हनुमान जी के ये आसान उपाय आपके गुस्से की समस्या का अंत कर देंगे

इंसान को जब क्रोध आता है तब वो स्वयं के नाश की भी परवाह नहीं करता। गुस्सा हमेशा से मनुष्य की सबसे बड़ी कमजोरी रही है। खास कर के ऐसे समय में जब ज़िंदगी इतनी भाग दौड़ वाली हो चुकी है, गुस्सा आम जन जीवन का हिस्सा बंता चला जा रहा है। इसका नतीजा ये है कि समाज में हिंसा अपने चरम पर पहुंचती जा रही है। संत कबीर का एक दोहा है :

क्रोध अगिन घर घर बढ़ी, जलै सकल संसार, 

दीन लीन निज भक्त जो, तिनके निकट उबार।

इसका अर्थ है :

क्रोध की अग्नि से पूरा संसार जल रहा है। लेकिन वे भक्त जो खुद को ईश्वर को समर्पित कर देते हैं, उन्हें ये छु भी नहीं पाता और वो भक्त सारे कष्टों से मुक्त हो जाता है।

ऐसे में अगर आपको भी बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है और आप इस समस्या से परेशान रहते हैं तो हम आज आपको इस लेख में हनुमान जी के वो उपाय बताने वाले हैं जिससे आपको अपने क्रोध पर नियंत्रण देखने को मिल सकता है।

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क्रोध से मुक्ति पाने के उपाय

सनातन धर्म में हनुमान जी को संकट मोचन के तौर पर देखा जाता है। मंगलवार और शनिवार का दिन खास तौर से भगवान हनुमान को समर्पित होता है। हनुमान जी के इन विशेष उपायों को अगर शनिवार और मंगलवार के दिन निजी जीवन में आत्मसात किया जाये तो क्रोध से छुटकारा पाया जा सकता है। आइये जानते हैं श्री राम भक्त हनुमान जी से जुड़े ये आसान उपाय।

व्रत

अगर आपको बहुत ज्यादा क्रोध आता है तो आपको मंगलवार या शनिवार के दिन भगवान हनुमान के नाम से व्रत रखना चाहिए। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें व साफ कपड़े धारण करने के बाद भगवान हनुमान जी की पूजा करें। साथ ही उस दिन व्रत रखने का संकल्प लें। पूरे दिन फलाहार पर रहें। यदि ज्यादा समस्या महसूस हो तो सेंधा नमक का सेवन करें। इससे आपका मन शांत होगा और क्रोध पर काबू पाने में आसानी महसूस होगी।

हनुमान चालीसा

भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए आप मंगलवार या शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे न सिर्फ आपको आपने गुस्से पर काबू देखने को मिलेगा बल्कि इस क्रिया से शनि के बुरे प्रभाव भी खत्म होते हैं। वैसे तो अगर आप रोज ही हनुमान चालीसा का पाठ करें तो वह तो और भी उत्तम है लेकिन अगर आपके पास समय की कमी रहती है तो मंगलवार या शनिवार में से एक दिन ये उपाय जरूर करें। वैसे तो घर में भी हनुमान चालीसा के पाठ से लाभ मिलता है लेकिन अगर हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाये तो विशेष फल प्राप्त होता है। 

तुलसी पत्र

सनातन धर्म में तुलसी का पौधा बेहद शुभ माना गया है। ज़्यादातर सनातनी इसे अपने घर में रखते हैं। इस वजह से ये आसानी से आपको मिल भी जाएगा। हनुमान जी को भी तुलसी का पौधा बहुत प्रिय है। ऐसे में आप मंगलवार और शनिवार को 21 तुलसी के पत्ते ले लें और उस पर सिंदूर से ‘राम’ नाम लिख कर हनुमान जी को अर्पित करें। आप अपनी श्रद्धा अनुसार तुलसी के पत्तों की संख्या 11, 21, 31, 51 इत्यादि कर सकते हैं। इस उपाय से आपका चित्त शांत होगा और आपको आपके अंदर धैर्य रखने की आदत का विस्तार होता दिखेगा।

सुंदर कांड

सुंदर कांड पवित्र रामायण का ही एक हिस्सा है। रामायण के इस भाग में भगवान हनुमान द्वारा रामायण में किए गए सभी विशिष्ट कार्यों का उल्लेख मिलता है जैसे कि भगवान हनुमान का लंका जाना, विभीषण से मिलना, माता सीता को श्री राम जी की मुद्रिका देना, लंका दहन इत्यादि। सुंदर कांड का पाठ हनुमान जी को अत्यंत प्रिय है। ऐसे में शनिवार या रविवार को सम्पूर्ण आस्था व स्वच्छता के साथ सुंदर कांड का पाठ आपको हनुमान जी के कृपा का पात्र बना सकता है जिससे आपको अपने क्रोध पर विजय हासिल करने में मदद मिलेगी।

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सिंदूर का चोला

भगवान हनुमान को सिंदूर का चोला अत्यंत प्रिय है। इसके पीछे की कथा भी अत्यंत रोचक है जिसमें भगवान हनुमान माता सीता से सिंदूर लगाने की वजह पूछते हैं और जब उन्हें यह पता चलता है कि इससे भगवान राम प्रसन्न होते हैं और यह श्री राम की दीर्घायु होने की कामना का प्रतीक है तो वो भगवान राम के दरबार में पूरे शरीर पर सिंदूर लगा कर पहुँच जाते हैं। श्री राम हनुमान जी के अंदर खुद के लिए इतनी श्रद्धा देखकर उन्हें गले से लगा लेते हैं। तभी से भगवान हनुमान को सिंदूर का चोला चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई। ऐसे में आप शनिवार और मंगलवार के दिन भगवान हनुमान को सिंदूर का चोला अवश्य चढ़ाएँ। इससे भगवान हनुमान अत्यंत प्रसन्न होंगे और आपके सारे दुख व कष्ट हर लेंगे।

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