सूर्य के गोचर से बन रहा है मलिका राजयोग, तीन राशियों का दिल हो जाएगा खुश
बुध के गोचर के लिहाज़ से जून का महीना बहुत महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस माह में 14 जून से लेकर 29 जून तक बुध मिथुन राशि में रहेंगे। बुध के इस राशि में रहने से कई राशियों के जीवन में बदलाव आने की उम्मीद है। इस समय लोगों की बुद्धि में वृद्धि होगी और समाज में उनका मान-सम्मान बढ़ेगा। इसके साथ ही 15 जून को सूर्य भी मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे और इससे मिथुन राशि में ही बुधादित्य योग बन रहा है।
इसके अलावा भद्र राजयोग और लक्ष्मी नारायण योग भी बन रहा है। मिथुन राशि में बुध, शुक्र और सूर्य ग्रह तीनों उपस्थित हैं। कुंभ राशि में शनि, मीन में केतु, कन्या में केतु, मेष में मंगल और वृषभ राशि में बृहस्पति ग्रह विराजमान हैं। ऐसे में मलिका राजयोग कई राशियों के लिए शानदार लाभ प्रदान कर सकता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब सभी ग्रह लगातार सात घरों में होते हैं, तब मलिका राजयोग का निर्माण होता है। जब ये ग्रह एक माला की तरह बनते हैं, तो इसे मलिका योग कहते हैं। मिथुन राशि में एकसाथ तीन ग्रह आने से ये मलिका योग बहुत प्रभावशाली माना जा रहा है।
मलिका योग बनने से कुल तीन राशियों के लोगों को सबसे ज्यादा लाभ होने के संकेत हैं और इस ब्लॉग में आगे उन्हीं तीन राशियों के बारे में विस्तार से बताया गया है। तो चलिए अब बिना देर किए जानते हैं कि जून में बन रहे मलिका योग से किन तीन राशियों की किस्मत चमकने वाली है।
इन राशियों को होगा लाभ
मेष राशि
मलिका योग मेष राशि के लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा। छात्रों के लिए भी अनुकूल समय है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा कर रहे छात्रों की मनोकामना अब ज़रूर पूरी होगी। इसके साथ ही आपको अपनी यात्रा में भी सफलता मिलेगी। आप नया काम शुरू कर सकते हैं। पार्टनरशिप में भी काम शुरू करने के लिए अच्छा समय है। आपको अपने कार्यों में सफलता मिलेगी। आपको अपने जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे।
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मिथुन राशि
मलिका योग आपके लिए भी शुभ और लाभकारी सिद्ध होगा। समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। अगर आपका कोई काननूी मसला चल रहा है, तो अब आपको उसमें सफलता मिलने वाली है। जो लोग पेशे से वकील हैं, उन्हें इस समय कोई बड़ा लाभ होने के संकेत हैं।
आपके परिवार में खुशियों का माहौल रहेगा। पति-पत्नी के बीच खूब प्यार बढ़ेगा। वहीं अविवाहित जातकों के लिए भी शादी का प्रस्ताव आ सकता है। आपके कार्यक्षेत्र में लोग आपके कौशल की प्रशंसा करेंगे। ऑफिस में आपके काम को भी सराहा जा सकता है। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में आपको अपने उच्च अधिकारियों का सहयोग मिल सकता है।
अगर आपकी सिंह राशि है, तो आपके लिए मलिका योग शुभ रहने वाला है। आपको अपने परिवार के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा। नौकरीपेशा जातकों को कार्यक्षेत्र में शानदार अवसर मिलने वाले हैं। आपको अपने भविष्य को संवारने के लिए अच्छे मौके मिल सकते हैं।
अब पारिवारिक कलह खत्म होगी और परिवार के सभी सदस्यों के बीच प्यार बढ़ेगा। आपको अपने जीवन में सभी प्रकार के सुख-साधन प्राप्त होंगे। कार्यक्षेत्र में आपके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए आपको प्रमोशन या वेतन में वृद्धि मिल सकती है। आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहने वाला है। आपका प्रेम जीवन बहुत खुशहाल रहेगा और वैवाहिक जीवन में भी खुशियां आएंगी।
मलिका योग जन्मकुंडली में एक माला की तरह दिखता है। जब राहु और केतु को छोड़कर सात ग्रह लगातार सात घरों में होते हैं, तब यह कुंडली में माला की तरह नज़र आते हैं। इस योग के शुभ प्रभाव से सफलता और धन प्राप्ति के योग बनते हैं। यह योग व्यक्ति को दानवीर और कर्त्तव्यपरायण बनाता है। व्यक्ति समाजसेवा करने के लिए प्रेरित होता है। इनका व्यक्तित्व प्रभावशाली होता है।
इस योग के बनने पर व्यक्ति के आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति में वृद्धि होती है। इसके प्रभाव से जातक अच्छा लीडर बन पाता है। वह मेहनती बनता है लेकिन उसके अंदर अहंकार बढ़ जाता है। ये किसी के साथ काम नहीं कर पाते हैं और किसी का आदेश भी नहीं सुन पाते हैं।
इन्हें अपने जीवन में हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। ये संपन्न बनते हैं और सुख-शांति से जीवन जीते हैं। इन्हें स्वस्थ और लंबा जीवन मिलता है। ये खूब नाम, पैसा और शोहरत कमाते हैं।
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बस ये पांच लोग करते हैं हनुमान जी की सच्चे मन से पूजा, हर मन्नत होती है पूरी
कहते हैं कि सिर्फ हनुमान जी ही हैं जो कलियुग में भी अपने भक्तों की एक पुकार में ही उनकी मनोकामना को पूरी कर देते हैं। भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हनुमान जी की पूजा की जाती है। वैसे तो हर कोई हनुमान जी की पूजा करता है लेकिन कुछ राशियां ऐसी हैं जो हनुमान जी के प्रति गहरी आस्था रखती हैं।
आज हम आपको इस ब्लॉग के ज़रिए उन राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो हनुमान जी के सच्चे भक्त कहलाते हैं और पूरी निष्ठा एवं आस्था के साथ उनकी पूजा करते हैं। तो चलिए जानते हें कि किन राशियों के लोग हनुमान जी के सच्चे भक्त हैं।
मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल है और मंगल साहस एवं शक्ति का कारक है। मेष राशि के लोगों के लिए हनुमान जी की पूजा करना बहुत फलदायी साबित होता है। ये पूरी श्रद्धा के साथ हनुमान जी की पूजा करते हैं। इनका भावुक और निडर स्वभाव हनुमान जी के गुणों से मेल खाता है और इसी वजह से मेष राशि वाले हनुमान जी के सच्चे अनुयायी होते हैं। इनके लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना लाभकारी होता है।
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सिंह राशि
सिंह राशि के लोग भी पूरे मन से हनुमान जी की पूजा करते हैं। सिंह राशि के लोगों के स्वामी ग्रह सूर्य हैं और इस राशि के लोग हनुमान जी की पूरे मन से पूजा करते हैं। ये हनुमान जी की निष्ठा और उनके चुने हुए मार्ग के प्रति अटूट समर्पण रखते हैं। ये अक्सर धार्मिक गतिविधियों में लीन रहते हैं। इन्हें आप हनुमान जी का सच्चा भक्त कह सकते हैं।
वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल है और इस ग्रह के देवता हनुमान जी हैं। इनमें हनुमान जी की तरह उग्रता देखी जाती है। ये चुनौतियों पर काबू पाने की क्षमता रखते हैं। इनके घर में अक्सर हनुमान जी की मूर्ति होती है। वृश्चिक राशि के लोग हमेशा हनुमान जी की भक्ति में लीन रहते हैं।
धनु राशि के लोग हनुमान जी के प्रति सच्ची श्रद्धा रखते हैं। इस ग्रह के स्वामी ज्ञान और आध्यात्मिकता के कारक बृहस्पति हैं। धनु राशि के लोगों में आध्यात्मिक विकास और ज्ञान की गहरी इच्छा होता है। धनु राशि के लोग पूरे मन और श्रद्धा के साथ हनुमान जी की पूजा करते हैं और इससे इनके जीवन की कई मुश्किलें और परेशानियां दूर हो जाती हैं।
मकर राशि के लोग अनुशासित और मेहनती होते हैं। ये हनुमान जी के प्रति सच्ची भक्ति रखते हैं। दृढ़ता और आत्म-अनुशासन के ग्रह शनि द्वारा शासित मकर राशि के लोग हनुमान जी में अटूट निष्ठा रखते हैं। इन्हें अपनी भक्ति से ही अपने जीवन की बाधाओं को दूर करने की प्रेरणा मिलती है। इन्हें हनुमान जी की कृपा से अपने जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
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हनुमान जी को प्रसन्न करने के उपाय
यदि आप हनुमान जी को खुश करना चाहते हैं, तो निम्न ज्योतिषीय उपाय अपना सकते हैं:
अगर आप किसी मुश्किल या कठिन कार्य में फंसे हैं, तो आपको मंगलवार के दिन हनुमान जी को पान के पत्ते अर्पित करने चाहिए। यदि आप पूरी श्रद्धा के साथ इस उपाय को करेंगे, तो आपको हनुमान जी का आशीर्वाद जरूर मिलेगा और आप अपने कार्य में सफल होंगे।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अपने कार्य में सफलता पाने के लिए या किसी खास काम में विजय प्राप्त करने के लिए आप हनुमान जी को लाल या केसरिया रंग का ध्वज चढ़ाएं। मंदिर में झंडा फहराने से लोग आपका सम्मान करते हैं और आपके काम में आ रही रुकावटें दूर होती हैं। आप त्रिकोण आकार के झंडे पर भगवान राम का नाम लिखकर मंदिर में अर्पित करें।
आप हनुमान जयंती, मंगलवार या शनिवार के दिन चोला चढ़ाएं। इससे आपके जीवन की सभी परेशानियां और चिंताएं दूर हो जाएंगी। हनुमान जी को चोला चढ़ाने से आपको सौभाग्य की प्राप्ति होगी और आपको शनि ग्रह की कृपा मिलेगी। इसके साथ ही बीमारियों, डिप्रेशन और तनाव आदि से भी छुटकारा मिलेगा।
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टैरो साप्ताहिक राशिफल (23 जून से 29 जून, 2024): करियर की दृष्टि से यह सप्ताह इन राशि वालों के लिए रहेगा बेहद शुभ!
टैरो साप्ताहिक राशिफल 23 जून से 29 जून 2024: टैरो कार्ड एक प्राचीन विद्या है जिसका उपयोग भविष्य जानने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग प्राचीन काल से ही टैरो कार्ड रीडर और रहस्यवादियों द्वारा अंतर्ज्ञान प्राप्त करने और किसी विषय की गहराई तक पहुँचने के लिए होता रहा है। यदि कोई व्यक्ति बेहद आस्था और विश्वास के साथ मन में उठ रहे सवालों के जवाब ढूंढ़ने के लिए आता है, तो टैरो कार्ड की दुनिया आपको हैरान कर सकती है। बहुत से लोग मानते हैं कि टैरो एक मनोरंजन का साधन है और इसे ज्यादातर मनोरंजन के रूप में देखते हैं।
साल 2024 के छठे महीने जून का यह सप्ताह यानी कि टैरो साप्ताहिक राशिफल 23 जून से 29 जून 2024 अपने साथ क्या कुछ लेकर आएगा? यह जानने से पहले हम टैरो कार्ड के बारे में बात करेंगे। आपको बता दें कि टैरो की उत्पति आज से 1400 वर्ष पहले हुई थी और इसका सबसे पहला वर्णन इटली में मिलता है। शुरुआत में टैरो को ताश के रूप में राजघरानों की पार्टियों में खेला जाता था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया। मध्यकाल में टैरो को जादू-टोना से जोड़कर देखा जाने लगा और इसके परिणामस्वरूप आम लोगों ने भविष्य बताने वाली इस विद्या से दूरी बनाना सही समझा।
लेकिन टैरो कार्ड का सफर यही थमा नहीं और इसने कुछ दशकों पहले पुनः प्रसिद्धि प्राप्त की जब दुनिया के सामने इसे एक भविष्य बताने वाली विद्या के रूप में पहचान मिली। भारत समेत दुनियाभर में टैरो की गिनती भविष्यवाणी करने वाली महत्वपूर्ण विद्याओं में होती है और अंत में टैरो कार्ड वह सम्मान पाने में सफल हुआ है जिसका वह हक़दार था। तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि जून का यह अंतिम सप्ताह यानी कि 23 जून से 29 जून 2024 तक का समय सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहने की संभावना है?
टैरो साप्ताहिक राशिफल 23 जून से 29 जून, 2024: राशि अनुसार राशिफल
मेष राशि
प्रेम जीवन: फाइव ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: द हैरोफ़न्ट
करियर: किंग ऑफ स्वॉर्ड्स स्वास्थ्य: नाइनऑफ कप्स
मेष राशि के जातकों को फाइव ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है और यह कार्ड अपने साथ दो अर्थ लेकर आ सकता है। पहला, इस सप्ताह आप अपने प्रेम के लिए दुनिया से लड़ते हुए नज़र आ सकते हैं चाहे इसके लिए आपको परिवार के खिलाफ़ ही जाना पड़ें या फिर आपकी पार्टनर के साथ तीखी बहस हो सकती है, लेकिन सप्ताह के अंत तक इसका समाधान हो जाएगा।
आर्थिक जीवन को लेकर द हैरोफ़न्ट कहता है कि इस अवधि में आप आर्थिक रूप से स्थिर महसूस करेंगे और ऐसे में, आप संतुष्ट दिखाई देंगे। यह दर्शा रहा है कि संभव है कि आप धन की बचत करने के लिए पुराने तरीकों का इस्तेमाल करते हैं और आप ईमानदारी से पैसा कमाने में विश्वास रखते है। आप समय के साथ जीवन में धन के महत्व को समझ गए हैं।
आपको करियर में किंग ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड मिला है और यह संकेत कर रहा है कि इस सप्ताह आप सबसे अच्छी स्थिति में होंगे और ऐसे में, आप मज़बूत बनकर उभरेंगे। जब बुद्धि, अनुभव और क्षमताओं के दम पर गंभीर मामलों का समाधान करने की बात आती है, तो कंपनी आप पर विश्वास करती है। इस हफ़्ते आपको वरिष्ठों से मान-सम्मान की प्राप्ति होगी।
सेहत की दृष्टि से, नाइन ऑफ़ कप्स आपके अच्छे स्वास्थ्य की तरफ इशारा कर रहा है। इस दौरान आप फुर्तीला और तरोताज़ा महसूस करेंगे। आप हर काम को आगे बढ़कर करेंगे और बाहर घूमने भी जा सकते हैं।
शुभ रंग: क्रिमसन
वृषभ राशि
प्रेम जीवन: सेवेन ऑफ स्वॉर्ड्स
आर्थिक जीवन: नाइट ऑफ कप्स
करियर: पेज ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स
वृषभ राशि वालों को प्रेम जीवन में दिल टूटने या ब्रेकअप का दर्द सहना पड़ सकता है। यह कार्ड बता रहा है कि आपसे सच को छिपाया जा रहा है या आपको रिश्ते में धोखे आदि नकारात्मक परिस्थितियों से गुजरना पड़ सकता है क्योंकि इस सप्ताह सच आपके सामने आ सकता है। संभव है कि आप या आपके पार्टनर दोनों में से कोई एक रिश्ते में धोखा दे रहा हो।
करियर की बात करें तो, क्या आप नौकरी बदलने के बारे में सोच रहे हैं? तो आपको बता दें कि आपको जल्द ही अच्छे अवसरों की प्राप्ति होगी। अगर आप आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो आप धन का प्रबंध करने के लिए कोई रचनात्मक रास्ता ख़ोज सकते हैं। इन लोगों ने करियर के रूप में ऐसी फील्ड को चुना होगा जहां आपको कम मेहनत में भी अच्छी आय मिलेगी।
करियर के क्षेत्र में पेज ऑफ स्वॉर्ड्स कहता है कि इस हफ़्ते आपको नौकरी के बेहतरीन अवसर प्राप्त होंगे और यह आपके करियर में प्रगति लेकर आएंगे। इस राशि के फ्रेशर्स को किसी उच्च पद मिलने के आसार है। करियर में मिलने वाली तरक्की आपको सफलता के मार्ग पर लेकर जाएगी।
वृषभ राशि के जातक काफ़ी समय से अपनी सेहत को नज़रअंदाज़ करते आ रहे हैं और अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इन जातकों को सलाह दी जाती है कि इससे पहले आपका तनाव कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन जाए, उससे पूर्व जरूरी कदम उठाएं।
शुभ रंग: हल्का पीला
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मिथुन राशि
प्रेम जीवन: टेन ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: नाइट ऑफ वैंड्स
करियर: सेवेन ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: टू ऑफ पेंटाकल्स
प्रेम जीवन की बात करें, तोटेन ऑफ कप्स संकेत करता है कि आपका रिश्ता पार्टनर के साथ मज़बूत होगा और आप दोनों एक ख़ुशहाल जीवन का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे। हालांकि, आपका रिश्ता दिखावटी नहीं होगा, बल्कि जमीन से जुड़ा हुआ होगा। इस अवधि में आप साथी और परिवार के साथ यादगार समय बिताएंगे।
आर्थिक जीवन के लिए नाइट ऑफ वैंड्स को एक शानदार कार्ड कहा जाएगा और यह दर्शाता है कि आप काफ़ी आरामदायक स्थिति में होंगे। इस दौरान आपको धन से जुड़ी कोई अच्छी ख़बर सुनने को मिल सकती है। साथ ही, आपको धन लाभ होने के योग बनेंगे जो कि वेतन वृद्धि या किसी अन्य तरीके के रूप में प्राप्त होने की संभावना है। मिथुन राशि के जो जातक व्यापार करते हैं, वह एक नए व्यवसाय की शुरुआत कर सकते हैं जिससे आपको धन की प्राप्ति होगी।
करियर के क्षेत्र में सेवेन ऑफ वैंड्स बता रहा है कि नौकरी के संबंध में आपके बुरे दिनों का अंत होगा और अब आप सफलता की तरफ आगे बढ़ने में सक्षम होंगे। इस दौरान आपको अपनी मेहनत और धैर्य का फल मिलेगा।
आपकी सेहत के लिए टू ऑफ पेंटाकल्स को नकारात्मक कार्ड माना जाएगा। इस दौरान आपको एक साथ कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपमें ऊर्जा की कमी रह सकती है और आपका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
शुभ रंग: हरा रंग
कर्क राशि
प्रेम जीवन: पेज ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: पेज ऑफ वैंड्स
करियर: नाइट ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: टेनऑफ पेंटाकल्स
कर्क राशि वालों के प्रेम जीवन के लिए यह सप्ताह खुशियों से भरा रहेगा क्योंकि इस अवधि में आपको जीवन में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेंगे। आपका प्रेम जीवन मधुर बना रहेगा और अगर आप किसी को पसंद करते हैं, तो हो सकता है कि वह भी आपको पसंद करता हो इसलिए आगे बढ़ें और उनके सामने अपने दिल की बात रखें।
आर्थिक जीवन में आपको पेज ऑफ वैंड्स मिला है। ऐसे में, अगर आप किसी नई नौकरी, प्रोजेक्ट या व्यापार की शुरुआत करते हैं, तो आपको आशा और पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने की सलाह दी जाती है। पेज ऑफ वैंड्स आपको कुछ बड़ा सोचने और नए-नए क्रिएटिव आईडिया के बारे में विचार-विमर्श करने को कहा जाता है।
नाइट ऑफ वैंड्स कहता है कि यह जातक करियर में नई-नई चीज़ों के बारे में जानने और सीखने के लिए पूरे जोश एवं आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेंगे। अगर आप रातोंरात सफलता पाना चाहते हैं, तो ऐसा होना मुश्किल रह सकता है। कहीं न कहीं इसका असर आपके करियर पर नकारात्मक रूप से पड़ सकता है।
टेन ऑफ पेंटाकल्स को स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक कार्ड कहा जाएगा और ऐसे में, यह पूरा सप्ताह आपके लिए अच्छा रहेगा। आप इस अवधि में परिवार और दोस्तों के साथ रहेंगे जिस वजह से आप स्वस्थ और ख़ुश रहेंगे।
सिंह राशि वालों के प्रेम जीवन के लिए फोर ऑफ वैंड्स को स्वागत कार्ड कहा जाएगा जो कि प्रपोजल, मिलना-जुलना और शादी-विवाह का प्रतिनिधित्व करता है। हालांकि, इस हफ़्ते में इन जातकों का रिश्ता प्यार से भरा रहेगा और इसके अलावा, आने वाला सप्ताह भी आपके लिए मिठास से पूर्ण रहेगा।
आर्थिक जीवन को देखें तो, आपको जजमेंट कार्ड मिला है। अगर आप आर्थिक रूप से मज़बूत होना चाहते हैं, तो यह आपको पैसों के महत्व को समझने के लिए कह रहा है। सामान्य शब्दों में कहें, इन जातकों को अपने धन को बेवजह के कामों में ख़र्च करने से बचना होगा या गलत रास्तों से धन कमाने से परहेज़ करना होगा। पैसों से जुड़े मामलों में आपको ईमानदार रहने की सलाह दी जाती है।
ऐस ऑफ पेंटाकल्स को सिंह राशि के जातकों के करियर के लिए शुभ माना जाएगा। यह कार्ड दर्शा रहा है कि आप करियर में जिस भी स्थिति में होंगे, वहां आप आरामदेह अवस्था में होंगे फिर चाहे वह आपका कार्यक्षेत्र हो, करियर में हासिल की गई उपलब्धियां हों या कोई उच्च पद हो। इस दौरान आप करियर में स्थिरता प्राप्त कर चुके होंगे और आप तरक्की के मार्ग पर आगे बढ़ेंगे।
आपके स्वास्थ्य को लेकर नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स बता रहा है कि अब आपका स्वास्थ्य जल्द ही सुधार की तरफ बढ़ेगा। शायद आप अपनी ज़िन्दगी में ज्यादा ही व्यस्त हो गए थे और आप तनाव भी ले रहे थे, तो यह सप्ताह आपके लिए राहत लेकर आएगा। साथ ही, इन लोगों को जरूरत पड़ने पर किसी से सहायता लेने की सलाह दी जाती है।
शुभ रंग: हल्का संतरी
कन्या राशि
प्रेम जीवन: क्वीन ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: सिक्स ऑफ पेंटाकल्स
करियर: द एम्प्रेस
स्वास्थ्य: द फूल
कन्या राशि के जातकों के प्रेम जीवन के लिएक्वीन ऑफ कप्स को शानदार कार्ड कहा जाएगा। अगर आप किसी नए रिश्ते की शुरुआत करना चाहते हैं, तो आपका भविष्य सुनहरा दिखाई दे रहा है। आप दोनों का रिश्ता काफ़ी मज़बूत होगा और साथ ही, पार्टनर आपकी परवाह करते होंगे। ऐसे में, आप रिश्ते में सुरक्षित महसूस करेंगे जिसका आप आनंद लेते हुए नज़र आएंगे।
आर्थिक रूप से सिक्स ऑफ पेंटाकल्स को एक अच्छा कार्ड माना जाता है। जब बात आती है धन को मैनेज करने की, तो यह कार्ड आय और व्यय को संतुलित करते हुए धन संबंधित मामलों में आपको जागरूक करने का काम करेगा। साथ ही, आपको धन की बचत करने के लिए प्रयास करने की सलाह दे रहा है। ऐसे में, कभी-कभी आप अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने में भी सक्षम होंगे।
करियर की बात करें, तो द एम्प्रेस भविष्यवाणी कर रहा है कि यह जातक अपने करियर में एक नई ऊर्जा के साथ तेज़ी से आगे बढ़ेंगे, फिर चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो। साथ ही, वह अपने काम के माध्यम से एक बड़ी उपलब्धि हासिल करेंगे। ऐसे में, इस कार्ड को शुभ माना जाएगा जो प्रगति का संकेत कर रहा है।
स्वास्थ्य को देखें, तो यह सप्ताह आपकी सेहत के लिए सकारात्मक रहेगा और इसके परिणामस्वरूप, आप अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे क्योंकि इस दौरान कोई बड़ी समस्या आपको परेशान नहीं करेगी।
तुला राशि के जातकों को प्रेम जीवन में द वर्ल्ड मिला है जो एक नए रोमांचक सफर की तरफ इशारा कर रहा है। इन लोगों को अपना मनचाहा प्यार पाने के लिए नई चीज़ों का अनुभव लेना होगा। ऐसे में, आप साहसी बनें और जोख़िम उठाने के लिए तैयार रहें। साथ ही, दुनिया के प्रति अपने दृष्टिकोण में बदलाव लेकर आएं। संभव है कि इन जातकों को अपना सच्चा प्यार उस समय मिलेगा जब आपने सोचा भी नहीं होगा।
सिक्स ऑफ कप्स आपके आर्थिक जीवन के लिए कह रहा है कि इस सप्ताह आपको धन से जुड़े मामलों में किसी व्यक्ति का मार्गदर्शन मिल सकता है। इन जातकों को कोई गिफ्ट भी मिलने की संभावना है। साथ ही, आपका कोई रिश्तेदार अपनी जायदाद आपके नाम कर कर सकता है। सरल शब्दों में कहें, तो आपके पैतृक संपत्ति मिल सकती है। यह कार्ड दर्शा रहा है कि आप एक वसीयत लिखने के बारे में सोच रहे होंगे या फिर लिख रहे होंगे।
करियर को लेकर क्वीन ऑफ स्वॉर्ड्स कह रहा है कि कार्यक्षेत्र में आपको अपने से बड़ी किसी महिला से सपोर्ट, सहायता या किसी कार्य पर आलोचनात्मक टिपण्णी सुनने को मिल सकती है जो आपके लिए मददगार साबित होगी। यह महिला ज्ञान से पूर्ण और विश्वास के लायक होगी और करियर में इनका ज्ञान और अनुभव आपको करियर में प्रगति हासिल करने में सहायता करेगा।
द मून स्वास्थ्य के संबंध में कहता है कि इन लोगों को मन में दबी या अनकही भावनाओं की वजह से मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में, आपको इन पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है और आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर की सहायता लेने की सलाह दी जाती है।
शुभ रंग: फूशिया
वृश्चिक राशि
प्रेम जीवन: क्वीन ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: नाइट ऑफवैंड्स
करियर: किंग ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: किंग ऑफ स्वॉर्ड्स
वृश्चिक राशि वालों के प्रेम जीवन पर नज़र डालें, तो यह सप्ताह आपके लिए प्रेम, संतुष्टि और भावनात्मक रूप से स्थिर रहेगा। हालांकि, आप दोनों का रिश्ता कितना मज़बूत है, यह बात निर्भर करती है कि आप पार्टनर के साथ रिश्ते में कितने ईमानदार हैं और आपकी भावनाएं कितनी सच्ची हैं।
आर्थिक जीवन के लिहाज़ से, आपको नाइट ऑफ वैंड्स कार्ड प्राप्त हुआ है जो दर्शाता है कि इस सप्ताह आपको अच्छी मात्रा में धन प्राप्त होने की संभावना है जिसकी वजह से आप ख़ुश और ऊर्जावान बने रहेंगे। नाइट ऑफ वैंड्स बता रहा है कि यह अवधि कहीं घूमने जाने के लिए श्रेष्ठ रहेगी और ऐसे में, आप यात्राओं पर पैसे ख़र्च कर सकते हैं।
करियर में आपको किंग ऑफ कप्स मिला है और इसे एक शानदार कार्ड कहा जाएगा। कार्यक्षेत्र का माहौल अच्छा रहेगा और आपको तरक्की के भी अनेक अवसर मिलेंगे। ऑफिस में कोई आपसे बड़ा व्यक्ति काम में आपका मार्गदर्शन या आपकी सहायता कर सकता है। इस दौरान आप पेशेवर जीवन में चल रही समस्याओं को संभालने के लिए अपनी बुद्धि और धैर्य का उपयोग कर सकते हैं।
किंग ऑफ स्वॉर्ड्स भविष्यवाणी कर रहा है कि वृश्चिक राशि के जातकों को इस सप्ताह बुखार या कोई वायरल इन्फेक्शन की समस्या परेशान कर सकती है। ऐसे में, आपको एक संतुलित जीवन शैली अपनाने की सलाह दी जाती है।
शुभ रंग: डार्क ग्रे
धनु राशि
प्रेम जीवन: द वर्ल्ड
आर्थिक जीवन: सिक्स ऑफ पेंटाकल्स
करियर: द चेरियट
स्वास्थ्य: किंग ऑफ वैंड्स
धनु राशि वालों के प्रेम जीवन के लिए द वर्ल्ड कह रहा है कि इन जातकों को पार्टनर के रूप में अपना संसार मिल गया है और ऐसे में, आप प्रेम से पूर्ण महसूस करेंगे। साथ ही, जीवनसाथी आपके महत्व को समझते हैं और वह आपकी भावनाओं का भी ख़्याल रखते हैं। इसके अलावा, आपको और क्या चाहिए।
सिक्स ऑफ पेंटाकल्स समानता और संतुलन का प्रतिनिधित्व करता है। इस राशि के जातक अपने धन का अच्छे से प्रबंधन करना जानते हैं और ऐसे में, आप सोच-समझकर फैसले ले सकेंगे। यह लोग बेकार की चीज़ों पर पैसा खर्च करना पसंद नहीं करते हैं। ऐसे में, आप आर्थिक रूप से स्थिरता हासिल करने में सक्षम होंगे।
करियर के संबंध में द चेरियट बता रहा है कि इन लोगों का करियर सही दिशा में आगे बढ़ रहा होगा। ऐसे में, आप अपने द्वारा निर्धारित किये गए लक्ष्यों को हासिल करने में सफल हो सकेंगे। यह सप्ताह आपके करियर में काफ़ी बदलाव लेकर आएगा और ऐसे में, आप कामयाबी का अनुभव करेंगे।
स्वास्थ्य के लिए किंग ऑफ वैंड्स को अच्छा कार्ड कहा जाएगा और इस हफ्ते आपको कोई शुभ समाचार सुनने को मिलेगा। ऐसे में, आप पूरे जोश और उत्साह के साथ जीवन के दूसरे महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
शुभ रंग: गहरा पीला
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
मकर राशि
प्रेम जीवन: फोर ऑफ वैंड्स (रिवर्सड)
आर्थिक जीवन: ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स
करियर: क्वीन ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: सिक्स ऑफ वैंड्स
मकर राशि वालों के प्रेम जीवन के लिए फोर ऑफ वैंड्स (रिवर्सड) संकेत कर रहा है कि यह जातक अगर अपने रिश्ते को हल्के में ले रहे हैं या रिश्ते के प्रति गंभीर नहीं हैं, तो अब आपको समय निकालकर अपने रिश्ते को आगे ले जाने के बारे में सोचना होगा, अन्यथा रिश्ता टूट सकता है। इस अवधि में आपको रिलेशनशिप से जुड़े हर पहलू पर गौर करना होगा और पार्टनर के साथ रिश्ते को मज़बूत करने की कोशिश करनी होगी।
आर्थिक जीवन को लेकर ऐस ऑफ स्वोर्ड्स कह रहा है कि मकर राशि वालों की आर्थिक स्थिति इस सप्ताह मजबूत रहेगी और आप वित्तीय रूप से सुरक्षित महसूस करेंगे। जो जातक धन से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो आप बेफिक्र रहें क्योंकि यह सप्ताह आपके वेतन में वृद्धि लेकर आएगा। हो सकता है कि आप आय के नए स्रोत ढूंढ़ने में सफल रहें। जिन जातकों का अपना व्यापार है और वह कोई नया बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं, तो ऐसा करने के लिए यह अवधि उत्तम रहेगी।
क्वीन ऑफ कप्स एक स्थिर करियर की तरफ संकेत कर रहा है। लेकिन, यह नौकरी में बदलाव को भी दर्शा रहा है जो कि यह सप्ताह आपके लिए लेकर आ सकता है। इस अवधि में आप करियर को लेकर अपने विचारों में स्पष्टता प्राप्त कर सकेंगे और अपने लिए नए लक्ष्य भी निर्धारित कर सकेंगे।
सिक्स ऑफ वैंड्स आपके स्वास्थ्य को लेकर कहता है कि यह सप्ताह आपकी सेहत के लिए शानदार रहेगा। इस समय आप भावनात्मक समस्याओं से बाहर आ सकेंगे जिसका सामना आप बीते समय से कर रहे थे। ऐसे में, आपके स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलेगा।
शुभ रंग: लैवेंडर
कुंभ राशि
प्रेम जीवन: टेन ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: द मैजिशियन
करियर: एट ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: टू ऑफ वैंड्स
कुंभ राशि के जातक अपने रिश्ते में एक बुरे दौर से गुजर रहे हैं। टेन ऑफ वैंड्स संकेत कर रहा है कि आशंका है कि यह जातक अपने रिश्ते में पार्टनर के साथ समस्याओं का सामना कर रहे हों। लेकिन, अब जल्द ही इन सभी परेशानियों का समाधान करके आप दोबारा एक हो जाएंगे और ख़ुशी-ख़ुशी इस सप्ताह को बिताएंगे।
द मैजिशियन बता रहा है कि इस सप्ताह आर्थिक रूप से परिस्थितियां आपके पक्ष में होंगी और आप अपनी इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम होंगे। इस दौरान आप तरक्की हासिल करेंगे। इस अवधि में आप एक शानदार जीवन जीते हुए दिखाई देंगे और आर्थिक रूप से मज़बूत होंगे।
करियर के संबंध में एट ऑफ पेंटाकल्स बता रहा है कि कुंभ राशि के जातक अपने काम में व्यस्त रहेंगे और आने वाले समय में भी आपका सारा ध्यान काम पर ही केंद्रित रहेगा। लेकिन, एक बात का आपको ध्यान रखना होगा कि काम में इतना भी न डूब जाए कि जीवन के महत्वपूर्ण पल आपके हाथ से निकल जाएं।
टू ऑफ वैंड्स को आपके स्वास्थ्य के लिए अशुभ कार्ड कहा जाएगा जो कि इस बात की तरफ साफ़ संकेत कर रहा है कि इस अवधि में आपका स्वास्थ्य उतार-चढ़ाव भरा रहेगा। ऐसे में, आपको डॉक्टर से सहायता लेनी पड़ सकती है क्योंकि संभव है कि आप एक साथ कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हों।
शुभ रंग: पर्पल
मीन राशि
प्रेम जीवन: थ्री ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: द सन
करियर: पेज ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: पेज ऑफ पेंटाकल्स
मीन राशि के प्रेम जीवन के लिए थ्री ऑफ कप्स कह रहा है कि वर्तमान समय में यह जातक मानसिक रूप से किसी रिश्ते में आने के लिए तैयार नहीं है इसलिए फ़िलहाल अभी आप किसी पार्टनर को नहीं ख़ोज रहे हैं। इस दौरान आप दोस्तों के साथ घुलना-मिलना पसंद कर सकते हैं और ऐसे में, आपका सारा ध्यान खुद पर केंद्रित होगा।
ऐसा कहा जाता है कि पैसों से ख़ुशियाँ भी खरीदी जा सकती हैं और यह बात मीन राशि वालों के लिए बिल्कुल सच साबित होगी। इन लोगों की आर्थिक स्थिति काफ़ी समय से अच्छी रही है और इसी क्रम में, यह सप्ताह भी आपके लिए उत्तम रहेगा। इस दौरान आप लक्ज़री और सुख-सुविधाओं का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे।
करियर को लेकर पेज ऑफ वैंड्स बता रहा है कि मीन राशि वाले एक नई यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। संभव है कि आप बेहतर अवसरों की तलाश में नौकरी परिवर्तन करें या फिर आपकी पदोन्नति हो सकती है। यह कार्ड एक स्थिर करियर की तरफ संकेत कर रहा है।
पेज ऑफ पेंटाकल्स भविष्यवाणी कर रहा है कि इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आपकी सेहत शानदार रहेगी। इस अवधि में आप अपनी जिम्मेदारियों और स्वास्थ्य के बीच संतुलन कायम करते हुए नज़र आएंगे।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. टैरो क्या है?
उत्तर 1. टैरो 78 कार्ड्स का एक समूह है जो टैरो रीडर द्वारा भविष्यवाणी करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
प्रश्न 2. टैरो आपकी सहायता कैसे करता है?
उत्तर 2. टैरो जीवन के विभिन्न आयामों में और आगे का मार्ग सुनिश्चित करने के लिए हमारा मार्गदर्शन करता है।
प्रश्न 3. क्या टैरो की भविष्यवाणी सटीक होती है?
उत्तर 3. हाँ, अगर टैरो रीडर अनुभवी हो, तो भविष्यवाणी सटीक साबित होती है।
इस दिन भी रखते हैं वट सावित्री का व्रत, लंबी होती है पति की उम्र
ज्येष्ठ मास में अनेक व्रत एवं त्योहार आते हैं। ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को वट पूर्णिमा का व्रत किया जाता है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत एवं पूजन करती हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन सावित्री और सत्यवान की पूजा का विधान है।
भारत में वट सावित्री का व्रत देश के अलग-अलग हिस्सों में भिन्न तिथि पर रखा जाता है। पश्चिम भारत में इस व्रत को ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन रखा जाता है, तो वहीं उत्तरी भारत में यह व्रत ज्येष्ठ माह की अमावस्या को किया जाता है।
वट पूर्णिमा व्रत हिंदू त्योहारों में बहुत महत्व रखता है और इसे ज्येष्ठ पूर्णिमा या वट सावित्री पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। नारद पुराण के अनुसार वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ अमावस्या और ज्येष्ठ पूर्णिमा दोनों पर रखा जा सकता है। वहीं दूसरी ओर, स्कंद पुराण में यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि ज्येष्ठ माह में पूर्णिमा पर व्रत किया जाता है जबकि एक अन्य ग्रंथ में ज्येष्ठ अमावस्या को वट सावित्री का व्रत रखने की तिथि के रूप में उल्लिखित किया गया है।
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कब है वट पूर्णिमा का व्रत
वट पूर्णिमा का व्रत 21 जून, 2024 को पड़ रहा है। 21 जून को सुबह 06 बजकर 33 मिनट पर पूर्णिमा तिथि आरंभ हो जाएगी और इसका समापन अगले दिन 22 जून को 06 बजकर 39 मिनट पर होगा। इस प्रकार व्रत 21 जून को ही रखा जाएगा।
वट सावित्री या वट पूर्णिमा का व्रत त्रयोदशी तिथि से लेकर पूर्णिमा तक लगातार तीन दिनों तक रखा जाता है। शास्त्रों के अनुसार जो महिलाएं तीन दिनों तक व्रत नहीं रख सकती हैं, वो ज्येष्ठ अमावस्या या ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत कर सकती हैं।
हिंदू पुराणों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि वट वृक्ष त्रिमूर्ति यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक है। इस वृक्ष की पूजा करने से श्रद्धालुओं के सभी दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं और उन्हें सौभाग्य प्राप्त होता है।
अनेक शास्त्रों और ग्रंथों में इस व्रत के महत्व का उल्लेख किया गया है। स्कंद पुराण, भविष्योत्तर पुराण और महाभारत आदि में इस व्रत का उल्लेख मिलता है। अपने पति के उत्तम स्वास्थ्य और लंबी आयु की कामना के लिए विवाहित स्त्रियां इस व्रत को रखती हैं।
भारत के सभी हिस्सों में वट पूर्णिमा का व्रत किया जाता है। यह व्रत मां गौरी और सती सावित्री को समर्पित है। महाराष्ट्र और गुजरात में बड़ी धूमधाम से इस व्रत को किया जाता है। भारत के अन्य शहरों जैसे कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और उड़ीसा में भी इस व्रत को करने का विधान है।
भारत के दक्षिण राज्यों जैसे कि कर्नाटक और तमिलनाडु में इस व्रत को करादयन नोन्बू के नाम से जाना जाता है। पूरे भारत में इस व्रत को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर स्नान के पानी में आंवला और तिल के बीजों को डालकर नहाती हैं और फिर धुले हुए वस्त्र पहनती हैं। फिर वे अपनी मांग में सिंदूर भरती हैं और चूड़ियां पहनती हैं।
इस दिन श्रद्धालु वट वृक्ष की जड़ खाते हैं और अगर लगातार तीन दिनों तक व्रत हो, तो इसे पानी के साथ तीनों दिन लिया जाता है।
वट वृक्ष की पूजा करने के बाद महिलाएं पेड़ के चारों ओर लाल या पीले रंग का धागा बांधती हैं। इसके बाद अक्षत, पुष्प और जल चढ़ाती हैं और फिर वृक्ष की परिक्रमा करती हैं।
इस दिन विशेष भोजन बनता है। पूजा के बाद परिवार के सभी सदस्यों में प्रसाद वितरित किया जाता है।
महिलाएं अपने घर के बड़े-बूढ़ों का आशीर्वाद लेती हैं।
इस दिन ज़रूरतमंद और गरीब लोगों को वस्त्रों, भोजन, धन आदि का दान देने का भी बहुत महत्व है। इस दिन आप बेल के वृक्ष की पूजा भी कर सकते हैं।
वट पूर्णिमा के दिन पानी में सरसों के दाने मिलाकर स्नान करें। महिलाएं सोलह श्रृंगार कर के वट वृक्ष की पूजा करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. वट पूर्णिमा का व्रत कैसे किया जाता है?
उत्तर. इस दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है।
प्रश्न. वट पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है?
उत्तर. इस दिन सुहागिन स्त्रियां पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं।
प्रश्न. वट पूर्णिमा का व्रत कब है?
उत्तर. 21 जून को वट पूर्णिमा है।
प्रश्न. वट सावित्री व्रत कितने दिन का होता है?
उत्तर. यह व्रत तीन दिनों का होता है।
प्रश्न. क्या वट पूर्णिमा व्रत में पानी पीते हैं?
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जगन्नाथ रथयात्रा से लेकर गुरु पूर्णिमा तक, यहां देखें आषाढ़ माह में पड़ने वाले व्रत-त्योहारों की लिस्ट!
सनातन धर्म में आषाढ़ महीना का बहुत अधिक महत्व है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आषाढ़ मास वर्ष का चौथा महीना है, जो जून के महीने में शुरू होता है और ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार जुलाई के महीने में समाप्त होता है। चैत्र, वैशाख और ज्येष्ठ के बाद, अगला महीना आषाढ़ का महीना होता है। यह महीना मानसून के आगमन का संकेत देता है। मौसम में बदलाव के कारण इस महीने स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इस माह को शून्य मास और चातुर्मास के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस माह से ही चातुर्मास की शुरुआत होती है। यानी भगवान विष्णु निद्रा अवस्था में चले जाते हैं और चार महीने तक कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
भले ही इस माह शुभ कार्य न हो लेकिन आषाढ़ मास तीर्थ यात्रा के लिए सबसे शानदार महीना माना जाता है। इस मास में पूजा पाठ करने का भी विशेष महत्व है और इसे साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। भगवान जगन्नाथ की भव्य यात्रा निकाली जाती है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। बता दें कि जब तक चातुर्मास रहता है तब शुभ और मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है इसलिए इस माह पूजा पाठ पर अधिक ध्यान लगाना चाहिए।
आषाढ़ का महीना बेहद खास महीना होता है क्योंकि इस महीने कई व्रत व त्योहार पड़ते हैं। आज इस ब्लॉग में हम आषाढ़ मास से जुड़ी तमाम रोमांचक चीज़ों के बारे में विस्तार से बताएंगे जैसे कि इस माह के दौरान कौन-कौन से व्रत-त्यौहार आएंगे? इस माह में कौन से उपाय किए जाने चाहिए? इस माह का धार्मिक महत्व क्या है? और इस मास में जातकों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? ऐसी ही कई जानकारियों से लबालब है एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग, इसलिए अंत तक ज़रूर पढ़ें।
आषाढ़ मास 2024: तिथि
आषाढ़ माह का आरंभ 23 जून 2024 रविवार को होगा जिसकी समाप्ति 21 जुलाई 2024 रविवार को हो जाएगी। शास्त्रों में बताया गया है कि आषाढ़ मास में भगवान विष्णु और भगवान शिव की उपासना करने का विशेष महत्व है। इस माह इनकी पूजा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस मास में पूजा-पाठ और हवन का भी बहुत अधिक महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, आषाढ़ मास में व्यक्ति को हर दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल देना चाहिए।
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आषाढ़ मास का महत्व
भगवान विष्णु व भगवान शिव के अलावा, आषाढ़ माह में माता लक्ष्मी व भगवान सूर्य की पूजा करनी चाहिए। इस माह सूर्य को प्रात: उठकर जल देना चाहिए। ऐसा करने से धन-संपदा और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। जो भी मनुष्य इस महीने में सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करता हैं उनके रोग-दोष दूर हो जाते हैं। आषाढ़ मास में कनेर के फूल,लाल रंग के पुष्प अथवा कमल के फूलों से भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। इस महीने में भले ही शुभ कामकाज न होते हों लेकिन पूजा-पाठ के लिहाज से यह महीना बहुत ही शुभ माना गया है। आषाढ़ मास में यज्ञ-दान का भी बहुत महत्व है। जो भी व्यक्ति इस माह यज्ञ व हवन करता है उस पर मां लक्ष्मी व भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि आषाढ़ माह में मौसम में बदलाव देखने को मिलता है। यह महीना वर्षा ऋतु का महीना माना जाता है। ऐसे में, इस दौरान संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है इसलिए इस अवधि खानपान का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। इस महीने में भगवान विष्णु, भगवान शिव, मां दुर्गा, और हनुमान जी की पूजा करने से कुंडली में सूर्य और मंगल की स्थिति मजबूत होती है। इससे आर्थिक संकटों से भी छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख समृद्धि आती है।
आषाढ़ माह में होता चातुर्मास की शुरुआत
सनातन धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व होता है। चातुर्मास की शुरुआत आषाढ़ महीने से ही होती है और यह पूरे चार महीने तक होता है। इस अवधि के दौरान किसी भी तरह का शुभ और मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है। सनातन धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व है। इसमें आने वाले चार महीने जिसमें सावन, भादौ, आश्विन और कार्तिक का महीना आता है। इस दौरान तीर्थ यात्रा करने का विशेष महत्व है। आषाढ़ मास में देवशयनी एकादशी पड़ती है और इस दिन से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं इसलिए इस समय किसी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं। मांगलिक कार्यों की फिर शुरुआत कार्तिक मास की देवउत्थान एकादशी के दिन से होती है।
आषाढ़ मास यानी कि 23 जून 2024 से 21 जुलाई 2024 के दौरान हिन्दू धर्म के कई प्रमुख व्रत-त्योहार आने वाले हैं, जो कि इस प्रकार हैं:
तिथि
वार
पर्व
25 जून 2024
मंगलवार
संकष्टी चतुर्थी
02 जुलाई 2024
मंगलवार
योगिनी एकादशी
03 जुलाई 2024
बुधवार
प्रदोष व्रत (कृष्ण)
04 जुलाई 2024
गुरुवार
मासिक शिवरात्रि
05 जुलाई 2024
शुक्रवार
आषाढ़ अमावस्या
07 जुलाई 2024
रविवार
जगन्नाथ रथ यात्रा
16 जुलाई 2024
मंगलवार
कर्क संक्रांति
17 जुलाई 2024
बुधवार
देवशयनी एकादशी, आषाढ़ी एकादशी
18 जुलाई 2024
गुरुवार
प्रदोष व्रत (शुक्ल)
21 जुलाई 2024
रविवार
गुरु-पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा व्रत
आषाढ़ मास में जन्म लेने वाले लोगों के गुण
ज्योतिष शास्त्र में हर महीने का अपना अलग और विशेष महत्व होता है। ज्योतिष के अनुसार जन्म का महीना, तारीख और राशियों से किसी के स्वभाव के बारे में बताया जा सकता है। ऐसे में, आइए जानते हैं आषाढ़ के महीने में जन्म लेने वाले जातक का व्यक्तित्व कैसा होता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आषाढ़ मास में जन्म लेने वाले लोग मनमौजी और अपने में ही मस्त रहने वाले होते हैं। ये लोग अपनी मर्जी के खिलाफ काम नहीं करते हैं। ये लोग दूसरों को अपनी ओर आसानी से प्रभावित कर लेते हैं और इनके व्यवहार से हर कोई इन पर जल्द ही आकर्षित हो जाता है। ये जातक बहुत अधिक ज्ञानी और मेहनती होते हैं। इन लोगों को अच्छे से पता है कि कैसे दूसरों से अपना काम निकाला जाता है। ये लोग प्रेम संबंधों के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं।
आषाढ़ माह में जन्म लेने वाले लोग अकेले नहीं बल्कि अपने मित्रों के साथ आगे बढ़ना पसंद करते हैं। ऐसे लोगों को घूमने फिरने का काफी शौक होता है। ये लोग ज्यादातर प्राकृतिक स्थानों पर घूमना पसंद करते हैं। साथ ही ऐसे लोग धार्मिक स्थल पर यात्रा करना और एडवेंचर करना बहुत पसंद करते हैं।
आषाढ़ के महीने को वर्षा ऋतु का महीना भी कहा जाता है क्योंकि इस महीने से मानसून की शुरुआत हो जाती है। ऐसे में, इस महीने में रोग व संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है यही वजह है कि इस माह से जुड़े ढेरों नियम के बारे में बताया जाता है, जिसका पालन हर किसी को करना चाहिए ताकि सतर्क रहा जा सके। तो आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में।
इस महीने में ज्यादा से ज्यादा ऐसे फल खाएं जिसमें जल की मात्रा अधिक हो। जैसे- तरबूज, खरबूजा आदि।
तेल व ज्यादा भुनी व चिकनी से बनी चीजों का सेवन करने से बचें।
इसके अलावा, आषाढ़ के महीने में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है।
यदि आप चाहें तो इस महीने में एकादशी, अमावस्या, और पूर्णिमा तिथि पर छाता, खड़ाऊ, आंवले, आम, खरबूजे, फल, व मिठाई, दक्षिणा, आदि चीज़ों को जरूरतमंद व गरीब लोगों को दान कर सकते हैं। ऐसा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
आषाढ़ मास में क्या करें व क्या न करें
इस महीने में भगवान श्री हरि भगवान विष्णु निद्रा अवस्था में चलते जाते हैं इसलिए इस माह से लेकर पूरे चार माह तक शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य करने से बचना चाहिए अन्यथा इसके अशुभ प्रभाव जीवन पर पड़ सकता है।
इस माह जितना हो सके भगवान विष्णु की पूजा करें और उनके मंत्रों का रोजाना जाप करें।
इस महीने में बासी खाना खाने से परहेज करें अन्यथा बीमार पड़ने का खतरा बना रहता है।
ये महीना वर्षा ऋतु के आगमन का होता है इसलिए जल का अपमान भूलकर भी न करें और न ही पानी की बर्बादी करें। वैसे तो पानी को बर्बाद कभी नहीं करना चाहिए लेकिन इस अवधि खास तौर पर आषाढ़ माह ऐसा करने से बचें।
इस महीने में स्नान दान का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसे में पवित्र नदियों में जा कर स्नान कर सकते हैं।
इस माह भगवान सूर्य की उपासना करें और उन्हें जल अर्पित करें।
यदि संभव हो तो इस महीने छाता, पानी से भरा घड़ा, खरबूजा, तरबूज, नमक, आंवले आदि का दान अवश्य करें। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
इस महीने में हरे पत्तेदार सब्जियों का सेवन न करें क्योंकि उनमें कीड़े लगने की संभावना अधिक होती है।
इस महीने में तामसिक चीजें जैसे,मसूर की दाल, बैंगन शराब और मास मदिरा आदि से दूरी बना लें।
इसके अलावा यदि इस दौरान भगवान विष्णु, भगवान शिव, माँ दुर्गा, भगवान हनुमान की पूजा की जाए तो ग्रह दोषों से छुटकारा पाया जा सकता है।
आषाढ़ महीने में इन मंत्रों का करें जाप
आषाढ़ माह में रोज सुबह पूजा करते समय नीचे दिए गए इन मंत्रों का जाप और ध्यान जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
ऊँ नम: शिवाय, ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय।
ऊँ रामदूताय नम:।
कृं कृष्णाय नम:।
ऊँ रां रामाय नम:।
इन मंत्रों का जाप करने से नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है, विचार सकारात्मक बनते हैं। घर के मंदिर में या किसी अन्य मंदिर में ध्यान किया जा सकता है। इसके लिए किसी शांत स्थान का चयन करना चाहिए।
आषाढ़ माह में किए जाने वाले आसान उपाय
शीघ्र फल प्राप्ति के लिए
आषाढ़ का महीना यज्ञ और धार्मिक अनुष्ठान कराने के लिए शुभ होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वर्ष के 12 महीनों में चौथा महीना आषाढ़ का महीना होता है और इस माह में यज्ञ करने से शीघ्र फल की प्राप्ति होती है।
आर्थिक समस्याओं से निपटने के लिए
यदि आपको अपनी कुंडली में सूर्य और मंगल की स्थिति बेहद कमजोर है और साथ ही जीवन में आ रही आर्थिक समस्याओं से निपटना चाहते हैं तो इस माह श्री हरि विष्णु, भोलेनाथ, मां दुर्गा और हनुमानजी की पूजा अवश्य करें। आषाढ़ मास में इनकी पूजा करना विशेष फलदायी होता है।
शारीरिक कष्टों से छुटकारा पाने के लिए
आषाढ़ मास में सूर्योदय से पूर्व उठकर सभी कार्यों से निवृत्त होकर स्नान करना चाहिए और फिर सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए। इसके बाद ही भोजन करना चाहिए। सूर्यदेव आरोग्य के देवता माने जाते हैं और आषाढ़ माह उनकी उपासना करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिल जाती है।
मनोकामना पूर्ण करने के लिए
आषाढ़ माह में कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं इसलिए यह माह पूजा-पाठ के लिए और भी खास होता है। इस माह देवशयनी एकादशी, आषाढ़ी एकादशी और योगिनी एकादशी जैसे कई पुण्यदायी व्रत पड़ते हैं। संभव हो तो इन त्योहारों पर पूजा पाठ करें और व्रत लें। ऐसा करने से आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी।
भगवान विष्णु की विशेष कृपा के लिए
आषाढ़ महीने में स्नान और दान का खास महत्व है। ऐसे में अपनी सामर्थ्य के अनुसार आषाढ़ मास में जरूरतमंद लोगों को दान-दक्षिणा जरूर देना चाहिए। मान्यता है कि आषाढ़ माह में छाता, आंवला ,जूते-चप्पल और नमक आदि का दान करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
नवविवाहितों के लिए क्यों अशुभ माना जाता है आषाढ़ माह
मान्यता है कि आषाढ़ के महीने में नई-नई शादी हुए जातकों को अपने पार्टनर के साथ नहीं रहना चाहिए यानी शादी के शुरुआती वर्षों में जोड़े को आषाढ़ महीने के दौरान अलग हो जाना चाहिए। इसके पीछे कई अलग-अलग वजह बताई जाती है। हालांकि सच यह है कि पुराने जमाने में लोग मानते थे कि यदि आषाढ़ के महीने में नवविवाहित जोड़े एक साथ रहते हैं और अगर महिला गर्भवती होती है तो वह चैत्र महीने में बच्चे को जन्म दे सकती है। सनातन धर्म में चैत्र गर्मी का महीना है और यह गर्मी के मौसम के आगमन का प्रतीक है। माना जाता था कि गर्मी के दिनों में नवजात शिशु और माँ को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए, यह सुझाव दिया गया कि नवविवाहित जोड़ों को पूरे आषाढ़ महीने के लिए अलग रहना चाहिए।
आषाढ़ के ठीक बाद आने वाले सावन के महीने में नवविवाहित जोड़ों को दोबारा साथ में रहने की अनुमति दे दी जाती थी। यह भी माना जाता है कि आषाढ़ के महीने में नवविवाहित महिला को अपनी सास के साथ नहीं रहना चाहिए इसलिए उन्हें आषाढ़ के महीने तक मायके भेज दिया जाता था ताकि दोनों के बीच कोई मतभेद न हो और रिश्ता प्यार से चलता रहे।
आषाढ़ माह 2024 में राशि अनुसार करें ये उपाय, होगा लाभ
आषाढ़ के महीने में भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए राशि अनुसार उपाय बता जा रहे हैं, जिसे अपनाकर आप जीवन में सुख समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
मेष राशि
आषाढ़ माह में मेष राशि के जातकों को गाय को हरा मूंग खिलाना चाहिए। ऐसा करने से यदि आप स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो आपको राहत मिलेगी और आपकी सेहत पहले से बेहतर होगी। यही नहीं बड़ी से बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से आपको छुटकारा मिलेगा।
वृषभ राशि
वृषभ राशि राशि के जातकों को आषाढ़ माह में छोटी कन्याओं को भोजन करवाना चाहिए और उन्हें मिश्री का दान करना चाहिए। ऐसा करने से परिवार में सुख समृद्धि आएगी और कुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत होगी।
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मिथुन राशि
इस राशि के जातकों को आषाढ़ माह में मां दुर्गा के सामने घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से जातकों भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कर्क राशि
अपने जीवन में शुभ फल प्राप्त करने के लिए व सकारात्मक ऊर्जा के लिए आषाढ़ महीने में बेल के फल को लाल कपड़े में बांधकर रख लें और जैसे ही आषाढ़ माह खत्म हो तो उसे किसी बेहती नदी में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से आपको हर काम में सफलता प्राप्त होगी।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों को आषाढ़ के महीने में माँ भगवती को लाल चंदन व लाल चुनरी चढ़ाएं। ऐसा करने से आपके रुके हुए काम बनने लगेंगे।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए और पितरों की आत्मा की शांति के लिए आषाढ़ के महीने में पक्षियों को गेहूं और चावल के दाने खिलाने चाहिए। ऐसा करना आपके लि शुभ रहेगा।
तुला राशि
अपने जीवन से कष्ट और तमाम परेशानियां दूर करने के लिए आषाढ़ के महीने में देवी भगवती को मसूर की दाल अर्पित करना चाहिए और फिर इसे किसी सुहागिन महिला को दान कर दें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों को इस दिन तुलसी का पौधा लगाना चाहिए और रोजाना पौधे के आगे दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से आपका सोया हुआ भाग्य जाग जाएगा।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों को मां दुर्गा के मंदिर जाकर सुहाग का सामान अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां आएंगी और आपका प्रेम जीवन खुशहाल बना रहेगा।
मकर राशि
अपने जीवन में सुख सौभाग्य के लिए आषाढ़ के महीने में विष्णु मंदिर में जाकर भगवान विष्णु को अशोक के पत्ते की माला अर्पित करना चाहिए।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों को आषाढ़ महीने में छोटे बच्चों को किताबें व मीठी चीज़ों का दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपको कभी भी आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा और कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होगी।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों को आषाढ़ के महीने में एक लाल कपड़े में गेहूं भरकर उसे किसी गरीब व जरूरतमंदों को दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी संतान को दीर्घ आयु प्राप्त होगी और वे हमेशा स्वस्थ रहेंगे।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. आषाढ़ कौन से महीने को कहते हैं?
उत्तर 1. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ मास वर्ष का चौथा महीना है।
प्रश्न 2. आषाढ़ महीना कब से चल रहा है?
उत्तर 2. आषाढ़ माह का आरंभ 23 जून 2024 रविवार को होगा जिसकी समाप्ति 21 जुलाई 2024 रविवार को हो जाएगी।
प्रश्न 3. आषाढ़ माह का महत्व?
उत्तर 3. माना जाता है कि इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
प्रश्न 4. आषाढ़ को अशुभ क्यों माना जाता है?
उत्तर 4. भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इस तरह चातुर्मास शुरू हो जाता है इसलिए इस माह को अशुभ माना जाता है।
शनि-मंगल मिलकर करेंगे बवाल, इन 5 राशियों को कदम-कदम पर उठानी पड़ सकती है मुश्किलें!
ज्योतिष शास्त्र में नवग्रहों में से शनि, मंगल समेत कुछ ग्रह मनुष्य जीवन को अत्यधिक प्रभवित करने का सामर्थ्य रखते हैं। जब बात आती है शनि की, तो लोग इनके नाम से भी भयभीत हो जाते हैं और इनकी दृष्टि पड़ने पर ग्रह अशुभ फल देने लगते हैं। इसी क्रम में, अब शनि महाराज मंगल देवता पर अपनी दृष्टि डालने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको उन राशियों के बारे में अवगत कराएगा जो शनि की दृष्टि मंगल पर पड़ने से अत्यंत प्रभावित होगी। तो आइए बिना देर किये आगे बढ़ते हैं और इन राशियों के बारे में जानते हैं।
जैसे कि हम जानते हैं कि प्रत्येक ग्रह एक निश्चित अवधि के बाद अपनी राशि में परिवर्तन करता है। इसी क्रम में, 01 जून 2024 को साहस और पराक्रम के देवता मंगल मेष राशि में प्रवेश कर गए हैं और यह इस राशि में 12 जुलाई 2024 तक रहेंगे। ऐसे में, कुंभ राशि में उपस्थित शनि महाराज की की तीसरी दृष्टि मंगल देव पर पड़ेगी और इसके परिणामस्वरूप, जून माह में राशि चक्र की पांच राशियों के जातकों के जीवन पर मंगल और शनि दोनों ही ग्रहों का अशुभ प्रभाव देखने को मिलेगा। चलिए नज़र डालते हैं इन राशियों पर।
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शनि की मंगल पर दृष्टि से, इन 5 राशियों को मिलेंगे अशुभ परिणाम
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों को जून माह में शनि की दृष्टि मंगल पर पड़ने से अशुभ प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, इस राशि वालों का जीवन उतार-चढ़ाव भरा रहने की आशंका है। इस राशि के व्यापार करने वाले जातकों को व्यापार में काफ़ी भारी नुकसान हो सकता है। इस अवधि में आप धन कमाने के जो भी प्रयास करेंगे, उसमें आपको असफलता मिल सकती है जिसके चलते आप निराश या मायूस महसूस कर सकते हैं। शनि की मंगल पर दृष्टि पड़ने की वजह से आपको करियर में ज्यादा अच्छी सफलता न मिलने के आसार है। साथ ही, नौकरी में समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है।
लेकिन, इन जातकों को आर्थिक जीवन में सावधान रहने की सलाह दी जाती है। मंगल पर शनि की दृष्टि का प्रभाव आपके रिश्ते में उतार-चढ़ाव लेकर आ सकता है जिसके चलते पार्टनर के साथ आपकी बहस या विवाद हो सकती है। इस अवधि में छोटी-छोटी बातें कोई बड़ी समस्या का रूप ले सकती हैं। स्वास्थ्य के लिहाज़ से, यह अवधि आपके लिए थोड़ी मुश्किल रह सकती है और ऐसे में, सिरदर्द और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। नौकरीपेशा जातक कार्यस्थल में विवादों में फंस सकते हैं इसलिए आपको अपनी वाणी पर ध्यान देना होगा।
कन्या राशि के जातकों को मंगल और शनि के नकारात्मक प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं। यह अवधि आपके लिए समस्याओं से भरी रह सकती हैं इसलिए आपको जून माह में किसी भी तरह के बड़े फैसलों को लेने से बचना होगा। करियर की बात करें, तो नौकरी में आपको काफी मेहनत करनी पड़ सकती है और हो सकता है कि इसके बावजूद भी सकारात्मक परिणाम न मिलने का अनुमान है जिसकी वजह से आप निराश रह सकते हैं।
संभावना है कि आर्थिक जीवन में आपको धन हानि भी उठानी पड़ें और ऐसे में, आपको बेकार के खर्चे परेशान कर सकते हैं। इन्हें पूरा करने के लिए आपको लोन लेने की नौबत आ सकती है। वहीं, जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें इस दौरान मन मुताबिक लाभ न मिलने के संकेत है। प्रेम जीवन में आपके रिश्ते में अहंकार होने की वजह से पार्टनर के साथ आपका रिश्ता बिगड़ सकता है। इसके अलावा, कन्या राशि वालों को गले में संक्रमण और तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याएं घेर सकती हैं।
तुला राशि वालों का नाम भी उन राशियों में शामिल हैं जिन्हें शनि और मंगल के प्रभाव नकारात्मक रूप से प्रभावित करेंगे। शनि की दृष्टि की वजह से मंगल का गोचर आपके लिए ज्यादा ख़ास नहीं कहा जा सकता है। प्रेम और पारिवारिक जीवन में यह अवधि आपके लिए असफलता लेकर आ सकती है। घर-परिवार में संपत्ति को लेकर विवाद पैदा हो सकते हैं जिसके चलते घर का वातावरण तनावपूर्ण रहने की आशंका है। जिन जातकों के विवाह की बात चल रही है, उनके लिए फ़िलहाल कुछ समय के लिए शादी को टालना ठीक रहेगा।
अगर आप धन निवेश करना चाहते हैं, तो कुछ समय के लिए आपको रुकने की सलाह दी जाती है, अन्यथा आपको धन हानि होने की संभावना है। करियर के क्षेत्र में भी समस्याएं जन्म ले सकती हैं और ऐसे में, आपको आर्थिक रूप से नुकसान होने का अनुमान है। इन जातकों से कोई मनपसंद की वस्तु या कोई सामान खो सकता है। घर-परिवार में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए आप लोन लेने के लिए मज़बूर हो सकते हैं। दूसरी तरफ, प्रेम जीवन में पार्टनर के साथ आपको अच्छा तालमेल बनाए रखना मुश्किल लग सकता है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में आपको धैर्य रखना होगा और अपनी सेहत पर ध्यान देना होगा क्योंकि इन लोगों को पैरों में दर्द की समस्या परेशान कर सकती है जिसकी वजह से आप तनाव में आ सकते हैं।
वृश्चिक राशि वालों को भी मंगल पर शनि की अशुभ दृष्टि की वजह से नकारात्मक परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। ऐसे में, इन लोगों को जीवन में कदम-कदम पर समस्या का सामना करना पड़ेगा। अगर आप किसी अच्छी नौकरी की तलाश में हैं, तो आपके हाथ से ऐसा कोई अवसर निकल सकता है जिससे आप निराश दिखाई देंगे। वृश्चिक राशि के जो जातक नौकरी करते हैं, वह अपने वरिष्ठों के साथ विवाद में उलझ सकते हैं और इस वजह से आपका प्रमोशन भी अटकने का अनुमान है। इस अवधि में काम की अधिकता की वजह से आप व्यस्त रहेंगे और साथ ही, आप पर नौकरी का दबाव भी अधिक रहने की आशंका है।
जो जातक खुद का व्यापार करते हैं, वह अच्छा लाभ कमाने में पीछे रह सकते हैं। जून माह में ही ग्रहों के राजकुमार बुध का भी गोचर होगा जो आपकी समस्याओं को बढ़ाने का काम करेगा। इसके फलस्वरूप, आपको धन कमाने की राह में दिक्कतों का सामना करना होगा। साथ ही, जून के महीने में आप बेहद व्यस्त नज़र आएंगे जिसके चलते आप परिवार को समय देने में समर्थ नहीं होंगे और यह आपके लिए समस्या की वजह बन सकता है। प्रेम जीवन में पार्टनर के साथ आपके रिश्ते में प्रेम और उत्साह की कमी रह सकती है। साथ ही, इस दौरान आपको माता के स्वास्थ्य पर काफ़ी पैसा खर्च करना पड़ सकता है।
मकर राशि के लिए मंगल और शनि दोनों ग्रह अशुभ परिणाम लेकर आ सकते हैं। ऐसे में, आपके सुख -सुविधाओं में कमी आने की आशंका है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति की रफ़्तार धीमी रहने का अनुमान है। अगर आपका खुद का व्यापार है, तो आपको बिज़नेस में बेहद सावधान रहते हुए आगे बढ़ना होगा। इस दौरान आपको कारोबार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। यह अवधि मकर राशि के नौकरीपेशा जातकों को औसत परिणाम देने का काम करेगी और आप पर काम का दबाव बढ़ने के आसार है। पारिवारिक जीवन में चल रही समस्याओं की वजह से आपका जीवनसाथी के साथ विवाद या मतभेद हो सकता है। इस राशि के लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने की वजह से रोगों का शिकार हो सकते हैं। परिवार के किसी सदस्य की बिगड़ती सेहत आपके खर्चे बढ़ाने का काम करेगी।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. क्या मंगल शनि का शत्रु है?
उत्तर 1. ज्योतिष के अनुसार, शनि और मंगल को एक-दूसरे के शत्रु माना जाता है।
प्रश्न 2. मंगल पर शनि की दृष्टि होने से क्या होगा?
उत्तर 2. मंगल और शनि का दृष्टि संबंध होने पर यह एक विध्वंसक योग का निर्माण करता है।
प्रश्न 3. जून 2024 में मंगल किस राशि में है?
उत्तर 3. वर्ष 2024 के जून माह में मंगल अपनी राशि मेष में विराजमान हैं।
शनि वक्री इन 5 राशियों के लिए लाएगा आर्थिक संकट, सिर्फ इस एक राशि को मिलेगा भाग्य का साथ!
शनि कुंभ राशि में वक्री: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शनि कुंभ राशि वक्री के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि शनि वक्री का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को शनि वक्री से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा इस ब्लॉग में शनि की स्थिति को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे। बता दें किशनि 29 जून 2024 को अपनी स्वयं की राशि कुंभ में वक्री होने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।
जैसे कि हम जानते हैं कि शनि ग्रह कर्मफल दाता है जो कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं और सभी ग्रहों में यह सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं। ऐसे में, जब भी इनकी स्थिति में ज़रा सा भी परिवर्तन होता है उसका असर मानव जीवन के साथ-साथ राशिचक्र की सभी 12 राशियों पर पड़ता है।
शनि महाराज को किसी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में ढाई साल का समय लगता है और इस प्रकार, यह 12 राशियों का एक चक्र पूरा करने में 30 साल का समय लेते हैं। बीते 17 जनवरी 2023 को शनि देव अपनी मूल त्रिकोण राशि में लौट आए थे और अब यह कुंभ राशि में ही 29 जून 2024 की रात 11 बजकर 40 मिनट पर वक्री हो रहे हैं। हालांकि, शनि की वक्री अवस्था को बेहद प्रभावशाली और ताकतवर माना जाता है जिसका गहरा असर सभी राशियों पर देखने को मिलता है। अब नज़र डालते हैं कि किन राशियों को शनि की वक्री चाल शुभ व किन राशियों पर अशुभ परिणाम प्रदान करेगी।
शनि कुंभ राशि में वक्री: समय
शनि, शक्तिशाली ग्रह जो 17 जनवरी, 2023 को कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं और अब 29 जून, 2024 को वक्री होने के लिए तैयार है। शनि वर्तमान में अपनी मूल त्रिकोण राशि में हैं।
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कुंभ राशि में शनि का वक्री होना: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शनि आपके दसवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह लाभ भाव यानी कि ग्यारहवें भाव में वक्री हो रहे हैं। ऐसे में, शनि का कुंभ राशि में वक्री होना आपके करियर और कमाई को प्रभावित करेगा। इसके परिणामस्वरूप, जातकों को कार्यों में मनचाहे परिणाम पाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है।
आपको यह बात ध्यान में रखनी होगी कि शनि ग्रह आपकी परीक्षा ले रहे हैं और इस दौरान वह आपको जीवन के महत्वपूर्ण पाठ पढ़ाएंगे। ऐसे में, आपको मेहनत करना जारी रखना होगा क्योंकि भविष्य में आपको शनि देव अनुकूल परिणाम प्रदान करेंगे। जिन जातकों का अपना व्यापार हैं, उन्हें अपने बिज़नेस को चलाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है और लाभ कुछ हद तक कम हो सकता है। आर्थिक जीवन की बात करें तो आशंका है कि वक्री शनि का आपके वित्तीय जीवन में बहुत अधिक सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा और आपकी आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है।
वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि नौवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके लाभ के दसवें भाव में वक्री होंगे। कुंभ राशि में शनि का वक्री होना वृषभ राशि वालों के करियर और लाभ पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। जहां तक आपके करियर का सवाल है, वक्री शनि के फलस्वरूप आपको मनचाही सफलता मिलने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि आपको छोटे-छोटे लाभ प्राप्त करने के लिए भी अधिक प्रयास करने पड़ सकते हैं। आपके अंदर प्रतिभा और अच्छे स्किल्स होने के बावजूद भी कार्यक्षेत्र में आपके वरिष्ठ आपसे ज्यादा दूसरों पर भरोसा करेंगे और उन्हें तरजीह दे सकते हैं। जिन जातकों का खुद का बिज़नेस हैं, उन्हें अपने व्यवसाय को चलाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है और इस अवधि के दौरान नए व्यवसायों को बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए शनि आपके आठवें और नौवें भाव के स्वामी हैं जो कि वक्री होने जा रहे हैं। शनि की वक्री चाल के चलते आपके भाग्य में थोड़ी कमी देखने को मिल सकती है और साथ ही, कार्यों के पूरे होने में देरी होने की संभावना है, लेकिन थोड़ी देर से ही सही आपके सभी कार्य आपके अनुसार पूरे हो जाएंगे।
इस अवधि में आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा। इन जातकों को नौकरी में ट्रांसफर या फिर कार्यक्षेत्र में जॉब प्रोफाइल में बदलाव का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, इस दौरान आप अध्यात्म की राह पर आगे बढ़ेंगे या फिर स्वयं को आध्यात्मिक गुरुओं की शरण में पाएंगे।
सिंह राशि के जातकों के लिए शनि छठे और सातवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके सातवें भाव में वक्री हो जाएंगे। व्यवसायी वर्ग के लोगों के लिए यह अवधि अच्छी कही जा सकती है क्योंकि इस दौरान आपको कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक जीवन में भी आपको अच्छे परिणाम मिलते नज़र नहीं आ रहे हैं और आशंका है कि अच्छा लाभ प्राप्त न हो। शनि वक्री के दौरान आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है। यदि आपको आर्थिक जीवन में लाभ मिलता भी है, तो यह आपकी उम्मीद से कम हो सकता है। आप पर जिम्मेदारियों का बोझ आ सकता है, जिसे पूरा आपके लिए मुश्किल हो सकता है। शनि की वक्री अवस्था आपके वैवाहिक जीवन में समस्याएं पैदा कर सकती हैं और आपको रिश्ते में उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए इन जातकों को अपने रिश्ते को प्यार से संभालना होगा।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए शनि पांचवें और छठे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके छठे भाव में वक्री होंगे। हालांकि, वकीलों के लिए इस समय को अच्छा नहीं कहा जा सकता है क्योंकि शनि छठे भाव में हैं और यह क़ानूनी मुद्दों के फैसलों में देरी करवा सकते हैं या फिर आपके पास आने वाले मुकदमों में कमी देखने को मिल सकती है।
कन्या राशि वालों के शत्रु इस अवधि में आप पर हावी होने की कोशिश कर सकते हैं और कुछ समय के लिए आपको कमज़ोर भी कर सकते हैं। हालांकि, परिस्थितियां आपके नियंत्रण में रहेंगी, लेकिन आप तनाव में नज़र आ सकते हैं और इस वजह से आपकी रातों की नींद भी उड़ सकती है। साथ ही, इन जातकों को स्टॉक मार्केट में निवेश करने से बचना होगा, अन्यथा आपको नुकसान हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप आपको आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।
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शनि कुंभ राशि में वक्री: इस एक राशि को होगा लाभ
धनु राशि
शनि के वक्री होने से धनु राशि के जातकों को बहुत अधिक शानदार परिणाम प्राप्त होंगे। आपको कई क्षेत्रों से अच्छी खबरें मिलेंगी, विशेष रूप से काम और नौकरी के मामले में आपको भाग्य का साथ मिलेगा। यदि आप अपनी नौकरी बदलने या नए अवसरों की तलाश कर रहे हैं तो आपको निश्चित रूप से नए और बेहतरीन अवसर प्राप्त होंगे। इस अवधि आप अपने साहस और प्रयासों के दम पर आप सफलता हासिल करने में सक्षम होंगे।
शनि की वक्री अवस्था के दौरान आप अच्छा ख़ासा लाभ प्राप्त करेंगे जिसके दम पर आप आर्थिक रूप से सफल होंगे। साथ ही, इस दौरान आपको उच्च वेतन वाली नौकरी मिलने की प्रबल संभावना है जो कि वित्तीय समस्याओं से आपको मुक्ति प्रदान करेगी। इस समय आपको भाग्य का भी साथ मिलेगा।
शनि कुंभ राशि में वक्री: प्रभावशाली उपाय
गरीबों को भोजन कराना शनि के लिए सबसे अच्छे उपायों में से एक है।
गरीब व जरूरतमंदों को कंबल और काले कपड़े दान करें।
जरूरतमंदों को जूते दान करें।
गरीबों को काले चने की खिचड़ी और घी दान करें।
सरसों का तेल दान करें और हर शनिवार को शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. शनि कुंभ राशि में कब वक्री होने जा रहा है?
उत्तर 1. शनि 29 जून 2024 की रात 11 बजकर 40 मिनट पर कुंभ राशि में वक्री हो रहे हैं।
प्रश्न 2. शनि देव कुंभ राशि में कब तक वक्री रहेंगे?
उत्तर 2. शनि अभी खुद की राशि कुंभ में विराजमान हैं. 29 जून 2024 से 15 नवंबर 2024 तक वक्री रहेंगे।
प्रश्न 3. शनि ग्रह खराब होने के क्या लक्षण है?
उत्तर 3. बनते हुए काम में अड़चने आना, कर्ज का बोझ होना, घर में आग लगना, मकान बिकना या उसका कोई हिस्सा गिरना आदि भी शनि दोष के लक्षण माने गए हैं।
प्रश्न 4. शनि की राशि कौन सी है?
उत्तर 4. शनि कुंभ और मकर राशि के स्वामी हैं।
चिलचिलाती गर्मी में भी कूल दिखते हैं ये राशि वाले, जानें इसके पीछे की वजह!
इन दिनों लोगों को लंबे समय से सूर्य देव के प्रचंड तेवरों का सामना करना पड़ रहा है। सुबह से ही भीषण गर्मी और लू लोगों की हालत बिगाड़ रही है। भीषण गर्मी से अभी राहत के आसार भी नजर नहीं आ रहे। इस बीच कुछ राशियों पर गर्मी का कोई प्रभाव नज़र नहीं आ रहा है। इस राशि के जातक चिलचिलाती गर्मी में भी कूल नज़र आते हैं। दरअसल, ज्योतिष शास्त्र में राशियों को अलग-अलग तत्वों (अग्नि, वायु, पृथ्वी और जल) में बांटा गया है। सभी 12 राशियों में तीन राशियां जल तत्व की राशियां हैं और एक राशि राशि वायु तत्व की राशि है। यानी 4 राशियां ऐसी हैं, जो जल व वायु तत्व से संबंधित हैं इसलिए ये राशि वाले जातक भीषण गर्मी में भी ऊर्जा से भरे हुए दिखाई देते हैं।
तो आइए इसी क्रम में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं उन राशियों के बारे में जो इस तपती गर्मी में भी कूल नज़र आते हैं यानी सूर्यदेव की किरण उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाती है। साथ ही, जानेंगे कि इन राशियों की क्या खूबियां हैं।
इन राशियां तपती गर्मी में भी रहते हैं फिट
मिथुन राशि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मिथुन राशि द्विस्वभाव वाली और वायु तत्व की राशि है। वायु तत्व की राशि होने के परिणामस्वरूप, इन जातकों को गर्मी परेशान नहीं करती है। यह मौसम और परिस्थिति के अनुसार, खुद को बड़ी आसानी से ढाल लेते हैं। यही नहीं सर्दी के मौसम में इन्हें ज्यादा सर्दी नहीं लगती है। ये हर मौसम में सामान्य रहते हैं और चाहे कितनी भी गर्मी हो जाए पसीने की बूंद इनके माथे पर नज़र नहीं आती है।
हालांकि, इस राशि के व्यक्तित्व की बात करें तो ये बहुत अधिक कल्पनाशील और ख्यालों में हर वक्त खोए रहते हैं। इसके अलावा, ये जातक काफी परिवर्तनशील होते हैं। ये काफी पढ़े-लिखे होते हैं और किताबें पढ़ने का इन जातकों को बहुत अधिक शौक होता है। हालांकि, द्विस्वभाव वाली राशि होने के कारण अक्सर इन्हें निर्णय लेने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि ये सही निर्णय नहीं ले पाते हैं। हालांकि, ये जल्द से जल्द धन अर्जित करने के बारे में सोचते हैं और उसके लिए काफी मेहनत भी करते हैं।
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कर्क राशि
बात कर्क राशि की करें तो, कर्क राशि जल तत्व की राशि है और साथ ही, इस राशि के स्वामी शीतलता का कारक ग्रह चंद्रमा हैं। इसके परिणामस्वरूप इस राशि के जातक भीषण गर्मी में भी खुद को संभालना अच्छे से जानते हैं। यही नहीं कुछ लोगों को गर्मी में टैनिंग की काफी समस्या होती है लेकिन इन राशि वालों को कम गर्मी लगने की वजह से टैनिंग की समस्या भी नहीं सताती है। इस राशि के जातक काफी कूल रहते हैं। इनके स्वभाव में भी शांति और शीतलता देखने को मिलती है।
इसके अलावा, ये लोग बहुत अधिक भावुक होते हैं। ये भले ही बाहर से बहुत अधिक कठोर नज़र आए लेकिन अंदर से बहुत नरम दिल के होते हैं। कई बार इस राशि का यही स्वभाव उन्हें लोगों के बीच प्रिय बनाने में मदद करता है। इन जातकों का भावुक स्वभाव इनको परिस्थितियों से जल्दी बाहर आने नहीं देता है। कर्क राशि के स्वामी चन्द्रमा और जल तत्व की राशि होने के फलस्वरूप ये लोग संवेदनशील, मासूम,कभी -कभी मूडी व भावुक होते हैं।
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वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल हैं, जो अग्नि प्रधान ग्रह हैं इसलिए इनका स्वभाव तेज होता है लेकिन, जल तत्व होने की वजह से इन्हें हरियाली व पाली वाले क्षेत्र अधिक पसंद आते हैं। मौका मिलते हैं इस राशि के लोग समुद्र तट या जलीय क्षेत्रों में घूमने के लिए निकल जाते हैं। हालांकि, इस राशि के जातकों को सर्दी जुकाम की समस्या बहुत अधिक रहती है क्योंकि, ये जल तत्व के होते हैं लेकिन, ख़ास बात यह होती है कि इनको गर्मी अधिक परेशान नहीं करती है और यह तपतपाती गर्मी को भी सहन करने में सक्षम होते हैं।
वृश्चिक राशि के जातक दूसरों के बारे में जानने में काफी दिलचस्पी लेते हैं। ये जरूरी चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इन लोगों को रिसर्च करना बहुत पसंद होता है और मुद्दे की तह तक पहुंच कर रहते हैं। हालांकि, इन जातकों को गुस्सा जल्दी आता है पर ये लोग बातचीत में स्पष्टवादी होते हैं। ज्यादा क्रोध से इन्हें नुकसान भी पहुंच सकता है इसलिए इन्हें अपने क्रोध पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होती है। वृश्चिक राशि के लोगों की इच्छा शक्ति बहुत मजबूत होती है और ये एक दूसरे में बहुत जल्दी घुल मिल जाते हैं।
मीन राशि जल तत्व की राशि है और इसके स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं इसलिए गुरु की स्थिरता और गंभीरता इन राशि के जातकों में पाई जाती है। मीन राशि जल तत्व की राशि होने के कारण इनके व्यक्तित्व के साथ इनकी प्रकृति में भी शीतला देखी जाती है। गर्मी के दिनों में इस राशि के जातकों को अधिक परेशानी नहीं होती है और ये काफी कूल रहते हैं। चाहे कितनी भी गर्मी क्यों न हो जाए इनका चेहरा मुस्कुराता रहता है।
इनके स्वभाव की बात करें तो ज्योतिष के अनुसार मीन राशि के लोग स्वतंत्र रहना काफी पसंद करते हैं। इनके विचारों से लोग काफी प्रभावित होते हैं। ऐसे लोग काफी भावुक होते हैं। ये काल्पनिक दुनिया में ज्यादा रहते हैं। इनके पास धन आवश्यकता से अधिक होता है और कई बार यह परेशानी का सबब भी बन जाता है। इस राशि के लोगों को युवावस्था में ही धन, वैभव, ऐश्वर्य एवं भौतिक सुख की प्राप्ति होती है। आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ इनका झुकाव बहुत अधिक होता है। लेकिन अंधभक्ति का दिखावा नहीं करते हैं।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. मीन राशि का तत्व क्या है?
उत्तर 1. इस राशि को जल तत्व प्रधान माना जाता है।
प्रश्न 2. मीन राशि के देवता कौन है?
उत्तर 2. इस राशि का स्वामी देव गुरु बृहस्पति हैं।
प्रश्न 3. वृश्चिक राशि का तत्व कौन सा है?
उत्तर 3. वृश्चिक राशि को जल तत्व की राशि माना गया है।
प्रश्न 4. वृश्चिक राशि के लोग कैसे होते हैं?
उत्तर 4. वृश्चिक राशि वाले अपने काम के प्रति काफी प्रतिबद्ध किस्म के होते हैं। दोस्ती के मामले में ये काफी बेहतर होते हैं।
बुध मिथुन राशि में उदित: इन राशियों को मिलेगी राहत और इन राशियों पर आएगी आफ़त!
एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आपको बुध मिथुन राशि में उदित से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी जैसे कि तिथि, समय एवं प्रभाव आदि। बता दें कि बुध 27 जून 2024 को मिथुन राशि में उदित हो जाएंगे और ऐसे में, राशि चक्र की सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव देखने को मिलेंगे। हमारा यह ब्लॉग आपको बुध के उदित होने से राशियों, शेयर बाजार समेत संसार पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में अवगत कराएगा इसलिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना जारी रखें।
ज्योतिष में बुध ग्रह किसी व्यक्ति के संवाद करने के तरीके को दर्शाते हैं फिर चाहे वह बात करने, लिखने या फिर सुनने के माध्यम से हो। मनुष्य जीवन में बुध बात करने की क्षमता को प्रभावित करते हैं। सकारात्मक पक्ष देखें तो, यह आपको बातों में स्पष्ट और चीज़ों को जल्दी समझने वाला बनाते हैं जबकि नकारात्मक रूप से गलतफहमी या बातों को गलत समझने आदि को बढ़ावा देते हैं। हालांकि, कभी-कभी बुध के अशुभ प्रभाव में होने पर यह आपको छल कपटी और धोखेबाज़ बना सकता है। साथ ही, बुध की स्थिति आपको मजाकिया और संचार में व्यंग्यात्मक भी बनाने का काम करती है।
बुध मिथुन राशि में उदित: समय
बुध महाराज 27 जून 2024 की सुबह 04 बजकर 22 मिनट पर मिथुन राशि में उदित हो जाएंगे। बता दें कि मिथुन राशि के स्वामी ग्रह बुध हैं और ऐसे में, यह अपनी ही राशि में उदित होंगे इसलिए इनकी स्थिति में होने वाले बदलाव का असर 12 राशियों, शेयर बाजार और विश्व में होने वाली घटनाओं पर पड़ेगा। हालांकि, इसके ठीक दो दिन बाद यानी कि 29 जून को बुध देव कर्क राशि में गोचर कर जाएंगे। आइए जानते हैं कि बुध के उदित होने से यह आपके जीवन को कैसे प्रभावित करेंगे।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
क्या होता है बुध का उदय होना?
बुध के उदित होने का अर्थ ऐसी अवस्था से है जब बुध सूर्य से दूरी बनाना शुरू कर देता है जिससे वह अपनी खोई हुई शक्तियों को पुनः प्राप्त कर सके। इस घटना को ही बुध का उदित होना कहा जाता है और इसे बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि प्राचीन काल में इसे गतिविधियों और घटनाओं के सूचक के रूप में देखा जाता था।
ज्योतिष की दुनिया में बुध के उदित होने को बौद्धिक और संचार कौशल से जुड़ी अवधि माना ’जाता था। इस समय को किसी भी तरह के काम की नई शुरुआत के लिए श्रेष्ठ कहा गया है, विशेष रूप से सीखने, लिखने, संवाद और व्यापार आदि के लिए। वहीं, कुछ ज्योतिषियों का मत है कि यह आपके विचारों को स्पष्ट बनाने का भी काम करता है।
बुध मिथुन राशि में उदित; इन राशियों के लिए साबित होगा वरदान
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके तीसरे भाव में उदित होने जा रहे हैं। ऐसे में, इन जातकों का संचार कौशल शानदार रहेगा और आप जीवन के महत्वपूर्ण कामों को पूरा करने में सक्षम होंगे। पेशेवर जीवन की बात करें, तो करियर के क्षेत्र में सहकर्मियों के साथ आपके रिश्ते सौहार्द से पूर्ण बने रहेंगे और उनका रवैया आपके साथ दोस्ताना होगा।
जिन जातकों का संबंध मीडिया या मार्केटिंग से है, उनके लिए यह अवधि लाभ लेकर आएगी। आप नए-नए दोस्त बनाने में सक्षम होंगे क्योंकि इस समय आपकी वाणी मधुर और बातचीत करने की क्षमता शानदार रहेगी। बुध का इस स्थिति को आपके पिता के लिए फलदायी कहा जाएगा और साथ ही, जीवनसाथी और भाई-बहनों के साथ आपके रिश्ते मजबूत होंगे।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके दूसरे भाव में उदित होने जा रहे हैं और ऐसे में, यह आपके जीवन में सकारात्मक परिणाम लेकर आएंगे। परिवार के साथ आप अच्छा समय बिताते हुए दिखाई देंगे और उनके साथ बात करने से आप हर समस्या का हल ढूंढ़ने में सक्षम होंगे। इन जातकों की मधुर वाणी सबको अपना बनाने का काम करेगी और आपकी बात को टालना हर किसी के लिए मुश्किल होगा।
परिवार में चल रहे विवाद या मतभेद अब दूर होंगे और आपको मनपसंद भोजन करने के मौके मिलेंगे। बुध की यह स्थिति वृषभ राशि के छात्रों के लिए फलदायी रहेगी और शिक्षा में आपका प्रदर्शन अच्छा रहेगा। इस अवधि में आपकी बुद्धि तेज़ बनेगी जिसका फायदा आपको आर्थिक जीवन में मिलेगा। आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होने से आपके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी।
मिथुन राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके पहले/लग्न भाव में उदित होंगे जो कि आपके पहले और और चौथे भाव में स्वामी हैं। ऐसे में, यह आपके आत्मविश्वास को बढाएंगे और समाज में आपके मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी। साथ ही, इन लोगों के सामाजिक जीवन के दायरे का भी विस्तार होगा और आप अपनी एक विशिष्ट जगह बना सकेंगे। हालांकि, बुध के मिथुन राशि में उदित होने से आपके जीवन में चल रही आर्थिक समस्याएं और परिवार में उत्पन्न मतभेद अब दूर होंगे। अगर पार्टनर के साथ आप मतभेद का सामना कर रहे हैं, तो अब उसका भी समाधान हो जाएगा और इसके फलस्वरूप, आप साथी के साथ यादगार समय बिताते हुए दिखाई देंगे।
आप दोनों साथ मिलकर परिवार को मज़बूत करने के बारे में सोच-विचार करेंगे और इस दिशा में आप कोई ठोस कदम भी उठा सकते हैं। साथ ही, आप लापरवाह होकर जीवन जिएंगे जिसकी वजह से आप अपने आसपास मौजूद लोगों का मनोरंजन करेंगे। ऐसे में, वह आप पर प्रेम न्योछावर करेंगे। मीडिया, लिटरेचर या कला के क्षेत्र से जुड़े जातक बुध उदित की अवधि में अपनी चमक बिखेरेंगे।
सिंह राशि
वाणी और संचार के कारक ग्रह बुध सिंह राशि वालों के लिए दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके ग्यारहवें भाव में उदित होने जा रहे हैं। बुध के मिथुन राशि में उदित होने से आप अपने भाई-बहनों के साथ समय बिताते हुए नज़र आएंगे, विशेष रूप से बड़े भाई-बहनों के साथ। ऐसे में, वह आपका साथ देंगे और जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने में आपकी सहायता और मार्गदर्शन दोनों करेंगे। अगर आपको आर्थिक मदद की भी आवश्यकता होगी, तब भी वह अपने कदम पीछे नहीं खीचेंगे और आपकी सहायता करेंगे।
वहीं, कार्यक्षेत्र में वरिष्ठों के साथ आपके रिश्ते मधुर बने रहेंगे और इसके परिणामस्वरूप, नौकरी में आपको किसी अच्छे पद की प्राप्ति हो सकती है। सिंह राशि के जातकों के सामाजिक जीवन का विस्तार होगा और साथ ही, आप सोशल मीडिया पर काफ़ी एक्टिव रहेंगे।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातक बुध उदित की अवधि में ऊर्जावान और उत्साह से भरे रहेंगे। इन जातकों के सपने ऊंचे होंगे और आप एक साथ कई कामों को करने में सक्षम होंगे। इन लोगों के घर में सुख-शांति बनी रहेगी और परिवार के सदस्यों के साथ आप हंसी-मजाक करते हुए दिखाई देंगे जिससे वातावरण खुशहाल बना रहेगा। ऐसे में, आपके आसपास के लोग आपसे ख़ुश रहेंगे। बुध उदित का समय शिक्षा के लिए भी उत्तम रहेगा क्योंकि इस राशि के छात्रों की याददाश्त तेज़ होगी और वह नए काम जल्दी से सीख जाएंगे।
करियर के क्षेत्र में, इस समय को आपके लिए शुभ कहा जाएगा और यह आपको कार्यों के सकारात्मक परिणा प्रदान करेगा। जिन लोगों का अपना व्यापार है, उनका बिज़नेस तरक्की और प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ेगा। आपके मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी और वहीं, जो जातक नौकरी करते हैं, उनकी मुलाकात उच्च पद के किसी प्रभावशाली व्यक्ति से हो सकती है। इस राशि के जो जातक सरकारी नौकरी करते हैं, उनके लिए बुध की उदित अवस्था बेहतरीन परिणाम लेकर आएगी क्योंकि आप करियर में स्थिरता प्राप्त करने में सक्षम होंगे। साथ ही, कन्या राशि के जातक नई योजनाओं को शुरू करने के बारे में सोच-विचार कर रहे हैं, तो वह इस अवधि में आगे की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं, उन्हें जल्द ही सफलता की प्राप्ति होगी।
तुला राशि वालों के लिए बुध देव आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध उदित की अवधि में आप खुद को भाग्यशाली महसूस करेंगे। इन जातकों का झुकाव अध्यात्म के प्रति बढ़ेगा और धार्मिक ग्रंथों के बारे में जानने में आपकी दिलचस्पी होगी। ऐसे में, आप तीर्थस्थलों और सांस्कृतिक धरोहरों की यात्रा करते हुए नज़र आ सकते हैं। हालांकि, इस दौरान आपके रिश्ते पिता या पिता तुल्य व्यक्ति के साथ अच्छे बने रहेंगे और वह हर कदम पर आपका साथ देंगे। लेकिन, आपको थोड़ा सावधान रहना होगा क्योंकि आपके पिता को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। साथ ही, धर्म-कर्म और दान आदि से जुड़े कार्यक्रमों में आप बढ़-चढ़कर भाग लेंगे।
बुध मिथुन राशि में उदित होने का समय उन छात्रों के लिए सफलता लेकर आएगा जो उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने के बारे में सोच रहे हैं। इन लोगों के मार्ग में आ रही समस्याएं दूर होंगी और इसके परिणामस्वरूप, आप अपनी पसंद के कॉलेज में एडमिशन लेने में सफल रहेंगे। इस अवधि को आपके पेशेवर जीवन के लिए भी सकारात्मक कहा जाएगा जिनका संबंध ट्रैवेलिंग, शिक्षा और रियल एस्टेट से है। इन क्षेत्रों में अचानक से तेज़ी देखने को मिलेगी और साथ ही, आपको भाग्य का साथ मिलेगा। बॉस की नज़रों में आपकी छवि अच्छी बनी रहेगी और फलस्वरूप, बेहतरीन काम के लिए इंसेंटिव मिलने की भी संभावना है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों की कुंडली में बुध आपके पांचवें भाव में उदित होंगे। बता दें कि बुध महाराज आपके पांचवें और आठवें भाव के भी स्वामी हैं। ऐसे में, पेशेवर जीवन के लिए इस अवधि को अच्छा कहा जाएगा, विशेष रूप से विभिन्न मार्केट के बारे में जानने के लिए। यह जातक अपनी रुचि के माध्यम से पैसा कमाने में सक्षम होंगे। यह समय उन लोगों के लिए फलदायी रहेगा जो मनोविज्ञान, शिक्षक और ज्योतिष आदि से जुड़े हैं।
आपकी योग्यताएं और क्षमताएं मज़बूत होंगी और ऐसे में, दूसरे लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने में सक्षम होंगे। आपके ग्राहकों की संख्या में वृद्धि होगी जिससे आपका व्यापार बढ़ेगा। जिन लोगों की रुचि सट्टेबाजी में हैं, उन्हें इस दौरान कम से कम धन निवेश करने की सलाह दी जाती है, अन्यथा आपको हानि हो सकती है।
बुध मिथुन राशि में उदित: इन राशियों की बढ़ेंगी मुसीबतें
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके आठवें भाव में उदित होने जा रहे हैं जो कि आपके रहस्यों का भाव है। इस अवधि में आपकी मानसिक शांति भंग रह सकती है। साथ ही, आपको दोस्तों के साथ रिश्ते में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इसके विपरीत, बुध उदित की अवधि आपके पेशवर जीवन के लिए जोख़िम भरी रहने की आशंका है इसलिए आपको सोच-समझकर आगे बढ़ना होगा। नौकरीपेशा जातकों को भी सतर्क रहने की आवकश्यता होगी क्योंकि आपको वरिष्ठों और बॉस के साथ मतभेदों से जूझना पड़ सकता है जिसका असर आपके मान-सम्मान पर पड़ने की संभावना है।इस अवधि को योजनाओं के निर्माण के लिए अच्छा कहा जाएगा, लेकिन उन्हें लागू करने में आपको देरी का सामना करना पड़ सकता है, अन्यथा आपको नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। इस राशि के जो जातक रिसर्च, खनन या पेट्रोलियम आदि से संबंध रखते हैं, उनकी वेतन में वृद्धि होने की संभावना है।
बुध मिथुन राशि में उदित के दौरान जरूर करें ये उपाय
बुध ग्रह के लिए यज्ञ/हवन करें।
गणेश जी की पूजा करें और उन्हें दूर्वा घास चढ़ाएं। साथ ही, उन्हें देशी घी के लड्डू का भोग लगाएं।
गाय को हरी सब्ज़ियां खिलाएं।
परिवार की महिलाओं को वस्त्र और हरे रंग की चूड़ियां दें।
किन्नरों का आशीर्वाद लें।
पक्षियों को भीगे हुए हरे चने खिलाएं।
बुध मिथुन राशि में उदित: विश्व पर प्रभाव
सरकार एवं राजनीति
बुध के मिथुन राशि में उदित होने से सरकार विभिन्न क्षेत्रों का समर्थन कर सकती है और वह ऐसा इन क्षेत्रों में सुधार लाकर और योजनाएं लागू करके कर सकती हैं।
देश के बड़े राजनेता और उच्च अधिकारी जिम्मेदारी से पूर्ण बयान दे सकते हैं। ऐसे में, वह जनता के साथ जुड़ने और उनकी बात सुनने का प्रयास करेंगे।
व्यापार एवं कृषि
व्यापार के कारक ग्रह कहे जाने वाले बुध के उदित होने पर दुनियाभर में व्यापार के क्षेत्र में गिरावट आने का अनुमान है।
पब्लिक सेक्टर, फार्मा और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री आदि को मुश्किल दौर से गुजरना पड़ सकता है।
ट्रांसपोर्ट, हस्तशिल्प और हैंडलूम आदि क्षेत्रों में बुध उदित होने से तेज़ी देखने को मिलेगी।
भारत में कृषि और पशुपालन की मांग में वृद्धि होगी।
शेयर बाजार और सट्टा बाजार में अस्थिरता का दौर जारी रहेगा।
देश में अधिकतर लोगों का झुकाव अध्यात्म और धर्म-कर्म के कार्यों में बढ़ेगा।
पब्लिक सेक्टर में काम करने वालों जातकों को विभिन्न स्रोतों से लाभ प्राप्त होगा।
मीडिया एवं जर्नलिज्म
जो लोग मीडिया के क्षेत्र से जुड़े हैं, वह अपनी शर्तों पर काम करने में सक्षम होंगे। साथ ही, आप पर काम का बोझ बढ़ सकता है।
लेखक, जर्नलिस्ट, कंटेंट क्रिएटर आदि को बुध के उदित होने से लाभ होगा।
बुध मिथुन राशि में उदित: शेयर बाजार भविष्यवाणी
बुध की उदित अवस्था शेयर बाजार को अत्यधिक प्रभावित करेगी और इसका असर विभिन्न कंपनियों के शेयरों से मिलने वाले मुनाफे पर भी असर डालेगा। अगर आप शेयर बाजार में रुचि रखते हैं, तो एस्ट्रोसेज ने शेयर बाज़ार भविष्यवाणी को विशेष रूप से आपके लिए तैयार किया है। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि बुध के मिथुन राशि में उदित होने से शेयर बाजार पर अच्छा या बुरा कैसा असर पड़ेगा।
फार्मा, पब्लिक और आईटी सेक्टर आदि के लिए आने वाला समय चुनौतीपूर्ण रहने की आशंका है।
बैंकिंग क्षेत्र काफ़ी समय से समस्याओं का सामना कर रहा है और इनका यह कठिन समय आगे भी जारी रह सकता है।
इस महीने का अंतिम समय रबर, तंबाकू और खाने-पीने में इस्तेमाल होने वाले तेल उद्योग आदि के लिए अच्छा रहने की संभावना है।
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बुध मिथुन राशि में उदित: इन खेल टूर्नामेंटों को करेंगे प्रभावित
बुध के उदित होने से नीचे दिए गए खेल टूर्नामेंट प्रभावित होंगे।
टूर्नामेंट
तारीख़
आईसीसी टी20 क्रिकेट वर्ल्ड कप
01 जून से 29 जून, 2024
बुध 27 जून 2024 को मिथुन राशि में उदित होंगे और इसके बाद यह कर्क राशि में 29 जून 2024 को प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में, बुध के स्वयं की राशि में उदित होने से आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल पर इसका असर देखने को मिलेगा। यह एकमात्र ऐसा टूर्नामेंट है जो इस अवधि में होने जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, इस वर्ल्ड कप में नए खिलाड़ी अपना दबदबा बनाएंगे।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. बुध ग्रह की मूल त्रिकोण राशि कौन सी है?
उत्तर 1. कन्या।
प्रश्न 2. बुध के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए कौन सी धातु और रत्न धारण करना चाहिए?
उत्तर 2. रत्न: पन्ना और धातु: सोना/चांदी।
प्रश्न 3. बुध के शत्रु ग्रह कौन से हैं?
उत्तर 3. मंगल को बुध का शत्रु माना जाता है।
इस शुभ योग में रखा जाएगा निर्जला एकादशी का व्रत, राशि अनुसार उपाय करने से चमकेगा भाग्य!
सनातन धर्म में सभी एकादशी तिथियों का विशेष महत्व है। हर महीने दो एकादशी व्रत रखे जाते हैं और इस तरह वर्ष में 24 एकादशी की तिथियां पड़ती है। परन्तु जिस वर्ष अधिक मास होता है, उस वर्ष में 26 एकादशी तिथियां आती है। इन सभी में निर्जला एकादशी को सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि सभी एकादशी में केवल निर्जला एकादशी का व्रत रखने से श्रद्धालुओं को वर्ष के सभी एकादशियों के बराबर फल प्राप्त होता है। निर्जला एकादशी व्रत सभी एकादशियों में सबसे कठिन व्रत होता है क्योंकि इस व्रत में द्वादशी तक पानी की एक बूंद भी नहीं ग्रहण की जाती है इसलिए इसे निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। साथ ही, इसे भीमसेनी एकादशी या पांडव एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। महर्षि वेदव्यास के अनुसार, भीमसेन ने सबसे पहले इस व्रत को रखा था। इस व्रत में सूर्योदय से द्वादशी के सूर्योदय तक जल ग्रहण नहीं किया जाता है। इस व्रत को विधि-विधान से करने वालों को दीर्घायु और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ख़ास बात यह है कि इस साल निर्जला एकादशी पर बहुत अधिक शुभ योग का निर्माण हो रहा है और इस योग की वजह से इस एकादशी का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाएगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस साल निर्जला एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, इस दिन बनने वाले शुभ योग व इस दिन राशि अनुसार करने वाले आसान उपायों के बारे में हम यहां चर्चा करेंगे।
निर्जला एकादशी 2024: तिथि व समय
निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की तिथि को रखा जाता है। इस बार यह तिथि 18 जून 2024 को पड़ रही है।
निर्जला एकादशी तिथि: मंगलवार, 18 जून 2024
एकादशी तिथि प्रारंभ: 17 जून 2024 की सुबह 04 बजकर 45 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त: 18 जून 2024 की सुबह 06 बजकर 26 मिनट तक
निर्जला एकादशी पारण मुहूर्त : 19 जून 2024 की सुबह 05 बजकर 23 मिनट से 08 बजकर 11 मिनट तक।
अवधि : 2 घंटे 47 मिनट
शुभ योग
निर्जला एकादशी के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं और पारण वाले दिन 5 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। सबसे पहले बात करें निर्जला एकादशी के दिन बन रहे शुभ योगों की तो, इस दिन त्रिपुष्कर योग, शिव योग और स्वाति नक्षत्र का शुभ योग बनेगा।
समय की बात करें तो,
त्रिपुष्कर योग- एकादशी के दिन शाम 03:56 से अगले दिन सुबह 05:24 तक रहेगा।
वहीं शिव योग एकादशी वाले दिन प्रात:काल से लेकर रात 09 बजकर 39 मिनट तक है।
स्वाति नक्षत्र एकादशी वाले दिन प्रात:काल से प्रारंभ होकर शाम 03:56 तक रहने वाला है।
ये दोनों ही योग और नक्षत्र किसी भी नए काम की शुभ शुरुआत के लिए बेहद ही शुभ माने गए हैं। वहीं कहा जाता है कि त्रिपुष्कर योग में जो भी काम किया जाए उससे व्यक्ति को तीन गुना फल की प्राप्ति होती है।
निर्जला एकादशी के दिन शिव योग का निर्माण हो रहा है। शिव योग को तंत्र या वामयोग भी कहते हैं, जो बहुत ही शुभ योगों में एक माना जाता है। जैसा कि नाम से प्रतीत हो रहा है कि शिव योग भगवान शिव पर आधारित है। इस दौरान भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करना और जलाभिषेक करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस योग में किए हर कार्य सफल होते हैं और इसके परिणाम सकारात्मक मिलते हैं।
इसके बाद पारण वाले दिन के शुभ मुहूर्त की बात करें तो, इस दिन यानि 19 जून को सिद्ध योग प्रात:काल से रात 09 बजकर 12 मिनट तक रहने वाला है, विशाखा नक्षत्र प्रात:काल से शाम 05:23 तक रहने वाला है। .
पारण के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है। ये तीनों शुभ योग 19 जून को शाम 05:23 से अगले दिन यानि 20 जून को सुबह 05:24 तक रहने वाले हैं।
क्या ये जानते हैं आप? इन महिलाओं को भूलकर भी नहीं करना चाहिए निर्जला एकादशी का व्रत: दरअसल निर्जला एकादशी व्रत का संबंध गदाधारी भीम से जोड़कर भी देखा जाता है इसलिए षष्टरोन के अनुसार गर्भवती महिलाओं, अधिक उम्र की महिलाओं, बीमार महिलाओं, आदि को ये व्रत नहीं रखना चाहिए। इसका एक कारण ये भी है कि ये व्रत बहुत ही कठिन होता है ऐसे में यदि कोई गर्भवती महिला या उम्रदराज़ महिला या बीमार महिला इस व्रत को करती है तो उन्हें परेशानी हो सकती है।
शास्त्रों में हर एक एकादशी के व्रत का महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि यह एकादशी का व्रत अगर कोई भी व्यक्ति करता है तो उसका फल उसे 24 एकादशी व्रत करने के बराबर मिलता है। मान्यता है कि श्रद्धापूर्वक जो इस पवित्र एकादशी का व्रत करता है, वह समस्त पापों से मुक्त हो जाता है। निर्जला एकादशी जल के महत्व जल पिलाने और दान करने की परंपरा होती है।
इस दिन जल से भरे कलश का दान करने वाले श्रद्धालुओं को साल भर की एकादशियों का फल प्राप्त होता है। अगर आप साल भर की एकादशी करते है और गलती से किसी एकादशी में अन्न खा लेते है तो इस एकादशी का व्रत करने से अन्य एकादशियों का दोष भी समाप्त हो जाता है। इस दिन निर्जल रहकर भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए क्योंकि एकादशी का दिन भगवान विष्णु को बहुत ही ज्यादा प्रिय होता है।
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निर्जला एकादशी की पूजा विधि
निर्जला एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर सभी कार्यों से निवृत हो जाए। फिर इसके बाद स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें।
निर्जला एकादशी के दिन एक चौकी पर साफ पीले वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
भगवान विष्णु को पीला रंग अति प्रिय है इसलिए एकादशी व्रत के दिन पूजा सामग्री में पीले पुष्प, वस्त्र, पीला फल जैसे आम या केला और साथ में कलश व आम के पत्ते जरूर रखें।
इसके अलावा, पूजा की सामग्री में पान, लौंग, सुपारी, कपूर, पीला चंदन, अक्षत, पानी से भरा नारियल, पंचमेवा, कुमकुम, हल्दी, धूप, दीप, तिल, मिष्ठान, मौली आदि जरूर रखें क्योंकि इन चीज़ों के प्रति पूजा अधूरी मानी जाती है।
सनातन धर्म में पंचामृत का विशेष महत्व है और भगवान विष्णु की पूजा में पंचामृत अवश्य चढ़ाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, पंचामृत का भोग लगाने से और उसे प्रसाद के रूप में बांटने व उसे ग्रहण करने से साधक को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
भगवान विष्णु की पूजा के वक्त चढ़ाने वाले भोग में तुलसी के पत्ते जरूर रखें। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें तुलसी सर्वाधिक प्रिय है इसलिए पूजा के समय भोग में और पंचामृत में तुलसी जरूर डालें। इससे न केवल इन चीजों की शुद्धि होती है, बल्कि भगवान विष्णु का विशेष कृपा भी प्राप्त होगी।
इस दिन पूजा के दौरान कथा जरूर पढ़ें क्योंकि कथा के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। साथ ही, इसके बाद ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार जरूर करें।
यदि आप निर्जला एकादशी का व्रत रख रहे हैं तो आपको इस दिन पानी पीने से बचना चाहिए। और अगर आपके अंदर व्रत रखने की क्षमता है तब ही व्रत रखें।
विष्णु पुराण के अनुसार, निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को पान के पत्ते अर्पित किए जाते हैं इसलिए इस दिन पान खाने से बचना चाहिए। अगर आपने व्रत नहीं भी रखा है तब भी नपान न खाएं।
निर्जला एकादशी सहित किसी भी एकादशी और यहां तक कि द्वादशी यानी अगले दिन तक भी तामसिक भोजन जैसे कि मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए।
निर्जला एकादशी के दिन देर तक न सोना अच्छा नहीं माना जाता है और इस दिन काले वस्त्र व सुहागन औरतों को सफेद वस्त्र पहनें से बचना चाहिए।
इस दिन दाढ़ी, बाल और नाखून, कटवाने से बचना चाहिए।
निर्जला एकादशी के दिन चावल और बैंगन का सेवन भी वर्जित माना जाता है।
निर्जला एकादशी पर पढ़ें ये कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भीमसेन व्यास जी से बोले कि हे पितामह! भ्राता युधिष्ठिर, माता कुंती, द्रोपदी, अर्जुन, नकुल और सहदेव आदि सभी मुझसे एकादशी का व्रत करने को कहते हैं। महाराज मैं भगवान की भक्ति, पूजा पाठ, दान आदि कर सकता हूं लेकिन भोजन के बिना मैं एक पल भी जीवित नहीं रह सकता हूं। इस पर व्यास जी ने कहा कि हे भीमसेन! यदि तुम नरक को बुरा और स्वर्ग को अच्छा समझते हो तो प्रत्येक मास की दोनों एकादशियों को अन्न मत खाया करो। इस पर भीम बोले हे पितामह! मैं तो पहले ही आपसे ये बात बता चुका हूं कि मैं भूख नहीं बर्दाश्त कर कर सकता। यदि वर्षभर में कोई एक ही व्रत ऐसा हो तो रख सकता हूं पर हर महीने मेरे लिए मुश्किल होगा क्योंकि मेरे पेट में वृक नाम की अग्नि है जिसके चलते मैं भूख बर्दाश्त नहीं कर सकता हूं। अत: आप मुझे कोई ऐसा व्रत बताइए जो वर्ष में केवल एक बार ही करना पड़े और मुझे स्वर्ग की प्राप्ति हो जाए। इस पर व्यास जी ने कहा कि बड़े-बड़े ऋषियों ने बहुत शास्त्र आदि बनाए हैं जिनसे थोड़े परिश्रम से ही स्वर्ग की प्राप्ति हो सकती है। इसी प्रकार शास्त्रों में दोनों पक्षों की एकादशी का व्रत मुक्ति के लिए रखा जाता है। ऐसा सुनकर भीमसेन घबरा गए और परेशान हो गए और व्यास जी से दूसरा कोई उपाय बताने की विनती करने लगे।
ऐसा सुनकर व्यास जी कहने लगे कि वृषभ और मिथुन की संक्रांति के बीच ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी का व्रत करो। इस एकादशी में अन्न तो दूर जल भी ग्रहण नहीं किया जाता। तुम उस एकादशी का व्रत करो। यह एकादशी तुम्हें सभी एकादशी का फल प्रदान करेगी। इस दिन भोजन नहीं करना चाहिए और न ही जल ग्रहण करना चाहिए, क्योंकि भोजन करने से व्रत टूट जाता है। व्यास जी ने इस व्रत के बारे में जैसे ही भीमसेन को बताया वे खुश हो गए और इस एकादशी का व्रत करने लगे। जिसके बाद उन्हें पुण्य फल की प्राप्ति हुई।
निर्जला एकादशी के दिन करें राशि अनुसार उपाय
मेष राशि
मेष राशि के लोगों को निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को लाल रंग के फूल अर्पित करने चाहिए। इस राशि के लोगों को इस दिन सात प्रकार के अनाज का भी दान करना चाहिए।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के लोगों को निर्जला एकादशी पर सफेद अनाज जैसे- चावल, सफेद चने आदि का दान करना चाहिए और इसके साथ ही इस दिन क्षमता अनुसार चीनी भी दान कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके जीवन में सुख समृद्धि बढ़ेगी।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के लोगों को निर्जला एकादशी पर पीले रंग के वस्त्र भगवान विष्णु को अर्पित करना चाहिए। उसके साथ ही, तुलसी चढ़ी खीर का भोग लगाना चाहिए। इस दिन आपको गाय को हरि व पत्तेदार सब्जी खिलाना चाहिए और किसी जरूरतमंद को मूंग की दाल का दान करना चाहिए।
कर्क राशि
कर्क राशि के लोगों को निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को खीर का भोग बनाकर अर्पित करना चाहिए। इसका भोग लगाकर सबको प्रसाद के रूप में बांटना चाहिए। ऐसा करने से आपका तनाव कम हो सकता है और घर पर सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
सिंह राशि
सिंह राशि के लोगों को निर्जला एकादशी के दिन माता लक्ष्मी को लाला रंगे के वस्त्र अर्पित करने चाहिए और खुद इस दिन पीले कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए। इस दिन श्रीहरि को शहद और गुड़ का भोग लगाएं। इससे आर्थिक जीवन में आ रही समस्या दूर होगी।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों को निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पीले रंग की मिठाई और शुद्ध केसर का भोग लगाना चाहिए। साथ ही, तुलसी के पत्ते भी भोग में डालना चाहिए। माना जाता है कि इस उपाय को करने से धन लाभ की प्राप्ति होती है।
तुला राशि
तुला राशि के लोगों को निर्जला एकादशी के पर्व पर सत्तू का शरबत दान करना चाहिए। इसके साथ भगवान विष्णु को भोग में केसर वाला दूध अर्पित करें। ऐसा करने से आपका जीवन में प्रेम जीवन सुखमय होता है।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लोगों को निर्जला एकादशी के दिन गुड़ और चने का दान करना चाहिए और इसके साथ ही भगवान चने या जौ का सत्तू अर्पित करें। इसके अलावा इस दिन राहगीरों को जल या शरबत पिलाएं। ऐसा करने से आपको करियर में सफलता प्राप्त होगी।
धनु राशि
धनु राशि के लोगों को निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को पीले वस्त्र और चंदन अर्पित करने चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही धनु राशि के लोगों के लिए निर्जला एकादशी पर पीले फलों का दान करना भी फलदायी साबित हो सकता है।
मकर राशि
मकर राशि के लोगों को निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को दही और केसर का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से आपका वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है और अविवाहित जातकों को अच्छे वर की प्राप्ति होती है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लोगों को निर्जला एकादशी पीपल के पेड़ पर तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए और सात या 11 बार उसकी परिक्रमा करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन से हर प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लोगों को निर्जला एकादशी के पर्व पर भगवान को नारियल और मिश्री अर्पित करनी चाहिए। इसके साथ ही जरूरतमंद व गरीबों को वस्त्र व भोजन देना चाहिए।