शुभ नहीं है इस साल का पितृ पक्ष या श्राद्ध, ये दो अशुभ घटनाएं लगा रही हैं ग्रहण
श्राद्ध के 16 दिनों को पितरों के तर्पण लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। भाद्रपद पूर्णिमा से आश्चिन अमावस्या तक पितृ पक्ष चलते हैं और इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर, 2024 से हो रही है और इसका समापन 02 अक्टूबर, 2024 पर होगा। पितृ पक्ष की 16 तिथियों में पूर्वजों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है।
17 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू हो रहे हैं लेकिन पहला श्राद्ध 18 सितंबर को होगा। मान्यता है कि पितृ पक्ष के दिनों में हमारे पितर धरती पर आते हैं और अपने परिजनों से मिलते हैं। इस दौरान हम अपने पितरों के लिए जो भी तर्पण या श्राद्ध करते हैं, उससे वे तृप्त होकर हमें अपना आशीर्वाद देते हैं।
ज्योतिष की मानें तो इस साल का श्राद्ध शुभ नहीं है। इसकी एक वजह यह है कि पितृ पक्ष की शुरुआत और इसके समापन दोनों पर ही ग्रहण लग रहा है। ऐसे में कई लोगों के मन में यह संशय है कि क्या पितृ पक्ष के दिन ग्रहण लगने पर तर्पण किया जाना चाहिए या नहीं?
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पितृ पक्ष में लग रहा है ग्रहण
18 सितंबर को पहला श्राद्ध है और इसी दिन साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लग रहा है। हालांकि, भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा। 02 अक्टूबर को आखिरी श्राद्ध है और इस दिन आश्विन अमावस्या पर साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है। ये ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा। इस प्रकार पहले और आखिरी श्राद्ध पर ग्रहण का साया मंडरा रहा है। हालांकि, दोनों ही ग्रहणों का सूतक काल नहीं होगा क्योंकि ये भारत में दिखाई नहीं देंगे।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण एक अशुभ घटना होती है और 15 दिनों के भीतर ही दो ग्रहण लगने को और भी ज्यादा अशुभ माना जा रहा है। ऐसे में पहले और आखिरी श्राद्ध पर पितरों का पिंडदान करते समय आपको कुछ विशेष सावधानियां रखनी होंगी।
श्राद्ध के पहले ही दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है इसलिए इस दिन मोक्षकाल के खत्म होने के बाद ही पिंडदान करें। वहीं दूसरी ओर, आखिरी श्राद्ध पर सूर्य ग्रहण रात्रि के समय लग रहा है इसलिए आप इस दिन तर्पण आदि कार्य दिन में ही संपन्न कर सकते हैं। इस तरह पितृ पक्ष पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव नहीं रहेगा।
बता दें कि 18 सितंबर, 2024 को सुबह 07 बजकर 43 मिनट से लेकर 08 बजकर 46 मिनट तक चंद्र ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को लग रहा है। यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका, पश्चिम अफ्रीका और पश्चिमी यूरोप में नज़र आएगा। भारत में जब यह खंडग्रास चंद्र ग्रहण शुरू होगा, तब तक संपूर्ण भारत में चंद्र अस्त हो चुका होगा इसलिए यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।
02 अक्टूबर, 2024 को रात को 09 बजकर 13 मिनट पर सूर्य ग्रहण शुरू होगा और इसकी समाप्ति मध्यरात्रि उपरांत सुबह 03 बजकर 17 मिनट पर होगी। यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका के उत्तरी हिस्सों, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक, चिली और पेरू आदि में दिखाई देगा। भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा।
पितृ दोष से मुक्ति के उपाय
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है, तो इससे मुक्ति पाने के लिए श्राद्ध के दिनों में कुछ ज्योतिषीय उपाय किए जा सकते हैं।
अपने पितर की मृत्यु की तिथि पर गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन करवाएं। इसके अलावा उन्हें अपने सामर्थ्यानुसार दक्षिणा भी दें।
पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें और अक्षत, पुष्प, गंगाजल और काले तिल चढ़ाएं।
श्राद्ध के दिनों में रोज़ सुबह उठने के बाद दक्षिण दिशा में मुख कर के अपने पितरों को प्रणाम करें।
किसी गरीब कन्या के विवाह में आर्थिक मदद करने से भी पितृ दोष हट जाता है।
पितृ पक्ष में गौ दान का भी बहुत महत्व है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. सूर्य ग्रहण 2024 कब लग रहा है?
उत्तर. 02 अक्टूबर, 2024 को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा।
प्रश्न 2. साल 2024 का दूसरा चंद्र ग्रहण कब लगने जा रहा है?
उत्तर. 18 सितंबर को साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा।
प्रश्न 3. पितृ पक्ष की शुरुआत कब से हो रही है?
उत्तर. 17 सितंगर से पितृ पक्ष शुरू हो रहे हैं।
प्रश्न 4. 2024 का दूसरा चंद्र ग्रहण किस तिथि पर पड़ रहा है?
उत्तर. भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा।
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कन्या संक्रांति पर राशिनुसार करें इन चीज़ों का दान, सोने की तरह चमक उठेगी किस्मत!
कन्या संक्रांति ग्रहों के जनक “सूर्य देव” को समर्पित होती है और यह दिन इनकी पूजा-पाठ करने के लिए श्रेष्ठ होता है। हालांकि, सनातन धर्म में संक्रांति के दिन को बहुत पुण्यकारी माना जाता है और इस तिथि पर दान, धर्म, स्नान और पितृ तर्पण आदि कार्य किये जाते हैं। एक वर्ष में आने वाली सभी संक्रांति तिथियों पर दान-पुण्य शुभ माना गया है और इन्हीं में से एक है कन्या संक्रांति। भारतीय हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कन्या संक्रांति को आमतौर पर हिन्दू वर्ष का छठा माह शुरू होने पर मनाया जाता है। यह दिन धार्मिक एवं ज्योतिषीय दृष्टि से बहुत ख़ास होता है और शास्त्रों में कन्या संक्रांति को एक पर्व के रूप में मनाया जाता है।
जैसे कि हम सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में जहां सूर्य को देवता स्वरूप में पूजा जाता है, तो वहीं, ज्योतिष में इन्हें नवग्रहों के राजा कहा जाता है। ऐसे में, सूर्य ग्रह के राशि परिवर्तन को एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जाता है जो अब जल्द ही कन्या राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको कन्या संक्रांति 2024 से संबंधित समस्त जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि, मुहूर्त और समय आदि। सिर्फ इतना ही नहीं, आपको अवगत करवाएंगे कि क्यों मनाई जाती है कन्या संक्रांति, क्या है इसका महत्व और किन कार्यों को इस दिन करना चाहिए। साथ ही बताएंगे, कन्या संक्रांति के दिन सूर्य देव का आशीर्वाद पाने के लिए किन उपायों को करना चाहिए। तो आइए शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और जानते हैं सबसे पहले कन्या संक्रांति 2024 की तिथि एवं मुहूर्त।
कन्या संक्रांति 2024: तिथि और मुहूर्त
सूर्य देव पूरे संसार को अपने प्रकाश से जीवन देते हैं और यह एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनके दर्शन मनुष्य साक्षात कर सकता है इसलिए इनकी चाल-दशा में होने वाला बदलाव महत्वपूर्ण होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य देव वर्तमान समय में अपनी स्वयं की राशि सिंह में उपस्थित हैं और इसके बाद, यह बुध ग्रह की राशि कन्या में 16 सितंबर की शाम 07 बजकर 29 मिनट पर प्रवेश कर जाएंगे। सूर्य ग्रह अपने गोचरकाल में 26 सितंबर को हस्त नक्षत्र में और 10 अक्टूबर को चित्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसके पश्चात, 17 अक्टूबर की सुबह 07 बजकर 27 मिनट पर सूर्य देव तुला राशि में चले जाएंगे। चलिए अब आएगी बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं कन्या संक्रांति के पूजा मुहूर्त पर।
कन्या संक्रांति पर सूर्य पूजा का शुभ मुहूर्त
कन्या संक्रांति की तिथि: 16 सितंबर 2024, सोमवार
कन्या संक्रांति का पुण्यकाल: दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से शाम 06 बजकर 25 मिनट तक
अवधि: 06 घंटे 10 मिनट
कन्या संक्रांति का महापुण्य काल: शाम 04 बजकर 22 मिनट से शाम 06 बजकर 25 मिनट तक
अवधि: 02 घंटे 03 मिनट
कन्या संक्रांति का क्षण: शाम 07 बजकर 53 मिनट पर।
नोट: कन्या संक्रांति पर आप पुण्यकाल और महापुण्य काल के दौरान दान-पुण्य कर सकते हैं।
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कन्या संक्रांति पर बन रहा है ये शुभ योग
साल 2024 की कन्या संक्रांति बेहद खास होगी क्योंकि इस दिन अत्यंत शुभ सुकर्मा योग का निर्माण होने जा रहा है। इस योग की समाप्ति 16 सितंबर 2024 की सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर होगी और वहीं, शाम को रवि योग बन रहा है। साथ ही, कन्या संक्रांति पर बहुत शुभ शिववास योग भी निर्मित होने जा रहा है और ऐसे में, इस तिथि पर भगवान शिव अपने वाहन नंदी पर दोपहर 03 बजकर 10 मिनट तक विराजमान रहेंगे।
क्या है सूर्य का संक्रांति तिथि से संबंध?
कन्या संक्रांति के धार्मिक महत्व को जानने से पहले आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को अपना राशि चक्र पूरा करने में एक वर्ष का समय लगता है। सामान्य शब्दों में कहें, तो भगवान सूर्य हर माह अपनी राशि बदलते हैं और इसके फलस्वरूप, वह मेष से लेकर मीन राशि तक, सभी राशियों में बारी-बारी से गोचर करते हैं और इनके गोचर को ही संक्रांति कहा जाता है। सूर्य ग्रह जब-जब जिस राशि में गोचर करते हैं, उस संक्रांति को राशि के नाम से जाना जाता है जैसे कि मेष संक्रांति, वृषभ संक्रांति या मकर संक्रांति।
कन्या संक्रांति का पर्व भगवान सूर्य को समर्पित होता है। नवग्रहों के जनक कहे जाने वाले सूर्य को राशि चक्र में सिंह राशि का स्वामित्व प्राप्त है। यम देव, शनि देव और यमुना भगवान सूर्य की संताने हैं और यह हनुमान जी के गुरु हैं। बजरंगबली ने सूर्य देव से ही सभी वेदों का ज्ञान प्राप्त किया था। बता दें कि सूर्य महाराज को पंचदेवों में से एक स्थान हासिल हैं और इसमें श्री गणेश, भगवान शिव, श्रीहरि विष्णु,देवी दुर्गा और सूर्य देव शामिल हैं।
कन्या संक्रांति का धार्मिक महत्व
सूर्य देव का राशि परिवर्तन प्रत्येक माह होता है इसलिए एक वर्ष में आने वाली सभी 12 संक्रांति तिथियों का अपना धार्मिक महत्व होता है। हिंदू धर्म में संक्रांति को बहुत पुण्यकारी एवं कल्याणकारी माना जाता है। यह दिन दान, धर्म, स्नान और पितृ तर्पण के लिए उत्तम होता है। मान्यता है कि कन्या संक्रांति से हिंदू कैलेंडर के छठे महीने का आरंभ हो जाता है। साथ ही, कन्या संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा की भी पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन इनकी जयंती मनाई जाती है। सूर्य महाराज इस तिथि पर सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर कर जाते हैं इसलिए इसे कन्या संक्रांति कहा जाता है। आइए अब हम आपको रूबरू करवाते हैं कन्या संक्रांति के दिन किये जाने वाले धार्मिक अनुष्ठानों के महत्व से।
कन्या संक्रांति पर किये जाने वाले अनुष्ठानों का धार्मिक महत्व
सूर्य उपासना से मिलेगी भगवान सूर्य की कृपा
प्रत्येक संक्रांति की तरह कन्या संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा-अर्चना की जाती है जो सृष्टि के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस अवसर पर सूर्य देव की कृपा पाने के लिए विशेष पूजा आयोजित की जाती है और ऐसा करने से जातक को आरोग्यता, वैभव और सफलता का आशीर्वाद मिलता है।
कन्या संक्रांति पर करें विश्वकर्मा पूजा
कन्या संक्रांति को देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है इसलिए इस दिन बंगाल और उड़ीसा के औद्योगिक शहरों में विशेष तौर पर विश्वकर्मा पूजा की जाती है। कन्या संक्रांति पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा से भक्तों को उत्कृष्टता और अच्छी गुणवत्ता के साथ काम करने का आशीर्वाद मिलता हैं। इस अवसर पर विश्वकर्मा पूजा के लिए महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात समेत भारत के अन्य हिस्सों में भगवान विश्वकर्मा के मंदिरों को सजाया जाता है।
सूर्य भगवान को अर्घ्य
कन्या संक्रांति पर किये जाने वाले धार्मिक कार्यों में सबसे शुभ एवं महत्वपूर्ण सूर्य देव को अर्घ्य देना है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद तांबे के लोटे से ‘ऊँ सूर्याय नम:’ मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
कन्या संक्रांति पितरों के तर्पण एवं शांति कर्म करने के लिए सर्वश्रेष्ठ होती है और इस दिन पिंडदान या पितृ तर्पण करने से जातक को पितरों की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही, इस तिथि पर पितरों की आत्मा की शांति कराने से सभी तरह के कष्ट एवं संकट दूर होते हैं।
स्नान का महत्व
सूर्य देव को समर्पित कन्या संक्रांति को धार्मिक दृष्टि से विशेष माना जाता है। यह दिन दान-स्नान के लिए सर्वोत्तम होता है इसलिए कन्या संक्रांति पर आत्मा की शुद्धि और शरीर को पापों से मुक्ति दिलाने के लिए व्यक्ति को पवित्र नदियों के जल में स्नान करना चाहिए। अगर नदी में स्नान करना संभव न हो, तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
दान का महत्व
प्रत्येक संक्रांति के दिन दान-पुण्य करना शुभ रहता है इसलिए इस तिथि पर अनेक प्रकार के दान-पुण्य किए जाते हैं। कन्या संक्रांति पर गरीबों को अपने सामर्थ्य के अनुसार दान करना चाहिए। मान्यता के अनुसार, इस दिन जरूरतमंदों को दान देने से जातक के जीवन से सभी तरह की आर्थिक समस्याओं का अंत हो जाता है। इस दिन सबसे पहले नदी स्नान करें और इसके बाद, सूर्य को अर्घ्य दें फिर दान-पुण्य करें।
कन्या संक्रांति से होती है पितृपक्ष की शुरुआत
सामान्य तौर पर पितृ पक्ष का आरंभ कन्या संक्रांति से माना जाता है जो कि 16 दिनों तक निरंतर चलते हैं। इस दौरान पूर्वजों का तर्पण एवं श्राद्ध कर्म किया जाता है। इस साल पितृ पक्ष 17 सितंबर से शुरू होंगे और इसका अंत 02 अक्टूबर 2024 को सर्वपितृ अमावस्या के साथ हो जाएगा। जब सूर्य देव कन्या में होते हैं, तब पितरों के लिए श्राद्ध कार्य करना चाहिए।
कन्या संक्रांति पर सूर्य देव की कृपा पाने के लिए राशि अनुसार करें ये सरल उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातक कन्या संक्रांति के दिन गायत्री मंत्र का जाप करते हुए जल में लाल गुलाब की पंखुड़ियां और थोड़ा गुड़ मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वाले कन्या संक्रांति पर किसी ब्राह्मण को या फिर गरीबों को गुड़ और गेहूं का दान करें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए कन्या संक्रांति पर आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना शुभ रहेगा।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातक इस दिन लाल या नारंगी रंग के वस्त्र धारण करें। साथ ही, देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा को नारंगी रंग के फूल अर्पित करें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातक कन्या संक्रांति के अवसर पर गरीबों एवं जरूरतमंदों को तिल और उड़द की दाल का दान करें।
कन्या राशि
कन्या राशि वाले इस दिन सूर्य देव के मंत्र “ ॐ सूर्याय नमः” का 108 बार जाप करें।
तुला राशि
तुला राशि के जातक कन्या संक्रांति पर भगवान सूर्य देव की पूजा-अर्चना करें। साथ ही, गरीबों को सफेद या पीली मिठाई का दान करें।
वृश्चिक राशि
कन्या संक्रांति के दिन वृश्चिक राशि वाले अपने घर या ऑफिस में सूर्य यंत्र की स्थापना करके उसकी पूजा करें।
धनु राशि
धनु राशि के जातक कन्या संक्रांति पर भगवान सूर्य की पूजा करने के बाद शंख बजाएं। साथ ही, पितरों की शांति के लिए भी इस दिन पूजा करें।
मकर राशि
मकर राशि वाले इस दिन सूर्य देव की कृपा के लिए बने हुए भोजन या फिर गेहूं और चावल का दान करें।
कुंभ राशि
अगर संभव हो, तो कुंभ राशि वाले किसी तीर्थ स्थल की यात्रा पर जाएं और सूर्य देव से अपनी जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमायाचना करें। इसके बाद, बुजुर्गों एवं गरीबों का आशीर्वाद लें।
मीन राशि
मीन राशि वाले कन्या संक्रांति पर कुछ मीठा या हलवा बनाकर गरीबों को दान करें।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. साल 2024 में कन्या संक्रांति कब है?
कन्या संक्रांति 16 सितंबर 2024, सोमवार के दिन मनाई जाएगी।
2. सूर्य कन्या संक्रांति पर किस राशि में गोचर करेंगे?
सूर्य देव सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे।
3. कन्या संक्रांति पर किन कार्यों को करना चाहिए?
कन्या संक्रांति के दिन सूर्य पूजा, स्नान, दान, पितृ शांति और सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
सुकर्मा योग से शुरू होगा ये सप्ताह- 5 राशियों को होगा छप्पर फाड़कर धनलाभ!
इस सप्ताह आपका भाग्य कैसा रहेगा, क्या आपको अपने कामों में सफलता मिलेगी या फिर निराशा हाथ लगेगी, स्वास्थ्य अच्छा रहेगा या उसमें कुछ गड़बड़ी देखने को मिल सकती है, प्रेम जीवन, आर्थिक पक्ष, वैवाहिक जीवन, पारिवारिक जीवन आदि के संदर्भ में आने वाले सात दिन आपके लिए कितने खास और यादगार होने वाले हैं इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए पढ़िए हमारा यह खास राशिफल ब्लॉग।
सिर्फ इतना ही नहीं इस विशेष ब्लॉग में हम आने वाले सात दिनों के व्रत त्यौहार, ग्रहण, गोचर, बैंक अवकाश, विवाह मुहूर्त आदि की भी जानकारी दे रहे हैं। साथ ही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हमारा यह खास ब्लॉग वैदिक ज्योतिष की गणना पर आधारित है और विद्वान ज्योतिषियों द्वारा ग्रहों नक्षत्रों की चाल और स्थिति को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
सबसे पहले बात करें इस सप्ताह के हिंदू पंचांग और ज्योतिषीय गणना की तो,
16 सितंबर 2024 सोमवार- तिथि त्रयोदशी, पक्ष शुक्ल, नक्षत्र धनिष्ठा, योग शुक्रमा, अभिजीत मुहूर्त 11:50:56 से 12:40:07 तक
17 सितंबर 2024 मंगलवार- तिथि चतुर्दशी, पक्ष शुक्ल, नक्षत्र शतभिषा, योग धृति, अभिजीत मुहूर्त 11:50:39 से 12:39:43 तक
18 सितंबर 2024 बुधवार- तिथि पूर्णिमा/ प्रतिपदा, पक्ष शुक्ल, नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद, योग गंड, अभिजीत मुहूर्त कोई नहीं है
19 सितंबर 2024 गुरुवार- तिथि द्वितीय, पक्ष कृष्ण, नक्षत्र उत्तरा भाद्रपद/, रेवती, योग वृद्धि, अभिजीत मुहूर्त 11:50:03 से 12:38:53 तक
20 सितंबर 2024 शुक्रवार- तिथि तृतीय, पक्ष कृष्ण, नक्षत्र अश्विनी, योग ध्रुव, अभिजीत मुहूर्त 11:49:45 से 12:38:28 तक
21 सितंबर 2024 शनिवार- तिथि चतुर्थी, पक्ष कृष्ण, नक्षत्र भरणी, योग व्याघात, अभिजीत मुहूर्त 11:49:27 से 12:38:04 तक
22 सितंबर 2024 रविवार- तिथि पंचमी, पक्ष कृष्ण, नक्षत्र कृतिका, योग हर्षण, अभिजीत मुहूर्त 11:49:09 से 12:37:40 तक
इस सप्ताह के व्रत त्यौहार
अपनी व्यस्तता के चलते सितंबर के इस सप्ताह के कोई भी व्रत और त्योहार आपसे चूक न जाएँ इसीलिए हम आपके लिए इस विशेष सेगमेंट में यह बताने का प्रयत्न करते हैं कि आने वाले 7 दिनों में कौन-कौन से व्रत और त्योहार कब-कब किए जाने वाले हैं। बात करें 16 से 22 सितंबर के इस सप्ताह की तो,
16 सितंबर विश्वकर्मा पूजा, कन्या संक्रांति
17 सितंबर गणेश विसर्जन, अनंत चतुर्दशी, पूर्णिमा श्राद्ध, भाद्रपद पूर्णिमा व्रत
18 सितंबर पितृपक्ष प्रारंभ, प्रतिपदा श्राद्ध, चंद्र ग्रहण आंशिक, भाद्रपद पूर्णिमा
ग्रहण और गोचर के बारे में जानकारी हासिल करना इसलिए आवश्यक हो जाता है क्योंकि ज्योतिष के अनुसार माना जाता है कि ग्रहों की स्थिति में कोई भी फेरबदल या परिवर्तन मानव जीवन को निश्चित रूप से प्रभावित करता है। यही वजह है कि कोई भी महत्वपूर्ण भविष्यवाणी करते समय, राशिफल बताते समय या आपका भविष्य देखते समय ग्रहों की चाल का विशेष आकलन किया जाता है। ऐसे में साप्ताहिक राशिफल जानने से पहले हम भी जान लेते हैं कि इस सप्ताह में कौन-कौन से ग्रहण और गोचर लगने वाले हैं। सबसे पहले बात करें ग्रहण की तो इस सप्ताह में 18 तारीख को चंद्र ग्रहण लगेगा। हालांकि यह आंशिक चंद्रग्रहण है। इस चंद्र ग्रहण से जुड़ी अन्य बातों की जानकारी के लिए हम आपको नीचे इससे संबंधित बातें बताने जा रहे हैं:
चन्द्र ग्रहण 2024 – खंडग्रास चंद्रग्रहण
तिथि भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा
दिन तथा दिनांक बुधवार, 18 सितंबर, 2024
चन्द्र ग्रहण प्रारंभ समय (भारतीय स्टैंडर्ड टाइम के अनुसार) प्रातः काल 7: 43 बजे से प्रातः काल 8:46 बजे तक
चन्द्र ग्रहण समाप्त समय दृश्यता का क्षेत्र दक्षिणी अमेरिका, पश्चिमी अफ्रीका और पश्चिमी यूरोप
(भारत में जब यह खंडग्रास चंद्र ग्रहण प्रारंभ होगा तब तक संपूर्ण भारत में चंद्रस्त की स्थिति हो चुकी होगी इसलिए यह ग्रहण भारत में लगभग दृश्यमान नहीं होगा। केवलउपच्छाया प्रारंभ होते समय उत्तर पश्चिम भारत और उत्तर दक्षिणी शहरों में चंद्रस्त होगा इसलिए कुछ समय के लिए चंद्रमा की चांदनी में धुंधलापन आ सकता है। इस प्रकार भारत में यह उपच्छाया के रूप में भी आंशिक रूप से ही दिखाई देने के कारण यह ग्रहण की श्रेणी में नहीं आएगा।)
इसके अलावा बात करें गोचर की तो इस सप्ताह में दो गोचर होने वाले हैं। जिनमें से एक होगा 16 सितंबर को होने वाला सूर्य का गोचर। इस दिन 19 बजकर 29 मिनट पर सूर्य कन्या राशि में गोचर कर जाएंगे। इसके बाद 18 सितंबर को शुक्र का 13:42 पर तुला राशि में गोचर हो जाएगा। यह दोनों ही गोचर हमारे आपके जीवन पर प्रभाव अवश्य डालेंगे। हालांकि अगर आप इसका व्यक्तिगत प्रभाव जानना चाहते हैं तो आप विद्वान ज्योतिषियों से परामर्श ले सकते हैं।
16 से 22 सितंबर 2024 विवाह मुहूर्त
बात करें विवाह मुहूर्त की तो सनातन धर्म में विवाह और विवाह मुहूर्त का विशेष महत्व माना गया है। कहा जाता है कि जब भी विवाह जैसा शुभ और मांगलिक कार्य मुहूर्त देखकर किया जाए तो इसमें व्यक्ति को सफलता मिलती है अन्यथा जीवन में परेशानियां आने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए आज भी बहुत से लोग विवाह के संदर्भ में शुभ मुहूर्त की गणना करवाने के बाद ही कोई कदम आगे बढ़ते हैं। हालांकि बात करें सितंबर के इस सप्ताह में पड़ने वाले विवाह मुहूर्त की तो, इस सप्ताह में कोई भी विवाह मुहूर्त नहीं है।
16 से 22 सितंबर 2024 बैंक अवकाश
बैंक अवकाश की बात करें तो चूंकि सितंबर के महीने में कई बैंक अवकाश पड़ने वाले हैं ऐसे में आइये जान लेते हैं कि 16 से 22 सितंबर के इस सप्ताह में कितने और कब-कब बैंक अवकाश होने वाले हैं।
16 सितंबर 2024, सोमवार ईद-ए-मिलाद सम्पूर्ण भारत में
16 सितंबर 2024, सोमवार विश्वकर्मा पूजा राजस्थान, हरियाणा और पंजाब
17 सितंबर 2024, मंगलवार इंद्र जात्रा सिक्किम
18 सितंबर 2024, बुधवार श्री नारायण गुरु जयंती केरल
21 सितंबर 2024, शनिवार श्री नारायण गुरु समाधि केरल
16 से 22 सितंबर 2024 के बीच जन्म लेने वाले मशहूर सितारों की जानकारी
अपने इस आखिरी सेगमेंट में हम जानते हैं सितंबर के महीने में पैदा होने वाले लोगों के व्यक्तित्व से जुड़ी कुछ बेहद दिलचस्प बातों की जानकारी। अगर आपका भी जन्म सितंबर के महीने में हुआ है और आप अपनी खासियत जानना चाहते हैं तो आइये जान लेते हैं।
अक्सर देखा गया है कि सितंबर के महीने में जन्म लेने वाले बच्चे बहुमुखी स्वभाव के सरल होते हैं, संस्कारी होते हैं और बेहद ही ईमानदार होते हैं। इस महीने में जन्म लेने वाले बच्चे कन्या और तुला राशि के होते हैं। जहां कन्या राशि व्यावहारिक, वफादार और संगठित होने के लिए जानी जाती है वहीं तुला राशि संतुलन, सामाजिक और निष्पक्ष सोच को दर्शाती है। सितंबर के महीने में जन्म लेने वाले लोगों का संबंध नीलम रत्न से जोड़कर देखा जाता है। नीलम रत्न ईमानदारी, वफादारी और सच्चाई का प्रतीक माना जाता है और ऐसे ही गुण सितंबर के महीने में जन्म लेने वाले लोगों के जीवन पर भी नजर आते हैं।
इसके अलावा फूल में एस्टर्स और मॉर्निंग ग्लोरीज़ इस गर्मी के महीने के आखिरी दिनों के फूल हैं। एस्टर्स ग्रीक भाषा से निकले हैं और इनका मतलब है तारा – एक छोटे से तारे के लिए बहुत प्यारा! मॉर्निंग ग्लोरीज़ का भी एक तारकीय संबंध है – उनके केंद्र तारे के आकार के होते हैं इन्हें भी सितंबर के महीने में जन्म लेने वाले लोगों से संबंधित माना गया है। ऐसे बच्चे स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, खेलकूद में आगे बढ़ते हैं, इनका जीवन बहुत लंबा होता है। अब बात करें कि सितंबर के महीने में किन सितारों का जन्मदिन आता है तो,
16 सितंबर प्रसून जोशी, सुखविंदर सिंह
17 सितंबर संजय कपूर, अक्षय कपूर
18 सितंबर शबाना आज़मी, नंदिनी सेन
19 सितंबर ईशा कोप्पिकर, जया भट्टाचार्य
20 सितंबर अनुपम श्याम, प्रणति प्रकाश
21 सितंबर करीना कपूर, रिमी सेन
22 सितंबर सना सईद, रिद्धि डोगरा
यदि आप अपने फेवरेट सितारे की कुंडली देखकर उनके भविष्य के बारे में कुछ भी जानना चाहते हैं तो आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं।
एस्ट्रोसेज की तरफ से इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1: इस सप्ताह के महत्वपूर्ण त्योहार बताइये।
विश्वकर्मा पूजा, श्राद्ध प्रारम्भ
2: इस सप्ताह क्या कोई ग्रहण लगेगा?
18 सितंबर, 2024 को चन्द्र ग्रहण लगने वाला है। हालांकि भारत में जब यह खंडग्रास चंद्र ग्रहण प्रारंभ होगा तब तक संपूर्ण भारत में चंद्रस्त की स्थिति हो चुकी होगी इसलिए यह ग्रहण भारत में लगभग दृश्यमान नहीं होगा।
3: इस सप्ताह क्या कोई विवाह मुहूर्त पड़ रहा है?
इस सप्ताह में कोई भी विवाह मुहूर्त नहीं है।
टैरो साप्ताहिक राशिफल (15 सितंबर से 21 सितंबर, 2024): इस सप्ताह इन राशियों को नहीं होगी धन की कमी!
टैरो साप्ताहिक राशिफल 15 सितंबर से 21 सितंबर 2024: टैरो कार्ड एक प्राचीन विद्या है जिसका उपयोग भविष्य जानने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग प्राचीन काल से ही टैरो कार्ड रीडर और रहस्यवादियों द्वारा अंतर्ज्ञान प्राप्त करने और किसी विषय की गहराई तक पहुँचने के लिए होता रहा है। यदि कोई व्यक्ति बेहद आस्था और विश्वास के साथ मन में उठ रहे सवालों के जवाब ढूंढ़ने के लिए आता है, तो टैरो कार्ड की दुनिया आपको हैरान कर सकती है। बहुत से लोग मानते हैं कि टैरो एक मनोरंजन का साधन है और इसे ज्यादातर मनोरंजन के रूप में देखते हैं।
साल 2024 के नौवें महीने सितंबर का यह तीसरा सप्ताह यानी कि टैरो साप्ताहिक राशिफल 15 सितंबर से 21 सितंबर 2024 अपने साथ क्या कुछ लेकर आएगा? यह जानने से पहले हम टैरो कार्ड के बारे में बात करेंगे। आपको बता दें कि टैरो की उत्पति आज से 1400 वर्ष पहले हुई थी और इसका सबसे पहला वर्णन इटली में मिलता है। शुरुआत में टैरो को ताश के रूप में राजघरानों की पार्टियों में खेला जाता था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया। मध्यकाल में टैरो को जादू-टोना से जोड़कर देखा जाने लगा और इसके परिणामस्वरूप आम लोगों ने भविष्य बताने वाली इस विद्या से दूरी बनाना सही समझा।
लेकिन टैरो कार्ड का सफर यही थमा नहीं और इसने कुछ दशकों पहले पुनः प्रसिद्धि प्राप्त की जब दुनिया के सामने इसे एक भविष्य बताने वाली विद्या के रूप में पहचान मिली। भारत समेत दुनियाभर में टैरो की गिनती भविष्यवाणी करने वाली महत्वपूर्ण विद्याओं में होती है और अंत में टैरो कार्ड वह सम्मान पाने में सफल हुआ है जिसका वह हक़दार था। तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि सितंबर का यह तीसरा सप्ताह यानी कि 15 सितंबर से 21 सितंबर 2024 तक का समय सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहने की संभावना है?
टैरो साप्ताहिक राशिफल 15 सितंबर से 21 सितंबर, 2024: राशि अनुसार राशिफल
मेष राशि
प्रेम जीवन: टेन ऑफ कप्स (रिवर्सड)
आर्थिक जीवन: टू ऑफ पेंटाकल्स (रिवर्सड)
करियर: नाइट ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: पेज ऑफ कप्स
मेष राशि के जातकों के प्रेम जीवन में टेन ऑफ कप्स (रिवर्सड) का आना रिश्ते में आपसी तालमेल और सौहार्द की कमी को दर्शाता है। इस दौरान पार्टनर के साथ बहस या परिवार के बीच मतभेद होने की आशंका है या फिर आप निराश महसूस कर सकते हैं। ऐसे में, आपको लंबे समय से चले आ रहे किसी विवाद या फिर वातावरण को शांतिपूर्ण बनाने की दिशा में लगातार प्रयास करने होंगे।
इस राशि के जातकों को धन की कमी का सामना करना पड़ सकता है और ऐसे में, आप अपनी जरूरतों को पूरा करने में नाकाम रह सकते हैं जो कि आपके लिए एक मुश्किल परिस्थिति हो सकती है इसलिए अपने बजट पर ध्यान दें या फिर अगर अपने बजट नहीं बनाया है, तो इसका निर्माण करें। हालांकि, वेतन वृद्धि होने या कोई नया प्रोजेक्ट मिलने से आपको धन की प्राप्ति हो सकती है।
करियर के लिए नाइट ऑफ पेंटाकल्स को एक अच्छा कार्ड कहा जाएगा। इस सप्ताह आपको किसी ऐसे व्यक्ति से कोई ऑफर मिल सकता है जो जल्द ही एक बड़ा बिज़नेसमैन बनने वाला हो और वह शख़्स आपका करियर बनाने में भी मार्गदर्शन करेगा।
पेज ऑफ कप्स मेष राशि वालों के लिए हमेशा खुशख़बरी लेकर आता है। अगर आप किसी मेडिकल रिपोर्ट या फिर रोग का इलाज मिलने का इंतजार कर रहे हैं, तो वह आपको मिल सकेगा। इस कार्ड को आपके लिए सकारात्मक कार्ड कहा जाएगा जो हीलिंग और अच्छे स्वास्थ्य को दर्शाता है।
इस सप्ताह का भाग्यशाली फूल: एशियाटिक लिली
वृषभ राशि
प्रेम जीवन: द स्टार
आर्थिक जीवन: फोर ऑफ वैंड्स
करियर: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड)
स्वास्थ्य: व्हील ऑफ फॉर्च्यून (रिवर्सड)
वृषभ राशि वालों के लिए द स्टार भविष्यवाणी कर रहा है कि यह जातक अपने पार्टनर की नज़रों में विशेष महत्व रखते हैं। अगर आप सिंगल हैं, तो कई लोग इस सप्ताह आपसे बात करना चाहेंगे। हालांकि, यह कार्ड एक मज़बूत और लंबे समय तक चलने वाली पार्टनरशिप की तरफ इशारा कर रहा है।
फोर ऑफ वैंड्स आर्थिक जीवन में आपके लिए एक अच्छी ख़बर लेकर आएगा जो कि आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता का प्रतिनिधित्व करता है। इस समय आप अपनी मेहनत से मिलने वाले अनुकूल परिणामों का आनंद ले सकेंगे क्योंकि अपने कठिन परिश्रम किया है। ऐसे में, अब आप आराम से बैठकर अपनी आर्थिक स्थिरता का लुत्फ़ उठा सकेंगे।
नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड) हाथों से निकल गए अवसरों, स्थिरता या नियंत्रण से बाहर परिस्थितियों की बात कर रहा है। यह कार्ड आपके द्वारा किये जा रहे कामों या लिये जाने वाले फैसलों की रफ़्तार धीमी करने और उनके बारे में दोबारा से सोच-विचार करने के लिए कह रहा है।
स्वास्थ्य के संबंध में व्हील ऑफ फॉर्च्यून (रिवर्सड) समस्याओं को दर्शा रहा है। ऐसे में, यह कार्ड आपको अपनी सेहत को प्राथमिकता देने और परिस्थितियां मुश्किल होने पर जीवन में आवश्यक बदलाव करने की सलाह दे रहा है।
इस सप्ताह का भाग्यशाली फूल: डहलिया
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मिथुन राशि
प्रेम जीवन: टेम्पेरेन्स
आर्थिक जीवन: किंग ऑफ कप्स
करियर: पेज ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स
मिथुन राशि वालों के निजी जीवन के लिए यह सप्ताह शानदार रहेगा। आप पार्टनर की कंपनी का आनंद लेंगे और आप दोनों एक साथ कुछ यादगार लम्हें बिताते हुए दिखाई देंगे। इन जातकों के पास अपने रिश्ते को भावनात्मक रूप से मज़बूत बनाने के लिए काफ़ी समय होगा और ऐसे में, एक-दूसरे के प्रति सम्मान बढ़ेगा।
किंग ऑफ कप्स बता रहा है कि इन लोगों के पास अपने खर्चों को पूरा और अपनी मनमर्ज़ी से जीवन जीने के लिए पर्याप्त धन होगा। ऐसे में, इस सप्ताह आप अपने धन का प्रबंधन बहुत अच्छे से करेंगे और परिस्थितियों को आसान बनाने के लिए बजट तैयार करेंगे।
करियर की दृष्टि से पेज ऑफ स्वॉर्ड्स को एक अच्छा कार्ड कहा जाएगा। हालांकि, यह कार्ड आपको नकारात्मक लग सकता है, लेकिन इस अवधि में आपको नई जिम्मेदारियां और अनुभव मिल सकते हैं।
स्वास्थ्य की बात करें, तो फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स कहता है कि आप थकान महसूस कर सकते हैं। इन जातकों की ऊर्जा समस्याओं का सामना करते-करते ख़त्म हो चुकी होगी जो कि तनाव, बीमारी या चिंता के रूप में हो सकती है।
इस सप्ताह का भाग्यशाली फूल: बैलून फ्लावर
कर्क राशि
प्रेम जीवन: टेन ऑफ स्वॉर्ड्स
आर्थिक जीवन: जस्टिस
करियर: जजमेंट
स्वास्थ्य: टू ऑफ स्वॉर्ड्स
टेन ऑफ स्वॉर्ड्स भविष्यवाणी कर रहा है कि कर्क राशि वाले प्रेम जीवन में किसी बुरे रिश्ते से बाहर आए हैं या फिर ऐसे रिश्ते से बाहर आने की कोशिश कर रहे हैं। संभव है कि आप जीवन में कठिन दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन याद रखें कि हर अंधेरी रात के बाद एक सुबह आती है। आपका अच्छा समय आने वाला है और जल्द ही सब कुछ ठीक होगा।
आर्थिक जीवन में जस्टिस कार्ड आपको बता रहा है कि अपने धन का सम्मान करें और इसके महत्व को समझें। जब आपको जरूरत महसूस हो, तब ही धन खर्च करें और साथ ही, पैसों की बचत करें। बेकार के कामों पर धन ख़र्च करने से बचें।
करियर के क्षेत्र में जजमेंट कार्ड दर्शाता है कि जो लोग इस सप्ताह प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें अब वह मिल जाएगा और आप इसके हक़दार होंगे। आपके करियर में सब सही दिशा में आगे बढ़ेगा।
सेहत के मामले में टू ऑफ स्वॉर्ड्स मानसिक तनाव की तरफ संकेत कर रहा है। इन लोगों को अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने और डॉक्टर की सहायता लेने की सलाह दी जाती है।
द चेरियट प्रेम जीवन में सिंह राशि वालों को यह सुनिश्चित करने के लिए कह रहा है कि आप किस तरह का रिश्ता अपने जीवन में चाहते हैं। इन जातकों को अपनी मंज़िल निर्धारित करने के बाद आगे बढ़ना होगा। बता दें कि साहस और आत्मविश्वास के बल पर जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है।
द मून आपको धन से जुड़े फैसले लेने या निवेश करने के प्रति सावधान कर रहा है। इस संबंध में कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले अच्छे से सोच-विचार करें और बेहतर होगा कि जांच-पड़ताल करके सारी जानकारी एकत्रित कर लें। जल्दबाज़ी में कोई भी काम न करें, अन्यथा आपको हानि उठानी पड़ सकती है। साथ ही, अपने आसपास लोगों से सतर्क रहें क्योंकि वह आपके साथ छलकपट कर सकते हैं।
करियर को देखें, तो हैरोफ़न्ट कार्ड इस सप्ताह स्थिरता को दर्शा रहा है। यह जातक नौकरी में कार्यक्षेत्र के माहौल से प्रसन्न दिखाई देंगे और साथ ही, अपने काम से भी संतुष्ट रहेंगे। फ़िलहाल आपका विचार नौकरी बदलने या नई नौकरी ढूंढ़ने का नहीं होगा।
सिक्स ऑफ कप्स स्वास्थ्य के लिए कहता है कि इस सप्ताह कोई पुरानी चोट या पुराना रोग पुनः उभर सकता है और ऐसे में, आपको स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए अपनी सेहत का ध्यान रखें। लक्षण दिखाई देने पर जितनी जल्दी हो सकें, उतनी जल्दी डॉक्टर से सहायता लें।
इस सप्ताह का भाग्यशाली फूल: ड्रैगन फ्लावर
कन्या राशि
प्रेम जीवन: किंग ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: टेन ऑफ वैंड्स
करियर: टेन ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड)
स्वास्थ्य: एट ऑफ कप्स
कन्या राशि के जातकों के प्रेम जीवन के लिए किंग ऑफ वैंड्स बता रहा है कि जो लोग पहले से किसी रिश्ते में हैं, उनका पार्टनर रिलेशनशिप के संबंध में दूर दृष्टि रखता होगा। आपका साथी मज़बूत एवं आत्मविश्वास से पूर्ण होगा और जब बात आती है रिलेशनशिप की, तो वह अपने रिश्ते की रक्षा हर मुसीबत से दृढ़ता के साथ करेगा।
टेन ऑफ वैंड्स आर्थिक जीवन को लेकर भविष्यवाणी कर रहा है कि आपके कंधों पर आर्थिक बोझ काफ़ी अधिक होगा और इस भार को कम करने के अनेक तरीके मौजूद होंगे। आशंका है कि इन लोगों के सामने कई बकाया बिल्स होंगे और साथ ही, आपको एक बड़ी राशि अदा करनी पड़ सकती है जैसे कि लोन या स्कूल की फीस आदि।
टेन ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड) इन जातकों के पुरानी समस्याओं या चिंताओं से बाहर आने की तरफ संकेत कर रहा है। संभावना है कि कन्या राशि के जातकों ने हाल-फिलहाल में अपनी नौकरी में बदलाव किया हो या फिर ऐसी नौकरी को छोड़ा हो जिसके प्रति आपके मन में गुस्सा, निराशा और हताशा के भाव हों। हालांकि, आपके जीवन का बुरा दौर अब ख़त्म हो चुका है और ऐसे में, आप राहत की सांस ले सकेंगे। आगे जो भी होगा, आप उन परिस्थितियों से पार पाने में सक्षम होंगे।
स्वास्थ्य में आपको एट ऑफ कप्स मिला है जो दर्शाता है कि यह जातक किसी भावनात्मक या मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में, अगर आपने इन समस्याओं को समय रहते हुए न पहचाना, तो आपको अनेक तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए डॉक्टर से सहायता लेने की सलाह दी जाती है।
तुला राशि वालों के प्रेम जीवन मेंपेज ऑफ स्वॉर्ड्स अपरिपक्वता को दर्शा रहा है या फिर आपका पार्टनर अपरिपक्व व्यवहार कर सकता है। इन जातकों का रिश्ता चालबाज़ी या भावनात्मक षड्यंत्रों से भरा होने की आशंका है। ऐसे में, आप या आपका पार्टनर या फिर आप दोनों ही रिश्ते के प्रति ईमानदार न हों और संभव है कि आप अपने शब्दों का इस्तेमाल हथियार के रूप में करें। इसके परिणामस्वरूप, आप दोनों के रिश्ते में गलतफहमी और अविश्वास बढ़ सकता है।
आर्थिक जीवन में अगर आप आर्थिक समस्याओं या हानि का सामना कर रहे हैं, तो फाइव ऑफ कप्स (रिवर्सड) का आना दर्शाता है कि अब यह परेशानियां जल्द ही ख़त्म होने वाली हैं और आप सुख-सुविधाओं से पूर्ण जीवन जीने में सक्षम होंगे। हालांकि, आप इन समस्याओं से बाहर आने के रास्ते ढूंढ लेंगे इसलिए आपने जो भी उपलब्धियां हासिल हैं, उन पर गर्व करें।
करियर के क्षेत्र में थ्री ऑफ कप्स कहता है कि कार्यस्थल में इस सप्ताह आपको सफलता का जश्न मनाने के कई अवसर मिलेंगे। इस दौरान आप अनेक उपलब्धियां अपने नाम करने में सक्षम होंगे जिसकी वजह से आप मोटिवेटेड और ऊर्जावान बने रहेंगे।
द स्टार सेहत को लेकर भविष्यवाणी कर रहा है कि इन लोगों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आप पूरे सप्ताह अपनी अच्छी सेहत को बनाए रखने का प्रयास करेंगे।
इस सप्ताह का भाग्यशाली फूल: एस्टर
वृश्चिक राशि
प्रेम जीवन: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड)
आर्थिक जीवन: व्हील ऑफ फॉर्च्यून
करियर: द एम्परर
स्वास्थ्य: फाइव ऑफ पेंटाकल्स
प्रेम जीवन में वृश्चिक राशि वालों को नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड) मिला है जो बता रहा है कि पार्टनर और आपके बीच होने वाले मतभेदों या बहस में इस सप्ताह कमी आएगी। यह कार्ड आपके हाथ से निकल गए अवसरों, निराशा या फिर झुकाव का प्रतिनिधित्व करता है जिसकी वजह लापरवाही या एकाग्रता की कमी से हो सकती है।
व्हील ऑफ फॉर्च्यून आपके लिए आर्थिक लाभ लेकर आएगा। साथ ही, यह जातक धन से जुड़े मामलों में सामंजस्य बिठा सकेंगे। आप बहुत सोच-समझकर अपना पैसा खर्च करेंगे और आपको अचानक से आने वाले खर्चों को लेकर भी तैयार रहना होगा। हालांकि, यह सब हालात आपको भविष्य के लिए ज्यादा से ज्यादा बचत करने के लिए प्रेरित करेंगे, लेकिन ऐसा तब ही करें जब आप आर्थिक रूप से मज़बूत हों।
करियर में आपको द एम्परर मिला है जो दर्शाता है कि करियर में मन मुताबिक तरक्की हासिल करने के लिए आपको मेहनत और लग्न के साथ काम करना होगा। साथ ही, अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास करना जारी रखें और सफलता प्राप्ति के नए-नए तरीके खोजें।
स्वास्थ्य की बात करें, तो फाइव ऑफ पेंटाकल्स भविष्यवाणी कर रहा है कि इन जातकों को इस सप्ताह कोई लंबे समय तक चलने वाली बीमारी अपना शिकार बना सकती है या फिर किसी बड़ी चोट की वजह से आपको अपने सामाजिक और पेशेवर जीवन से दूरी बनानी पड़ सकती है।
इस सप्ताह का भाग्यशाली फूल: पॉपी
धनु राशि
प्रेम जीवन: स्ट्रेंथ
आर्थिक जीवन: नाइट ऑफ कप्स
करियर: सेवेन ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: सेवेन ऑफ वैंड्स
धनु राशि वालों को प्रेम जीवन में स्ट्रेंथ कार्ड मिला है और ऐसे में, आप खुद को एक प्रेम से पूर्ण रिश्ते के बीच में पा सकते हैं। यह कार्ड भावनात्मक रूप से मज़बूत रिश्ते को दर्शाता है। साथ ही, आप गुस्सा, जलन या अन्य भावनाओं के प्रति संवेदनशील नज़र आ सकते हैं।
आर्थिक जीवन में नाइट ऑफ कप्स कह रहा है कि यह जातक धन से जुड़ी समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने के लिए कंफर्ट जोन से बाहर आ सकते हैं। लेकिन, एक बार जब आप अपनी सोच के दायरे से बाहर आ जाएंगे, तो आप इन परेशानियों का समाधान ढूंढ सकेंगे।
सेवेन ऑफ पेंटाकल्स करियर में परिस्थितियों या चीज़ों के आगे बढ़ने की तरफ इशारा कर रहा है। हालांकि, इन सबमें थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन आपके द्वारा किये जा रहे प्रयासों का फल एक दिन आपको अवश्य मिलेगा। संभव है कि इस पर अभी कोई ध्यान न दें, परन्तु आपके काम को नज़दीक से देखा जा रहा होगा जिसका फायदा आपको मिलने का अनुमान है।
स्वास्थ्य की बात करें, तो सेवेन ऑफ वैंड्स सही दवा, सही इलाज के साथ-साथ आपके करीबियों के प्रेम एवं देखभाल की तरफ संकेत कर रहा है जो आपकी सेहत को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे।
इस सप्ताह के लिए भाग्यशाली फूल: आर्केड
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
मकर राशि
प्रेम जीवन: फोर ऑफ़ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: दटावर(रिवर्सड)
करियर: क्वीन ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: ऐस ऑफ कप्स
मकर राशि के जातकों को प्रेम जीवन में फोर ऑफ़ पेंटाकल्स मिला है जो कहता है कि इन लोगों का पार्टनर आप प्रति अत्यधिक आवेगी हो सकता है जिसकी वजह से आप परेशान नज़र आ सकते हैं। यह कार्ड रिश्ते में जलन और पजेसिव व्यवहार को दर्शाता है जो आपके रिश्ते को बर्बाद कर सकता है इसलिए अपने पार्टनर से बात करें और चीज़ों को सुलझाने की कोशिश करें।
आर्थिक जीवन में द टावर(रिवर्सड) भविष्यवाणी कह रहा है कि मकर राशि वाले अपने आर्थिक जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए कोशिश नहीं कर रहे हैं। ऐसे में, आपको जीवन में आने वाली समस्याओं का सामना करते हुए इन बाधाओं से बाहर निकलने का रास्ता ढूंढ़ना होगा।
क्वीन ऑफ वैंड्स जीवन शक्ति और अच्छे समय को दर्शाता है। इन लोगों के पास एक साथ कई कामों को मैनेज करने का गुण होगा। स्वयं को व्यवस्थित रखना और खुद को सही दिशा में ले जाना करियर में आपको लक्ष्य पाने में मदद करेगा।
ऐस ऑफ कप्स को आपके स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक कार्ड कहा जाएगा। साथ ही, यह आपको किसी बीमारी से छुटकारा मिलने की तरफ संकेत कर रहा है। बता दें कि समस्याएं दो प्रकार की होती हैं: बाहरी और आंतरिक। ऐसे में, इस समय आपको मुश्किल दौर से बाहर निकलने के बाद खुद को ऊर्जावान बनाने का होगा।
इस सप्ताह के लिए भाग्यशाली फूल: आइरिस
कुंभ राशि
प्रेम जीवन: द हर्मिट
आर्थिक जीवन: फोर ऑफ स्वॉर्ड्स
करियर: फाइव ऑफवैंड्स
स्वास्थ्य: ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स
कुंभ राशि वालों को प्रेम जीवन में द हर्मिट मिला है जो बता रहा है कि किसी नए रिश्ते की शुरुआत करने से पहले आपको खुद के बारे में गहराई से जानने के लिए कुछ समय अकेले में बिताना होगा। ऐसे में, संभव है कि आपको थोड़ा अकेलापन महसूस हों। अगर आप पहले से किसी रिश्ते में हैं, तो स्वयं से रूबरू होने के लिए आप दोनों साथ मिलकर प्रयास करते हुए दिखाई दे सकते हैं।
यह जातक अकाउंट में मौजूद धन को लेकर हर समय सोचते रह सकते हैं। हालांकि, अगर आप जीवन में धन समस्याओं का सामना करने के आदी नहीं हैं, तो आप इस बात को लेकर चिंतित नज़र आ सकते हैं। लेकिन, सिर्फ सोचने से आपको सहायता नहीं मिलेगी इसलिए इन परेशानियों से बचने के लिए आप खुद पर नकारात्मक विचारों को हावी न होने दें।
करियर की बात करें, तो फाइव ऑफ वैंड्स कार्यक्षेत्र में समस्याओं और प्रतिद्वंदियों से मिलने वाली कड़ी टक्कर के लिए आपको सतर्क कर रहा है। हो सकता है कि आप ऐसी जगह नौकरी करते हों जहाँ का माहौल अहंकार और समस्याओं से भरा हो जिससे प्रगति के मार्ग में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में, सफलता पाने के लिए आपसी सहयोग और अहंकार से दूर रहना बेहद आवश्यक होगा।
स्वास्थ्य को देखें, तो ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स प्रेरणा और मानसिक रूप से स्पष्टता को दर्शा रहा है। यह आपको अपनी सेहत की कमान खुद के हाथों में लेते हुए एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की सलाह दे रहा है और ऐसे में, आपको बहुत सोच-विचार करके सही मार्ग का चुनाव करना होगा।
इस सप्ताह के लिए भाग्यशाली फूल: गुलाब
मीन राशि
प्रेम जीवन: द मैजिशियन
आर्थिक जीवन: एट ऑफ वैंड्स
करियर: क्वीन ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: टेन ऑफ वैंड्स
मीन राशि के जातकों के लिए द मैजिशियन कहता है कि यह लोग अपनी पसंद-नापसंद के अनुसार अपना पार्टनर चुनने में सक्षम होंगे। अगर आप किसी को पसंद करते हैं, तब भी यह कार्ड आपको अपनी भावनाओं और मन की बात को मानने के लिए सलाह दे रहा है।
एट ऑफ वैंड्स बता रहा है कि इस सप्ताह मीन राशि वालों के आर्थिक जीवन में धन का आना-जाना लगा रहेगा। संभव है कि इस दौरान आपके पास धन न रुके और जितनी तेज़ी से पैसा आएगा, उतनी तेज़ी से चला भी जाएगा। ऐसे में, इस समय को आपके लिए न तो अच्छा और न ही बुरा कहा जा सकता है। लेकिन, आपको याद रखना होगा कि आपके पास कितनी मात्रा में धन आया और कितना गया, तब ही आप निर्धारित कर सकेंगे कि यह अवधि आपके लिए कितनी फलदायी रही है।
करियर की बात करें, तो क्वीन ऑफ स्वॉर्ड्स आपके या किसी वरिष्ठ व्यक्ति की तरफ इशारा कर रहा है जो कि बुद्धिमान, भरोसेमंद होगा और आपकी सहायता करेगा। यह आपको पेशेवर जीवन में उन्नति हासिल करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगा। अगर यह कार्ड आपका प्रतिनिधित्व करता है, तो आप जीवन में एक ऐसे दौर से गुजरेंगे जहां आप सहकर्मियों की नज़रों में ख़ूब मान-सम्मान प्राप्त करेंगे।
टेन ऑफ वैंड्स स्वास्थ्य को लेकर आप पर अत्यधिक बोझ होने के साथ-साथ आपको काफ़ी थकान होने की तरफ संकेत कर रहा है। ऐसे में, इस थकान की वजह से आपको मांसपेशियों में दर्द और खिंचाव की समस्या परेशान कर सकती है इसलिए आपको शरीर को आराम देने की सलाह दी जाती है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या टैरो कभी किसी सवाल का जवाब देने में असमर्थ रहा है?
हाँ, अगर सवाल अस्पष्ट होता है, तो यह प्रश्न का सही जवाब देने में असमर्थ रहेगा।
2. टैरो कितना सटीक है?
टैरो कार्ड कभी गलत नहीं होते हैं, लेकिन टैरो रीडर इन कार्ड्स की गलत भविष्यवाणी कर सकता है।
3. एक ही प्रश्न को कितनी बार पूछ सकते हैं?
एक ही सवाल को पूरी स्पष्टता से पूछें क्योंकि एक ही सवाल को अलग-अलग तरीके से पूछने से कार्ड और टैरो रीडर दोनों ही कंफ्यूज़ हो सकते हैं।
अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 15 सितंबर से 21 सितंबर, 2024
कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)?
अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा।
इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।
अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (15 सितंबर से 21 सितंबर, 2024)
अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं।
जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मूलांक 1
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 1 के जातक इस सप्ताह दृढ़ और आत्मविश्वास से भरे रहेंगे। इन लोगों के विचार काफ़ी उन्नत होंगे जिसका प्रभाव आपके जीवन पर भी नज़र आएगा।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह मूलांक 1 वालों का रिश्ता अपने पार्टनर के साथ सुखद रहेगा क्योंकि आप दोनों के बीच आपसी तालमेल और संचार काफ़ी अच्छा रहेगा जो आपके चहरे पर एक खूबसूरत मुस्कान लेकर आएगा।
शिक्षा: शिक्षा की बात करें, तो इस मूलांक के छात्र पढ़ाई के संबंध में कुछ सकारात्मक कदम उठाएंगे और ऐसे में, आप मन लगाकर पढ़ाई करेंगे।
पेशेवर जीवन: आप नौकरी में अपने काम में उत्कृष्टता हासिल करेंगे और अगर आप पब्लिक सेक्टर में नौकरी करते हैं, तो यह सप्ताह आपके लिए शानदार रहेगा। जिन जातकों का संबंध व्यापार से है, वह आउटसोर्स बिज़नेस के माध्यम से अच्छा लाभ कमा सकेंगे।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य को देखें, तो मूलांक 1 के जातक अत्यंत प्रसन्न और उत्साह से भरे रहेंगे। साथ ही, नियमित रूप से व्यायाम करने की वजह से फिट रहेंगे और ऐसे में, आप अच्छी सेहत का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ रुद्राय नमः” का 19 बार जाप करें।
मूलांक 2
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 2 के जातकों का मन बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लेते समय भटक सकता है और यह प्रगति के मार्ग में समस्या बन सकता है। ऐसे में, आपको इस सप्ताह योजना बनकर चलने की सलाह दी जाती है और साथ ही, अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक रखें जिससे आप अच्छी चीजों को देख सकें।
प्रेम जीवन: इन जातकों का पार्टनर के साथ विवाद या मतभेद होने की आशंका है जिससे आपको इस समय बचना होगा।
शिक्षा: जब बात आती है शिक्षा की, तो मूलांक 2 के छात्रों के लिए पढ़ाई को तर्कसंगत होकर करना जरूरी होगा ताकि आप साथी छात्रों के बीच अपनी एक अलग जगह बना सकें।
पेशेवर जीवन: इस मूलांक के जो लोग नौकरी करते हैं, उनसे काम में कुछ गलतियां हो सकती हैं और यह करियर में प्रगति के मार्ग पर बाधा पैदा कर सकती है। अगर आप व्यापार करते हैं, तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है जिसकी वजह प्रतिद्वंदियों से मिलने वाली कड़ी टक्कर होगी।
स्वास्थ्य: मूलांक 2 वालों को अपनी सेहत और फिटनेस पर अधिक ध्यान देना होगा क्योंकि आपको खांसी से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
उपाय: शनिवार के दिन राहु ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 3 के जातक इस सप्ताह कुछ साहसिक फैसले लेते हुए दिखाई देंगे और यह फैसले आपके हितों को बढ़ावा देने का काम करेंगे। हालांकि, आपका झुकाव इस अवधि में अध्यात्म के प्रति होगा।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन में इस मूलांक वाले अपने पार्टनर के सामने अपनी भावनाओं का इज़हार करेंगे और एक-दूसरे के साथ अपने विचारों को शेयर करेंगे जिसके चलते आप दोनों के बीच आपसी समझ मज़बूत होगी।
शिक्षा: शिक्षा की बात करें, तो यह सप्ताह आपके लिए अनुकूल रहेगा और आप पढ़ाई को मन लगाकर कर सकेंगे। ऐसे में, आपका प्रदर्शन शिक्षा में अच्छा रहने की संभावना है।
पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन के लिहाज़ से, इस सप्ताह मूलांक 3 के जातकों को नौकरी के नए अवसर प्राप्त होंगे जो आपके प्रसन्न करने का काम करेंगे। अगर आपका जुड़ाव व्यापार से है, तो आप किसी दूसरे व्यापार की भी शुरुआत कर सकते हैं जिससे आप अच्छा लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से, इस हफ़्ते आप शारीरिक रूप से तंदुरुस्त एवं फिट रहेंगे। इसकी वजह आपके भीतर मौजूद ऊर्जा और उत्साह होगा। हालांकि, आप अपनी सेहत को उत्तम बनाए रखने में सक्षम होंगे।
उपाय- प्रतिदिन “ॐ बृहस्पतये नमः” का 21 बार जाप करें।
मूलांक 4
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 4 वाले इस सप्ताह असुरक्षा की भावना से पीड़ित रह सकते हैं और इस वजह से आप जरूरी फैसले लेने में असमर्थ हो सकते हैं।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन में मूलांक 4 के जातकों की पार्टनर के साथ बहस हो सकती है जो कि आप दोनों के बीच पैदा होने वाली किसी गलतफहमी का परिणाम हो सकती है।
शिक्षा: इस मूलांक के छात्रों को शिक्षा के संबंध में एकाग्रता की कमी की समस्या परेशान कर सकती है जिसकी वजह आपके मन का इधर-उधर भटकना हो सकता है।
पेशेवर जीवन: करियर के क्षेत्र में आप काम में की गई मेहनत के बाद भी सराहना न मिलने के कारण अपनी मौजूदा नौकरी से असंतुष्ट दिखाई दे सकते हैं। जो जातक व्यापार करते हैं, संभव है कि आपके द्वारा किए गए सौदों से आपको लाभ न मिले या फिर आपको बिज़नेस पार्टनर के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ें।
स्वास्थ्य: मूलांक 4 वालों को इस सप्ताह पाचन से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं और इस वजह से आपको अपना खानपान सही समय पर करने की आवश्यकता होगी।
उपाय: रोज़ाना “ॐ दुर्गाय नमः” का 22 बार जाप करें।
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मूलांक 5
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 5 के जातकों को जीवन के विभिन्न आयामों में मिलने वाले परिणाम थोड़े कमज़ोर रह सकते हैं। इस दौरान आपमें आत्मविश्वास की कमी दिखाई दे सकती है और ऐसे में, आपको व्यक्तिगत विकास के संबंध में समस्याओं का अनुभव हो सकता है।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन में पार्टनर के साथ रिश्ते में आपको प्रेम का अभाव महसूस हो सकता है जिसकी वजह घर-परिवार में चल रहे विवाद के साथ-साथ आपसी समझ की कमी हो सकती है। साथ ही, आप दोनों के बीच आपसी तालमेल भी कमज़ोर रहने की आशंका है जिसका असर आपके पार्टनर के साथ रिश्ते पर पड़ सकता है।
शिक्षा: जो छात्र इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर जैसे विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं, तो इस हफ़्ते आपके प्रदर्शन में गिरावट आ सकती है। संभव है कि आप इन सब्जेक्ट्स में अपनी स्किल्स का अच्छे से इस्तेमाल न कर पाएं। ऐसे में, आपको शानदार प्रदर्शन करते हुए टॉप पर पहुंचने के लिए अपनी ताकत और कमज़ोरी को जानना होगा।
पेशेवर जीवन: करियर के क्षेत्र में आपको सहकर्मियों और वरिष्ठों के साथ काम के संबंध में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके फलस्वरूप, आपके हाथ से कार्यस्थल में अपनी क्षमताओं और योग्यताओं का प्रदर्शन करने के कुछ सुनहरे अवसर निकल सकते हैं। वहीं, जिन लोगों का अपना व्यापार है, संभव है कि वह इस समय ज्यादा ख़ास न कर पाएं।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की बात करें, तो इन जातकों को तनाव की वजह से पैरों और कमर में दर्द रह सकता है। ऐसे में, आपको तनाव मुक्त रहने की सलाह दी जाती है और साथ ही, योग या ध्यान का अभ्यास करना आपको फिट रखने में सहायक साबित होगा।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 6 के जातक अपनी आंतरिक शक्ति को जानने में सक्षम होंगे और इसकी सहायता से आप अपनी रचनात्मकता में वृद्धि कर सकेंगे। यह टॉप पर पहुंचने में आपका मार्गदर्शन करेगी।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन में मूलांक 6 वाले अपने पार्टनर के साथ आपसी तालमेल बनाए रखने में सक्षम होंगे। जब बात आती है जीवन के बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लेने की, तो आपके और साथी के सोच-विचार करने का तरीका एक जैसा हो सकता है।
शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में इस सप्ताह आप उच्च शिक्षा हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे या फिर आप प्रतियोगी परीक्षाओं में भी हिस्सा लेने में सक्षम होंगे। आप दुनिया के सामने अपनी स्किल्स का प्रदर्शन कुछ इस तरह से करेंगे कि आप पढ़ाई में टॉप पर पहुंच जाएंगे।
पेशेवर जीवन: यह सप्ताह मूलांक 6 वालों के लिए नौकरी के नए अवसर लेकर आने का वादा कर रहा है। जो लोग अपना व्यापार करते हैं, तो आप बिज़नेस में सुधार करने के साथ-साथ अच्छा खासा लाभ कमाने में सफल रहेंगे।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से, मूलांक 6 के जातक आत्मविश्वास से पूर्ण होने के कारण ऊर्जावान रहेंगे। ऐसे में, आपकी सेहत अच्छी बनी रहेगी और आपको किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। आप साहस से भरे रहेंगे जो आपके अंदर उत्साह को बनाए रखेगा।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ शुक्राय नमः” का 33 बार जाप करें।
मूलांक 7
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 7 के जातक असुरक्षित महसूस कर सकते हैं और आपके व्यक्तित्व में आकर्षण की कमी भी रह सकती है। ऐसे में, आप अपने भविष्य और प्रगति को लेकर खुद से सवाल करते हुए नज़र आ सकते हैं और इसके परिणामस्वरूप, इन सब बाधाओं की वजह से आप स्थिरता पाने में असफल रह सकते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप परिवार में उत्पन्न समस्याओं की वजह से पार्टनर के साथ अपने रिश्ते का आनंद लेने में नाकाम रह सकते हैं जिसके चलते रिश्ते में आपकी खुशियां प्रभावित हो सकती हैं।
शिक्षा: शिक्षा की बात करें, तो इन जातकों को मन लगाकर पढ़ाई करने में और अच्छे अंक हासिल करने में परेशानी का अनुभव हो सकता है। हालांकि, शिक्षा के संबंध में आपकी याददाश्त औसत रहेगी और ऐसे में, आप अच्छे अंक पाने में पीछे रह सकते हैं।
पेशेवर जीवन: मूलांक 7 के जातक नई-नई चीज़ें सीखेंगे और साथ ही, आपको काम के संबंध में सराहना की प्राप्ति होगी। यदि आप व्यापार करते हैं, तो आपको हानि का सामना करना पड़ सकता है इसलिए आपके लिए सावधान होकर चलना और अपने बिज़नेस पर नज़र बनाए रखना बेहद जरूरी होगा।
स्वास्थ्य: इस मूलांक के लोगों को कोई एलर्जी हो सकती है जिसकी वजह से त्वचा और पाचन से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं इसलिए बेहतर स्वास्थ्य के लिए आपको खानपान समय पर करने की सलाह दी जाती है।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ केतवे नमः” का 41 बार जाप करें।
मूलांक 8
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 8 के जातकों से यात्रा के दौरान कोई कीमती या महंगी वस्तु गुम हो सकती है जिसकी वजह से आप तनाव में आ सकते हैं। साथ ही, इन लोगों को टॉप पर पहुंचने के लिए इस सप्ताह एक व्यवस्थित योजना बनकर चलना होगा। इसके अलावा, मूलांक 8 वालों को इस अवधि में महत्वपूर्ण फैसले लेने से बचना होगा जैसे कि निवेश का फैसला, क्योंकि आपको हानि उठानी पड़ सकती है।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप घर-परिवार में चल रहे मामलों को लेकर चिंतित दिखाई दे सकते हैं जिसका संबंध संपत्ति विवाद से होने की आशंका है। सिर्फ इतना ही नहीं, इन जातकों को अपने दोस्तों की वजह से पार्टनर के साथ रिश्ते को मधुर बनाए रखने में दिक्कत हो सकती है।
शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में मूलांक 8 के छात्रों को धैर्य रखने के साथ-साथ दृढ़ रहने की सलाह दी जाती है ताकि आप अच्छे अंक हासिल कर सकें।
पेशेवर जीवन: मूलांक 8 के नौकरीपेशा जातकों को काम में मेहनत करने के बाद भी सराहना न मिलने की संभावना है और यह बात आपको परेशान कर सकती है।
स्वास्थ्य: इन लोगों को तनाव के कारण पैरों और जोड़ों में दर्द की शिकायत रह सकती है क्योंकि तनाव आप पर हावी हो सकता है। हालांकि, यह आपके असंतुलित खानपान का परिणाम भी होने की आशंका है।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, 27 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 9 के जातक साहसिक फैसले लेते हुए दिखाई देंगे जो इनके लिए फलदायी साबित होंगे। इन लोगों में हर गुण मौजूद होगा और वह जीवन में इनका सही तरीके से उपयोग भी करने में सक्षम होंगे। यह समय आपको मज़बूत बनाने और व्यक्तिगत रूप से विकसित होने की राह में मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें, तो आप रिश्ते में सिद्धांतों का पालन करेंगे और पार्टनर के प्रति आपका व्यवहार सम्मानजनक होगा। इसके परिणामस्वरूप, आपका रिश्ता मज़बूत होगा।
शिक्षा: इस सप्ताह मूलांक 9 के जो छात्र मैनेजमेंट, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं, वह इन सब्जेक्ट्स में अच्छा प्रदर्शन करने के प्रति दृढ़ निश्चयी रहेंगे।
पेशेवर जीवन: करियर के क्षेत्र में आपका प्रदर्शन शानदार रहेगा और ऐसे में, बेहतरीन काम के लिए आपको सराहना मिलने के योग बनेंगे। हालांकि, यह प्रशंसा आपको प्रमोशन के रूप में प्राप्त होने की संभावना है। जो जातक व्यापार से संबंध रखते हैं, उन्हें बिज़नेस में अच्छा लाभ कमाने के साथ-साथ प्रतिद्वंदियों की नज़रों में मान-सम्मान प्राप्त करने के भी अनेक अवसर मिलेंगे।
स्वास्थ्य: मूलांक 9 के जातकों का स्वास्थ्य इस सप्ताह अच्छा रहेगा जिसकी वजह आपके भीतर का उत्साह होगा। इस दौरान आपको किसी स्वास्थ्य समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
उपाय: रोज़ाना “ॐ भूमि पुत्राय नमः” का 27 बार जाप करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. अंक ज्योतिष कैसे देखा जाता है?
अंक ज्योतिष में भविष्यवाणी करने के लिए कई प्रकार की संख्याओं, तकनीकों और गणनाओं का विश्लेषण किया जाता है जैसे कि जन्म तिथि, कर्म संख्या, जीवन पथ संख्या आदि।
2. अपना अंक ज्योतिष नंबर कैसे पता करें?
मूलांक और भाग्यांक को निकालना बेहद आसान है और इसके लिए आपको सबसे पहले अपनी जन्म तिथि, महीना और साल को लिखकर जोड़ना है जो अंक आएगा वह आपका भाग्यांक होगा।
3. मूलांक 6 का स्वामी कौन है?
अंक ज्योतिष के अनुसार, मूलांक 6 के स्वामी ग्रह शुक्र देव हैं।
पापी ग्रह के साथ युति में आए सूर्य, तीन राशियों की खुशियों का नहीं रहेगा ठिकाना, खूब आएगा पैसा
सूर्य ग्रह हर 30 दिन या एक महीने में राशि परिवर्तन करते हैं और उनके गोचर करने पर देश-दुनिया समेत सभी राशियों के जातकों के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। अब सूर्य देव 16 सितंबर को शाम को 07 बजकर 29 मिनट पर बुध की राशि कन्या में प्रवेश करने जा रहे हैं। इस राशि में पहले से ही केतु ग्रह विराजमान हैं और इस तरह 16 सितंबर को कन्या राशि में सूर्य और केतु की युति होगी।
सूर्य कन्या राशि में 17 अक्टूबर तक रहने वाले हैं इसलिए सूर्य और केतु की युति इस तिथि तक रहने वाली है। इन दो ग्रहों की युति से कुछ राशियों के लोगों को विशेष लाभ होने की संभावना है। इस ब्लॉग में हम आपको उन्हीं राशियों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं जिन्हें सूर्य और केतु की युति के दौरान अत्यंत लाभ मिलने की संभावना है।
इस राशि के ग्यारहवें भाव में सूर्य का संचरण होगा। यदि आपका कोई काम लंबे समय से अटका हुआ है, तो अब वह पूरा हो सकता है। इस दौरान आपकी अध्यात्म और धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ सकती है। आपको तीर्थस्थल की यात्रा पर जाने का मौका भी मिल सकता है। वित्तीय क्षेत्र में आपके लिए खूब लाभ के योग बन रहे हैं। आप अधिक धन कमाने में सफल होंगे।
आपको इस समय कर्ज से छुटकारा मिल सकता है। कार्यक्षेत्र में भी शानदार परिणाम मिलने के आसार हैं। आपको अपने भाई-बहनों के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा। वे आपका पूर्ण सहयोग करेंगे। आप अपने दोस्तों के साथ भी समय बिता सकते हैं। समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
मकर राशि
सूर्य और केतु की युति मकर राशि के नौवें भाव में होने जा रही है। आपको अपने जीवन के हर क्षेत्र में भाग्य का साथ मिलेगा। आपको अटका हुआ पैसा भी वापस मिल सकता है जिससे आप अपनी ज़रूरतों को पूरा कर पाएंगे। आपकी अध्यात्म में रुचि बढ़ेगी। आपके मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में भी इज़ाफा देखने को मिलेगा। आप अपने परिवार के साथ किसी तीर्थस्थल की यात्रा पर जा सकते हैं।
आपकी किस्मत आपका साथ देगी जिससे आप हर क्षेत्र में सफलता हासिल करेंगे। आप अपने भविष्य को लेकर कोई बड़ा या महत्वपूर्ण फैसला ले सकते हैं। आपके माता-पिता आपका सहयोग करेंगे। इस समय आपका जीवन सुखमय और खुशहाल रहेगा। पति-पत्नी के बीच भी सब कुछ अच्छा रहने वाला है।
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तुला राशि
तुला राशि के बारहवें भाव में सूर्य ग्रह का संचरण होगा। इस राशि के जातकों के लिए भी सूर्य और केतु की युति लाभकारी सिद्ध होगी। आपके ऊपर सूर्य देव की विशेष कृपा रहने वाली है। आपकी आर्थिक स्थिति में मज़बूती आएगी और आप पैसों की बचत कर पाने में भी सक्षम रहेंगे। आपकी आमदनी के नए स्रोत खुलेंगे।
आप कोई नया स्किल सीख सकते हैं और इसी में अपना करियर भी बना सकते हैं। आपको अपने जीवनसाथी के साथ आनंदमय पल बिताने का मौका मिलेगा। आपकी अध्यात्म में रुचि बढ़ सकती है। इस दौरान आपके आत्मविश्वास में भी वृद्धि देखने को मिलेगी जिससे आप अपने सपनों और लक्ष्यों की पूर्ति कर पाने में समर्थ होंगे। समाज के लोग आपका सम्मान करेंगे। आप अपने भविष्य के लिए पैसों की बचत कर सकते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
शोभन योग में रखा जाएगा परिवर्तिनी एकादशी का व्रत, इन चीजों के दान से दुर्भाग्य होगा दूर!
त्रिदेवों में से एक भगवान विष्णु के लिए किए जाने वाले एकादशी व्रत का बहुत महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, एक माह में दो पक्ष- कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष होते हैं और इनकी ग्यारहवीं तिथि को एकादशी के रूप में मनाई जाती है। इस तरह साल में 24 एकादशी का व्रत रखा जाता है। इसी क्रम में परिवर्तिनी एकादशी व्रत का बहुत अधिक महत्व है। यह एकादशी तिथि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष में पड़ती है और इस तिथि के दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु करवट बदलते हैं इसलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी को पद्मा एकादशी और पार्श्व एकादशी भी कहा जाता है।
ख़ास बात यह है कि इस वर्ष परिवर्तिनी एकादशी बेहद शुभ योग में मनाई जाएगी, जिसके चलते इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाएगा। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं परिवर्तिनी एकादशी व्रत 2024 कब है, इसका सही मुहूर्त क्या है और इस दिन बनने वाले शुभ योग।
हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2024 में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तिथि 14 सितंबर को पड़ रही है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त के बारे में।
एकादशी तिथि प्रारम्भ: सितंबर 13, 2024 की रात 10 बजकर 32 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त: सितंबर 14, 2024 की रात 08 बजकर 41 मिनट तक।
परिवर्तिनी एकादशी व्रत मुहूर्त के लिए
परिवर्तिनी एकादशी पारण मुहूर्त : 15 सितंबर 2024 की सुबह 06 बजकर 06 मिनट से 08 बजकर 34 मिनट तक।
अवधि : 2 घंटे 27 मिनट
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
परिवर्तिनी एकादशी पर शुभ योग
परिवर्तिनी एकादशी के दिन एक बेहद शुभ योग शोभन योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में विधि-विधान से भगवान विष्णु का पूजन करने से व्यक्ति का आकर्षण बढ़ता है, वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है। इसके अलावा, माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से सुख, सौभाग्य और आय में वृद्धि होती है।
परिवर्तिनी एकादशी का महत्व
परिवर्तिनी एकादशी का व्रत गणेश उत्सव के दौरान पड़ता है। ऐसे में, इस अवधि में व्यक्ति को भगवान विष्णु और भगवान गणेश की उपासना करनी चाहिए। ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि परिवर्तिनी एकादशी के दिन उपवास रखने से स्वर्ण दान और वाजपेय यज्ञ के बराबर फल प्राप्त होता है। साथ ही, व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। इस एकादशी को जलझूलनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही, इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा भी की जाती है, जिससे साधक को भय, रोग, दोष इत्यादि से मुक्ति मिलती है।
इस एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें।
इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। कोशिश करें कि इस दिन पीले कपड़े पहने।
फिर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें और भगवान से सामने बैठकर ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
इसके बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाएं और भगवान विष्णु को पीला रंग का चंदन कोमा अक्षत लगाए।
भगवान विष्णु को पीले फूल की माला, तुलसी दल आदि चढ़ाएं।
भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाएं और भोग में तुलसी अवश्य डालें क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु के अति प्रिय है।
घी का दीपक और धूप जलाकर भगवान विष्णु की एकादशी व्रत का पाठ करें।
पाठ करने के बाद भगवान विष्णु के मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें और फिर कथा जरूर सुनें क्योंकि कथा के बिना व्रत अधूरा माना जाता है।
इसके बाद अंत में विधिवत तरीके से आरती करें और भूल चूक के लिए माफी मांग लें।
परिवर्तिनी एकादशी व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, त्रेता युग में राजा बलि राक्षस कुल में जन्म लेने के बाद भी भगवान विष्णु का अनन्य भक्त था। उसने अपनी असाधारण भक्ति से भगवान विष्णु को प्रसन्न कर लिया। राजा बलि राजा विमोचन के बेटे और भक्त प्रहलाद के पौत्र थे। वह हमेशा ब्राह्मणों की सेवा करते थे। अपने इस प्रकार के तप, विनम्र स्वभाव और पूजा से राजा बलि को कई प्रकार की शक्तियां प्राप्त हुई थी। अपनी शक्तियों के चलते उन्होंने इंद्र के देवलोक के साथ त्रिलोक पर भी अपना अधिकार जमा लिया। जिसके बाद सभी देवता लोक विहीन हो गए और परेशान होकर भगवान विष्णु के पास मदद मांगने चले गए।
भगवान विष्णु ने देवराज इंद्र को उनका राज्य वापस दिलवाने के लिए वामन अवतार लिया। वे बौने ब्राह्मण के रूप में राजा बलि के पास गए और उनसे अपने रहने के लिए तीन कदम के बराबर भूमि देने का अनुरोध किया। गुरु शुक्राचार्य के मना करने के बाद भी राजा बलि ने तीन पग भूमि भगवान विष्णु को देने का वचन दे दिया।
वचन मिलते ही भगवान विष्णु ने अपना आकार बढ़ना शुरू कर दिया और इतना बड़ा आकार कर लिया कि एक कदम में उन्होंने पूरी धरा नाप ली, दूसरे कदम में देवलोक को नाप लिया। अब उनके तीसरी कदम के लिए भूमि नहीं बची। तब अपने वचन के पक्के राजा बलि ने तीसरे कदम रखने के लिए उनके समक्ष अपना सिर पेश कर दिया।
वामन अवतार लिए भगवान विष्णु राजा बलि की वचनबद्धता और भक्ति से बेहद प्रसन्न हुए और उन्हें पाताल का राज्य दे दिया। इसके अलावा, राजा बलि को भगवान विष्णु ने वरदान दिया कि चातुर्मास में उनका एक रूप क्षीरसागर में चयन करेगा और दूसरा रूप राजा बलि के पाताल लोक की रक्षा करेगा।
पुराणों में परिवर्तिनी एकादशी के व्रत को वाजपेय यज्ञ के समान फल देने वाला माना गया है, तो चलिए जानते हैं इस दिन किए जाने वाले कुछ विशेष उपायों के बारे में, जिनको अपनाकर आपको मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है।
पीले कपड़े दान करें
परिवर्तिनी एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन जरूरतमंदों को पीले कपड़ों का दान करना शुभ होता है। ऐसा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। वहीं, शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
धार्मिक किताबें दान करें
परिवर्तिनी एकादशी के दिन धार्मिक किताबें दान करें। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और अपना विशेष आशीर्वाद प्रदान करते हैं। साथ ही, जीवन में आ रही परेशानियां दूर होती हैं।
मिठाई या खीर बांटे
परिवर्तिनी एकादशी के दिन सफेद मिठाई या खीर का दान करना बहुत अधिक शुभ माना जाता है। सबसे पहले मिठाई या खीर भगवान को भोग लगाएं इसके बाद इससे बाद प्रसाद के रूप में इसे बांटे। ऐसा करने से बेहतर स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है और साथ ही, हर समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
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चांदी के सिक्के चढ़ाएं
परिवर्तिनी एकादशी के दिन पूजन के समय भगवान विष्णु को चांदी के कुछ सिक्के चढ़ाएं और पूजा के बाद उन सिक्कों को लाल रंग के कपड़े में लपेटकर तिजोरी में पैसे वाले स्थान पर रख दें। ऐसा करने से आपको कभी भी आर्थिक जीवन में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
पीले रंग की फूल की माला चढ़ाएं
यदि विवाह में कोई अड़चन आ रही हो या बात बनते-बनते बिगड़ रही हो तो परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पीले रंग के फूलों की माला बनाकर चढ़ाएं। ऐसा करने से आपका विवाह जल्द होगा और बात बनने लगेगी।
नारियल व बादाम अर्पित करें
परिवर्तिनी एकादशी के दिन धन लाभ प्राप्त करने के लिए विष्णु जी के मंदिर में एक नारियल और बादाम अर्पित करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु के आशीर्वाद से धन-धान्य की प्राप्ति होती है और हर प्रकार के आर्थिक संकटों से मुक्ति पाया जा सकता है।
पीपल के पेड़ में शक्कर मिश्रित जल चढ़ाएं
यदि आप आर्थिक तंगी या कर्ज के बोझ से परेशान हैं तो इस विशेष दिन पीपल के पेड़ में शक्कर मिलाकर जल चढ़ाएं और शाम के समय में पीपल के पेड़ के समीप दिए जलाएं। माना जाता है कि पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास होता है और ऐसा करने से सभी आर्थिक समस्याओं और कर्ज के बोझ से छुटकारा मिलता है।
केसर युक्त दूध से अभिषेक करें
परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी मां की पूजा करने का विधान है और इस दिन भगवान विष्णु का अभिषेक केसर युक्त दूध से करें। ऐसा करने से घर में सुख,सौभाग्य का आगमन होता है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. साल 2024 में कब रखा जाएगा परिवर्तिनी एकादशी का व्रत?
उत्तर. हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2024 में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तिथि 14 सितंबर को पड़ रही है।
प्रश्न 2. परिवर्तिनी एकादशी का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर. इस विशेष दिन को जलझूलनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
प्रश्न 3. परिवर्तिनी एकादशी का पारण कैसे करें?
उत्तर. परिवर्तिनी एकादशी व्रत का पारण पूजा के दौरान भगवान विष्णु को चढ़ाएं भोग को ग्रहण करके ही करें। व्रत पारण से पहले स्नान जरूर करें और साफ कपड़े पहनकर भगवान विष्णु की पूजा करें।
प्रश्न 4. परिवर्तिनी एकादशी का क्या महत्व है?
उत्तर. मान्यता है कि परिवर्तिनी एकादशी के दिन उपवास रखने से स्वर्ण दान और वाजपेय यज्ञ के बराबर फल प्राप्त होता है। साथ ही, व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है।
बुध अस्त: इन राशि के जातकों के लिए आने वाली है मुसीबत, अभी से हो जाएं सतर्क!
बुध ग्रह सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है और यह सूर्य के सबसे निकट भी है। बुध अक्सर सूर्य के नजदीक ही भ्रमण करते हैं इसलिए बुध अस्त होने की संभावना भी ज्यादा रहती हैं। जब बुध अस्त होते हैं तो उनकी ऊर्जा कमज़ोर मानी जाती है, जिसका प्रभाव ज्योतिष में विशेष महत्व रखता है। बुध अस्त होने पर, इसकी सकारात्मक और शुभ ऊर्जा में कमी आती है, जिससे व्यक्तियों के जीवन में कई प्रकार की समस्याएं और चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं।
बुध ग्रह बुद्धि, वाणी, संचार, व्यापार, शिक्षा, तर्कशक्ति और त्वरित निर्णय क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है। जब बुध अस्त होते हैं, तो इन सभी क्षेत्रों में कमी महसूस किया जा सकता है। ज्योतिष के अनुसार, बुध के अस्त के दौरान नए व्यापार की शुरुआत, महत्वपूर्ण निर्णय लेना या शिक्षा से संबंधित कार्यों की योजना बनाना आदि नए कार्यों को टालने की सलाह दी जाती है। बुध के उदित होते ही इन क्षेत्रों में पुनः सकारात्मकता और प्रगति का अनुभव होने लगता है।
इस ख़ास ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे सितंबर में सिंह राशि में बुध अस्त की ये ज्योतिषीय घटना सभी 12 राशियों को किस तरह से प्रभावित करेगी। साथ ही, जानेंगे बुध अस्त के नकारात्मक प्रभावों से बचने के कुछ बेहद सरल उपाय। लेकिन, इससे पहले जान लेते हैं बुध सिंह राशि में अस्त की समयावधि।
बुध सिंह राशि में अस्त: समय व तिथि
वैदिक ज्योतिष में बुद्धि, वाणी, शिक्षा, गणित, लेखन, तर्क-वितर्क, ज्योतिष विज्ञान, नृत्य व नाटक, व्यापार आदि के कारक ग्रह बुध 14 सितंबर 2024 की दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर सिंह राशि में अस्त होने जा रहे हैं।
ग्रहों के अस्त होने का अर्थ
अस्त ग्रह उस ग्रह को कहते हैं, जो सूर्य के अत्यधिक निकट आ जाने के कारण आकाश में अदृश्य हो जाता है या बहुत कम दिखाई देता है। ज्योतिष में, इस स्थिति को ग्रह के कमजोर होने का प्रतीक माना जाता है। ग्रह के अस्त होने का अर्थ है कि वह ग्रह अपनी पूरी शक्ति और प्रभाव से कार्य करने में असमर्थ होता है।
बता दें कि ग्रह का अस्त होना एक अस्थायी प्रक्रिया होती है जो कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक हो सकती है। इस अवधि के बाद ग्रह पुनः उदित हो जाते हैं और अपनी सामान्य स्थिति में लौट आते हैं।
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सिंह राशि में बुध अस्त: विशेषताएं
सिंह राशि में बुध का अस्त होना ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है क्योंकि सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं और जब बुध अस्त होते हैं, तो वह सूर्य के अत्यधिक निकट आ जाते हैं। इस कारण बुध की ऊर्जा कमज़ोर हो जाती है और इसका प्रभाव सभी 12 राशि और उनके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ता है। बुध के अस्त होने पर व्यक्ति को अपनी बात स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में कठिनाई हो सकती है। वाणी में नियंत्रण नहीं होता है या शब्दों की वजह से गलतफहमियां उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे संबंधों में तनाव आ सकता है।
सिंह राशि आत्म-केन्द्रित और अहंकारी स्वभाव को दर्शाता है और बुध के अस्त होने पर यह प्रवृत्ति और अधिक बढ़ सकती है। व्यक्ति अपनी बात को दूसरों पर थोपने का प्रयास कर सकता है। बुध बुद्धि और तर्क शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है और इसके अस्त होने पर व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। सिंह राशि के जातक रचनात्मकता और कला के क्षेत्र में विशेष रुचि रखते हैं और बुध के अस्त होने पर इस क्षेत्र में अस्थिरता या रुकावट आ सकती है।
बुध के अस्त होने के दौरान कुछ खास सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस समय बुध ग्रह की ऊर्जा कमजोर होती है। आइए जानते हैं बुध अस्त के दौरान क्या करना चाहिए और किन कार्यों को करने से बचना चाहिए।
बुध अस्त के दौरान क्या करें:
इस समय आत्मचिंतन, ध्यान और योग का अभ्यास करना जातक के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। ऐसा करने से आप भ्रम या तनाव से बच सकते हैं।
पुराने कार्यों की समीक्षा करना और उनमें सुधार करना इस दौरान अच्छा माना जाता है। बुध अस्त के दौरान नए कार्य शुरू करने से बेहतर है कि आप पुराने कार्यों को दोबारा देखें और उनमें आवश्यक सुधार करें।
बुध अस्त के दौरान वाणी में नियंत्रण और संवाद में धैर्य बनाए रखें। किसी भी तरह की गलतफहमी या असहमति को दूर करने के लिए शब्दों का चयन सोच-समझकर करें।
बुध अस्त होने के समय मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी होता है। इस समय में नियमित रूप से योग, ध्यान, और संतुलित आहार का पालन करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
बुध अस्त के दौरान क्या न करें:
बुध के अस्त होने के दौरान नया व्यापार शुरू करने या महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय लेने से बचें। यह समय नए कार्यों की शुरुआत करने के लिए शुभ नहीं माना जाता है।
इस अवधि में गलतफहमी हो सकती हैं इसलिए महत्वपूर्ण चर्चाओं या विवादास्पद विषयों से बचें। किसी भी स्थिति में जल्दबाजी में निर्णय न लें।
बुध अस्त के दौरान महंगी वस्तुओं या संपत्तियों की खरीदारी से बचें क्योंकि इस दौरान शुभ परिणाम मिलने की संभावना कम होती है।
इस समय किसी भी तरह की अति-संवाद, जैसे बहुत अधिक मेल, मैसेज या फोन कॉल्स करने से बचें। इससे गलतफहमियां बढ़ सकती हैं।
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बुध अस्त के दौरान इन उपायों को करने से होगा लाभ
बुध अस्त के दौरान ग्रह की कमजोर ऊर्जा से उत्पन्न समस्याओं और चुनौतियों से निपटने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में:
भगवान गणेश की पूजा
बुध ग्रह का संबंध भगवान गणेश से है, जो बुद्धि और विघ्नहर्ता के रूप में पूजे जाते हैं। बुध अस्त के दौरान भगवान गणेश की पूजा और व्रत करना शुभ माना जाता है। हर बुधवार को गणेश जी की आरती करें और दूर्वा चढ़ाएं।
बुध मंत्र का जाप
“ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्र का जाप नियमित रूप से करना बुध के अस्त प्रभाव को कम कर सकता है। इस मंत्र का जाप बुधवार को या प्रतिदिन कम से कम 108 बार करें।
हरी वस्तुओं का दान:
बुध ग्रह का वर्ण हरा माना जाता है इसलिए हरी वस्तुओं जैसे हरी सब्जियां, हरे कपड़े या हरी मूंग का दान करें।
विद्यार्थियों के लिए उपाय
जिन विद्यार्थियों को पढ़ाई में कठिनाई हो रही हो, वे बुध अस्त के दौरान हरे रंग की पेंसिल, कलम, या कोई अन्य अध्ययन सामग्री का उपयोग कर सकते हैं। इससे पढ़ाई में एकाग्रता और बुद्धि का विकास होता है।
व्यापार में सुधार
बुध ग्रह को व्यापार का कारण माना जाता है। ऐसे में, यदि बुध अस्त के दौरान व्यापार में रुकावटों का सामना कर रहे हैं तो बुधवार के दिन भगवान गणेश को गुड़ और चने का भोग लगाएं। इससे व्यापार में बरकत और समस्याओं में कमी आएगी।
बुध सिंह राशि में अस्त: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
आप अपने बच्चों के विकास को लेकर चिंतित हो सकते हैं और उनके भविष्य… (विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
आपको अपने धन को सुरक्षित बनाए रखने पर ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि… (विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
आपको सुख-सुविधाओं की कमी महसूस हो सकती है और खुशियां नदारद हो सकती है… (विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
इस अवधि आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता हो सकती है… (विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
इस दौरान आपको अपने प्रयासों के बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे और आप तेज़ी से विकास करेंगे… (विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
आपको करियर में रुकावटें आ सकती हैं, नौकरी में बदलाव करने की सोच सकते हैं और… (विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
आपको अच्छा मात्रा में धन कमाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है… (विस्तार से पढ़ें)
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. बुध सिंह राशि में अस्त कब होने जा रहा है?
बुध महाराज 14 सितंबर 2024 की दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर सिंह राशि में अस्त होने जा रहे हैं।
2. बुध कौन सी राशि में उच्च के होते हैं?
ज्योतिष के मुताबिक, बुध ग्रह कन्या राशि में उच्च के होते हैं।
3. बुध का गोचर कितने दिनों का होता है?
बुध का गोचर लगभग 14 से 30 दिनों के बीच का होता है।
मृगशिरा नक्षत्र में आ चुके हैं बृहस्पति, इन राशियों पर बरसेगा पैसा, वैभव और समृद्धि
ज्योतिषशास्त्र में बृहस्पति ग्रह को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। बृहस्पति एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में लगभग एक वर्ष का समय लेते हैं जिससे उन्हें सभी 12 राशियों में गोचर करने में 12 वर्षों का समय लग जाता है। इस प्रकार बृहस्पति का एक राशि में दोबारा संचरण पूरे 12 वर्षों के बाद ही हो पाता है।
देवताओं के गुरु बृहस्पति राशि परिवर्तन करने के अलावा समय-समय पर नक्षत्र में परिवर्तन भी करते रहते हैं। गुरु 20 अगस्त को मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर चुके हैं और वे इस नक्षत्र में नवंबर 2025 तक रहने वाले हैं। बृहस्पति के नक्षत्र परिवर्तन करने से सभी राशियों के जातकों का जीवन प्रभावित होगा लेकिन कुछ राशियां ऐसी हैं जिन्हें इससे सबसे अधिक लाभ होने की संभावना है।
इस ब्लॉग के ज़रिए हम आपको उन्हीं राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें गुरु के नक्षत्र परिवर्तन करने से सबसे ज्यादा फायदा होगा लेकिन उससे पहले मृगशिरा नक्षत्र के बारे में जान लें।
ज्योतिष में मृगशिरा नक्षत्र का महत्व
वैदिक ज्योतिष में कुल 27 नक्षत्रों में मृगशिरा नक्षत्र को पांचवे स्थान पर रखा गया है। इस नक्षत्र के स्वामी ग्रह मंगल हैं। यह हिरण के सिर की तरह दिखाई देता है। इस नक्षत्र के सोमा और लिंग स्त्री हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग जिज्ञासु स्वभाव के होते हैं। ये हमेशा नई-नई खोज करने के लिए तैयार रहते हैं। अपने ज्ञान और अनुभव को बढ़ाना ही इनका एकमात्र लक्ष्य होता है। ये बहुत हंसमुख, मिलनसार और विनम्र स्वभाव के होते हैं।
तो चलिए अब जानते हैं कि बृहस्पति के इस नक्षत्र में प्रवेश करने पर किन राशियों को फायदा होगा।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
इन राशियों की चमकेगी किस्मत
वृषभ राशि
बृहस्पति नक्षत्र परिवर्तन कर के वृषभ राशि के लग्न भाव में संचरण कर रहे हैं। आपको अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलने के आसार हैं। यदि आपका कोई काम लंबे समय से अटका हुआ है, तो अब वह भी बन सकता है। आपकी आमदनी में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी जिससे आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आने की उम्मीद है।
विदेश जाने का सपना देख रहे हैं, तो अब आपका यह सपना ज़रूर पूरा होगा। आपको अपने कार्यक्षेत्र में कोई शुभ समाचार मिलने के संकेत हैं। आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहने वाला है। लंबे समय से किसी बीमारी से परेशान हैं, तो अब आपको उससे छुटकारा मिल सकता है। आप अपने प्रेम जीवन का भरपूर आनंद उठाएंगे। आपके और आपके पार्टनर के बीच प्यार बढ़ेगा। वहीं सिंगल जातकों को अपने सपनों का साथी मिल सकता है।
बृहस्पति के मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करने से कन्या राशि के लोगों के अच्छे दिन शुरू हो गए हैं। आपको अपनी किस्मत का पूरा साथ मिलेगा। इसके साथ ही आप अपने करियर में खूब तरक्की करेंगे। आपको भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी और आपका जीवन खुशियों से भर जाएगा। आपके लिए प्रमोशन के साथ-साथ वेतन में वृद्धि के योग भी बन रहे हैं।
आपकी आय के नए स्रोत बनेंगे। आपको शेयर मार्केट से भी मुनाफा कमाने को मिल सकता है। आप अपने काम और व्यवहार से समाज में अपनी पहचान बना पाने में सक्षम होंगे।
गुरु नक्षत्र परिवर्तन करने पर कर्क राशि के ग्यारहवें भाव में विराजमान हैं। यह आय का भाव है और इस समय आपकी आमदनी में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। आपके लंबे समय से रुके हुए काम अब पूरे हो सकते हैं। आपको अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलने के योग हैं। आपको अचानक धन लाभ हो सकता है।
आपको अपने कार्यक्षेत्र में सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। आप इस समय अपनी नौकरी से संतुष्ट महसूस करेंगे। आपके काम की प्रशंसा होगी एवं आपके उच्च अधिकारी भी आपका पूरा सहयोग करेंगे। इससे आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचने में मदद मिलेगी। व्यापारियों को खूब मुनाफा होने की उम्मीद है। आपके लिए धन लाभ के योग भी बन रहे हैं।
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सूर्य ग्रहण के साथ ही पड़ रही है सर्व पितृ अमावस्या, जानें मानव जीवन पर क्या पड़ेगा इसका प्रभाव
इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण अक्टूबर माह में होने जा रहा है। इस दौरान पितृ पक्ष चल रहे होंगे और सर्व पितृ अमावस्या के दिन ही सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। इस बार 17 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू हो रहे हैं। 02 अक्टूबर, 2024 को सर्व पितृ अमावस्या है और इस तिथि को ही रात के 09 बजकर 13 मिनट से सूर्य ग्रहण शुरू होगा और इसका समापन 03 बजकर 17 मिनट पर होगा।
यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं है। ज्योतिष की मानें तो भारत में इस ग्रहण का कोई धार्मिक महत्व नहीं होगा। ज्योतिषियों के अनुसार 02 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण पर भारत में मंदिरों के पट बंद नहीं किए जाएंगे। वहीं श्राद्ध कर्म पर भी इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
कब लगता है सूर्य ग्रहण
जब चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है और इस वजह से धरती के कुछ हिस्से पर सूर्य की रोशनी नहीं पड़ पाती है, तब सूर्य ग्रहण लगता है। सूर्य का कितना भाग चंद्रमा ने ढका है, इस पर निर्भर करता है कि ग्रहण किस प्रकार का है।
जिस दौरान राहु और सूर्य किसी राशि में एक साथ उपस्थित होते हैं, तब ग्रहण योग बनता है। वैदिक ज्योतिष में इस योग को अत्यंत अशुभ और अमंगल माना गया है।
सूर्य ग्रहण के ही दिन सर्व पितृ अमावस्या है लेकिन ग्रहण का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। जिस तरह सर्व पितृ अमावस्या पर श्राद्ध किया जाता है, वैसे ही सब होगा।
बता दें कि सर्व पितृ अमावस्या पर उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु की तिथि के बारे में पता नहीं होता है या श्राद्ध पक्ष के अन्य दिनों पर उनका श्राद्ध नहीं किया गया हो। इसे महालय समापन या महालय विसर्जन के नाम से भी जाना जाता है।
सर्व पितृ अमावस्या पर अपने पितरों का श्राद्ध करना बहुत जरूरी होता है। इससे आपके पूर्वज आपसे प्रसन्न रहते हैं और आपको सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
श्राद्ध कर्म में पूर्वजों को हमेशा ताजे और सुगंधित पुष्प ही अर्पित करें। इसमें आप गुलाब या सफेद रंग के फूल ले सकते हैं।
पितरों का पिंडदान नदी या झील के किनारे ही किया जाना चाहिए।
सर्व पितृ अमावस्या पर ब्राह्मणों को भोजन करवाने का भी बहुत महत्व है। हालांकि, चरित्रहीन, रोगी या मांस खाने वाले व्यक्ति को श्राद्ध कर्म में नहीं बुलाना चाहिए।
इस दिन ब्राह्मण को भोजन करवाने या दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
सर्व पितृ अमावस्या पर चना, हरी सरसों के पत्ते, जौ, मसूर की दाल, मूली, लौकी, खीरा और काला नमक न खाएं।
सर्व पितृ अमावस्या पर अपने घर आने वाले किसी भी जीव या अतिथि का अनादर नहीं करना चाहिए। इससे आपके पितर आपसे नाराज़ हो सकते हैं।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. सर्व पितृ अमावस्या 2024 कब है?
उत्तर. सर्व पितृ अमावस्या 02 अक्टूबर 2024 को पड़ रही है।
प्रश्न 2. सर्व पितृ अमावस्या पर किसका श्राद्ध किया जाता है?
उत्तर. इस दिन उन लोगों का श्राद्ध कर्म किया जाता है जिनकी मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं होती है।
प्रश्न 3. क्या सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा?
उत्तर. 03 अक्टूबर 2024 को लगने वाला ग्रहण भारत में नज़र नहीं आएगा।
प्रश्न 4. पितृ पक्ष 2024 कब से आरंभ हो रहे हैं?
उत्तर. श्राद्ध 17 सितंबर 2024 से शुरू हो रहे हैं।
प्रश्न 5. पितृ पक्ष में क्या किया जाता है?
उत्तर. पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण करने का विधान है।