बुध मेष राशि में वक्री: विश्व समेत सभी राशियों को करेंगे प्रभावित!

बुध मेष राशि में वक्री: ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह बुद्धि और वाणी के कारक ग्रह माने गए हैं। ऐसे में, इनकी स्थिति में होने वाला कोई भी परिवर्तन संसार को प्रभावित करने की क्षमता रखता है और अब यह जल्द ही मेष राशि में वक्री होने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से आपको बुध मेष राशि में वक्री के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त होगी जैसे कि तिथि, समय एवं प्रभाव आदि। बता दें कि बुध देव 02 अप्रैल 2024 को मंगल देव के आधिपत्य वाली राशि मेष में वक्री हो जाएंगे जिसका प्रभाव विश्व समेत सभी 12 राशियों पर दिखाई देगा। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि बुध मेष में वक्री होकर संसार को किस तरह प्रभावित करेंगे। 

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नौ ग्रहों में से एक बुध सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है और यह सूर्य के सबसे नज़दीक स्थित है। वैदिक ज्योतिष में इन्हें “भगवान के दूत” के नाम से जाना जाता है। इन्हें बुद्धि का कारक ग्रह कहा गया है और यह सबसे छोटा ग्रह होने के साथ-साथ सबसे तेज़ गति से चलने वाला ग्रह भी है। बुध महाराज को बुद्धिमता, संचार और तर्क आदि पर नियंत्रण प्राप्त है।

किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति उस मनुष्य की जन्म तिथि, समय और स्थान आदि के आधार पर दर्शाती है कि व्यक्ति के बात करने का तौर-तरीका कैसा होगा, वह स्वयं को मिलने वाली जानकारी का उपयोग किस प्रकार करेगा और वह अपनी बुद्धि का इस्तेमाल कैसे करता है। बुध महाराज का संबंध बुद्धि से जुड़े क्षेत्रों से होता है इसलिए कुंडली में इनकी स्थिति से आपकी बुद्धि और विचारों के बारे में पता चलता है। 

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बुध का मेष राशि में प्रभाव

मेष एक उग्र राशि है जिसके अधिपति देव मंगल ग्रह हैं और यह इनकी मूल त्रिकोण राशि भी है। हालांकि, मंगल और बुध देव के बीच संबंध ज्यादा अच्छे नहीं कहे गए हैं। साथ ही, दोनों ग्रहों के गुण एक-दूसरे से बिल्कुल विपरीत है। हालांकि, बुध की मेष राशि में स्थिति को ज्योतिष में सामान्य माना गया है। ऐसे जातक बहुत बुद्धिमान होते हैं और सौहार्द से भरे होते हैं। इनके विचार बेहद रचनात्मक और सबसे अलग होते हैं। लेकिन, जब यह वाद-विवाद करने पर आते हैं, तो इनसे जीत पाना बेहद मुश्किल होता है।

सिर्फ इतना ही नहीं, जिन जातकों की कुंडली में बुध मेष राशि में उपस्थित होते हैं, वह छोटी-छोटी बातों पर बहस करने लगते हैं। यह लोग दूसरों के सामने अपनी बात रखने से हिचकिचाते नहीं हैं और अपनी बात को बेहद रचनात्मक तरीके से कहते हैं। ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले बुध जातक को दृढ़ संकल्पी और निर्णय लेने की अच्छी क्षमता आदि प्रदान करते हैं। हालांकि, मेष राशि में बुध के तहत जन्म लेने वाले लोग फैसले काफ़ी तेजी से लेते हैं। लेकिन, मंगल के प्रभाव की वजह से यह जातक कभी-कभी आवेगी हो जाते हैं और ऐसे में, कई बार इनके द्वारा लिए गए निर्णय गलत साबित हो जाते हैं।

इसके अलावा, इन जातकों की सीखने की क्षमता बेहद तेज़ होती है और इनकी रुचि कला, नृत्य और संगीत आदि में होती है। बुध मेष राशि में होने पर इनकी कामुकता को बढ़ाने का काम करते हैं। यह लोग हर काम को तेज़ी से करना पसंद करते हैं और अपने किसी भी कार्य को कल पर छोड़ने से बचते हैं। सामान्य शब्दों में कहें, तो यह अपने काम को कल पर टालना पसंद नहीं करते हैं। जब बात आती है करियर की, तो ऐसे लोग कार्यक्षेत्र पर स्वयं को मिलने वाले काम को समय सीमा के भीतर करने में माहिर होते हैं। इनका संचार कौशल शानदार होता है और इसका लाभ उन्हें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में मिलता है। हालांकि, कभी-कभी इनका स्वभाव चिड़चिड़ा और गलत व्यवहार करने वाला होता है। वहीं, इनकी सोच का दायरा भी सीमित हो सकता है।

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बुध मेष राशि में वक्री: समय

वैदिक ज्योतिष में बुध का संबंध बुद्धि और तर्क से है जो कि जातकों को तार्किक दृष्टिकोण प्रदान करते हैं। कुंडली में बुध ग्रह का छठे भाव पर शासन है और जब यह वक्री हो जाते हैं, तो इसका असर मनुष्य जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक रूप से पड़ता है। ज्योतिष में बुध ग्रह के वक्री होने को महत्वपूर्ण माना जाता है और ऐसे में, बुध ग्रह उल्टा (पीछे की ओर) चलता हुआ प्रतीत होता है। एक वर्ष में बुध महाराज 3 से 4 बार वक्री होते हैं और इनकी यह चाल संचार कौशल, ट्रेवल, तकनीक और निर्णय लेने की क्षमता आदि को प्रभावित करती है। अब बुध 02 अप्रैल 2024 की रात 03 बजकर 18 मिनट पर मेष राशि में वक्री हो जाएंगे। 

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बुध मेष राशि में वक्री: इन राशियों को रहना होगा सावधान!

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए बुध आपके तीसरे और चौथे भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके स्वयं के भाव यानी कि पहले भाव में वक्री होने जा रहे हैं। आर्थिक जीवन की बात करें, तो बुध ग्रह के मेष राशि में वक्री होने की वजह से आपको धन से जुड़े मामलों में बहुत ध्यान देना होगा। आपके सामने अचानक से खर्चे आ सकते हैं या फिर आपको उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, आपको बेहद समझदारी से बजट बनाने के साथ-साथ बिना सोचे-समझे खरीदारी करने से बचना चाहिए।

इस अवधि में आपको धन संबंधित फैसले लेने या जल्दबाज़ी में बेकार के खर्चों को करने से बचना होगा। इसके बजाय आपको अपनी आर्थिक योजनाओ के साथ-साथ धन का सही प्रबंधन करना होगा जिससे आप भविष्य में स्थिरता पा सकें। इसके परिणामस्वरूप, आपको अपने खर्चों पर नज़र बनाए रखनी होगी और किसी भी तरह के छलकपट से सावधान रहना होगा। 

वृषभ राशि 

वृषभ राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं तथा अब यह आपके बारहवें भाव में वक्री हो जाएंगे। कुंडली में बारहवां भाव विदेश, खर्चे और अस्पताल में भर्ती होने आदि को दर्शाता है। इस राशि वालों को बुध वक्री के दौरान बहुत सावधानी बरतते हुए चलना होगा क्योंकि आपके सामने एक के बाद एक अचानक से खर्चे आ सकते हैं या फिर आपको आर्थिक रूप से हानि उठानी पड़ती है। ऐसा विशेष रूप से तब होने की आशंका है जब आप बजट या योजना का निर्माण नहीं करते हैं।

इन लोगों को बिना सोचे-समझे पैसा खर्च करने से बचना होगा। साथ ही, आपको आर्थिक रूप से स्थिर होने को अपने जीवन का लक्ष्य बनाते हुए उसे प्राथमिकता देनी होगी। हालांकि, सट्टेबाजी से आपको अच्छे परिणामों की प्राप्ति होने की संभावना है। इसके विपरीत, वृषभ राशि के कुछ लोगों को अपने पैसों का प्रबंधन करने में समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। इन लोगों को धैर्य बनाए रखना होगा और आप चाहे तो आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह भी ले सकते हैं ताकि आप इन समस्याओं से निपट सकें। 

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए बुध आपके पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके आठवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं। ज्योतिष में बुध की स्थिति को आठवें भाव में आर्थिक और करियर की दृष्टि से ज्यादा अच्छा नहीं कहा गया है। इस राशि के लोगों को अपने आर्थिक जीवन में भारी खर्चों का सामना करना पड़ सकता है और यह बात आपको परेशान कर सकती है।

घर-परिवार की जिम्मेदारियां आपके ऊपर आर्थिक बोझ को बढ़ाने का काम कर सकती हैं जिसके चलते आप इन खर्चों को न संभाल पाने की वजह से आपको नुकसान होने की संभावना है। साथ ही, इन लोगों को धन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और ऐसे में, आपको इन परिस्थितियों से बाहर आने के लिए बजट बनाने और योजनाओं का निर्माण करना होगा।

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध आपके आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके छठे भाव में वक्री होने जा रहे हैं। बुध की इस उपस्थिति को अनुकूल नहीं माना जाता है क्योंकि बुध महाराज मंगल ग्रह के प्रति शत्रुता का भाव रखते हैं। इसके परिणामस्वरूप, बुध ग्रह का आपके छठे भाव में वक्री होना आपके धन से जुड़ी चिंताएं दे सकता है। 

इस अवधि में कोई भी ऐसी जिम्मेदारी अपने ऊपर लेने से बचें जो आपके लिए बोझ बन सकती है। साथ ही, इन जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए आपको कर्ज़ या लोन लेना पड़ सकता है। संभावना है कि वृश्चिक राशि के व्यापार करने वाले जातकों को प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिलने की वजह से लाभ कमाने की राह में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ें। ऐसे में, इन लोगों को इन समस्याओं को दूर करने और खुद को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए धन की योजना बहुत सोच-विचार कर बनानी होगी।

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मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध महाराज आपके पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं। अब जल्द ही यह आपके लाभ, सामाजिक जीवन और बड़े भाई-बहनों के भाव यानी कि ग्यारहवें भाव में वक्री हो जाएंगे। बुध मेष राशि में वक्री होने से इन लोगों की आय कमाने की क्षमता में वृद्धि देखने को मिलेगी। 

इसके परिणामस्वरूप, यह जातक खुद को धन निवेश करने के साथ-साथ पैसों की बचत करने की स्थिति में पाएंगे जिसकी बदौलत आप आर्थिक रूप से स्थिर होंगे। व्यापार के क्षेत्र में भी आपको लाभ प्राप्त होगा और इस अवधि में जो भी निवेश करेंगे, वह आपके लिए फलदायी साबित होगा। ऐसे में, आप आर्थिक रूप से समृद्धि प्राप्त करेंगे। 

सिंह राशि 

सिंह राशि वालों के लिए बुध आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके नौवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं। कुंडली में नौवा भाव पिता, धर्म और लंबी दूरी की यात्राओं का होता है। आपको बता दें कि बुध आपके लिए लाभकारी ग्रह के रूप में जाने जाते हैं और नौवें भाव में बुध की स्थिति आपको करियर और आर्थिक जीवन के क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम प्रदान करेगी। इस अवधि के दौरान जातकों को जीवन में अपार सफलता की प्राप्ति होगी।

जिन जातकों का अपना व्यापार है, वह अपने काम को पूरी दक्षता के साथ करने में सक्षम होंगे। ऐसे में, आप प्रसिद्धि प्राप्त करने के साथ-साथ धन लाभ कमाने की स्थिति में होंगे क्योंकि आपको भाग्य का पूरा-पूरा साथ मिलेगा। बुध वक्री की अवधि को व्यापार करने वाले जातकों के लिए नए प्रोजेक्ट्स में निवेश करने और अपने बिज़नेस का विस्तार करने के लिए श्रेष्ठ कहा जाएगा। आर्थिक रूप से नौवें भाव में बुध की मौजूदगी की वजह से सिंह राशि वाले अच्छा पैसा कमाने में सक्षम होंगे।

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बुध मेष राशि में वक्री: विश्व पर प्रभाव 

राजनीति पर प्रभाव

राशियों के बाद हम आपको देश-दुनिया पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताएंगे। लेकिन, यहां आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि बुध महाराज मेष राशि में बृहस्पति देव के साथ विराजमान होंगे। जैसे कि हम जानते हैं कि गुरु ग्रह को मंत्री के रूप में जाना जाता है और बुध देव व्यक्ति में बुद्धि एवं तार्किक क्षमता को नियंत्रित करते हैं। वहीं, मेष राशि के स्वामी ग्रह को सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। इस वजह से बुध मेष राशि में वक्री होने की वजह से सरकार सहित देश-दुनिया को अत्यधिक प्रभावित करेंगे, कैसे? आइए जानते हैं।

  • भारत सरकार के बड़े पदों पर बैठे अधिकारी और प्रमुख राजनेता गलत बयान देने या किसी बात का गलत अर्थ निकाले जाने की वजह से खुद को विवादों में फंसा हुआ पा सकते हैं और ऐसे में, मीडिया की नज़रें आप पर बनी रहेंगी।
  • संभव है कि बुध वक्री के दौरान सरकार की नीतियां और उनके कामकाज करने का तरीका कितना भी अच्छा क्यों न हों, उनकी आलोचना की जा सकती है या फिर उन्हें गलत समझा जा सकता है।
  • भारत की कुंडली में बुध बारहवें भाव में बैठे होंगे और ऐसे में, सरकार को विदेशी देशों से किसी तरह के खतरे का सामना करना पड़ सकता है।
  • इस दौरान हमारे देश के नेता आक्रामक कदम उठाते हुए दिखाई देंगे, लेकिन कुछ चीज़ों की कमी रहने की आशंका है।

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रचनात्मकता और कला 

  • बुध वक्री के दौरान कलाकार और रचनात्मक क्षेत्रों जैसे कि कला, आर्किटेक्चर, डिजाइनिंग आदि से जुड़े लोगों को उतार-चढ़ाव या देरी का सामना करना पड़ सकता है। 
  • अब लोग विभिन्न तरह के कला और संगीत को लेकर जागरूक होंगे। 
  • संचार कौशल और बुद्धि से संबंध रखने वाले क्षेत्रों जैसे कि मार्केटिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, फैशन कम्युनिकेशन आदि में मंदी आने की आशंका है।  
  • फिल्म जगत, म्यूजिक इंडस्ट्री को बुध वक्री के दौरान नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि बुध की यह स्थिति व्यापार को प्रभावित कर सकती है।

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बुध मेष राशि में वक्री: शेयर बाज़ार भविष्यवाणी

बुध देव उन महत्वपूर्ण ग्रहों में से एक है जो शेयर मार्केट को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं। यह अब मेष राशि में वक्री होने जा रहे हैं। चलिए जानते हैं कि शेयर बाजार भविष्यवाणी के माध्यम से बुध की वक्री अवस्था का स्टॉक मार्केट पर किस तरह का प्रभाव पड़ेगा।  

  • बुध देव के मेष राशि में वक्री होने से केमिकल फ़र्टिलाइज़र, चाय, कॉफी, स्टील, हिंडाल्को और वूलेन इंडस्ट्री आदि में गिरावट देखने को मिल सकती है।
  • रिलायंस इंडस्ट्रीज, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, सूचना प्रौद्योगिकी समेत अन्य क्षेत्रों में महीने के अंतिम चरण तक मंदी जारी रह सकती है।
  • इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट का व्यापर करने वालों पर बुध की वक्री चाल का नकारात्मक असर पड़ सकता है और ऐसे में, मांग में गिरावट आने की संभावना है।  

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