हिंदू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या को हर साल शनि जयंती मनाई जाती है। इस बार शनि जयंती 10 जून के दिन पड़ रही है। शनि जयंती के दिन ही इस वर्ष साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है। मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि, शनि जयंती के दिन जो कोई भी व्यक्ति शनि देव की विधि विधान से पूजा करता है उनके जीवन से सभी कष्ट दूर होते हैं और साथ ही ऐसे व्यक्तियों की सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
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तो आइए अपने इस विशेष आर्टिकल में जान लेते हैं इस वर्ष शनि जयंती का शुभ मुहूर्त क्या है? इस दिन का महत्व क्या होता है? और साथ ही इस दिन कुंभ राशि, धनु राशि और मकर राशि के जातकों को क्या विशेष उपाय करने चाहिए जिससे इनके जीवन से शनि साढ़ेसाती का दूर-दूर हो सके।
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शनि जयंती शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि का आरंभ: 9 जून को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से
अमावस्या तिथि का समापन: 10 जून को शाम 04 बजकर 22 मिनट पर
शनि जयंती महत्व
शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा करने से शनिदेव की प्रसन्नता हासिल होती है और साथ ही कुंडली में मौजूद शनि दोष दूर होते हैं। शनि जयंती के दिन शनि देव के साथ-साथ हनुमान भगवान की पूजा करने की विधि परंपरा है।
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शनि जयंती के दिन अवश्य करें ये उपाय
- शनि चालीसा का पाठ करें। शनि जयंती के दिन पूजा पाठ में शनि चालीसा का पाठ अवश्य करें। कहा जाता है ऐसा करने से आपको शुभ फल की प्राप्ति होती है और साथ ही किसी भी तरह के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
- दान करें। शनि जयंती के दिन पूजा और यदि व्रत कर रहे हैं तो विशेष तौर पर दान अवश्य करें। इस दिन आप शनिदेव से संबंधित चीजों का अपनी यथाशक्ति के अनुसार किसी मंदिर में या फिर जरूरतमंदों को दान कर सकते हैं।
- राजा दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करें। कहा जाता है इस दिन इस स्त्रोत का पाठ करने से भी शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। विशेष तौर पर जिन जातकों के जीवन में शनि की साढ़ेसाती चल रही होती है उन्हें इस स्त्रोत का पाठ करने की विशेष सलाह दी जाती है।
- इस दिन की पूजा में नीचे दिए गए मंत्रों का जप अवश्य करें।
ॐ शं शनैश्चराय नम:”
ॐ निलांजन समाभासम रविपुत्रम यमाग्रजंम। छायामार्तंड संभूतम तमः नमामि शनेश्चरम।।
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