शुक्र का मीन राशि में गोचर: शुक्र 31 मार्च 2024 को मीन राशि में प्रवेश करने वाले शुक्र आपको कैसे परिणाम देंगे। यानी कि 31 मार्च 2024 से लेकर 25 अप्रैल 2024 तक मीन राशि में गोचर करने वाले शुक्र ग्रह आपको कैसे परिणाम दे सकते हैं? यहां स्पष्ट कर दूं कि इस बार शुक्र 24 और 25 अप्रैल 2024 की रात्रि 12 बजे के आसपास राशि परिवर्तन कर रहे हैं, इसलिए स्थानीय समय के अनुसार किसी-किसी पंचांग में 24 अप्रैल भी लिखा हुआ मिल सकता है। जैसा कि ज्योतिष में रुचि रखने वाले जानते हैं कि ग्रहों की दुनिया में शुक्र ग्रह को सुख सुविधाओं का कारक माना गया है। यानी कि भौतिक सुख सुविधा देने में शुक्र ग्रह का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहता है।
शुक्र ग्रह धन, वैभव, ऐश्वर्य और विलासिता की चीज देने वाले कहे जाते हैं। शुक्र को सौंदर्य का कारक ग्रह भी माना जाता है। तो ऐसी स्थिति में शुक्र के गोचर में बदलाव इन तमाम क्षेत्रों में प्रभाव डालेगा। फिलहाल अब जब शुक्र ग्रह शनि ग्रह की दूसरी राशि कुंभ राशि को छोड़कर बृहस्पति ग्रह की दूसरी राशि मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं, यानी कि शुक्र उच्च अवस्था में रहने वाले हैं। ऐसे में शुक्र आपके लिए कैसे परिणाम देंगे, आईए जानते हैं और सबसे पहले चर्चा करते हैं।
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शुक्र का मीन राशि में गोचर: 12 राशियों पर प्रभाव और उपाय
मेष राशि
शुक्र आपकी कुंडली में दूसरे और सातवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में ये आपके द्वादश भाव में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में शुक्र आपके संचित धन को भोग विलास की चीजों में खर्च करवाने का काम कर सकते हैं लेकिन क्योंकि खर्चे के बाद एक आनंद या बदले में कुछ मिलने के कारण यह खर्च आपको तकलीफ नहीं देंगे। वहीं विवाहित होने की स्थिति में आप अपने जीवन साथी या जीवन संगिनी के साथ कहीं घूमने फिरने की योजना बना सकते हैं। मनोरंजन और विदेश आदि से संबंधित मामलों के लिए शुक्र का यह गोचर अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है।
उपाय: किसी सौभाग्यवती स्त्री को श्रृंगार की सामग्री उपहार में देना शुभ रहेगा।
वृषभ राशि
शुक्र आपकी कुंडली में आपकी लग्न या राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके छठे भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचरवश शुक्र आपके लाभ भाव में गोचर कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में शुक्र अपनी सामर्थ्य के अनुसार और आपके कर्मों के अनुसार आपको अच्छा लाभ दिलाना चाहेंगे। विशेषकर नौकरीपेशा लोगों के इंक्रीमेंट इत्यादि की संभावनाओं को और बल मिल सकेगा। कामों में सफलता मिलने के योग मजबूत होंगे। शुक्र के इस गोचर की अवधि में मित्रों का भी अच्छा सहयोग मिल सकता है। यदि आप कहीं से लोन आदि लेने की कोशिश में लग रहे हैं, तो शुक्र का यह गोचर इस मामले में भी आपके लिए मददगार बन सकता है।
उपाय: नियमित रूप से लक्ष्मी चालीसा का पाठ करना शुभ रहेगा।
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मिथुन राशि
शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ द्वादश भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचर में शुक्र आपके दशम भाव में पहुंच रहे हैं। वैसे तो शुक्र के गोचर को दशम भाव में अच्छा नहीं माना जाता लेकिन शुक्र उच्च के रहेंगे, लिहाजा विदेश में काम करने वाले लोगों को अथवा विदेश से संबंधित काम करने वाले लोगों को शुक्र कुछ मामलों में अच्छे परिणाम भी दे सकते हैं। विद्यार्थियों को अपने सब्जेक्ट पर फोकस करने के लिए तुलनात्मक रूप से अधिक मेहनत करने की जरूरत रहेगी। बेहतर होगा मनोरंजन करने की बजाय अपनी पढ़ाई लिखाई पर अधिक ध्यान दिया जाय। प्रेम प्रसंग के मामले में भी सावधानी बरतने की स्थिति में शुक्र संतोषप्रद परिणाम दे सकेंगे।
उपाय: शिवजी के मंदिर में जाकर वहां की साफ सफाई करना लाभकारी सिद्ध होगा।
कर्क राशि
शुक्र आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में शुक्र आपके भाग्य भाव में गोचर करने वाले हैं। ऐसी स्थिति में पिता अथवा पिता तुल्य व्यक्तियों के सहयोग से लाभ मिल सकता है। घर गृहस्ती से संबंधित चीजों के एकत्रीकरण में भी शुक्र का यह गोचर आपके लिए मददगार बन सकता है। धार्मिक यात्राओं के साथ-साथ सभी तरह के धार्मिक क्रियाकलापों में भी शुक्र का यह गोचर सहयोगी बन सकता है। शासन प्रशासन से संबंधित मामलों में भी अच्छे परिणाम मिलने की संभावनाएं मजबूत होंगी। घर परिवार अथवा रिश्तेदारों के यहां कोई मांगलिक उत्सव भी हो सकता है। शुक्र का यह गोचर भाग्य का अच्छा सहयोग दिलवाने की स्थिति में रहने वाला है।
उपाय: इत्र मिले हुए जल से शिवजी का अभिषेक करना शुभ रहेगा।
सिंह राशि
शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ दशम भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचरवश शुक्र आपके अष्टम भाव में पहुंच रहे हैं। सामान्य तौर पर शुक्र के गोचर को आठवें भाव में अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है लेकिन कर्म स्थान के स्वामी का आठवें भाव में जाना इस बात का संकेत कर रहा है कि कुछ कामों में तुलनात्मक रूप से अधिक मेहनत करने की जरूरत पड़ सकती है। तो वहीं कुछ काम अप्रत्याशित रूप से उम्मीद से बेहतर सफलता भी दे सकते हैं। इस समय अवधि में सावधानीपूर्वक की गई यात्राएं फायदेमंद रह सकती हैं। पुरानी समस्याएं दूर करने में भी शुक्र का यह गोचर मददगार बन सकता है। आर्थिक मामले में भी अनुकूलता देखने को मिल सकती है।
उपाय: गाय को दूध और चावल खिलाना शुभ रहेगा।
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कन्या राशि
शुक्र आपकी कुंडली में दूसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ भाग्य भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचर करते हुए शुक्र आपके सप्तम भाव में पहुंचे हैं। सप्तम भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना गया है, ऊपर से राहु की संगति में रहने के कारण शुक्र निजी संबंधों विशेषकर वैवाहिक संबंधों में कुछ परेशानियां देने का काम कर सकते हैं। इस समय में जननेंद्रियों से संबंधित कुछ रोग भी परेशान करने का काम कर सकते हैं। बेहतर होगा इस समय अवधि में यात्राओं से बचें तथा स्त्रियों से किसी भी प्रकार का विवाद न करें। अपने काम के प्रति और अधिक समर्पण के भाव लाएं।
उपाय: लाल गाय की सेवा करना शुभ रहेगा।
तुला राशि
शुक्र आपकी कुंडली में आपकी लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आठवें भाव के भी स्वामी होते हैं और वर्तमान में गोचर करते हुए शुक्र आपके छठे भाव में गए हैं। शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर छठे भाव में अच्छा नहीं माना गया है। विवाहित होने की स्थिति में शुक्र का यह गोचर दांपत्य जीवन में परेशानियां देने का काम कर सकता है। छठे भाव में शुक्र के गोचर को शत्रुओं में वृद्धि करवाने वाला कहा गया है। साथ ही साथ स्वास्थ्य इत्यादि में भी कमजोरी देने का काम शुक्र का यह गोचर कर सकता है। इस गोचर की अवधि में स्त्रियों से विवाद करने से बचना समझदारी का काम होगा।
उपाय: मां दुर्गा को लाल फूलों की माला पहनाना शुभ रहेगा।
वृश्चिक राशि
शुक्र आपकी कुंडली में सातवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ द्वादश भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचर में शुक्र आपके पंचम भाव में पहुंचे हैं। पांचवें भाव में शुक्र का उच्च अवस्था में गोचर प्रेम विवाह करने वाले लोगों या प्रेम विवाह की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए काफी मददगार हो सकता है। संतान आदि से संबंधित मामलों में भी शुक्र का यह गोचर अच्छे परिणाम दे सकता है। प्रेम प्रसंग, शिक्षा और मनोरंजन जैसे क्षेत्रों में आपकी मेहनत, लगन और आचरण के अनुसार शुक्र का यह गोचर अच्छे परिणाम देना चाहेगा।
उपाय: मां दुर्गा को मखाने की खीर का भोग लगाना शुभ रहेगा।
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धनु राशि
शुक्र आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ लाभ भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचर में शुक्र आपके चतुर्थ भाव में पहुंचे हैं। ऐसे में शुक्र आपको काफी अच्छे और अनुकूल परिणाम देना चाहेंगे। आपकी मनोकामना पूर्ति करवाने में शुक्र अहम भूमिका निभा सकते हैं। भूमि, भवन और वाहन आदि से संबंधित मामलों में अच्छी अनुकूलता देखने को मिल सकती है। ऐसे संबंधी जिसे बहुत लंबे समय से मिलना नहीं हो पाया था, उनसे मिलन करवाने में शुक्र का यह गोचर सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। आपका सामाजिक दायरा भी इस गोचर की अवधि में तुलनात्मक रूप से वृहद और मजबूत हो सकता है।
उपाय: माता और माता समान स्त्रियों की सेवा करते हुए उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
मकर राशि
शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ दशम भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचर करते हुए शुक्र आपके तीसरे भाव में जा रहे हैं। सामान्य तौर पर शुक्र का यह गोचर आपको अनुकूल परिणाम देना चाहेगा। कार्यक्षेत्र को लेकर की गई यात्राएं सफल रह सकती हैं। कहीं से कोई अच्छी खबर भी सुनने को मिल सकती है। यदि आप किसी लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में हैं तो इस गोचर की अनुकूलता आपका मिलन करवाने में सहायक बन सकती है। भाई बहनों और पड़ोसियों के साथ आपके संबंध और भी बेहतर हो सकते हैं। शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में भी अनुकूलता देखने को मिल सकती है।
उपाय: बहते हुए शुद्ध जल में साबुत चावल बहाना शुभ रहेगा।
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कुंभ राशि
शुक्र आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ भाग्य भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचर शुक्र आपके दूसरे भाव में पहुंच रहे हैं। सामान्य तौर पर शुक्र के इस गोचर को अनुकूल परिणाम देने वाला कहा जाएगा। शुक्र का यह गोचर घर परिवार अथवा किसी रिश्तेदार के यहां मांगलिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाने में मददगार बन सकता है। आपकी रुचि गीत संगीत के प्रति बढ़ सकती है। आप अपने परिजनों के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर पाएंगे। आर्थिक मामले में भी अनुकूलता देखने को मिल सकती है। शासन प्रशासन से संबंधित मामलों में भी शुक्र का यह गोचर अनुकूल परिणाम दिलवाने में मददगार बन सकता है।
उपाय: देसी गाय के घी से बनी हुई मिठाइयां मां दुर्गा के मंदिर में चढ़ाना शुभ रहेगा।
मीन राशि
शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आठवें भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचर करते हुए शुक्र आपके पहले भाव में आए हैं। शुक्र के इस गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा कहा जाएगा। इस समय अवधि में अप्रत्याशित रूप से कुछ फायदे भी मिल सकते हैं लेकिन अष्टमेष शुक्र का प्रथम भाव में राहु के साथ होना स्वास्थ्य आदि में थोड़ी सी कमजोरी या थकान देने का काम भी कर सकता है लेकिन अधिकांश समय आप उत्साह में ही देखे जाएंगे। कम दूरी की यात्राएं फायदेमंद रह सकती हैं। शिक्षा आदि के मामलों में भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। विशेषकर कला या साहित्य से जुड़े विद्यार्थी का भी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। विवाह या वैवाहिक मामलों में भी शुक्र का यह गोचर अनुकूल परिणाम दे सकता है।
उपाय: काली गाय की सेवा करना शुभ रहेगा।
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