11 जुलाई 2024 को शुक्र ग्रह कर्क राशि में उदित होने जा रहे हैं। शुक्र ग्रह को भौतिक सुख, प्रेम, कला, सुंदरता, प्रसिद्धि आदि का कारक ग्रह माना जाता है। इसके अलावा शुक्र वृषभ और तुला राशि का स्वामी है।
ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि जब भी किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत स्थिति में होता है तो ऐसे जातकों को जीवन में हर तरह के भौतिक और वैवाहिक सुख, विलासिता, प्रसिद्धि सब प्राप्त होती है। आज के अपने इस खास ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं कर्क राशि में शुक्र के उदय होने का क्या प्रभाव देखने को मिल सकता है। साथ ही जानेंगे की प्रेम जीवन और पेशेवर जीवन पर शुक्र उदित होकर किस तरह के असर डालेंगे।
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कर्क राशि में शुक्र का उदय- क्या रहेगा समय?
आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले बात करें शुक्र उदय के समय की तो, कर्क राशि में शुक्र का यह उदय 11 जुलाई को 7 बजकर 59 मिनट पर हो जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ज्योतिष के अनुसार किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य को करने के लिए शुक्र ग्रह का उदित होना बेहद ही जरूरी माना गया है।
शुक्र उदय- महत्व
बात करें शुक्र उदय के महत्व की तो, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शादी विवाह में शुभ मुहूर्त का होना बेहद ही महत्वपूर्ण होता है और शादी का बंधन या विवाह संस्कार हिंदू धर्म में सबसे पवित्र अनुष्ठानों में से एक माना जाता है इसलिए इसमें शुभ मुहूर्त का होना बेहद अनिवार्य है। आपकी जानकारी के लिए बता दें शादी के शुभ मुहूर्त के लिए नौ ग्रहों में से गुरु ग्रह, शुक्र ग्रह और सूर्य ग्रह का उदित होना बेहद ही जरूरी होता है। जब भी शुक्र या गुरु ग्रह अस्त होते हैं तो कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।
कर्क राशि और शुक्र उदय
कर्क राशि में शुक्र के उदय होने से ज्ञान, शिक्षा और करियर के क्षेत्र में जातकों को शुभ परिणाम मिल सकते हैं। इसके अलावा इस अवधि में धन लाभ और आकस्मिक रूप से धन प्राप्ति के भी योग बनेंगे। कुछ राशि के जातक इस अवधि में विदेश यात्रा का सुख भी अपने जीवन में प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा क्योंकि शुक्र ग्रह सुख, समृद्धि और भौतिक सुखों का कारक माना जाता है ऐसे में प्रेम, रिश्ते और रचनात्मकता के क्षेत्र में सफलता मिलने की संभावना अधिक नजर आ रही है।
शुक्र उदित की अवधि के दौरान लोगों के आत्म विश्वास और आत्मसम्मान में वृद्धि होगी और नेतृत्व क्षमता में भी विकास देखने को मिलेगा। व्यापार और कारोबार करने वाले जातकों को लाभ मिलेगा, कुछ राशि के जातकों के परिवार और सामाजिक जीवन में खुशियां आएंगी, स्वास्थ्य और ऊर्जा में वृद्धि होगी और इस दौरान आध्यात्मिकता की और लोगों का रुझान बढ़ने की संभावना है।
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शुक्र उदय-अस्त: क्या है अर्थ?
शुक्र अस्त और उदय के अर्थ की बात करें तो जब भी कोई ग्रह सूर्य ग्रह से एक निश्चित दूरी तक आ जाता है तो इसे ग्रह का अस्त होना कहते हैं। क्योंकि इस दौरान सूर्य के प्रभाव के चलते वो ग्रह अपनी शक्तियों को खो देता है। वही ग्रह जब दोबारा सूर्य से दूर चला जाता है तो इसे उस ग्रह का उदित होना कहा जाता है।
सभी नौ ग्रहों में शुक्र ग्रह का विशेष महत्व माना जाता है। शुक्र ग्रह को सबसे चमकीले सितारे के रूप में भी जानते हैं। जब भी यह सूर्य ग्रह के 10 डिग्री करीब पहुंच जाता है तो यह अस्त होने लगता है। शुक्र ग्रह के अस्त की अवधि के दौरान आंखों की सर्जरी न करवाने की सलाह की जाती है। इसके अलावा क्योंकि हीरा रत्न का संबंध शुक्र ग्रह से होता है ऐसे में शुक्र अस्त की अवधि के दौरान हीरा खरीदना और पहनना दोनों ही वर्जित होते हैं। शुक्र अस्त के दौरान नई गाड़ी या वाहन नहीं खरीदे जाते हैं। शुक्र ग्रह के अस्त के दौरान मुंडन और गृह प्रवेश नहीं किए जाते हैं। इसके अलावा विशेष तौर पर शुक्र अस्त के दौरान विवाह जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। एक बार दोबारा जब शुक्र उदित हो जाए तब इस तरह के आयोजन किए जा सकते हैं।
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शुक्र ग्रह को मजबूत बनाएँगे ये उपाय
यह बात तो स्पष्ट हो चुकी है कि शुक्र ग्रह बेहद महत्वपूर्ण ग्रह होता है। ऐसे में जब भी किसी व्यक्ति की कुंडली में यह कमजोर अवस्था में मौजूद हो तो ऐसी हालत में ज्योतिष के जानकार उन्हें शुक्र से संबंधित कुछ विशेष उपाय करने की सलाह देते हैं। जैसे,
- शुक्रवार के दिन सफेद रंग के कपड़े धारण करने चाहिए।
- सफेद रंग की वस्तुओं का दान करना शुभ होता है।
- शुक्र यंत्र घर में स्थापित करने से भी शुभ फल प्राप्त होते हैं।
- इसके अलावा आप गाय को चारा खिलाकर भी शुक्र के प्रकोप से मुक्ति पा सकते हैं और शुक्र ग्रह को मजबूत कर सकते हैं।
- इसके अलावा आपको शुक्र के शुभ परिणाम प्राप्त करना चाहते हैं तो केमिकल वाले परफ्यूम की जगह आप प्राकृतिक महक वाले इत्र अपने जीवन में इस्तेमाल करना शुरू कर दें।
- इसके साथ ही कहा जाता है कि अगर शुक्र कमजोर है तो ऐसे इंसान को कभी भी फटे पुराने कपड़े नहीं पहनने चाहिए अन्यथा इससे शुक्र ग्रह अशुभ फल देने लगता है।
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कर्क राशि में शुक्र का उदय- भविष्यवाणी और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और सातवें घर का स्वामी है और आपके चतुर्थ भाव में उदित होने …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और छठे घर का स्वामी है और तीसरे घर में उदित होने जा रहा …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पंचम और बारहवें घर का स्वामी है और आपके दूसरे भाव में उदित …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चतुर्थ और ग्यारहवें घर का स्वामी है और आपके पहले घर में उदित …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे भाव का और दशम भाव का स्वामी है और अब आपके बारहवें …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और नवम भाव का स्वामी है और आपके ग्यारहवें घर में उदित …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और आठवें घर का स्वामी है और आपके दसवें भाव में उदित …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र सातवें और बारहवें घर का स्वामी है और आपके नवम भाव में उदित …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र छठे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और आपके अष्टम भाव में उदित …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र पंचम और दशम भाव का स्वामी है और यह आपके सातवें घर में …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र चतुर्थ और नवम भाव का स्वामी है और आपके छठे घर में उदित होने…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और आठवें घर का स्वामी है और आपके पंचम भाव में उदित …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
उत्तर: ज्योतिष के अनुसार शुक्र को भौतिक सुख, प्रेम जीवन, विलासिता आदि का कारक ग्रह माना गया है।
उत्तर: शुक्र ग्रह 11 जुलाई को कर्क राशि में उदित हो जाएंगे।
उत्तर: कुंडली में शुक्र कमजोर है तो शुक्र से संबंधित चीजों का दान करें और अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा सफेद रंग शामिल करें।
उत्तर: शुक्र अस्त के दौरान गृह प्रवेश, मुंडन, विवाह जैसे शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।