई निवेश करना चाहते हैं या कोई नई संपत्ति जोड़ना चाहते हैं तो उसके लिए यह अवधि बहुत अधिक शानदार रहेगी। इस अवधि आप अपने जीवनसाथी का विश्वास जीतने और रिश्ते में बेहतर सामंजस्य बनाए रखने की स्थिति में होंगे। आप खुलकर अपनी बातों को अपने पार्टनर के सामने रखने में सक्षम होंगे। स्वास्थ्य के लिहाज से यह अवधि अच्छी साबित होगी क्योंकि आपको कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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वृषभ राशि
शनि का वक्री होना वृषभ राशि के जातकों के लिए वरदान से कम साबित नहीं होने वाला है। जिस काम को करने में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था वह काम अब आसानी से होने लगेंगे। आपके प्रयास रंग लाते दिखेंगे, जिससे आपको उच्च स्तर की संतुष्टि प्राप्त होगी। आप वरिष्ठों का विश्वास जीतने और सराहना प्राप्त करने में सक्षम होंगे। कार्यक्षेत्र में आपको मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। यदि आप व्यवसाय कर रहे हैं तो वक्री शनि के दौरान आप अधिक लाभ अर्जित करने में सफल होंगे, जिससे आपको खुशी महसूस होगी। जो लोग पार्टनरशिप में व्यापार करते हैं, वह नए लोगों के साथ संपर्क में आ सकते हैं। ऐसे में, आपको सफलता प्राप्ति होगी।
आर्थिक जीवन के लिहाज़ से, आप इस अवधि अच्छा पैसा कमाने में सक्षम होंगे और इसके परिणामस्वरूप, आप संतुष्ट होंगे। जो लोग विदेश में रहते हैं, उन्हें ज्यादा धन कमाने की राह में भाग्य का साथ मिलेगा। साथ ही, आप धन की बचत करने में भी सक्षम होंगे। आपको अपने तेज़ दिमाग की वजह से विदेश में नौकरी करने का अवसर मिल सकता है। इस अवधि आपको अपने जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिल सकता है। आपके स्वास्थ्य की बात करें तो आप अच्छा स्वास्थ्य बनाए रख सकते हैं और यह मजबूत प्रतिरक्षा स्तर के कारण संभव हो सकता है।
कन्या राशि के जातकों की बात करें तो वक्री शनि के परिणामस्वरूप आपके प्रमोशन या वेतन में वृद्धि के योग बनेंगे। आप वरिष्ठों के साथ अच्छे संबंध कायम करने में सक्षम होंगे। साथ ही, आप अपने काम में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए अपनी स्किल्स को बढ़ाना चाहेंगे। इस अवधि में आप एक साथ कई कामों को बखूबी संभाल लेंगे क्योंकि यह जातक आत्मविश्वास से भरे रहेंगे। पेशेवर जीवन में आपके मान-सम्मान में भी बढ़ोतरी होगी। बिज़नेस करने वाले जातकों को लाभ प्राप्त होगा। इस अवधि में आपको अपने व्यापार को चलाने और आय में वृद्धि के नए अवसर प्राप्त होंगे। ऐसे मौके आपको आर्थिक रूप से स्थिरता और मज़बूती प्रदान करेंगे। इस अवधि आप अपने पार्टनर के साथ मधुर और सौहार्दपूर्ण बना रहेगा।
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वृश्चिक राशि
शनि की चाल में बदलाव आने से वृश्चिक राशि के जातकों को जबरदस्त लाभ मिलेगा। संतान की तरफ से कोई अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और धन लाभ के अवसरों बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी। आपको अपने करियर और कारोबार में अच्छे अवसरों में वृद्धि देखने को मिलेगी। आमदनी में इजाफा होने से आपका बैंक बैलेंस बढ़ेगा। इस अवधि आप जिस तेज़ी से धन कमाएंगे, उतनी ही तेज़ी से बचत करने में भी सक्षम होंगे। साथ ही, ट्रेड और सट्टेबाजी के माध्यम से भी आपको धन की प्राप्ति होगी।
वक्री शनि आपके करियर के लिए समृद्धि लेकर आएगा। ऐसे में, आप नौकरी में ज्यादा लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे। यदि आप व्यापार करते हैं, तो आपके व्यापार में संपन्नता देखने को मिलेगी। इस दौरान आप नए दोस्त बनाने में सफल रहेंगे और दोस्ती में उच्च मूल्यों की स्थापना करेंगे। व्यापार की बात करें तो, जिन जातकों का अपना व्यापार है, वह इस अवधि में शीर्ष पर पहुंच सकते हैं और साथ ही, अच्छा लाभ कमाने में भी सक्षम होंगे। यह लोग व्यापार में अपने प्रदर्शन के आधार पर नए बिज़नेस में भी प्रवेश कर सकते हैं जिसमें आप उच्च मुनाफा कमाने में सफल रहेंगे। सेहत इस अवधि में अच्छी बनी रहेगी और आपको किसी बड़ी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन, छोटी-मोटी समस्याएं आपको परेशान कर सकते हैं।
वक्री शनि आपके लिए ऊर्जा और प्रेरणा लेकर लाएगा। इस अवधि में आप दृढ़ता और आत्मविश्वास से भरे रहेंगे जो आपको करियर में तरक्की पाने के लिए कोई साहसिक कदम उठाने के लिए प्रेरित करेगा। आप अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम होंगे जिससे आप जीवन के लक्ष्यों के साथ-साथ करियर में प्रगति प्राप्त कर सकेंगे। आपको इस अवधि नौकरी में तरक्की प्राप्त होगी और यह आपके पास पदोन्नति, सराहना या किसी नए व्यापार को शुरू करने के अवसर के रूप में आ सकती है। आपकी नेतृत्व क्षमता और बातचीत करने का तरीका वरिष्ठों या आपका बिज़नेस पार्टनर बनने के इच्छुक लोगों को आकर्षित कर सकता है। यह समय अपनी योग्यताओं को साबित करने और कार्यक्षेत्र में कुछ विशेष लोगों से मिल रही चुनौतियों का सामना करने के लिए उत्तम होगा।
आर्थिक जीवन की बात करें तो आप अपनी बुद्धिमानी और दृढ़ता के बल पर धन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण फैसले ले सकते हैं और ऐसे निर्णय आपके जीवन में समृद्धि और स्थिरता लेकर आने का काम करेंगे। आप अपने धन को मैनेज करने में सक्षम होंगे और साथ ही, आपका आत्मविश्वास जीवन में आने वाली आर्थिक समस्याओं से निपटने में आपकी सहायता करेगा। आप ऊर्जावान महसूस करेंगे। इस दौरान आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आपको इस उत्साह को बनाने रखने के लिए एक नियमित दिनचर्या का पालन करना होगा।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. शनि कुंभ राशि में वक्री कब होंगे?
उत्तर 1. शनि 29 जून 2024 की रात 11 बजकर 40 मिनट पर अपनी राशि यानी कुंभ में वक्री होने जा रहे हैं।
प्रश्न 2. कुंभ राशि में शनि कब तक वक्री रहेंगे?
उत्तर 2. शनि 15 नवंबर,2024 तक कुंभ राशि में वक्री अवस्था में ही रहेंगे।
प्रश्न 3. शनि वक्री हो तो क्या होता है?
उत्तर 3. शनि का वक्री होकर कुंडली में गोचर करना, उसके भाव व स्थान के मुताबिक परिणाम देता है।
प्रश्न 4. शनि को खुश कैसे रखें?
उत्तर 4. शनि को प्रसन्नके लिएतिल/सरसों के तेल के साथ दीपक जला सकते हैं।
जून में बुध के गोचर से बनेगा भद्र राजयोग, मिथुन सहित इन जातकों की चमक उठेगी किस्मत!
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर एक ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करते हैं और इस प्रक्रिया को ज्योतिष में गोचर कहा जाता है। कई बार ग्रहों के गोचर से शुभ व अशुभ योगों का निर्माण होता है, जिसका प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों पर देखने को मिलता है। इसी क्रम में ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले बुध ग्रह वृषभ राशि से मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बुध के मिथुन राशि में गोचर से भद्र महापुरुष राजयोग का निर्माण होगा। इस राजयोग का निर्माण सभी राशियों पर पड़ेगा, लेकिन इस दौरान तीन राशियां ऐसी होंगी, जिन्हें इस राजयोग से बहुत अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
तो चलिए आगे बढ़ते हैं और एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में जानते हैं कि बुध का मिथुन राशि में गोचर से बनने वाले शुभ योग से मिथुन सहित तीन राशि के जातकों को किस प्रकार के शुभ परिणाम प्राप्त होंगे लेकिन इससे पहले जानेंगे कि बुध का गोचर कब हो रहा है और इस राजयोग का क्या महत्व है।
बुध का मिथुन राशि में गोचर तिथि व समय
बुद्धि, तर्कशक्ति, व्यापार, वाणी, तकनीक आदि के कारक और ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले ग्रह बुध 14 जून 2024 की रात 10 बजकर 55 मिनट पर अपनी ही राशि मिथुन में गोचर करेंगे। बुध के गोचर से बेहद शुभ योग भद्र महापुरुष राजयोग का निर्माण होगा। आइए जानते भद्र महापुरुष राजयोग का निर्माण कैसे होता है।
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भद्र महापुरुष राजयोग का निर्माण
ज्योतिष के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध स्वराशि यानी अपनी ही राशि या उच्च राशि या मूल त्रिकोण राशि का होकर केंद्र में विराजमान होते हैं, तो भद्र नामक पंच महापुरुष योग निर्माण होता है। इस योग में जन्म लेने वाला मनुष्य शेर के समान पराक्रमी और शत्रुओं का नाश करने की क्षमता रखने वाले होते हैं। आइए अब आगे जानते हैं यह योग किन राशि के जातकों के लिए शुभ साबित होगा।
भद्र महापुरुष राजयोग से चमकेगी इन जातकों की किस्मत
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए भद्र महापुरुष राजयोग शानदार साबित होगा। इस अवधि आपके करियर के क्षेत्र में आपको सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। नौकरी के नए अवसर मिलेंगे जो आपको प्रसन्न करने का काम करेगा। आप अपनी सभी इच्छाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे। ऐसे अवसर आपके लिए लाभदायक साबित होंगे। आपको नौकरी में तरक्की हासिल करने में सक्षम बनाएगा। साथ ही, आपको काम के सिलसिले में विदेश जाने का भी मौका मिलेगा। जो जातक नौकरी कर रहे हैं, वह अपने काम को बहुत पेशेवर तरीके से करेंगे जिसकी बदौलत आप सफलता प्राप्त करेंगे। ऐसे में, आपको नौकरी में वृद्धि पाने का मार्ग प्रशस्त होगा। आप इस अवधि अपनी काबिलियत के दम पर अपार सफलता प्राप्त करते हुए नज़र आएंगे।
अगर आप व्यापार करते हैं, तो इस अवधि में आप औसत रूप से पैसा कमाएंगे, लेकिन बाद में आपको अच्छा लाभ मिलने के संकेत है। साथ ही, यह जातक अपने प्रतिद्वंदियों के सामने एक अच्छा प्रतिद्वंदी बनकर उभरेंगे और आप अपनी योग्यता साबित कर सकेंगे। आर्थिक जीवन की बात करें तो धन से जुड़े मामलों में भाग्यशाली रहेंगे और इसके परिणामस्वरूप, आप अच्छी बचत भी सफल होंगे। जो लोग विदेश जाकर धन कमाने के सपना देख रहे हैं उनका ये सपना इस अवधि पूरा होगा। आप अच्छी मात्रा में धन अर्जित और बचत करने में भी सक्षम होंगे।
इस अवधि आपका सारा ध्यान करियर में प्रगति हासिल करने पर होगा। इसके अलावा, बुध के गोचर बनने वाले शुभ योग से चलते आपका झुकाव अध्यात्म के प्रति होगा और आपकी रुचि धर्म-कर्म के कार्यों में बढ़ेगी। हालांकि, इस दौरान आपको काम के सिलसिले में काफ़ी यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। यदि आप नौकरी पेशा हैं, तो इस समय कई बड़ी उपलब्धियों को अपने नाम पर करने में सक्षम होंगे। कार्यक्षेत्र में आपको पदोन्नति और अन्य लाभ मिलने के अवसर प्राप्त होंगे।
जिन जातकों का अपना व्यापार है उन्हें बिज़नेस डील्स के संबंध में लंबी दूरी की यात्राओं पर जाना पड़ सकता है। ऐसे में, आप अच्छा लाभ कमाते हुए नज़र आएंगे। आर्थिक जीवन की बात करें, तो आपके धन लाभ में वृद्धि करवाने का काम करेंगे और ऐसे में, आप बचत करने में सक्षम होंगे। आपको विदेश के माध्यम से भी पैसा कमाने के सुनहरे अवसर मिलेंगे जिससे आप संतुष्ट दिखाई देंगे। आप अपना काम कार्यक्षेत्र में बहुत समर्पित होकर करेंगे इसलिए आपको इंसेंटिव के जरिए लाभ प्राप्त होने के योग बनेंगे। बात अगर आपकी सेहत की करें तो आप एकदम फिट महसूस करेंगे और योग व्यायाम के चलते आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
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मकर राशि
भद्र राजयोग के चलते मकर राशि के जातकों को भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। करियर में आपके प्रमोशन, वेतन में वृद्धि आदि के रूप में लाभ प्राप्त होने के योग बनेंगे। साथ ही, इन जातकों को विदेश जाने का भी मौका मिलेगा। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें इस अवधि में काफ़ी अच्छा लाभ कमाने में सक्षम होंगे। बिज़नेस के लिए इस समय को अनुकूल कहा जाएगा और ऐसे में, यह जातक उच्च लाभ प्राप्त कर सकेंगे। आप प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने के साथ-साथ अपनी योग्यता साबित करने में सक्षम होंगे।
आर्थिक स्थिति के लिहाज़ से, इस दौरान जातक धन कमाने के साथ-साथ पैसों की बचत करने में सफल रहेंगे। यह गोचर उन लोगों के लिए फलदायी रहेगा जो विदेश में रहते हैं क्योंकि उन्हें भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा। आपका रिश्ता पार्टनर के साथ अच्छा रहेगा और आप अपने रिलेशनशिप में उच्च मूल्य लेकर चलते हैं। ऐसे में, आप दोनों का रिश्ता मज़बूत होगा और पार्टनर के साथ आपसी तालमेल में वृद्धि होगी। आपके स्वास्थ्य की बात करें तो इस अवधि आपकी सेहत अच्छी बनी रहेगी और साथ ही, आपको अपने माता-पिता का भी भरपूर साथ मिलेगा।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. भद्र पंच महापुरुष योग क्या होता है?
उत्तर 1. जब किसी जातक की कुंडली में बुध स्वराशि, उच्च राशि अथवा मूल त्रिकोण राशि का होकर केंद्र में बैठता है, तो भद्र काल योग का निर्माण होता है
प्रश्न 2. क्या भद्रा योग शुभ है?
उत्तर 2. भद्र राजयोग शुभ योगों में एक है और इस योग से जातक को सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होती है।
प्रश्न 3. बुध का मिथुन राशि में गोचर कब होगा?
उत्तर 3. ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले ग्रह बुध 14 जून 2024 की रात 10 बजकर 55 मिनट पर अपनी ही राशि मिथुन में गोचर करेंगे।
प्रश्न 4. हम कैसे पहचान सकते हैं कि शुक्र ग्रह बलवान है?
उत्तर 4. एक मजबूत शुक्र शीघ्र विवाह और वित्तीय लाभ का संकेत दे सकता है।
6 ग्रहों की अनोखी और दुर्लभ परेड- जानें कहाँ और कैसे आएगी नज़र!
ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि ग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। यही वजह है कि ग्रहों की चाल, स्थिति में हल्का सा भी फेर बदल ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बात करें जून के महीने की तो 3 जून 2024 को एक अनोखी दुर्लभ ब्रह्मांडीय घटना होने वाली है जिसमें छह ग्रहों को आसमान में देखा जा सकता है। इसे ज्योतिष की भाषा में कहें तो ग्रहों की परेड के नाम से भी जाना जाता है।
क्या होती है ग्रहों की यह परेड, क्या होगा इसका प्रभाव और कब आएगा यह नजर, इन सभी बातों को जानने के लिए हमारा यह खास ब्लॉग अंत तक अवश्य पढ़ें।
सबसे पहले बात करें समय की तो यह दुर्लभ ब्रह्मांडीय घटना दरअसल 3 जून 2024 को होने वाली है। यह एक विशेष तरह का प्लेनेटरी एलाइनमेंट होगा जिसमें 6 ग्रह आसमान में नजर आने वाले हैं। इसे ही परेड ऑफ द प्लैनेट्स या ग्रहों की परेड के नाम से भी जाना जाता है।
क्या होता है परेड ऑफ द प्लैनेट्स?
दरअसल जब भी कई ग्रह एक साथ एक सीध में आते हैं तो इस खगोलीय घटना को प्लेनेटरी एलाइनमेंट या ग्रहों की परेड कहा जाता है। यह घटना सामान्य नहीं होती है बल्कि यह बेहद ही दुर्लभ होती है। हालांकि इस दुर्लभ घटना को धरती पर रह रहे लोग भी देख सकते हैं। इस साल यह अनोखी घटना 3 जून को होने वाली है जब बृहस्पति (अर्थात जुपिटर), बुध (अर्थात मरकरी), मंगल (अर्थात मार्स), शनि (अर्थात सैर्टन), यूरेनस और नेपच्यून जैसे ग्रह एक साथ नजर आने वाले हैं।
कहाँ और कैसे नज़र आएगी ग्रहों की परेड?
दृश्यता की बात करें तो ग्रहों की इस परेड को पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध से आसानी से देखा जा सकेगा। पृथ्वी का उत्तरी गोलार्ध न्यूयॉर्क में आता है। ऐसे में यह घटना सबसे पहले न्यूयॉर्क में नजर आएगी। घटना के दिन भोर से पहले ये ग्रह एक साथ एक सीध में नजर आएंगे।
पीले रंग का शनि देर रात से आकाश में मौजूद रहेगा। यह कुंभ राशि में नग्न आंखों से नजर आएगा।
नेपच्यून तारामंडल मीन में स्थित होगा। हालांकि इसको देखने के लिए आपको दूरबीन की आवश्यकता पड़ेगी।
थोड़ी देर बाद मंगल ग्रह उदित होगा आप मंगल ग्रह की पहचान उसके लाल रंग से कर सकते हैं। इस दौरान मंगल भी मीन राशि में स्थित होगा और नग्न आंखों से नजर आएगा।
इसके बाद यूरेनस, बृहस्पति, बुध पूर्वी क्षितिज पर नजर आएंगे। बृहस्पति चमकीले रंग का होगा और आप इसे नग्न आंखों से देख सकेंगे। बुध भी आपको नजर आ जाएगा। चूंकि यह सूर्य के बेहद करीब है ऐसे में इसे देखना थोड़ा कठिन हो सकता है। वहीं यूरेनस को दूरबीन से ही देखा जा सकेगा। यह तीनों ग्रहों वृषभ राशि में मौजूद होंगे।
ग्रहों की यह परेड कैसे देखें?
एक एस्ट्रोनॉमी मैगजीन के अनुसार पहले चार ग्रहों को तो नंगी आंखों से देखा जा सकेगा। ग्रहों की यह एलाइनमेंट देखने के लिए आप दूरबीन या टेलिस्कोप की मदद ले सकते हैं। इस दौरान चंद्रमा, यूरेनस और मंगल के बीच नजर आने वाला है।
अगली ग्रहों की परेड कब होगी?
3 जून के बाद ग्रहों की यह परेड आपको 28 अगस्त को दोबारा देखने को मिल सकती है। इसके बाद 28 फरवरी 2025 को एक बार फिर से प्लेनेटरी एलाइनमेंट होगा जब साथ ग्रह एक साथ सीध में आएंगे। इसमें प्लूटो को छोड़कर सभी ग्रह शामिल होंगे। इसके बाद अगली परेड होगी 8 सितंबर 2040 को और उसके बाद 15 मार्च 2080 में यह दुर्लभ ब्रह्मांडीय घटना देखी जा सकेगी।
क्या यह जानते हैं आप: अंतरिक्ष में क्यों होती है प्लैनेट्स की परेड?
दरअसल सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाने वाले ग्रहों का आकार,उनकी रफ्तार, उनका समय, उनका एक कक्षा से दूसरे कक्षा तक पहुंचना एकदम अलग-अलग होता है। नासा के मुताबिक प्लेनेटरी एलाइनमेंट अक्सर होते रहता है। बुध सूर्य का एक चक्कर 88 दिनों में पूरा करता है वहीं शुक्र 224 दिनों में और पृथ्वी 354 दिन में एक चक्कर पूरा करती है।
ठीक इसी तरह बृहस्पति एक चक्कर पूरा करने में 11 साल से भी ज्यादा का समय लगाता है। मंगल 687 दिन तो यूरेनस धरती का एक चक्कर करीब 84 साल में पूरा करता है। ऐसे में इन सभी ग्रहों की परिक्रमा का झुकाव भी अलग-अलग होता है। ऐसे में एक समय ऐसा आता है जब अपनी कक्षा में अपनी रफ्तार से घूमते हुए यह ग्रह एक सीध में आ जाते हैं और कुछ देर के लिए प्लेनेटरी एलाइनमेंट की यह विशेष घटना घटित होती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1: क्या होता है प्लेनेटरी एलाइनमेंट?
उत्तर: दरअसल जब सौरमंडल में दो या दो से ज्यादा ग्रह एक सीध में आ जाते हैं तो इसे प्लेनेटरी एलाइनमेंट या प्लेनेट की परेड कहा जाता है।
प्रश्न 2: अगली ग्रहों की परेड कब होने वाली है?
उत्तर: 3 जून को अगली ग्रहों की परेड होने वाली है जब 6 ग्रह अर्थात बुध, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून आकाश में एक सीध में नजर आएंगे।
प्रश्न 3: पिछली बार कब सभी ग्रह एक सीध में नजर आए थे?
उत्तर: पिछली बार सभी ग्रह 8 अप्रैल 2024 को एक सीट में नजर आए थे। ग्रहों का यह संरेखण संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको में पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान नजर आया था।
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बुद्ध पूर्णिमा पर 200 वर्षों बाद दुर्लभ संयोग- 3 राशियाँ बनेंगी करोड़पति!
बुद्ध पूर्णिमा 2024: हिंदू धर्म में वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व है जो कि प्रत्येक वर्ष वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि पर आती है। इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, वैशाख महीने में आने वाली पूर्णिमा को गौतम बुद्ध का जन्मदिवस माना गया है और उन्हें ज्ञान की प्राप्ति भी इस दिन ही हुई थी इसलिए यह तिथि बेहद ख़ास हो जाती है। हिंदू और बौद्ध दोनों ही धर्मों के अनुयायी बुद्ध जयंती को मानते हैं। इसका साक्षात उदारहण भारत समेत विश्व में स्थित कई ऐसे मंदिरों में मिलता है जो श्री हरि विष्णु और भगवान बुद्ध के संयुक्त मंदिर हैं। हालांकि, दुनियाभर में बुद्ध पूर्णिमा को मनाने के तरीके में भिन्नता देखने को मिलती है।
एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको “बुद्ध पूर्णिमा 2024” के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि व मुहूर्त आदि। इसके अलावा, आपको बुद्ध पूर्णिमा का महत्व और इस दिन क्या करें और क्या न करें, यह भी हम आपको बताएंगे। साथ ही, किन उपायों को करने से दूर होंगी समस्याएं आदि से भी हम आपको अवगत करवाएंगे। तो आइये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और सबसे पहले जानते हैं बुद्ध पूर्णिमा तिथि के बारे में।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
बुद्ध पूर्णिमा 2024: तिथि व मुहूर्त
बौद्ध धर्म को समर्पित एक प्रसिद्ध त्योहार है बुद्ध पूर्णिमा और यह भगवान गौतम बुद्ध के जन्मदिन का प्रतीक माना गया है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर साल बुद्ध जयंती को वैशाख मास की पूर्णिमा पर मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में यह पूर्णिमा सामान्य रूप से मई या अप्रैल के महीने में आता है।
बुद्ध पूर्णिमा 2024 तिथि: 23 मई 2024, गुरुवार
पूर्णिमा तिथि का आरंभ: 22 मई 2024 की शाम 06 बजकर 49 मिनट से,
पूर्णिमा तिथि की समाप्ति: 23 मई 2024 की शाम 07 बजकर 24 मिनट तक।
बुद्ध पूर्णिमा पर 200 वर्षों बाद दुर्लभ योग
इस वर्ष की बुद्ध पूर्णिमा इस वजह से भी खास और अनोखी मानी जा रही है क्योंकि इस दिन कई दुर्लभ योग बनने वाले हैं। बात करें इन योगों की तो, 23 मई को है और इस दिन दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से अगले दिन सुबह लगभग 11 बजकर 22 मिनट तक शिव योग रहने वाला है।
इसके अलावा इस दिन गुरु, शुक्र और सूर्य, ये तीनों महत्वपूर्ण ग्रह वृषभ राशि में होंगे जिसके चलते त्रिग्रही योग का निर्माण होगा।
गुरु और सूर्य की युति से गुरु आदित्य योग भी इस दिन बनने वाला है।
सिर्फ इतना ही नहीं इस दिन गजलक्ष्मी और शुक्रादित्य योग भी बनेगा। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि इन शुभ योगों में अगर कोई काम किया जाए तो ये जातक के लिए अति शुभ साबित हो सकते हैं।
200 वर्षों बाद दुर्लभ संयोग: 6 मई को शनि ने पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश किया था। दरअसल अपनी ही राशि कुम्भ में शनि का इस नक्षत्र में प्रवेश 200 वर्षों बाद हुआ है।
ऐसे में यदि बुद्ध पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष कार्य किए जाएँ तो व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि अवश्य प्राप्त होती है। क्या कुछ हैं ये काम- आइये जान लेते हैं:
इस दिन पीपल के पेड़ में जल अवश्य अर्पित करें।
चंद्रमा को दूध में चावल और चीनी मिलाकर अर्घ्य दें।
माँ लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें 11 कौड़ियाँ अर्पित करें।
इस दिन कुछ समय चंद्रमा की रोशीनी में अवश्य खिलाएँ।
इस दिन ध्यान-योग अवश्य करें।
इन राशियों की चमकेगी किस्मत
मेष राशि: मेष राशि के जातकों को अचानक से धनलाभ होगा, आय में इजाफा होगा, कार्यक्षेत्र में आपका प्रदर्शन बेहतर होगा और आप अपने खर्चों पर भी नियंत्रण प्राप्त कर लेंगे। इस राशि के जातकों के आत्मविश्वास में वृद्धि होगी, व्यापारी जातक भी मोटा मुनाफा कमाएंगे और छात्र जातकों की एकाग्रता बढ़ेगी।
तुला राशि: तुला राशि के जातकों को भाग्य का साथ मिलेगा, आपके पिता के साथ आपके रिश्ते मजबूत बनेंगे, पारिवारिक जीवन खुशहाल बनेगा और संतान की तरफ से खुशियाँ मिलने की भी संभावना है।
कुम्भ राशि: कुम्भ राशि के जातकों की आय में वृद्धि होगी, आपकी आय के स्त्रोत बढ़ेंगे, अचानक से धन प्राप्ति के योग बनेंगे। इसके अलावा अगर आप निवेश करना चाहते हैं तो उसके लिए समय बेहद अनुकूल है। इस अवधि में आपका मान-सम्मान भी बढ़ेगा। व्यवसायी जातकों को भी इस अवधि में लाभ मिलेगा और वैवाहिक जातकों के लिए भी ये समय बेहद शुभ रहने वाला है।
बुद्ध पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
बुद्ध पूर्णिमा के धार्मिक महत्व की बात करें, तो बुद्ध जयंती के अलावा यह वैशाख पूर्णिमा के रूप में जानी जाती है। वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा या पीपल पूर्णिमा कहा जाता है। वैसे, हम सब जानते हैं कि हर माह की पूर्णिमा जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इस दिन इनकी पूजा बहुत श्रद्धाभाव से की जाती है। साथ ही, वैशाख पूर्णिमा को भगवान बुद्ध की जयंती और निर्वाण दिवस के रूप में देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। बता दें कि भगवान बुद्ध को श्री हरि का नौवां अवतार माना जाता है इसलिए इन्हें देवता का दर्जा प्राप्त है।
इनके अनुयायी भारत समेत एशिया के अधिकांश भाग में पाए जाते हैं और इस वजह से बुद्ध पूर्णिमा देश के साथ-साथ पूरे एशिया में मनाई जाती है। भारत के बिहार स्थित बोधगया में भगवान बुद्ध को समर्पित एक पवित्र तीर्थस्थल है जहां महाबोधि का एक मंदिर है। यह मंदिर बौद्ध धर्म के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है। ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर भगवान बुद्ध ने अपनी युवावस्था में सात सालों तक कठोर तपस्या की थी और उन्हें यहां ज्ञान की प्राप्ति भी हुई थी।
बुद्ध जयंती के दिन बौद्ध धर्म में विश्वास रखने वाले लोग दूर-दूर से बोधगया में दर्शन के लिए जाते हैं। इस दिन बोधि वृक्ष का पूजन किया जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि भगवान बुद्ध को इसी वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। बुद्ध पूर्णिमा के दिन लोग व्रत और विधि-विधान से पूजा करते हैं। हालांकि, इस पूर्णिमा तिथि का संबंध भगवान विष्णु से भी होता है इसलिए इस दिन भगवान बुद्ध के साथ-साथ चंद्र देव व विष्णु जी की भी पूजा-अर्चना का विधान है। इस तिथि पर दान करने से मनुष्य को पुण्य प्राप्त होता है।
हिंदू धर्म में वैशाख पूर्णिमा का अपना ही महत्व है क्योंकि यह वर्ष भर में आने वाली पूर्णिमा तिथियों में श्रेष्ठ है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन गंगा नदी एवं तीर्थ स्थलों पर पवित्र जल में स्नान को भी शुभ और पापनाशक माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि वैशाख में पूर्णिमा के दिन सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में होते हैं इसलिए इस व्रत को नीति-नियम और विधिपूर्वक करने से सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
धर्मराज की पूजा से मिलेगा आशीर्वाद
बुद्ध पूर्णिमा के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की भी परंपरा है। इस तिथि पर जल से भरे कलश, जूते, छाता, पंखा, सत्तू, पकवान आदि का दान करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति दान करता है, उसे गोदान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से धर्मराज का आशीर्वाद प्राप्त होता है और मनुष्य को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।
बुद्ध पूर्णिमा पर क्या करें?
बुद्ध पूर्णिमा के दिन सर्वप्रथम सूर्योदय से पूर्व उठें और घर की साफ-सफाई करें।
इसके पश्चात, व्रत का संकल्प करें और पूरे दिन का उपवास रखें।
रात के समय में चंद्रदेव को फूल,धूप, दीप, अन्न, गुड़ आदि अर्पित करें।
इस दिन मंदिर जाएं और भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने दीपक जलाएं। साथ ही, श्री हरि की विधि-विधान से पूजा करें।
अगर हो सके, तो बुद्ध पूर्णिमा पर गंगा स्नान अवश्य करें। ऐसा करने से पूर्वजन्म के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।
इस तिथि पर किया गया दान-पुण्य बेहद शुभ होता है इसलिए ब्राह्मणों को जल से भरा हुआ मिट्टी का कलश और अनेक तरह के पकवान भी दान करना चाहिए।
बुद्ध पूर्णिमा या वैशाख पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन जैसे मांसाहार, मदिरा आदि का सेवन करने से बचना चाहिए।
इस तिथि पर तुलसी के पत्तों को तोड़ने से परहेज़ करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु आपसे नाराज़ हो सकते हैं।
इस दिन किसी की बुराई करने से बचें और न ही अपने मन में किसी तरह के नकारात्मक विचार लेकर आएं।
बुद्ध पूर्णिमा पर राशि अनुसार करें ये उपाय, चमक उठेगी आपकी किस्मत
मेष राशि
मेष राशि के जातक बुद्ध पूर्णिमा पर भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करें। साथ ही, आप विष्णु जी को हल्दी का तिलक करें और लक्ष्मी जी को सिंदूर अर्पित करें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वाले इस दिन भगवान बुद्ध की मूर्ति के सामने दीपक जलाएं और घर के प्रवेश द्वार पर भी घी का दीपक रखें। ऐसा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातक वैशाख पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी को खीर का प्रसाद के रूप में भोग लगाएं और यह प्रसाद पूरे परिवार को देने के बाद खुद भी ग्रहण करें।
कर्क राशि
कर्क राशि वाले अगर अपने जीवन में समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो बुद्ध पूर्णिमा पर भगवान विष्णु का चंदन से तिलक करें। आप चाहे तो लड्डू गोपाल का केसर मिले दूध से स्नान कर सकते है।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातक बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भगवान सत्यनारायण की कथा सुनें। साथ ही, चरणामृत के प्रसाद का भोग लगाएं। ऐसा करने से घर-परिवार की आर्थिक स्थिति स्थिर रहती है और समृद्धि आती है।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए इस पूर्णिमा पर घर में हवन करन शुभ रहेगा। बुद्ध पूर्णिमा पर आम की लकड़ियों से हवन और गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे आपके जीवन में खुशहाली आती है।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बुद्ध पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी जी की पूजा एवं आरती करना फलदायी रहेगा। उन्हें लाल फूल भी अर्पित करें। ऐसा करने से आपका जीवन सुख-समृद्धि से पूर्ण रहेगा।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लोग इस दिन देवी लक्ष्मी को लाल रंग के फूल चढ़ाएं। साथ ही, विष्णु जी की आरती करें। इससे घर-परिवार में बरकत बनी रहेगी।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुद्ध पूर्णिमा पर विष्णु जी को पीले चावल का भोग लगाएं और उनकी पूजा में पीले फूलों का उपयोग करें। इससे आपके जीवन की सभी समस्याओं का अंत हो जाता है।
मकर राशि
मकर राशि वाले इस पूर्णिमा पर चंद्रमा को अर्घ्य दें और घर-परिवार की कुशलता की कामना करें। ऐसा करने से आपके घर में खुशहाली बनी रहती है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वाले बुद्ध पूर्णिमा के दिन गरीबों एवं जरूरतमंद को भोजन कराएं और उन्हें जरूरत की सामग्री दान में दें। यह उपाय आपके जीवन में खुशहाली लेकर आता है।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों को बुद्ध पूर्णिमा के दिन मंदिर में दर्शन जरूर करने चाहिए। इस उपाय को करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. बुद्ध पूर्णिमा क्यों मनाया जाता है?
उत्तर 1. वैशाख महीने में आने वाली पूर्णिमा को गौतम बुद्ध का जन्मदिवस माना गया है
प्रश्न 2. भगवान बुद्ध पूर्णिमा कब है?
उत्तर 2. 23 मई 2024, गुरुवार के दिन बुद्ध पूर्णिमा मनाया जाएगा।
प्रश्न 3. बुद्ध पूर्णिमा के दिन क्या दान करना चाहिए?
उत्तर 3. बुद्ध पूर्णिमा पर जल से भरे कलश और ठंडे फलों का दान करना चाहिए।
प्रश्न 4. बुद्ध पूर्णिमा के दिन क्या दान करना चाहिए?
उत्तर 4. बुद्ध पूर्णिमा पर जल से भरे कलश और ठंडे फलों का दान करना चाहिए।
12 साल बाद गुरु व शुक्र की युति से बन रहा है गजलक्ष्मी राजयोग, इन जातकों की पलटने वाली है किस्मत!
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में, ग्रहों के गोचर को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ग्रहों का राशि परिवर्तन के साथ कई बार ग्रहों की युति का भी निर्माण होता है, जिसका अर्थ है कि एक ही राशि में दो या दो से अधिक ग्रह उपस्थित होते हैं। इसी क्रम में राशि चक्र की दूसरी राशि वृषभ में शुक्र और गुरु की युति हो रही है और इस युति से 12 साल बाद गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण हुआ है। बता दें कि 01 मई को गुरु ग्रह मेष राशि से वृषभ राशि में गोचर कर चुके हैं, वहीं दूसरी ओर 19 मई को शुक्र ग्रह भी अपनी स्वराशि वृषभ में प्रवेश करेंगे। ऐसे में वृषभ राशि में 12 वर्ष के अंतराल के बाद गुरु और शुक्र की युति हो रही है, जिससे बेहद शुभ योग का निर्माण हो रहा है।
ख़ास बात यह है कि इस राशि में बुद्धि के कारक ग्रह बुध भी इसी महीने के अंत यानी 31 मई 2024 की दोपहर 12 बजकर 2 मिनट में प्रवेश कर जाएंगे। जिससे वृषभ राशि में तीन शुभ योग गजलक्ष्मी, बुधादित्य और मालव्य राजयोग का निर्माण होगा। ज्योतिष शास्त्र में इन चारों ग्रहों का एक साथ वृषभ राशि में आना और शुभ योग का निर्माण करना बेहद शुभ साबित होगा और इसका प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों पर देखने को मिलेगा लेकिन पांच राशियां इस दौरान काफी भाग्यशाली साबित होंगी।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
गजलक्ष्मी राजयोग से इन 5 राशियों को होगा लाभ
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए यह अवधि बेहद शानदार रहेगी। कार्यक्षेत्र में आपको तरक्की हासिल होगी। कार्यक्षेत्र में आपके काम की सराहना होगी और आप मान-सम्मान प्रतिष्ठा प्राप्त करेंगे। इसके साथ ही, पदोन्नति व वेतन वृद्धि के भी योग बनेंगे, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इस अवधि आपके घर में कोई शुभ मांगलिक कार्य हो सकता है, जिससे घर का माहौल सकारात्मक होगा। आप इस समय पहले से अधिक मेहनत करेंगे और नया मुकाम हासिल करेंगे। करियर में इनको शानदार सफलता प्राप्त होगी और नए अवसर प्राप्त होंगे। यही नहीं, इस अवधि आप अपने काम से अपने वरिष्ठों का दिल जीतने में कामयाब होंगे। कारोबार में धन की वृद्धि होगी और कुछ नया करने से भी आपको लाभ होगा। आपके काम से आपके बॉस काफी प्रसन्न होंगे। इससे आपको अपने काम में आत्मविश्वास मिलेगा और उत्साह में वृद्धि होगी।
कर्क राशि के लोगों के लिए ग्रहों के ये शुभ योग जीवन में शुभ प्रभाव बढ़ाएंगे। आप उच्च स्तर की संतुष्टि प्राप्त कर सकते हैं और अच्छा रिटर्न अर्जित कर सकते हैं। आप वरिष्ठों का विश्वास जीतने और सराहना प्राप्त करने में सक्षम होंगे। कार्यक्षेत्र में आपको मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। आप अपने अच्छे काम से ऑफिस में सभी लोगों का दिल जीत लेंगे। यहां तक कि आप अपने बॉस का विश्वास और दिल जीतने में भी सफल होंगे। यदि आप व्यवसाय कर रहे हैं तो इस दौरान आप अधिक लाभ अर्जित करने में सफल होंगे, जिससे आपको संतुष्टि प्राप्त होगी। प्रेम जीवन की बात करें तो आपको अपने जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिल सकता है। इसके अलावा, आपको कहीं से बड़ी मात्रा में रुका हुआ पैसा मिलने से बेहद खुशी होगी और आपके रुके कार्य भी बन जाएंगे। स्वास्थ्य के मोर्चे पर, आप अच्छा स्वास्थ्य बनाए रख सकते हैं और यह मजबूत प्रतिरक्षा स्तर के कारण संभव हो सकता है।
कन्या राशि के लोगों के लिए यह योग बहुत अधिक बहुत शुभ प्रभाव देने वाला माना जा रहा है। अगर आप नौकरी बदलने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको कुछ अच्छे ऑफर इस वक्त मिल सकते हैं। इस वक्त नौकरी बदलने के लिए आपका वक्त भी अच्छा है और आपका वेतन भी अच्छा होगा। आप बेहतर संभावनाओं के लिए नौकरी में बदलाव करने का मन बना सकते हैं जिससे आप संतुष्ट नज़र आ सकते हैं। बात यदि आर्थिक जीवन की करें, तो इस अवधि आप बचत करने में सक्षम होंगे। पैसों की बचत करने की गुंजाइश भी पहले से अधिक रहेगी। आपका रिश्ता पार्टनर के साथ प्रेम से भरा रहेगा जिसका आनंद लेते हुए आप दिखाई देंगे। यदि आपका किसी से प्रेम प्रसंग चल रहा है और आप उससे विवाह करने की योजना बना रहे हैं तो यह अवधि अपने घर पर बात करने के लिए बिल्कुल सही साबित हो रहा है। संभावना है कि घर वालों की तरफ से आपके रिश्ते को ढेर सारा प्यार मिले। साथ ही, आप अपने रिश्ते में उच्च मूल्यों की स्थापना भी कर सकेंगे। सेहत के लिहाज़ से, आपकी फिटनेस अच्छी बनी रहेगी जो कि आपके भीतर की मज़बूत इच्छा शक्ति और उत्साह का परिणाम होगा।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लोगों को गजलक्ष्मी राजयोग से बहुत अधिक लाभ होगा। इस दौरान आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा और आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। आप साहसी होकर अपने जीवन के सही फैसले लेने में सक्षम होंगे और आपके फैसले आपके लिए फलदायी साबित होंगे। आप कारोबार में अगर कोई नया प्रयोग करने के बारे में विचार कर रहे हैं तो उसमें आपको कामयाबी हासिल होगी। परिवार के लोगों से आपको हर मामले में सहयोग मिलेगा। आपके लिए यह समय अपने जीवन में आगे बढ़ने का है। इस शुभ योग से आपको करियर में शानदार व सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। साथ ही, काम में सुख व समृद्धि भी प्राप्त होगी। यदि आप व्यापार करते हैं तो इस दौरान आपको अपने बिज़नेस में अपार सफलता प्राप्त होगी। स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी यह अवधि आपके लिए बहुत अधिक अच्छी साबित होगी। आप पूरी तरह फिट महसूस करेंगे।
मीन राशि
आपको इस दौरान अपार सफलता प्राप्त होगी और आपके प्रयास सफल होंगे। ये अवधि आपके लिए बहुत अधिक अनुकूल रहेगा। आपके करियर की बात करें तो आपको बहुत अधिक अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। कार्यक्षेत्र में आपकी स्थिति अच्छी होगी। आपके वरिष्ठ आपकी सराहना करते हुए नज़र आएंगे। इसके अलावा, आपको नौकरी के अनेक व नए अवसर प्राप्त होंगे। आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे। मीन राशि के जातकों के आर्थिक जीवन की बात करें तो आपके इस अवधि धन की कमी महसूस नहीं होगी। पैतृक संपत्ति और अन्य अन्य अप्रत्याशित स्रोतों से आपको धन लाभ हो सकता है, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी।
व्यावसायिक मोर्चे पर, आप अपने स्किल्स और बुद्धिमत्ता के कारण अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आप अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए जो प्रयास कर रहे हैं, उसमें आपको सफलता अवश्य प्राप्त होगी, जिससे आपको संतुष्टि प्राप्त होगी। रिश्ते के मोर्चे पर, आपके जीवनसाथी के साथ आपके रिश्ते बेहद अच्छे और मजबूत होंगे। इसके साथ ही, आप एक-दूसरे के बेहद करीब आएंगे। स्वास्थ्य के लिहाज़ से देखा जाए तो, इस अवधि आपकी सेहत शानदार बनी रहेगी। आप मजबूत प्रतिरक्षा और ऊर्जा स्तर के कारण काफी फिट महसूस करेंगे।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. गजलक्ष्मी राजयोग क्या है?
उत्तर 1. बृहस्पति और शुक्र ग्रह जब एक दूसरे के केंद्र भाव में हो, आमने सामने या पहले हों, या पहले, चौथे और सातवें भाव में हो तो गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण होता है।
प्रश्न 2. गजलक्ष्मी योग क्या है?
उत्तर 2. ज्योतिष शास्त्र में गजलक्ष्मी देवी के राजयोग को बहुत शुभ माना गया है।
प्रश्न 3. शुक्र ग्रह क्या फल देते हैं?
उत्तर 3. वैदिक ज्योतिष में शुक्र देव को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शौहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य आदि के कारक माने जाते हैं।
प्रश्न 4. शुक्र का वृषभ राशि में गोचर कब हो रहा है?
उत्तर 4. शुक्र का वृषभ राशि में गोचर 19 मई 2024 को हो रहा है।
वृषभ राशि में होगा बुध का गोचर, 6 लोगों की लव लाइफ में आने वाला है तूफान
31 मई, 2024 को बुध ग्रह का एक महत्वपूर्ण गोचर होने जा रहा है। इस गोचर का देश-दुनिया समेत मानव जीवन पर प्रभाव देखने को मिलेगा। जब कोई ग्रह गोचर करता है, तो उसके प्रभाव में सभी राशियां आती हैं। किसी पर गोचर का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, तो वहीं कुछ राशियों पर इसका नकारात्मक असर देखने को मिलता है। इस बार होने वाले बुध के गोचर का भी सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा।
वैसे तो बुध के इस गोचर से सभी राशियों के जीवन में उतार-चढ़ाव आएंगे लेकिन कुछ राशियां ऐसी हैं जिन्हें बुध के इस राशि परिवर्तन के कारण अपने प्रेम जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
आगे जानिए कि बुध का यह गोचर किस राशि में होने जा रहा है और ज्योतिष में बुध ग्रह का क्या महत्व है।
31 मई 2024 को बुध वृषभ राशि में 12:02 पर गोचर कर जाएंगे। वैसे तो बुध के इस गोचर का प्रभाव देश-दुनिया और हर एक जातक पर देखने को मिलेगा लेकिन मेष राशि, कन्या राशि, मिथुन राशि, कुंभ राशि और तुला राशि के जातकों को विशेष रूप से बुध ग्रह के इस गोचर का प्रभाव महसूस होगा क्योंकि बुध की गति इन राशियों की ऊर्जा के साथ गहराई से प्रतिद्वनित होती है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
ज्योतिष में बुध ग्रह का क्या महत्व है
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह एक अहम भूमिका निभाते हैं। यह ग्रह हमारे संचार कौशल को प्रदर्शित करता है और बुध ग्रह संदेशवाहक भी हैं और उन्हें ग्रहों का राजकुमार भी कहा जाता है। कोई व्यक्ति अपने विचारों को किस तरह से व्यक्त करता है, यह उसकी कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति पर ही निर्भर करता है।
बुध सूर्य के सबसे नज़दीक वाला ग्रह है। इस ग्रह को बुद्धि का कारक भी कहा गया है। काल पुरुष की कुंडली में बुध का तीसरे और छठे भाव पर आधिपत्य होता है और यह चौथे एवं दशम भाव का कारक ग्रह है।
तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि बुध के वृषभ राशि में प्रवेश करने पर किन राशियों के जातकों के प्रेम जीवन में उथल-पुथल आने वाली है।
मेष राशि के जातकों की अपने जीवनसाथी के साथ बहस होने की आशंका है। आपकी अपने परिवार के सदस्यों के साथ किसी पारिवारिक मसले या संपत्ति को लेकर विवाद भी हो सकता है। आपकी अपने करीबियों से कम बात होगी। आपको अपने पार्टनर के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश करनी चाहिए। यह समय आपके और आपके पार्टनर के लिए मुश्किल साबित होगा। आपको इस समय धैर्य से काम लेने की सलाह दी जाती है।
रिश्तों के मामले में यह गोचर मिथुन राशि के जातकों के लिए मुश्किल रहने वाला है। आपको अपने करीबियों को समझने में परेशानी हो सकती है या आपके रिश्ते में आपसी समझ की कमी होने की आशंका है। आपकी अपने जीवनसाथी के साथ भी विवाद होने डर बना हुआ है। आप दोनों एक-दूसरे से कम बात करेंगे। आपकी अपने पार्टनर के साथ अधिक बहस होने लगेगी और आप भावनात्मक रूप से थोड़ा अशांत महसूस करेंगे।
अगर आपकी सिंह राशि है, तो आपको अपने पार्टनर के साथ तालमेल बिठाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। आप दोनों के बीच आपसी समझ की कमी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा आप दोनों एक-दूसरे से बातचीत भी कम करेंगे जिसकी वजह से आप दोनों के बीच दूरियां और बढ़ सकती हैं। इस गोचर के दौरान आपके वैवाहिक जीवन में क्लेश का माहौल रहेगा और इसके कारण आपका मन बहुत अशांत रहने वाला है।
वृश्चिक राशि के लोगों के प्रेम जीवन में परेशानियां पैदा हो सकती हैं। आपके और आपके पार्टनर के बीच गलतफहमियां उत्पन्न होने की आशंका है। अपने रिश्ते को बनाए रखने के लिए आपको संघर्ष करना पड़ सकता है। आप अपने पार्टनर के साथ रिश्ते में खुश नज़र नहीं आएंगे। आपको अपने पार्टनर से बातचीत करनी चाहिए और किसी भी मसले को सुलझाने के लिए धैर्य से काम लेना चाहिए।
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धनु राशि
यदि आपकी धनु राशि है, तो आपको इस गोचर काल में सावधान रहने की जरूरत है। आपके और आपके पार्टनर के बीच विवाद होने की आशंका है। पार्टनरशिप में बिज़नेस करते हैं, तो आपके अपने पार्टनर के साथ मतभेद हो सकते हैं। आपका विवाद इतना ज्यादा बढ़ सकता है कि आपको कोर्ट तक जाना पड़ जाए। आपको अपने प्रेम जीवन में भी अपने पार्टनर के साथ थोड़ा संभलकर रहने की सलाह दी जाती है।
रिश्ते के मामले में कुंभ राशि के लोगों को इस गोचर के दौरान ज्यादा अच्छे परिणाम नहीं मिलने वाले हैं। आपको अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपने रिश्ते में अनुकूलता को बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है। यदि आपको अपने रिश्तों में किसी भी तरह की परेशानी या चुनौती देखने को मिलती है, तो आप बातचीत के ज़रिए उसका हल निकालने का प्रयास करें।