कन्या राशि में वक्री बुध: इन राशियों को मिलेंगे शुभ परिणाम।

एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आपको कन्या राशि में वक्री बुध (10 सितंबर, 2022) से जुड़ी सभी जानकारियां मिलेंगी जैसे कि गोचर की तिथि, समय और सभी जातकों पर इसका प्रभाव आदि। साथ ही, आपको इस चीज़ की भी जानकारी प्राप्त होगी कि कुंडली में बुध को मजबूत करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।

 

ऐसे में यदि आपके मन में सवाल उठ रहे हैं कि कन्या राशि में बुध के वक्री होने से किन राशियों की आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी और किन राशियों का प्रेम जीवन सफल होगा? किन राशियों के जातकों को करियर में प्रगति देखने को मिलेगी और व्यापार में बुध की वक्री अवस्था का क्या असर रहेगा? तो आपके सारे सवालों के सही जवाब इस ब्लॉग में मिल जाएंगे। जो हमारे विद्वान और अनुभवी ज्योतिषियों द्वारा बुध ग्रह की चाल, स्थिति और अवस्था का विश्लेषण कर तैयार किए गए हैं। आइए जानते हैं कि कन्या राशि में वक्री बुध (10 सितंबर, 2022) का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है। 

वक्री बुध के अशुभ प्रभावों को कैसे बनाएं शुभ? विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बात करके जानें जवाब

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब कोई ग्रह वक्री अवस्था में होता है तो वह पीछे की ओर यानी कि उल्टी दिशा में गति करता हुआ प्रतीत होता है। हर ग्रह अपनी वक्री अवस्था के दौरान जातकों के जीवन को प्रभावित करता है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि जब बुध ग्रह वक्री अवस्था में होता है तो जातकों के जीवन को सबसे ज़्यादा प्रभावित करता है। यही वजह है कि लोग इसके वक्री होने से ज़्यादा डरते हैं क्योंकि इसकी वक्री स्थिति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण साबित हो सकती है। हालांकि वक्री बुध जातकों को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के परिणाम प्रदान करता है। अगर हम बात करें कन्या में वक्री बुध के अशुभ प्रभावों से बचने के बारे में, तो इस ब्लॉग में कुछ ज्योतिषीय उपाय भी बताए गए हैं। जिनकी मदद से आप इसके नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि कन्या राशि में वक्री बुध की तिथि और समय क्या है।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

कन्या राशि में वक्री बुध: तिथि और समय 

वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को संवाद, वाणी, बुद्धि, बुध्दि और तर्क आदि का कारक माना जाता है, जो 10 सितंबर, 2022 दिन शनिवार की सुबह 08 बजकर 42 मिनट पर कन्या राशि में वक्री होगा और फिर 02 अक्टूबर, 2022 को इसी राशि में मार्गी हो जाएगा। आइए जानते हैं कि कन्या राशि वक्री बुध, सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन को किस प्रकार प्रभावित कर सकता है।

कन्या राशि में वक्री बुध: आपके जीवन में आने वाले बदलाव

  • गलतफहमी
  • मिसकम्यूनिकेशन
  • यात्रा की योजनाओं और संवाद में बाधा उत्पन्न होना
  • दोस्तों के साथ तनाव
  • कार्यस्थल पर प्रोजेक्ट को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा होना
  • किसी बात को लेकर चिंतित रहना या घबराहट होना
  • सही या गलत के बीच फर्क न कर पाना
  • ईमेल और मैसेज को लेकर लापरवाह होना
  • सिर दर्द होना,
  • फ्लाइट में देरी होना।  

कुंडली में राजयोग कबसे? राजयोग रिपोर्ट से जानें जवाब

बुध के वक्री होने पर न करें ये काम 

  • इस समय कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचें।
  • किसी भी कॉन्ट्रैक्ट को साइन न करें। 
  • इस दौरान संचार से जुड़े कार्य जैसे कि प्रचार अभियान, विज्ञापन आदि कार्यों में भाग लेने से बचें। 
  • किसी नए काम को लॉंच करने से भी बचना चाहिए। 
  • नए प्रोजेक्ट या नई नौकरी की शुरुआत करने से बचें।  
  • इस समय नया घर, वाहन या संपत्ति खरीदने से भी बचें। 

कन्या राशि में वक्री बुध: उपाय 

  • ख़ुद को शांत रखें। 
  • अंडा और मांस-मदिरा आदि का सेवन न करें।  
  • गले में चांदी का कोई आभूषण पहनें। 
  • बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा और उपवास करें। 
  • इस दौरान दान-पुण्य के काम ज़्यादा करें। 
  • निर्धन और जरूरतमंद लोगों की सहायता करें।  
  • प्रतिदिन तुलसी के पौधे को जल चढ़ाएं। 
  • प्रतिदिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। 
  • ब्राह्मणों को पीले रंग के वस्त्र और चने की दाल दान करें। 

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें

कन्या राशि में वक्री बुध: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तृतीय और षष्ठम भाव के स्वामी हैं। अब वे 10 सितंबर 2022 को आपकी राशि के षष्ठम भाव में वक्री होंगे। ऐसे में…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि 

बुध वृषभ राशि के लोगों के द्वितीय और पंचम भाव के स्वामी हैं। वर्तमान में बुध वृषभ राशि के लोगों के पंचम भाव में ही वक्री होंगे। ऐसे में…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि 

मिथुन वायु तत्व की राशि है और इनके स्वामी ग्रह बुध ही हैं। इसके अलावा बुध आपकी राशि के चतुर्थ भाव के स्वामी भी होते हैं और अब वे… (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि 

बुध, कर्क राशि वालों के लिए उनके तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब वर्तमान में बुध ग्रह आपके तृतीय भाव में ही वक्री होंगे। ऐसे में…. (विस्तार से पढ़ें)

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

सिंह राशि

सिंह राशि के दूसरे और ग्यारहवें भाव पर बुध ग्रह का शासन होता है। बुध सिंह राशि के जातकों के लिए योग कारक ग्रह भी होते हैं और अब…. (विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि

कन्या राशि में बुध ग्रह उच्च स्थिति में होते हैं, क्योंकि बुध कन्या राशि के स्वामी ग्रह माने गए हैं। इसके अलावा ये आपके दशम भाव के स्वामी भी हैं और…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए बुध उनके नौवें और बारहवें भाव के अधिपति हैं। अब इस अवधि में वे आपके बारहवें भाव में वक्री होंगे। ऐसे में… (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध उनके अष्टम और एकादश भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में अब वे आपके एकादश भाव में वक्री होंगे। ऐसे में….(विस्तार से पढ़ें)

पाएँ अपनी सभी समस्याओं का निजीकृत और सटीक जवाब: विद्वान ज्योतिषियों से अभी पूछें सवाल

धनु राशि 

बुध द्विस्वभाव राशि धनु के जातकों के लिए उनके सातवें और दसवें भाव के स्वामी होते हैं। अब 10 सितंबर 2022 को बुध उनके दशम भाव में ही वक्री होंगे….(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बुध उनके छठे और नौवें भाव पर शासन करते हैं और अब इस अवधि के दौरान वे आपके नवम भाव में वक्री होंगे। ऐसे में….(विस्तार से पढ़ें)   

कुंभ राशि 

बुध कुंभ राशि के जातकों के लिए उनके पांचवें व आठवें भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में वे आपके अष्टम भाव में ही वक्री होंगे। ऐसे में…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि 

बुध मीन राशि के चौथे और सातवें घर के स्वामी होते हैं। अब वे 10 सितंबर को आपके सप्तम भाव में वक्री होंगे। ऐसे में…(विस्तार से पढ़ें) 

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.