मंगल के मेष में आते ही इन राशियों की लव लाइफ में आएगा तूफान, पति-पत्नी में होगी जमकर लड़ाई
01 जून, 2024 को मंगल अपनी स्वराशि मेष में दोपहर 03 बजकर 27 मिनट पर गोचर करेंगे। इसके बाद मंगल 12 जुलाई को वृषभ राशि में आएंगे। मंगल के इस गोचर से रूचक योग भी बन रहा है। मंगल मेष राशि के ही स्वामी ग्रह हैं और इसके अलावा इन्हें वृश्चिक राशि का भी स्वामित्व प्राप्त है।
मंगल अपनी ही राशि में आने पर अधिक शक्तिशाली हो जाते हैं। इससे रूचक योग का निर्माण भी होने वाला है क्योंकि यह अपनी प्राकृतिक राशि से केंद्र स्थान में हैं और यह मंगल का सबसे शक्तिशाली योग है।
मंगल के इस गोचर से सभी राशियों के जीवन पर अनुकूल-प्रतिकूल प्रभाव पड़ेंगे और इसकी वजह से कुछ राशियों के प्रेम जीवन में उतार-चढ़ाव आने की आशंका है। इस ब्लॉग में हम आपको विस्तार से बता रहे हैं कि मंगल के मेष राशि में प्रवेश करने पर किन राशियों की लव लाइफ में परेशानियां आने की आशंका है।
वृषभ राशि के लिए मंगल सातवें और बारहवें घर के स्वामी हैं और मंगल का मेष राशि में गोचर आपके बारहवें घर में होने जा रहा है। इस दौरान आपके और आपके पार्टनर के बीच बेवजह बहस हो सकती है। आप दोनों के बीच आपसी समझ और तालमेल की कमी भी देखने को मिल सकती है। इस वजह से पति-पत्नी के रिश्ते में कलह का माहौल रह सकता है।
कन्या राशि के लिए मंगल तीसरे और अष्टम भाव के स्वामी हैं और मंगल का मेष राशि में गोचर आपके अष्टम भाव में होने जा रहा है। आपको इस समय धैर्य बनाए रखने की सलाह दी जाती है। रिश्ते के मामले में आपके और आपके पार्टनर के बीच बेवजह परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। इससे आपके रिश्ते में खटास आने की आशंका है। आप अपने पार्टनर के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश करें।
तुला राशि के लिए मंगल दूसरे और सप्तम भाव के स्वामी हैं और इस गोचर के दौरान मंगल आपके सप्तम भाव में आएंगे। आपको पारिवारिक जीवन में असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है।। पति-पत्नी के रिश्ते के लिए भी अच्छा समय नहीं है। विवाह संबंधी फैसले लेने में आपको ज्यादा सावधानी बरतनी की आवश्यकता पड़ेगी। पति-पत्नी के बीच प्यार कम हो सकता है। इस गोचर का आपके प्रेम संबंध एवं शादीशुदा जिंदगी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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मकर राशि
मकर राशि के लिए मंगल चौथे और एकादश भाव के स्वामी हैं और इस गोचर के दौरान वे आपके चौथे भाव में आएंगे। इस गोचर काल में आपके परिवार में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसका नकारात्मक असर आपके रिश्ते पर भी देखने को मिलेगा। आपके और आपके पार्टनर के बीच बहस हो सकती है।
यदि कुंडली में मंगल मज़बूत स्थान में हो, तो व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। जातक के अंदर नेतृत्व करने के गुण बढ़ते हैं और उसे मंगल से संबंधित क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है। मंगल व्यक्ति को साहसी, मेहनती और जुनून से भरा बनाता है।
वहीं, अगर मंगल अशुभ स्थान में बैठा हो या कमज़ोर हो, तो व्यक्ति को पाचन तंत्र से संबंधित समस्याएं होने का खतरा रहता है। इन्हें गर्म और मसालेदार खाने से परेशानी हो सकती है। व्यक्ति भावनात्मक रूप से कमज़ोर महसूस करता है। कमज़ोर मंगल से विवाह में देरी आती है। इन लोगों का मेटाबॉलिज्म भी कमज़ोर रहता है। ये लोग ईर्ष्यालु बनते हैं और इनके अंदर अहंकार बढ़ता है। ये बहुत जल्दी थक जाते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. मंगल खराब होने के क्या लक्षण हैं?
उत्तर. संपत्ति को लेकर विवाद रहता है।
प्रश्न. मंगल अशुभ कब होता है?
उत्तर. कुंडली के पहले, चौथे, सातवें और आठवें भाव में मंगल दोष बनता है।
प्रश्न. मंगल किसका कारक होता है?
उत्तर. मंगल साहस और पराक्रम का कारक होता है।
प्रश्न. मंगल को खुश कैसे करें?
उत्तर. मंगल यंत्र की पूजा करें।
प्रश्न. मंगल को कौन से भगवान नियंत्रित करते हैं?
उत्तर. मंगल के स्वामी हनुमान जी हैं।
प्रश्न. मंगल ग्रह शांत करने के लिए क्या करना चाहिए?
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बृहस्पति की उदित अवस्था इन राशियों के लिए रहेगी बेहद लकी, सालभर करेंगे मौज ही मौज!
बृहस्पति को शुभ एवं लाभकारी ग्रह का दर्जा प्राप्त है जो कि देवताओं के गुरु भी माने गए हैं। बीते एक महीने में इनकी स्थिति, चाल एवं दशा में कई परिवर्तन देखने को मिले हैं। इसी क्रम में, यह 01 मई 2024 को वृषभ राशि में गोचर कर गए थे और इसी के दो दिन बाद वृषभ में ही अस्त हो गए थे। इन सभी घटनाओं ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 12 राशियों के जातकों के जीवन को प्रभावित किया है। ऐसे में, अब लगभग एक महीने बाद गुरु ग्रह पुनः वृषभ राशि में उदित होने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको गुरु के उदित होने के बारे में विस्तारपूर्वज जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, किन राशियों के लिए शुभ रहेगा गुरु का उदय होना, यह भी हम आपको इस लेख में बताएंगे।
ज्ञान के कारक ग्रह बृहस्पति महाराज 3 जून 2024 की सुबह 03 बजकर 21 मिनट पर वृषभ राशि में उदित हो जाएंगे। बता दें कि यह पिछले महीने यानी कि 03 मई को अस्त हो गए थे। ज्योतिषियों के अनुसार, गुरु ग्रह के वृषभ राशि में उदित होने से कुछ राशियों के लिए यह फलदायी साबित होंगे और उन राशियों पर अपनी कृपा बनाए रखेंगे। ऐसे में, इन राशियों के अच्छे दिनों की शुरुआत हो जाएगी।
बृहस्पति का वृषभ राशि में उदय विस्तारपूर्वक पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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बृहस्पति ग्रह का ज्योतिष में महत्व
वैदिक ज्योतिष में देवताओं के गुरु कहे जाने बृहस्पति देव को अहम स्थान प्राप्त है। मान्यता है कि जिस व्यक्ति पर गुरु मेहरबान हो जाते हैं, उसका भाग्योदय होना निश्चित होता है। इन्हें ज्ञान, संतान, शिक्षा, शिक्षक, धार्मिक कार्य, बड़े भाई, धन, दान, पुण्य, तीर्थ स्थल और प्रगति आदि के कारक ग्रह माना जाता है। 27 नक्षत्रों में से गुरु ग्रह को पुनर्वसु, विशाखा और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र पर आधिपत्य प्राप्त है। साथ ही, यह धनु और मीन राशि के भी स्वामी हैं। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि उन भाग्यशाली राशियों के बारे में जिन पर गुरु देव मेहरबान रहेंगे।
राशि चक्र की पहली राशि मेष है और इस राशि के लिए गुरु ग्रह की उदित अवस्था शुभ रहेगी। यह अवधि नौकरी और व्यापार की दृष्टि से फलदायी साबित होगी। इन जातकों के मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी। यह जातक जिस काम को हाथ में लेंगे उसमें उन्हें सफलता की प्राप्ति होगी। वैवाहिक जीवन की बात करें, तो गुरु के उदित होने से आपका दांपत्य जीवन सुख-शांति से पूर्ण रहेगा। इस दौरान जीवनसाथी हर कदम पर आपका साथ देंगे और साथ ही, पार्टनर की आर्थिक स्थिति में भी सुधार देखने को मिलेगा। जिन जातकों का बिज़नेस पार्टनरशिप में है, उन्हें व्यापार में अच्छा ख़ासा लाभ मिलेगा।
वृषभ राशि का नाम उन राशियों में शामिल हैं जिनके लिए बृहस्पति का उदित होना फलदायी रहेगा। इस अवधि में आप परिवार के सदस्यों के साथ यादगार समय बिताते हुए नज़र आएंगे। इन जातकों को कार्यों में शुभ परिणामों की प्राप्ति होगी। जो जातक काफ़ी समय से नौकरी की तलाश कर रहे हैं, उन्हें इस अवधि में कोई शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है। वहीं, इस राशि के जो जातक नौकरीपेशा है, उनको प्रमोशन या इंसेंटिव के रूप में आर्थिक लाभ की प्राप्ति होगी। साथ ही, आप घर-परिवार में होने वाले मांगलिक कार्यों में भाग ले सकते हैं। प्रेम जीवन में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं। अगर आप आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो अब आपको उनसे छुटकारा मिलेगा।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए गुरु की उदित अवस्था शुभ परिणाम लेकर आएगी। इस राशि के छात्रों की शिक्षा के लिए यह अवधि वरदान साबित होगी। ऐसे में, आप पढ़ाई में अपार सफलता हासिल करेंगे। अगर आप धन से संबंधित किसी तरह का लेन-देन करना चाहते हैं, तो आप गुरु उदित होने के बाद ऐसा कर सकते हैं। इस दौरान आपको वाहन सुख मिलने के योग बनेंगे। माता-पिता जीवन के हर पथ पर आपका समर्थन और सहयोग करेंगे। नौकरी करने वाले जातक कार्यक्षेत्र में जो भी काम करेंगे, उसमें आपको सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। मिथुन राशि के लोगों को धन लाभ होगा जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
सूर्य देव की राशि सिंह को भी गुरु की उदित अवस्था से लाभ प्राप्त होगा। इन जातकों के लिए आर्थिक दृष्टि से यह अवधि शुभ रहेगी और ऐसे में, आपको धन की प्राप्ति होगी। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें अच्छा खासा मुनाफा होने की संभावना है। आपको अपने भाई-बहनों से सहायता मिलने के संकेत हैं और साथ ही, इन लोगों के साहस और पराक्रम में वृद्धि देखने को मिलेगी। इस दौरान आपके मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा दोनों में बढ़ोतरी होगी। सिंह राशि वालों की वाणी स्पष्ट और प्रभावी बनेगी। वहीं, नौकरी करने वाले जातकों को सफलता की प्राप्ति हो सकती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. बृहस्पति का उदय कब हो रहा है?
उत्तर 1. गुरु ग्रह 03 जून 2024 को वृषभ राशि में उदित हो रहे हैं।
प्रश्न 2. बृहस्पति का उदय क्या है?
उत्तर 2. सूर्य से बृहस्पति के दूरी बनाने पर वह उदित हो जाते हैं और अपनी शक्तियां पुनः प्राप्त कर लेते हैं। इसे गुरु ग्रह का उदित होना कहते हैं।
प्रश्न 3. गुरु किस राशि के स्वामी हैं?
उत्तर 3. बृहस्पति देव धनु और मीन राशि के स्वामी हैं।
बड़मावस पर क्यों होती है बरगद के पेड़ की पूजा, सावित्री से जुड़ी है इस दिन की कथा
ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली अमावस्या को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया गया है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं और वट सावित्री का व्रत रखती हैं। देश के कई प्रमुख हिस्सों में बड़मावस का नाम कम लोकप्रिय है और लोग इसे वट सावित्री के रूप में ही मनाते हैं। इसी दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने का भी बहुत महत्व है। आगे जानिए कि इस साल बड़मावस कब पड़ रही है।
अमावस्या तिथि की शुरुआत 05 जून को शाम 07 बजकर 57 मिनट पर होगी और इसका समापन 06 जून को शाम 06 बजकर 09 मिनट पर होगा। इस प्रकार 06 जून, 2024 को बड़मावस मनाई जाएगी।
सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए इस दिन वट सावित्री का व्रत भी रखती हैं। पुराणों के अनुसार इसी दिन देवी सावित्री ने अपने पत्नीधर्म के दम पर यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लिए थे। इसके अलावा इस दिन को लेकर एक मान्यता यह भी है कि ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर शनि देव का जन्म भी हुआ था। अत: बड़मावस के दिन वट और पीपल के पेड़ की पूजा करने से शनि देव भी प्रसन्न होते हैं।
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सनातन धर्म में बड़मावस को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति इस दिन पितरों की शांति के लिए पूजा करता है, तो उसकी पूजा जरूर सफल होती है। अमावस्या तिथि पर पवित्र नदियों और तालाबों में स्नान करने से मनुष्य को अपने सभी पाप कर्मों से मुक्ति मिल जाती है और इस दिन दान करने से पुण्य बढ़ जाते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार बड़मावस के दिन सावित्री के पति सत्यवान को बरगद के पेड़ के नीचे ही दोबारा जीवनदान मिला था इसलिए इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। इस दिन विवाहित स्त्रियां वट सावित्री का व्रत रखती हैं और सावित्री एवं उनके पति सत्यवान की पूजा के साथ-साथ बरगद के वृक्ष की भी पूजा करती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से सुहागिन स्त्रियों के पति की आयु लंबी होती है।
जानिए कि बड़मावस के दिन पूजन करने की क्या विधि है:
अगर आपके आसपास कोई बरगद का पेड़ नहीं है, तो आप एक छोटे गमले में बरगद के पेड़ की जड़ लगाकर उसकी पूजा करें।
बायना के लिए आप एक कटोरी में चने भिगो दें और इसमें कुछ पैसे भी डाल दें।
अब एक छोटे से कलश में पानी भर कर रखें।
इसके बाद रोली, मौली, अक्षत, गुड़, फल, भीगे हुए चने और कुछ पैसे रख लें।
एक कच्चा सफेद सूती धागा रखें, धूप, दीपक और माचिस रख लें।
अब आप बरगद के पेड़ पर जल, मौली, रोली, गुड़, भीगे हुए चने और फल चढ़ाएं।
इसके बाद धूप दें और दीपक जलाएं और पैसे अर्पित करें।
फिर अपने माथे पर तिलक लगाएं। अब बरगद के पेड़ की एक पत्ती लें और उसे मोड़कर उस पर मौली का धागा बांध दें। आपने गले में कोई चेन पहनी है, तो इसे उस पर बांध लें।
वृक्ष की सात या ग्यारह बार परिक्रमा करते हुए उस पर मौली या सूती धागा बांधें।
अब आप बड़मावस की कथा सुनें या पढ़ें और इस दौरान भीगे चने अपने हाथ में रखें। कथा समाप्त होने पर चने को कलश के जल में डाल दें।
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बड़मावस के लिए उपाय
अमावस्या तिथि पर कुछ ज्योतिषीय उपायों की सहायता से आप अपने जीवन के कष्टों को दूर कर सकते हैं, ये उपाय निम्न हैं:
इस दिन आप अपने बड़े-बुजुर्गो का अपमान न करें।
अमावस्या पर दान करने का भी बहुत महत्व है। गरीबों और जरूरमंद लोगों को चावल, गुड़ और दूध का दान करें।
अमावस्या के दिन शाकाहारी भोजन ही करना चाहिए।
इस दिन पशु-पक्षियों को दाना खिलाएं। इस उपाय को करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
FAQ
प्रश्न. बड़मावस किस महीने में आती है?
उत्तर. ज्येष्ठ माह में आने वाले कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर बड़मावस पड़ती है।
प्रश्न. 2024 में बड़मावस कब है?
उत्तर. साल 2024 में बड़मावस 06 जून को पड़ रही है
प्रश्न. बड़मावस में बरगद के पेड़ की पूजा क्यों की जाती है?
उत्तर. इस वृक्ष के नीचे ही सावित्री के पति को जीवनदान मिला था।
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अस्त बुध करेंगे मिथुन में प्रवेश, किन राशियों को देंगे राहत और किन पर टूटेगा मुसीबतों का पहाड़!
बुध का मिथुन राशि में गोचर: ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क और वाणी के कारक ग्रह माना जाता है। साथ ही, इन्हें ग्रहों के राजकुमार का दर्जा भी प्राप्त है इसलिए बुध को नवग्रहों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। ऐसे में, इनकी स्थिति में होने वाला छोटे से छोटा परिवर्तन भी संसार को प्रभावित करता है और अब यह 14 जून 2024 को मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको बुध का मिथुन राशि में गोचर के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा। इसके अलावा, बुध का यह राशि परिवर्तन कुछ राशियों के लिए अच्छा तो कुछ के लिए नकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस लेख की और जानते हैं बुध का मिथुन राशि में गोचर के बारे में।
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है और इन्हें वाणी, बुद्धि और संचार कौशल के कारक ग्रह माना जाता है। यह खुद को दूसरे के सामने व्यक्त करने, मनुष्य की सोचने-समझने की क्षमता और दूसरों के साथ बातचीत करने के तरीके को नियंत्रित करते हैं। इसके विपरीत, बुध ट्रेवल, तकनीक, कॉमर्स और सीखने की क्षमता आदि से भी संबंधित है। हालांकि, जन्म कुंडली में बुध की स्थिति से आपके बात करने, सोचने-समझने के तरीके, ताकत और जीवन में आने वाली चुनौतियों से कैसे निपटते हैं आदि के बारे में भी पता किया जा सकता है।
बुध ग्रह अपनी अस्त अवस्था में रहते हुए मिथुन राशि में गोचर करेंगे और इसी राशि में वह 27 जून 2024 को उदित होंगे। आपको बता दें कि अस्त वह अवस्था होती है जब कोई ग्रह सूर्य के बहुत नज़दीक चला जाता है और सूर्य की गर्मी को ग्रह प्रभावित करने लगती है। सरल शब्दों में कहें तो, कोई ग्रह अस्त होने पर अपनी शक्तियां खो देता है, लेकिन बुध अपनी ही राशि में अस्त अवस्था में होंगे इसलिए इनकी स्थिति मज़बूत रहेगी।
बुध का मिथुन राशि में गोचर: समय
वैदिक ज्योतिष में मिथुन राशि पर बुध ग्रह का शासन हैं जो कि अब अपनी ही राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बुध महाराज 14 जून 2024 की रात 10 बजकर 55 मिनट पर मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे और इसके बाद, यह 29 जून 2024 को कर्क राशि में गोचर करेंगे।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
बुध मिथुन राशि में: विशेषताएं
बुध महाराज की मिथुन राशि में मौजूदगी को सबसे शक्तिशाली माना जाता है क्योंकि मिथुन राशि के स्वामी बुध ग्रह हैं। इनकी यह स्थिति जातक की बौद्धिक क्षमता और संचार कौशल को मज़बूत और बहुमुखी प्रतिभा के धनी बनाती है। यहाँ हम आपको मिथुन राशि में बुध के होने की कुछ विशेषताओं से अवगत करवाने जा रहे हैं।
तेज़ तर्रार: जिन जातकों की कुंडली में बुध मिथुन राशि में होते हैं, वह बहुत ही तेज़ तर्रार और मानसिक रूप से मज़बूत होते हैं। इन लोगों की बुद्धि काफ़ी तेज़ होती है और यह हर बात को जल्दी से समझ जाते हैं। ऐसे जातकों के विचारों में तेजी से बदलाव देखने को मिलता हैं और इनकी रुचियों की सूची काफ़ी लंबी होती है।
बेहतरीन संचार कौशल: मिथुन राशि में बुध के तहत जन्मे जातकों में पाया जाने वाला सबसे ख़ास गुण संचार कौशल होता है। यह अपनी बातों को लेकर स्पष्ट और संवाद में माहिर होते हैं। साथ ही, आकर्षक व्यक्तित्व के मालिक होते हैं। ऐसे जातक लिखने के साथ-साथ बातचीत करने में काफ़ी मज़बूत होते हैं और दर्शकों के आधार पर अपनी शैली में आसानी से बदलाव कर लेते हैं।
उत्सुकता: जो जातक मिथुन राशि में बुध के अंतर्गत जन्म लेते हैं, वह बेहद उत्सुक स्वभाव के होते हैं और यह नई-नई चीज़ों को सीखने के लिए उत्साहित रहते हैं। इन्हें कई तरह के विषयों के बारे में जानना और ज्ञान प्राप्त करना अच्छा लगता है।
बहुमुखी प्रतिभा: कुंडली में मिथुन राशि में बुध के साथ जन्म लेने वाले जातकों के व्यक्तित्व को जो बात सबसे अलग बनाती है कि वह मल्टी टैलेंटेड होते हैं। इनमें कई कामों को या अपने मनपसंद कामों को एक साथ करने की अपार क्षमता होती है। हालांकि, इनकी यह ऊर्जा कभी-कभी इनके भटकाव का भी कारण बनती है।
स्वीकार करने की क्षमता: इन लोगों की सोच-विचार करने की क्षमता काफ़ी अच्छी होती है इसलिए यह चीज़ों या बातों को जल्द ही स्वीकार लेते हैं। इन्हें अपना नज़रिया बदलने में समय नहीं लगता है और साथ ही, यह बदलती परिस्थितियों के अनुसार बिना किसी परेशानी के ढल जाते हैं। ऐसे में, यह हर समस्या का समाधान आसानी से ढूंढ़ लेते हैं।
बेचैन रहना: मिथुन राशि में बुध के मौजूद होने पर जातकों का मन बैचेन रह सकता है। ऐसे लोग नए अनुभवों की तलाश में रहते हैं और इन्हें अपनी दिनचर्या से बोर होने में ज्यादा समय नहीं लगता है क्योंकि यह जातक अपने जीवन में रोमांच की खोज में रहते हैं।
मिलनसार: जिन लोगों का जन्म बुध के मिथुन राशि में मौजूदगी के समय होता है, उनका व्यक्तित्व आकर्षक होता है और बुद्धि तीव्र होती है। इन गुणों की वजह से यह मिलनसार स्वभाव के होते हैं और दूसरों के साथ मिलना-जुलना एवं बातचीत करना इन्हें पसंद होता है। यह जल्दी से नए दोस्त बना लेते हैं।
बुद्धि से जुड़े कार्य: इन लोगों की रुचि ऐसे कामों में होती हैं जिनमें बुद्धि का इस्तेमाल किया जा सके। ऐसे जातकों को डिबेट और डिस्कशन में भाग लेना बहुत पसंद होता है। साथ ही, यह नई-नई चीज़ें सीखकर अपने ज्ञान का विस्तार करने के शौक़ीन होते हैं और यह जीवनभर कुछ न कुछ सीखना जारी रखते हैं।
कुल मिलाकर, हम यह कह सकते हैं कि मिथुन राशि में बुध की उपस्थिति संचार कौशल, मानसिक स्थिति और सीखने की क्षमता आदि में वृद्धि करती है। बुध की इस स्थिति की वजह से यह जातक करियर के उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त होते हैं जहां तुरंत सोचना, शानदार संचार कौशल और एक साथ कई काम करने की आवश्यकता होती है।
चलिए जानते हैं कि बुध का मिथुन राशि में गोचर राशि चक्र की किन राशियों को अच्छे-बुरे परिणाम देगा।
बुध का मिथुन राशि में गोचर: इन राशियों को मिलेंगे शुभ परिणाम
मेष राशि
बुध का मिथुन राशि में गोचर मेष राशि के जातकों के तीसरे भाव में होगा। बता दें कि मेष राशि वालों के तीसरे और छठे भाव के स्वामी ग्रह बुध देव हैं। ऐसे में, इन लोगों की बात करने की क्षमता में सुधार आएगा और इसके परिणामस्वरूप, आप जीवन के जरूरी कामों को सफलतापूर्वक कर सकेंगे।
आपके पेशेवर जीवन की बात करें, तो आपका रिश्ता सहकर्मियों के साथ सौहार्द से पूर्ण रहेगा और वह आपके साथ एक दोस्त के तरह बर्ताव करेंगे। अगर आप मीडिया या मार्केटिंग के व्यापार से संबंध रखते हैं, तो आपको लाभ की प्राप्ति होगी। इन जातकों का स्वभाव दोस्ताना रहेगा जिसके बल पर आप आसानी से नए-नए दोस्त बनाने में सफल रहेंगे। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि बुध का यह गोचर आपको बेहतरीन संचार कौशल का आशीर्वाद देगा। वहीं, इस राशि के छात्रों के लिए बुध गोचर आपकी एकाग्र क्षमता को मजबूत करने का काम करेगा और ऐसे में, शिक्षा के क्षेत्र में आप उत्तम परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। यह गोचर मेष राशि वालों के पिता के लिए शुभ रहेगा और साथ ही, आपके रिश्ते जीवनसाथी तथा भाई-बहनों के साथ मज़बूत होंगे।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और अब इनका गोचर आपकी कुंडली के दूसरे भाव में होने जा रहा है। इस भाव में बुध ग्रह का गोचर आपके जीवन में सकारात्मकता लेकर आएगा और आपको कार्यों में अनुकूल परिणाम देने का काम करेगा। इस अवधि में आपके और परिवार के सदस्यों के बीच शानदार तालमेल दिखाई देगा।
बुध महाराज की इस स्थिति की वजह से आप जीवन में उत्पन्न सभी समस्याओं का हल ढूंढ़ने में सफल रहेंगे। आपकी वाणी मधुर बनी रहेगी जिसके चलते आप सभी को अपना बना लेंगे और आपकी बातों को नज़रअंदाज़ करना सबसे लिए असंभव होगा। हालांकि, परिवार में चल रहे विवाद या समस्याएं अब दूर होंगी। साथ ही, इन जातकों को मनपसंद भोजन करने के मौके मिलेंगे। दूसरी तरफ, वैवाहिक जीवन में भी परिस्थितियों में सुधार देखने को मिलेगा। व्यापार करने वाले जातकों को लाभ कमाने के अवसर मिलेंगे जबकि नौकरीपेशा लोगों के कार्यक्षेत्र का माहौल सामान्य रहेगा।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए बुध ग्रह का गोचर आपके पहले/लग्न भाव में होगा। ऐसे में, बुध आपके पहले और चौथे भाव में स्वामी के रूप में आपका आत्मविश्वास बढ़ाने का काम करेंगे और समाज में आपके मान-सम्मान में वृद्धि होगी। साथ ही, आपके सामाजिक जीवन के दायरे का भी विस्तार होगा और आप अपनी एक अलग जगह बनाने में सक्षम होंगे।
बुध के मिथुन राशि में गोचर के दौरान आपका स्वभाव थोड़ा लापरवाह और मजाकिया हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप, यह जातक अपने आसपास के लोगों को भी ख़ुशी देने का काम करेंगे जिसके चलते वह आपसे प्रसन्न दिखाई देंगे। इस राशि के लोग चाहे मीडिया, लिटरेचर या कला से जुड़े किसी भी क्षेत्र में काम करें, इस अवधि में आप प्रत्येक क्षेत्र में अपनी चमक बिखेरेंगे। व्यापार करने वाले जातकों के लिए इस समय को शानदार कहा जाएगा और आप बिज़नेस में वृद्धि प्राप्त करेंगे। इसके विपरीत, नौकरीपेशा लोगों को काम में कड़ी मेहनत करनी होगी। लेकिन, आपको अपने बच्चों की संगती पर नज़र बनाए रखनी होगी।
वाणी के कारक ग्रह और सिंह राशि वालों की कुंडली में दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी ग्रह बुध का गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होने जा रहा है। बुध के इस गोचर के होने से आप अपने भाई-बहनों के साथ अच्छा समय बिताएंगे, विशेष रूप से अगर आपके भाई-बहन आप से बड़े हैं, तो वह हर कदम पर आपका साथ देंगे। वह जीवन के लक्ष्यों को पाने में आपकी सहायता करेंगे और यदि धन की जरूरत होगी, तो वह आपको आर्थिक मदद भी प्रदान करेंगे। वह बड़े भाई-बहन के रूप में आपके प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए नज़र आ सकते हैं और ऐसे में, आपके रिश्ते उनके साथ मज़बूत होंगे।
बुध का यह गोचर कार्यक्षेत्र में वरिष्ठों के साथ आपके रिश्ते को मधुर बनाएगा और ऐसे में, आपको इसका लाभ प्राप्त होगा। साथ ही, नौकरी में आपको कोई अच्छा पद मिलने के योग बनेंगे। इन जातकों के सामाजिक जीवन का दायरा भी बढ़ेगा। साथ ही, इस अवधि में आप सोशल मीडिया पर काफ़ी एक्टिव रहेंगे। पढ़ाई करने वाले छात्रों की एकाग्र क्षमता मज़बूत होगी और शिक्षा के क्षेत्र में आपके प्रदर्शन में भी सुधार आएगा। ऐसे में, आप जीवन में नए अनुभव हासिल करना चाहेंगे।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों की कुंडली में बुध देव आपके पहले/लग्न भाव और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, इस राशि के जातकों की कार्यक्षेत्र में एक अलग छवि बनेगी। यह लोग दूसरों के साथ हंसी-मजाक करके माहौल को खुशनुमा बनाए रखने की कोशिश करेंगे जिसके चलते आपके आसपास के लोग आपसे प्रसन्न रहेंगे। साथ ही, वह आपसे जुड़े रहना पसंद करेंगे। इस अवधि में आपके सहकर्मी आपका साथ देंगे और आपकी मदद करेंगे। लेकिन, आपको किसी का भी मज़ाक उड़ाने से बचना होगा, अन्यथा वह आपसे नाराज़ हो सकते हैं जो कि आपके लिए चिंता का सबब बन सकता है।
बुध महाराज की मिथुन राशि में मौजूदगी आपके पारिवारिक जीवन में सौहार्द बनाए रखेगी और ऐसे में, घर का वातावरण खुशहाल और सुख-शांति से पूर्ण रहेगा। इन लोगों को पार्टनर का हर कदम पर साथ मिलेगा और आप दोनों मिलकर घर-परिवार से जुड़ा कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। माता-पिता के साथ आपका रिश्ता मज़बूत होगा और वह जीवन की हर समस्या से बाहर निकलने के लिए आपको राह दिखाएंगे। हालांकि, आपको कभी-कभी परिवार में मतभेदों का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार करने वाले जातकों के लिए भी बुध गोचर की अवधि शुभ रहेगी। इस राशि के जो जातक अपना व्यापार कर रहे हैं, उन्हें अच्छा लाभ प्राप्त होने के मार्ग प्रशस्त होंगे।
तुला राशि वालों के लिए बुध देव आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह गोचर करके आपके नौवें भाव में जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, बुध का मिथुन राशि में गोचर आपको मिले-जुले परिणाम प्रदान कर सकता है। इसके विपरीत, इस अवधि में आप तर्कसंगत बात करेंगे और हर बात में तर्क ढूंढ़ते हुए नज़र आएंगे। दूसरी तरफ, आपको दूर स्थान की यात्रा करने के अवसर प्राप्त होंगे। यह समय आपके सामाजिक जीवन में बढ़ोतरी के लिए उत्कृष्ट रहेगा और ऐसे में, आप किसी बड़ी कंपनी से जुड़कर कोई अच्छी उपलब्धि हासिल करने में सक्षम होंगे। इसके परिणामस्वरूप, भविष्य में आपकी प्रसिद्धि बढ़ने के आसार है और साथ ही, आपका सेंस ऑफ़ ह्यूमर एवं बात करने की क्षमता आपकी लोकप्रियता में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।
धनु राशि
बुद्धि, वाणी और संचार के कारक ग्रह बुध महाराज धनु राशि वालों की कुंडली में सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके सातवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। बता दें कि व्यापार के कारक ग्रह के रूप में बुध का आपके सातवें भाव में गोचर होने से आपका व्यापार दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की करेगा। इन जातकों की मुलाकात नए लोगों से होगी और यह आपके बिज़नेस को बढ़ाने का काम करेंगे।
अगर आपका खुद का व्यापार है, तो इस अवधि में आप खूब प्रगति हासिल करेंगे। वहीं, जिन जातकों का बिज़नेस पार्टनरशिप में है, तो आपके व्यापार से कोई नया पार्टनर जुड़ सकता है और आपके रिश्ते उनके साथ अच्छे होने की संभावना है या फिर अगर आप पार्टनरशिप में नहीं हैं, तो अब आप पार्टनरशिप में आ सकते हैं। लेकिन, आपको सावधानी के साथ आगे बढ़ना होगा क्योंकि कुछ ऐसी परिस्थितियां भी आपके सामने आ सकती हैं जो आपके रिश्ते को ख़राब करने का काम कर सकती है। इसका नकारात्मक प्रभाव व्यापार पर भी पड़ सकता है। नौकरीपेशा जातकों के लिए बुध का यह गोचर लाभ लेकर आएगा।
मीन राशि
मीन राशि वालों की कुंडली में बुध का मिथुन राशि में गोचर आपके चौथे भाव में होगा। बता दें कि मीन राशि के जातकों के लिए बुध आपके चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं। ऐसे में, यह गोचर आपके पारिवारिक जीवन के लिए फलदायी रहेगा जिसके चलते आपके घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। साथ ही, परिवार के सदस्यों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए आप कोई नया काम शुरू कर सकते हैं। हालांकि, आपको घरेलू जीवन में होने वाले खर्चों पर नज़र बनाए रखने की सलाह दी जाती है। इस अवधि में आपके घर का रिनोवेशन होने की संभावना है और इस गोचर का लाभ आपको व्यक्तिगत जीवन में भी मिलेगा।
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बुध का मिथुन राशि में गोचर: इन राशियों को रहना होगा सावधान
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बुध गोचर की अवधि में आपको स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक जीवन में भी सावधान रहना होगा। धन से जुड़े मामलों में आपको निवेश करने से बचना होगा, विशेष रूप से जिसमें अनिश्चितता ज्यादा हो। आपको स्टॉक मार्केट में पैसा निवेश करने से बचने की सलाह दी जाती है, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि, इस अवधि में आपको ससुराल पक्ष के लोगों के साथ मधुर संबंध होने से फायदा होगा जो कि आपका हर कदम पर साथ देंगे और जरूरत पड़ने पर आपका मार्गदर्शन भी करेंगे। ऐसे में, आपका रिश्ता पार्टनर के साथ बेहतर और मज़बूत होगा। बुध गोचर के दौरान जीवनसाथी आप पर प्रेम की बरसात करते हुए दिखाई देंगे जिससे आपका मूड रोमांटिक बना रहेगा।
इन जातकों के मन में आध्यात्मिकता के प्रति रुचि बढ़ेगी और इसके फलस्वरूप, ज्योतिष के संबंध में आप नई-नई चीज़ें और तथ्यों के बारे में जानना पसंद करेंगे। अगर आपका खुद का व्यापार है, तो इस अवधि में यह जातक कुछ महत्वपूर्ण सौदे गुपचुप तरीके से कर सकते हैं जिसकी जानकारी आपके करीबी लोगों को ही होगी।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. बुध ग्रह का महत्व क्या है?
उत्तर 1. बुध बुद्धि, वाणी और व्यापार के कारक ग्रह हैं।
प्रश्न 2. बुध किस नक्षत्र पर शासन करते हैं?
उत्तर 2. बुध ग्रह 27 नक्षत्रों में से ज्येष्ठा, अश्लेषा और रेवती नक्षत्र के स्वामी हैं।
प्रश्न 3. बुध ग्रह को मज़बूत करने के लिए कौन सा रत्न धारण करना चाहिए?
उत्तर 3. पन्ना को पहनने से बुध ग्रह मज़बूत होते हैं।
2025 में डूब सकता है इन राशियों का करियर, लाख कोशिशों के बाद भी नहीं मिलेगी तरक्की
नए साल के ख्याल से ही लोगों के मन में नए सपने और आकांक्षाएं बुननी शुरू हो जाती हैं। आपने भी साल 2025 से अपने करियर को लेकर कुछ नई उम्मीदें लगा रखी होंगी। आप 2025 राशिफल के ज़रिए जान सकते हैं कि वर्ष 2025 में आपका करियर कैसा रहेगा।
इस ब्लॉग में हम आापको उन राशियों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें साल 2025 में करियर के क्षेत्र में असफलताओं और नाकामयाबी का सामना करना पड़ सकता है। यदि आपने भी अपने करियर को लेकर नए साल से काफी उम्मीदें लगा रखी हैं, तो इस ब्लॉग को पढ़ने के बाद आपको अंदाज़ा हो जाएगा कि आपके सपने आने वाले साल में पूरे होने वाले हैं या नहीं।
तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि वर्ष 2025 में किन राशियों के लोगों को अपने कार्यक्षेत्र में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
मीन राशि के लोगों के लिए साल 2025 में सफलता प्राप्त करना आसान नहीं होगा। फरवरी महीने तक शनि आपके बारहवें भाव में रहेंगे। मार्च के बाद वह आपके पहले भाव में गोचर कर जाएंगे। इस दौरान आपको अपने धैर्य की परीक्षा देनी पड़ सकती है।
करियर के क्षेत्र में आपको अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। आप नौकरी को लेकर असंतुष्ट रहने की वजह से नई नौकरी की तलाश करनी शुरू कर सकते हैं। बृहस्पति आपके चौथे भाव में मौजूद होंगे। ये आपको शुभ प्रभाव प्रदान करेंगे। शनि आपके बारहवें और पहले भाव में उपस्थित होंगे। इस दौरान आपको फूंक-फूंक कर कदम रखना होगा।
13 जुलाई 2025 से 28 नवंबर 2025 तक शनि देव वक्री अवस्था में रहेंगे। इस समयावधि में आपको कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।
मार्च तक शनि आपके चौथे भाव में विराजमान होंगे। इसके बाद शनि ग्रह गोचर करके आपके पांचवें भाव में प्रवेश कर जाएंगे। इसकी वजह से आप थोड़े सुस्त नज़र आएंगे। आप हद से ज्यादा सोच-विचार करने में डूबे रहेंगे। आपको अपनी कड़ी मेहनत के लिए उच्च अधिकारियों से प्रशंसा मिलने में देरी होगी। आप अपने करियर को लेकर बहुत परेशान रहेंगे।
व्यापारियों को औसत परिणाम मिलने के संकेत हैं। उच्च मुनाफा कमाने के लिए आपको अपनी रणनीति में बदलाव करने की ज़रूरत है।
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कन्या राशि
शनि देव मार्च तक कन्या राशि के सातवें भाव में रहेंगे। इससे आपको अपने कार्यक्षेत्र में ज्यादा अनुकूल परिणाम नहीं मिल पाएंगे। आपके कार्यों में अड़चनें आने का भी खतरा है। अप्रैल तक का समय व्यापारियों और नौकरीपेशा जातकों के लिए अच्छा रहेगा लेकिन इसके बाद आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
मई में गुरु ग्रह का गोचर आपके लिए अनुकूल नहीं रहने वाला है। नौकरी में बदलाव या फिर स्थानांतरण होने की संभावना है। मार्च 2025 के बाद से लेकर साल के अंत तक शनि की स्थिति अच्छी नहीं रहने वाली है।
13 जुलाई 2025 से लेकर 28 नवंबर 2025 तक शनि वक्री अवस्था में रहेंगे। इस दौरान कन्या राशि वालों की पकड़ करियर से ढीली हो सकती है। आपको इस समय नौकरी बदलने के बारे में सोचने से बचना चाहिए वरना आप किसी बड़ी मुश्किल में फंस सकते हैं।
मार्च 2025 के बाद शनि ग्रह आपके आठवें भाव में बैठे होंगे। इस दौरान नौकरीपेशा जातकों को अपने कार्यक्षेत्र में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। नया बिज़नेस शुरू करने की सोच रहे हैं, तो यह वर्ष आपके लिए अनुकूल नहीं रहने वाला है। नई पार्टनरशिप में काम करने से भी बचें।
शनि के आठवें भाव में होने की वजह से वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपके रिश्तों में खटास आ सकती है। आपके सातवें भाव में राहु और पहले भाव में केतु के होने से आपको अपनी नौकरी में दबाव देखना पड़ सकता है।
हो सकता है कि आपके वरिष्ठ अधिकारी आपके काम की सराहना न करें। नया व्यापार शुरू करने को लेकर आपको सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
शनि देव आपके आठवें भाव में रहेंगे। शनि की इस स्थिति की वजह से आपको तनाव और काम में दबाव महसूस हो सकता है। आप इस साल खूब मेहनत करेंगे लेकिन आपको अपने काम के लिए प्रशंसा नहीं मिल पाएगी। व्यापारियों को कम मुनाफे से ही खुद को संतुष्ट करना होगा।
तरक्की के मामले में आप पीछे रह सकते हैं। बेहतर होगा कि आप अपने करियर को लेकर नौकरी बदलने के बारे में अभी न सोचें। व्यापारियों को अपने बिज़नेस के क्षेत्र में प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है।
शनि के दसवें भाव में होने की वजह से आपको नौकरी के नए अवसर तो मिलेंगे लेकिन इसके साथ ही चुनौतियों का सामना भी करना पड़ेगा। आपका स्थानांतरण भी हो सकता है। इस समय आप अपने काम में बहुत ज्यादा व्यस्त रहने वाले हैं।
आप अपने कार्यक्षेत्र में जो कड़ी मेहनत कर रहे हैं, हो सकता है कि उसके लिए आपको सराहना न मिले। अगस्त के बाद आपको थोड़ी राहत की सांस मिलेगी।
मई-जून के महीने में गर्मी अपने चरम पर होती है जिससे लोगों का हाल-बेहाल रहता है। इस गर्मी से राहत पाने के लिए सब एसी, कूलर के आगे बैठे रहना पसंद करते हैं, लेकिन फिर भी गर्मी हमारे पसीने छुड़ा देती है। ऐसे में, सिर्फ बारिश ही होती है जो हमें गर्मी से राहत दिला सकती है। अगर आप भी कर रहे हैं मानसून का इंतज़ार, तो हमारा यह ब्लॉग आपके लिए ही तैयार किया गया है। एस्ट्रोसेज के इस ख़ास ब्लॉग में मानसून कुंडली के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि आपके शहर में इस साल बरसाता कब होगी और कब आपको भीषण गर्मी से राहत मिलेगी। तो चलिए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की।
दिनी ज्योतिष का ग्रंथ भविष्यफल भास्कर कहता है कि जब गोचर करते समय बृहस्पति सूर्य से पीछे भ्रमण करते हैं, तब वह पृथ्वी पर जल की कमी नहीं होने देते हैं यानी कि वर्षा ऋतु में अच्छी मात्रा में बरसात होती है। मई के आख़िरी चरण में गोचर करते हुए बृहस्पति सूर्य से वृषभ राशि में अंशात्मक दृष्टि से पीछे होंगे। ऐसे में, ग्रहों की स्थिति साल 2024 में मानसून के समय से पहले आने की तरफ इशारा कर रही है और साथ ही, जून में अच्छी बारिश के भी योग बनेंगे।
हालांकि, मई के अंत और जून माह के शुरुआती समय में वृषभ राशि में सूर्य ग्रह गुरु, शुक्र एवं बुध के साथ युति करेंगे, उस समय दक्षिण भारत और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश होने के आसार है। इसके अलावा, 6 जून को अमावस्या के दिन देश के उत्तर और पूर्व हिस्से में भूकंप आने की आशंका है और इसके परिणामस्वरूप, कुछ जगहों पर जन-धन की हानि भी देखने को मिल सकती है।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
अमावस्या तिथि यानी कि 06 मई के दिन वृषभ राशि में पांच ग्रहों की युति हो रही है और ऐसे में, जून माह में दक्षिण, पश्चिम और मध्य भारत में औसत से ज्यादा बारिश होने की संभावना बन रही है। अमावस्या के आसपास उत्तर भारत में भी आंधी-तूफ़ान के साथ-साथ बारिश आने के योग बनेंगे। वहीं, गोवा में मानसून 05 जून को दस्तक देगा जबकि मुंबई में 10 जून और 15 मई से पहले ही मानसून रायपुर एवं नागपुर में आ सकता है।
सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में गोचर का महत्व
ज्योतिष में वर्णन किए गए 27 नक्षत्रों में से शुरुआती 10 नक्षत्र अर्थात आर्द्रा से लेकर स्वाति नक्षत्र स्त्री संज्ञक हैं और इनमें से किसी भी नक्षत्र में सूर्य के रहने पर भारत के मानसून पर इसका प्रभाव देखने को मिलता है। बता दें कि हर साल सूर्य 21 जून के आसपास आर्द्रा नक्षत्र में गोचर करते हैं और इस नक्षत्र में सूर्य के प्रवेश से निर्मित होने वाली कुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर पूरे मानसून सीजन के दौरान होने वाली वर्षा की गणना की जाती है। सामान्य शब्दों में कहें, तो देश में कहां-कितनी बारिश होगी, इसका अंदाज़ा लगाया जाता है।
इस साल की बात करें, तो सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र में गोचर 22 जून 2024 की देर रात 12 बजकर 06 मिनट पर होगा, उस समय मीन लग्न उदय हो रहा होगा। भविष्यफल भास्कर के मुताबिक, अगर सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र में गोचर रात के समय होता है और लग्न या चंद्र जल राशि में होता है, तो यह अच्छी वर्षा का सूचक होता है।
जैसे कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि वर्ष 2024 में सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र में गोचर आधी रात को हो रहा है और लग्न जल राशि मीन का है। साथ ही, सूर्य का यह गोचर पूर्णिमा तिथि और दिन शुक्रवार को होने जा रहा है और ऐसे में, इसे वर्षा के लिए बेहद शुभ माना जाएगा।
सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में गोचर की कुंडली की बात करें, तो गुरु महाराज की राशि धनु में चंद्रमा दसवें भाव में होकर सूर्य, शुक्र और बुध से समसप्तक योग में होंगे। सूर्य देव के 22 जून को आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश के साथ ही चंद्रमा पर जल तत्व के ग्रहों शुक्र और बुध की दृष्टि होगी और ऐसे में, उत्तर भारत को मानसून से पहले की बारिश गर्मी में राहत देने का काम करेगी।
वर्ष 2024 में जून से लेकर सितंबर के दौरान मंगल गोचर में सूर्य से पीछे होंगे और उस समय कोई पापी ग्रह सूर्य से आगे नहीं होगा। इसके परिणामस्वरूप, देशभर में वर्षा का प्रतिशत 95 % से 100% तक रह सकता है।
चावल, गन्ने, पशुचारे और कपास की खेती करने वाले किसानों को विशेष रूप से लाभ प्राप्त होगा। लेकिन, जून माह में पहाड़ी क्षेत्रों विशेषतः उत्तराखंड और बिहार से लेकर झारखंड में आंधी, तूफान और बादल फटने जैसी घटनाएं सामने आ सकती हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. 2024 में मानसून कब आएगा?
उत्तर 1. इस साल मानसून 01 जून से भारत में दस्तक दे सकता है।
प्रश्न 2. ज्येष्ठ माह में गर्मी क्यों होती है?
उत्तर 2. ज्योतिष के अनुसार, ज्येष्ठ के माह में सूर्य काफ़ी शक्तिशाली होते हैं इसलिए इस माह भीषण गर्मी पड़ती है।
प्रश्न 3. भारत में मानसून कितने महीने रहता है?
उत्तर 3. भारत में सामान्य तौर पर मानसून जून से लेकर सितंबर तक रहता है।
मंगल और शनि मिलकर मचाएंगे तांडव, कर्क सहित ये 5 राशियों के शुरू होने वाले हैं उल्टे दिन!
वैदिक ज्योतिष में ग्रह एक निश्चित अंतराल पर अपनी राशि बदलते रहते हैं। इसी क्रम में मंगल की बात करें तो नौ ग्रहों में मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है। ये मेष और वृश्चिक राशियों के स्वामी हैं। अब पराक्रम, साहस, शक्ति, ऊर्जा का कारक माने जाने वाले ग्रह मंगल 01 जून की दोपहर 03 बजकर 27 मिनट पर अपनी राशि में परिवर्तन करते हुए अपनी स्वराशि मेष में प्रवेश कर जाएंगे और मेष राशि में 12 जुलाई 2024 तक विराजमान रहेंगे। आपको बता दें कि मंगल अभी देवगुरु बृहस्पति के स्वामित्व वाली राशि यानी मीन में मौजूद हैं।
मंगल का मेष राशि में गोचर के परिणामस्वरूप जून का महीना मंगल और शनि के अशुभ प्रभाव के कारण बहुत ही चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। दरअसल मंगल पर कुंभ राशि में विराजमान शनि की तीसरी दृष्टि रहेगी। शनि की दृष्टि मंगल पर होने के कारण इसका नकारात्मक प्रभाव बहुत अधिक बढ़ जाएगा, जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा लेकिन पांच राशियां इस दौरान ऐसी होंगी जिन्हें जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि वह कौन की राशियां हैं, जिन्हें इस दौरान कई प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मंगल पर शनि की दृष्टि, राशियों के लिए मुश्किल से भरा होगा जून का महीना
कर्क राशि
कर्क राशि के लोगों के लिए जून का महीना शनि और मंगल के अशुभ प्रभाव की वजह से काफी उतार-चढ़ाव वाला साबित हो सकता है। इस अवधि आपको अपने बिज़नेस में भारी धन की हानि का सामना करना पड़ सकता है। आपके प्रयास असफल हो सकते हैं और इसके चलते आपका मन में निराशा हो सकती है। संभावना है कि इस अवधि आप करियर में अच्छी सफलता प्राप्त करने की स्थिति में न हो और ऐसे में, आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपको को आर्थिक जीवन में हानि हो सकती है इसलिए पहले से ही सावधान रहें।
इस दौरान आपके रिश्ते उतार-चढ़ाव भरा रह सकता है क्योंकि आपकी पार्टनर से बहस या विवाद होने की आशंका है। संभावना है कि छोटे मोटे झगड़े बड़े रूप ले लें। स्वास्थ्य के लिए यह अवधि आपके लिए कठिन रहने की संभावना है क्योंकि आपको सिरदर्द और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या परेशान कर सकती है। नौकरी करने वालों का भी ऑफिस में विवाद बढ़ सकता है इसलिए किसी से भी बात करते वक्त अपने शब्दों का जरूर ध्यान रखें अन्यथा झगड़ा बढ़ सकता है।
कन्या राशि के लोगों को मंगल और शनि के अशुभ प्रभाव की वजह से जीवन के कई क्षेत्रों में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि में आपको किसी भी तरह के बड़े फैसले लेने से बचने की सलाह दी जाती है। कार्यक्षेत्र में आपको काफी मेहनत करनी पड़ सकती है और हो सकता है कि मेहनत करने के बाद भी आपको उतने अधिक अच्छे परिणाम प्राप्त न हो जितना आपने लक्ष्य रखा था, जिसके चलते आपको निराशा हो सकती है। आर्थिक मामलों में आपके लिए धन की हानि के योग बन रहे हैं। आपके अनावश्यक खर्च बढ़ सकते हैं। संभावना है कि अधिक खर्चों की वजह से आपको कर्ज व लोन लेना पड़ जाए।
अगर आपका खुद का व्यापार है, तो संभव है कि आप मनचाहा लाभ पाने में पीछे रह सकते हैं यानी कि लाभ प्राप्ति में कमी आने की आशंका है। प्रेम जीवन की बात करें तो इस गोचर के दौरान आपको पार्टनर के साथ रिश्ते में अहंकार से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, रिश्ते में तनाव देखने को मिल सकता है। स्वास्थ्य की बात करें, तो कन्या राशि वालों को इस समय गले में संक्रमण और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं घेर सकती हैं इसलिए अपनी सेहत के प्रति सजग रहें।
तुला राशि
यह अवधि तुला राशि के जातकों को अधिक सावधानी बरतनी होगी क्योंकि परिवार और रिश्ते के मोर्चे पर आपको असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है। परिवार में संपत्ति को लेकर लड़ाई-झगड़े हो सकते हैं, जिसके चलते घर का माहौल तनावपूर्ण हो सकता है। यदि आपके विवाह की बात चल रही है तो आशंका है कि फिलहाल के लिए यह बात अभी टल जाए। यदि आप निवेश करना चाहते हैं तो फिलहाल के लिए अभी रुक जाए क्योंकि इस अवधि हानि होने की संभावना अधिक है। करियर में भी आपको भारी समस्याएं आ सकती हैं और आर्थिक मामलों की बात करें तो आपको धन की हानि का सामना करना पड़ सकता है।
आपकी कोई प्रिय और मूल्यवान वस्तु अचानक से गुम हो सकती है। आप पर जिम्मेदारियां काफ़ी अधिक रह सकती हैं जिन्हें पूरा करने के लिए आप लोन लेने के बारे सोच-विचार कर सकते हैं। प्रेम जीवन के लिहाज़ से, आपको रिश्ते में मधुरता बनाए रखने के लिए पार्टनर के साथ आपसी तालमेल बिठाना होगा। ऐसे में, आपको धैर्य रखने की सलाह दी जाती है। इस दौरान आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि आपको पैरों में दर्द की समस्या परेशान कर सकती है जो कि तनाव की वजह से हो सकता है। स्वास्थ्य अनुकूल न रहने के कारण आपके भीतर का उत्साह कम हो सकता है। इस वजह से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमज़ोर होने की संभावना है।
वृश्चिक राशि के लोगों के जीवन में मंगल और शनि के अशुभ प्रभाव का भयंकर दुष्प्रभाव झेलना पड़ सकता है। आपको जरूरत से ज्यादा हर मामले में समस्याएं आ सकती हैं। यदि आप अच्छी नौकरी की तलाश में हैं तो इस अवधि निराशा हाथ लग सकती है। जो जातक नौकरी पेशा हैं उनका अपने वरिष्ठों के साथ विवाद हो सकता है, जिसके चलते आपका प्रमोशन रुक सकता है। इसके अलावा, आप पर नौकरी का दबाव काफ़ी अधिक हो सकता हैं जिसकी वजह काम का बेहद व्यस्त शेड्यूल होने की संभावना है। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें इस दौरान अच्छा लाभ कमाने की राह में समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है इसलिए सोच-समझकर आगे बढ़ें।
आर्थिक जीवन की दृष्टि से, बुध के मेष राशि में प्रवेश करने से आप पर्याप्त धन कमाने में असफल रह सकते हैं। ऐसे में, लोन या कर्ज़ लेने का रास्ता चुन सकते हैं जिससे आप पर आर्थिक बोझ बढ़ने की आशंका है। आपके लिए यह महीना व्यस्तता से भरा होगा और परिवार को समय न दे पाने के चक्कर में काफी विवाद हो सकते हैं। प्रेम जीवन की बात करें, तो इस गोचर की अवधि में पार्टनर के साथ आपके रिश्ते में प्रेम और उत्साह कम रहने की संभावना है जिसके चलते रिश्ते में खुशियां बनाए रखना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। इस दौरान आप अपनी सेहत अच्छी बनाए रखने में असफल हो सकते हैं और आपको अपनी माता के स्वास्थ्य पर भी काफ़ी धन ख़र्च करना पड़ सकता है।
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मकर राशि
मंगल और शनि के अशुभ प्रभाव की वजह से आपकी सुख और सुविधाओं में कमी देखने को मिल सकती है। आपकी प्रगति की रफ़्तार धीमी रह सकती है। अगर आपका खुद का व्यापार है, तो आपको इसे चलाने में सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। बात यदि करियर की करें तो मकर राशि वालों को नौकरी के क्षेत्र में औसत परिणामों की प्राप्ति हो सकती है। इसके अलावा,आपको ऑफिस में भी बहुत दबाव में काम करना पड़ेगा।
पारिवारिक समस्याओं की वजह से आपका जीवनसाथी से विवाद या बहस होने की संभावना है। जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उन्हें इस अवधि अपने बिज़नेस में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। स्वास्थ्य की बात करें तो इम्यून सिस्टम कमज़ोर होने की वजह से आप बार-बारो बीमार पड़ेंगे। आशंका है कि इस अवधि आपको जरा भी आराम न मिले। परिवार के किसी सदस्य की खराब सेहत की वजह से आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों
प्रश्न 1. मंगल का गोचर कितने दिनों का होता है?
उत्तर. मंगल का गोचर 38 से 40 दिनों तक होता है।
प्रश्न 2.मंगल अभी कौन सी राशि में हैं?
उत्तर. मंगल अभी देवगुरु बृहस्पति के स्वामित्व वाली राशि मीन में विराजमान हैं।
प्रश्न 3.मंगल का गोचर कब होगा?
उत्तर. मंगल 01 जून 2024 की दोपहर 03 बजकर 27 मिनट पर अपनी राशि मेष में गोचर करेंगे।
प्रश्न 4. मंगल मेष राशि में कब तक रहेगा?
उत्तर. मंगल मेष राशि में 12 जुलाई तक हैं, इसके बाद 12 जुलाई की शाम 07 बजकर 03 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर कर जाएंगे
मंगल इन राशियों पर बरसाएंगे खूब प्यार, पति-पत्नी दूसरों के लिए बनेंगे मिसाल
ज्योतिष में मंगल को आक्रामकता और साहस का कारक माना गया है और अब यह ग्रह 01 जून को दोपहर 03 बजकर 27 मिनट पर अपनी ही राशि मेष में प्रवेश करने जा रहा है। इस राशि में मंगल 12 जुलाई तक रहने वाले हैं और मंगल के इस गोचर से रूचक योग का भी निर्माण हो रहा है।
जब भी कोई ग्रह गोचर करता है, तो उसका प्रभाव सभी राशियों के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है। मंगल के इस गोचर का भी सभी जातकों के जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर भिन्न-भिन्न प्रभाव देखने को मिलेगा। हालांकि, इस ब्लॉग में हम आपको बताने जा रहे हैं कि मंगल के मेष राशि में प्रवेश करने पर किन राशियों के लोगों का प्रेम जीवन खुशहाल और प्रेम से परिपूर्ण रहने वाला है।
जिन लोगों की मंगल के गोचर के दौरान लव लाइफ अच्छी रहने वाली है, उसमें सबसे पहले मेष राशि का नाम आता है। आपके पहले भाव में मंगल गोचर करने जा रहे हैं। इसका आपके प्रेम एवं वैवाहिक जीवन पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। आपका और आपके जीवनसाथी का रिश्ता मज़बूत होगा और आप दोनों रिश्ते में अच्छी प्रगति हासिल करेंगे। कुल मिलाकर मंगल का यह गोचर आपके प्रेम संबंध में खुशियां लेकर आने का काम करेगा।
मिथुन राशि के ग्यारहवें भाव में यह गोचर होने जा रहा है। इस दौरान पति-पत्नी के बीच आपसी तालमेल बहुत अच्छा रहने वाला है। आप दोनों एक-दूसरे को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। इसके साथ ही आपको अपने पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताने का भी मौका मिलेगा। प्रेम जीवन को लेकर आप प्रसन्न और संतुष्ट महसूस करेंगे।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल पंचम और दशम भाव के स्वामी हैं और अब मंगल का मेष राशि में गोचर आपके दशम भाव में ही होने वाला है। इस समय आपके और आपके पार्टनर के रिश्ते में सुधार आने की संभावना है। आप दोनों का रिश्ता मज़बूत होगा और आप दोनों एक-दूसरे के साथ खुश रहेंगे एवं अपने रिश्ते में जुड़ाव महसूस करेंगे।
सिंह राशि के लिए मंगल चतुर्थ और नवम भाव के स्वामी हैं। मंगल का मेष राशि में गोचर आपके नवम भाव में होने वाला है। आपको इस दौरान अपने पार्टनर के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा। यह समय आपके प्रेम एवं वैवाहिक जीवन के लिए बहुत अनुकूल है और आप इस शुभ समय का भरपूर लाभ उठा पाएंगे। जीवनसाथी के साथ आपके रिश्ते में मज़बूती आएगी।
वृश्चिक राशि के लिए मंगल पहले और छठे भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। आप अपने पार्टनर के साथ आपसी तालमेल बनाए रखने में सफल होंगे। आप दोनों के बीच आपसी समझ भी बढ़ेगी। आप अपने जीवनसाथी के प्रेम और स्नेह का आनंद लेते हुए नज़र आएंगे। इस प्रकार मंगल का यह गोचर आपके प्रेम जीवन के लिए शुभ साबित होगा।
मीन राशि के लिए मंगल दूसरे और नवम भाव के स्वामी हैं और इस बार मंगल गोचर के दौरान आपके दूसरे भाव में स्थित रहेंगे। इस दौरान आपकी शादीशुदा जिंदगी खुशियों से भर जाएगी। आप प्यार के मामले में बहुत संतुष्ट और प्रसन्न महसूस करेंगे। आप अपने रिश्ते से एक मिसाल कायम करेंगे। आपके और आपके जीवनसाथी के बीच प्यार बढ़ेगा।
जब मंगल मेष राशि में होते हैं, तब व्यक्ति अपनी मन की बात को सहजता से व्यक्त कर पाता है। व्यक्ति आत्मविश्वास से भरपूर और आत्म-प्रेरित बनता है। जातक की निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है। इनमें साहस और दृढ़ संकल्प बढ़ता है। ये अधिक आवेगी और मुखर होते हैं। ये अपनी ऊर्जा से दूसरों को प्रभावित करते हैं।
मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल ही है और इसके अलावा मंगल को वृश्चिक राशि का भी स्वामित्व प्राप्त है। इस ग्रह के अधीन आने वाले जातकों में नेतृत्व करने के गुण होते हैं। ये साहसी और ईमानदार होते हैं। मंगल इन्हें अपने सपनों को पूरा करने और अड़चनों को दूर करने के लिए प्रोत्साहित करता है। आप अपने जीवन की चुनौतियों का किस तरह से सामना करते हैं, यह मंगल पर ही निर्भर करता है।
मंगल को खुश करने के ज्योतिषीय उपाय
आप कुछ ज्योतिषीय उपायों की मदद से कमज़ोर मंगल को बल प्रदान कर सकते हैं। ये उपाय निम्न हैं:
मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
मंगल के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए आप अपने घर में मंगल यंत्र की स्थापना भी कर सकते हैं।
आप लाल रंग के वस्त्रों, तांबा, मसूर की दाल और बताशों का दान करें।
मंगल के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए आप अपने भाई के साथ मिठाई खाएं।
मंगल को शांत करने के लिए रक्तदान करना भी एक उत्तम उपाय है।
मंगल को मज़बूत करने के लिए आप लाल रंग का बेल फल भी दान कर सकते हैं।
अपने घर में लाल रंग के फूलों का पौधा लगाएं।
मंगलवार के दिन बंदरों को चना दाल और गुड़ खिलाएं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. मंगल पीड़ित कब होता है?
उत्तर. मंगल दूसरे भाव में हो, तो मंगल दोष बनता है।
प्रश्न. मंगल किसका कारक है?
उत्तर. मंगल पराक्रम और साहस का कारक है।
प्रश्न. मंगल दोष कितने साल तक रहता है?
उत्तर. 28 साल के होने के बाद मंगल दोष अपने आप खत्म हो जाता है।
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शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: जानें शेयर बाजार समेत देश-दुनिया पर इसका प्रभाव
शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शुक्र का मिथुन राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि यह देश-दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा, इस दौरान शेयर बाजार में क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे और साथ ही, इस दौरान हॉलीवुड व बॉलीवुड में आने वाली फिल्में कैसा प्रदर्शन करेगी इस बारे में भी जानकारी हासिल करेंगे। बता दें कि शुक्र 12 जून 2024 को बुध के स्वामित्व वाली राशि मिथुन में गोचर करने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस दौरान देश-दुनिया में इसका अनुकूल व प्रतिकूल प्रभाव।
शुक्र ग्रह दो राशियों वृषभ और तुला पर शासन करते हैं। यह एक राशि में 25 से 30 दिनों तक विराजमान रहते हैं। इसी क्रम में वृषभ राशि में गोचर करने के बाद अब शुक्र मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं और शुक्र व बुध ग्रह आपस में मित्र है। इसके परिणामस्वरूप शुक्र मिथुन राशि में मजबूत स्थिति में विराजमान रहेंगे। आइए आगे बढ़ते हैं और देखते हैं कि शुक्र कब अपनी मित्र राशि में गोचर करेंगे।
शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: तिथि व समय
वैवाहिक सुख, भौतिक सुख, प्रतिभा, सौंदर्य और समृद्धि के कारक ग्रह शुक्र 12 जून, 2024 की शाम 06 बजकर 15 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करने के लिए तैयार हैं। ये 07 जुलाई तक मिथुन राशि में विराजमान रहेंगे और उसके बाद कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। मिथुन शुक्र की मित्र राशि हैं और ये इस राशि में बेहतर तालमेल बिठाने में सक्षम होंगे। आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि शुक्र यहां विश्वव्यापी घटनाओं को कैसे प्रभावित करेगा।
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मिथुन राशि में शुक्र: विशेषताएं
मिथुन राशि में शुक्र प्यार और रिश्तों का प्रतिनिधित्व करता है। इसके परिणामस्वरूप जातक बौद्धिक रूप से धनी और कुशल वक्ता बनाता है। शुक्र प्रेम का ग्रह है और मिथुन वायु तत्व की राशि है। ऐसे में, मिथुन राशि में शुक्र के प्रवेश से जातक का प्रेम जीवन शानदार रहता है और रिश्ते में भरपूर रोमांस रहता है। ये जातक ऐसे लोगों से जल्दी आकर्षित होते हैं, जो बुद्धिमान, ज्ञानी होते हैं और जिनकी रुचि कई चीज़ों में होती है। इन जातकों का चुलबुला व्यक्तित्व दूसरों के मध्य आकर्षण का मुख्य विषय होता है। ये नीरस रिश्तों में रहना बिल्कुल पसंद नहीं करते हैं। ये रिलेशनशिप में बहुत गंभीर रहना नहीं चाहते हैं और बड़ी चालाकी से गंभीर मुद्दों से बच निकलते हैं। इनको वो लोग बहुत अच्छे लगते हैं जो इनकी बुद्धि की तारीफ करते हों। प्यार के मामले में ये थोड़े फ्लर्टी हो सकते हैं। ये लोग अपने रिश्तों में बदलाव और विविधता पर जोर देते हैं, अक्सर ऐसे पार्टनर की तलाश करते हैं जो उनकी तरह खुलकर जीने वाले हों और स्वभाव में जिज्ञासु हों। इसके भीतर रोमांस और उत्साह भरपूर होता है। अपने साथी के साथ मस्ती करने और अच्छे पलों का आनंद लेने की प्रवृत्ति भी इनमें बहुत अधिक होती है। ये अपने जैसा साथी चाहते हैं।
मिथुन राशि में शुक्र होने के फलस्वरूप जातक में बेहतर संचार क्षमता होती है। ये अपनी बातों से दूसरों को आकर्षित करने में कुशल होते हैं और अपनी भावनाओं और इच्छाओं को आसानी से व्यक्त कर सकते हैं। हालांकि, ये भावनात्मक रूप से कमज़ोर होते हैं और कई बार अधिक इमोशनल होने की वजह से इन्हें संघर्ष करना पड़ सकता है। शुक्र के मिथुन राशि में होने पर व्यक्ति में कल्पना करने की अच्छी क्षमता होती है। ये एक छोटी से चीज़ में अद्भुत संभावनाओं को तलाश सकते हैं। अपने इन्हीं गुण की वजह से ये करियर में बहुत अधिक सफलता प्राप्त करते हैं। ये लोग ऐसी गतिविधियों का आनंद लेना पसंद करते हैं, जिनमें सीखने, विचार साझा करने और एक साथ नई जगहों की खोज करना शामिल हो। ये लोग लेखन से जुड़े काम, कविता लिखना, लेख लिखना, गायन और चित्रकला के कामों में भी दक्ष होते हैं। रंगमंच या सिनेमा से जुड़कर भी अपने करियर को आगे ले जाने में सक्षम होते हैं।
शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: आने वाली बॉलीवुड व हॉलीवुड फिल्मों पर इसका प्रभाव
शुक्र कला और मनोरंजन पर शासन करने वाला ग्रह है और इस गोचर का प्रभाव जिस प्रकार देश-दुनिया पर पड़ेगा उसी प्रकार बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों में भी देखने को मिलेगा। शुक्र और सूर्य दो ग्रह हैं जो जन्म कुंडली में रचनात्मकता का प्रतिनिधित्व करते हैं। शुक्र अब 12 जून को मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं तो ऐसे में देखते हैं कि इस गोचर का फिल्मों और उनके बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। हमें यह समझना चाहिए कि मिथुन राशि पर बुध का शासन है और यह संचार और मीडिया से संबंधित है। शुक्र मिथुन राशि में बहुत आरामदायक स्थिति में है।
12 जून 2024 के बाद रिलीज़ होने वाली बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्में
फिल्म का नाम
स्टार कास्ट
रिलीज़ की तारीख़
चंदू चैंपियन
कार्तिक आर्यन, श्रद्धा कपूर
14 जून, 2024
काइंड ऑफ काइंडनेस
एम्मा स्टोन, जेसी पेलेमन्स
21 जून, 2024
इश्क विश्क रिबाउंड
पश्मीना रोशन, रोहित सराफ
28 जून, 2024
शुक्र का मिथुन राशि में गोचर 14 जून 2024 के बाद होने वाली बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों के लिए अनुकूल साबित हो रही है। इस बात की प्रबल संभावना है कि वे सभी फिल्में बड़े पर्दे पर बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं। हालाँकि, पश्मीना रोशन और रोहित सराफ की फिल्म इश्क विश्क रिबाउंड के लिए गोचर अनुकूल नहीं दिख रहे हैं। आशंका है कि यह फिल्म उम्मीद से कम प्रदर्शन करें लेकिन अभिनेता अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन के लिए प्रशंसा बटोर सकते हैं।
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शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: शेयर बाजार की भविष्यवाणी
शुक्र उन प्रमुख ग्रहों में से एक है जो शेयर बाजार को काफी हद तक प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। शुक्र मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिस पर बुध ग्रह का शासन हैं। आइए देखते हैं कि शुक्र का मिथुन राशि में गोचर के दौरान शेयर बाजार में किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। शेयर बाजार भविष्यवाणी 2024 के अनुसार,
शुक्र का मिथुन राशि में गोचर से कपड़ा उद्योग और हैंडलूम मिलों को लाभ होगा।
इस गोचर के दौरान परफ्यूम और परिधान उद्योग के साथ-साथ फैशन सहायक उपकरण उद्योग में तेजी का अनुभव हो सकता है।
व्यावसायिक परामर्श और लेखन या मीडिया विज्ञापन-संबंधी फर्में, और प्रिंट मीडिया, दूरसंचार व प्रसारण उद्योग के सभी बड़े नाम सकारात्मक परिणामों का अनुभव कर सकते हैं।
वास्तुकला, इंटीरियर डिजाइन और वित्त में लगी फर्मों को इस गोचर से लाभ होगा।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. शुक्र का मिथुन में गोचर कब होगा?
उत्तर 1. शुक्र 12 जून, 2024 की शाम 06 बजकर 15 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं।
प्रश्न 2. मिथुन राशि में शुक्र शुभ है?
उत्तर 2. शुक्र मिथुन की मित्र राशि में। ऐसे में, शुक्र मिथुन राशि में मजबूत स्थिति में होंगे।
प्रश्न 3. मिथुन राशि में शुक्र होने की क्या विशेषता है?
उत्तर 3. मिथुन राशि में शुक्र होने के परिणामस्वरूप जातक बौद्धिक रूप से धनी और कुशल वक्ता बनाता है।
प्रश्न 4. शुक्र का गोचर कितने समय के लिए होता है?
उत्तर 4. शुक्र का गोचर 25 से 30 दिनों की अवधि का होता है।
जून में जन्मे इन बॉलीवुड सेलिब्रिटीज पर बुध और चन्द्रमा रहते हैं मेहरबान, जानें क्या आप पर भी हैं इनकी कृपा!
ज्योतिष में किसी भी व्यक्ति के जन्म तिथि जितनी महत्वपूर्ण मानी जाती है, उतना ही जरूरी जन्म का महीना भी होता है। प्रत्येक महीने की अपनी एक विशेषता होती है, जिसका प्रभाव हर व्यक्ति के स्वभाव पर देखने को मिलता है। आपका स्वभाव और व्यक्तित्व कैसा है यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपका जन्म कौन से महीने में हुआ है। जिस महीने में आपका जन्म हुआ है उसकी विशेषताएं व गुण आपके व्यक्तित्व में जरूर देखने को मिलेगी। यही नहीं, जन्म का महीना करियर से लेकर स्वभाव तक कई चीज़ों पर प्रभाव डालता है।
यहां हम बात करेंगे जून में जन्म लेने वाले लोगों की तो बता दें कि जून में जन्मे लोगों पर चंद्रमा और बुध ग्रह का प्रभाव रहता है। दरअसल 21 मई से 20 जून तक जन्म लेने वाले लोगों की राशि मिथुन राशि होती है और इस राशि के स्वामी बुध ग्रह हैं, जो बुद्धि, तर्क शक्ति, व्यापार, वाणी, तकनीक आदि के कारक हैं। इसी तरह 21 जून से 22 जुलाई को जन्म लेने वाले लोगों की राशि कर्क राशि होती है और इस राशि के स्वामी चंद्रमा हैं। ऐसे में जून महीने में जन्म लेने वाले जातकों के अंदर बुध और चंद्रमा के विशेष गुण देखने को मिलते हैं।
एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको जून में जन्म लेने वाले लोगों के बारे में दिलचस्प बातें बताएंगे और साथ ही, जून में जन्मे बॉलीवुड सेलिब्रिटीज के बारे में भी चर्चा करेंगे। तो बिना देरी किए ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें।
जून में होता है इन बॉलीवुड सेलिब्रिटीज का जन्म
बॉलीवुड सितारें
जन्म तिथि
आर माधवन
01 जून
सोनाक्षी सिन्हा
02 जून
हर्षाली मल्होत्रा
03 जून
सारिका
03 जून
नेहा कक्कड़
06 जून
अमृता राव
07 जून
एकता कपूर
07 जून
शिल्पा शेट्टी
08 जून
डिंपल कपाड़िया
08 जून
अमिषा पटेल
09 जून
सोनम कपूर
09 जून
मीका सिंह
10 जून
तेजस्वी प्रकाश
10 जून
दिशा पटानी
13 जून
शेखर सुमन
14 जून
किरण राव
14 जून
जुबिन नौटियाल
14 जून
मिथुन चक्रवर्ती
16 जून
राज बब्बर
23 जून
करिश्मा कपूर
25 जून
अर्जुन कपूर
26 जून
बता दें कि बॉलीवुड के इन सितारों का जन्म जून माह में हुआ है। इनकी राशि मिथुन राशि है। मिथुन एक वायु राशि है जिसका स्वामी बुध ग्रह हैं। बुध ग्रह की कृपा से इस राशि में जन्मे व्यक्ति अपनी बुद्धिमत्ता, बहुमुखी प्रतिभा और बेहतरीन संचार कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं। बुध ग्रह की कृपा से इन जातकों को मजबूत संचार कौशल का आशीर्वाद प्राप्त है और वे जानते हैं कि फिल्म उद्योग में अधिक अवसर और पहचान पाने के लिए अपने अभिनय करियर में इस प्रतिभा का उपयोग कैसे किया जाए।
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जून में जन्मे लोगों का व्यक्तित्व
जून के महीने में जिन लोगों का जन्म हुआ है उनका व्यक्तित्व काफी शानदार होता है। वह अपने आसपास लोगों के बीच बहुत ही लोकप्रिय होते हैं। लोग इनके व्यक्तित्व से काफी कुछ सीखना पसंद करते हैं। साथ ही यह कई तरह की एक्टिविटी में भाग लेते हैं और अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम होते हैं। ये जातक खेल, सिंगिंग, डांस, एक्टिंग आदि क्षेत्रों में बेहतरीन करते हैं और खूब नाम व शोहरत प्राप्त करते हैं।
जून में जन्मे लोगों का स्वभाव
जून में जन्म लेने वाले लोग अधिकतर समय अपनी कल्पनाओं में ही खोए रहते हैं। हालांकि, यह स्वभाव से काफी कोमल और इमोशनल होते हैं और लोगों की परेशानी को तुरंत समझते हैं और उनकी मदद करने के लिए आगे आते हैं। ये लोग अपनी खुशी के साथ-साथ दूसरों की खुशी का भी बराबर ध्यान देते हैं। हालांकि, इनको अपने सभी काम अपने तरीके से ही करना पसंद होता है। यह अपनी मर्जी के मालिक होते हैं। जून में जन्म लेने वाले लोगों में एक स्वतंत्र भावना होती है और वे दूसरों के अधीन रहना पसंद नहीं करते हैं।
जून में जन्में लोगों की सबसे अच्छी बात यह है कि ये हर काम में अपना बेस्ट देने की पूरी कोशिश करते हैं और हर काम को पूरे मन से करते हैं। यदि इनका मन नहीं हैं तो ये जबरदस्ती काम नहीं करते हैं, उसे छोड़ देते हैं। ये लोग अपना बेस्ट देने के लिए यह किसी भी हद तक मेहनत करने को तैयार रहते हैं। अच्छी बात यह है कि इन्हें अपने प्रयास के अच्छे परिणाम भी प्राप्त होते हैं। कई बार ऐसा भी हो जाता है कि जब परिणाम इनके अनुसार नहीं होते हैं तब ये स्वभाव से थोड़े चिड़चिड़ा और उदास हो जाते हैं।
जल्द बदल जाता है इन लोगों का मूड
जून में जन्में लोगों के मूड के बारे में आप कुछ ख़ास पता नहीं लगा सकते हैं क्योंकि इनका मूड कैसे पलट जाए यह पता ही नहीं लगाया जा सकता है। कभी तो यह आपके साथ बहुत हंसकर बात करेंगे अगले ही पल से मौन और एकांत पसंद करने वाले हो सकते हैं। वैसे तो ये लोग अपनी भावनाओं पर काबू पाने की पूरी कोशिश करते हैं लेकिन कई बार अपनी भावनाओं पर नियंत्रण खो देते हैं। इसके अलावा, ये लोग बहुत जल्द ही क्रोधित हो जाते हैं लेकिन, अच्छी बात यह है कि ये ज्यादा वक्त तक किसी से नाराज़ नहीं रहते हैं।
जून में जन्म लेने वाले लोगों में सबसे अधिक प्रभाव बुध और चंद्रमा ग्रह का देखने को मिलता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुध को बुद्धि का कारक ग्रह माना गया है इसलिए जून में जन्में लोगों की बुद्धि तेज होती हैं यह चीजों को आसानी से और जल्दी सीख लेते हैं। साथ ही इनकी तर्क वितर्क की क्षमता काफी अच्छी होती हैं। अपनी वाणी के बल पर यह लोकप्रियता हासिल करते हैं। चंद्रमा को भी मन और बुद्धि के कारक माना जाता है। चंद्रमा के प्रभाव से यह लोग बहुत ही कल्पनाशील हो सकते हैं।
राशि, भाग्यशाली नम्बर व रंग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जून में जन्म लेने वाले लोग मिथुन राशि के होते हैं। साथ ही इन लोगों का लकी नंबर 9 या 6 होता है। रंगों की बात करें तो ग्रीन,पीला और मजेंटा इन लोगों के लिए भाग्यशाली रंग माने जाते हैं। जून में जन्में लोगों को रुबी इसके अलावा मोती धारण करने से विशेष लाभ मिलता है।
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इन क्षेत्रों में बना सकते हैं करियर
ज्योतिष के अनुसार, जून में जन्म लेने वाले लोग मल्टीटास्कर भी होते हैं। साथ ही, अपने आपको अलग-अलग परिस्थितियों में ढालने में सबसे आगे होते हैं। ये डॉक्टर, पत्रकार, डांसर, अभिनेता या अभिनेत्री, मीडिया, पीआर, सेल्स आदि क्षेत्रों में करियर बना सकते हैं।