शुक्र करेंगे तुला राशि में प्रवेश, विश्व सहित इन राशियों को मिलेंगे बेहद शुभ परिणाम!

ज्योतिष में शुक्र देव को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है जो कि प्रेम, भोग, विलास एवं ऐश्वर्य के कारक ग्रह हैं। ऐसे में, जब-जब इनकी राशि, दशा एवं स्थिति में बदलाव होता है, तो इसका असर सभी राशियों सहित देश-दुनिया पर पड़ता है। अब शुक्र महाराज 18 सितंबर 2024 की दोपहर 01 बजकर 32 मिनट पर तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आपको “शुक्र का तुला राशि में गोचर” के बारे में समस्त जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही जानेंगे, शुक्र का यह गोचर देश-दुनिया समेत राशि चक्र की सभी 12 राशियों को कैसे प्रभावित करेगा। 

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ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को प्रेम, सौहार्द एवं सुंदरता का कारक ग्रह कहा जाता है। यह किसी व्यक्ति के जीवन में रिश्ते के प्रति हमारा दृष्टिकोण और हम अपनी भावनाओं को किस तरह से दूसरों के सामने रखते हैं आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। नवग्रहों में शुक्र एक ऐसा ग्रह है जो धन और भौतिक सुख-सुविधाओं को नियंत्रित करते हैं। यह धन को मैनेज करने के तरीके, पैसों के प्रति आपका नजरिया, चीज़ों को आकर्षित करने और उनका आनंद लेने की क्षमता को दर्शाते हैं। इसी प्रकार, कुंडली में शुक्र महाराज की स्थिति आपके प्रेम भावनाओं को जताने, सौंदर्य संबंधित प्राथमिकताओं और धन का प्रबंधन आप किस तरह करते हैं आदि के बारे में बताती है। जैसे कि शुक्र की वृषभ राशि में मौजूदगी व्यक्ति को विलसिता और सुरक्षा का प्रेमी बनाती है जबकि शुक्र की तुला राशि में उपस्थिति सुंदरता और रिश्ते पर ध्यान केंद्रित करवाने का काम करती है।

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शुक्र तुला राशि में: विशेषताएं

जब शुक्र देव तुला राशि में उपस्थित होते हैं, तो वह आपके व्यक्तित्व को प्रभावशाली और आकर्षक बनाते हैं। जैसे कि हम जानते हैं कि शुक्र आकर्षण और व्यक्तित्व के प्रतीक माने गए हैं। ऐसे में, आप हमेशा अच्छे कपड़े पहनना पसंद करते हैं और इनके स्वभाव में दयालुता होती है। शुक्र आपके जीवन में ग्लैमर और दूसरों का अटेंशन लेकर आता है। इसके परिणामस्वरूप, आपको लाइमलाइट में रहना पसंद होता हैं। बता दें कि आप शुक्र ग्रह प्रेम और आनंद का ग्रह हैं। 

शुक्र ग्रह एक जुनून और उत्साह से भरा प्रेमी है जो धन-संपत्ति और भौतिक वस्तुओं के माध्यम से रिश्ते का मान-सम्मान और आदर करते हैं। यह लोग सुंदर चीजों के प्रति एक जुड़ाव महसूस करते हैं और उन वस्तुओं की तरफ खींचे चले जाते हैं।  इन जातकों का स्वभाव किसी के बीच होने वाले विवादों को शांत करके मध्यस्थता करने वाला होता है और इस प्रकार के कामों में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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शुक्र का तुला राशि में गोचर: इन राशियों का होगा सुनहरा समय शुरू 

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र देव पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके पांचवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में पांचवां भाव शिक्षा, प्रेमपूर्ण रिलेशनशिप और संतान आदि का होता है। यह अवधि उन जातकों के लिए अच्छी रहेगी जिनका संबंध डिजाइन, कला या रचनात्मकता से है, उन्हें इस दौरान करियर में नए अवसर प्राप्त होंगे।

आपके पांचवें भाव में बैठकर शुक्र आपके ग्यारहवें भाव को देख रहे होंगे जो कि सट्टेबाजी का भाव होता है। ऐसे में, शुक्र का तुला राशि में गोचर आपको शेयर बाजार और सट्टेबाजी से लाभ करवाने का काम करेगा। यह समय फैशन, आर्ट्स और डिजाइनिंग की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए फलदायी रहेगा। 

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कर्क राशि 

कर्क राशि वालों की कुंडली में शुक्र ग्रह आपके चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। वर्तमान समय में यह गोचर करके आपके चौथे भाव में जा रहे हैं और ऐसे में, जीवनसाथी के साथ आपके रिश्ते में सुधार आएगा और आपका रिश्ता पहले की तुलना में बेहतर बना रहेगा। आपके उनके साथ छोटी दूरी की यात्राओं पर जाने के भी योग बनेंगे। हालांकि, जब शुक्र कन्या राशि में मौजूद होंगे, उस समय आपको करियर के क्षेत्र में पुरस्कृत किया जा सकता है। साथ ही, कार्यक्षेत्र में आपके द्वारा किये गए शानदार प्रदर्शन की वजह से आपको सराहना की प्राप्ति होगी। सिर्फ इतना ही नहीं, वरिष्ठों की नज़रों में आपके लिए मान-सम्मान बढ़ेगा।

जिन जातकों का अपना व्यापार है, उनके लिए शुक्र का यह गोचर अपार सफलता लेकर आएगा। अगर आपका लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा कमाई करने का है, तो अब ऐसा करना आपके लिए सक्षम हो सकेगा। इस दौरान आप अच्छा ख़ासा पैसा कमाते हुए दिखाई देंगे जिससे आप संतुष्ट रहेंगे। हालांकि, इन जातकों को प्रतिद्वंद्वियों के साथ कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन फिर भी आप लाभ प्राप्त करने में सफल रहेंगे।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र देव आपके तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब तुला राशि में गोचर करके आपके तीसरे भाव में प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में, कम्युनिकेशन,आर्ट, थिएटर, एंटरटेनमेंट जर्नलिज्म, एक्टिंग या मनोरंजन जगत से जुड़े हुए लोग अपने नए-नए प्रयोगों की वजह से करियर में उत्कृष्टता हासिल करेंगे।

लेकिन, अपने बेहतरीन काम और तरक्की के बल पर आप अपने विरोधियों और प्रतिद्वंद्वियों की नज़रों में आ जाएंगे जो आपकी छवि ख़राब करने के साथ-साथ आपके लिए समस्याएं पैदा करने का काम कर सकते हैं। इसके अलावा, संभव है कि इन लोगों को अपने छोटे भाई-बहनों के माध्यम से नौकरी का कोई अवसर प्राप्त हो या फिर उनके माध्यम से समाज में आपकी छवि बेहतर हो जाए।

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कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र देव दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके वाणी, बचत और परिवार के भाव यानी कि दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, शुक्र का तुला राशि में गोचर आपके लिए सकारात्मक कहा जाएगा क्योंकि यह आपको अच्छा लाभ प्रदान करेगा। आपकी वाणी मधुर रहेगी और आप दूसरों से बहुत मिठास के साथ बात करेंगे जिससे आप अपने कामों को बहुत आसानी से पूरा कर सकेंगे। 

शुक्र गोचर के दौरान परिवार के किसी सदस्य के साथ आपके रिश्ते बहुत प्रेमपूर्ण और करीबी होंगे। आर्थिक जीवन में कन्या राशि वालों के बैंक-बैलेंस के साथ-साथ बचत में भी वृद्धि होगी। इस अवधि में आपके पिता, गुरु या फिर पिता समान कोई व्यक्ति आपको आर्थिक लाभ करवा सकता है या फिर धन से जुड़ा कोई गिफ्ट दे सकता है।

कुंभ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। शुक्र महाराज आपकी राशि के लिए योगकारक ग्रह हैं और ऐसे में, इस राशि के जातकों के लिए शुक्र का तुला राशि में गोचर फलदायी साबित होगा। इस अवधि में आपको किस्मत और भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा। पिता और गुरु कदम-कदम पर आपका साथ देंगे। शुक्र गोचर के दौरान यह जातक अपने घर-परिवार में सुख-शांति बनाए रखने के लिए माता-पिता के साथ मिलकर कोई धार्मिक समारोह आयोजित कर सकते हैं या फिर तीर्थस्थल की यात्रा पर जा सकते हैं। 

साथ ही, इन जातकों के घर का माहौल प्रेम से पूर्ण बना रहेगा और इसके परिणामस्वरूप, आप परिवार के साथ एक लंबी दूरी की यात्रा पर जाने की योजना बनाते हुए दिखाई दे सकते हैं। हालांकि, शुक्र महाराज आपकी राशि के नौवें भाव में बैठकर आपके तीसरे भाव को देख रहे होंगे। कुंडली में तीसरे भाव का संबंध छोटे भाई-बहनों, रुचि और छोटी दूरी यात्राओं से होता है। जिन जातकों का जुड़ाव एंटरटेनमेंट मीडिया या एंटरटेनमेंट बिज़नेस से हैं, वह इस अवधि में बेहद रचनात्मक रहेंगे।

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शुक्र का तुला राशि में गोचर: वैश्विक स्तर पर प्रभाव 

एविएशन इंडस्ट्री पर सकारात्मक प्रभाव 

  • शुक्र का तुला राशि में गोचर होने से एविएशन इंडस्ट्री को सबसे ज्यादा लाभ होगा और इस क्षेत्र में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। 
  • जैसे कि हम जानते हैं कि तुला वायु तत्व की राशि है और ऐसे में, शुक्र एविएशन इंडस्ट्री के लिए सहायक साबित होगा। इस प्रकार, हवाई जहाज की टिकटों की कीमत में उछाल आने के आसार है और साथ ही, परिवहन के रूप में हवाई जहाज का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है। 
  • शुक्र गोचर की अवधि में लड़ाकू और कमर्शियल हवाई जहाज उड़ाने वाले पायलटों को आर्थिक रूप से लाभ प्राप्त होगा जो कि विभिन्न माध्यमों से हो सकता है। 
  • शुक्र के तुला राशि में करने के साथ ही एविएशन इंडस्ट्री में आने वाली समस्याओं में कमी देखने को मिलेगी। 

आर्ट्स, फैशन एवं एंटरटेनमेंट 

  • भारतीय कलाएं जो लुप्त हो चुकी हैं, उनके उत्थान के लिए पुनः प्रयास किये जाएंगे। साथ ही, हमारे देश की कलाओं को विश्व स्तर पर प्रसिद्धि हासिल करने के लिए एक नया मंच मिल सकता है। 
  • वैश्विक स्तर पर कपड़ा और फैशन उद्योग नई ऊंचाइयां छुएगा और तेज़ रफ़्तार से प्रगति प्राप्त करेगा क्योंकि इस अवधि में फैशन से जुड़ी चीज़ों की मांग बढ़ेगी।
  • इस समय जो जातक मीडिया, पब्लिक रिलेशन और पत्रकार के रूप में काम कर रहे हैं, वह करियर के क्षेत्र में उन्नति के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे।
  • शुक्र का तुला राशि में गोचर होने से देश-विदेश में लेखक और गायक अपनी चमक बिखेरेंगे। 
  • देश-विदेश में भारतीय हैंडलूम्स और वस्त्र उद्योग रफ़्तार पकड़ सकता है।

ब्यूटी एवं कॉस्मेटिक सेक्टर 

  • त्वचा, बालों और ब्यूटी से जुड़े क्षेत्रों में आय में वृद्धि देखने को मिलेगी। 
  • ब्यूटी उद्योग में कुछ बड़े आविष्कार हो सकते हैं। 
  • कॉस्मेटिक और कॉस्मेटिक ब्यूटी ट्रीटमेंट की मांग बाजार में बढ़ने की संभावना है। 

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शुक्र का तुला राशि में गोचर: शेयर बाजार भविष्यवाणी 

शुक्र महाराज का तुला राशि में गोचर शेयर बाजार को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। बता दें कि सूर्य और बुध की तरह शेयर बाजार को शुक्र ग्रह ज्यादा प्रभावित नहीं करता है, परंतु यह शेयरों की कीमत में प्रमुख भूमिका निभाता है। यहाँ हम आपको शेयर बाजार भविष्यवाणी 2024 के माध्यम से शुक्र का तुला राशि में गोचर के असर के बारे में बताएंगे। 

  • शुक्र की यह स्थिति एविएशन उद्योग के लिए फलदायी कही जाएगी और इस दौरान मांग और बिक्री में वृद्धि होने की भी संभावना है। साथ ही, एविएशन कंपनियों के शेयरों की कीमत बढ़ सकते हैं।
  • शुक्र का यह गोचर उन जातकों के लिए फायदेमंद रहेगा जिनका संबंध कपड़ा उद्योग या इनसे मिलते-जुलते क्षेत्रों से है। 
  • इस अवधि में फैशन एक्सेसरीज, कपड़े और परफ्यूम आदि संबंधित उद्योगों में तेज़ी देखने को मिलेगी।
  • जर्नलिज्म या पब्लिक रिलेशन से जुड़े क्षेत्रों के साथ-साथ प्रिंट, टेलीकॉम और ब्राडकास्टिंग इंडस्ट्री को सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होगी। 

शुक्र का तुला राशि में गोचर: रिलीज होने वाली फिल्में और उनकी किस्मत

शुक्र ग्रह मनोरंजन और कला के स्वामी हैं। ऐसे में, बॉलीवुड समेत हॉलीवुड की फिल्मों की किस्मत भी शुक्र की स्थिति पर निर्भर करती है। कुंडली में जो ग्रह रचनात्मकता का प्रतिनिधित्व करता है वह शुक्र और चंद्रमा है। अब शुक्र महाराज 18 सितंबर 2024 को तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं और इस परिवर्तन का असर फिल्मों और बॉक्स ऑफिस पर कैसा पड़ेगा? चलिए जानते हैं। 

फिल्म का नामस्टार कास्टरिलीज़ की तारीख
अभी तो पार्टी शुरू हुई है पंकज त्रिपाठी, सौरभ शुक्ला15 सितंबर 2024 
तेहरानमानुषी छिल्लर, जॉन अब्राहम24 सितंबर 2024
हवा सिंह सूरज पंचोली29 सितंबर 2024

हम आपको बता चुके हैं कि शुक्र रचनात्मकता का कारक ग्रह है इसलिए शुक्र का तुला राशि के दौरान रिलीज़ होने वाली फिल्मों पर नज़र डालेंगे। सबसे पहले हम बात करेंगे “अभी तो पार्टी शुरू हुई है” और “तेहरान” की, इन दोनों फिल्मों का प्रदर्शन बॉक्स ऑफिस पर सामान्य या फिर औसत रहने की संभावना है। लेकिन, अभिनेता सूरज पंचोली की फिल्म “हवा सिंह” का प्रदर्शन थोड़ा कमज़ोर रह सकता है इसलिए हम बड़े पर्दे पर इस फिल्म के अच्छे प्रदर्शन की कामना करते हैं क्योंकि एक फिल्म को बनाने में बहुत लोगों की मेहनत लगती है। 

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. शुक्र ग्रह मीन राशि में उच्च क्यों होते हैं?

शुक्र का संबंध भावनाओं से है और मीन राशि जल तत्व की राशि है जो भावनाओं में होने वाले बदलाव को दर्शाती है। 

2. ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व क्या है?

शुक्र देव को ज्योतिष में प्रेम, रोमांस, फैशन, कला, रोमांस और डायबिटीज का भी कारक माना गया है।

3. शुक्र ग्रह को मज़बूत करने के लिए कौन सा रत्न धारण करें?

शुक्र ग्रह के लिए हीरा और ओपल रत्न पहनना शुभ रहता है। 

भद्र और मालव्‍य जैसे शुभ योगों से होगी सितंबर की शुरुआत, इन राशियों के जीवन में होगा चमत्‍कार

ज्‍योतिष के अनुसार सभी ग्रह समय-समय पर गोचर करते हैं और इनके राशि परिवर्तन के दौरान कई शुभ योग एवं संयोग का निर्माण होता है। वैदिक ज्‍योतिष में पंच महापुरुष योग का वर्णन मिलता है और इसे ज्‍योतिष में बहुत शुभ माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में पंच महापुरुष योग बनता है, वे बड़े धनवान और संपन्‍न होते हैं।

सितंबर के महीने में मालव्‍य और भद्र राजयोग बनने जा रहा है। बुध और शुक्र के गोचर से ये दोनों राजयोग बनेंगे। बता दें कि बुध महाराज 04 सितंबर 2024 की सुबह 11 बजकर 31 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। 18 सितंबर को शुक्र दोपहर 01 बजकर 42 मिनट पर कन्‍या राशि में प्रवेश करेंगे। वहीं 23 सितंबर को सुबह 09 बजकर 59 मिनट पर बुध कन्‍या राशि में गोचर करेंगे।

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कब बनते हैं मालव्‍य और भद्र राजयोग

शुक्र के स्‍वराशि वृषभ या तुला में गोचर करने पर मालव्‍य योग बनता है। वहीं दूसरी ओर, बुध भी स्‍वराशि कन्‍या और मिथुन में गोचर करते हैं, तब भद्र राजयोग बनता है। सितंबर में शुक्र तुला राशि में और बुध कन्‍या राशि में प्रवेश करेंगे।

मालव्‍य और भद्र राजयोग बनने से कुछ राशियों के लोगों की किस्‍मत चमकने वाली है और इस ब्‍लॉग में हम आपको उन्‍हीं राशियों के बारे में विस्‍तार से बताने जा रहे हैं।

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इन राशियों को होगा लाभ

मकर राशि

मकर राशि के लोगों के लिए मालव्‍य और भद्र राजयोग लाभकारी सिद्ध होगा। शुक्र आपकी राशि से दसवें भाव में रहेंगे और बुध आपके नौवें भाव में गोचर करेंगे। आपका व्‍यापार खूब आगे बढ़ेगा। व्‍यापारियों को खूब मुनाफा कमाने का मिलेगा। नौकरीपेशा जातकों को अपने कार्यक्षेत्र में कोई नई जिम्‍मेदारी मिल सकती है।

आपको किसी अच्‍छी जगह से भी नौकरी का ऑफर मिल सकता है। यदि आपका कोई काम अटका हुआ है, तो अब वह बन सकते हैं। व्‍यापारियों के लिए धन लाभ के योग बन रहे हैं। आपको काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है। कुल मिलाकर यह समय मकर राशि के लोगों के लिए बहुत अनुकूल साबित होगा।

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कर्क राशि

मालव्‍य योग और भद्र राजयोग से कर्क राशि के जातकों को अत्‍यंत लाभ मिलने की संभावना है। बुध आपकी राशि से तीसरे भाव और शुक्र चौथे भाव में संचरण करेंगे। इस समय आपके भौतिक सुख में वृद्धि होगी। आप हर तरह के सुख का आनंद ले पाएंगे। आपके साहस और पराक्रम में इज़ाफा होने की उम्‍मीद है।

आपको अपने करियर के क्षेत्र में उन्‍नति मिलेगी। आप प्रगति के मार्ग की ओर अग्रसर होंगे। नौकरीपेशा जातकों को शानदार अवसर मिलने के आसार हैं। आप अपने लिए वाहन या प्रॉपर्टी आदि खरीद सकते हैं। आपके अपनी मां के साथ संबंध बेहतर होंगे और आपके परिवार में खुशियां आएंगी। आपके और आपके जीवनसाथी के बीच रिश्‍ता मज़बूत होगा और आप दोनों के बीच आपसी तालमेल भी बेहतर होगा। आपको अपने परिवार का भी पूर्ण सहयोग प्राप्‍त होगा।

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मिथुन राशि

मालव्‍य योग और भद्र राजयोग से मिथुन राशि के जातकों को लाभ प्राप्‍त होगा। बुध आपकी राशि से चौथे भाव और शुक्र आपके पांचवे भाव में संचरण करेंगे। आपको अपने जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुख प्राप्‍त होंगे। आपको वाहन या प्रॉपर्टी का सुख मिल सकता है। आपकी आय के नए मार्ग खुलेंगे। आप एक से ज्‍यादा स्रोतों से धन कमाएंगे।

आपके और आपके पार्टनर के बीच सब कुछ अच्‍छा होने वाला है। आप अपने जीवनसाथी के साथ मिलकर घर या प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं। आपको संतान की ओर से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। जिन जातकों का प्रेम संबंध चल रहा है, उनका रिश्‍ता शादी तक पहुंच सकता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्‍न 1. भद्र राजयोग कब बनता है?

उत्तर. बुध के स्‍वराशि मिथुन या कन्‍या राशि में प्रवेश करने पर भद्र राजयोग बनता है।

प्रश्‍न 2. मालव्‍य योग का निर्माण कैसे होता है?

उत्तर. शुक्र के अपनी राशि कन्‍या या तुला में प्रवेश करने पर मालव्‍य योग बनता है।

प्रश्‍न 3. ज्‍योतिष में भद्र राजयोग क्‍या है?

उत्तर. भद्र राजयोग पंच महापुरुष योग में से एक है।

प्रश्‍न 4. क्‍या कुंडली में भद्र राजयोग बनना दुर्लभ है?

उत्तर. कुंडली में इस योग के बनने को असामान्‍य माना जाता है।

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सितंबर में इन राशियों पर बरसेगी बुध और सूर्य की कृपा, खुशियां देंगी दस्‍तक

ज्‍योतिष के अनुसार हर ग्रह एक समयावधि के बाद राशि परिवर्तन करते हैं और गोचर के दौरान इनकी अन्‍य ग्रहों के साथ युति भी होती है जिससे शुभ योग एवं संयोग का निर्माण होता है। ये शुभ संयोग देश-दुनिया समेत मानव जीवन को भी प्रभावित करते हैं।

अब सितंबर के महीने में बुध और सूर्य की युति से बुधादित्‍य योग बनने जा रहा है। 16 सितंबर को शाम को 07 बजकर 29 मिनट पर सूर्य कन्‍या राशि में प्रवेश करने वाले हैं। वहीं बुध ग्रह भी 23 सितंबर को सुबह 09 बजकर 59 मिनट पर कन्‍या राशि में गोचर करेंगे।

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इस प्रकार 23 सितंबर को कन्‍या राशि में बुध और सूर्य की युति से बुधादित्‍य योग का निर्माण होगा। यह योग 17 अक्‍टूबर तक रहेगा क्‍योंकि इसके बाद सूर्य तुला राशि में प्रवेश कर जाएंगे।

सूर्य और बुध की युति से बन रहे बुधादित्‍य योग से कुछ राशियों के जातकों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है। इस ब्‍लॉग में हम आपको उन्‍हीं राशियों के बारे में बता रहे हैं जिनके लिए बुधादित्‍य योग लाभकारी सिद्ध होगा।

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इन राशियों को होगा मुनाफा

सिंह राशि

सिंह राशि के धन और वाणी के स्‍थान पर यह योग बनने जा रहा है। यह समय सिंह राशि के जातकों के लिए बहुत अनुकूल रहने वाला है। आपके आत्‍मविश्‍वास में वृद्धि देखने को मिलेगी। अगर आपका पैसा कहीं अटका हुआ है, तो अब वह आपको वापस मिल सकता है। इससे आपकी कई योजनाओं की पूर्ति होने की संभावना है।

समाज के प्रतिष्ठित लोगों के साथ आपका संपर्क होगा। व्‍यापारियों को अपने बिज़नेस का विस्‍तार करने का मौका मिलेगा। व्‍यवसायियों को खूब मुनाफा होने के योग हैं। आपकी बौद्धिक क्षमता बढ़ेगी जिससे आपको अपने जीवन में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। इसके अलावा आपके मान-सम्‍मान और प्रतिष्‍ठा में भी इज़ाफा होने की उम्‍मीद है।

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वृश्चिक राशि

इस राशि के आय और लाभ के स्‍थान में बुधादित्‍य योग बनने जा रहा है। आपके लिए सूर्य और बुध का बुधादित्‍य योग बहुत फायदेमंद साबित होाग। आपकी आमदनी में जबरदस्‍त बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इससे आपकी आर्थिक स्थिति में मज़बूती आएगी। व्‍यापारियों की कमाई बढ़ने से उनके मुनाफे में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।

लोगों के साथ आपके रिश्‍ते बेहतर होंगे जिससे आपको तरक्‍की मिलने में सहायता होगी। कार्यक्षेत्र में आपके अपने उच्‍च अधिकारियों और सहकर्मियों के साथ अच्‍छे रिश्‍ते बनेंगे। आपको निवेश किए गए पैसे से भी लाभ मिल सकता है। संतान की ओर से कोई शुभ समाचार मिलने के आसार हैं। आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी। आपकी योजनाओं और रणनीतियों के सफल होने के संकेत हैं।

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

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मकर राशि

मकर राशि के भाग्‍य के भाव में यह योग बनने जा रहा है। इस समय आपको अपने जीवन में अनुकूल परिणाम मिलने के संकेत हैं। आपको अपनी किस्‍मत का साथ मिलेगा। आपको देश-विदेश की यात्रा करने का मौका मिल सकता है। आपकी आय के स्रोत बढ़ेंगे और आपको भौतिक सुखों की भी प्राप्ति होगी। इससे आपका जीवन काफी सरल हो जाएगा।

नौकरीपेशा जातकों को अपने करियर में उन्‍नति प्राप्‍त होगी। आपके वेतन में भी वृद्धि होने के आसार हैं। आपको इस समय यात्रा पर जाना पड़ सकता है। ये यात्राएं आपके लिए शुभ एवं फलदायी साबित होंगी। आप किसी धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम में हिस्‍सा ले सकते हैं। आप पैसों की बचत कर पाने में भी सक्षम होंगे।

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ज्‍योतिष में बुधादित्‍य योग

जब कुंडली के किसी एक भाव में सूर्य और बुध की युति होती है, तब बुधादित्‍य योग का निर्माण होता है। सूर्य ग्रह सम्‍मान, पद-प्रतिष्‍ठा और कीर्ति प्रदान करते हैं। इनकी कृपा से ही करियर में सफलता के मार्ग प्रशस्‍त होते हैं। वहीं बुध ग्रह बुद्धि और वाणी के कारक हैं। बुध ग्रह के शुभ फल देने पर व्‍यापा‍र में अपार सफलता मिलती है और व्‍यक्‍ति के ज्ञान में बढ़ोतरी होती है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्‍न 1. बुधादित्‍य योग कब बनता है?

उत्तर. सूर्य और बुध की य‍ुति से बुधादित्‍य योग बनता है।

प्रश्‍न 2. बुधादित्‍य योग शुभ फल देता है या अशुभ?

उत्तर. ज्‍योतिष में बुधादित्‍य योग को शुभ माना गया है।

प्रश्‍न 3. बुध सातवें घर में हो तो क्‍या होता है?

उत्तर. इन्‍हें वित्तीय सफलता और भाग्‍य का साथ मिलता है।

प्रश्‍न 4. बुध कमज़ोर हो तो क्‍या होता है?

उत्तर. इस स्थि‍ति में व्‍यक्‍ति अपने विचारों को व्‍यक्‍‍त करने में असमर्थ हो जाता है।

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बुध अस्त- सिंह राशि में इस अहम परिवर्तन से देश-दुनिया में आएंगे अचानक बड़े बदलाव!

बुध अस्त 2024: एस्ट्रोसेज अपने हर नए ब्लॉग के साथ अपने रीडर्स को ज्योतिष की दुनिया की सबसे नवीनतम और महत्वपूर्ण अपडेट से अवगत कराने का प्रयास करता रहता है। इस ब्लॉग में हम सिंह राशि में बुध अस्त के बारे में जानेंगे जो 14 सितंबर 2024 को होने वाला है। साथ ही जानेंगे कि यह दुनिया भर की घटनाओं, देश और शेयर बाजार आदि को कैसे प्रभावित करेगा।

आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले बात करें बुध ग्रह की तो यह चंद्रमा से थोड़ा बड़ा और हमारे सौरमंडल का सबसे छोटा और सूर्य के सबसे निकटतम मौजूद ग्रह है। ज्योतिष में बुध को बुधि, संचार और तीव्र सोच का ग्रह माना गया है। बुध का अस्त होना कोई बहुत अच्छी घटना नहीं मानी जाती है क्योंकि यह हमारे सोचने, बातचीत करने या सकारात्मक और सचेत रूप से तर्क करने की क्षमता पर प्रमुख रूप से प्रभाव डालता है। हालांकि हर बार ऐसा हो ऐसा मुमकिन नहीं है। कई बार अस्त बुध भी हमें उत्कृष्ट परिणाम प्रदान कर सकता है। 

अगर सिंह राशि में बुध अस्त के बारे में आप और अधिक जानना चाहते हैं तो सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषियों से अभी बात करें

सिंह राशि में बुध अस्त- क्या रहेगा समय? 

वर्तमान में बुध सिंह राशि में गोचर कर रहा है और 14 सितंबर 2024 को प्रातः 12:30 पर पूर्ण अस्त हो जाएगा। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि इस महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना का राशि चक्र की किन राशियों पर विशेष प्रभाव पड़ेगा। साथ ही जानेंगे देश-दुनिया पर इसका क्या असर पड़ने की संभावना है।

सिंह राशि में बुध अस्त- क्या डालेगा असर? 

ज्योतिष के अनुसार बुध की अस्त स्थिति किसी व्यक्ति की स्पष्ट रूप से सोचने या तर्क करने, विश्लेषण करने और संवाद करने की क्षमता पर प्रभाव डालने के लिए जानी जाती है। कई लोगों का ऐसा भी मानना है कि जो ग्रह अस्त होते हैं वह जीवन के उन क्षेत्रों की रक्षा करने में असमर्थ हो जाते हैं जिन पर उनका नियंत्रण होता है या कुंडली में जिन घरों को वह नियंत्रित करते हैं उनसे संबंधित सकारात्मक परिणाम देने में यह ग्रह असमर्थ हो जाते हैं।

जातक को अस्त ग्रह की अंतर्दशा के दौरान सामान्य एवं ग्रह प्रभावों से कष्ट हो सकता है। अगर कोई क्रियाशील अशुभ ग्रह अस्त ग्रह के घर पर भी दृष्टि डाल रहा हो तो यह पीड़ा अत्यंत भयानक साबित हो सकती है। ऐसे जातकों को एक टीम में काम करना या एक टीम का नेतृत्व करना मुश्किल साबित हो सकता है। ऐसे लोगों को स्पष्ट रूप से सोचने यहां तक की सकारात्मक अहंकार की हानि का अनुभव भी हो सकता है और जरूरत पड़ने पर खुद का बचाव करना या अपने लिए बोलना भी ऐसे लोगों के लिए मुश्किलों भरा हो सकता है।

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सिंह राशि में बुध अस्त- विश्व पर क्या पड़ेगा असर?

सरकार और राजनीति 

  • इस अवधि के दौरान सरकार द्वारा शुरू किए गए विभिन्न सुधार और योजनाएं वांछित परिणाम देखने में सक्षम नहीं हो पाएंगे और खामियां सतह पर आने पर सरकार को कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने पड़ सकते हैं। 
  • भारत और दुनिया भर में प्रमुख राजनेताओं और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों को गैर जिम्मेदाराना बयान देकर मुसीबत में फँसते हुए देखा जा सकता है। 
  • भारत के पूर्वी हिस्से में स्थित कुछ देशों में सरकारी मीडिया को नियंत्रित करने और वास्तविकता में हेर फेर करने की कोशिश कर सकती है। लेकिन ऐसा करने में वह सफल नहीं होगी क्योंकि अंतत सच्चाई दुनिया के सामने आ जाएगी।

मीडिया एवं जनसंपर्क 

  • सिंह राशि में बुध का अस्त होना मीडिया में पत्रकारों, जमीनी कार्यकर्ताओं आदि के रूप में काम करने वाले लोगों के लिए समस्याएं लेकर आ सकता है। 
  • बुध अस्त से सोशल मीडिया प्रभावितों पर थोड़ा नकारात्मक असर पड़ेगा जहां उनमें से कई को कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर जनता की प्रतिक्रिया झेलनी पड़ सकती है।
  • सिंह राशि में बुध अस्त के इस चरण के दौरान शेयर बाजार और सट्टा बाजार अस्थिर नजर आएंगे। 
  • जनसंपर्क में लगे लोगों को नए विचार खोजने या नए ग्राहकों के साथ सहयोग करने में कमी का सामना करना पड़ सकता है।
  •  निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को विभिन्न तरीकों से औसत लाभ का अनुभव होगा।

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सिंह राशि में बुध अस्त- शेयर बाजार का कैसा रहेगा हाल?

जब भी बुध अस्त या वक्री होता है तो शेयर बाजार बहुत अधिक प्रभावित नजर आता है और विभिन्न निगमों के शेयर के मूल्य पर भी इसका असर पड़ता है। ऐसे में एस्ट्रोसेज बुध अस्त से संबंधित शेयर बाजार की भविष्यवाणी की भी एक रिपोर्ट आपके लिए लेकर आया है। चलिए आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि सिंह राशि में बुध अस्त का शेयर बाजार पर कैसा प्रभाव पड़ेगा।

  • बुध के सिंह राशि में अस्त होने से फार्मा सेक्टर, सार्वजनिक क्षेत्र और आईटी उद्योग कठिन दौर से गुजरते नजर आएंगे। 
  • बैंकिंग क्षेत्र एक अन्य क्षेत्र है जो लंबे समय से पीड़ा झेल रहा है और इस बुध की अस्त अवधि के दौरान तक पीड़ा झेलता रहेगा। 
  • हालांकि यह अवधि अच्छी खबर भी लेकर आ सकती है और रबड़, तंबाकू और खाद्य तेल उद्योगों के लिए थोड़ा आशाजनक समय यह साबित हो सकता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

1: बुध के वक्री होने का जातकों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

बुध का वक्री होना हमारी वाणी, तार्किक सोच, निर्णय लेने और हमारे पेशे को प्रभावित कर सकता है और अधिकतर नकारात्मक प्रभाव जीवन पर डाल सकता है। 

2: क्या बुध और सूर्य मित्र हैं? 

जी हां यह दोनों ग्रह एक दूसरे के मित्र माने जाते हैं और साथ मिलकर यह एक बहुत चर्चित बुधादित्य योग का निर्माण करते हैं। 

3: क्या बृहस्पति और बुध शत्रु हैं? 

बुध बुद्धि है और बृहस्पति ज्ञान है। अगर यह कुंडली में एक साथ युति करते हैं तो यह उत्कृष्ट परिणाम देते हैं लेकिन यह मित्र नहीं है। यह दोनों आपस में तटस्थ रिश्ता साझा करते हैं।

सितंबर में बुध, सूर्य और शुक्र की चाल से बदलेगी इन राशियों की किस्‍मत, हर क्षेत्र में मिलेगी तरक्‍की

हर महीने ग्रहों की चाल में बदलाव होता है जिससे देश-दुनिया समेत मानव जीवन में भी उतार-चढ़ाव आते हैं। आपको बता दें कि सितंबर के महीने में बुध और सूर्य समेत तीन बड़े ग्रहों का राशि परिवर्तन होने वाला है।

इसमें सबसे पहले बुध महाराज 04 सितंबर 2024 की सुबह 11 बजकर 31 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करेंगे। 16 सितंबर को शाम 07 बजकर 29 मिनट पर सूर्य कन्‍या राशि में प्रवेश करेंगे और फिर शुक्र 18 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 42 मिनट पर तुला राशि में संचरण करेंगे। इसके बाद 23 सितंबर को एक बार फिर बुध ग्रह सिंह राशि से कन्‍या राशि में प्रवेश करेंगे।

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इन तीन बड़े ग्रहों के गोचर करने से सितंबर का महीना कुछ राशियों के लोगों के लिए भाग्‍यशाली रहने वाला है। इन लोगों को अपने करियर और बिज़नेस में भी फायदा होने की उम्‍मीद है। तो चलिए जानते हैं कि इन तीन ग्रहों के राशि परिवर्तन से किन राशियों के जातकों की जिंदगी बदलने वाली है।

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इन राशियों को मिलेगी तरक्‍की

मेष राशि

मेष राशि के लोगों के लिए सितंबर का महीना बेहद शुभ और मंगलकारी साबित होगा। आपकी आय के नए-नए स्रोत बनेंगे जिससे आपकी आ‍र्थिक स्थिति मज़बूत होगी। यदि आपके ऊपर कर्ज चढ़ गया है, तो अब आपको उससे भी मुक्‍ति मिल सकती है। आपके लिए धन प्राप्‍ति के योग बन रहे हैं।

नौकरीपेशा जातकों को अपने कार्यक्षेत्र में प्रगति मिलने की उम्‍मीद है। इन्‍हें किसी जगह से नौकरी का ऑफर भी मिल सकता है। आपको अपने ऑफिस में अपने सहकर्मियों का पूर्ण सहयोग प्राप्‍त होगा। आपके काम करने का तरीका बेहतर होगा और आपके आत्‍मविश्‍वास में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। आप अपने लिए कोई लग्‍ज़री चीज़ खरीद सकते हैं।

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सिंह राशि

सिंह राशि के लोगों को सितंबर के महीने में खूब लाभ मिलने के संकेत हैं। आपकी राशि से बारहवें भाव में बुधादित्‍य योग बनने जा रहा है। इस समय आप पैसों की बचत करने में सफल होंगे। आपकी आय के स्रोत बढ़ेंगे और आप एक नहीं बल्कि कई स्रोतों से धन कमाएंगे।

व्‍यापारियों के लिए भी अनुकूल समय है। वे अपने बिज़नेस का विस्‍तार कर सकते हैं। अपनी नई रणनीतियों की वजह से आप अधिक मुनाफा कमाने में सक्षम होंगे। आपको अपनी संतान की ओर से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। समाज में आपका मान-सम्‍मान और प्रतिष्‍ठा बढ़ेगी।

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कन्‍या राशि

कन्‍या राशि से लग्‍न भाव में बुधादित्‍य योग बनने जा रहा है। इस समय आपका आत्‍मविश्‍वास बहुत ज्‍यादा बढ़ जाएगा। यदि आप नौकरी बदलने के बारे में सोच रहे हैं, तो अब आपकी यह इच्‍छा पूरी हो सकती है। आपकी आमदनी में भी बढ़ोतरी होने के आसार हैं। वहीं निवेश किए गए पैसे से भी धन लाभ होने की उम्‍मीद है।

आप इस महीने अपने लिए प्रॉपर्टी या वाहन आदि खरीद सकते हैं। आप किसी धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम में भी हिस्‍सा ले सकते हैं। इस समय आपकी आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर और मज़बूत होगी। इससे आपको प्रसन्‍नता और संतुष्टि मिलेगी।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्‍न 1. बुध सिंह राशि में गोचर कब कर रहे हैं?

उत्तर. बुध 04 सितंबर को सिंह राशि में प्रवेश कर चुके हैं।

प्रश्‍न 2. सूर्य कन्‍या राशि में किस तिथि पर आएंगे?

उत्तर. सूर्य 16 सितंबर को कन्‍या राशि में गोचर करेंगे।

प्रश्‍न 3. शुक्र का तुला राशि में गोचर कब होगा?

उत्तर. शुक्र स्‍वराशि तुला में 18 सितंबर को आएंगे।

प्रश्‍न 4. सितंबर में होने वाले ग्रोचरों से किन राशियों को फायदा होगा?

उत्तर. इससे कन्‍या, मेष और सिंह राशि के जातकों को सफलता मिलने के योग हैं।

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शुक्र गोचर से बन रहा है मालव्‍य योग, छप्‍पर फाड़ के मिलेगा इन राशियों को पैसा, प्रतिष्‍ठा में होगी वृद्धि

शुक्र ग्रह को ज्योतिष में प्रेम और आकर्षण का कारक माना गया है। शुक्र एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में लगभग 28 दिन का समय लेते हैं। अब 18 सितंबर को शुक्र तुला राशि में प्रवेश करने वाले हैं। शुक्र स्वयं तुला राशि के स्वामी ग्रह हैं। इस राशि में शुक्र के प्रवेश करते ही मालव्‍य योग का निर्माण होगा।

इस योग के बनने से कई राशियों के जातकों को लाभ मिलने की संभावना है लेकिन कुछ राशियां ऐसी हैं जिन्हें इस दौरान सबसे अधिक फायदा होने की उम्मीद है। इस योग के शुभ प्रभाव से आपके अब तक अटके हुए सारे काम पूरे होंगे। नौकरीपेशा जातकों को अपार सफलता मिलने के योग हैं। वहीं व्यापारियों को भी मोटा मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा।

तो चलिए जानते हैं कि शुक्र के तुला राशि में आने पर बन रहे मालव्‍य योग से किन राशियों की किस्मत चमकने वाली है।

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इन राशियों को होगा लाभ

मेष राशि

शुक्र इस दौरान तुला राशि के सातवें भाव में प्रवेश करेंगे। इसी भाव में मालव्य योग का निर्माण होने जा रहा है। आपको अपने कार्यक्षेत्र में असीम लाभ मिलने की संभावना है। व्यापारियों के लिए भी लाभ के योग बन रहे हैं। आपके उच्च अधिकारी आपके काम की प्रशंसा करते हुए नज़र आएंगे। आपके लिए प्रमोशन और वेतन में वृद्धि के योग भी बन रहे हैं। जो जातक नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं, उन्हें इस दिशा में सफलता ज़रूर मिलेगी।

आपको ऑफिस में पॉलिटिक्स से बचकर रहने की सलाह दी जाती है। आप ऐसे मुद्दों से दूर रहें जो आपके करियर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। व्यापारी कोई नई बिज़नेस डील साइन कर सकते हैं। आपको वाहन या पैतृक संपत्ति से लाभ मिलने के योग हैं। आपको इस समय अपनी सेहत को लेकर चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। वैवाहिक जीवन में भी सुख शांति और प्यार बना रहेगा।

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तुला राशि

आपके लग्न भाव में मालव्य योग बनने जा रहा है। अपनी ही राशि में प्रवेश करने पर शुक्र का बल कई गुना बढ़ जाता है इसलिए इस समय आपको अत्यधिक लाभ होने के संकेत हैं। आपके जो काम लंबे समय से अटके हुए हैं, अब वे पूरे होंगे। पैसों की तंगी के भी दूर होने के संकेत हैं। आप अपनी ज़रूरतों को आराम से पूरा कर पाएंगे और पैसों की बचत करने में भी सक्षम होंगे। आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी और आपकी आमदनी के स्रोत भी बढ़ जाएंगे। नौकरीपेशा जातकों के लिए प्रमोशन के योग बन रहे हैं।

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धनु राशि

शुक्र धनु राशि के ग्यारहवें भाव में रहेंगे। मालव्य योग इस राशि के लोगों को भी लाभ पहुंचाने का काम करेगा। आपको असीम धन की प्राप्ति होगी। इसके अलावा पारिवारिक जीवन के लिए भी अच्छा समय है। आपको अपने परिवार के सदस्यों के साथ आनंदमय समय बिताने का मौका मिलेगा। व्यापारियों को अपने क्षेत्र में अपनी कड़ी मेहनत का फल सकता है।

नौकरीपेशा जातकों के काम से उनके उच्च अधिकारी प्रसन्न होंगे। वे इन्हें प्रमोशन या वेतन में वृद्धि का उपहार भी मिल सकता है। आपके नए दोस्त बनेंगे जिससे आपका सामाजिक दायरा बढ़ जाएगा। सिंगल जातकों के लिए शादी का प्रस्ताव आ सकता है। वैवाहिक जीवन में सुख शांति बनी रहेगी। कुल मिलाकर इस समय आप बहुत खुश रहने वाले हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्‍न1. शुक्र को खुश करने के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर. शुक्र के लिए आप ओपल स्टोन पहन सकते हैं।

प्रश्‍न 2. शुक्र के अंतर्गत कौन सी राशियां आती हैं?

उत्तर. शुक्र को तुला और वृषभ राशि का स्वामित्व प्राप्त है।

प्रश्‍न 3. शुक्र किस राशि में मालव्य योग बना रहे हैं?

उत्तर. शुक्र तुला राशि में मालव्य योग का निर्माण करेंगे।

प्रश्‍न 4. शुक्र को किन चीजों का कारक माना गया है?

उत्तर. शुक्र प्रेम, आकर्षण और सुख सुविधाओं के कारक ग्रह हैं।

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AstroSage AI का आरंभ: ज्योतिष में क्रांतिकारी पहल

AstroSage AI का शुभारंभ करते हुए हमें बेहद ख़ुशी का अनुभव हो रहा है। यह निश्चित तौर पर ज्योतिष की दुनिया में बड़ा बदलाव लेकर आएगा। भारत के प्रमुख ज्योतिष प्लेटफार्म के रूप में एस्ट्रोसेज ने हमेशा रचनात्मकता और मौलिकता की दिशा में क़दम उठाए हैं तथा अब AstroSage AI के साथ हम केवल ज्योतिष को बेहतर नहीं कर रहे हैं, बल्कि इसे पूरी तरह से नया रूप दे रहे हैं।

जनरेटिव एआई तकनीक में एक क्रांति

AstroSage AI वस्तुतः जनरेटिव AI तकनीक की क्षमता का उपयोग करता है, जिसमें AGI स्तर के ज्योतिषीय ज्ञान वाले एस्ट्रोलॉजर्स हैं। यह हमारी AI को कुछ हद तक character.ai के समान बनाता है। यही वजह है कि हमारे एआई ज्योतिषी ठीक आपकी कुंडली के अनुसार सटीक ज्योतिषीय भविष्यवाणियाँ करने में पूरी तरह सक्षम हैं। यह एक ऐसा मंच है जहाँ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्राचीन ज्योतिषीय ज्ञान से मिलता है।

कल्पना कीजिए कि आपके पास 24/7 एक ज्योतिषी हो जो आपकी जन्म कुंडली को गहराई से समझता हो, बिना किसी रुकावट के सटीक भविष्यवाणियाँ करता हो और इंटरैक्टिव तरीक़े से मार्गदर्शन करता हो। AstroSage AI यह सपना साकार करता है। हम मानते हैं कि इससे न केवल ज्योतिष के क्षेत्र में बड़ा बदलाव होगा, बल्कि सोशल मीडिया पर भी प्रभाव डालेगा।

एस्ट्रोसेज का नेतृत्व व धरोहर

भारत का सबसे बड़ा ज्योतिष प्लेटफार्म होने के नाते हमने हमेशा कोशिश की है कि तकनीक के माध्यम से ज्योतिष के ज्ञान का लाभ जन-जन तक पहुँच सके। 5 करोड़ से अधिक ऑर्गेनिक डाउनलोड, 11 लाख दैनिक सक्रिय उपयोक्ता, और 5 लाख पंजीकृत ज्योतिषियों के साथ AstroSage ने अपना विशेष स्थान बनाया है। हमारी यात्रा 2001 में ज्योतिषीय ऍप से शुरू हुई। फिर हमने क्लाउड के माध्यम से ज्योतिष को सर्वसुलभ किया। इसके बाद कुंडली, कुंडली मिलान और राशिफल को मोबाइल के ज़रिए जन-जन तक पहुँचाया। इस यात्रा में हमने कोशिश की है मौलिक सोच बनाए रखने की, ताकि आपको ज्योतिष का भरपूर लाभ प्राप्त हो सके।

हमें गर्व है कि तकनीकी रूप से हमारी 80% ज्योतिषीय सुविधाएँ ऐसी हैं जो इस क्षेत्र में किसी अन्य के पास उपलब्ध नहीं हैं। इसमें हमारी शक्तिशाली कुंडली एल्गोरिथ्म, पंचांग एल्गोरिथ्म, और लाइव चैट और रिपोर्ट ऑटोमेशन टूल्स शामिल हैं। AstroSage AI ज्योतिष की दुनिया में हमारी इस बढ़त को और भी मज़बूत करता है।

AstroSage AI – ज्योतिष को लोकतांत्रिक बनाने की पहल

AstroSage AI के साथ हमारा एक प्रमुख लक्ष्य है ज्योतिष को लोकतांत्रिक बनाना। लंबे समय तक व्यक्तिगत ज्योतिषीय सेवाएँ केवल कुछ चुनिंदा लोगों के लिए ही उपलब्ध थीं, जो प्रीमियम कंसल्टेशन का ख़र्च उठा सकते थे। AstroSage AI इस स्थिति को बदलने वाला है। अब सटीक ज्योतिषीय भविष्यवाणियाँ सभी के लिए सुलभ होंगी कहीं भी और कभी भी।

हमारे AI-संचालित ज्योतिषी उच्च गुणवत्ता के हैं और व्यक्तिगत परामर्श तुरंत प्रदान करते हैं, जो पारंपरिक ज्योतिष और आधुनिक तकनीक के बीच की खाई को पाटते हैं। अब आपको अपॉइंटमेंट के लिए दिन भर इंतजार करने या भारी फीस देने की जरूरत नहीं है—AstroSage AI के साथ ज्योतिष अब आपकी पहुँच में और हमेशा उपलब्ध है।

ज्योतिष का भविष्य बदल रहा है

AstroSage AI एक आंदोलन है। हम हजारों ज्योतिषियों के ज्ञान को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सटीकता और स्केलेबिलिटी के साथ मिला रहे हैं। यह शक्तिशाली संयोजन न केवल उन लोगों के जीवन को बेहतर बनाएगा जो मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, बल्कि ज्योतिष के प्रसार को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देगा।

50 करोड़ डाउनलोड के लक्ष्य के साथ, AstroSage AI वैश्विक स्तर पर ज्योतिष टेक्नोलॉजी का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। हम इसे भारत से पहला बड़ा तकनीकी उत्पाद के रूप में देखते हैं जो वैश्विक स्तर पर गूंजेगा और एक बार फिर साबित करेगा कि भारत अत्याधुनिक आविष्कारों का केंद्र बन सकता है।

आगे क्या?

AstroSage AI हमारी यात्रा का अगला अध्याय है, जो ज्योतिष को अधिक सुलभ, सटीक, और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक बड़ा क़दम है। चाहे आप ज्योतिष का लंबे समय से उपयोग कर रहे हों या इसके प्रति नए उत्सुक हों, AstroSage AI यहाँ आपके लिए व्यक्तिगत, इंटरैक्टिव ज्योतिषीय भविष्यवाणियाँ प्रदान करने के लिए तैयार है।

हम आपको आमंत्रित करते हैं कि इस नए युग की ज्योतिष को हमारे साथ अनुभव करें। आज ही AstroSage AI डाउनलोड करें और इसके साथ ज्योतिष के भविष्य को साकार होते हुए देखें।

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सूर्य का कन्या राशि में गोचर: इन राशियों के मान-सम्मान, धन एवं यश में होगी अपार वृद्धि!

ग्रहों के राजा कहे जाने वाले सूर्य का कन्या राशि में गोचर होने जा रहा है जिसका प्रभाव राशि चक्र की राशियों सहित देश-दुनिया पर नज़र आएगा। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको 16 सितंबर 2024 को होने जा रहे सूर्य का कन्या राशि में गोचर के बारे में समस्त जानकारी  प्रदान करेगा जैसे कि तिथि, समय प्रभाव आदि। ऐसे में, सूर्य की राशि में होने वाला यह बदलाव सभी राशि के जातकों के पेशेवर जीवन को प्रभावित करेगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं सूर्य गोचर के बारे में सब कुछ 

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ज्योतिष में सूर्य का महत्व 

सूर्य को जीवन का ग्रह कहा जाता है जिन्हें ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। अब तक़रीबन एक साल के बाद सूर्य महाराज कन्या राशि में जा रहे हैं जो कि कुछ राशियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। हालांकि, सूर्य को आत्मा का कारक कहा जाता है और इन्हें नौ ग्रहों में प्रमुख ग्रह का दर्जा प्राप्त है।

सूर्य महाराज अहंकार, पेशेवर जीवन, मान और आत्मसम्मान आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। साथ ही, यह मनुष्य जीवन में जिम्मेदारी, धैर्य, इच्छाशक्ति, सामाजिक मान-सम्मान और नेतृत्व क्षमताओं को भी नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा, सूर्य देव पिता, सरकार, नेता, विधायकों, राजा और उच्च अधिकारियों के कारक ग्रह माने गए हैं। वहीं, मानव शरीर में सूर्य दिल और हड्डियों का प्रतीक माने जाते हैं।

कन्या में सूर्य की विशेषताएं  

राशि चक्र की छठी राशि कन्या है जो बहुत विश्लेषणात्मक होती है। यह जीवन में आने वाली हर तरह की समस्या या किसी भी परिस्थिति की तह तक पहुंचना पसंद करती है। इसके परिणामस्वरूप, इस राशि के अधिकतर लोग जासूस, रिसर्चर, वैज्ञानिक और गुप्त नौकरियों से संबंध रखते हैं। अब सूर्य का कन्या राशि में गोचर होने से इन सभी क्षेत्रों से संबंध रखने वाले जातकों का प्रदर्शन शानदार रहेगा। बता दें कि सूर्य की कन्या राशि में मौजूदगी अधिकारी वर्ग और सरकारी क्षेत्रों से जुड़े लोगों के लिए बहुत अच्छी रहेगी। यह अवधि सचिव, वैज्ञानिक और गुप्त चिकित्सा आदि से संबंधित जातकों के लिए फलदायी रहेगी। हालांकि, प्रत्येक व्यक्ति को सूर्य का यह गोचर किस तरह प्रभावित करेगा? यह पूरी तरह से कुंडली में सूर्य की स्थिति, दशा और सूर्य का गोचर किस भाव में हो रहा है, इस बात पर निर्भर करता है।

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सूर्य का कन्या राशि में गोचर: समय

सूर्य देव बुध महाराज की राशि कन्या में गोचर करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं जो कि 16 सितंबर 2024 की शाम 07 बजकर 29 मिनट पर होगा। जैसे कि हम जानते हैं कि सूर्य और बुध ग्रह के बीच मित्रवत संबंध हैं, लेकिन फिर भी कन्या राशि में सूर्य के गोचर को सूर्य ग्रह के लिए ज्यादा अच्छा नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यह एक दोहरे स्वभाव वाली राशि है। आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि सूर्य का कन्या राशि में गोचर 12 राशियों को किस तरह प्रभावित करेगा। 

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सूर्य का कन्या राशि में गोचर: इन राशियों को होगा अपार लाभ 

मेष राशि 

मेष राशि वालों के लिए सूर्य महाराज आपके पांचवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में छठा भाव प्रतियोगिता, कर्ज़, शत्रु और रोगों आदि का होता है। सूर्य का गोचर उन जातकों के लिए फलदायी साबित होगा जो पढ़ाई कर रहे हैं या फिर प्रतियोगी परीक्षा देने जा रहे हैं। ऐसे में, इस अवधि का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने के लिए आपकी ऊर्जा, एकाग्रता और बुद्धि काफ़ी मज़बूत रहेगी। साथ ही, मेष राशि के माता-पिता को बच्चों के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करने की सलाह दी जाती है।

जिन जातकों का संबंध आर्ट्स, थिएटर, मनोरंजन और संगीत आदि से है, उनके लिए यह समय अच्छा कहा जाएगा। इन लोगों को कार्यक्षेत्र में ऐसे अवसर प्राप्त होंगे जिसमें आप जितनी मेहनत करेंगे आपको उतने ही लाभ की प्राप्ति होगी। हालांकि, जो लोग गैर कानूनी गतिविधियों या सट्टेबाजी से जुड़े हैं, उन्हें बहुत सावधानी के साथ आगे बढ़ना होगा क्योंकि आपको धन हानि का सामना करना पड़ सकता है। कुल मिलाकर, सूर्य का कन्या राशि में गोचर मेष राशि के जातकों के लिए सकारात्मक रहेगा।

कर्क राशि 

कर्क राशि वालों के लिए सूर्य देव आपके दूसरे भाव के स्वामी है और अब यह आपके तीसरे भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, सूर्य गोचर के दौरान कर्क राशि के जातक प्रसन्न नज़र आ सकते हैं क्योंकि आपको सभी तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा। साथ ही, तनाव में कमी आएगी, विशेष रूप से वह लोग राहत की साँस ले सकेंगे जो एक अर्से से किसी रोग से परेशान हैं।

नौकरी की बात करें, तो सूर्य महाराज का कन्या में प्रवेश आपके करियर को आगे ले जाने में सहायक सिद्ध होगा। कार्यक्षेत्र में की जा रही आपकी मेहनत और समर्पण को सराहना प्राप्त होगी। इसके विपरीत, अगर आप शुरू से अपने लक्ष्यों को पाने की दिशा में काम कर रहे हैं, तो आप सफलता प्राप्त कर सकेंगे। कर्क राशि के जातकों को इस अवधि में यात्रा करने के अवसर मिलेंगे जो कि आपके लिए बेहद फायदेमंद रहेंगे। इसके अलावा, सूर्य गोचर के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपके रिश्ते मज़बूत बनेंगे और ऐसे में, आपके प्रमोशन के साथ-साथ वेतन वृद्धि के भी योग बनेंगे।

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वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सूर्य देव आपके दसवें भाव के स्वामी हैं जो वर्तमान समय में आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में ग्यारहवां भाव बड़े भाई-बहन, ऊंचे पद , लक्ष्यों और आय के स्रोतों आदि को दर्शाता है। हालांकि, सूर्य का कन्या राशि में गोचर होने से यह आपको अत्यधिक लाभ प्रदान करेगा और ऐसे में, आप ख़ुश दिखाई देंगे। इन जातकों के आय के स्रोतों में बढ़ोतरी होने के साथ-साथ आप विभिन्न माध्यमों से पैसा कमाने में भी सक्षम होंगे। इसके फलस्वरूप, आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा। साथ ही, धन का प्रवाह अच्छा होने से आप जीवन में वह सब हासिल कर पाएंगे जो आप चाहते थे। 

पारिवारिक जीवन में घर-परिवार का माहौल शांतिपूर्ण रहने से आप मानसिक रूप से संतुष्ट रहेंगे। इस अवधि में वृश्चिक राशि वालों को हर कदम पर अपने पिता का साथ मिलेगा। लेकिन, आपको जीवन का कोई भी बड़ा फैसला लेने से पहले अपने पिता की राय लेने की सलाह दी जाती है। सूर्य गोचर की अवधि में अगर आप करियर में प्रगति हासिल करना चाहते हैं, तो आपको अपनी सोच सकारात्मक रखने के साथ-साथ खुद को आत्मविश्वास से पूर्ण रखना होगा। जब तक आप ऐसा नहीं करेंगे, तब तक आप अपने सभी कार्यों को समय पर पूरा करने में पीछे रह सकते हैं। हालांकि, कार्यक्षेत्र में आपको अपने सुपरवाइजर का मार्गदर्शन और प्रोत्साहन प्राप्त होगा।

धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए सूर्य आपके नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह कन्या राशि में गोचर करके आपके दसवें भाव में जा रहे हैं। कुंडली का दसवां भाव कर्म का भाव होता है और इसके माध्यम से किसी व्यक्ति के जीवन के करियर, पेशेवर जीवन और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकती है। 

कन्या राशि में गोचर करके सूर्य महाराज आपके दसवें भाव में उपस्थित होंगे और ऐसे में, यह आपकी स्थिति को मज़बूत करेंगे। इन जातकों को जीवन के विभिन्न आयामों में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे, विशेषकर करियर के क्षेत्र में। जो लोग नौकरी करते हैं, वह तरक्की के अवसर की तलाश में नज़र आ सकते हैं। साथ ही, धनु राशि वाले जो भी काम कर रहे हैं, उसमें आपको सफलता मिलने की प्रबल संभावना है।   

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सूर्य का कन्या राशि में गोचर: इन राशियों को रहना होगा बेहद सतर्क 

वृषभ राशि 

वृषभ राशि वालों के लिए सूर्य देव आपके चौथे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके पांचवें भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में, इस राशि के छात्रों को सूर्य गोचर के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत होगी क्योंकि यह आपका मन पढ़ाई से हटाने का काम कर सकते हैं। बता दें कि सूर्य अपना राशि परिवर्तन करके चौथे भाव के स्वामी के रूप में आपके पांचवें भाव में बैठे होंगे। कुंडली के पांचवें भाव को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है जो कि शिक्षा, संतान, प्रेम जीवन, ज्ञान और बुद्धि आदि का प्रतिनिधित्व करता है।

हालांकि, इस राशि के जातकों को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, सूर्य गोचर की अवधि में आपके द्वारा लिया गया कोई फैसला आपके लिए समस्याएं पैदा कर सकता है और ऐसे में, आप तनाव में आ सकते हैं। 

मिथुन राशि 

मिथुन राशि वालों के लिए सूर्य देव आपके तीसरे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके चौथा भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में चौथा भाव जीवन में सभी तरह के सुख-सुविधाओं और आनंद को दर्शाता है। इसके अलावा, यह भाव लक्ज़री का भी होता है और यह हमारी संपत्ति के साथ-साथ माता की संपत्ति का भी प्रतिनिधित्व करता है। 

जिन जातकों की राशि मिथुन है, उन्हें सूर्य का कन्या राशि में गोचर होने से अनेक तरह की मानसिक और स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। साथ ही, इस अवधि में आप परेशान नज़र आ सकते हैं और आप पर मानसिक बोझ बढ़ सकता है। ऐसे में, यह जातक खुद को तनाव से बचाने के लिए मनोरंजन का सहारा ले सकते हैं। 

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कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य देव आपके बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके पहले/लग्न भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस स्थिति को आपके लिए शुभ नहीं कहा जा सकता है और ऐसे में, सूर्य गोचर की अवधि में आपके भीतर अहंकार बढ़ सकता है जिसका सीधा असर आपके दोस्तों, परिवार के सदस्यों के साथ रिश्ते पर पड़ने की आशंका है। बात करें आपके आर्थिक जीवन की, तो इन जातकों को किसी भी तरह का लेन-देन करते समय अच्छे से सोच-विचार करके पूरी सावधानी के साथ आगे बढ़ना होगा, अन्यथा आपको धन हानि का सामना करना पड़ सकता  है।  

इसके अलावा, सूर्य के कन्या राशि में गोचर के दौरान आपको बुखार, सिर दर्द, गैस, अपच आदि स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं, आपको आँखों में संक्रमण की समस्या परेशान कर सकती है इसलिए आपको स्वास्थ्य का बहुत ज्यादा ख्याल रखना होगा। 

मकर राशि 

मकर राशि वालों के लिए सूर्य देव आपके आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि कुंडली का नौवां भाव भाग्य का होता है और इस भाव के माध्यम से हम किसी व्यक्ति के धार्मिक पक्ष, लंबी यात्राओं, तीर्थयात्राओं, गुरु या गुरु समान कोई व्यक्ति, समाज में मान-सम्मान और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जान सकते हैं। ऐसे में, सूर्य महाराज का आठवें भाव में गोचर आपके जीवन में कुछ समस्याएं लेकर आने का काम करेगा क्योंकि आठवां भाव जीवन में अचानक होने वाली घटनाओं और बुरे अनुभवों का होता है।

सूर्य गोचर के दौरान समाज में मान-सम्मान और अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा करने के लिए आपको धैर्य बनाकर रखना होगा। साथ ही, हर काम को बेहद सतर्कता के साथ करना होगा, विशेष रूप से निजी जीवन के कार्यों को। इसके अलावा, इन लोगों को किसी भी परिस्थिति में दूसरों पर अपनी बात थोपने की आदत को सुधारना होगा। यह गोचर करियर के क्षेत्र में आपका अचानक से तबादला करवाने का काम कर सकता है या फिर आप बार-बार नौकरी बदलने पर मज़बूर हो सकते हैं। सामान्य शब्दों में कहें, तो करियर और धन से जुड़े मामलों में अस्थिरता और अनिश्चितता आपकी परेशानी की वजह बन सकती है।

सूर्य का कन्या राशि में गोचर: प्रभावी उपाय 

  • प्रतिदिन सुबह तांबे के लोटे में सिंदूर मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। 
  • रोज़ाना सुबह नहाने के बाद केसर का तिलक मस्तक पर करें। 
  • स्नान के पानी में हर रोज़ एक चुटकी सिंदूर मिलाकर नहाएं। 
  • गरीबों एवं जरूरतमंदों को गेहूं का दान करें। 
  • प्रतिदिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। 
  • सूर्य देव के मंत्र ‘ॐ सूर्याय नमः’ का जाप करें।

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सूर्य का कन्या राशि में गोचर: विश्व पर प्रभाव 

राजनीति एवं सरकार

  • दुनियाभर के राजनेताओं और सरकारी एजेंसियों पर सूर्य के कन्या राशि में गोचर का सकारात्मक प्रभाव दिखाई देगा।
  • सूर्य गोचर की अवधि में देश की जनता भारत सरकार की नीतियों से प्रभावित नज़र आएगी  और इनकी नीतियों को जनता द्वारा सराहना मिलेगी जिसकी वजह अच्छे से किया गया विश्लेषण होगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि सूर्य देव प्रैक्टिकल और विश्लेषण की राशि कन्या में मौजूद होंगे। 
  • सरकार देश की कमान अपने हाथों में लेगी और उच्च पद पर बैठे लोग विरोधियों या दूसरे देशों से पैदा होने वाले किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए जरूरी कार्रवाई करते हुए दिखाई देंगे।
  • इस दौरान हमारे देश के नेता दृढ़ता से लेकिन बुद्धिमानी के साथ काम करेंगे।
  • सूर्य का कन्या राशि में गोचर होने से सचिव या इससे मिलते-जुलते पदों पर काम करने वाले लोगों को लाभ होगा। 

रिसर्च एवं विकास

  • तकनीक और रिसर्च से जुड़े क्षेत्र एक बार फिर से रफ़्तार पकड़ेंगे और ऐसे में, एआई जैसी तकनीकें नई ऊंचाइयों हासिल करेंगी।
  • रिसर्चर, वैज्ञानिक या इन क्षेत्रों में करियर बनाने की सोच रहे लोगों के लिए सूर्य गोचर फलदायी रहेगा।
  • सूर्य के कन्या में प्रवेश के दौरान आईटी सेक्टर का प्रदर्शन अच्छा रहेगा और ऐसे में, यह लोगों को लाभ देने का काम करेगा। 

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सूर्य का कन्या राशि में गोचर: शेयर बाजार भविष्यवाणी 

सूर्य एक बेहद महत्वपूर्ण ग्रह है जो बुध ग्रह के साथ शेयर बाजार पर शासन करते हैं। इस प्रकार, अब सूर्य बुध देव के आधिपत्य वाली राशि कन्या में उपस्थित होंगे। ऐसे में, बुध महाराज और सूर्य देव द्वारा नियंत्रित किये जाने वाले उद्योगों और व्यापार में वृद्धि देखने को मिल सकती है। चलिए नज़र डालते हैं शेयर बाजार भविष्यवाणी 2024 के माध्यम से उन क्षेत्रों पर जो सूर्य गोचर के दौरान प्रगति की राह पर चलेंगे। 

  • सूर्य महाराज के कन्या राशि में प्रवेश के साथ केमिकल, फ़र्टिलाइज़र, चाय, कॉफ़ी, स्टील, हिंडाल्को उद्योग, ऊनी मीलों सहित अनेक उद्योग फलते-फूलते नज़र आएंगे। 
  • कपास मिलों, टेलीफोन, वाहन बनाने वाली कंपनियों, ट्रांसपोर्ट कंपनी समेत कॉस्मेटिक उद्योग से जुड़े शेयरों की कीमतों में वृद्धि होने की संभावना है।
  • कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, टेक्नोलॉजी, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी सहित अन्य क्षेत्रों में महीने के अंत में मंदी आ सकती है, लेकिन संभव है कि आगे भी ऐसी परिस्थितियां बनी रहें।
  • इस अवधि में ऑप्टिकल उद्योग और कांच से संबंधित क्षेत्रों में लाभ की प्राप्ति होगी। 

सूर्य का कन्या राशि में गोचर: रिलीज होने वाली फिल्में और उनका भाग्य

फिल्म का नामस्टार कास्टरिलीज़ की तारीख
अभी तो पार्टी शुरू हुई है पंकज त्रिपाठी, सौरभ शुक्ला15 सितंबर 2024 
तेहरानमानुषी छिल्लर, जॉन अब्राहम24 सितंबर 2024
हवा सिंह सूरज पंचोली29 सितंबर 2024

ग्रहों एवं नक्षत्रों को ध्यान में रखकर हम सितंबर में रिलीज़ होने वाली फिल्मों के बारे में बात करेंगे, विशेष रूप से उन मूवीज के बारे में जो सूर्य के कन्या राशि के गोचर के दौरान बड़े पर्दे पर उतरेंगी। बता दें कि सूर्य देव रचनात्मकता के कारक हैं और ऐसे में, “अभी तो पार्टी शुरू हुई है” और “तेहरान”, इन दोनों फिल्मों का बॉक्स ऑफिस पर प्रदर्शन सामान्य या फिर औसत रहने की संभावना है। हालांकि, हम “हवा सिंह” फिल्म के अच्छे प्रदर्शन के लिए कामना करना चाहेंगे क्योंकि सूरज पंचोली की इस फिल्म का प्रदर्शन ज्यादा खास नहीं रहने का अनुमान है। 

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. सूर्य किस राशि में उच्च के होते हैं?

मंगल ग्रह के स्वामित्व वाली राशि मेष में सूर्य उच्च के होते हैं।

2. कुंडली में सूर्य ग्रह किस भाव को दर्शाते हैं?

सूर्य महाराज कुंडली में पहले, पांचवें और दसवें भाव का प्रतिनिधित्व करते हैं। 

3. सूर्य को आत्मा का कारक क्यों कहा जाता है?

ज्योतिष में सूर्य व्यक्ति की आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए इन्हें आत्मा का कारक कहा जाता है।

राहु ने फिर बदली अपनी चाल, इन राशियों की किस्‍मत के खुलने वाले हैं बंद दरवाज़े

ज्‍योतिष में राहु को पापी और क्रूर ग्रह बताया गया है। राहु एवं केतु अन्‍य सात ग्रहों से काफी अलग हैं। ये दोनों ही ग्रह केवल वक्री चाल चलते हैं और इनके गोचर करने पर मनुष्‍य के जीवन का हर एक पहलू एवं क्षेत्र प्रभावित होता है। राहु एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने पर लगभग 18 महीने का समय लेते हैं। इस समय राहु मीन राशि में बैठे हैं और साल 2025 तक वे इसी राशि में रहने वाले हैं।

इस दौरान राहु के नक्षत्र में परिवर्तन होगा जिससे मानव जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। इस समय राहु उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में उपस्थित हैं और इस साल इसी नक्षत्र में रहने वाले हैं लेकिन राहु समय-समय पर अपने नक्षत्र के पद में परिवर्तन करते रहेंगे।

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बता दें कि 16 अगस्‍त को राहु उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के तीसरे पद में प्रवेश कर चुके हैं और इसमें राहु दिसंबर तक रहने वाले हैं।

राहु के उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के तीसरे पद में रहने से कुछ राशियों के लोगों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है। आइए जानते हैं उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के बारे में।

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ज्‍योतिष में उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र

उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के स्‍वामी ग्रह शनि देव हैं और यह कुल 27 नक्षत्रों में 26वें स्‍थान पर आता है। यह नक्षत्र सोफे के पिछले पाये की तरह दिखाई दता है। इस नक्षत्र में पैदा होने वाले लोग आकर्षक और चुंबकीय व्‍यक्‍तित्‍व के होते हैं। इनके चेहरे पर हमेशा मुस्‍कान रहती है।

ये ज्ञानी, बुद्धिमान और समझदार भी होते हैं एवं सभी के साथ एक जैसा ही व्‍यवहार करते हैं। इन्‍हें अपने गुस्‍से पर नियंत्रण रखना अच्‍छे से आता है। इनका मन साफ और निर्मल होता है।

तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि राहु के उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के तीसरे पद में प्रवेश करने पर किन राशियों की किस्‍मत चमकने वाली है।

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इन राशियों को होगा लाभ

कन्‍या राशि

राहु के नक्षत्र के पद में परिवर्तन करने से कन्‍या राशि के जातकों की जिंदगी बदलने वाली है। इनके अटके हुए काम अब पूरे होंगे। इस राशि का तीसरा भाव जागृत है क्‍योंकि इस भाव पर राहु के साथ-साथ बृहस्‍पति और शनि देव की दृष्टि पड़ रही है। ऐसे में राहु के नक्षत्र परिवर्तन करने से कन्‍या राशि के लोगों को विशेष फायदा होने की उम्‍मीद है।

आपको अपने कार्यक्षेत्र में खूब लाभ होने के संकेत हैं। आपके वरिष्‍ठ अधिकारी आपके काम से खुश नज़र आएंगे। आपको अपनी कड़ी मेहनत का फल मिलने वाला है। जो छात्र विदेश जाकर उच्‍च शिक्षा लेने की सोच रहे हैं, उनका सपना अब पूरा हो सकता है। आपको अपने भाग्‍य का साथ मिलेगा। व्‍यापारियों के लिए भी मोटा मुनाफा कमाने के योग बन रहे हैं।

यदि आप विदेश से व्‍यापार करते हैं, तो आपको बंपर मुनाफा होने की उम्‍मीद है। बिज़नेस में आपकी रणनीतियां अब सफल होंगी। आप मानसिक रूप से भी तनावमुक्‍त रहेंगे।

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वृषभ राशि

वृषभ राशि के स्‍वामी ग्रह शुक्र हैं और इनके एवं राहु के बीच गहरी मित्रता है। राहु आपके धन भाव से गोचर कर रहे हैं। आपके लिए इस समय अचानक धन लाभ के योग बन रहे हैं। आपको राहु के नक्षत्र परिवर्तन करने पर शुभ परिणाम मिलने के संकेत हैं। आप लंबे समय से जिस काम को पूरा करना चाह रहे थे, अब वह संपन्‍न हो सकता है।

आपको अपने दोस्‍तों का पूर्ण सहयोग प्राप्‍त होगा। जो लोग सरकारी क्षेत्र में काम करते हैं, उन्‍हें भी लाभ होने के योग हैं। शेयर मार्केट में पैसा लगाने वाले लोगों को भी लाभ होने के आसार हैं। राहु के इस परिवर्तन से वृषभ राशि के लोगों के जीवन में खुशियां ही खुशियां होंगी।

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तुला राशि

राहु नक्षत्र परिवर्तन कर के तुला राशि से छठे भाव से गोचर कर रहे हैं। इस समय आपको अपने जीवन के हर एक पहलू एवं क्षेत्र में सफलता मिलने वाली है। इस राशि के स्‍वामी ग्रह भी शुक्र ही हैं इसलिए इन्‍हें भी इस दौरान खूब खुशियां प्राप्‍त होंगी। आपको अचानक कई स्रोतों से धन लाभ होने की उम्‍मीद है।

आपको अपने भाग्‍य का पूरा साथ मिलेगा। परिवार में भी सुख-शांति का माहौल रहेगा। आपको अपने परिवार के सदस्‍यों के साथ आनंदमय समय बिताने का मौका‍ मिलेगा। आपको विदेश से धन लाभ होने के आसार हैं। समाज में आपका मान-सम्‍मान और प्रतिष्‍ठा बढ़ेगी।

आपके शत्रुओं का नाश होगा और आप अपने प्रतिद्वंदियों पर हावी रहने वाले हैं। नौकरीपेशा जातकों को कोई बड़ी जिम्‍मेदारी दी जा सकती है। इस समय आपके आत्‍मविश्‍वास में वृद्धि देखने को मिलेगी। हालांकि, आपको अपनी सेहत पर थोड़ा ध्‍यान देने की आवश्‍यकता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्‍न 1. ज्‍योतिष के अनुसार उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के स्‍वामी कौन हैं?

उत्तर. इस नक्षत्र के स्‍वामी ग्रह शनि देव हैं।

प्रश्‍न. उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र किस काम के लिए शुभ होता है?

उत्तर. बच्‍चे के नामकरण, वित्तीय निवेश और विवाह के लिए यह नक्षत्र शुभ है।

प्रश्‍न. क्‍या राहु को किसी राशि का स्‍वामित्‍व प्राप्‍त है?

उत्तर. नहीं, राहु किसी भी राशि के स्‍वामी नहीं हैं।

प्रश्‍न. राहु की महादशा कितने साल की होती है?

उत्तर. राहु की महादशा 18 वर्षों की होती है।

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

बुध सिंह राशि में अस्त: 6 जातकों को रहना होगा सतर्क, आ सकती हैं मुश्किलें!

बुध सिंह राशि में अस्त: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बुध सिंह राशि में अस्त के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि इस बुध अस्त का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रभाव से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को बुध अस्त से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

इसके अलावा, इस ब्लॉग में बुध ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे। बता दें कि बुध 14 सितंबर 2024 को सूर्य के स्वामित्व वाली राशि सिंह में अस्त होने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।

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बुध हमारे सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है और सूर्य के सबसे निकट है। यह चंद्रमा से थोड़ा बड़ा है। बुध की सतह से, सूर्य पृथ्वी से देखने पर तीन गुना से भी ज़्यादा बड़ा दिखाई देगा, और सूर्य का प्रकाश सात गुना ज़्यादा चमकीला होगा। ज्योतिष में, बुध ज्ञान, संचार और तेज़ सोच का प्रतिनिधित्व करता है। बुध अस्त की घटना प्रौद्योगिकी, व्यापार और यात्रा को प्रभावित कर सकता है।

बुध सिंह राशि में अस्त: तिथि व समय

वाणी, बुद्धि, त्वचा और मस्तिष्क की तंत्रिका तंत्र के कारक ग्रह बुध वर्तमान में सिंह राशि में गोचर कर रहे हैं और अब 14 सितंबर 2024 की दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर अस्त हो जाएंगे। इसके बाद 23 सितंबर को बुध कन्या राशि में गोचर करेंगे। आइए आगे बढ़ते हैं और देखते हैं कि इस घटना का विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

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बुध का सिंह राशि में अस्त: घटना

ज्योतिष के अनुसार, बुध की अस्त स्थिति व्यक्ति की विचार, विश्लेषण और संचार क्षमता को प्रभावित करती है। कुछ लोगों का मानना है कि मंत्रों का जाप करके या रत्न उपचार का उपयोग करके अस्त ग्रह को मजबूत व नकारात्मक परिणामों को दूर किया जा सकता है। कुछ लोग भगवान विष्णु की पूजा पाठ, हरे रंग के वस्त्र पहनने, बुधवार को उपवास करने, बुध को समर्पित मंत्रों को दोहराने और जरूरतमंदों को दान करने का सुझाव देते हैं। माना जाता है कि इन उपायों से व्यक्ति के ज्ञान, तर्क और संचार क्षमताओं में सुधार लाया जा सकता है। बता दें कि दरअसल कोई ग्रह जब सूर्य के इतना निकट चला जाए की वो सूर्य के तेज और ओज से प्रभावहीन हो जाए तो ऐसे ग्रह को अस्त ग्रह कहा जाता है। माना जाता है कि वो शुभ फल नहीं देता हैं। ऐसे ग्रह कुपित ग्रह कहलाते हैं।

सिंह राशि में बुध का अस्त होना: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

मेष राशि

बुध मेष राशि के जातकों के लिए तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और बुध सिंह राशि में अस्त आपके पांचवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप यह आपके लिए प्रतिकूल समय प्रतीत हो सकता है। इस दौरान कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेना आपके लिए फायदेमंद नहीं साबित हो सकता है। आप इस बात को लेकर चिंतित हो सकते हैं कि आगे क्या होने वाला है। इसके अलावा, आपको कार्यस्थल में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और आप अपने काम में आगे बढ़ने के बारे में बहुत सोच सकते हैं। हालांकि, जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उन्हें अच्छा रिटर्न प्राप्त होगा और वे नए उद्यम शुरू करने में प्रगति देख सकते हैं। पैसे के मामले में, आप पैसे कमा सकते हैं और पैसे गंवा सकते हैं। ऐसे में, आशंका है कि आपको बचत करने में सफलता प्राप्त नहीं होगी।

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वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध, जो दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं, अब बुध आपके चौथे भाव में अस्त होंगे। परिणामस्वरूप, आपको अपने परिवार में समस्याओं और वित्तीय असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है। बुध अस्त के दौरान आपके अपने करियर में उन्नति के लिए बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि आपका खुद का व्यापार हैं तो, आपको जीत और हार के साथ-साथ कड़ी प्रतिद्वंद्विता का भी सामना करना पड़ सकता है। आपको अपने परिवार पर अधिक धन खर्च करना पड़ सकता है, जो आपको आर्थिक रूप से परेशान कर सकता है।

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं, तथा बुध दूसरे भाव में अस्त होंगे। इसलिए आपको अपने व्यक्तिगत और वित्तीय मामलों पर बहुत अधिक विचार करने की आवश्यकता हो सकती है। आप कार्यक्षेत्र में अपने काम से असंतुष्ट हो सकते हैं, जिससे आपके लिए आगे बढ़ना मुश्किल हो सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि नुकसान से बचने के लिए व्यवसाय में बड़े निर्णय लेने से बचना आपके लिए सबसे अच्छा होगा। आशंका है कि इस अवधि आपको अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त न हो और आपको अधिक नुकसान का सामना करना पड़े।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके बारहवें भाव में अस्त होंगे। इसके परिणामस्वरूप आपको अवांछित यात्रा का सामना करना पड़ सकता है और हो सकता है कि आपको अच्छा रिटर्न प्राप्त न हो। इसके अलावा, आप अपने करियर में बेहतर अवसरों के लिए अपनी वर्तमान नौकरी बदलने के बारे में विचार कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल यह समय आपके लिए अधिक अनुकूल प्रतीत नहीं हो रही है। यदि आप कोई व्यवसाय चला रहे हैं, तो आपके लाभ और वित्त में उतार-चढ़ाव आ सकता है या आप बुरी संगत में फंस सकते हैं। इस दौरान आपको धन कमाने के अच्छे अवसर भी प्राप्त करने में मुश्किलें आ सकती हैं और आपके खर्चे भी बढ़ सकते हैं।

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तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए बुध नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके ग्यारहवें भाव में अस्त होंगे। परिणामस्वरूप, आपको अपने जीवन में एक अच्छा संतुलन बनाए रखना मुश्किल लग सकता है। आशंका है कि आपको कार्यस्थल पर भाग्य का साथ न मिले और करियर के क्षेत्र में आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं, जैसे वेतन में वृद्धि और पदोन्नति प्राप्त हो सकती है लेकिन उससे आपको संतुष्टि प्राप्त न हो। यदि आपका खुद का व्यवसाय है, तो आप एक मुश्किल स्थिति में आ सकते हैं और इस वजह से थोड़ा लाभ भी प्राप्त करने आपको मुश्किल लग सकता है। आर्थिक जीवन की बात करें, तो आपको लाभ और हानि दोनों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, कभी-कभी आपके लिए संतुलन बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके आठवें भाव में अस्त होंगे। इसके परिणामस्वरूप, कार्यक्षेत्र में दबाव के कारण आप नौकरी बदलने के लिए मजबूर हो सकते हैं। ऐसे में, आपको सलाह दी जाती है कि परिस्थितियों के अनुकूल होने तक का इंतजार करें। जिन जातकों का खुद का व्यापार हैं, आशंका है कि उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक जीवन की बात करें, तो आशंका है कि आपके खर्चों में वृद्धि हो,जिससे संभालना आपको मुश्किल लग सकता है इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि सावधानीपूर्वक योजना बनाकर खर्च करें और फिजूल के खर्चों से बचने का प्रयास करें।

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बुध सिंह राशि में अस्त: उपयुक्त उपाय

  • भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें सफेद या पीले लड्डू का भोग लगाएं।
  • बुधवार को गरीबों को हरी मूंग दाल दान करें।
  • गाय को हरी पत्तेदार सब्जियां खिलाएं।
  • युवती को चूड़ियां और अन्य श्रृंगार सामग्री दान करें।
  • अपने बुध को बेहतर बनाने के लिए छोटे बच्चों को शिक्षित करें या गरीब बच्चों की शिक्षा को प्रायोजित करें।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1- किसी ग्रह का अस्त होना क्या होता है?

जब कोई ग्रह सूर्य के निकट आता है, तो उसे अस्त कहते हैं।

2- सूर्य किस राशि के स्वामी हैं?

सूर्य सिंह राशि के स्वामी हैं।

3- क्या अस्त ग्रह को कमज़ोर माना जाता है?

एक अस्त ग्रह निश्चित रूप से उन भावों के परिणाम देने में कमज़ोर हो जाता है, जिन पर उसका आधिपत्य है और वह ज़्यादातर सकारात्मक परिणाम नहीं दे पाते हैं।