शनि ने चली मार्गी चाल – इन राशियों पर रहेगा प्रकोप!
वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को न्याय का कारक माना गया है। शनि देव धीमी चाल चलने वाले ग्रहों में से एक हैं और वे एक राशि में लंबे समय तक रहते हैं। हालांकि, इस बीच वे वक्री और मार्गी चाल चलते हैं। अब शनि ग्रह 15 नवंबर 2024 की शाम 05 बजकर 09 मिनट पर कुंभ राशि में मार्गी होने जा रहे हैं। इस दिन वरियन योग बन रहा है। इस योग की शुरुआत 15 नवंबर को सुबह 07 बजकर 29 मिनट पर होगी और इसका समापन रात्रि 03 बजकर 32 मिनट पर होगा।
आज इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे कि कुंभ राशि में मार्गी होने पर शनि किन राशियों का भाग्य चमकाएंगे और किन राशियों के जातकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही शनि ग्रह के ज्योतिषीय उपायों के बारे में भी जानेंगे।
शनि देव तब मार्गी हो रहे हैं, तो उस तिथि पर वरीयान योग बन रहा है। यह 27 योगों में से 18वां योग है और इसे अत्यंत शुभ माना जाता है। इस योग का संबंध बृहस्पति ग्रह और भगवान कुबेर से है। इस योग में जन्म लेने वाले जातक संगीत, नृत्य और कला के अन्य रूपों में निपुण होते हैं। इन क्षेत्रों में करियर बनाने पर इन्हें आसानी से सफलता मिल सकती है। इन लोगों की रचनात्मक क्षेत्रों में रुचि होती है। इस योग के प्रभाव से ये जातक मज़बूत और शक्तिशाली बनते हैं।
न्याय के देवता शनि ग्रह 15 नवंबर 2024 की शाम 05 बजकर 09 मिनट पर कुंभ राशि में मार्गी होने जा रहे हैं।
शनि देव को अनुशासन और कर्मों का कारक माना गया है। शनि के वक्री अवस्था से मार्गी चाल चलने से यह संकेत मिलता है कि इस दौरान जीवन में अधिक स्पष्टता और गति आएगी। शनि के मार्गी होने पर लोगों को अपना मार्ग स्पष्ट दिखाई देगा। शनि के वक्री होने पर जिस देरी या बाधाओं का सामना करना पड़ रहा था, अब वे सब समाप्त होने लगेंगी। इससे शनि के प्रभाव से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति मिलेगी।
शनि के वक्री रहने पर जातक जिम्मेदारियों, लक्ष्यों और सीमाओं को लेकर चिंतन कर रहा था लेकिन अब कार्य करने का समय है। अपनी योजनाओं को लागू करने का समय आ गया है। अब आप अधिक स्पष्टता के साथ निर्णय ले सकते हैं। यह समय मेहनत, अनुशासन और स्थिरता लाने के लिए है।
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शनि के मार्गी होने का कुंभ राशि पर प्रभाव
कुंभ राशि वालों के लिए शनि देव लग्न और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब वह आपके लग्न/पहले भाव में मार्गी होने जा रहे हैं। इस दौरान आपको अपनी सेहत को लेकर कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। अपनी सेहत का खास ख्याल रखें। इस दौरान आपके साथ कोई दुर्घटना होने की आशंका है। कार्यक्षेत्र में आपका अपने उच्च अधिकारियों के साथ मतभेद होने के संकेत हैं। इसके कारण आप अपना काम समय पर पूरा करने में विफल रह सकते हैं।
वहीं व्यापारियों को भी अपने क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिलने के आसार हैं। आपको अपने बिज़नेस में मुनाफा कमाने के लिए नई रणनीतियों पर काम करना चाहिए। शनि के मार्गी होने पर आपको धन हानि होने का डर है। आपकी लापरवाही की वजह से पैसों का नुकसान हो सकता है।
आपके निजी जीवन की बात करें, तो इस समय आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी तालमेल में कमी आ सकती है। आपके रिश्ते में अहंकार की वजह से समस्याएं उत्पन्न होने के संकेत हैं। इसके कारण आपके वैवाहिक जीवन की सुख-शांति भंग हो सकती है। सेहत के मामले में इस समय आपकी इम्युनिटी काफी कमज़ोर रहने वाली है। आपको पैरों में दर्द की शिकायत हो सकती है। आपको तनाव से दूर रहने की सलाह दी जाती है। आप शनि देव की अगले छह महीने तक पूजा करें।
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शनि ग्रह की प्रकृति क्या है
वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि एक बंधनकारी, ठंडा, बंजर, स्थिर, कठोर और गुप्त प्रकृति वाला ग्रह है। इसे मकर और कुंभ राशि का स्वामित्व प्राप्त है। यह तुला राशि में 20 डिग्री पर उच्च का होता है और मेष राशि में 20 डिग्री पर नीच का होता है। जिन लोगों का जन्म शुक्र की राशियों यानि वृषभ और तुला में होता है, उनके लिए शनि को बहुत शुभ माना जाता है। वहीं बुध की राशियों यानी कन्या और मिथुन के लिए शनि अशुभ माने जाते हैं।
उत्तर कालामृत के अनुसार शनि स्वराशि में होने पर या बृहस्पति की राशि में होने पर या उच्च के होने पर लाभकारी प्रभाव देते हैं। शनि पुष्य, अनुराधा और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी हैं। शनि के कुप्रभाव के कारण कार्यों में देरी आ सकती है। इसके कारण मनमुटाव, विवाद, परेशानियां, उदासी, निराशा और कुंठा मिलती है।
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शनि ग्रह कैसा प्रभाव देता है
कुंडली में शुभ स्थान में होने पर शनि अच्छे परिणाम देते हैं। जातक को अपनी इच्छा के अनुसार फल मिलता है। शनि का शुभ स्थान में होना उत्तम स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के लिए फायदेमंद होता है। ये लोग न्यायप्रिय और सच बोलते हैं। वहीं शनि देव को लंबी उम्र का कारक भी माना गया है।
शुभ शनि का प्रभाव: लाभकारी शनि परिश्रम, लगन, काम, विवेक, धैर्य, बचत, उद्योग, रहस्य रखने, आत्म-नियंत्रण, धीरज, मितव्ययिता और कर्तव्य की भावना के लिए जिम्मेदार होता है। शनि के शुभ प्रभाव से व्यक्ति सच्चा, ईमानदार, विश्वसनीय, निष्ठावान और वफादार बनता है।
अशुभ शनि का प्रभाव: शनि के पीड़ित या अशुभ स्थान में होने पर कार्यों में देरी आती है और व्यक्ति निराशा एवं उदासी से घिर सकता है। ये जातक को आलसी, सुस्त और निष्क्रिय बनाता है।
शनि शांति के लिए सुबह क्या उपाय करें
यदि आपको शनि के अशुभ प्रभाव मिल रहे हैं, तो आप सुबह उठकर स्नान करने के बाद शनि देव की पूजा ज़रूर करें। इसके अलावा राधेश्याम की आराधना करने से भी लाभ होगा। हनुमान जी और कूर्म देव की पूजा करना भी अच्छा माना जाता है।
अगर आप शनि देव को प्रसन्न करना चाहते हैं और उनसे शुभ प्रभाव पाने की कामना रखते हैं, तो शनिवार के दिन व्रत रखें और शनि देव की विशेष पूजा करें। इसके अलावा आप शनि मंदिर जाकर सरसों के तेल का दीया भी जला सकते हैं।
शनिवार के दिन शनि के होरा एवं शनि के नक्षत्र में शनि देव से संबंधित चीज़ों का दान करना लाभकारी माना गया है। शनि के नक्षत्र हैं पुष्य, अनुराधा और उत्तरा भाद्रपद। शनि की चीज़ों का दान दोपहर या शाम के समय करना चाहिए।
शनि ग्रह से संबंधित वस्तुओं में लोहा, साबुत उड़द की दाल, तेल, काले रंग के वस्त्र और तिल के बीज शामिल हैं।
शनि शांति के लिए कौन सा रत्न पहनना चाहिए
शनि देव को प्रसन्न करने या उनकी कृपा पाने के लिए नीलम रत्न पहना जाता है। मकर और कुंभ राशि के जातक इस रत्न को पहन सकते हैं। इस स्टोन को धारण करने से शनि से मिल रहे नकारात्मक प्रभावों में कमी आती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. शनि किन राशियों के स्वामी ग्रह हैं?
उत्तर. शनि मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं।
प्रश्न 2. शनि देव की पूजा किस दिन की जाती है?
उत्तर. शनिवार का दिन शनि देव के लिए समर्पित है।
प्रश्न 3. शनि देव को प्रसन्न करने का क्या उपाय है?
उत्तर. शनिवार के दिन शनि देव की मूर्ति पर सरसों का तेल चढ़ाएं।
प्रश्न 4. शनि के लिए कौन सा रत्न पहना जाता है?
उत्तर. शनि के लिए नीलम रत्न पहना जाता है।
कब और क्यों मनाई जाती है देव दिवाली, जानें क्यों सभी देवता भगवान शिव की करते हैं पूजा!
सनातन धर्म में दीपावली के त्योहार के साथ-साथ देव दिवाली के पर्व का भी विशेष महत्व है। दिवाली के ठीक 15 दिन बाद देव दीपावली मनाई जाती है। पौराणिक मान्यता है कि देव दीपावली यानी देवताओं की दिवाली के दिन सभी देवता काशी पर उतरते हैं और दिवाली मनाते हैं। मुख्य रूप से देव दिवाली काशी में गंगा नदी के तट पर मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरासुर का वध किया और इसके बाद देवताओं ने दीप जलाकर उत्सव मनाया जो देव दीपावली के रूप में प्रचलित है।
इस पावन दिन में पवित्र नदी में स्नान का बहुत अधिक महत्व होता है। वहीं काशी में देव दीपावली का अलग ही उल्लास देखने को मिलता है। पूरी काशी को दीपों से सजाया जाता है और गंगा घाट पर चारों तरफ मिट्टी के दिए जलाए जाते हैं। साथ ही, लोग अपने घरों के बाहर भी दीपक जलाते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
तो आइए इसी क्रम में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं देव दिवाली 2024 की तिथि, पूजा मुहूर्त, महत्व, पौराणिक कथा और ज्योतिषीय उपाय के बारे में।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को देव दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। इस साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि 15 नवंबर को दिन शुक्रवार को पड़ रही है।
पूर्णिमा तिथि आरंभ : 15 नवंबर 2024 की सुबह 06 बजकर 21 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 16 नवंबर 2024 की सुबह 02 बजे तक।
देव दिवाली का महत्व
देव दिवाली को देव दीपावली भी कहा जाता है। यह कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है और इसका धार्मिक महत्व अत्यधिक पवित्र और महत्वपूर्ण है। यह त्योहार विशेष रूप से उत्तर भारत, खासकर वाराणसी में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इसे “देवताओं की दिवाली” कहा जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इस दिन सभी देवता स्वर्ग से पृथ्वी पर गंगा नदी के तट पर आते हैं और दीप जलाकर भगवान शिव की पूजा करते हैं और दिवाली के रूप में इस त्योहार को मनाते हैं।
देव दिवाली का संबंध भगवान शिव से है और इस दिन भोलेनाथ की प्रिय काशी के गंगा घाटों पर दीपों की पंक्ति सजाई जाती है और भगवान शिव का विशेष पूजन किया जाता है। भक्त गंगा नदी में स्नान करके शिवलिंग पर जल और पुष्प अर्पित करते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इस विजय के उपलक्ष्य में देवता, ऋषि-मुनि, और पृथ्वी के लोग मिलकर दीप जलाते हैं और भगवान शिव की आराधना करते हैं। देव दिवाली के दिन, भक्त गंगा नदी में स्नान करते हैं, जिसे अत्यधिक पुण्यकारी माना जाता है। यह स्नान व्यक्ति के पापों को धोने और आत्मा को शुद्ध करने में सहायक होता है।
देव दिवाली की पूजा करने से पहले प्रातः काल स्नान करें। यदि संभव हो, तो गंगा नदी या किसी पवित्र जल में स्नान करें।
स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को अच्छे से साफ कर लें।
गंगा किनारे, घर के मंदिर, या आंगन में दीप जलाएं।
पूजा स्थल पर भगवान शिव और गंगा माता की मूर्ति या चित्र रखें।
शिवलिंग पर जल, दूध, और बेलपत्र अर्पित करें। चंदन, फूल, धूप, दीप, और नैवेद्य अर्पित करके भगवान शिव की आरती करें।
गंगा माता की मूर्ति के समक्ष ताजे फूल, धूप, और दीप अर्पित करें और मां गंगा आरती करें।
देव दिवाली के दिन भगवान विष्णु की भी पूजा का महत्व है क्योंकि यह कार्तिक पूर्णिमा का अवसर है। भगवान विष्णु की मूर्ति के समक्ष दीप जलाएं और तुलसी के पत्ते अर्पित करें।
भगवान विष्णु की आरती करें और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
पूजा के अंत में भगवान शिव, गंगा माता, और भगवान विष्णु को भोग अर्पित करें। प्रसाद में फल, मिठाई, या विशेष पकवान शामिल करें।
पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में त्रिपुर नामक तीन बहुत ही शक्तिशाली राक्षस थे, जिन्हें त्रिपुरासुर कहा जाता था। वे तीनों भाई थे और उन्होंने कठोर तपस्या करके ब्रह्माजी से वरदान प्राप्त कर लिया था। ब्रह्मा जी ने उन्हें वरदान दिया कि वे तीन अलग-अलग शहरों (त्रिपुर) में निवास करेंगे, जो आकाश में स्थित होंगे और उन तीनों को केवल एक साथ मिलकर एक ही समय पर नष्ट किया जा सकता है। इस वरदान से त्रिपुरासुर अत्यंत अभिमानी और शक्तिशाली हो गए।
त्रिपुरासुर ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया और देवताओं को परेशान करने लगे। वे तीनों राक्षस स्वर्गलोक और पृथ्वी पर अत्याचार करने लगे, जिससे देवता और ऋषि-मुनि अत्यधिक पीड़ित हो गए। देवताओं ने इस संकट से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव की शरण ली और उनसे त्रिपुरासुर का वध करने की प्रार्थना की। भगवान शिव ने देवताओं की प्रार्थना स्वीकार की और त्रिपुरासुर का वध करने का संकल्प लिया। उन्होंने अपने धनुष से एक दिव्य बाण का निर्माण किया। कार्तिक पूर्णिमा के दिन, भगवान शिव ने अपने रथ पर चढ़कर तीनों त्रिपुर को निशाना बनाया और अपने धनुष से बाण चलाकर तीनों को एक साथ नष्ट कर दिया। इस प्रकार त्रिपुरासुर का अंत हुआ और देवताओं को उनके अत्याचारों से मुक्ति मिली।
भगवान शिव की इस विजय के बाद, देवताओं ने प्रसन्न होकर उनकी आराधना की और दीप जलाकर उत्सव मनाया। यह वही दिन था जब देवताओं ने पहली बार “देव दिवाली” मनाई थी। इस दिन को देवताओं के दिवाली के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई। देवताओं ने गंगा तट पर आकर दीप जलाए और भगवान शिव की महिमा का गुणगान किया।
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देव दिवाली के दिन जरूर करें ये ख़ास उपाय
शत्रुओं से बचाव के लिए
देव दिवाली के दिन हनुमानजी की पूजा करें। उन्हें सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें। यह उपाय शत्रुओं से आपकी सुरक्षा करेगे और हर समस्याओं का निवारण करेगा।
राहु-केतु दोष से छुटकारा पाने के लिए
देव दिवाली के दिन शिवलिंग पर गंगाजल और दूध चढ़ाएं। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और कुंडली में उपस्थित शनि दोष और राहु-केतु दोष का प्रभाव कम होता है। साथ ही, “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए
देव दिवाली के दिन काले तिल का दान करना विशेष फलदायी होता है। इससे शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और कुंडली में शनि दोष का निवारण होता है। इसके अलावा, काले तिल को जल में प्रवाहित करना भी शनि ग्रह को शांत करता है।
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सुख-समृद्धि के लिए
इस दिन घर के कोनों में गंगा जल का छिड़काव करें। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा, गंगाजल का छिड़काव वास्तु दोष को समाप्त करता है और घर में शांति और सुख-समृद्धि आती है।
बुध ग्रह के शुभ प्रभाव के लिए
देव दिवाली पर गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, और धन का दान करें और गौ माता को हरा चारा और गुड़ खिलाएं।
गुरु की स्थिति मजबूत करने के लिए
देव दिवाली के दिन पीपल के वृक्ष के पास दीया जलाएं और उसकी परिक्रमा करें। पीपल वृक्ष को जल अर्पित करने से गुरु ग्रह का दोष शांत होता है और कुंडली में गुरु की स्थिति सुदृढ़ होती है।
मंगल दोष दूर करने के लिए
देव दिवाली के दिन लाल कपड़े में गुड़ बांधकर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान करें। यह उपाय मंगल दोष को शांत करता है और जीवन में सकारात्मकता लाता है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1- 2024 में कब है देव दिवाली?
इस साल देव दिवाली 15 नवंबर को मनाई जाएगी।
2- देव दीपावली पर क्या करें?
देव दीपावली यानी कार्तिक पूर्णिमा के शुभ दिन पर गंगा या अन्य किसी पवित्र नदी में डुबकी लगानी चाहिए और शाम के समय मिट्टी के दीपक जलाने चाहिए।
3- देव दीपावली का क्या महत्व है?
कालांतर में भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया। इस उपलक्ष्य पर देवताओं ने स्वर्ग में दीप जलाकर दीपावली मनाई जाती है।
बाल दिवस 2024: जानें राशि अनुसार बच्चों को मिलेंगे कैसे परिणाम!
बाल दिवस 2024: हम उम्र के किसी भी पड़ाव पर क्यों न हों, बाल दिवस का नाम सुनते ही मन यादों में डूब जाता है। पुराने दिनों को याद करते हुए हम सोचते हैं कि वो भी क्या दिन थे जब बाल दिवस पर तैयार होकर स्कूल पहुंचने की जल्दी रहती थी। इस दिन स्कूल में होने वाले मनोरंजक कार्यक्रम और आखिर में मिलने वाली मिठाई की यादें ताजा हो जाती हैं। खैर, वो समय तो बीत गया और अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि चिल्ड्रेंस डे के इस ब्लॉग में क्या-क्या जानकारी दी गई है।
हर साल 14 नवंबर को भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस पर चिल्ड्रेंस डे यानी बाल दिवस मनाया जाता है। पंडित नेहरू का मानना था कि बच्चे ही हमारे देश का भविष्य हैं और उन्हें अच्छी तरह से शिक्षित किया जाना चाहिए एवं उनका सही तरह से विकास हो पाए, इसके लिए उनकी उचित देखभाल करनी चाहिए। नेहरू जी की इसी बात को ध्यान में रखते हुए बाल दिवस का प्रमुख उद्देश्य होता है कि बच्चों के अधिकारों और शिक्षा एवं संरक्षण की ज़रूरत को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाई जाए।
अक्सर कहा जाता है कि वयस्कों पर बच्चों को सही मार्गदर्शन देने और सही दिशा में ले जाने की जिम्मेदारी होती है ताकि बच्चे अपनी प्रतिभा का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकें। अक्सर हम अनजाने में अपने लिए गलत नौकरी या करियर क्षेत्र का चुनाव कर लेते हैं जिस पर आगे चलकर हमें पछतावा होता है। उस समय ऐसा लगता है कि अगर हमें शुरुआत में ही किसी ने सही सलाह दे दी होती, तो हम अपने करियर में आज बेहतर प्रदर्शन कर रहे होते। इसी वजह से एस्ट्रोसेज ने एक विशेष ज्योतिषीय रिपोर्ट तैयार की है जिसका नाम ‘कॉग्नि एस्टो रिपोर्ट’ है। इस रिपोर्ट में एस्ट्रोसेज के विद्धान और अनुभवी ज्योतिष बच्चे की कुंडली का अध्ययन करने के बाद उसके व्यक्तित्व और प्रतिभा के आधार पर उसके लिए उपयुक्त नौकरी की जानकारी देंगे।
बाल दिवस 2024: कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट और राशि अनुसार पेरेंटिंग टिप्स
कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट में करियर से संबंधित हर प्रश्न का उत्तर मिल जाएगा। डॉ. कार्ल जंग के सिद्धांतों से मिले मानव मनोविश्लेषण के आधार पर ज्योतिषी पुनीत पांडे ने अपने ज्योतिषीय ज्ञान से इस रिपोर्ट को तैयार किया है।
इस रिपोर्ट की मदद से माता-पिता अपने बच्चे के व्यक्तित्व और उसकी रुचियों को अच्छे से समझ पाएंगे। इससे उन्हें अपने बच्चे का सही मागर्दशन करने और उसके भविष्य को बेहतर तरीके से संभालने में सहायता मिलेगी।
जब माता-पिता के सामने यह सवाल आता है कि उनके बच्चे के लिए सबसे अच्छा क्या है और प्रगति करने के लिए कैसे उसका मार्गदर्शन करना है, तब अक्सर पेरेंट्स खुद को असहाय और निराश महसूस करते हैं। अभिभावक ही नहीं बल्कि बच्च्चे भी अक्सर ऐसे सवालों से घिरे रहते हैं कि जिंदगी में क्या हासिल करना है?, क्या हम बेहतर प्रदर्शन दे पाएंगे?, मेरे या मेरे बच्चे के लिए करियर के क्षेत्र में सबसे अच्छा विकल्प क्या रहेगा?
अक्सर दिनभर मन इस तरह के सवालों में उलझा रहता है। अपने सवालों का जवाब जानने के लिए हम कई मनोवैज्ञानिक परीक्षण और स्टडीज़ करते हैं लेकिन इससे हम और भी ज्यादा कंफ्यूज़ हो जाते हैं। इस चिल्ड्रेंस डे ब्लॉग को उन माता-पिता और बच्चों के सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार किया गया है जो भविष्य को लेकर उत्साहित होने के साथ-साथ डरे हुए होते हैं।
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राशि-अनुसार पेरेंटिंग टिप्स
माता-पिता बनने के बाद कई तरह की मुश्किलें आती हैं और हर दिन बच्चे की ज़रूरतों के हिसाब से खुद को ढालना चुनौतीपूर्ण और कठिन लगने लगता है। हर बच्चा अलग होता है और उसका व्यक्तित्व, कौशल एवं सीमाएं भी भिन्न होती हैं। यदि माता-पिता को अपने बच्चे की विशेषताओं और खास बातों के बारे में पता हो, तो वे अपने बच्चे का ज्यादा अच्छे से मार्गदर्शन एवं पालन-पोषण कर सकते हैं।
अपनी संतान के व्यक्तित्व के बारे में गहराई से जानने के लिए ज्योतिष एक बेहतरीनत मार्ग एवं उपाय है। बच्चे की राशि की प्रकृति और उसकी विशिष्टता जानने के बाद आप अपने बच्चे की पसंद-नापंसद, काबिलियत और प्रगति के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। कई माता-पिता अपने बच्चे के साथ अपने रिश्ते को मज़बूत करने के लिए इसे एक सहायक उपकरण के रूप में भी देखते हैं।
राशि
पेरेंटिंग टिप्स
मेष राशि
इनकी एनर्जी को सही दिशा में लगाने के लिए आप इन्हें शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें।संयम दिखाकरऔर दृढ़ सीमाएं बनाकर आप अपने बच्चे को धैर्य का पाठ सिखा सकते हैं।बच्चे की उपलब्धियों के साथ-साथ उसके प्रयासों की भी सराहना करें। इससे बच्चा खुद को हर परिस्थिति के लिए तैयार करना सीखेगा।
वृषभ राशि
बच्चे को एक सुरक्षित और आरामदायक माहौल दें ताकि उसका विकास अच्छे से हो पाए।बच्चे के दृष्टिकोण को समझने का प्रयास करें और उसके जिद्दी व्यवहार के आगे धैर्य से काम लें।नई सोच और अनुभवों के साथ बच्चे को धीरे-धीरे आगे बढ़ाएं।
मिथुन राशि
खेल, पहेलियों और साहित्य की मदद से बच्चे के सीखने के जुनून को प्रोत्साहित करें।बातचीत से उनका विकास होता है इसलिए उन्हें लोगों से घुलने-मिलने का मौका दें।उसकी उम्र और क्षमता के हिसाब से लक्ष्य निर्धारित करके ध्यान केंद्रित करने में मदद करें।
कर्क राशि
बच्चों के लिए घर में प्यारभरा और सुरक्षित माहौल बनाएं।उनकी भावनाओं को समझें और मुश्किल वक्त में सांत्वना और सहानुभूति दें।उसे बताएं कि कभी-कभी कमज़ोर महसूस करने में कोई बुराई नहीं है और उसे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करें।
सिंह राशि
बच्चे की रचानात्मक क्षमता को बढ़ावा देने के लिए उसे कला या परफॉर्मेंस से संबंधित गतिविधियों में हिस्सा लेने दें।आपसी सहयोग और शेयरिंग सिखाकर उसके अंदर विनम्रता का भाव विकसित करें।समय-समय पर उनकी सराहना करें और उन्हें स्वीकार करें लेकिन इसके साथ ही उन्हें दूसरों का महत्व समझने की भी सीख दें।
कन्या राशि
बच्चे को परिणाम के बजाय प्रयास करने पर ध्यान देना सिखाएं। ऐसा कर के आप उसे अपने परफेक्शनिज्म को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।तनाव से बचने के लिए आप उसे आराम करने और ऐसी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित करें जिससे उन्हें खुशी मिलती हो।उसे बताएं कि सीखने और विकास के रास्ते में गलतियां होना स्वाभाविक है।
तुला राशि
उन्हें अपने विचारों को व्यक्त करने और अपने फैसले खुद लेने के लिए प्रोत्साहित करें।बच्चे को सिखाएं कि किसी के साथ असहमति होना गलत बात नहीं है और इस असहमति को सौहार्दपूर्ण सुलझाया जा सकता है।बच्चे को फैसले लेने और अपनी निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास करना सिखाएं।
वृश्चिक राशि
उसे बताएं कि अपनी भावनाओं को शेयर करना ठीक है और वो खुलकर बात कर सकता है।उसके जुनून को रुचि या मनोरंजन में बदलने में उसकी मदद करें।बच्चे को दूसरों को माफ करने और गिले-शिक्वे दूर करने की सीख दें।
धनु राशि
बच्चे को विभिन्न संस्कृतियों और अनुभवों से परिचित करवाएं। इससे बच्चे साहसी बनेंगे।बच्चे को अपने कार्यों के प्रति जवाबदेही और अपने शब्दों पर टिके रहना सिखाएं।बच्चे को स्थिरता और स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाने में सहायता करें।
मकर राशि
बच्चे को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का मौका दें। इससे वह महत्वाकांक्षी बनेगा।थकान से बचने के लिए उसे आराम और सुकून के पल बिताने के लिए प्रोत्साहित करें।उसे लक्ष्य को महत्व देने के बजाय वहां तक पहुंचने की यात्रा का आनंद लेना सिखाएं।
कुंभ राशि
उसकी रुचियों का समर्थन करें और उसकी कल्पनाशीलता को बढ़ावा दें।बच्चे को दूसरों को समझने और सहानुभूति रखने का महत्व बताएं। इससे उसके भावनात्मक रिश्ते मज़बूत होंगे।उसे अपने विचारों के साथ प्रयोग करने की आज़ादी दें। इसके साथ ही सही दिशा दिखाएं और प्रोत्साहन भी दें।
मीन राशि
बच्चे को कहानियों, संगीत या पेंटिंग के ज़रिए क्रिएटिव बनाने की कोशिश करें।उसे जरूरी स्किल्स सिखाएं और रूटीन में रहने का महत्व बताएं। इससे बच्चे जमीन से जुड़े रहते हैं।उन्हें बताएं कि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना चाहिए एवं उन्हें भावनात्मक रूप से सहयोग प्रदान करें।
नोट: चूंकि, वैदिक ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा हमारे मन, भावनात्मक क्षमता और मां का कारक होता है इसलिए चिल्ड्रेंस डे 2024 के लिए चंद्रमा के गोचर और स्थिति के अनुसार भविष्यवाणी की गई है।
मेष राशि
14 नवंबर को चंद्रमा वृषभ राशि के दूसरे भाव में होंगे जो कि उनकी उच्च राशि है। चंद्रमा मेष राशि के लिए कुंडली के चौथे भाव के स्वामी हैं। दूसरा भाव शिक्षा को दर्शाता है। चंद्रमा के दूसरे भाव में होने से छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। यदि 14 नवंबर को किसी परीक्षा का परिणाम आने वाला है, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि नतीजा सकारात्मक ही होगा। नवंबर में होने वाले अन्य ग्रहों के गोचरों को ध्यान में रखते हुए आप किसी भी परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त कर के सफल होंगे। हालांकि, आपको अतिआत्मविश्वासी होने से बचना चाहिए।
चंद्रमा के दूसरे भाव में होने से, जो जातक अपने पारिवारिक व्यवसाय में काम कर रहे हैं या जो लिक्विड, केमिकल और फूड आदि के क्षेत्र में अपना खुद का व्यापार कर रहे हैं, उन्हें शानदार परिणाम प्राप्त होने की उम्मीद है। आप अपनी बातों से दूसरों को प्रभावित करने और अपना काम करवाने में सक्षम होंगे।
उपाय: सफलता और उत्तम स्वास्थ्य के लिए हर सोमवार को रुद्राभिषेक करें।
पहले भाव में उच्च का चंद्रमा उत्कृष्ट बौद्धिक और भावनात्मक क्षमता प्रदान करता है। वृषभ राशि के जातकों के लिए चंद्रमा तीसरे भाव के स्वामी हैं। जो जातक रचनात्मक क्षेत्र में काम या व्यापार करते हैं, उनके लिए चंद्रमा की यह स्थिति श्रेष्ठ साबित होगी। ये जन्म से ही कई प्रतिभाओं के धनी और कला प्रेमी होते हैं। निर्णय लेने के मामले में ये तर्क के बजाय अपने मन की ज्यादा सुनते हैं।
इस भाव के स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं और जब तक वह किसी अशुभ प्रभाव में नहीं आते, तब तक इस स्थिति में वह अच्छा प्रभाव ही देते हैं। आप शिक्षा के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करेंगे ओर दूसरों की मदद करने में भी सक्षम होंगे। हालांकि, अगर चंद्रमा आपकी कुंडली में अशुभ प्रभाव में है या नकारात्मक स्थान पर बैठा है, तो ऊपर बताए गए सकारात्मक प्रभावों में कमी आ सकती है।
चंद्रमा के इस स्थिति में होने की वजह से व्यक्ति बहुत ज्यादा मिलनसार स्वभाव का होता है और इसकी वजह से उसकी एकाग्रता में बाधा उत्पन्न हो सकती है। यही वजह है कि वृषभ राशि के छात्रों के माता-पिता और शिक्षकों को अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है।
उपाय: वृषभ राशि के बच्चों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए मोती के साथ चांदी की चेन गले में धारण करनी चाहिए।
मिथुन राशि के जातकों के लिए चंद्रमा उनके दूसरे भाव के स्वामी हैं। यह भाव संपन्नता, परिवार और वाणी का होता है। इस दौरान चंद्रमा आपके बारहवें भाव में रहेंगे जो कि अध्यात्म, अस्पताल और उससे संबंधित, मल्टीनेशनल कंपनी या विदेशी भूमि को दर्शाता है। जो छात्र पढ़ाई के लिए विदेश जाने की सोच रहे हैं, अब उनका यह सपना पूरा हो सकता है। वहीं नौकरीपेशा जातकों को भी काम के सिलसिले में विदेश जाकर रहने का मौका मिल सकता है। (आपकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति और दशा से भी इसकी पुष्टि होनी चाहिए।)
चंद्रमा की यह स्थिति एक ऐसे कल्पनाशील व्यक्ति को दर्शाती है जो दिन में सपने देखना पसंद करते हैं। कल्पनाशील होने की वजह से ये बहुत रचनात्मक होते हैं और लेखक या फिल्म मेकर बनते हैं और खूब धन कमाते हैं। छात्रों को ध्यान लगाने और पढ़ाई के लिए एक नियमित दिनचर्या को बनाए रखने में दिक्कत आ सकती है। इन्हें अपने शिक्षकों और माता-पिता से अधिक देखभाल और मदद की जरूरत पड़ सकती है।
कर्क राशि के जातकों के लिए चंद्रमा लग्न भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके लाभ के स्थान यानी ग्यारहवें भाव में स्थित रहेंगे। चंद्रमा के इस भाव में होने की वजह से आप अत्यंत सम्मोहक व्यक्तित्व के और रचनात्मक गुणों से लबरेज़ होते हैं। इससे आपको अपने कार्यों में आगे बढ़ने और जीवन में संतुष्टि पाने में मदद मिलेगी। अपनी उत्कृष्ट कला की वजह से आप खूब पैसा कमाएंगे। यदि आप अपने जीवन में अच्छे और बुरे दोनों तरह के समय का आनंद लेना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको अपनी जिंगदी में संतुलन बनाकर चलना होगा।
कर्क राशि के छात्र शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेंगे और उन्हें अपनी उम्मीद से ज्यादा बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। आपके स्कूल या कॉलेज में कोई प्रतियोगिता होने वाली है, तो निश्चित रूप से आप उसमें अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
उपाय: चंद्रमा के बीज मंत्र – ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्रमसे नम:’ का जाप करें।
सिंह राशि के जातकों के लिए चंद्रमा उनके बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके दसवें भाव में रहेंगे। आप एक प्रसिद्ध, सभी के चहेते और सफल व्यक्ति होंगे। ये लोग मनोहर व्यक्तित्व और चरित्र के होते हैं। ये जातक बहुत बुद्धिमान, रचनात्मक और सत्ताधारी होते हैं। हालांकि, चंद्रमा की इस स्थिति में बॉस के साथ मतभेद होने की भी आशंका रहती है। ये छात्र पढ़ाई में उत्कृष्ट आएंगे। यदि आप विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं, तो अब आपकी यह इच्छा पूरी हो सकती है।
ये बहुत संवेदनशील स्वभाव के होते हैं और व्यवस्थित एवं जिम्मेदार होते हैं । साथ ही यह भावुक होते हैं। अपने खुले विचारों और जीवन के प्रति स्पष्ट दृष्टिकोण रखने की वजह से ये दूसरों से अलग होते हैं। इन्हें शांति से और कभी-कभी अकेले रहने का मन कर सकता है। इन जातकों को ट्रेड या वित्तीय उद्योग में सफलता मिलने की संभावना है। ये इंजीनियर या पीडब्ल्यूडी के अधिकारी के रूप में सफल हो सकते हैं। इस समय आपको डॉक्टर, आईएएस, आईपीएस, आईआरएस या आईएफएस अधिकारी बनने के लिए प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलने के आसार हैं। फार्मास्यूटिकल, मेडिकल और कॉस्मेटिक के क्षेत्र में भी आपको प्रगति मिलेगी।
उपाय: आप रोज़ दूध में पानी और थोड़ी सी चीनी डालकर चंद्रमा को अर्घ्य दें।
कन्या राशि के जातकों के लिए चंद्रमा उनके ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो कि लाभ और मनोकामना की पूर्ति का स्थान है। चंद्रमा अपने त्रिकोण भाव यानी नौवें घर में रहेंगे। यह चंद्रमा की उत्कृष्ट स्थिति है। चंद्रमा के नौवें भाव में होने की वजह से आप लंबी दूरी की यात्राओं का आनंद लेंगे। विदेश में प्रशंसा मिलने की वजह से आप वहां स्थायी या अस्थायी रूप से रहने की इच्छा रख सकते हैं। नवम भाव पर चंद्रमा के प्रभाव के कारण जातक को अक्सर समुद्री यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। इन्हें अध्यात्म में शांति का अनुभव होगा। इन जातकों में दुनिया को समझने की क्षमता या योग्यता दूसरों से कहीं ज्यादा होती है।
जब बुद्धि की बात आती है तो चंद्रमा की ऐसी स्थिति वाले छात्र अपने काम में अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करते हैं। ये तत्वविज्ञान, फिलॉस्फी, धर्म, आध्यात्मिकता, कानून, रीति-रिवाज़ और सभ्यता आदि के मामले में उत्कृष्ट होते हैं। आपकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप कहां काम करते हैं इसलिए सफलता पाने के लिए आप इस समय कहीं और काम के अवसरों की तलाश करनी शुरू कर दें।
तुला राशि के दसवें भाव पर चंद्रमा का आधिपत्य है एवं यह भाव करियर को दर्शाता है। अब चंद्रमा आपके आठवें भाव में रहेंगे जिसे रहस्यों का कारक माना जाता है। जिनकी कुंडली में चंद्रमा आठवें भाव में विराजमान होता है, वे उद्यमी, महत्वाकांक्षी और अपने जीवन को लेकर प्रतिबद्ध रहते हैं। ये कई स्रोतों से ज्ञान अर्जित करते हैं और बहुत कुछ सीखते हैं। इसके अलावा इनके अंदर तनावपूर्ण या मुश्किल स्थिति में भी शांत रहने का गुण विद्यमान होता है। इससे इन्हें अपने निजी और पेशेवर जीवन में काफी लाभ मिलता है। ये जातक अन्याय का विरोध करते हैं और सच बोलते हैं एवं दूसरों के प्रति समर्पण और दया का भाव रखते हैं।
जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा इस स्थिति में होते हैं, वे जातक किसी भी चीज़ या परिस्थिति को आसानी से स्वीकार कर लेते हैं और इनके पास नए विचारों का खजाना होता है। इन्हें रहस्यमयी, थ्रिलर या भूत की कहानी लिखने वाले लेखक या डायरेक्टर के रूप में सफलता मिल सकती है। ये साइकोलॉजिस्ट या साइकैट्रिस्ट के रूप में भी अपना करियर बना सकते हैं। इससे इन्हें सफलता के साथ-साथ विदेश तक में पहचान मिल सकती है। चंद्रमा के आठवें भाव में होने पर जातक डॉक्टर, उपचार करने वाला, ज्योतिषी, योगा निर्देशक, मार्गदर्शक, काउंसलर, आध्यात्मिक गुरु या देख-रेख करने वाला बन सकता है। ये उन क्षेत्रों में काम कर सकते हैं जहां पर तुरंत उपचार और सहारे की ज़रूरत होती है।
इस राशि के नौवें भाव पर चंद्रमा का आधिपत्य है और चिल्ड्रेंस डे पर चंद्रमा आपके सातवें भाव में रहेंगे। अगर आप लंबे समय से किसी खास जगह की यात्रा करने का इंतज़ार कर रहे थे, तो अब आपकी यह इच्छा पूरी हो सकती है। धन की कोई कमी न होने की वजह से आप दूर-दराज वाली जगहों पर छुट्टियों का आनंद लेंगे।
आपको घूमने-फिरने और अपनी यात्राओं के बारे में लिखने से लोकप्रियता और सफलता मिलने के आसार हैं। आप प्रशासनिक सेवाओं, कॉमर्स बिज़नेस और एक राजनयिक दूत के रूप में कामयाब हो सकते हैं। आप आयात-निर्यात के बिज़नेस से खूब पैसा कमा सकते हैं।
उपाय: हर सोमवार और मंगलवार को गरीब लोगों को चावल और चीनी का दान करें।
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धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए चंद्रमा आठवें भाव के स्वामी हैं और अब चंद्रमा उच्च स्थिति में छठे भाव में बैठे हैं और विपरीत राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। जिन लोगों की कुंडली में छठे भाव में चंद्रमा होता है, उनमें दूसरों की सेवा और मदद करने का गुण होता है। ये लोग अपनी रुचि में बदलाव करते हुए दूसरों की मदद करने को अपने विकास का हिस्सा बना सकते हैं।
इन्हें अपने जीवनसाथी, परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ अपने रिश्तों को कायम रखने में संघर्ष करना पड़ सकता है। आपको अजनबियों और कभी-कभी विदेशियों से भी मदद मिलने की संभावना है। आप अपने ज्ञान और समझदारी से लिए गए निर्णयों की वजह से बेहतरीन करियर बना सकते हैं। जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा इस स्थिति में और मज़बूत होता है, वे अपनी असाधारण समझ और एकाग्रता की वजह से शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं।
मकर राशि के सातवें भाव के स्वामी चंद्रमा हैं और अब वह आपके पाचंवे भाव में रहेंगे। चंद्रमा का इस भाव में होना शुभ संकेत है। चूंकि, कुंडली का पांचवां भाव शिक्षा को दर्शाता है इसलिए इस समय मकर राशि के छात्र शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। यदि इनकी कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थान में बैठा हो, तो इन्हें और भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
विद्यार्थियों को पढ़ाई के मामले में उच्च परिणाम मिलने के संकेत हैं। वहीं युवाओं को भी काम के शानदार अवसर मिल सकते हैं। चंद्रमा शुक्र की राशि में उच्च स्थान में बैठा है जिससे रचनात्मकता में वृद्धि होती है। इस वजह से रचनात्मक क्षेत्रों में काम करने वाले जातक बेहतरीन काम करेंगे। आप अपने अनोखे आइडियाज़ और अपने कौशल एवं प्रतिभा से अपने बॉस को प्रभावित करने में सक्षम होंगे। करियर के मामले में यह दिन आपके लिए अच्छा साबित होगा।
कुंभ राशि के छठे भाव के स्वामी चंद्रमा हैं और यह भाव प्रतियोगिता, कर्ज और कानूनी मामलों को दर्शाता है। अब चंद्रमा उच्च के होकर आपके चौथे भाव में विराजमान हैं। कुंडली का यह भाव मां, सुख और सुविधा को दर्शाता है। चूंकि, कालपुरुष की कुंडली में चंद्रमा का घर चौथा भाव ही होता है, इसलिए वृषभ राशि में चौथे घर में चंद्रमा का होना सहजता और भावनात्मक रूप से संतुलन प्रदान करता है।
जिन जातकों की कुंडली में वृषभ या कर्क राशि में चंद्रमा चौथे भाव में होते हैं, वे अपनी मां के प्रति बहुत समर्पित रहते हैं और इन पर मां की ममता या उनके देखभाल करने के व्यवहार का बहुत ज्यादा प्रभाव रहता है। चंद्रमा की दृष्टि दसवें भाव पर पड़ रही है जिससे जातक किसी ऐसे पेशे से जुड़ सकता है जहां पर लोगों की सहायता करनी हो जैसे कि शिक्षक, रियल एस्टेट एजेंट, चाइल्ड काउंसलर, साइकोलॉजिस्ट, नर्स या एचआर। जो व्यक्ति पहले से ही इन पदों पर काम कर रहे हैं, वे उत्कृष्ट प्रदर्शन देंगे और चिल्ड्रेंस डे के इस सप्ताह में छात्रों की एकाग्रता उच्च स्तर की रहने वाली है।
मीन राशि के पांचवे भाव के स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं और यह शिक्षा का भाव है। अब चंद्रमा साहस, शौर्य और एकाग्रता के भाव यानी तीसरे घर में रहेंगे। बाल दिवस का यह सप्ताह छात्रों के लिए बहुत ज्यादा अच्छा साबित होगा। आप अपने शिक्षकों और साथी छात्रों से बेहतर ढंग से जुड़ पाएंगे और आपको पढ़ाई के साथ-साथ एक्स्ट्रा कर्रिकुलर एक्टिविटीज़ में भी में अपने दोस्तों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।
सर्जन, डॉक्टरों, नर्स और मेडिकल या फार्मा से संबंधित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के लिए भी यह अच्छा समय है। इस सप्ताह आपको अपनी पेशेवर जिंदगी में सफलता मिलेगी और आपके सामाजिक एवं व्यावसायिक नेटवर्क का भी विस्तार होगा।
उपाय: आप रोज़ भगवान शिव की उपासना करें और ॐ का जाप एवं ध्यान करें।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. चंद्रमा का किस राशि एवं भाव पर आधिपत्य है?
उत्तर. चंद्रमा कर्क राशि और चौथे भाव के स्वामी हैं। कालपुरुष की कुंडली में यह भाव मां, सुख और सुविधाओं को दर्शाता है।
प्रश्न 2. किस राशि एवं डिग्री पर चंद्रमा उच्च का होता है?
उत्तर. चंद्रमा तीन डिग्री पर वृषभ राशि में उच्च का होता है।
प्रश्न 3. चंद्रमा कब कमज़ोर होता है?
उत्तर. चंद्रमा वृश्चिक राशि में कमज़ोर होता है।
तुलसी विवाह 2024: क्यों माता तुलसी ने भगवान विष्णु को दिया था श्राप, जानें इसके पीछे की वजह!
सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को बेहद पवित्र और धार्मिक माना जाता है इसलिए उन्हें तुलसी मां या तुलसी महारानी के नाम से पुकारा जाता है। हर शुभ कार्यों में तुलसी का उपयोग किया जाता है। माता तुलसी को भगवान विष्णु के साथ ही पूजा जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी विवाह या भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम के साथ माता तुलसी का विवाह एक बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह होता है और इससे एक दिन पहले देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि जो लोग तुलसी विवाह करवाते हैं उनको कन्यादान का पुण्य मिलता है।
तो आइए आगे बढ़ते हैं और एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम जानते हैं साल 2024 में कार्तिक पूर्णिमा का व्रत कब रखा जाएगा, इस दिन कौन से उपाय करने चाहिए व इस दिन पढ़ी जाने वाली कथा।
साल 2024 को तुलसी विवाह 13 नवंबर बुधवार को की जाएगी।
द्वादशी तिथि प्रारम्भ: 12 नवंबर की शाम 04 बजकर 06 मिनट से
द्वादशी तिथि समाप्त: 13 नवंबर की दोपहर 01 बजकर 03 मिनट तक
तुलसी विवाह महत्व
तुलसी विवाह सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहार है, जो कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप और माता तुलसी के बीच विवाह का आयोजन किया जाता है। तुलसी विवाह धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से जीवन में सुख, समृद्धि, और वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है। जिन परिवारों में वैवाहिक जीवन में समस्या हो या जिनकी शादी में बाधाएं आ रही हों, वे तुलसी विवाह के आयोजन से इन समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। यह मान्यता है कि इससे वैवाहिक जीवन में सुख और शांति आती है।
इसके अलावा, जिन परिवारों में कन्यादान नहीं हो पाता, वे तुलसी विवाह करके उसका पुण्य अर्जित करते हैं। तुलसी विवाह करवाने में विवाह योग्य कन्याओं को अच्छे वर की प्राप्ति होती है। यह त्योहार भगवान विष्णु के प्रति भक्ति और प्राकृतिक संतुलन को सम्मान देने का प्रतीक है।
तुलसी विवाह की पूजा विधि बेहद पवित्र और सरल होती है। इस पूजा को विधि पूर्वक करने से भगवान विष्णु और माता तुलसी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं तुलसी विवाह की पूजा विधि के बारे में।
सूर्योदय से पहले स्नान आदि कर लें। फिर तुलसी के पौधे को स्वच्छ स्थान पर रखें।
तुलसी के पास भगवान विष्णु के शालिग्राम या मूर्ति को स्थापित करें।
पूजा स्थल को स्वच्छ करके रंगोली या अल्पना से सजाएं।
विवाह मंडप की तैयारी करें और मंडप को फूलों, आम के पत्तों और केले के तनों से सजाएं।
पूजा के लिए भगवान विष्णु के शालिग्राम को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं।
तुलसी के पौधे को भी गंगाजल और जल से स्नान कराएं।
भगवान विष्णु (शालिग्राम) को नए वस्त्र अर्पित करें और तुलसी के पौधे को लाल चुनरी पहनाएं।
भगवान शालिग्राम और तुलसी के पौधे को पुष्पमाला अर्पित करें।
तुलसी और शालिग्राम को विवाह मंडप में रखकर सात बार फेरे कराएं। इसमें तुलसी का पौधा कन्या का प्रतीक होता है और शालिग्राम वर का।
पूजा समाप्त होने के बाद सभी लोगों में प्रसाद बांटे और भगवान का आशीर्वाद लें।
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तुलसी विवाह के लाभ
तुलसी विवाह करवाने के कई धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ हैं। आइए जानते हैं तुलसी विवाह के क्या-क्या फायदे हैं:
तुलसी विवाह करवाने से व्यक्ति को अत्यधिक पुण्य की प्राप्ति होती है।
जिन व्यक्तियों या परिवारों में विवाह में देरी या बाधाएं आती हैं, वे तुलसी विवाह करवाकर इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
तुलसी विवाह का आयोजन करने से वैवाहिक जीवन में सुख और शांति आती है। जिन दंपत्तियों के बीच संबंधों में तनाव हो, उनके लिए यह पूजा शुभ मानी जाती है।
जिन परिवारों में कन्यादान करने का अवसर नहीं मिलता, वे तुलसी विवाह करवाकर इस पुण्य का लाभ उठा सकते हैं।
तुलसी विवाह करवाने से घर में लक्ष्मी का वास होता है और धन-धान्य की कमी नहीं रहती।
मान्यता है कि तुलसी विवाह करने से संतानहीन दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है।
तुलसी विवाह करवाने से मन को आध्यात्मिक शांति और संतुष्टि मिलती है।
जानें माता तुलसी ने भगवान विष्णु को क्यों दिया था श्राप
पौराणिक कथा के अनुसार, जालंधर असुरों का राजा था और अपनी शक्ति से देवताओं को परेशान कर रहा था। उसकी शक्ति उसकी पत्नी वृंदा (जो तुलसी का अवतार थीं) के पतिव्रता धर्म पर आधारित थी। वृंदा भगवान विष्णु की परम भक्त थीं और अपने पति के प्रति अत्यधिक निष्ठावान थीं। उनकी भक्ति और तपस्या के कारण जालंधर को युद्ध में कोई पराजित नहीं कर सकता था।
जब जालंधर ने भगवान शिव से युद्ध छेड़ा और उसे हराना असंभव हो गया, तो देवताओं ने भगवान विष्णु से सहायता मांगी। भगवान विष्णु ने जालंधर को मारने के लिए एक योजना बनाई। उन्होंने छल से जालंधर का रूप धारण किया और वृंदा के पास पहुंच गए। वृंदा ने उन्हें अपना पति समझकर उनका स्वागत किया और अपना पतिव्रता धर्म तोड़ दिया। इस कारण जालंधर की शक्ति समाप्त हो गई और भगवान शिव ने उसे युद्ध में मार डाला।
जब वृंदा को यह पता चला कि उन्होंने जिसे अपना पति समझा, वह वास्तव में भगवान विष्णु थे और उनके पति जालंधर की मृत्यु हो चुकी है, तो उन्हें बहुत दुख हुआ। उन्होंने भगवान विष्णु को छल करने के लिए श्राप दिया कि उनकी पत्नी लक्ष्मी उनसे अलग हो जाएंगी। इस श्राप के प्रभाव से भगवान विष्णु को अपनी पत्नी लक्ष्मी से कुछ समय के लिए अलग होना पड़ा, जो बाद में राम-सीता के रूप में धरती पर अवतरित हुईं।
वृंदा ने विष्णु को श्राप देने के बाद अपनी देह त्याग दी। भगवान विष्णु ने उनकी भक्ति और पतिव्रता धर्म की प्रशंसा करते हुए उन्हें अमरत्व का वरदान दिया। उन्होंने वृंदा को तुलसी के रूप में अमर रहने का आशीर्वाद दिया और कहा कि वे हर पूजा में उनके बिना अपूर्ण माने जाएंगे। इसके बाद तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप से किया गया।
तुलसी विवाह के दिन राशि अनुसार कुछ उपाय करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। आइए जानते हैं तुलसी विवाह के दिन किए जाने वाले राशि अनुसार उपाय के बारे में:
मेष राशि
इस दिन मेष राशि के जातक भगवान विष्णु और तुलसी को लाल पुष्प अर्पित करें और इस दौरान “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातक तुलसी विवाह के दिन सफेद वस्त्र धारण करें और तुलसी को दूध से स्नान कराकर मिश्री का भोग लगाएं।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातक हरे रंग के वस्त्र पहनें और तुलसी के पौधे के नीचे दीपक जलाकर भगवान विष्णु की पूजा करें।
कर्क राशि
इस राशि के जातक तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाकर “ॐ नारायणाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे घर में सुख-समृद्धि आएगी और पारिवारिक समस्याओं का समाधान होगा।
सिंह राशि
आप तुलसी विवाह के दिन तुलसी के पौधे को हल्दी और कुंकुम से सजाएं और तुलसी को लाल चुनरी अर्पित करें। इससे सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
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कन्या राशि
इन जातकों को हरे रंग के वस्त्र पहनकर तुलसी पर दीपक जलाना चाहिए और पंचामृत से तुलसी का अभिषेक करना चाहिए।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों को तुलसी विवाह के दिन भगवान विष्णु और तुलसी के समक्ष घी का दीपक जलाना चाहिए और शुद्ध घी का भोग लगाना चाहिए।
वृश्चिक राशि
इस दिन वृश्चिक राशि के जातकों को तुलसी के पौधे के चारों ओर सात बार परिक्रमा करना चाहिए और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना चाहिए।
धनु राशि
तुलसी पर गंगाजल चढ़ाएँ और “ॐ विष्णवे नमः” मंत्र का जाप करें। इसके बाद गरीबों में अन्न का दान करें।
मकर राशि
मकर राशि के जातक काले तिल और जल को तुलसी के पौधे में अर्पित करें और “ॐ नमः भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।
कुंभ राशि
इस दिन भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा के बाद नीले पुष्प अर्पित करें और जरूरतमंदों को वस्त्र दान करें। इससे जीवन में स्थिरता और समृद्धि आएगी।
मीन राशि
पीले रंग के वस्त्र पहनकर तुलसी को पीले पुष्प अर्पित करें और “ॐ नमो नारायणाय” मंत्र का जाप करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1- 2024 में तुलसी विवाह कब है?
साल 2024 में तुलसी विवाह 13 नवंबर को मनाया जाएगा। यह हिंदू चंद्र कैलेंडर के मुताबिक, कार्तिक महीने की एकादशी को मनाया जाता है।
2- तुलसी विवाह पर क्या प्रसाद चढ़ाएं?
तुलसी मां और भगवान शालिग्राम को पंचामृत का भोग जरुर लगाएं।
3- तुलसी कब लगानी चाहिए घर में?
तुलसी का पौधा लगाने के लिए गुरुवार और शुक्रवार बेहद शुभ दिन हैं. इसके अलावा चैत्र माह के गुरुवार या शुक्रवार को लगाना भी शुभ माना जाता है।
4- तुलसी विवाह में जल कैसे चढ़ाएं?
तुलसी विवाह के दिन तुलसी पर जल ना चढ़ाएं, धार्मिक मान्यता है कि इस दिन देवी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश से, इन राशियों पर टूट सकता है मुसीबत का पहाड़!
एस्ट्रोसेज का यह ख़ास ब्लॉग हमारे पाठकों के लिए तैयार किया गया है जिसके माध्यम से आपको सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त होगी। ग्रहों के राजा के नाम से प्रसिद्ध सूर्य महाराज 16 नवंबर 2024 की सुबह 07 बजकर 16 मिनट पर वृश्चिक राशि में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, सूर्य के इस गोचर का प्रभाव राशि चक्र की सभी 12 राशियों पर दिखाई देगा। इस दौरान कुछ राशियों को सकारात्मक परिणाम मिलेंगे जबकि कुछ राशियों को नकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। साथ ही, आपको रूबरू करवाएंगे कि सूर्य का वृश्चिक में प्रवेश राशियों समेत देश-दुनिया को किस तरह प्रभावित करेगा।
ज्योतिष के अनुसार, सूर्य ग्रह व्यक्ति के जीवन में अहंकार, साहस और व्यक्तित्व का प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही, यह जागरूकता, स्वयं की अभिव्यक्ति और जीवन में मिलने वाली संतुष्टि से भी संबंधित है। प्रत्येक व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य ग्रह को सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। किसी की कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति व्यक्ति में पाए जाने वाले गुणों को दर्शाती है। इस ब्लॉग में हम आपको सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर से मिलने वाले शुभ-अशुभ परिणामों के बारे में चर्चा करेंगे।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
वृश्चिक राशि में सूर्य: विशेषताएं
वृश्चिक राशि जल तत्व की राशि है और इसके स्वामी ग्रह मंगल हैं जिनका संबंध महत्वाकांक्षाओं और जुनून से है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और मंगल को एक-दूसरे का मित्र ग्रह माना गया है और यह दोनों ही उग्र और साहसी ग्रह हैं। हालांकि, हमें इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि राशि चक्र में वृश्चिक राशि आठवें स्थान पर आती है जो कि मृत्यु और अचानक से होने वाली घटनाओं से जुड़ी है। ऐसे जातक जिनकी कुंडली में सूर्य वृश्चिक राशि में मौजूद होता है, वह बेहद भावुक होते हैं और अपने अंदर गहरे राज़ छुपाकर रखते हैं।
इन लोगों का जीवन निराशा और हताशा से भरा हो सकता है और इनमें झूठ बोलने की आदत देखने को मिलती है। साथ ही, यह अपने वैवाहिक जीवन से नाख़ुश होते हैं। ऐसे जातकों को बहस और मतभेद करना बेहद पसंद होता है। सिर्फ इतना ही नहीं, इनके जीवन में माता-पिता के प्रेम का भी अभाव होता है। लेकिन, फिर भी इनमें आत्म-सम्मान कूट-कूट कर भरा होता है और यह अपने धन का प्रबंधन बहुत सावधानीपूर्वक करते हैं और काफ़ी सोच-समझकर धन खर्च करते हैं। इन लोगों का जीवन मुश्किलों में बीतता है, लेकिन फिर भी जीवन में सफलता पाने के लिए आत्म-प्रेरित रहते हैं। वहीं, इन जातकों को आग और हथियार से सावधान रहना चाहिए।
सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर: विश्व पर प्रभाव
सरकार और राजनीति
सूर्य गोचर के दौरान दुनिया भर के राजनेताओं और सरकार से जुड़े संगठनों को लाभ की प्राप्ति होगी।
इस अवधि में भारतीय सरकार की नीतियां जनता को प्रभावित करने का काम करेंगी और इनके द्वारा लिए गए फैसलों को जनता सकारात्मक रूप से स्वीकार करेगी क्योंकि सूर्य वृश्चिक राशि में मौजूद होंगे जो कि तर्क और विश्लेषण की राशि है।
हमारे देश के संबंध पड़ोसी देशों के साथ मज़बूत होंगे और विदेशी देश भी भारत के सहयोगी बनेंगे।
सरकार कुछ ठोस कदम उठाते हुए दिखाई देगी और बड़े पदों पर बैठे अधिकारी विपक्षियों या दूसरे देशों से उत्पन्न होने वाले खतरों से देश की सुरक्षा करने के लिए निर्णायक फैसले ले सकती हैं।
हमारे देश के नेता बुद्धिमानी और दृढ़ता के साथ काम करते हुए नज़र आएंगे।
सूर्य के इस गोचर के दौरान सेक्रेटेरिएट पद पर काम करने वाले लोगों को फायदा होगा।
रिसर्च और डेवलपमेंट
कालपुरुष कुंडली में वृश्चिक राशि के अंतर्गत आठवां भाव आता है। ऐसे में, रिसर्च, विकास और तकनीक से जुड़े क्षेत्र रफ़्तार पकड़ेंगे। साथ ही, एआई जैसी तकनीक बुलंदियां हासिल कर सकती हैं।
रिसर्चर, वैज्ञानिक या फिर जो इन क्षेत्रों में करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए यह अवधि लाभदायी साबित होगी।
सूर्य गोचर के दौरान आईटी सेक्टर शानदार प्रदर्शन करेंगे और ऐसे में, लोगों को सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होगी।
सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर: शेयर बाजार रिपोर्ट
अगर हम बात करें शेयर बाजार की तो, सूर्य देव को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। अब यह 16 नवंबर 2024 को तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश कर रहे हैं और ऐसे में, शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव आने की प्रबल संभावना है। एस्ट्रोसेज ने अपने पाठकों को ध्यान में रखते हुए शेयर बाज़ार भविष्यवाणी तैयार की है जिसकी मदद से आप शेयर मार्केट का विस्तृत हाल जान सकते हैं। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर शेयर बाजार को कैसे प्रभावित करेगा।
शेयर बाजार भविष्यवाणी कहती है कि बाजार में तेज़ी धीरे-धीरे करके कम होने लगेगी और मंदी आने लगेगी।
दोतरफा रुझान से आपको ऐसा महसूस हो सकता है जैसे कि शेयर बाजार में गिरावट आ रही है और ऐसे में, मांग में कमी आएगी, तो वहीं बिक्री बढ़ने की संभावना है।
शेयर बाजार का यह हाल 16 नवंबर 2024 तक जारी रहने की आशंका है। इस दौरान कुछ लोग कम कीमत पर शेयर खरीदकर अच्छा ख़ासा लाभ कमाते हुए दिखाई दे सकते हैं।
ट्रेड से संबंधित लोगों की रुचि पब्लिक सेक्टर, स्टील, शिपिंग, ऑटोमोबाइल, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी आदि क्षेत्रों में निवेश करने में होगी।
सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर: इन राशियों को मिलेंगे शुभ परिणाम
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य महाराज आपके तीसरे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। छठे भाव का मुख्य काम किसी भी तरह के जोखिम को दूर करना और व्यक्ति की सुरक्षा को सुनिश्चित करना होता है। ऐसे में, सूर्य की छठे भाव में मौजूदगी की वजह से मिथुन राशि के जातक सावधानी बरतते हुए आगे बढ़ेंगे। यह लोग अपने स्वास्थ्य का पूरा-पूरा ख्याल रखेंगे इसलिए इन्हें किसी भी तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्या परेशान नहीं करेगी।
छठे भाव में उपस्थित सूर्य महाराज रास्ता साफ़ करने, समस्याओं का समाधान करने, विरोधियों का साथ मिलने और क़ानूनी विवाद से बचने आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। कुंडली में सूर्य देव को अन्य ग्रहों का साथ मिलने पर जातक प्रतियोगी परीक्षाओं में कामयाब होने या सरकारी नौकरी में सफलता पाने में सक्षम होता हैं। लेकिन, अगर छठे भाव में सूर्य देव कमज़ोर स्थिति में होते हैं, तो जातक को फ्रैक्चर, तलाक आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हालांकि, कुंडली के छठे भाव में सूर्य ग्रह के उच्च होने पर व्यक्ति को मैनेजर, मार्केटिंग डायरेक्टर या सीईओ आदि पद की प्राप्ति होती है।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों की कुंडली में सूर्य देव आपके दूसरे भाव के अधिपति देव हैं जो अब गोचर करके आपके पांचवें भाव में जा रहे हैं। बता दें कि कुंडली में दूसरा भाव धन, परिवार एवं वाणी का होता है जबकि पांचवें भाव का संबंध संतान, शिक्षा और रोमांस से होता है। इस अवधि में आपको शिक्षा के माध्यम से धन की प्राप्ति होगी क्योंकि सूर्य को शिक्षा का प्रतीक माना जाता है और पांचवां भाव धन से जुड़ा है। हालांकि, जब सूर्य महाराज वृश्चिक राशि में मौजूद होते हैं, तब पिता से जुड़े मामलों या पारिवारिक जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं। वहीं जिन जातकों की कुंडली में सूर्य वृश्चिक राशि में होते हैं, उनकी रुचि अध्यात्म में होती है।
कर्क राशि के पांचवें भाव में सूर्य के होने से आपको सट्टेबाजी और इससे जुड़े क्षेत्रों में सफलता की प्राप्ति होगी। आपके द्वारा किये गए निवेश से अच्छा-खासा लाभ प्राप्त होगा। इस दौरान जातक खुद को भाग्यशाली समझेंगे और आपको हर कदम पर किस्मत का साथ मिलेगा।
सिंह राशि वालों के लिए सूर्य ग्रह आपके लग्न/पहले भाव के स्वामी हैं और अब यह वृश्चिक राशि में गोचर करके आपके चौथे भाव में जा रहे हैं जो कि लक्ज़री, सुख-सुविधाओं और भौतिक सुखों का भाव है। ऐसे व्यक्ति जिनकी जन्म कुंडली में सूर्य महाराज चौथे भाव में विराजमान होते हैं, उनका अपने परिवार और समाज से जुड़ाव काफ़ी गहरा होता है। कम उम्र से ही इनका झुकाव लोगों की सेवा में होता है और यह अपनी तरफ से उनकी हर संभव सहायता करने का प्रयास करते हैं।
ऐसे लोग अपने जीवन को खुलकर जीने में विश्वास रखते हैं। साथ ही, यह स्वभाव से दयालु, और धार्मिक होते हैं। कुंडली में सूर्य की वृश्चिक राशि में उपस्थिति जातक को साहस से पूर्ण और, बुद्धिमान बनाती है। इन लोगों का करियर और आर्थिक जीवन शानदार रहता है। ऐसे जातक समाज में ख़ूब मान-सम्मान प्राप्त करते हैं। सिंह राशि के चौथे भाव में सूर्य देव के उपस्थित होने से आपको भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी और पैतृक संपत्ति के माध्यम से लाभ होगा।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए सूर्य महाराज आपके बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह गोचर करके आपके तीसरे भाव में जा रहे हैं। ऐसे में, सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर आपके दिनचर्या में परिवर्तन लेकर आ सकता है। साथ ही, इस अवधि में आपकी भाई-बहनों से छोटी-मोटी बहस होने की आशंका है।
कन्या राशि के जातक मौजूदा नौकरी में अपने पद या काम से असंतुष्ट हो सकते हैं और ऐसे में, आप करियर को आगे ले जाने के मकसद से नौकरी में बदलाव करने का मन बना सकते हैं।जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उनसे बिज़नेस में योजनाओं की कमी के कारण कुछ बेहतरीन अवसर हाथ से निकल सकते हैं, लेकिन आपके द्वारा लिए गए समझदारी पूर्ण फसलों की वजह से काफ़ी हद तक सफलता पाने में सक्षम होंगे। हालांकि, इस दौरान की गई छोटी-छोटी यात्राएं आपको लाभ देने के साथ-साथ आपके लक्ष्यों को भी पूरा करेंगी।नौकरी के संबंध में आपके लिए विदेश यात्रा करना फलदायी साबित होगा। ऐसे में, आपका करियर तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ेगा।
मकर राशि वालों के लिए सूर्य देव आपके आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके फलस्वरूप, आपको अप्रत्याशित रूप से पैतृक संपत्ति या लोन के माध्यम से लाभ की प्राप्ति हो सकती है और ऐसे में, आप जीवन में चल रही परेशानियों से बाहर आ सकेंगे।
करियर के क्षेत्र में आपको नए अवसर मिल सकते हैं जो आपके लिए सकारात्मक साबित होंगे। एक व्यापारी के रूप में आपको इस अवधि में अच्छे लाभ और सफलता प्राप्त होने के योग बनेंगे। नौकरी में आपको इंसेंटिव मिलने की भी संभावना है और इसके परिणामस्वरूप, धन की बचत भी कर सकेंगे।
सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर: इन राशियों को मिलेंगे नकारत्मक परिणाम
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए सूर्य देव आपकी कुंडली में पांचवें भाव के अधिपति देव हैं जो अब आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस भाव में सूर्य का गोचर आपके जीवन में अचानक से सफलता और असफलता दोनों लेकर आ सकता है। इन लोगों को चोरी, एक्सीडेंट या आग लगने जैसी समस्याएं नुकसान करवा सकती हैं। सूर्य आपके पांचवें भाव के भी स्वामी हैं और इस भाव का संबंध संतान, प्रेम और शिक्षा से होता है और अब यह आपके अचानक से होने वाली घटनाओं, रिसर्च और रहस्य के भाव यानी कि आठवें भाव में जा रहे हैं।
दसवें भाव के कारक ग्रह होने के नाते आठवें भाव में सूर्य महाराज की उपस्थिति को अच्छा नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में, इन लोगों को कार्यक्षेत्र में कुछ समस्याओं या परेशानियों से दो-चार होना पड़ सकता है, लेकिन अंत में जीत आपकी ही होगी क्योंकि सूर्य ग्रह व्यक्ति को इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास प्रदान करते हैं। इस प्रकार, अगर आप एक बार कुछ ठान लेंगे, तो जब तक आप उससे हासिल नहीं कर लेंगे, तब तक मेहनत करते रहेंगे। जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि वृश्चिक राशि आठवें भाव पर शासन करती है इसलिए करियर की रफ़्तार थोड़ी धीमी रह सकती है और आपको प्रगति पाने में समय लग सकता है। हालांकि, अगर आप मेहनत और प्रयास करना जारी रखेंगे, तो आपको सफलता अवश्य मिलेगी क्योंकि इस भाव में बैठे सूर्य आपका साथ देंगे।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. वृश्चिक राशि के स्वामी कौन हैं?
राशि चक्र की आठवीं राशि वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल ग्रह हैं।
2. मंगल ग्रह की उच्च राशि कौन सी है?
शनि देव की राशि मकर में मंगल महाराज उच्च के होते हैं।
3. सूर्य की नीच राशि कौन सी है?
तुला राशि में सूर्य देव नीच अवस्था में होते हैं।
शनि की मार्गी चाल किन राशियों के लिए रहेगी शुभ और किनके लिए अशुभ? जानें!
एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको “शनि कुंभ राशि में मार्गी” से जुड़ी सारी जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि, समय और प्रभाव आदि। जैसे कि हम जानते हैं कि शनि महाराज नवग्रहों में से एक प्रमुख ग्रह है जो कर्मफल दाता और न्याय के देवता माने जाते हैं। अब यह 15 नवंबर 2024 को कुंभ राशि में मार्गी होने जा रहे हैं और ऐसे में, इसका असर मानव जीवन के साथ-साथ राशियों पर भी दिखाई देगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि शनि कुंभ राशि में मार्गी होकर देश-दुनिया समेत सभी राशियों को किस तरह प्रभावित करेंगे।
ज्योतिष की दृष्टि से, शनि ग्रह का संबंध आत्म-नियंत्रण, समय का प्रबंधन और अपनी सीमाओं में रहते हुए लक्ष्यों को हासिल करने से हैं। हालांकि, शनि महाराज रंक को राजा बनाने में सक्षम हैं इसलिए इन्हें अशुभ ग्रह कहना सही नहीं होगा। लेकिन, जीवन में कठिन परिस्थितियों से बाहर आने के लिए आपको धैर्य और साहस बनाए रखना होता है। ज्योतिष के अनुसार, शनि ग्रह अधिकार, परंपराओं, बढ़ती उम्र में विनम्रता और चीज़ों को सही तरीके से करने से भी संबंधित है। यह आपको जीवन में जल्दबाज़ी में उठाये गए कदमों के लिए दंडित करते हैं जबकि सब्र रखने के लिए पुरस्कृत करते हैं।
जैसेकि हम आपको बता चुके हैं कि शनि देव समर्पण और पेशेवर जीवन में प्रगति के कारक ग्रह हैं। यह व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन जब मेष राशि में शनि ग्रह नीच अवस्था में होते हैं, तो आपके जीवन में खुशियों, करियर में नए अवसरों और धन आदि क्षेत्रों में कमी देखने को मिलती है। साथ ही, आपके भीतर आलस में वृद्धि होती है और आप निराश महसूस करते हैं। हालांकि, शनि के मार्गी होने से अब यह मज़बूत स्थिति में होंगे, विशेष रूप से जब शनि अपने स्वामित्व वाली राशि कुंभ एवं मकर में तथा अपनी उच्च राशि तुला में होते हैं। ऐसे में, शनि ग्रह की यह स्थिति जातकों के पारिवारिक जीवन के लिए अनुकूल रहेगी। इसके अलावा, प्रेम जीवन में पार्टनर के साथ-साथ आर्थिक जीवन से समृद्धि और नौकरी में संतुष्टि देने का काम करते हैं।
शनि कुंभ राशि में मार्गी: समय
न्याय के देवता शनि ग्रह अपनी राशि कुंभ में मार्गी होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं जो कि इनकी मूलत्रिकोण राशि भी है। ऐसे में, शनि ग्रह की इस स्थिति को ज्यादातर राशियों के लिए अच्छा कहा जाएगा। बता दें कि शनि देव 15 नवंबर 2024 की शाम 05 बजकर 09 मिनट पर अपनी वक्री अवस्था से मार्गी अवस्था में आ जाएंगे। अब हम आगे बढ़ते हैं और आपको रूबरू करवाते हैं शनि मार्गी के राशियों पर पड़ने वाले शुभ और अशुभ प्रभावों से।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
शनि कुंभ राशि में मार्गी: इन राशियों के लिए शुभ रहेंगे शनि देव
मेष राशि
मेष राशिवालों के लिए शनि देव आपके दसवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके ग्यारहवें भाव में मार्गी हो रहे हैं। इस अवधि में आपका करियर प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ेगा और आपको पदोन्नति और सफलता की प्राप्ति होगी। साथ ही, यह जातक अपने मैनेजर और सहकर्मियों के साथ अच्छे तरीके से बातचीत करते हुए भी नज़र आ सकते हैं। ऐसे में, आपका खुद पर आत्मविश्वास बढ़ेगा। कार्यक्षेत्र में मेष राशि वाले अपनी एक अच्छी छवि बनाए रखने में सक्षम होंगे। इसके अलावा, इन लोगों के काम में कोई बड़ा बदलाव आ सकता है जो लंबे समय तक बना रह सकता है जिसमें आपकी दिलचस्पी हो सकती हैं।
जिन जातकों का अपना व्यापार है, वह इस दौरान लाभ को बढ़ाने में सक्षम होंगे और साथ ही, व्यापार को बढ़ाने के अवसरों की तलाश करेंगे। जो लोग पार्टनरशिप में व्यापार करते हैं, वह इस अवधि में सफलता की कहानिया लिखेंगे और आप नए सौदों से भी ख़ूब कामयाबी हासिल करेंगे। शनि की मार्गी चाल आपको आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने का काम करेगी।
वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि महाराज आपके नौवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके दसवें भाव में मार्गी हो रहे हैं। इसके फलस्वरूप, शनि कुंभ राशि में मार्गी के दौरान काम को लेकर आपके वरिष्ठ और सहकर्मी आपसे प्रसन्न नज़र आएंगे जिसके चलते आपका करियर खुशहाल बना रहेगा। ऐसे में, आप जीवन में सफलता और करियर में सकारात्मक पहलुओं का लुत्फ़ उठाते हुए दिखाई देंगे। साथ ही, इन जातकों को अपने बेहतरीन काम के लिए पुरस्कार या फिर पदोन्नति की प्राप्ति होगी।
इस राशि के जिन जातकों का संबंध व्यापार से है, उनके लिए यह अवधि नए व्यापार में प्रवेश करने और नए सौदों के अवसर लेकर आ सकती है। ऐसे में, आप एक नई बिज़नेस पार्टनरशिप में आ सकते हैं जिससे आपको लाभ की प्राप्ति हो सकेगी।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए शनि ग्रह आपके आठवें और नौवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके नौवें भाव में मार्गी होने जा रहे हैं। शनि महाराज का अपनी मूलत्रिकोण राशि में मार्गी होना आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लेकर आने का काम करेगा। इस राशि के जो छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना चाहते हैं, उन्हें अब सफलता प्राप्त होने की संभावना है। नौवें भाव में बैठकर शनि ग्रह की दसवीं दृष्टि आपके छठे भाव पर पड़ रही होगी और यह आपको प्रतियोगिता में विजयी बनाने का काम करेगी।
इसके अलावा, शनि ग्रह की तीसरी दृष्टि आपके ग्यारहवें भाव पर भी होगी और ऐसे में, यह आपको धन कमाने के साथ-साथ अपनी इच्छाओं को पूरा करने में सहायता करेगी। वहीं, आपके नौवें में शनि देव की मौजूदगी होने से आपको हर कदम पर पिता और गुरु का साथ मिलेगा। हालांकि, शनि मिथुन राशि वालों के लिए भाग्यशाली ग्रह माना गया है।
कन्या राशि वालों की कुंडली में शनि देव आपके पांचवें और छठे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके छठे भाव में मार्गी होने जा रहे हैं। ऐसे में, शनि कुंभ राशि में मार्गी होकर करियर में आपको लक्ष्यों को पूरा करने में सहायता करेंगे। साथ ही, आपको करियर में नए अवसरों की प्राप्ति होगी जिससे आप अपने सपनों को पूरा कर सकेंगे। अगर आप विदेश यात्रा पर जाना चाहते हैं, तो वह आपके लिए थोड़ी जोखिम भरी रह सकती है। इस दौरान वरिष्ठों की नज़रों में आपके मान-सम्मान में वृद्धि होगी और ऐसे में, आप प्रसन्न दिखाई देंगे।
शनि की मार्गी चाल की अवधि में आपके वेतन में बढ़ोतरी या फिर अन्य लाभों की प्राप्ति हो सकती है। अगर आपका अपना व्यापार है, तो आपको इस समय अच्छा खासा लाभ मिलने के योग बनेंगे। साथ ही, यह जातक व्यापार के संबंध में नए संपर्क स्थापित करने में सक्षम होंगे और बिज़नेस में प्रतिद्वंदियों के लिए एक अच्छा उदाहरण बनकर उभरेंगे। शनि कुंभ राशि में मार्गी होने से आपको व्यापार के क्षेत्र में भाग्य का साथ मिलेगा। इस दौरान आप बिज़नेस से जुड़े सही निर्णय ले सकेंगे और बिज़नेस पार्टनर के आपके साथ काम करने पर राजी होने पर व्यापार का विस्तार भी कर सकेंगे।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए शनिदेव योगकारक ग्रह हैं क्योंकि यह आपके चौथे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। शनि ग्रह आपके पांचवें भाव में मार्गी हो रहे हैं और ऐसे में, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में आपको सकारात्मक परिणाम और संतुष्टि की प्राप्ति होगी। साथ ही, आपके द्वारा किए गए प्रयास सफल होंगे। इस दौरान आप अपनी तेज़ बुद्धि और नई चीज़ों को सीखने की मज़बूत क्षमता का सही तरीके से इस्तेमाल करने में सक्षम होंगे। साथ ही,आप निवेश के जोखिम भरे विकल्पों का चयन न करके एक नई और सुरक्षित जगह निवेश करते हुए दिखाई देंगे।
वर्तमान समय में शनि कुंभ राशि में मार्गी होकर करियर में की गई कड़ी मेहनत के लिए आपको पुरस्कार देने का काम करेंगे। साथ ही, आपको इंसेंटिव मिलने के भी योग बनेंगे और आप धन की बचत भी कर सकेंगे। इस दौरान आपको विदेश से नौकरी के अवसर मिलने की संभावना है जिससे आप जीवन के लक्ष्यों को हासिल कर सकेंगे। वहीं, जिन लोगों का खुद का व्यापार है, उन्हें इस अवधि में अच्छी ख़ासी कमाई होने के संकेत है। सामान्य शब्दों में कहें तो, आप कम समय में काफ़ी धन कमाने में सक्षम होंगे।
धनु राशि के जातकों के लिए शनि ग्रह आपके दूसरे और तीसरे भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके तीसरे भाव में मार्गी होने जा रहे हैं। शनि कुंभ राशि में मार्गी होने से इन जातकों को पारिवारिक जीवन समेत करियर एवं व्यापार में सफलता की प्राप्ति होगी। इन सब क्षेत्रों में परिणाम पाने के लिए आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। शनि के कुंभ राशि में मार्गी होने से आपको प्रगति के मार्ग की शुरुआत में समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है। इस दौरान आपका ज्यादातर समय ट्रैवेलिंग में बीत सकता है।
करियर की बात करें तो, इन जातकों को विदेश से नए अवसर मिलने की संभावना है जिससे आप ख़ुश और प्रसन्न दिखाई दे सकते हैं। इस दौरान कार्यक्षेत्र में आपके द्वारा की जा रही मेहनत को वरिष्ठ देख रहे होंगे और ऐसे में, आप उनकी नज़रों में अपनी पहचान बनाने में सफल रहेंगे। इन लोगों के पास सब्र और धैर्य होगा जो इन्हें अपने पेशेवर जीवन को आगे ले जाने और बुद्धि को तेज़ बनाने के लिए प्रेरित करेगा। आपको काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है। अगर आप व्यापार करते हैं, तो आप आर्थिक रूप से मज़बूत बनने की राह पर आगे बढ़ेंगे और व्यापार का सारा नियंत्रण आपके हाथों में होगा। इस दौरान आप बिज़नेस के संबंध में कुछ ऐसी योजनाओं का निर्माण करेंगे जो आपके लिए अपार मात्रा में धन लेकर आएगा।
मकर राशिके जातकों के लिए शनि देव आपके लग्न/पहले भाव और दूसरे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपकी चंद्र राशि के दूसरे भाव में मार्गी हो रहे हैं। इसके फलस्वरूप, आप अपनी आय में वृद्धि को लेकर जागरूक हो सकते हैं और साथ ही, आप अच्छी मात्रा में बचत करने के लिए प्रयासरत रह सकते हैं। यह जातक अपने परिवार को बढ़ाने और पार्टनर के साथ अपने रिश्ते को मज़बूत बनाने के लिए उनके साथ समय बीतते हुए दिखाई दे सकते हैं।
मकर राशि के जातक खुद को भाग्यशाली समझ सकते हैं क्योंकि आपके पास नौकरी के अनेक अवसर आ सकते हैं जिसमें से आप अपनी पसंद के अनुसार चुनाव कर सकते हैं। ऐसे में, आप प्रसन्न और संतुष्ट दिखाई देंगे। शनि की मार्गी चाल आपको आपकी मेहनत और प्रयासों का पूरा-पूरा फल देने का काम करेगी और इसके फलस्वरूप, आपको नौकरी में प्रमोशन, कोई विशेष अधिकार समेत अन्य लाभ प्राप्त हो सकते हैं। दूसरी तरफ, शनि की मार्गी अवस्था आपको विदेश से नौकरी के अवसर दिला सकती है जो आपके लिए फलदायी साबित होंगे। अगर आप खुद का व्यापार करते हैं, तो शनि महाराज की कुंभ राशि में मौजूदगी आपको बिज़नेस में अच्छा लाभ कमाने में सहायता करेगी और आप पर्याप्त मात्रा में पैसा कमा सकेंगे। हालांकि, शुरुआती दौर में कड़ी मेहनत करने के बाद आप व्यापार में खुद को स्थापित कर सकेंगे और अच्छा लाभ भी प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
शनि कुंभ राशि में मार्गी के दौरान इन राशियों को रहना होगा सावधान
कर्क राशि
कर्क राशि वालों की कुंडली में शनि देव आपके सातवें भाव और आठवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके आठवें भाव में मार्गी’ होने जा रहे हैं। ऐसे में, आठवें भाव में शनि मार्गी होकर आपको जीवन में आगे बढ़ने और लाभ कमाने की राह में समस्याएं दे सकते हैं। इस अवधि में आपको न सिर्फ धन हानि उठानी पड़ सकती है, बल्कि आपको दोस्तों और पार्टनर के साथ रिश्ते में परेशानियों से दो-चार होना पड़ सकता है। इन लोगों को नौकरी में अपने ऊपर काम का बोझ महसूस हो सकता है जिसके चलते आप बेहतर संभावनाओं को देखते हुए करियर में बदलाव का मन बना सकते हैं। संभव है कि इस अवधि में आपको अच्छा काम करने के बावजूद भी सराहना की प्राप्ति न हो और ऐसे में, आप निराश महसूस कर सकते हैं।
जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उनके लिए शनि कुंभ राशि में मार्गी होकर आपको मिलने वाली सफलता में कमी लेकर आ सकते हैं। साथ ही, प्रतिद्वंदियों से आपको कड़ी टक्कर मिल सकती है जो कि आपके के लिए हानि की वजह बन सकती है। इसके परिणामस्वरूप, इन जातकों को एक स्थिर आय प्राप्त करने के लिए एक योजना का निर्माण करके उस पर चलना होगा।
सिंह राशि वालों के लिए शनि महाराज आपके छठे और सातवें भाव के अधिपति देव हैं। अब यह आपके सातवें भाव में मार्गी होने जा रहे हैं। ऐसे में, शनि कुंभ राशि में मार्गी के दौरान जातकों को अपनी नौकरी में उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, कार्यस्थल में सहकर्मियों के साथ भी आपको परेशानी का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा, सिंह राशि के जातकों को नौकरी के संबंध में एक व्यवस्थित शेड्यूल अपनाना होगा ताकि आप स्वयं पर बढ़ते काम के दबाव को कम कर सकें। साथ ही, आप निजी जीवन में भी समस्याओं से जूझ रहे हो सकते हैं।
अगर आप नौकरी करते हैं, तो इस अवधि में आप अपने वेतन से असंतुष्ट दिखाई दे सकते हैं। सामान्य शब्दों में कहें तो, इन जातकों की रुचि बार-बार नौकरी में बदलाव करके संतुष्टि पाने में हो सकती है। लेकिन, आप तुरंत नौकरी में बदलाव करने में असमर्थ रह सकते हैं। दूसरी तरफ, जो जातक खुद का व्यापार करते हैं, उन्हें शनि की मार्गी अवस्था में लाभ न मिलने की आशंका हैं। वहीं, बिज़नेस में अच्छा लाभ प्राप्त करने की दृष्टि से, इस समय को अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। साथ ही, आपको बिज़नेस पार्टनरशिप में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए शनि देव आपके पहले और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके लग्न/पहले भाव में मार्गी होने जा रहे हैं। ऐसे में, शनि कुंभ राशि में मार्गी होने की वजह से आपको आंखों और पैरों में दर्द जैसी स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। साथ ही, आपको खर्चों में भी वृद्धि हो सकती है जिन्हें संभालना आपको मुश्किल लग सकता है। इस दौरान परिस्थितियां या चीज़ें धीमी रफ़्तार से आगे बढ़ सकती हैं जो आपके लिए चिंता का विषय बन सकती है। साथ ही, आपको लंबी दूरी की यात्राएं करनी पड़ सकती हैं जिससे आप बचना चाह रहे थे।
बता दें कि कार्यक्षेत्र में आपको तुरंत लाभ की प्राप्ति नहीं हो सकती है। लेकिन, इन लोगों को विदेश यात्रा का अवसर मिल सकता है और इससे आप अपने सपने को पूरा कर सकेंगे। हालांकि, शनि की मार्गी अवस्था के दौरान आपको सहकर्मियों के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जिसका असर आपके प्रदर्शन पर नज़र आ सकता है। कुंभ राशि वालों द्वारा कार्यों में की गई मेहनत की तुलना में आय कम रह सकती है।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम
शनि कुंभ राशि में मार्गी: सरल एवं अचूक उपाय
ऐसा कहा जाता है कि शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि से संबंधित समस्याएं दूर होती हैं और उनसे राहत प्राप्त होती है।
मान्यता है कि किसी मंदिर में भगवान शनि पर तेल चढ़ाने से शनि दोष का प्रभाव कम होता है।
शनिवार के दिन धार्मिक कार्यों से जुड़े संगठनों को दान करने से शनि से शुभ परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को कंबल, दाल और गहरे रंग के कपड़े आदि दान करने से शनि देव के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
नवग्रह यंत्र को स्थापित करने से नवग्रहों की कृपा प्राप्त होती है और इन नवग्रहों में से एक शनि ग्रह भी है। ऐसा माना जाता है कि यह यंत्र कार्यस्थल या घर में स्थापित करने से शनि ग्रह के प्रभाव कम होते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. कौन सी दो राशियों पर साढ़े साती चल रही है?
कुंभ और मीन
2. साढ़े साती कितने समय तक रहती है?
शनि देव की साढ़े साती का प्रभाव साढ़े सात साल तक रहता है और यह ढाई-ढाई साल के तीन चरणों में होती है।
3. कुंभ राशि के अंतर्गत कौन सा नक्षत्र आता है?
धनिष्ठा (आंशिक), शतभिषा और पूर्वाभाद्रपद
खत्म होगा शादी के लिए इंतजार, जानें कब है देवउठनी एकादशी 2024 और कब शुरू होंगे मांगलिक कार्य!
सनातन धर्म में भगवान विष्णु की पूजा व आराधना के लिए एकादशी के तिथि को बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन देवउठनी एकादशी का व्रत किया जाता है, जिसे देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन जगत के पालनहार श्री हरि विश्राम अवस्था से जागृत होते हैं और उनके जागृत होते ही मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं।
बता दें कि इससे पूर्व आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी तिथि से भगवान विष्णु क्षीर सागर में चार महीने के लिए विश्राम करने चले जाते हैं। इसके बाद आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी से लेकर कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि तक चातुर्मास रहता है और देवउठनी एकादशी से ही चातुर्मास खत्म हो जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की उपासना करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। ख़ास बात यह है कि इस दिन बेहद शुभ योग का निर्माण हो रहा है। तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं देवउठनी एकादशी 2023 की तिथि, पूजा मुहूर्त, महत्व, प्रचलित पौराणिक कथा और आसान ज्योतिषीय उपाय के बारे में।
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 11 नवंबर की शाम 06 बजकर 48 मिनट पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 12 नवंबर की शाम 04 बजकर 06 पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, देवउठनी एकादशी व्रत का पालन 12 नवंबर 2024, मंगलवार के दिन किया जाएगा।
देवउठनी एकादशी पारण मुहूर्त : 13 नवंबर की सुबह 06 बजकर 42 मिनट से 08 बजकर 51 मिनट तक।
अवधि : 2 घंटे 9 मिनट
देवउठनी एकादशी पर शुभ योग
इस विशेष दिन पर सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है और इस शुभ योग ने देवउठनी एकादशी का महत्व और अधिक बढ़ा दिया है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 50 से पूर्ण रात्रि तक रहेगा और रवि योग सुबह 06 बजकर 45 मिनट से सुबह 07 बजकर 50 के बीच रहेगा। इन दोनों मुहूर्त को पूजा-पाठ के लिए उत्तम कहा गया है।
सनातन धर्म में देवउठनी एकादशी का बहुत अधिक महत्व है। इस एकादशी को प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। यह एकादशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के योगनिद्रा (चातुर्मास) से जागते हैं। देवउठनी एकादशी के बाद से ही सभी शुभ कार्यों की शुरुआत की जाती है।
इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। यह व्रत रखने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और उसके पापों का नाश होता है। देवउठनी एकादशी के बाद विवाह, गृह प्रवेश, और अन्य धार्मिक कार्यों का आयोजन किया जाता है। इसे नए सत्र की शुरुआत माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। देवउठनी एकादशी का व्रत करने से सभी दुखों का नाश होता है और व्यक्ति को सुख-शांति मिलती है। साथ ही, माना जाता है कि देवउठनी एकादशी व्रत करने का फल एक हज़ार अश्वमेघ यज्ञ और सौ राजसूय यज्ञ के बराबर प्राप्त होता है।
देवउठनी एकादशी की पूजा विधि
देवउठनी एकादशी की पूजा विधि बहुत ही आसान है और इस दौरान निम्न बातों का ध्यान रखा होता है। ये बातें इस प्रकार है:
इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें।
घर या पूजा स्थान को साफ करें और गंगाजल से शुद्ध करें।
पूजा स्थल पर जाकर भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें।
इसके बाद भगवान विष्णु को गंगाजल से स्नान कराएं।
उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं और चंदन, अक्षत (चावल), फूल, धूप-दीप, और नैवेद्य (भोग) अर्पित करें।
तुलसी दल भगवान को विशेष रूप से चढ़ाएं क्योंकि भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय है।
इसके बाद भगवान विष्णु के विशेष मंत्रों का जाप करें। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः। या फिर विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी कर सकते हैं।
पूजा के अंत में भगवान विष्णु की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को रात में सोना नहीं चाहिए अपितु रात्रि को जागरण करना चाहिए। इस दौरान भजन-कीर्तन किए जाते हैं और भगवान विष्णु के गुणगान होते हैं।
अगले दिन द्वादशी तिथि को व्रत पारण किया जाता है। पारण के समय ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देना शुभ माना जाता है।
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देवउठनी एकादशी के दिन गलती से भी न करें ये काम
देवउठनी एकादशी के दिन कुछ ऐसे कार्य हैं जिन्हें करने से बचना चाहिए, ताकि पूजा का पूरा लाभ आपको प्राप्त हो सके और धार्मिक दृष्टि से अशुभ प्रभावों से बचा जा सके। आइए जानते हैं इस दिन किन कार्यों को करने से बचना चाहिए।
इस दिन किसी भी प्रकार का हिंसक कार्य, जैसे मांसाहार का सेवन या पशुओं को कष्ट पहुंचाना वर्जित है। ऐसा करने से आपको व्रत का फल प्राप्त नहीं होता है।
देवउठनी एकादशी पर दिन के समय सोने से बचना चाहिए। इसे आलस्य का प्रतीक माना जाता है, और इससे व्रत का फल कम हो सकता है।
इस दिन तुलसी का प्रयोग पूजा में होता है, लेकिन तुलसी के पत्तों को तोड़ना निषिद्ध है। माना जाता है कि तुलसी भगवान विष्णु की प्रिय हैं और इस दिन उनका आदर करना चाहिए। अगर तुलसी के पत्ते चाहिए, तो एक दिन पहले ही तोड़ लें।
एकादशी के दिन दूध, दही या चावल से बने पदार्थों का सेवन वर्जित होता है। व्रत के दौरान फलाहार या सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए।
एकादशी के दिन किसी भी प्रकार के विवाह या अन्य मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। हालांकि देवउठनी एकादशी के बाद से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है, लेकिन एकादशी तिथि के दौरान इन्हें करना अशुभ माना जाता है।
इस दिन जूठा भोजन, बासी खाना या अपवित्र भोजन करने से बचें। पवित्रता और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें, ताकि भगवान विष्णु की कृपा बनी रहे।
इसके अलावा, क्रोध, झूठ बोलना और किसी के प्रति द्वेष भावना रखना इस दिन वर्जित है। सकारात्मक और शांत मन से भगवान की पूजा करें, ताकि पूजा का पूर्ण फल आपको मिल सके।
देवउठनी एकादशी के दिन जरूर पढ़ें ये कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक बार सतयुग में राजा मांधाता के राज्य में भयंकर अकाल पड़ गया। कई वर्षों तक वहां बारिश नहीं हुई, जिससे राज्य के लोग अत्यधिक परेशान होने लगे। पेड़-पौधे सूख गए, फसलें बर्बाद हो गईं, और लोग भूख-प्यास से लोग बिलकने लगे। राजा मांधाता एक धर्मनिष्ठ और प्रजा का कल्याण चाहने वाला राजा था और वह इस समस्या का हल ढूंढने के लिए चिंतित था।
समाधान पाने के लिए राजा कई ऋषियों और मुनियों के पास गए, लेकिन कोई उपाय सफल नहीं हुआ। आखिरी में वे महर्षि अंगिरा के आश्रम पहुंचे, जो अपने तप और ज्ञान के लिए प्रसिद्ध थे। राजा ने महर्षि से निवेदन किया कि वे राज्य की समस्या का समाधान बताएं, ताकि उनकी प्रजा इस अकाल से मुक्ति पा सके।
महर्षि अंगिरा ने ध्यान करके कहा, “हे राजन! आपको कार्तिक शुक्ल एकादशी, जिसे देवउठनी एकादशी कहते हैं, का व्रत करना चाहिए। इस व्रत से भगवान विष्णु प्रसन्न होंगे और आपकी सभी समस्याएं दूर होंगी।”
राजा मांधाता ने महर्षि के निर्देशानुसार देवउठनी एकादशी का विधिपूर्वक व्रत किया। व्रत के दिन उन्होंने भगवान विष्णु की पूजा की और संकल्प लिया कि वे अपने राज्य में भगवान विष्णु की आराधना और धर्म के नियमों का पालन करेंगे। भगवान विष्णु राजा की भक्ति से प्रसन्न हुए और उनकी कृपा से राज्य में जल्द ही बारिश हुई। वर्षा के कारण राज्य में हरियाली लौट आई, फसलें लहलहाने लगीं और प्रजा सुखी हो गई। इस प्रकार, देवउठनी एकादशी का व्रत करने से राजा के राज्य में सुख-समृद्धि का आगमन हुआ।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन राशि अनुसार कुछ आसान उपाय करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। यहां सभी राशियों के लिए कुछ खास उपाय बताए जा रहे हैं:
मेष राशि
इस दिन भगवान विष्णु को लाल चंदन और लाल फूल अर्पित करें। “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से इससे साहस और आत्मविश्वास बढ़ेगा।
वृषभ राशि
भगवान विष्णु को सफेद पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। साथ ही, गाय को गुड़ और हरी घास खिलाएं। ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
मिथुन राशि
विष्णु भगवान को हरे वस्त्र और फल अर्पित करें। तुलसी जी के पास दीपक जलाएं और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
कर्क राशि
इस दिन चावल और दूध का दान करें। मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने जल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से पारिवारिक सुख और शांति मिलेगी।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों को इस दिन भगवान विष्णु को गुड़ और गेहूं का भोग लगाना चाहिए। “ॐ विष्णवे नमः” मंत्र का जाप करें और जरूरतमंदों को भोजन कराएं।
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कन्या राशि
भगवान विष्णु को हरे मूंग और हरे वस्त्र चढ़ाएं। साथ ही, जरूरतमंदों को वस्त्र दान करें, जिससे स्वास्थ्य में सुधार होगा और मानसिक शांति मिलेगी।
तुला राशि
भगवान विष्णु को सफेद फूल और खीर का भोग लगाएं। अपने घर के तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें और इस दौरान “ॐ नमः नारायणाय” मंत्र का जाप करें, जिससे जीवन में संतुलन और सुख आएगा।
वृश्चिक राशि
इस दिन भगवान विष्णु को लाल पुष्प और चंदन चढ़ाएं। गरीबों को भोजन कराएं और अपनी समस्याओं के समाधान के लिए विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
धनु राशि
पीले वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु को पीले फूल चढ़ाएं। “ॐ विष्णवे नमः” मंत्र का जाप करें और जरूरतमंदों को पीले वस्त्र दान करें।
मकर राशि
भगवान विष्णु को तिल और गुड़ का भोग लगाएं। इस दिन सरसों के तेल का दीपक जलाकर दान करें, जिससे आपकी मेहनत सफल होगी और आर्थिक प्रगति होगी।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातक भगवान विष्णु को सफेद पुष्प और चंदन चढ़ाएं। गरीबों को कंबल या गर्म वस्त्र दान करें, जिससे स्वास्थ्य और मानसिक शांति में वृद्धि होगी।
मीन राशि
भगवान विष्णु को पीले वस्त्र और हल्दी चढ़ाएं। इस दिन गाय को चारा खिलाएं और “ॐ नमः नारायणाय” मंत्र का जाप करें। इससे मानसिक शांति मिलेगी और सभी कार्य सफल होंगे।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1- 2024 में देव कब उठेंगे?
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 11 नवंबर की शाम 06 बजकर 48 मिनट पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 12 नवंबर की शाम 04 बजकर 06 पर होगा।
2- देवउठनी एकादशी क्यों मनाई जाती है?
कार्तिक माह की एकादशी को भगवान विष्णु 4 माह के विश्राम के बाद योग मुद्रा से जागते हैं इसलिए इसे देवउठनी एकादशी कहते हैं।
3- देवउठनी एकादशी को क्या करना चाहिए?
देवउठनी एकादशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु का केसर वाले दूध से अभिषेक करें।
4- देवउठनी एकादशी का दूसरा नाम क्या है?
देवउठनी एकादशी को प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
नवंबर के इस सप्ताह में चमक उठेगी इन राशियों की किस्मत; छप्परफाड़ बरसेगा पैसा!
साल 2024 को ख़त्म होने में अब कुछ ही समय बचा है या यूँ कहें कि इस वर्ष की समाप्ति की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। आने वाला हर दिन, हर सप्ताह और हर माह हमें नए साल के करीब लेकर जाएगा। लेकिन, यहां हम साल 2024 के ग्यारहवें महीने नवंबर के दूसरे सप्ताह (11 नवंबर से 17 नवंबर 2024) के बारे में बात करेंगे। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से आपको 11 से 17 नवंबर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त होगी। इसके अलावा, यह हफ़्ता आपके प्रेम जीवन के लिए कैसे परिणाम लेकर आएगा? क्या वैवाहिक जीवन रहेगा सुख-शांति से पूर्ण? करियर और व्यापार पकड़ेगा रफ़्तार? इन सभी सवालों के जवाब आपको मिलेंगे। साथ ही जानेंगे, इस सप्ताह को किन उपायों को अपनाकर आप बेहतर बना सकते हैं।
सिर्फ इतना ही नहीं, नवंबर के इस हफ़्ते में कौन से व्रत और त्योहार पड़ेंगे, कौन सा ग्रह अपना राशि परिवर्तन करेगा, कब-कब होंगे बैंक अवकाश और विवाह के लिए कब-कब होंगे विवाह के मुहूर्त आदि के बारे में भी विस्तृत जानकारी आपको इस खास ब्लॉग में प्राप्त होगी। तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं 11 से 17 नवंबर का यह खास साप्ताहिक राशिफल विशेष ब्लॉग और जानते हैं सभी 12 राशियों का भविष्यफल।
इस सप्ताह के ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना
हिंदू पंचांग के अनुसार, नवंबर माह के इस दूसरे सप्ताह का आरंभ शतभिषा नक्षत्र के तहत शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि यानी कि 11 नवंबर 2024 को होगा जबकि इसका अंत मृगशिरा नक्षत्र के अंतर्गत कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि अर्थात 17 नवंबर 2024 को होगा। हालांकि, यह सप्ताह त्योहार और पर्वों की दृष्टि से बेहद ख़ास रहने वाला है क्योंकि इस दौरान एकादशी और प्रदोष जैसे व्रतों को किया जाएगा। इसके अलावा, कई बड़े एवं प्रमुख ग्रह भी अपना राशि परिवर्तन करेंगे। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जानते हैं इस हफ़्ते पड़ने वले व्रत एवं त्योहारों के बारे में।
इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहार
हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत एवं त्योहार को महत्वपूर्ण माना जाता है जिसके बिना हमारा जीवन अधूरा रहता है। यह हमारी ज़िन्दगी में खुशियां लेकर आते हैं और रिश्तों को मज़बूत बनाने का अवसर देते हैं। लेकिन, कहीं न कहीं आजकल की व्यस्त जीवनशैली की वजह से हम इन व्रत एवं त्योहारों की महत्वपूर्ण तिथियों को भूल जाते हैं और आपके साथ भी ऐसा न हों इसलिए हम आपको व्रत एवं त्योहारों की तिथियां प्रदान कर रहे हैं। आइए नज़र डालते हैं इन तिथियों पर।
देवुत्थान एकादशी (12 नवंबर 2024, मंगलवार): देवुत्थान एकादशी हर साल कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी को आती है जिसे देवोत्थान, देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु चार माह के बाद निद्रा से जागते हैं।
प्रदोष व्रत (शुक्ल) (13 नवंबर 2024, बुधवार): प्रदोष व्रत को त्रयोदशी व्रत भी कहा जाता है जो माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित होता है। मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत को करने से उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
(15 नवंबर 2024, शुक्रवार)कार्तिक पूर्णिमा व्रत: कार्तिक माह की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है और कहते हैं कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था और इस वजह से यह ‘त्रिपुरी पूर्णिमा’ के नाम से जानी जाती है।
(16 नवंबर 2024, शनिवार)वृश्चिक संक्रांति: सूर्य देव जब-जब अपना राशि परिवर्तन करते हैं, तो उसे संक्रांति कहा जाता है। इस प्रकार, सूर्य ग्रह के वृश्चिक राशि में प्रवेश करने को वृश्चिक संक्रांति कहते हैं।
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इस सप्ताह (11 नवंबर से 17 नवंबर, 2024) पड़ने वाले ग्रहण और गोचर
ज्योतिष में ग्रहण और गोचर का विशेष महत्व माना गया है क्योंकि प्रत्येक महत्वपूर्ण भविष्यवाणी करने से पहले ग्रहों की चाल, स्थिति और दशा का गहन विश्लेषण किया जाता है। इसके बाद ही भविष्यवाणी प्रदान की जाती है। अगर हम बात करें नवंबर के इस सप्ताह में होने वाले ग्रहण और गोचर की, तो इस दौरान एक बड़ा ग्रह अपनी स्थिति में बदलाव करेगा जबकि एक ग्रह का गोचर होने जा रहे हैं। आइए जानते हैं इन ग्रहों के बारे में।
शनि कुंभ राशि में मार्गी (15 नवंबर 2024 ): न्याय के देवता और कर्मफल दाता शनि महाराज 15 नवंबर 2024 की शाम 05 बजकर 09 मिनट पर कुंभ राशि में वक्री से मार्गी होने जा रहे हैं।
सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर (16 नवंबर 2024): आत्मा के कारक सूर्य देव 16 नवंबर 2024 की सुबह 07 बजकर 16 मिनट पर तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
इस सप्ताह में पड़ने वाले बैंक अवकाश
साप्ताहिक राशिफल के इस ख़ास ब्लॉग में आपको नवंबर के इस सप्ताह में पड़ने वाले बैंक अवकाशों की जानकारी भी दी जा रही है ताकि आप अपना काम समय रहते हुए पूरा कर सकें।
तिथि
दिन
पर्व
राज्य
15 नवंबर 2024
शुक्रवार
गुरु नानक जयंती
सभी राज्य सिवाय आंध्र प्रदेश, बिहार, दादरा और नागर हवेली, दमन और दिऊ, गोवा, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, मेघालया, उड़ीसा, पांडिचेरी, सिक्किम, तमिलनाडु और त्रिपुरा
एस्ट्रोसेज इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। यदि आप अपने पसंदीदा सितारे की जन्म कुंडली देखना चाहते हैं तो आप यहां पर क्लिक कर सकते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. नवंबर में सूर्य का गोचर कब होगा?
सूर्य देव 16 नवंबर 2024 को तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
2. शनि ग्रह की राशि कौन सी है?
राशि चक्र में मकर और कुंभ के स्वामी शनि देव हैं।
3. देवउठनी एकादशी 2024 में कब है?
इस साल देवुत्थान एकादशी 12 नवंबर 2024, मंगलवार के दिन है।
टैरो साप्ताहिक राशिफल (10 नवंबर से 16 नवंबर, 2024): इस सप्ताह इन राशियों पर होगी धन वर्षा!
टैरो साप्ताहिक राशिफल 10 नवंबर से 16 नवंबर 2024: टैरो कार्ड एक प्राचीन विद्या है जिसका उपयोग भविष्य जानने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग प्राचीन काल से ही टैरो कार्ड रीडर और रहस्यवादियों द्वारा अंतर्ज्ञान प्राप्त करने और किसी विषय की गहराई तक पहुँचने के लिए होता रहा है। यदि कोई व्यक्ति बेहद आस्था और विश्वास के साथ मन में उठ रहे सवालों के जवाब ढूंढ़ने के लिए आता है, तो टैरो कार्ड की दुनिया आपको हैरान कर सकती है। बहुत से लोग मानते हैं कि टैरो एक मनोरंजन का साधन है और इसे ज्यादातर मनोरंजन के रूप में देखते हैं।
साल 2024 के ग्यारहवें महीने नवंबर का यह दूसरा सप्ताह यानी कि टैरो साप्ताहिक राशिफल 10 नवंबर से 16 नवंबर 2024 अपने साथ क्या कुछ लेकर आएगा? यह जानने से पहले हम टैरो कार्ड के बारे में बात करेंगे। आपको बता दें कि टैरो की उत्पति आज से 1400 वर्ष पहले हुई थी और इसका सबसे पहला वर्णन इटली में मिलता है। शुरुआत में टैरो को ताश के रूप में राजघरानों की पार्टियों में खेला जाता था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया। मध्यकाल में टैरो को जादू-टोना से जोड़कर देखा जाने लगा और इसके परिणामस्वरूप आम लोगों ने भविष्य बताने वाली इस विद्या से दूरी बनाना सही समझा।
लेकिन टैरो कार्ड का सफर यही थमा नहीं और इसने कुछ दशकों पहले पुनः प्रसिद्धि प्राप्त की जब दुनिया के सामने इसे एक भविष्य बताने वाली विद्या के रूप में पहचान मिली। भारत समेत दुनियाभर में टैरो की गिनती भविष्यवाणी करने वाली महत्वपूर्ण विद्याओं में होती है और अंत में टैरो कार्ड वह सम्मान पाने में सफल हुआ है जिसका वह हक़दार था। तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि नवंबर महीने का यह दूसरा सप्ताह यानी कि 10 नवंबर से 16 नवंबर 2024 तक का समय सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहने की संभावना है?
टैरो साप्ताहिक राशिफल 10 नवंबर से 16 नवंबर, 2024: राशि अनुसार राशिफल
मेष राशि
प्रेम जीवन: किंग ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: द एम्प्रेस
करियर: द स्टार
स्वास्थ्य: फोर ऑफ पेंटाकल्स
मेष राशि के जातकों को प्रेम जीवन में किंग ऑफ पेंटाकल्स मिला है जो सफलता और विश्वसनीयता का प्रतिनिधित्व करता है। यह खूबियां इन्हें एक शानदार साथी और माता/पिता बनाती हैं। अगर आपकी मुलाकात किसी ऐसे व्यक्ति से होती है, तो आपको महसूस होगा कि वह प्रेम को बेहद गंभीरता से लेते हैं और इन्हें आगे बढ़ने से पहले आपको अच्छे से जानने की आवश्यकता होगी इसलिए रिश्ते को लेकर इनकी रफ़्तार धीमी रह सकती है।
आर्थिक और पेशेवर जीवन में द एम्प्रेस कार्ड का आना शक्ति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। साथ ही, यह आपके धन कमाने, आर्थिक मामलों में कामयाबी पाने और सफल करियर की तरफ भी संकेत करता है।
करियर की बात करें, तो द स्टार आपकी नौकरी के लिए शुभ माना जाएगा। यह कार्ड बता रहा है कि आपको करियर में कुछ बेहतरीन अवसरों की प्राप्ति हो सकती है जैसे प्रमोशन मिलने या किसी इंटरव्यू में हिस्सा लेने आदि। करियर में स्टार कार्ड आपको धन से जुड़े मामलों में दीर्घकालिक लक्ष्यों को पूरा करने के साथ-साथ ईश्वर पर भरोसा करते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।
जब बात आती है स्वास्थ्य की, तो आपको फोर ऑफ पेंटाकल्स प्राप्त हुआ है और यह संकेत कर रहा है कि इन जातकों के अतीत में हुई बुरी घटनाओं का असर आपके स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। ऐसे में, आप इन परिस्थितियों से बाहर आने के लिए रेकी की सहायता ले सकते हैं या फिर कोई थेरेपी लेने के बारे में सोच-विचार कर सकते हैं।
शुभ रंग: केसरिया
वृषभ राशि
प्रेम जीवन: फोर ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: द हैरोफ़न्ट
करियर: जजमेंट
स्वास्थ्य: क्वीन ऑफ कप्स
प्रेम जीवन में वृषभ राशि के जातकों को फोर ऑफ वैंड्स मिला है जो एक ऐसे मज़बूत रिश्ते की बात करता है जो सम्मान, विश्वास और आपसी समझ पर आधारित है। आपके जीवन में प्रेम और खुशियों से भरे रिश्ते की शुरुआत हो सकती है। यह कार्ड बता रहा है कि सिंगल लोगों की ज़िन्दगी में प्यार दस्तक दे सकता है और साथ ही, यह परिवारों या समुदायों के बीच एकता और मिलजुल कर काम करने को दर्शाता है।
आर्थिक जीवन में द हैरोफ़न्ट का आना आपको धन का प्रबंध सही तरीके से करने के लिए चेतावनी दे रहा है। यह कार्ड आपको धन संचय करने के मार्ग में गलत रास्ते या किसी भी तरीके का जोखिम उठाने से बचने की सलाह दे रहा है। साथ ही, यह लोग बिना सोचे-समझे धन खर्च करने के बजाय पैसों की बचत करने और ईमानदारी से धन कमाना पसंद करेंगे।
चाहे बात करियर की हो या व्यापार की, आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण होगा सही निर्णय लेने की क्षमता, फिर इनका प्रभाव बड़े और छोटे दोनों स्तर पर हो सकता है। कुल मिलाकर, सही समय पर सही फैसले लेने की क्षमता बेशक किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का बेहतरीन गुण हो सकती है।
स्वास्थ्य के लिहाज से, क्वीन ऑफ कप्स एक ऐसे व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है जो आपका हर कदम पर साथ देता हो या आपकी सेहत की चिंता करता हो। सामान्य शब्दों में कहे तो, आशंका है कि आपको चोट या रोग की वजह से किसी की सहायता की जरूरत हो सकती है। साथ ही, आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ख्याल रखने की सलाह दी जाती है।
शुभ रंग: सफेद
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मिथुन राशि
प्रेम जीवन: द हर्मिट
आर्थिक जीवन: थ्री ऑफ वैंड्स
करियर: थ्री ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: पेज ऑफ वैंड्स
प्रेम जीवन में द हर्मिट कहता है कि मिथुन राशि के जातक इस सप्ताह थोड़ा अकेला महसूस कर सकते हैं, लेकिन जीवन में प्यार की तलाश में आप सही दिशा में आगे बढ़ रहे होंगे। अगर आप पहले से रिश्ते में हैं, तो आप एक-दूसरे के साथ मिलकर स्वयं के बारे में जानना चाहेंगे। हालांकि, आप दोनों के लिए बेहतर होगा कि रिश्ते को लेकर आपकी क्या उम्मीदें हैं, इस पर आप और पार्टनर खुलकर बात करें।
आर्थिक जीवन की बात करें, तो थ्री ऑफ वैंड्स धन से जुड़े मामलों में योजनाओं और अवसरों को दर्शाता है। ऐसे में, आप आर्थिक जीवन में स्थिरता पाने के साथ-साथ करियर में प्रगति हासिल करने में सक्षम होंगे। यह कार्ड बिज़नेस में होने वाली कलैबरेशन, इंटरनेशनल स्तर पर विस्तार या फिर व्यापार में बदलाव की तरफ भी इशारा करता है।
करियर के क्षेत्र में थ्री ऑफ स्वॉर्ड्स बता रहा है कि इस सप्ताह काम आपके लिए तनाव और निराशा की एक प्रमुख वजह बन सकता है। इस दौरान आपको नौकरी में अचानक से छंटनी या फिर व्यापार में असफलता जैसी मुश्किल स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों और क्लाइंट्स के बीच मतभेदों से आपको दो-चार होना पड़ सकता है। अगर आप इन परिस्थितियों से जूझ रहे हैं, तो आपको सहकर्मियों से खुलकर और बेझिझक होकर बात करनी होगी।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से, पेज ऑफ वैंड्स कह रहा है कि मिथुन राशि के जातकों को अपनी फिटनेस को बेहतर बनाने के लिए अपना ध्यान रखना होगा। साथ ही, इन लोगों को स्वास्थ्य के संबंध में कोई शुभ समाचार मिल सकता है।
शुभ रंग: पेस्टल ग्रीन
कर्क राशि
प्रेम जीवन: सेवेन ऑफ़ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: द एम्पेरर
करियर: नाइन ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: द मैजिशियन (रिवर्सड)
प्रेम जीवन में सेवेन ऑफ पेंटाकल्स धैर्य, स्थिरता और प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है। अगर आप और पार्टनर दोनों मिलकर आर्थिक जीवन के लक्ष्यों जैसे कि नया घर लेना, विवाह के खर्चों को पूरा करना आदि को पाने की दिशा में काम कर रहे हैं, तो आप जल्द ही लक्ष्यों तक पहुंच सकेंगे। साथ ही, सेवेन ऑफ पेंटाकल्स गर्भधारण या गर्भावस्था का भी प्रतीक माना जाता है।
कर्क राशि के जातकों के आर्थिक और पेशेवर जीवन पर द एम्पेरर कार्ड का प्रभाव देखने को मिलेगा। यह कार्ड धन से जुड़े विभिन्न मामलों में आपकी मज़बूत स्थिति को दर्शा रहा है। साथ ही, यह आपको विश्वास दिला रहा है कि आपके पास अपने आर्थिक जीवन के सभी लक्ष्यों को पूरा करने की क्षमता और साहस है।
करियर की बात करें तो, नाइन ऑफ पेंटाकल्स बता रहा है कि कर्क राशि वाले कार्यक्षेत्र में बहुत कुछ हासिल करने में सफल होंगे। ऐसे में, आपको धन, समृद्धि और अन्य लाभों के रूप में पुरस्कृत किया जा रहा है। हालांकि, इन सबको आपने अपनी मेहनत के बल पर प्राप्त किया है। ऐसे में, अब आप इनका आनंद ले सकते हैं और खुद को थोड़ा आराम दे सकते हैं।
स्वास्थ्य में आपको द मैजिशियन (रिवर्सड) कार्ड प्राप्त हुआ है और यह आपको उन छोटी-मोटी समस्याओं के प्रति सतर्क रहने के लिए कह रहा है जो आपको तनाव दे सकती हैं। यह कार्ड सलाह दे रहा है कि अपनी सेहत का ध्यान रखकर और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाकर आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं।
सिंह राशि वालों के लिए सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स संकेत कर रहा है कि यह जातक अतीत में हुई दुखद घटनाओं के दौर से बाहर आ चुके हैं और अब यह पूरी तरह से एक प्रेमपूर्ण एवं खुशहाल रिश्ते में प्रवेश करने के लिए तैयार हैं। वहीं, यह कार्ड कहता है कि जो लोग एक बुरे रिश्ते में हैं, वह इन परिस्थितियों से उबरने के लिए कोई साहसिक फैसला ले सकते हैं क्योंकि सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स हीलिंग को भी दर्शाता है।
आर्थिक जीवन में थ्री ऑफ कप्स आपकी अच्छी खासी सेल की तरफ इशारा कर रहा है। इन जातकों द्वारा किये जा रहे प्रयास आपको उस प्रोजेक्ट में सकारात्मक परिणाम देने का काम करेंगे जिस पर आप काम कर रहे हैं। साथ ही, अन्य लोग भी आपकी सहायता कर सकते हैं। इन जातकों के जीवन में चल रही धन से जुड़ी समस्याएं भी दूर हो जाएंगी इसलिए आप चिंता न करें।
करियर की बात करें, तो सिंह राशि वाले इस सप्ताह कार्यक्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करेंगे और कंपनी काम के सिलसिले में आपको विदेश भेज सकती है या फिर व्यापार के क्षेत्र में आप विदेश में कोई नया संबंध स्थापित कर सकते हैं। कुल मिलाकर, यह सप्ताह करियर के लिए अनुकूल रहेगा।
ऐस ऑफ वैंड्स भविष्यवाणी कर रहा है कि यह हफ़्ता आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहेगा। साथ ही, आपके भीतर अपनी फिटनेस को एक नई दिशा में ले जाने की मज़बूत इच्छाशक्ति होगी। यह कार्ड गर्भधारण या संतान के जन्म का भी प्रतिनिधित्व करता है।
शुभ रंग: संतरी/लाल रंग
कन्या राशि
प्रेम जीवन: फोर ऑफ स्वॉर्ड्स
आर्थिक जीवन: टू ऑफ कप्स
करियर: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: सेवेन ऑफ वैंड्स
प्रेम जीवन की बात करें, तो कन्या राशि के जातकों के लिए फोर ऑफ स्वॉर्ड्स कह रहा है कि आप और पार्टनर रिश्ते को दोबारा पुनर्जीवित करने के लिए प्रयास करते हुए दिखाई दे सकते हैं। साथ ही, आप थोड़ा समय अकेला बिता सकते हैं। संभव है कि बीते समय में आप और साथी दोनों एक-दूसरे से दूर रहकर एक-दूसरे के महत्व को समझे हो।
टू ऑफ कप्स संकेत कर रहा है कि इन जातकों को आर्थिक जीवन में संतुलन बनाकर चलना होगा। हालांकि, बहुत ज्यादा पैसा न होने के बावजूद भी आपके पास इतना धन होगा कि आप अपने सभी बिलों का भुगतान करने के साथ-साथ अपनी रोज़मर्रा की जरूरतों को पूरा कर सकेंगे। कन्या राशि के जातकों के करियर के लिए नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स कह रहा है कि यह सप्ताह आपके लिए सफलता लेकर आएगा, लेकिन ऐसा तब ही होगा जब आप दृढ़ रहेंगे और जोखिम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे। साथ ही, एक नए करियर की शुरुआत या नौकरी में नेतृत्व करने का अवसर मिलने की भी संभावना है। लेकिन, आपको यह बात समझनी होगी कि अगर आप करियर में किसी भी तरह का शॉर्टकट लेंगे, तो सफलता आपसे दूर हो सकती है इसलिए आपको सही रास्ते पर चलने की सलाह दी जाती है।
स्वास्थ्य की बात करें, तो सेवेन ऑफ वैंड्स कहता है कि इन लोगों को इस सप्ताह कोई लंबे समय से चली आ रही बीमारी या कोई चोट परेशान कर सकती है। ऐसे में, आपको खुद को तैयार रखते हुए स्वस्थ होने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे।
प्रेम जीवन में तुला राशि वालों को द फूल मिला है जो भविष्यवाणी कर रहा है कि इस सप्ताह आपका रिश्ता प्रेम और सकारात्मकता से भरा रहेगा। इस अवधि में आपको साहस का परिचय देते हुए जोखिम उठाने के लिए तैयार रहना होगा और दुनिया के प्रति अपनी सोच का विस्तार करना होगा ताकि आपको जीवन में प्रेम की प्राप्ति हो सकें। हालांकि, यह कार्ड आपको अपने रिश्ते को रोमांस एवं प्यार से पूर्ण बनाने के लिए समय-समय पर कुछ नया आजमाने की सलाह दे रहा है।
आर्थिक जीवन की बात करें, तो थ्री ऑफ वैंड्स कहता है कि इन जातकों को इस सप्ताह आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। ऐसे में, आपकी आय में बढ़ोतरी होगी और इसके परिणामस्वरूप, आखिरकार आप जीवन की उन कठिन परिस्थितियों से बाहर आ सकेंगे जिनका सामना आप बीते कुछ समय से कर रहे थे। साथ ही, आपको विदेश या किसी दूर स्थान के माध्यम से भी आय में वृद्धि के अवसर प्राप्त हो सकते हैं जैसे कि विदेश में नौकरी मिलना या विदेश में कोई नई बिज़नेस डील करना।
अगर आप शारीरिक या मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं, तो आपको अपने नज़रिये में बदलाव करने की आवश्यकता होगी या फिर मानसिक रूप से खुद को ऐसा तैयार करना होगा कि आप खुद को स्वस्थ कर सकें। बता दें कि फोर ऑफ़ पेंटाकल्स आपको जीवन के उन नकारात्मक विचारों से बाहर आने के लिए कह रहा है जो आपके अच्छे स्वास्थ्य के मार्ग में बाधा बन रहे हैं।
शुभ रंग: सिल्वर
वृश्चिक राशि
प्रेम जीवन: ऐस ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: थ्री ऑफ स्वॉर्ड्स
करियर: फाइव ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: फोर ऑफ स्वॉर्ड्स
जब बात आती है वृश्चिक राशि वालों के प्रेम जीवन और रिलेशनशिप की, तो ऐस ऑफ वैंड्स को शुभ कार्ड माना जाएगा। एक लंबे समय तक सिंगल और अकेले रहने के बाद इस सप्ताह आप एक नए रिश्ते की शुरुआत कर सकते हैं। इन जातकों का यह रिश्ता लंबे समय तक चलने वाला होगा जो कि रोमांच और जुनून से भरा होगा।
आर्थिक जीवन में थ्री ऑफ स्वॉर्ड्स भविष्यवाणी कर रहा है कि वृश्चिक राशि वालों को इस सप्ताह धन से जुड़ी समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है। इस दौरान आप जीवन में बड़े आर्थिक संकटों से जूझते हुए दिखाई दे सकते हैं और ऐसे में, आप धन को लेकर परेशान नज़र आ सकते हैं। हालांकि, सोच-समझकर फैसले लेने और अपने खर्चों को नियंत्रित करके आप परिस्थितियों को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर सकते हैं।
करियर को लेकर फाइव ऑफ कप्स दर्शा रहा है कि इस राशि के जातक अपने मौजूदा करियर से असंतुष्ट नज़र आ सकते हैं। संभव है कि आप अपने करियर से खुश न हों और इसकी वजह चीज़ों का आपके मन मुताबिक न होना हो सकता है। ऐसे में, यह अवधि मन को टटोलने और बहुत सोच-विचार करने के बाद अपने करियर को एक नई दिशा देने के लिए अनुकूल रहेगी।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से, फोर ऑफ स्वॉर्ड्स इन जातकों को एक ब्रेक लेने के लिए कह रहा है। आपको थोड़ा समय स्वयं के साथ अकेले बिताते हुए अपने जीवन के बारे में सोच-विचार करना होगा कि यह किस दिशा में जा रहा है और आपको अपने जीवन से क्या चाहिए। इस बात की प्रबल संभावना है कि यह जातक जीवन में जिन भी समस्याओं से जूझ रहे हैं, वह आपके स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही होंगी।
शुभ रंग: कोरल रेड
धनु राशि
प्रेम जीवन: सेवेन ऑफ स्वॉर्ड्स
आर्थिक जीवन: द हाई प्रीस्टेस
करियर: सिक्स ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: द चेरियट
धनु राशि वालों के प्रेम जीवन के लिए सेवेन ऑफ स्वॉर्ड्स बता रहा है कि यह जातक अपने रिश्ते में छलकपट, झूठ और धोखे का सामना कर रहे हैं। ऐसे में, इस सप्ताह हालात पिछले सप्ताह की तरह ही रह सकते हैं इसलिए अब आपको सोचना होगा कि क्या आप इस रिश्ते में बना रहना चाहते हैं या बाहर निकलना चाहते हैं। हालांकि, आपके लिए जल्द से जल्द इस रिश्ते से बाहर आना बेहतर रहेगा क्योंकि आपके लिए कुछ सकारात्मक भविष्य में इंतज़ार कर रहा होगा।
आर्थिक जीवन में द हाई प्रीस्टेस चेतावनी दे रहा है कि यह सप्ताह आपको धन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण सबक सीखा सकता है। साथ ही, यह कार्ड अपनी आर्थिक स्थिति या धन से जुड़ी योजनाओं के बारे में किसी को न बताने के लिए कह रहा है, अन्यथा आप धोखे के शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा, इस हफ्ते में कोई अनुभवी और आपसे बड़ा व्यक्ति आर्थिक योजनाओं के निर्माण में आपकी सहायता और मार्गदर्शन कर सकता है।
करियर के क्षेत्र में सिक्स ऑफ कप्स को एक शुभ कार्ड माना जाएगा। बता दें कि कार्यक्षेत्र में आप बेहद रचनात्मक रहेंगे और ऐसे में आपके पास नए-नए क्रिएटिव आइडिया होंगे। साथ ही, आपको हर कदम पर अपने सहकर्मियों का साथ मिलेगा और आपका प्रदर्शन अकेले काम करने के बजाय प्रोजेक्ट में टीम के साथ काम करते समय शानदार रहेगा।
द चेरियट गतिविधियों या किसी तरह की हलचल का प्रतिनिधित्व करता है। अगर आप किसी चोट या बीमारी से उबरने की कोशिश कर रहे हैं, तो आप जल्द ही स्वस्थ हो सकेंगे। आपको अच्छी देखभाल मिलने से आप शीघ्र ही स्वस्थ हो जाएंगे।
शुभ रंग: पीला
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मकर राशि
प्रेम जीवन: ऐस ऑफ़ कप्स
आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स
करियर: क्वीन ऑफ़ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: टेन ऑफ पेंटाकल्स
मकर राशि वालों के प्रेम जीवन की बात करें, तो ऐस ऑफ़ कप्स भावनाओं, प्रेम, नज़दीकी और दया का प्रतिनिधित्व करता है। यह कार्ड एक नई दोस्ती की तरफ संकेत कर रहा है या फिर एक रिश्ते की बात कर रहा है जो पहले से ही काफ़ी मज़बूत होगा। इस दौरान आप ऐसे रिश्ते में प्रवेश कर सकते हैं जो प्रेम से भरा हो।
आर्थिक जीवन को देखें, तोफाइव ऑफ स्वॉर्ड्स संकेत कर रहा है कि यह जातक दोस्तों या परिवार की वजह से धन संबंधित विवादों में पड़ सकते हैं। हालांकि, आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप इस विवाद का हिस्सा नहीं है, लेकिन इनसे बाहर आने के लिए आपको यह याद करना होगा कि इस विवाद में कहाँ और कैसे आपने भूमिका निभाई है। इन लोगों को सही और क़ानूनी रास्ते पर चलना होगा और किसी भी तरह के छलकपट वाले लेन-देन से बचना होगा।
करियर की बात करें, तो कार्यक्षेत्र में सहकर्मी आपकी ईमानदारी और समर्पण की वजह से आपका आदर-सम्मान करेंगे। इस दौरान आपके बेहतरीन संचार कौशल के कारण आपको धन प्राप्त होने के नए अवसर मिल सकते हैं। हालांकि, धन से जुड़ा कोई बड़ा फैसला लेते समय क्वीन ऑफ स्वॉर्ड्स आपको हर पहलू पर ध्यान देने की सलाह दे रहा है।
स्वास्थ्य के लिए टेन ऑफ पेंटाकल्स को सामान्य रूप से अच्छा कार्ड माना जाता है। ऐसे में, यह कह रहा है कि आपको स्वास्थ्य समस्याओं से बाहर आने में या उनसे लड़ने में अपने करीबियों का साथ मिलेगा। साथ ही, टेन ऑफ पेंटाकल्स आपका जीवन खुशियों से भरे रहने का भी संकेत कर रहा है।
शुभ रंग:: काला
कुंभ राशि
प्रेम जीवन: द डेविल
आर्थिक जीवन: सेवेन ऑफ कप्स
करियर: क्वीन ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: नाइट ऑफ पेंटाकल्स
कुंभ राशि वालों के प्रेम जीवन के लिए द डेविल को एक अशुभ कार्ड माना जाएगा जो आपके रिश्ते में ऊर्जा और मज़बूती का प्रतिनिधित्व करता है। यह कार्ड आपको रिश्ते को आगे बढ़ाने के साथ-साथ जोख़िम उठाने के लिए प्रेरित करेगा। हो सकता है कि आपका रिश्ता प्रेम पर नहीं वासना और अन्य चीज़ों पर आधारित हो। ऐसे में, आशंका है कि इन लोगों का रिश्ता प्रेम की दृष्टि से नहीं बल्कि निजी लाभ को ध्यान में रखकर बनाया गया होगा।
आर्थिक और पेशेवर जीवन में सेवेन ऑफ कप्स समृद्धि और प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है। यह कार्ड बता रहा है कि आपके पास आगे बढ़ने के अनेक विकल्प मौजूद होंगे, लेकिन आपको उनका चयन करते समय बहुत सोच-विचार करने और सावधानी बरतने की जरूरत होगी। अगर आप चाहें, तो इन विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करने के लिए किसी एक्सपर्ट की सहायता ले सकते हैं।
करियर के क्षेत्र में क्वीन ऑफ पेंटाकल्स को एक शक्तिशाली कार्ड माना जाएगा जो आपके लिए धीमी गति से ही सही लेकिन प्रगति लेकर आएगा। हालांकि, यह कार्ड इस बात का भी संकेत कर रहा है कि आप धीरे-धीरे नौकरी से व्यापार में प्रवेश कर सकते हैं या फिर पहले से बिज़नेस कर रहे होंगे। आप काम में बेहद रचनात्मक होंगे और आप जो भी काम करेंगे, उसमें उत्कृष्टता हासिल करेंगे।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से, नाइट ऑफ पेंटाकल्स कुंभ राशि के जातकों की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए जीवन में स्थिरता और संतुलन लाने की तरफ संकेत कर रहा है। यह कार्ड इस बात को अच्छे से समझता है कि एक स्वस्थ मन आपके शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है ताकि आप फिट रह सकें।
शुभ रंग: पर्पल
मीन राशि
प्रेम जीवन: फोर ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: सेवेन ऑफ पेंटाकल्स
करियर: एट ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: किंग्स ऑफ वैंड्स
मीन राशि के जातकों के प्रेम जीवन में यह सप्ताह अनेक सकारात्मक परिवर्तन लेकर आएगा। आपका विवाह हो सकता है या फिर किसी पारिवारिक समारोह या किसी शादी में आपकी मुलाकात आपके जीवन के सच्चे प्यार से हो सकती है। ऐसे में, यह सप्ताह आपके लिए जश्न से भरा रहेगा।
आर्थिक जीवन में सेवेन ऑफ पेंटाकल्स भविष्यवाणी कर रहा है कि आप धन की बचत करने के लिए लंबे समय से काफ़ी मेहनत कर रहे हैं। इस दौरान आप तार्किक रूप से निवेश करने का फैसला ले सकते हैं जिसका आप काफ़ी समय से इंतज़ार कर रहे थे। साथ ही, आपके द्वारा किये गए निवेश से आपको अच्छे रिटर्न की प्राप्ति होगी और इसके परिणामस्वरूप, आपकी सभी चिंताएं दूर होंगी।
एट ऑफ पेंटाकल्स भविष्यवाणी कर रहा है कि आपको कार्यक्षेत्र में अपने काम को प्राथमिकता देनी होगी और साथ ही, कार्यों को पूरे ध्यान से करना होगा। इन जातकों ने करियर को लेकर कुछ लक्ष्य अपने मन में निर्धारित किये हुए हैं और आपका सारा ध्यान उन्हें पूरा करने पर केंद्रित होगा जो अब जल्द ही पूरे हो जाएंगे। ऐसे में, मीन राशि के लोगों को उनके समर्पण और कड़ी मेहनत के लिए पुरस्कृत किये जाने के योग बनेंगे।
स्वास्थ्य की बात करें, तो किंग ऑफ वैंड्स बता रहा है कि मीन राशि वालों के लिए नवंबर का यह सप्ताह अच्छा रहेगा और ऐसे में, आपकी सेहत उत्तम बनी रहेगी। इस दौरान आपको कोई बड़ी समस्या परेशान नहीं करेगी, लेकिन फिर भी अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1- मैजिकल कार्ड का अंक क्या है?
मैजिकल कार्ड के रूप में अंक 1 विकास का प्रतीक माना जाता है और इस कार्ड के लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं होता है।
2- टैरो कार्ड की उत्पत्ति कहां हुई है?
टैरो कार्ड का जन्म 1400 ईसा पूर्व में यूरोप में हुआ था।
3- भारत में टैरो कार्ड को पहचान कब मिली?
टैरो कार्ड एक दशक पहले भारत में अपनी जगह बनाने में सफल रहा।
अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 10 नवंबर से 16 नवंबर, 2024
कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)?
अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा।
इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।
अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (10 नवंबर से 16 नवंबर , 2024)
अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं।
जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मूलांक 1
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 1 वाले समय के पाबंद होते हैं और इस आदत का पालन अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में भी करते हैं। इन्हें किसी भी काम में देरी पसंद नहीं होती है और साथ ही, इनमें नेतृत्व के गुण भी मौजूद होते हैं।
प्रेम जीवन: मूलांक 1 के जातक अपने प्रेम जीवन में पार्टनर के साथ मधुर और ईमानदार बने रहेंगे जिसकी वजह आप दोनों के बीच मज़बूत आपसी समझ होगी।
शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में इस मूलांक के छात्र लॉ, मैनेजमेंट और लिटरेचर आदि विषयों में अपनी चमक बिखेरेंगे। साथ ही, यह अच्छे अंक हासिल करने में सक्षम होंगे और अपने साथी छात्रों को टक्कर दे सकेंगे।
पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन की बात करें, तो मूलांक 1 के नौकरीपेशा जातक खुद को मिलने वाले मुश्किल कामों को आसानी से पूरा करने में सफल रहेंगे। अगर आपका खुद का व्यापार है, तो आप इस समय एक से ज्यादा बिज़नेस करने के साथ-साथ ज्यादा मुनाफा कमाने में समर्थ होंगे।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से, मूलांक 1 वाले इस सप्ताह एकदम फिट नज़र आएंगे जिसकी वजह आपकी दृढ़ इच्छाशक्ति होगी और इस दौरान आपको कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या परेशान नहीं करेगी।
उपाय- प्रतिदिन “ॐ भास्कराय नमः” का 19 बार जाप करें।
मूलांक 2
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 2 वालों को घूमना-फिरना बहुत पसंद होता है और यह जातक इसे अपने शौक के रूप में देखते हैं। साथ ही, इन लोगों को खानपान का लुत्फ़ उठाते हुए देखा जा सकता है और यह एक आरामदायक जीवन जीते हैं।
प्रेम जीवन: मूलांक 2 वाले घर-परिवार में चल रहे विवादों की वजह से रिश्ते में पार्टनर के साथ ख़ुशियां बनाए रखने में नाकाम रह सकते हैं। ऐसे में, रिलेशनशिप में ख़ुशियां बरकरार रखने के लिए आपको आपसी तालमेल बेहतर करना होगा।
शिक्षा: इस मूलांक के छात्र पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करने में पीछे रह सकते हैं जिसकी वजह आपका ध्यान भटकना हो सकता है। ऐसे में, यह पढ़ाई में एक बाधा का काम कर सकता है। आपके लिए बेहतर होगा कि इस दौरान शिक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले लेने से बचें।
पेशेवर जीवन: अगर आप नौकरी करते हैं, तो आप पर काम का दबाव अधिक होने के कारण आपसे काम में गलतियां हो सकती हैं। इन परिस्थितियों से बचने के लिए आपको बहुत ध्यान से काम करना होगा। जिन लोगों का खुद का व्यापार है, उन्हें बिज़नेस में पार्टनर के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से, मूलांक 2 वालों के लिए यह सप्ताह ज्यादा ख़ास नहीं रहने की आशंका है क्योंकि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर रह सकती है। ऐसे में, आपके लिए ध्यान और योग करना फलदायी साबित होगा।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 3 के जातक अधिकतर खुले विचारों वाले होते हैं और यह अपने जीवन में सिद्धांतों पर चलना पसंद करते हैं। इन लोगों का स्वभाव धार्मिक और ईमानदार किस्म का होता है। सामान्य रूप से, इस मूलांक वाले तीर्थस्थल की यात्राएं करते हुए दिखाई देते हैं।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन में मूलांक 3 वाले साथी के प्रति वफादार रहते हैं और इनका व्यवहार रिश्ते में ख़ुशियां एवं प्रेम बनाने में सहायता करता है। ऐसे में, आपका रिश्ता मज़बूत होगा।
शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में इस मूलांक के छात्र पेशेवर तरीके से पढ़ाई करते हुए नज़र आएंगे। इसके परिणामस्वरूप, आप शिक्षा में अच्छे अंक हासिल करने में सक्षम होंगे और साथ ही, आप अपनी योग्यताओं का प्रदर्शन भी कर सकेंगे।
पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन की बात करें, तो मूलांक 3 के नौकरी करने वाले जातक कार्यक्षेत्र में अपने दिमाग को शांत करते हुए काम में आसानी से उत्कृष्टता हासिल करने में सक्षम होंगे। जो जातक व्यापार करते हैं, वह बिज़नेस में अपनी योजनाओं की वजह से अच्छा ख़ासा लाभ कमाने में सफल रहेंगे।
स्वास्थ्य: मूलांक 3 वालों की सेहत इस सप्ताह संतुलितखानपान की वजह से उत्तम बनी रहेगी। इस दौरान आप समय पर भोजन करेंगे जिसका सीधा असर आपकी फिटनेस पर दिखाई देगा।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ गुरवे नमः” का 21 बार जाप करें।
मूलांक 4
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 4 के अंतर्गत पैदा होने वाले जातक किसी चीज़ या क्षेत्र के प्रति जुनूनी होते हैं और इसे अपने जीवन में लेकर आगे बढ़ते हैं। यह जातक अपने जीवन में होने वाली घटनाओं से मोटिवेट होकर अपने लिए उच्च लक्ष्य निर्धारित करेंगे। साथ ही, इन लक्ष्यों को पाने की राह में आगे बढ़ेंगे।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें, तो मूलांक 4 के जातकों का रिश्ता पार्टनर के साथ प्रेम एवं रोमांस से भरा रहेगा और ऐसे में, आप दोनों का रिश्ता काफ़ी मज़बूत होगा। इस दौरान साथी के लिए आपके मन में प्रेम और आकर्षण में वृद्धि होगी।
शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में मूलांक 4 के छात्र अच्छे अंक प्राप्त करने में सक्षम होंगे। साथ ही, जो पेशेवर कोर्स की पढ़ाई कर रहे हैं, वह शिक्षा में शीर्ष पर पहुंचने के साथ-साथ आगे बढ़ने में सफल हो सकते हैं।
पेशेवर जीवन: इस मूलांक के जो लोग नौकरी करते हैं, वह अपने काम में स्किल्स को बढ़ाने में सक्षम होंगे और ऐसे में, आपको कार्यों में की गई कड़ी मेहनत के लिए सराहना की प्राप्ति होगी। जिन लोगों का खुद का व्यापार है, वह इस समय अच्छा ख़ासा लाभ कमाने की स्थिति में होंगे।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की बात करें, तो मूलांक 4 वाले अपने उत्साह के बल पर अपनी सेहत को अच्छा बनाए रखेंगे। लेकिन, इन जातकों को छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं जैसे पेट दर्द और पाचन से जुड़ रोग आदि परेशान कर सकती हैं।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ दुर्गाय नमः” का 22 बार जाप करें।
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मूलांक 5
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 5 के जातकों का सेंस ऑफ ह्यूमर काफ़ी अच्छा होता है और यह बेहद बुद्धिमान होते हैं। इन लोगों की सोच तार्किक होती है जिसकी झलक इनके काम में भी दिखाई देती है। साथ ही, इनकी रुचि व्यापार करने में होती है।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें, तो इस सप्ताह आपके रिश्ते पार्टनर के साथ मधुर न रहने की आशंका है जिसके चलते आप दोनों के बीच आपसी तालमेल में कमी रह सकती है।
शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में मूलांक 5 के छात्रों को पढ़ाई में गिरावट का अनुभव हो सकता है जो कि ध्यान भटकने का नतीजा हो सकती है। ऐसे में, आपको पढ़ाई पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी। साथ ही, इस दौरान आपको शिक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले लेने से बचना होगा।
पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन को देखें तो, इन जातकों की काम में रुचि न होने की वजह से आपकी पकड़ मौजूदा नौकरी से कमज़ोर पड़ सकती है और ऐसे में, आपको सफलता न मिलने की आशंका है। अगर आप व्यापार करते हैं, तो आपको लापरवाही की वजह से हानि उठानी पड़ सकती है।
स्वास्थ्य: मूलांक 5 वालों को त्वचा से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जिसकी वजह आपकी कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता और असमय खानपान हो सकता हैं। ऐसे में, आपको अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का 41 बार जाप करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 6 के तहत जन्म लेने वाले जातकों का झुकाव आर्ट्स और साहित्य में होगा। साथ ही, इन लोगों की रुचि लंबी दूरी की यात्राओं में हो सकती है। यह गूढ़ विज्ञान में महारत हासिल करते हैं।
प्रेम जीवन: संभव है कि मूलांक 6 वाले अपने पार्टनर के साथ ख़ुशियां बनाए रखने में असफल रहें। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि आपके मन में असुरक्षा की भावना पैदा हो सकती है जिससे आपको बचने की आवश्यकता होगी।
शिक्षा: शिक्षा की बात करें, तो इन छात्रों को बहुत मन लगाकर पढ़ाई करनी होगी क्योंकि इस दौरान शिक्षा से आपकी पकड़ कमज़ोर हो सकती है। ऐसे में, आपके लिए एकाग्रचित होकर और दृढ़ता के साथ पढ़ाई करना जरूरी होगा।
पेशेवर जीवन: अगर आप नौकरी करते हैं, तो इस सप्ताह आप पर काम का दबाव बढ़ने की संभावना है। साथ ही, इन जातकों की कार्यक्षेत्र में वरिष्ठों के साथ बहस हो सकती है इसलिए आपको धैर्य बनाए रखने की सलाह दी जाती है। वरिष्ठों की नज़रों में अपनी एक अलग पहचान बनाने की आवश्यकता होगी। दूसरी तरफ, जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें बिज़नेस को सही से चलाने के लिए एक योजना बनाकर आगे बढ़ना होगा।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से, मूलांक 6 वालों को इस हफ़्ते खुजली जैसी स्वास्थ्य समस्या परेशान कर सकती है और ऐसे में, आपको तला-भुना खाने से परहेज़ करने की सलाह दी जाती है ताकि आपका स्वास्थ्य उत्तम बना रहे।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ शुक्राय नमः” का 33 बार जाप करें।
मूलांक 7
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 7 वाले अपने जीवन में संतुष्टि की प्राप्ति के लिए किसी धार्मिक तीर्थ स्थल की यात्रा पर जा सकते हैं। हालांकि, यह लोग आध्यात्मिक प्रगति और आंतरिक शांति की तलाश में होंगे।
प्रेम जीवन: मूलांक 7 के जातकों को साथी के साथ रिश्ते में धैर्य बनाए रखना होगा क्योंकि आपके घर-परिवार में तनावपूर्ण स्थितियां जन्म ले सकती हैं जिनसे आपको बचना होगा।
शिक्षा: शिक्षा की बात करें, तो इस मूलांक के छात्रों को पहले की तुलना में पढ़ाई को ज्यादा समय देना होगा क्योंकि आप शेड्यूल से पीछे रह सकते हैं और ऐसे में, आपको पढ़ाई में गिरावट देखने को मिल सकती है।
पेशेवर जीवन: मूलांक 7 के नौकरीपेशा जातकों की ख्याति में कमी आ सकती है जो कि आपकी लापरवाही का परिणाम होगी। ऐसे में, आपसे काम में कुछ गलतियां हो सकती हैं। वहीं, जो जातक व्यापार करते हैं, उन्हें अपने बिज़नेस पार्टनर के साथ बेहद सतर्क रहना होगा क्योंकि वह आपके लिए समस्याएं पैदा करने का काम कर सकते हैं।
स्वास्थ्य: इस सप्ताह इन जातकों का स्वास्थ्य उतार-चढ़ाव भरा रह सकता है और इसके फलस्वरूप, आपको सनबर्न और सूजन जैसी समस्याएं घेर सकती हैं। इन रोगों की वजह आपकी कमज़ोर रोग प्रतिरोध क्षमता हो सकती हैं।
उपाय- प्रतिदिन “ॐ गं गणपतये नमः” का 43 बार जाप करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 8 के अंतर्गत जन्मे जातक कार्यों के प्रति बेहद सजग होते हैं और अपने काम को पूरा करके ही सांस लेते हैं। इस सप्ताह यह लोग काम में काफ़ी व्यस्त रह सकते हैं और ऐसे में, इनका सारा ध्यान काम पर केंद्रित होगा।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन को देखें, तो इन लोगों के रिश्ते से मिठास गायब रह सकती है और इसके फलस्वरूप, आपको पार्टनर को प्रसन्न करना मुश्किल लग सकता है। ऐसे में, आपको धैर्य रखने की सलाह दी जाती है।
शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में मूलांक 8 के छात्रों का मन पढ़ाई से हट सकता है जिसकी वजह सही योजना का न होना हो सकता है। ऐसे में, आपको इस समय योजना बनाकर चलने की सबसे ज्यादा आवश्यकता होगी। साथ ही, फिलहाल शिक्षा से जुड़े बड़े फैसले लेने से बचें।
पेशेवर जीवन: जो जातक नौकरी करते हैं, उन्हें कार्यक्षेत्र में एक के बाद एक काम दिए जा सकते हैं जिसके चलते आप थकान महसूस कर सकते हैं। ऐसे में, आप इन सभी कामों को समय पर पूरा करने में असफल रह सकते हैं। दूसरी तरफ, जिन लोगों का अपना व्यापार है, उन्हें प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में समस्याओं का अनुभव हो सकता हैं।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की बात करें, तो यह जातक तनाव के कारण पैरों में दर्द की समस्या से परेशान नज़र आ सकते हैं जो कि आपके लिए चिंता का विषय बन सकता हैं। ऐसे में, इन लोगों को अपनी सेहत का पूरा-पूरा ख्याल रखने और व्यायाम करने की सलाह दी जाती है।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, 27 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 9 के जातक समय के महत्व को समझते हुए बेहद जागरूक रहेंगे और अपने कार्यों को बेहतर करने की दिशा में प्रयासरत रहेंगे। इन लोगों में चीज़ों या कार्यों को मैनेज करने की क्षमता मौजूद होती है जो इन्हें सफलता के शिखर पर ले जाती है।
प्रेम जीवन: इस मूलांक वाले अपने साथी के साथ खुश दिखाई देंगे और इसकी वजह रिश्ते के प्रति आपकी वफ़ादारी होगी। ऐसे में, आप दोनों का रिश्ता मज़बूत होगा।
शिक्षा: शिक्षा की बात करें, तो मूलांक 9 के छात्रों का प्रदर्शन पढ़ाई में अच्छा रहेगा, विशेष रूप से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और केमिकल इंजीनियरिंग जैसे विषयों में। इस अवधि में आप तार्किक होकर पढ़ाई करेंगे।
पेशेवर जीवन: मूलांक 9 के जो लोग नौकरी करते हैं, वह अपने हर काम को तार्किक रूप से करेंगे। ऐसे में, आप अपने कार्यों में सफलता हासिल कर सकेंगे। जिन जातकों का खुद का व्यापार है, वह बिज़नेस को अच्छे से मैनेज करने के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में मुनाफा कमाने में सक्षम होंगे।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के लिहाज़ से, यह सप्ताह आपके लिए अनुकूल रहेगा क्योंकि इस दौरान आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत रहेगी। ऐसे में, आपकी सेहत उत्तम बनी रहेगी और साथ ही, आप ऊर्जावान बने रहेंगे।