घर में जरूर रखें वास्तु के ये 5 यंत्र, हर प्रकार की समस्याओं से मिलेगी मुक्ति

वास्तु का हम सबके जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। वास्तु शास्त्र के नियमों को अपनाकर जीवन में शुभ अशुभ चीजों का पता लगा सकते हैं। वास्तु से हम हर क्षेत्र में आसानी से सफलता हासिल कर सकते हैं और अपने रिश्तों को भी मधुर बना सकते हैं। यह आपके जीवन में आने वाली तमाम परेशानियों को दूर करने में सहायक होता है और इसका हम सबके जीवन में विशेष महत्व है। इसके जरिए हम अपने घर में एक खुशनुमा माहौल कायम कर सकते हैं तथा नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगा कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं।

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दरअसल हम सब किसी न किसी प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे हैं। घर, दुकान या कार्यालय में वास्तु दोष होने से हर किसी का जीवन किसी न किसी तरह से प्रभावित हो रहा है। इस तनाव व समस्या का प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य, आर्थिक जीवन, प्रेम जीवन आदि में पड़ रहा है। ऐसे में, वास्तु दोषों को दूर करने के लिए एस्ट्रोसेज के विशेष ब्लॉग में कुछ विशेष प्रकार के यंत्र के बारे में बताया जा रहा है। आप इन यंत्रों को स्थापित करके वास्तु दोषों से काफी हद तक छुटकारा पा सकते हैं। बता दें कि वास्तु के अलग-अलग यंत्रों के प्रयोग से अलग-अलग समस्याओं का निदान होता है और इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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वास्तु के ये 5 यंत्र ला सकता है आपके जीवन में सकारात्मकता 

मारुति यंत्र

मारुति यंत्र भगवान हनुमान का यंत्र है, जो बहुत चमत्कारी यंत्र माना जाता है। इस यंत्र के बारे में कहा जाता है कि यदि जमीन से संबंधित किसी भी तरह के विवाद का निपटारा नहीं हो रहा है या जिसकी जमीन बिक नहीं रही है, उसे इस यंत्र का सहारा लेना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए जमीन के मालिक को हनुमान जी के दिन यानी मंगलवार के दिन दोपहर 12 बजे इस यंत्र को ले जाकर सम्बंधित भूमि में पूर्व या ईशान दिशा में सवा हाथ गड्ढा खोदकर गाड़ देना चाहिए और ऊपर से दूध या गंगाजल अर्पित करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से भूमि का विवाद तीन महीने के अंदर सुलझ जाता है। मारुति यंत्र वाहन सुरक्षा के लिए भी फलदायी माना जाता है।

श्री यंत्र

श्रीयंत्र को वैभव, ऐश्वर्य व धन की देवी माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। इस यंत्र का उपयोग व्यापार में लाभ कमाने या अपनी आर्थिक स्थिति को स्थिर बनाए रखने के लिए किया जा सकता है। यह यंत्र ऐश्वर्य और धन लक्ष्मी की वृद्धि के लिए प्रयोग किया जाता है। यदि नौकरी में मन नहीं लगता हो, व्यापार में दिन प्रतिदिन न हानि हो रही हो, रुपया पैसा आता हो पर बचत नहीं हो पा रही हो तो इस यंत्र का इस्तेमाल आपको कई फायदे पहुंचा सकता है। हालांकि इस बात का ध्यान अवश्य देना है कि यह यंत्र घर या दुकान की उत्तर दिशा में लगाएं तभी इसका फल आपको प्राप्त होगा।

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दिक्दोषनाशक यंत्र

वास्तु शास्त्र के अनुसार, दिक्दोषनाशक यंत्र वास्तु दोष निवारण का महत्वपूर्ण यंत्र है, जिसमें सभी दिशाओं और दिक्पालों का पूजन किया जाता है। यदि आपने घर बनाते समय वास्तु शास्त्र का ध्यान नहीं रखा है या आपके घर में टॉयलेट,रसोई या बाथरूम कोई गलत दिशा में बन गया हो तो इस यंत्र को आप घर पर स्थापित कर सकते हैं। इससे दोष से छुटकारा पाया जा सकता है और आप अपना जीवन सुखमय बना सकते हैं।

वरुण यंत्र

जैसा कि नाम से ही प्रतीत हो रहा है कि वरुण यंत्र बड़ा ही प्रभावी वास्तु यंत्र है। वरुण का अर्थ जल है। ऐसे में इस यंत्र का उपाय जल संबंधी समस्या व दोषों से निवारण पाने के लिए किया जा सकता है। यदि आपके घर में पानी की टंकी, स्विमंग पूल, जल स्थान, नलकूप आदि वास्तु शास्त्र के नियमों के मुताबिक नहीं बने है या अग्नि कोण या गलत दिशा में बन गए हैं तो इस वरुण यंत्र को आप स्थापित कर सकते हैं। इससे आपको जल से संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। इस यंत्र को रखने से पहले विधि-विधान से पूजन जरूर कराएं तभी सभी दोष से मुक्ति मिल सकती है।

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सर्वमंगल वास्तु यंत्र

सर्वमंगल यंत्र वास्तु संबंधी सभी प्रकार के दोष-निवारण करने के साथ-साथ सब प्रकार की मंगल कामना के लिए उपयुक्त माना गया है। यह यंत्र किसी भी प्रकार के दोष से मुक्ति दिलाता है। इसे लगाने से घर-परिवार, आर्थिक जीवन, स्वास्थ्य आदि सभी पहलुओं में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होता है। सुख-शांति आती है, जहां भी इसे लगाया जाता है वहां दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की होती है। यह यंत्र बहुत ही शक्तिशाली यंत्र है।

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वास्तु यंत्र रखने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

दरअसल, वास्तु यंत्र एक छोटा सा यंत्र है, जिसे लोग अपने घर, कार्यक्षेत्र या बिज़नेस करने वाली जगह में रखते हैं। यह एक चौकोर आकार का यंत्र होता है और यह अष्टधातु से बना होता है। ऐसा माना जाता है कि इसे घर में रखने से घर नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और घर में खुशहाली आती है। तो आइए जानते हैं इसे रखने के क्या नियम है।

धातु का रखें ध्यान

आजकल वास्तु यंत्र कई अलग-अलग धातुओं के बनाकर तैयार किए जा रहे हैं। आप चांदी, सोने, ताम्रपत्र या क्रिस्टल का वास्तु यंत्र इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, पीतल का वास्तु यंत्र भी घर में रखा जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि कभी भी लोहे या पत्थर का वास्तु यंत्र घर पर न रखें क्योंकि यह फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है।

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मुहूर्त की करें जांच

जब भी आप घर में वास्तु यंत्र की स्थापना करें तो उसे स्थापित करने से पहले शुभ मुहूर्त की जांच जरूर करें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यंत्र कभी भी रविवार या मंगलवार के दिन स्थापित न करें क्योंकि यह अशुभ माना जाता है। यही नहीं, वास्तु यंत्र की स्थापना करने से पहले उसे गंगाजल से साफ जरूर कर लें।

दिशा का रखें ख़ास ख्याल

जब आप अपने घर में वास्तु यंत्र रखते हैं तो आपको दिशा व स्थान का खासतौर पर ध्यान में रखें। वास्तु यंत्र के लिए ईशान कोण अर्थात पूर्व-उत्तर की दिशा ही सबसे सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। हालांकि, यदि आप चाहें तो वास्तु यंत्र को पूजा स्थान में या फिर भगवान की फोटो के करीब भी रख सकते हैं।

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मीन राशि में मंगल गोचर से देश-दुनिया और सभी राशियों पर कैसा पड़ेगा असर?

मंगल का मीन राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज अपने हर नए ब्लॉग के साथ अपने रीडर्स को ज्योतिष की दुनिया में होने वाली हर नई छोटी बड़ी हलचल से अवगत कराने का प्रयत्न करता रहता है और इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे जल्द होने वाले मंगल के गोचर की। यहां हम मंगल के जिस गोचर की बात कर रहे हैं वह 23 अप्रैल 2024 को होगा जब मंगल मीन राशि में प्रवेश कर जाएगा। चलिए अपने खास ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं मंगल का मीन राशि में गोचर का राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। साथ ही जानेंगे कि इस गोचर का देश दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है।

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वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को ग्रहों का योद्धा और एक मर्दाना स्वभाव वाला गतिशील और आदेश देने वाला ग्रह माना जाता है। यहां पर हम मंगल के मीन राशि में गोचर के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही तरह के प्रभावों के बारे में जानने का प्रयत्न करेंगे। बात करें मंगल ग्रह की तो मेष और वृश्चिक राशियों का शासक मंगल ग्रह ही है। मेष मंगल की मूलत्रिकोण राशि भी कही जाती है। मंगल ग्रह बृहस्पति के साथ मित्रता पूर्ण संबंध साझा करता है और बृहस्पति के साथ इनका तालमेल भी अनुकूल माना गया है।

मीन राशि में मंगल: विशेषताएं

मीन राशि पर बृहस्पति ग्रह का शासन होता है जो मंगल के लिए एक अनुकूल स्थान माना गया है। मंगल के इस स्थान पर जन्मे लोग आध्यात्मिक प्रवृत्ति वाले होते हैं, इनके अंदर नैतिकता और अच्छे आचरण देखने को मिलते हैं, यह अपने जीवन में पवित्र मार्ग पर चलते हैं। आप अपनी धार्मिक मान्यताओं के प्रति बेहद समर्पित होते हैं और शुद्धता और पवित्रता की ओर ज्यादा प्रेरित नजर आते हैं। धार्मिक ग्रंथो के बारे में आपका ज्ञान अद्वितीय माना जाता है। 

हालांकि इन जातकों के जीवन में भ्रम की भावना अक्सर बनी रहती है और कभी-कभी आप उलझन से भी घिरे नजर आते हैं। इन जातकों को विदेशी स्थानों के बारे में जानने और वहां बसने की तीव्र इच्छा होती है। जीवन के प्रति उनका दृष्टिकोण काफी आशावादी होता है खास करके प्रेम के संबंध में।

ऐसे जातक अपने प्रेम जीवन और रिश्तों के बारे में बेहद आदर्शवादी होते हैं और अंतर निहित समस्याओं को तब तक नहीं देखे जब तक यह असहनीय ना हो जाए। ऐसे जातक स्वभाव में बेहद ही संवेदनशील और भावुक होते हैं। यह दूसरे की भावनाओं और संवेदनाओं के प्रति विशेष ध्यान रखते हैं। इसके अलावा वह अपने मजबूत अंतर्ज्ञान और परिवेश के चलते संवेदनशीलता की भावना भी रखते हैं। मीन राशि के जातकों का झुकाव कलात्मक गतिविधियों की तरफ देखा जाता है। उन्हें संगीत और अन्य कला के रूपों से अनोखा जुड़ाव होता है। यह उनके लिए आत्म अभिव्यक्ति के एक रूप जैसा है।

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मंगल का मीन राशि में गोचर: क्या रहेगा समय?

ग्रहों में योद्धा ग्रह का दर्जा प्राप्त मंगल 23 अप्रैल 2024 को 8:19 पर मीन राशि में गोचर कर जाएगा। वैदिक ज्योतिष में मंगल को ऊर्जा, महत्वाकांक्षा आदि से संबंधित एक उग्र ग्रह माना गया है। मीन राशि के आध्यात्मिक राशि होने पर यह अपना प्रभाव डालता है। यह मीन राशि में इस गोचर के दौरान व्यक्ति के अंदर प्रार्थनाओं, पूजा पाठ और आध्यात्मिक गतिविधियों की ओर बदलाव के लिए संकेत भी दे रहा है।

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मंगल का मीन राशि में गोचर- इन राशियों पर डालेगा सकारात्मक प्रभाव

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल छठे भाव और दशम भाव पर शासन करता है और आप यह आपके दसवें भाव में गोचर करने जा रहा है। करियर के संदर्भ में बात करें तो इस राशि के जो जातक वर्तमान में कार्यरत हैं उन्हें अपने समर्पण और व्यवसायिकता के माध्यम से सफलता प्राप्त करने के अवसर प्राप्त होंगे जिससे आपकी उन्नति होगी। आपकी प्रतिभा उल्लेखनीय उपलब्धियां आपके जीवन में लेकर आएंगी और इससे आपकी नौकरी से संबंधित यात्राएं भी बढ़ने की संभावना है जो आपके लिए फायदेमंद साबित होगी। 

इस अवधि के दौरान कड़ी मेहनत के प्रति आपकी प्रतिबद्धता के परिणाम स्वरुप आपकी क्षमताओं में मजबूती आएगी। व्यावसायिक मोर्चे पर बात करें तो इस राशि के जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं मुमकिन है कि आप ज्यादातर औसत मुनाफा कमा रहे हो और दूसरी तरफ आपको ज्यादा मुनाफा कमाने की संभावना भी नजर आ रही है। इस गोचर के दौरान आप अपने प्रतिस्पर्धियों को कड़ी प्रतिस्पर्धा देंगे। साथ ही आप कार्य करके अपनी ताकत साबित करने में भी कामयाब रहने वाले हैं।

कर्क राशि 

मंगल कर्क राशि के जातकों के लिए पंचम और दशम भाव का स्वामी है और अब अपने इस गोचर के दौरान यह आपके धर्म, आस्था, पिता, लंबी दूरी की यात्रा के नवम भाव में आ जाएगा। कर्क राशि के जातकों को इस अवधि में ज्यादा लाभ उठाने में कामयाबी मिलेगी। जो लोग विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की चाह रखते हैं उन्हें भी इस संदर्भ में सफलता मिलने की संभावना है। मंगल गोचर की यह अवधि लंबी यात्राओं के योग आपके जीवन में लेकर आएगी। 

आपको इस अवधि में भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा। इस अवधि के दौरान आपके बच्चे फले फूलेंगे, उन्हें लाभ मिलेगा। इसके अलावा इस अवधि में आपको अपने खर्चों को कम रखने का प्रयास करने की सलाह दी जाती है अन्यथा आपको निकट भविष्य में वित्तीय नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस गोचर काल के दौरान अपनी माता के स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दें अन्यथा उसमें आपको गिरावट देखने को मिल सकती है। छोटे भाई बहनों के साथ आपके रिश्ते में कुछ परेशानियाँ देखने को मिलने वाली है।

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए मंगल पंचम और बारहवें भाव का स्वामी है और अपने इस गोचर के दौरान आपके चतुर्थ भाव में आ जाएगा। मंगल गोचर की ये अवधि आपके व्यावसायिक जीवन में सफलता लेकर आएगी जिससे आपका मनोबल बढ़ेगा। इस सफलता से आपकी आय में वृद्धि के भी संकेत मिल रहे हैं। मंगल गोचर की यह अवधि विदेशी स्रोतों से अप्रत्याशित लाभ की ओर भी संकेत दे रही है। 

अगर आप भूमि या आवासीय संपत्ति में निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो ऐसा करने के लिए यह समय शानदार रहने वाला है। चतुर्थ भाव में मंगल इस अवधि के दौरान आपको सभी तरह के सुख सुविधा और विलासिता की वस्तुएं प्रदान करेगा क्योंकि मंगल बारहवें भाव का स्वामी भी है इसलिए इस अवधि के दौरान आपको विदेश यात्रा के भी मौके मिल सकते हैं।

कुंभ राशि 

चौथी और आखिरी जिस राशि के लिए मंगल का यह गोचर अनुकूल रहने वाला है वह है कुंभ राशि। कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और दसवें घर का स्वामी है और अब यह आपकी कमाई, परिवार और वाणी के दूसरे घर में स्थित होने जा रहा है। कुंभ राशि के जातकों को इस अवधि के दौरान छोटे भाई बहनों से लाभ मिलने की संभावना है। 

इस अवधि के दौरान आपकी वित्तीय स्थिति मजबूत बनेगी। इसके अलावा आप अपने करीबियों से आर्थिक सहयोग प्राप्त करने की मजबूत स्थिति में नजर आएंगे। हालांकि इसके लिए आपको ज्यादा घंटे काम और अधिक प्रयास करने की ज़रूरत पड़ सकती है। मंगल के मीन राशि में गोचर से आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अपनी आकांक्षाओं को वास्तविकता में बदलने के लिए पूर्ण दृढ़ संकल्प दिखाते भी नजर आने वाले हैं।

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मंगल का मीन राशि में गोचर- इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए मंगल पहले और अष्टम भाव का स्वामी है और अब यह आपके हानि के बारहवें घर में गोचर करने जा रहा है। यह गोचर मेष राशि के जातकों के लिए शक्तिशाली विपरीत राजयोग और राशि परिवर्तन योग को जन्म देगा लेकिन इससे अच्छे परिणाम आपको तभी प्राप्त होंगे अगर यह किसी व्यक्ति की कुंडली में अच्छी डिग्री और शक्ति पर स्थित हो अन्यथा यह राजयोग में परिवर्तित नहीं हो पाएंगे। 

इस गोचर अवधि के दौरान मेष राशि के जातकों के स्वास्थ्य में गिरावट देखने को मिल सकती है। साथ ही आपके जीवन में रक्त से संबंधित समस्याएं होने की भी संभावना है। इस अवधि के दौरान आपको अपनी इच्छा के विरुद्ध व्यक्तिगत या व्यावसायिक यात्राएं करनी पड़ सकती है जिन्हें आप चाह कर भी टाल नहीं पाएंगे। अनावश्यक परिस्थितियों के चलते मानसिक तनाव लेने से जितना हो सके बचें।

इस राशि के कुछ जातक कानूनी पचड़ों में भी फंस सकते हैं जिससे उबर पाना आपके लिए थोड़ा मुश्किल साबित होगा। इस गोचर काल के दौरान भाई-बहन को विशेष कर इस राशि के जातकों के भाइयों को लाभ मिलने की संभावना है। मंगल के इस गोचर के दौरान विदेशी भूमि के साथ नए बने रिश्तो से लंबे समय में आपको लाभ मिल सकता है।

सिंह राशि 

सिंह जातकों के लिए मंगल चतुर्थ भाव और नवम भाव का स्वामी है और सिंह राशि के जातकों के अष्टम भाव में गोचर करने जा रहा है। सिंह राशि वाले जातकों को इस दौरान स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। इस अवधि के दौरान आपके पिता के स्वास्थ्य में भी गिरावट आने वाली है क्योंकि उन्हें रक्त से संबंधित कुछ परेशानियां होने की प्रबल आशंका है। अगर आपको स्वास्थ्य खराब होने के छोटे से छोटा लक्षण भी नजर आए तो इस पर विशेष ध्यान दें और जहां भी संभव हो सावधानी बरतें। 

इस हफ्ते के दौरान अप्रत्याशित व्यावसायिक लाभ मिलने की संभावना है। इसके अलावा सिंह राशि के जातकों को इस दौरान चोट लग सकती है। ऐसे में ज्यादा सावधानीपूर्वक वाहन चलाएं। इस दौरान आपके ससुराल वालों के साथ छोटे-मोटे विवाद भी उठाने पड़ सकते हैं। सलाह दी जाती है कि साफ सुथरा भोजन खाएं, नियमित शारीरिक गतिविधियों को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें, मानसिक शांति और शारीरिक फिटनेस के लिए योग ध्यान का अभ्यास करें। 

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मंगल का मीन राशि में गोचर- प्रभावशाली उपाय

  • प्रत्येक मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें। 
  • अपने घर में किसी शुभ स्थान पर मंगल यंत्र स्थापित करें और उसकी नियमित रूप से पूजा करें। 
  • अगर आपकी कुंडली के अनुसार उपयुक्त है तो आप अपने दाहिने हाथ में लाल मूंगे की अंगूठी धारण करें। आपके लिए उपयुक्त है या नहीं इस बात की जानकारी प्राप्त करने के लिए आप विद्वान ज्योतिषियों से अभी परामर्श ले सकते हैं। 
  • गरीबों को लाल मूंग की दाल, तांबे के बर्तन, सोना, कपड़ा आदि का दान करें। 
  • छोटे बच्चों को बेसन की मिठाई या फिर लड्डू खिलाएँ।

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मंगल का मीन राशि में गोचर– क्या पड़ेगा देश दुनिया पर प्रभाव

सरकार और राजनीति

  • मंगल बृहस्पति की राशि मीन में गोचर करने जा रहा है और बृहस्पति को अक्सर ग्रहण के कैबिनेट मंत्री के रूप में जाना जाता है इसलिए यह गोचर सरकार और उनके उपक्रमों का समर्थन करते नजर आएगा।
  • इसके अलावा सरकार अपने अधिकार और तर्कों को कायम रखते हुए थोड़ी आक्रामक भी नजर आने वाली है। 
  • भारत सरकार के प्रवक्ता और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे राजनेता सोच समझकर काम करेंगे और व्यावहारिक रूप से योजना बनाएंगे। 
  • सरकारी अधिकारी अपने कार्यों और योजनाओं का विश्लेषण जल्दबाजी में लेकिन बेहद ही समझदारी से करते नजर आएंगे। 
  • सरकार की तरफ से भविष्य के लिए आक्रामक योजनाएं देखने को मिल सकती है। इस अवधि के दौरान भारत सरकार की कार्य प्रणाली और नीतियां ज्यादा से ज्यादा जनता को आकर्षित करने में कामयाब रहेगी। 
  • सरकार अब आक्रामक रूप से उन योजनाओं को लागू करेगी जो विभिन्न क्षेत्रों जैसे चिकित्सा, यांत्रिकी आदि में आबादी के बड़े हिस्से की मदद कर सकते हैं। 
  • देश के बड़े नेता आक्रामक लेकिन सोच समझकर और समझदारी से भरा कदम उठाते नजर आएंगे।

इंजीनियरिंग एवं अनुसंधान

  • मीन राशि में मंगल इंजीनियरिंग और भारी मशीनरी कार्यों में अनुसंधान का समर्थन कर सकता है। ऐसे में इस गोचर के दौरान बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अनुसंधान इंजीनियरों को लाभ मिलने की संभावना है। 
  • मीन राशि में मंगल का यह गोचर अनुसंधान और विकास के क्षेत्र के लिए फायदेमंद साबित होगा क्योंकि यह व्यक्ति मीन राशि के स्वामी बृहस्पति की ही तरह महानता और बुद्धिमत्ता दर्शाते हैं। इस गोचर के दौरान शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को भी फायदा मिलने की संभावना है।

चिकित्सा और अन्य क्षेत्र

  • इस गोचर के दौरान चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को सफलता मिलेगी। 
  • चिकित्सा और नर्सिंग क्षेत्र में विकास भी देखने को मिलेगा जिससे जनता को लाभ होगा।
  • आईटी इंडस्ट्रीज, सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री को काफी हद तक फायदा प्राप्त हो सकता है। 
  • मीन राशि में मंगल के इस कोचर के दौरान योग प्रशिक्षक, शारीरिक प्रशिक्षक आदि सफलता प्राप्त करेंगे।

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मीन राशि में मंगल गोचर- शेयर बाजार को किस तरह से करेगा प्रभावित? 

मंगल अब बृहस्पति द्वारा शासित मीन राशि में गोचर करने जा रहा है। तो चलिए अब स्टॉक मार्केट रिपोर्ट की मदद से जान लेते हैं की मंगल का यह महत्वपूर्ण गोचर शेयर बाजार को किस तरह से और किस हद तक प्रभावित करने वाला है।

  • जैसे ही मंगल मीन राशि में गोचर करेगा रासायनिक उर्वरक उद्योग, चाय उद्योग, कॉफी उद्योग, इस्पात उद्योग, हिंडाल्को, वूलन मिल्स सहित अन्य उद्योगों में उछाल देखने को मिलेगा। 
  • मंगल के मीन राशि में गोचर के बाद की अवधि में फार्मास्यूटिकल उद्योग अच्छा प्रदर्शन करते नजर आएंगे। 
  • सर्जिकल उपकरण बनाने वाले और व्यापार करने वाले उद्योग भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे। 
  • रिलायंस इंडस्ट्रीज, परफ्यूम और कॉस्मेटिक इंडस्ट्रीज, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, सूचना प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में इस गोचर के अंत तक मंदी जारी रहने की संभावना है।

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ग्रहों के राजा सूर्य करेंगे राशि में परिवर्तन, कन्या सहित इन जातकों को हो सकता तगड़ा नुकसान!

ज्योतिष में सूर्य के गोचर को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है, जो सभी ग्रहों के राजा है और आत्मा के कारक ग्रह भी है। सूर्यदेव को सिंह राशि का स्वामित्व प्राप्त है। ये मेष राशि में उच्च के और तुला राशि में नीच के होते हैं। ज्योतिष के अनुसार कुंडली में अगर सूर्य देव उच्च के हों तो करियर में अच्छी सफलता प्रदान करते हैं। समाज में मान-सम्मान बढ़ाते हैं और जातक को लाभ और प्रशासनिक देते हैं। सूर्य लगभग 30 दिनों में अपनी राशि में परिवर्तन करते हुए दूसरी राशि में गोचर करते हैं। इसी क्रम में नवग्रहों के राजा कहे जाने वाले सूर्य मेष राशि में 13 अप्रैल 2024 की रात 08 बजकर 51 मिनट पर गोचर करने जा रहे हैं, जो कि वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। 

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ज्योतिषीय दृष्टि से, सूर्य महाराज जब मेष राशि में मौजूद होते हैं, तो यह ऊर्जा, उत्साह और नई शुरुआत का प्रतिनिधित्व करते हैं। बता दें कि मेष एक उग्र राशि है जिसके आधिपत्य देव मंगल हैं। ऐसे में, सूर्य का मेष राशि में गोचर का प्रभाव सभी राशि के जातकों पर देखने को मिलेगा लेकिन चार राशियां ऐसी होंगी, जिन्हें इस दौरान कई प्रकार के उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कौन सी वह चार राशियां हैं, जिन्हें इस अवधि नकारात्मक परिणामों से गुजरना पड़ सकता है। 

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सूर्य का मेष राशि में गोचर से इन जातकों को रहना होगा सावधान

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य का गोचर आपके सुख-सुविधाओं और विलासिता में कमी लेकर आ सकता है। इस दौरान आपके कार्यों में बाधाएं उत्पन्न हो सकती है और आप अपने लक्ष्य को हासिल करने में असफल हो सकते हैं। सूर्य का गोचर आपके करियर के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है क्योंकि इस दौरान प्रगति और सराहना पाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। जो जातक खुद का बिज़नेस संभाल रहे हैं, उन्हें सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इस अवधि आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है। ऐसे में, आपको योजना बनाकर चलने की सलाह दी जाती है। आर्थिक जीवन में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। 

यह गोचर आपके रिश्ते में कुछ समस्याएं लेकर आ सकता है। परिवार वालों की वजह से आपके रिश्ते में टकराव पैदा हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप, आशंका है कि रिश्ते में मधुर संबंध स्थापित करना आपके लिए मुश्किल हो। हालांकि, इन जातकों को अपनी माता का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है, अगर वह किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रही हैं, तो उनका ध्यान रखें। ऐसा करने से आपसी समझ मजबूत होगी। 

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कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों को इस अवधि अधिक खर्चों का सामना करना पड़ सकता है। आपके ऊपर काम का बढ़ता बोझ और लापरवाही की वजह से काम में गलती हो सकती है जिससे आप असंतुष्ट रह सकते हैं। कन्या राशि के कुछ जातक आय में वृद्धि के लिए दूसरी नौकरी के अवसरों की तलाश करते नजर आ सकते हैं क्योंकि उन्हें ऐसा लग सकता है कि वर्तमान नौकरी में उनको प्रगति नहीं मिल पा रही है। सूर्य गोचर आपको विदेश में व्यापार करने के अवसर दे सकता है, लेकिन आशंका है कि वह आपकी उम्मीद के अनुसार न हो। आर्थिक जीवन की बात करें तो आपके खर्चे अचानक से बढ़ सकते हैं। साथ ही, आपको हानि का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, इन जातकों के लिए सावधानीपूर्वक आर्थिक योजना का निर्माण करना बहुत जरूरी होगा क्योंकि तब ही आप इन समस्याओं को दूर और बेकार के खर्चों को रोक सकेंगे। इस अवधि आपके रिश्ते में प्रेम और सौहार्द की कमी देखने को मिल सकती है। बातचीत की कमी और धन से जुड़े मामलों का तनाव आपके रिश्ते में समस्याएं पैदा करने का काम कर सकता है। सेहत को लेकर थोड़ा सतर्क रहें क्योंकि पाचन से जुड़े रोग, शरीर में दर्द आदि का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, यदि आप फिट रहता चाहते हैं तो दिनचर्या में योग व व्यायाम शामिल करें।

क्या वर्ष 2024 में आपके जीवन में होगी प्रेम की दस्तक? प्रेम राशिफल 2024 बताएगा जवाब

तुला राशि

तुला राशि के जातकों को सूर्य के गोचर के दौरान विलासिता में कमी देखने को मिल सकती है। करियर में भी कुछ चुनौतियां आ सकती है। आगे निकलने की होड़ में आप अपने काम में गलतियां कर सकते हैं। आशंका है कि सहकर्मियों और वरिष्ठों के साथ आपके कम निभे। आपके रिश्ते उनके साथ बिगड़ सकते हैं और साथ ही, काम का बढ़ता दबाव आपको बेकार की यात्राएं करने पर मज़बूर कर सकता है जिससे आपको ज्यादा अच्छे परिणाम न मिलने की आशंका है। 

जो जातक व्यापार करते हैं, उन्हें भी निराशा का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, आपको व्यापार से जुड़ा कोई भी निर्णय लेते समय सावधान रहना होगा, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस अवधि लाभ कमाने की राह में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, इन्हें अचानक से हानि होने की आशंका है। आपका प्रेम जीवन भी तनाव से भरा रह सकता है क्योंकि पार्टनर और आपके बीच बातचीत की कमी और आपसी समझ का अभाव होने की संभावना है। इस अवधि स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दें क्योंकि आपको मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं होने की संभावनाएं हैं।

वर्ष 2024 में कैसा रहेगा आपका स्वास्थ्य? स्वास्थ्य राशिफल 2024 से जानें जवाब

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों को सूर्य के गोचर के दौरान करियर में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आशंका है कि कार्यस्थल में की गई मेहनत में सराहना न मिले। साथ ही, आप पर काम का दबाव बढ़ सकता है जिसके चलते आप निराश महसूस कर सकते हैं। आर्थिक जीवन में मकर राशि वालों पर अत्यधिक बोझ बढ़ सकता है। आपके खर्चों में वृद्धि होगी जो कि घर-परिवार से जुड़े हो सकते हैं। यह खर्चें आपके आर्थिक जीवन को प्रभावित करने का काम करेंगे या फिर हानि होने की भी आशंका है। 

मकर राशि वालों को इन समस्याओं से बाहर आने के लिए बहुत सावधानी के साथ योजना बनाकर चलना होगा। आप रिश्ता इस अवधि तनाव और समस्याओं से भरा रह सकता है क्योंकि इस दौरान आपके बीच गलतफ़हमी होने और बातचीत का अभाव होने की आशंका है। सेहत की दृष्टि से, यह गोचर मकर राशि के जातकों के लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है क्योंकि आपको सिर दर्द की समस्या परेशान कर सकती है। इसके अलावा, इन जातकों को अपनी माता के स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा। तनाव को नियंत्रित करने के लिए आपको नियमित रूप से व्यायाम करने की सलाह दी जाती है।

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जब मेष राशि में आएंगे शुक्र, तब इन राशियों को लगाने पड़ सकते हैं डॉक्‍टर के चक्‍कर

जब कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करता है, तो इसके कारण देश और दुनिया में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। ग्रहों के गोचर का असर शेयर मार्केट, व्‍यापार और राजनीति जैसे हर क्षेत्र पर पड़ता है। इसके साथ ही गोचर सभी राशियों को भी प्रभावित करते हैं।

ग्रह के गोचर करने पर सभी राशियों के जातकों के प्रेम जीवन, स्‍वास्‍थ्‍य, वैवाहिक संबंध, आर्थिक स्थिति और करियर में उतार-चढ़ाव आते हैं। किसी के लिए गोचर लाभकारी सिद्ध होता है, तो वहीं किसी को गोचर के दौरान समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है। अब अप्रैल के महीने में शुक्र ग्रह का एक महत्‍वपूर्ण गोचर होने जा रहा है जो कि कुछ राशियों के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छा साबित नहीं होगा।

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एस्‍ट्रोसेज के इस विशेष ब्‍लॉग में आगे यही बताया गया है कि शुक्र का गोचर किस तिथि एवं समय पर हो रहा है और इस गोचर से किन राशियों के स्‍वास्‍थ्‍य में गिरावट आने की आशंका है।

शुक्र के गोचर की तिथि एवं समय

शुक्र का मेष राशि में गोचर 24 अप्रैल को 23:44 बजे होगा। शुक्र को प्रेम एवं सौंदर्य का कारक माना गया है। इसके साथ ही शुक्र व्‍यक्‍ति के जीवन में सुख-सुविधाएं एवं भौतिक सुख भी प्रदान करते हैं। उनकी कृपा से जातक का जीवन प्रेम एवं आकर्षण से परिपूर्ण हो सकता है।

तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि इस गोचर के दौरान किन राशियों को अपने स्‍वास्‍थ्‍य का विशेष ध्‍यान रखने की जरूरत है।

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इन लोगों की बिगड़ेगी सेहत

वृषभ राशि

इस समय आपको अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहने की आवश्‍यकता है। तनाव बढ़ने का असर आपकी सेहत पर भी देखने को मिलेगा। आपको मानसिक या शारीरिक समस्‍या होने की आशंका है। इस दौरान स्‍वस्‍थ रहने के लिए आप संतुलित आहार लें और नियमित योग एवं ध्‍यान करें। तनाव को दूर रखकर आप अपने स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर कर सकते हैं इसलिए इस समय इस एक चीज़ पर गौर करें।

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कन्‍या राशि

शुक्र के मेष राशि में प्रवेश करने पर कन्‍या राशि के लोगों को यूटीआई या निजी अंगों से संबंधित कोई समस्‍या होने के संकेत हैं। इससे बचने के लिए आप निजी साफ-सफाई पर ध्‍यान दें और फाइबर युक्‍त आहार लें। इस समय कन्‍या राशि के लोगों को व्‍यायाम, योग एवं ध्‍यान करने की भी सलाह दी जाती है। इस गोचर काल में कन्‍या राशि के जातकों को अपने निजी अंगों के स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान देना है वरना इन्‍हें परेशानी हो सकती है।

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वृश्चिक राशि

अगर आपकी वृश्चिक राशि है, तो आप शुक्र के मेष राशि में प्रवेश करने के दौरान अपने स्‍वास्‍थ्‍य का विशेष ख्‍याल रखें। आपको इस समय कोई शारीरिक या मानसिक समस्‍या होने के संकेत हैं। तनाव आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है और इसके कारण आपको कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं घेर सकती हैं। इस समय योग एवं ध्‍यान आपके लिए मददगार सिद्ध होगा। यह समय आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए थोड़ा मुश्किल रहने वाला है इसलिए आप इस दौरान छोटी-छोटी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को भी नज़रअंदाज़ न करें।

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मकर राशि

मकर राशि के लोगों को इस समय अपना ख्‍याल रखने की सलाह दी जाती है। आपको इस दौरान भावनात्‍मक एवं मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं होने की आशंका है इसलिए आप इस समय संभलकर रहें। आप शुक्र के गोचर के दौरान वह काम करें जिससे आपको आराम मिले। आपके लिए ध्‍यान, योग एवं प्रकृति के साथ समय बिताना लाभकारी सिद्ध होगा।

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मिथुन राशि

सेहत के मामले में मिथुन राशि के लोगों को अपने स्‍वास्‍थ्‍य को प्राथमिकता देनी है। आपको इस गोचर के दौरान स्‍वस्‍थ जीवनशैली अपनाने की सलाह दी जाती है। अगर आप इस समय अपने करियर या अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की सोच रहे हैं, तो आपको खासतौर पर अपनी सेहत को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। आप तनाव से दूर रहें क्‍योंकि इस समय यह आपके ऊपर हावी हो सकता है और इसका नकारात्‍मक असर आपकी सेहत पर भी पड़ सकता है।

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बृहस्पति का कृत्तिका नक्षत्र में गोचर: मेष सहित इन 4 राशियों की होगी बल्ले-बल्ले!

बृहस्पति का कृत्तिका नक्षत्र में गोचर: एस्ट्रोसेज अपने पाठकों के लिए यह विशेष ब्लॉग लेकर आया है जिसमें आपको बृहस्पति का कृत्तिका नक्षत्र में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त होगी। कर्म, धर्म, दर्शन और ज्ञान के कारक देवगुरु बृहस्पति कृत्तिका नक्षत्र में 17 अप्रैल 2024 को गोचर करने जा रहे हैं जिसका प्रभाव राशि चक्र की सभी राशियों पर देखने को मिलेगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि बृहस्पति का नक्षत्र में गोचर आपके लिए कैसा रहेगा। लेकिन इससे पहले कृत्तिका नक्षत्र का अर्थ और इसके पद के बारे में जानकारी हासिल करेंगे। 

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किसी भी व्यक्ति के जीवन में ग्रहों के अच्छे व बुरे प्रभावों को सही से ढंग से निर्धारित करने के लिए ज्योतिषी को नक्षत्रों के प्रभाव को गहराई से जानने की आवश्यकता होगी। वैदिक ज्योतिष में 27 नक्षत्रों के बारे में वर्णन किया गया है और प्रत्येक नक्षत्र किसी न किसी ग्रह से जुड़ा हुआ है। इन नक्षत्रों को चार पदों में वर्गीकृत किया गया है। प्रत्येक पद लगभग 3 डिग्री 20′ तक फैला हुआ है। और प्रत्येक नक्षत्र की लंबाई 13 डिग्री 20′ होती है। अब बात करते हैं नक्षत्र के गोचर की तो 17 अप्रैल 2024 की मध्य रात्रि 2 बजकर 57 मिनट पर बृहस्पति कृत्तिका नक्षत्र के प्रथम चरण में गोचर कर रहे हैं। आइए अब इस दिलचस्प गोचर के बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।

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ज्योतिष में कृत्तिका नक्षत्र

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कृत्तिका नक्षत्र का कुछ अंश मेष राशि और शेष वृषभ राशि में आता है। ‘कृतिका नक्षत्र’ वैदिक ज्योतिष में एक शक्तिशाली और परिवर्तनकारी तारा माना गया है। जिसे “आग का तारा” या “शुद्धि का तारा” भी कहा जाता है और इसे शक्ति और ऊर्जा के स्रोत के रूप में भी देखा जाता है। कृतिका नाम का अनुवाद करते हुए, व्युत्पन्न अर्थ ‘कटर’ है, जबकि प्रतीक ‘एक तेज वस्तु’ के बाद आता है। इस प्रकार, यह दावा किया जा सकता है कि तारा सृजन और विनाश दोनों में सक्षम है। कृत्तिका नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति स्वभाव में उग्र और आक्रामक होते हैं। इसके स्वामी सूर्य ग्रह है और यह ज्वलंत प्रकृति की व्याख्या करता है। कृत्तिका नक्षत्र के जातक अपने अंदर ऊर्जा को बढ़ाने के लिए हमेशा नई जानकारी और रोमांच की तलाश में रहते हैं। उन्हें अपने दिमाग को व्यस्त और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए शारीरिक गतिविधियों की आवश्यकता होती है।

इस नक्षत्र के तहत पैदा हुए जातक आमतौर पर स्कूलों या विश्वविद्यालयों में शिक्षण जैसे व्यवसायों से जुड़े होते हैं। कृत्तिका नक्षत्र वाले लोगों बोलने में बहुत अधिक तेज होते हैं और वे हर चीज़ को पूरा करके ही मानते हैं। इन जातकों में दूसरों का समर्थन करने की अद्भुत क्षमता होती है। ये पूरी इच्छा शक्ति के साथ आगे बढ़ते हैं और स्वतंत्र रूप से काम करते हैं। यह नक्षत्र मेष राशि में 26.40 से 30.00 डिग्री तक और वृषभ राशि में 30.00 से 40.00 डिग्री तक फैला होता है।

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कृत्तिका नक्षत्र के चरण

कृत्तिका नक्षत्र का पहला चरण: बृहस्पति शासित धनु नवांश में कृत्तिका नक्षत्र का पहला चरण या पद आता है। इस पद वाले अत्यंत परोपकारी, दयालु और नैतिकतावादी होते हैं। ये अति साहसी होते हैं और सेना के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के इच्छुक होते हैं। ये दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते हैं। 

कृत्तिका नक्षत्र का दूसरा चरण: कृतिका नक्षत्र का दूसरा चरण शनि द्वारा शासित मकर नवांश में आता है। इस चरण में जन्म लेने वाले लोगों में नैतिकता पर ध्यान केंद्रित किया गया है, हालांकि इस चरण वाले लोगों में भौतिकवादी होने की स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है और इसलिए ये लोग अधिक खर्च करते हैं।

कृत्तिका नक्षत्र का तीसरा चरण: कृतिका नक्षत्र का तीसरा चरण कुंभ नवांश में पड़ता है और यह भी शनि द्वारा शासित है। इस चरण में जन्म लेने वाले लोग बहुत अधिक उदार और दयालु होते हैं। ये लोग अधिक से अधिक ज्ञान संचय करने में सक्षम होते हैं।

कृत्तिका नक्षत्र का चौथा चरण: कृतिका नक्षत्र का चौथा चरण बृहस्पति द्वारा शासित मीन नवांश में आता है। इस चरण के तहत पैदा हुए लोग बुद्धिमान, शिक्षित होते हैं। ये लोग भौतिक सुख-सुविधाओं को प्राप्त करने के इच्छुक होते हैं और अपने प्रयासों से प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।

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कृत्तिका नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों का स्वभाव

  • कृत्तिका नक्षत्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति काफी बुद्धिमान होते हैं, लेकिन कभी-कभी वह अपना धैर्य खो देते हैं, जो लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक होता है और इस प्रकार इन जातकों को बहुत अधिक दृढ़ता की आवश्यकता होती है।
  • ये लोग महान सलाहकार होते हैं और अक्सर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उनसे आगे निकल जाते हैं।
  • यह जातक दयालु व्यक्ति होते हैं और एक अच्छे मित्र भी हो सकते हैं।
  • ऐसे व्यक्ति जिनका जन्म कृत्तिका नक्षत्र में हुआ हो या जिनकी कुंडली में बृहस्पति इस नक्षत्र में स्थित हो, उनमें धन कमाने की असाधारण क्षमता होती है।
  • व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए दृढ़ संकल्पित होना चाहिए, भले ही उन्हें किसी से मदद लेने की आवश्यकता हो।
  • इस नक्षत्र के जातक और उसका साथी भी वफादार होते हैं।

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बृहस्पति का कृत्तिका नक्षत्र में गोचर: इन राशियों को होगा लाभ

मेष राशि

कृत्तिका नक्षत्र के स्वामी सूर्य हैं और बृहस्पति निश्चित रूप से आपको अनुकूल परिणाम प्रदान करेंगे। खुद का व्यवसाय करने वाले जातकों या नौकरीपेशा जातकों को इस अवधि करियर में तरक्की हासिल होगी और उन्हें अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त होगी क्योंकि बृहस्पति कृतिका नक्षत्र में गोचर करेगा और सूर्य के साथ आएगा। सरकारी कर्मचारियों के लिए भी यह अच्छा समय है। इस दौरान पदोन्नति भी संभव है। बृहस्पति मेष राशि के जातकों को आर्थिक लाभ भी प्रदान करेगा और प्रेम संबंधी मामलों में भी भाग्य का आपको मिलेगा क्योंकि पांचवें भाव पर बृहस्पति की दृष्टि आपके लिए चीजें आसान कर देगी। बृहस्पति नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और ग्यारहवें भाव पर इनकी दृष्टि होने से छात्रों को शिक्षा के मामले में लाभ प्राप्त होगा और पढ़ाई में उत्कृष्टता मिलेगी।

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मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति सूर्य के नक्षत्र में ग्यारहवें में सूर्य के साथ युति में होगा। बृहस्पति सातवें भाव पर दृष्टि डालेंगे इसलिए यह अवधि अविवाहित जातकों के लिए शानदार रहेगी। आपके लिए विवाह के योग बनेंगे। वहीं जो लोग पहले से ही शादीशुदा है, उनके रिश्ते इस अवधि मजबूत होंगे क्योंकि बृहस्पति कृत्तिका नक्षत्र में हैं और सूर्य अनुकूल स्थिति में विराजमान है। इस अवधि आपकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। जिन जातकों का खुद का व्यापार है उन्हें अच्छा मुनाफा प्राप्त करने के अवसर प्राप्त होंगे। डिज़ाइनिंग, मूर्तिकला, वास्तुकला आदि जैसे रचनात्मक व्यवसायों से जुड़े लोग दूसरों की तुलना में अधिक लाभ प्राप्त करेंगे।

कर्क राशि

बृहस्पति छठे भाव और नौवें भाव के स्वामी होकर कर्क राशि के जातकों के लिए दसवें भाव में स्थित होंगे। इसके परिणामस्वरूप जो लोग निजी क्षेत्रों में कार्यरत हैं उन्हें मनवांछित परिणाम प्राप्त होंगे। सरकारी नौकरी करने वाले लोगों को इस गोचर से लाभ होना होगा। राजनीति के क्षेत्र या किसी भी सरकारी क्षेत्र से जुड़े लोगों को अच्छा मुनाफा कमाएंगे क्योंकि कृत्तिका नक्षत्र में गोचर के दौरान सूर्य भी बृहस्पति के साथ मेष राशि में मौजूद रहेंगे। इस अवधि आपके कार्यक्षेत्र का माहौल सकारात्मक रहेगा और जिन जातकों का अपना बिज़नेस हैं, उन्हें अचानक धन लाभ प्राप्त होगा।

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सिंह राशि

यह अवधि सिंह राशि के उन जातकों के लिए शानदार साबित होगी, जो व्यवसाय से जुड़े हैं। वे अच्छा लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे और अपने व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। बृहस्पति पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और कृतिका नक्षत्र में गोचर के दौरान नौवें भाव में स्थित होंगे। इस अवधि आपको भाग्य का साथ भी मिलेगा और आप तेजी से तरक्की करते हुए नज़र आएंगे। यदि आप बिज़नेस के सिलसिले से कोई यात्रा कर रहे हैं तो वह अत्यंत फलदायी रहेगी। आपको विदेश जाने के अवसर भी प्राप्त होंगे और आपके करियर में चार चांद लगेंगे।

नोट: कृत्तिका नक्षत्र में देव गुरु बृहस्पति का यह गोचर वृषभ, कन्या, तुला, धनु, मकर, मीन राशि के जातकों के लिए अधिक अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। ऐसे में, इन जातकों को इस अवधि में बहुत अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता हो सकती है।

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मंगल आएंगे मीन राशि में, इन 6 लोगों की शादीशुदा जिंदगी में आएगी बहार, खूब बढ़ेगा प्‍यार

ज्योतिषशास्‍त्र में ग्रहों के गोचर करने को एक खास घटना के रूप में वर्णित किया गया है। सौर मंडल का प्रत्‍येक ग्रह एक तय समय के बाद राशि परिवर्तन करता है यानी कि एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है और उनके इस परिवर्तन को ज्‍योतिषीय भाषा में गोचर कहा जाता है।

ग्रह के गोचर करने पर देश-दुनिया समेत सभी राशियां प्रभावित होती हैं। किसी राशि पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है, तो किसी को नकारात्‍मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। अब मंगल 23 अप्रैल 2024 की सुबह 08 बजकर 19 मिनट पर मीन राशि में गोचर करने वाले हैं।

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मंगल के गोचर करने पर कुछ राशियों के प्रेम जीवन में खुशियां आने के संकेत हैं और आज इस ब्‍लॉग के ज़रिए हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि मंगल के मीन राशि में प्रवेश करने पर किन राशियों को प्रेम एवं वैवाहिक जीवन में अच्‍छे परिणाम एवं सुख की प्राप्ति होगी लेकिन उससे पहले जान लीजिए कि ज्‍योतिष में मंगल का क्‍या महत्‍व है।

वैदिक ज्‍योतिष में मंगल का महत्‍व

वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार मंगल के शुभ प्रभाव देने पर व्‍यक्‍ति को अपने जीवन में सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं मिल जाती हैं। इनका स्‍वास्‍थ्‍य भी अच्‍छा रहता है और ये बुद्धिमान होते हैं। मंगल की मजबूत स्थि‍ति के कारण व्‍यक्‍ति को अपने करियर में उच्‍च सफलता और मान-सम्‍मान मिलता है। यह ग्रह व्‍यक्‍ति की समाज में प्रतिष्‍ठा को भी बढ़ाता है।

यदि मंगल बृहस्‍पति जैसे शुभ ग्रहों के साथ होते हैं या फिर बृहस्पति की दृष्टि मंगल पर पड़ रही हो, तो इससे व्‍यक्‍ति का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्‍छा रहता है। वहीं, अगर कुंडली में मंगल देव अशुभ ग्रहों जैसे राहु व केतु के साथ उपस्थित हों, तो यह जातकों के जीवन में समस्याओं में वृद्धि करवाते हैं।

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तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि मंगल के मीन राशि में आने पर किन राशियों की शादीशुदा जिंदगी में खुशियां आने की संभावना है।

इन राशियों को मिलेगा प्‍यार

वृषभ राशि

वृषभ राशि के लोगों के लिए यह समय बहुत अनुकूल रहने वाला है। आपके और आपके पार्टनर के बीच संबंधों में मधुरता बनी रहेगी। आपको अपने प्रेम जीवन में सकारात्‍मक परिणाम प्राप्‍त होने की संभावना है। आपका जीवनसाथी हर कदम पर आपका साथ देगा और आपका सहयोग करेंगे। आप और आपका पार्टनर दोनों एक-दूसरे पर भरोसा करेंगे जिससे आपका रिश्‍ता मजबूत होगा और आप दोनों ही एक-दूसरे के साथ काफी खुश रहेंगे।

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मिथुन राशि

मंगल के मीन राशि में आने पर मिथुन राशि के लोगों की शादीशुदा जिंदगी में बहार आएगी। आप दोनों एक-दूसरे से अपने मन की बात कह सकते हैं। आपका पार्टनर इस समय आपके ऊपर खूब प्‍यार लुटाएगा और आपका ख्‍याल रखेंगे। इससे आपका और आपके जीवनसाथी का रिश्‍ता मजबूत होगा। आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी तालमेल बहुत अच्‍छा रहने वाला है। आप दोनों एक-दूसरे के साथ रिश्‍ता निभाने को लेकर पहले से ज्‍यादा प्रतिबद्ध एवं समर्पित रहने वाले हैं।

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कर्क राशि

प्‍यार के मामले में कर्क राशि के लोग भी बहुत भाग्‍यशाली साबित होंगे। आप और आपका पार्टनर दोनों मिलकर काम करेंगे और अपने जीवन की परेशानियों को दूर करने का एकसाथ प्रयास करेंगे। इससे आप दोनों के बीच प्‍यार भी बढ़ेगा और आप दोनों ही एक-दूसरे के साथ काफी खुश नज़र आएंगे। आप सुखी वैवाहिक जीवन का बेहतरीन उदाहरण पेश करेंगे। आपको इस समय अहंकार को अपने रिश्‍ते पर हावी नहीं होने देना है। आपके प्रयासों से आपका रिश्‍ता संवरता रहेगा।

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धनु राशि

मंगल का गोचर धनु राशि के लोगों की लव लाइफ के लिए भी लकी साबित होगा। अगर अब तक आपके और आपके पार्टनर के बीच कोई मनमुटाव या समस्‍या चल रही है, तो अब उसके दूर होने का समय आ गया है। अब आप अपने रिश्‍ते में खुशियों को महसूस करेंगे। आपके और आपके जीवनसाथी का रिश्‍ता अच्‍छा रहेगा और आप उच्‍च मूल्‍य स्‍थापित करेंगे। आप दोनों के बीच आपसी तालमेल भी बहुत अच्‍छा रहने वाला है। आप दोनों एक-दूसरे को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे और एक-दूसरे का सम्‍मान करेंगे।

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कुंभ राशि

इस गोचर के दौरान कुंभ राशि के लोग अपने पार्टनर के साथ मधुर संबंध बनाए रखने में सक्षम होंगे। आप दोनों के बीच आपसी तालमेल भी बहुत अच्‍छा रहने वाला है और आप दोनों एक-दूसरे को बहुत अच्‍छी तरह से समझ पाएंगे। यदि पहले से ही आप दोनों के बीच कोई विवाद चल रहा है, तो अब सारी समस्‍याएं और शिकायतें दूर होंगी और आप दोनों एक-दूसरे के करीब आएंगे। आपका पार्टनर हर कार्य में आपका समर्थन करेंगे।

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मीन राशि

मीन राशि के लोग अपने प्रेम जीवन में मधुरता का अनुभव करेंगे। आपके और आपके पार्टनर के बीच सारे मनमुटाव अब दूर हो जाएंगे। आप अपने जीवनसाथी के प्रति वफादार रहेंगे और उनसे अपने मन की बात खुलकर कह सकते हैं।

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सालों बाद रामनवमी पर बन रहा ये दुर्लभ संयोग, इन राशियों पर बरसेगी श्रीराम की कृपा; धन-दौलत की नहीं होगी कमी!

राम नवमी को सनातन धर्म में प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2024 में रामनवमी 17 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री राम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर कर्क लग्न और अभिजीत मुहूर्त के अंतर्गत हुआ था, उस समय से ही इस तिथि को रामनवमी के रूप में मनाया जा रहा है। साथ ही, चैत्र नवरात्रि का यह अंतिम दिन भी होता है। बता दें कि इस बार की राम नवमी बेहद ख़ास होने वाली है क्योंकि इस दिन शुभ संयोग बनने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको राम नवमी पर बनने वाले शुभ योगों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा। इसके अलावा, किन राशियों पर बरसेगी राम जी की कृपा, इससे भी आपको अवगत करवाएंगे।

 

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चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन होने की वजह से देशभर में मां दुर्गा को विदा करने के साथ-साथ राम जन्मोत्सव को बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर अयोध्या समेत देशभर के सभी राम मंदिरों को सजाया जाता है और विशेष धार्मिक आयोजन किये जाते हैं। ज्योतिष के अनुसार, इस बार की रामनवमी बेहद शुभ होने वाली है क्योंकि इस दिन दुर्लभ योग का निर्माण हो रहा है। चलिए जानते हैं इस विशेष योग के बारे में। 

रामनवमी 2024 पर बन रहे हैं ये दुर्लभ संयोग  

ज्योतिष के अनुसार, राम नवमी के दिन चंद्रमा कर्क राशि में विराजमान होगा और ऐसे में, कर्क लग्न का निर्माण हो रहा है। आपको बता दें कि भगवान श्री राम के जन्म के समय सूर्य महाराज दशम भाव में अपनी उच्च राशि में उपस्थित थे। इस प्रकार, सालों बाद रामनवमी तिथि पर सूर्य देव अपनी उच्च राशि मेष में होने के साथ-साथ दसवें भाव में भी मौजूद होंगे और ऐसे में. गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है। ऐसी मान्यता है कि जब श्रीराम का जन्म हुआ था, उस समय उनकी जन्म कुंडली में गजकेसरी योग निर्मित था। रामनवमी 2024 पर बनने वाले इस शुभ योगों का लाभ कुछ विशेष राशियों को मिलेगा।

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रामनवमी पर बन रहे शुभ संयोग से इन राशियों को होगा लाभ

मेष राशि

मेष राशि में रामनवमी पर सूर्य देव के साथ-साथ गुरु ग्रह भी उपस्थित होंगे। इसके परिणामस्वरूप, आपको जीवन में चल रही हर परेशानी से मुक्ति मिलेगी और संतान या परिवारजनों की तरफ से कोई शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है। कार्यक्षेत्र में आपके काम को सराहा जाएगा और ऐसे में, आपको पदोन्नति या कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने के योग बनेंगे। व्यापार करने वाले जातकों को लाभ होगा। साथ ही, परिवार में चल रहा तनाव भी दूर होगा और प्रेम जीवन से भी समस्याओं का अंत हो जाएगा। रिश्ते में मधुरता आएगी और आपके जीवन से तमाम परेशानियां अब समाप्त होंगी। 

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तुला राशि 

तुला राशि वालों के लिए रामनवमी 2024 बहुत शुभ साबित होगी। इन जातकों ने जो सपने देखे थे, लेकिन किसी कारणवश वह पूरे नहीं हो पा रहे थे, अब वह पूरे हो सकते हैं। इस अवधि में आपके वाहन और संपत्ति खरीदने के योग बनेंगे। राम जी आपके परिवार में चल रही समस्याओं का दूर करेंगे और साथ ही, इन लोगों के लिए धन लाभ के मार्ग प्रशस्त करेंगे जिसके चलते आप अच्छी बचत भी कर सकेंगे। तुला राशि वालों को करियर और बिजनेस के क्षेत्र में भी लाभ प्राप्त होने की संभावना है।

मीन राशि

मीन राशि वालों पर इस साल रामनवमी पर श्री राम की विशेष कृपा बनी रहेगी। इन लोगों को प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी और ऐसे में, आपको धन लाभ मिलने की संभावना है। घर-परिवार के लोगों के साथ आप अच्छा समय बिताएगा। साथ ही, मीन राशि के जातकों के जीवन में चल रही समस्याएं समाप्त होंगी। यह जातक अगर सट्टेबाजी या व्यापार में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको धन लाभ होने की प्रबल संभावना है। इसके परिणामस्वरूप, आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और आप बचत भी कर सकेंगे। आपकी रूचि अध्यात्म के प्रति बढ़ेगी जिसके चलते आप परिवार या दोस्तों के साथ तीर्थ स्थल की यात्रा पर जा सकते हैं।

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नवरात्रि नवमी तिथि कन्या पूजन महत्व नियम और सावधानियां- यहां पर है सब कुछ!

चैत्र नवरात्रि का आखिरी दिन अर्थात नवमी तिथि का समापन रामनवमी के साथ किया जाता है। इसी दिन बहुत से लोग अपने व्रत का पारण भी करते हैं। आज अपने इस खास ब्लॉग में जानेंगे नवरात्रि की नवमी तिथि पर माता के किस स्वरूप की पूजा की जाती है, इस दिन रामनवमी का क्या महत्व है, साथ ही जानेंगे इस वर्ष रामनवमी का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है।

इसके अलावा इस दिन किए जाने वाले उपायों की जानकारी, रामनवमी पारण मुहूर्त की जानकारी और भी बहुत कुछ आपको इस ब्लॉग के माध्यम से जानने को मिलेगा। तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं हमारा यह खास ब्लॉग और जान लेते हैं नवमी तिथि से जुड़ी कुछ बेहद दिलचस्प बातों की जानकारी।

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मां सिद्धिदात्री का स्वरूप

सबसे पहले बात करें मां के स्वरूप की तो सिद्धिदात्री देवी के नाम का अर्थ होता है सिद्धि देने वाली देवी। मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों के अंदर की बुराइयों और अंधकार का नाश करके उन्हें ज्ञान के प्रकाश से भरती हैं, उनके जीवन को सुखमय बनाती हैं और उनकी मनोकामना पूरी करती हैं। मां के स्वरूप की बात करें तो माँ सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान हैं और शेर की सवारी करती हैं। देवी की चार भुजाएं होती हैं जिसमें से दाहिने हाथ में उन्होंने गदा लिया हुआ है दूसरे दाहिने हाथ में चक्र है। दोनों बाएं हाथ में शंख और कमल का फूल है। देवी का यह स्वरूप बेहद कोमल है और यह सभी प्रकार की सिद्धियां प्रदान करने वाला माना गया है।

मां सिद्धिदात्री की पूजा का ज्योतिषीय संदर्भ

मां सिद्धिदात्री देवी की पूजा के ज्योतिषीय संदर्भ की बात करें तो मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि देवी सिद्धिदात्री केतु ग्रह को नियंत्रित करती हैं। ऐसे में मां की विधिवत पूजा करने से कुंडली में मौजूद केतू के बुरे प्रभावों को काम किया जा सकता है और केतु से संबंधित शुभ परिणाम व्यक्ति को प्राप्त होते हैं।

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मां सिद्धिदात्री की पूजा महत्व 

मां सिद्धिदात्री की पूजा के महत्व की बात करें तो कहा जाता है कि देवी सिद्धिदात्री सिद्धि देने वाली देवी हैं। इन्होंने खुद भगवान शिव को सिद्धियां प्रदान की हैं। ऐसे में जो कोई भी भक्त सही विधिपूर्वक मां की पूजा करता है उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होती है। मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध होने लगते हैं। 

जिन जातकों को नौकरी या व्यापार के संदर्भ में परेशानियां मिल रही होती हैं उन्हें नवरात्रि की नवमी तिथि पर देवी को एक कमल का फूल अर्पित करने की सलाह दी जाती है। साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करना होता है ऐसा करने से आपकी सभी बाधाओं का अंत होता है और व्यक्ति को धन, नौकरी, व्यापार में सफलता मिलती है। मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए न केवल देवता बल्कि यक्ष, गंधर्व और ऋषि मुनि भी कठोर तपस्या करते हैं।

मां सिद्धिदात्री को अवश्य लगाएँ ये भोग 

समस्त सिद्धियां को देने वाले देवी के भोग की बात करें तो देवी को हलवा, पूरी और चने का भोग अवश्य लगाना चाहिए। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। ऐसे में कन्या पूजन और मां की पूजा के बाद प्रसाद ब्राह्मणों में अवश्य बांटें। ऐसा करने से माँ प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

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देवी सिद्धिदात्री का पूजा मंत्र

ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥

प्रार्थना मंत्र

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।

सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

स्तुति

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

चैत्र नवरात्रि पारणा मुहूर्त 

जैसा कि हमने पहले भी बताया कि बहुत से लोग नवरात्रि की नवमी तिथि के दिन व्रत का पारणा करते हैं। ऐसे में अगर आपको भी व्रत के पारण का समय जानना है तो नई दिल्ली के हिसाब से चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण का समय रहेगा:  

17 अप्रैल, 2024 (बुधवार)

नवरात्रि पारणा का समय :15:16:24 के बाद से

हालांकि अगर आप किसी और शहर में रहते हैं और आप अपने शहर के अनुसार इस दिन का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

नवरात्रि की नवमी तिथि को रामनवमी भी कहा जाता है। ऐसे में अगर बात करें रामनवमी के शुभ मुहूर्त की तो इस साल रामनवमी 17 अप्रैल 2024 बुधवार के दिन है और मुहूर्त

 रामनवमी मुहूर्त :11:03:18 से 13:38:21 तक

अवधि :2 घंटे 35 मिनट

रामनवमी मध्याह्न समय :12:20:50

हालांकि ऊपर दिया गया मुहूर्त नई दिल्ली के लिए मान्य है अगर आप अपने शहर के अनुसार इस दिन का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं तो आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

बेहद खास है इस साल की रामनवमी: इन चार राशियों को मिलेगा विशेष परिणाम 

रामनवमी अर्थात अधर्म पर धर्म को स्थापित करने का दिन। यह दिन भगवान श्री राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। प्रभु श्री राम भगवान विष्णु के मानव अवतार माने जाते हैं। इसके अलावा आपकी जानकारी के लिए बता दें चैत्र नवरात्रि का समापन रामनवमी से होता है। इस साल की रामनवमी इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि इस पूरे ही दिन रवि योग रहने वाला है। 

कहा जाता है कि अगर इस योग में कोई भी पूजा की जाए या नया काम शुरू किया जाए तो इससे सिद्धि प्राप्त होती है। इसके अलावा यह रामनवमी विशेष रूप से कुछ राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से खास रहने वाली है। कौन सी है ये राशियाँ चलिए जान लेते हैं। 

रामनवमी पर इन राशियों को मिलेगा प्रभु श्री राम का विशेष आशीर्वाद

  • मीन राशि: पहली जिस राशि की हम यहां बात करने जा रहे हैं वह है मीन राशि। मीन राशि के बारे में कहा जाता है कि ये प्रभु श्री राम की सबसे प्रिय राशि होती है। इस राशि का स्वामी है गुरु बृहस्पति जिनका संबंध विष्णु जी से होता है। ऐसे में इस रामनवमी पर मीन राशि के जातकों को अपने जीवन में धन और समृद्धि प्राप्त होने वाली है।
  • कर्क राशि: दूसरी जिस राशि के लिए यह रामनवमी बेहद ही खास है वह है कर्क राशि। कर्क राशि के जातकों पर भी प्रभु श्री राम की कृपा हमेशा बनी रहती है। इस साल मुमकिन हो तो भगवान श्री राम को खीर का भोग अवश्य लगाएँ। इससे आपके सौभाग्य में वृद्धि होगी और समाज में मान सम्मान बढ़ेगा।
  • वृषभ राशि: तीसरी जिस राशि की हम यहां बात करने जा रहे हैं वह है वृषभ राशि। वृषभ राशि को भी भगवान राम की पसंदीदा राशियों में से एक माना गया है। रामनवमी के दिन इस राशि के जातक रामष्टक का पाठ करें इससे आपके सभी बिगड़े और रुके हुए काम बनेंगे और मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति से लड़ने की शक्ति मिलेगी।
  • तुला राशि: चौथी और आखिरी जिस राशि के लिए यह रामनवमी बेहद ही खास रहने वाली है वह है तुला राशि। तुला राशि के जातकों पर भी भगवान राम की विशेष कृपा देखने को मिलती है। ऐसे में इस रामनवमी पर आप राम भगवान को पीले रंग के वस्त्र, नारियल भेंट करें। इससे आपको आर्थिक लाभ मिलेगा साथ ही किसी तरह की शारीरिक परेशानी से छुटकारा मिलेगा।

नवरात्रि के नौवें दिन अवश्य करें यह अचूक उपाय

  • अगर आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ गई है तो नवरात्रि के आखिरी दिन आप देवी दुर्गा की पूजा में कपूर अवश्य जलाएं। ऐसा करने से घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा पलक झपकते ही दूर हो जाती है। साथ ही घर से दुर्भाग्य भी दूर होता है। 
  • नवरात्रि की नवमी तिथि के दिन गाय के दूध से बने शुद्ध घी का दीपक जलाकर मां की पूजा करें। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में धन्य धान्य का सुख बना रहता है। 
  • देवी दुर्गा की पूजा में पान का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसे में आप देवी दुर्गा को पान अवश्य अर्पित करें। ऐसा करने से देवी मनचाहा आशीर्वाद व्यक्ति को प्रदान करती हैं। 
  • अगर आपके जीवन में सुख सौभाग्य की कमी नजर आ रही है या फिर विवाह में देरी हो रही है तो नवरात्रि के आखिरी दिन माता रानी को पीले कपड़े में हल्दी की गांठ चढ़ा दें। ऐसा करने से आपके जीवन से दुर्भाग्य दूर होगा और सुख समृद्धि का आशीर्वाद मिलेगा। 
  • इसके अलावा कन्या पूजन को भी एक विशेष कारगर उपाय माना गया है। आप अगर 9 दिन तक देवी की पूजा अर्चना नहीं कर पा रहे हैं तो केवल अष्टमी, नवमी का व्रत रख लें और कन्याओं को भोजन करा दें। कन्या पूजन में उन्हें पूरी, चने, हलवे अवश्य खिलाएँ। ऐसा करने से देवी आप पर अवश्य प्रसन्न होती है और आपके जीवन पर उनका आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। साथ ही आपके अटके हुए काम भी पूरे होने लगते हैं। 

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क्या यह जानते हैं आप? 

महानवमी पर हवन का महत्व जानते हैं आप? कहा जाता है नवरात्रि में देवी दुर्गा के लिए अगर हवन किया जाए तो तभी व्रत और पूजा संपन्न होती है। हवन के धुएं से व्यक्ति के जीवन में संजीवन शक्ति का संचार होता है। इससे व्यक्ति बीमारियों से छुटकारा पाने में सफल होता है। हवन कुंड के लिए कुंड में आम की पत्तियाँ रखी जाती हैं। इसके बाद कुंड पर स्वास्तिक बनाया जाता है और फिर पूजा की जाती है। इसके बाद अग्नि जलाई जाती है और हवन कुंड में फल, शहद इत्यादि पदार्थ का मंत्रोच्चार के साथ आहुति दी जाती है।

नवरात्रि में आखिर क्यों कराया जाता है कन्या पूजन?

कन्या पूजन से संबंधित कई तरह के सवाल होते हैं। बहुत से लोग जानना चाहते हैं कि आखिर कन्या पूजन क्यों कराया जाता है और कन्या पूजन में एक बालक क्यों आवश्यक होता है? तो चलिए आपके इन्ही सवालों का जवाब जान लेते हैं। 

सबसे पहले बात करें कन्या पूजन की तो कहा जाता है कन्या पूजन के बिना नवरात्रि की पूजा अधूरी होती है इसीलिए कन्या पूजन कराया जाता है। इसे बहुत सी जगह पर कंजक पूजा या कुमारी पूजा भी कहते हैं। बिना कंजक पूजा के नवरात्रि का फल व्यक्ति को नहीं मिलता है। 

बालक पूजा में आवश्यक क्यों होता है? दरअसल छोटी कन्याओं को मां का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है। साथ ही बहुत से लोग एक या फिर दो बालक भी कन्या पूजन में शामिल करते हैं। यह बालक काल भैरव का स्वरूप माना जाता है और एक को गणेश भगवान का रूप माना जाता है। भगवान गणेश की पूजा के बिना कोई भी पूजा अधूरी होती है और भैरव माता रानी के पहरेदार होते हैं जिन्हें लांगुरिया भी कहते हैं और इसी वजह से इन्हें पूजा में शामिल अवश्य कराया जाता है। 

इनका नियम सरल है जिस तरह से आप कन्याओं को भोजन कर रहे हैं इस तरह से आपको लंगूर को भी भोजन कराना है और अंत में उन्हें भी दक्षिणा और लोहफ़े देकर के विदा करना होता है तभी व्रत सफल होता है और मां का आशीर्वाद जीवन में बना रहता है।

कन्या पूजन में हर वर्ष की कन्या का होता है अलग महत्व

कन्या पूजन के लिए 2 से लेकर 10 वर्ष की कन्याओं को बेहद उपयुक्त माना जाता है। आपको जानकर शायद अचरज हो लेकिन इन सभी कन्याओं का अलग-अलग महत्व होता है जैसे, 

2 वर्ष की कन्या का पूजन किया जाए तो इससे घर से दुख और दरिद्रता दूर होती है। 

3 वर्ष की कन्या का पूजन किया जाए तो इससे त्रिमूर्ति का रूप माना जाता है इससे व्यक्ति का धन-धान्य भरा रहता है और परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है।

4 साल की कन्याओं को कल्याणी माना गया है और उनकी पूजा करने से परिवार का कल्याण होता है। 

5 वर्ष की कन्या रोहिणी कहलाती है। रोहिणी का पूजा करने से व्यक्ति रोग मुक्त रहते हैं। 

6 साल की कन्या को कालिका माना जाता है। कालिका रूप की पूजा करने और भोजन करने से व्यक्ति को विजय, विद्या और राजयोग प्राप्त होता है। 

7 वर्ष की कन्या को चंडिका माना जाता है। इनकी पूजा करने से घर में ऐश्वर्या की प्राप्ति होती है। 

8 वर्ष की कन्या को शांभवी कहा जाता है। इनकी पूजा करने से किसी भी तरह के विवाद से छुटकारा मिलता है। 

9 साल की कन्याओं को मां दुर्गा का रूप माना जाता है और उनकी पूजा करने से शत्रु का नाश होता है। 

10 साल की कन्या सुभद्रा कहलाती है और उनकी पूजा करने से भक्तों के मन की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

कन्या पूजन के नियम

इस बात का रखें विशेष ख्याल वरना निष्फल हो जाता है 9 दिन का व्रत:

  • घर आई कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है। इसमें गलती से भी इनका अनादर न करें, इन्हें डांटे नहीं, इन्हें कोई भी अपशब्द ना बोलें और किसी भी कन्या में कोई भेदभाव ना करें अन्यथा आपके व्रत का फल नहीं प्राप्त होता है। 
  • किसी को भोजन जबरदस्ती ना खिलाएँ। 
  • कन्याओं को पहले ही निमंत्रण दें और उन्हें आदर सत्कार के साथ घर में बुलाकर उन्हें भोजन कराएं।
  • पूर्व की दिशा में उनका मुख करके उन्हें टीका करें, उन्हें लाल चुनरी ओढ़ाएँ और फिर भोजन कराएं।
  • भोजन झूठ ना करें। 
  • भोजन हमेशा सात्विक बना होना चाहिए। इसमें लहसुन, प्याज का इस्तेमाल न करें। 
  • भोजन के बाद कन्याओं को अपने हिसाब से दान दक्षिणा देकर इन से विदा लें और उसके बाद अपने व्रत का पारण करें।

इन लोगों को विशेष रूप से करनी चाहिए मां सिद्धिदात्री की पूजा 

जिन लोगों को अपने जीवन में सिद्धि की कामना हो, जिनके विवाह में विलंब हो रहा हो, जिनके जीवन में नकारात्मक बढ़ गई हो या कुंडली में केतु ग्रह परेशानी की वजह बन रहा हो उन्हें विशेष रूप से माँ सिद्धिदात्री की पूजा करने की सलाह दी जाती है।

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मां सिद्धिदात्री से संबंधित पौराणिक कथा 

बात करें पौराणिक कथा की तो कहा जाता है कि भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या करने के बाद 8 सिद्धियां प्राप्त की थी। मां सिद्धिदात्री की ही कृपा से भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हो गया था और वह अर्धनारीश्वर कहलाए थे। मां का यह स्वरूप अन्य सभी स्वरूपों की तुलना में सबसे ज्यादा शक्तिशाली कहा जाता है। 

मां दुर्गा का यह स्वरूप सभी देवी देवताओं के तेज से प्रकट हुआ है। कहा जाता है कि जब महिषासुर के अत्याचार से परेशान होकर सभी देव महादेव और भगवान विष्णु की शरण में पहुंचे थे तब सभी देवता गण के अंदर से एक तेज उत्पन्न हुआ और इस तेज से एक दिव्य शक्ति का निर्माण हुआ जिसे मां सिद्धिदात्री कहा गया। इन्होंने ही दैत्य महिषासुर का अंत करके सभी को इसके आतंक से मुक्त कराया था।

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रसोईघर के ये महत्वपूर्ण वास्तु नियम नहीं जानेंगे तो हो सकता है आपको बड़ा नुकसान!

सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है इसलिए लोग अपने घर से लेकर ऑफिस तक को बनाते समय वास्तु का खास ध्यान रखते हैं। यही नहीं वास्तु शास्त्र में घर की हर छोटी से लेकर बड़ी वस्तु को रखने के कुछ नियम बताए गए हैं। जिनका ध्यान रखा जाए तो व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। यानी वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करके आप अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। साथ ही वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों को अपनाकर आप सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगा सकते हैं। 

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वास्तु शास्त्र विद्या प्राचीन काल से ही चली आ रही विद्या है जिसे वर्तमान में सुख समृद्धि पाने के लिए समझना बहुत जरूरी बताया गया है। वास्तु शास्त्र में घर बनाने से लेकर रहने तक के सारे नियम बताए गए है। लेकिन आज हम रसोई घर से संबंधित कुछ नियमों के बारे में एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में चर्चा करेंगे, जिनका ध्यान रखा जाना जरूरी है। तो आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किचन संबंधी वास्तु नियम के बारे में विस्तार से।

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वास्तु शास्त्र का महत्व

वास्तु शास्त्र में भवन निर्माण से लेकर भवन में रखे जाने वाली प्रत्येक वस्तुएं, जो हमारे दैनिक जीवन में काम आती है उसके दिशा व नियम के बारे में जानकारी प्रदान करता है। वास्तु शास्त्र में पांच तत्व समाहित है। वास्तु शास्त्र पांचों तत्वों के सिद्धांत पर कार्य करता है और ये पंच तत्व इस प्रकार है- पृथ्वी, अग्नि, आकाश, जल और वायु है। वास्तु शास्त्र का हम सबके जीवन पर असर पड़ता है। वास्तुशास्त्र के नियमों को अच्छे से जानकर आप जीवन के तमाम तरह की समस्याओं से निजात पा सकते हैं और साथ ही, शुभ अशुभ चीज़ों का भी पता लगा सकते हैं।

वास्तु शास्त्र को अपनाकर हम अपने रिश्तो को मधुर बना सकते हैं और आर्थिक जीवन को मजबूत बना सकते हैं। इसके अलावा, जीवन में आने वाली तमाम परेशानियों से भी छुटकारा पा सकते हैं। वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व बताया गया है। इसके जरिए हम अपने घर में एक खुशनुमा माहौल स्थापित कर सकते हैं तथा नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगा कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। इसका प्रभाव हमारे जीवन में हर क्षेत्र में पड़ता है। यदि घर का वास्तु शास्त्र सही होता है तो आपके जीवन में बरकत होती है तथा घर के सभी सदस्य रोगमुक्त रहते हैं। शास्त्रों के अनुसार, पहले हिंदू और बौद्ध धर्म के लोग ही वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करते थे लेकिन आधुनिक युग में सभी लोग सुख शांति, समृद्धि और खुशहाल जीवन व्यतीत करने के लिए वास्तुशास्त्र को अपना रहे हैं।

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किचन में इन वास्तु नियमों का रखें ध्यान

इस दिशा में बनाए खाना

रसोई घर यानी किचन में वास्तु का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि यहां बनने वाला खाना हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और स्वस्थ रखता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर पर बना रसोई घर दक्षिण पूर्व यानी अग्नि कोण दिशा में होना सबसे अच्छा माना जाता है। वास्तु में बताया गया है कि किचन ऐसी जगह पर होना चाहिए जहां से मुख्य दरवाजे के बाहर से किचन का चूल्हा न दिखाई दे। खाना बनाते वक्त आपका मुख पूर्व दिशा की ओर रहना चाहिए क्योंकि यह दिशा ग्रहों के राजा सूर्य की दिशा मानी जाती है और जो बहुत ही उत्तम होती है।

रसोई घर की अलमारी की दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई घर में स्लैब या बर्तन रखने की अलमारी को दक्षिण या पश्चिम दिशा में बनाना चाहिए। रसोई में उपयोग होने वाले मसालों और खाद्य पदार्थ को उत्तर-पश्चिम दिशा में रखा जाना चाहिए। वहीं ध्यान रखें कि किचन में बनी रोशनदान या खिड़कियां बड़ी होनी चाहिए। ताकि खाने का घुआं बाहर जाता रहें और किसी को समस्या न हो।

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बिजली उपकर की दिशा का रखें ध्यान

रसोई घर में बिजली के उपकरण जैसे माइक्रोवेव, मिक्सी आदि का विशेष ध्यान रखें क्योकि वास्तु के अनुसार, इनकी गलत दिशा सीधे व्यक्ति के स्वास्थ पर प्रभाव डालती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, बिजली उपकरणों को आप दक्षिण पूर्व कोने में रख सकते हैं। इसके अलावा, बर्तन स्टैंड या कोई अन्य भारी वस्तु दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखें। रसोई की पूर्व और उत्तर दिशा में कोई छोटा-मोटा सामान रखना चाहिए।

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इन बातों का भी रखें ध्यान

रसोई घर बनाते समय कुछ विशेष नियम है,जिसको ध्यान में जरूर रखना चाहिए अन्यथा यह व्यक्ति सहित पूरे परिवार को नुकसान पहुंचा सकता है।

  • कभी भी रसोई घर के ठीक सामने शौचालय नहीं होना चाहिए। 
  • वहीं शौचालय के ऊपर या नीचे भी किचन का होना अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसा होने पर घर परिवार के लोगो के स्वास्थ्य और उनकी आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
  • दक्षिण, उत्तर और पश्चिम दिशा की तरफ भी मुख करके भोजन नहीं बनाना चाहिए। ऐसा करने पर धन हानि होने की संभावना बढ़ जाती है। गैस से लेकर रसोईघर की नियमित सफाई करनी चाहिए।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में पृथ्वी, आकाश, वायु, अग्नि और जल के तत्वों का उचित संतुलन होना अति आवश्यक है। 
  • वास्तु के अनुसार, अगर किचन में अनाज जैसे- गेंहू, चावल, दाल आदि रखना है तो पश्चिम या दक्षिण दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है।

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मंगल के गोचर से 23 अप्रैल से वृषभ सहित इन 6 राशि के जातकों के जीवन में आ सकता है भूचाल!

ज्योतिष में गोचर का विशेष महत्व है और इसका अर्थ है ग्रहों की चाल। जब कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में जाते हैं तो इस पूरी प्रक्रिया को गोचर के नाम से जाना जाता है। ग्रहों के गोचर का व्यक्ति के जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी ग्रह एक निश्चित समयांतराल में अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं। इसी क्रम में युद्ध के देवता मंगल महाराज 23 अप्रैल 2024 की सुबह 08 बजकर 19 मिनट पर मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि ज्योतिष में मंगल को अग्नि तत्व का ग्रह माना जाता है, जो ऊर्जा के कारक ग्रह हैं। यदि मंगल किसी राशि में अशुभ स्थिति में मौजूद होता है तो जातक को आत्मविश्वास की कमी महसूस होती है। साथ ही, ऐसे लोगों में साहस, ऊर्जा और पराक्रम भी कम हो जाता है। 

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वही मंगल जब अपनी स्वामित्व वाली राशि मेष या वृश्चिक में से किसी एक राशि में मौजूद होते हैं, तब ये जातकों को अपार लाभ प्रदान करती है। अब जबकि मंगल मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं तो इस प्रभाव भी 12 राशि के जातकों में देखने को मिलेगा लेकिन छह राशियां ऐसी होंगी, जिन्हें इस दौरान कई प्रकार के उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कौन सी वह छह राशियां हैं, जिन्हें इस अवधि नकारात्मक परिणामों से गुजरना पड़ सकता है।

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मंगल का मीन राशि में गोचर से इन जातकों को रहना होगा सावधान

वृषभ राशि

मंगल का गोचर आपके लिए स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आ सकता है। आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है और आपकी माता का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। इस दौरान आपको जमीन से जुड़ी परेशानी से भी दो चार होना पड़ सकता है। करियर की बात करें, तो मंगल का यह गोचर औसत परिणाम लेकर आएगा। आप पर कार्यक्षेत्र में काम का दबाव ज्यादा हो सकता है जिसके चलते आपकी प्रगति की रफ़्तार धीमी रहने की आशंका है। जो जातक करियर में पदोन्नति और दूसरे बड़े लाभ मिलने की आस लगाए हुए हैं, उन्हें निराशा हाथ लग सकती है क्योंकि इस संबंध में मंगल गोचर आपको सकारात्मक परिणाम देने में पीछे रह सकता है। साथ ही, आपको काम के सिलसिले में अनचाही यात्रा पर जाना पड़ सकता है। जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उन्हें अच्छा मुनाफा कमाने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार में प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है इसलिए योजना बनाकर चलने की सलाह दी जाती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से, इस अवधि में आपका स्वास्थ्य ज्यादा अच्छा न रहने की संभावना है। आपको किसी प्रकार की एलर्जी हो सकती है।

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सिंह राशि

मंगल का गोचर सिंह राशि के जातकों के लिए भी अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। इस अवधि ख़ुशियों और उत्साह का अभाव देखने को मिल सकता है। साथ ही, आपकी सुख-सुविधाओं में कमी आने और भाग्य का साथ न मिलने की भी आशंका है जिसके चलते आप असंतुष्ट हो सकते हैं। आपको कार्यक्षेत्र में भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और काम का दबाव भी बढ़ सकता है, जिसके चलते आपका आत्मविश्वास कमज़ोर हो सकता है। साथ ही, इन लोगों को अपने सहकर्मियों और वरिष्ठों के साथ समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उनके लिए यह समय ज्यादा अच्छा नहीं रहने के आसार है। आशंका है कि आप बिज़नेस को अच्छे से चलाने में नाकाम रहें आर्थिक जीवन की बात करें, तो इन जातकों को धन हानि का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, आपको सलाह दी जाती है कि सोच-समझकर धन खर्च करें और योजना बनाकर चले। इसके अलावा, इस अवधि पार्टनर के साथ बात करते समय बहुत सावधान रहने की सलाह दी जाती है, अन्यथा आपको रिश्ते में नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। आपके स्वास्थ्य की बात करें तो आपको दांतों आदि में दर्द की समस्या परेशान कर सकती है। 

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कन्या राशि

कन्या राशि के जातक इस अवधि में जो भी बोले बहुत अधिक सोच समझकर बोले क्योंकि आपकी बातों का लोग गलत अर्थ निकाल सकते हैं। इस दौरान आपको लंबी दूरी की यात्राओं से बचने की सलाह दी जाती है। कार्यस्थल पर आपको वरिष्ठों और सहकर्मियों के साथ संबंधों पर ध्यान देना होगा, वरना यह आपके लिए समस्या पैदा कर सकते हैं। यदि आप व्यापार करते हैं, तो आपको पार्टनर के साथ समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। हालांकि, आपको बिज़नेस से जुड़े बड़े फैसले लेते समय बहुत सावधान रहना होगा। यदि आप कोई नया व्यापार करने की सोच रहे हैं, तो यह अवधि उसके लिए प्रतीत नहीं हो रही है। इस अवधि आप बचत करने में असफल हो सकते हैं। आपके पास धन तो आएगा लेकिन खर्च हो जाएगा। कन्या राशि वालों को रिश्ते में मधुरता बनाए रखने के लिए पार्टनर के साथ तालमेल बिठाना होगा। इसके अलावा, आपको अपने पार्टनर की सेहत पर काफ़ी धन ख़र्च करना पड़ सकता है और यह बात आपको परेशान कर सकती है। 

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तुला राशि

तुला राशि के जातकों को इस अवधि बहुत अधिक संभलकर रहना होगा क्योंकि आपको परिवार और रिश्ते में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। आपका पार्टनर और दोस्तों के साथ मतभेद या वाद-विवाद होने की आशंका है। करियर की बात करें तो यदि आप नौकरीपेशा हैं तो इस समय काम में सफलता पाने में पीछे रह सकते हैं। काम को लेकर वरिष्ठों का दबाव काफ़ी अधिक हो सकता है जिसके चलते आप निराश महसूस कर सकते हैं। यदि आप व्यापार करते हैं, तो इस समय अच्छा लाभ कमाना और तरक्की हासिल करना आपके लिए आसान नहीं होने की आशंका है। आपको अपने बिज़नेस पार्टनर के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप व्यापार का विस्तार करना चाहते हैं,  तो यह समय ऐसा करने के लिए अनुकूल नहीं रहेगा क्योंकि आपको असफलता मिलने की संभावना है। इस अवधि आप यदि आप पैसा कामने में सक्षम भी हो जाएंगे तो बचत करने में असलफ हो सकते हैं। हो सकता है कि आप जितना भी धन कमाएं, वह आपको संतुष्टि न दे पाएं। रिश्ते में आपको अहंकार से जुड़ी समस्या हो सकती है। ऐसे में, आपके रिश्ते में प्यार बनाए रखना मुश्किल हो सकता है। स्वास्थ्य की बात करें तो आपको एलर्जी और त्वचा से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 

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वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों को इस अवधि अपने बच्चों के स्वास्थ्य और उनके विकास पर धन खर्च करना पड़ सकता है। आप काम में सफलता प्राप्त करने के लिए खूब प्रयास करते हुए दिखाई देंगे। कभी-कभी कुछ मुश्किल परिस्थितियों का सामना भी करना पड़ सकता है। वृश्चिक राशि वालों को काम के संबंध में योजना बनाना जरूरी लग सकता है और इसके बल पर आप सफलता हासिल कर सकेंगे। लेकिन, इस अवधि में आप करियर को लेकर चिंतित नज़र आ सकते हैं। आर्थिक स्थिति के लिहाज़ से, मंगल गोचर के दौरान आप बड़े फैसले को लेकर भ्रमित हो सकते हैं। इन लोगों के सामने अधिक खर्चे आ सकते हैं जिसके चलते आपके द्वारा कमाया गया धन भी खर्च हो सकता है और पैसों की बचत करना आपके लिए मुश्किल हो सकता है।

इसके अलावा, इस अवधि आपको रिश्ते में तालमेल बिठाने और पार्टनर के प्रति अपने व्यवहार में बदलाव करने की जरूरत महसूस हो सकती है, वरना मंगल का मीन में गोचर आपके रिश्ते में तनाव पैदा कर सकता है। आशंका है कि कभी-कभी आपका अहंकार रिश्ते पर भारी पड़ सकता है जिसके चलते पार्टनर के साथ संबंध मधुर बने रहना संभव नहीं होगा। स्वास्थ्य की बात करें आपको सर्दी-खांसी की शिकायत रह सकती है जो कि आपकी कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का परिणाम हो सकता है। इसके अलावा, आपको अपने संतान की सेहत पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है। 

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मकर राशि

मकर राशि के जातकों को इस अवधि अपनी इच्छाओं को पूरा करना मुश्किल लग सकता है। आपके लिए आसान नहीं रहने की आशंका है और सुख-सुविधाओं में कमी देखने को मिल सकती है। कार्यक्षेत्र में इस अवधि आप जो भी काम करेंगे हो सकता है उसमें आपको सराहना प्राप्त न हो और आपकी मेहनत व प्रयास को लोग नजरअंदाज करें। मकर राशि के व्यापार करने वाले जातकों के लिए मंगल का गोचर परेशानियां और समस्याएं लेकर आ सकता है, विशेषकर व्यापार के विकास के संबंध में। इस दौरान ज्यादा लाभ कमाना आपके लिए संभव नहीं होगा क्योंकि इन जातकों के सामने न लाभ न हानि वाली स्थिति आ सकती है। आर्थिक जीवन को देखें, तो यह गोचर आपके लिए अनुकूल न रहने की आशंका है और इस दौरान आप पर घर की जिम्मेदारियां बढ़ने की वजह से आपके खर्चें बढ़ सकते हैं। इसके अलावा, तमाम समस्याओं की वजह आपके और पार्टनर के बीच आपसी समझ की कमी और अहंकार की भावना उत्पन्न हो सकती है। स्वास्थ्य की बात करें तो आपको पैरों में दर्द की समस्या परेशान कर सकती है। साथ ही, आंखों में जलन और पाचन संबंधित समस्याएं भी आपको घेर सकती हैं।

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