एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको शुक्र का मेष राशि में गोचर से जुड़ी सारी जानकारी प्रदान करेगा जैसे तिथि, समय एवं प्रभाव आदि। साथ ही, इस गोचर का आपके वैवाहिक जीवन पर कैसा असर पड़ेगा? किन राशियों की बढ़ेगी समस्याएं और किन राशियों को मिलेंगे शुभ परिणाम? क्या व्यापार में मिलेगी सफलता? क्या आपका प्रेम जीवन प्रेम से रहेगा पूर्ण या रिश्ते में होगी तकरार? इन सभी सवालों के जवाब आपको इस ब्लॉग में मिलेंगे। साथ ही, जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह कमज़ोर हैं, उन्हें शुक्र को मज़बूत करने के लिए कौन से सरल तथा अचूक उपायों करने चाहिए आदि से भी हम आपको अवगत करवाएंगे।
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जैसे कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि अब शुक्र देव जल्द ही मंगल ग्रह की राशि मेष में प्रवेश करने जा रहे हैं तो, ऐसे में इसका असर सभी के जीवन पर पड़ना निश्चित है। हालांकि, शुक्र का यह राशि परिवर्तन मंगल की राशि में होने जा रहा है और इन दोनों के रिश्ते एक-दूसरे के साथ ज्यादा अच्छे नहीं है। मंगल और शुक्र के बीच संबंध तटस्थ हैं, परन्तु फिर भी इसे अच्छा नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में, यह देखना दिलचस्प होगा कि मेष राशि समेत 12 राशियों पर शुक्र गोचर का कैसा प्रभाव पड़ेगा। लेकिन उससे पहले जानते हैं शुक्र के मेष राशि में गोचर की तिथि एवं समय के बारे में।
शुक्र का मेष राशि में गोचर: तिथि और समय
ज्योतिष में शुक्र को प्रेम एवं सुख का कारक ग्रह कहा गया है जो अब अपनी राशि में बदलाव करने जा रहे हैं। बता दें कि सामान्यरूप से शुक्र ग्रह 23 दिनों तक एक राशि में रहते हैं और इसके परिणामस्वरूप, यह हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं। शुक्र देव 24 अप्रैल 2024 की रात 11 बजकर 44 मिनट पर मेष राशि में गोचर कर जाएंगे। यह गोचर विश्व समेत सभा 12 राशियों को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखता है। अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं शुक्र ग्रह का ज्योतिष में महत्व।
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ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा प्राप्त है क्योंकि यह एक लाभदायक और शुभ ग्रह माना गया है। यह व्यक्ति को जीवन में वैवाहिक सुख, भोग विलास, कला, प्रेम और सौंदर्य आदि प्रदान करते हैं। राशि चक्र में शुक्र वृषभ और तुला राशि के स्वामी हैं और इन्हें 27 नक्षत्रों में से भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों के अधिपति देव माना गया है। अगर हम बात करें शुक्र के मित्र ग्रहों की तो, शनि और बुध ग्रह के साथ शुक्र मित्रवत संबंध रखते हैं। वहीं, यह सूर्य और चंद्रमा के प्रति शत्रुता का भाव रखते हैं।
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हालांकि, अगर व्यक्ति की कुंडली में शुक्र की स्थिति शुभ या मज़बूत होती है, तो यह उस इंसान के जीवन को सुख-सुविधाओं से भर देते हैं। ऐसे लोगों की रुचि संगीत, नाटक, लेखन आदि क्षेत्रों में होती है और साथ ही, इन जातकों का वैवाहिक जीवन भी सुख-शांति व प्रेम से पूर्ण रहता है। लेकिन, यदि किसी की कुंडली में शुक्र ग्रह अशुभ या कमज़ोर स्थिति में होते हैं, यह जातकों के जीवन को निर्धनता और आलस्य से भर देते हैं। साथ ही, इन्हें करीबी लोगों के साथ रिश्ते में बहस या विवाद, प्रेम जीवन में तनाव और समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कमज़ोर शुक्र जहां एक तरफ पुरुषों में कामुक शक्तियों को कमज़ोर करता है, तो महिलाओं में यह गर्भपात का कारण बनता है।
ज्योतिष में शुक्र को ‘भोर का तारा’ भी कहा जाता है। यह करियर के क्षेत्र में मनोरंजन, शो, ग्लैमर, फैशन, गहने, कला, मेकअप, लक्जरी यात्रा, संगीत, कविता, डिजाइनिंग एवं अन्य रचनात्मक कार्यों से जुड़े क्षेत्रों को दर्शाते हैं। इसके अलावा, शुक्र देव की कृपा से ही व्यक्ति को माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मेष राशि में शुक्र की विशेषताएं
राशि चक्र की पहली राशि मेष में शुक्र का गोचर थोड़ा अच्छा माना जाता है जो निडरता और व्यक्तिवाद की राशि है। शुक्र और मेष राशि का संयुक्त प्रभाव होने की वजह से आप खुद को अभिव्यक्त कर सकेंगे। मेष राशि में शुक्र के गोचर की वजह से आपके जीवन में ऊर्जा, जुनून, स्वतंत्रता और खुद को जानने के अवसर लेकर आएगा।
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शुक्र के कमज़ोर होने के संकेत
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र कमज़ोर होता है, उन्हें जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुंडली में शुक्र की कमज़ोर स्थिति का पता इन विशेष संकेतों से चल सकता है।
- जिन लोगों का शुक्र दुर्बल होता है, उन्हें संतान प्राप्ति की राह में बाधाओं से जूझना पड़ सकता है।
- इन लोगों के जीवन में धन का अभाव रहता है और इनके सामने आर्थिक संकट उत्पन्न होते हैं।
- कुंडली में शुक्र की स्थिति अशुभ होती है, तो इन्हें किडनी, शुगर, मूत्र, आंत आदि से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
- शुक्र दुर्बल होने पर प्रेम जीवन में पार्टनर के साथ तनाव, बहस या रिश्ते में उतार-चढ़ाव बना रहता है।
- ऐसे जातकों का वैवाहिक जीवन समस्याओं से भरा रहता है।
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शुक्र के मज़बूत होने के संकेत
- शुक्र के मज़बूत होने पर जातकों को अपने जीवन में कभी भी भौतिक सुख-सुविधाओं की कमी नहीं होती है।
- जिन लोगों की कुंडली में शुक्र शुभ होता है, वह समाज में मान-सम्मान हासिल करते हैं।
- ऐसे जातक नौकरी के क्षेत्र में तरक्की प्राप्त करते हैं और व्यापार के क्षेत्र में भी अपार लाभ मिलता है।
- शुक्र की स्थिति अच्छी होने पर व्यक्ति के पास काफी धन-संपत्ति होती है।
शुक्र ग्रह से शुभ परिणाम पाने के लिए करें ये अचूक उपाय
- माता लक्ष्मी की शुक्रवार के दिन पूजा-अर्चना करें और उन्हें पांच लाल फूल चढ़ाएं।
- शुक्रवार के दिन मंदिर में महिला पुजारियों को सफेद मिठाई का दान करना श्रेष्ठ रहेगा।
- प्रतिदिन “ऊँ शुक्राय नम:” का 108 बार जाप करें।
- शुक्र देव की कृपा दृष्टि पाने के लिए अपने दाहिने हाथ की छोटी उंगली में अच्छी क्वालिटी का ओपल या सोने में बना हुआ हीरा धारण करें। लेकिन, किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद ही ऐसा करें।
- शुक्रवार के दिन क्रीम या गुलाबी रंग के वस्त्र पहनें।
- यदि आपके शादीशुदा जीवन में समस्याएं चल रही हैं, तो अपने कमरे में रोज क्वार्ट्ज स्टोन को रखना उत्तम रहेगा।
चलिए अब नज़र डालते हैं शुक्र का मेष राशि में गोचर सभी 12 राशियों को कैसे प्रभावित करेगा।
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शुक्र का मेष राशि में गोचर: सभी राशियों पर राशि अनुसार प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र परिवार, धन और वाणी के दूसरे घर और विवाह और साझेदारी के सातवें घर का स्वामी है और अब यह आपके स्वयं और चरित्र के पहले…(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले घर का स्वामी है जो आत्म, चरित्र और व्यक्तित्व से जुड़ा भाव माना जाता है। साथ ही आपके छठे घर जिसे ऋण, शत्रु और मुकदमे बाजी का…(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पंचम भाव जिसे प्यार, रोमांस और संतान का भाव कहा जाता है और मोक्ष और व्यय के 12वें घर का स्वामी है और आप यह आपके वित्तीय…(विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र आराम, मां और खुशियों से जुड़े चतुर्थ भाव और भौतिक लाभ और इच्छा के 11वें घर का स्वामी है और अब यह आपके पेशे, नाम और प्रसिद्धि…(विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र छोटी दूरी की यात्रा, पड़ोसी, नाम, प्रसिद्धि,, मान्यता के दसवें और तीसरे घर का स्वामी है और अब धर्म, पिता और लंबी दूरी की यात्रा के नवम भाव में…(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे घर जिसे धन, परिवार और वाणी का घर कहा जाता है और नवां भाव जो धर्म, भाग्य और उच्च अध्ययन का भाव है का स्वामी है। इस समय शुक्र आपके …(विस्तार से पढ़ें)
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तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र लग्न भाव का स्वामी है जो स्वयं और व्यक्तित्व से जुड़ा घर माना जाता है साथ ही ये आठवें भाव का भी स्वामी है जिसे दीर्घायु, अचानक हानि/लाभ से जुड़ा…(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र मोक्ष के बारहवें और विवाह और साझेदारी के सातवें भाव का स्वामी है और अब यह कर्ज, बीमारियों के…(विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र छठे और 11वें भाव जिन्हें बीमारी और दुश्मनों और भौतिक लाभ और इच्छा का घर माना जाता है इनका स्वामी…(विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र प्यार, रोमांस और संतान से जुड़े पांचवें घर और नाम प्रसिद्धि और मान्यता के दसवें घर का स्वामी है। अपने इस गोचर के दौरान शुक्र…(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र आराम, विलासत्ता के चौथे और उच्च अध्ययन और धर्म के नवम भाव का स्वामी है। अब शुक्र भाई बहन, शौक और छोटी दूरी की यात्रा के तीसरे…(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे घर जो कि भाई बहनों, निश्चित यात्रा और दीर्घायु का भाव कहा जाता है और अचानक हानि लाभ के…(विस्तार से पढ़ें)
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