शुक्र की राशि में ग्रहों के राजकुमार करेंगे प्रवेश, इन राशियों का जीवन होगा राजाओं जैसा!

एस्ट्रोसेज अपने पाठकों के लिए लेकर आया है “बुध का तुला राशि में गोचर” का यह विशेष ब्लॉग जिसके माध्यम से हम आपको बुध गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे।  नवग्रहों में प्रमुख ग्रह होने के नाते बुध का प्रभाव मनुष्य जीवन पर काफ़ी अधिक होता है और अब यह 10 अक्टूबर 2024 को तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, बुध के इस गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों सहित देश-दुनिया को भी प्रभावित करेगा। तुला राशि में बुध गोचर के दौरान किन उपायों को करना फलदायी साबित होगा? इससे भी हम आपको अवगत करवाएंगे। तो चलिए अब हम बिना देर किये आगे बढ़ते हैं और शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की। 

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बुध का तुला राशि में गोचर: तिथि एवं समय 

सबसे पहले हम बात करेंगे बुध गोचर के बारे में, बुद्धि के कारक ग्रह बुध महाराज 10 अक्टूबर 2024 की सुबह 11 बजकर 09 मिनट पर कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे। बता दें कि तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह हैं जो प्रेम के कारक हैं और इनके साथ बुध मित्रवत संबंध रखते हैं। ऐसे में, हमें तुला राशि में शुक्र और बुध की युति देखने को मिलेगी। इसके बाद, बुध ग्रह 29 अक्टूबर 2024 को तुला राशि से वृश्चिक राशि में चले जाएंगे।    

ज्योतिषीय दृष्टि से बुध का महत्व 

ज्योतिष शास्त्र में बुध को बुद्धि, तर्क, वाणी और व्यापार के कारक ग्रह माना जाता है जो कि सौरमंडल के सबसे छोटे ग्रह हैं, लेकिन बुध बहुत तेज़ गति से चलते हैं इसलिए इनकी चाल और दशा में जल्दी-जल्दी बदलाव देखने को मिलते हैं। बुध को “ग्रहों के युवराज” भी कहा जाता है और इनकी स्थिति सूर्य के सबसे नज़दीक होती है। मनुष्य जीवन में बुध ग्रह याददाश्त, सीखने की क्षमता, भाषा, प्रतिक्रिया अंतर्दृष्टि आदि को नियंत्रित करते हैं।    

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बुध एक शुभ ग्रह माने गए हैं क्योंकि यह व्यक्ति की कुंडली में जिस ग्रह के साथ विराजमान होते हैं, उसी के अनुसार आपको परिणाम प्रदान करते हैं। राशि चक्र में यह मिथुन और और कन्या राशि पर शासन करते हैं। वहीं, नक्षत्रों में इन्हें ज्येष्ठा, रेवती और अश्लेषा नक्षत्र पर आधिपत्य प्राप्त है। बुद्धि और चतुराई के ग्रह होने की वजह से इनकी कृपा जातकों को तेज़ बुद्धि और प्रभावी संचार कौशल प्रदान करती है।  

मनुष्य जीवन पर बुध का प्रभाव 

कुंडली में बुध महाराज की स्थिति व्यक्ति के जीवन के निर्धारण के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि यह बुद्धि और सीखने की क्षमता के भी ग्रह हैं। इनके आशीर्वाद के बिना कोई व्यक्ति अपने गुणों और क्षमताओं के साथ जीवन में सफलता प्राप्त नहीं कर सकता है। बुध ग्रह की कृपा से ही व्यापार के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। जिन लोगों का संबंध ट्रेड से होता है, उनके लिए कुंडली में बुध की स्थिति विशेष मानी जाती है क्योंकि इनकी कृपा से आप इस क्षेत्र में ऊंचाइयां छू सकते हैं। 

बुध की तुला राशि में विशेषताएं  

  • वायु तत्व के ग्रह बुध की निष्पक्ष राशि तुला में उपस्थिति जातक को कलामात्का गुण प्रदान करती है और ऐसे में, इनका झुकाव रचनात्मक क्षेत्रों में होता है।
  • शुक्र की राशि में बुध के होने पर व्यक्ति का स्वभाव विनम्र और वाणी मधुर रहती है। ऐसे में, वह चीज़ों को दूसरों की तुलना में जल्दी समझ लेते हैं।
  • बुध के तुला राशि में होने पर जातक अपने कार्यों को अच्छे तरीके से करने की वजह से खुद को मिलने वाले हर अवसर का लाभ उठाने में सक्षम होते हैं। 
  • कुंडली में तुला राशि में बुध के तहत जन्मे जातक बेहद दयालु, हंसमुख और मिलनसार स्वभाव के होते हैं। इन्हें लक्ज़री और सुख-सुविधाओं से पूर्ण घर पसंद होता है। 
  • तुला राशि में बुध देव के स्थित होने पर जातक का जीवन ज्यादातर सुखद होता है। साथ ही, इनकी रुचि संगीत में होती है। 
  • बता दें कि बुध बुद्धि के कारक ग्रह हैं जबकि तुला एक संतुलित राशि है और इसके परिणामस्वरूप, तुला राशि में बुध वाले लोग कोई भी फैसला लेने से पहले हर चीज़ का  बारीकी से विश्लेषण करते हैं। 

आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं बुध की कुंडली में कमज़ोर या मज़बूत स्थिति को कैसे पहचाना जा सकता है। 

कुंडली में कमज़ोर बुध के लक्षण

बातचीत में परेशानी: जिन जातकों की कुंडली में बुध कमज़ोर होते हैं, वह बातचीत करते हुए हकलाते हैं और दूसरों के सामने अपनी बात या भावनाएं नहीं रख पाते हैं।

बालों का झड़ना: दुर्बल बुध होने पर व्यक्ति के बाल समय से पहले झड़ने लगते हैं। साथ ही, बार-बार नाखूनों का टूटना भी कमज़ोर बुध को दर्शाता है। 

करियर एवं व्यापार में समस्या: अगर कुंडली में बुध देव अशुभ या कमज़ोर होते हैं, तब व्यापार में हानि और करियर में परेशानी का सामना करना पड़ता है। 

महिला रिश्तेदारों से विवाद: बुध के अशुभ होने पर जातक के महिला रिश्तेदारों जैसे कि बहन, बुआ और मौसी आदि के साथ रिश्ते बिगड़ने लगते हैं।

दोस्तों से विवाद: जो जातक कमज़ोर बुध से पीड़ित होते हैं, दोस्तों के साथ उनके मतभेद की स्थिति उत्पन्न होती है। 

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कुंडली में मज़बूत बुध के लक्षण

तेज़ बुद्धि: बुध महाराज के कुंडली में बलवान होने पर जातक बुद्धिमान और चतुर होते हैं। बातों को जल्दी समझ जाते हैं।  

तार्किक दृष्टिकोण: ज्योतिष में बुध को तर्क के कारक ग्रह माना गया है और कुंडली में इनकी मज़बूत स्थिति आपको तार्किक बनाती है। ऐसे में, आप हर फैसला तार्किक होकर लेते हैं।

आर्थिक पक्ष: कुंडली में मज़बूत बुध वाले धन से जुड़े मामलों में काफ़ी अच्छे होते हैं और इन्हें बख़ूबी संभालने में सक्षम होते हैं। 

व्यापार की समझ: जिन जातकों का बुध बलवान होता है, उन्हें व्यापार की अच्छी समझ होती है और इस क्षेत्र में सफलता हासिल करते हैं।  

इसके अलावा, कुंडली में बुध ग्रह के शुभ होने पर व्यक्ति के संबंध बहन के साथ अच्छे होते है और इनकी त्वचा एकदम चमकदार होती है। 

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बुध की कृपा पाने के लिए करें ये सरल उपाय

  • बुध देव के प्रभावों से राहत के लिए कबूतर, तोता आदि पक्षियों को दाना खिलाएं।
  • बुध ग्रह की कृपा प्राप्ति के लिए आप “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः’ मंत्र का जाप करें। 
  • पक्षियों को भीगे हुए हरे चने खिलाने से कमज़ोर बुध को मज़बूत करने में सहायता मिलती है। 
  • गरीबों एवं जरूरतमंदों को हरी सब्जियों एवं पत्तेदार सब्जियों का दान करें।
  • कुंडली में बुध की स्थिति मज़बूत करने के लिए दिन में एक बार भोजन करने से पूर्व गाय को रोटी खिलाएं। 
  • जिन लोगों की कुंडली में बुध कमज़ोर होते हैं, उन्हें अपने मुंह की साफ़-सफाई रखनी चाहिए। 

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बुध का तुला राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि वालों की कुंडली में बुध ग्रह तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके सातवें भाव में गोचर…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि  वालों के लिए बुध ग्रह आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके……(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं। अब बुध का तुला राशि में गोचर आपके… (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके चौथे भाव में गोचर… (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके… (विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों की कुंडली में बुध ग्रह को पहले और दसवें भाव का स्वामित्व प्राप्त है। अब यह तुला राशि में…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि 

तुला राशि वालों के लिए बुध देव बारहवें और नौवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके पहले…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके बारहवें… (विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब बुध का तुला राशि में गोचर आपके… (विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब इनका गोचर आपके… (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि 

कुंभ राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके नौवें भाव में… (विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह को चौथे और सातवें भाव पर स्वामित्व प्राप्त हैं। अब बुध गोचर करके… (विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. बुध ग्रह की देवी कौन है? 

बुध ग्रह को प्रसन्न करने के लिए देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करनी चाहिए। 

2. बुध ग्रह के शत्रु कौन हैं?

ज्योतिष में मंगल और चंद्रमा को बुध का शत्रु माना जाता है। 

3. बुध ग्रह की राशि कौन सी है?

 मिथुन और कन्या राशि के स्वामी बुध हैं।

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