अक्टूबर में दो बार बुध बदलेंगे अपनी चाल, चमकाने वाले हैं इन राशियों की किस्मत
बुध के गोचर के लिए अक्टूबर का महीना बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस महीने में बुध दो बार गोचर करने वाले हैं और एक बार उदित भी होंगे। बता दें कि पहले बुध महाराज 10 अक्टूबर 2024 की सुबह 11 बजकर 09 मिनट पर तुला राशि में गोचर करेंगे। इसके बाद 22 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 58 मिनट पर तुला राशि में उदित होंगे और फिर 29 अक्टूबर को रात को 10 बजकर 24 मिनट पर वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
इस प्रकार अक्टूबर में बुध का दो बार गोचर होगा। ज्ञान और बुद्धि के कारक बुध के संचरण से सभी राशियों के लोगों का जीवन प्रभावित होगा लेकिन कुछ राशियां ऐसी हैं जिन्हें इस दौरान सबसे अधिक लाभ मिलने की संभावना है। इस ब्लॉग में आगे विस्तार से उन्हीं राशियों के बारे में बताया गया है जिन्हें बुध के गोचर से अपार सफलता मिलने के आसार हैं।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
इन राशियों का चमकेगा भाग्य
तुला राशि
बुध का पहला गोचर तुला राशि में ही होने जा रहा है। इसके अलावा बुध उदित भी इस ग्रह की राशि में ही होंगे। तुला राशि के जातकों के लिए बुध के दोनों ही गोचर फायदेमंद साबित होंगे। इस समय आपका आत्मविश्वास काफी बढ़ जाएगा। आपको अपने करियर में जिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, अब वे सब समाप्त हो जाएंगी। व्यापारियों को भी अधिक मुनाफा होने की उम्मीद है।
आपकी धन-संपत्ति में वृद्धि होगी और आपको समय-समय पर आकस्मिक धन लाभ होने की उम्मीद है। सिंगल जातकों के लिए शादी का प्रस्ताव आ सकता है। इस समय आपकी वाणी में मधुरता बढ़ेगी जिससे आप लोगों को प्रभावित करने में सफल होंगे।
बुध के गोचर वृश्चिक राशि के जातकों के आर्थिक जीवन को सीधी तरह से प्रभावित करेंगे। आप इस समय पैसों की बचत करने में सक्षम होंगे। सेविंग करने के कारण आपकी वित्तीय स्थिति मज़बूत रहने वाली है। यदि आपको अब तक पैसों की तंगी का सामना करना पड़ रहा है, तो अब आपकी यह समस्या दूर हो जाएगी।
आप सभी प्रकार की सुख-सुविधाओं का आनंद लेंगे। आपका जीवन पहले से बेहतर होने वाला है। इस समय आपके अंदर एक अलग ही जुनून देखने को मिलेगा। आपका आत्मविश्वास भी बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा। आपको अपने कार्यों में निश्चित ही सफलता मिलेगी। आपकी योजनाओं के भी सफल होने की उम्मीद है। आपके सारे सपने पूरे होंगे और समाज में आपका मान-सम्मान भी बढ़ेगा। नौकरीपेशा जातकों के लिए तरक्की के योग बन रहे हैं।
बुध के गोचरों से लाभान्वित होने वाली राशियों में आखिरी नाम मकर राशि का है। यह महीना मकर राशि के जातकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। आपको अपने व्यवसाय में सफलता मिलने के योग हैं। नौकरीपेशा जातकों को भी प्रमोशन मिल सकता है। आपको अपने कार्यक्षेत्र में वो सब कुछ मिलेगा, जिसकी आपने बस कल्पना ही की थी।
आपने पूर्व में जो मेहनत की है, अब आपको उसका फल मिलने वाला है। इस समय आप तरक्की की सीढ़ी चढ़ते हुए नज़र आएंगे। आपको आकस्मिक धन लाभ हो सकता है। व्यापारी कोई नया बिज़नेस शुरू करने के बारे में सोच सकते हैं। नौकरी की तलाश कर रहे जातकों को भी अच्छी नौकरी मिल सकती है।
बुध को बुद्धि और सीखने की क्षमता का कारक बताया गया है। बुध सीखने की क्षमता को बढ़ाते हैं और व्यापार के क्षेत्र में सफलता प्रदान करते हैं। कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति उत्तम स्वास्थ्य और खुशियां लेकर आती है। इस ग्रह के प्रभाव में जातक अपने व्यापार के संबंध में गहराई से रिसर्च करने और सोच-समझकर निर्णय लेने के लिए प्रेरित रहते हैं। कुंडली में बुध देव की मज़बूत स्थिति अध्यात्म और व्यापार में रुचि रखने को बढ़ावा देती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. बुध तुला राशि में कब गोचर कर रहे हैं?
उत्तर. बुध 10 अक्टूबर को तुला राशि में संचरण करेंगे।
प्रश्न 2. अक्टूबर में बुध किस राशि में उदित हो रहे हैं?
उत्तर. 22 अक्टूबर को बुध तुला राशि में उदित होंगे।
प्रश्न 3. 29 अक्टूबर को बुध किस राशि में प्रवेश करेंगे?
उत्तर. 29 अक्टूबर को बुध का संचरण वृश्चिक राशि में होगा।
प्रश्न 4. बुध ग्रह किन राशियों के स्वामी हैं?
उत्तर. बुध को मिथुन और कन्या राशि का आधिपत्य प्राप्त है।
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शारदीय नवरात्रि: दूसरे दिन के ये अचूक उपाय भर देंगे झोली- एक बार अवश्य आजमाएँ!
समय चल रहा है शारदीय नवरात्रि का और प्रतिपदा या घट स्थापना के बाद अब बारी है नवरात्रि की द्वितीया तिथि की। वर्ष 2024 में नवरात्रि की द्वितीया तिथि कब पड़ने वाली है, द्वितीया तिथि पर देवी के किस स्वरूप की पूजा की जाती है, इनकी पूजा करने का क्या महत्व होता है, देवी के द्वितीय स्वरूप को किस चीज का भोग प्रिय होता है, कौन सा रंग प्रिया होता है और क्या कुछ उपाय करके हम देवी की कृपा अपने जीवन में प्राप्त कर सकते हैं आपके इन सभी सवालों का जवाब आपको मिलेगा एस्ट्रोसेज के इस खास ब्लॉग में।
तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं हमारा नवरात्रि स्पेशल यह विशेष अंक और जान लेते हैं शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण और जानने वाली बातों की जानकारी। सबसे पहले बात करें कि वर्ष 2024 में नवरात्रि की द्वितीया तिथि कब पड़ने वाली है तो,
वर्ष 2024 में नवरात्रि का दूसरा दिन द्वितीया तिथि के रूप में मनाया जाएगा जो की 4 अक्टूबर 2024 शुक्रवार के दिन पड़ने वाला है। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व बताया गया है। इसके अलावा बात करें नवरात्रि की द्वितीया तिथि के हिंदू पंचांग की तो, इस दिन द्वितीया तिथि रहेगी, पक्ष शुक्ल रहेगा, नक्षत्र चित्रा रहेगा, योग वैधृति योग रहेगा। बात करें इस दिन के अभिजीत मुहूर्त की तो यह 11:45:53 सेकंड से लेकर 12:33:2 सेकंड तक का रहेगा।
कैसा है माँ का स्वरूप?
अब बात करें मां के स्वरूप की तो जैसा कि हमने पहले भी बताया कि नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व बताया गया है। मां का स्वरूप कैसा है इस बारे में बात करें तो मां ब्रह्मचारिणी को इस लोक के समस्त चर और अचर जगत की विद्याओं का ज्ञाता माना जाता है। मां का स्वरूप श्वेत वस्त्र में लिपटी हुई कन्या के रूप में दर्शाया गया है जिनके एक हाथ में अष्टदल की माला है, दूसरे हाथ में इन्होंने कमंडल धारण किया हुआ है, यह अक्षय माला और कमंडल धारिणी ब्रह्मचारिणी नामक दुर्गा शास्त्रों के ज्ञान और निगमागम तंत्र मंत्र से संयुक्त मानी जाती हैं।
मान्यता है कि जो कोई भी भक्त मां ब्रह्मचारिणी की पूजा भक्ति भाव से करता है मां उन पर अपनी सर्वज्ञ संपन्न विद्या न्योछावर कर देती हैं। मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप बहुत ही सदा और भव्य है। अन्य देवियों की तुलना में देखें तो मां का यह स्वरूप बेहद ही सौम्य, क्रोध से रहित और बहुत जल्द प्रसन्न होकर वरदान देने वाला माना गया है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
देवी ब्रह्मचारिणी का नाम दो अक्षरों से मिलकर बना है ब्रह्मा जिसका अर्थ होता है तपस्या और चारणी का अर्थ होता है आचरण करने वाली, अर्थात माता के नाम का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली माता। कहा जाता है कि जो कोई भी भक्त मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना करते हैं उन्हें सुख, सौभाग्य, आरोग्य जीवन, आत्मविश्वास में वृद्धि, आयु और अभय की प्राप्ति होती है।
बहुत से लोग मां ब्रह्मचारिणी को ब्राह्मी के नाम से भी जानते हैं। अगर आप परिस्थितियों में या यूं कहिए नकारात्मक परिस्थितियों में बहुत जल्दी व्याकुल हो उठते हैं या आपके जीवन में कोई कठिन दौर चल रहा है जिससे आपके जीवन से शांति भंग हो गई है तो माता के इस स्वरूप की पूजा और उपवास अवश्य करें। इससे आपको शांति मिलेगी।
…तो ऐसे पड़ा माँ का नाम ब्रह्मचारिणी
कहते हैं मां दुर्गा ने पार्वती के रूप में पर्वत राज के यहां पुत्री बनाकर जन्म लिया और इसके बाद महर्षि नारद के कहने पर उन्होंने अपने जीवन में महादेव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की। हजारों वर्षों तक कठिन तपस्या के कारण मां का नाम तपश्चारिणी या ब्रह्मचारिणी पड़ गया। अपनी तपस्या की अवधि ने उन्होंने कई वर्षों तक निराहार रहकर और बेहद ही कठिन तप करके महादेव को प्रसन्न किया था। उनके इसी तप के प्रतीक के रूप में नवरात्रि के दूसरे दिन मां के इस स्वरूप की पूजा की जाती है।
बात करें मां के पूजा मंत्र, प्रिय भोग और शुभ रंग की तो इस दिन की पूजा में यह मंत्र अवश्य शामिल करें:
या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।
नवरात्रि के बारे में कहा जाता है कि नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों को अलग-अलग भोग लगाने का महत्व होता है। ऐसे में बात करें दूसरे दिन के भोग की तो मां भगवती को चीनी का भोग बेहद प्रिय है। ऐसे में अगर कुछ बहुत भव्य नहीं तो आप इस दिन की पूजा में माँ को चीनी का भोग अवश्य लगाएँ। ऐसा करने से आपको लंबी आयु का वरदान प्राप्त होगा। जीवन से रोग, शोक और दुख दूर होंगे, साथ ही आपके जीवन में अच्छे विचार आने लगेंगे।
इसके अलावा रंग की बात करें तो नवरात्रि के दूसरे दिन का संबंध पीले रंग से जोड़कर देखा जाता है। ऐसे में इस दिन माता को भी पीले रंग के वस्त्र धारण कराएं और हो सके तो खुद भी पीले रंग के वस्त्र पहनकर इस दिन की पूजा करें। इसके अलावा आप छोटे-छोटे उपाय भी कर सकते हैं जैसे इस दिन की पूजा में पीले फूल, पीली मिठाई, आदि भी शामिल करें। पीला रंग माँ के पालन पोषण करने के स्वभाव को दर्शाता है। इसके साथ ही पीला रंग सीखने और ज्ञान का संकेत भी माना गया है और यह रंग उत्साह, खुशी और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है।
शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन अवश्य आजमाएं यह अचूक उपाय
अंत में बात करें इस दिन किए जाने वाले कुछ ज्योतिषीय उपायों की तो,
नवरात्रि के दूसरे दिन आप थोड़ी सी मिश्री लेकर इस पर 108 बार माता के मंत्र का जाप करें। इसके बाद इस मिश्री को अपने बच्चों को खिला दें। ऐसा करने से आपका बच्चा मेधावी, होनहार, बुद्धिमान बनेगा।
वैवाहिक जीवन में प्रेम और सद्भावना बनाए रखने के लिए आप लाल या फिर काले गुंजा के पांच दाने ले लें। इसे एक मिट्टी के बर्तन में या फिर मिट्टी के दीए में शहद भरकर उसमें डुबो दें। इस उपाय को करते समय अपने जीवनसाथी का नाम अवश्य लेते रहें और कोशिश करें कि यह उपाय जीवनसाथी के अलावा कोई और ना जान पाए।
जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष की समस्या है जिसकी वजह से उनका विवाह नहीं हो पा रहा है उन्हें चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद पाकर शुद्ध किया हुआ मंगल रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।
आर्थिक परेशानी जीवन में निरंतर बनी हुई है और धन संचित नहीं कर पा रहे हैं तो नवरात्रि के दूसरे दिन स्नान करने के बाद एक सबूत फिटकरी का टुकड़ा लेकर इसे लाल कपड़े में बांधकर घर या ऑफिस के मुख्य द्वार पर टांग दें।
करियर में तरक्की प्राप्त करना चाहते हैं तो नवरात्रि के दूसरे दिन थोड़ा सा कच्चा सूत लेकर उसे केसर से रंग लें फिर इस रंगे हुए सूत्र को अपने व्यापार स्थल पर बांध दें। अगर आप नौकरी करते हैं तो आप इसे अपनी अलमारी, दराज, मेज में भी रख सकते हैं।
इसके अलावा अगर आप अपने जीवन में मनोबल बढ़ाना चाहते हैं, अपने जीवन में ऊर्जा के बढ़ोतरी करना चाहते हैं तो माँ ब्रह्मचारिणी के चरणों में तीन मुखी रुद्राक्ष रखकर उसकी विधिपूर्वक पूजा करें और फिर इसे धारण कर लें। हालांकि कोई भी रुद्राक्ष या फिर रत्न धारण करने से पहले विद्वान ज्योतिषियों से परामर्श हमेशा ले लें।
अगर आप अपने ज्ञान में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, जीवन में शांति हासिल करना चाहते हैं तो मां ब्रह्मचारिणी के स्रोत का पाठ करें। तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्। ब्रह्मरूप धरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥ शङ्कर प्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी। शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1: नवरात्रि का 2 दिन कौन सा है?
वर्ष 2024 में नवरात्रि का दूसरा दिन या द्वितीया तिथि 4 अक्टूबर 2024 शुक्रवार के दिन पड़ रही है।
2: नवरात्रि के दूसरे दिन क्या करना चाहिए?
नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा करें, उन्हें भोग में मिश्री अवश्य अर्पित करें, साथ ही इस दिन की पूजा में पीले रंग ज्यादा से ज्यादा शामिल करें।
3: नवरात्रि के दूसरे दिन माता को क्या भोग लगाएँ?
नवरात्रि के दूसरे दिन माता को चीनी मिश्री या फिर पीले रंग की वस्तुओं का भोग लगाएँ।
घटस्थापना पर बन रहे हैं अद्भुत संयोग- शुभ मुहूर्त में की पूजा तो मिलेगा अक्षय फल!
सनातन धर्म का सबसे खूबसूरत त्यौहार नवरात्रि का त्योहार जल्द ही शुरू होने वाला है। हम बात कर रहे हैं शारदीय नवरात्रि की। दरअसल वर्ष में कुल चार नवरात्रि पड़ती है जिनमें से दो गुप्त नवरात्रि कहलाती है और एक चैत्र नवरात्रि कही जाती है और एक शारदीय नवरात्रि काही जाती है। गुप्त नवरात्रि की तुलना में शारदीय और चैत्र नवरात्रि का महत्व अधिक माना जाता है।
आज के अपने इस खास ब्लॉग में हम शारदीय नवरात्रि के बारे में जानकारी हासिल करेंगे। साथ ही जानेंगे कि इस वर्ष शारदीय नवरात्रि किस दिन से प्रारंभ हो रही है, इस दिन घट स्थापना का मुहूर्त क्या रहेगा, इस दिन कौन-कौन से शुभ और दुर्लभ योग बन रहे हैं, साथ ही जानेंगे मां इस वर्ष कौन से वाहन पर बैठकर आगमन करने वाली हैं और उसका क्या अर्थ होता है।
सबसे पहले बात करें नवरात्रि प्रारंभ कब हो रही है तो दरअसल वर्ष 2024 में अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि अर्थात 3 अक्टूबर को सुबह 12:19 तक रहेगी और यह अगले दिन यानी 4 अक्टूबर को सुबह 2:58 पर समाप्त होगी। ऐसे में उदय तिथि के हिसाब से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ 3 अक्टूबर 2024 गुरुवार से होगा और 12 अक्टूबर 2024 शनिवार के दिन शारदीय नवरात्रि का समापन हो जाएगा।
शारदीय नवरात्रि 2024- घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
हिंदू मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है और साथ ही इस दिन कलश भी स्थापित किया जाता है जिसे घट स्थापना कहते हैं। घट स्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करना फलदाई रहता है। ऐसे में बात करें वर्ष 2024 में घट स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है तो 3 अक्टूबर को 6:19 से लेकर 7:23 तक घट स्थापना का शुभ मुहूर्त रहेगा।
साथ ही इस दिन अभिजीत मुहूर्त 11:52 से लेकर 12:40 तक रहेगा। ऐसे में इस दौरान घट स्थापना की जा सकती है। इससे आपको शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।
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क्या रहेगा मां का आगमन वाहन?
नवरात्रि के बारे में एक बेहद दिलचस्प बात होती है जो बहुत लोगों को नहीं पता होती है दरअसल यह है कि माँ किसी एक निश्चित वाहन पर बैठकर आगमन करती हैं और एक अन्य वाहन से उनका प्रस्थान हो जाता है। इसका अपने आप में एक अलग और महत्वपूर्ण अर्थ होता है।
बात करें शारदीय नवरात्रि में मां का आगमन वाहन क्या रहेगा तो दरअसल वर्ष 2024 में चूंकि नवरात्रि गुरुवार के दिन से प्रारंभ हो रही है ऐसे में मां का आगमन डोली से होगा। इसके अर्थ की बात करें तो जब भी माँ डोली से आगमन करती हैं तो यह सुख समृद्धि लेकर आने वाला साबित होता है।
इसके अलावा मां के प्रस्थान वाहन की बात करें अर्थात माँ किस वाहन पर बैठकर वापस अपने लोक को जाएंगी तो दरअसल इस वर्ष का माँ का प्रस्थान वाहन चरणायुध होने वाला है अर्थात बड़े पंजे वाला मुर्गा। जहां एक तरफ डोली की सवारी को शुभ माना गया है वहीं दूसरी तरफ मुर्गे की सवारी का देश पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।
इस नवरात्रि पर बन रहे हैं कई दुर्लभ और शुभ योग
घटस्थापना अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण होती है। हालांकि इस वर्ष जो बात घट स्थापना को और भी ज्यादा खास और महत्वपूर्ण बना रही है वो है इस दिन बनने वाले तमाम अद्भुत और शुभ योग। दरअसल इस साल घट स्थापना के दिन दुर्लभ योग इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा भी कई योग बन रहे हैं।
ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि अगर इन योगों में मां देवी दुर्गा की पूजा की जाए तो साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इन दुर्लभ योगों के बारे में विस्तार से बात करें तो एक तरफ तो इंद्र योग बन रहा है। इस योग का समापन 4 अक्टूबर को सुबह 4:24 पर होगा। इसके बाद आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर शिव वास योग का निर्माण होता है। इस दिन भगवान शिव कैलाश पर जगत की देवी मां गौरी के साथ विराजमान रहेंगे। ऐसे में इन योगों में अगर मां शक्ति दुर्गा की पूजा की जाए तो इससे व्यक्ति को मनोरथ सिद्धियों की प्राप्त होती है।
नवरात्रि का यह समय मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। ऐसे में यहां हम आपको कुछ ऐसे बेहद ही सरल और चमत्कारी उपाय बताने जा रहे हैं जिन्हें अपना कर आप अपने जीवन में सफलता, सुख, समृद्धि, संपन्नता, हासिल कर सकते हैं।
अगर आपके जीवन में आर्थिक परेशानी बनी हुई है तो इसके लिए शारदीय नवरात्रि के दौरान एक पीला कपड़ा लेकर इसमें लौंग बांधकर घर की तिजोरी में रख दें। आप खुद महसूस करेंगे कि धीरे-धीरे आपके जीवन में आर्थिक स्थिति में सुधार होने लग रहा है और कर्ज और दरिद्रता की परेशानी दूर हो रही है।
इसके अलावा अगर आपके जीवन में लड़ाई झगड़ा बहुत बढ़ गया है, घर में नकारात्मकता फैली हुई है, उदासी छाई रहती है तो नवरात्रि के दौरान सुबह के समय कपूर में दो लौंग डालकर जला दें और ऐसा आपको पूरी 9 दिनों तक करते रहना है। ऐसा करने से गृह कलेश और घर में फैली नकारात्मकता दूर होती है।
अगर आपके काम पूरे ना हो पा रहे हों, आपकी मेहनत के बावजूद आपको सफलता नहीं मिल रही हो जिससे आपका तनाव बढ़ रहा हो तो इसके लिए नवरात्रि के पूरे 9 दिनों तक चमेली के तेल में दो लौंग डालकर जलाएं और इस दीपक को बजरंगबली की तस्वीर के सामने रख दें। इस दौरान आपको दुर्गा चालीसा और हनुमान चालीसा का पाठ भी करना है। धीरे-धीरे आपको महसूस करेंगे कि आपके सभी रुके और अटके काम पूरे होने लग रहे हैं।
अगर आप अपने जीवन में सुख समृद्धि बनाए रखना चाहते हैं तो नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा को दो लौंग अवश्य अर्पित करें। ऐसा करने से आपके जीवन में सुख समृद्धि आने लगेगी और घर पर लगा नजर दोष भी दूर होगा।
अगर आपके घर में कोई बार-बार बीमार पड़ रहा है या आपका खुद का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता तो नवरात्रि के दौरान तवे पर भुने हुए सात आठ लौंग घर के किसी कोने में रख दें। ऐसा करने से सेहत में धीरे-धीरे सुधार आने लगेगा।
घटस्थापना की सही विधि
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा की चौकी उत्तर पूर्व दिशा में रख दें।
इसके बाद इस पर लाल रंग का साफ कपड़ा बिछा दें।
फिर मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति इस पर स्थापित कर दें।
इसके बाद पहले गणेश भगवान की पूजा करें और फिर कलश स्थापना करें।
इसके लिए शुद्ध मिट्टी में जौ मिला लें और इसे चौकी के बगल में रख दें। इसके ऊपर मिट्टी के कलश में जल भरकर रख दें। इसके साथ ही इसमें लौंग, हल्दी की गांठ, सुपारी, दूर्वा और ₹1 का सिक्का डालकर आम के पत्ते रखकर मिट्टी के ढक्कन से बंद कर दें। अब इसके ऊपर चावल या फिर गेहूं भर दें।
अब आपको पूरी नवरात्रि भर मां दुर्गा के साथ इस कलश की भी विधि व्रत पूजा करते रहना है।
सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि का यह समय बेहद ही शुभ, पावन और फलदाई माना जाता है। ऐसे में इस दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होता है जैसे कि,
सुबह की पूजा करने के बाद साधक को सोना नहीं है।
शारदीय नवरात्रि के दौरान लड़ाई, झगड़ा, अपशब्दों का इस्तेमाल भूल से भी ना करें।
शराब, मांस, मदिरा, नॉनवेज खाने से परहेज करें।
शारदीय नवरात्रि शुरू होने से पहले घर की साफ सफाई अच्छे से कर लें।
नवरात्रि में मंदिर को अच्छे से साफ करके नया आसान तैयार करें।
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की करें पूजा
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान बताया गया है। बात करें मां के स्वरूप की तो मां ने दाहिने हाथ में त्रिशूल लिया हुआ है, बाएं हाथ में कमल का फूल है और मां बैल की सवारी करती हैं। मां शैलपुत्री का रूप बेहद ही दिव्य और मनमोहक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि अगर मां शैलपुत्री की पूजा सच्चे मन और श्रद्धा के साथ की जाए तो इससे कुंडली में मौजूद चंद्रमा के बुरे प्रभाव दूर किए जा सकते हैं।
इसके अलावा क्योंकि माँ शैलपुत्री का जन्म पर्वत राज हिमालय के घर में हुआ था इसलिए माँ के इस स्वरूप को शैलपुत्री नाम से जाना जाता है।
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मां शैलपुत्री की पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी दुर्गा के मां शैलपुत्री स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि जिन लोगों के विवाह में दिक्कत आ रही है उन्हें माँ शैलपुत्री की पूजा अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से विवाह से जुड़ी सभी तरह की रुकावटें, परेशानियां दूर होती है। इसके अलावा मां शैलपुत्री पूजा से प्रसन्न होकर अच्छी सेहत का भी आशीर्वाद देती हैं।
मां शैलपुत्री को अत्यंत प्रिय है यह भोग
भोग की बात करें तो पहले दिन की पूजा में सफेद रंग को शामिल करना बेहद ही शुभ माना गया है। कहा जाता है मां शैलपुत्री को सफेद रंग बेहद ही प्रिय होता है। ऐसे आप उन्हें सफेद रंग की चीज अर्पित कर सकते हैं। साथ ही सफेद रंग के फूल, सफेद रंग के वस्त्र भी पूजा में शामिल करें। भोग की बात करें तो माता रानी को सफेद बर्फी या दूध से बनी कोई भी शुद्ध मिठाई अर्पित की जा सकती है। यह माता रानी को बेहद ही प्रिय होती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1: शारदीय नवरात्रि कब से प्रारंभ हो रही है?
वर्ष 2024 में शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर 2024 गुरुवार से प्रारंभ हो जाएगी और 12 अक्टूबर 2024 शनिवार के दिन समापन हो जाएगा।
2: घट स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है 2024 में?
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 6:19 से 7:23 तक रहने वाला है।
3: शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां के किस स्वरूप की पूजा की जाती है?
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है।
4: वर्ष 2024 में मां का आगमन वाहन क्या है?
वर्ष 2024 में चूंकि शारदीय नवरात्रि गुरुवार के दिन से प्रारंभ हो रही है ऐसे में मां का आगमन वाहन डोली रहेगा और इस वर्ष मां चरणयुद्ध पर बैठकर विदा लेंगी। अर्थात उनका प्रस्थान वाहन चरणयुद्ध रहेगा।
आश्विन अमावस्या में इन दो चीजों से तर्पण करने से पितर हो जाते हैं तृप्त और वंशजों को देते हैं आशीर्वाद!
सनातन धर्म में अश्विन माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या का विशेष महत्व है। इस अमावस्या को अश्विन अमावस्या, विसर्जनी अमावस्या और सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। अश्विन अमावस्या के साथ ही श्राद्ध की भी समाप्ति हो जाती है और पूर्वज अपने लोक वापस लौट जाते हैं। इसके अगले दिन से नवरात्रि की शुरुआत हो जाती है। अश्विन अमावस्या के दिन अपने पूर्वजों का पूरे विधि-विधान से श्राद्ध किया जाता है और वे अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
तो आइए आगे बढ़ते हैं और एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम जानते हैं अश्विन अमावस्या के बारे में और साथ ही, इस पर भी चर्चा करेंगे कि इस दिन किस प्रकार के उपाय करने चाहिए ताकि आप इन उपायों को अपनाकर अपने पितरों का विशेष कृपा प्राप्त कर सके। बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि विस्तार से।
सनातन धर्म में अश्विन अमावस्या के दिन बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। अश्विन अमावस्या का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है और इस दिन कई विशेष कर्मकांड और अनुष्ठान किए जाते हैं। इस दिन पितरों का तर्पण और श्राद्ध कर्म करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। इस दिन गंगा, यमुना या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करके पितरों का तर्पण करना अत्यधिक पुण्यकारी होता है।
जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है, उनके लिए अश्विन अमावस्या का दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस दिन पितृ दोष की शांति के लिए अनुष्ठान किए जाते हैं, जिससे व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति आती है।
अश्विन अमावस्या के दिन पितृ पक्ष का समापन होता है, जो श्राद्ध पक्ष के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पूर्वजों के लिए विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं, जिससे वे संतुष्ट होते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। अश्विन अमावस्या का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह पितरों के प्रति आस्था, श्रद्धा, और कृतज्ञता प्रकट करने का दिन है। इस दिन की गई पूजा-अर्चना और दान-पुण्य से न केवल पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली का भी संचार होता है।
अश्विन अमावस्या के दिन इस विधि से करें पितरों की पूजा
अश्विन अमावस्या का दिन पितरों की पूजा, तर्पण और श्राद्ध कर्म के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन विशेष पूजा विधि का पालन करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। आइए जानते हैं पूजा विधि के बारे में।
इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी, तालाब या घर के ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें।
स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें।
पूजा स्थल पर पूर्वजों की तस्वीर या पितृ यंत्र स्थापित करें।
कुश, तिल, जल, और पुष्प से पितरों का आह्वान करें और उनका ध्यान करें।
कुश के आसन पर बैठकर, दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पितरों का तर्पण करें। तर्पण करते समय अपने पितरों का नाम लेकर जल, दूध, और तिल मिश्रित पानी अर्पित करें।
इस दिन “ॐ पितृ देवताभ्यो नमः” मंत्र का जाप करते हुए पितरों को तर्पण अर्पित करें।
इस दिन अपने पितरों के नाम पर श्राद्ध कर्म करें। इसमें भोजन, पिंडदान, और अन्य आवश्यक कर्मकांड शामिल होते हैं। श्राद्ध कर्म के दौरान ब्राह्मणों को भोजन कराना बहुत अधिक पुण्यकारी माना जाता है।
अश्विन अमावस्या के दिन दान का विशेष महत्व होता है। इस दिन वस्त्र, अन्न, धन, और अन्य आवश्यक वस्तुएं ब्राह्मणों, गरीबों, और जरूरतमंदों को दान करें।
गौ-दान, अन्न-दान, और तिल-दान विशेष रूप से शुभ माना जाता है। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
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अश्विन अमावस्या व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक ब्राह्मण परिवार रहता था। इस परिवार का मुखिया देवदत्त था। वह बहुत धर्म-कर्म में विश्वास रखते थे और हमेशा अपने कर्तव्यों का पालन करते थे। लेकिन उनकी एक समस्या थी कि उनके घर में हमेशा किसी न किसी प्रकार की अशांति और दरिद्रता बनी रहती थी।
देवदत्त ने कई प्रयास किए, लेकिन उन्हें अपनी समस्याओं का समाधान नहीं मिल पा रहा था। एक दिन, उन्होंने एक ऋषि से इस बारे में परामर्श किया। ऋषि ने उन्हें बताया कि उनके पितृ दोष के कारण उनके घर में यह समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अश्विन अमावस्या के दिन व्रत रखें, पितरों का तर्पण करें और श्रद्धा पूर्वक उनकी पूजा-अर्चना करें।
ऋषि के निर्देशानुसार, देवदत्त ने अश्विन अमावस्या के दिन व्रत रखा। उन्होंने अपने पितरों का तर्पण किया, ब्राह्मणों को भोजन कराया और दान-पुण्य किया। इस व्रत और पूजा के प्रभाव से उनके पितर संतुष्ट हो गए और उन्हें आशीर्वाद दिया। इसके बाद, उनके घर में सुख-समृद्धि का वास हो गया और सभी समस्याएं दूर हो गईं। इस प्रकार, अश्विन अमावस्या व्रत का महत्व और अधिक बढ़ गया। इस व्रत और पूजा के माध्यम से व्यक्ति पितृ दोष से मुक्ति पा सकता है और अपने जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति कर सकता है।
अश्विन अमावस्या का दिन पितरों की शांति और कृपा प्राप्ति के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस दिन कुछ ख़ास उपाय करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति का वास होता है।
पितरों का तर्पण और श्राद्ध
अश्विन अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और श्राद्ध कर्म अवश्य करें। इस दिन कुश, तिल, जल, और जौ से तर्पण करने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है और वे प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
पीपल के वृक्ष की पूजा
इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसे में, इस दिन पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाकर, जल चढ़ाकर और सात बार परिक्रमा करके पितरों की कृपा अवश्य प्राप्त करें। साथ ही, पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर पितरों के लिए प्रार्थना करें और उन्हें याद करें।
गाय को रोटी खिलाएं
अश्विन अमावस्या के दिन गाय को रोटी, हरा चारा, और गुड़ खिलाने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। गाय को अन्न खिलाने से पितरों की आत्मा संतुष्ट होती है और वे अपने वंशजों को सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।
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तुलसी और दीपक का उपाय
घर के आंगन में तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं। तुलसी की पूजा और दीपदान से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
दान-पुण्य करें
इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान करना अत्यधिक पुण्यकारी होता है। तिल, गुड़, और काले वस्त्रों का दान करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा, इस दिन गौ-दान और भूमि-दान करना भी शुभ माना जाता है। इस दिन किया गया दान सौ गुना फलदायी होता है।
जल में तिल और जौ डालकर स्नान
अश्विन अमावस्या के दिन जल में तिल और जौ मिलाकर स्नान करें। इससे शरीर और मन की शुद्धि होती है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. साल 2024 में अश्विन अमावस्या कब मनाई जाएगी?
अश्विन अमावस्या इस वर्ष 02 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी।
2. अश्विन अमावस्या का महत्व क्या है?
अश्विन अमावस्या का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है और इस दिन कई विशेष कर्मकांड और अनुष्ठान किए जाते हैं।
3. अश्विन अमावस्या को किन-किन नामों से जाना जाता है?
अश्विन अमावस्या को विसर्जनी अमावस्या और सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता है।
साल के आखिरी सूर्यग्रहण से रहें सावधान, राशियों सहित गर्भवती महिलाओं पर डालेगा प्रभाव!
सूर्य ग्रहण 2024: 02 अक्टूबर 2024 को लगने वाला सूर्य ग्रहण साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा। धार्मिक नजरिए से ग्रहण की घटना को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। ग्रहण के दौरान कई तरह के कार्य करने की मनाही होती है। ऐसी मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को अपने गर्भ में पल रहे बच्चों का विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि इन पर ग्रहण का बुरा प्रभाव जल्दी पड़ता है। साल के आखिरी सूर्य ग्रहण का प्रभाव गर्भवती महिलाओं के अलावा सभी 12 राशियों पर भी देखने को मिलेगा। आइए एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में जानते हैं सूर्य ग्रहण से जुड़ी सभी जरूरी बातें।
सूर्य ग्रहण प्रकृति में होने वाली अद्भुत घटना है और इसे देखना एक मंत्रमुग्ध करने वाला नजारा होता है। सरल शब्दों में कहे तो सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी की परिक्रमा करते समय, सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है, जिससे सूर्य अवरुद्ध हो जाता है और सूर्य की रोशनी हम तक और पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती है। सूर्य का कितना भाग चंद्रमा द्वारा ढका हुआ है, इसके आधार पर ग्रहण कई प्रकार के होते हैं: पूर्ण, आंशिक और वलयाकार।
सूर्य ग्रहण के प्रकार
पूर्ण सूर्य ग्रहण: यह वह स्थिति होती है कि जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है। वह इतनी दूरी पर होता है कि सूर्य का प्रकाश कुछ समय के लिए पूरी तरह से पृथ्वी पर जाने से रोक लेता है और चंद्रमा की पूर्ण छाया पृथ्वी पर पड़ती है, जिससे लगभग अंधेरा सा हो जाता है। इस दौरान सूर्य पूर्ण रूप से दिखाई देना बंद हो जाता है। इसी घटना को पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
आंशिक सूर्य ग्रहण: जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी इतनी होती है कि चंद्रमा सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी पर जाने से पूर्ण रूप से नहीं रोक पाता है। इस वजह से चंद्रमा का कुछ ही साया पृथ्वी पर पड़ता है और पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूर्ण रूप से काला या अदृश्य नहीं होता। बल्कि उसका कुछ भाग दिखाई देता है। इस अवस्था को आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
वलयाकार सूर्य ग्रहण: वलयाकार सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढक लेता है, लेकिन पृथ्वी के चारों ओर अपनी आगे की कक्षा के कारण छोटा दिखाई देता है, इसे वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं।
हाइब्रिड सूर्य ग्रहण: सूर्य ग्रहण का सबसे असामान्य प्रकार, जो वलयाकार और पूर्ण ग्रहण के बीच बारी-बारी से होता है। हाइब्रिड ग्रहण के दौरान ग्रह के कुछ हिस्सों में वलयाकार ग्रहण होगा, जबकि अन्य में पूर्ण ग्रहण होगा।
सूर्य ग्रहण न केवल एक शानदार दृश्य अनुभव है, बल्कि वैज्ञानिक अवलोकन और ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि के लिए एक अवसर भी है, जो सौर मंडल और उनकी कक्षाओं में पृथ्वी-चंद्रमा-सूर्य संरेखण के बारे में जानकारी प्रदान करता है। चाहे आप एक अनुभवी खगोलशास्त्री, ज्योतिषी हों या ब्रह्मांड के चमत्कारों के बारे में जानने के लिए उत्सुक हों। सूर्य ग्रहण देखना हमारे सौर मंडल की जटिल और विस्मयकारी प्रकृति की याद दिलाता है।
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सूर्य ग्रहण 2024: समय, महीना और तिथि
अभी तक हमने सूर्य ग्रहण के बारे में बहुत कुछ जान लिया है कि वास्तव में सूर्य ग्रहण क्या होता है, यह कैसे दिखता है और यह कितने प्रकार का होता है। अब हम बात करेंगे 2024 में लगने वाले आखिरी सूर्य ग्रहण के बारे में। बता दें कि दूसरा व आखिरी सूर्य ग्रहण कंकणाकृति सूर्य ग्रहण या वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। यह बुधवार, 2 अक्टूबर 2024 की रात 09 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024 की सुबह 03 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा।
सूर्य ग्रहण कन्या राशि में हस्त नक्षत्र में घटित होगा। इस दिन सूर्य, बुध, केतु और चंद्रमा तीनों एक सीध में होंगे। साथ ही, मंगल और देवगुरु बृहस्पति पर भी इनकी दृष्टि रहेगी। शुक्र ग्रह सूर्य से दूसरे भाव में और वक्री शनि छठे भाव में स्थित होंगे। इस प्रकार का सूर्य ग्रहण कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में जन्मे जातकों और लोगों के लिए लाभकारी रहेगा।
सूर्य ग्रहण 2024: दृश्यता
तिथि
दिन व दिनांक
सूर्य ग्रहण प्रारंभ समय
सूर्य ग्रहण समाप्त समय
दृढ़ता के क्षेत्र
आश्विन मास कृष्ण पक्ष अमावस्या
बुधवार 2 अक्टूबर, 2024
रात्रि 21 बजकर 13 मिनट से
मध्यरात्रि उपरांत 27:17 बजे तक (3 अक्टूबर की प्रातः 03:17 बजे तक)
दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी भागों, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक, चिली, पेरू, होनोलूलू, अंटार्कटिका, अर्जेंटीना, उरुग्वे, ब्यूनस आयर्स, बेका आइलैंड, फ्रेंच पॉलिनेशिया महासागर, उत्तरी अमेरिका के दक्षिण भाग फिजी, न्यू चिली, ब्राजील, मेक्सिको, पेरू (भारत में दृश्यमान नहीं)
2024 का आखिरी सूर्य ग्रहण: सूतक काल
अभी तक हमने सूर्य ग्रहण 2024 के बारे में बहुत कुछ जान लिया है लेकिन अब एक और सबसे महत्वपूर्ण बात करते हैं, वह है सूर्य ग्रहण के सूतक काल की। चूंकि 2 अक्टूबर 2024 को लगने जा रहा है और यह भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल लागू नहीं होगा।
हालांकि, सूतक क्या है और इस दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, इसके बारे में सभी को पता होना चाहिए। सूतक काल ग्रहण से पहले और बाद का वह काल होता है, जब शुभ कार्य या अनुष्ठान नहीं किए जाते हैं। इसे “निषेध काल” के रूप में जाना जाता है। इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य को शुरू या खत्म करना वर्जित होता है और इस अवधि को बेहद अशुभ माना जाता है। सूतक काल सूर्य ग्रहण से लगभग चार घंटे पहले या बारह घंटे पहले शुरू होता है और सूर्य ग्रहण काल समाप्त होने पर समाप्त होता है।
हर किसी को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण, ग्रहण काल शुरू होने से पहले ही ग्रहण के दौरान अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं को शुरू कर देना चाहिए। ग्रहण काल के दौरान हवन करना चाहिए। ग्रहण खत्म होने के बाद, लोगों को स्नान करना चाहिए शास्त्रों में भी ग्रहण के महत्व को समझाया गया है। माना जाता है कि ग्रहण खत्म होने के तुरंत बाद स्नान करने से शारीरिक और भावनात्मक रूप से व्यक्ति शुद्ध होता है।
2 अक्टूबर, 2024 को सूर्य और केतु की वजह से ग्रहण दोष बनेगा। जब सूर्य राहु और केतु की छाया में आ जाता है तोइस घटना को ग्रहण दोष के रूप में जाना जाता है। राहु और केतु को वैदिक ज्योतिष में पापी ग्रह माना जाता है, जो कर्म प्रभावों से जुड़ा हुआ है। जहां राहु और केतु की छाया सूर्य पर पड़ती है, वहां नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो लोगों को कई तरह से प्रभावित करती है।
ग्रहण दोष के प्रभाव
ग्रहण दोष का प्रभाव व्यापक हो सकता है, जो आपके जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित कर सकता है। चंद्र दोष या सूर्य ग्रहण दोष के संकेतों को पहचानना महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं ग्रहण दोष के प्रभाव से क्या होता है।
ग्रहण दोष धन से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। व्यक्ति को बार-बार धन की हानि हो सकती है और आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है।
इस दोष के प्रभाव से करियर में अनिश्चितता, अस्थिरता और रोजगार में चुनौतियाँ हो सकती हैं। व्यक्ति को अपनी मेहनत का पूरा फल नहीं मिल सकता।
व्यक्ति को मानसिक उलझनों और अनावश्यक चिंता का सामना करना पड़ता है। सही निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है, जिससे जीवन में परेशानियां बढ़ती हैं।
व्यक्ति वरिष्ठ नागरिकों का अनादर कर सकता है और उनकी सलाह को मानने से इंकार कर सकता है।
सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी और नुकसान, ये सभी ग्रहण दोष के नकारात्मक प्रभावों के संभावित परिणाम हैं। इसके परिणामस्वरूप अलगाव, अकेलापन, दोस्तों और परिवार से समर्थन की कमी की भावनाएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। इस प्रकार आप सामाजिक रूप से अलग-थलग महसूस कर सकते हैं।
ग्रहण दोष से विवाह में विलंब या समस्याएं आ सकती हैं। । आपकी जन्म कुंडली में ग्रहण दोष की उपस्थिति आपके लिए अनुकूल जीवन साथी की तलाश में देरी और कठिनाइयों का कारण बन सकती है। इसके अलावा, दांपत्य जीवन में असंतोष और कलह हो सकता है।
रिश्तों में सामंजस्य और विश्वास की कमी हो सकती है।
इसके अलावा, ग्रहण दोष से व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे मानसिक तनाव, आंखों की समस्या, और कभी-कभी लंबी बीमारियां।
दूसरे लोगों के कामों में दोष खोजने की प्रवृत्ति उत्पन्न हो सकती है।
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सूर्य ग्रहण 2024: सभी 12 राशियों पर प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के छठे भाव के स्वामी बुध के साथ केतु और सूर्य भी विराजमान हैं। छठे भाव में केतु और सूर्य आरामदायक स्थिति में होंगे। ऐसे में, यह अवधि आपके लिए अच्छी साबित होगी। आप अपने शत्रुओं पर हावी होंगे और आप हर प्रकार के कर्ज से मुक्त होंगे।
दूसरी ओर, सूर्य और केतु की युति ग्रहण दोष बनाती है इसलिए यह जातक के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इस अवधि के दौरान आप स्वार्थी व्यवहार कर सकते हैं। आप पर अहंकार हावी हो सकता है और आप बहुत जल्दी उत्तेजित हो सकते हैं। इसके अलावा, आप में भय और आंतरिक आत्मविश्वास की कमी हो सकती है। आपको अपने बॉस के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। गर्भवती महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए क्योंकि आपको प्रसव संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य चौथे भाव के स्वामी हैं और अब केतु के साथ पांचवें भाव में स्थित होंगे। कुंडली के पांचवें भाव में सूर्य और केतु की युति आपको असहज महसूस करना सकती है। साथ ही, आप मकान या अपनी कार से जुड़ी समस्याओं का सामना कर सकते हैं। शेयर बाजार से भी धन कमाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि इस अवधि किसी भी प्रकार के निवेश करने से बचे। स्वास्थ्य के लिहाज, से आपको पेट से जुड़ी समस्या होने की संभावना है। हालांकि, इन बाधाओं के बावजूद, आपको अपने हर काम में सफल मिलेगी।
मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य तीसरे भाव के स्वामी हैं। सूर्य और केतु आपके विलासिता, आराम और मां के चौथे भाव में स्थित होंगे। कुंडली के चौथे भाव में सूर्य और केतु की युति के परिणामस्वरूप, आपको कुछ वैवाहिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि, आप संपत्ति, सुख- सुविधाओं आनंद उठाएंगे। इस दौरान आप बहुत सारे नए दोस्त बनाएंगे। आप अपनी माँ की स्थिति को लेकर चिंतित हो सकते हैं। आपको आर्थिक नुकसान हो सकता है और आशंका है कि कार्यक्षेत्र में समस्याओं और तनाव का सामना करना पड़े।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य दूसरे भाव के स्वामी हैं और यह केतु के साथ तीसरे भाव में स्थित होंगे, जो छोटे भाई-बहनों, साहस और कौशल का भाव है। कुंडली के तीसरे भाव में सूर्य और केतु की युति व्यक्ति को अपने विरोधियों को हराने की क्षमता प्रदान करती है, लेकिन इस अवधि आपके अपने छोटे भाई-बहनों के साथ आपके रिश्ते खराब हो सकते हैं और निश्चित रूप से आपको परेशानी हो सकती है।
आपको सलाह दी जाती है कि सूर्य ग्रहण काल के दौरान उनसे झगड़ा न करें। सफलता प्राप्त करने के लिए, तीसरे भाव में केतु और सूर्य वाले लोगों को अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखने और बहुत प्रयास करने की आवश्यकता होगी।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए सूर्य पहले भाव या लग्न भाव के स्वामी हैं और यह परिवार, धन और वाणी के दूसरे भाव में स्थित होंगे। जब कुंडली के दूसरे भाव में सूर्य और केतु की युति होगी, तो आपको अपने आस-पास के लोगों से संवाद करने में कठिनाई हो सकती है।
हालांकि, यदि आपका धन रुका हुआ है या कहीं फंसा हुआ है तो आपको उसकी प्राप्ति होगी और इससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। लेकिन आपका स्वास्थ्य इस दौरान प्रभावित हो सकता है।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वह स्वयं के पहले भाव में स्थित होंगे। कुंडली के पहले भाव में सूर्य और केतु की युति के परिणामस्वरूप व्यक्ति को अच्छे व बुरे दोनों प्रकार के परिणाम प्राप्त होंगे। आप आत्मविश्वास से भरा हुआ महसूस करेंगे। जो कुछ भी करेंगे उसमें सफलता प्राप्त करेंगे।
हालांकि, पहले भाव में सूर्य के साथ केतु की युति आपको स्वभाव में अभिमानी बना सकती है और आपको गलत दिशा में ले जा सकती है। इस दौरान आपको धन हानि होने की आशंका है। इसके अलावा, रिश्ते में किसी तीसरे व्यक्ति के आने से आपके वैवाहिक जीवन में कलह हो सकती है। इस युति के प्रभाव में व्यक्ति घर बदलने का फैसला कर सकता है।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब केतु आपके बाहरवें भाव में स्थित होंगे। कुंडली के बारहवें भाव में सूर्य और केतु की युति होने पर आपके खर्चे बढ़ सकते हैं। इस युति के दौरान, आपका कोई मित्र आपको धोखा देने की कोशिश कर सकता है।
इसके अलावा, व्यापार में समस्याएं आ सकती हैं। आपको हल्की-फुल्की नेत्र संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही, आपके साथ कोई भयानक घटना घट सकती है। इसके अलावा, विदेश यात्रा आपके लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है।
वृश्चिक राशि
सूर्य आपके करियर के दसवें भाव के स्वामी हैं और अब आपके ग्यारहवें भाव घर में स्थित होंगे। कुंडली के ग्यारहवें भाव में सूर्य और केतु की युति के कारण आशंका है कि आपकी आय और धन के स्रोतों में कमी आएगी। इस अवधि कुछ लोगों के निवेश करने से सतर्क रहना होगा।
इस अवधि के दौरान, आपको और आपके साथ के बीच अधिक समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, आपके करियर लगातार बेहतर होता रहेगा। वृश्चिक राशि के कुछ जातकों के लिए इस ग्रहण के दौरान शेयर बाजार में निवेश करना उनके लिए फायदेमंद होगा। लेकिन आपको पेट से जुड़ी समस्या हो सकती है।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए सूर्य नौवें भाव के स्वामी हैं और अब सूर्य केतु के दसवें भाव में मौजूद होंगे। इस दौरान आपकी नौकरी पर अधिक प्रभाव पड़ सकता है। आशंका है कि अधिक प्रयासों के बावजूद भी आपको मनचाहा परिणाम प्राप्त न हो।
इस दौरान आपको नई-नई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि इस युति के दौरान अपने स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दें। आपको वित्तीय समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। यदि आपने किसी से उधार लिया था, तो उसे वापस करना आपके लिए इस दौरान मुश्किल हो सकता है।
सूर्य मकर राशि में बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है क्योंकि यह आपके आठवें भाव के स्वामी हैं और नौवें भाव में स्थित होने के कारण यह निश्चित रूप से आपके काम में देरी, रुकावट, बाधाएं और निराशा पैदा कर सकते हैं। कुंडली के नौवें भाव में सूर्य और केतु की युति के कारण व्यक्ति अभिमानी हो सकता है।
आप कंपनी के राजस्व में गिरावट को लेकर चिंतित हो सकते हैं। साथ ही, किसी कानूनी समस्याओं में फंस सकते हैं। इस दौरान आप विलासिताओं और फिजूलखर्ची अधिक कर सकते हैं। आशंका है कि आप किसी गंभीर स्वास्थ्य ग्रस्त हो, जिसके चलते तनाव में आ सकते हैं। आपको अपने पिता के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए क्योंकि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य सातवें भाव के स्वामी हैं और आठवें भाव में स्थित होंगे। कुंडली के आठवें भाव में सूर्य और केतु की युति असहमति का कारण बन सकती है और व्यक्ति के सम्मान या प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकती है, जिसके परिणामस्वरूप मानहानि हो सकती है।
आपको जुए की लत हो सकती है। हालांकि, पैतृक संपत्ति से आपको लाभ होगा। लेकिन, यात्रा करते समय आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वेतन पाने वाले लोग काम पर तनाव का अनुभव कर सकते हैं। इस अवधि में साथी के साथ बार-बार बहस हो सकती है। एक छोटी सी लड़ाई कुछ लोगों के लिए तलाक का कारण भी बन सकती है।
मीन राशि
मीन राशि के लिए सूर्य छठे भाव के स्वामी हैं और केतु के साथ सातवें भाव में स्थित होंगे। केतु के साथ सातवें भाव में सूर्य का होना बिल्कुल भी अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। कुंडली के सातवें भाव में सूर्य और केतु की युति के परिणामस्वरूप व्यक्ति का वैवाहिक जीवन प्रभावित हो सकता है। ऐसे में, आपको अपने जीवनसाथी के साथ बहस या टकराव से बचना चाहिए।
यह संयोजन आपके लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। इसके अलावा, माता-पिता और उनके बच्चों के बीच गलतफहमी हो सकती है। बिज़नेस पार्टनरशिप करने वाले लोगों का अपने पार्टनर से बहस या विवाद हो सकता है। आशंका है कि बात इतनी बढ़ जाए कि व्यापार पूरी तरह से बंद हो जाए और इस वजह से आपको आर्थिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़े।
सूर्य ग्रहण 2024 : प्रभावशाली उपाय
केतु के शांति के लिए पूजा करें।
मंगलवार को जरूरतमंद व गरीब लोगों को दान करें।
गरीबों को गेहूं दान करें।
संतुलित आहार खाकर, नियमित व्यायाम करके और अपने तनाव को नियंत्रित करके अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
भगवान गणेश की पूजा करें।
केतु मंत्र का जाप करने के लिए दिन में 108 बार “ऊँ कें केतवे नमः” का जाप करें।
केतु के अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए लेहसुनिया (बिल्ली की आंख) वाला रत्न पहनें।
सूर्य ग्रहण 2024: गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानियां
सूर्य ग्रहण का प्रभाव गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से प्रभावित कर सकता है इसलिए हम आपको वे कुछ विशेष बातें बता रहे हैं जिनका ध्यान गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के सूतक काल के प्रारंभ होने से लेकर सूतक काल की समाप्ति तक यानी कि सूर्य ग्रहण के समाप्त होने तक विशेष रूप से रखना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सूर्य ग्रहण का गर्भवती महिलाओं पर विशेष प्रभाव पड़ता है और उनके गर्भ में पल रही संतान पर भी इसका प्रभाव दृष्टिगोचर हो सकता है।
अब हम आपको बताते हैं कि ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए आप क्या विशेष उपाय कर सकते हैं, जिनसे आपको ग्रहण का कोई दुष्प्रभाव न हो।
सबसे पहले, एक गर्भवती महिला को ग्रहण को सीधे नहीं देखना चाहिए। ग्रहण काल के दौरान महिला को घर के अंदर रहना चाहिए और बाहर जाने से बचना चाहिए।
ग्रहण के दौरान, घर में चाकू या किसी अन्य नुकीली वस्तु का उपयोग करने से बचना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण काल में अगर फल और सब्ज़ियां काटी जाएं तो बच्चे के अंग कटे हुए होते हैं।
धातु के गहने, साड़ी पिन, हेयरपिन, कसने वाली पिन और अन्य सामान से दूर रहें।
ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र का जाप गर्भवती महिलाओं को अपनी भावनाओं को संतुलित करने में मदद कर सकता है और उन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
ग्रहण के दौरान बहुत सी महिलाएं जागती रहती हैं। ऐसे में, कुछ परंपराओं के अनुसार, महिलाओं को दूर्वा घास के साथ बिस्तर पर बैठकर ही संतान गोपाल मंत्र का जाप करना चाहिए।
ग्रहण से पहले और बाद में, महिलाओं को स्नान करना चाहिए।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1- क्या किसी भी कुंडली में सूर्य और केतु की युति शुभ होती है?
किसी भी कुंडली और किसी भी भाव में सूर्य और केतु की युति अधिकतर नकारात्मक परिणाम दे सकते हैं। सूर्य के आधिपत्य, भाव और दशा के अनुसार परिणामों की तीव्रता महसूस की जा सकती है।
2- मीन राशि के जातकों के लिए सूर्य किस भाव के स्वामी हैं?
मीन राशि के जातकों के लिए सूर्य प्रतिस्पर्धा, शत्रु और ऋण के छठे भाव के स्वामी हैं।
3- केतु किस राशि के स्वामी हैं?
केतु को वृश्चिक राशि का सह-स्वामी माना जाता है।
शेयर मार्केट में जबरदस्त प्रॉफिट दिलाता है राहु, जानें कौन से भाव में मिलता है शुभ परिणाम
बहुत लोग शेयर बाजार में हाथ आजमाते हैं, लेकिन बहुत कम लोग ही सफल हो पाते हैं जबकि बहुत सारे ऐसे मामले भी है, जिसमें शेयर बाजार में लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। आइए आचार्य भीम से जानते हैं व्यक्ति को कब मिलती है शेयर बाजार में सफलता, कुंडली में कौन से ग्रह शेयर बाजार में सफलता दिलाते हैं।
शेयर बाजार में सफलता के लिए जन्म कुंडली राहु का मजबूत होना जरूरी है। राहु एक छाया ग्रह है। साथ ही साथ राहु को तीक्ष्ण कूटनीति और तेज दिमाग का स्वामी माना जाता है जो कि शेयर बाजार में जरूरी है। राहु को चीज़ों के विस्तार और जुनून का कारक भी माना जाता है। यही नहीं अचानक धन लाभ का कारक भी राहु है। यदि कोई व्यक्ति शेयर बाजार में करियर बनाना चाह रहा हैं तो उसके कुंडली में राहु का मजबूत होना बहुत अधिक जरूरी है। खासकर जो जातक ट्रेडिंग के क्षेत्र में करियर बनाना चाह रहे हो।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
इस भाव में राहु देते हैं शुभ परिणाम
राहु तृतीय, पंचम और ग्यारहवें भाव में उच्च का माने जाते हैं। दशम भाव का भी राहु शेयर बाजार के लिए अच्छा माना जाता है। जिन जातकों की कुंडली में राहु इस भाव में होते हैं, ऐसे जातक खूब सफलता प्राप्त करते हैं। हालांकि, ऐसे जातक यदि शेयर ब्रोकिंग में सलाहकार और इससे संबंधित कोई नौकरी करते हैं, तो संभव है कि इन्हें करियर में इतनी सफलता न मिले। यदि राहु उच्चतम स्थिति में हैं तो जातक को शेयर बाजार में बहुत शानदार सफलता मिलती है। राहु मकर, कुंभ, कन्या राशि में उच्चतम प्रभाव देता है।
इसके साथ ही साथ कुंडली में बुध और बृहस्पति की स्थिति भी शेयर बाजार में सफलता के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
यदि बुध और बृहस्पति की स्थिति कुंडली में अच्छी नहीं है तो ऐसे लोगों को शेयर बाजार में निवेश करने के लिए इंतजार करना चाहिए और ट्रेडिंग से दूर रहना चाहिए।
दसवें, पंचम और छठा भाव का बुध शेयर बाजार में अच्छी सफलता दिलाता है। कुंडली का नौवां भाव अचानक धन लाभ की स्थिति पैदा करता है।
अगर कुंडली में केवल राहु अच्छा हो लेकिन बुध, बृहस्पति और नौवां भाव किसी जातक की कुंडली में ठीक ना हो फिर भी ऐसे जातक शेयर बाजार में प्रवेश करना चाहते हैं, तो ट्रेडिंग, और फ्यूचर ऑप्शन जैसे चीजों में न उलझ कर लंबी अवधि के लिए निवेश करें।
साथ ही साथ किसी जातक की कुंडली में राहु की स्थिति सही हो पर चंद्र की स्थिति सही ना हो या ग्रहण दोष या विष दोष जैसा कोई दोष हो तो ऐसे जातक को बिल्कुल भी ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए। ऐसे जातकों को ट्रेडिंग की लत बहुत जल्दी लगती है और ये इस कारण बहुत बार भारी नुकसान झेलते है।
ऐसे लोग को सलाह दी जाती है कि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करें। अचानक धन लाभ के चक्कर में ना पड़े।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. शेयर मार्केट के लिए कौन सा ग्रह मजबूत होना चाहिए?
कुंडली के पंचम भाव में पंचम भाव के स्वामी ग्रह मजबूत होते हैं, तब ऐसे लोगों को शेयर मार्केट में अच्छी सफलता मिलती है।
2. क्या राहु शेयर बाजार के लिए अच्छा है?
राहु काल का भारतीय संदर्भ में शेयर बाजार की चाल और गतिविधि पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
3. कौन सा ग्रह आपको अमीर बनाता है?
कुंडली में राहु की स्थिति मजबूत होने पर व्यक्ति रातों-रात अमीर हो जाता है। इसके साथ ही, व्यक्ति तरक्की करने लगता है।
इन राशियों के लिए अक्टूबर का महीना रहेगा शुभ- हर तरफ से मिलेगी सफलता!
अक्टूबर मासिक राशिफल 2024: अक्टूबर मासिक राशिफल के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार साल के दसवें महीने से जुड़ी ढ़ेरों महत्वपूर्ण और जानने योग्य बातें। साथ ही हम आपको यहां पर बताएंगे कि इस महीने में कौन-कौन से व्रत और त्योहार कब-कब किए जाएंगे, इस महीने कौन-कौन से ग्रहों का गोचर होने वाला है, कौन सा ग्रहण लगेगा, आदि। ऐसे में इन सभी महत्वपूर्ण बातों की जानकारी जानने के लिए यह खास ब्लॉग अंत तक अवश्य पढ़ें।
बात करें हिंदू माह की तो अक्टूबर के महीने में हिंदू कैलेंडर के दो बेहद ही अहम महीने अश्विन और कार्तिक के महीने पड़ने वाले हैं।
अधिक जानकारी: इस वर्ष अश्विन का महीना 19 सितंबर से शुरू होकर 17 अक्टूबर तक रहेगा। वहीं कार्तिक मास 18 अक्टूबर से 15 नवंबर तक रहने वाला है। हिंदू धर्म के अनुसार इन दोनों ही महीना का विशेष महत्व बताया गया है।
आश्विन माह का महत्व
अश्विन महिना साल का सातवां महीना होता है और ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह सितंबर से अक्टूबर के बीच में आता है। विक्रम संवत के अनुसार भाद्रपद महीने की पूर्णिमा के बाद की प्रतिपदा अश्विनी माह की पहली तिथि होती है। आश्विन मास का नाम अश्विनी नक्षत्र के चलते पड़ा है। जिस तरह सावन का महीना भगवान शिव का महीना माना जाता है और भाद्रपद को भगवान कृष्ण का महीना बोला जाता है ठीक उसी तरह आश्विन महीने को देवी दुर्गा का महीना कहा जाता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें साल में चार नवरात्रि मनाई जाती है और आमतौर पर चैत्र और शारदीय नवरात्र को बेहद ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रि आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में शुरू हो जाती है और विजयदशमी से ही इसका समापन हो जाता है। इन नौ दिनों की अवधि में हिंदू धर्म के अनुयाई व्रत रखते हैं और विधि विधान से मां दुर्गा की पूजा।
आश्विन मास के उत्सव
हिंदू धर्म के लोगों के लिए आश्विन मास का विशेष महत्व बताया गया है। इस महीने में पितरों को मुक्ति दिलाने और उन्हें शांति दिलाने और अपनी कुंडली से पितृ दोष दूर करने के लिए श्राद्ध कर्म किया जाता है। पितृपक्ष आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष में आता है। इसके बाद नवरात्रि का त्योहार शुरू हो जाता है जिसे मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने का सबसे उत्तम समय माना जाता है।
अश्विन मास 2024 महत्वपूर्ण व्रत- त्यौहार- जयंती और उत्सव
अब बात करें कि अश्विन के महीने में इस वर्ष कौन-कौन से महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार किए जाने वाले हैं तो,
कार्तिक का महीना हिंदू कैलेंडर का आठवां महीना माना गया है जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर और नवंबर में आता है। इस महीने के महत्व की बात करें तो यह भगवान विष्णु के प्रिय महीनों में से एक माना गया है और यह हिंदू धर्म के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है क्योंकि कार्तिक के इस पूरे महीने में स्नान- दान, पूजा आदि किया जाता है। कहा जाता है जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने इस महीने को अक्षय फल देने वाला महीना बताया है। इसके अलावा कार्तिक मास की महिमा का वर्णन करते हुए स्वयं भगवान ब्रह्मा ने कहा है कि, “कार्तिक महीना सभी महीनों में सबसे श्रेष्ठ है।”
कार्तिक मास में, भगवान विष्णु देवताओं में, तथा नारायण (बद्रिकाश्रम) तीर्थ में सबसे श्रेष्ठ है।
‘न कार्तिकसमो मासो न कृतेन सामं युगं, न वेदं सदृशं शास्त्रं न तीर्थ गंगाय समं’ अर्थात् कार्तिक के समान कोई मास नहीं, सतयुग के समान कोई युग नहीं, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं। ऐसे में इस महीने भगवान विष्णु के साथ तुलसी मां की पूजा करना बेहद फलदाई होता है। इसके अलावा इस महीने में गंगा स्नान, दीपदान, यज्ञ दान, आदि भी करने से व्यक्ति को अपनी सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
कार्तिक मास 2024 व्रत- त्यौहार, जयंती और उत्सव
अब बात करें कि इस साल कार्तिक के महीने में कौन-कौन से व्रत और त्योहार किस किस दिन किए जाने वाले हैं तो,
इतना तो स्पष्ट है कि, हिंदू धर्म में अश्विन का महीना और कार्तिक का महीना बेहद ही शुभ माना जाता है। इस महीने को और भी ज्यादा फलदाई बनाने के लिए इस महीने से संबंधित कुछ विशेष उपाय भी किए जा सकते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय चलिए जान लेते हैं:
अश्विन माह के ज्योतिषीय उपाय
बात करें आश्विन माह के दौरान किए जाने वाले उपायों की तो,
अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो इस महीने में पितरों के लिए पूजा अवश्य करें।
इसके अलावा अपने माता-पिता का सम्मान करें, उनकी सेवा करें। अगर आपको इस बात का ज्ञान नहीं है कि आपकी कुंडली में पितृ दोष है या नहीं तो आप अभी विद्वान ज्योतिषियों को अपनी कुंडली दिखाकर इस बात की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इसके अलावा अगर आपके विवाह में बाधा आ रही है तो अपने बड़े भाई की सेवा और सम्मान करें, अपने भाई बहनों के साथ मिलजुल कर रहे हैं।
कुंडली में मौजूद पितृ दोष को दूर करने के लिए पितृपक्ष के दौरान भगवान शिव की विशेष पूजा उपासना अवश्य करें।
अगर शादी तय होने में रुकावट आ रही है तो महामृत्युंजय मंत्र का रोजाना जाप करें।
पितृपक्ष के दौरान हर शनिवार के दिन पीपल की जड़ में काले तिल मिलाकर जल अर्पित करें।
इसके अलावा अगर आप शीघ्र विवाह करना चाहते हैं तो मां कात्यायनी की पूजा करें।
कार्तिक माह के ज्योतिषीय उपाय
अब बात करें कार्तिक माह में किए जाने वाले उपायों की तो,
इस महीने रोजाना तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें, शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक अवश्य जलाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आपके जीवन में धन संपदा बनी रहती है।
इसके अलावा तुलसी पर कच्चा दूध भी चढ़ाएं। इससे दरिद्रता का नाश होता है। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि तुलसी का पौधा हमेशा उत्तर या फिर पूर्व दिशा में ही रखें। ऐसा करने से आपके भाग्य में वृद्धि होगी।
भगवान विष्णु को तुलसी बेहद ही प्रिय मानी गई है। ऐसे में जब भी भगवान विष्णु का भोग तैयार किया जाता है तो उसमें एक तुलसी का पत्ता अवश्य डाला जाता है इसीलिए कार्तिक के महीने में भगवान विष्णु को जब भी भोग लगाएँ तो उसमें तुलसी दल जरूर डालें। ऐसा करने से भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी कृपा आपके जीवन पर बरसने लगेगी।
तुलसी विवाह के दिन तुलसी पर सुहाग की सामग्रियां चढ़ाएँ। इसके अलावा तुलसी को लाल चुनरी अर्पित करें। ऐसा करने से पति-पत्नी के रिश्ते की मिठास बनी रहती है।
ग्रहों का ज्योतिष में विशेष महत्व बताया गया है। ऐसे में जब भी कोई महत्वपूर्ण भविष्यवाणी करनी होती है तो इसके लिए ग्रहों की स्थिति और चाल का विशेष आकलन करना अनिवार्य हो जाता है। अक्टूबर का यह महीना सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा इस बात को जानने के लिए पहले ये जानने और समझने की आवश्यकता पड़ेगी कि इस महीने कौन-कौन से ग्रह कब-कब गोचर करने वाले हैं।
बात करें अक्टूबर 2024 के ग्रहण और गोचर की तो, 9 अक्टूबर को गुरु मिथुन राशि में वक्री होने वाले हैं इसका समय रहेगा 10 बजकर 01 मिनट।
इसके ठीक अगले दिन यानी 10 अक्टूबर को बुध का तुला राशि में गोचर हो जाएगा और इसका समय रहेगा 11 बजकर 09 मिनट।
13 अक्टूबर को 5 बजकर 49 मिनट पर शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर हो जाएगा।
17 अक्टूबर को 7 बजकर 27 मिनट पर सूर्य का तुला राशि में गोचर होने वाला है।
इसके बाद 20 अक्टूबर को मंगल का कर्क राशि में गोचर होगा। इसका समय होगा 15 बजकर 04 मिनट
फिर 22 अक्टूबर को 18 बजकर 58 मिनट पर तुला राशि में बुध उदय होने जा रहे हैं और
अंत में 29 अक्टूबर को 22 बजकर 24 मिनट पर बुध का वृश्चिक राशि में गोचर हो जाएगा।
यानी कि, अक्टूबर के महीने में जहां वृश्चिक राशि में शुक्र और बुध की युति होगी वहीं तुला राशि में सूर्य और बुध की युति होगी। यह दोनों ही युति बेहद महत्वपूर्ण रहने वाली है। आपकी राशि पर इन दोनों ही युतियों का क्या प्रभाव पड़ेगा यह जानने के लिए आप अभी विद्वान ज्योतिषियों से परामर्श ले सकते हैं।
इसके अलावा अक्टूबर के महीने में साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है। यह सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर 2024 को लगेगा। बात करें इससे संबन्धित जानकारी की तो,
दूसरा सूर्य ग्रहण 2024 – कंकणाकृति सूर्यग्रहण रहेगा।
तिथि- आश्विन मास कृष्ण पक्ष अमावस्या
दिन तथा दिनांक- बुधवार 2 अक्टूबर, 2024
सूर्य ग्रहण प्रारंभ समय (भारतीय स्टैंडर्ड टाइम के अनुसार)- रात्रि 21:13 बजे से
सूर्य ग्रहण समाप्त समय- मध्यरात्रि उपरांत 27:17 बजे तक (3 अक्टूबर की प्रातः 03:17 बजे तक)
दृश्यता का क्षेत्र- दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी भागों, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक, चिली, पेरू, होनोलूलू, अंटार्कटिका, अर्जेंटीना, उरुग्वे, ब्यूनस आयर्स, बेका आइलैंड, फ्रेंच पॉलिनेशिया महासागर, उत्तरी अमेरिका के दक्षिण भाग फिजी, न्यू चिली, ब्राजील, मेक्सिको, पेरू(भारत में दृश्यमान नहीं)
अक्टूबर 2024- शेयर बाज़ार की रिपोर्ट
अगर आप भी शेयर बाजार भविष्यवाणी में रुचि रखते हैं और जानना चाहते हैं कि अक्टूबर का महीना शेयर बाजार में क्या कुछ बदलाव या परिवर्तन लेकर आने वाला है तो चलिए इसके बारे में भी जानकारी हासिल कर लेते हैं। महीने की शुरुआत में अर्थात अक्टूबर की शुरुआत में सूर्य और बुध कन्या राशि में स्थित रहने वाले हैं। इसके अलावा मंगल मिथुन राशि में रहेंगे और शुक्र तुला राशि में बृहस्पति वृषभ राशि में और शनि कुंभ राशि में रहने वाले हैं। इसके अलावा नेप्चून और राहु मीन राशि में और प्लूटो मकर राशि में रहेंगे। इसके चलते शेयर बाजार में महीने की शुरुआत में तेजी देखने को मिल सकती है। इसके बाद 7 तारीख के बाद और भी ज्यादा तेजी शेयर बाजार में नजर आएगी। विशेष तौर पर बैंकिंग, फाइनेंस, पब्लिक सेक्टर, हेवी इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल इंडस्ट्री, हीरा उद्योग, चाय कॉफी उद्योग, वूलन इंडस्ट्री, इत्यादि में इस महीने तेजी देखने को मिल सकती है। आप भी शेयर बाजार भविष्यवाणी विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।
अक्टूबर 2024- जन्मे लोगों का व्यक्तित्व और जन्मदिन की जानकारी
ज्योतिष के अनुसार हमारा जन्म जिस भी महीने में हुआ होता है हमारे जीवन पर उस महीने से संबंधित शुभ अशुभ प्रभाव हमारे जीवन पर नजर आने लगते हैं। ऐसे में बात करें अक्टूबर के महीने में जन्म लेने वाले लोगों के व्यक्तित्व की तो, अक्टूबर में जन्म लेने वाले लोग अपनी बातों से लोगों का मन मोह लेते हैं और उन्हें लोगों से दोस्ती करना पसंद होता है। उनकी वाणी इतनी मीठी होती है कि लोग इनसे बात किए बिना खुद को रोक नहीं पाते हैं। इसके अलावा अक्टूबर में जन्म लेने वाले लोगों का स्वभाव बेहद ही शांत होता है।
आपको जल्दी लोगों पर गुस्सा नहीं आता है। यही वजह है कि आपके जीवन में दोस्त ज्यादा और दुश्मन कम होते हैं। इसके साथ ही आप अपने जीवन से नेगेटिविटी को दूर रखते हैं और सकारात्मकता अपने जीवन में लाने और दूसरों के जीवन में भी सकारात्मकता लाने में विश्वास रखते हैं। इसके अलावा अक्टूबर में जन्म लेने वाले लोग बहुत ही जल्दी लोगों से घुल मिल जाते हैं, लोगों से मीठी-मीठी बातें करते हैं और अपने जीवन के प्रति आशावादी होते हैं।
अपने जीवन में यह जो कुछ भी हासिल करते हैं वो अपनी मेहनत के दम पर नौकरी, प्रेम और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मोर्चों पर अक्टूबर के महीने में जन्म लेने वाले लोग बेहद ही भाग्यशाली रहते हैं। इन्हें जीवन में भाग्य का साथ मिलता है, इसके अलावा अक्टूबर में जन्म लेने वाले लोग स्वभाव से बेहद ही दयालु होते हैं। यह हर किसी की मदद के लिए हमेशा तत्पर तैयार नजर आते हैं।
अब बात करें कुछ मशहूर और चर्चित लोगों की जिनका जन्म अक्टूबर के महीने में हुआ है तो,
1 अक्टूबर श्रद्धा निगम
2 अक्टूबर रजिया खानम
4 अक्टूबर सोहा अली खान, श्वेता तिवारी
5 अक्टूबर अनुज सचदेवा
6 अक्टूबर मयंक चंद, सनी सिंह मेजर
8 अक्टूबर गौरी खान, मोना सिंह
9 अक्टूबर सयानी गुप्ता
10 अक्टूबर रेखा, रकुल प्रीत
11 अक्टूबर अमिताभ बच्चन, चंद्रचूर सिंह
12 अक्टूबर शक्ति मोहन
13 अक्टूबर पूजा हेगड़े
14 अक्टूबर परमीत सेठी
15 अक्टूबर अली फैज़ल
16 अक्टूबर राजीव खंडेलवाल, हेमा मालिनी
17 अक्टूबर सरिता जोशी, सिमी ग्रेवाल
18 अक्टूबर कुणाल कपूर
19 अक्टूबर सनी देओल
20 अक्टूबर नवजोत सिंह सिद्धू
21 अक्टूबर हेलेन, दुर्गेश कुमार
22 अक्टूबर परिणीति चोपड़ा
23 अक्टूबर मलाइका अरोड़ा, प्रभास
24 अक्टूबर मल्लिका शेरावत, ब्रूना अब्दुल्लाह
25 अक्टूबर सोनी राज़दान, कृतिका कामरा
26 अक्टूबर असीम, रवीना टंडन
27 अक्टूबर अनुराधा पौडवाल, पूजा बत्रा
28 अक्टूबर अदिति राव हैदरी
29 अक्टूबर रीमा सेन, विजेंद्र सिंह
30 अक्टूबर अभिजीत भट्टाचार्य, अनन्या पांडे
अक्टूबर 2024- सभी बारह राशियों की विस्तृत जानकारी
यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें: चंद्र राशि कैलकुलेटर
अब जानते हैं सभी बारह राशियों के जातकों के लिए यह महीना क्या कुछ लेकर आने वाला है
यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें: चंद्र राशि कैलकुलेटर
मेष राशि
यह महीना मेष राशि के जातकों के लिए मिश्रित परिणाम लेकर आने वाला है। इस महीने आपको विशेष …..विस्तार से पढ़ें
वृषभ राशि
यह महीना वृषभ राशि के जातकों के लिए अनुकूल रहने की संभावना है। आर्थिक रूप से आपको बहुत …..(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
यह महीना आपके लिए उतार-चढ़ाव से भरा महीना रहने की संभावना है। आपको कई मामलों में सावधानी …..(विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
यह महीना कर्क राशि के जातकों के लिए मध्य रूप से फलदायक रहने की संभावना है। जहां तक आपके …..(विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
यह महीना आपके लिए मिले-जुले परिणाम लेकर आने वाला है। जहां तक आपके करियर का …..(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
कन्या राशि में जन्मे जातकों के लिए यह महीना मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। आपको अपने ….(विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
तुला राशि में जन्मे जातकों के लिए यह महीना सावधानी से भरा महीना है। न केवल स्वास्थ्य …..(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
यह महीना वृश्चिक राशि के जातकों के लिए अनुकूल रहने की अच्छी संभावना दिखाई देती है। इस महीने…..(विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
यह महीना धनु राशि के जातकों के लिए बहुत ज्यादा उथल-पुथल वाला महीना रह …..(विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
यह महीना मकर राशि में जन्म लेने वाले जातकों के लिए अनुकूल रहने की संभावना है। अक्टूबर में …..(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि में जन्मे जातकों के लिए यह महीना कुछ सावधानी बरतने वाला रहेगा। सर्वप्रथम तो…..(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
यह महीना मीन राशि के जातकों के लिए औसत रूप से फलदायक रहने वाला है। आर्थिक चुनौतियां…...(विस्तार से पढ़ें)
प्रश्न 3:अक्टूबर में जन्मे लोगों का स्वभाव कैसा होता है?
उत्तर: अक्टूबर में जन्म लेने वाले लोग बेहद ही शांत स्वभाव के होते हैं। उनकी वाणी बेहद ही मधुर होती है जिसके दम पर यह लोगों को अपना कायल बना लेते हैं।
इस सप्ताह से शुरू हो रहा है नवरात्रि का पावन त्यौहार जाने किन राशियों पर बरसेगी मां दुर्गा की विशेष कृपा!
आने वाले सात दिनों में आपका प्रेम जीवन कैसा रहेगा, वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा, धन पक्ष के संदर्भ में 7 दिन कैसे रहेंगे, पारिवारिक जीवन में किस तरह के परिणाम प्राप्त होंगे, आदि बातों की जानकारी आपको एस्ट्रोसेज के इस साप्ताहिक राशिफल विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम प्रदान करने वाले हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें हमारा यह खास साप्ताहिक राशिफल ब्लॉग विद्वान ज्योतिषियों द्वारा तैयार किया गया है और यह ग्रहों नक्षत्रों की चाल, स्थिति आदि को ध्यान में रखकर ही बनाया गया है। तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं साप्ताहिक राशिफल ब्लॉग और जान लेते हैं कि आने वाले 7 दिनों में आपके जीवन के विभिन्न महत्वपूर्ण मोर्चों पर किस तरह के परिणाम मिलने वाले हैं। लेकिन सबसे पहले जानेंगे आने वाले सप्ताह का ज्योतिषीय पंचांग और हिन्दू पंचांग की गणना क्या कहती है।
सबसे पहले बात करें इस सप्ताह के हिंदू पंचांग और ज्योतिषीय गणना की तो,
30 सितंबर 2024 सोमवार- तिथि त्रयोदशी, पक्ष कृष्ण, नक्षत्र मघा, योग शुभ, अभिजीत मुहूर्त 11:46:55 से 12:34:30 तक’
1 अक्टूबर 2024 मंगलवार- तिथि चतुर्दशी, पक्ष कृष्ण, नक्षत्र पूर्वा फाल्गुनी, योग शुक्ल, अभिजीत मुहूर्त 11:46:38 से 12:34:07 तक
2 अक्टूबर 2024 बुधवार- तिथि अमावस्या, पक्ष कृष्ण, नक्षत्र उत्तरा फाल्गुनी, योग ब्रह्मा, अभिजीत मुहूर्त कोई नहीं है
3 अक्टूबर 2024 गुरुवार- तिथि प्रतिपदा, पक्ष शुक्ल, नक्षत्र हस्त, योग इंद्र, अभिजीत मुहूर्त 11:46:07 से 12:33:23 तक
4 अक्टूबर 2024 शुक्रवार- तिथि द्वितीय, पक्ष शुक्ल, नक्षत्र चित्रा, योग वैधृति, अभिजीत मुहूर्त 11:45:53 से 12:33:02 तक
5 अक्टूबर 2024 शनिवार- तिथि तृतीय, पक्ष शुक्ल, नक्षत्र स्वाति, योग विष्कुंभ, अभिजीत मुहूर्त 11:45:38 से 12:32:40 तक
6 अक्टूबर 2024 रविवार- तिथि तृतीय, पक्ष शुक्ल, नक्षत्र विशाखा, योग प्रीति, अभिजीत मुहूर्त 11:45:24 से 12:32:19 तक
इस सप्ताह के व्रत और त्योहार
अक्सर लोग अपने जीवन की व्यस्तता के चलते महत्वपूर्ण तिथियों के बारे में भूल जाते हैं। हालांकि आपके साथ भी ऐसा ना हो इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम आने वाले 7 दिनों में पड़ने वाले सभी महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों की जानकारी आपको यहां प्रदान करने जा रहे हैं जिससे आप कोई भी महत्वपूर्ण दिन भूलें नहीं। बात करें 30 सितंबर से 6 अक्टूबर के बीच पड़ने वाले व्रत और त्योहारों की तो,
30 सितंबर त्रयोदशी श्राद्ध, मासिक शिवरात्रि
1 अक्टूबर चतुर्दशी श्रद्धा
2 अक्टूबर सर्वप्रथम अमावस्या, गांधी जयंती, सूर्य ग्रहण, दर्श अमावस्या, आश्विन अमावस्या
ग्रहों की चाल या स्थिति में कोई भी परिवर्तन मानव जीवन को प्रभावित अवश्य करता है। यही वजह है कि कोई भी महत्वपूर्ण भविष्यवाणी करते समय या राशिफल देते समय ग्रहों की चाल और स्थिति का विशेष आकलन किया जाता है। ऐसे में बात करें 30 सितंबर से 6 अक्टूबर की इस सप्ताह में होने वाले ग्रहण और गोचर की तो जहां एक तरफ इस सप्ताह कोई भी गोचर या ग्रह का परिवर्तन नहीं होगा वहीं दूसरी तरफ इस सप्ताह में सूर्य ग्रहण लगने वाला है। इसकी अधिक जानकारी कुछ इस प्रकार है:
दूसरा सूर्य ग्रहण 2024 – कंकणाकृति सूर्यग्रहण
तिथि आश्विन मास कृष्ण पक्ष अमावस्या
दिन तथा दिनांक बुधवार 2 अक्टूबर, 2024
सूर्य ग्रहण प्रारंभ समय (भारतीय स्टैंडर्ड टाइम के अनुसार) रात्रि 21:13 बजे से मध्यरात्रि उपरांत 27:17 बजे तक (3 अक्टूबर की प्रातः 03:17 बजे तक)
सूर्य ग्रहण समाप्त समय दृश्यता का क्षेत्र – दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी भागों, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक, चिली, पेरू, होनोलूलू, अंटार्कटिका, अर्जेंटीना, उरुग्वे, ब्यूनस आयर्स, बेका आइलैंड, फ्रेंच पॉलिनेशिया महासागर, उत्तरी अमेरिका के दक्षिण भाग फिजी, न्यू चिली, ब्राजील, मेक्सिको, पेरू
(भारत में दृश्यमान नहीं)
इस सप्ताह के बैंक अवकाश
बैंक अवकाशों के बारे में जानना इसलिए आवश्यक हो जाता है ताकि आप बैंक से संबंधित कोई भी काम छुट्टियों से पहले ही निपटा सकें। बात करें इस सप्ताह के बैंक अवकाश की तो इस सप्ताह में तीन बैंक अवकाश होने वाले हैं।
पहला- 2 अक्टूबर 2024, बुधवार गांधी जयंती भारत भर में कई राज्य
3 अक्टूबर 2024, गुरुवार नवरात्रि शुरू भारत भर में कई राज्य
3 अक्टूबर 2024, गुरुवार महाराजा अग्रसेन जयंती पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान
इस सप्ताह के विवाह मुहूर्त
सनातन धर्म में विवाह जैसा शुभ और मांगलिक कार्य हमेशा मुहूर्त देखकर किया जाता है। माना जाता है कि जब भी विवाह जैसा मांगलिक कार्य शुभ मुहूर्त के अनुसार किया जाए तो इससे व्यक्ति को जीवन में सफलता मिलती है। हालांकि अगर आप सितंबर में विवाह करने का विचार कर रहे हैं या अक्टूबर में विवाह करने का विचार कर रहे हैं तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस सप्ताह कोई भी विवाह मुहूर्त नहीं पड़ने वाला है। ऐसे में अभी आपको इंतजार करने की सलाह दी जा रही है।
इस सप्ताह जन्मे कुछ मशहूर सितारों के जन्मदिन की जानकारी
अगर आपका भी जन्म सितंबर के महीने में हुआ है तो आपके व्यक्तित्व से जुड़ी कुछ खासियत पर नजर डाल लेते हैं। अक्सर देखा गया है कि सितंबर के महीने में जिन लोगों का जन्म हुआ होता है वह हर समस्या का हल निकाल ही लेते हैं। इन्हें घूमने फिरने का शौक होता है और अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं। उनके दांपत्य जीवन में खुशहाली रहती है। यह अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए हमेशा आगे रहते हैं और अपने जीवनसाथी का पूरा सहयोग करते हैं। इसके अलावा इस महीने में जन्म लेने वाले लोग अच्छे साइंटिस्ट, शिक्षक, सलाहकार, राजनीतिक बनते हैं।
साथ ही चाहें तो यह इंजीनियर, डॉक्टर, पुलिस और सेवा में भी अपना करियर बना सकते हैं। अब बात करें आपके लकी नंबर की तो मूलांक के अनुसार आपका लकी नंबर होता है 4, 5 और 6
रंग में उनके लिए भूरा, नीला और हरा बेहद शुभ माना जाता है।
वहीं सप्ताह में बुधवार का दिन उनके लिए खास रहता है।
अब बात करें इस सप्ताह में जन्म लेने वाले कुछ मशहूर सितारों के जन्मदिन के बारे में तो,
1 अक्टूबर श्रद्धा निगम
2 अक्टूबर रजिया खानम
4 अक्टूबर सोहा अली खान, श्वेता तिवारी
5 अक्टूबर अनुज सचदेवा, विश्वनाथ चटर्जी
6 अक्टूबर मयंक चांग, सनी सिंह मेजर
यदि आप अपने फेवरेट सितारे की कुंडली देखकर उनके भविष्य के बारे में कुछ भी जानना चाहते हैं तो आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं।
एस्ट्रोसेज की तरफ से इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1: इस सप्ताह के महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहार कौन-कौन से हैं?
इस सप्ताह गांधी जयंती है और साथ ही सूर्य ग्रहण लगने वाला है। इसके साथ ही इस सप्ताह से नवरात्रि प्रारंभ हो जाएगी।
2: इस सप्ताह लगने वाले सूर्य ग्रहण का क्या समय रहेगा?
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर 2024 को रात्रि 21:13 पर लगेगा और यह मध्य रात्रि 27:17 तक रहेगा।
3: कन्या राशि के जातकों के लिए यह सप्ताह कैसा रहेगा?
इस सप्ताह कन्या राशि के जातकों को जीवन के विभिन्न मोर्चे पर मिश्रित परिणाम मिलने की संभावना है।
टैरो कार्ड्स की मदद से जानें आने वाले 7 दिनों में आएंगे आपके जीवन में क्या नए और बड़े बदलाव!
टैरो कार्ड, कार्ड्स का एक ऐसा प्राचीन डेक है और भविष्य बताने का इतना कारगर तरीका है जिसका उपयोग सदियों से तमाम रहस्यवादियों और टैरो रीडर करते आए हैं। आध्यात्मिक विकास और आत्म समझ के लिए कार्ड्स का प्रयोग प्राचीन काल से चला आ रहा है। अगर कोई व्यक्ति पूरे विश्वास और विनम्रता के साथ अपने जीवन को बदलने से संबंधित और अपने जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर खोजने के लिए आता है तो टैरो की रहस्यमई दुनिया में उन्हें उनके सवालों का जवाब अवश्य मिलता है। बहुत से लोग ऐसा मानते हैं कि टैरो दोस्तों के साथ मनोरंजन के लिए किया जाने वाला सत्र जैसा है लेकिन असल में ऐसा नहीं होता है। अपने 78 कार्ड्स के डेक में टैरो राशिफल सबसे गहरे रहस्य और इंसान के गहरे से गहरे डर को बाहर निकालने की क्षमता रखता है।
इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे सितंबर के महीने के इस सप्ताह के लिए सभी 12 राशियों के लिए टैरो भविष्यवाणी क्या कुछ कहती है लेकिन इससे पहले आइए हम यह समझ लेते हैं कि यह शक्तिशाली जादुई उपकरण आया तो आया कहां से। दरअसल टैरो की उत्पत्ति 1400 के दशक की मानी जाती है। इसका सबसे पहला उल्लेख इटली और इसके आसपास के क्षेत्रों से आता है। शुरुआत में इसे बड़े घर के लोग ताश के पत्तों के रूप में खेलते थे और रॉयल्टी कलाकारों को अपने दोस्तों और पार्टियों के लिए आने वाले मेहमानों का मनोरंजन करने के लिए बनाने का निर्देश देते थे।
माना जाता है कि वास्तव में 16वीं शताब्दी के आसपास ही टैरो कार्ड का देवीय उपयोग शुरू किया गया था जब यूरोप के रहस्यवादियों ने इसे अभ्यास करना और सीखना शुरू किया कि कार्ड को किस तरह से व्यवस्थित रूप से फैलाना होता है और उन जटिल रेखा चित्रों के पीछे छुपे रहस्यों को कैसे समझा जाता है। कहा जाता है तब से टैरो केवल ताश के पत्तों का डेक नहीं रह गया था। इसके बाद मध्ययुगीन काल के दौरान टैरो जादू टोना से जुड़ा हुआ था और कई तरह के अंधविश्वास का साया इसके ऊपर पड़ चुका था। यही वजह थी कि फिर बहुत से लोग इसे भाग्य बताने की मुख्यधारा से दूर मानने लगे थे।
हालांकि हाल ही में कुछ दशकों पहले से टैरो को वापस अपनी खोई हुई पहचान वापस मिल गई और अब यह भविष्य बताने की मुख्यधारा में दोबारा जुड़ चुका है। टैरो भविष्यवाणी एक बार फिर भारत और दुनिया भर में भविष्य बताने के एक मुख्य उपकरण के रूप में उपयोग किया जा रहा है और निश्चित रूप से ही वापस से अपनी खोई हुई प्रसिद्धि और सम्मान प्राप्त कर रहा है। आइए अब बिना देरी किए हुए टैरो की इस दुनिया में प्रवेश करते हैं और जानते हैं कि, 29 सितंबर से 5 अक्टूबर 2024 का यह सप्ताह सभी 12 राशियों के लिए कितना खास होने वाला है।
टैरो साप्ताहिक राशिफल 29 सितंबर से 5 अक्टूबर 2024: राशि अनुसार भविष्यवाणियां
मेष राशि
प्रेम जीवन: द हैंग्ड मैन
आर्थिक जीवन: ऐस ऑफ वौण्ड्स
करियर: द फूल
स्वास्थ्य: सेवेन ऑफ कप्स (रीवर्ज़्ड)
मेष राशि के जातकों को लव रीडिंग में द हैंग्ड मैन का कार्ड प्राप्त हुआ है जो स्थिर ऊर्जा को दर्शाता है। आपके रिश्ते में अनचाही स्थिरता आ गयी है। ऐसे में यह इस बात का संकेत है कि आपके रिश्ते पर बोझ बढ़ सकता है और आप महसूस करेंगे कि इतने लंबे समय तक साथ रहने के बावजूद भी आप और आपका साथी असल मायने में दूर हैं। इस राशि के सिंगल लोगों के लिए भविष्य में किसी रिश्ते में बंधने का हाल फिलहाल कोई विचार नहीं है।
आर्थिक रीडिंग में ऐस ऑफ वौण्ड्स का कार्ड आया है जो वित्तीय कठिनाइयों के अंत का संकेत दे रहा है। यह आपकी ऋण पुनर्भुगतान के निष्कर्ष पर पहुंचने का भी परिणाम हो सकता है। मुमकिन है कि ऋण के अलावा भी कोई ऐसा विकल्प आपके जीवन में आए जिनसे आप अपनी वित्तीय परेशानी वाली स्थिति से बाहर निकाल सकते हैं और जो आपकी वित्तीय स्थिति को बेहतर कर सकता है।
करियर के संदर्भ में द फूल का कार्ड संकेत दे रहा है की करियर के क्षेत्र में आपको जल्द ही नयापन मिलने वाला है। आपको जल्द ही कोई नया रोजगार या रोजगार में कोई नया बदलाव या कोई नया पेशेवर रास्ता मिलेगा। यह उन लोगों के लिए पदोन्नति और पदनाम में बदलाव को भी दर्शाता है जो अपनी नौकरी में फिलहाल स्थिर हैं।
स्वास्थ्य के लिए सेवेन ऑफ कप्स (रीवर्ज़्ड) का कार्ड संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। अगर आप किसी शारीरिक बीमारी से पीड़ित चल रहे थे तो अब आप धीरे-धीरे उससे उबर लगेंगे और जल्द ही ठीक हो जाएंगे।
लकी नंबर: 4,8
वृषभ राशि
प्रेम जीवन: पेज ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: ऐट ऑफ पेंटेकल्स
करियर: द वर्ल्ड
स्वास्थ्य: फाइव ऑफ स्वोर्ड्स
प्रेम संदर्भ में पेज ऑफ कप्स का कार्ड मिला है जो संकेत दे रहा है कि वृषभ राशि के जातकों इस सप्ताह आपको शादी या प्रेम का कोई सुनहरा प्रस्ताव मिल सकता है। यह इस बात का प्रबल संकेत है कि इस दौरान आपकी शादी भी हो सकती है। वृषभ राशि के जातकों के लिए प्रेम विवाह की भी उच्च संभावना बन रही है।
आर्थिक रीडिंग में ऐट ऑफ पेंटाकल्स का कार्ड आया है जो संकेत दे रहा है कि आपका वित्तीय निवेश आपको अच्छे रिटर्न दिलाएगा और अगर आप संघर्ष कर रहे हैं तो आपकी वित्तीय स्थिति जल्द ही स्थिर भी हो जाएगी। सही प्रयासों और दृढ़ संकल्प से आप धीरे-धीरे अपने लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे।
करियर में द वर्ल्ड का कार्ड संकेत दे रहा है कि आपको विदेश में किसी कंपनी से कॉल आ सकती है। आप व्यावसायिक यात्रा पर जा सकते हैं या अगर आप अपने वीजा की स्वीकृति का इंतजार कर रहे थे तो आपको जल्द ही इस संबंध में भी सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। कुल मिलाकर यह सप्ताह आपके लिए अनुकूल रहेगा।
हालांकि स्वास्थ्य में आपको फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स का कार्ड संकेत दे रहा है कि इस मोर्चे पर आपको चिंता उठानी पड़ सकती है। आपको सामान्य सर्दी या फ्लू होने का खतरा बना हुआ है। कोई पुरानी एलर्जी या अस्थमा आपको परेशान कर सकता है। ऐसे में इसके प्रति सावधान रहें और उचित देखभाल करें।
लकी नंबर: 4
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
मिथुन राशि
प्रेम जीवन: टेन ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: किंग ऑफ कप्स
करियर: पेज ऑफ स्वोर्ड्स
स्वास्थ्य: नाइट ऑफ स्वोर्ड्स
मिथुन राशि के जातकों को प्रेम के संदर्भ में टेन ऑफ कप्स का कार्ड मिला है जो आपके निजी जीवन के लिए अनुकूल संकेत दे रहा है। आप अपने साथी के साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे। उनके साथ कुछ प्यार भले पाल साझा करेंगे। आपको अपने भावनात्मक रिश्ते को मजबूत करने के लिए पर्याप्त समय और ऊर्जा प्राप्त होगी।
किंग ऑफ कप्स का कार्ड आपके बिलों का भुगतान करने और अपना जीवन आराम से जीने के लिए पर्याप्त पैसा होने के संकेत दे रहा है। इस सप्ताह आप अपने वित्त प्रबंधन में संयमित रहेंगे और अपने लिए चीजों को आसान बनाने के लिए एक उचित बजट बनाएंगे। आर्थिक दृष्टि से यह सप्ताह आपके लिए आरामदायक रहेगा।
यूं तो पेज ऑफ स्वॉर्ड्स का कार्ड नकारात्मक माना जाता है लेकिन करियर रीडिंग में यह एक सकारात्मक कार्ड होता है। इस सप्ताह करियर के मामले में आप स्पष्ट और परिपेक्ष हासिल करेंगे। यह सप्ताह नई सीख और जिम्मेदारियों से भरा रहेगा।
स्वास्थ्य में आपको नाइट ऑफ स्वोर्ड्स का कार्ड मिला है जो संकेत दे रहा है कि बुखार, सर्दी से होने वाली एलर्जी, सूखी खांसी इस सप्ताह आपको परेशान कर सकती है। यह सप्ताह आपके स्वास्थ्य के लिए थोड़ा कठिन साबित होगा इसके प्रति सावधान रहें।
लकी नंबर: 5
कर्क राशि
प्रेम जीवन: द एम्प्रेस्स
आर्थिक जीवन: द लवर्स
करियर: द फूल
स्वास्थ्य: चेरियट
कर्क राशि के जातकों प्रेम रीडिंग में द एम्प्रेस्स का कार्ड मिला है जो एक शानदार कार्ड माना जाता है। इस सप्ताह आपके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ने वाला है। यह परिणाम आपके जीवन को 360 डिग्री बदलने की क्षमता रखते हैं। द एम्प्रेस्स का कार्ड उन लोगों के लिए अच्छी खबर लेकर आ रहा है जो एक रिश्ते में हैं और प्रतिबद्ध हैं और इस राशि के सिंगल जातकों के लिए भी अपने रिश्तों में विकास, सकारात्मक पोषण और देखभाल करने वाली ऊर्जा आपकी और आ रही है।
वित्तीय रीडिंग में द लवर का कार्ड मिला है जो संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह आपके कुछ बड़े वित्तीय निर्णय आपके जीवन में आने वाले हैं और आपको अपने लिए सही निर्णय लेने में सक्षम होने के लिए अपना 100% लगाना होगा। इसे बिल्कुल भी हल्के में ना लें नहीं तो आपको आर्थिक नुकसान हो सकता है।
द फूल का कार्ड करियर रीडिंग में एक नया व्यवसाय शुरू करने या अपनी नौकरी या करियर में बदलाव करने का संकेत देता है जो आपके लिए महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। इस सप्ताह कुछ बड़ा करने के लिए आपके पास सब कुछ मौजूद होगा और सितारे आपके पक्ष में नजर आएंगे। सलाह दी जाती है कि आगे बढ़ें, जोखिम उठाएं और अपने करियर में नई बुलंदियां हासिल करें।
स्वास्थ्य रीडिंग में आपको द चेरियट का कार्ड मिला है जो संकेत दे रहा है कि आपका स्वास्थ्य इस सप्ताह शानदार रहेगा। यह कार्ड इस बात के भी संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह आप मौज मस्ती करेंगे और अच्छे स्वास्थ्य का लुफ्त उठाएंगे।
लकी नंबर: 2
सिंह राशि
प्रेम जीवन: क्वीन ऑफ स्वोर्ड्स
आर्थिक जीवन: पेज ऑफ वौण्ड्स
करियर: ऐस ऑफ पेंटेकल्स
स्वास्थ्य: टेन ऑफ स्वोर्ड्स (रीवर्ज़्ड)
लव रीडिंग में क्वीन ऑफ़ स्वोर्ड्स का कार्ड संकेत दे रहा है कि आप एक मजबूत, स्वतंत्र व्यक्ति हैं और अपने साथी में भी यही सारी अच्छाईयाँ चाहते हैं। आप किसी भी चीज में उत्तम से कम पर समझौता नहीं करते हैं। आप भावनात्मक रूप से बहुत स्थिर हैं और अपना दिल हथेली पर लेकर चलते हैं। आप निश्चित रूप से लोगों को खुश करने वाले लोगों में से नहीं है।
वित्तीय रीडिंग में पेज ऑफ वौण्ड्स का कार्ड आया है जो नए आय के स्रोतों के आने के संकेत दे रहा है या इस सप्ताह आपके लिए वेतन वृद्धि हो सकती है। अगर आप कंपनी बदलना चाहते हैं तो उसके लिए यह समय शानदार है क्योंकि आपको कई आकर्षक ऑफर मिलने वाले हैं। व्यापार से संबंधित लोगों को इस सप्ताह अच्छा मुनाफा मिलने वाला है।
करियर रीडिंग में ऐस ऑफ पेंटाकल्स का कार्ड आपके रास्ते में आने वाले किसी बड़े प्रमोशन के संकेत दे रहा है। इससे यह भी संकेत मिल रहा है कि आप सही रास्ते पर हैं और आपका करियर यहीं से आगे बढ़ेगा। यह एक नई स्थिति की शुरुआत, एक नए व्यवसाय या नियमित नौकरी से व्यवसाय में बदलाव के भी संकेत दे रहा है।
स्वास्थ्य रीडिंग में टेन ऑफ स्वोर्ड्स (रीवर्ज़्ड) का कार्ड कोई भी बीमारी चोट या अन्य स्वास्थ्य समस्या जिसे आप अनुभव कर रहे हैं उसे दूर करने के संकेत दे रहा है। अगर इस सप्ताह आपकी व्यापक चिकित्सकीय जांच हो तो छिपी हुई कोई स्वास्थ्य समस्या भी आपको पता चल सकती है।
कन्या राशि के जातकों लव रीडिंग में आपको द एमपेरर (रीवर्ज़्ड) का कार्ड मिला है जो रोमांटिक रिश्तों में वर्चस्व या शक्ति के लिए संघर्ष की ओर इशारा करता है। आपके विविध दृष्टिकोण के साथ आने की बजाय प्रतिद्वंद्विता और सही होने की आवश्यकता आप पर इस सप्ताह हावी हो सकती है। चाहे वह आपका महत्वपूर्ण साथी हो या आप यह कार्ड किसी तीसरे के जीवन में आने के संकेत भी दे रहा है।
अगला कार्ड है ऐस ऑफ स्वोर्ड्स का जो आपको अपने दिमाग पर भरोसा करने के संकेत दे रहा है। पैसों के बारे में आपकी बुद्धि और दिल की राय अलग-अलग हो सकती है। यह कार्ड आपको इन स्थितियों में अपने निर्णय का पालन करने और अपनी भावनाओं पर काम करने से बचने की सलाह दे रहा है। अगर आपके परिवार का कोई मित्र या सदस्य पैसे के लिए या ऋण के लिए आवेदन करने की सोच रहा है या आपसे संपर्क करता है तो हमेशा अपने बारे में पहले सोचें और फिर ही कोई निर्णय लें।
नाइन ऑफ कप्स का कार्ड एक शानदार कार्ड है। यह संकेत दे रहा है कि अगर आप पदोन्नति या अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो आपकी आकांक्षा पूरी होने वाली है। नाइन ऑफ कप्स का कार्ड वित्तीय दुनिया में धन और उपलब्धि का प्रतीक माना जाता है इसलिए व्यापार और निवेश की संभावनाएं अनुकूल बनी रहेगी।
स्वास्थ्य रीडिंग में द डेथ का कार्ड परिवर्तन का प्रतिनिधित्व करता है इसीलिए इस सप्ताह के दौरान कन्या राशि के जातकों को बीमारी झेलनी पड़ सकती है और आपको पहले से ही सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। इसके अलावा इस सप्ताह छोटी-मोटी दुर्घटनाएं होने की भी संभावना बन रही है। गाड़ी चलाते वक्त लापरवाही ना दिखाएं।
लकी नंबर: 7
तुला राशि
प्रेम जीवन: टेन ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: ऐस ऑफ कप्स
करियर: सिक्स ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: टेन ऑफ वौण्ड्स
तुला राशि के जातकों आपको लव रीडिंग में टेन ऑफ कप्स का कार्ड मिला है जो भावनात्मक रूप से संतुष्टिदायक सप्ताह के आने के संकेत दे रहा है लेकिन साथ ही यह थका देने वाला सप्ताह भी साबित होगा। टेन ऑफ कप्स पर्याप्त पारिवारिक समय के संकेत दे रहा है कि आप इस सप्ताह का आनंद लेंगे। आने वाले सात दिनों में आप अपने परिवार के साथ किसी समारोह और कार्यक्रम में भी शामिल होने की योजना बना सकते हैं और इससे आपको अपने जीवन साथी और बच्चों के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
वित्तीय रीडिंग में ऐस ऑफ कप्स का कार्ड आपके लिए आय के नए स्रोत जीवन में आने के संकेत दे रहा है लेकिन पैसा आसानी से और आपके ध्यान में आए बिना निकल भी सकता है। इसके प्रति भी सावधान रहें इसलिए जब पैसा आए तो आपको इसे बचाने में बेहद सावधान रहना होगा और अगर आप अपनी किस्मत बनाना चाहते हैं तो सोच समझकर निवेश करें।
करियर रीडिंग में सिक्स ऑफ कप्स का कार्ड संकेत दे रहा है कि आपको अपने नेटवर्क सर्कल के माध्यम से नई नौकरी के प्रस्ताव प्राप्त हो सकते हैं। यह भी मुमकिन है कि आप इस सप्ताह अपने पारिवारिक व्यवसाय से जुड़ सकते हैं या अपने परिवार के किसी सदस्य के साथ कोई व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। यह सप्ताह कुल मिलाकर लाभकारी सिद्ध होगा।
स्वास्थ्य रीडिंग में टेन ऑफ वौण्ड्स का कार्ड तनाव या बोझ से आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने के संकेत दे रहा है जो बीमारी या चोट के रूप में नजर आ सकता है। आपको अपना ख्याल रखने को प्राथमिकता देने की सलाह दी जा रही है।
लकी नंबर: 3
वृश्चिक राशि
प्रेम जीवन: टू ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ पेंटेकल्स
करियर: नाइट ऑफ स्वोर्ड्स
स्वास्थ्य: क्वीन ऑफ पेंटेकल्स
वृश्चिक राशि के जातकों इस सप्ताह लव रीडिंग में आपको टू ऑफ कप्स का कार्ड मिला है जो आपके अपने साथी से मिलने के संकेत दे रहा है। यह कार्ड रोमांटिक रिश्तों से परे एक किसी भी रिश्ते में प्रशंसा और शांति के आदान-प्रदान की ओर भी इशारा करता है। टू ऑफ कप्स का कार्ड दो व्यक्तियों के बीच प्यार के प्रवाह का प्रतिनिधित्व करता है फिर वह चाहे दोस्त हों, परिवार के लोग हो या फिर रोमांटिक पार्टनर्स हों।
वित्तीय रीडिंग में फाइव ऑफ पेंटाकल्स का कार्ड परेशानी की संकेत दे रहा है क्योंकि यह आपको आसन्न वित्तीय संकट या फिर दिवालियापन का सामना करने से सावधान करता है। आप गहरी आर्थिक परेशानी में फंस सकते हैं। ऐसे में सलाह दी जा रही है कि अभी से बचत करना शुरू करें और अपनी वित्तीय योजना बहुत ही सावधानीपूर्वक बनाएं।
अगला कार्ड है नाइट ऑफ स्वोर्ड्स का जो संकेत दे रहा है कि आपका ध्यान आपके करियर के लक्ष्यों के मामले में बहुत तेज है और आप निश्चित रूप से उन्हें हासिल करने के लिए तैयार भी हैं। यह सप्ताह आपके लिए करियर और आपके द्वारा अपने लिए निर्धारित अल्प कार्य करियर लक्ष्यों के संबंध में स्पष्टता लेकर आएगा।
क्वीन ऑफ पेंटाकल्स का कार्ड संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा इसलिए निश्चित रूप से आपको राहत मिलेगी। बस इस बात का ध्यान रखें कि आप अपने स्वास्थ्य पर काम करते रहें, इसको उचित बनाते रहे क्योंकि बीच-बीच में छोटी-मोटी परेशानियां आपके जीवन में खड़ी हो सकती हैं।
धनु राशि के जातकों को प्रेम के संदर्भ में किंग ऑफ वौण्ड्स का कार्ड मिला है जो एक उत्साही, स्वाभाविक नेता को दर्शाता है जो आपको अपना समय और संसाधन दोनों दे रहा है। अपने साथी या जीवनसाथी के साथ कभी भी कोई नीरस पल आपके जीवन में नहीं आने वाला है। उनका स्वभाव तेज और उग्र व्यक्तित्व वाला हो सकता है। इस कार्ड को बेहद की ऊर्जावान कार्ड माना जाता है। इस राशि के सिंगल जातकों को जल्द ही आपके जीवन में कोई व्यक्ति मिलने की भी संभावना नजर आ रही है।
अगला कार्ड है टू ऑफ वौण्ड्स का कार्ड जो संकेत दे रहा है कि दीर्घकालिक उद्देश्यों के बारे में सोचने और ऐसी योजनाएं बनाने के लिए यह समय उपयुक्त रहने वाला है जो आपके करियर और वित्त को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगी। कोई भी संयुक्त व्यवसाय, अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय या व्यवसाय में बदलाव की संभावना भी इस कार्ड से नजर आ रही है। यह कार्ड इस बात के भी संकेत दे रहा है कि दीर्घकालिक उद्देश्यों की दिशा में महत्व पूर्ण कदम उठाने का समय आ गया है।
अगला कार्ड है पेज ऑफ स्वोर्ड्स जो टैरो रीडिंग में महत्वाकांक्षा, चतुराई और रचनात्मक विचारों के ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है। यह कार्ड यह भी दर्शाता है कि आप अपने काम के प्रति जुनूनी हैं और नई चुनौतियों और प्रयासों को लेने के लिए तैयार हैं। आपको इस ऊर्जा को प्रसारित करने और कार्रवाई करने का प्रयास करना चाहिए।
स्वास्थ्य रीडिंग में द स्टार का कार्ड अच्छे स्वास्थ्य का संकेत देता है। भले ही आप स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हों या नहीं यह साधारण सुधार के समय को भी दर्शाता है। आप अपने स्वास्थ्य के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं और आपके सामने एक समृद्ध भविष्य नजर आ रहा है।
लकी नंबर: 17
मकर राशि
प्रेम जीवन: नाइन ऑफ स्वोर्ड्स
आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ पेंटेकल्स
करियर: स्ट्रेंथ
स्वास्थ्य: टू ऑफ पेंटेकल्स
मकर राशि के जातकों को प्रेम के संदर्भ में नाइन ऑफ स्वोर्ड्स का कार्ड मिला है जो चिंताएं और परेशानियों को बढ़ाने वाला साबित होगा। आपको किसी बात को लेकर बुरे सपने आ रहे हैं। यह कार्ड अक्सर इस बात को दर्शाता है कि आपका डर उतना बुरा नहीं है जितना आपको लगता है। यह संभव है कि हाल ही में हुए ब्रेकअप के चलते आप चिंता और असुरक्षा या अपराध बोध या पछतावे से जूझ रहे हों। आपको यह तय करना होगा कि क्या यह भावनाएं वास्तव में आपके लिए उचित हैं भी या नहीं।
अगला कार्ड है फाइव ऑफ पेंटाकल्स का जो वित्तीय परिदृश्य में संकेत दे रहा है कि अस्थाई वित्तीय कठिनाई आपके जीवन में आने वाली है इसीलिए आपको पहले से ही तैयार रहने की सलाह दी जा रही है। यह अत्यधिक वित्तीय बर्बादी, भुखमरी, बेघरता, दिवालियापन या गंभीर वित्तीय घाटे का भी संकेत हो सकता है।
करियर में द स्ट्रैंथ का कार्ड मिला है जो आपको पहल करने और खुद पर भरोसा रखने के लिए प्रेरित करता है। यह कार्ड संकेत देता है कि आप में सफल होने की योग्यताएं और क्षमताएं मौजूद हैं। यह कार्ड आपके करियर में आत्म आश्वासन को प्रोत्साहित करता है और आपके परिवेश पर सशक्त नियंत्रण पर भी छोड़ देता है।
स्वास्थ्य रीडिंग में आपको टू ऑफ पेंटाकल्स का कार्ड मिला है जो इस सप्ताह खराब स्वास्थ्य की ओर इशारा कर रहा है क्योंकि आप शारीरिक और मानसिक रूप से ज्यादा परिश्रम करते नजर आने वाले हैं। मुमकिन है कि आप खुद पर अत्यधिक कम कर रहे हों और इसके परिणाम स्वरुप आपको कुछ स्वास्थ्य संबंधित प्रभावों से जूझना पड़ सकता है।
कुंभ राशि के जातकों को लव रीडिंग में द हाई प्रीस्टेस का कार्ड मिला है जो उन साझेदारियों का प्रतिनिधित्व करता है जो प्यार के संदर्भ में ईमानदार, सच्ची और पारदर्शी हैं। यह प्रेमियों के बीच एक ठोस रिश्ते का प्रतीक है जिसमें विश्वास मौजूद है और भावनाओं को स्वतंत्र रूप से व्यक्त किया जाता है। इस राशि के सिंगल लोगों के लिए इस कार्ड का यह भी मतलब हो सकता है कि आप कोई ऐसा व्यक्ति चाहते हैं जो आपके जीवन में इन गुणों को अपनाये।
वित्तीय रीडिंग में आपको पेज ऑफ पेंटाकल्स का कार्ड मिला है जो महान वित्तीय समाचार का प्रतीक है। आमतौर पर श्रम के लिए पुरस्कार के रूप में। इसके अलावा यह आपकी वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कार्यवाही करने का भी प्रतिनिधित्व करता है। इस सप्ताह छोटा निवेश भी आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है।
करियर रीडिंग में आपको किंग ऑफ स्वोर्ड्स का कार्ड मिला है जो संकेत दे रहा है कि बुद्धिमान निर्णय लेने के लिए व्यक्ति को तर्क और अपनी बुद्धि का प्रयोग करना चाहिए अर्थात आपको शांत रहना चाहिए और महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले सभी आवश्यक जानकारी होना बेहद आवश्यक है।
स्वास्थ्य में आपको जजमेंट (रीवर्ज़्ड)का कार्ड मिला है जो अपने अतीत को भूल जाने और किसी के स्वास्थ्य से संबंधित चिताओं या परेशानियों पर ध्यान केंद्रित न करने का प्रतिनिधित्व करता है।
लकी नंबर: 19
मीन राशि
प्रेम जीवन: क्वीन ऑफ वौण्ड्स
आर्थिक जीवन: किंग ऑफ वौण्ड्स
करियर: द सन
स्वास्थ्य: फाइव ऑफ वौण्ड्स
मीन राशि के जातकों प्रेम के संदर्भ में आपको क्वीन ऑफ वौण्ड्स का कार्ड मिला है जो संकेत दे रहा है कि अपने जीवनसाथी के साथ पूरी तरह से ईमानदार रहना इस समय आपके लिए सबसे अच्छा रहने वाला है। यह खुलेपन और ईमानदारी आपकी बंधन को मजबूत करेगी। इसके अलावा प्रकृति में कामुक क्वीन ऑफ़ वौण्ड्स का कार्ड प्रेमियों के बीच बढ़ती अंतरंगता के भी संकेत दे रहा है।
आर्थिक रीडिंग में किंग ऑफ वौण्ड्स का कार्ड मिला है जो रोजगार और धन के संदर्भ में संक्रमण की अवधि और नई अवसर के संकेत देता है। यह व्यवसाय में बदलाव या किसी साइड प्रोजेक्ट को लॉन्च करने का भी उच्च संकेत दे रहा है। यह कार्ड बहुत अधिक जोश उत्साह और कठिनाइयों का सामना करने की तैयारी का भी प्रतीक हो सकता है।
करियर में द सन का कार्ड मिला है जो संकेत दे रहा है कि अगर आप एक व्यवसाय चला रहे हैं तो इस सप्ताह आपकी सभी डील्स सफल होंगी और आप अपने काम के लिए देश भर या दुनिया भर में प्रशंसा हासिल करेंगे। अगर आप नियमित नौकरी करते हैं तो इस सप्ताह आपके कार्य स्थल पर शानदार प्रदर्शन के लिए पदोन्नति या पुरस्कार भी मिल सकता है।
फाइव ऑफ वौण्ड्स का कार्ड संकेत दे रहा है कि आप उम्मीद कर रहे हैं की बीमारी से लड़ने के बाद पीड़ा और कठिनाई को दूर करने में आप कामयाब होंगे। इसके अलावा टैरो कार्ड स्वास्थ्य और कल्याण संबंधित सावधानियां भी संकेत दे रहा है। मुमकिन है कि आप जो भी एड्रेनालाईन रश अपने जीवन में प्राप्त कर रहे हैं वह बहुत अधिक तनाव आपको दे रहा है और आपकी फिटनेस को खतरे में डाल रहा है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1: टैरो सीखते समय किस डेक का संदर्भ लेना चाहिए?
आप अपनी इच्छा के अनुसार किसी भी डेक का उल्लेख कर सकते हैं लेकिन राइडर व्हाइट सबसे बुनियादी डेक माना जाता है इसलिए इसके साथ शुरुआत करने की सलाह दी जाती है।
2: किंग ऑफ वौण्ड्स किन गुणों का प्रतीक है?
किंग ऑफ़ वौण्ड्स आत्मविश्वास, अधिकार, नेतृत्व और उत्कृष्ट प्रबंधन कौशल को दर्शाता है।
3: कोई दो मेजर आरकाना कार्ड के नाम बताइए।
द मैजिशियन और द हाई प्रीस्टेस
अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 29 सितंबर से 05 अक्टूबर, 2024
कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)?
अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा।
इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।
अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (29 सितंबर से 05 अक्टूबर, 2024)
अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं।
जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।
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मूलांक 1
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक अधिक दृढ़ निश्चय और आत्मविश्वास से भरपूर रहेंगे। इससे आपके विचारों में उन्नति होगी और इसका सकारात्मक असर आपके जीवन पर पड़ेगा।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आपका अपने जीवनसाथी के साथ रिश्ता बहुत अच्छा रहने वाला है। आप दोनों के बीच आपसी तालमेल और बातचीत बहुत अच्छी रहेगी। इससे आप काफी प्रसन्न महसूस करेंगे।
शिक्षा: इस समय छात्र अधिक पेशेवर तरीके से पढ़ाई करने के लिए कुछ सकारात्मक कदम उठा सकते हैं।
पेशेवर जीवन: आप नौकरी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे। यदि आप पब्लिक सेक्टर में काम करते हैं, तो यह समय आपके लिए बहुत ज्यादा अच्छा रहने वाला है। वहीं व्यापारियों को आउटसोर्स डील से अच्छा मुनाफा होने की संभावना है।
सेहत: इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य उत्तम रहने वाला है और आप जोश और ऊर्जा से भरे रहेंगे। इस समय नियमित व्यायाम की मदद से आप अधिक फिट महसूस करेंगे और अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेंगे।
उपाय: प्रतिदिन 19 बार “ॐ सूर्याय नमः” का जाप करें।
मूलांक 2
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक के जातक निर्णय लेते समय भ्रमित हो सकते हैं और इसके चलते आपकी प्रगति और विकास में बाधा उत्पन्न हो सकती है। आपको इस सप्ताह की योजना बनाकर चलने और आशावादी बने रहने की जरूरत है।
प्रेम जीवन: आपको इस सप्ताह अपने जीवनसाथी से बहस करने से बचने की सलाह दी जाती है।
शिक्षा: इस समय विद्यार्थियों को पढ़ाई पर से ध्यान भटक सकता है इसलिए उन्हें पढ़ाई पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
पेशेवर जीवन: यदि आप नौकरी करते हैं, तो आपको अपने काम में कुछ गलतियां हो सकती हैं और यह चीज़ कार्यक्षेत्र में आपके विकास के मार्ग में बाधा बन सकती है। वहीं, व्यापारियों को अपने प्रतिद्वंदियों से मिल रहे दबाव के कारण नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
सेहत: आपको इस समय खांसी होने की आशंका है इसलिए बेहतर होगा आप अपने शारीरिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दें।
उपाय: चंद्रमा को प्रसन्न करने के लिए सोमवार के दिन यज्ञ-हवन करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)
इस सप्ताह जातक अपने कल्याण को बढ़ावा देने वाले महत्वपूर्ण निर्णय लेने में अधिक साहस दिखा पाएंगे। इन जातकों में आध्यात्मिक प्रवृत्ति अधिक रहेगी।
प्रेम जीवन: आप अपने पार्टनर से अपनी रोमांटिक भावनाओं को व्यक्त कर पाएंगे। आप और आपका जीवनसाथी एक-दूसरे से अपने विचारों को कुछ इस तरह व्यक्त करेंगे, जिससे आप दोनों के बीच आपसी तालमेल विकसित होगा।
शिक्षा: यह सप्ताह छात्रों के लिए शानदार रहने वाला है। आप प्रोफेशनल ढंग से अपनी शिक्षा को आगे ले जाने में सफल होंगे।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह आपको नौकरी का कोई ऐसा नया अवसर मिल सकता है जिसे पाकर आप काफी संतुष्ट और प्रसन्न महसूस करेंगे। व्यापारी कोई नया बिज़नेस शुरू कर सकते हैं जिससे उन्हें उच्च मुनाफा होने की उम्मीद है।
सेहत: इस सप्ताह आपको शारीरिक स्वास्थ्य बहुत अच्छा रहने वाला है। आपके अंदर जोश और उत्साह काफी बढ़ जाएगा और इससे आपकी सेहत पर भी सकारात्मक असर देखने को मिलेगा।
उपाय: प्रतिदिन 21 बार “ॐ गुरवे नमः” का जाप करें।
मूलांक 4
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 4 वाले इस सप्ताह असुरक्षा की भावना से पीड़ित रह सकते हैं और इस वजह से आप जरूरी फैसले लेने में असमर्थ हो सकते हैं। इस समय लंबी यात्राओं के उद्देश्य की पूर्ति होने की संभावना बहुत कम है इसलिए आपको इस समयावधि में लंबी यात्राएं करने से बचना चाहिए।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन में मूलांक 4 के जातकों की पार्टनर के साथ बहस हो सकती है जो कि आप दोनों के बीच पैदा होने वाली किसी गलतफहमी का परिणाम हो सकती है।
शिक्षा: पढ़ाई में एकाग्रता की कमी की संभावना है और यह आपके मन के भटकाव के कारण हो सकता है।
पेशेवर जीवन: कार्यक्षेत्र में आपकी कड़ी मेहनत को नज़रअंदाज़ किए जाने की वजह से आप अपनी मौजूदा नौकरी को लेकर थोड़ा असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं। जो जातक व्यापार करते हैं, संभव है कि आपके द्वारा किए गए सौदों से आपको लाभ न मिले या फिर आपको बिज़नेस पार्टनर के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ें।
सेहत: आपको इस सप्ताह पाचन संबंधी समस्याएं होने का खतरा है और इससे बचने के लिए आपको समय पर खाना खाने की सलाह दी जाती है।
उपाय: प्रतिदिन 22 बार “ॐ राहवे नमः” का जाप करें।
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मूलांक 5
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 5 के जातकों के लिए यह सप्ताह विभिन्न पहलुओं में ज्यादा अनुकूल न रहने की आशंका है। इस सप्ताह आपमें आत्मविश्वास की कमी हो सकती है, जो आपकी तरक्की में अड़चनें पैदा कर सकती हैं।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन में पार्टनर के साथ रिश्ते में आपको प्रेम का अभाव महसूस हो सकता है जिसकी वजह घर-परिवार में चल रहे विवाद के साथ-साथ आपसी समझ की कमी हो सकती है।
शिक्षा: अगर आप इंजीनियरिंग या सॉफ्टवेयर की पढ़ाई कर रहे हैं, तो इस सप्ताह आपको ज्यादा उत्साहवर्धक परिणाम नहीं मिलने के संकेत हैं। संभव है कि आप इन सब्जेक्ट्स में अपनी स्किल्स का अच्छे से इस्तेमाल न कर पाएं।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह, आपको कार्यस्थल पर अपने सीनियर्स और साथियों से चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं बिज़नेस करने वाले जातकों का प्रदर्शन इस अवधि में थोड़ा कमज़ोर रह सकता है।
स्वास्थ्य: इस सप्ताह स्ट्रेस के कारण आपको पैरों और पीठ दर्द का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए ज्यादा तनाव लेने से बचें, साथ ही योग और ध्यान करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 6 के जातक अपनी आंतरिक शक्ति को जानने में सक्षम होंगे और इसकी सहायता से आप अपनी रचनात्मकता में वृद्धि कर सकेंगे। यह शीर्ष पर पहुंचने में आपका मार्गदर्शन करेगी।
प्रेम जीवन: जीवनसाथी के साथ आपका आपसी तालमेल बहुत अच्छा रहने वाला है। महत्वपूर्ण निर्णय लेने को लेकर आपकी और आपके पार्टनर की सोच एक-दूसरे से काफी मिलती-जुलती रहेगी।
शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में इस सप्ताह आप उच्च शिक्षा हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे या फिर आप प्रतियोगी परीक्षाओं में भी हिस्सा लेने में सक्षम होंगे।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह नौकरी के नए अवसर मिलने से आप प्रसन्न रहेंगे। जो लोग अपना व्यापार करते हैं, तो आप बिज़नेस में सुधार करने के साथ-साथ अच्छा खासा लाभ कमाने में सफल रहेंगे।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से, मूलांक 6 के जातक आत्मविश्वास से पूर्ण होने के कारण ऊर्जावान रहेंगे। ऐसे में, आपकी सेहत अच्छी बनी रहेगी ।
उपाय:प्रतिदिन “ॐ शुक्राय नमः” का 33 बार जाप करें।
मूलांक 7
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)
इस सप्ताह मूलांक 7 के जातकों को अपने काम पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। आपका काम से ध्यान भटक सकता है। आशंका है कि इसका परिणाम आपके लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होगा।
प्रेम जीवन: जीवनसाथी के साथ आपको सामंजस्य बैठाने की जरूरत है। रिश्ते में प्रेम को बनाए रखने के लिए आपको यह प्रयास जरूर करना चाहिए क्योंकि इस सप्ताह आप दोनों के बीच बेवजह अनबन और बहस होने की संभावना है।
शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में मूलांक 7 के छात्रों के लिए यह अवधि अनुकूल प्रतीत नहीं हो रही है क्योंकि सीखने की क्षमता में कमी आएगी और इस वजह से वो शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह आपको अपने वरिष्ठ अधिकारियों से बात करते समय आपको अधिक सावधान रहने की सलाह दी जाती है वरना आपकी उनके साथ बहस हो सकती है। यदि आप व्यवसाय में हैं, तो आपके द्वारा अपनाई गई गलत नीतियों के कारण आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
स्वास्थ्य: वाहन चलाते समय आपको सावधान रहना होगा। मूलांक 7 के जातकों के साथ कोई सड़क दुर्घटना होने की संभावना है। इस सप्ताह आपको अपनी सेहत को लेकर लापरवाही करने से बचना होगा।
उपाय: प्रतिदिन 41 बार “ॐ गणेशाय नमः” का जाप करें।
मूलांक 8
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)
इस सप्ताह मूलांक 8 के जातकों का धैर्य खो सकता है और आप सफलता से कुछ पीछे रह सकते हैं।
प्रेम जीवन: पारिवारिक मसलों की वजह से आपके और आपके पार्टनर के बीच दूरियां बढ़ने की आशंका है। इसके कारण आपके रिश्ते की सुख-शांति भंग हो सकती है और आपको ऐसा लग सकता है जैसे आपने अपना सब कुछ खो दिया है।
शिक्षा: इस सप्ताह आपके लिए आशावाद ही वह शब्द है जो आपको सशक्त बनाएगा और आपको आपकी पढ़ाई में आगे बढ़ाने में मदद करेगा। आप इस दौरान प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं और यह परीक्षा आपको मुश्किल लग सकती है।।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक अपनी मौजूदा नौकरी को लेकर असंतुष्ट महसूस करने की वजह से नौकरी बदलने के बारे में सोच सकते हैं और यह बात इन्हें परेशान कर सकती है। वहीं व्यापारियों के लिए मुनाफा कमा पाना आसान नहीं होगा।
स्वास्थ्य: इस सप्ताह आपको तनाव की वजह से पैरों में दर्द और जोड़ों में अकड़न महसूस हो सकती है। स्वस्थ रहने के लिए आपको ध्यान एवं योग करने की सलाह दी जाती है।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, 27 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 9 के जातक इस सप्ताह चीजों को अपने पक्ष में करने के लिए संतुलित स्थिति में नजर आएंगे। आपके जीवन में आकर्षण बढ़ेगा।
प्रेम जीवन: पार्टनर के साथ आपके रिश्ते में मधुरता और शांति बनी रहेगी। प्रेम संबंध में आपको अपने पार्टनर के साथ सुख की अनुभूति होगी जिससे आपके रिश्ते में मज़बूती आएगी।
शिक्षा: शिक्षा के लिहाज से यह समय आपके लिए आशाजनक साबित होगा क्योंकि आप उच्च अंक प्राप्त करने में कामयाब रहेंगे। आप इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, रसायन विज्ञान, आदि जैसे विषयों में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
पेशेवर जीवन: इस मूलांक वाले जातकों को नौकरी के नए अवसर मिलने की संभावना है। अगर आप सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, तो इस हफ्ते आपको शानदार अवसर मिलने के संकेत हैं। वहीं व्यापारियों को इस हफ्ते बड़ा मुनाफा होने के संकेत हैं। अगर आप पार्टनरशिप में काम करते हैं, तो भी आपको सफलता मिलेगी।
स्वास्थ्य: इस सप्ताह मूलांक 9 के जातकों का स्वास्थ्य काफी अनुकूल होने के संकेत दे रहा है जिसके चलते आपके पास मौजूद ऊर्जा स्तर और जबरदस्त आत्मविश्वास होने वाला है।
उपाय: प्रतिदिन 27 बार “ऊँ दुर्गाय नमः” का जाप करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. अंक ज्योतिष कितने प्रकार के होते हैं?
अंक ज्योतिष व्यक्ति के जीवन पर तीन प्रकार से प्रभावित करता है। मूल्यांक, भाग्यांक और नामांक।
2. अपना अंक ज्योतिष नंबर कैसे पता करें?
मूलांक और भाग्यांक को निकालना बेहद आसान है और इसके लिए आपको सबसे पहले अपनी जन्म तिथि, महीना और साल को लिखकर जोड़ना है जो अंक आएगा वह आपका भाग्यांक होगा।
3. मूलांक 7 का स्वामी कौन है?
अंक ज्योतिष के मुताबिक, मूलांक 7 का स्वामी ग्रह केतु है। जिन लोगों का जन्म 7, 16, या 25 तारीख को होता है, उनका मूलांक 7 होता है।