मेष सहित इन राशियों को रहना होगा सावधान, 2025 में शनि के गोचर से जीवन में आएगा उतार-चढ़ाव!
ज्योतिष शास्त्र में न्याय के देवता शनि को कर्मफल दाता भी कहा जाता है। वर्तमान समय में शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान हैं। शनिदेव कुंभ और मकर राशि के स्वामी हैं। वहीं, तुला राशि में शनि उच्च के होते हैं। अतः तुला राशि के जातकों को शनि हमेशा ही शुभ फल प्रदान करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि ग्रह सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह माने जाते हैं और ये ढाई साल बाद अपना राशि परिवर्तन करते हैं और अब ये 2025 में कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे। जब भी शनि अपनी राशि परिवर्तन करते हैं तो इसका प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों पर देखने को मिलता है।
शनि एक राशि में दोबारा आने के लिए करीब 30 वर्ष का समय लेते हैं। शनि ये पूरे साल कुंभ राशि में रहेंगे और 29 मार्च 2025 को अपनी स्वराशि और मूल त्रिकोण राशि कुंभ की यात्रा को समाप्त करके देवगुरु बृहस्पति की राशि मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शनि के राशि परिवर्तन करते ही कुछ राशियों से शनि की साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी तो वहीं कुछ पर शुरू भी जाएगी और उन जातकों की समस्याओं में वृद्धि हो सकती है। तो आइए इसी क्रम में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं शनि के मीन राशि में गोचर करने से किन राशियों के जीवन में आ सकता है उतार-चढ़ाव।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
इन जातकों को शनि के गोचर से रहना होगा सावधान
मेष राशि
मेष राशि 29 मार्च 2025 को शनि के मीन राशि में गोचर करेंगे और इसके बाद मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती की शुरुआत हो जाएगी। ऐसे में शनि का मीन राशि में गोचर मेष राशि के जातकों के लिए प्रतिकूल साबित हो सकती है। इस दौरान आपकी समस्याओं में वृद्धि होगी और आय में गिरावट देखने को मिलेगी। किसी भी काम में सफलता प्राप्त करने के लिए आपको बहुत अधिक मेहनत करने की जरूरत होगी। इस दौरान आप आय और व्यय के बीच संतुलन कायम नहीं कर पाएंगे। इस अवधि में आपको धन हानि का सामना करना पड़ सकता है या फिर कोई कीमती वस्तु आपसे खोने की आशंका है। इस समय आपके लिए यात्राओं से बचना भी फलदायी साबित होगा, अन्यथा कोई कीमती चीज़ आपसे खो सकती है।
आपके करियर की बात करें तो यह अवधि आपके करियर के लिए बहुत अधिक मुश्किल भरी साबित होगी। मेष राशि के कुछ जातक अपनी नौकरी में बदलाव या स्थानांतरण करने के लिए मजबूर हो सकते हैं। ऐसे में, आप थोड़े असंतुष्ट दिखाई दे सकते हैं। घर में कुछ सदस्यों के साथ आपकी नोकझोंक हो सकती है, जिसकी वजह से तनाव हो सकता है और आपकी सेहत में गिरावट देखने को मिल सकती है। आपके शत्रुओं की संख्या में इजाफा देखने को मिल सकता है। किसी भी कार्य को करने से पहले आपको कई बार सोच-विचार करना होगा।
वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि का गोचर बहुत अधिक उतार-चढ़ाव लेकर आ सकता है। इस दौरान आपको सुख-सुविधाओं में कमी का अनुभव हो सकता है। इन जातकों को मिलने वाले लाभ में भी देरी का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, एक-दूसरे को न समझने की वजह से परिवार के सदस्यों में बहस या मतभेद होने की आशंका है जिसके चलते परिवार का माहौल ख़राब हो सकता है। यह जातक अपने जीवन में पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहे होंगे जिनसे बचने के लिए आपको सामंजस्य बिठाना होगा।
इस दौरान वृषभ राशि के जातकों को नौकरी में अधिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है। इस वजह से आप कार्यक्षेत्र में अपनी जगह बनाने में असफल रह सकते हैं। आर्थिक जीवन की बात करें, तो आपको खर्चों में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ सकता है। परिवार में होने वाले खर्चे बढ़ सकते हैं और ऐसे में, आपकी जरूरतें भी बढ़ सकती हैं। इसके परिणामस्वरूप, इन जरूरतों को पूरा करने के लिए आपको लोन या फिर कर्ज़ लेना पड़ सकता है। साथ ही, बचत करने की गुंजाइश आपके लिए औसत रहने की संभावना है। इस अवधि व्यापार करने वाले जातक ज्यादा लाभ कमाने में पीछे रह सकते हैं और ऐसा इसलिए होगा क्योंकि व्यापार के क्षेत्र में आने वाले नए प्रतिद्वंदी बाज़ार में अपने पैर जमा सकते हैं। आपके स्वास्थ्य की बात करें तो छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं जैसे नाक बंद होना, गले से जुड़े संक्रमण आदि का सामना करना पड़ सकता है।
शनि का गोचर आपके करियर के लिए ज्यादा अच्छा नहीं कहा जाएगा। इस अवधि में आप पर काम का अधिक दबाव पड़ सकता है। आशंका है कि आपके काम में कुछ गलतियां निकलत सकती हैं जिसके चलते आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, आप चिंतित नज़र आ सकते हैं। अगर आपका खुद का व्यापार है, तो इस गोचर के दौरान आप अच्छा लाभ कमाने में पीछे रह सकते हैं। आर्थिक जीवन में इस समय आपके सामने अधिक खर्च आ सकते हैं। ऐसे में, बचत की संभावना बेहद कम रहने की संभावना है। साथ ही, इन जातकों को अपने बच्चों के स्वास्थ्य पर भी पैसा खर्च करना पड़ सकता है।
प्रेम जीवन की बात करें, तो आपके रिश्ते के लिए यह समय थोड़ा मुश्किल भरा रह सकता है क्योंकि इस दौरान आपकी पार्टनर के साथ बहस होने की आशंका है जिसकी वजह आपसी समझ की कमी हो सकती है। ऐसे में, अपने रिश्ते को बनाए रखना तालमेल बिठाना आपके लिए जरूरी होगा सेहत की दृष्टि से, आपको पैरों में दर्द की समस्या परेशान कर सकती है जो कि आपकी कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का परिणाम होने की आशंका है।
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कर्क राशि
कर्क राशि साल 2025 में शनि का राशि परिवर्तन कर्क राशि के जातकों लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है। कार्यक्षेत्र में आपको दबाव का सामना करना पड़ सकता है, जिस वजह से आशंका है कि आपका काम में मन न लगे। आपको इस दौरान धन हानि भी हो सकती है इसी के साथ आपकी आर्थिक स्थिति कमज़ोर भी हो सकती है। जीवन में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। जो लोग उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, आपको नौकरी में कुछ चुनौतियों से दो-चार होना पड़ सकता हैं जिनका सामना आपको डटकर करना होगा। आपको अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन लेना पड़ सकता है।
इस अवधि आपको धन लाभ और खर्चे दोनों लेकर आ सकते हैं इसलिए इन खर्चों को पूरा करने के लिए आपको लोन लेने के लिए मज़बूर होना पड़ सकता है जो कि आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। इस दौरान आप ज्यादा धन की बचत नहीं कर सकेंगे क्योंकि आपके लिए ज्यादा पैसा कमाना आसान काम नहीं होने की आशंका है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. शनि मीन राशि में कब गोचर करेंगे?
उत्तर 1. शनि 29 मार्च 2025 को मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
प्रश्न 2. मीन राशि पर साढ़ेसाती कब तक चलेगा?
उत्तर 2. साढ़ेसाती में एक चरण ढाई साल का माना जाता है। अभी वर्तमान में मीन राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है और 29 मार्च 2025 तक रहेगा।
प्रश्न 3. शनि का मीन राशि में गोचर कब तक है?
उत्तर 3. शनि मीन राशि में 3 जून 2027 तक रहेंगे।
प्रश्न 4. मीन राशि के स्वामी कौन हैं?
उत्तर 4. मीन राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं।
सूर्य और शुक्र की होगी मिथुन राशि में युति, पलटेगी तीन लोगों की किस्मत
ज्योतिष के अनुसार एक निश्चित अंतराल के बाद सभी ग्रह गोचर करते हैं। ग्रहों के राशि परिवर्तन करने पर देश-दुनिया समेत मानव जीवन पर इसका गहरा प्रभाव देखने को मिलता है। गोचर के दौरान कई बार ग्रहों की युति भी होती है। इस बार जून के महीने में सूर्य और शुक्र ग्रह की युति होने जा रही है।
शुक्र 12 जून 2024 को 18:15 बजे मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। वहीं 15 जून को 12 बजकर 16 मिनट पर सूर्य मिथुन राशि में गोचर करेंगे। शुक्र मिथुन राशि में 07 जुलाई तक रहने वाले हैं और सूर्य मिथुन राशि में 16 जुलाई तक रहेंगे। इस प्रकार मिथुन राशि में सूर्य और शुक्र की युति से शुक्रादित्य योग बन रहा है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार जून के महीने में बन रहे शुक्रादित्य योग से कुछ राशियों के लोगों की किस्मत पलटने वाली है। इस ब्लॉग में आगे विस्तार से उन्हीं राशियों के बारे में बताया गया है जिन्हें इस योग से सबसे अधिक लाभ मिलने वाला है।
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इन राशियों की चमकेगी किस्मत
मिथुन राशि
इस राशि के लग्न भाव में यह युति होने जा रही है। यह युति आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी। इस समय आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा। जो जातक लंबे समय से नौकरी बदलने का विचार कर रहे थे, उन्हें अब नौकरी के शानदार अवसर मिल सकते हैं। इस दौरान आपको अपने भाग्य का पूरा साथ मिलने वाला है। वहीं आपकी नए लोगों से भी मुलाकात होगी। ये लोग आगे चलकर आपको कोई लाभ करवा सकते हैं।
मिथुन राशि के लोगों का वैवाहिक जीवन मधुर रहेगा। पति-पत्नी के बीच प्यार और स्नेह रहेगा। व्यापारियों को मुनाफा कमाने के लिए थोड़ी बुद्धिमानी से काम लेने की सलाह दी जाती है। वहीं पार्टनरशिप में काम करने वाले लोगों को भी मुनाफा होने की उम्मीद है।
कुंभ राशि के लोगों को भी शुक्र और सूर्य की युति से लाभ मिलने के संकेत हैं। आपके पंचम भाव में यह योग बनने जा रहा है जिससे आपके बिगड़ते हुए काम भी बनने लगेंगे। आपको अपनी संतान की ओर से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। आपके जीवन के स्तर में सुधार आने की संभावना है।
आप पैसों की बचत करने में सक्षम हो पाएंगे और आपकी योजनाओं के सफल होने की संभावना है। यदि आपका कोई प्रेम संबंध चल रहा है, तो आपके और आपके पार्टनर के बीच सब कुछ अच्छा रहने वाला है। समाज में आपका मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नौकरीपेशा जातकों के लिए प्रमोशन के योग बन रहे हैं।
कन्या राशि के कर्म भाव में यह युति होने जा रही है इसलिए यह समय इस राशि के लोगों के लिए भी बहुत अनुकूल रहने वाला है। व्यापारियों के लिए उच्च सफलता के योग बन रहे हैं। नौकरीपेशा जातकों के लिए भी अच्छा समय है। जो लोग नौकरी बदलने के बारे में सोच रहे हैं, उन्हें इस समय अच्छे और बेहतर अवसर मिल सकते हैं। आपका भाग्य इस समय आपका साथ देगा। आपका अपने पिता के साथ संबंध मज़बूत होगा। इससे आपका मन प्रसन्न एवं संतुष्ट रहेगा।
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शुक्रादित्य योग क्या है
ज्योतिष के अनुसार सूर्य और शुक्र की युति होने पर शुक्रादित्य राजयोग बनता है। चूंकि, सूर्य को आदित्य के नाम से भी जाना जाता है इसलिए शुक्र और सूर्य की युति होने पर बनने वाले योग को शुक्रादित्य योग कहते हैं।
ज्योतिषशास्त्र का मानना है कि यह योग बहुत ज्यादा शुभ होता है। इस योग का मानव जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उनके जीवन की सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
शुक्र हर 28 दिन में गोचर करता है और सूर्य भी लगभग एक माह के अंतराल में राशि परिवर्तन करता है।
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बुद्धि के दाता बुध का मिथुन में प्रवेश, इन राशियों को व्यापार में कराएगा तरक्की!
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, विद्या, व्यापार आदि का कारक ग्रह माना जाता है। कुंडली में अगर बुध की स्थिति मजबूत होती है तो ऐसे व्यक्ति अपने जीवन में उच्च ज्ञान प्राप्त करते हैं, अपने जीवन में सफल होते हैं, सट्टेबाजी और व्यापार में सफलता पाते हैं।
वहीं इसके विपरीत अगर बुध अनुकूल नहीं होता है या अशुभ ग्रहों के साथ कुंडली में मौजूद होता है तो ऐसे जातकों को जीवन में तमाम संघर्षों और बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही ऐसे जातकों को बुद्धि में कमी, आवेग और आक्रामकता में वृद्धि उठानी पड़ती है।
तमाम विशेषताओं वाला यह बुध ग्रह 14 जून को मिथुन राशि में गोचर करने के लिए तैयार है। आज अपने इस खास ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे बुध का मिथुन राशि में गोचर किन राशियों के लिए अनुकूल रहेगा और किन राशियों को इसके प्रतिकूल परिणाम झेलने पड़ेंगे। साथ ही जानेंगे बुध के इस गोचर से मिलने वाले प्रतिकूल परिणाम को कम करने के उपायों की जानकारी।
बुध का मिथुन राशि में गोचर- क्या रहेगा समय?
सबसे पहले समय की बात करें तो बुध का मिथुन राशि में गोचर 14 जून 2024 को होने वाला है। इस दौरान बुद्धि और विद्या का कारक ग्रह 22:55 पर मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएगा। इसके बाद बुध यहां 29 जून तक रहने वाले हैं और इसके बाद वह चंद्रमा द्वारा शासित कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
जून में मिथुन राशि में होगी ग्रहों की युति: गोचर के साथ-साथ युति पर नजर डालें तो जून के महीने में जहां एक तरफ बुध का मिथुन राशि में गोचर होने वाला है वहीं इसके कुछ ही देर बाद सूर्य भी मिथुन राशि में आ जाएंगे। ज्योतिष के अनुसार जब भी सूर्य और बुध ग्रह की युति होती है तो इससे बुधादित्य राजयोग का निर्माण होता है।
स्वाभाविक सी बात है दो महत्वपूर्ण ग्रहों की युति से बनने वाला यह राजयोग कुछ राशियों के लिए अनुकूल रहेगा तो कुछ राशियों को उसके प्रतिकूल परिणाम भी उठाने पड़ सकते हैं। बात करें कि मिथुन राशि में सूर्य बुध की युति किन राशियों को लाभ दिलाएगी तो वृषभ राशि, मिथुन राशि, सिंह राशि और कुम्भ राशि के जातकों को बुध सूर्य की युति से विशेष लाभ मिलने की संभावना है।
मिथुन राशि में बुध-सूर्य की युति से वृषभ राशि को लाभ
सबसे पहले जिस राशि को इन महत्वपूर्ण ग्रहों की युति से लाभ मिलने वाला है वह है वृषभ राशि। वृषभ राशि के जातकों को जीवन के कई क्षेत्रों में अनुकूल फल प्राप्त होंगे। आप अपने सुख संसाधनों पर खर्च करेंगे और धन संचित करने में भी कामयाब रहेंगे। आप अपने परिवार के लोगों और प्रियजनों के साथ कहीं दूर छुट्टियां मनाने में जा सकते हैं। नौकरी पेशा जातकों को और इस राशि के व्यापारी जातकों को अच्छा लाभ मिलेगा, करियर में तरक्की होगी और आपके सामाजिक दायरे में बढ़ोतरी होगी। साथ ही इस अवधि में अपने दोस्त बनाने में भी कामयाब रहेंगे।
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मिथुन राशि में बुध-सूर्य की युति से मिथुन राशि को लाभ
दूसरी जिस राशि को सूर्य बुध की युति से लाभ होने वाला है वह है मिथुन राशि। जून का महीना मिथुन राशि के जातकों के लिए भी बेहद खास रहने वाला है। आपको हर काम में सफलता मिलेगी और भाग्य का साथ मिलेगा। कहीं धन अटका हुआ था तो वह वापस मिलने के आसार हैं। बुध ग्रह के प्रभाव से आपकी वाक्पटुता और संवाद शैली में सुधार देखने को मिलेगा और सूर्य आपके मान सम्मान को बढ़ाएगा। साथ ही इस दौरान आपकी नेतृत्व क्षमता भी शानदार रहने वाली है। पारिवारिक जीवन में चल रही अनबन दूर होगी और सेहत में भी सुधार आएगा।
मिथुन राशि में बुध-सूर्य की युति से सिंह राशि को लाभ
तीसरी जिस राशि को बुध सूर्य की युति का लाभ मिलने वाला है वह है सिंह राशि। इस दौरान सिंह राशि के जातकों को विशेष लाभ मिलेगा और आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आप अपने जीवन में सभी जिम्मेदारियां को बखूबी निभाएंगे और अपने आसपास के लोगों को अपनी बातचीत से प्रभावित करने में कामयाब रहेंगे। धन प्राप्ति के नए स्रोत आपके जीवन में आएंगे, आपकी लाइफ स्टाइल में बदलाव दिखेगा, जीवनसाथी के साथ आपके रिश्ते अच्छे रहेंगे और आप एक दूसरे का सहारा बनते हुए सभी कार्य पूरा करेंगे। सिंह राशि के कुछ जातक नया वाहन या जमीन भी खरीद सकते हैं।
मिथुन राशि में बुध-सूर्य की युति से कुंभ राशि को लाभ
आखिरी जिस राशि को इस युति से अपार लाभ मिलेगा वह है कुंभ राशि। इस युति से आपके जीवन में नई ऊर्जा नजर आएगी, बुद्धि और बल का विकास होगा, आप कई प्रभावशाली लोगों के साथ रिश्ते बनाएँगे और आपकी मित्र मंडली में भी इजाफा होगा। करियर और व्यापार में अच्छी तरह के अवसर प्राप्त होंगे और आमदनी के नए स्रोत आपके जीवन में खुलेंगे। बुध ग्रह के शुभ प्रभाव से आपके व्यापार में सफलता मिलेगी और आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनेगी। इस राशि के जो ज्यादा नौकरीपेशा हैं उनके अधिकारियों के साथ रिश्ते अच्छे होंगे और आपको प्रमोशन भी मिलने की उच्च संभावना बन रही है।
आइये अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं बुध का मिथुन राशि में गोचर सभी बारह राशियों कों किस तरह से प्रभावित करने वाला है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1: बुध का मिथुन राशि में गोचर कब होगा?
उत्तर: बुध का मिथुन राशि में गोचर 14 जून को 22:55 पर हो जाएगा।
प्रश्न 2: बुध के मिथुन राशि में गोचर से कौन सा योग बनेगा?
उत्तर: बुध के मिथुन राशि में गोचर से मिथुन राशि में बुध और सूर्य की युति होगी और इससे बुधादित्य योग का निर्माण होगा।
प्रश्न 3: बुध का मिथुन राशि में गोचर किन राशियों के लिए शुभ रहेगा?
उत्तर: मुख्यरूप से वृषभ राशि, मिथुन राशि, सिंह राशि और कुम्भ राशि के जातकों को इस गोचर के शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।
प्रश्न 4: बुध सूर्य की युति से कौन सा योग बनता है?
उत्तर: बुध सूर्य की युति से बुधादित्य योग बनता है और ज्योतिष में इसे बेहद ही शुभ योग माना गया है।
शुक्र-बुध की युति से बनेगा लक्ष्मी नारायण योग, 15 दिन तक इन राशि पर होगी धन-दौलत की बरसात!
शुक्र-बुध युति 2024: हम सब यह भली-भांति जानते हैं कि ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह एक निश्चित समय और अंतराल के बाद अपना राशि परिवर्तन करता है। जब ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो ग्रहों की युति होती हैं जिससे कई तरह के शुभ-अशुभ योगों का निर्माण होता है। इसी क्रम में, अब जल्द ही शुक्र और बुध की युति से एक बेहद शुभ का निर्माण होने जा रहा है। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको शुक्र-बुध की युति और इससे बनने वाले शुभ योग के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, इस योग से किन राशियों के लिए होगी सुनहरे दौर की शुरुआत? इसका जवाब भी आपको इस ब्लॉग में मिलेगा। तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस लेख की और सबसे पहले जानते हैं शुक्र एवं बुध की युति के बारे में।
वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की युति को महत्वपूर्ण माना जाता है जो कि सभी राशियों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने की क्षमता रखती है। अब कुछ दिनों बाद दो बड़े ग्रह शुक्र और बुध एक राशि में एक साथ आने जा रहे हैं और ऐसे में, यह दोनों ग्रह आपस में युति करेंगे। बता दें कि जहाँ 12 जून 2024 की शाम 06 बजकर 15 मिनट पर प्रेम के कारक ग्रह शुक्र मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे, तो वहीं बुद्धि के दाता बुध 14 जून 2024की रात 10 बजकर 55 मिनट पर अपनी ही राशि मिथुन में गोचर करेंगे। इस प्रकार, यह दोनों ग्रह मिथुन राशि में एक साथ मौजूद होंगे। लेकिन, बुध-शुक्र की युति का अंत 29 जून 2024 को बुध के कर्क राशि में गोचर करने के साथ हो जाएगा।
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शुक्र-बुध की युति से बनेगा लक्ष्मी नारायण योग
शुक्र देव और बुध महाराज की युति को बहुत शुभ माना जाता है तथा जब-जब यह दोनों ग्रह किसी राशि में एक साथ आते हैं, तो लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होता है। अब यह दोनों ग्रह मिथुन राशि में एक साथ आएंगे और ऐसे में, लक्ष्मी नारायण योग बनने जा रहे हैं। इस योग को बेहद शुभ माना गया है और मिथुन राशि में लक्ष्मी नारायण योग बनने से कुछ राशियों को देवी लक्ष्मी समेत भगवान विष्णु के आशीर्वाद की प्राप्ति होगी। बता दें कि यह योग जातक को अचानक से धन लाभ करवाता है और मनुष्य को कभी भी धन की कमी नहीं होने देता है। चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि किन राशियों को लक्ष्मी नारायण योग से सबसे ज्यादा लाभ की प्राप्ति होगी।
शुक्र-बुध की युति से बनने वाला लक्ष्मी नारायण योग, इन राशियों को बनाएगा मालामाल
मिथुन राशि
मिथुन राशि का नाम भी उन राशियों में शामिल हैं जिनके लिए बुध-शुक्र की युति से निर्मित होने वाला लक्ष्मी नारायण योग लाभदायक रहने वाला है। यह योग मिथुन राशि के कुछ लोगों को अमीर बनाने का काम करेगा और वहीं, उद्योगपतियों के लिए बुध-शुक्र की युति की अवधि को उत्तम कहा जाएगा। इस राशि के लोगों को भिन्न-भिन्न स्रोतों से धन की प्राप्ति होगी और ऐसे में, आपको कर्ज से छुटकारा मिलेगा। पारिवारिक जीवन की बात करें, तो यह जातक अपने परिवार के साथ कहीं घूमने जाने की योजना बना सकते हैं। साथ ही, यह अवधि धन निवेश के लिए भी अच्छी रहेगी और आपको पर्याप्त मात्रा में रिटर्न की प्राप्ति हो सकेगी।
सिंह राशि के जातकों के लिए मिथुन राशि में बुध और शुक्र की युति से बनने वाला लक्ष्मी नारायण योग बहुत फलदायी साबित होगा। इस राशि के जो जातक सरकारी नौकरी करते हैं, उन्हें इस अवधि में कोई शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है। वहीं, जो लोग बिज़नेस करते हैं, तो उनके लिए यह समय व्यापार में सुधार लेकर आएगा। अगर आप आर्थिक जीवन में समस्याओं का सामना कर रहे थे, तो अब आपकी आर्थिक स्थिति पहले की तुलना में बेहतर होती दिखाई देगी। लेकिन, आपको अपनी सेहत के प्रति सतर्क रहना होगा और साथ ही, धार्मिक कार्यों या पूजा-पाठ में अपने मन को लगाए रखना आपके लिए बेहतर रहेगा।
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध और शुक्र की युति से बन रहा लक्ष्मी नारायण योग अत्यंत शुभ रहेगा। यह अवधि आपको अपार लाभ देने का काम करेगी और इसके परिणामस्वरूप, जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें ग्रहों के शुभ प्रभाव की वजह से बिज़नेस में अच्छा मुनाफा मिलने के योग बनेंगे। आपके जीवन में चल रही समस्याएं अब धीरे-धीरे दूर होने लग जाएंगी। इसके विपरीत, घर-परिवार में हंसी-ख़ुशी का वातावरण बना रहेगा। इस अवधि में स्वयं को तनाव मुक्त और प्रसन्न करने के लिए प्रकृति के साथ समय बिताना अच्छा रहेगा। साथ ही, इन जातकों को अपनी सेहत का ध्यान रखें।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. कुंडली में लक्ष्मी नारायण योग कब बनता है?
उत्तर 1. जब शुक्र और बुध एक राशि में एक साथ आते हैं, तब लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होता है।
प्रश्न 2. बुध और शुक्र की युति कब होगी?
उत्तर 2. मिथुन राशि में बुध और शुक्र ग्रह 14 जून से 29 जून 2024 तक एक साथ रहेंगे।
प्रश्न 3. बुध कौन सी राशि में गोचर करेंगे?
उत्तर 3. बुध 14 जून को अपनी राशि मिथुन में प्रवेश कर जाएंगे।
12 साल बाद बन रहा है गजकेसरी योग, इन लोगों पर बरसेगा खूब पैसा
वैदिक ज्योतिष के अनुसार एक समयावधि के बाद सभी ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं लेकिन इन ग्रहों के गोचर करने का समय अलग-अलग होता है। सभी ग्रहों में शनि एक ऐसा ग्रह है जो सबसे अधिक समय के बाद राशि परिवर्तन करता है और इसके बाद नाम आता है बृहस्पति ग्रह का।
इस समय बृहस्पति वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं और गुरु के गोचर काल में कई ग्रहों के साथ इसकी युति होने वाली है। वहीं गुरु अधिक समय तक एक राशि में रहते हैं इसलिए इनका प्रभाव लोगों के जीवन पर लंबे समय तक रहता है।
अब गुरु और चंद्रमा की युति से गजकेसरी योग बनने जा रहा है। यह एक अत्यंत ही शुभ योग है और ज्योतिष के अनुसार इस योग के प्रभाव से लोगों की जिंदगी में कई तरह की खुशियां आ सकती हैं। हालांकि, इस बार गुरु और चंद्रमा की युति से गजकेसरी योग नहीं बन रहा है बल्कि जब चंद्रमा किसी राशि में प्रवेश करता है और गुरु की उस पर शुभ दृष्टि पड़ रही हो, तब भी इस राजयोग का निर्माण होता है।
इस बार 14 जून को गजकेसरी योग बन रहा है और इस योग से कुछ खास राशियों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है। आपको बता दें कि 14 जून को चंद्रमा सुबह 11 बजकर 54 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे। चंद्रमा 16 जून तक इसी राशि में रहने वाले हैं। गुरु की पंचम दृष्टि चंद्रमा पर पड़ रही है जिससे गजकेसरी योग बन रहा है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
जानिए क्या होता है गजकेसरी योग
जब गुरु चंद्रमा से केंद्र स्थान यानी पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में हो, तो इस स्थिति में गजकेसरी योग बनता है। कुंडली में केंद्र को सबसे शक्तिशाली स्थिति माना जाता है। यह भाव आपके जीवन का एक प्रमुख स्तंभ होता है। अगर केंद्र मज़बूत हो, तो जातक अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है और सभी अड़चनों को पार करने में सफल होता है।
अगर गुरु और चंद्रमा की कर्क राशि में युति हो और कोई अशुभ दृष्टि न पड़ रही हो, तो इसे सबसे शक्तिशाली गजकेसरी योग माना जाता है क्योंकि कर्क स्वयं चंद्रमा की राशि है और गुरु की उच्च राशि है। इस योग के बनने पर व्यक्ति को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
वहीं अगर चंद्रमा और गुरु केंद्र भाव में हों और इनकी एक-दूसरे पर दृष्टि पड़ रही हो, तो इस स्थिति में शुभ गजकेसरी योग बनता है। यदि गुरु की चंद्रमा पर पंचम, सप्तम और नवम भाव से दृष्टि पड़ रही हो, तो जातक को अपार संपत्ति मिलती है।
तो चलिए अब जानते हैं कि जून में बन रहे गजकेसरी योग से किन राशियों को सबसे अधिक लाभ मिलने की संभावना है।
कर्क राशि में गुरु की पंचम दृष्टि तीसरे भाव पर पड़ रही है। आपको इस समय भाग्य का पूरा साथ मिलने वाला है। आप नए कार्यों को पूरे जोश और उत्साह के साथ करेंगे। आप पूरे मन से काम करेंगे और आपको अपने कार्यों में सफलता भी प्राप्त होगी। आपके अपने भाई-बहन के साथ रिश्ते मज़बूत होंगे।
करियर को लेकर आप सही निर्णय ले पाएंगे और आपके मन में चल रही उलझनें अब खत्म होंगी। ऑनलाइन बिज़नेस शुरू करने से आपको सफलता मिल सकती है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा है, तो आपको इसके लिए विदेश जाने का मौका मिल सकता है। आपके लिए तीर्थयात्रा के योग भी बन रहे हैं।
मिथुन राशि से चंद्रमा चौथे भाव में प्रवेश करेंगे। यह समय आपके लिए बहुत ज्यादा शुभ और फलदायी साबित होगा। आपकी सुख-सुविधाओं में इज़ाफा होगा और अब आपका मानसिक तनाव भी कम हो सकता है। परिवार में सुख-शांति का माहौल रहेगा। यदि प्रॉपर्टी को लेकर कोई विवाद चल रहा है, तो अब वह भी समाप्त हो जाएगा।
आप अपने लिए घर या वाहन आदि खरीद सकते हैं। संतान की ओर से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। कार्यक्षेत्र में आपके उच्च अधिकारी आपसे प्रसन्न होंगे।
धनु राशि के दसवें भाव में गजकेसरी योग बनने जा रहा है। आपको सभी प्रकार के भौतिक सुख प्राप्त होंगे। नौकरीपेशा जातकों के लिए भी अच्छा समय है। करियर में उन्नति पाने के लिए आप जो भी प्रयास कर रहे हैं, उसमें आपको सफलता मिलेगी। आप कोई नया काम शुरू कर सकते हैं।
समाज में आपका मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ेगी। आपके अपने कार्यक्षेत्र में उच्च अधिकारियों से अच्छे संबंध बनेंगे। आपको सरकार की तरफ से धन लाभ के योग बन रहे हैं। व्यापारियों के लिए भी लाभ का समय है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. गजकेसरी योग बनने से क्या होता है?
उत्तर. व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
प्रश्न. 2024 में किस राशि में गजकेसरी योग बन रहा है?
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
मिथुन राशि में एक साथ होंगे शुक्र-सूर्य-बुध, जानें 12 राशियों पर शुभ व अशुभ प्रभाव
एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको सूर्य, शुक्र और बुध की मिथुन राशि में युति के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि इस युति का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रभाव से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को इस युति से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि सूर्य, शुक्र व बुध की युति 15 जून 2024 को मिथुन राशि में होने जा रही है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।
किसी भी व्यक्ति में सूर्य-बुध-शुक्र की युति एक आकर्षक व्यक्तित्व को दर्शाती है। जिन जातकों की कुंडली में यह युति बनती है वे सभी प्रकार के विषयों में अपनी राय रखना पसंद करते हैं। ऐसे जातकों को रचनात्मक कार्यों को करने में शांति व संतुष्टि प्राप्त होती है। ये जातक जब किसी से संवाद करते हैं तो लोग इनके ऊंचे स्वरों से इनकी ओर जल्द आकर्षित हो जाते हैं। सूर्य, शुक्र व बुध की यह युति मिथुन राशि में हो रही है और मिथुन राशि संचार का प्रतीक है इसलिए इस अवधि के दौरान जातक में ये गुण देखने को मिलेंगे। बुध और शुक्र एक मित्र राशि है लेकिन सूर्य दोनों के प्रति शत्रुता का भाव रखते हैं और इसके चलते दोनों ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा कम हो जाती है। जिन लोगों के एक ही भाव में ये तीन ग्रह होते हैं, वे बहुत अधिक क्रोधी और फिजूल की बातें करने वाले होते हैं।
इसके अलावा, नकारात्मक पक्ष की बात करें तो, ये जातक दूसरों के प्रति ईर्ष्या का भाव रखते हैं। ये लोग बेवजह की यात्रा करने में अपना समय व्यतीत कर सकते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि ये जातक आकर्षक, संचारी और मधुर वाणी बोलने में चतुर होते हैं, लेकिन ये घर से भागने, गैर-धार्मिक प्रवृत्ति, अवैध संबंध जैसी बुराइयों और असामाजिक गतिविधियों में भी लिप्त हो सकते हैं। इन जातकों को कई बार लोगों के बुराइयां और दुखों का सामना करना पड़ता है और यह इसलिए क्योंकि ये अपने ज्ञान और संबंधों का दुरुपयोग करने की आदत और सिर्फ अपनी परवाह करने की प्रवृत्ति रखते हैं।
हालांकि यह युति अत्यंत शानदार और सृजनात्मक युति है। बुध और शुक्र कुशल और रचनात्मक ग्रह हैं। सूर्य आत्मा के कारक हैं इसलिए इन व्यक्तियों को रचनात्मक गतिविधियों में शांति मिलती है। ये अक्सर रचनात्मक से जुड़े क्षेत्र में करियर बनाना पसंद करते हैं या अपने शौक को करियर में बदलते हैं। यह युति अक्सर संगीतकारों, कलाकारों, डिजाइनरों आदि की कुंडली में होती है।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
जानें शुभ ग्रहों की युति से कौन से राजयोगों का होता है निर्माण
यह युति अक्सर कई कलाकारों, अभिनेताओं और गायकों की कुंडली में मौजूद होती है। यह युति अमिताभ बच्चन, रवीना टंडन आदि की कुंडलियों में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। आइए हम 90 के दशक की प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन की कुंडली का उदाहरण लेकर जानते हैं।
यदि हम रवीना टंडन की कुंडली देखें तो यह धनु लग्न की हैं और शुक्र-सूर्य-बुध एक साथ इनके ग्यारहवें भाव में मंगल के साथ युति कर रहे हैं। उनकी कुंडली में कई राजयोग मौजूद हैं जैसे कि तीसरे भाव में गजकेसरी राजयोग, दसवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी शुक्र और बुध की युति एक राजयोग बनाती है, जिसे लक्ष्मी योग के रूप में जाना जाता है। सूर्य और बुध बुधादित्य योग का निर्माण करते हैं। वहीं सूर्य और शुक्र ग्रह से नीच भंग राजयोग बनता है। इन ग्रहों के साथ मंगल की युति भी कालाकार योग को जन्म देती है और यह तो सभी जानते हैं कि रवीना टंडन अपने समय की काफी मशहूर अभिनेत्री रह चुकी हैं।
बता दें कि इस बार शुक्र-बुध-सूर्य की युति मिथुन राशि में होने जा रही है और इसके चलते त्रिग्रही योग सहित दो अन्य राजयोगों का निर्माण होगा। सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य राजयोग। शुक्र-बुध की युति से लक्ष्मी नारायण राजयोग। यदि बुध केंद्र भाव (पहले, चौथे, सातवें, और दसवें) में स्वराशि में मौजूद हो तो भद्र राजयोग का निर्माण होता है।
मिथुन राशि में शुक्र-सूर्य-बुध: सभी राशियों पर प्रभाव
मेष राशि
सूर्य आपके पांचवें भाव पर, शुक्र दूसरे और सातवें भाव पर और बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। यह युति मेष राशि के जातकों के तीसरे भाव में बनेगी। तीसरे भाव में बुध और शुक्र की युति के अनुकूल प्रभाव के कारण मेष राशि के जातकों के लिए कई लाभकारी परिणाम प्राप्त होंगे। मेष राशि के जातकों की कुंडली में इस युति के बनने के परिणामस्वरूप, ये बहुत उत्कृष्ट संचारक होते हैं। स्वभाव में सामाजिक और आकर्षक होने के चलते आपके भाई-बहनों, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ आपके रिश्ते बेहतर होंगे। यह युति आपको बुद्धिमान, चतुर और कूटनीतिक बनाकर आपके स्किल्स को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
मेष राशि के जो जातक लेखन, शिक्षा, सार्वजनिक रूप से बोलना और पत्रकारिता जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, उनके लिए यह युति बहुत अधिक लाभकारी साबित होगी। वे अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करेंगे। यह युति एक आकर्षक और शक्तिशाली व्यक्तित्व का निर्माण करता है।
वृषभ राशि
शुक्र-बुध-सूर्य इन तीन सकारात्मक ग्रहों की युति वृषभ राशि के जातकों के लिए कमाई के दूसरे भाव में होगी। इस युति के परिणामस्वरूप आपकी वाणी में मधुरता और सकारात्मकता देखने को मिलेगी, जिससे आप व्यक्तिगत और व्यावसायिक रूप से तेज़ी से आगे बढ़ेंगे। परिवार के सदस्यों के साथ आपके रिश्ते बेहतर होंगे। पारिवारिक झगड़े भी सुलझ सकते हैं। आर्थिक जीवन में आपको स्थिरता देखने को मिलेगी। आशंका है कि आपके वेतन में भी वृद्धि हो। व्यापार में लाभ के अवसर मिलेंगे और कार्यक्षेत्र का माहौल शानदार रहेगा। जीवनसाथी के साथ भी आपके रिश्ते बेहतर होंगे। यदि आप अविवाहित हैं तो विवाह के योग बन सकते हैं।
मिथुन राशि
मिथुन राशि में पहले भाव में सूर्य, बुध और शुक्र की युति बहुत लाभकारी प्रभाव डाल सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सूर्य, बुध और शुक्र सभी शुभ ग्रह हैं, और पहला भाव स्वयं का भाव होता है। बुध आपकी कुंडली के पहले और चौथे भाव के स्वामी होने के कारण आपके आत्मविश्वास में वृद्धि करेगा, समाज में सम्मान मिलेगा और आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा। आप समाज में अपना अलग स्थान बनाने में सफल रहेंगे।
शुक्र और सूर्य पांचवें और तीसरे भाव के स्वामी होने के कारण आपके व्यक्तित्व में और अधिक आकर्षक देखने को मिलेगा। यदि आप मीडिया, साहित्य या किसी अन्य कलात्मक क्षेत्र में काम करते हैं, तो इस अवधि के दौरान आपके स्किल्स में बहुत अधिक सुधार देखने को मिलेगा। यह अवधि खुद का व्यापार करने वाले जातकों के लिए शानदार साबित होगी। आपका कारोबार तेज़ी से बढ़ेगा। हालांकि, नौकरीपेशा जातकों को बहुत अधिक मेहनत करने पर ध्यान देना होगा। इस अवधि आपको अपनी संतान पर कड़ी नज़र रखने की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि उसकी संगति खराब होने की संभावना है।
कर्क राशि वालों के लिए शुक्र-सूर्य-बुध की युति बारहवें भाव में होगी। यह आपके लिए बहुत सकारात्मक संयोग नहीं कहा जा सकता है। इस अवधि के दौरान आप विदेश यात्रा पर जा सकते हैं लेकिन आपको विदेश से सकारात्मक परिणाम प्राप्त न होने की संभावना है। इसके अलावा, आपकी यात्रा में कुछ देरी हो सकती है। यह युति आपके बारहवें में होगी और इसके परिणामस्वरूप, कन्या राशि के जातकों को आर्थिक जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है या आपको वित्तीय नुकसान हो सकता है। आप कुछ मामलों में झूठ बोल सकते हैं या लोगों से कोई बड़ी सच्चाई छिपा सकते हैं। यह युति कर्क राशि के कुछ जातकों के लिए सामाजिक अपमान ला सकती है।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं। बुध आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और सूर्य लग्न के स्वामी हैं। मिथुन राशि में ग्यारहवें भाव में शुक्र-बुध-सूर्य की युति हो रही है। इसके परिणामस्वरूप, आपकी वाणी में मधुरता देखने को मिलेगी और तार्किक होकर विचार करेंगे। इसके साथ ही, दूसरों के साथ व्यवहार करते समय आपके अंदर विनम्रता देखने को मिलेगी और इस तरह आपके व्यक्तित्व में आकर्षण देखने को मिलेगा।
कुल मिलाकर सिंह राशि के जातकों के कुंडली में यह युति बेहतर संचार का आशीर्वाद प्रदान करेगी, जिसके चलते आपको प्रेम जीवन में भी सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। आप सबसे प्रतिभाशाली लेखकों, संगीतकारों और अभिनेताओं में से एक हो सकते हैं। यह एक अत्यंत शुभ संयोग है। इसके अलावा, सिंह राशि के जातकों को इस अवधि के दौरान पदोन्नति के साथ-साथ नौकरी में अच्छे अवसर प्राप्त हो सकते हैं, जिससे आपकी वित्तीय में स्थिरता आएगी।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र-बुध-सूर्य की युति यह दर्शाती है कि बुध बुद्धि का ग्रह है और शुक्र सौंदर्य और रिश्तों का ग्रह है जबकि सूर्य हमारे अहंकार और आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है। जब शुक्र, बुध और सूर्य एक साथ युति में होते हैं तो यह बहुत शुभ और लाभकारी परिणाम प्रदान करते हैं क्योंकि सभी ग्रह एक-दूसरे की जीवंत ऊर्जा और रचनात्मकता को बढ़ाने की क्षमता रखते हैं। साथ ही, कला, स्किल्स, संगीत और रोमांस जैसे गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस युति के फलस्वरूप कन्या राशि के जातक व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों क्षेत्रों में अपनी रचनात्मकता, बुद्धिमत्ता और संचार के बल पर अच्छा धन अर्जित करने में सक्षम होंगे और साथ ही, उन्हें सफलता भी प्राप्त होगी।
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तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र-सूर्य-बुध की युति नौवें भाव में होगी। ये जातक इस अवधि आमतौर पर महंगे खेल या खेल खेलने के इच्छुक होंगे। शुक्र और बुध पहले और नौवें भाव के स्वामी हैं, सूर्य ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। यह युति आपके नौवें भाव में होगी। इसके परिणामस्वरूप, व्यक्ति संगीत, ब्यूटी पार्लर, फिल्म, चार्टर्ड अकाउंटेंसी, लेखन आदि के माध्यम से अच्छी कमाई करने में सक्षम होंगे। इन क्षेत्रों में काम करने वाले व्यक्तियों को करियर में तरक्की देखने को मिलेगी और आपकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार देखने को मिलेगा। जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उन्हें दोगुना मुनाफा होगा।
चूंकि यह युति आपके नौवें भाव में बन रही है इसलिए आपको निश्चित रूप से लंबी और छोटी दूरी की यात्राएं करनी पड़ सकती है और इस बात की भी प्रबल संभावना है कि आपको विदेश जाने का भी मौका मिले। तुला राशि के जो छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने की इच्छा रख रहे हैं, उनकी यह इच्छा पूरी होगी। आप व्यावसायिक या घूमने के लिए विदेश यात्रा पर जा सकते हैं क्योंकि बुध बारहवें भाव के स्वामी भी हैं।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के आठवें भाव में बुध, शुक्र और सूर्य की युति होने से इस दौरान आप रिसर्च के क्षेत्र में बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे। यह युति आपको अद्भुत संचार क्षमता प्रदान कर सकती है और यदि आप एक स्टैंड अप कॉमेडियन हैं तो यह अवधि आपके करियर को समर्थन दे सकती है। इस गोचर के दौरान आपको अपने कार्यस्थल पर सहकर्मियों का सहयोग प्राप्त होगा। हालांकि, आपको याद रखना चाहिए कि मजाक में भी किसी का मज़ाक न उड़ाएं, क्योंकि किसी के दिल को ठेस पहुंच सकती है और वह आपसे नाराज़ हो सकता है और आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
तीन ग्रहों की यह युति आपके पारिवारिक जीवन में सौहार्द्र प्रदान करेगी क्योंकि ये सभी ग्रह दूसरे भाव पर सीधी दृष्टि डालेंगे। व्यावसायिक दृष्टिकोण से यह समय बेहद उत्तम समय रहेगा।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए वाणी और संचार का ग्रह बुध, चौथे भाव के स्वामी शुक्र और नौवें भाव के स्वामी सूर्य सातवें भाव में स्थित होंगे। व्यापार, सौंदर्य और स्वयं के कारक ये तीन ग्रह जैसे ही सातवें भाव में प्रवेश करेंगे, आपका व्यापार दिन दूना रात चौगुना फलेगा-फूलेगा। आपका परिचय नए-नए लोगों से होगा जो आपके बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपकी मदद करेंगे।
यदि आप खुद का व्यवसाय करते हैं, तो आपको बहुत अधिक मुनाफा होगा और यदि आप पार्टनरशिप में व्यवसाय कर रहे हैं, तो कोई नया पार्टनर आपके साथ जुड़ सकता है और उनके साथ आपके संबंध भी काफी अच्छे बने रहेंगे। हालांकि, सावधान रहें क्योंकि ऐसा समय भी आ सकता है जिससे आपके रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं और इसका बुरा असर आपके व्यवसाय पर पड़ सकता है। इस युति से उन लोगों को भी लाभ होगा जो नौकरीपेशा हैं।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए सूर्य-बुध-शुक्र की युति प्रतियोगिता के छठे भाव में होगी। ग्रहों का यह संयोग आपके आत्मविश्वास में वृद्धि करेगा, समाज में मान-सम्मान बढ़ाएगा और आपके सामाजिक दायरे का विस्तार करेगा। आप समाज में अपना अलग स्थान बनाने में सफल रहेंगे। यदि आप मीडिया, साहित्य या किसी अन्य कलात्मक क्षेत्र से जुड़े है, तो इस अवधि में आपके स्किल्स में शानदार सुधार देखने को मिलेगा। खुद का व्यवसाय करने वाले जातकों के लिए एक उत्कृष्ट अवधि साबित होगी। आपका कारोबार तेज़ी से बढ़ेगा। हालांकि, नौकरीपेशा लोगों को अधिक मेहनत करने पर ध्यान देना होगा।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए बुध-शुक्र-सूर्य की युति आपके पांचवें भाव में होगी। तीनों ग्रह आपके ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डालेंगे। इसके परिणामस्वरूप, कार्यस्थल पर अपने वरिष्ठों के साथ आपके संबंध मधुर होंगे और आपको इससे लाभ होगा। इसके चलते आपको पदोन्नति प्राप्त हो सकती है। इस दौरान आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा और आप सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय रहेंगे।
कुंभ राशि के छात्र इस अवधि एक चित्त होकर अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जिसके चलते आप पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे और आपको अच्छे परिणाम भी प्राप्त होंगे। इस युति के फलस्वरूप, अपने बच्चों के साथ आपका रिश्ता बेहतर होगा। हालांकि, कोशिश करें कि आपके बच्चे के अंदर अहंकार की भावना न आए क्योंकि सूर्य की उपस्थिति से ऐसा होने की संभावना है।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र-सूर्य-बुध की युति चौथे भाव में होगी और इसके परिणामस्वरूप, आपको जीवन में अचानक वृद्धि प्राप्त होगी। ये सभी ग्रह करियर के दसवें भाव पर सीधी दृष्टि डालेंगे और कार्यस्थल पर आपकी प्रतिष्ठा बढ़ाएं और आप उच्च मूल्य स्थापित करने में सक्षम होंगे। आपकी नेतृत्व करने की क्षमता बेहतरीन होगी। कार्यक्षेत्र में आप महत्वूपर्ण भूमिका निभाएंगे।
जैसे ही यह युति विलासिता के चौथे भाव में होगी, आपकी सामाजिक स्थिति में वृद्धि होगी। इस बात की अच्छी संभावना है कि आप इस अवधि ज़मीन, संपत्ति या वाहन खरीदें। आपकी सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। यदि आप रचनात्मक क्षेत्रों में अपना करियर बनाने वाले व्यक्ति हैं तो यह आपके करियर के लिए बहुत अच्छा समय होगा।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों
प्रश्न 1. सूर्य-बुध-शुक्र की युति व्यक्ति को क्या गुण देती है?
उत्तर. यह युति व्यक्ति को आकर्षक और रचनात्मक बनाती है।
प्रश्न 2.क्या यह युति व्यक्तियों को प्रसिद्धि दिलाती है?
उत्तर. जी हां, कई मशहूर हस्तियों की कुंडली में यह योग मौजूद होता है।
प्रश्न 3. क्या सूर्य और शुक्र एक दूसरे के मित्र हैं?
उत्तर. नहीं, सूर्य और शुक्र शत्रु ग्रह हैं लेकिन फिर भी सकारात्मक परिणाम देते हैं।
प्रश्न 4. शुक्र का मिथुन राशि में गोचर कब होगा?
उत्तर. शुक्र का मिथुन राशि में गोचर 12 जून 2024 को होगा।
दो शुभ ग्रह बृहस्पति और बुध की युति से होने जा रहा है चमत्कार, इन राशियों का साथ देगा भाग्य!
ज्योतिष में देवगुरु बृहस्पति और बुध ग्रह को बेहद शुभ माना गया है। अब यह दोनों ग्रह एक साथ नज़र आ रहे हैं। पूरे 12 साल के बाद वृषभ राशि में इन दोनों ग्रहों की युति बन रही है। जब यह दोनों ग्रह साथ आ जाते हैं तो इस दौरान कइयों की किस्मत पलट देते हैं और धन की वर्षा कर देते हैं। साथ ही, मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है और विरोधियों के चारों खाने चित हो जाते हैं। देवगुरु बृहस्पति इस समय वृषभ राशि में पहले से ही गोचर कर चुके हैं और बुध यहां 31 मई को गोचर कर चुके हैं।
बुध ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में नवग्रहों का राजकुमार कहा जाता है। इन्हें व्यक्ति की तर्क शक्ति और सेंस ऑफ ह्यूमर का कारक माना जाता है। जिन जातकों की कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होती है ऐसे लोगों की कम्युनिकेशन स्किल बहुत गजब की होती है। ये लोग अच्छे अध्यापक, वक्ता, वकील, जज, बिजनेसमैन भी होते हैं क्योंकि बुद्ध को बिजनेस का कारक भी माना जाता है।
दूसरी तरफ देवगुरु बृहस्पति की यदि बात की जाए तो देव गुरु बृहस्पति हमारे इस ब्रह्मांड के सबसे बड़े ग्रह हैं। यह एक ऐसे ग्रह हैं जो हमारे जीवन को प्रगति की राह दिखाते हैं। इन्हें ज्ञान, कर्म, धन, पुत्र और विवाह का कारक माना जाता है। देव गुरु बृहस्पति हमारे आध्यात्मिक ज्ञान व हमारी बुद्धि को निर्देशित करते हैं और जिस जातक पर ये प्रसन्न होते हैं, उसे जिंदगी में किसी चीज की कमी नहीं रहती। साथ ही, समाज में खूब मान-सम्मान प्राप्त करते हैं। अब यह दोनों ग्रहों की युति कई राशियों के लिए शुभ साबित होगी। कुछ राशियों को इस दौरान भाग्य का साथ मिल सकता है और उन पर छप्पर फाड़ कर धन की वर्षा हो सकती है। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किन जातकों को बृहस्पति और बुध की युति से लाभ होने वाला है।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
इन जातकों पर होगी बृहस्पति और बुध की कृपा
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध और बृहस्पति की युति बेहद शानदार साबित होगी। करियर के लिहाज़ से, यदि आप नौकरीपेशा हैं तो आपके लिए यह अवधि बहुत अधिक शानदार रहेगी। ऐसे में, आप करियर के क्षेत्र में प्रगति हासिल करने में सक्षम होंगे। व्यापार की बात करें, तो जिन जातकों का अपना व्यापार है, वह इस अवधि में बहुत ही अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे। मेष राशि के जातकों के आर्थिक जीवन के लिए यह अवधि बहुत अनुकूल रहेगी। इस दौरान आप लाभ कमाने के साथ-साथ धन की बचत भी कर सकेंगे। आपके रिश्ते में बहुत अधिक प्रेम देखने को मिलेगा। आप और आपका पार्टनर एक-दूसरे के बेहद करीब आएंगे। साथ ही, मजबूत होगी।
आपका स्वास्थ्य इस दौरान काफ़ी अच्छा रहेगा और ऐसे में, आप उत्तम स्वास्थ्य का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे। आपने अपने ऊपर जो मेहनत की है वह रंग लाती हुई नज़र आएगी। इस दौरान आपको भाग्य का साथ मिलेगा और अपने भाग्य की वजह से आप कार्यक्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे। यदि आप प्रमोशन या वेतन वृद्धि का इंतजार कर रहे हैं, तो आपको सफलता मिलने की पूरी संभावना है।
बृहस्पति और बुध की युति वृषभ राशि के लिए धन लाभ लेकर आई है। इस अवधि आपको जीवन के हर पहलुओं पर सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। आपके करियर की बात करें, तो आपको नए अवसरों की प्राप्ति होगी और संभव है कि आपका ज्यादातर समय यात्राओं में बीतेगा और इन यात्राओं से आपके उद्देश्यों की पूर्ति होगी। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें व्यापार की अच्छी समझ होने वजह से अच्छा ख़ासा लाभ मिलने की संभावना है। यदि आप पार्टनरशिप में व्यापार कर रहे हैं तो आपको साक्षेदारी से बहुत अधिक लाभ होगा। आर्थिक जीवन के लिहाज़ से, आप ज्यादा से ज्यादा धन कमाने के साथ-साथ बचत भी कर सकेंगे।
यदि आपने कोई निवेश किया है तो आपको इस अवधि उसके अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं और यह अवधि शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए बेहतर साबित होगी। प्रेम जीवन की बात करें, तो इस दौरान आप और पार्टनर एक-दूसरे से अपने विचारों को शेयर करते हुए दिखाई देंगे। साथ ही, एक दूसरे का साथ बेहतरीन समय व्यतीत करेंगे। स्वास्थ्य के लिहाज़ से आपकी सेहत इस अवधि उत्तम रहेगी और ऐसे में, आप ऊर्जा से भरा हुआ महसूस करेंगे।
तुला राशि के जातकों के लिए यह अवधि किसी सुनहरे अवसर से कम नहीं साबित हो रही है। बृहस्पति और बुध की कृपा से आपको अधिक से अधिक यात्रा करने का अवसर प्राप्त होगा। यदि आप विदेश जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो उस अवधि आप उड़ान भरेंगे। इसके अलावा, आप आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ अधिक झुकाव रखेंगे और धर्म-कर्म के कामों में आगे बढ़ेंगे। आपके करियर की बात करें, तो इस राशि के नौकरीपेशा जातकों के लिए यह अवधि अनुकूल रहेगी और आपको नौकरी के नए अवसरों की प्राप्ति होगी।
जिन जातकों का अपना व्यापार है, वह इस अवधि में अच्छा लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे। तुला राशि के जातकों के आर्थिक जीवन के लिए इस समय को अनुकूल कहा जाएगा क्योंकि आप धन कमाने के साथ-साथ पैसों की बचत कर सकेंगे। प्रेम जीवन के लिहाज़ से, यह अवधि आपके और पार्टनर के रिश्ते को आगे बढ़ाने का काम करेगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से, तुला राशि के जातक इस अवधि में अच्छी सेहत का आनंद लेते हुए नज़र आएंगे।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति और बुध की युति बहुत अधिक अनुकूल साबित हो रही है। इसके परिणामस्वरूप, आपके जीवन में बिना किसी चुनौतियों के आगे बढ़ेंगे और आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी। कुंभ राशि वालों के करियर के लिए यह अवधि अनुकूल साबित होगी। ऐसे में, आप अपने काम से संतुष्ट दिखाई देंगे। इस राशि के जिन जातकों का अपना व्यापार है, वह काफी लाभ कमाने में सक्षम होंगे और फलस्वरूप, आपको संतुष्टि महसूस होगी।
आर्थिक जीवन की बात करें तो, आपको बाहरी स्रोतों के माध्यम से अप्रत्याशित धन की प्राप्ति होगी जिसके चलते आप बचत करने में भी सक्षम होंगे। प्रेम जीवन की बात करें तो आपके और पार्टनर के बीच आकर्षण बना रहेगा और इस वजह से आपके रिश्ते में मधुरता देखने को मिलेगी। साथ ही, आप इस अवधि का भरपूर आनंद लेने में सक्षम होंगे। स्वास्थ्य के लिहाज़ से, आप उत्तम स्वास्थ्य का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे। इसके फलस्वरूप, आप जोश और उत्साह से भरे रहेंगे।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. बृहस्पति और बुध एक साथ होने पर क्या होता है?
उत्तर 1. बुध और बृहस्पति की युति के तहत पैदा हुए व्यक्तियों में बुद्धि, जिज्ञासा और आशावाद का मिश्रण होता है।
प्रश्न 2. क्या बुध और बृहस्पति का शत्रु है?
उत्तर 2. बुध और बृहस्पति दोनों तटस्थ हैं।
प्रश्न 3. बुध ग्रह मजबूत होने से क्या होता है?
उत्तर 3. कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होने पर जातक को जीवन में ऊंचा मुकाम हासिल होता है।
प्रश्न 4. बुध और गुरु की युति से कौन सा योग बनता है?
उत्तर 4. मान्यता है कि बुध और गुरु की युति से नवपंचम राजयोग का निर्माण होता है।
अगले साल तक बृहस्पति रहेंगे वृषभ में, इन राशियों पर बरसाएंगे अपनी कृपा; धन की नहीं होगी कमी!
बृहस्पति गोचर 2024: वैदिक ज्योतिष में गुरु ग्रह को शुभ एवं लाभकारी ग्रह माना जाता है जो कि लगभग एक वर्ष में अपना राशि परिवर्तन करते हैं इसलिए इनकी चाल, दशा या स्थिति में बदलाव देखने को मिलता है, तो इसका प्रभाव संसार के सभी प्राणिंयों को प्रभावित करता है। सिर्फ इतना ही नहीं, जब देवगुरु बृहस्पति की शुभ दृष्टि किसी राशि या भाव पर पड़ती है, तब भी व्यक्ति को सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होती है। इसी प्रकार, एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको रूबरू करवाएगा कि बृहस्पति गोचर 2024 से किन राशियों को होगा फायदा। साथ ही तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस विशेष लेख की और सबसे पहले जानते हैं कि गुरु ग्रह के गोचर की तिथि और समय के बारे में।
जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि गुरु ग्रह का गोचर एक वर्ष के बाद होता है और यह पिछले महीने यानी कि 01 मई, की दोपहर 02 बजकर 29 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर कर गए थे और अब यह इस राशि में अगले साल 14 मई 2025 तक विराजमान रहेंगे। बता दें कि वृषभ राशि के स्वामी शुक्र ग्रह हैं और ऐसे में, बृहस्पति देव के पूरे एक साल तक शुक्र की राशि में रहने पर यह कुछ राशि के जातकों को सकारात्मक परिणाम दे सकते हैं। इस एक साल के दौरान गुरु देव वक्री, अस्त, उदय और मार्गी भी होंगे। ऐसे में, यह कुछ राशि वालों के जातकों के जीवन में परिवर्तन लेकर आ सकते हैं। आगे बढ़ते हैं और आपको अवगत करवाते हैं कि बृहस्पति किन राशियों के जीवन को खुशियों से भर देंगे।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
2025 तक गुरु ग्रह इन राशियों के जीवन को भर देंगे धन-धान्य, सुख एवं संपत्ति से
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए गुरु ग्रह का वृषभ राशि में गोचर फलदायी साबित होगा। इस अवधि में लंबे समय से रुके या अटके हुए काम बनने लगेंगे। साथ ही, धन-संपदा में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। बता दें कि मेष राशि के जातकों के लिए गुरु महाराज आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। कुंडली में नौवा भाव भाग्य का होता है और वृषभ राशि में गोचर करके 2025 तक यह आपकी राशि के दूसरे भाव में रहेंगे। इसके परिणामस्वरूप, इन जातकों को हर कदम पर भाग्य का साथ मिलेगा और आपकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर होगी। इन लोगों के बैंक-बैलेंस में बढ़ोतरी होगी जिसके चलते आप धन की बचत करने में भी सक्षम होंगे।
इस राशि के लोगों का समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा और पारिवारिक जीवन में भी परिवार के सदस्यों में प्रेम बना रहेगा। साथ ही, परिवार में आपको कोई शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है। जिन लोगों का अपना व्यापार है, उनका बिज़नेस तेज़ी से आगे बढ़ेगा और आपके काफ़ी समय से रुके हुए प्रोजेक्ट अब पूरे हो सकते हैं। मेष राशि के दूसरे भाव में उपस्थित बृहस्पति की दृष्टि आपके छठे, आठवें और दसवें भाव पर होगी। इसके फलस्वरूप, इन लोगों को पुराने कर्ज से आज़ादी मिलेगी। मेष राशि के छात्र शिक्षा में अपार सफलता हासिल करेंगे और नए-नए दोस्त बनाते हुए भी दिखाई देंगे। करियर में भी आप ऊंचाइयां छूएंगे, तो वहीं आप पार्टनर के साथ कीमती समय बिताएंगे।
वृषभ राशि वालों के लिए बृहस्पति देव आपकी कुंडली में आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह गोचर करके आपके पहले/लग्न भाव में मौजूद होंगे और इसके फलस्वरूप, इन जातकों के लिए गुरु देव शुभ फल लेकर आएंगे। अगर आपका संबंध रिसर्च, ज्योतिष या गुप्तचर से जुड़े क्षेत्रों से है, तो आप ख़ूब सफलता हासिल करेंगे। साथ ही, आपका झुकाव अध्यात्म के प्रति बढ़ेगा और इस समय को आपकी आर्थिक स्थिति के लिए भी अच्छा कहा जाएगा।
गुरु आपके ग्यारहवें भाव के स्वामी होने की वजह से आपको अच्छा ख़ासा धन लाभ करवाएंगे। इन लोगों को आय में वृद्धि के नए स्रोत प्राप्त होंगे। लेकिन, आपको सेहत को लेकर सावधान रहने की सलाह दी जाती है, अन्यथा आपकी परेशानियां बढ़ सकती हैं। आपका प्रेम और वैवाहिक जीवन गुरु महाराज के आशीर्वाद से प्रेम से गुलज़ार रहेगा। जिन जातकों के वैवाहिक जीवन में समस्याएं चल रही थी, अब वह दूर हो जाएंगी। इसके विपरीत, गुरु ग्रह की नौवीं दृष्टि भाग्य भाव पर पड़ने से आपके धार्मिक यात्राओं पर जाने के योग बनेंगे और ऐसे में, आप खुश एवं संतुष्ट दिखाई देंगे।
कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु महाराज आपके नौवें व छठे भाव के स्वामी हैं जो कि वृषभ राशि में गोचर करके आपके ग्यारहवें भाव में जा रहे हैं। इसके फलस्वरूप, इन जातकों की किस्मत का तारा बुलंदियों पर होगा और आपकी इच्छाओं के पूरे होने में जो समस्याएं आ रही थी, अब वह दूर हो जाएंगी। इस राशि के छात्र पढ़ाई में खूब प्रसिद्धि हासिल करेंगे और साथ ही, बृहस्पति देव जीवन के विभिन्न आयामों में कामयाबी दिलाने का काम करेंगे। समाज में आपके मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी।
इन जातकों के अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रिश्ते मधुर बने रहेंगे। यह जातक करियर के क्षेत्र में ख़ूब सफलता प्राप्त करेंगे। साथ ही, बृहस्पति देव की ग्यारहवें भाव में दृष्टि आपके तीसरे, पांचवें और सातवें भाव पर पड़ रही होगी। इसके फलस्वरूप, अगर आपका खुद का व्यापार है, तो आपको कारोबार में अच्छा मुनाफा मिलेगा। इन लोगों के भाई-बहनों के साथ संबंधों में मिठास बनी रहेगी और आपके जीवन में जो परेशानियां चल रही थी, अब उनका अंत हो जाएगा। गुरु गोचर की अवधि में आप पर्याप्त मात्रा में पैसा कमाने में सक्षम होंगे।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए देव गुरु आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, गुरु का यह गोचर आपके लिए अनुकूल रहेगा क्योंकि इस अवधि में व्यापार में नए अवसर मिलेंगे। साथ ही, नौकरी में तरक्की और काम में की गई मेहनत के लिए सराहना मिलने के योग बनेंगे। यह जातक काम को पूरा करने में जितनी भी मेहनत करेंगे, उसे वरिष्ठों द्वारा सराहा जाएगा।
आर्थिक जीवन के लिए यह समय निवेश के लिए बेहतरीन रहेगा और आपको ख़ूब लाभ की प्राप्ति होगी। आपको पैतृक संपत्ति मिलने या फिर अचानक से लाभ होने की संभावना है। साथ ही, आप आर्थिक रूप से स्थिर होंगे। गुरु आपके प्रेम जीवन में मिठास घोलने का काम करेंगे और ऐसे में, आप पार्टनर के साथ किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जाने का प्लान बना सकते हैं जिससे आप दोनों का रिश्ता मजबूत होगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. गुरु ग्रह किस राशि के स्वामी है?
उत्तर 1. बृहस्पति देव मीन और धनु राशि के स्वामी हैं।
प्रश्न 2. वृषभ राशि में गुरु कब तक रहेंगे?
उत्तर 2. गुरु ग्रह01 मई 2024 से लेकर 14 मई 2025 तक वृषभ राशि में रहेंगे।
प्रश्न 3. बृहस्पति ग्रह को कैसे प्रसन्न करें?
उत्तर 3. गुरुवार को व्रत करने से और भगवान विष्णु जी की पूजा करने से गुरु ग्रह प्रसन्न होते हैं।
12 जून को शुक्र करेंगे बुध की राशि में परिवर्तन, मिथुन सहित इन 5 राशियों की होगी हर इच्छा पूरी!
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के गोचर का बहुत अधिक महत्व है। प्रत्येक ग्रह एक निश्चित समय पर गोचर करते हैं। इसकी क्रम में आकर्षण, ऐश्वर्य, सौभाग्य, धन, प्रेम और वैभव के कारक ग्रह शुक्र गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में शुक्र मजबूत होने पर जातक को कई शानदार परिणाम प्राप्त होते हैं। साथ ही, भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। ऐसे जातक अपने जीवन में हमेशा शीर्ष पर पहुंचते हैं। शुक्र देव को वृषभ और तुला राशि का स्वामित्व प्राप्त हैं। वहीं, राशि चक्र की अंतिम राशि मीन में शुक्र उच्च के होते हैं। इसके लिए मीन राशि के जातकों को जीवन में कभी सुखों का अभाव नहीं होता है।
वर्तमान समय में शुक्र देव वृषभ राशि में विराजमान हैं और जल्द ही बुध के स्वामित्व वाली राशि मिथुन में गोचर करेंगे। शुक्र के राशि परिवर्तन का प्रभाव वैसे तो सभी 12 राशियों पर पड़ेगा लेकिन पांच राशियों को इस दौरान बेहद शुभ फलों की प्राप्ति होगी। तो आइए, जानते हैं कौन सी है यह पांच राशियां, जिन्हें इस दौरान शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
शुक्र के गोचर की समय अवधि
शुक्र देव 12 जून की शाम 06 बजकर 15 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करेंगे। इस दौरान 18 जून को आर्द्रा और 28 जून को पुनर्वसु नक्षत्र में गोचर करेंगे। इस राशि में शुक्र देव 24 दिनों तक रहेंगे। इसके बाद 07 जुलाई को मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में गोचर करेंगे।
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पांचवे और बारहवें भाव के स्वामी है और यह आपके पहले भाव में गोचर करेंगे। शुक्र का गोचर आपके लिए बहुत अधिक शानदार साबित होगा। इस दौरान आपको अपने प्रयासों में सफलता मिलेगी और आपकी सुख सुविधाओं में वृद्धि होगी। आप इस दौरान ज्यादा यात्रा पर जाने की इच्छुक नजर आएंगे। करियर की बाद करें तो आपको अधिक मान-सम्मान प्राप्त होगा और आपके वरिष्ठ आपके काम की सराहना करते हुए नज़र आएंगे। यही नहीं आपके प्रयासों और मेहनत को देखते हुए आपको प्रमोशन या वेतन में वृद्धि के अवसर प्राप्त हो सकते हैं।
यदि आपका खुद का बिज़नेस हैं तो आप उच्च लाभ प्राप्त करेंगे और खुद को एक अच्छे व्यवसायी के रूप में स्थापित करने में कामयाब होंगे। इस अवधि में आप कई स्रोत से धन अर्जित कर सकते हैं जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इसके साथ ही आपका कोई पुराना निवेश भी इस अवधि में आपको लाभ देकर आर्थिक तौर पर मजबूत कर सकता है। पैतृक संपत्ति से भी लाभ होने के योग बन रहे हैं। रिश्ते के संदर्भ में आप अपने जीवन साथी के साथ रिश्ते में सामंजस्य से बनाए रखने में कामयाब होंगे और एक-दूसरे के साथ बेहतर संबंध बनाएंगे। आपका स्वास्थ्य भी इस अवधि शानदार रहेगा।
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहा हैं। शुक्र का मिथुन राशि में गोचर आपके द्वारा किए जा रहे प्रयासों के चलते आपके विकास में सफलता दिलाएगा। आपके करियर की बात करें तो, इस अवधि में आप बेहतर नौकरी की संभावना को स्वीकार करते हुए नौकरी बदल सकते हैं। जो नौकरी की तलाश में हैं उनके लिए भी यह समय अनुकूल रहने की संभावना है क्योंकि उन्हें इस अवधि के दौरान अच्छी नौकरियों के प्रस्ताव मिल सकते हैं। साथ ही, जो जातक किसी नए व्यवसाय को शुरू करने की योजना बना रहे हैं उन्हें इस अवधि में काम शुरू करने पड़ जल्दी सफलता मिल सकती है। इसके अलावा, आपको अच्छा इन्सेंटिव प्राप्त हो सकता है और साथ ही वह जातक जो नौकरीपेशा हैं उनके वेतन में वृद्धि भी हो सकती है। वह जातक जो स्वयं का व्यवसाय करते हैं उन्हें इस अवधि के दौरान अच्छा लाभ प्राप्त होने की संभावना है।
आर्थिक मोर्चे पर इस अवधि में बेहतर नतीजे प्राप्त हो सकते हैं। जो पार्टनरशिप में व्यवसाय कर रहे हैं। इस दौरान आपको अपने भागीदार के मदद व मेहनत से अच्छा मुनाफा होने की संभावना है। आपकी कड़ी मेहनत का आपको फल मिल सकता है और आपकी आय में बढ़ोतरी होने की भी संभावना है जिसकी वजह से आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। आपके लिए जमीन या किसी प्रॉपर्टी में पैसा निवेश करना फायदेमंद साबित हो सकता है। रिश्ते के मोर्चे पर आप अपने जीवन साथी के साथ अच्छा तालमेल बनाए रखने में कामयाब होंगे। साथ ही, आपका स्वास्थ्य भी शानदार रहेगा।
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कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके दसवें भाव में स्थित होने जा रहा है। शुक्र का गोचर आपको अधिक धन प्राप्त करने और सौभाग्य दिलाने में सहायक साबित होगा। करियर की बात करें तो जो जातक अपने कारोबार के विस्तार की दिशा में किसी भी प्रकार की नई नीतियों को लागू या कारोबार में निवेश करने की सोच रहे हैं यदि इस अवधि में अपनी इस योजना को लागू करते हैं तो उन्हें अनुकूल परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
व्यावसायिक मोर्चे पर आप अपने व्यवसाय से ज्यादा मुनाफा कमाएंगे और इसमें आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। पैसों के मोर्चे पर आपके प्रोत्साहन और भत्तों से अधिक लाभ मिलने की संभावना है। कोशिश करेंगे तो आप धन संचित करने में भी सफल रहेंगे। रिश्ते के मोर्चे पर आप अपने साथी के साथ अधिक जुड़ाव बनाए रखने में कामयाब होंगे। स्वास्थ्य के संदर्भ में आप उत्साह के दम पर उत्तम स्वास्थ्य का लुफ्त उठाएंगे। वहीं जो जातक फ्रेशर्स हैं, उन्हें इस दौरान अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। आर्थिक मोर्चे पर, आप अपने सुख-सुविधाओं पर खर्च करते नजर आ सकते हैं। हालांकि आपकी मजबूत आर्थिक स्थिति की वजह से इन खर्चों का आपके आर्थिक जीवन पर कोई खास फर्क नहीं पड़ने की संभावना है।
शुक्र के मिथुन राशि में गोचर के दौरान धनु राशि के जातकों को विशेष लाभ प्राप्त होगा क्योंकि शुक्र आपके छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको जीवन के हर पहलुओं पर बेहतरीन परिणाम प्राप्त होंगे। आप अपनी नौकरी या पेशे में बदलाव कर सकते हैं। इसकी वजह से आपके करियर में कुछ बड़े बदलाव आने की भी संभावना है। आपके करियर में आने वाले इन बदलावों के सकारात्मक नतीजे आपको प्राप्त हो सकते हैं और आपके भाग्य में वृद्धि हो सकती है। इस अवधि के दौरान धनु राशि के जातकों की वेतन वृद्धि और पदोन्नति के योग बन रहे हैं। वह जातक जो स्वयं का व्यवसाय करते हैं उन्हें इस अवधि में कुछ सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं जो उन्हें व्यवसाय में सफलता दिलाएगी।
आर्थिक जीवन की बात करें तो, यदि आप इस दौरान जमीन या फिर विदेश से जुड़ा कोई निवेश करें तो यह आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है। इसके अलावा, धनु राशि के वे जातक जो पर्यटन से जुड़ा कोई व्यापार कर रहे हैं, इस अवधि में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। प्रेम जीन के लिहाज से, आपको पार्टनर से सच्चा प्यार मिलेगा। अगर प्रेम प्रसंग में कोई खटपट हो गई है, तो आने वाले समय में रिश्ता मधुर हो सकता है। दोनों विवाह के लिए सहमत हो सकते हैं। साथ ही रिश्ते को नया आयाम दे सकते हैं। माता-पिता की सहमति मिल सकती है। प्रेम प्रसंग के लिए समय बेहद अनुकूल है।
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कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों को शुक्र के गोचर से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी क्योंकि कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके पांचवें भाव में गोचर करने जा रहा है। इस अवधि आपको अधिक मेहनत करने और बेहतर पैसा कमाने के नए रास्ते मिल सकते हैं। नौकरी की तलाश कर रहे कुंभ के जातकों के लिए भी यह समय अनुकूल रहने की संभावना है क्योंकि इस दौरान आपको अपनी मनपसंद संस्था या संगठन में काम करने का अवसर प्राप्त हो सकता है। आप अपने काम के प्रति समर्पित और ऊर्जावान रह सकते हैं। इस अवधि में कुंभ राशि के जातक अपने शत्रुओं और विरोधियों पर पूरी तरह से हावी रह सकते हैं। साथ ही, आप अपने कार्य कौशल और कड़ी मेहनत से अपने साथियों व सहकर्मियों पर गहरा छाप छोड़ने में कामयाब रह सकते हैं।
आर्थिक जीवन की बात करें तो आपको पुरखों की किसी संपत्ति से फायदा मिलने के भी योग बन रहे हैं। फ्रीलांस कार्य कर रहे जातक और व्यवसायियों को इस दौरान गुप्त स्रोतों से आमदनी हो सकती है, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति बहुत अधिक मजबूत रहेगी। यह अवधि सट्टा बाजारों में अपनी किस्मत आजमाने और कई स्रोतों से पैसा कमाने के कई अवसर लेकर आ सकता है। प्रेम जीवन की बात करें तो आपको अपने पार्टनर का पूरा साथ मिलेगा और आप एक-दूसरे के साथ बेहतर समय व्यतीत करेंगे। साथ ही, कुंभ राशि के जातक अपने पार्टनर को कोई उपहार दे सकते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से आप बेहतर महसूस करेंगे और जो तकलीफों से आप पहले परेशान थे, उन सबसे आपको छुटकारा मिलेगा।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. शुक्र का गोचर कब हो रहा है?
उत्तर 1. शुक्र देव 12 जून की शाम 06 बजकर 15 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करेंगे।
प्रश्न 2. शुक्र का गोचर कितने समय के लिए होता है?
उत्तर 2. शुक्र के गोचर की अवधि लगभग 23 दिन की होती है यानी यह एक राशि में 23 दिनों तक स्थित रहता है और फिर दूसरी राशि में गोचर करता है।
प्रश्न 3. शुक्र ग्रह की पहचान कैसे करें?
उत्तर 3. शुक्र सबसे चमकीला ग्रह है और इसे आसानी से देखा जा सकता है जब सूर्य क्षितिज पर नीचा हो।
प्रश्न 4. शुक्र की मित्र राशि कौन सी है?
उत्तर 4. वृषभ और तुला राशि शुक्र की मित्र राशि है।
शुक्र के मिथुन में आने से इन राशियों का गोल्डन पीरियड होगा शुरू- सुख समृद्धि में होगा इजाफा!
शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को भौतिक सुखों, विलासिता, सुंदरता आदि का कारक ग्रह माना जाता है। यह ग्रह 12 जून को मिथुन राशि में प्रवेश करने वाला है। स्वाभाविक सी बात है शुक्र का यह गोचर सभी राशियों को प्रभावित अवश्य करेगा।
आपकी राशि पर इसका क्या असर पड़ने वाला है और इस दौरान शुक्र के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए आप क्या कुछ उपाय कर सकते हैं इन्हीं सभी बातों की जानकारी आप तक पहुंचाने के लिए हमने यह विशेष ब्लॉग तैयार किया है। तो चलिए जान लेते हैं शुक्र के इस गोचर से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातों की जानकारी।
सबसे पहले बात करें शुक्र के मिथुन राशि में इस गोचर के समय की तो शुक्र का यह गोचर 12 जून से 7 जुलाई तक रहेगा। अर्थात शुक्र इस गोचर के दौरान मिथुन राशि में 12 जून से 7 जुलाई तक रहने वाले हैं। समय की बात करें तो इस गोचर के दौरान शुक्र 18:15 बजे मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएगा।
शुक्र के गोचर से कैसे मिलेंगे परिणाम?
मिथुन राशि में शुक्र का गोचर आपको खुशियां प्राप्त करने, इच्छाओं की पूर्ति के लिहाज से अनुकूल रहेगा। इस अवधि में आध्यात्मिकता की ओर आपका झुकाव बढ़ेगा और आपके सामाजिक संबंधों में भी वृद्धि आएगी। इस गोचर के प्रभाव से आप जीवन में अच्छी चीज़ें हासिल करना चाहेंगे, आपके लिए किसी एक भावना या फिर कार्य पर टिके रहना कठिन साबित होगा क्योंकि शुक्र का मिथुन राशि में गोचर आपके जुनून में उतार चढ़ाव लेकर आ सकता है।
इस गोचर के दौरान आमतौर पर जातकों के अंदर लापरवाही भरा रवैया, मौज मस्ती, पसंद और चुलबुलाहट देखने को मिलेगी। नए दोस्त बनाना, नए लोगों से जुड़ना और एक गंभीर रिश्ते में प्रतिबद्धता के लिए यह एक आदर्श समय साबित होगा। आप अपने प्रेम जीवन, खूबसूरती और आर्थिक स्थिति पर ज्यादा ध्यान देंगे। संचार आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और आप इस अवधि में सामाजिक रहने वाले हैं।
हालांकि कोई भी निर्णय लेते समय आपको अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता पड़ेगी अन्यथा जल्दबाजी में गलती होने की उच्च संभावना है।
चूंकि वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को प्रेम संबंधों के लिए जिम्मेदार माना जाता है ऐसे में बात करें शुक्र के इस गोचर के रिश्ते पर पड़ने वाले प्रभाव की तो मौजूदा रिश्तों में मिथुन राशि में शुक्र के इस गोचर से बढ़ावा देखने को मिलेगा क्योंकि यह उज्जवल और वायु ऊर्जा पार्टनर्स को एक दूसरे के बारे में उन सभी चीजों को फिर से खोजने में मददगार साबित होगी जो आपके रिश्ते को मजबूत बनाएगा।
हालांकि गोचर के दौरान कुछ संघर्षपूर्ण रिश्ते समाप्त भी हो सकते हैं। अर्थात जिन रिश्तों में यह स्पष्ट हो चुका है कि उनका प्यार कहीं खो चुका है ऐसे में मिथुन राशि की ऊर्जा ऐसे रिश्तों को खत्म करने में सहायक साबित होगी। इसके अलावा इस अवधि में रिश्तों में बढ़ी हुई ईर्ष्या भी नजर आने वाली है।
आमतौर पर शुक्र के गोचर का असर आर्थिक पक्ष पर भी देखने को मिलता है। ऐसे में इस गोचर का हमारे आर्थिक जीवन पर क्या असर पड़ेगा इसकी बात करें तो, जब शुक्र मिथुन राशि में गोचर करता है तो पैसों के प्रति व्यक्ति के अंदर एक आसान रवैया नजर आता है। ऐसे में इस दौरान लोग अपने वित्त को लेकर थोड़ा लापरवाही भरा रवैया दिखा सकते हैं।
धन संचित करने या एक उचित बजट बनाने का प्रयास करने के लिए यह समय अनुकूल नहीं रहने वाला है। हालांकि मिथुन राशि की चतुराई जातकों के अंदर नजर आ सकती है और इस दौरान वित्त से संबंधित कुछ ऐसे फैसले लेने में आपको मदद मिल सकती है जो आपके वित्त को बढ़ाएंगे।
सारांश: शुक्र का यह गोचर मजेदार, लापरवाह और हल्के फुल्के संबंध बनाने के लिए बेहद ही यादगार रहने वाला है। यह यादें बनाने, नए दोस्तों से मिलने के लिए भी अनुकूल समय साबित होगा। मिथुन राशि में शुक्र के गोचर के दौरान डेटिंग करना रोमांचक साबित होगा फिर यह डेटिंग चाहे ऑनलाइन हो या ऑफलाइन। अगर आप सिंगल हैं तो इस अवधि में आपके जीवन में अप्रत्याशित बदलाव नज़र आ सकते हैं और उच्च संभावना है कि आपकी कोई दोस्ती अचानक से रोमांस में बदल सकती है।
शुक्र का मिथुन राशि में गोचर- राशिफल और उपाय
शुक्र के मिथुन राशि में इस गोचर का सभी 12 राशियों पर क्या और कैसा प्रभाव पड़ने वाला है। साथ ही जानेंगे के दौरान किए जाने वाले उपायों की भी जानकारी।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1: शुक्र का मिथुन राशि में गोचर कब होगा?
उत्तर: शुक्र का यह गोचर 12 जून को 18:15 बजे होगा जब शुक्र मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएगा।
प्रश्न 2: ज्योतिष में शुक्र ग्रह का क्या महत्व होता है?
उत्तर: ज्योतिष में शुक्र ग्रह की बात करें तो कुंडली में मजबूत शुक्र जीवन में सभी आवश्यक संतुष्टि, अच्छा स्वास्थ्य और व्यक्ति को मजबूत दिमाग प्रदान करता है।
प्रश्न 3: शुक्र गोचर के दौरान मीन राशि के लोगों को क्या उपाय करने चाहिए?
उत्तर: मीन राशि के जातक गुरुवार के दिन बृहस्पति ग्रह के लिए 6 महीने की पूजा करें।