कब है गीता जयंती? जानें तिथि, मुहूर्त, महत्व और सही पूजा विधि!
गीता जयंती 2025: सनातन धर्म में हर व्रत एवं त्योहार को विशेष स्थान दिया गया है और इन्हीं में से एक है गीता जयंती। हिंदू धर्म के लिए गीता एक अत्यंत पवित्र और धार्मिक ग्रंथ है जो मनुष्य को जीवन के अंधकार के बीच रोशनी का मार्ग दिखाती है और अधर्म से धर्म के पथ पर लेकर जाती है इसलिए गीता जयंती को महत्वपूर्ण माना जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गीता जयंती के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। एस्ट्रोसेज एआई के इस ब्लॉग में हम आपको “गीता जयंती 2025” से जुड़ी समस्त जानकारी विस्तारपूर्वक प्रदान करेंगे जैसे तिथि और समय आदि। साथ ही, गीता जयंती की पूजा विधि और इस दिन किए जाने वाले कार्यों के बारे में भी आपको बताएंगे। तो आइए बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और शुरुआत करते हैं “गीता जयंती 2025” स्पेशल इस ब्लॉग की।
गीता जयंती 2025: तिथि एवं पूजा मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, गीता जयंती का पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी पर भगवान कृष्ण ने युद्ध भूमि में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था इसलिए इस तिथि को गीता जयंती कहा जाता है। इस दिन गीता जयंती के साथ-साथ मोक्षदा एकादशी भी होती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, गीता जयंती प्रत्येक वर्ष नवंबर या दिसंबर में आती है। इस दिन भक्तजन श्रीकृष्ण की पूजा और व्रत करते हैं। आइए अब हम जानते हैं गीता जयंती 2025 की तिथि और मुहूर्त।
गीता जयंती की तिथि: 01 दिसंबर 2025, सोमवार एकादशी तिथि का आरंभ: 30 नवंबर 2025 की रात 09 बजकर 29 मिनट पर
एकादशी तिथि समाप्त: 01 दिसंबर 2025 की शाम 07 बजकर 01 मिनट तक
नोट: इस साल गीता जयंती की 5162वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी।
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गीता जयंती 2025 का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है। धर्मग्रंथों के अनुसार, द्वापर युग में भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अपने परम शिष्य अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। गीता को अत्यंत पवित्र ग्रंथ माना जाता है जिसमें जीवन के दर्शन, भक्ति योग, ज्ञान योग और कर्मयोग का विस्तृत सार मिलता है। यह ग्रंथ आपको धार्मिक दृष्टिकोण के साथ-साथ जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शन प्रदान करता है।
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इस शुभ दिन को दुनियाभर में भक्तों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। गीता जयंती के अवसर पर लक्ष्मी नारायण और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा विधि-विधानपूर्वक करने से भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। साथ ही, श्रीकृष्ण व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। गीता जयंती पर एकादशी व्रत किया जाता है और भक्ति गीत गाए जाते हैं। साथ ही, धार्मिक समारोह और गीता का पाठ किया जाता है। इस दिन व्यक्ति गीता में दिए गए सार को अपने दैनिक जीवन में पालन करने की शपथ लेता है।
आइए अब हम आपको अवगत करवाने जा रहे हैं गीता जयंती पर किन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, गीता जयंती के दिन भगवान कृष्ण की पूजा विधि-विधान से की जाती है जिससे आपको श्रीकृष्ण का आशीर्वाद मिल सके, इसलिए गीता जयंती पर पूजा इस विधि से करें:
गीता जयंती 2025 पर प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
इसके पश्चात, श्रीकृष्ण का ध्यान करें और उन्हें फल, फूल, चंदन, धूप दिखाएं। साथ ही, श्रीकृष्ण के सामने दीपक जलाएं।
भगवान की प्रतिमा के निकट गीता रखें और इस पवित्र ग्रंथ को चंदन का तिलक लगाकर उसकी पूजा करें।
गीता जयंती के अवसर पर भक्तों को गीता द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए।
धार्मिक ग्रंथ गीता के श्लोकों के द्वारा आप अपनी बुद्धि को इस प्रकार मज़बूत बना सकते हैं कि आप जीवन की समस्याओं पर आसानी से विजय पा सकते हैं।
गीता जयंती पर मोक्षदा एकादशी भी होती है इसलिए इस दिन शंख पूजा करना लाभदायक होता है। शंख पूजन से आपके आसपास की नकारात्मकता दूर होती है और मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है।
श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप की पूजा गीता जयंती पर करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से आपको शांति प्राप्त होती है और अधूरे कार्य भी निर्विघ्न पूर्ण होते हैं।
आइए अब जान लेते हैं गीता जयंती पर कौन से काम नहीं करने चाहिए।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
गीता जयंती पर क्या करें?
गीता जयंती 2025 पर धार्मिक ग्रंथ गीता का पाठ करें।
मोक्षदा एकादशी कब है?
इस साल मोक्षदा एकादशी 01 दिसंबर 2025, सोमवार को मनाई जाएगी।
गीता जयंती 2025 पर किसकी पूजा करें?
गीता जयंती पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है।
बुध वृश्चिक राशि में मार्गी: ये राशियां होंगी मालामाल और इनके लिए बजेगा अलर्ट!
बुध वृश्चिक राशि में मार्गी: वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी, तर्क, व्यापार और संचार का कारक माना गया है। जब बुध मार्गी होता है, तो यह हमारे सोचने, समझने और बात करने के तरीके में बड़ा बदलाव लाता है। इस दौरान व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होती है और भ्रम या उलझनें धीरे-धीरे खत्म होने लगती हैं। वृश्चिक राशि में बुध का मार्गी होना एक ऐसा समय है, जब भावनाओं की गहराई के साथ बुद्धि का संतुलन बनता है।
यह गोचर कुछ राशियों के लिए सोच में स्पष्टता, करियर में प्रगति और रिश्तों में खुलापन लेकर आएगा, तो कुछ के लिए आत्मचिंतन और भावनात्मक संतुलन की परीक्षा का समय भी साबित हो सकता है।
जानिए, बुध वृश्चिक राशि में मार्गीहोने से आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा, कौन सी राशि पाएगी नई दिशा और किसे संभलकर कदम बढ़ाने की ज़रूरत होगी। तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जानते हैं शुक्र के गोचर की तिथि और समय पर।
बुध वृश्चिक राशि में मार्गी : तिथि और समय
ज्योतिष में बुद्धि, वाणी, तर्क, संवाद, व्यापार और अकाउंट के कारक ग्रह बुध 29 नवंबर 2025 की रात 10 बजकर 33 पर वृश्चिक राशि में मार्गी हो जाएंगे। आइए अब जानते हैं ग्रहों के मार्गी का अर्थ क्या है।
बुध वृश्चिक राशि में मार्गी: ज्योतिष में मार्गी ग्रह का अर्थ
ज्योतिष में जब किसी ग्रह को मार्गी कहा जाता है, तो इसका अर्थ होता है कि वह ग्रह अब अपनी सामान्य, सीधी चाल से आगे बढ़ रहा है। यानी वह अब पीछे नहीं जा रहा है, बल्कि अपने असली रास्ते में लौट आया है। जब कोई ग्रह वक्री होता है, तो वह पृथ्वी से देखने पर उल्टी दिशा में चलता हुआ प्रतीत होता है, जिससे उसके प्रभाव कुछ अस्थिर या उलझन भरे हो सकते हैं। लेकिन जैसी ही वह ग्रह मार्गी होता है, तो उसके प्रभाव दोबारा संतुलित हो जाते हैं और जीवन में स्थिरता आने लगती है।
उदाहरण के लिए, बुध के वक्री होने पर संवाद में गलतफहमियां, तकनीकी समस्याएं या सोच में भ्रम बढ़ सकता है, जबकि उसके मार्गी होते ही चीजें, धीरे-धीरे साफ और व्यवस्थित होने लगती हैं। इसलिए ग्रहों का मार्गी होना ज्योतिष के अनुसार सकारात्मक संकेत माना जाता है। यह वह समय होता है जब रुके हुए काम आगे बढ़ते हैं और मन की उलझनें दूर होने लगती हैं।
इस एपिसोड में जानिए — एकादशी व्रत के पीछे की गहरी वजह, शुभ मुहूरत और कैसे मनाएं — Mokshada Ekadashi से जुड़ी हर जरूरी जानकारी।
ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व
ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी, तर्क, संचार, व्यापार, शिक्षा और विश्लेषण क्षमता के कारण माना गया है। यह व्यक्ति के सोचने-समझने के तरीके, बोलचाल के अंदाज और निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है। बुध ग्रह जितना मजबूत होता है, व्यक्ति उतनी ही बुद्धिमान, चतुर, समझदार और तार्किक दृष्टिकोण वाला होता है। यह ग्रह लोगों को अपनी बात प्रभावशाली ढंग से रखने की कला देता है, जिससे वे दूसरों को आसानी से प्रभावित कर पाते हैं।
बुध ग्रह का संबंध लेखन, मीडिया, शिक्षण, विज्ञापन, तकनीक, बैंकिंग और व्यवसाय से भी होता है। जिन लोगों की कुंडली में बुध शुभ स्थिति में होता है, वे संवाद, लेखन या व्यापार के क्षेत्र में खास पहचान बना सकते हैं। वहीं, अगर बुध अशुभ या कमजोर हो, तो व्यक्ति को निर्णय़ में भ्रम, गलतफहमियां, बोलचाल में परेशानी या काम में अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए वैदिक ज्योतिष में बुध को बुद्धि और वाणी के स्वामी कहा गया है, जो जीवन में स्पष्ट सोच, सही निर्णय और सफल संवाद का आधार बनता है।
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मार्गी बुध का प्रभाव
जब बुध ग्रह मार्गी होते हैं, तो जीवन में स्थिरता और स्पष्टता लौट आती है। वक्री अवस्था में जो उलझनें, गलतफहमियां या रुकावटें बनी रहती हैं, वे अब धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं। बुध मार्गी होने पर सोच और निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होती है और संवाद में सुधार आता है। यह समय छात्रों, व्यापारियों और संचार से जुड़े लोगों के लिए खासतौर पर शुभ माना जाता है। कुल मिलाकर मार्गी बुध सकारात्मक ऊर्जा लाता है और जीवन को फिर से सही दिशा में आगे बढ़ाता है।
बुध वृश्चिक राशि में मार्गी: बुध के शुभ होने पर संकेत
व्यक्ति की बुद्धि तेज और सोचने-समझने की क्षमता मजबूत होती है।
वाणी मधुर और प्रभावशाली होती है, बातों से लोग प्रभावित होते हैं।
निर्णय लेने की क्षमता अच्छी होती है और कामों में स्पष्टता रहती है।
व्यक्ति व्यवसाय, लेखन, शिक्षा, मीडिया या तकनीकी क्षेत्र में सफल होता है।
स्मरण शक्ति तेज होती है और नई चीज़ें जल्दी सीख लेता है।
तर्कशक्ति और विश्लेषण की क्षमता बेहतरीन होती है।
स्वभाव से मिलनसार, खुशमिजाज और हाजिरजवाब होता है।
जीवन में सम्मान, सफलता और आर्थिक स्थिरता प्राप्त होती है।
ऐसे लोग हर परिस्थिति में समझदारी से काम लेते हैं जल्द घबराते नहीं।
संचार और बातचीत की कला इनकी सबसे बड़ी ताकत होती है।
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बुध वृश्चिक राशि में मार्गी: बुध के कमजोर होने पर संकेत
सोचने-समझने में भ्रम या बार-बार निर्णय बदलने की प्रवृत्ति होती है।
व्यक्ति की बातों में स्पष्टता की कमी रहती है, गलतफहमियां जल्दी होती हैं।
भाषण या संचार कौशल कमजोर होता है, अपनी बात सही तरह से नहीं रख पाता।
भूलने की आदत या ध्यान की कमी देखी जाती है।
पढ़ाई या व्यापार में रुकावटें और अस्थिरता बनी रहती हैं।
व्यक्ति जल्द घबरा जाता है या छोटी-छोटी बातों पर उलझ जाता है।
तर्कशक्ति और निर्णय क्षमता कमजोर हो जाती है।
कामों में ग़लत सलाह या जल्दबाज़ी में फैसले लेने की प्रवृत्ति रहती है।
कभी-कभी वाणी कठोर या व्यंग्यात्मक हो जाती है।
तकनीकी या मानसिक तनाव से जुड़ी परेशानियां बढ़ सकती हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1- बुध वृश्चिक राशि में मार्गी कब होंगे?
29 नवंबर, 2025
2-बुध किसका कारक हैं?
बुध ग्रह बुद्धि, तर्क, वाणी, व्यापार, संचार, और त्वचा का कारक है।
3- वृश्चिक राशि के स्वामी कौन हैं?
वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल ग्रह है।
दिसंबर 2025 में होगा क्रिसमस का जश्न, देखें एकादशी-अमावस की तिथि!
दिसंबर 2025: ग्रेगोरियन कैलेंडर में दिसंबर साल का बारहवां और अंतिम महीना होता है और इसमें कुल 31 दिन होते हैं। यह महीना बदलाव, ठंडक, त्योहारों और नए आरंभ की तैयारी का प्रतीक होता है। भारत समेत उत्तरी गोलार्ध में दिसंबर के महीने में सर्दियां अपने चरम पर होती हैं। इस दौरान ठंडी हवाएं चलती हैं और देर रात एवं सुबह के समय कोहरा रहता है। भारत में दिसंबर के महीने में कड़ाके की ठंड पड़ती है।
दिसंबर का महीना क्रिसमस की वजह से सबसे खास माना जाता है। 25 दिसंबर को पूरे विश्व में क्रिसमस मनाया जाता है। इसके साथ ही इस माह में नववर्ष की तैयारियां भी शुरू हो जाती हैं। कई जगहों पर दिसंबर को फेस्टिव सीज़न भी कहा जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार दिसंबर 2025 में कई महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार आते हैं जैसे कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा, सफला एकादशी, पौत्र पुत्रदा एकादशी, गुरु गोविंद सिंह जयंती आदि।
अगर आप भी जानना चाहते हैं कि आपके लिए दिसंबर का महीना कैसा रहेगा और आपको अपने जीवन में किस तरह के परिणाम मिलेंगे, तो एस्ट्रोसेज एआई के इस ब्लॉग में आपको अपने हर सवाल का जवाब मिल सकता. है।
इस ब्लॉग में बताया गया है कि नए महीने में आपका करियर कैसा रहेगा, लव लाइफ में सब कुछ ठीक रहेगा या नहीं, क्या इस महीने आप अपना घर ले पाएंगे, परिवार की समस्याएं दूर होंगी या नहीं। साथ ही इस ब्लॉग में यह भी जानकारी दी गई है कि दिसंबर में कौन से ग्रह किस तिथि पर गोचर करने वाले हैं और दिसंबर 2025 में किन तिथियों पर बैंक का अवकाश रहेगा एवं मुंडन मुहूर्त कब है।
तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि इस बार दिसंबर 2025 में क्या खास है।
दिसंबर 2025 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना
हिंदू पंचांग के अनुसार 01 दिसंबर, 2025 को उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को दिसंबर 2025 की शुरुआत होगी। 31 दिसंबर को कृतिका नक्षत्र में शुक्ल पक्ष की द्वादश तिथि पर दिसंबर मास का समापन होगा।
आगे जानिए दिसंबर माह के प्रमुख त्योहारों और व्रतों के बारे में।
दिसंबर 2025 के हिंदू व्रत व त्योहार
तिथि
दिन
पर्व व व्रत
01 दिसंबर 2025
सोमवार
मोक्षदा एकादशी
02 दिसंबर 2025
मंगलवार
प्रदोष व्रत (शुक्ल)
04 दिसंबर 2025
गुरुवार
मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत
07 दिसंबर 2025
रविवार
संकष्टी चतुर्थी
15 दिसंबर 2025
सोमवार
सफला एकादशी
16 दिसंबर 2025
मंगलवार
धनु संक्रांति
17 दिसंबर 2025
बुधवार
प्रदोष व्रत (कृष्ण)
18 दिसंबर 2025
गुरुवार
मासिक शिवरात्रि
19 दिसंबर 2025
शुक्रवार
पौष अमावस्या
30 दिसंबर 2025
मंगलवार
पौष पुत्रदा एकादशी
दिसंबर 2025 की महत्वूपर्ण तिथियां
दिसंबर में निम्न तिथियां महत्वपूर्ण हैं:
मोक्षदा एकादशी: सोमवार को 01 दिसंबर, 2025 को मोक्षदा एकादशी है। इस एकादशी पर व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और पितरों की मुक्ति का मार्ग खुलता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं। मान्यता है कि श्रीकृष्ण ने इसी दिन अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था इसलिए इसे गीता जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने का विधान है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा: 04 दिसंबर, 2025 को मार्गशीर्ष पूर्णिमा है। मार्गशीर्ष के महीने में आने वाली पूर्णिमा को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन धार्मिक कार्य और दान आदि किया जाता है। इस पूर्णिमा पर गंगा स्नान और दान पुण्य का विशेष महत्व है।
सफला एकादशी: यह एकादशी 15 दिसंबर, 2025 को है। यह पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी पर पड़ती है। कहते हैं कि इस दिन व्रत रखने से सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस एकादशी पर भगवान विष्णु का व्रत रखने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष चारों पुरुषार्थ प्राप्त होते हैं।
धनु संक्रांति: 16 दिसंबर, 2025 को मंगलवार के दिन धनु संक्रांति पड़ रही है। सूर्य के धनु राशि में गोचर करने को धनु संक्रांति कहते हैं। इस दिन से खरमास की शुरुआत होती है जिसमें मांगलिक कार्य करने वर्जित होते हैं। इस दिन गंगा स्नान, दान और हवन का विशेष महत्व होता है।
पौष अमावस्या: 19 दिसंबर, 2025 को पौष अमावस्या है। इस दिन पितरों का तर्पण और श्राद्ध एवं दान करने का बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि पौष अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करने और दीपदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
क्रिसमस: हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है। ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में इस दिन को मनाया जाता है। क्रिसमस पर ईसाई धर्म के अनुयायी अपने घरों को खास तरह से सजाते और सेलिब्रेट करते हैं।
गुरु गोविंद सिंह जयंती: शनिवार को 27 दिसंबर, 2025 को गुरु गोविंद सिंह जयंती मनाई जाएगी। गुरु गोविंद सिंह जी सिखों के दसवें गुरु थे। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी और अन्याय एवं अधर्म के विरुद्ध संघर्ष छेड़ा था। इस दिन गुरुद्वारों में लंगर, सेवा कार्य और कीर्तन आदि किए जाते हैं।
इस एपिसोड में जानिए — एकादशी व्रत के पीछे की गहरी वजह, शुभ मुहूरत और कैसे मनाएं — Mokshada Ekadashi से जुड़ी हर जरूरी जानकारी।
दिसंबर नाम की उत्पत्ति रोमन सभ्यता से हुई है। दिसंबर शब्द लैटिन भाषा के दीसम शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है दस। शुरुआत में रोमन कैलेंडर में सिर्फ दस महीने हुआ करते थे। उस कैलेंडर में दिसंबर दसवां महीना था। बाद में बारह महीने होने पर यह बारहवां और आखिरी महीना बन गया।
दिसंबर 2025 में पड़ने वाले ग्रहों के गोचर एवं ग्रहण
आगे बताया गया है कि दिसंबर में किस तिथि पर किस ग्रह का गोचर होने जा रहा है।
बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर:बृहस्पति वक्री अवस्था में मिथुन राशि में गोचर 04 दिसंबर 2025 की रात 08 बजकर 39 मिनट पर करेंगे।
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: 06 दिसंबर, 2025 को रात्रि के समय 08 बजकर 34 मिनट पर बुध का वृश्चिक राशि में गोचर होने जा रहा है।
मंगल का धनु राशि में गोचर: मंगल महाराज 07 दिसंबर 2025 की शाम 07 बजकर 26 मिनट पर धनु राशि में गोचर करने जा रहे हैं।
सूर्य का धनु राशि में गोचर: सूर्य महाराज 17 दिसंबर 2025 की सुबह 04 बजकर 06 मिनट पर धनु राशि में गोचर करने जा रहे हैं।
शुक्र का धनु राशि में गोचर: विलासिता और कला के कारक ग्रह शुक्र 20 दिसंबर 2025 की सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर धनु राशि में गोचर करेंगे।
बुध का धनु राशि में गोचर: बुध महाराज 29 दिसंबर 2025 की सुबह 07 बजकर 14 मिनट पर धनु राशि में गोचर करने जा रहे हैं।
दिसंबर 2025 में कोई ग्रहण नहीं लग रहा है।
दिसंबर 2025 में क्रिसमस डे
हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है। यह ईसाई धर्म का प्रमुख त्योहार है। ईसा मसीह ने दुनिया को प्रेम, करुणा और शांति का संदेश दिया था। क्रिसमस का पर्व मानवता, दया, त्याग और भाईचारे का प्रतीक है। भारत में गोवा, केरल, मिजोरम, नागालैंड और बड़े शहरों जैसे कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता आदि में बड़ी धूमधम से क्रिसमस मनाया जाता है।
सभी 12 राशियों के लिए दिसंबर 2025 का राशिफल
मेष राशि
दिसंबर 2025 का यह महीना आपके लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। नौकरी करने वाले जातकों को इस पूरे महीने भागदौड़ करनी पड़ेगी।
करियर: आपके लिए एक राज्य से दूसरे राज्य और विदेश जाने की स्थिति भी बन सकती है। आपको नौकरी के सिलसिले में विदेश जाने में कामयाबी मिलेगी। यात्राओं के माध्यम से व्यापार में लाभ होगा।
शिक्षा: छात्रों की रुचि गहन विषयों में बढ़ सकती है। आप अपनी एकाग्रता को बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करेंगे जिससे आपको धीरे-धीरे लाभ भी होगा। प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को इस महीने सफलता मिल सकती है।
पारिवारिक जीवन: घर-परिवार का माहौल सामंजस्यपूर्ण रहेगा। आपकी वाणी में कुछ कड़वाहट आ सकती है जिससे आपके रिश्तों के खराब होने का डर है। आपके भाई-बहनों के रुके हुए काम पूरे होंगे।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: आपके और आपके पार्टनर के बीच गलतफहमियां बढ़ सकती हैं। प्यार के मामले में परेशानी और कड़वाहट बढ़ने की आशंका रहेगी। पति-पत्नी के बीच आपसी सामंजस्य बढ़ेगा।
आर्थिक जीवन: आपके खर्च बढ़ सकते हैं। अपने खर्चों पर नियंत्रण पाने की कोशिश करें वरना आप आर्थिक चुनौतियों का शिकार हो सकते हैं।
स्वास्थ्य: आपको पेट, आंख, निद्रा संबंधित समस्याएं, वाहन संबंधित दुर्घटना या चोट लगने, अनियमित रक्तचाप, त्वचा की एलर्जी होने का डर है। आंखों से पानी आना और आंखों की रोशनी पर प्रभाव पड़ना जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
उपाय: मंगलवार के दिन किसी मंदिर में ध्वज लगाएं।
वृषभ राशि
दिसंबर 2025 के अनुसार इस महीने वृषभ राशि वालों को मिश्रित परिणाम मिलने के आसार हैं। व्यापार में सफलता मिलेगी।
करियर: आपको अपने वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग मिलेगा। आपको अपने कार्यक्षेत्र में कोई बड़ी समस्या सामने नहीं आएगी। बिना सोचे-समझे और जल्दबाजी में काम करने से बचें। व्यापार में उन्नति के योग बन रहे हैं। आप नया व्यापार भी शुरू कर सकते हैं।
शिक्षा: इस महीने के बीच-बीच में शिक्षा में व्यवधान आएंगे, लेकिन सब कुछ अच्छे से चलता रहेगा। आप टाइम टेबल के अनुरूप पढ़ाई कर सकते हैं।
पारिवारिक जीवन: इस महीने आपको अपने पारिवारिक संबंधों को संभालने पर ध्यान देना होगा। आपके माता-पिता का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है, इसलिए आपको उनके स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना होगा।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: आप अपने रिश्ते को ईमानदारी और वफादारी से निभाने की कोशिश करें। आपको अपने प्रेम में कुछ चुनौतियां देखनी पड़ सकती हैं। प्रेम विवाह की बातचीत आगे बढ़ सकती है।
आर्थिक जीवन: आपकी आमदनी के बढ़ने के योग बन रहे हैं। आप पैसों की बचत करने में भी सफल होंगे। महीने के अंतिम दिनों में किसी भी प्रकार का बड़ा खर्च करने से बचें।
स्वास्थ्य: 6 तारीख को बुध के सप्तम भाव में आ जाने से स्वास्थ्य को झटका लग सकता है। आपको तेज बुखार, शरीर में दर्द, बदन दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
दिसंबर 2025 के अनुसार, यह महीना मिथुन राशि के जातकों के लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। आपको स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति सावधानी बरतनी होगी। आप ज्यादा सजग होकर काम करेंगे तो कार्यक्षेत्र में आपको सफलता मिलेगी।
करियर: आपके ऊपर काम का दबाव रह सकता है लेकिन आप हिम्मत नहीं हारेंगे। आपको कार्यक्षेत्र में अच्छी सफलता मिलने के योग हैं। 29 तारीख को बुध भी सप्तम भाव में आकर कुछ नए काम करवा सकते हैं।
शिक्षा: छात्र शिक्षा के क्षेत्र में अच्छी प्रगति हासिल करेंगे। शिक्षा और उच्च शिक्षा दोनों में मेहनत करने में आपको आसानी होगी। प्रतियोगिता परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए अनुकूल समय है।
पारिवारिक जीवन: परिवार की आमदनी में वृद्धि होगी। परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और सामंजस्य बढ़ेगा। माता-पिता का सम्मान भी बना रहेगा।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: आप अपने मन की बातें दिल खोलकर अपने प्रियतम से कह पाएंगे और एक-दूसरे से नज़दीकियां बढ़ेगी। शादीशुदा जातक जीवनसाथी के प्रति अपने सभी कर्तव्यों को भली प्रकार निभाएं।
आर्थिक जीवन: आपकी धन संचय करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। व्यापार में लाभ के योग बनेंगे। आपका खर्चों पर नियंत्रण होगा जिससे आपकी आर्थिक स्थिति ठीक होने लगेगी।
स्वास्थ्य: आपको इस पूरे महीने अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है। अत्यधिक वसायुक्त, तले-भुने और मसाले युक्त भोजन से बचना होगा।
उपाय: शनिवार के दिन काले तिल का दान दोपहर के समय में किसी मंदिर में करें।
दिसंबर 2025 कर्क राशि के जातकों के लिए बहुत अच्छा रहने वाला है। कुछ समस्याएं आएंगी, लेकिन आप अपनी काबिलियत के दम पर उन चुनौतियों से पीछा छुड़ाने में कामयाब रहेंगे।
करियर: नौकरी बदलने के लिए अच्छा समय है। व्यापार करने वाले जातकों के लिए महीने की शुरुआत अच्छी रहेगी।
शिक्षा: अपनी ऊर्जा का सही प्रयोग कर पाएंगे। आपकी स्मरण शक्ति तेज होगी। प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए यह महीना बहुत अच्छा है।
पारिवारिक जीवन : पारिवारिक शांति बढ़ेगी। परिवार के लोगों में आपसी प्रेम भी बढ़ेगा, लेकिन कुछ बातों को लेकर विचारों का मतभेद हो सकता है।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: आपके और आपके पार्टनर के बीच कहासुनी होने या मतभेद होने की आशंका है। आपके रिश्ते में एक-दूसरे की अहमियत बढ़ेगी।
आर्थिक जीवन: शेयर बाजार में निवेश करने से लाभ होगा। आपके खर्चों में कुछ तेजी आ सकती है। लंबी यात्राएं और विदेश यात्रा के कारण भी धन खर्च होने के योग बन सकते हैं।
स्वास्थ्य: आपको अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है। फूड प्वाइजनिंग या भोजन की वजह से होने वाली समस्याएं बढ़ सकती हैं।
दिसंबर 2025 के अनुसार, यह महीना सिंह राशि के लोगों के लिए कई तरह से अच्छा रहने वाला है। आपको अपनी सेहत का ख्याल रखना होगा।। आर्थिक चुनौतियों में कमी आएगी।
करियर: कार्यक्षेत्र में आपके ऊपर काम का दबाव रहेगा। दिन-प्रतिदिन आपके प्रदर्शन में सुधार आएगा। अगर आप नौकरी बदलना चाहते हैं, तो 20 तारीख के बाद का समय अनुकूल रहेगा।
शिक्षा: छात्रों को शिक्षा में उत्तम परिणाम मिलने की उम्मीद है। पढ़ाई में आ रही समस्याएं अब दूर हो जाएंगी। प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को अपने जोश और जुनून से सफलता मिल सकती है।
पारिवारिक जीवन: पारिवारिक जीवन में इस महीने उथल-पुथल देखने को मिल सकती है। आपको घर में कुछ नया कंस्ट्रक्शन करवाने का मौका मिलेगा।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: आपके मन में एक अलग सी बेचैनी होगी। आप अपने रिश्ते को परिपक्व बनाएंगे। आप अपने रिश्ते में आगे बढ़ने के बारे में सोचेंगे।
आर्थिक जीवन: आमदनी के साथ-साथ खर्चे भी बने रहेंगे। आप कोई बड़ी संपत्ति खरीदने में सफल हो सकते हैं, जिससे परिवार में खुशी आएगी।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए अपनी दिनचर्या को ठीक करें और नियमित रूप से शारीरिक अभ्यास करें। आपको त्वचा संबंधित समस्याएं बढ़ने का खतरा है।
उपाय: रविवार के दिन श्वेतार्क के पौधे को जल चढ़ाएं।
दिसंबर 2025 के अनुसार, कन्या राशि के जातकों के लिए यह महीना औसत रूप से फलदायी साबित होगा। नौकरी करने वाले लोगों को सफलता मिलने के आसार हैं। व्यापारियों को उन्नति मिलेगी।
करियर: नौकरी में स्थिति बहुत बढ़िया रहेगी। आप अपनी कार्य क्षमता का भरपूर लाभ उठा पाएंगे। व्यापार करने वाले जातकों के लिए महीना ठीक-ठाक रहेगा।
शिक्षा: छात्र अच्छे से पढ़ाई करने की कोशिश करेंगे। प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए महीना बढ़िया रहेगा। आपका किसी अच्छे पद के लिए चयन हो सकता है।
पारिवारिक जीवन: दिसंबर 2025 के अनुसार परिवार में प्रेम और सामंजस्य दिखाई देगा। आपका अपने भाइयों के प्रति प्रेम बढ़ सकता है। पारिवारिक जीवन में बड़ों का आशीर्वाद और सहयोग आपको मिलता रहेगा।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: अपने प्रिय को शादी का प्रस्ताव दे सकते हैं। वह आपके प्रस्ताव को स्वीकार कर सकते हैं। वैवाहिक जीवन में धीरे-धीरे परिस्थितियों में सामंजस्य आने लगेगा।
आर्थिक जीवन: आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी और विदेश यात्रा से भी लाभ मिलने के योग हैं। विदेशी व्यापार भी आपकी सफलता का कारण बन सकता है।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य समस्याएं थोड़ी बढ़ सकती हैं। कोई भयंकर बीमारी होने की संभावना नहीं दिख रही है, फिर भी अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
दिसंबर 2025 के अनुसार, तुला राशि के जातकों के लिए यह महीना कई तरह से अनुकूल रहने वाला है। नौकरीपेशा जातकों को अपने अनुभव का लाभ मिलेगा।
करियर: कार्यक्षेत्र में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी आपके वरिष्ठ अधिकारी आपको स्नेह और सम्मान देंगे। मेहनत और जोखिम लेने की प्रवृत्ति व्यवसाय में आपको लाभ प्रदान करेगी।
शिक्षा: छात्र पढ़ाई को लेकर बहुत ज्यादा मेहनत करेंगे। आपका दिमाग तेज होगा और बुद्धि प्रखर होगी, जिसका आपको अपनी शिक्षा में लाभ मिलेगा।
पारिवारिक जीवन:पारिवारिक समस्याएं दूर होंगी और परिवार में सामंजस्य बढ़ेगा। भाई व बहनों का सहयोग आपको प्राप्त होगा।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: प्रेम संबंध में हैं, तो आपस में लड़ाई-झगड़े की स्थिति बन सकती है। विरोधाभास होगा जो प्रेम संबंधों को खराब कर सकता है। वैवाहिक जीवन में छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं जीवनसाथी को परेशान कर सकती हैं।
आर्थिक जीवन: आपको सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है। आपके लिए बैंक-बैलेंस बढ़ाने के योग बन रहे हैं। परिवार की आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी।
स्वास्थ्य: आपका स्वास्थ्य ठीक-ठाक रहेगा। आपको पेट से जुड़ी समस्याएं अपच, एसिडिटी और पाचन तंत्र से संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
उपाय: बुधवार के दिन गौ माता की सेवा करें और उनके निमित्त भोजन दें।
दिसंबर 2025 वृश्चिक राशि के जातकों के लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। आपको अपने क्रोध पर नियंत्रण रखने की जरूरत है। व्यापार करने वाले जातकों के लिए महीने की शुरुआत अच्छी रहेगी।
करियर: आप अपनी नौकरी में अच्छे से अच्छा करने की कोशिश करेंगे। क्रोध में आकर किसी को भी कुछ बोलने से बचना होगा। व्यापार करने वाले जातकों के लिए महीने की शुरुआत भी अच्छी रहेगी।
शिक्षा: शिक्षा में अनेक प्रकार से अच्छे परिणाम मिलने के आसार हैं। आपको किसी अच्छे गुरु या शिक्षक का विशेष मार्गदर्शन प्राप्त होगा, जिससे आप शिक्षा में उल्लेखनीय प्रगति कर पाएंगे।
पारिवारिक जीवन: पारिवारिक मामलों में उथल-पुथल बनी रहेगी और परिवार के सदस्यों में आपसी सामंजस्य का अभाव रहेगा। परिवार के वरिष्ठ सदस्यों को स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: शनि प्यार की परीक्षा लेते रहेंगे और प्यार के मामले में कुछ न कुछ समस्याएं बनी रह सकती हैं। आपके प्रियतम आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करेंगे।
आर्थिक जीवन: बढ़ते हुए खर्चे आपकी आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं। आपकी आर्थिक समस्याओं में कमी आएगी और खर्च भी नियंत्रण में आ जाएंगे।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य में कुछ न कुछ उतार-चढ़ाव आता रहेगा। कोई बड़ी समस्या तो नजर नहीं आ रही है, लेकिन अचानक से पेट में कुछ गड़बड़ी होने जैसे गैस ज्यादा बन जाने या अपच के कारण कुछ स्वास्थ्य समस्या अचानक से सामने आ सकती हैं।
दिसंबर 2025 के अनुसार, यह महीना धनु राशि के जातकों के लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। आपके लिए स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। खर्चों में अधिकता रहेगी।
करियर: आपको अपने कार्यक्षेत्र में अच्छा मान-सम्मान प्राप्त होगा। आपके वरिष्ठ अधिकारी भी आपके काम से संतुष्ट होंगे। आपके विरोधी कुछ परेशान कर सकते हैं।
शिक्षा: आपको शिक्षा के क्षेत्र में अच्छी उन्नति प्राप्त होगी। शिक्षा को लेकर आपको घर से दूर जाने का मौका मिल सकता है। अगर आप विदेश जाकर पढ़ना चाहते हैं, तो उसमें भी आपको सफलता मिल सकती है।
पारिवारिक जीवन: आपको अपने परिवार में अनुशासित रहने की सलाह दी जाती है। आपके पारिवारिक संबंधों में सुधार आएगा और आपको अच्छा महसूस होगा। परिवार में शुभ कार्यक्रम संपन्न हो सकते हैं।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: आपके और आपके प्रिय के बीच नज़दीकियां बढ़ेंगी। आपका रिश्ता प्रगाढ़ होगा, लेकिन छोटी-छोटी नोकझोंक होती रहेगी। आपको अपने क्रोध को नियंत्रित करना होगा।
आर्थिक जीवन: बेतहाशा खर्च आपकी नींद उड़ा सकते हैं। आपकी आर्थिक स्थिति पर दबाव पड़ सकता है। आपको धन संचित करने का प्रयास करना होगा।
स्वास्थ्य: आपको स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। आपको आंखों, पेट और पित्त प्रकृति से जुड़ी समस्याएं होने का डर है। आपको क्रोध करने से बचना होगा क्योंकि इसका सीधा प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर ही पड़ेगा।
दिसंबर 2025 मकर राशि वाले जातकों के लिए कई मामलों में अच्छा रहने वाला है। आपकी आमदनी बढ़ेगी और आपकी आर्थिक स्थिति में इजाफा होगा। आपके लिए धन प्राप्ति के नए रास्ते खुलेंगे।
करियर: आपके लिए कार्यक्षेत्र में उत्तम सफलता के योग बन रहे हैं। आपके काम को सराहना मिलेगी। आपके व्यापार में वृद्धि होगी। विदेशी व्यापार करने वाले जातकों को अच्छा लाभ प्राप्त होगा।
शिक्षा: आपको अपनी एकाग्रता को बढ़ाने पर ध्यान देना होगा। पढ़ाई के लिए दूसरे शहर जाने का मौका मिल सकता है। छात्रों को प्रतियोगिता में सफलता मिलने के योग बन सकते हैं।
पारिवारिक जीवन: परिवार में एक-दूसरे के प्रति सम्मान की भावना बढ़ेगी। हालांकि, कुछ वैचारिक मतभेद भी उत्पन्न हो सकते हैं। आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना होगा।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: आपस में लड़ाई-झगड़ा हो सकता है। वैवाहिक संबंधों में प्रेम और सम्मान बना रहेगा।
आर्थिक जीवन: आप धन को संचित कर पाने में कुछ हद तक सफल हो सकते हैं। आपको धन कमाने के कई मौके मिलेंगे। पैसे को बचाकर रखें ताकि आपके खर्च आपके ऊपर हावी न हो सकें।
स्वास्थ्य: दिसंबर 2025 के अनुसार, यह महीना खुद को अनुशासित रखने का है। अपनी एक नियमित दिनचर्या बनाएं और अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
दिसंबर 2025 कुंभ राशि के जातकों के लिए उत्साहजनक रहने वाला है। कार्यक्षेत्र में आपको सफलता मिलेगी। वैवाहिक संबंधों में तनाव बढ़ सकता है।
करियर: कार्यक्षेत्र में आपका दबदबा बढ़ेगा। आप अपने काम में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आप नौकरी बदलने का प्रयास कर सकते हैं। कार्यक्षेत्र में आपकी स्थिति मजबूत होगी।
शिक्षा: छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में अच्छी सफलता मिलने के योग हैं। आप नई-नई चीज सीखेंगे। इस महीने आपको मेहनत करने के लिए तैयार रहना होगा।
पारिवारिक जीवन: कभी-कभी परिवार के सदस्यों के बीच आपसी सामंजस्य का अभाव देखने को मिल सकता है। परिवार के लोगों के बीच कहासुनी होने की स्थिति बन सकती है।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: आपके रिश्ते में प्यार बढ़ सकता है। आपको अपने प्रियतम का विश्वास जीतने के लिए बहुत सारे प्रयास करने होंगे। वैवाहिक जीन में जीवनसाथी के साथ आपके मतभेद कम होंगे।
आर्थिक जीवन: आप अच्छे कामों पर धन खर्च करेंगे। इससे आपकी आर्थिक स्थिति पर दबाव पड़ सकता है। आप विदेशी माध्यम से धन प्राप्त कर सकते हैं।
स्वास्थ्य: आप अपने स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही कर सकते हैं। आपको अपने खान-पान पर बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि आपको इसकी वजह से स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
दिसंबर 2025 का यह महीना मीन राशि के जातकों के लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा। आपके खर्चों में निरंतर बढ़ोतरी होती रहेगी। वहीं अप्रत्याशित खर्चा आपको परेशान कर सकता है।
करियर: कार्यक्षेत्र पर आपका पूरा ध्यान बना रहेगा। आप बहुत ज्यादा मेहनत करेंगे और अपने प्रयास बढ़ाएंगे। आपको उच्च पद की प्राप्ति हो सकती है।
शिक्षा: छात्रों की अपने ज्ञान को बढ़ाने की इच्छा हो सकती है। आपको किसी अच्छे गुरु का मार्गदर्शन भी प्राप्त होगा। आप अपनी पढ़ाई को लेकर संजीदा होंगे।
पारिवारिक जीवन: आपके पारिवारिक जीवन में थोड़ी उथल-पुथल बनी रहेगी। आपके माता-पिता की स्वास्थ्य समस्याओं में कमी आएगी। आपको कफ जनित समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: आप अपने रिश्ते में अनुशासन पसंद करेंगे। पारिवारिक संबंध बिगड़ने से जीवनसाथी से कहासुनी हो सकती है।
आर्थिक जीवन: आपके खर्चे अप्रत्याशित तरीके से बढ़ सकते हैं। आप फिजूलखर्ची भी करेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है जिससे आप परेशान हो सकते हैं।
स्वास्थ्य: आपके स्वास्थ्य में उतार चढ़ाव आने का डर है। आपको किसी प्रकार का संक्रमण हो सकता है। घुटनों में दर्द और जोड़ों में दर्द की समस्या परेशान कर सकती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1. दिसंबर साल का कौन सा महीना है?
उत्तर. यह बारहवां महीना होता है।
प्रश्न 2. दिसंबर के महीने में क्या आता है?
उत्तर. इसमें क्रिसमस डे आता है।
प्रश्न 3. दिसंबर शब्द कहां से लिया गया है?
उत्तर. यह लैटिन भाषा से लिया गया है।
शनि मीन राशि में मार्गी, जानें किस पर बरसेगी कृपा और किसकी होगी परीक्षा!
शनि मीन राशि में मार्गी : वैदिक ज्योतिष मेंशनि देवको न्याय के देवता, कर्मफल दाता और और अनुशासन के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। जब-जब शनि अपनी गति बदलते हैं, वक्री से मार्गी या मार्गी से वक्री होते हैं, तब इसका प्रभाव सभी 12 राशियों के जीवन पर गहराई से पड़ता है। अब शनि देव मीन राशि में मार्गी हो चुके हैं और यह परिवर्तन कई लोगों के जीवन में नया अध्याय खोलने वाला साबित होगा।
कुछ को अब अपने कर्मों की परीक्षा देनी पड़ सकती है। इस मार्गी अवस्था में शनि की चाल भाग्य, करियर, धन, स्वास्थ्य और रिश्तों पर असर डालेगी। कहीं जिम्मेदारियां बढ़ेंगी तो कही परानी अड़चनें दूर होंगी। जानिए इस बदलाव का आपकी राशि पर क्या प्रभाव रहेगा, किसे मिलेगी शनि की कृपा और किसे रहना होगा सतर्क। बता दें कि शनि देव 28 नवंबर 2026 को मीन राशि में मार्गी हुए हैं।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे, शनि मीन राशि में मार्गी के प्रभाव इससे मिलने वाले शुभ-अशुभ परिणाम और रशिवार भविष्यफल के बारे में। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं, शनि के मार्गी होने की तिथि और समय।
शनि मीन राशि में मार्गी : तिथि और समय
शनि को ज्योतिष में आयु, दुख, रोग, लोहा, तेल, कर्मचारी, और कर्म के फल का कारक ग्रह माना जाता है। अब शनिमीन राशिमें मार्गी 28 नवंबर 2025 की सुबह 07 बजकर 26 मिनट पर होगा। आइए जानते हैं मार्गी का अर्थ क्या है।
AstroSage AI पॉडकास्ट सुनें – यहां आपको मिलेंगे ज्योतिष, जीवन के रहस्य, किस्मत के संकेत और AI द्वारा बताए गए सटीक ज्योतिषीय समाधान। अपनी ज़िंदगी के अहम सवालों के जवाब अब आवाज़ में, आसान भाषा में।
ग्रह के मार्गी होने का अर्थ
ज्योतिष में जब कोई ग्रह अपनी सामान्य चाल में सीधा गति करता है, तो इसे मार्गी ग्रह कहा जाता है। प्रत्येक ग्रह कभी-कभी वक्री हो जाता है, यानी पृथ्वी की दृष्टि से ऐसा प्रतीत होता है जैसे वह पीछे की ओर चल रहा हो। उस समय ग्रह की ऊर्जा भीतर की ओर काम करती है और व्यक्ति के जीवन में रुकावटें विलंब या आत्ममंथन जैसी स्थितियां पैदा कर सकती है। लेकिन जब वही ग्रह अपनी सीधी चाल में लौट आता है, तो उसी मार्गी होना कहा जाता है।
ग्रह के मार्गी होने का अर्थ है कि अब उसकी ऊर्जा फिर से संतुलित हो गई है और वह अपने प्रभावों को बाहरी रूप से स्पष्ट रूप से प्रकट करने लगता है। यह समय वह होता है जब वक्री काल में अटके हुए काम दोबारा गति पकड़ते हैं, निर्णय स्पष्ट होते हैं और जीवन की दिशा में स्थिरता आने लगती है। ज्योतिषीय दृष्टि से, ग्रह का मार्गी होना एक सकारात्मक परिवर्तन माना जाता है, क्योंकि इससे जीवन में भ्रम की स्थिति समाप्त होकर कर्मों के वास्तविक परिणाम मिलने शुरू हो जाते हैं। इस अवस्था में व्यक्ति को अपने कार्यों का उचित फल मिलने लगता है और जीवन में आगे बढ़ने के अवसर प्रकट होते हैं।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
ज्योतिष में शनि ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को कर्मफल दाता और न्याय के देवता कहा गया है। यह ग्रह व्यक्ति के कर्म, अनुशासन, धैर्य, संघर्ष, न्याय और जिम्मेदारी का प्रतीक है। शनि यह सिखाते हैं कि जीवन में सफलता पाने के लिए मेहनत और धैर्य ही सबसे बड़ा साधन है। जो व्यक्ति अपने कर्म में ईमानदार होता है, शनि उसे धीरे-धीरे लेकिन स्थायी सफलता प्रदान करते हैं; जबकि आलस्य, छल या अधर्म के मार्ग पर चलने वालों को यह ग्रह कठिनाइयों के माध्यम से सबक सिखाते हैं। शनि ग्रह की दृष्टि बहुत गहरी और प्रभावशाली मानी जाती है। यह व्यक्ति को वास्तविकता से परिचित कराते हैं और जीवन में कर्म का महत्व समझाते हैं।
जन्म कुंडली में शनि जिस भाव में स्थित होते हैं, वहीं से वे व्यक्ति के कर्म, संघर्ष और जीवन के सबक को प्रभावित करते हैं। शनि मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं और तुला राशि में उच्च तथा मेष राशि में नीच माने जाते हैं। यह ग्रह धीमी गति से चलने वाला है। लगभग ढाई वर्ष में एक राशि परिवर्तन करता है। इसी कारण शनि का गोचर या दिशा-परिवर्तन जैसे वक्री या मार्गी होना,जीवन पर गहरा और दीर्घकालिक असर छोड़ता है।
शनि का उद्देश्य दंड देना नहीं, बल्कि व्यक्ति को सुधारना और जागरूक बनाना है। यह ग्रह कर्म के नियम को दृढ़ता से लागू करता है, जैसे कर्म, वैसा फल। इसलिए ज्योतिष में शनि को न केवल भय का प्रतीक, बल्कि संतुलन, न्याय और आत्म-विकास का देवता भी माना गया है।
इन भाव में शनि माने जाते हैं शुभ
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शनि ग्रह को उन भावों में शुभ माना जाता है, जहां वह व्यक्ति के कर्म, अनुशासन और जिम्मेदारियों को सही दिशा देता है। सामान्यतः शनि तीसरे, छठे, सातवें, दसवें और ग्यारहवें भाव में स्थित हो तो शुभ फल प्रदान करता है। इन भावों में शनि अपनी धीमी लेकिन स्थायी ऊर्जा से व्यक्ति के जीवन में धैर्य, सफलता और स्थिरता लाता है।
तीसरे भाव में शनि व्यक्ति को साहसी, परिश्रमी और आत्मनिर्भर बनाता है। यह स्थिति जीवन में संघर्ष तो देती है, लेकिन अंततः सफलता अवश्य दिलाती है।
छठे भाव में शनि शत्रुओं पर विजय दिलाने वाला होता है। यह व्यक्ति को मजबूत इच्छाशक्ति, संयम और जीत की क्षमता प्रदान करता है।
सातवें भाव में शनि को वैवाहिक जीवन में जिम्मेदार और स्थिर बनाता है, हालांकि आरंभ में विलंब या परख का समय दे सकता है।
दसवें भाव में शनि को अत्यंत शुभ माना गया है, क्योंकि यह कर्मभाव के स्वामी है। यहां शनि व्यक्ति को कर्मठ, मेहनती और ऊंचे पद तक पहुंचाने वाला बनाता है।
ग्यारहवें भाव में शनि लाभ और दीर्घकालिक स्थिर सफलता का कारक है। यह धीरे-धीरे लेकिन स्थायी रूप से व्यक्ति को आर्थिक रूप से सशक्त बनाता है।
इनके अतिरिक्त, यदि शनि अपनी स्वयं की राशियों (मकर और कुंभ) में हो या उच्च राशि तुला में स्थित हो, तो चाहे वह किसी भी भाव में हो, उसके प्रभाव सामान्यतः शुभ और स्थिर परिणाम देने वाले होते हैं।
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इन भाव में शनि देते हैं कमज़ोर परिणाम
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब शनि अशुभ भावों में या अपनी नीच राशि में स्थित होते हैं, तब वह कमजोर या पीड़ित माना जाता है। शनि पहले (लग्न), चौथे, पांचवें, आठवें और बारहवें भाव में स्थित हो तो उसका प्रभाव कमजोर या चुनौतीपूर्ण माना जाता है, विशेषकर तब जब वह पाप ग्रहों से ग्रस्त हो या शुभ दृष्टि से वंचित हो।
पहले भाव में शनि व्यक्ति को आत्मविश्वास की कमी, संकोच या शारीरिक थकावट दे सकते है। ऐसा व्यक्ति मेहनती तो होता है लेकिन उसे सफलता देर से मिलती है।
चौथे भाव में शनि घरेलू सुख, माता से संबंध, वाहन या संपत्ति के मामलों में रुकावटें दे सकता है। व्यक्ति को मानसिक शांति पाने में कठिनाई होती है।
पांचवें भाव में शनि बुद्धि, संतान सुख और प्रेम संबंधों में विलंब या तनाव पैदा कर सकता है। व्यक्ति निर्णय लेने में अधिक सोच-विचार करता है और कभी-कभी अवसर हाथ से निकल जाते हैं।
आठवें भाव में शनि को सबसे चुनौतीपूर्ण माना गया है। यहां यह अचानक हानि, स्वास्थ्य समस्याएं या मानसिक दबाव दे सकता है, लेकिन साथ ही, गूढ़ ज्ञान और आध्यात्मिकता की ओर भी झुका सकता है।
बारहवें भाव में शनि व्यक्ति को एकाकी बना सकता है, नींद की समस्या या विदेशी भूमि पर संघर्ष दिला सकता है। खर्चों में वृद्धि और मनोवैज्ञानिक दबाव भी दिख सकता है।
शनि ग्रह को मजबूत करने के उपाय
कुंडली में शनि कमजोर या अशुभ प्रभाव दे रहा हो, तो निम्न उपायों से उसकी शक्ति को संतुलित किया जा सकता है।
हर शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें।
शनि कर्म का ग्रह है। आलस्य, टालमटोल या गलत मार्ग से बचें। अपने कार्यों में मेहनत और अनुशासन रखें।
शनिवार के दिन जरूरतमंदों, बुजुर्गों, श्रमिकों या दिव्यांगों को भोजन, वस्त्र या लोहे से बनी वस्तुएं दान करें।
यदि ज्योतिषी की सलाह मिले तो नीला नीलम या लोहे की अंगूठी मध्यमा उंगली में शनिवार के दिन धारण की जा सकती है।
शनिवार के दिन व्रत रखें, शनि चालीसा या शनि स्तोत्र का पाठ करें। इससे मन शांत होता है और ग्रह का प्रभाव सकारात्मक बनता है।
शनि विनम्रता और सेवा के प्रतीक हैं। दूसरों के साथ नम्र व्यवहार, कर्मकठता और बुजुर्गों का सम्मान करने से शनि की कृपा बढ़ती है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. शनि मीन राशि में कब मार्गी होंगे?
शनि मीन राशि में 28 नवंबर, 2025 को मार्गी होंगे।
2. वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को इतना महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है?
शनि को कर्मफल दाता और न्याय के देवता कहा गया है। यह व्यक्ति के कर्म, अनुशासन, धैर्य और जिम्मेदारी के अनुसार फल देते हैं। इसलिए शनि जीवन में न्याय और संतुलन बनाए रखने वाला ग्रह है।
3. कुंडली में शनि के शुभ होने के संकेत क्या हैं?
जब शनि अपनी स्वयं की राशियों (मकर या कुंभ) में हो, या उच्च राशि तुला में स्थित हो, अथवा केंद्र या त्रिकोण भावों में बैठा हो, तो वह शुभ फल देता है।
बुध वृश्चिक राशि में मार्गी होने से इन 3 राशियों पर होगी धन-दौलत की बरसात!
बुध वृश्चिक राशि में मार्गी: एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको ज्योतिष की दुनिया में होने वाले बदलावों के बारे में अवगत करवाते आए हैं। हमारा आज का यह ब्लॉग आपको “बुध वृश्चिक राशि में मार्गी” से जुड़ी विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी।
बता दें कि बुध देव 29 नवंबर 2025 की रात 10 बजकर 33 मिनट पर वृश्चिक राशि में मार्गी होने जा रहे हैं जिसका निश्चित रूप से प्रभाव संसार पर दिखाई देगा। आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं बुध मार्गी के देश-दुनिया, राशियों और शेयर बाजार पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में।
वैदिक ज्योतिष में बुध को बुद्धि, संचार और मानसिक क्षमताओं का ग्रह माना जाता है। यह हमारे जीवन में सोच-विचार करने, सीखने, बात करने, लेखन और अपने विचारों को दूसरों के सामने रखने की क्षमता का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्हें अक्सर देवताओं के दूत कहा जाता है।
यह मनुष्य जीवन में तर्क, स्वीकार करने और जानकारी का इस्तेमाल करने के तरीके को प्रभावित करता है। किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध महाराज की स्थिति निर्णय लेने की क्षमता, बातचीत करने का तरीका और सेंस ऑफ ह्यूमर को दर्शाती है।
बुध को तेज़ रफ़्तार से चलने के लिए भी जाना जाता है इसलिए यह जिज्ञासा, स्वीकार करने की क्षमता और बेचैनी का प्रतिनिधित्व करते हैं। जब बुध महाराज वक्री अवस्था में होते हैं, तो इनका प्रभाव कमज़ोर रहता है जिसके चलते जातकों को कार्यों में देरी, गलतफहमी आदि का सामना करना पड़ता है। साथ ही, इस दौरान आप अपने विचारों या योजनाओं पर पुनः सोच-विचार कर सकते हैं। सामान्य रूप से बुध देव आपके विचार व्यक्त करने और विचारों के बीच संबंध को दर्शाते हैं।
बुध वृश्चिक राशि में मार्गी: विशेषताएं
जब बुध देव वृश्चिक राशि में मौजूद होते हैं, तो यह एक रहस्यमयी व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसकी बुद्धि बहुत तेज़ होती है। ऐसे इंसान को हर बात की तह तक जाना होता है और इनकी सोच थोड़ी डार्क एवं मूड हंसी-मज़ाक करने वाला होता है।
इन जातकों को हॉरर फिक्शन, साज़िश, क्रिमिनल साइकोलॉजी, मर्डर मिस्ट्री, एलियन लाइफ, डार्क माइथोलॉजी, साइबरक्राइम, हैकिंग, भ्रष्टाचार, क्रूरता, हिंसा जैसी चीज़ें पसंद होती हैं। हालांकि, बुध की वृश्चिक राशि में उपस्थिति से जातकों की रुचि पढ़ने या कुछ नया देखने में हो सकती है।
इसके अलावा, जिन जातकों का जन्म बुध वृश्चिक राशि के अंतर्गत होता है, उनका झुकाव रिसर्च में होता है। साथ ही, आप अपने आइडियाज़ को लेकर अत्याधिक सुरक्षात्मक हो सकते हैं।
बुध ग्रह जहां आपको अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए प्रेरित करता है, तो वहीं वृश्चिक राशि जातक को अपनी बातों को छुपाने के लिए प्रोत्साहित करती है। इस प्रकार, बुध ग्रह वृश्चिक राशि में बैठे होते हैं, तो जातक की भावनाएं छिपी रहती हैं और जो दुनिया को दिखाई देता है, वह असलियत नहीं होती है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
बुध के वृश्चिक राशि में होने से जातक जासूस, हैकर, ज्योतिषी, रिसर्चर, वैज्ञानिक और आविष्कारक बनता है। लेकिन, इन लोगों के साइकोपैथ, चोर और हैकर बनने की भी संभावना होती है। वृश्चिक राशि में बुध देव की स्थिति रहस्यमयी और नकारात्मक होती है। अगर कुंडली में बुध अशुभ स्थिति में होता है, तो जातक के जीवन में हालात बिगड़ सकते हैं।
बुध वृश्चिक राशि में मार्गी: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक असर
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध महाराज तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके नौवें भाव में मार्गी होने जा रहा है। इसके फलस्वरूप, बुध वृश्चिक राशि में मार्गी होने से आपको सट्टेबाजी और पैतृक संपत्ति के माध्यम से लाभ प्राप्त होगा। लेकिन, आपको प्रगति में देरी का सामना करना पड़ सकता है। करियर के क्षेत्र में आपके सामने कठिन परिस्थितियां एक के बाद एक आ सकती हैं जिसके चलते आप अपनी नौकरी को लेकर असंतुष्ट नज़र आ सकते हैं।
बुध वृश्चिक राशि में मार्गी होने से इस राशि के व्यापार करने वाले जातकों को व्यापार में प्रतिद्वंदियों से भारी टक्कर मिल सकती है जो आपके लिए तनाव की वजह बन सकती है। बात करें आर्थिक जीवन की, तो इन जातकों को यात्रा के दौरान सावधान रहना होगा क्योंकि आपसे पैसा खो सकता है जिसका कारण आपकी लापरवाही हो सकती है।
AstroSage AI पॉडकास्ट सुनें – यहां आपको मिलेंगे ज्योतिष, जीवन के रहस्य, किस्मत के संकेत और AI द्वारा बताए गए सटीक ज्योतिषीय समाधान। अपनी ज़िंदगी के अहम सवालों के जवाब अब आवाज़ में, आसान भाषा में।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके पहले/लग्न भाव और चौथे भाव के अधिपति देव हैं जो अब आपके छठे भाव में मार्गी होने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, इस अवधि में परिवार के खर्चे बढ़ सकते हैं जिन्हें पूरा करने के लिए आप लोन लेने के बारे में सोच-विचार कर सकते हैं। जब बात आती है आपके करियर की, तो इस समय नौकरी में आप हद से ज्यादा मेहनत कर सकते हैं और आपके अंदर सेवा भावना में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
बात करें आपके आर्थिक जीवन की, तो इन जातकों को पैतृक संपत्ति और अप्रत्याशित स्रोतों के माध्यम से धन की प्राप्ति होगी। ऐसे में, आप धन की बचत करने में भी सक्षम होंगे। दूसरी तरफ, जिन जातकों का अपना व्यापार है, वह अपने प्रतिद्वंदियों को टक्कर देने के साथ-साथ अच्छा-ख़ासा लाभ कमाने में सक्षम होंगे।
कर्क राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज आपके तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह जल्द ही आपके पांचवें भाव में मार्गी होने जा रहे हैं। ऐसे में, यह जातक अपनी संतान की प्रगति और उसके भविष्य को लेकर चिंतित दिखाई दे सकते हैं। बुध वृश्चिक राशि में मार्गी होने से आपके भीतर बेचैनी बढ़ सकती है जिसकी वजह से आप परेशान रह सकते हैं।
करियर की बात करें, तो कर्क राशि के जातक अपनी नौकरी में तनाव झेलने में नाकाम रह सकते हैं और ऐसे में, आपका करियर आपके लिए एक चुनौती बन सकता है। आर्थिक जीवन में आपको कोई बड़ा धन लाभ न होने की आशंका है, लेकिन फिर भी इस दौरान आपकी आय औसत रहेगी। बात करें व्यापार की, तो बिज़नेस में आपको प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिलने के साथ-साथ बिज़नेस पार्टनर के साथ भी आपको समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है।
वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके आठवें भाव और ग्यारहवें भाव के अधिपति देव हैं जो अब आपके पहले/लग्न भाव में मार्गी होने जा रहे हैं। बुध वृश्चिक राशि में मार्गी होने से इन जातकों को अपने कार्यों में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, आप खुद को थोड़ा कम आंक सकते हैं।
करियर के क्षेत्र में बुध मार्गी के प्रभाव की वजह से यह जातक नौकरी में तनाव होने से अपने काम को सही तरीके से नहीं कर पाएंगे जिसका सीधा असर आपके प्रदर्शन पर पड़ सकता है। ऐसे में, आप अपना सर्वश्रेष्ठ देने से चूक सकते हैं। आर्थिक जीवन को देखें, तो संभव है कि बुध मार्गी के दौरान आपको धन कमाने के अवसर ज्यादा न मिले या फिर न के बराबर मिलें। साथ ही, आप इस अवधि में ज्यादा धन की बचत करने में भी नाकाम रह सकते हैं। वृश्चिक राशि के जातकों को व्यापार में भारी टक्कर मिलने के कारण आपको होने वाला लाभ कम रह सकता है।
धनु राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके बारहवें भाव में मार्गी हो जाएंगे। बुध वृश्चिक राशि में मार्गी होने से इन जातकों को अपने दोस्तों के माध्यम से नुकसान हो सकता है और साथ ही, आपके हाथ से कुछ सुनहरे अवसर भी निकल सकते हैं। इस दौरान आप जिन सिद्धांतों पर चलते हैं, वह कुछ कमज़ोर पड़ सकते हैं जिसके चलते आप उन्हें बनाए रखने में असफल रह सकते हैं।
जब बात आती है करियर की, तो बुध मार्गी होने से धनु राशि के जातक अपनी नौकरी में बदलाव कर सकते हैं। ऐसे में, आप कुछ बेहतरीन मौकों की तलाश में नज़र आ सकते हैं। आर्थिक जीवन में आपको आय में वृद्धि के अवसर न मिलने की आशंका है और इसके परिणामस्वरूप, यह लोग धन की बचत करने में सक्षम नहीं होंगे। जिन जातकों का संबंध व्यापार से है, उन्हें अगर इस दौरान कहीं से सहायता नहीं मिलती है, तो आपकी परेशानियां बढ़ सकती हैं या फिर आपको हानि उठानी पड़ सकती है इसलिए सावधान रहें।
कुंभ राशि वालों के लिए बुध देव आपकी कुंडली में पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके दसवें भाव के अधिपति देव हैं। इसके परिणामस्वरूप,आपको कार्यों में सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होगी और आप अपने लक्ष्यों को भी हासिल कर सकेंगे। यह जातक अपने प्रयासों के बल पर सफलता प्राप्त करेंगे।
बुध का वृश्चिक राशि में मार्गी होना आपको करियर में कोई बड़ी सफलता दिला सकता है जो आपको अपने बॉस और सहकर्मियों की सहायता से मिलने की संभावना है। आर्थिक जीवन में आप अपनी आय को बढ़ाने में सक्षम होंगे। जब बात आती है व्यापार की, तो यह लोग सट्टेबाजी और ट्रेडिंग जैसे क्षेत्रों में महारत हासिल करने में सफल हो सकते हैं जिसका लाभ आपको प्राप्त होगा।
बुध वृश्चिक राशि में मार्गी: इन राशियों के लिए समय रहेगा शुभ
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए बुध देव आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। अब यह जल्द ही आपके सातवें भाव में मार्गी होने जा रहे हैं। इसके फलस्वरूप, बुध वृश्चिक राशि में मार्गी के प्रभाव से इन जातकों का झुकाव ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने, कुछ नया सीखने और अपने परिवार के सदस्यों को खुश रखने में हो सकता है। करियर की बात करें, तो इस अवधि में आपको करियर में नए अवसरों की प्राप्ति होगी और इसमें विदेश में नौकरी के अवसर भी शामिल होंगे। बुध मार्गी के दौरान आपके जीवन में सब कुछ सुगमता से आगे बढ़ेगा और आप मन लगाकर काम करेंगे।
बात करें व्यापार की, तो वृषभ राशि के जातकों को नए व्यापार से भी लाभ होने की संभावना है और ऐसे में, आप स्वयं को एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी के रूप में स्थापित करने में सक्षम होंगे। वहीं, आर्थिक जीवन में बुध वृश्चिक राशि में मार्गी की अवधि में आपको पैसा कमाने के लिए अत्यधिक प्रयास करने होंगे। लेकिन, आप धन की बचत करने में सक्षम होंगे।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के अधिपति देव हैं। वर्तमान समय में यह आपके चौथे भाव में मार्गी होने जा रहे हैं। इसके फलस्वरूप, बुध वृश्चिक राशि में मार्गी होने से आप अपने जीवन में सुख-सुविधाओं में वृद्धि करने में सक्षम होंगे। साथ ही, आप अपना पैसा अपने प्रियजनों पर ख़र्च करते हुए नज़र आएंगे। करियर के क्षेत्र में भी यह जातक प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ेंगे और आपको वरिष्ठों से सराहना मिलने की भी संभावना है।
जब बात आती है व्यापार की, तो आप अपने व्यापार में ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाने में सक्षम होंगे। इसके अलावा, आप एक नए व्यापार की शुरुआत कर सकते हैं और अपने प्रतिद्वंदियों के लिए आप एक मज़बूत प्रतिद्वंदी बनकर उभर सकते हैं।
बुध ग्रह को मज़बूत करने के लिए भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करें।
बुधवार के दिन भगवान गणेश के मंदिर जाएं और उन्हें प्रसाद के रूप में हरे चने के लड्डू का भोग लगाएं।
बुध की शुभता में वृद्धि के लिए पन्ना रत्न धारण करें। लेकिन ऐसा करने से पहले आपको किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह अवश्य लें।
बुधवार के दिन हरे रंग की चीज़ों का दान करें।
गाय को हरा चारा खिलाएं।
किसी गरीब या जरूरतमंद को हरे फल, सब्जियों और हरे रंग के वस्त्र दान करें।
बुधवार को पूजा करते समय बुध ग्रह के मंत्रों का उच्चारण करें।
बुध देव से शुभ परिणामों को पाने के लिए बुधवार को बुध स्तोत्र का पाठ करें।
बुधवार के दिन तुलसी का पौधा लगाने से बुध देव प्रसन्न होते हैं।
बुध वृश्चिक राशि में मार्गी: विश्व पर प्रभाव
राजनीति और व्यापार
बुध वृश्चिक राशि में मार्गी होने का नकारात्मक प्रभाव राजनेताओं और प्रशासकों पर नज़र आ सकता है क्योंकि बुध देव की यह स्थिति जातकों के संचार कौशल और खुद को व्यक्त करने की क्षमता को प्रभावित करती है।
राजनीति के क्षेत्र में बड़े पद पर आसीन लोग इस अवधि में सोच-समझकर बयान देंगे जिससे वह एक अच्छे स्पीकर के रूप में अपनी पहचान बनाएंगे।
भारतीय सरकार के प्रवक्ता और बड़े राजनेता कठिन परिस्थितियों को संभालने में सक्षम होंगे जिसके चलते भू-राजनीतिक संबंधों में कुछ बदलाव नज़र आ सकते हैं।
मार्केटिंग, शिक्षा, जर्नलिज्म एवं आध्यात्मिकता
भारत समेत दुनियाभर में मार्केटिंग, जर्नलिज्म, पब्लिक रिलेशन्स जैसे क्षेत्रों में वृद्धि देखने को मिलेगी। साथ ही, अन्य क्षेत्रों में भी लाभ होगा।
काउंसलिंग से संबंधित क्षेत्रों में सकारात्मक असर नज़र आ सकता है क्योंकि इनका सीधा जुड़ाव कम्युनिकेशन और इंटेलेक्चुअल एक्सप्रेशन से होगा।
जो जातक किसी ख़ास पेशे जैसे ज्योतिषी, उपदेशक, हीलर, या नेगोशिएटर से जुड़े हैं उन्हें अपने प्रयासों के माध्यम से अच्छा ख़ासा लाभ प्राप्त होगा।
बुध मार्गी के दौरान अन्य क्षेत्रों की तुलना में इन क्षेत्रों में ज्यादा नौकरियां आएंगी।
बुध वृश्चिक राशि में मार्गी का प्रभाव दुनिया भर के शिक्षकों के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा।
मेडिसिन, क्रिएटिव राइटिंग एवं रचनात्मक क्षेत्र
विश्व स्तर पर कलात्मक और रचनात्मक क्षेत्र तरक्की के मार्ग पर आगे बढ़ेंगे। इस दौरान लोगों की रुचि संगीत और कलात्मक क्षेत्रों के में बढ़ेगी।
इस अवधि में दुनियाभर में ट्रैवल, ब्लॉगर और ट्रैवल शो होस्ट करने वालों की संख्या में वृद्धि होगी।
लेखकों, भिन्न-भिन्न भाषाओं और साहित्य के क्षेत्र में काम करने वाले लोग अपनी पहचान बनाने में सक्षम होंगे।
पारंपरिक या मेडिकल से जुड़े क्षेत्रों में रोज़गार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी।
लोगों की रुचि प्राकृतिक उपचार हीलिंग में बढ़ सकती है।
बुध महाराज जब 29 नवंबर 2025 को वृश्चिक राशि में मार्गी हो जाएंगे, तो इसका प्रभाव शेयर बाजार पर नज़र आ सकता है। आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं शेयर बाजार भविष्यवाणी के माध्यम से बुध मार्गी का शेयर मार्केट पर प्रभाव।
शेयर बाजार भविष्यवाणी के अनुसार, शेयर बाजार उम्मीद के अनुसार मंदा रह सकता है।
बुध वृश्चिक राशि में मार्गी के दौरान कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, बैंकिंग सेक्टर, फाइनेंस कंपनी और रबड़ से जुड़े क्षेत्रों की रफ़्तार थम सकती है जो बाजार की हालात और ख़राब कर सकती है।
ग्रहों की स्थिति और गोचर के आधार पर शिपिंग कंपनियों, कार मोटर कंपनी आदि का प्रदर्शन बुध मार्गी के दौरान अच्छा रहेगा। ऐसे में, बाजार में तेज़ी आ सकती है।
हाउसिंग, केमिकल, चाय और फ़र्टिलाइज़र से जुड़े क्षेत्रों में थोड़ी मंदी रहने के बाद तेज़ी आने की संभावना है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
वृश्चिक राशि का स्वामी कौन है?
राशि चक्र की आठवीं राशि वृश्चिक के अधिपति देव मंगल ग्रह हैं।
वृश्चिक राशि के अलावा मंगल किस राशि के स्वामी हैं?
सभी 12 राशियों में मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी हैं।
क्या मंगल और बुध मित्र हैं?
नहीं, मंगल और बुध एक-दूसरे के मित्र नहीं हैं।
शनि मीन राशि में मार्गी: जानें, वैश्विक राजनीति से लेकर आपके रिश्तों तक क्या होगा असर!
एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शनि मीन राशि में मार्गीके बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि मार्गी शनि का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा।
बता दें कुछ राशियों को शनि मार्गी से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस ब्लॉग में शनि ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केटपर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।
बता दें कि शनिमीन राशिमें मार्गी 28 नवंबर 2025 की सुबह 07 बजकर 26 मिनट पर होगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।
ज्योतिष में शनिको अनुशासन (डिसिप्लिन), जिम्मेदारी और कर्म का ग्रह माना जाता है। इसे अक्सर राशियों का शिक्षक या कठोर गुरु भी कहा जाता है, क्योंकि यह हमें जीवन में नियम, समय और धैर्य से सीखने वाले सबक सिखाता है। शनि सीमाओं, अधिकार परिपक्कता और मेहनत से मिलने वाली स्थायी सफलता का प्रतीक है। कभी-कभी शनि का प्रभाव सख्त या चुनौतीपूर्ण महसूस हो सकता है, लेकिन इसका असली उद्देश्य हमें मजबूत बनाना है। यह हमें जवाबदेही आत्म-नियंत्रण और धैर्य सिखाता है।
शनि जिन जीवन क्षेत्रों को प्रभावित करता है, वहां शुरुआत में बोझ या दबाव महसूस हो सकता है, लेकिन समय के साथ यह मजबूत नींव और स्थिरता लाता है। संक्षेप में, शनि शॉर्टकट नहीं देता, यह मेहनत, ईमानदारी और अनुभव से हुई प्रगति को ही पुरस्कार देता है।
बृहस्पति (गुरु) मीन राशि के स्वामी हैं और जब शनि इस राशि से गोचर करता है, तो उसकी सख्त ऊर्जा में एक दार्शनिक और आध्यात्मिक रंग जुड़ जाता है। इस दौरान लोग अपने काम या जीवन में ज्यादा जिम्मेदारियां उठाने लगते हैं, खासकर पेशेवर क्षेत्र में।
यह गोचर लोगों को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति वफादार रहने धैर्य बनाए रखने और मेहनत से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है, जिससे समर्पण और दृढ़ता की भावना और भी मजबूत होती है।
मीन राशि में शनि: प्रमुख विशेषताएं
जब शनि (अनुशासन और व्यवस्था का ग्रह) मीन राशि (सपनों,अंतर्ज्ञान और भावनाओं की राशि) में आता है, तो यह संयोजन आध्यात्मिक गहराई और व्यावहारिक ज़िम्मेदारी का सुंदर मेल बनाता है। यह स्थिति हमें कल्पनाओं को हकीकत में बदलने और अनदेखे विचारों को ठोस रूप देने के लिए प्रेरित करती है। जिन लोगों की कुंडली में शनि मीन राशि में होता है, वे आमतौर पर दयालु और अनदेखे विचारों को ठोस रूप देने के लिए प्रेरित करती है।
जिन लोगों की कुंडली में शनि मीन राशि में होता है, वे आमतौर पर दयालु और संवेदनशील होते हैं, लेकिन अपनी भावनाओं को लेकर सतर्क रहते हैं। वे जीवन में सीमाओं, विश्वास और आस्था से जुड़े महत्वपूर्ण सबक सीखते हैं। कभी-कभी ये लोग यथार्थवाद और आदर्शवाद के बीच उलझन महसूस कर सकते हैं, लेकिन जैसे-जैसे वे परिपक्क होते हैं, वे संवेदनशीलता और मजबूती के बीच संतुलन बनाना सीख जाते हैं। यह योग सिखाता है कि भावनात्मक या आध्यात्मिक विकास के लिए अनुशासन जरूरी है, यानी सच्चा ज्ञान या आत्मिक उन्नति भागने में नहीं, बल्कि धैर्य और उद्देश्य के साथ अपने सपनों को हकीकत में बदलने में छिपी है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
शनि मीन राशि में मार्गी: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव
वृषभ राशि
शनि इस समय आपकी राशि से ग्यारहवें भाव में सीधा गोचर कर रहे हैं और चंद्र राशि से नौवें (भाग्य) और दसवें भाव (कर्म) भाव के स्वामी हैं। इस स्थिति को बहुत शुभ माना जाता है, खासकर करियर और निजी लक्ष्यों की दृष्टि से। इस समय आपके पुराने सपने और लंबे समय से अधूरे लक्ष्य पूरे होने की संभावना है। करियर के नजरिए से देखें तो मीन राशि में शनि का यह सीधा होना विदेश से जुड़ा काम करने या किसी नई जिम्मेदारी या नया पद मिलने का अवसर दे सकता है, जो आपके भविष्य के लक्ष्यों से मेल खाती है।
प्रमोशन या कार्य में तरक्की की भी अच्छी संभावना बन रही है। अगर आप व्यवसाय करते हैं,तो आपको अपने पार्टनर या सहयोगियों से बेहतर सहयोग मिलेगा, जिससे आपके बिज़नेस में मुनाफा बढ़ेगा और स्थिति मजबूत बनेगी। आर्थिक रूप से भी यह समय बहुत अच्छा रहेगा, आमदनी बढ़ेगी और आप धन संचय करने में सफल रहेंगे। कुल मिलाकर, यह गोचर वृषभ राशि वालों के लिए तरक्की और स्थिरता लाने वाला रहेगा।
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कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए शनि इस समय आपकी चंद्र राशि से सातवें भाव में गोचर कर रहे हैं और पांचवें भाव (बुद्धि, संतान, शिक्षा) व षष्ठम (कार्य, प्रतियोगिता, ऋण) भाव के स्वामी हैं। इस दौरान आप अपने दोस्तों के बीच और अधिक लोकप्रिय हो सकते हैं और सामाजिक दायरे से अच्छा सहयोग मिलेगा।
मीन राशि में शनि का यह सीधा होना आपको किसी विरासत (पैतृक संपत्ति) या ऋण (लोन) से भी लाभ दे सकता है। करियर के लिहाज़ से यह समय काफी शुभ रहेगा। आपको अपनी वर्तमान नौकरी में अच्छा प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा, और कुछ जातकों को नई व मनपसंद नौकरी भी मिल सकती है। यदि आप व्यापार करते हैं, तो यह समय नए ऑर्डर और मुनाफ़े के लिहाज से फायदेमंद रहेगा।
आपको व्यापार बढ़ाने या नए प्रोजेक्ट शुरू करने के अच्छे अवसर मिल सकते हैं। आर्थिक दृष्टि से भी यह समय स्थिरता लाने वाला रहेगा। आय नियमित रूप से होती रहेगी और दोस्तों से आर्थिक सहयोग भी मिल सकता है, यानी ज़रूरत पड़ने पर वे आपकी मदद कर सकते हैं। कुल मिलाकर, यह समय कन्या राशि वालों के लिए प्रगति, सहयोग और स्थिरता से भरा रहेगा।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए शनि इस समय आपकी चंद्र राशि के छठे भाव में सीधा गोचर कर रहे हैं और वे चौथे भाव (घर-परिवार, सुख-सुविधा) तथा पांचवें (संतान, शिक्षा, बुद्धि) भाव के स्वामी हैं। इस स्थिति के कारण आपको अपनी संतान की प्रगति या उनके स्वास्थ्य को लेकर थोड़ी चिंता रह सकती है। साथ ही, आप अपने घर-परिवार की सुख-सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहेंगे और इसमें कुछ अच्छे परिणाम भी मिलेंगे।
मीन राशि में शनि का यह सीधा होना आपको अपने पेशे या कार्यक्षेत्र में अधिक गंभीर और जिम्मेदार बनाएगा। आपके अंदर सेवा भाव बढ़ेगा, जिससे आप अपने काम में ज्यादा लगन और ईमानदारी से जुड़ेंगे।
व्यापार करने वाले जातकों के लिए भी यह समय लाभदायक रहेगा। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर प्रदर्शन करेंगे और अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं। हालांकि, जिम्मेदारियां बढ़ने के साथ-साथ खर्चों में भी इज़ाफ़ा हो सकता है। कुल मिलाकर, यह गोचर तुला राशि वालों के लिए मेहनत, जिम्मेदारी और सफलता का संकेत देता है।
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए शनि इस समय आपकी चंद्र राशि से तीसरे भाव में सीधा गोचर कर रहे हैं और वे पहले (स्वयं) तथा द्वितीय (धन, वाणी, परिवार) भाव के स्वामी हैं। इस स्थिति को बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि यह आपके आत्मविश्वास और सफलता दोनों में वृद्धि लाएगी। मीन राशि में शनि का यह सीधा होना आपको यात्राओं में व्यस्त रख सकता है, खासकर वे यात्राएं जो आपके काम या व्यक्तिगत विकास से जुड़ी हों। इस दौरान आपको अपने प्रयासों के लिए पहचान और सराहना भी मिलेगी।
करियर के क्षेत्र में आपके वरिष्ठ अधिकारी और सहकर्मी आपके काम को सराहेंगे और आपका साथ देंगे। यदि आप व्यवसाय करते हैं, तो यह समय आउटसोर्सिंग या ऑनलाइन कामों के लिए बहुत लाभदायक रहेगा, पारंपरिक तरीकों की तुलना में नए और आधुनिक तरीकों से अधिक सफलता मिलने की संभावना है।
आर्थिक रूप से भी यह समय स्थिरता और लाभ देने वाला रहेगा। आपकी आय नियमित रूप से बढ़ेगी और आप बचत करने में भी सफल रहेंगे।
शनि मीन राशि में मार्गी: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए शनि इस समय आपकी चंद्र राशि से बारहवें भाव में सीधा गोचर कर रहे हैं और वे दसवें (कर्म व करियर ) और एकादश (लाभ) भाव के स्वामी हैं। यह स्थिति आपके लिए कुछ चुनौतियां और मानसिक तनाव ला सकती है। मीन राशि में शनि का यह सीधा होना आपको यह सिखाएगा कि अपनी आमदनी और खर्च के बीच संतुलन बनाए रखना कितना ज़रूरी है। करियर के लिहाज़ से यह समय थोड़ा धीमा रह सकता है। तरक्की के मौके कम मिलेंगे और कार्यस्थल पर कुछ रुकावटें या असंतोष महसूस हो सकता है।
यदि आप व्यापार करते हैं तो प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और कभी-कभी नुकसान झेलना पड़ सकता है। अपने साझेदारों या बिज़नेस सहयोगियों पर आंख मूंदकर भरोसा करने से बचें, क्योंकि किसी धोखे की संभावना बन सकती है।
आर्थिक दृष्टि से यह समय थोड़ा अस्थिर रहेगा। कुछ बड़े और टाले न जा सकने वाले न जा सकने वाला खर्च सामने आ सकते हैं, जिनसे बजट बिगड़ सकता है। इसलिए इस अवधि में सावधानी और समझदारी से धन प्रबंधन करना बहुत जरूरी रहेगा।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए शनि इस समय आपकी चंद्र राशि से दसवें भाव (कर्मभाव) में सीधा गोचर कर रहे हैं और वे आठवें (रुकावटें, परिवर्तन) तथा नौवें (भाग्य) भाव के स्वामी हैं। यह स्थिति आपके कामों में कुछ रुकावटें और देरी ला सकती है, इसलिए इस समय हर कदम सोच-समझकर और योजनाबद्ध तरीके से उठाना जरूरी रहेगा।
करियर के क्षेत्र में आपको थोड़ी धीमी प्रगति महसूस हो सकती है। कार्यस्थल पर काम का दबाव बढ़ सकता है, जिससे मानसिक थकान या तनवा बढ़ेगा। ऐसे समय में धैर्य रखना और लगातार प्रयास करते रहना ही सबसे सही रास्ता होगा। अगर आप व्यापार करते हैं, तो मेहनत के अनुरूप परिणाम न मिलने की संभावना है। मुनाफा उम्मीद से कम रह सकता है या किसी कारणवश लेन-देन में अड़चनें आ सकती हैं।
मीन राशि में शनि का यह मार्गी होना आर्थिक दृष्टि से भी थोड़ा सीमित परिणाम देना वाला है। इस समय बड़े लाभ या अचानक धन वृद्धि की संभावना कम है, लेकिन नियमित आय बनी रहेगी। कुल मिलाकर, यह गोचर आपको सिखाएगा कि धैर्य, योजना और निरंतर प्रयास से ही लंबे समय में स्थिर सफलता मिलती है।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए शनि इस समय आपकी चंद्र राशि से नौवें भाव (भाग्य भाव) में सीधा गोचर कर रहे हैं और वे सातवें (साझेदारी, विवाह) तथा आठवें (रुकावटें, परिवर्तन) भाव के स्वामी हैं। इस स्थिति के कारण भाग्य का साथ कम महसूस हो सकता है। कई बार अच्छे मौके हाथ में आकर भी छूट सकते हैं या सही समय पर निर्णय न ले पाने से लाभ के अवसर निकल सकते हैं।
करियर के लिहाज से यह समय थोड़ा चुनौतीपूर्ण रह सकता है। आपके वरिष्ठ अधिकारी आपके काम से पूरी तरह संतुष्ट न हों या आपके मेहनत को वह पहचान न मिल पाए जिसकी आप अपेक्षे रखते हैं। इस दौरान प्रमोशन या कार्य में उन्नति की गति धीमी रह सकती है।
यदि आप व्यापार करते हैं, तो मीन राशि में शनि का यह सीधा होना आपके लिए सीमित लाभ का संकेत देता है। मुनाफ़ा तो होगा, लेकिन बहुत ज़्यादा वृद्धि की संभावना नहीं रहेगी। वित्तीय रूप से भी स्थिति धीरे-धीरे सुधरेगी, यानी कुछ मामूली सुधार तो दिखेगा, पर आय या बचत में बड़ा उछाल फिलहाल नहीं आएगा।
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए शनि इस समय आपकी चंद्र राशि से चौथे भाव (घर, सुख-सुविधा, मानसिक शांति) में सीधा गोचर कर रहे हैं और वे तीसरे भाव (साहस, प्रयास) तथा चौथे भाव (घर- परिवार, संपत्ति) भाव के स्वामी हैं। इस स्थिति के कारण मन में कुछ बेचैनी या भावनात्मक अस्थिरता महसूस हो सकती है।
घर-परिवार की ज़िम्मेदारियां बढ़ने से मानसिक शांति में कमी आ सकती है। करियर के क्षेत्र में आपकी प्रगति थोड़ी धीमी हो सकती है, जिसका कारण बढ़ता हुआ काम का दबाव रहेगा। फिर भी, यदि आप धैर्य और लगन बनाए रखते हैं, तो आगे चलकर यही मेहनत आपकी सफलता का कारण बनेगी।
व्यापार से जुड़े जातकों के लिए यह समय अच्छा रहेगा। आपकी मेहनत और समझदारी से काम में मुनाफ़ा होगा। आपकी सफलता काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगी कि आप अपने ज्ञान और अनुभव का सही उपयोग कैसे करते हैं। आर्थिक दृष्टि से यह समय मिला-जुला रहेगा। आपकी आमदनी बनी रहेगी, लेकिन साथ ही खर्च भी बढ़ सकते हैं, खासकर घर की मरम्मत, साज-सज्जा या परिवार की जरूरतों पर।
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए शनि इस समय आपकी चंद्र राशि से पहले भाव (स्वयं का भाव) में सीधा गोचर कर रहे हैं और वे एकादश (लाभ) तथा बारहवें भाव के स्वामी हैं। इस स्थिति के कारण आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। कई बार आप निर्णय लेने में असमंजस महसूस करेंगे, यानी क्या सही है और क्या नहीं, यह तय करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
करियर के लिहाज से यह समय थोड़ा दबाव वाला रहेगा। कार्यस्थल पर काम का बोझ बढ़ सकता है, जिससे तनाव महसूस होगा। साथ ही, सहकर्मियों या प्रतिस्पर्धियों से टकराव या प्रतियोगिता भी बढ़ सकती है, जिससे काम की गति थोड़ी धीमी हो सकती है। यदि आप व्यापार करते हैं, तो प्रतिस्पर्धा बढ़ने से मुनाफ़े में थोड़ी गिरावट आ सकती है या उम्मीद के अनुसार परिणाम न मिलें।
आर्थिक दृष्टि से भी यह समय सावधानी की मांग करता है। खर्चे बढ़ सकते हैं और बचत करने में कठिनाई महसूस होगी, जिससे धन संचय करना मुश्किल हो सकता है। कुल मिलाकर, यह गोचर आत्म-संयम, धैर्य और सोच-समझकर निर्णय लेने की सलाह देता है ताकि आप आने वाली चुनौतियों से मज़बूती से निपट सकें।
शनि मीन राशि में मार्गी: उपाय
शनि उन लोगों को आशीर्वाद देते हैं, जो मेहनती, नियमित और सच्चे होते हैं। अपने जीवन में समय की पाबंदी और कर्मठा बनाए रखें।
हर स्थिति में ईमानदारी, विनम्रता और जिम्मेदारी से व्यवहार करें। दिखावा या छल-कपट से बचें।
गरीबों को भोजन कराएं, वृद्धों की मदद करें या श्रमिकों की सहायता करें। यह शनि को प्रसन्न करने का सबसे उत्तम मार्ग है।
शनि तुरंत फल नहीं देते। वे धीरे-धीरे लेकिन स्थायी सफलता देते हैं। इसलिए अपने कर्म में लगे रहें, परिणाम स्वयं आएगा।
शनि अनुशासनप्रिय ग्रह हैं, इसलिए जल्दबाजी या धोखे से किया गया काम उनके प्रभाव को नकारात्मक बना सकता है।
शनिवार के दिन “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जप करें।
शनिवार को एक समय सादा भोजन करें या तैलीय, भारी भोजन से परहेज रखें।
पीपल के पेड़ के नीचे या शनि मंदिर में तिल के तेल (काले तिल के तेल) का दीपक जलाएं।
भगवान हनुमान, भगवान शिव या शनि देव की पूजा करें , ये शनि के कठोर प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं।
प्रतीकात्मक शांति के लिए शनिवार को काले तिल, काले कपड़े या लोहा चढ़ाएं।
इस समय भारत के अन्य देशों के साथ संबंध और वैश्विक स्थिति पहले से ज्यादा स्थिर और संतुलित हो सकती है। कई मामलों में भारत की छवि मजबूत होती दिखेगी।
सरकार इंसानियत, समाजसेवा और लोगों की भलाई से जुड़ी नीतियों पर ज्यादा ध्यान दे सकती है। इससे देश में शांति और एकता बढ़ेगी और सामाजिक अशांति कम हो सकती है।
सरकार पर्यावरण सुधार और जल प्रदूषण कम करने की दिशा में बड़े कदम उठी सकती है। खासकर यमुना जैसी प्रमुख नदियों की सफाई को लेकर काम तेजी से आगे बढ़ सकता है और आम लोग भी इसमें जुड़ सकते हैं।
कुछ राज्यों या देशों में नेतृत्व या सत्ता परिवर्तन देखने को मिल सकता है। लोगों की सोच और प्रशासन के प्रति दृष्टिकोण में भी बदलाव आएगा। यह बदलाव भले छोटा हो, लेकिन असरदार रहेगा।
सरकार को अचानक कई नई योजनाएं और प्रोजेक्ट्स मिल सकते हैं जिन पर तुरंत काम शुरू करने की ज़रूरत होगी। इन नई पहलों से देश के विकास की दिशा में गति आ सकती है।
आध्यात्मिक और मानवीय गतिविधियां
मीन राशि में शनि के सीधा होने से पूरी दुनिया में लोगों का रुझान आध्यात्मिकता और शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक स्वास्थ्य की ओर बढ़ेगा। लोग अपने जीवन में संतुलन लाने और आत्मिक शांति पाने की कोशिश करेंगे।
इस समय लोग साफ-सुथरा और हेल्दी खाना खाने पर ज़्यादा ध्यान देंगे। यानी जंक फूड या अस्वस्थ आदतों की जगह प्राकृतिक और पौष्टिक आहार को अपनाने की प्रवृत्ति बढ़ेगी।
शनि के इस गोचर से समाज में जानवरों के अधिकारों को लेकर जागरूकता भी बढ़ेगी। इंसान और पशु, दोनों के बीच संतुलन और सौहार्द बढ़ाने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे।
लोग प्राकृतिक चिकित्सा, योग, ध्यान और मानसिक उपचार की ओर झुकेंगे। भावनात्मक रूप से खुद को मजबूत करने और जीवन में स्थिरता लाने की कोशिश करेंगे।
प्राकृतिक आपदाएं और विपत्तियां
मीन राशि में शनि के सीधा होने से दुनिया के कई हिस्सों में प्राकृतिक आपदाओं की संभावना बढ़ सकती है। विशेष रूप से सुनामी या समुद्र के भीतर ज्वालामुखी विस्फोट जैसी घटनाएं देखने को मिल सकती हैं। भारत के पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में भी ऐसे प्रभाव संभव हैं।
इसके अलावा, भूकंपों की संख्या भी विश्व भर में बढ़ सकती है।
क्योंकि यह वर्ष ऐसा है जब मंगल वृश्चिक राशि में रहेंगे (जो जल तत्व से जुड़ी राशि है) और शनि वायु तत्व के ग्रह हैं, इसलिए इस समय पानी से जुड़ी आपदाएं जैसे, जहाजों का डूबना, जल दुर्घटनाएं या समुद्री उथल-पुथल जैसी घटनाएं भी बढ़ सकती हैं।
शनि मीन राशि में मार्गी: शेयर मार्केट पर प्रभाव
शनि मीन राशि में मार्गी होने का असर शेयर मार्केट पर भी कुछ हद तक नकारात्मक रह सकता है, खासकर 28 नवंबर 2025 से आगे के समय में। इस दौरान निवेश करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है:
वर्ष के अंतिम महीने की शुरुआत शेयर मार्केट के लिए फायदेमंद रहने की संभावना है। इस समय बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है। 2 दिसंबर से 8 दिसंबर के बीच विशेष ग्रह योग बन रहे हैं, जो मार्केट में अच्छा उछाल ला सकते हैं। इस दौरान एस्ट्रल लिमिटेड, अरविंद मिल्स, ज़ी एंटरटेनमेंट, जीएमआर इन्फ्रा, इंडो काउंट, वॉकहार्ट, हैवेल्स, पीएनसी इंफ्राटेक, आरपीजी लाइफ और श्रीराम जैसी कंपनियों के शेयरों में अच्छा मुनाफा देखने को मिल सकता है।
9 दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच बैंकिंग सेक्टर में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इस अवधि में एचडीएफसी, एसबीआई, आईडीएफसी, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक, कर्नाटक बैंक, यस बैंक और यूनियन बैंक जैसी कंपनियों के शेयरों में तेजी आने की संभावना है।
इसके अलावा, बिल्डिंग मटेरियल और कृषि से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में भी इस समय अच्छा उछाल देखने को मिलेगा।
तीसरे हफ्ते में सूर्य के प्रभाव से शेयर मार्केट में कम समय के लिए तेज़ी आ सकती है। इस दौरान अडानी पावर, अडानी पोर्ट, अडानी गैस, रिलायंस ग्रुप, टाटा ग्रुप, हडको, प्रिज्म सीमेंट, लूपिन, आईपीसीए लैब्स, किर्लोस्कर, जेके पेपर, इनॉक्स, हनीवेल ऑटो और आदित्य जैसी कंपनियों के शेयरों में लाभ की संभावना रहेगी।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
मीन राशि का स्वामी कौन है?
बृहस्पति
शनि का मित्र कौन सा ग्रह है?
शुक्र
शनि किन दो राशियों के स्वामी हैं?
मकर और कुंभ
मासिक अंक फल दिसंबर 2025: दिसंबर का महीना इन जातकों के लिए है ख़ास
मासिक अंक फल दिसंबर 2025: अंक ज्योतिष के अनुसार दिसम्बर का महीना साल का बारहवां महीना होने के कारण अंक 3 का प्रभाव लिए होता है। यानी कि इस महीने पर बृहस्पति ग्रह का अधिक प्रभाव रहने वाला है। आपको बता दें कि इस साल का अंक 9 है, ऐसे में दिसंबर 2025 के महीने पर गुरु के अलावा मंगल का भी प्रभाव रहने वाला है।
हालांकि मूलांक के अनुसार, अलग-अलग लोगों पर गुरु और मंगल का अलग-अलग असर पड़ेगा लेकिन दिसंबर 2025 का महीना सामान्य तौर पर आर्थिक, व्यवस्थापन व शिक्षा आदि से संबंधित मामलों के लिए विशेष रह सकता है। आइए जानते हैं कि आपके मूलांक के लिए दिसंबर 2025 का महीना कैसा रहेगा।
मूलांक 1
यदि आप किसी महीने की 1, 10, 19 या फिर 28 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 1 होगा और मूलांक 1 के लिए दिसंबर का महीना क्रमशः 4,9,3,3,3 और 8 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। यानी कि इस महीने सिर्फ अंक 8 आपके विरोध में है बाकी के सभी अंक आपके लिए औसत लेवल के परिणाम दे रहे हैं। ऐसे में, यह महीना सामान्य तौर पर आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। वैसे तो सामान्य तौर पर आप अपने स्टेटस और सामाजिक छवि का पूरा ख्याल रखते हैं लेकिन इस महीने इस मामले पर अपेक्षाकृत अधिक ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी।
कई बार आप स्वयं कुछ ऐसा नहीं करते लेकिन आपके आसपास रहने वाला कोई व्यक्ति कोई ऐसा काम कर जाता है जिससे आपकी छवि भी खराब होती है। इस महीने ऐसे तमाम मामलों में चौकन्ना रहने की आवश्यकता रहने वाली है। कार्य क्षेत्र के दृष्टिकोण से यह महीना तुलनात्मक रूप से अधिक मेहनत ले सकता है। हालांकि मेहनत के परिणाम सार्थक रहने की भी अच्छी उम्मीदें हैं। न केवल शासन प्रशासन के द्वारा बनाए गए नियमों का पालन अनुपालन आवश्यक रहेगा बल्कि स्वयं भी अनुशासित रहना फायदेमंद रहेगा। वरिष्ठों और गुरुजनों के मार्गदर्शन में काम करना तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम को दिलाने में सहयोगी बनेगा।
उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में माथे पर नियमित रूप से केसर का तिलक लगाना शुभ रहेगा।
मूलांक 2
यदि आप किसी महीने की 2, 11, 20 या फिर 29 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 2 होगा और मूलांक 2 के लिए दिसंबर का महीना क्रमशः 5,9,3,3,3 और 8 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। यानी कि इस महीने अंक 9 के अलावा बाकी सभी अंकों का सहयोग आपको मिल सकता है। अंक 9 इस बात का संकेत कर रहा है कि इस महीने बेकार के वाद विवाद से बचने की आवश्यकता रहेगी। विशेषकर संबंधों के मामले में नाराजगी के भाव न आने पाएं; इस बात का विशेष ख्याल रखना जरूरी रहेगा। यदि कुछ सावधानियां को अपनाकर आगे बढ़ेंगे तो यह महीना आपको सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम दे सकता है। बदलाव के मामले में यह महीना काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। यात्रा इत्यादि के दृष्टिकोण से भी महीने को सामान्य तौर पर अच्छा कहा जाएगा। आमोद प्रमोद और मनोरंजन की दृष्टिकोण से भी महीना अच्छे परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है।
उपाय: उपाय के रूप में नियमित रूप से गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना शुभ रहेगा।
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मूलांक 3
यदि आप किसी महीने की 3,12, 21 या फिर 30 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 3 होगा और मूलांक 3 के लिए दिसंबर का महीना क्रमशः 6,9,3,3,3 और 8 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। यानी कि इस महीने आप पर सबसे अधिक प्रभाव डालने वाला अंक 6 आपकी फेवर में नहीं है। अंक 9 आपके फेवर में है। वहीं अंक 3 भी आपके फेवर में प्रतीत हो रहा है। अंक 8 भी सामान्य तौर पर आपका अच्छा सपोर्ट करेगा। अतः महीना आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। कुछ सावधानियों को अपनाकर आप परिणाम को और बेहतर कर सकते हैं। विशेषकर स्त्रियों से संबंधित मामले में इन सावधानियों को अपनाने विशेष जरूरत रह सकती है।
मामला प्रेम प्रसंग का हो या फिर दांपत्य जीवन का; दोनों ही मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहेगी। यदि आपका काम किसी भी तरह से मीडिया, ग्लैमर, कॉस्मेटिक आइटम या स्त्रियों से संबंधित है तो नए सिरे से किसी भी डील को करने से पहले उसके बारे में अच्छी तरह से पड़ताल कर लेना उचित रहेगा। बाकी अन्य मामलों में सामान्य तौर पर परिणाम अनुकूल रह सकते हैं। विशेषकर घर, परिवार और दांपत्य संबंधी मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह करके आप संतोषप्रद परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। तुलना करें तो महीने का पहला हिस्सा अपेक्षाकृत ज्यादा अच्छे परिणाम दे सकता है।
उपाय: उपाय के रूप में कन्याओं का पूजन कर उन्हें मखाने वाली खीर खिलाना शुभ रहेगा।
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मूलांक 4
यदि आप किसी भी महीने की 4,13, 22 या फिर 31 तारीख़ को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 4 होगा और मूलांक 4 के लिए दिसम्बर का महीना क्रमशः 7,9,3,3,3 और 8 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। यानी अंक 8 के अलावा बाकी के अंक या तो आपके फेवर में हैं या फिर आपके लिए औसत परिणाम दे रहे हैं। वैसे इस महीने सबसे अधिक प्रभाव डालने वाला अंक 7 सामान्य तौर पर आपके लिए अनुकूल परिणाम देना चाहेगा। ऐसे में महीने का दूसरा हिस्सा कुछ कठिनाई देने का काम कर सकता है लेकिन बाकी के समय में परिणाम सामान्य तौर पर अनुकूल रह सकते हैं। इस महीने यदि आप अच्छे बुरे की पहचान करके निर्णय लेंगे तो सामान्य तौर पर फायदे में रहेंगे। कार्यक्षेत्र के मामले में अच्छे बुरे की पड़ताल बहुत जरूरी रहेगी। हालांकि संबंधों के मामले में भी पड़ताल जरूरी रहेगी लेकिन संबंधों के मामले में कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा। हो सकता है कि किसी व्यक्ति के बारे में जानते हुए भी आप कुछ ऐसे निर्णय लें, जो भले ही आर्थिक रूप से आपको कमजोर परिणाम दें लेकिन दिली रूप से आप सुकून का अनुभव कर सकते हैं।
उपाय: उपाय के रूप में मंदिर में चने की दाल का दान करना शुभ रहेगा।
यदि आप किसी भी महीने की 5, 14 या फिर 23 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 5 होगा और मूलांक 5 के लिए दिसंबर का महीना क्रमशः 8,9,3,3,3 और 8 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। यानी की अंक 3 के अलावा बाकी के अंक आपके फेवर में नहीं हैं और इस महीने सबसे अधिक प्रभाव अंक 8 का है जो कि आपके फेवर में नहीं है। यही कारण है कि इस महीने बहुत ही सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहेगी। किसी भी मामले में जल्दबाजी ठीक नहीं रहेगी। वहीं किसी भी मामले में जरूरत से ज्यादा लापरवाही या विलंब करना भी ठीक नहीं रहेगा। विशेषकर आर्थिक मामले में इन सावधानियों को अपनाना बहुत जरूरी रहेगा।
हालांकि अनुकूल बात यह रहेगी कि यदि आर्थिक मामले में आप धैर्य पूर्वक निर्णय लेंगे तो परिणाम संतोषप्रद मिल सकेंगे। व्यापार व्यवसाय के मामले में भी सावधानी पूर्वक लिए गए निर्णय अच्छे परिणाम दे सकेंगे। वैसे तो इस महीने कोई नया परिवर्तन करना उचित नहीं रहेगा लेकिन यदि करना बहुत जरूरी हो तो धीरे-धीरे ही परिवर्तन करना है। अचानक से बहुत सारे परिवर्तन या नियम लागू कर देना उचित नहीं रहेगा।
उपाय: उपाय के रूप में दीन हीन और गरीबों को कंबल भेंट करना शुभ रहेगा।
मूलांक 6
यदि आप किसी भी महीने की 6, 15 या फिर 24 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 6 होगा और मूलांक 6 के लिए दिसंबर का महीना क्रमशः 9,9,3,3,3 और 8 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। यानी कि यह महीना आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। क्योंकि इस महीने सबसे अधिक प्रभाव डालने वाला अंक 9 आपके लिए कोई सपोर्ट नहीं दे रहा है बल्कि कभी-कभी नकारात्मक परिणाम भी दे सकता है। ऐसे में इस महीने क्रोध और आवेश पर पूरी तरह से नियंत्रण रखना जरूरी रहेगा। संबंधों के मामले में बिल्कुल भी लापरवाह नहीं होना है। साथ ही साथ अपने बिखरे हुए कामों को कंप्लीट करने की कोशिश करनी है। ऐसा करने की स्थिति में परिणाम धीरे-धीरे ही सही बेहतर दिशा में आगे बढ़ेंगे। भूमि भवन से संबंधित मामलों में बहुत ही सावधानी पूर्वक काम लेने की आवश्यकता रहने वाली है। भाइयों के साथ संबंध अनुकूल बने रहें, इस बात की कोशिश दिल से करने की जरूरत रहेगी।
उपाय: उपाय के रूप में नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ रहेगा।
यदि आप किसी भी महीने की 7, 16 या फिर 25 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 7 होगा और मूलांक 7 के लिए दिसंबर का महीना क्रमशः 1,9,3,3,3 और 8 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। यानी कि इस महीने सबसे ज्यादा प्रभाव डालने वाला अंक 1 आपके लिए औसत है। वहीं अंक 9 आपके फेवर में नहीं है जबकि अंक 3 और 8 आपके लिए यथासंभव फेवर करने की कोशिश करेंगे। इसलिए इस महीने आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। परिणाम औसत से बेहतर भी रह सकते हैं। इस महीने कुछ नया करने का मौका मिल सकता है।
ऐसे में किसी अनुभवी व्यक्ति से सलाह लेते हुए पहल करने की स्थिति में परिणाम अच्छे रह सकते हैं। वहीं जल्दबाजी या जरूरत से ज्यादा जोश में आकर काम करने की स्थिति में परिणाम कमजोर भी रह सकते हैं। हालांकि, अंक 3 की पर्याप्त मात्रा में उपस्थिति इस बात का संकेत कर रही है कि कोई न कोई आपका मार्गदर्शक आपका हाथ पकड़ कर आपको सही दिशा में ले जाएगा और स्थितियां किसी न किसी तरह से आपके फेवर में आ जाएंगी।
उपाय: उपाय के रूप में सूर्य भगवान को कुमकुम मिला हुआ जल चढ़ाना शुभ रहेगा।
मूलांक 8
यदि आप किसी भी महीने की 8, 17 या फिर 26 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 8 होगा और मूलांक 8 के लिए दिसंबर का महीना क्रमशः 2,9,3,3,3 और 8 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। यानी कि इस महीने सबसे अधिक प्रभाव डालने वाले अंक 2 और 9 आपके लिए औसत परिणाम दे रहे हैं। वही अंक 3 और 8 से आपको अच्छा सपोर्ट मिल सकता है। यही कारण है कि यह महीना आपको औसत से बेहतर परिणाम दे सकता है। पिछले दोनों शुरू किए गए कामों में इस महीने तेजी देखने को मिल सकती है।
विशेषकर यदि आप नौकरीपेशा हैं तो इस महीने आप अपने कामों को प्रॉपर तरीके से सीख कर अच्छा कर सकेंगे और वरिष्ठों की प्रशंसा प्राप्त कर सकेंगे। व्यापार व्यवसाय से जुड़े मामलों में आपका प्रदर्शन औसत लेवल का ही रह सकता है। वहीं बात की जाए संबंधों की तो संबंधों के मामले में यह महीना आपके लिए काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। विशेषकर स्त्रियों से जुड़े मामले में आपको अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। मामला प्रेम प्रसंग का हो या फिर दांपत्य संबंधी मामला आप तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम प्राप्त करते हुए देखे जा सकेंगे। वरिष्ठों का सहयोग भी आपको नई दिशा में अच्छी सफलता दिलाने में मददगार बन सकता है।
उपाय: उपाय के रूप में शिवजी का दूध से अभिषेक करना शुभ रहेगा।
यदि आप किसी भी महीने की 9,18 या फिर 27 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 9 होगा और मूलांक 9 के लिए दिसंबर का महीना क्रमशः 3,9,3,3,3 और 8 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। यानी कि इस महीने के ज्यादातर अंक आपके लिए औसत लेवल के परिणाम दे रहे हैं। वहीं अंक 8 और 9 आपके फेवर में रह सकते हैं। अत: इस महीने आप मिले जुले या एवरेज से बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। पिछले दिनों से शुरू किए गए कामों को अब आप नई दिशा दे सकेंगे और उसमें अच्छे परिणाम भी प्राप्त कर सकेंगे। सामाजिक मामलों में भी इस महीने आपको काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। यदि आप किसी तरीके का कोई क्रिएटिव काम करते हैं तो भी आपको अच्छे परिणाम मिल सकेंगे। मित्रों और रिश्तेदारों के साथ आपके संबंध और बेहतर होंगे। सामान्य तौर पर इस महीने आप काफी अच्छा कर सकेंगे। आर्थिक मामले में भी आपका प्रदर्शन अच्छा रहेगा। अर्थात भले इस महीने कोई बहुत बड़ी उपलब्धि आपके हिस्से में आए या न आए लेकिन आप अपने रोजमर्रा के कामों को काफी अच्छी दिशा दे सकेंगे और सार्थक परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।
उपाय: उपाय के रूप में मंदिर में पीले फल और पीली मिठाइयां चढ़ाना शुभ रहेगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
नंबर 8 के लिए 2025 कैसा है?
यह महीना आपको औसत से बेहतर परिणाम दे सकता है। पिछले दोनों शुरू किए गए कामों में इस महीने तेजी देखने को मिल सकती है।
4 नंबर पर किसका प्रभाव है?
इस महीने सबसे अधिक प्रभाव डालने वाला अंक 7 सामान्य तौर पर आपके लिए अनुकूल परिणाम देना चाहेगा।
2 नंबर का स्वामी कौन है?
अंक ज्योतिष के मुताबिक, मूलांक 2 का स्वामी चंद्रमा है।
शुक्र वृश्चिक राशि में अस्त: किसे मिलेगा सबक, किसे वरदान?
शुक्र वृश्चिक राशि में अस्त: ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को प्रेम, आकर्षण, वैभव, सौंदर्य, कला और भोग विलास के कारक माने जाते हैं। जब यही शुक्र ग्रह अस्त होते हैं, तब जीवन की चमक फीकी पड़ जाती है, रिश्तों में दूरी आने लगती है, मन का संतुलन डगमगाने लगता है और सुख-सौंदर्य पर ग्रहण लग जाता है। इस अवधि में व्यक्ति का आत्मविश्वास, रूप रंग और प्रेम जीवन सभी प्रभावित हो सकते हैं।
आने वाले समय में जब शुक्र अस्त होंगे, तब कई राशियों को सतर्क रहने की आवश्यकती हो सकती है क्योंकि यह काल भावनात्मक और आर्थिक दोनों दृष्टियों से चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। हालांकि, कुछ राशियों के लिए यह समय आत्मचिंतन और रिश्तों के परखने का भी अवसर लेकर आएगा।
बता दें कि शुक्र वृश्चिक राशि में अस्त हो रहा है। एस्ट्रोसेज एआई के इस ब्लॉग में आपको “शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर” के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी। तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जानते हैं शुक्र अस्त की तिथि और समय पर।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
शुक्र वृश्चिक राशि में अस्त : तिथि और समय
26 नवंबर, 2025 को सुबह 11 बजकर 27 मिनट पर शुक्र वृश्चिक राशि में अस्त होंगे।
ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को केवल प्रेम और सौंदर्य का ग्रह नहीं बल्कि जीवन में आनंद का सार माना गया है। यह ग्रह है जो व्यक्ति को भौतिक सुख, कलात्मकता और आकर्षण प्रदान करता है। शुक्र का प्रभाव केवल बाहरी सुंदरता तक सीमित नहीं होता, यह भीतर की कोमलता, संवेदनशीलता और जीवन को सुंदर दृष्टि से देखने की क्षमता देता है। जब शुक्र शुभ अवस्था में होता है, तब व्यक्ति के जीवन में प्रेम, संगीत, कला, शांति और विलास का संगम देखने को मिलता है।
यह ग्रह व्यक्ति के व्यक्तित्व में चमक और करिश्मा भर देता है। वहीं जब शुक्र पीड़ित या अस्त होता है, तो व्यक्ति के जीवन से रंग जैसे उड़ने लगते हैं, रिश्तों में ठंडापन, आत्म-संदेह और मानसिक अस्थिरता हावी होने लगती है इसलिए कहा गया है, ‘शुक्र जहां प्रसन्न, वहां जीवन ‘रसपूर्ण; और जहां खिन्न, वहां सब कुछ फीका’।
जब शुक्र लग्न भाव में स्थित होता है तो व्यक्ति आकर्षक, सुंदर और मिलनसार होता है। उसमें प्राकृतिक करिश्मा और कला का भाव होता है। ऐसे लोग जीवन का आनंद लेना जानते हैं और दूसरों को भी खुश रखते हैं।
द्वितीय भाव में शुक्र
यह स्थिति व्यक्ति को मधुर वाणी, धन-संपत्ति और सुंदर वस्तुओं के प्रति लगाव देती है। ऐसे व्यक्ति खाने-पीने और फैशन के शौकीन होते हैं।
तृतीय भाव में शुक्र
यह भाव व्यक्ति को कलात्मक अभिव्यक्ति, लेखन, संगीत या अभिनय में निपुण बनाता है। भाई-बहनों के साथ मधुर संबंध रहते हैं।
चतुर्थ भाव में शुक्र
यह शुक्र गृहस्थ सुख, वाहन, संपत्ति और पारिवारिक आनंद देता है। माता से अच्छा संबंध रहता है और घर का वातावरण सौंदर्यपूर्ण होता है।
पंचम भाव में शुक्र
यह भाव प्रेम, रचनात्मकता और संतान से जुड़ा होता है। यहाँ शुक्र होने से व्यक्ति रोमांटिक, कलात्मक और आकर्षक स्वभाव का होता है।
षष्ठ भाव में शुक्र
यह स्थिति स्वास्थ्य और प्रतिस्पर्धा से जुड़ी है। यहां शुक्र होने से व्यक्ति दूसरों की मदद करने वाला होता है लेकिन रिश्तों में व्यावहारिकता बढ़ती है।
सप्तम भाव में शुक्र
यह शुक्र विवाह और साझेदारी के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। ऐसा व्यक्ति अपने जीवनसाथी को बेहद प्यार और सम्मान देता है।
अष्टम भाव में शुक्र
यह स्थिति रहस्यमयी आकर्षण और गूढ़ विद्या में रुचि देती है। ऐसे व्यक्ति का स्वभाव गहराई भरा होता है।
AstroSage AI पॉडकास्ट सुनें – यहां आपको मिलेंगे ज्योतिष, जीवन के रहस्य, किस्मत के संकेत और AI द्वारा बताए गए सटीक ज्योतिषीय समाधान। अपनी ज़िंदगी के अहम सवालों के जवाब अब आवाज़ में, आसान भाषा में।
नवम भाव में शुक्र
यह स्थिति सौभाग्य, धर्म और भाग्य वृद्धि देने वाली होती है। व्यक्ति उच्च विचारों वाला, धार्मिक और सौंदर्यप्रिय होता है।
दशम भाव में शुक्र
यह स्थिति व्यक्ति को कला, मनोरंजन, फैशन या डिजाइनिंग के क्षेत्र में सफलता दिलाती है। समाज में अच्छी छवि मिलती है।
एकादश भाव में शुक्र
यह शुक्र मित्रों और सामाजिक जीवन में सौभाग्य लाता है। व्यक्ति लोकप्रिय और मिलनसार होता है।
द्वादश भाव में शुक्र
यह शुक्र कल्पना शक्ति, विलासिता और विदेशी संबंधों से लाभ देता है। व्यक्ति सुंदर वस्तुओं और आरामदायक जीवन का शौकीन होता है।या खर्च की अधिकता।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
ज्योतिष में शुक्र ग्रह क्या दर्शाता है?
शुक्र ग्रह प्रेम, सौंदर्य, आकर्षण, कला, संगीत, भौतिक सुख-सुविधाएं और वैवाहिक जीवन का प्रतिनिधित्व करता है। यह जीवन में आनंद और संतुलन का प्रतीक है।
शुक्र ग्रह कब शुभ माना जाता है?
जब शुक्र उच्च राशि (मीन राशि) में हो या शुभ भावों (1, 4, 5, 7, 9, 10, 11) में स्थित हो, तब यह अत्यंत शुभ फल देता है। इससे व्यक्ति का जीवन सुंदर, समृद्ध और प्रेमपूर्ण बनता है।
कमजोर या पीड़ित शुक्र के क्या लक्षण होते हैं?
कमजोर शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में वैवाहिक तनाव, त्वचा या हार्मोन संबंधी रोग, कला में रुचि की कमी, संबंधों में अस्थिरता और आकर्षण की कमी देखी जा सकती है।
शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर: जानें किन राशियों पर बरसेगा सौभाग्य, किसे मिलेगी चेतावनी!
शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष में शुक्रदेव को प्रेम, सौंदर्य, कला, वैभव और सुख-सुविधाओं का कारक माना गया है। जब-जब शुक्र का गोचर होता है, तब इसका असर सभी 12 राशियों के जीवन पर किसी न किसी रूप में आवश्यक पड़ता है।
यह गोचर कुछ जातकों के लिए भाग्यवृद्धि, प्रेम संबंधों में मजबूती और आर्थिक उन्नति लेकर आता है, तो कुछ के लिए चुनौतियों और भ्रम की स्थिति भी पैदा कर सकता है। इस बार शुक्र गोचर कई राशियों के जीवन में नए अवसर लेकर आएगा।
कहीं रिश्तों में मधुरता बढ़ेगी तो कहीं खर्चों पर नियंत्रण की आवश्यकता होगी। जानिए, इस गोचर का आपकी राशि पर क्या प्रभाव रहेगा, किसे मिलेगा सौभाग्य का साथ और किसे रहना होगा सावधान।
बता दें कि शुक्र कावृश्चिक राशिमें गोचर हो रहा है। एस्ट्रोसेज एआई के इस ब्लॉग में आपको “शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर” के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी। तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जानते हैं शुक्र के गोचर की तिथि और समय पर।
शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर : तिथि और समय
शुक्र स्त्री तत्व वाला ग्रह है और उन्हें सौंदर्य का कारक भी माना जाता है। अब 26 नवंबर, 2025 को सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर शुक्र वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे।
ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को सुख, प्रेम, सौंदर्य, आकर्षण, भौतिक सुख-सुविधाओं, कला, संगीत, दाम्पत्य जीवन और ऐश्वर्य का कारक माना गया है। यह नवग्रहों में सबसे कोमल और शुभ ग्रहों में से एक है। शुक्र व्यक्ति के जीवन में भोग-विलास, विलासिता, आकर्षण और प्रेम से जुड़ी इच्छाओं को दर्शाता है। शुक्र ग्रह व्यक्ति की जीवनशैली, रिश्तों की मधुरता, विवाहिक जीवन की स्थिरता और धन संपत्ति की प्राप्ति में अहम भूमिका निभाता है।
जिन जातकों की कुंडली में शुक्र मजबूत होता है, वे अक्सर सुंदर व्यक्तित्व, आकर्षक व्यक्तित्व, कलात्मक रुचियों और विलासी जीवन के धनी होते हैं। दूसरी ओर यदि शुक्र कमजोर या अशुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति को प्रेम जीवन में असफलता, वैवाहिक मतभेद, त्वचा रोग, नेत्र दोष या आर्थिक अस्थिरता जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
शुक्र के दान भक्ति और कला का भी ग्रह माना गया है। यह जीवन में प्रेम सौंदर्य के साथ-साथ संतुलन और मधुरता लाने की क्षमता रखता है।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
शुक्र गोचर का प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शुक्र ग्रह का गोचर व्यक्ति के जीवन में प्रेम, संबंध, सौंदर्य, सुख-सुविधा और आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डालता है। जब शुक्र अपनी स्थिति बदलता है, तो वह हर राशि में लगभग 23 से 25 दिन तक रहता है और इसी अवधि में यह व्यक्ति की भावनाओं, रिश्तों और भौतिक जीवन में उतार-चढ़ाव लेकर आता है।
जब शुक्र शुभ भावों में जैसे पहले, चौथे, पांचवें, सातवें, नौवें या दसवें भाव में गोचर करते हैं, तब यह प्रेम जीवन में मधुरता, वैवाहिक सुख, आर्थिक लाभ, विलासिता और आकर्षण में वृद्धि देता है। जातक का व्यक्तित्व निखरता है, आत्मविश्वास बढ़ता है और समाज में सम्मान की प्राप्ति होती है। यह समय कला, संगीत, फैशन, डिज़ाइनिंग, मीडिया और रचनात्मक क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए बहुत लाभकारी होता है।
वहीं जब शुक्र अशुभ भावों जैसे षष्ठ, आठवें या बारहवें भाव में आता है या शनि, राहु, केतु या मंगल के प्रभाव में होता है, तब यह व्यक्ति के जीवन में मानसिक अस्थिरता, प्रेम संबंधों में मतभेद, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां (विशेषकर त्वचा, आंख या प्रजनन तंत्र से जुड़ी) और खर्चों में बढ़ोतरी ला सकता है। इस समय भावनाओं में बहकर लिए गए निर्णय नुकसानदेह सिद्ध हो सकते हैं, इसलिए संयम और विवेक की आवश्यकता रहती है।
शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर: शुक्र की मजबूत स्थिति के संकेत
जन्म कुंडली में जब शुक्र ग्रह मजबूत, उच्च राशि (मीन) में हो या शुभ ग्रहों की दृष्टि में हो, तब यह व्यक्ति के जीवन में सुख, सौंदर्य और आकर्षण लेकर आता है। शुभ शुक्र वाले लोग न सिर्फ बाहर से आकर्षक होते हैं, बल्कि अंदर से भी प्रेमपूर्ण और सृजनशील स्वभाव के होते हैं।
चेहरा तेजस्वी, त्वचा साफ़ और मुस्कान मनमोहक होती है।
ऐसे व्यक्ति मीठे बोलने वाले, विनम्र और दूसरों को आकर्षित करने की क्षमता रखते हैं।
दांपत्य जीवन में प्रेम, समझ और स्थिरता बनी रहती है।
भौतिक सुख, गहने, वाहन, सुंदर घर या कला से जुड़े लाभ मिलने के योग रहते हैं।
संगीत, फैशन, डिजाइनिंग, फिल्म, पेंटिंग या सौंदर्य क्षेत्र में रुचि रहती है।
व्यक्ति को सौंदर्य, सुगंध, कपड़ों और वातावरण की सजावट का विशेष लगाव होता है।
ऐसा व्यक्ति भावनात्मक रूप से स्थिर रहता है और दूसरों के प्रति दयालु होता है।
उनके आस-पास लोग सहज रूप से आकर्षित होते हैं, चाहे वह रूप से हो या व्यक्तित्व से।
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शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर: कमज़ोर शुक्र के संकेत
जब जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह नीच राशि (कन्या राशि) में हो, पाप ग्रहों (जैसे शनि, राहु, केतु या मंगल) से ग्रस्त हो या षष्ठ, आठवें या द्वादश भाव में स्थित हो, तब शुक्र कमज़ोर माना जाता है। अशुभ शुक्र व्यक्ति के जीवन में प्रेम, सौंदर्य, सुख-सुविधा और संतुलन काम कर देता है।
वैवाहिक जीवन में मतभेद, प्रेम में अस्थिरता या धोखे जैसी स्थितियां बनती हैं।
व्यक्ति जल्दी आहत होता है, गुस्सा या उदासी हावी रहती है।
विलासिता की चाह में खर्च बढ़ जाते हैं, बचत नहीं हो पाती।
त्वचा रोग, आंखों में जलन, हार्मोनल असंतुलन या प्रजनन तंत्र से जुड़ी दिक्कतें।
प्रेम संबंधों में गलतफहमियां, टूटन या अविश्वास की स्थिति।
चेहरा म्लान या त्वचा बेरौनक लग सकती है, आत्मविश्वास घटता है।
वाहन, गहने, कपड़े या सुंदर चीजों के प्रति अरुचि या अभाव।
रचनात्मकता या कला के क्षेत्र में रुचि घटती है या सफलता नहीं मिलती।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. कमजोर शुक्र किन कारणों से होता है?
जब शुक्र नीच राशि (कन्या राशि) में हो, शनि, राहु, केतु या मंगल से पीड़ित हो, या अशुभ भावों (षष्ठ, अष्टम, द्वादश) में स्थित हो — तब इसका प्रभाव कमजोर माना जाता है।
2. कमजोर शुक्र का जीवन पर क्या असर पड़ता है?
कमजोर शुक्र प्रेम, विवाह, धन, सौंदर्य और सुख-सुविधाओं से जुड़े क्षेत्रों में कमी या बाधा लाता है। व्यक्ति भावनात्मक रूप से असंतुलित हो सकता है और रिश्तों में मधुरता घट जाती है।
3. क्या कमजोर शुक्र से स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है?
हां, कमजोर शुक्र से त्वचा रोग, हार्मोनल असंतुलन, आंखों की समस्या, गर्भाशय या प्रजनन तंत्र से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं।
कब है विवाह पंचमी 2025? इस दिन शादी करना क्यों है अशुभ?
विवाह पंचमी 2025: सनातन धर्म में कई व्रत एवं त्योहार आते हैं जिनमें से एक विवाह पंचमी भी है। पूरे देश में इस पर्व को बहुत हर्ष और आस्था के साथ मनाया जाता है। बता दें कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान राम और माता सीता का दिव्य विवाह संपन्न हुआ था।
एस्ट्रोसेज एआई का यह ब्लॉग आपको “विवाह पंचमी 2025” से जुड़ी समस्त जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, हम आपको अवगत कराएंगे कि विवाह पंचमी के दिन विवाह क्यों नहीं किया जाता है। आइए अब बिना देर किए शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और सबसे पहले जानते हैं विवाह पंचमी की तिथि एवं मुहूर्त।
हर साल भगवान राम और माता सीता की वैवाहिक वर्षगांठ के रूप में विवाह पंचमी मनाई जाती है। यह हिंदुओं का एक प्रसिद्ध त्योहार है। हिंदू पंचांग के अनुसार, विवाह पंचमी मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आती है। हिंदू धर्म में किए जाने वाले हर विवाह के समान ही इस दिन की तैयारियों और रस्मों की शुरुआत भी कई दिनों पहले हो जाती हैं। वर्ष 2023 में विवाह पंचमी का पर्व उदया तिथि के अनुसार 25 नवंबर, 2025 को मनाया जाएगा।
विवाह पंचमी 2025 तिथि
विवाह पंचमी 2023 की तिथि: 25 नवंबर, 2025, मंगलवार
पंचमी तिथि का आरंभ: 24 नवंबर, 2025 को रात्रि 09 बजकर 24 मिनट पर।
पंचमी तिथि की समाप्ति: 25 नवंबर, 2025 को रात्रि 10 बजकर 58 मिनट पर।
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विवाह पंचमी 2025 पर बन रहा है शुभ योग
इस बार विवाह पंचमी के दिन ध्रुव योग बनने जा रहा है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी बनेगा और शिववास योग भी होता है। इस तरह विवाह पंचमी के दिन शुभ योग में भगवान राम और देवी सीता की पूजा करने से वैवाहिक सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होगी। पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ेगा।
ध्रुव योग कार्यों में स्थायित्व और दृढ़ता लाता है। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग के दौरान कोई भी कार्य करने से उसमें सफलता जरूर मिलती है। शिव वास योग सौभाग्य और शुभता में वृद्धि करता है।
विवाह पंचमी 2025 का महत्व
हिंदू धर्म में भगवान राम और माता सीता पूजनीय हैं और उनसे जुड़ी हर एक चीज़ और तिथि उनके भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है। त्रेतायुग में श्री राम ने देवी सीता के स्वयंवर में प्रतियोगिता के रूप में भगवान शिव का धनुष तोड़ा था। इसके बाद, मिथिलांचल में श्रीराम का राजा जनक की पुत्री देवी सीता से विवाह संपन्न हुआ था।
तुलसीदास जी की श्रीरामचरितमानस में भी इसका वर्णन मिलता है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को राम-सीता का विवाह हुआ था इसलिए इस दिन को विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है।
मान्यता है कि इस दिन ही तुलसीदास जी ने रामचरितमानस भी पूरी की थी। विवाह पंचमी का पर्व अयोध्या और नेपाल के लिए विशेष मायने रखता है इसलिए इस पर्व की रौनक यहां अलग ही देखने को मिलती है। विवाह पंचमी के अवसर पर इन दोनों जगहों पर भव्य आयोजन किए जाते हैं और भक्तजन राम-सीता का विवाह भी आयोजित करते हैं।
ऐसा नहीं है कि विवाह पंचमी केवल धार्मिक महत्व ही रखती है बल्कि इसका ऐतिहासिक महत्व भी बहुत ज्यादा है। त्रेतायुग में राजा जनक ने अपनी बेटी सीता के लिए स्वयंवर का आयोजन किया था। उस स्वयंवर में जो भी भगवान शिव के दिव्य धनुष को उठाकर उस पर प्रत्यंचा चढ़ाता है, उसके गले में माता सीता वरमाला डालतीं।
स्वयंवर में कई शक्तिशाली राजा असफल हुए लेकिन भगवान राम ने बड़ी सहजता से धनुष को उठाकर उसे तोड़ दिया और उसके बाद देवी सीता ने उनसे विवाह किया। हिंदू पौराणिक कथाओं में इसे एक ऐतिहासिक क्षण माना जाता है। अक्सर मंदिरों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भगवान राम और माता सीता के दिव्य विवाह का मंचन किया जाता है।
विवाह पंचमी 2025 पर क्यों नहीं करना चाहिए विवाह
आमतौर पर ऐसा लगता है कि जिस दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था, उस तिथि पर विवाह करना बहुत शुभ रहेगा लेकिन असल में ऐसा नहीं है। राम-सीता वैवाहिक जीवन के लिए आदर्श हैं लेकिन फिर भी, विवाह पंचमी के अवसर पर अनेक शुभ मुहूर्त होते हुए भी विवाह नहीं किया जाता है और इस तिथि पर माता-पिता अपनी कन्या का विवाह करने से बचते हैं। जानिए इसका क्या कारण है।
धर्मग्रंथों के अनुसार श्रीराम और माता सीता का वैवाहिक जीवन कष्टों से भरा रहा था और विवाह के उपरांत उन्हें कई बार वियोग सहना पड़ा था। पहले रावण की वजह से और दूसरी बार श्री राम के माता सीता को त्याग देने की वजह से। वहीं रावण की लंका में रहने के बाद माता सीता को अपनी पवित्रता साबित करने के लिए अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी। देवी सीता ने बडे कष्टों के साथ अपने दोनों पुत्रों की परवरिश की थी।
इन सब कारणों को देखते हुए माता-पिता अपनी कन्या की शादी विवाह पंचमी 2025 के दिन नहीं करते हैं।
सबसे पहले विवाह पंचमी 2025 के दिन सुबह स्नान आदि कार्यों से निवृत्त होने के बाद श्रीराम और देवी सीता के विवाह का संकल्प करें।
फिर किसी साफ़ स्थान पर भगवान राम और माता सीता की मूर्ति स्थापित करें।
इसके बाद राम जी को पीले रंग के और मां सीता को लाल रंग के वस्त्र चढ़ाएं।
अगर आपके लिए ऐसा करना संभव न हो, तो इनके सामने बालकाण्ड में विवाह प्रसंग का पाठ करें या फिर आप “ॐ जानकीवल्लभाय नमः” मंत्र का जाप करें।
अब देवी सीता और श्रीराम का गठबंधन करने के बाद आरती करें।
इसके पश्चात् गांठ लगे हुए वस्त्र यानी कि गठबंधन को अपने पास रख लें और अंत में पूजा का प्रसाद वहां उपस्थित सभी लोगों में बांट दें।
विवाह पचंमी पूजा करने के लाभ
यदि आप विवाह पंचमी 2025 के अवसर पर भगवान राम और माता सीता की पूजा करते हैं, तो इससे आपको निम्न लाभ मिल सकते हैं:
सुखी वैवाहिक जीवन का उपाय
माना जाता है कि विवाह पंचमी पर सीता-राम की पूजा करने से व्यक्ति को सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है। पति-पत्नी में प्रेम और विश्वास बढ़ता है।
विवाह की अड़चनें दूर होती हैं
जिन लोगों को विवाह में देरी या अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें विवाह पंचमी की पूजा करने से ग्रह दोष एवं अड़चनों से छुटकारा मिल सकता है। इससे सफल विवाह का मार्ग प्रशस्त होता है।
पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत करने के लिए
जो विवाहित दंपत्ति इस दिन एक साथ राम-सीता की पूजा करते हैं, उनका रिश्ता मजबूत होता है और वैवाहिक संबंध में सुख–शांति आती है एवं रिश्ता लंबा चलता है। इस पूजा को करने से वैवाहिक संबंध में भरोसा, प्यार और आपसी सम्मान बढ़ता है।
सुख-शांति का उपाय
विवाह पंचमी पूजा से न सिर्फ शादीशुदा जिंदगी में खुशियां आती हैं बल्कि घर में भी सुख-शांति और संपन्नता का आगमन होता है। यह घर के वातावरण को शुद्ध करता है, नकारात्मकता को हटाता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा भर देता है।
आध्यात्मिक विकास होता है
इस पवित्र दिन पर व्रत रखने और प्रार्थना करने से ईश्वर के साथ आध्यात्मिक संबंध विकसित करने में मदद मिलती है। इससे आत्मा की शुद्धि होती है और आंतरिक शांति मिलती है।
निसंतान दंपत्तियों के लिए
जो दंपत्ति संतान प्राप्ति की कामना कर रहे हैं, उन्हें भी विवाह पंचमी 2025 के दिन राम-सीता की पूजा करनी चाहिए। इससे संतान प्राप्ति में आ रही अड़चनें दूर होती हैं।
वैवाहिक विवाद
विवाह पंचमी पूजा करने से पति-पत्नी के बीच गलतफहमियों, मतभेद या मुश्किलें दूर होती हैं और उनके बीच प्यार एवं स्नेह बढ़ता है।