बुध के चमत्कारी गोचर से बदलेगा इन राशियों का भाग्य- हर काम में मिलेगी सफलता !

बुध का वृषभ राशि में गोचर: बुध ग्रह को ज्योतिष में बुद्धि का ग्रह कहा जाता है। मई के महीने में जहां पहले सूर्य और फिर शुक्र वृषभ राशि में गोचर कर गए थे वहीं अब बुध भी वृषभ राशि में गोचर करने वाला है। अर्थात 31 मई को वृषभ राशि में इन तीनों ही ग्रहों की युति देखने को मिलेगी। 

अपने खास ब्लॉग में हम बात करेंगे बुध का वृषभ राशि में गोचर सभी 12 राशियों को किस तरह से प्रभावित करेगा। साथ ही जानेंगे कमजोर और बली बुध के प्रभाव और इन्हें मजबूत बनाने के उपाय भी। तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं हमारा यह खास ब्लॉग और सबसे पहले बात करते हैं बुध का वृषभ राशि में गोचर कब होगा। 

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बुध का वृषभ राशि में गोचर- क्या रहेगा समय? 

सबसे पहले बात करें समय की तो ज्योतिष में बुध ग्रह को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है। यह व्यक्ति के जीवन में बुद्धि, संचारक क्षमता और निर्णय लेने की शक्ति पर शासन करता है। इसके अलावा बुध ग्रह व्यक्ति के बातचीत करने की शैली, धारणा और प्रतिक्रिया को भी संचालित करता है। महत्वपूर्ण ग्रह बुध 31 मई 2024 को वृषभ राशि में गोचर कर जाएगा। इस गोचर का समय होगा 12:02। 

अपने इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे की वृषभ राशि में आकर बुध सभी 12 राशियों को किस तरह से प्रभावित करेंगे। 

बुध गोचर से बनेंगे 3 राजयोग 

31 मई को जब बुध शुक्र की राशि वृषभ में प्रवेश करेंगे तब यहाँ चतुर्ग्रही योग बनेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि यहाँ पहले से ही बृहस्पति, सूर्य और शुक्र ग्रह मौजूद हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, बुध के इस गोचर से कई अद्भुत संयोग भी बनने वाले हैं। जैसे, बुध और सूर्य की युति से बुधादित्य योग बनेगा,  बुध और शुक्र की युति से लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होगा और शुक्र और गुरु की युति से गजलक्ष्मी राजयोग बनने वाला है। ऐसे में बुध के इस गोचर से तीन महत्वपूर्ण राजयोग और चतुर्ग्रही योग का संयोग नज़र आने वाला है जो विशेष तौर पर कुछ राशियों के लिए अति शुभ साबित होगा। कौन सी हैं ये राशियाँ ये जानने के लिए ये खास ब्लॉग अंत तक पढ़ें।  

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ज्योतिष में बुध ग्रह 

बुध ग्रह की बात करें तो ज्योतिष में इन्हें एक शुभ शुभाशुभ ग्रह का दर्जा दिया गया है। अर्थात यह कुंडली में जिस भी ग्रह के साथ मौजूद होते हैं उसके अनुसार ही व्यक्ति को फल देते हैं। जहां मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व बुध ग्रह को दिया गया है वहीं कन्या इनकी उच्च राशि भी है और मीन बुध की नीच राशि मानी जाती है। 

जिस भी जातक की जन्म कुंडली में बुध ग्रह लग्न भाव में मौजूद होता है ऐसे व्यक्तियों का शारीरिक रूप सुंदर होता है, दिखने में ऐसे लोग अपनी वास्तविक आयु से कम दिखते हैं और उनकी आंखें बेहद चमकदार होती हैं। ऐसे जातक व्यवसाय में सफलता प्राप्त करते हैं और अगर प्रथम भाव में बुध हो तो ऐसे व्यक्तियों को दीर्घायु का आशीर्वाद भी मिलता है। 

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बली और पीड़ित बुध के प्रभाव 

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत स्थिति में होता है तो ऐसे जातकों की संवाद शैली कौशल होती है। यह बातचीत करने में हाजिर जवाबी होते हैं, इन्हें अपनी बातों से सबका मन मोह लेना बहुत ही आसानी से आता है। बुध ग्रह व्यक्ति को कुशाग्र बुद्धि अर्थात तेज बुद्धि का बनाते हैं। ऐसे जातक गणित विषय में तेज होते हैं, कारोबार में सफलता प्राप्त करते हैं और बहुत ही अच्छे वक्ता होते हैं। 

वही पीड़ित बुध की बात करें तो ऐसे व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पीड़ित बुध के प्रभाव से व्यक्ति गणित विषय में कमजोर होता है, उन्हें अपनी बातें दूसरों के सामने रखने में कठिनाइयां उठानी पड़ती हैं, कारोबार में हानि होती है, नौकरी में दिक्कतें आती हैं, जीवन में दरिद्रता बनी रहती है, आदि। ऐसी स्थिति में ज्योतिष के जानकार व्यक्ति को बुध ग्रह से संबंधित उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या कुछ है ये उपाय यह जानेंगे अपने इस ब्लॉग में आगे। 

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बुध दोष के लक्षण और उपाय 

जब भी कुंडली में कोई भी ग्रह कमजोर अवस्था में होता है तो उससे संबंधित संकेत व्यक्ति के जीवन पर नजर आने लगते हैं। बात करें कमजोर बुध के लक्षण की तो,

  • ऐसे व्यक्तियों की बोलने की क्षमता नकारात्मक रूप से प्रभावित होती है। वह साफ ढंग से बोल नहीं पाते हैं। 
  • अपना आत्मविश्वास खोने लगते हैं। 
  • अपनी बात दूसरों के सामने रख नहीं पाते हैं। 
  • इसके अलावा जब कुंडली में बुध दोष मौजूद होता है तो ऐसे जातकों को व्यवसाय, नौकरी, बातचीत, शिक्षा हर क्षेत्र में परेशानियां उठानी पड़ती है। 
  • ऐसे व्यक्ति पढ़ाई लिखाई में कमजोर हो जाते हैं। 
  • लाख जतन के बावजूद पढ़ाई में उनका मन नहीं लगता है।
  • बुध दोष से हानि धन की भी होती है। 

अब बात करें बुध दोष के निवारण के उपाय की तो, 

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इन ज्योतिषीय उपायों से बुध ग्रह को करें मजबूत 

  • अगर आपकी कुंडली में भी बुध दोष है तो अपने घर में चौड़े पत्ते वाले पौधे लगा लें। 
  • बुध ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं। हालांकि कोई भी रत्न धारण करने से पहले विद्वान ज्योतिषियों से इसके बारे में एक बार परामर्श अवश्य कर लें। 
  • बुधवार के दिन व्रत प्रारंभ कर दें। 
  • भगवान गणेश की पूजा करें और बीज मंत्र का जाप करें। 
  • किसी गरीब ब्राह्मण को हरे रंग की वस्तुओं का दान करें। 
  • विशेष तौर पर बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र धारण करें। 
  • बहन, बेटी, छोटी कन्याओं का सम्मान करें और जितना हो सके उन्हें उपहार दें। 
  • व्यापार में ईमानदारी रखें। 
  • भगवान विष्णु की पूजा करें। 
  • भगवान बुध देव की आराधना करें। 
  • विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें। 

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बुध का वृषभ राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव 

 जैसा कि हमने पहले भी बताया कि जिस वक्त बुध वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे उस वक्त वृषभ राशि में सूर्य और शुक्र भी मौजूद रहने वाले हैं। अर्थात वृषभ राशि में इस वक्त तीन ग्रहों की महत्वपूर्ण युति देखने को मिलेगी। 

चलिए आगे बढ़ते हैं जान लेते हैं बुध के इस महत्वपूर्ण गोचर का सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। नीचे हम आपको राशि अनुसार भविष्यवाणी और इस दौरान किए जाने वाले उपायों की जानकारी दे रहे हैं।

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे घर का स्वामी है और बुध का वृषभ राशि में गोचर….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पंचम भाव का स्वामी है और आपके लिए इस गोचर ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चौथे घर का स्वामी है और इस गोचर के दौरान….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें घर का स्वामी है और अब आपके ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें घर का स्वामी है और अब इस गोचर के दौरान….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें भाव का स्वामी है और अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए बुध नवम और बारहवें भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध अष्टम और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें घर का स्वामी है और अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बुध नवम और छठे भाव का स्वामी है और अब आपके ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध अष्टम और पंचम भाव का स्वामी है और अब यह आपके ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए बुध चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1.  बुध वृषभ राशि में कब आएंगे ?

उत्तर 1.  बुध का वृषभ राशि में गोचर 31 मई 2024 की दोपहर 12 बजकर 2 मिनट पर होगा।

प्रश्न 2. वृषभ राशि का बुध होने का क्या मतलब है?

उत्तर 2. बुध वृषभ राशि में आते ही जातक गणित विषय में तेज होते हैं, कारोबार में सफलता प्राप्त करते हैं और बहुत ही अच्छे वक्ता होते हैं।

प्रश्न 3. वृषभ राशि में बुध उच्च का होता है?

उत्तर 3. कन्या राशि में बुध उच्च का होता है।

प्रश्न 4. कुंडली में बुध अच्छा हो तो क्या होता है?

उत्तर 4. जिस व्यक्ति का बुध अच्छा होता है, वह अपने कामों की ओर सभी का ध्यान आकर्षित करता है।

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