बुध मेष राशि में वक्री: सभी 12 राशियों के जातकों को कैसे मिलेंगे परिणाम?

सूर्य और चन्द्र को छोड़कर सभी ग्रह एक निश्चित समयांतराल में वक्री होते हैं। राहु और केतु हमेशा वक्री ही रहते हैं। वक्री का अर्थ है जब कोई ग्रह किसी राशि में उल्टा चलता हुआ प्रतीत होता है । कोई भी ग्रह कभी भी उल्टी दिशा में नहीं चलता यह सिर्फ भ्रम मात्र है। इसी क्रम में बुध ग्रह 2 अप्रैल 2024 को मेष राशि में वक्री होने जा रहे हैं। वक्री बुध का प्रभाव से सभी 12 राशियों पर भिन्न-भिन्न रूप से पड़ेगा। 

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वैदिक ज्योतिष में बुध को ग्रहों का राजकुमार के साथ-साथ एक शुभ ग्रह भी माना जाता है, जो बुद्धि, एकाग्रता, वाणी, त्वचा, सौंदर्य, सुगंध, व्यापार और तर्क शक्ति के कारक हैं। बुध को राशि चक्र का एक चक्कर पूरा करने में लगभग 12 महीने का समय लगता है। यह प्रत्येक राशि में 23 से 30 दिन तक रहता है। साल 2024 में ग्रहों के राजकुमार बुध 16 बार अपनी राशि परिवर्तन करेंगे, जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा। जब भी बुध ग्रह की चाल में बदलाव होता है तो जीवन के सभी पहलुओं पर सकारात्मक व नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव देखने को मिलता है। जिन जातकों की कुंडली में बुध मजबूत होता है वो व्यापार और नौकरी में खूब तरक्की करते हैं व खूब धन अर्जित करते हैं। वहीं बुध के कमजोर होने पर जातक को कई प्रकार की परेशानियां झेलनी पड़ती हैं।

बुध मेष राशि में वक्री सभी 12 राशियों के लिए कैसा साबित होगा, यह जानने के लिए कुंडली में बुध की स्थिति एवं जातक की दशा का विश्लेषण करना ज़रूरी हो जाता है। तो आइए एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में विस्तारपूर्वक जानते हैं कि वक्री बुध का सभी राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और इसके अशुभ प्रभावों से बचने के क्या उपाय हैं।

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बुध मेष राशि में वक्री: तिथि और समय 

सूर्य के निकटतम ग्रह बुध 02 अप्रैल 2024 की सुबह 03 बजकर 18 मिनट पर मेष राशि में वक्री हो जाएंगे, जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर देखने को मिलेगा।

मेष राशि में वक्री बुध की विशेषता

सूर्य एक अग्नि तत्व वाली राशि है, जो लाल ग्रह मंगल द्वारा शासित है। बुध और मंगल एक-दूसरे के शत्रु ग्रह हैं। बुध मेष राशि में वक्री हो रहे हैं और ऐसे में, यह अवस्था औसत परिणाम देने वाली साबित होगी। मेष राशि में वक्री बुध के सकारात्मक प्रभाव की बात करें तो, जातकों को इस दौरान व्यापार और करियर में प्रगति देखने को मिलेगी। व्यापार तेज़ी से आगे बढ़ेगा लेकिन आपको पार्टनरशिप करते वक्त सावधान रहने की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, जो लोग टेक्नोलॉजी और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र से जुड़े हैं उनके लिए यह समय कई नए अवसर लेकर आ सकता है। साथ ही, ये लोग रहस्य विज्ञान जैसे ज्योतिष आदि से संबंधित क्षेत्र में भी अपनी चमक बिखेर सकते हैं। इस अवधि आपको पैतृक संपत्ति से भी धन प्राप्त होगा। वहीं अगर नकारात्मक पक्ष की बात करें तो आपको अपनी सेहत के प्रति बहुत सावधान रहने की आवश्यकता होगी क्योंकि आपको पाचन संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। आपको अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना होगा।

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ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व

ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को बहुत अधिक शुभ और लाभकारी ग्रहों में एक माना गया है। बुध को अंग्रेजी में ‘मरक्यूरी’ के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा, इसे रौहिनेया, तुंगा सौम्य (चंद्रमा के पुत्र) आदि नाम से भी पुकारा जाता है। यह दोहरे स्वभाव वाला तटस्थ एवं परिवर्तनशील ग्रह, जो बुद्धि, संचार, भाषा और विश्लेषण के कारक हैं इसलिए वैदिक ज्योतिष में बुध एक प्रभावी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बुध का वर्ण हरा है और सप्ताह में बुधवार का दिन बुध को समर्पित किया गया है।

बुध की सबसे ख़ास विशेषता यह है कि इसका प्रभाव कुंडली के भावों के अनुसार बदलता रहता है। यदि यह शुभ ग्रहों के साथ रहते हैं तो जातक को सकारात्मक परिणाम देते हैं और वहीं यदि अशुभ ग्रहों के साथ रहते हैं या युति करते हैं तो जातक को नकारात्मक परिणाम प्रदान करते हैं।

सूर्य और शुक्र, बुध के मित्र ग्रह हैं जबकि चंद्रमा और मंगल से इनकी शत्रुता है। नक्षत्रों की बात करें तो 27 नक्षत्रों में बुध को अश्लेषा, ज्येष्ठा व रेवती नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है, वहीं राशियों में ये मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं। 

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बुध ग्रह मजबूत होने के कुछ संकेत

शुभ ग्रह बुध जब किसी की कुंडली में मौजूद होते हैं तो जातक को खूब लाभ प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं बुध के मजबूत होने के संकेत:

  • बुध ग्रह के आशीर्वाद से जातक का संचार कौशल बेहतर होता है और ये लोग अपनी भाषा और वाणी से लोगों को आकर्षित करने में सक्षम होते हैं।
  • जिनकी कुंडली में बुध मजबूत होता है वे ट्रेडिंग में शानदार प्रदर्शन करते हैं और इस क्षेत्र बेशुमार धन कमाते हैं।
  • यदि कुंडली में बुध की स्थिति अच्छी हो तो जातक का ज्ञान बढ़ता है और साथ ही, विश्लेषण करने की स्किल्स में वृद्धि होती है।
  • कुंडली में बुध की मजबूत स्थिति के परिणामस्वरूप व्यक्ति तर्कसंगत और राजनीति में अत्यंत कुशल होता है। साथ ही सभी प्रकार के कामों को सीखने में रुचि लेता है और उसमें महारत हासिल करता है।
  • मजबूत बुध वाले व्यक्ति शारीरिक रूप बहुत ही सुंदर व खूबसूरत होते हैं। देखने में ये अपनी वास्तविक उम्र से कम आयु का दिखते हैं। इनकी आंखें बेहद चमकदार और सुनहरी होती है।
  • बुध हमारी त्वचा, पित्ताशय, तंत्रिका, जीभ, बाल, तंत्रिका तंत्र, छाती और चेहरे को नियंत्रित करता है और ऐसे में मजबूत बुध वाले व्यक्ति को इन सब समस्याओं से जूझना नहीं पड़ता। 
  • बुध के शुभ प्रभाव से व्यक्ति अच्छा वक्ता, प्रवक्ता, अधिकारी, बीमा एजेंट और बहुभाषी बनता है।

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कमजोर बुध के संकेत

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर स्थिति में होते हैं तो ऐसे व्यक्ति को कई सारी समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है।

  • बुध की कमज़ोर स्थिति के परिणामस्वरूप व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
  • कुंडली में बुध की स्थिति कमजोर हो तो जातक को बातचीत करने और विचारों को व्यक्त करने में समस्या का सामना करना पड़ता है।
  • कमजोर बुध वाले लोग हर किसी की मदद मतलब के लिए करते हैं। ये स्वभाव में मूडी होते हैं और इनमें धोखा देने की प्रवृत्ति आ सकती है।
  • कमजोर बुध के कारण जातक को समाज में मान-सम्मान की कमी महसूस होती है। साथ ही, कार्यक्षेत्र में उसके पद प्रतिष्ठा और यश में गिरावट आने लगती है। 
  • इसके अलावा जातक की भाषण देने और बोलने की क्षमता प्रभावित होती है।

कुंडली में अशुभ बुध की स्थिति को मजबूत करने के उपाय

  • बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए व्यक्ति को हर रोज मस्तक पर सफेद चंदन का तिलक लगाना चाहिए।
  • गाय को हरा चारा या हरी सब्जियां जैसे- पालक, सोया मेथी आदि खिलाएं।
  • कुंडली में बुध की मजबूत स्थिति के लिए चार मुखी या दस मुखी वाला रुद्राक्ष धारण करें। लेकिन इसके लिए पहले किसी ज्योतिषी से जानकारी जरूर ले लें।
  • इसके अलावा जातक नियामनुसार बुधवार का व्रत करें।
  • अगर आपकी कुंडली में बुध की स्थिति कमज़ोर है तो किसी ज्योतिषाचार्य से सलाह लेकर पन्ना धारण कर सकते हैं।
  • जिन लोगों का बुध कमजोर है उन्हें बुध के साथ भगवान विष्णु की भी आराधना करनी चाहिए। साथ ही साबुत मूंग, नीले फूल और नीले और हरे रंग के वस्त्र का दान करना चाहिए।
  • बुध की कृपा प्राप्त करने के लिए बुध बीज मंत्र और गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। बीज मंत्र: ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः! गायत्री मंत्र- ॐ सौम्य-रूपाय विदमहे वाणेशाय धीमहि तन्नो सौम्यः प्रचोदयात्।

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बुध मेष राशि में वक्री: सभी राशियों पर प्रभाव

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